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भौंयया मो (कहयनी सॊग्रह)
कमऱयनयथ
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भौंयया मो (कशानी वॊग्रश) कमऱयनयथ 2015 ISBN NO – 978-93-85818-09-7 © All Rights including Copyrights reserved with the Authors.
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OnlineGatha – The Endless Tale Published by: OnlineGatha – The Endless Tale Address : Indradeep complex, Sanjay Gandhi Puram, Faizabad Road, Indranagar, Lucknow, 226016 Contact : 0522- 4004150, +91-9936649666 Website : www.onlinegatha.com PUBLISHER NOTE
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मैं ख़ुद क्यय कहॉ?
कशानी का कथ्म शभेळा आवऩाव बफखया शोता शै । कथाकाय को केलर उवको वभझ, वभेट कय अऩने रशज़े भें फमान कय दे ना बय शोता शै । भैंने बी मशी ककमा शै , इवलरए कशने के लरए कोई नई फात नशीॊ शै । एक आभ आदभी की तयश शी लेदना वे गुज़या शॉ , वभाज के स्लमम्ब „भागगदळगकों‟ वे भ्रलभत ककए गए यास्ता खोजते रोगों वे प्रबावलत शुआ शॉ, इधय उधय शोते ळोऴण औय ऩीड़ितों की वललळता को दे खा शै , औय वभम की ऩयतों के अॊदय वे झाॊकते भावभ, खुळनुभा रभशों को बयऩय वभेटा शै । ऺुद की कशाननमों के फाये भें लक्तव्म अथगशीन शोता शै । केलर वभीषकों के हशस्वे भें मश ज़ज़म्भेदायी आती शै जो कशानी-लळल्ऩ, बाऴा-ळैरी, कथ्म जैवे उऩकयणों वे ळल्म-चिककत्वा कयते शैं। इवलरए लास्तल भें „बलभका‟, „प्रस्तालना‟ लगैयश के नाभ वे दाखखर शो जाने लारे ननफॊध के ककवी हशस्वे की ज़रूयत भशवव नशीॊ शोती। महद वॊग्रश की कोई कशानी ऩाठक को ऩवॊद आती शै तो मशी रेखक की यिना के लरए उऩशाय शै । मश कशानी वॊग्रश वभवऩगत वबी वलिायळीर ऩाठकों को!
- कमलानाथ
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कमऱयनयथ कभरानाथ
(जन्भ
1946)
वलद्मत ु अलबमाॊबिकी के
जरवलसान
अन्तययाष्ट्रीम
एलॊ जर-
वलळेऴस
शैं।
वलश्ल लवञ्िाई, जर ननकावी तथा फाढ़ प्रफॊधन वलसान के वलकाव भें उत्कृष्ट्ट नेतत्ृ ल तथा वलश्ल खाद्म वुयषा औय जरवलसान भें उनके उल्रेखनीम मोगदान के लरए उन्शें अनेक अॊतययाष्ट्रीम वम्भानों वे नलाज़ा गमा शै । ले 1976-77 भें जर वॊवाधन वलळेऴस के रूऩ भें कैलरफोननगमा वलश्लवलद्मारम, डेवलव (अभयीका) भें फोडग फाउन्डेळन फैरो यश िुके शैं। जर-वलद्मुत अलबमाॊबिकी (लाटय ऩॉलय इॊजीननमरयॊग) ऩय उनकी ऩुस्तक दे ळ वलदे ळ भें ख्मानत प्राप्त शै । अऩने
वलळेऴसता
षेिों
के
अनतरयक्त लेदों उऩननऴदों आहद लैहदक
तकनीकी
वलऴमों
के
लाङ्भम भें जर ऩमागलयण,
ऩारयज़स्थनतकी आहद ऩय उन्शोंने प्रिुयता वे लरखा शै तथा अनेक दे ळों भें अॊतययाष्ट्रीम वम्भेरनों भें व्माख्मान हदए शैं। उनके ळोधरेख कई वलश्लकोळों भें तथा वललबन्न वॊस्थानों के प्रकाळनों भें उऩरब्ध शैं। हशॊदी भें उनके व्मॊग्म औय कशाननमाॊ वाठ के दळक वे वललबन्न ऩबिकाओॊ भें छऩते यशे शैं। आऩका व्मॊग्मवॊग्रश “वाहशत्म का ध्लनन तत्त्ल भौंयया मो
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उफग वाहशज़त्मक बफग फैंग” 2015 भें अमन प्रकाळन, नई हदल्री वे प्रकालळत शुआ शै । 1969 वे अऩने कामगकार के दौयान ले भारलीम नैळनर इॊस्टीट्मट ऑफ टै क्नोरॉजी, जमऩुय के लववलर इॊजीननमरयॊग वलबाग भें वशामक प्रोफेवय यशे तथा 1981 वे 1989 तक बायत वयकाय के उद्मभ - नैळनर शाइड्रोइरेज़क्रक ऩॉलय कॉऩोये ळन लरलभटे ड (ऍन.ऍि.ऩी.वी. लरलभटे ड) भें जरवलसान औय जर वॊवाधन वलबाग के अध्मष के रूऩ भें दे ळ की अनेक फाॉध ऩरयमोजनाओॊ के ननभागण वे वॊफद्ध यशे । 1989 भें ले 110 दे ळों की वदस्मता लारे अन्तययाष्ट्रीम आमोग - इण्टयनैळनर कभीळन ऑन इरयगेळन एॊड ड्रेनेज (आई.वी.आई.डी) के नई हदल्री ज़स्थत भुख्मारम भें आमे, जशाॉ वे 2010 भें ले आमोग के वचिल के ऩद वे वेलाननलत्त ृ शुए। वम्प्रनत आऩ जरवम्फन्धी लैहदक सान को वभवऩगत “एक्लावलज़्डभ” नाभक वॊस्था के िेमयभैन शैं तथा बायत भें जरवलसान, फाॉध एलॊ जरवलद्मुत ऩरयमोजनाओॊ के लरए तकनीकी वलळेऴस/वराशकाय के रूऩ भें वेलामें दे यशे शैं।
वॊऩकग: ई-भेर: er.kamlanath@gmail.com
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कथय-क्रम रावी के उस पार
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महानायक
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लच्छो भुआ
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कं दील का पेड़
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भगवत्प्राप्ति
79
बाप
81
प्तनयप्ति
85
घर-बेघर
96
पास िक फासले
105
कर्णधार
126
क़ब्र
128
आम आदमी
131
सत्प्यप्तनष्ठ मंत्री
137
अलप्तवदा, जैरी!
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भौंयाण मो
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रयवी के उस ऩयर डॉ. रयिडग ऩॉलेर औय भैं एक शे लरकॉप्टय भें फैठे खैयी गाॉल के आवऩाव के षेि की ये की कय यशे थे जशाॉ हशभािर प्रदे ळ भें िभेया जरवलद्मुत ऩरयमोजना का बगबीम बफजरीघय फनना था। कनाडा वे वराशकाय के रूऩ भें रयिडग एक बगबगलेत्ता औय भैं भख् ु मारम वे जरवलसान वलळेऴस की शै लवमत वे मशाॉ आमे थे। वाइट के िायों तयफ िीि के जॊगर थे औय शै रीकॉप्टय ऩेिों वे फिता शुआ वाइट के चगदग िक्कय रगा यशा था ताकक शभें ऩये षेि का अॊदाज़ा शोजाम। अॊत भें ऩेिों को काट कय फनामे शुए एक वभतर स्थान ऩय शभाया शे लरकॉप्टय उतया। अगरे दो घॊटों तक रयिडग िायों तयफ घभते शुए अऩने शथोिे वे तोि कय िट्टानों के नभने इकट्ठे कयता यशा। भैं लशाॉ वे थोिी दय ननकर कय वेला नदी के ककनाये ऩय आ गमा। लवतम्फय अक्टफय भें इव नदी का फशाल जन वे अगस्त के भशीनों भें शोने लारे फयवाती फशाल वे काफी कभ था। इव वभम मश ऊऩय ऩशािों वे वऩघरी फफग का फशाल शी था। मश नदी आगे जाकय याली नदी भें लभर जाती शै , जो इववे फशुत फिी शै । बफजरीघय वे बफजरी ऩैदा कयने के फाद ऩानी को याली औय वेला नहदमों के भश ु ाने के आगे छोि हदमा जामेगा। इव वभम मशाॉ रगबग वन्नाटा वा था, फव फीि फीि भें ऩक्षषमों के िशिशाने की आलाज़, ऩानी फशने का ळोय औय कबी अिानक ककवी
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कोमरनभ ु ा कारे ऩषी की तेज़ िीऺ इव वन्नाटे को तोि यशी थी। इव वफ के फीि शला भें रशय की तयश फश कय आती ककवी औयत के गाने की आलाज़ बी टट टट कय वुनाई दे यशी थी। भैंने ध्मान वे वुनने की कोलळळ की ऩय कोई ळब्द वभझ भें नशीॊ आमे। ळीळभ औय िीि के ऩेिों का मशाॉ इतना घना जॊगर था कक फशुत दय तक दे ख ऩाना वॊबल बी नशीॊ था। रेककन प्रकृनत का कौभामग औय ळुद्ध रूऩ मशाॉ दे खा जावकता था। भैं एक ऩेि के नीिे फैठ कय मश अद्बुत नज़ाया दे ख यशा था औय वोि यशा था, कुछ शी भशीनों भें मशाॉ के अचधकाॊळ ऩेि काट हदए जामेंगे जशाॉ अन्लेऴण टीभ के यशने के लरए कोटे ज फनाई जाएॉगी। मश ळाॊनत औय नीयलता कुछ भशीनों के फाद ळोय भें तब्दीर शो जामेगी औय प्रकृनत के इव कोभर वौंदमग औय कौभामग ऩय तथाकचथत वलकाव के याषव द्लाया फरात्काय शोगा। अऩनी अज़स्भता की यषा के लरए प्रकृनत शभेळा वे फेिैन यशती शै औय शभ वॊलेदनशीनता के वाथ उव ऩय प्रशाय कयते यशते शैं। इव द्लॊद्ल का अच्छा वभाधान मजुलेद की एक ऋिा भें शै जशाॉ प्रकृनत वॊतुरन के लरए कशती शै –“तुभ भुझे दो, भैं तुम्शें दॊ ।” भैं कपय उठा औय वेला नदी के ककनाये िरने रगा, मश दे खने के लरए कक इवे ऩाय कयने की क्मा जुगत शो वकती शै । इव लक़्त ऐवी कोई वम्बालना नज़य नशीॊ आई। नक़्ळे भें औय शै रीकॉप्टय वे भैंने दे खा था वेला नदी कई घुभाल रेकय अॊत भें याली नदी भें लभर जाती शै, ऩय इवका मश हशस्वा रगबग वीधा शी था – हयीफ डेढ़-दो ककरोभीटय तक। रयिडग ने दय वे आलाज़ रगाई औय आने का इळाया ककमा। ळाभ शोने वे ऩशरे शभें फनीखेत रौट जाना था। डरशौज़ी भें शभरोग एक शोटर भें रुके शुए थे। शभाये लरए औय ऩरयमोजना के वबी अफवयों के लरए मशीॊ यशने का इॊतज़ाभ था। काफी भौंयया मो
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ऊॉिाई ऩय मश एक प्रलवद्ध हशरस्टे ळन शै , फनीखेत वे रगबग 9-10 ककरोभीटय ऩय। फनीखेत के ऩाव शी िौया गाॉल भें याली नदी ऩय एक फाॉध फनना था औय रगबग 30 ककरोभीटय दय खैयी के ऩाव ज़भीन के नीिे एक बफजरीघय। ऩशरे मशाॉ रगबग डेढ़ लऴग तक अन्लेऴण का काभ शोगा ज़जवके आधाय ऩय ऩरयमोजना का वम्ऩणग आकरन ककमा जामेगा। फनीखेत औय खैयी के फीि कोई विक नशीॊ थी, लवफग खच्ियों के लरए मा स्थानीम ननलालवमों के आलागभन के लरए एक ऩगडण्डी शी थी। वायी ज़स्थनतमों के भद्दे नज़य मश ननणगम लरमा गमा कक वभम औय खिाग फिाने के लरए फजाम विकें फनाने के, अन्लेऴण वम्फन्धी वाये काभों के लरए शे रीकॉप्टयों की वशामता शी री जामे। आगे िर कय वायी भळीनें , जनये टय, तकनीकी कभगिायी, भजदय लगैयश वबी इवी तयश रेजामे रामे जामेंगे। शभने अऩनी प्रायॊ लबक रयऩोटग दी, रयिडग कनाडा रौट गमा औय भैं हदल्री आ गमा। ******** दो भशीने फाद भैं कपय खैयी आमा। ऩशरे वा वन्नाटा तो अफ नशीॊ यशा क्मोंकक मशाॉ प्राज़स्टक की फनी फनाई ऩैनरों वे „झोंऩड़डमाॊ‟ फना दी गमी थीॊ औय भजदयों काभगायों का ळोयगुर वुनाई दे ता था। दय दे लदाय के ऩेि की एक डार ऩय फैठा चिड़िमों का एक जोिा जैवे इवी तयफ आश्िमग औय कौतशर वे दे ख यशा था। भैं वोिने रगा कुछ औय वभम फाद ळामद मशी जोिा ननयाळा औय फेिैनी वे दे खेगा। शे रीकॉप्टयों ने फशुत वी ड़ड्रलरॊग भळीनें औय आदभी मशाॉ उताय हदए थे। िट्टानों भें कई जगश गशये छे द कयके इनकी नीिे तक की वॊयिना जानने के लरए नभने लरए जामेंगे। याली नदी औय वेला नदी ऩय भेयी ननधागरयत की शुई जगशों भौंयया मो
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ऩय शय योज़ दो फाय वुफश औय ळाभ फशाल नाऩा जामेगा। भानवन के हदनों भें दे खा जामेगा कक ऩानी ककतनी ऊॉिाई तक उठ जाता शै औय ककतनी लभट्टी ऊऩय वे फश कय आती शै । ज़्मादातय काभ कयने लारे रोग फाशय के शी थे। ऩय एक कोई ळेयलवॊश हशभािर का शी यशने लारा था जो जननमय इॊजीननमय था औय ज़जवको भेये वाथ यशना था। खैयी के आवऩाव की उवको अच्छी जानकायी थी औय मशाॉ की व्मलस्था की ज़ज़म्भेदायी बी उवी की थी। भैं ळेयलवॊश को रेकय वेला नदी के ककनाये ऩय आमा। मशाॉ अबी प्रकृनत का वश ु ानाऩन उवी तयश फयहयाय था, शल्की शल्की वी शला, अरग अरग तयश की लनस्ऩनतमों की लभरीजुरी वुगॊध, ऩक्षषमों की फीि फीि भें वॊगीतभम िशिशाशट, ऩेिों के झयु भट ु , जॊगरी घाव जो भोटी तो थी ऩय भुरामभ थी, नदी के फशाल का ळोय....... भैंने ळेयलवॊश वे ऩछा- “मशाॉ खैयी गाॉल वे भजदयों को नशीॊ लरमा प्रोजेक्ट भें?” “नशीॊ वय जी, इन रोगों को भळीन िराना नशीॊ आता। एक दो आदभी शैं ऊऩयी काभकाज के लरए, ऩय वाया स्टाफ तो प्रोजेक्ट का शी शै । शाॉ, जी एॊड डी वाइट के लरए मशाॉ के रोकर रोग शैं” – ळेयलवॊश ने कशा। जी एॊड डी वाइट, मानी गेज एॊड ड़डस्िाजग स्टे ळन जशाॉ वे ऩानी के फशाल आहद वम्फन्धी वायी जानकायी इकट्ठी की जामेगी औय भाऩ लरए जामेंगे। भुझे वऩछरी फाय के रयिडग के वाथ लारे दौये के वभम वुनाई दी गाने की आलाज़ के फाये भें ळेयलवॊश वे ऩछना था ऩय वॊकोिलळ भैंने ऐवा नशीॊ
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ककमा। लैवे शी रुक रुक कय आयशी लशी आलाज़ जैवे भेये कानों भें अफ बी फश कय आयशी थी। “तभ ु रोगों ने वेला नदी ऩाय कयने के लरए कोई छोटीभोटी ऩलु रमा नशीॊ फनाई?” – भैंने ऩछा। “अबी तो वेला नदी के ऩाय लवफग जी एॊड डी वाइट लारे रोग शी जाते शैं वय जी। उन्शोंने एक वीढ़ी डार कय यास्ता फना लरमा शै ” – लश फोरा। “िरो, लशाॉ दे खते शैं।” ळेयलवॊश औय भैं उव जगश तक आमे जशाॉ एक रॊफी भोटे फाॊवों की वीढ़ी ने वेला के दोनों ककनायों को ऩाट यखा था। “अये , मश तो खतयनाक शै , जफ आदभी इव ऩय वे जाते शोंगे तो मे रिक नशीॊ जाती शोगी?” – भेये भुॊश वे अिानक ननकर ऩिा। “इव ऩय वे एक एक कय के शी जाना ऩिता शै वय जी। फीि भें थोिी रिकती शै ऩय जल्दी जल्दी जाने वे कुछ नशीॊ शोता” – ळेयलवॊश ने कशा। “ठीक शै , कर शभ आमेंग,े जी एॊड डी वाइट दे खने” – भैंने कशा। “जी, वय जी।” ळाभ का धुॊधरका शोने रगा था इवलरए शभ लाऩव अऩनी कॉटे ज भें रौट आमे। यात को एक अजीफ वा वन्नाटा छा जाता था। कबी फीि फीि भें ककवी ऩेि ऩय ऩक्षषमों के पिपिाने की आलाज़ िौंका दे ती थी। फाशय वे कबी कबी ऩत्तों की ियभयाशट मा वयवयाशट की आलाज़ बी आती थी, ककवी
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जॊगरी जानलय मा वाॊऩ लगैयश के ननकरने वे। भैं रेटा रेटा वोि यशा था हदन भें प्रकृनत की वुॊदयता यात की नीयलता भें कैवा खौफ घोर दे ती शै । अगरे हदन वफ ु श नाश्ता कयके ळेयलवॊश औय भैं ननकर ऩिे। अबी कुछ कुछ ठॊ डक थी इवलरए भैंने स्लेटय ऩशन लरमा था। दोऩशय गभग शोजाती थी। वेला नदी ऩाय कयके याली नदी ऩय जी एॊड डी वाइट थी, दोनों नहदमों के भश ु ाने के फाद। शभ लशाॉ ऩशुॊिे जशाॉ वेला नदी को ऩाय कयने के लरए अस्थाई तौय ऩय वीढ़ी यखी थी। इव वीढ़ी के कोई 2-3 फीट नीिे वेला नदी फश यशी थी। िॉकक नदी का मश हशस्वा वीधा था इवलरए ऩानी के फशाल का अॊदाज़ा भज़ु श्कर था, फशयशार कुछ दय ऩय नदी भें ऩिे ऩत्थयों ऩय वे फशाल दे खने वे रगता था मश काफी था। ऩशरे ळेयलवॊश वीढ़ी के फीि के फाॊवों ऩय ऩैय यखता शुआ तेज़ी वे दवयी तयफ ननकर गमा। “आ जाइए वय जी इवी तयश” – उवने आलाज़ रगाई। भैं वोि यशा था अगय इव गीरी वीढ़ी ऩय भैं तेज़ी वे गमा तो शो वकता शै भैं कपवर जाऊॊ। कपय भुझे तैयना बी नशीॊ आता। ऩय हशम्भत कयके भैं वीढ़ी ऩय िरने रगा, वम्शर वम्शर कय नीिे दे खता शुआ कक भेये ऩैय फीि के फाॊवों ऩय ठीक तयश ऩिें। नीिे नदी का फशाल दाहशनी ओय वे फामीॊ ओय था। फशाल दे खते दे खते भझ ु े ऐवा भ्रभ शोने रगा कक भैं वीधा न िर कय फाॉई तयफ झक ु यशा शॉ। अऩने आऩको वीधा कयने की गयज़ वे भैं दाहशनी ओय झक ु ा। भेये इव झक ु ाल औय लज़न के कायण वीढ़ी टे ढ़ी शुई औय भैं वेला नदी भें चगय ऩिा। वौबाग्मलळ चगयते वभम भेये शाथ भें वीढ़ी आगई औय भैं इवे ऩकि कय रटक गमा। भेये शाथ वीढ़ी थाभे शुए थे औय वाया ळयीय वेला के ऩानी भें डफा शुआ था। ऩशािों की फफग के वऩघरने वे शी नदी भें फशाल था इवलरए ऩानी काफी ठॊ डा था। भैंने स्लेटय औय जीॊव ऩशन यखे थे इवलरए गीरे शोकय मे बायी शोगमे थे। ळेयलवॊश भौंयया मो
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को वभझ भें नशीॊ आयशा था भुझे कैवे फिाए। लश घफयाशट भें लवफग इधय उधय दौि यशा था। रटके रटके थोिी दे य भें भुझे बी रगने रगा जैवे भैं आत्भवलश्लाव खो यशा शॉ, शाराॉकक भैं िाश यशा था धीये धीये वीढ़ी के वशाये खखवकता शुआ ककनाये तक आजाऊॊ। भुझे थोिे वे भनोलैसाननक वशाये की ज़रूयत थी जो भुझभें मश वलश्लाव जगा वके कक खखवकने वे भेये वीहढ़मों ऩय वे शाथ छट नशीॊ जामेंगे। भैंने ळेयलवॊश वे कशा कोई कऩिा राकय भेये चगदग रऩेट दे ताकक भैं खखवकने की कोलळळ कय वकॊ । लश इधय उधय दे खने रगा। ळामद उव वभम लश अऩनी कभीज़ बी खोर कय रऩेट वकता था ऩय न उवे औय न भुझे मश वझा। वौबाग्म वे उवी वभम शभने दे खा एक 18-19 लऴग की रिकी 3-4 फकरयमों को रेकय उधय वे गुज़य यशी थी। उवने अऩने वय ऩय दऩ ु ट्टा फाॊध यखा था। भैंने ळेयलवॊश वे कशा उवे जल्दी फुरामे। उवने आलाज़ रगाईं –“ओ ऩुयला, जल्दी दौि आ।” लश उवे जानता था। ऩुयला दौिती शुई आई औय लशाॉ का नज़ाया दे खा कय थोिा डय गमी। भैंने ळेयलवॊश वे कशा इववे कशो जल्दी वे वीढ़ी ऩय आकय अऩना दऩ ु ट्टा भेये चगदग रऩेट दे । मश वुन कय ऩुयला वीढ़ी ऩय िढ़ गमी औय उवने अऩना दऩ ु ट्टा भेये दोनों शाथों के फीि वे ननकार कय ऩीठ ऩय कव हदमा। भेया आत्भवलश्लाव अफ रौटता वा हदखाई हदमा औय भैं धीये धीये वीढ़ी को ऩकिे शुए इॊि इॊि खखवकता शुआ वेला के ककनाये तक आगमा। भुझे रगा उव वभम ऩुयला एक ऩयी की तयश आवभान वे उतय कय आई थी भुझे फिाने। भैंने उवे धन्मलाद हदमा, ळाफाळी दी औय कुछ इनाभ दे ने की ऩेळकळ की जो उवने हुफर नशीॊ की। लश भावलभमत वे लवफग शॉव बय दी। ळेयलवॊश ने कशा “मे शभाये वय जी शैं, शभ याली तक जायशे थे।” ऩुयला ने भुझे शाथ जोिे औय फोरी – “वाफ जी, अच्छा शुआ आज भैं भौंयया मो
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घय वे थोिा जल्दी ननकर आई। आऩको फिाना जो था।” लश कपय शॉव दी। उवकी फकरयमाॊ इधय उधय बफखयने रग गमी थीॊ, मश दे खते शी उवने लशीीँ वे आलाज़ रगाई –“शुयग ..शुयग ..” औय वीहढ़मों वे लाऩव दौिती शुई रौट गमी। ळेयलवॊश ने फतामा, दो ककरोभीटय दय ऩुयला का घय शै । उवका फाऩ जॊगरात भशकभे भें फोये स्ट गाडग था औय अफ रयटामय शो गमा शै । ऩेंळन लभरती शै । ऩुयला हदन भें फकरयमाॊ िया कय ळाभ वे ऩशरे घय ऩशुॉि जाती शै । कबी कबी इव तयफ वे बी ननकर जाती शै , लनाग इवका यास्ता कोई तम नशीॊ शै । अच्छा शुआ कक लश आज इधय वे शी ननकरी। ऩुयला भुझे फेशद भावभ, वुन्दय औय कोभर रगी थी। ननज़श्ित शी लश थी बी। मशाॉ की प्रकृनत की वायी वद ुॊ यता जैवे उवभें फव गमी थी औय खुळनुभा भौवभ का वाया ननखाय उवभें लवभट आमा था। उवकी फिी फिी बोरीबारी आॊखें वभन्दय वी गशयाई लरए शुए थीॊ औय रशयों की तयश शी िॊिरता वे डोरती शुई बफखय बी ऩिती थीॊ। जफ लश ऩरकें झऩकती थी तो वभॊदय ळाॊत शोजाता था औय आॉखें खोरते शी रशयें हशरोये बयने रगती थीॊ। जफ लश ऊऩय वीढ़ी ऩय फैठे शुए भेये वाथ वाथ धीये धीये खखवक यशी थी औय भैं नीिे ऩानी भें, ऐवा रग यशा था उवका दऩ ु ट्टा नशीॊ फज़ल्क उवकी खफवयत आॉखों की ये ळभी डोरयमाॉ भुझे खीॊि कय ककनाये की ओय रे जायशी शैं। याली औय वेला नहदमों के भुशाने ऩय ऩशुॉिने तक दो तीन ककरोभीटय भैं िऩ ु शी यशा औय ऩयु ला के फाये भें शी वोिता यशा। रगता था ळेयलवॊश तफ बी वदभे भें शी था औय िुऩ था। कोई बी अनशोनी घट वकती थी। उवने फिे वॊकोि औय नम्रता के वाथ फतामा कक कबी बी फशाल की तयफ नशीॊ दे खना िाहशए, फज़ल्क वाभने की तयफ शी दे खना िाहशए नदी ऩाय कयते वभम। नीिे दे खने वे ऩानी के भौंयया मो
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फशाल की हदळा भें शी िरने का भ्रभ शोजाता शै औय शभ अऩना वॊतुरन खो फैठते शैं। भेये वाथ मशी शुआ था। रौटते लक़्त भैंने बफना नीिे वेला के फशाल की तयफ दे खे आवानी वे वीढ़ी ऩाय कय री थी। अगरे हदन जी एॊड डी वाइट वे ज़्मादा भुझे ऩुयला को दे खने की उत्वुकता शो यशी थी। ऩता नशीॊ ऐवा क्मों शो यशा था। भुझे ऩुयला अच्छी रगी थी। उवके िेशये भें कुछ था कक कोई बी आकवऴगत शुए बफना नशीॊ यश वकता था। शो वकता शै उवके प्रनत कृतसता का बाल भुझे खीॊि यशा था। भैं नशीॊ िाशता था ळेयलवॊश भेये वाथ आमे। ऩय उवे डय था कक कपय कोई शादवा न शोजाए। शाराॉकक भैंने उवे वभझामा अफ भझ ु े ऩता रग गमा ककव तयश वीढ़ी ऩाय कयनी िाहशए, जी एॊड डी वाइट का यास्ता बी भुझे ऩता था, औय कपय उवे कैम्ऩ का दवया काभ बी वम्शारना िाहशए, ऩय कपय बी लश भेये वाथ वेला नदी तक आमा औय जफ भैं वीढ़ी ऩाय कय गमा तबी रौटा। भैं वेला के ककनाये ककनाये याली नदी की तयफ एकाध ककरोभीटय शी िरा शोऊॊगा कक भुझे कपय वे लशी भीठी आलाज़ शला की तयॊ गों के वाथ फशती शुई वन ु ाई दी जो ऩशरे दी थी। िीि के घने जॊगर भें कशीॊ अॊदय वे गाने की मश आलाज़ आयशी थी। भैंने धीये धीये उवी तयफ रुख ककमा। ऩेिों की खुळफ, शला वे ऩत्तों की खिखिाशट, वखे ऩत्तों की भेये जतों वे ननकरी ियभयाशट, उव लक़्त वफ कुछ वॊगीत वा शी रग यशा था। भझ ु े वॊकोि शो यशा था उधय जाने भें। ऩता नशीॊ कौन शोगी, क्मा वोिेगी भेये फाये भें। ऩय भैं अऩने आऩको लशाॉ जाने वे योक नशीॊ ऩा यशा था। जैवे जैवे भैं झयु भट ु की तयफ फढ़ा, गाने की आलाज़ औय वाफ शोती गमी। भझ ु े कुछ इव तयश वभझ भें आयशा था -
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“वोण भशीने ज़जमाॉ जो फयखा रचगमाॉ, छभ छभ फयवे नीय” ....”दो ऩर फै जामाॉ......” अफ भैं उवको ठीक तयश दे ख वकता था। मश ऩयु ला शी थी। दे लदाय के एक ऩेि के नीिे उवने अऩने दोनों शाथ घुटनों भें फाॊध यखे थे औय अऩनी शी वुध भें आगे ऩीछे तार वे हशर यशी थी। उवकी तीन फकरयमाॊ ऩाव शी िय यशी थीॊ। भेये जतों वे वखे ऩत्तों की ियभयाशट वे िौंक कय उवने भेयी तयफ दे खा औय खिी शोगई। “वाफ जी, आऩ इधय?” “भैंने तम् ु शें फेकाय शी िौंका हदमा। भैं याली के भश ु ाने तक जायशा था, तुम्शायी प्मायी प्मायी वी आलाज़ वुनी तो िरा आमा।” लश ळभाग गमी। उवके गुराफी िेशये ऩय एक रार यॊ ग की वी रशय दौि गमी। “नशीॊ वाफ जी, भुझे गाना नशीॊ आता, मॊ शी गुनगुना रेती शॉ।” कपय कशा –“फैठो वाफ जी।” शभ लशीीँ ऩेि के नीिे फैठ गए। “अबी छभ छभ ऩानी फयवने भें तो दे य शै , औय वोण भशीना बी नशीॊ आमा” – भैंने लैवे शी फात फढ़ाते शुए कशा। लश कपय फेशद ळभाग गमी औय उवने दोनों शाथों वे अऩना भुॊश ढाॊऩ लरमा। “मे कोई गाना शै ?” भैंने कपय ऩछा। “शाॉ वाफ जी मशाॉ का रोकगीत शै । जफ बी फादर नघय आते शैं तो रगता शै ऩानी फयवेगा। एक फाय िम्फा भें थी तो इतनी तेज़ फारयळ शुई कक शभ भौंयया मो
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दौि कय बी घय नशीॊ ऩशुॉि वके। ऩय कपय शभ फारयळ भें ऺफ नशामे – तफ तक, जफ तक कक फारयळ शोती यशी” - उवने कशा। “िम्फा भें तम् ु शाया कोई शै ?” – भैंने उवे उकवामा। “शाॉ वाफ जी, शै । भेया भॊगेतय। उवका नाभ योळन शै , िम्फे भें यशता शै ” – उवने कशा। “ओ शो, तो योळन के वाथ फयवात भें बीग यशी थीॊ। क्मा कयता शै योळन?” – भैंने ऩछा। “खेतों भें उऩज का हशवाफ ककताफ यखता शै ।” “अऩने खेतों भें मा वफके खेतों भें?” “उवके फाफा का तो छोटा वा खेत शै । वफके खेतों का शी यखता शोगा।” “ऩटलायी शै ?” ऩता नशीॊ। उवने कुछ फतामा तो था, भुझको माद नशीॊ, क्मा।” “योळन मशाॉ आता यशता शै ?” “नशीॊ, िाय भशीने ऩशरे आमा था, जफ शभ दवयी फाय लभरे थे। भेये फाफा उवके फाफा को जानते शैं। भुझे लो फशुत अच्छा रगा” – उवने रजाते शुए कशा। “औय लो तुभ ऩय रट्ट शोगमा शोगा” – भैंने कशा। “ऩता नशीॊ, ऩय भैं बी उवे अच्छी रगी। उवके फाफा ने उवके लरए भेया शाथ भाॉगा” – लश फोरी। “तो तम् ु शायी वगाई शोगई?” – ऩता नशीॊ भैंने मे वलार क्मों ऩछा। भौंयया मो
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“नशीॊ, अगरे वार शोगी। अबी तो फात ऩक्की शुई शै ” – उवने कपय बी फतामा। “कैवा शै योळन?” “वाफ जी, फशुत अच्छा शै, बरा शै औय खफवयत। भैं एक फाय िम्फा गमी थी फाफा के वाथ। तफ लशाॉ ऩशरी फाय योळन वे लभरी थी औय लो भुझे गद्दी फॊजायों के भेरे भें रेगमा था। लशाॉ फिे अच्छे अच्छे नाि औय गाने शो यशे थे। ऩता शै वाफ जी, गद्दी रोगों के रोकगीत फिे प्माये शोते शैं” – लश फोरी। “तभ ु को आता शै उनका कोई गीत?” – भैंने लैवे शी ऩछा। “नशीॊ जी, ऩय मे भारभ शै उव हदन उन्शोंने कॊु ज औय िाॊिरो के गीत गामे थे– रिकों औय रिककमों ने लभर कय।” “कौन कॊु ज औय िाॊिरो?” – भैंने ऩछा। “िम्फा के प्रेभी औय प्रेलभका” – लश कपय ळभागई। “जैवे शीय-याॊझा, वोशनी-भहशलार?” “ऩता नशीॊ, ळामद शाॉ” – उवने कशा। “गद्दी रोग िम्फा के शोते शैं?” – भैंने कपय ऩछा। “शाॉ जी, जन्भाष्ट्टभी के फाद भखणभशे ळ की मािा बी शोती शै िम्फा भें। लशाॉ बायभौय भें गद्हदमों का छ् हदन का भेरा बी शोता शै । गुग्गा नाग दे लता का।” “..शॉ.. इवीलरए तभ ु को िम्फा अच्छा रगता शै । इतना वफ शोता शै लशाॉ।”
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“नशीॊ वाफ जी, भुझे तो िम्फा इवलरए अच्छा रगता शै क्मोंकक लशाॉ योळन यशता शै ।” भैंने फात फदरते शुए कशा – “तभ ु को मशाॉ अकेरे डय नशीॊ रगता?” “डय काशे का औय अकेरी क्मॊ वाफ जी? मशाॉ वफ भेये शी तो शैं - भेयी फकरयमाॊ, भेये ऩेि, भेये ऩॊछी, भेया जॊगर, भेया ऩशाि, भेयी नहदमाॉ, भेयी ऩुयलैमा.....” – फिे बोरेऩन वे उवने कशा। भुझे ऩुयला उव वभम कपय वे फेशद वुन्दय रग यशी थी। ज़जव भावलभमत वे लो फात कय यशी थी, ऐवा रगता था उवने मश क्रय औय भक्काय दनु नमाॊ अबी दे खी शी नशीॊ थी। गाॉल का ठे ठ बोराऩन, ननश्छर औय कोभर उभॊगें, उत्वाश, फेरौव खर ु ाऩन.....ळशय की रिककमों वे ककतना कुछ अरग। लशाॉ बीि औय िशरऩशर भें यशते शुए बी ले डयी डयी वी यशती शैं- वशभी, अवशज, अवुयक्षषत, कृबिभ। मशाॉ मे बफल्कुर स्लाबावलक। भेयी इच्छा शोयशी थी उवका कोभर शाथ अऩने शाथ भें रेकय वशराऊॉ – ऩय कपय भुझे रगा कशीॊ भेया ळशयीऩन भुझ ऩय शाली तो नशीॊ शोयशा? उवके अल्शि ळोखऩन ऩय मश एक बद्दी गारी की तयश रगने रगा खुद भुझे शी। लो क्मा वोिेगी? “वाफ जी, आऩ मशीॊ यशते शैं?” – उवने ऩछा। “नशीॊ, भैं हदल्री यशता शॉ। मशाॉ तो कबी कबी आता शॉ। बफजरी का प्रोजेक्ट फन यशा शै उवी लवरलवरे भें।” “शाॉ, फाफा ने फतामा था।” “भैं कर लाऩव जाऊॉगा।” “कपय कफ आओगे वाफ जी ?” भौंयया मो
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“दे खो, काभ थोिा आगे फढ़े गा तफ।” भुझे रगने रगा मशाॉ फातों भें कशीॊ दे य न शोजाए लाऩव रौटने भें। भैंने कशा – “ऩयु ला, अबी भैं जाता शॉ। याली के भश ु ाने तक जा कय रौटना शै । अऩना ध्मान यखना।” “नभस्ते वाफ जी” – बोरेऩन वे ऩुयला ने कशा। लश बी खिी शोगई औय अऩनी फकरयमों को इकठ्ठा कयने के लरए इधय उधय दौिने रगी। भैं ऩुयला के फाये भें वोिता शुआ याली की तयफ फढ़ गमा। इव दौये के फाद प्रोजेक्ट की भीहटॊगों के लरए शाराॉकक दो फाय फनीखेत गमा था, रेककन रगबग डेढ़ लऴग फाद शी कपय खैयी जाने का भौहा आमा। इव फीि अन्लेऴण का काभ रगबग ऺत्भ शोने को था रेककन जर वम्फन्धी वबी नाऩजोख िरती यशनी थी, आगे तक। इन डेढ़ लऴों भें वौबाग्म वे इव षेि के ऩमागलयण भें कोई ऺाव फुया ऩरयलतगन नशीॊ आमा था। केलर उन्शीॊ जगशों के आवऩाव का हशस्वा वाफ ककमा गमा था जशाॉ ड़ड्रलरॊग भळीनें रगी थीॊ। फशयशार जशाॉ वुयॊगें फनाई गमी थीॊ लशाॉ ज़रूय काफी फिे षेि भें लन की कटाई शुई थी, भळीनों को ऩशािों तक ऩशुॉिाने के लरए विक फनाने के कायण। वऩछरी फाय की तयश शी भैंने अकेरे याली तक जाने का फैवरा ककमा औय उवी तयश वेला नदी को वीढ़ी के ज़रयमे ऩाय कयके भैं ककनाये ककनाये िरने रगा। भझ ु े आखखयी फाय ऩयु ला को दे खने की बी इच्छा थी। अफ तक तो उवकी वगाई बी शोगई शोगी – मा शोवकता शै योळन बी उवके वाथ शी शो। याली तक जाते वभम भझ ु े आवऩाव मा दय तक ऩुयला कशीॊ नशीॊ हदखाई दी। रौटते लक़्त बी भैं फेकाय शी कल्ऩना कय यशा था कक लशीीँ कशीॊ फकरयमाॊ ियाते शुए भुझे ऩुयला लभर जामेगी। ऩय विभुि भुझे भौंयया मो
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कुछ ऐवा शी आबाव शुआ भानो ककवी गाने की आलाज़ भेये कानों तक ऩशुॊिी शो। ध्मान वे वन ु ने ऩय रगने रगा मश ऩुयला की शी आलाज़ थी जो कोई रोकगीत गुनगुना यशी थी। आवऩाव दे लदाय, ळीळभ, औय वार के ऩेि थे – कुछ दय दय, कुछ ऩावऩाव। एक फिा वा यॊ गबफयॊ गा नीरा वा ऩषी ऊऩय वे उिता शुआ दय ककवी ऩेि ऩय जा फैठा। ऐवा रगा जैवे बफना रॊफी ऩॊखों लारा भोय शो। आगे अॊदय ऩेिों के झयु भुट की तयफ जाने ऩय ऩुयला के गाने के कुछ कुछ ळब्द वाफ वुनाई दे ने रगे“भाई ने भेरयमे, लळभरे दी याशें िम्फा ककतनीक दय... ओ राइमाॊ भोशब्फताॊ दयु दयाजे, अॉखखमाॉ तों शोमा कवय....” शाॉ, मश ऩयु ला की आलाज़ शी थी। लैवी शी भधयु , कोभर। उवने दय वे भुझे दे खा औय गाना फॊद कय हदमा। उवके ऩाव ऩशुॉि कय भैंने उववे ऩछा –“ऩुयला कैवी शो?” उवका िेशया कुछ पीका वा ऩि गमा था, आॉखों भें ऩशरे लारी ळयायत बी नशीॊ थी। “तुम्शायी तबफमत खयाफ शै क्मा?” –भैंने कपय ऩछा। “नशीॊ वाफ जी, भैं ठीक शॉ” – उवने कशा। लशी ऩषी उि कय कपय आगमा था। भैं उवे कौतशर वे दे ख यशा था। ऩुयला ने फतामा उव ऩषी का नाभ था भोनर। “तुभ कोई नमा रोकगीत गा यशी थीॊ? लो फयखा लारा बर गमीॊ क्मा? मा अफ उवकी ज़रूयत शी नशीॊ शै , अफ तो शय भशीना वोण भशीना शै , तम् ु शाया योळन जो आगमा शै ” – उवे दे खने की खुळी भें भैं फोरता गमा। लश लवफग भस् ु कया दी। भौंयया मो
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“आज तुम्शायी फकरयमाॊ हदखाई नशीॊ दे यशीॊ। दय कशीॊ ननकर गमीॊ क्मा ियते ियते?” “फकरयमाॊ नशीॊ शैं वाफ जी, भैं अकेरी शी आई शॉ।” “तुभ खुळ नशीॊ रग यशीॊ। वफ ठीक तो शै ? तुम्शायी वगाई शोगई?” – भैंने ऩछा। “अबी नशीॊ शुई वाफ जी”- उवने कशा। भुझे फिा आश्िमग शुआ –“अये , वऩछरी फाय तुभ फता यशीॊ थीॊ, एक वार फाद शोनी थी तुम्शायी वगाई। योळन ने धोखा हदमा क्मा?” “नशीॊ वाफ जी, ऐवा भत कशो। योळन तो फशुत अच्छा रिका शै । लो भुझको ऩवॊद कयता शै, भैं उवको ऩवॊद कयती शॉ। भैं कोई यारी थोिे ना शॉ।” – ऩुयला फोरी। “यारी? यारी कौन?” भैंने ऩछा। “वाफ जी, हशभािर भें, काॊगिा भें यारी की लभट्टी की भयत फनाते शैं अप्रेर के भशीने भें शी।” “क्मों?” “इवकी कशानी शै वाफ जी।” “क्मा कशानी शै ?” “यारी की ळादी उवकी भज़ी के बफना ज़फदग स्ती कय दी गमी थी। अऩने ववुयार जाते लक़्त उवने नदी भें छराॊग रगा दी। उवको फिाने के लरए उवके ऩनत ने बी नदी भें छराॊग रगा दी। कपय उन दोनों को फिाने के लरए उवका बाई नदी भें कद ऩिा। ऩानी का फशाल फिा तेज़ था। तीनों भौंयया मो
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डफ कय भय गए। तफ वे यारी की भयत फनाते शैं लशाॉ। कॊु लायी रिककमाॊ अऩना भनऩवॊद ऩनत ऩाने के लरए प्राथगना कयती शैं औय ळादीळुदा नईनलेरी रिककमाॊ अऩनी खुळशारी के लरए।” भुझे रगा भैंने फेकाय शी योळन के फाये भें ऐवी फात कश कय उवका हदर दख ु ामा। “शाॉ, तुभने ठीक कशा, योळन तो तुम्शाया भनऩवॊद भॊगेतय शै ” – भैंने फात वम्शारते शुए कशा। अिानक ऩुयला ने कशा- “वाफ जी, आऩ भेया एक काभ कयोगे? आऩ कुछ ऩछना भत।” “फताओ क्मा काभ शै ?” उवने अऩनी कुती की जेफ टटोरी औय उवभें वे एक िाॊदी का छल्रा फाशय ननकारा। “वाफजी, आऩको योळन लभरेगा। मे उवको दे दे ना। लश वफ वभझ जाएगा। वाफ जी, लादा कयो आऩ उवे ज़रूय दे दोगे।” भुझको फिा अजीफ रगा। लश खुद शी क्मों नशीॊ दे दे ती? “ऩय भैं तो कर हदल्री के लरए ननकर जाऊॉगा, योळन नशीॊ लभरा तो? औय भैंने तो उवे दे खा शी नशीॊ, भैं उवे कैवे ऩशिानॊगा?” – भैंने ऩछा। “वाफ जी, आऩ उवे दे खते शी ऩशिान जाओगे। भेया योळन ऐवा शी शै । लनाग लो शी लभर रेगा आऩवे, आज शी” – उवने कशा। भैंने लो छल्रा रे लरमा औय अऩने ऩवग की ज़ज़ऩ लारी जेफ भें वम्शार कय यख लरमा। भौंयया मो
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“ठीक शै ”- भैंने कशा। लश उठी। फोरी –“नभस्ते वाफ जी, अफ भैं िरती शॉ।” औय लो िरी गमी याली की तयफ। ऩीछे वे भैंने कशा – “ठीक शै ऩुयला, अऩना ख्मार यखना।” भैं लाऩव खैयी कैम्ऩ भें रौट आमा। अगरे हदन वुफश शी शे लरकॉप्टय को फनीखेत के लरए भुझे रेने आना था। ळाभ को खाना खाते वभम भैंने ळेयलवॊश वे ऩछा ऩुयला के फाये भें। क्मा लो खुळ नशीॊ शै ? उवकी वगाई क्मों नशीॊ शुई? वऩछरी फाय लो कश यशी थी शोने लारी शै एक वार भें। ळेयलवॊश एक दो षण खाभोळ यशा, कपय फोरा – “क्मा फताएॊ वय जी, फशुत फिा शादवा शोगमा।” भुझे धक्का वा रगा – “क्मा शादवा?” ळेयलवॊश ने फतामा - “वय जी, ऩुयला औय उवके भॊगेतय की वगाई शोने लारी थी। उवके लरए लो रोग िम्फा वे आए थे। ऩशरे हदन दोनों याली के ककनाये घभ यशे थे। अिानक ऩुयला का ऩैय कफवरा औय लो नदी भें चगय ऩिी। फिा अच्छा तैयना जानती थी ऩय तेज़ फशाल के कायण फश गमी। ऩीछे ऩीछे उवका भॊगेतय बी उवको फिाने के लरए कद ऩिा नदी भें। लो बी फेिाया फश गमा। दो हदन फाद उन दोनों की राळें लभरीॊ फशुत नीिे नदी भें। भछलरमों ने कई जगश खा लरमा था उनको।” भुझे रगा भैं िक्कय खा कय मशीॊ रढ़ ु क जाऊॉगा। भेये योंगटे खिे शोगमे औय भुझे रगा भेये िेशये का यॊ ग ज़रूय उि गमा शोगा। भैं बौंिक्का वा ळेयलवॊश की तयफ दे ख यशा था। भौंयया मो
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“क्मा शुआ वय जी?” – ळेयलवॊश ने भझ ु े इव तयश दे ख कय ऩछा। “कुछ नशीॊ। फिा फुया शुआ उनके वाथ।” भैंने लवफग इतना शी कशा - “भैं खाना नशीॊ खाऊॊगा, भेया ऩेट कुछ गिफि शै ” – औय उठ कय अऩने कभये भें आगमा। भैंने ळेयलवॊश को अऩनी ऩुयला के वाथ शुई भुराहात औय फातिीत के फाये भें कुछ नशीॊ फतरामा। भैं विभुि ऩयु ला वे शी लभरा था। भैं नशीॊ िाशता था कक कोई बी ऩुयला के अज़स्तत्ल के फाये भें ळक कयके मा उवको नकाय कय उवका अऩभान कये । भुझे कुछ बी लवद्ध कयने की ज़रूयत नशीॊ रगी। ऩुयला ने भुझवे ककतनी फातें की थीॊ। यारी की कशानी फताई थी। भझ ु े तो कुछ ऩता बी नशीॊ था इनके फाये भें। अफ ककवको फताऊॉ? कौन कये गा वलश्लाव? कबी भुझको रगने रगा था मा तो भैं फॊतालवमाॊ फुन यशा शॉ मा ऩागर शोगमा शॉ। क्मा मे ककवी कफल्भी कशानी की यीरें िर यशी थीॊ भेये वाभने? मश वफ भैं ककवी को कश बी नशीॊ वकॊ गा। कबी बी। भैंने अऩने ऩवग की ज़ज़ऩ लारी जेफ को खोर कय दे खा। छल्रा लशीीँ था। लश बोरीबारी रिकी ज़जवको योळन के वाथ वगाई शोने का इॊतज़ाय था - लश भावभ वी रिकी जो योळन को इव छल्रे का तोशफा दे ना िाश यशी थी, अफ बी बटक यशी थी इन्शीॊ जॊगरों भें। भैं योळन को कशाॉ ढॊ ढॊ ? कैवे ऩशिानॊगा उवे? कैवे ढॊ ढेगा योळन भुझ?े ऩुयला ने कशा था लो आज शी भुझवे लभर रेगा खुद शी। अगय जो कुछ ळेयलवॊश ने फतामा लो वि था तो क्मा मश वफ वॊबल था? योळन कैवे आएगा? भैं यात बय वोमा नशीॊ, योळन का इॊतज़ाय कयता यशा। भैं वोि यशा था ज़जव तयश ऩुयला भुझे लभरी, शो वकता शै योळन बी आकय भुझवे लभरे भौंयया मो
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औय मे छल्रा भैं उवे दे दॊ ऩुयला की तयफ वे। ऩय योळन नशीॊ आमा। भैं वुफश तक उवका इॊतज़ाय कयता यशा था, शे लरकॉप्टय भें फैठने वे ऩशरे तक। भैं फनीखेत रौट गमा औय अगरे हदन हदल्री। ऩुयला का लो छल्रा भेये ऩाव अफ बी शै अभानत की तयश औय भैं अफ बी योळन का इॊतज़ाय कय यशा शॉ। ऩुयला ने वि शी कशा था। लश याली के उव ऩाय अफ बी अऩनों के फीि शी घभ यशी शै – उवके अऩने ऩेि, उवके अऩने ऩॊछी, उवके अऩने जॊगर, उवके अऩने ऩशाि, उवकी अऩनी नहदमाॉ..... मा ळामद शभेळा घभती यशे गी। ऩुयला अफ बी जैवे ऩछ यशी शै – “ भाई ने भेरयमे, लळभरे दी याशें िम्फा ककतनीक दय? योळन का िम्फा। ************
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महयनययक गुरळन कशने को तो भेया वफवे ऩुयाना दोस्त कशा जा वकता था, रॊगोहटमा, ऩय स्कर भें दवलीॊ के फाद वऩछरे विश अठायश वार वे न उवने भुझे दे खा था औय न भैंने उवे। भैं तो ळामद उवे बर शी गमा था। ज़ज़ॊदगी की जद्दोजशद भें लवफग आऩके नए वाथी औय नए दश्ु भन शी माद यश ऩाते शैं। ऩय तफ फिे फाज़ाय भें एक िाटलारे की ये िी के ऩाव ककवी ने भेयी फाज़ ऩकिी औय ऩछा – “क्मा आऩका नाभ चगयीळ शै ?” भैं िाटलारे को भेयी िाट फनाते दे ख यशा था औय ऩुदीने की खट्टी िटनी ज़्मादा डारने के लरए कशने लारा था, ऩय भैं उव अजनफी की तयफ घभा। उवकी इव शयकत ऩय भझ ु े थोिा ऻस् ु वा तो आमा ऩय उवका भुझवे ज़्मादा बायी ळयीय दे ख कय वब्र कय गमा –“शाॉ, कैवा रगा मे नाभ? क्मा भैं बी आऩको जानता शॉ?” “मशी तो भैं जानना िाशता शॉ। ऩशिाना भुझ?े ” – उवने कशा। उवका शाथ छुिा कय भैंने कुछ वेकण्ड तक उवको घया। भुझको ऩता था घयने ऩय भैं ज़जवको बी माद कयना िाशॉगा उवी का िेशया हदखाई दे ने रगेगा, क्मोंकक िाटलारे ने तफ तक भुझे िाट का दोना थभा हदमा था। भुझे उवकी ळक्र दे ख कय उवका नाभ जानने की ऩशे री शर कयने वे ऩेळतय िाट भें एक्स्रा िटनी डराने की भॊळा ज़्मादा थी। कपय बी उवको खुळ कयने की गयज़ वे बफना अऩने हदभाऻ ऩय ज़ोय डारे शी भैंने कशा – “भाफ कयना जनाफ, आऩका िेशया तो कुछ जाना ऩशिाना वा रग यशा शै , ऩय नाभ ज़ुफान ऩय नशीॊ उतय यशा।” भौंयया मो
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उवके फाद अिानक शी लो कुछ ज़्मादा फेतहल्रुफ शोगमा – “अच्छा िर, भैं हशॊट दे ता शॉ। ऩशरे तो मे कक भैं „आऩ‟ नशीॊ „त‟ शॉ। औय दवये , शभ फशुत ऩुयाने दोस्त शैं। िर अफ फता।” भैंने तफ विभुि वोिा औय तेज़ी वे कुछ ऩुयाने िेशयों ऩय वे माददाश्त तैयती शुई अिानक कफड्डी खेरने लारे एक रिके ऩय आकय रुक गमी – “गर ु ळन?” लश फेशद खळ ु शोगमा औय उवने तारी भायने के लरए शाथ उठामा। िाट के दोने को फाएॊ शाथ भें रेकय भैंने दामें शाथ वे तारी भायी। “अये माय, कभार शोगमा। िाट खामेगा?” – भैंने ऩछा। उवको दे ख कय भुझे विभुि खुळी शोने रगी। “नशीॊ, अबी खा िक ु ा शॉ। जा शी यशा था कक त हदखाई दे गमा। भुझे रगा तो था कक ळामद त शी शो, ऩय श्मोय नशीॊ था। फव तेया नाभ माद यशता था तेयी लादवललाद प्रनतमोचगताओॊ औय कशाननमों के कायण। अफ बी कशाननमाॊ लरखता शै ?” – उवने ऩछा। शभ दोनों ने ठशाका रगामा। भैं ऩशरे केलर ड़डफेट्व कशने की फजाम शय फाय „लादवललाद प्रनतमोचगता‟ फोरा कयता था। भुझे भशवव शुआ भैं काफी हदनों फाद शॊ वा था। स्कर के हदनों भें गुरळन वे भेयी ऩक्की दोस्ती थी। शभ दोनों के नाभ क्राव के यज़जस्टय भें वाथ वाथ आते थे इवलरए वीटें बी शभायी ऩाव ऩाव थीॊ। शाराॉकक भैं उवे बफगिा शुआ रिका वभझता था, जो ळामद उव वभम के लरशाज़ वे लो था बी, ऩय उवके िुटकुरे वुन कय भुझे फिा भज़ा आता था। लो भझ ु को बी ळामद बफगाि यशा था। शय योज़ लो ऩता नशीॊ कशाॉ वे एक नमा नॉन-लैज़जटे रयमन जोक रेकय आता था औय शॊ व शॊ व भौंयया मो
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कय इॊटयलैर भें खाना खाते लक़्त वन ु ाता था। कशता था कबी उन वफ जोक्व को छऩामेगा। उवकी रुचिमाॉ बी कुछ अरग वी थीॊ। भैं कुछ ऩढ़ाक औय गालदी ककस्भ का रिका था जो लादवललाद प्रनतमोचगताओॊ भें बाग रेता था, स्कर की भैगज़ीन भें कशाननमाॉ लरखता था औय अक्वय बफना इस्िी की शुई मननफाभग ऩशन कय िरा आता था। लो स्कर की कफड्डी टीभ का कप्तान था, वन् ु दय, शट्टाकट्टा, औय भुझवे कशीॊ ज़्मादा रॊफा िौिा था, औय स्कर के ऑकेस्रा भें कबी कबी रम्ऩेट फजाता था। शभेळा नई वी रगने लारी मनीफॉभग ऩशन कय स्कर आने के अराला लश ऩाव के एक गल्वग स्कर की रिककमों के घयों के ऩते भारभ ककमा कयता था औय अच्छी अॊग्रेज़ी फोर रेता था। भैं लादवललाद प्रनतमोचगताओॊ भें स्कर को रयप्रेज़ट ैं कयता था औय लो कफड्डी भें। कई फाय तो उवने अकेरे दभ ऩय स्कर को भैि ज़जतामे थे। ऩय उवका खाव याज़ जो केलर भैं शी जानता था, मा दयअवर उवने लवफग भुझको शी फतामा था, लो मे था कक उवके ज़जस्भानी ताल्रुहात उव उम्र भें बी शभायी क्राव के एक दब्फ वे रगने लारे रिके की बाबी के वाथ शो गए थे। उवने एक फाय छुऩ कय भुझे बाबी को हदखामा बी था। लश भुज़श्कर वे फीव ऩच्िीव वार की थी। उवने उव लक़्त नीरे यॊ ग की वािी ऩशन यखी थी औय फेशद खफवयत रग यशी थी। उवके फाद वे उवने भाॊवाशायी िुटकुरे वुनाने की जगश अऩने औय दोस्त की बाबी की यॊ गये लरमों के कहस्वे वन ु ाने ळरू ु कय हदए थे। ळामद शभायी दोस्ती औय बी ऩक्की शोने की लजश मशी थी। भैं बी घय ऩय आने के फाद वोने वे ऩशरे अऩने आऩको दोस्त की बाबी के वाथ दे खा कयता था औय भुॊगेयीरार की तयश नए नए वऩने फुना कयता था। अक्वय भेये वऩनों भें लो बाबी आती थी औय भेये वाथ भौंयया मो
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कफड्डी खेरती थी। जफ लो ऩारा दे ने आती थी तो भैं उवकी नीरी वािी ऊऩय खखवका कय उवकी खफवयत रॊफी चिकनी गोयी टाॉगें आखखयी हशस्वे तक ऩकि रेता था औय उवकी वाॊव छटने के फाद बी वशराता यशता था। जफ भैं ऩारा दे ने जाता था तो लो भुझको चगया रेती थी, अऩनी छाती वे दफा कय भेये ऊऩय रेटी यशती थी औय भेये वाये ळयीय को भेयी वाॊव टट जाने के फाद बी जकिे यखती थी। तफ भैं वुफश अऩनी िड्डी, फननमान औय ऩजाभा खुद धोने रग गमा था औय ळामद घय लारे खुळ शोंगे कक भैं अऩनी ज़ज़म्भेदारयमाॊ धीये धीये वभझने रग गमा था औय घय के काभ भें शाथ फॊटाने रगा था। एक फाय तो स्कर की भैगज़ीन के लरए लरखी एक कशानी भें अऩनी धाक जभाने के लरए भैंने ऩता नशीॊ क्मा कुछ उरटावुरटा लरख हदमा था कक ऩशरे तो हशॊदी टीिय ने „एडल्ट्व ऑनरी‟ की वीभा राॊघने के लरए भेयी अच्छी ऺफय री थी औय कपय वप्रॊलवऩर के वाभने ऩेळ कय हदमा था। वप्रॊलवऩर बौंिक्का था कक भझ ु े लो वफ कैवे ऩता था जो वाधायण तौय ऩय नशीॊ शोना िाहशए था। वफ गुरळन की भेशयफानी थी, मे भैंने नशीॊ फतामा। ककवी ककताफ वे नहर कयने का झठ फोरकय औय आमन्दा ऐवी ककवी ककताफ को नशीॊ दे खने के लादे के वाथ भाफी भाॊग कय शी छटा। तफ गुरळन ने भेयी फिी हशम्भत अफजाई की थी औय कशा था – “उव वारे वप्रॊलवऩर ने तेयी कशानी ज़रूय अऩने कभये भें यख री शोगी औय योज़ ऩढ़ता शोगा”। िाट खा िक ॊु वे ळयाफ की थोिी थोिी फ आयशी ु ने के फाद बी उवके भश थी। उवने जेफ वे एक ऩुड़िमा ननकारी औय खोर कय ऩान ननकारा। ज़दे की खुळफ पैर गमी। उवने ऩान भश ुॊ भें दफामा औय ऩुड़िमा को भवर कय ऩाव नारी भें पेंक हदमा जशाॉ िाट खानेलारों के दोने, ऩत्ते लगैयश ऩिे थे। भौंयया मो
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“औय वुना, कशाॉ शै त, आजकर क्मा कय यशा शै ?” – उवने ऩान िफाते शुए ऩछा। “भैं भम् ु फई भें यशता शॉ औय अबी बी कशाननमाॊ शी लरखता शॉ। टीली वीरयमल्व औय एवऩवोड्व के लरए।” शभ दोनों ने कपय एक ठशाका रगामा। “मशाॉ कोई कशानी लरखने आमा शै क्मा?” “नशीॊ, भेया बाई मशाॉ यशता शै , उवी वे लभरने आमा शॉ। त क्मा कय यशा शै ? तेयी नॉन लैज़जटे रयमन जोक्व का कोई वॊग्रश छऩा कक नशीॊ? औय तेयी उव बाबी का क्मा शार शै ?” – भैंने आॉख भाय कय तीनों वलार एक वाथ कय डारे। लश शॊ वा। कपय उवने रॊफी वी वाॊव री औय फोरा – “माय, भेयी ज़ज़ॊदगी तुभरोगों लारी ऩटयी ऩय नशीॊ िर यशी। जैवे तैवे फी.ए. तो कय लरमा ऩय फाद भें एक रौंड़डमा ने वाया कफािा कय हदमा। भेया भतरफ, उवकी लजश वे ज़ज़ॊदगी का ढयाग थोिा िें ज शोगमा।” “रौंड़डमा ने? कपय कोई िक्कय िरा यशा शै क्मा?” – भैंने कशा। “अबी छोि, फाद भें फताता शॉ” – उवने वॊक्षषप्त वा उत्तय हदमा। ऐवा रग यशा था उवके भन भें फशुत कुछ घुभि यशा था ऩय लश उवे फाशय आने वे योक यशा था। लश अॊदाज़ा रगा यशा शोगा अफ भुझको उवभें कोई रुचि यशी शै कक नशीॊ, इतने फयवों फाद जो शभ लभरे शैं। तफ ळामद शभ भैच्मोय नशीॊ थे। भैं ऩता नशीॊ अफ उवके फाये भें कुछ वुनना ऩवॊद करूॉगा कक नशीॊ।
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शभ िरते शुए थोिा आगे आगमे औय लश एक भोटय वाईकर के ऩाव आकय रुक गमा – “कशाॉ जामगा, िर भैं तुझे छोि दे ता शॉ।” उवने भझ ु े घय तक छोि हदमा औय ऩछा – “ककतने हदन शै मशाॉ?” “अबी शॉ, कभ वे कभ ऩन्रश हदन तो।” “कर ळाभ को क्मा कय यशा शै ?” “कुछ खाव नशीॊ।” “िर, तो कर लभरते शैं िेतन यै स्टोयें ट भें। ऩता शै न?” भुझे ऩता था। कई फाय गुरळन भुझको स्कर वे बगा कय मशाॉ राता था वभोवे खखराने। उवको मशाॉ की इभरी की िटनी फिी अच्छी रगती थी औय एक वभोवे ऩय शभरोग दो दो िटनी की फोतरें खतभ कय दे ते थे। अफ मश यै स्टोयें ट फशुत फिा औय अच्छा शोगमा था, ळामद आवऩाव की औय दक ु ानों को लभरा कय इवने काफी जगश फना री थी। भैं आने वे ऩशरे वोि यशा था मशाॉ ऩाॊि वात हदन वे ज़्मादा यश शी नशीॊ वकॊ गा, ऩय गुरळन वे लभरने के फाद भुझे रगने रगा, ज़रूयत शो तो भैं औय ज़्मादा बी रुक जाऊॉगा। मशाॉ आकय भुझे मकामक रगने रगा जैवे भेये ऩाव वभम शी वभम था। ळामद एक वाथ इतना रॊफा खारी लक़्त भुझे कई वार फाद लभरा था। जफ आऩ अऩने ऩुयाने दोस्तों वे, खावकय स्कर कॉरेज के ज़भाने के दोस्तों लभरते शैं तो िेशये ऩय िढ़ी नहाफें ऺुद-फ-ऺुद चगयने रग जाती शैं औय आऩकी उम्र धीये धीये कभ शोती शुई लशीीँ आकय ठशय जाती शै जशाॉ वे आऩकी दोस्ती ळरू ु शुई थी। ऐवे दोस्तों वे न आऩका कोई स्लाथग टकयाता शै औय न भन भें ककवी तयश का कोई
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कॉम्प्रैक्व शोता शै । गुरळन वे लभरने के फाद कपय वे लशी ऩुयाने हदन ताज़ा शोगमे थे। उवने भझ ु े अऩने फाये भें काफी कुछ फतरामा। भझ ु े शभददी थी कक इकरौता फेटा शोने के फालजद फाऩ वे अरग शोने के फाद न तो उवने अऩने घय का रुख ककमा औय न फाऩ ने शी उवकी खोजऺफय री। शाईस्कर ऩाव कय रेने के कुछ भशीनों फाद उवकी भाॉ गज़ ु य गई थी। उवके फाद वे शी अऩने आऩको लो अकेरा वभझने रगा था। फाऩ फाद भें ककवी औयत के ऩाव जाने रग गमा था औय धीये धीये वफ कुछ शाथ वे ननकरता जायशा था। गर ु ळन ऩय तलज्जो दे ने लारा कोई नशीॊ यश गमा था। ऩय गुरळन ने ककवी तयश फी.ए. ऩाव कय लरमा था। “चगन्नी नाभ था उवका” – गुरळन फता यशा था – “फेशद खफवयत थी। भेये घय वे तीन भकान छोि कय एक घय भें यशती थी। भैं कबी कबी आते जाते उवको दे ख तो रेता था ऩय भैंने उव ऩय कबी ध्मान नशीॊ हदमा। भुझे फव अऩने फाऩ ऩय शी गुस्वा आता यशता था तफ। क्मा त वोि वकता शै एक हदन उव रिकी ने भझ ु को आॉख भायी। अगरे हदन कपय उवने लैवा शी ककमा औय भैंने ऩरट कय जलाफ दे हदमा।” “िार थी क्मा?” “ऩता नशीॊ, शयकत तो लैवी शी थी। ऩय भैंने उवे कबी ककवी के वाथ आते जाते कशीॊ नशीॊ दे खा। उवके घय ऩय बी भझ ु े कोई हदखाई नशीॊ दे ता था।” “बाबीजी टाइऩ शी थी?” लश शॊ व ऩिा – “नशीॊ, ळादीळुदा नशीॊ थी, नई नई जलान शुई रगती थी।” “कपय?” – भुझे उत्वुकता शुई। भौंयया मो
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गुरळन फोरा - “कपय क्मा। भैंने गदग न झटका कय „िरती क्मा खॊडारा‟ लारी स्टाइर भें उवको इळाया ककमा। ऩट्ठी फोरी – „िर‟। फव।” शभरोग ऩशरे हदन ऩाकग भें िरे गए। रगता था लो फिी जल्दी भें थी। कपय शभने ऩाकग के ऩीछे दय एक वुनवान खॊडशय ढॊ ढ लरमा। लशाॉ ऩशुॉिते शी उवने भुझे जकि लरमा औय भेये फदन के एक एक हशस्वे को छकय दे खने रगी। मे कुछ अजीफ वा था। उवने लो वफ कयने भें कोई दे य नशीॊ रगाई जो उवने वोि यखा था। औय कपय तो मे लवरलवरा ऐवा िरा कक शय योज़ शी लो भेया इॊतज़ाय कयने रगी। कई फाय तो लो भुझको लशाॉ तीन तीन फाय रेकय गमी। लश अऩना ऩया ळयीय खोर कय भेये शलारे कय दे ती थी। उवके ळयीय के एक एक इॊि हशस्वे वे भैं ऩयी तयश लाककफ शोगमा था औय महीनन उन ऩय कफदा था।” रुक कय उवने ऩछा – “त कबी ककवी के िक्कय भें पॊवा कक नशीॊ?” “नशीॊ माय, ऐवा कुछ नशीॊ शुआ। औय कपय भैं तेयी तयश हशम्भतलारा दफॊग औय रम्फतिॊग बी तो नशीॊ शॉ।” – भैंने ळलभिंदगी वे कशा। उवने ऩता नशीॊ वुना कक नशीॊ। लश फोरता जायशा था – “ऐवी ननम्फोभैननएक औयतों के फाये भें तो भैंने लवफग ऩढ़ा शी था। ऩय मश रिकी बफरकुर लैवी शी थी। भैं शाॊफने रगता था भगय लश आॉखें फॊद कयके भुस्कयाती यशती थी, जैवे भुझे चिढ़ा यशी शो।” भैंने ऩछा - “क्मा कयती थी लो? भेया भतरफ तेये वाथ जो कुछ कयती थी उवके अराला कोई औय बी काभ कयती थी – ऩढ़ाई लगैयश, नौकयी..?” “माय, वि तो मे शै, शभको एक दवये वे फात कयने का टाइभ औय वब्र शोता शी नशीॊ था। भैं कशीॊ बी जा यशा शोऊॉ, उवको दे खते शी भेया ळयीय भौंयया मो
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एक कवाल भशवव कयने रगता था, हदभाग वुन्न शोजाता था औय भेये ऩैय अऩने आऩ खॊडशय की तयफ जाने रगते थे। जैवे उवको मश ऩशरे वे शी ऩता शोता था औय लो भेये ऩीछे ऩीछे िरी आती थी। शभको लवफग मे भारभ शोता था कक लशाॉ जाकय क्मा कयना शै । कबी उववे कुछ ऩछा शी नशीॊ। लशाॊ ऩशुॉिते शी लो भेये कऩिे खोर कय चगया दे ती थी औय भैं उवके। भैं घॊटों उवकी गोराइमों वे खेरता था औय ले िुनौती दे ते यशते थे। कई फाय शभभें कॉज़म्ऩटीळन बी शोता था, कौन ककवको ककतनी ज़ोय वे दफा वकता शै । ऩय उवके फाद चगन्नी अगरे एक्वऩेडीळन के लरए कपय वे फेवब्र शोजाती थी। मे डय कबी नशीॊ रगता था कक कोई बरा बटका लशाॉ टऩक बी वकता शै ।” वभोवे औय िाम की िुज़स्कमों के फीि गुरळन ईभानदायी वे वफ कुछ फतराता जायशा था। ज़जव तयश ऩशरे लो „बाबी‟ के कहस्वे फताता था, अफ लैवे शी चगन्नी औय उवके फीि िर यशी ज़जस्भानी अॊतयॊ गता का लश वलस्ताय वे इव तयश लणगन कय यशा था कक जैवे वफ कुछ लवनेभा के ऩयदे ऩय वाफ हदखाई दे यशा शो। उवने कशा – “जफ भैं एभ.ए. के एग्ज़ाभ के ऩेऩय दे ने जायशा शोता था, तफ बी लश भुझको ऩकि रेती थी। तीन ऩेऩयों भें तो भैं फैठा शी नशीॊ। ज़ाहशय शै फेर शोगमा। फाऩ फशुत नायाज़ शुआ था। उववे भेया झगिा बी शुआ।” भैंने एक अच्छे दोस्त की तयश कशा – “माय, तझ ु को ऩेऩय तो वीरयमवरी दे ने िाहशए थे।” लश फोरा – “फेटा, त इव िक्कय भें ऩिा नशीॊ। जफ हदभाग भें एक शी िीज़ घभ यशी शो तो न एग्ज़ाभ हदखाई दे ता शै , न फाऩ। भुझे आश्िमग भौंयया मो
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नशीॊ शोगा अगय जैवे त स्कर भैगज़ीन की कशानी भें उल्टाऩुल्टा लरख आमा था, भैं बी जो ऩेऩय भैंने हदए उनभें लैवा शी कुछ लरख आमा शोऊॉ तो। तफ भुझे लवफग चगन्नी का बयऩय गदयामा शुआ फदन शी हदखाई दे ता था। एग्ज़ाभ भें ऩेऩय की इफायत तो भैं ऩढ़ शी नशीॊ ऩाता था। लशाॉ भुझे लवफग तयश तयश के ऩोज़ शी हदखाई दे ते थे।” भझ ु े रगा, ऩशरे भैं उव „बाबी‟ के वाथ कफड्डी खेरा कयता था औय अफ गुरळन उवी तयश मे नमा कहस्वा फमान कयता यशा तो भैं ककवी काल्ऩननक चगन्नी के वाथ बी खॊडशय ऩय कॉज़म्ऩटीळन कॉज़म्ऩटीळन खेरने रगॊगा। उवे फीि भें शी योक कय भैंने ऩछा - “कपय तने दफ ु ाया इज़म्तशान नशीॊ हदमा?” भुझे खुद शी रगा, उन फातों के फीि भैंने ककतना रिय वलार ककमा था। भुझे ळभग वी भशवव शुई। ऩय उवने इव फेलकफी के वलार ऩय ध्मान नशीॊ हदमा औय फोरा - “नशीॊ। एक फाय फाऩ ने भुझे चगन्नी के वाथ जाते दे ख लरमा। उवने छुऩ कय शभाया ऩीछा ककमा औय खॊडशय तक ऩशुॉि गमा। कपय उवने शभें यॊ गेशाथों ऩकि लरमा औय रौट गमा।” “तने वऩताजी वे भाफी नशीॊ भाॊगी?” – भैंने कपय ऩछा। लश फोरा - “भाॊगी थी, ऩय लो कुछ वन ु ने को तैमाय शी नशीॊ था। घय ऩशुॉिते शी उवने चिल्राना ळुरू कय हदमा कक अफ उवको ऩता िर गमा भैं क्मों फेर शुआ। फोरा, इतना बी ऩढ़ लरमा लो शी फशुत शै औय घय वे ननकार हदमा। तफ वे शी शभ कबी नशीॊ लभरे।”
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“कपय त कशाॉ यशने रगा? औय चगन्नी का क्मा शुआ?” – भैंने जानना िाशा। “कुछ हदन अकयभ बाई के गैयाज भें यशा, कपय काय के एक ळोरूभ भें नौकयी कयरी। उवके फाद एक ठीक ठाक वा कभया ककयामे ऩय रे लरमा। फव, लशीीँ यशता शॉ।” “औय चगन्नी?” उवने कशा - “भैं कपय उव तयफ कबी गमा शी नशीॊ। शभ रोग ऩशरे शी काफी कुछ वाझा कय िुके थे। ऩता नशीॊ अफ बी भेया इॊतज़ाय कयती शोगी क्मा। शो वकता शै कबी लभर बी जाए। ळशय शी ककतना फिा शै । ज़जव तयश अिानक वफ ळुरू शुआ था उवी तयश अिानक वफ फॊद बी शो गमा।” “िरो अच्छा शी शुआ कक अऩने आऩ लो तेयी ज़ज़ॊदगी वे ऻामफ शो गमी। अफ त उवे बर जा” - भैंने उवे अच्छे दोस्त की तयश वराश दी। लश वॊजीदा शोगमा था। उवने दाळगननक अॊदाज़ भें कशा - “शाॉ, चगन्नी को तो बर गमा। लश शभ दोनों का जुनन था, बफरकुर नैिुयर वा। भेये हशवाफ वे उव लक़्त उवके अराला औय कुछ शो बी नशीॊ वकता था। अच्छा शी शुआ कक शभ ककवी औय इभोळनर रयरेळनलळऩ भें नशीॊ जुि।े ऩता नशीॊ लो कौन थी। उवके नाभ के अराला उवके फाये भें भुझे कुछ ऩता शी नशीॊ शै , औय अफ कोई ऺाव इॊटये स्ट बी नशीॊ शै कुछ भारभ कयने भें। मश लवफग एक घटना थी, एक शादवा था, मा कुछ औय था भुझको नशीॊ ऩता।” “िर, शादवा वभझ कय बर जा” – भैंने कशा।
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शाराॉकक भैं भन भें कुछ औय शी वोि यशा था कपय बी अऩने आऩको दोस्त वभझने के हशवाफ वे उवे „अच्छा‟ भळवलया दे ने का फज़ग ननबाने की कोलळळ कय यशा था। थोिी दे य खाभोळ यश कय लश कपय फोरा – “ऩय अगय लश शादवा था तो शादवे भेये वाथ शी क्मों शोते यशते शैं? क्मा त वोि वकता शै „हशस्री रयऩीट्व इटवैल्फ‟ केलर एक कोटे ळन शी नशीॊ शै , हशस्री कई फाय अऩने आऩको लाकई रयऩीट बी कयती शै ?” “मानी?” – भुझे आश्िमग शुआ। ऩय उववे ज़्मादा औय बी कुछ जानने की उत्वुकता शुई। “िाय ऩाॊि भशीने ऩशरे, यात को ळोरूभ फॊद शोने वे ऩशरे एक काय शभाये ळोरूभ के ऩाव रुकी ज़जवभें एक फिी भॉडनग वी खफवयत औयत फैठी थी। काय नमी थी औय शभाये ळोरूभ वे शी ऺयीदी गमी थी। भैंने ऩाव जाकय उववे ऩछा क्मा प्रॉब्रभ थी। भैं काय का स्टाटग य ज़स्लि दे खने दाखखर शुआ। काय के अॊदय फशुत अच्छे ऩयफ़्मभ की वुगॊध आयशी थी औय उवके भुॊश वे ळयाफ की फ बी। रगता था लो ककवी ऩाटी मा क्रफ वे रौट कय आयशी थी। उवकी आॉखें झक ु वी यशी थीॊ ज़जन्शें लो फभुज़श्कर खर ु ा यख ऩायशी थी। उवकी ज़ुफान बी थोिा रिखिा यशी थी। ऩता नशीॊ कैवे मशाॉ तक काय िरा कय राई थी। काय भें कोई ऺाव हदक्कत तो नशीॊ ननकरी, ऩय उवने कशा कक लश अफ गािी नशीॊ िरा ऩामेगी औय कोई एक्वीडेंट कय फैठेगी। उवने भझ ु वे ऩछा कक क्मा भैं उवकी भदद कय वकता शॉ औय उवे घय तक ड्रॉऩ कय वकता शॉ?”
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भुझे अॊदाज़ा शोने रगा था िॊकक लश गुरळन था, आगे क्मा शुआ शोगा। कपय बी अऩनी उत्वक ु ता को दफा कय भैंने नकरी वॊजीदगी वे ऩछा – “तने भदद की कक नशीॊ?” “दश्ु लायी भें, उरझन भें हदखने लारी एक वभ्म वी औयत आऩवे भदद की गुशाय कये तो आऩ क्मा कयें गे? भैंने बी लशी ककमा। वम्राट एन्क्रेल भें उवका घय फेशद आरीळान था। इतने फिे घय भें भझ ु े कोई औय हदखाई नशीॊ हदमा। गैयाज के ऩाव उवकी गािी खिी कयके भैं उवे वशाया दे ता शुआ घय के अॊदय रामा। अऩने ऩवग भें वे उवने भुझे घय की िाफी दी औय इळाये वे दयलाज़ा खोरने को कशा। दयलाज़ा खोर कय भैं उवे धीये वे अॊदय रामा औय कपय रौटने शी लारा था कक उवने शाथ ऩकि कय भुझे योक लरमा। अॊदय फैडरूभ तक रेजाने के लरए कशने रगी। भैं डय यशा था कक अगय ककवी ने भुझे इव तयश दे ख लरमा तो ज़रूय कुछ बी वभझ वकता शै । लश भुझवे लरऩटी शी जायशी थी औय भैं अफ उवकी आॉखों भें ळयाफ के वुरूय के अराला औय बी फशुत कुछ दे ख वकता था। उवने फैडरूभ भें घुवने के वाथ शी भुझे खीॊि कय धीये वे बफस्तय ऩय धकेर हदमा औय खुद बी लशीीँ रेट गमी। लश रगाताय कशती यशी – „प्रीज़, प्रीज़ डोंट रील राइक दै ट टुडे‟ औय भुझे िभने रगी। अफ त फता भैं ऐवे भें क्मा कयता? उवे धक्का दे कय बाग जाता?” भैं िऩ ु था। इव तयश के लाकमे गर ु ळन के वाथ शी शो वकते थे। लश अऩनी धन ु भें फोरता गमा – “कपय भैंने लशी ककमा जो लो भझ ु वे िाश यशी थी। जफ भैं उठ कय जाने रगा तो उवने ऩवग वे रुऩमों की एक भोटी वी गड्डी भेये शाथ भें थभा दी औय कपय फिी वभ्मता वे यख रेने का आग्रश कयने रगी। उव लक़्त भेया हदभाऻ ऩयी तयश फॊद शोगमा था औय वभझ भें नशीॊ आयशा था भुझे क्मा कयना िाहशए। भजफयन, भैं रुऩमे भौंयया मो
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रेकय आगमा। उवके फाद भैं मश इॊलवडेंट बरने की कोलळळ कयने रगा।” अफ खद ु भैं बी वकते भें शी था। गुरळन ने कशना जायी यखा – “ऩय उवी तयश ळयाफ के नळे भें लश वात आठ हदन फाद कपय आगई औय तफ वे शय वातलें आठलें हदन आजाती शै । कोई वीन कक्रमेट न शो इवलरए भैं िुऩिाऩ फुत की तयश जाकय उवके ऩाव ऐवे फैठ जाता शॉ जैवे कक शभाया फशुत ऩुयाना ऩरयिम शो मा लो भेयी कोई रयश्तेदाय शो। िाय ऩाॊि भशीनों वे फव मशी क्रभ िर यशा शै । भैंने उवके फाये भें उवी वे ऩछना बी िाशा था, ऩय उवने कुछ नशीॊ फतामा। लश मशी कशती शै „प्रीज़, रैट इट कॊटीन्म एज़ रौंग एज़ इट गोज़। प्रीज़ डोंट ड़डवअऩॉइॊट भी, एॊड आस्क नो क्लेश्िॊव। रैट अव रयभेन एनोननभव टु ईि अदय। डोंट कम्ऩैर भी टु एटै म्प्ट स्मवाइड फाइ आज़स्कॊग अफाउट भी, प्रीज़‟। औय शय फाय उवी तयश नोटों की एक भोटी गड्डी ज़फदग स्ती शाथ भें थभा दे ती शै ।” भेये भुॊश वे ननकरा – “मे कोई नई बाबीजी रगती शै ।” कपय भुझे रगा ज़जव तयश लश गॊबीयता वे फात कय यशा था इव तयश भेया भज़ाक कयना ठीक नशीॊ था। उवने अनवन ु ी कयके कशा - “शो बी वकता शै ळादीळुदा शो। मा नशीॊ बी। उम्र िारीव के आवऩाव शोगी। ऩय फेशद वभ्म, वॊजीदा, ऩढ़ीलरखी औय यईव औयत रगती शै । अफ उवकी क्मा ऩवगनर ऩये ळानी शै, अकेरी क्मों यशती शै मश वफ भैं नशीॊ जानता। जफ बी भुझे लश रुऩमे ऩकिाती थी, भझ ु े फेशद ळभग आती थी। अऩनी कॉन्ळन्व के वाथ रयकॉइॊवाइर कयके ऩशरे हदन भुझे इतना फुया नशीॊ रगा था, मश वोि कय कक ळामद भैंने भौंयया मो
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उवकी भदद की थी औय उवके लभन्नतें कयने ऩय शी उवे कुछ हदमा था। ऩय तफ तक शी, जफ तक कक उवने रुऩमे नशीॊ हदए। उवके फाद ऐवा रगा जैवे भैं कैवानोला मा कोई „ज़जगरो‟ शॉ। कपय भैंने उवके शारात के फाये भें वोिने की कोलळळ की। भैंने अऩने आऩवे वलार ककमा औय भुझे भशवव शुआ, उवकी फामोरोज़जकर नीड्व क्मों नशीॊ शो वकतीॊ? ळामद लो ऻरत नशीॊ शै ।” गुरळन मश वफ फतरा कय फिी दे य तक ऺाभोळ यशा। कपय एक नन्श्लाव के वाथ दाळगननक अॊदाज़ भें फोरा – “अफ तेया कशानीकाय क्मा कशता शै , फता। भैं ककव शार भें जी यशा शॉ? भेये वाथ क्मा वफ अच्छा िर यशा शै ? भुझे रगता शै लविुएळन इतनी शोऩरैव नशीॊ शै अबी। ऩय भेया फाऩ फीभाय ऩिा शै औय लो औयत जो कोई बी थी अफ उवको नशीॊ वम्शारती। जफ भुझको फाऩ की शारत के फाये भें ऩशरी फाय ऩता रगा तो भन भाय के भैं एक फाय घय बी गमा था, रेककन भेये फाऩ ने भुझको धक्का दे कय दयलाज़ा फॊद कय लरमा। भुझको नशीॊ रगता अफ लो ज़्मादा हदन तक ज़जमेगा। भैं उवका इकरौता फेटा शॉ, ऩय भैं उवके लरए अफ कुछ नशीॊ कय वकता, भैं अऩने ककवी औय रयश्तेदाय वे कबी नशीॊ लभरा, भेया फाऩ शी भेया जो कुछ बी शै , शै । भेये ळोरूभ का जनयर भैनज े य भेये फाये भें कुछ नशीॊ जानता, ऩय भुझभें प्रॉलभव दे खता शै । भुझे ऩता शै , उवकी एक रिकी शै औय ळामद लश वोिता शोगा भैं आगे िर कय उवके वाथ ळादी कय रॉ गा। ळोरूभ भें अॊदय ळीळे के उव ऩाय एकाउन्ट्व ड़डऩाटग भेंट वे औय दो भावभ, खफवयत ननगाशें भुझे कबी कबी दे खती शैं औय गाशे फगाशे शभायी आॉखें लभर जाती शैं। ले आॉखें भुझे ऩता नशीॊ क्मों अऩनी तयफ खीॊिती शैं ऩय भैं उववे फात कयने भें बी खझझकता शॉ। उन
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आॉखों भें भैं एक ददग ऩढ़ वकता शॉ जो ळामद भुझवे लाफस्ता शै । कबी भैं वोिता शॉ क्मा भैं उधय खखॊि यशा शॉ?” उवने कशना जायी यखा – “औय मे जो अनाभ औयत शै , ऩता नशीॊ ककव बयोवे के वाथ भुझवे एक प्मौय बफज़नव रयरेळनलळऩ की उम्भीद रगामे फैठी शै औय लैवा नशीॊ शोने ऩय स्मवाइड कयने की धभकी दे ती शै । इव फेनाभ रयरेळनलळऩ वे भेयी आगे की ज़ज़ॊदगी ऩय क्मा अवय ऩिेगा, भुझे नशीॊ भारभ। इव वफ वे फिने के लरए क्मा भुझे ककवी हदन अिानक ळोरूभ वे ऻामफ शोजाना िाहशए ताकक लो भुझे ढॊ ढ़ बी न वके? ले दो ननगाशें भझ ु े इव तयश अनाभ औयत के वाथ शय फाय जाते दे ख कय क्मा वोिती शोंगी? उवे वफ कुछ ऩता नशीॊ रगा शोगा? कबी रगता शै क्मा उव अनाभ रयश्ते को भैं कोई नाभ दे वकता शॉ? फशुत वे वलारात शैं। क्मा कशता शै त?” “फिी अजीफ वी दास्तान शै तेयी। रगता शी नशीॊ कक मश शहीहत शै , कशानी नशीॊ”- भैं फव इतना शी कश ऩामा। भुझे आश्िमग था, लश इवको बी एक कशानी की तयश शी भानता था। उवने कशा - “नशीॊ, केलर मे कभैंट नशीॊ िरेगा। त तो टीली वीरयमरों लगैयश भें कशाननमाॊ लरखता शै न? कैवी रगी भेयी कशानी तुझ?े दोस्त की तयश नशीॊ, लवफग एक कशानीकाय की तयश फता। तेयी याम भें इव कशानी का क्मा अॊजाभ शोना िाहशए? क्मा इव कैये क्टय को लक़्त के वभॊदय भें इवी तयश फशते जाना िाहशए? अऩनी स्रैंथ्व औय लीकनैवेज़ को कैवे एन्कैळ कयना िाहशए इव आदभी को? लरखेगा इवके फाये भें? भज़ाक नशीॊ कय यशा, भैं विभि ु वीरयमव शॉ।”
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“अच्छा, ठीक शै , इवको भैं ऩशरे कशानी की तयश कशीॊ छऩलाऊॉगा। रोगों के इव ऩय रयएक्ळन दे ख कय ज़रूयी शुआ तो इवको कोई औय भोि दे दॊ गा” – भैंने उववे इतना शी कशा। भैं उवके ककवी बी वशी मा ऻरत हदभ मा उवके दोऴी मा ननदोऴ शोने के फाये भें न्मामाधीळ की तयश अऩना ननणगम वन ु ाना नशीॊ िाशता था। इन ऩन्रश हदनों भें भैं गर ु ळन वे फायश फाय वे ज़्मादा लभर िक ु ा था। फशुत वी औय फातें बी उवने फताईं। लश जैवे इतने वारों के फावरे जल्दी वे जल्दी तम कय जाना िाशता था। शो वकता शै ळामद इवलरए कक उवका शार ऩछने लारा अफ तक उवको कोई नशीॊ लभरा था। भझ ु े अफवोव था कक उवकी ज़ज़ॊदगी अफ बी एक के फाद एक िौयस्तों के फीि बटक यशी थी। गुरळन वफ कुछ फता तो यशा था ऩय भैं वभझ नशीॊ ऩायशा था कक लश खुळकहस्भत शै मा फदकहस्भत, लश वशी कय यशा शै मा ऻरत, लश खुद कय यशा शै मा वफ कुछ अऩने आऩ शी शोता जायशा शै... ज़ाहशय शै जो ळख़्व इतने लऴों वे रगबग अकेरा शी लक़्त की वराखों के ऩीछे ज़ज़ॊदगी के थऩेिों वे जझ यशा था, लश उवी लक़्त को भुट्ठी भें हैद कयके अऩने आऩको आज़ाद कय रेना िाशता था। ऩय हैद वे उवकी रयशाई की तभाभ िाबफमाॉ तयश तयश के रोग रेकय फैठे थे औय लश फेफव वा कपय वे ककवी नए करयश्भाई लक़्त का इॊतज़ाय कय यशा था। भेये रौटने वे ऩशरे शभ कपय अॊनतभ फाय उवी यै स्टोयें ट भें लभरे। गर ु ळन के िेशये ऩय शभेळा की तयश िभक थी औय लो लैवा शी खफवयत रग यशा था। भैंने उवके फाये भें जो ऺमारात फना लरए थे, उन्शीॊ भें डफा खुद भैं फेळक कुछ वस् ु त वा था।
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ऩय गुरळन तो गुरळन शी था। अऩने ऩरयचित अॊदाज़ भें फोरा – “अफे ओ कशानीकाय, क्मा वोि यशा शै ? वुन, तेये फाये भें भैंने वोिा तो ऩामा कक त बफरकुर कन्लेंळनर कशानीकाय शी शै । त भेये फाये भें ऩशरे लरखेगा, औयों वे वराश रेगा औय कपय फताएगा। ऩय वुन, भेये वाथ जो अफ तक शुआ उवे भैं नॉभगरी औय फिे ऩॉज़ज़हटल ढॊ ग वे रेता शॉ। भैं जफ वऩछरे लाकमों को एक वाइकॉरॉज़जस्ट की तयश वोिता शॉ तो भुझे रगता शै लश ळामद उव रिके की बाबी का अधयाऩन था, उवकी अऩनी अधयी इच्छाएॊ थीॊ, ज़जवे लो भेये ज़रयमे आवानी वे औय बफना ककवी ऺतये के ऩयी कयती यशी। उवभें कुछ बी फुया नशीॊ था। उवने भेया एक्स्प्रॉइटे ळन नशीॊ ककमा। दयअवर भैं बी इॊटये स्टे ड तो था शी। उव लक़्त भुझे वफ कुछ नमा नमा औय अच्छा रग यशा था। चगन्नी भें अल्शि जलानी का जोळ, वैक्व के फाये जानने की जल्दी औय एक्वप्रोये ळन की उत्वक ु ता थी, ळामद जैवे ऩशरे स्कर के हदनों भें भेयी थी। इवीलरए उवने लवफग भुझे दे खा औय रऩेट लरमा। भेया ऺमार शै उवको इववे फेशतय औय बयऩय वफक औय एक्वऩीरयएॊव ळामद नशीॊ लभर वकता था। उववे बी भझ ु को कोई लळकामत नशीॊ शै । ज़जन हदनों भाॉ की मादों के अराला भुझे कुछ औय वझता शी नशीॊ था औय भैं उवी के फाये भें वोि कय ऻभगीन यशता था तफ भेये लरए बी मश अच्छा शी िें ज यशा। औय मे जो अनाभ रेडी शै , फेिायी ऩये ळान शै औय ज़रूयतभॊद शै । इवने भुझको शी अऩनी ळायीरयक आलश्मताओॊ के लरमा िुना। ज़जतनी अल्शि, यॉ, औय वख़्त चगन्नी थी, उतनी शी कोभर, नाज़ुक औय रयफाइॊड मश अनाभ शै । लश ककवी तयश का अशवान नशीॊ रेना िाशती। ऩयी तयश अच्छे प्रोफेळनर की तयश बफशे ल कय यशी शै । भैंने इव फात का ज़ज़क्र तेये अराला ककवी वे नशीॊ ककमा औय भैं बी इव फात को कॉज़न्फडेंलळमर शी यखॊगा। अच्छे बफज़नव का मशी उवर शै ।” भौंयया मो
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भुझे अिानक खुळी शुई कक गुरळन ऩये ळान नशीॊ था, जैवा कक भैं वोि यशा था। भैंने ऩछा – “तो? आगे क्मा वलिाय शै?” उवने कशा - “शभाये वभाज भें, रयश्तों भें, बफज़नव भें, मशाॉ तक कक नेिय भें बी, शय जगश एक शी वशी हामदा शोता शै – चगल एॊड टे क। आई चगल म एॊड म चगल भी। ळामद फयाफयी के रयरेळॊव इवी भें फने यशते शैं। रैलर प्रे ग्राउॊ ड। हशॊदस् ु तान भें कई तयश के बफज़नव शैं ऩय अभैरयका औय मोयऩ की तयश औयतों के लरए एस्कॉटग ववलगव के फाये भें भैंने ज़्मादा नशीॊ वुना। अफ भैं वीरयमरवी वोि यशा शॉ कक प्रॉपेळनरी, एक बफज़नव की तयश, भैं उनके लरए एस्कॉटग ववलगव ळरू ु कय दॊ । ऐवी फ़्रस्रे टेड यईवज़ादी ळामद मश „अनाभ‟ अकेरी शी नशीॊ शोगी जो ककवी के वाथ कोई भीननॊगफुर, मा उनके हशवाफ वे भीननॊगरैव, रयश्ता नशीॊ फनाना िाशती शैं औय गभ ु नाभी के वाथ अऩनी ज़जस्भानी रयक्लामयभेंट्व को बफना ककवी चगल्ट कॉम्प्रैक्व के ऩया कयती शैं। फिी वीधी वी कफरॉवफी शै नोफडी ओव्व एनीचथॊग टु एनीफडी। नो इभोळनर इन्लॉल्लभेंट। फोर, क्मा कशता शै ?” भुझको एक फाय कपय झटका रगा। उवकी वोि की नैनतकता, उवके प्रोफैळन की रीगैलरटी कुछ बी शो, लश कुछ अरग शी कयता था। भेयी नज़यों भें स्कर के हदनों भें गुरळन भुझे शभेळा शीयो नज़य आता था – नामक! भैं लवफग स्तब्ध था। अफ अॊदय शी अॊदय विभुि भेये हदर के ककवी हशस्वे वे आलाज़ ननकर यशी थी – भशानामक! **** भौंयया मो
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ऱच्छो भ़ुआ रच्छो बुआ कई हदनों वे फीभाय थीॊ। अफ फुढ़ाऩे नाभ की फीभायी का फोझा ढोते ढोते अगय ननभोननमा बी शो जामे तो तकरीफ ज़्मादा शो शी जाती शै । अक्वय नीभ फेशोळी की शारत भें बी िौयावी फयव की बुआ ऺाभोळी भें लरऩटी फीि फीि भें भुस्कुयाती शैं। तफ काफी दे य तक उनके शोंठ पैरे यशते शैं। इव शारत भें शी कबी कबी फशकी फशकी वी फातें कयती शैं। कबी शॉवते शुए शाथ हशरा कय ऐवा झटका दे ती शैं, जैवे कोई िीज़ फेंक यशी शों। कबी शोंठ लवकोि कय वुफकने रगती शैं। ऩता नशीॊ क्मा वोि यशी शोती शैं, ककव ख़्लाफ भें खोई शोती शैं। ऐवा दव हदन वे शो यशा शै । दला का लक़्त शो तफ बी कुछ वोि कय कोई उनको ख़्लाफ के आगोळ वे फाशय नशीॊ खीॊिता उव वभम। ऩय अफ कुछ ज़्मादा शी दे य शो गई थी।
“बुआ, जाग यशी शो? थोिा भुॊश खोरो, मे दला रे रो” – गोभती ने कशा।
बुआ फेवुधी की शारत भें शी थोिा भुस्कुयाईं औय कुछ वभझ कय थोिी दे य फाद उन्शोंने भॊश ु खोरा। गोभती ने िम्भि की दला भॊश ु भें उॊ डेर दी। बुआ ने आॉखे फॊद ककमे शी थोिा भश ुॊ फनामा औय कपय आयाभ भशवव कयने रगीॊ।
“कौन, गोभती?”
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वऩछरे कुछ हदनों वे उनकी फिी बतीजी गोभती शी उनका ख्मार यख यशी थी।
“शाॉ, अफ थोिा आयाभ कय रो बुआ” – गोभती ने कशा औय जल्दी वे यवोई भें िरी गई।
बुआ आयाभ शी तो कय यशी शैं वऩछरे दव हदनों वे। ऩुयानी शड्ड़डमाॊ ऩता नशीॊ कैवे इतनी भजफत शोती थीॊ। ज़ज़ॊदगी के ज़जतने बी वारों की ऩयतें अफ तक उन्शोंने अऩने ऊऩय ओढ़ी शैं, ले वफ लभर कय अफ तक काफी भोटी औय बायी शो िक ु ी शैं औय उन्शोंने अनुबल का नाभ अज़ख़्तमाय कय लरमा शै । उतने फोझ को उतने शी वारों वे उठाते उठाते अच्छी भळक्कत शो जाने का ळामद मश नतीजा शै । वाया घय बुआ के इदग चगदग यशा कयता शै । वशी मश शै कक बुआ शी शभेळा घय भें यशा कयती शैं औय वफ का ध्मान यखती शैं। अगय कोई िौयावी की उम्र ऩाय कयने के फाद बी घय का शय काभ कय यशा शो तो लश वफकी ज़रूयत फना यशता शै । कोई भेशभान आमे तो बआ ु औय ज़्मादा भशत्लऩणग शो जाती शैं, ऺावतौय वे वफ के लरए िाम नाश्ता रगाने के लरए। भेशभान भुस्कुया कय वम्भान के वाथ नभस्ते कय रे, तो उनकी वायी थकान उिनछ शो जाती शै औय ले अऩने झयु ीलारे िेशये ऩय भुस्कान राकय ऻभगजोळी वे आळीलागद दे ती शैं। घय के वफ रोग कशते शैं – “बुआ ने शी शभायी ऩयलरयळ की शै । ले न शों तो घय का काभ शी नशीॊ िर वकता। वफ कुछ बआ ु ने शी तो वम्शार यखा शै ।” फव, ऐवे ळब्द शी बुआ को घय की िक्की भें घुन की तयश ऩीवते यशने के लरए काफी शोते शैं, मश वफ जानते शैं। इवीलरए बुआ के लरए शये क के ऩाव तायीफ के ळब्द बयऩय शैं। भौंयया मो
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घय बी अफ ककतना बयाऩया शो गमा था। ऩशरे तो बाई के आठ फच्िे, कपय फच्िों के फच्िे औय अफ कुछ उनके बी फच्िे। फव, बतीज़जमाॉ ळादी कयके ववयु ार िरी गमीॊ। ऩय तफ बी बआ ु उनकी ज़रूयत फनी यशीॊ। लरशाज़ा बुआ शी एक-एक दो-दो भशीने ळुरू भें औय कपय जफ जफ बी उनकी ज़रूयत शो तफ उनके ववुयार यश कय आती थीॊ। वबी धीये धीये बआ ु की ज़ज़म्भेदायी फन गए। ळामद खद ु बआ ु ने शी मश ज़ज़म्भेदायी रे री। जफ कबी घय के काभकाज वे ननफट कय थोिा वुस्ताने के लरए फैठीॊ नशीॊ कक ककवी न ककवी नाती ऩोते की फीली आकय अऩना फच्िा उनकी गोद भें डार जाती शै । कबी कोई फाशय जाते लक़्त अऩनी घिी मा कोई औय िीज़ ऩकिा जाता शै – “बुआ ज़या मे यख रो, लाऩव आकय रे रॊगी”। कबी बआ ु खुद शी फुदफुदाने रगती शैं – “मे ळोबा बी ककतनी राऩयलाश शै , अऩनी वािी मशाॉ कैवे ऩटक गई” औय कपय उवको तश कयके अरभायी भें यख दे ती शैं। कबी स्कर के लरए तैमाय शोता फफर चिल्रा कय ऩछता शै – “बुआ ककतने फज गए?” कबी कोई फश अऩने योते फच्िे को उनकी गोद भें डार कय प्माय बये स्लय भें कशती शै – “बुआ मे आऩके लरए यो यशा शै ”, औय बुआ उवको िुऩ कयाने रगती शैं – “िुऩ शो जा, दे ख िीर िीर चिल्राती जाम, िीर का फच्िा योता जाम, कौला ढोर फजाता जाम, चिड़िमा भॊगर गाती जाम।” औय उवे गोद भें रे कय शाथों वे झर ु ाने रगती शैं। ऩय उनको मश वफ बी अच्छा रगने की आदत शो गई शै । उनको अफ शय िीज़ की आदत शो गमी शै । वफवे ऩशरे जो िीज़ उनको वीखनी ऩिी लश आदत शी थी। आभ रोग तो रगाताय कोई काभ कयते यशें तफ उन्शें
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उवकी आदत शो जाती शै , ऩय बआ ु ने आदतें शोजाने की आदत ऩशरे वीखी औय कपय उन्शीॊ आदतों भें लरऩटी शुई वफ काभ कयने रगीॊ। बआ ु ने अफ तक वायी जादईु ळज़क्तमाॊ शालवर कय रीॊ। ले कबी झरा फन जातीॊ, कबी आरभायी, कबी रोयी, कबी इस्िी, कबी दाई, कबी दाई भाॉ, कबी घिी, कबी यवोइमा, औय शभेळा शी बुआ तो ज़रूय यशतीॊ। ******** शभ वभम के वऩाट, लीयान यास्ते वे िरते शुए ऩिशत्तय वार ऩशरे एक हस्फे भें रौटते शैं जशाॉ ककवी एक घय भें खुळी का भाशौर दभक यशा था। बुआ का नाभ रच्छो था मश तो रोग जानते थे ऩय रच्छो का नाभ रक्ष्भी था, मश ळामद शी कोई जानता था। वफ प्माय वे तफ उवे रच्छो शी फुराते थे। रऩक झऩक कयती लश मशाॉ वे लशाॉ, इव घय वे उव घय फनतमाती यशती थी। जैवे ऩेिों ऩय पुदकती चिड़िमों ने उववे शी िशिशाना औय दय ऩशािी ऩय उछरते भेभनों ने उवी वे भस्ती भें कदना पाॊदना वीखा था। फयवात के हदनों भें जफ ऩाव का नारा „नदी‟ की ळक्र रे रेता था, तफ लश िम्ऩा औय दवयी वशे लरमों के वाथ काऻज़ की नाल फना कय अऩनी काल्ऩननक वशे लरमों को वन्दे ळ लबजलाती थी। तफ वफ कुछ शया शया हदखाई दे ता था औय जॊगरी घाव बी फाऻ भें उगी दफ की तयश रगती थी ज़जव ऩय रोट रोट कय लश भेभनों के वाथ खेरती थी। लवॊत के भौवभ भें जफ ठॊ डी ठॊ डी फमाय िरती थी, अऩने फाफा के लरए पर िुनते वभम लश उनको ऊऩय उछार उछार कय शॉवती थी औय शला को भात दे कय वयवयाती शुई पर के ज़भीन ऩय चगयने के ऩशरे शी उवे रऩकने लशाॊ ऩशुॉि जाती थी। जीलनरार वे अफ उवी आठ फयव की रच्छो की ळादी शोने लारी थी। जीलन बरे शी तीव फयव के शो गए शों, ऩय उनके ऩाव अऩना ऩक्का घय भौंयया मो
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था, ककवी वयकायी भशकभे भें नौकयी कयते थे औय दे खने बारने भें अच्छे रगते थे। उनकी ऩशरी फीली नशीॊ यशी थी ऩय कपय बी कई फयव तक उन्शोंने दफ ु ाया ळादी नशीॊ की। उिती उिती अफलाश बी थी कक जीलनरार को कई वारों वे टीफी थी औय उनके पेंपिे खयाफ शो िुके थे। शाराॉकक ले कई फाय गोलरमाॉ खाते थे, ऩय वफको ले मशी कशते थे कक डॉक्टय ने खाॊवी की दलाई फताई शै जो ले रे यशे शैं। ऩय उनके िेशये की दभक को दे ख कय ककवी को ऐवा नशीॊ रगता था कक उनको कोई फीभायी शो वकती शै औय इवीलरए वफ इवे केलर अफलाश शी वभझते थे। रच्छो को उवके वऩताजी फेशद प्माय कयते थे औय ले िाशते थे कक अऩनी ज़ज़ॊदगी भें लश शभेळा खळ ु यशे । इवीलरए उम्र भें इतना फकग शोने ऩय बी उन्शोंने खाते कभाते जीलनरार को शी रच्छो के लरए िुना। ळामद उन हदनों ककवी बी „अच्छे ‟ लय को शालवर कयने के लरए उम्र का अॊतय कोई खाव भामने नशीॊ यखता था। रच्छो तो लवफग इव फात वे शी खळ ु थी कक अफ उवकी बी ळादी शो यशी शै । उवने ककतनी फाय अऩनी „बफहटमा‟ गुड़िमा का ब्माश कबी वशेरी िम्ऩा के „फेटे‟ वे ककमा था, कबी गुन्नो के गुड्डे वे, औय कबी फल्री के इकरौते रािरे वे। उवने तफ शय फाय अऩनी वफ वशे लरमों को „लभठाई‟ भें रेभनिव की गोलरमाॉ खखराई थीॊ। उन हदनों ककतना अच्छा रगा कयता था। लश अऩनी प्मायी गुड़िमा के लरए कशीॊ कशीॊ वे जुगाि कयके गोटे के कऩिे राती थी औय खुद उवके लरए „वाड़िमाॊ‟ औय जम्ऩय फनाती थी। िम्ऩा, गन् ु नो औय फल्री, वबी ककतनी खुळ यशती थीॊ औय ळादी अच्छी तयश कयने के लरए एक दवये को वराश हदमा कयती थीॊ। अफ तो खद ु उवी की ळादी शोने लारी थी। िाय फयव ऩशरे िम्ऩा की ळादी शुई थी। बरे शी लो उववे तीन फयव फिी थी, ऩय इव वार जफ लश ऩशरी फाय अऩने ववुयार गई तफ ककतनी खळ ु भौंयया मो
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थी। उवके लरए ककतनी वायी नई नई वाड़िमाॊ ऺयीदी गई थीॊ, औय लो वुनशये फटों लारी गोटे की रार वािी तो ककतनी वुन्दय थी। िम्ऩा के वाथ लश अकेरे भें उवी वािी के फाये भें फात ककमा कयती थी। िम्ऩा के घय ऩय फशुत वाये रोग इकट्ठा शुए थे, ककतनी लभठाइमाॊ फनी थीॊ, वजधज कय उवके ववुयार वे फशुत वी औयतें आई थीॊ औय िम्ऩा का दल्शा रुऩशरी अिकन औय वाफे भें ककतना वुन्दय रग यशा था। िम्ऩा ने उवे तफ बरे शी नशीॊ दे खा शो, ऩय रच्छो ने तो दे खा था लश ककतना जॉि यशा था। कपय अॊदय जाकय उवने िम्ऩा को मश फतामा था औय लश रजा कय ककतनी खळ ु शुई थी। तफ भन शी भन रच्छो बी अऩने बाली दल्शे के फाये भें वोि वोि कय खळ ु शुआ कयती थी। ऩुयाने ऺमारात औय ऩायॊ ऩरयक यशन वशन लारे आभ घय भें रच्छो ने शोळ वम्शारा था। रच्छो की भाॉ जल्दी शी गुज़य गई थी। रयश्ते की बुआओॊ औय भौलवमों ने शी िम्ऩा की दे खबार की थी। वफ उवको प्माय कयती थीॊ औय उवकी ळादी के लरए ले वफ शी लभरजुर कय तैमायी कय यशी थीॊ। रच्छो का बाई भोशन उववे ऩाॊि फयव फिा था, स्कर जाता था औय वॊगीत वीखता था। उवे बी खुळी थी कक घय भें यौनक वी फनी यशती शै औय काफी शरिर यशती शै । वऩताजी ऩाठ ऩजा कयते थे औय लशी उनका ऩेळा था। ळौककमा ले ळास्िीम वॊगीत का बी रयमाज़ कयते थे औय भोशन औय रच्छो को जफ कबी लशाॉ ककवी फिे गामक का प्रोग्राभ शोता था तो वाथ रे जाते थे। दोनों को वॊगीत का थोिा थोिा सान शोने रगा था। रच्छो तो ढोरक ऩय अच्छी खावी वॊगत बी कयने रग गई थी। बरे आदभी के रूऩ भें ऩॊड़डतजी का आवऩिौव भें काफी नाभ था औय रोग उनकी इज़्ज़त कयते थे। रेककन ऩजा ऩाठ वे फव इतना शी शो ऩाता था कक घय-चगयस्ती ककवी तयश िर जामे औय शो वके तो फेटी की ळादी के भौंयया मो
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लरए िाय ऩैवे जभा शो जाएॉ। फीली के गुज़य जाने के फाद जैवे फुढ़ाऩे ने उन्शें दफोि लरमा था। उन्शें बी रगने रगा था फेटी का ब्माश जल्दी शी ननफट जामे तो अच्छा शो, ऩता नशीॊ उनको कफ क्मा शो जाम। फेटा बी अबी छोटा शी था औय आगे ऩीछे ऐवा कुछ बी नशीॊ था कक ज़जवके फरफते ऩय फाद भें ले रोग ठीक तयश यश बी ऩाएॊ। कपय ककवने दे खा फेटे की फश कैवी शो, फेटे का हदभाऻ कैवी ऩरटी भाये औय रच्छो का क्मा शो! औय जफ एक हदन ऩॊड़डतजी ने रच्छो को फतामा कक उवका ब्माश जीलनरार वे तम कय हदमा गमा शै , तफ लश ळभाग गमी थी औय कभये वे बाग ननकरी थी। लैवे शी जैवे िम्ऩा ने ककमा था जफ उवको अऩनी ळादी के फाये भें ऩता िरा था। िम्ऩा वबी फातें रच्छो को फतामा कयती थी। लश जानती थी अगय ळादी की फात शो तो रिकी को ळभागना िाहशए। तफ के फाद लश जीलनरार के फाये भें शी कल्ऩनाएॉ ककमा कयती थी। उनकी बफयादयी भें ळादी वे ऩशरे रिकी अऩने शोने लारे दल्शे को दे ख बी नशीॊ वकती थी। लश ज़भाना शी ळामद ऐवा था, उवकी ककवी बुआ मा भौवी ने बी अऩने ऩनत को ळादी वे ऩशरे नशीॊ दे खा था। लश वोिती थी क्मा उवके शोने लारे ऩनत कबी ळादी वे ऩशरे घय ऩय आमेंगे ताकक लश उन्शें दे ख ऩाए मा कबी आते जाते वऩताजी शी उनको हदखा दें । ले कैवे शोंगे, रॊफ,े छोटे , गोये चिट्टे मा वाॊलरे, वफेद अिकन वाफे भें ले िम्ऩा के दल्शे की तयश शी हदखते शोंगे क्मा, औय न जाने क्मा क्मा। रच्छो ने अऩने दल्शे की अऩने हशवाफ वे शी कोई छवल फना री थी औय लश उवी को दे ख वोि कय खळ ु यशती थी। िम्ऩा उवे वािी ऩशनना बी लवखा यशी थी, शाराॉकक वफ वाड़िमाॊ उवके फदन के हशवाफ वे फिी ऩिती थीॊ। वािी की िौिाई कभ कयने के लरए ऩशरे तो उवे थोिा वा भोिना ऩिता था वो कभय के ऩाव लश लैवे शी भोटी शो जाती थी औय जफ लश भौंयया मो
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ऩटलरमाॉ फना कय आगे खोंवती थी तो एक गट्ठय वा फन जाता था। ऩय िम्ऩा ने कशा था ऐवा उवकी रम्फाई की वबी रिककमों के वाथ शोता था। वऩताजी औय भौलवमों ने अरग अरग यॊ गों की कई अच्छी वाड़िमाॊ ऺयीदी थीॊ, ऩय ळादी लारे हदन ऩशनने के लरए जो गोटे के फेर-फटों लारी िटक रार औय शये यॊ ग की वािी झम् ु भा बुआ ने ऺयीदी थी लो उवे वफवे ज़्मादा ऩवॊद आई थी औय रच्छो ने उव हदन इवे ऩशनने के इॊतज़ाय भें तफ तक के फाकी हदन फिी फेवब्री वे काटे थे। औय कपय लश हदन आ शी गमा। जात बफयादयी लारों की बीि जभा शो गमी थी। रिककमाॊ औय औयतें रच्छो के वाथ िश ु रफाज़ी कय यशी थीॊ औय लश ळभाग कय फाय फाय अऩना भुॊश ढाॉऩ यशी थी। अऩनी भनऩवॊद रार शयी वािी ऩशन कय रच्छो फेशद खुळ थी। भदग रोग फायानतमों के स्लागत के लरए फिी शुई तैमारयमाॊ कय यशे थे। वऩछलािे भें शरलाइमों ने लभठाइमों भें फॊदी के रड्ड औय भोशनथार औय नभकीन भें फेवन के वेल तो ऩशरे शी फना लरए थे, अफ फायात के आने के फाद ताज़ा ळाक ऩिी फन कय तैमाय शो जाएॊगे। कुछ रोग फायात का स्लागत कयने के लरए भाराएॊ लरए द्लाय ऩय भौजद थे औय औयतें अळोक औय आभ के ऩत्तों के वाथ ऩानी वे बये शुए छोटे करळ रेकय। दय वे ळशनाई की आलाज़ वुनाई दी औय कपय गरे भें नगािे रटकाए दो नगाििी हदखाई हदए जो कुछ फायानतमों औय उनके फीि िर यशी घोिी के आगे आगे भाॊड भें कोई धुन फजाते शुए आ यशे थे। वन ु शयी अिकन भें वफेद घोिी ऩय फैठे जीलनरार वाफा औय तुयाग फाॊधे विभुि जॊि यशे थे। उनके गरे भें वफेद औय रार यॊ ग की कई तयश की भाराएॊ थीॊ औय वाफे ऩय फहढ़मा परों का वेशया था ज़जवकी रिें इतनी रॊफी रटक यशी थीॊ कक उनका ऩया िेशया शी उनवे ढॉ क गमा था। फीि फीि भें ले रिों को शाथ वे थोिा खखवका कय वाभने दे ख भौंयया मो
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लरमा कयते थे। उनके ऩीछे एक वजी धजी फग्घी थी ज़जवभें बी एक वफेद घोिा जुता शुआ था। फग्घी भें कुछ फच्िे औय एक दो फुज़ुगग फैठे हदखाई दे यशे थे। उवके ऩीछे फाकी फायाती िर यशे थे। कई फयवों फाद कस्फे लारों ने ऐवी ळानदाय फायात दे खी थी। ऩय खुद रच्छो अऩनी फायात नशीॊ दे ख वकती थी। मश अऩळकुन शोता। द्लायिाय के फाद फायानतमों वे नघये शुए जीलनरार भॊडऩ तक आमे जशाॉ उन्शें भान वहशत एक ऩीरे कऩिे वे वजे ऩट्टे ऩय फैठामा गमा। ऩयम्ऩया के अनुवाय उनके वाभने रार कऩिे का अन्त्ऩट खीॊि लरमा गमा था ज़जवके एक लवये को रच्छो का फिा बाई भोशन ऩकिे शुए था औय दवया बफन्न िािा। अन्त्ऩट के दवयी ओय ऩीरे कऩिे वे ढॉ का दवया ऩट्टा था ज़जव ऩय रच्छो फैठेगी। ळुब भुशतग के आने तक फायाती औय घय के रोग ज़जन्शें वॊस्कृत भें ळुबकाभनाओॊ के ऩद्म, आळीलागद के श्रोक, दे ली दे लताओॊ की आयाधना के भन्ि लगैयश आते शैं ले फोरते यशें गे। ऐन भुशतग के वभम ऩॊड़डत के इळाये के वाथ शी अन्त्ऩट शटा लरमा जाएगा औय जीलनरार औय रच्छो एक दवये ऩय ऩीरे िाॊलर डारेंगे। मशी ऩशरा भौहा शोता शै जफ लय लध एक दवये की एक झरक दे ख वकते शैं। ळभागती वकुिाती शुई रच्छो को झम् ु भा बुआ औय िम्ऩा भॊडऩ तक रे कय आईं औय उवे ऩीरे िाॊलर शाथ भें दे कय ऩट्टे ऩय फैठा हदमा गमा। उवे वभझा हदमा गमा था कक अन्त्ऩट के शटने के तुयॊत फाद ऩशरे दल्शा मा दल् ु शन जो दवये ऩय िाॊलर डारे, घय ऩय उवी का याज िरता शै । रच्छो अफ फेवब्री वे उव वभम का इॊतज़ाय कय यशी थी। उवे वलश्लाव था, लशी याज कये गी। श्रोक फोरने का कामगक्रभ ळुरू शो गमा था। कुछ रोग जो वॊस्कृत जानते थे ले उनकी वयाशना कय यशे थे, कुछ वभझने
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का हदखाला कय यशे थे औय ज़जन रोगों को कुछ वभझ भें नशीॊ आ यशा था, ले ऩीछे भस्ती भें फैठे आऩव भें गऩळऩ कय यशे थे। तबी अिानक जीलनरार को खन की उरटी शुई। मश दे खते शी बफन्न िािा जो अन्त्ऩट का एक लवया ऩकिे खिे थे फुयी तयश घफया गए औय उनके शाथ वे अन्त्ऩट छट गमा। अन्त्ऩट के चगयते शी बफना कुछ वभझे रच्छो ने अऩने शाथ के ऩीरे िाॊलर तयु ॊ त जीलनरार ऩय पेंक हदए। उनका िेशया अफ बी परों के वेशये वे ढॉ का शुआ था। ले रुढ़कने रगे थे। उनको रुढ़कता दे ख घफयाशट भें रच्छो की भुट्ठी कपय फॊद शो गई औय फिे िाॊलर भट् ु ठी भें शी यश गए। इव फीि ऩॊड़डत जी, बफन्न िािा औय फायानतमों भें वे कुछ ने जल्दी वे जीलनरार को उठामा औय वशाया दे ते शुए ककवी तयश फाशय तक रामे। ले नीभ फेशोळी की शारत भें फुयी तयश रिखिा यशे थे। अन्त्ऩट के आवऩाव खन बफखया शुआ था औय शय तयफ अफया-तफयी भि गई थी। वौबाग्म वे जो फग्घी फायात के वाथ आई थी लश अबी रौटने की तैमायी कय शी यशी थी। जीलनरार को उवी फग्घी भें फैठामा गमा औय कुछ रोग उनको वशाया दे ने औय चगयने वे योकने के लरए उवी भें फैठ गए। फग्घी भुि कय तेज़ी वे अस्ऩतार की ओय दौि गई। घय भें वफ रोग पक्क िेशया लरए ककवी वराश मा आदे ळ के इॊतज़ाय भें बौंिक्के वे एक दवये की तयफ दे ख यशे थे। रच्छो अबी बी उवी ऩट्टे ऩय फैठी थी। उवने अऩनी भुट्ठी भें फिे शुए िाॊलर दे खे। उवे वलश्लाव था, उवने ऩीरे िाॊलर ऩशरे पेंके थे औय अफ लश जफ ववयु ार जाएगी लशी घय ऩय याज कये गी। अगरे दो हदनों तक ऩॊड़डत जी वफ ु श वे अस्ऩतार के लरए ननकर जाते थे औय ळाभ के धुॊधरके के फाद शी रौटते। जीलनरार की तबफमत बफगिती शी गई औय तीवये हदन डॉक्टयों ने उनके भत ृ ळयीय को घय रे भौंयया मो
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जाने के लरए कश हदमा। ऩॊड़डत जी ऩयी तयश टट गए। वदभे वे उनकी ज़ुफान औय आधे अॊग ऩय रकला ऩि गमा। रच्छो को तो ऩता शी नशीॊ िर यशा था आखखय शो क्मा यशा शै । शये क की आॊखें तो वजी शुई रग यशी थीॊ ऩय रच्छो के वाभने कोई योता नशीॊ हदखाई दे ता था। लश वोिती थी क्मों झम् ु भा बुआ ने खुद शी अऩनी दी शुई रार वािी लाऩव रे री औय उवके शाथ वे वायी िड़िमाॉ बी उतयला दीॊ। अऩनी ळादी के लरए लभरी ज़जन यॊ ग बफयॊ गी वाड़िमों ऩय खुळी वे शय योज़ रच्छो शाथ पेय आती थी, ले बी ऩता नशीॊ कशाॉ िरी गई थीॊ। वलभरा भौवी ने उवे अफ वे लवफग कारी फोडगय लारी वफेद वािी शी ऩशनने के लरए कशा। उवे कशा गमा जीलनरार नशीॊ यशे औय अफ उनकी वलधला के रूऩ भें लश न यॊ गीन वािी ऩशनेगी औय न कबी उनके घय शी जाएगी। रच्छो फव खारी खारी बालळन्म आॉखों वे वफ दे खती थी, जो कुछ कशता था उवे वुन रेती थी औय शतप्रब वी फैठी यशती थी। उवे फायश हदन का वोग भनाना था। अबी तक बी लश इव शादवे की गॊबीयता को नशीॊ वभझ ऩा यशी थी। घय के वफ रोगों का अगरा एक भशीना बफस्तय ऩय ऩिे ऩॊड़डतजी को वम्शारने भें शी गमा, ऩय गुभवुभ वे ऩॊड़डतजी उव वदभे वे फाशय नशीॊ आ ऩाए औय एक हदन रािायी औय षभामािना की भुरा भें रच्छो की तयफ दे खते शुए उन्शोंने शभेळा के लरए आॉखें फॊद कय रीॊ। लक़्त अऩनी उवी गनत वे िरता यशता शै जो उवने अयफों लऴग ऩशरे ऩैदा शोते वभम अऩने लरए ननधागरयत की थी क्मोंकक उवे शी वाये ब्रह्भाण्ड को ननमॊबित कयना शोता शै । जफ आकाळ-गॊगाएॊ, ग्रश, नषि, ताये तक बी उवी के अनव ु ाय िरते शैं, तो ऩॊड़डत जी का घय बरा कैवे वभम के ज़स्थयऩाळ भें फॊध कय रुका यश वकता था। लश बी थऩेिों के वाथ फशता गमा। ज़जन रोगों को „भशान‟ फनने का ळौक शोता शै ले „दखु खमों‟ के उन भौंयया मो
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कभज़ोय षणों की तराळ भें यशते शैं जफ ले उनको „वाॊत्लना‟ दे वकें। रच्छो को बी रोग ळामद लैवे शी दे खना िाशते थे। ऩय उवके भन भें क्मा िर यशा शोता था मश कबी कोई नशीॊ जान ऩामा, न ळामद ककवी ने जानने की कोलळळ शी की। फज़ल्क खुद उवने शी अऩने भन की फात अऩने हदर के गशये वखे अॊधे कुएॉ भें दफना दी थी। िम्ऩा तक वे लश खुर कय फात नशीॊ कयती थी। उव शादवे के फाद एक फाय िम्ऩा ने उववे ऩछ लरमा था कैवे रगते थे जीलनरार? रच्छो उवको केलर मशी फतरा वकी कक उन्शोंने वुनशयी अिकन ऩशनी थी औय उनका िेशया वेशये की भाराओॊ वे ढॊ का था। अॊदय शी अॊदय तफ अिानक उवका रृदम छरनी छरनी शो गमा था कक उवने अऩने ऩनत की एक झरक तक बी नशीॊ दे खी! वफ कुछ अफ बी ऩशे री की तयश शी अनवुरझा रग यशा था। उवके जीलन का ढयाग इव शादवे वे ऐवे ताय ताय शो कय बफखय गमा कक उवका कोई लवया बी हदखाई नशीॊ दे यशा था। उवकी ले वफ यॊ गीन वाड़िमाॊ, वाज-लवॊगाय का वाभान, शॊ वी-खुळी, उछर कद औय वाये वऩने एक शी झटके वे नछतय कय ऩता नशीॊ कशाॉ िरे गए औय उवके शाथ भें लवफग एक भोटे वे कऩिे की वफेद वािी थभा गए, ज़जवे बी ऩशनना अबी उवे ऩयी तयश नशीॊ आता था। जो कुछ लश कय यशी थी लश थी खन-खच्िय शुए अऩने हतया हतया रृदम को लवफग कपय वे जोिने की कोलळळ। औय उवके फाद वे जैवे िुप्ऩी ने उवकी वायी ळब्दालरी को रीर लरमा था। लश लवफग अऩने आऩ को खुळ हदखाने का बयभ शी ऩैदा कयती यशी। ऩाॊि फयव फाद भोशन की ळादी तम शो गमी औय एक फाय कपय वे घय भें खळ ु ी का भाशौर हदखाई हदमा। रच्छो अिानक शी फिी औय गॊबीय शो गमी थी। अऩने बाई की ळादी ऩय उवकी ज़ज़म्भेदायी अन्म औयतों वे भौंयया मो
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ज़्मादा थी औय इवे लो फखफी जानती थी। भोशन की ज़जव रिकी वे ळादी शोने लारी थी उवका नाभ िॊरा था। लश गोयीचिट्टी औय खफवयत थी। ळादी के लक़्त रच्छो की तयश लश छोटी नशीॊ थी औय ऩन्रश को ऩाय कय िुकी थी। घय भें उवी की ििाग शुआ कयती थी। भोशन बी परा नशीॊ वभा यशा था। भैहरक कयने के फाद उवको वयकायी नौकयी बी लभर गई थी वो अरग। अऩने अॊदय के अधये ऩन की धध ुॊ को रच्छो अऩनी ज़ज़म्भेदारयमों को अॊजाभ दे ने औय आने लारे खळ ु ी के भौके को रेकय घय की व्मस्तता की खखिकी वे छाॉटने की कोलळळ कय यशी थी। भोशन ळादी के फाद िॊरा के वाथ फिे ळशय भें आगमा जशाॉ उवका तफादरा शो गमा था। अफ भोशन का शी उत्तयदानमत्ल शो गई थी रच्छो, लरशाज़ा उवे बी ळशय भें शी आना ऩिा, शाराॉकक उवे रगता था ळशय भें उवे मशाॉ वे ज़्मादा भानलवक ऩीिा शोगी। उवका डय फेफुननमाद नशीॊ था। दफ़्तय वे रौटने के फाद भोशन तो िॊरा के वाथ कभये भें शी फॊद यशता था। रच्छो शी उनके लरए खाना लरए इॊतज़ाय कयती थी। जफ ळभागती शुई िॊरा कभये वे फाशय ननकरती थी, तफ एकफायगी रच्छो के शोंठ बी भुस्कुयाशट भें थोिे पैर जाते थे। लश िॊरा के िेशये ऩय कशाननमाॊ ऩढ़ने रगती औय खुद ककवी अनजाने गशये नतलरस्भी गतग भें उतयने रगती। ऩय उवे लश वफ फेभानी रगा औय उवने अऩने आऩको ननमनत के आगे वभवऩगत कय हदमा। उवके फाद वे िॊरा जफ बी भोशन के ऩाव जाने के लरए इधय उधय दे ख कय िऩ ु िाऩ कभये भें दाखखर शोती थी, यवोई वे रच्छो लवफग भुस्कुयाती यशती थी। अऩना भन भवोव कय लश कपय काभ भें जुट जाती। अऩने ळयीय भें शो यशे फदराल को बर कय लश अफ िॊरा की हदन-फ-हदन ननखयती वॊद ु यता को दे ख कय शी खळ ु शोने रगी थी। अफ लश भन शी भन कबी कबी िॊरा बी फनती थी। भौंयया मो
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भोशन के कभये वे कबी कबी शायभोननमभ ऩय रयमाज़ कयने की आलाज़ वुनाई दे ती औय िॊरा का वाथ दे ता स्लय बी। िॊरा बी वॊगीत वीखने रगी थी। रच्छो तफ भन शी भन ढोरक ऩय वॊगत कयती। धीये धीये रच्छो ने खुद को बर कय ऩयी तयश अऩने आऩ को वभम के शलारे कय हदमा था। अऩनी तयफ वे वोिने के लरए उवके ऩाव ज़्मादा कुछ फिा शी नशीॊ था। औय कपय वफ वे ऩशरे िॊरा ने ळामद रच्छो को शी „ऺळ ु ऺफयी‟ दी थी। रच्छो अफ बुआ फन गई थी। जफ िॊरा ने नन्शीॊ वी गड़ु िमा को जन्भ हदमा, रच्छो शी उवका ऩया ध्मान यखने रगी थी। िॊरा की इव फाफत कफक्र ककतनी कभ शो गई थी। िॊरा की गोद भें तो लश लवफग दध ऩीने के लरए शी जाती थी, फाकी का तभाभ काभ रच्छो ने अऩने ऊऩय रे लरमा था। रच्छो अफ „भाॉ‟ बी फन गई थी। अऩने इव नए ओशदे के कायण अफ उवका वम्भान बी फढ़ा था। „उव‟ वे अफ „ले‟ शो गई थीॊ। उनके फाये भें शभ उवी वम्भान के वाथ फात कयें गे ज़जवे उन्शोंने खुद अज़जगत ककमा शै । इवलरए शभ बी अफ उनको रच्छो नशीॊ फज़ल्क केलर बुआ कशें गे क्मोंकक वबी उनको केलर बुआ शी कशने रग गए शैं। भोशन औय िॊरा बी अफ फाफजी औय अम्भा कशराने रगे थे। शभ बी लशी कशें गे। अम्भा के िेशये का ननखाय फढ़ता गमा औय उनकी गोद भें शय दवये वार एक नमा फच्िा आता यशा। रेककन बुआ ने शी वफकी ज़ज़म्भेदायी उठा री थी। उन्शें आठों फच्िों को वम्शारने भें बी कोई ऩये ळानी नशीॊ आई।
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अफ ऩशरे लारे फच्िे फिे जो शोते गए थे। अफ अम्भा को दे ख कय ले खुद ळभागती नशीॊ थीॊ। घय भें ळोयगर ु के भाशौर भें बआ ु को ककतना अच्छा रगने रगा था। घय भें बुआ वफ की ज़रूयत फनती जा यशी थीॊ। बुआ ने अऩना लजद तो कबी तराळा शी नशीॊ था, जैवे उन्शें ऩता था कक लश था शी नशीॊ। ऩय अम्भा के ऩशरे फच्िे के वाथ शी उन्शें रगने रगा था उनकी हर ळामद कुछ फढ़ी थी। ळशय भें ऩॊड़डतजी के ऩरयलाय के कई रयश्तेदाय औय बफयादयी के फशुत वे घय थे ज़जनके मशाॉ बुआ का आना जाना ळुरू शो गमा था। जफ कबी ककवी के मशाॉ कोई जागयण, जन्भहदन, वललाश मा वभायोश शोता तो वॊगीत मा बजन भें बुआ की उऩज़स्थनत राज़भी वी शो गई थी। ले ढोरक ऩय अच्छी वॊगत तो कयती शी थीॊ, उन्शें कई तयश के गीत औय ऻज़र बी आते थे ज़जन्शें ले फिी अच्छी तयश गाती थीॊ। धीये धीये शार मश शो गमा कक बुआ के बफना कोई वॊगीत की भशकफर जभती शी नशीॊ थी। यतजगों भें बजन मा गीत गाते लक़्त „वभ‟ ऩय लश ज़जव तयश वे ढोरक ऩय थाऩ दे ती थीॊ, ऊॊघती शुई औयतों की नीॊद तो उि शी जाती थी, उनभें थोिा जोळ बी आ जाता था। तफ शॉवती शुई वबी वभलेत स्लय भें गाने रगतीॊ। अफ तक बुआ ने ककतनी शी ळाहदमाॉ कयला दी थीॊ, ककतने शी फच्िों, फिों के जन्भहदनों भें ळालभर शुई थीॊ, औय ककतने शी जागयणों भें लळयकत की थी। घय भें बतीजे, बतीज़जमों, उनके फच्िों औय कपय उनके बी फच्िों के कायण बुआ की भवरूकफमत यशती थी रेककन बुआ को इववे ज़्मादा खळ ु ी ककवी औय फात भें लभर शी नशीॊ वकती थी कक उनकी उऩज़स्थनत ककतनी ककतनी जगश ककतनी अननलामग शो गई थी। अफ तो फाफजी औय भौंयया मो
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अम्भा बी न केलर दादा-दादी, नाना-नानी फज़ल्क ऩि-दादा ऩि-दादी बी फन िुके थे। जात बफयादयी भें अम्भा, फाफजी औय बुआ वम्भाननत भाने जाने रगे थे। घय भें वदस्मों की फढ़ती वॊख्मा के कायण घय भें नए नए कभये जुिने रगे। ऩशरे बुआ के वाथ उनके कभये भें कुछ फच्िे यशने रगे थे, कपय जफ कोई फिा शुआ औय उवकी बी ळादी शुई तो „वशऴग‟ उन्शोंने अऩना कभया उवके शलारे कयके अऩना रॊ क अॊदय के फयाभदे भें यख लरमा। अफ वत्तय वार की उम्र भें उनको प्राइलेवी की ऐवी क्मा ज़रूयत थी! केलर एक छोटी रोशे की ज़ॊग रगी ड़डबफमा थी ज़जवे ले अकेरे भें कबी कबी ननकार कय दे खती थीॊ औय कपय वम्शार कय कुछ कऩिों के फीि रॊ क भें यख दे ती थीॊ। ळामद उव रॊ क भें वफवे ज़्मादा हीभती कोई िीज़ अगय थी तो मशी थी। गरे भें तो केलर तर ु वी की एक भारा ऩिी यशती थी। फयाभदे भें उनके लरए रोशे का अच्छा वा नमा ऩरॊग आगमा था औय ले खुळ थीॊ। लशी उनकी फैठक, आयाभगाश औय फैडरूभ था। औय लशी बआ ु की ननगयानी भें छोटे फच्िों के खेरने की जगश बी था। वत्तय वार की उम्र वे िौयावी तक का वफय बुआ का उवी फयाभदे भें तम शुआ था। जफ कबी छोटी भोटी फीभायी ने उन्शें दफोिा, इवी फयाभदे औय इवी ऩरॊग भें उन्शें वुकन लभरा था। ळामद ऩशरी फाय शी शै कक बआ ु इतनी ज़्मादा फीभाय शुई शैं। ऩय खद ु बुआ को फीभाय शोना केलर इवलरए नाऩवॊद नशीॊ था कक ले रोगों के ऊऩय फोझ फन जाती थीॊ मा ले खुद घय भें कोई भदद नशीॊ कय वकती थीॊ, फज़ल्क इवलरए बी कक नीभफेशोळी की शारत भें ले कुछ न कुछ फिफिाने रगती थीॊ। हदर के अॊदय कुछ फातें ककतनी बी गशयी दफा दी जाएॉ, जफ भन के वन्नाटे के फीि अिानक उथर ऩुथर शोती शै तो कुछ फातें फाशय भौंयया मो
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ननकर बी ऩिती शैं। ऩय फाद भें जफ उन्शें कोई फतराता था ले क्मा फोर यशीॊ थीॊ तफ उन्शें खुद अऩने ऊऩय तयव आने रगता था। अच्छा था कोई वभझ नशीॊ ऩाता था उव वफ का भतरफ क्मा था, अगय कुछ था तो। इव ऩय कोई तलज्जो नशीॊ दे ता था। ले वफ तो मशी जानते थे कक फेशोळी भें फिफिाने का कोई भतरफ नशीॊ शोता। “बआ ु , अफ कैवा भशवव शो यशा शै?” – गोभती ने बआ ु को शरके वे खझॊझोिते शुए ऩछा। ऩय बुआ ने कोई जलाफ नशीॊ हदमा। घय के वबी रोग फीि फीि भें जफ बी फुवगत शो मा आते जाते बआ ु का शार ऩछते थे। जफ थोिी वध ु शोती थी तो बआ ु कश दे ती थीॊ “ठीक शै ”, लनाग उन्शें ऩता शी नशीॊ िरता था कौन आमा, कौन गमा। ऩयवों जफ डॉक्टय फुरामा गमा था तफ उवने दफे वे स्लय भें फता हदमा था कक अफ ज़्मादा उम्भीद नशीॊ फिी थी। ककवी अनशोनी की आळॊका वे वबी ऩये ळान औय दख ु ी थे। ज़जव व्मज़क्त को उन्शोंने अऩने फीि फिऩन वे अफ तक शय योज़, रगाताय, फयवों दे खा था औय उववे बयऩय प्माय ऩामा था उवके न शोने की कल्ऩना भामव तो कयती शी शै । “बआ ु , भॊश ु खोरो, एक फाय दला औय रे रो। दे खो डॉक्टय ने कशा शै आऩ जल्दी ठीक शो जाओगी” – अफकी फाय अम्भा ने बुआ का लवय वशराते शुआ कशा। बुआ ने भुॊश खोरा औय दला ऩी री। अम्भा ने ऩछा – “अफ कैवा रग यशा शै ? ठीक तो शो?” बुआ थोिा भुस्कुयाईं, उन्शोंने आॉख खोर कय अम्भा को दे खा। कपय भद्धभ वी आलाज़ भें टटे ळब्दों भें कशा – “भैं तो ठीक शॉ, तभ ु अऩना ध्मान यखो। दफ ु री रग यशी शो। फच्िे वफ ठीक शैं न?” भौंयया मो
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अम्भा की आॉखों भें बी आॊव छरक आमे। “शाॉ बुआ, भैं तो बफरकुर ठीक शॉ, फच्िे बी वफ ठीक शैं। आऩ फव जल्दी ठीक शो जाओ। घय भें शय जगश आऩको दे खने की ऐवी आदत शो गई शै कक आऩको लवफग इवी जगश रेटे दे खना फुया रगता शै ।” अम्भा ने ककतना वशी कशा था। अम्भा वोि यशी थीॊ जफवे लश इव घय भें आई थीॊ, उन्शोंने वफवे ऩशरे बआ ु शी को तो दे खा था, अऩनी वफ फातें फताईं थीॊ, अऩना द्ु ख वाझा ककमा था, शय फाय वाॊत्लना ऩाई थी औय इतने फच्िों के फाद औय इतने बीि बिक्के लारे घय भें बी बुआ की लजश वे शी कबी ऩये ळान नशीॊ शुई थी। ले शभेळा वशे री की तयश शी भज़ाक कयती यशती थीॊ। उनके फीि कबी बी ननद-बालबमों के फीि हदखाई दे ने लारे ईष्ट्माग द्लेऴ नशीॊ यशे । अकेरे भें अम्भा जफ कबी बुआ के फाये भें वोिती थीॊ तो जी ददग वे बय जाता था। फिऩन वे अफ तक उनको दे खा जो था। बुआ की फेशार ज़ज़ॊदगी वे लश भन शी भन दख ु ी यशती थीॊ, ऩय कुछ नशीॊ कय वकती थीॊ। आज कपय फाफजी डॉक्टय को वाथ लरलाने गए शैं। वबी रोग बआ ु के ऩरॊग के आवऩाव भॊडया यशे शैं, जैवे उन्शें आबाव शो यशा शो कक वफ कुछ ठीक नशीॊ शै । “िॊरा, वत्तय वऩिेत्तय फयव वे तुभ शी भेयी अकेरी वशे री यशी शो। तुभने औय दादा ने शी तो भेया ध्मान यखा शै शभेळा।” औय कपय जैवे कृतसता वे उनकी फॊद आॉखों की कोयों वे आॊव टऩक ऩिे। अऩने आऩको कुछ वॊमत कयते शुए उन्शोंने कपय कशा – “िॊरा, भेये रॊ क भें वे रोशे की एक छोटी ड़डब्फी शै लो दे दो” – जैवे उनके ळब्द ऩता नशीॊ ककतनी गशयाई वे टट टट कय ननकर यशे थे। ऩय ककतने शी हदनों के फाद इतनी कभज़ोयी के फालजद उन्शोंने इतनी वफ फातें की थीॊ।
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अम्भा ने रॊ क खोर कय इधय उधय टटोरा, कपय तीन िाय वफेद वाड़िमों के फीि उवे लश ज़ॊग रगी ड़डब्फी हदखाई दी। उन्शें उत्वुकता तो शुई, ऩय इवे खोर कय नशीॊ दे खा औय बुआ को ऩकिा दी। बुआ ने ककवी तयश भुज़श्कर वे ड़डब्फी को भुट्ठी भें लरमा। िेशये ऩय कपय वे एक शल्की वी भुस्कान रशयाई। फॊद आॉखों भें एक ठशयाल वा आमा औय िेशये ऩय वुकन हदखाई हदमा। फीि फीि भें ले एक रॊफी वाॊव ज़रूय रे रेती थीॊ। ऐवा रगता था जैवे दौि रगा यशी शों, फिे शुए वभम के वाथ। कौन जाने ळामद रगा बी यशी शों। फढ़ती उम्र भें, खावकय अॊनतभ हदनों भें फिऩन औय फिऩन की छोटी फिी फातें शी वफवे ज़्मादा माद आती शैं। आभ रोग तो अऩने जीलन भें फिऩन, जलानी औय फढ़ ु ाऩा, तीनों दे खते शैं, ऩय बुआ ने फिऩन के फाद वीधे फुढ़ाऩा शी दे खा था। बुआ वभम की ककवी गशयी वुयॊग वे तेज़ गनत वे अऩने फिऩन औय फुढ़ाऩे के फीि आलागभन कय यशी थीॊ। वभम बरे शी अऩनी गनत नशीॊ फदरता, ऩय उवने हदळा ज़रूय फदर री थी। औय उवके वाथ वाथ ज़भाने की शला ने बी अऩना रुख फदरा था। बुआ वोि यशी थीॊ उनकी अऩनी शी एक बतीजी ने तो अफ तक दो फाय तराक दे कय तीन तीन ळाहदमाॉ कय रीॊ थीॊ औय उनकी शी एक रयश्तेदाय ळोबा ने तो अऩनी रिकी के वलधला शो जाने के फाद कपय वे उवकी ळादी कय दी थी, जफ कक उवकी ऩशरी ळादी वे एक छोटी फच्िी बी थी। क्मा खद ु उन्शोंने जन्भ रेने भें वाठ-ऩैंवठ वार की जल्दफाज़ी नशीॊ कय दी थी? कपय जैवे बुआ के िेशये ऩय फफग जभा शोगई औय धीये धीये वाये ळयीय को जकिने रगी। इव फीि फाफजी डॉक्टय को रेकय आगमे थे। डॉक्टय ने अॊगठे वे बुआ की आॉखों वे ऩऩोटे उठा कय आॉखें दे खीॊ, कपय नब्ज़ दे खी औय धीये वे शाथ भौंयया मो
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लाऩव ऩरॊग ऩय यख हदमा। नब्ज़ फेशद धीभे औय रुक रुक कय िर यशी थी। ऐवा रग यशा था जैवे वाॊव बी उखिने रगी थी। डॉक्टय ने बफना कुछ फोरे अऩने शोठों के इळाये वे जता हदमा कक जल्दी शी कुछ बी शो वकता शै । वफ के िेशये उतय गए। बआ ु एक रॊफे वफय वे भुक्त शो कय ळामद ककवी दवये अनाभ वे रॊफे वफय ऩय जाने लारी थीॊ। फाफजी डॉक्टय वे कुछ ऩछ शी यशे थे कक बआ ु को एक हशिकी आई। डॉक्टय ने रऩक कय कपय नब्ज़ दे खी औय लवय हशरा कय लाऩव बआ ु का शाथ छोि हदमा। फाफजी के कॊधे ऩय वाॊत्लना बया शाथ यख कय ले िरे गए। बआ ु ककवी अनॊत मािा ऩय ननकर िक ु ी थीॊ। घय भें वबी यो ऩिे। वायी बफयादयी भें खफय कया दी गई थी औय रोग आने ळरू ु शो गए थे। अगरे दो तीन घॊटों भें शी बआ ु को श्भळान रे जामा जामगा, वयज ढरने वे ऩशरे। औयतें बुआ को नशरा कय नई वािी ऩशनाने की तैमायी कयने रगी थीॊ। उनकी चिय ऩरयचित वफेद वािी। तबी अम्भा ने बुआ की अधखुरी भट् ु ठी भें ड़डब्फी दे खी। उन्शोंने धीये वे उवे शथेरी वे ननकारा औय अरग रे जाकय खोरा। ड़डब्फी भें थोिे वे ऩयु ाने ऩिे टटे वे ऩीरे िाॊलर थे। ********
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कॊदीऱ कय ऩेड़ लशाॉ नर के ऩाव शी कॊदीर का ऩेि शुआ कयता था। औय मश नर घय के वाभने फीिों फीि ऐवी जगश रगा था जशाॉ औय घयों भें अक्वय नर नशीॊ रगे शोते। दयअवर मश तबी वे मशाॉ था जफ भकान फना बी नशीॊ था। भकान फनाने के लरए िना-करी गराने के लरए एक तगाय फनाने औय उवभें ऩानी की ज़रूयत ऩिती इवलरए कनेक्ळन रेना था। बफना कुछ वोिे वभझे जल्दी भें मश नर ळामद इव जगश इवीलरए रगा हदमा गमा था। उवके फाद लशाॉ वे इवे ककवी ने नशीॊ शटामा, शाराॉकक भकान फन जाने के फाद तगाय शट गमी थी। नर के नीिे एक फिा िट्टाननभ ु ा ऩत्थय कबी ककवी ने यख हदमा। कपय कई वारों के फाद ऩता नशीॊ कैवे एक कॊदीर का ऩेि इव नर के ऩाव शी उग आमा। तफ वे शी कॊदीर का ऩेि औय नर मे दोनों उव फाशयी कैनलाव का ज़रूयी हशस्वा फन गए थे। ऩशरे कॊदीर झाड़िमों की तयश था, कपय फिा शोता शुआ ऩेि की ळक्र अज़ख्तमाय कयने रगा औय अफ उवका तना विभुि ककवी छोटे ऩेि की तयश भोटा औय रॊफा शोगमा था। वुफश वुफश चिड़िमों का एक झण् ु ड कॊदीर ऩय उछरकद कयने के लरए कशीॊ वे आजाता था। चिड़िमाॉ िशकती शुई कॊदीर की डालरमों ऩय पुदकती यशती थीॊ। कई फाय तो उनकी वभलेत िशिशाट वे ऐवा रगने रगता था जैवे उनभें आऩव भें कोई झगिा शो यशा शो, मा ळामद वायी चिड़िमाॉ एक वाथ एक दवये को उतने वे वभम भें शी अऩनी वफ फातें फता रेना िाश यशी शों। उनभें वे कुछ नर भें वे फॉद फॉद टऩकते ऩानी को उरटी शो कय वतकगता वे अऩनी िोंि भें वभेट यशी शोती थीॊ।
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ऐवा शय योज़ शोता था औय अल्रवुफश फैडरूभ की खखिकी वे फाशय झाॊक कय इन चिड़िमों को दे खना भेया एक ननमभ वा फन गमा था। जफ तक वायी चिड़िमाॉ उि नशीॊ जाती थीॊ, तफ तक आगे का कोई काभ नशीॊ शो ऩाता था। भैं कई फाय कुछ चिड़िमों को ऩशिानने की कोलळळ बी कयता था, ऩय ऐवा नशीॊ कय ऩाता था। वफ एक वी शी हदखाई दे ती थीॊ। ऩता नशीॊ कैवे ले एक दवये को ऩशिानती शोंगी। रेककन शाॉ, ले शभेळा एक वी फोरी भें उवी तयश आऩव भें फात कयती थीॊ। ळामद मश झण् ु ड उन्शीॊ चिड़िमों का शोता शोगा जो शय योज़ मशाॉ आती थीॊ, िशकती थीॊ, रिती थीॊ, फनतमाती थीॊ औय नर वे रटक रटक कय ऩानी ऩीती थीॊ। कॊदीर की डालरमाॉ झभ झभ कय चिड़िमों के झड ॊु के वाथ खेरा कयती थीॊ औय उव ऩय रगे िटक गुराफी पर उन चिड़िमों को वजाते थे। कॊदीर के ऩत्तों ऩय जभी वुफश की ओव की फॉदें जफ चिड़िमों की ऩॊखों भें चिऩक जाती थीॊ तो ले उन्शें ऩॊख पिपिा कय खझटकती थीॊ। कुछ चिड़िमाॉ तो लैवे शी लभट्टी भें ऩय ऩवाय कय नशाती थीॊ। भेये लरए कॊदीर औय चिड़िमों का रयश्ता फिा रूभानी वा फन गमा था। मश कशना भुज़श्कर था कक चिड़िमों की लजश वे कॊदीर ज़्मादा खळ ु था मा कक कॊदीर के कायण चिड़िमाॉ। जैवे दोनों एक दवये के लरए फने थे। जो बी शो, दोनों का वाथ वाथ शोना शी भेये लरए भामने यखने रगा था। चिड़िमों के आने तक इव जगश कुछ काभ शो िुके शोते थे। शभाये घय ऩय काभ कयने लारा फाफा वफ ु श जल्दी शी ऩशरे मशाॉ ऩत्थय ऩय फैठ कय नर ऩय नशाता था औय कपय फाल्टी वे भोगये की झाड़िमों, अभरूद, वीतापर, पारवे, शयलवॊगाय औय कयोंदों के ऩेिों भें ऩानी डारता था। कई फाय वुफश छऩाक छऩाक का भद्धभ वा ळोय वन ु ाई दे ता था जफ फाफा अऩने कोई कऩिे ऩत्थय ऩय ऩटक ऩटक कय धोता था। ऩय मश इतनी वुफश शोता था भौंयया मो
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कक ऩता शी नशीॊ िरता था। फव कबी कबी जफ जल्दी नीॊद खर ु जाती, तबी ऐवा भशवव शोता था। नशाने के ऩानी वे शी कॊदीर खुळनभ ु ा फने यशते थे। भैंने कबी नशीॊ दे खा कक अरग वे फाफा ने उवभें ऩानी हदमा शो। शय दवये तीवये हदन कोई न कोई भोय अऩनी ऩॊख लशीीँ आवऩाव छोि जाता था। भोयऩॊखों को इकट्ठा कयके फाफा एक खफवयत वी झाि फना दे ता था औय लश भॊहदय भें ऩशुॉि जाती थी। शभाये मशाॉ कुछ खाव ककस्भ के दव-ऩन्रश गन्नों का एक झण् ु ड बी था। इन गन्नों की थोिी वी डॊड़डमाॉ रेजाने के लरए शभाये मशाॉ गाशे फगाशे कई रोग आते यशते थे। ले कशते थे मे ऩीलरमा के इराज के लरए नामाफ िीज़ थी। फाफा को तफ फिा गलग शोता था औय लश खुळी खुळी गन्ने तोि कय दे दे ता था। शभाये मशाॉ इव तयश के गन्नों की भौजदगी की फात काफी पैर िुकी थी क्मोंकक कई फाय तो कुछ रोगों ने भुझवे शी ऩछा था कक क्मा शभाये मशाॉ लो ऺाव गन्ने शैं। न खा ऩा वकने की झझ ुॊ राशट भें ळुरू भें शभ रोगों ने इन जॊगरी वे रगने लारे गन्नों को काट पेंकने के लरए फाफा वे कशा था ऩय उवने ऐवा नशीॊ ककमा। उनका भशत्ल शभें फाद भें ऩता िरने रगा था। तफ वे इनका नाभ „ऩीलरमा का वाॊठा‟ शो गमा था। कॊदीर के ऩेि वे दो तयश के यॊ गों के पर खखरते थे। एक शरके गुराफी वे औय दवये काफी कुछ गशये यॊ ग के। ळामद वटे शुए दो ऩेि शोंगे, मा ऩता नशीॊ एक ऩेि भें वे शी ननकरते थे। जफ कबी भोगये के पर ऩयी तयश नशीॊ खखरते थे तफ ऩजा के लरए अम्भा कॊदीर के पर शी भॊगलाती थीॊ। ले ताकीद कयती थीॊ कक अगय पर खखरे नशीॊ शों तो भोगये की कलरमाॉ नशीॊ तोिी जाएॉ। अम्भा को भैं फेशद प्माय कयता था, औय फाद भें भझ ु े भशवव शोने रगा लो भुझवे औय बी ज़्मादा प्माय कयती थीॊ। दयअवर इज़म्तशान के लरए भौंयया मो
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जाने वे ऩशरे भैं अम्भा के ऩैय छता था औय अम्भा शभेळा भुस्कुयाते शुए भेये लवय ऩय शाथ यख कय भुझे पस्टग आने का आळीलागद दे ती थीॊ। ऩता नशीॊ क्मा शोता था कक भैं विभुि पस्टग आजाता था, जफ कक भुझे भारभ शै भैंने कोई खाव ऩढ़ाई नशीॊ की शोती थी। फाद भें अम्भा की एक फोटो भुझे कशीॊ वे लभर गमी थी औय जफ भैं आगे की ऩढ़ाई के लरए फाशय गमा तो लो फोटो शभेळा अऩने ऩवग भें यखता था औय शय वुफश अम्भा का भुॊश दे ख कय शी कॉरेज जाता था। भुझे रगता था भेया लश हदन फिा अच्छा गुज़या था। अकेरे, उव नए अनजाने ळशय भें अगरे ऩाॊि वारों तक मशी फोटो भेया वॊफर शोने लारी थी। शभेळा की तयश इज़म्तशान के हदनों भें भेये लरए उव फोटो का भशत्ल औय बी ज़्मादा शो जाता था। इज़म्तशान के लरए जाने वे ऩशरे लशाॉ बी भैं आॉख फॊद कयके उवी तयश शी अम्भा के ऩैय छने की कल्ऩना कयता था औय अम्भा भुझे लवय ऩय शाथ यख कय भस् ु कुयाते शुए पस्टग आने का आळीलागद दे ती थीॊ। तफ एक अरग तयश की आश्लज़स्त अिानक अॊदय कशीॊ ऩनऩने रगती थी। कई फाय भेये हशवाफ वे कुछ ऩेऩय बफगिते बी थे, उनभें नॊफय बी कभ आते थे, ऩय ऩता नशीॊ तफ बी कुर लभरा कय कैवे भैं पस्टग आजाता था। ळामद रयज़ल्ट भें जुिने लारे कॉरेज के „वैळनल्व‟ भें लभरे कुछ ठीक नॊफयों के कायण। खैय जो बी शो, आगे िर कय वफवे फिा फामदा मश यशा कयता था कक ऩढ़ाई की तयफ वे ननज़श्िन्त शो कय भैं खेर औय भन भुताबफक दवयी गनतवलचधमों भें ठीक तयश अऩना ध्मान रगा वकता था। भेये हशस्वे की „रयभोट‟ ऩढ़ाई तो जैवे अम्भा कय शी लरमा कयती थीॊ। छुट्हटमों भें घय आने वे ऩशरे भैं चिट्ठी भें अम्भा को भेयी ऩवॊदीदा ऩकौिी की वब्ज़ी औय कुयकुयी योटी तैमाय यखने की फयभाइळ कयता भौंयया मो
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था। छुट्हटमाॉ ळुरू शोने वे ऩशरे शी अम्भा की माद फेशद ऩये ळान कयने रगती थी औय तफ लक़्त रम्फा, औय रम्फा खखॊिता वा रगने रगता था। छुट्हटमाॉ, भतरफ अम्भा, केलर अम्भा। रे न दे य वुफश आती थी औय भेये घय ऩशुॉिने का वभम दोऩशय वे कुछ ऩशरे शी शोता था। उव उव लक़्त ले यवोई भें शी शोती थीॊ। फाशय रयक्ळे की आलाज़ मा ऩता नशीॊ ळामद भेये आने की आशट वे शी ले यवोई वे रगबग दौिती शुई आती थीॊ औय शभेळा शॉवती भुस्कुयाती शुई भेया स्लागत कयती थीॊ। कई फाय उनके शाथ भें आटा रगा शोता था जो स्नेश के आलेळ भें आळीलागद दे ते लक़्त भेये लवय मा गार ऩय रग बी जाता था। इववे ले तो शॊ व दे ती थीॊ ऩय भैं िाशता था मश शभेळा इवी तयश रगा यशे । अगय ऐवा शो वकता तो लाऩव जाने ऩय तफ अम्भा भेये ककतने ऩाव यशतीॊ। भेया फव िरता तो भैं मश आटा चिऩकाए शुए शी घभता, ऩय अफवोव, नशाने के फाद वफ कुछ धर ु जाता था। वायी छट्हटमों भें अम्भा भेया भनऩवॊद खाना शी फनाती थीॊ औय जाते लक़्त वहदग मों भें खाने के लरए भेला-गुि के रड्ड खावतौय वे यख दे ती थीॊ। घय आने ऩय भुझे रगने रगता था जैवे कॊदीर भें ज़्मादा पर आने रग गए थे औय चिड़िमों का झण् ु ड बी फढ़ गमा था। चिड़िमाॉ ळामद अफ ज़्मादा दे य तक िशिशा कय जाती थीॊ। अम्भा की ऩजा के लरए अफ बी भैं शी कॊदीर मा भोगये के पर राना ऩवॊद कयता था। ऩशरे कई फाय मश काभ फेगाय वा रग जाता था, ऩय अफ मे काभ कोई औय कयता तो भझ ु े फुया रगता था। भैं भशवव कयने रगा जैवे अम्भा के वाथ भेया रयश्ता प्माय, श्रद्धा लगैयश िीज़ों वे फशुत आगे कुछ औय शी था, ज़जवका भेयी ऩढ़ाई मा ऩयीषा के नतीजों वे दयअवर कोई वयोकाय नशीॊ था। शो वकता शै अगय भैं इज़म्तशान वे ऩशरे अम्भा के ऩैय नशीॊ बी छता तफ बी भौंयया मो
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भेये रयज़ल्ट भें ळामद कोई फकग नशीॊ ऩिता, मे फात दीगय शै कक ऐवा जोखखभ उठाने की हशम्भत भैं कबी नशीॊ जुटा ऩामा। अम्भा को तो ककवी खाव तयश वे भेये प्रनत प्माय जताने की कबी ज़रूयत शी नशीॊ थी। लो जफ बी भेयी तयप दे खती थीॊ, भेये लरए खाना फनाती थीॊ, शय फाय दफ ु रा शोजाने की लळकामत कयतीॊ थीॊ, भझ ु वे ज़्मादा वे ज़्मादा फात कयना िाशती थीॊ, भेये आने वे उत्वाहशत शो जाती थीॊ औय जाते लक़्त फेशद ननयाळ, मे वबी फातें काफी थीॊ। किनाय औय शयलवॊगाय के ऩेिों ऩय बी पर उगते थे, ऩय किनाय के परों वे ज़्मादा शभें केलर शोरी ऩय शी उवकी कलरमों की दयकाय शोती थी। जफ वे भैंने शोळ वम्शारा तबी वे दे खा कक शभाये मशाॉ शय वार शोरी ऩय किनाय की करी का यामता फना कयता था। मश शभें फेशद स्लाहदष्ट्ट रगता था। मश „ऩयॊ ऩया‟ ऩिावों वार वे िरी आयशी थी। शयलवॊगाय के पर जफ आते थे तो खफ रदारद बय कय आते थे। वुफश ऩेि के नीिे जैवे एक वफेद िादय वी बफछ जाती थी। लभट्टी भें वने परों को छोि कय शभरोग फाकी औय तभाभ परों को टोकयी भें डार रेते थे, तफ बी ऩेि ऩय फशुत वे हदखाई दे ते थे जो फीि फीि भें टऩकते यशते थे। पर वभेटने वे शी उॊ गलरमाॊ केवरयमा शोजाती थीॊ। शभरोग कपय ऩेि के नीिे एक िद्दय बफछा कय ऩेि को हशराते थे औय कपय वे दनादन ढे य वाये पर ऊऩय वे झयने रगते थे। इतने वाये पर दे ख कय अम्भा खुळ शोजाती थीॊ औय फिे प्माय वे ऩजा के लरए छोटी छोटी कई भाराएॊ फनाती थीॊ। जफ अम्भा ज़्मादा खळ ु शोती थीॊ तो उनका िेशया कुछ औय गुराफी शोजाता था औय उव ऩय एक खाव तयश की िभक आजाती थी। ऐवा तफ बी शोता था जफ कबी दशी बफरोने ऩय औय हदनों की फननस्फत उव हदन खफ वाया भक्खन ननकरता था। अम्भा का ऐवा िेशया दे खने भौंयया मो
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भें भुझे फशुत अच्छा रगता था। दयअवर उनको खळ ु दे खना शी भुझे अच्छा रगता था। अम्भा को पर िाहशए शोते थे ऩजा के लरए शय हदन, िाशे शयलवॊगाय के शों, भोगये के मा कॊदीर के, ऩय कॊदीर के ऩेि का भेये वाथ रयश्ता उव ऩय उव ऩय उगने लारे परों के अराला वफ ु श वुफश भॊडयाती चिड़िमों के झण् ु ड के कायण नज़दीकी शोगमा था। कबी कबी भैं दाळगननक के अॊदाज़ भें चिड़िमों के बफना कॊदीर औय कॊदीर के बफना चिड़िमों के अज़स्तत्ल के फाये भें वोिने रगता था औय ननयाळ वा शोजाता था, शाराॉकक ऐवी कोई आळॊका नज़य नशीॊ आती थी। दोनों अऩनी अऩनी जगश वयु क्षषत थे औय खखर िशक यशे थे। भेये अराला ळामद घय भें ककवी औय का रयश्ता कॊदीर मा चिड़िमों वे नशीॊ था, शाराॉकक लास्तल भें भुझे नशीॊ भारभ कक क्मा कोई उनके फाये भें वोिता बी था, मा वुफश चिड़िमों की वाभहशक िशिशाट के वाथ जागता था। लैवे इव फात वे भुझे वयोकाय नशीॊ शोना िाहशए। मे ज़रूयी तो नशीॊ कक शय आदभी लैवा शी वोिे मा भशवव कये जैवा भैं कयता था। चिड़िमाॉ औय कॊदीर अक्वय भेये हदरोहदभाऻ ऩय छा जाते थे। कबी भैं वोिने रगता भैं चिड़िमा शॉ औय अम्भा कॊदीर, औय कबी ऐवा रगता था भैं कॊदीर शॉ औय अम्भा चिड़िमा। फयाफय लारे मा आगे ऩीछे लारे दो प्राटों को अरग कयने लारी फाउॊ ड्री लार के नाभ ऩय तफ लभट्टी की एक भोटी टटीपटी वी दीलाय शी शुआ कयती थी। फाकी औय जगश ऐवी दीलायों ऩय अक्वय काॉटों की झाड़िमाॉ ऩिी शोती थीॊ जो इन ऩय वे पाॊद कय आने लारे जानलयों मा रोगों को शतोत्वाहशत कयने के काभ आती थीॊ। फशयशार शभायी इन कच्िी दीलायों ऩय काॉटों के नाभ ऩय ढे य वाये ग्लायऩाठे उगे थे। तफ तक ळामद दनु नमाॊ भौंयया मो
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उनकी खुवलवमत के फाये भें नशीॊ जानती थी औय न शभने उनको कशे जाने लारे „एरोलेया‟ का नाभ शी वुना था। फाफा कबी कबी उनभें वे दोतीन ग्लायऩाठे काटता था, खावकय वहदग मों के हदनों भें, औय अऩनी फढ़ी फीली, भाई, को दे दे ता था ज़जनके गदे वे लो उवके लरए घी, गुि, भेथी औय गोंद के रड्ड फनाती थी। इन कच्िी दीलायों ऩय फशुत वाये बफर बी थे, ळामद िशों, के जो फीव मा तीव ड़डग्री के कोण ऩय झक ु े शोते थे। शभ दे खा कयते थे कक क्मा कोई वीधा गशया रम्फलत ् बफर बी शै , क्मोंकक ककवी ने फतामा था वाॉऩों के बफर लैवे शुआ कयते शैं। वाॊऩ की तयश शी रगती दो भुॊश लारी दम् ु बी कई फाय कशीॊ वे ननकरती थी, ऩय फाफा रकिी वे शटा कय उवे दय फेंक दे ता था औय लश वयवयाती शुई कशीॊ घावपव भें िरी जाती थी। कॊदीर के ऩेि के ऩाव बी एकाध फाय िशों ने बफर फनाने की कोलळळ की थी ज़जवे फाफा ने नाकाभमाफ कय दी थी। ले ऩेि की जिों तक बी ऩशुॉि वकते थे। भैं अक्वय वोिता था कॊदीर का ऩौधा शी मशाॉ क्मों उगा? ककवी को माद नशीॊ कक उवने मश फोमा शो। मशाॉ रॊफे काॉटों लारा फफर का ऩेि बी उग वकता था, लैवा शी जैवा लभट्टी की दीलाय के ऩाव उव फाशयी कोने भें था ज़जवकी छोटी छोटी ऩवत्तमों को काॉटों वे अरग कयके फाशय वे शी आती जाती फकरयमाॊ गदग न रॊफी कयके अऩने शोठों वे तोि कय खा रेती थीॊ। मा नीभ का, मा अल्ड का जैवे फशुत वाये मशाॉ ऩये प्रॉट भें थे। भीठे नीभ की झाड़िमाॉ जो कई जगश पैरी शुई थीॊ, मशाॉ अच्छी तयश उग कय पैर वकती थीॊ। ऩीलरमा का वाॊठा मशाॉ बी उग वकता था जो उवके लरए ज़्मादा भाकर जगश थी। कॊदीर के लशाॉ उगने का ज़रूय कोई भहवद था औय भैं वोिा कयता था मश क्मा शो वकता था। मश गत्ु थी कई फाय ऩढ़ाई कयते लक़्त बी अिानक हदभाग भें आजाती थी, शाराॉकक उव लक़्त न भैं भौंयया मो
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घय को माद कय यशा शोता था, न घय के ककवी व्मज़क्त को, जगश को, मा अम्भा को शी ज़जन्शें भैं अक्वय माद कयता था। ळामद लश चिड़िमों के लरए शी उगा शो। तफ कॊदीर के वाथ वाथ चिड़िमाॉ बी ज़ेशन भें उतय आतीॊ। जैवे भैं कबी चिड़िमों के बफना अकेरे कॊदीर को माद शी नशीॊ कय वकता था। चिड़िमाॉ उव लक़्त कुछ ज़्मादा शी ळोय कयने रगतीॊ, जैवे अक्वय ले कई फाय रिती वी वुनाई दे ती थीॊ। तफ भैं लवय झटक कय हदभाऻ वे कॊदीर के ऩेि को शटाने की कोलळळ कयता था औय उव खिखिाशट वे चिड़िमों को डया कय उिाने की बी। ऩत्ते खिखिाने वे चिड़िमाॉ वशभ जातीॊ औय कपय उि जातीॊ। कबी कबी जफ ऩढ़ाई भें भन नशीॊ रग यशा शोता था तफ कक77ताफों के अषयों भें वे बी कॊदीर के पर ननकरने रगते थे। भैं लवफग एकटक ककताफ को दे ख यशा शोता था, ननश्िर, औय कॊदीर के ऩेि ऩय चिड़िमाॉ पुदक यशी शोती थीॊ। कपय भैं ककताफ फॊद कयके वो जाता था। काफी हदनों वे घय वे कोई चिट्ठी नशीॊ आई थी औय भैं बी इज़म्तशान के लरए तैमायी कयने की कोलळळ कय यशा था। शभेळा की फजाम इव फाय भैं अम्भा को „ऩढ़ाई‟ की कभ तकरीफ दे ना िाशता था। घय वे चिट्ठी नशीॊ आने ऩय भन खयाफ वा यशता था औय अम्भा की चिॊता वी शोने रगती थी। ले शी कबी कबी चिट्ठी लरख कय घय के शार फता दे ती थीॊ। ले शी वफका ध्मान यखती थीॊ औय फाकी वफ रोग मे शी वभझते थे कक ले इवीलरए थीॊ। भझ ु े रगने रगा था भैंने वऩछरे हदनों कॊदीर वे ध्मान शटा कय ऩढ़ाई की थी। तफ चिड़िमों ने बी भेये वाथ वशानुबनत यखी थी औय उन्शोंने तफ तक ळोयगुर वे ऩयशे ज़ कय लरमा था। रेककन इज़म्तशान के लरए जाने वे ऩशरे भैं इव फाय बी अम्भा के ऩैय न छने की हशम्भत नशीॊ
भौंयया मो
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जुटा ऩामा। ऩय अम्भा को भारभ था भैं ज़रूय लैवा शी करूॉगा। उन्शोंने शय फाय की तयश शी भुस्कुया कय पस्टग आने का आळीलागद हदमा। इव फाय घय आने वे ऩशरे भैंने अम्भा को ऩकौिी की वब्ज़ी औय कुयकुयी योटी की तैमायी यखने के लरए नशीॊ लरखा लनाग उनको ऩता िर जाता भैं कफ आ यशा था। बरे शी भैं उनको वयप्राइज़ दे ना िाशता था ऩय भैं जानता था इववे कोई फकग नशीॊ ऩिेगा। उनको शभेळा की तयश तफ बी भेयी आने की आशट वे शी ऩता िर जाएगा औय ले खळ ु ी वे फौयाईं यवोई वे फयाभदे भें आटा वने शाथों के वाथ बी भेया स्लागत कयने िरी आएॉगी। अफकी फाय जो रयक्ळा लभरा कुछ ऩयु ाना वा था औय उवके कई करऩज़ ु े खिखिा यशे थे। ऩता नशीॊ उवे क्मा वझा कक घय के अशाते भें घुवते शी उवने बोंऩ बी फजा हदमा। आलाज़ वन ु कय वुस्ताता शुआ फाफा तो फाशय ननकरा ऩय आश्िमग, अम्भा तफ बी नशीॊ आमीॊ। भझ ु को फिी ननयाळा शुई क्मोंकक इज़म्तशान के फाद फाशय फयाभदे भें शी ले ज़रूय ऩछती थीॊ भेये ऩेऩय कैवे शुए। इव फाय तो भैंने विभुि शभेळा की फजाम थोिी ज़्मादा ऩढ़ाई की थी। फझ ु े भन वे भैं अॊदय दाखखर शुआ था, ऩय लशाॉ जाते शी रोगों ने इळाये वे भुझे िुऩ यशने को कशा। अम्भा बफस्तय ऩय फेवुध वी रेटी थीॊ। भुझे फतामा गमा उनकी तबफमत कई हदनों वे काफी खयाफ िर यशी थी, अबी दला दे कय वुरामा शै । भेये इज़म्तशान की लजश वे ककवी ने भझ ु े इव फाये भें नशीॊ फतामा था। उवके फाद ऩये हदन भैं उनवे फात नशीॊ कय ऩामा औय फेशद दख ु ी भन वे वोने िरा गमा। नीॊद भें भुझे रग यशा था भेये ळयीय के शय हशस्वे के कई कई टुकिे शो गए थे औय इधय उधय बफखय यशे थे। भुझे आश्िमग फेळक शो
यशा था कक भैं चिल्रा क्मों नशीॊ यशा था मा भझ ु े हशस्वों के अरग शोते भौंयया मो
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लक़्त ददग क्मों नशीॊ भशवव शो यशा था। भैं फिे ध्मान वे उन्शें इकट्ठा कयके एक फफग वे बयी थैरी भें डार यशा था ताकक फाद भें डॉक्टय उन्शें ठीक तयश जोि वके। भैं भन शी भन प्राथगना बी कय यशा था कक मश एक वऩना शी शो औय फीि फीि भें अऩने टटे हशस्वों को वशे जता जा यशा था। थैरी बायी शोती जायशी थी औय भझ ु े डय रगने रगा था कशीॊ लश पट न जाए। औय कपय अिानक ऐवा शी शुआ।
िौंक कय भैं जागा तो आदतन खखिकी के फाशय ननगाश गमी। ऩय अबी ऩौ बी नशीॊ पटी थी, फाफा फाशय नर ऩय नशाने नशीॊ आमा था औय इव अॉधेये भें फाशय कुछ बी हदखाई नशीॊ दे यशा था। भुझे ध्मान आमा, लैवे बी शभेळा की तयश कॊदीर ऩय चिड़िमों का ळोय तो काफी दे य फाद उजारा शोने ऩय ळरू ु शोगा। इत्भीनान के लरए भैंने ऩरॊग के इधय उधय नीिे झाॉका कक कशीॊ विभि ु भेये अॊग खखय कय चगय तो नशीॊ गए थे। कपय एक
छोटी वी शॊ वी बी छटी। ऩता नशीॊ ककतनी दे य तक आॉख फॊद ककमे लैवे शी ऩरॊग ऩय अनभने ढॊ ग वे अम्भा के फाये भें वोिता शुआ ऩिा यशा। ऩय इव फीि फाफा नर ऩय नशा िक ु ा था औय फाशय थोिा उजारा बी शोगमा था। फुती वे भैंने खखिकी वे फाशय झाॉका औय भेयी आॉखें ऩत्थय की शोगईं। कॊदीर की वायी ऩवत्तमाॊ भुयझा कय ऩीरी ऩि गई थीॊ, कुछ वखे शुए पर अटके शुए अबी बी झि जाने के लरए तैमाय थे औय ऩया ऩेि शी अकि कय रकिी फन गमा था। एक डयालना वा बम अिानक भन भें कौंधा। भैं वोिने रगा कशीॊ चिड़िमाॉ बी शभेळा के लरए मशाॉ वे न िरी गमी शों। भैं टकटकी रगा कय ऩेि की तयफ दे खता यशा। विभुि, फशुत दे य तक इॊतज़ाय कयने के फाद बी एक चिड़िमा तक लशाॊ नशीॊ आई। ******** भौंयया मो
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भगवत्प्रयप्ति ऩॊड़डत दीनदमार जोळी भॊहदय के ऩुजायी थे। बगलान के बक्त के रूऩ भें बी उनकी ख्मानत भॊहदय के आवऩाव की कॉरोननमों भें शोने रगी थी औय इवके िरते िढ़ाले भें रगाताय फढ़ोतयी शो यशी थी। एक हदन विभुि उनभें बगलान के प्रनत बज़क्त उऩजी औय टीली ऩय एक वॊत का प्रलिन वन ु कय उन्शोंने तत्लसान प्राप्त कयने के उद्दे श्म वे ईश्लय, भामा औय जील भें बेदाबेद जानने के लरए गॊबीय अध्ममन ळुरू कयने का ननश्िम ककमा। हशॊदी वॊस्कृत की कुछ ऩुस्तकें उन्शोंने इधय उधय वे प्राप्त कीॊ औय भॊहदय के ऩट फॊद कयने के फाद यात को वोने वे ऩशरे एक ऩुस्तक गॊबीयता के वाथ खोरी। उवभें लरखा था – „कभगभागग अचधक वे अचधक स्लगग तक रे जाता शै , सानभागग आत्भसान प्रदान कय दे ता शै ककन्तु केलर बज़क्तभागग के द्लाया शी बगलत्प्राज़प्त की जा वकती शै ‟। ऩुजायी शोने के कायण उनका रक्ष्म बगलत्प्राज़प्त का था औय ईश्लय के ननकट हदन बय यशने का वीधा वौबाग्म बी उन्शें प्राप्त था, इवलरए जल्दी जल्दी ऩन्ने ऩरटते शुए उव अध्माम ऩय ऩशुॉि गए जशाॉ इव ज़स्थनत वे ऩशरे के रषण फतामे गए थे। लशाॉ लरखा था – „सान का उद्दे श्म केलर असान को नष्ट्ट कयके स्लमॊ बी नष्ट्ट शो जाना शोता शै ताकक शय तयश का अशॊ काय लभट जामे।‟ इव गढ़ फात ऩय उन्शोंने काफी दे य तक भनन ककमा औय अॊत भें इव ननष्ट्कऴग ऩय ऩशुॊिे कक जफ बगलत्प्राज़प्त की हदळा भें सानप्राज़प्त का उऩमोग लशीीँ तक शै जशाॉ जाकय लश असान को नष्ट्ट कय दे औय स्लमॊ बी नष्ट्ट शो जाए, तो कपय इव नश्लय लस्तु को प्राप्त कयने का कोई औचित्म भौंयया मो
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औय प्रमोजन फनता शी नशीॊ शै । उन्शें अिानक „तत्लसान‟ शोने रगा था। ले अत्मॊत प्रवन्न शुए। उन्शोंने फिी श्रद्धा के वाथ ऩस् ु तक लशीीँ फॊद की औय बगलत्प्राज़प्त के लरए िद्दय तान कय वो गमे। ******** ***
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बयऩ फाऩ दवलीॊ तक ऩढ़ा था औय कशीॊ क्रकग की नौकयी कयना िाशता था, ऩय तभाभ कोलळळों के फालजद नौकयी नशीॊ लभरी। कई ग्रेजए ु ट तक बी फेयोज़गाय थे। कपय उवने ककवी वयकायी भशकभे भें िऩयावी की नौकयी ढॉ ढ़ने के लरए बागादौिी की, कुछ अफवयों वे लभरा, दरारों वे लभरा, अऩने इराहे के रोकवबा, वलधानवबा औय नगय ननगभ के एभ.ऩी., एभ.एर.ए. औय ऩाऴगद वे लभरा, ऩय वाये आश्लावनों के फाद बी नौकयी नशीॊ रगी। फाऩ को उम्भीद थी कक नौकयी रगते शी तनख्लाश भें ककवी तयश काभ िर शी जामगा। ऩय नौकयी नशीॊ रगनी थी, वो नशीॊ रगी। घय भें फीली फीभाय थी, ऩय फेटे को उवने ककवी तयश ऩये एक वार की खुळाभद के फाद एक एभ.एर.ए. की लवफारयळ वे ऻयीफों के लरए ननधागरयत कोटे के अॊतगगत एक अच्छे स्कर भें डार हदमा था। ट ट ज़ा फोय, ट थ्री ज़ा लवक्व... फच्िा ऩढ़ने रग गमा था। फाऩ के फाऩ की गाॉल भें थोिी वी ज़भीन थी औय, जैवा अकवय लवनेभाओॊ औय कशाननमों भें शोता शै , लशाॉ के वाशकाय के ऩाव उधाय लरए ऩैवों के फदरे विभि ु चगयली ऩिी थी। ऩाव शी एक भॊहदय था जशाॉ िौफीवों घॊटे बगलान का दयफाय रगा यशता था। ऩुजायी के कशने ऩय फाऩ भॊहदय भें शय योज़ ळाभ को घॊटा हशरा कय आता था औय दे लताओॊ को घॊटे की आलाज़ वे अऩने आने का बान कयाता था, फेनागा। ऩिौव भें कुछ झज़ु ग्गमों को चगया कय एक फिा भॉर फन यशा था ज़जवभें दजगनों भज़दय काभ कय यशे थे। आगे िर कय लशीीँ तीन-िाय भॉर औय फनने लारे थे। मशाॉ काभ लभरने की वम्बालना थी। फाऩ ने वोिा जफ तक ककवी नेता की भशयफानी शो मा ककवी हदन घॊटे की आलाज़ वे भौंयया मो
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बगलान जाग जाएॉ तफ तक भज़दयी वे शी घय का ऺिग औय फेटे के स्कर की फीव का जुगाि शो जामगा। कभ वे कभ ऩगाय तो शय योज़ लभर जामा कये गी। भज़दयी के लरए वयकायी गजेट भें ज़जतना न्मनतभ लेतन ननधागरयत शुआ था एक ठे केदाय ने उववे बी कभ भें उवे यख लरमा, अशवान जता कय। घय भें फीली ने बी ज़ोय डारा था वो उवने भज़दयी ळुरू कय दी। ऩशरे तो ऩशिान लारे रोगों की नज़यें फिा कय ईंटें उठाता था, कपय जो कुछ ळभोशमा मा „इज़्ज़त‟ लश वोिता था उवके ऩाव थी, लश उवके ऩवीने के वाथ वाथ फशती गमी औय उव ऩय फाहामदा भज़दय शोने का ठप्ऩा रग गमा। करेंडय के ऩन्ने फदरते गए, कपय करेंडय फदरने रगे, एभ.ऩी. फदरते यशे , एभ.एर.ए. फदरते यशे , ऩाऴगद फदरते यशे , भॊहदय के ऩज ु ायी फदर गए, नए नए भॉर फनते यशे , फाऩ के फार वफेद शोते गए औय लश शय नए फनते भॉर भें भज़दय फनता यशा, शभेळा के लरए भज़दय। लश तफ बी घॊटा फजाता यशा औय भज़दयी कयता यशा। फाऩ ईटें ढोते ढोते हदन भें बी वऩने दे खने रगा था औय हदन बय की थकान के फाद यात को वख ु वे फेवुध शोकय वो जाता था। फेटा स्कर वे ननकर कय कॉरेज भें आगमा, फाऩ शड्डीतोि भेशनत वे खिाग उठाता यशा। फेटे को रेकय उवको हदन भें बी अफ औय अच्छे अच्छे वऩने आने रगे। कॉरेज भें आने के फाद फेटे को भोटय वाइककर की ज़रूयत भशवव शोने रगी, जो थी नशीॊ। वफ दोस्तों ने एक एक गरगफ्रेंड फना री थी इवलरए उवने बी एक फना री। उवने गरगफ्रेंड को वफ कुछ झठ फतामा अऩने फाये भें, अऩने फाऩ के फाये भें, अऩने घय के फाये भें। गरगफ्रेंड को खळ ु कयने के लरए फेटे के ऩाव ज़्मादा ऩैवे बी नशीॊ यशते थे। भौंयया मो
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एक हदन ककवी दोस्त के वाथ भटयगश्ती कयते लक़्त उवकी भोटयवाइककर वे चगय कय फेटा ज़ख़्भी शो गमा। लवय भें बी िोट आई औय उवे अस्ऩतार भें बती शोना ऩिा। फाऩ ऩय अफ फेटे के अस्ऩतार का खिाग अरग वे आ ऩिा। वाशकाय ने ऩयी ज़भीन शिऩ कयने के फाद थोिे वे रुऩमे फाऩ को ऩकिा हदए थे जो फीली के इराज भें उठ गए। फीली तफ बी भय गमी। इधय फाऩ की झग्ु गी पैरते शुए ळशय भें खखवकते शुए फीिों फीि आगई औय आवऩाव के भॉरों औय आरीळान घयों के फीि पटे ऩैफॊद की तयश रोगों की आॉखों भें खटकने रगी। कई रोग आमे ज़जन्शोंने फाऩ को उव झग्ु गी के फदरे अच्छे ऩैवे दे ने की ऩेळकळ की। उवके फाद भाकफमा लारों ने धभकाना ळुरू कय हदमा। ऩय फाऩ नशीॊ भाना। फेटे ने ज़ोय हदमा तफ बी नशीॊ। अफ फाऩ को उम्भीद थी कक फेटे की ऩढ़ाई ऩयी शोते शी उवकी नौकयी के फाद वफ कुछ ठीक शो जामेगा। झोंऩिी की जगश ऩक्का घय फन जामगा। वोिने रगा, उवकी फयवों की कभयतोि नघस्व नघस्व भज़दयी के फाद बी लश अफ तक ज़ज़ॊदा था। ऩय इव भज़दयी ने शी तो फेटे को ऩढ़ाई भें मशाॉ तक ऩशुॉिामा था। फाऩ अऩने वख ु ी फुढ़ाऩे औय खळ ु शार आखखयी लक़्त का वऩना दे खता यशा औय कपय उवने ळाभ की लळफ़्ट भें बी एक ननभागणाधीन फशुभॊज़ज़रा इभायत भें िौकीदायी कय री ताकक फेटा अच्छे वे अच्छे इराज़ वे जल्दी ठीक शोजामे। अफ लश भॊहदय का घॊटा फजाने ड्मटी के फाद वुफश ऩौ पटने के ऩशरे जाने रगा, फेनागा। फाऩ की अऩनी खुद की नौकयी की उम्भीद तो कफ की टट िक ु ी थी औय लश इव लक़्त भज़दय फन िक ु ा था, ऩय अफ लश लवफग उवके एक भाि वशाये औय जान वे ज़्मादा प्माये फेटे के भोश औय उवकी बाली नौकयी की खानतय शी भॊहदय तक खखॊिा िरा भौंयया मो
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जाता था। “शे बगलान, फेटे को िॊगा कयदे औय शभको इव तयश की ज़ज़ॊदगी वे जल्दी छुटकाया हदरा दे ”- फाऩ अफ शय योज़ भॊहदय भें मे शी प्राथगना कयता था। आखखय एक हदन बगलान ने उवकी प्राथगना वुन शी री। “फुड्ढा अऩनी झोंऩिी भें नशीॊ शै ” – भाकफमा के एक धुत्त गुॊडे ने कशा। “वारे को खफय रग गमी शोगी” – दवये धत्त ु ने कशा। “स्वारा कशीॊ बाग गमा शोगा” – तीवये धुत्त ने कशा। “उव बफज़ल्डॊग भें बी ऩछा था, यात को तो ड्मटी ऩय गमा था, ऩय रगता शै वफ ु श शी बाग लरमा” – ऩशरे ने कशा। भाकफमा के तीनों गॊड ु े रौट कय जाने रगे। आगे जाते शी उन्शें भॊहदय भें फाऩ आॉखे फॊद ककमे फेटे के स्लास्थ्म के लरए बगलान के आगे शाथ जोिे फैठा हदखाई हदमा, ध्मानभग्न, ननश्िर। “अये , लो यशा फुड्ढा” – एक गुॊडा चिल्रामा। तीनों भॊहदय की तयफ रऩके। ठक्क, ठक्क... उनभें वे ककवी के रयलॉल्लय की एक शी गोरी ने फाऩ को बगलान के वाभने उवी जगश रुढ़का हदमा। दवयी तो मॊ शी ऩक्का कयने के लरए थी। उधय फाऩ को फीि वे शटला कय अस्ऩतार की फजाम एक शोटर के कभये भें ऺुळी ऺळ ु ी रुऩमों के ढे य औय फीमय की फोतरों के फीि अऩने दोस्तों औय गरगफ्रैंड के वाथ फैठा फेटा नोट चगन यशा था। ********
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ननयनि वुनीता ने रजाते शुए कशा – „अगरे भइने भेयी वादी ऍ।‟ „ळादी? ककवकी, तेयी?‟- भुझे फिा आश्िमग शुआ। „शाॉ, भम्भी ऩाऩा ने कशा रिका अच्छा ऍ।‟ „ऩय त तो अबी छोटी शै , इतनी जल्दी क्मा शै ?‟ „शभाये माॉ तो वादी फशोत ऩैरेई शोजाती ऍ। आऩ जरूय आना।‟ याभदर ु ायी शभाये मशाॉ वऩछरे रगबग दव लऴों वे काभ कय यशी शै । जफ शभ दवयी कॉरोनी भें यशते थे, तफ वे। जफ इधय आमे, वॊमोग वे याभदर ु ायी का ऩरयलाय बी कुछ भशीनों फाद शी ऩाव शी कशीॊ ककवी झग्ु गी झोंऩिी भें आ फवा औय ढॊ ढते ढाॊढते याभदर ु ायी ने शभाया ऩता कय शी लरमा। दवयी काभलारी को उवने ककवी तयश शतोत्वाहशत कयके काभ छोिने ऩय भजफय कय हदमा औय खद ु ु़ शी कपय काभ ऩय रग गई। उवकी एक छोटी वी बफहटमा थी, कोई तीन िाय वार की, जो कबी कबी उवके वाथ आजामा कयती थी। फिी िुरफर ु ी वी, शोलळमाय। भेयी फेटी लभन्नी वे दो तीन वार छोटी। लभन्नी ने शी फतरामा था उवका नाभ वुनीता शै । लभन्नी के वाथ वन ु ीता खेरा कयती थी। कबी „बफल्री‟ फन कय लभन्नी रूऩी „ळेय‟ वे डय कय बागती थी, कबी उवके िाफी लारे खखरौनों को दय वे उठा राकय उवे दे दे ती थी। लभन्नी अक्वय उवे टॉफी औय बफस्कुट दे हदमा कयती थी। धीये धीये लश रगबग योज़ शी याभदर ु ायी के वाथ आने रग गमी। लभन्नी के ऩुयाने कऩिे शभ उवे दे हदमा कयते थे जो उवे फिे अच्छे रगते थे औय लश उन्शीॊ को ऩशन कय आती थी। भौंयया मो
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ऩय एक हदन याभदर ु ायी ने फतामा वुनीता को उन्शोंने गाॉल बेज हदमा उवकी दादी के मशाॉ। कई हदनों तक वुनीता की माद आती यशी। लभन्नी को बी। लो अक्वय याभदर ु ायी वे ऩछती थी - „वुनीता कफ आमेगी?‟ दव वार फाद वुनीता एक हदन अिानक आई – „आॊटी, ऩैिाना भैं कौन ऊॊ?‟ शभें ज़्मादा दे य नशीॊ रगी उवे ऩशिानने भें। अफ लश थोिी फिी शोगई थी फायश-तेयश वार की। याभदर ु ायी िाशती थी कक उवकी जगश वुनीता शी शभाये मशाॉ काभ ककमा कये ताकक लश खुद कोई नमा घय ढॊ ढ रे। इव फात वे वुनीता फिी उत्वाहशत थी, शाराॉकक शभें फिा वॊकोि शोयशा था। वन ु ीता छोटी थी, ऩता नशीॊ काभ वम्शार ऩामेगी कक नशीॊ। उवकी ऩढ़ाई लगैयश का क्मा शोगा? कपय अफ ऩशरे लारी फात नशीॊ यशी, लभन्नी बी फिी शोगई थी। उवका व्मलशाय बी जाने कैवा शो उवके वाथ। कपय बी शभने वोिा एकाध भशीना दे ख रेते शैं, अगय वफ कुछ ठीक िरता यशता शै तो कोई फात नशीॊ। लरशाज़ा, याभदर ु ायी की जगश अफ वुनीता शी काभ कयने रगी। जल्दी शी शभें रगने रगा, ळामद अफ ज़्मादा अच्छी तयश काभ शोने रगा था। ऩय द्ु ख इव फात का था कक अऩने गाॉल भें वऩछरे दव वारों भें वन ु ीता स्कर कबी गमी शी नशीॊ, औय न शी उवे ऩढ़ने लरखने भें कोई रुचि थी। कई फाय लभन्नी ने उवे क,ख,ग ऩढ़ाने की कोलळळ की, रेककन ऩढ़ने के नाभ वे शी उवे वाॊऩ वॊघ जाता था औय अकवय खखरा यशने लारा िेशया गुभवुभ शोजाता था। ऩय वुनीता को ज़्मादातय वभम मशीॊ यशना अच्छा रगता था। कबी कबी तो लश अऩने घय ळाभ को शी जामा कयती थी। हदन भें टीली दे खती थी, खाना बी मशीॊ खा रेती थी। शभको रगता था इवके ऩाॊि-छ् बाई-फशन घय ऩय चिल्रऩों भिाते शोंगे इवलरए लो मशीॊ ज़्मादा वे ज़्मादा वभम बफताना भौंयया मो
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ऩवॊद कयती थी। िॉकक मशाॉ वफवे इतनी घुरलभर गमी थी, शभें बी कोई फकग नशीॊ ऩिता था। ईभानदाय थी, उवको िोयी-िकायी की कोई फुयी आदत नशीॊ थी, इवलरए मे चिॊता बी कबी नशीॊ यशी कक घय वे कोई िीज़ ऻामफ न शोजामे। शभाये वाथ फाज़ाय जाना बी उवे अच्छा रगता था। वायी थैलरमाॉ अऩने ऊऩय राद कय िरने भें उवे ळान भशवव शोती थी, जैवे वायी ळॉवऩॊग लश खुद कयके आई शै । कबी कबी एकाध फ्रॉक शभरोग उवको बी हदरा दे ते थे औय इववे उवके िेशये ऩय जो खुळी झरकती थी लो दे खने भें फिा वक ु न लभरता था। शभको बी वन ु ीता वे स्नेश वा शोगमा था। याभदर ु ायी िाशती थी कक वुनीता दो-तीन घयों भें औय काभ कयने रगे। लश भुझ ऩय बी दफाल डारती थी कक भैं इव फाफत वुनीता को वभझाऊॊ। फिी भुज़श्कर वे वन ु ीता एक औय घय भें काभ कयने को याज़ी शुई, ऩय एकाध घॊटे के फाद शी कपय काभ कयके रौट आती थी। इव तयश फिी अच्छी तयश वुनीता ने तीन वार काभ ककमा औय अफ उवने फतरामा अगरे भशीने उवकी ळादी शोने लारी शै । „क्मा कयता शै तेया शोने लारा दल्शा?‟ – भैंने ऩछा। “ऩज़स्िभऩुयी कारोनी भें कऩिे इस्िी कयने का ई काभ कयता ऍ। अऩने भाॉ-फाऩ के वाथ लईं झोंऩिऩट्टी भें यै ता ऍ। उवके ऩाऩा बी दवयी कारोनी भें इस्िी का ई काभ कयते एॊ” – वन ु ीता ने फिे गलग के वाथ फतामा। जफ वुनीता की ळादी शुई, वॊमोग वे शभ रोग लशाॉ नशीॊ थे। याभदर ु ायी फतराती थी वुनीता फशुत खळ ु शै । रिका बी फिा अच्छा शै , उवका ध्मान यखता शै । कुछ हदनों फाद वन ु ीता घय आई। उवके वाथ उवका भौंयया मो
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ऩनत बी था। ककळना उवका नाभ था। उम्र शोगी रगबग 17-18 लऴग, अच्छा खावा, वुन्दय। शभें रगा, वन ु ीता बाग्मळारी थी कक उवे इतना वुन्दय औय ख्मार यखने लारा ऩनत लभरा। मश वॊतोऴ की फात थी। वुनीता को दे ख कय बी अच्छा रगा। वािी ऩशन कय लश दल् ु शन वी शी रग यशी थी। उवने फिी वी बफॊदी रगा यखी थी, रदपद गोटे लारी रार वािी ऩशन यखी थी औय िटक गशये रार यॊ ग की लरऩज़स्टक रगा यखी थी। उवके गार बी फेशद रार रग यशे थे - ळामद उवने जभ कय रूज़ रगामा शुआ था। इव वफ के फाद लश अऩने आऩको ककवी कफल्भी एक्रै व वे कभ नशीॊ वभझ यशी थी। उवे दे ख कय लभन्नी की शॊ वी छट यशी थी – फालरका लध। रेककन शभ भशवव कय वकते थे कक वन ु ीता विभुि फख़्र भशवव कय यशी थी अऩने ऩनत को रे कय। फाय फाय लश उवे शी ननशायती यशती थी। अिानक मॊ आजाने वे शभ ऩशरे वे उवके लरए कोई उऩशाय तो नशीॊ रा ऩामे थे - ऩय भेये ऩाव एक नई वािी ऩिी थी औय भेये ऩनत के ऩाव बी एक नमा ळटग ननकर आमा जो शभने उन्शें हदमा। दोनों फशुत खुळ शुए – शाराॉकक भेये ऩनत िाशते थे उनकी ळटग के फदरे रुऩमे दे ना ठीक यशे गा। भैं वभझ वकती थी, फिे िाल वे उन्शोंने लो ळटग अऩने लरए जो ऺयीदी थी। लभन्नी को फिा भज़ा आयशा था - दोनों भेशभानों की तयश कुलवगमों ऩय फैठे थे औय ठन्डे ळफगत का आनॊद उठा यशे थे। फीि फीि भें एक-दवये वे कुछ भज़ाक बी कय यशे थे ज़जववे वन ु ीता कुछ ळभाग वी यशी थी। वुनीता ने फतरामा ले रोग ऩज़श्िभऩुयी की झग्ु गी-झोंऩिी „कारोनी‟ भें यशते शैं। कोलळळ कय यशे शैं कक लशीीँ कशीॊ दवयी जगश रे रें यशने के लरए। ककळना का काभ „अच्छा‟ िर यशा था – हदन बय भें वौ-वला वौ की आभदनी तो शो शी जाती थी। घय का वाया काभ अफ वुनीता ने शी भौंयया मो
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वम्शार लरमा था औय लशीीँ ऩाव के दो भकान „ऩकि‟ लरए थे ज़जववे उवे बी शज़ाय डेढ़ शज़ाय लभर जाते थे। शभें खुळी थी कक वुनीता खुळ शै । रगबग एक लऴग के फाद वन ु ीता अिानक शी आती हदखाई दी। दय वे उवका िेशया लैवा शी रार रार वा नज़य आयशा था। उवने वरलाय कुताग ऩशन यखा था। ऩाव आई तो दे खा भश ुॊ ऩय औय शाथ ऩैयों ऩय रार-नीरे ननळान कुछ औय शी कहस्वा फमान कय यशे थे। आते शी लश योने रगी। उवे भाय ऩीट कय ककळना औय उवके भाॉ-फाऩ ने घय वे ननकार हदमा था। ककळना ने अफ दवया „नाता‟ कय लरमा था औय लो नशीॊ िाशता था कक वन ु ीता लशाॉ यशे । उवकी नई फीली ने मशी ळतग यखी थी कक उवके घय भें आने वे ऩशरे वुनीता ननकर जानी िाहशए। उवका भुयझामा िेशया दे ख कय शभें फेशद द्ु ख शुआ। एक लऴग ऩशरे शी जो रिकी इतनी िशक यशी थी औय अऩने ऩनत ऩय न्मौछालय शुई जायशी थी, उवे आज इव तयश घय वे फाशय ननकार हदमा गमा – भायऩीट कय। मश वफ क्मों शुआ – उव वभम न तो उवने कोई कायण फतामा औय न शभने शी ऩछना उचित वभझा। फव उवने मशी कशा कक उवके भम्भी-ऩाऩा जाकय कपय फात कयें गे उन रोगों वे। शभें नशीॊ रगता था अफ कुछ शोगा, जफ कक रिके ने दवयी ळादी बी कय री थी। ऩय वुनीता ने कशा – „शभाये माॉ तो कई फाय ऐवा ई शोजाता ऍ।‟ आश्िमग था मश वफ इतनी आवानी वे शोजाता शै । अफ तक शभें याभदर ु ायी ने बी कुछ नशीॊ फतामा था। अगरे हदन याभदर ु ायी फशुत योई औय ककळना औय उवके ऩरयलाय लारों को कोवने रगी। लो रोग दो िाय भशीने फाद शी वुनीता को द्ु ख दे ने रग गए थे, जफ कक फेिायी ने िाय-ऩाॊि फॊगरे बी „ऩकि‟ लरए थे औय घय बय का वाया काभ बी कयती थी। ज़जतना भशीने बय भें ककळना कभाता था रगबग उतना शी वुनीता बी कभा रेती थी – कपय बी लो भौंयया मो
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रोग शभेळा उवके वाथ गरी-गरौज, भायऩीट कयते यशते थे। उन्शोंने वुनीता को डॉक्टय को हदखामा था औय तफ ऩता िरा लश भाॉ नशीॊ फन वकती। कई भशीनों तक तो वुनीता वफ वशती यशी थी औय उवने अऩने घय ऩय कुछ नशीॊ फतरामा – ऩय फाद भें जफ कबी लो आती थी तो उवके ळयीय औय भुॊश ऩय शभेळा िोट के ननळान ऩिे शोते थे। तफ उवने लववक लववक कय वफ फतरामा। लशीीँ उवकी बफयादयी की एक रिकी वे ळादी कयने के लरए ककळना ने वुनीता ऩय ज़ोय ज़फदग स्ती ळुरू कय दी थी। शभने याभदर ु ायी को वराश दी कक लश वुनीता को शी शभाये मशाॉ काभ ऩय बेज हदमा कये – ऩय वन ु ीता की भानलवक ज़स्थनत अबी ठीक नशीॊ थी। उव वदभे वे लश उफय नशीॊ ऩाई थी। घय भें उवके रौट आने वे उनके घय भें बी जगश कभ ऩिने रग गमी थी ज़जववे घय भें झगिे ळुरू शोगमे थे। शाराॉकक याभदर ु ायी वभझ वकती थी वुनीता की भनोदळा, ऩय उवके घय लारे इव फात के लरए तैमाय नशीॊ थे कक वुनीता उनके वाथ यशे । शभें मश वफ वुन कय वुनीता की फेिायगी ऩय फिा तयव आता था। जो रिकी चिड़िमा की तयश िशक िशक कय शभाये मशाॉ उछरकद कयती थी, फाज़ाय भें शभेळा शभाये वाथ शो लरमा कयती थी, घय भें खुळी खुळी वाया काभ कयती थी, तन्भमता वे टीली दे खती थी, शय काभ कयने के लरए शभेळा तत्ऩय यशती थी – लशी आज „अऩने‟ शी घय भें गुभवुभ ऩिी यशती शै । अलाॊनछत व्मज़क्त की तयश। जैवे ककवी के घय भें कोई फाशयी आदभी घव ु आमे। कैवी वलडम्फना थी कक ज़जन छोटे बाई फशनों को उवने इतना प्माय हदमा था, वफ उवके खखराफ शोगमे थे, कोई बी उवके ऩष भें फोरने के लरए तैमाय नशीॊ था। याभदर ु ायी फता यशी थी कक ले रोग कोलळळ कय यशे शैं वन ु ीता की ळादी कपय वे कशीॊ शोजामे। शभें मश वन ु कय अच्छा रगा। अबी मश रिकी कुर लभरा कय विश अठायश लऴग की भौंयया मो
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बी नशीॊ शुई औय उवने इतना वफ दे ख लरमा, वश लरमा। उवकी बी अऩनी कुछ इच्छाएॊ शोंगी। एक अच्छी ज़ज़ॊदगी ऩय उवका बी शह शै । एक भशीने फाद कपय वन ु ीता आई। इव फाय उवका िेशया खखरा शुआ था। उवने फतामा कपय उवकी ळादी की फात िर यशी शै । मश वुन कय शभें खुळी शुई। अबी ज़्मादा कुछ ऩता नशीॊ, ऩय हदल्री भें शी कशीॊ शै रिका। एक लकीर के मशाॉ ड्राइलय शै । िाय ऩाॊि शज़ाय भशीने के लभर जाते शैं। लश फशुत खुळ थी। फोरी - अगय उवे लो काभ कयने दे गा तो लश बी दोतीन शज़ाय तो कभा शी रेगी। ज़जव िेशये को शभ शभेळा खुळ दे खने के आदी थे वन ु ीता का लैवा शी िेशया दे ख कय शभें अच्छा रग यशा था। एक दो घॊटे फनतमा कय वन ु ीता लाऩव िरी गमी। कश यशी थी ळादी वे ऩशरे कुछ हदन गाॉल भें यशे गी दादी के ऩाव। दो लऴग के लरए भेये ऩनत को प्रनतननमुज़क्त ऩय फाशय जाना था। मश ननश्िम शुआ कक अगय लभन्नी का लशाॉ ककवी स्कर भें एडलभळन शो गमा तो वफ जामेंग,े लनाग लो अकेरे शी जाएॉगे औय शभ मशीॊ यशें गे। वौबाग्मलळ लभन्नी का एक अच्छे स्कर भें एडलभळन शो गमा। जाने वे ऩशरे द्ु ख था कक वन ु ीता वे भैं नशीॊ लभर वकी। उवे ळादी की फधाई, ळुबकाभनामें औय कुछ तोशफा दे ना िाश यशी थी। भुझे भारभ था अगय भैं मश याभदर ु ायी को दे दॊ तो मश वन ु ीता तक ळामद शी ऩशुॊिे। कपय इव फात वे वॊतोऴ कय लरमा कक लाऩव रौट कय शी उवको मश वफ दे दें गे। दो लऴों के फाद जफ लाऩव रौटे तो न याभदर ु ायी का कुछ ऩता िरा न वुनीता का। शभाये मशाॉ कोई दवयी नौकयानी काभ कयने रगी थी। एक हदन फातों शी फातों भें ऩता रगा लश ककवी वुनीता नाभ की फार-फच्िों लारी औयत को जानती थी जो ऩशरे उवकी शी झज़ु ग्गमों के ऩाव कशीॊ यशती थी ऩय अफ लशाॉ वे िरी गमी थी। कपय बी लश उवके फाये भें ऩता भौंयया मो
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कयने की कोलळळ कये गी। मश ळामद कोई औय शी वुनीता थी, लनाग दो वार भें शी लश फार फच्िों लारी कैवे शो वकती थी। दो-तीन भशीनों के फाद एक हदन अिानक वन ु ीता आई। उवका गरा फेशद परा शुआ था, िेशये ऩय झरु यग माॉ ऩि गमी थीॊ, आॉखों के नीिे कारे गड्ढे हदखाई दे यशे थे, औय लश बफल्कुर भुयझा गमी थी। उवे दे ख कय फिा धक्का रगा। ऐवा रगता था लश फीव-फाईव लऴग की मल ु ती नशीॊ, ऩैंतारीव-ऩिाव लऴग की कोई अधेि औयत शै । उवने फतामा, दो वार ऩशरे उवकी ळादी शोगई थी। उवका ऩनत एक लकीर के मशाॉ ड्राइलय शै । उवकी ऩशरी ऩत्नी दो तीन वार ऩशरे गज़ ु य गमी थी औय उववे तीन फच्िे शैं। वफवे फिा तो वुनीता की उम्र का शी था, रगबग फीव-फाईव लऴग का, उववे छोटी एक रिकी औय वफवे छोटा एक रिका जो कयीफ िौदश ऩन्रश लऴग का था। फिी कहठनाई वे शॉव कय उवने फतामा कक कैवे लश ळादी के तुयॊत फाद शी एक वाथ तीन फच्िों की „भाॉ‟ फन गई। भुझे उवकी शॊ वी ऩय शी योना पट यशा था – लश ककतनी भुज़श्कर वे अऩने आऩको वुखी हदखाने की नाकाभ कोलळळ कय यशी थी। भैंने ऩछ – „तेये गरे भें क्मा शुआ?‟ “जी, गाॉठ ऍ। एक अस्ऩतार भें एक फाय हदखामा था। भशॊ गा इराज फतामा था डागदय ने। कुछ हदन दलाई फी री ऩय कोई फामदा नईं शुआ। मे तो फढ़ता ई जाया ऍ।” “तो इराज फॊद कय हदमा?” – भैंने ऩछा। “शाॉ जी। इन्नै कशा ककवी दवये अच्छे डागदय को हदखामेंगे। अफ तो वाॊव बी परने रगी ऍ भेयी।” – ककवी तयश धीये धीये वुनीता फोरी। कुछ दे य फाद ऩानी-लानी ऩीकय लश िरी गमी। भौंयया मो
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एक हदन कपय आई वुनीता। थोिी खर ु ी तो उवने फतामा उवके ऩनत को घय रौटने भें अक्वय दे य शो जाती शै। अगय जल्दी जाने के लरए लकीर वे कशता शै तो लश उवे नौकयी वे ननकारने की धभकी दे ने रगता शै । थक कय आता शै तो कपय दारू की फोतर खोर कय फैठ जाता शै । खाना खखराने के लरए लश उवकी दारू खतभ शोने का इॊतज़ाय कयती यशती शै , ऩय कबी तो लशीीँ रुढ़क जाता शै बफना खाना खाए - ऩय अक्वय उवके फाद लश उवे घवीट कय बफस्तय ऩय रे आता शै नोंिने खवोटने के लरए। अफ तो उवकी वाॊव बी परने रगी शै । भना कयती शै तो फुयी तयश ऩीटता शै । अफ तो फच्िे बी शाथ उठाने रग गए शैं उव ऩय। घय का काभ बी फिी भज़ु श्कर वे शोता शै । परती वाॉवों के फीि वुनीता ने फिे दाळगननक अॊदाज़ वे कशा – “आॊटीजी, अफ तो जो कुछ ऍ अच्छा ई ऍ। ज़जॊदगी कट यई ऍ जैवै तैवै। अफ आऩ शी फताओ भेयी जैवी औयत कय ई क्मा वकती ऍ। बगलान नै जैवा बाग लरखा ऍ लैवा ई बोगना तो ऩिैगा ई। शाथ ऩैय जादा िरते नईं एॊ तो भैंने काभ फी छोि हदमा। इन्नैं फी कुछ नईं कशा।” भझ ु को वन ु ीता की शारत ऩय फेशद तयव आयशा था औय उवको वाॊत्लना दे ने के लरए ज़ुफान वे कोई ळब्द नशीॊ ननकर यशे थे। रगता शै ननमनत का कोई अन्म वलधान, कोई प्रायब्ध बी शोता शै ज़जवका इव जन्भ भें ककमे ककवी काभ वे ळामद कोई वम्फन्ध नशीॊ शोता। तबी तो शॉवती खखरखखराती भावभ फच्िी के बाग्म भें जो लरखा था लश वफ उवने कयलामा ज़जवकी न उवने कबी कल्ऩना की थी, न लश उवकी शहदाय थी। प्रायब्ध के इव िक्र का ननमॊता कोई औय शी शोता शै औय इवके लळीबत शोकय शभ अनजाने शी ऐवी ऐवी अच्छी मा फुयी ऩरयज़स्थनतमों भें नघय जाते शैं जो शभें अकल्ऩनीम वीभाओॊ तक उठा कय धकेर दे ती शैं। भौंयया मो
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वुनीता का दब ु ागग्म उवे कैवे कैवे भोिों ऩय राकय खिा कय यशा शै औय इव जहटर भकिजार भें लश फयफव एक ननयीश औय अवशाम ऩतॊगे की तयश आकय पॉव गई शै । थोिी दे य रुक कय वुनीता ने कपय कशा- “आॊटीजी, भेये फिे रिके की वादी तै शोगई ऍ। भथुया के ऩाव एक गाॉल भें फयात जामगी आठ-दव हदन भैं ई। अफ तो घय भैं फी काभ फढ़ गमा ऍ। नए कऩिे लवराए ऐॊ फच्िों के। घय की फिी भैं ई ऊॊ न, नई फऊ को वफ कुछ लवखाना ऩिैगा।” भैंने उवे फशराने औय खुळ कयने को कशा – „अये लाश! अफ तो त वाव भाॉ बी फन जामेगी। िरो फश आजाएगी तो तेया ऺफ ख्मार यखेगी।‟ लश लवफग थोिा भुस्कया बय दी। ज़जव ळायीरयक औय भानलवक लेदना वे लश गुज़य यशी थी, इववे ज़्मादा लो कय बी क्मा वकती थी। भैं उवे कुछ वाॊत्लना दे ना िाश यशी थी ऩय जैवे वाये ळब्द गरे की तयश शी वख कय गुभ शोगमे थे। भेयी आलाज़ बी फिी कोलळळ के फाद ननकर यशी थी। आॉखों को भैं फश ननकरने वे ककवी तयश योक यशी थी। भुझे रग यशा था भेयी व्माकुरता औय भेये िेशये ऩय उवके लरए दमा को दे ख कय लश औय ज़्मादा दख ु ी शो जामेगी, जो भैं नशीॊ िाशती थी। अऩने आऩ को ककवी तयश वम्शारते शुए भैंने उवे खाना खखरामा औय कुछ रुऩमे हदए जो लो रेने वे भना कय यशी थी। उवको भैंने एक वािी बी दी ज़जवे दे ख कय एक षण के लरए उवके िेशये ऩय खुळी झरकी। भैंने कशा – „मे गोटे औय वरभा लवताये लारी वािी तझ ु ऩय अच्छी रगेगी। फायात भें मशी ऩशन कय जाना वाव जैवे ठाठ के वाथ।‟ फिी कहठनाई वे लश कपय थोिा भुस्कया दी। उवको अरग वे भैंने वौ रुऩमे हदए औय ताहीद की कक लश रयक्ळा कयके जाए, ऩैदर बफल्कुर न जाए। लश खळ ु शोकय िरी गमी।
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एक हदन शभ रोग िाम ऩय फात कय यशे थे वुनीता की शी। अफ तक उवके फेटे की ळादी शोगई शोगी औय लश खुळी वे वाव फनी इतया यशी शोगी। तबी घॊटी फजी। फाशय याभदर ु ायी थी ज़जवने भुझे दे खते शी योना ळुरू कय हदमा। लश फताने रगी – “वुनीता खळ ु ी खुळी आऩकी दी शुई वािी ऩशन कय फायात के वाथ यलाना शुई शी थी कक उवकी वाॊव फयु ी तयश परने रगी औय आलाज़ बी रुक गमी। उवके भुॊश भें ऩानी डारा ऩय कुछ शी लभनटों भें उवकी वाॉव बी फॊद शोगई। उवके गरे भें कैंवय की गाॉठ थी ज़जवकी लजश वे कैंवय पेंपिों तक पैर गमा था। ऩय फीफीजी, उवके भयद ने लशीॊ उवको नीिे विक ऩय उताय कय ऩटक हदमा, शभ रोगों को बी फव वे उताय हदमा औय लो रोग फायात रेकय यलाना शोगमे। शभने शी उवका फायशलाॊ ककमा ऩय उव हदन बी न तो उवका भयद आमा, न उवके घय वे कोई औय आमा।” ********
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घर-बेघर आज कपय लश उवी फव स्टैंड के ऩाव खिा हदखाई हदमा। वुफश वे शी फेशद गभी शोगई थी औय लश टटे फव स्टैंड की छत को िीयती धऩ की गभी वे फिने के लरए फैिेनी वे धीये धीये इधय उधय घभ यशा था। उवके ऩाव आकय भैंने काय योकी। भुझे दे खते शी उवके गॊबीय िेशये ऩय एक वयर वी भस् ु कान दौि गमी औय लश तेज़ी वे आकय आगे भेयी फगर लारी वीट ऩय फैठ गमा। “भैंने आऩका नाभ अबी तक बी नशीॊ ऩछा”- भैंने कशा। “वय, श्रीगोऩार शै भेया नाभ” – उवने वॊक्षषप्त वा उत्तय हदमा। कपय कुछ वफाई दे ते शुए फोरा - “भैं फव का इॊतज़ाय कय यशा था। आने शी लारी थी।” **** भैंने ऩशरे उवे ऩशरी फाय हयीफ एक वार ऩशरे दे खा था। मश 60-65 लऴग का वाधायण कऩिे ऩशने आदभी था ज़जवके िेशये वे रगता था उवने वबी तयश का लक़्त ज़जमा था। अगय लश लरफ़्ट नशीॊ भाॊग यशा शोता तो भझ ु े लश ककवी दफ़्तय का रयटामडग फिा फाफ रगता। भाॊग यशा था तफ बी ळामद लैवा शी रग यशा था। ककवी का रयश्तेदाय शोता तो ळामद वम्भाननीम बी भाना जाता। लश इवी फव स्टैंड के ऩाव उव तयफ वे ननकरते दऩ ु हशमा स्कटयलारों वे लरफ़्ट रेने की कोलळळ कय यशा था। लशाॉ वे दो फवें बी गुज़य गमीॊ ऩय लश उनभें नशीॊ फैठा। भैं दय वे आते शुए दे ख यशा था कक तीन-िाय स्कटय उवके अनुयोध ऩय नशीॊ रुके थे उवको
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लरफ़्ट दे ने के लरए। आती जाती कायों वे लरफ़्ट भाॊगने की ळामद उवकी हशम्भत नशीॊ शोयशी थी। भैंने ठीक उवके ऩाव आकय काय योकी थी औय उवे आलाज़ दी थी – “क्मा आऩको आगे जाना शै , लरफ़्ट िाहशए?” उवने भेयी तयफ अवलश्लाव वे दे खा औय जफ उवे रगा भैं उवी वे भुऺानतफ था, लश काय के ऩाव आमा। भैंने कशा –“फैठ जाइए।” लश बौंिक्का वा दयलाज़ा खोर कय फैठ गमा था। “थैंक्म वय, भैंने दे खा नशीॊ था। कोई स्कटय लारा बी भुज़श्कर वे शी लरफ़्ट दे ता शै , इवलरए भैं कायों वे ऩछने की ज़रूयत शी नशीॊ वभझता।” “ककव तयफ जाना शै ?” – भैंने ऩछा। “वय, आऩ कशाॉ तक जाॊएगे?” लश उम्र भें भुझवे काफी फिा था। मश „वय‟ ळब्द वुन कय भुझे कुछ अटऩटा वा रगा। ऩय उववे कोई जानऩशिान नशीॊ थी, इवलरए भैं िुऩ शी यशा। भैंने कशा – “भैं तो िाणक्मऩुयी जा यशा शॉ।” “भेये यास्ते भें शी शै , लशीीँ ककवी स्टैंड के ऩाव उताय दीज़जमेगा।” िाणक्मऩयु ी तक शभ बफना फात ककमे आगमे थे। काय भें केलर फेऻभ अख़्तय की गाई ऻज़रों की वीडी िर यशी थी ज़जवे लश बी िुऩिाऩ वुन यशा था। भैंने एक फव स्टैंड के ऩाव काय योक दी थी औय लश भुझे धन्मलाद दे कय उतय गमा था। दवयी फाय जफ भैंने उवी स्टैंड ऩय कई भशीनों के फाद दे खा तफ बी लश उवी तयश स्कटय लारों वे लरफ़्ट भाॊगता हदखाई हदमा था। ऩय इव फाय
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लश कबी कबी आती जाती गाड़िमों की तयफ बी दे ख रेता था। भैंने कपय उवके ऩाव आकय काय योकी औय लश भुस्कुयाता शुआ आकय बफना कुछ फोरे दयलाज़ा खोर कय फैठ गमा। भैंने फात कयने की गयज़ वे लैवे शी ऩछा- “आऩको िाणक्मऩुयी वे आगे औय कशाॉ जाना शोता शै ?। “वय, भुझे शाईकोटग की तयफ जाना शोता शै । भेया एक भुहदभा िर यशा शै , ज़जवके लवरलवरे भें भैं आता शॉ – उवने कशा। “ऩय शाईकोटग की तयफ तो ळामद एक-दो फवें बी जाती शैं उवी फव स्टैंड वे। कपय आऩको लरफ़्ट के लरए ऩये ळान शोने की क्मा ज़रूयत शै ? – भैंने ऩछा। लश कुछ षणों के लरए िुऩ यशा। भुझे रगा लश थोिा रुआॊवा वा शो गमा था औय उवकी आॉखें नाभ शोगई थीॊ। अऩने आऩको वॊमत कयने की कोलळळ कयता शुआ फोरा – “शाॉ वय, लशाॉ वे कई फवें शाईकोटग जाती तो शैं ऩय....”- लश कपय थोिा रुक कय फोरा –„....भेये ऩाव फव का ककयामा नशीॊ शै ।” भुझे एक धक्का वा रगा। इव ज़भाने भें मे वोिना बी ळामद भुज़श्कर शी शोता शै कक ककवी वाधायण वे वाधायण आदभी की जेफ भें बी ऩिाववौ रुऩमे बी नशीॊ ऩिे शोंगे। फव का हटकट तो ळामद दो-तीन रुऩमे का शी आता शोगा। भुझे उव ऩय फशुत यशभ आमा। शाराॉकक उव हदन भुझे दफ़्तय भें औय हदनों वे ज़्मादा शी काभ था, ऩय कपय बी भैंने उव वे कशा – “िलरए अच्छा शी शुआ, आज भझ ु े उवी तयफ जाना शै , आऩको भैं शाईकोटग तक छोि दॊ गा।”
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“आऩकी फिी भेशयफानी वय” – उवने केलर इतना शी कशा औय िुऩ शोगमा। भैं फेिैन शोगमा था उवकी फात वुन कय। दे खने भें तो मश व्मज़क्त भध्मभलगीम वा शी रगता था, ऐवा क्मा कायण शो वकता शै कक इवकी मश शारत शै । भैंने ऩछा – “आऩ अगय फुया नशीॊ भानें तो भुझे मे वभझ भें नशीॊ आमा कक आऩ के ऩाव फव का ककयामा बी नशीॊ शै ।” उवने एक रॊफा वा ननश्लाव छोिा औय कशा – “वय अफ भैं क्मा फताऊॉ। ऐवी िीज़ें फताने भें बी ळभग आती शै ।” भैंने कशा – “शाॉ, भैं वभझ वकता शॉ। शाराॉकक भैं ळामद आऩकी कोई भदद तो नशीॊ कय ऩाऊॉ, ऩय अगय मश वफ फताने वे आऩका जी शल्का शो जामे तो आऩ भुझवे कश वकते शैं। अबी तो शाईकोटग दय शै ।” लश फोरा – “आऩ वशी वोि यशे शैं वय। मे वफ फातें अॊदय शी अॊदय घभ ु िती यशती शैं औय शय फीतते हदन के वाथ औय लज़नी शोती यशती शैं। भैं ककवी वे कुछ कश कय अऩने भन का ऻफ ु ाय बी नशीॊ ननकार वकता।” भुझे रग यशा था, ळामद मे व्मज़क्त विभुि कुछ कशना तो िाश यशा था, ऩय वॊकोि कय यशा था औय भन शी भन घुट यशा था। भैंने कशा – “दे खखमे, आऩको ज़रूय रगता शोगा कक एक अजनफी वे इव तयश की फातें ळामद कोई नशीॊ कयता वकता, ऩय लास्तल भें आऩको कुछ कश रेने वे कोई याशत लभरती शो, तो आऩ ननस्वॊकोि भझ ु े वफ कुछ कश वकते शैं। इवलरए बी कक ळामद भैं एक अजनफी शॉ, औय आऩकी ननजी ज़ज़ॊदगी भें दखरॊदाज़ी कयने भें भुझे कोई रुचि नशीॊ शै ।”
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कुछ षण रुक कय लश फोरा – “थैंक्म वय। आऩको मश वफ अजीफ तो रगेगा, ऩय भैं अऩनी फीत यशी ज़ज़ॊदगी के फाये भें फता दॊ तो ळामद विभुि भुझको थोिा वक ु न लभरे। भझ ु को भाफ कयना।” “नशीॊ, ऐवी कोई फात नशीॊ शै । आऩ फताइए। जो िाशें ” – भैंने कशा। उवने फताना ळुरू ककमा – “वय, मशीॊ भेया एक ठीकठाक वा दो फैडरूभ का फ़्रैट शै ज़जवभें भैं यशता शॉ। ऩशरे हदल्री के ऩाव शी ऩानीऩत भें शभ रोग यशते थे। लशाॉ रॊफी फीभायी के फाद भेयी फीली का इॊतकार शोगमा। लशाॉ का अऩना भकान औय ज़भीन फेि कय भैं अऩने फेटे के वाथ मशाॉ िरा आमा औय उव ऩैवे वे मश फ़्रैट खयीद लरमा। रिके को भैंने मशीॊ कारेज भें ऩढ़ामा। उवने फी.एववी. ऩाव कयके मशीॊ बफजरी फोडग भें नौकयी कयरी। दो वार ऩशरे भेयी तबफमत काफी खयाफ शोगई थी औय ऐवा रगने रगा था ऩता नशीॊ कफ क्मा शोजामे। उव लक़्त भैंने अऩना फ़्रैट औय फैंक भें जो कुछ थोिा फशुत ऩैवा था, वफ अऩने फेटे के नाभ कय हदमा। फदकहस्भती वे भैं ठीक शोगमा। एक-डेढ़ वार ऩशरे फेटे की ळादी बी कय दी।” मश कश कय लश कपय कुछ षणों के लरए रुका। उवका गरा थोिा रुॊ ध वा गमा था। उवने गरा खॊखाय कय कपय कशना ळुरू ककमा – “भेये दब ु ागग्म वे भेयी फश टे ढ़े लभज़ाज की औय झगिार ननकरी। ऩता नशीॊ क्मों लो भुझको उव घय भें नशीॊ दे ख वकती। उवने ऩशरे तो भुझे भेये कभये वे मश कश कय स्टोय भें लळफ़्ट कय हदमा कक एक कभया आमे गमे भेशभानों के लरए खारी िाहशए। कपय कुछ हदनों के फाद स्टोय वे बी उठा कय फयाभदे भें लळफ़्ट कय हदमा, मश कश कय कक भुझे स्टोय भें हदक्कत शोती शोगी। ऻनीभत शै कक फयाभदा फॊद वा शै इवलरए ककवी तयश गज़ ु ाया शोजाता शै । फेटा बी झगिे के डय वे फीली वे कुछ नशीॊ फोरता।” भौंयया मो
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लश रगाताय फोरे जा यशा था भानो उवके भन भें दफे शुए जज़्फातों को फाशय ननकरने का कोई यास्ता लभर गमा था – “भैं घय फाशय का वाया काभ कय दे ता शॉ, वज़ब्ज़माॊ रे आता शॉ। रेककन भेयी फश एक एक ऩैवे का हशवाफ रेती शै । भेये ऩाव फदककस्भती वे अऩना कुछ बी नशीॊ यशा औय अफ फश भेये फेटे को भुझे ऩाॊि रुऩमे बी नशीॊ दे ने दे ती। भैं उववे घय भें खाना भाॊगने की हशम्भत बी नशीॊ कय वकता। अगय उवे शी कबी माद आजामे तो दे दे ती शै , लनाग उव हदन पाका शोजाता शै । आवऩाव कोई रॊगय रगा शो तो लश लशीीँ खाने को कश दे ती शै । लश आने जाने के लरए फव तक के लरए ऩैवे नशीॊ दे ती, इवीलरए स्कटय लारों वे लरफ़्ट भाॊगता शॉ। कोई दे दे ता शै तो ठीक शै , लनाग इतनी दय ऩैदर शी जाता शॉ। अगय मशीॊ फव स्टैंड ऩय बीख के लरए शाथ पैराऊॊ तो फव हटकट के लरए ऩैवे तो लभर शी जाएॉ। ऩय इवी ऻरतफशभी भें जी यशा शॉ कक अबी बी भुझभें इज़्ज़त तो क्मा ळामद थोिी फशुत ऻैयत फाकी शै । फव वय, इवी तयश हदन गुज़य यशे शैं।” अऩने आऩ को वम्शारने के लरए उवने दो तीन फाय थक ननगरा। लश कपय िुऩ शोगमा। ज़जव तयश उवने मश वफ कशा, उवकी बयबयाती आलाज़ वुन कय भुझे बी रगने रगा भेया गरा बी रुॉ धने वा रगा था। अगय लश इव वभम अऩनी शारत ऩय यो दे ता तो भैं बी ळामद उवके वाथ शी वुफक ऩिता। भैं उवकी कशानी वुन कय ऻभगीन शोगमा था औय वदभे वे िऩ ु था। उवने आगे कशा – “वय, एक भुहदभे के के कायण रयटामयभेंट वे ऩशरे की भेयी एक वार की तनखा अटकी ऩिी शै । भह ु दभे भें तो ज़फयदस्ती पॉव गमा, भेया कोई रेनादे ना नशीॊ था उव भाभरे भें। ऩय अफ उम्भीद शै
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कक जल्दी शी फैवरा भेये शह भें शो जामगा औय भेयी एक वार की तनखा एक भुश्त भुझे लभर जामेगी।” भझ ु े मश वन ु कय अच्छा रगा। ऩय भैंने ऩछा – “अगय आऩको अऩनी रुकी शुई तनखा लभर बी जाए तो क्मा आऩके ऩाव यश ऩाएगी?” “आऩ वशी वोि यशे शैं वय, इवभें वे एक ऩैवा बी भेये ऩाव नशीॊ फिेगा” – उवने कशा। भैंने उवकी ओय प्रश्न बयी नज़यों वे दे खा मश जानने के लरए कक तफ क्मा शोगा। “वय, भैं वोि यशा शॉ कक लाऩव ऩानीऩत शी िरा जाऊॊ, शाराॉकक लशाॉ अफ कुछ बी नशीॊ फिा। ऩय भेया एक ऩिौवी था जो शभवे फिा प्माय यखता था। उवका फेटा बी भुझको िािा िािा कशके फुराता था। ऩाॊि छ् भशीने ऩशरे लश लभरा था। उवको अऩनी शारत तो भैंने नशीॊ फताई ऩय लश अऩने आऩ शी फोरा कक अफ उवके फाऩ नशीॊ यशे , फिा भकान शै भैं क्मों नशीॊ रौट आता उनके वाथ यशने के लरए। वफ रोग शभको अफ बी माद कयते शैं। वय, मश वुन कय तो भैं पट पट कय योने रग गमा। उवके लरए फशुत दआ ु एॊ ननकरीॊ। वोिता शॉ लशीीँ िरा जाऊॊ। अगय कोटग वे ऩैवे लभर गए तो शय भशीने अऩना खिाग तो उनके वाथ फाॉट शी रॉ गा, जफ तक बी िरे।” भुझको रगा, ळामद उवके लरए लशी फेशतय शोगा। शाईकोटग आगमा था। भैंने ऩटयी के ऩाव गािी योकी औय उववे कशा – “दे खखमे, अगय आऩको फयु ा न रगे तो आऩ भेयी एक फात भानेंगे?” “शाॉ, कहशमे”- लश फोरा।
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भैंने अऩनी जेफ वे ऩाॊि वौ का एक नोट ननकार कय कशा – “भेशयफानी कय के मश अऩने ऩाव यख रीज़जए औय ककवी तयश अऩनी फश वे फिा कय इव वे अऩने भुहदभे के लवरलवरे भें फव वे आना जाना कय लरमा कीज़जमे।” ऩशरे लश कुछ खझझका औय कपय कुछ वोि कय उवने फिे शी वॊकोि वे धीये धीये अऩना शाथ फढ़ा कय नोट रे लरमा। भझ ु े फेशद ऺळ ु ी शुई थी। उवने तफ नभ आॉखों वे कशा था – “थैंक्म वय” औय लश अॊदय िरा गमा था। भैं उवकी जीत के लरए भन शी भन प्राथगना कय यशा था। *** “श्रीगोऩार जी, आऩके भुहदभे का फैवरा अबी तक नशीॊ शुआ?”- भैंने ऩछा। “वय, आज शी शै फैवरा। ऩयी उम्भीद शै कक भेये शह भें शी फैवरा शोगा। उन रोगों ने बी फाद भें भान लरमा था कक भेया कोई वीधा वम्फन्ध नशीॊ था उव भाभरे भें” – उवने फिे उत्वाश वे कशा। भुझे विभुि ऺुळी शुई – “लाश, भुफायक शो आऩको।” “वय, आऩके ऩाॊि वौ रुऩमे फिे भददगाय वाबफत शुए। भैंने ककवी को दे हदए थे यखने के लरए औय उवी वे आने जाने के लरए दव फीव रुऩमे रे लरमा कयता था।” भुझे वुन कय अच्छा रगा। भैंने ऩछा –“कपय आऩने क्मा वोिा? कशाॉ यशें गे?” “वय, भैं ऩानीऩत शी जाऊॉगा। अऩने „बतीजे‟ के ऩाव। फशुत ज़ज़द कय यशा शै ।” मश कशते शुए जैवे उवके प्रनत कृतसता वे उवकी आॉखे कपय नभ शो गमीॊ। भौंयया मो
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भैंने कपय ऩछा – “आऩको शाईकोटग तक छोि दॊ ?” “नशीॊ वय, उवकी ज़रूयत नशीॊ शै । आऩके ऩैवे भैंने लवफग शाईकोटग आने जाने के लरए शी फिा यखे थे। अबी बी ऩिाव रुऩमे फिे शैं। भैं िरा जाऊॉगा। आऩ तो िाणक्मऩुयी भें शी भुझे उताय दें ।” “श्रीगोऩार जी, आऩको फशुत फशुत ळुबकाभनामें। ईश्लय कये , आऩ भुहदभा जीत जाएॉ औय वख ु वे यशें ” – भैंने िाणक्मऩुयी भें एक फव स्टैंड के ऩाव काय योक कय कशा औय उववे शाथ लभराने के लरए शाथ फढ़ामा। उव वीधेवादे वॊजीदा आदभी ने फिे वम्भान के वाथ शाथ फढ़ा कय भेया शाथ धीये वे अऩनी तयफ खीॊिा औय िभ लरमा। भैं उवी वॊभ्राॊत औय वयर वे व्मज़क्त के फाये भें वोिता शुआ आगे फढ़ गमा। अऩना वफ कुछ रुटा कय अऩने शी घय वे अऩने इकरौते फेटे के ऩाव वे दत्ु काय कय ननकारा गमा एक आदभी ककवी ऩयामे वे लभरे ज़या वे अऩनेऩन औय वम्भान वे गद्गद्, स्नेश के लळीबत शोकय लशाॉ जायशा शै जशाॉ उवका अऩना कशने के लरए लवफग एक अनाभ वे रयश्ते वे फना कोई „बतीजा‟ शै !
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ऩयस िक फयसऱे लरछभा जफ गौना कयके आई, भुज़श्कर वे वोरश फयव की थी। ऩय अऩनी फशनों भें वफवे दे य वे लशी ऩयण कय वावये आई थी। लैवे ब्माश तो उवका तबी शोगमा था जफ लश तेयश-िौदश फयव की थी, ऩय उवकी भाॉ फीयभ फाई ने उवका गौना वोरश फयव की शोने तक शयचगज़ नशीॊ शोने हदमा। इवके लरए लो लरछभा के फाऩ वे बी रि ऩिी थी औय अऩने वाव ववुय वे बी। लरछभा तीनों फशनों भें छोटी बी थी, रािरी बी औय शोलळमाय बी। फीयभ फाई उवे ऩढ़ाना िाशती थी। गोगालाव के नछन्तय जाट के फेटे बैंरू वे उवका रगन शुआ था। गाॉल लारे जानते थे फीयभ फाई उऩवयऩॊि फनी उववे ऩशरे वे शी फात वशी बी कयती थी औय उव ऩय अि बी जाती थी। इव रिाई भें ले ककवी के वाथ नशीॊ थे। रेककन आखखय भें जीत फीयभ फाई की शी शुई। कई हदन तक उववे लरछभा का फाऩ औय वाव ववुय नशीॊ फोरे थे। फीयभ फाई जानती थी फेिाये वाव ववुय तो फढ़े शो िरे शैं वो लैवे शी फिप्ऩन की बबकी दे यशे शैं औय लरछभा का फाऩ ऩाॊि-वात हदन शुए नशीॊ कक ककवी हदन अऩने आऩ यात को उवकी वोि-गदिी भें घुव आएगा। बयी आॉखों वे जफ फीयभ फाई ने गौने के फाद लरछभा को बैंरू की वजीधजी फैरगािी भें फैठामा, उवने लवफग मशी कशा – “अऩणे फाऩ के इव घय भें अफ त जफ बी आएगी, ऩालणे की तयश शी आएगी। तेया वावया शी अफ तेया वफ कुछ शै , अच्छा फुया जैवा बी शै ।” लरछभा गौने के फाद जफ भोटा फोयरा, नथ, यखिी, फॊगिी, औय िाॊदी की शॊ वरी ऩशने, भोटा भोटा काजर रगामे, तेर िुऩिे फारों भें रार शये भौंयया मो
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िुटीरे वे कव कय गुॊथी शुई िोटी फाॉध कय, ऩीठ वे ऩयी खुरी शुई डोरयमों वे कवी काॊिरी, छीॊट की शयी-रार रगिी, रार-कारा घाघया औय कढ़ाईदाय जती ऩशन के जफ बैंरू की फैरगािी वे उतयी, तो उवका रॊशगा वऩॊडलरमों तक वयक गमा। उवकी गोयी गोयी वऩॊडलरमाॉ गाॉल के गफरू जलानों के हशमा भें एक वाथ वौ वौ छुरयमाॉ उताय गमीॊ। ऩय उनभें वे कई बैंरू के दोस्त बी थे जो अऩने हदर की कवक अॊदय शी अॊदय दफा कय लवफग उवके बाग ऩय यश्क कयते यशे । बैंरू घय का फिा फेटा था वो उवी का ब्माश वफवे ऩशरे शुआ था। नछन्तय अफ थोिा फढ़ा तो क्मा, कभज़ोय शो िरा था इवलरए धीये धीये अऩने काभ बैंरू को वम्शराता जा यशा था। बैंरू की भाॉ दो तीन फयव ऩशरे िर फवी थी वो घय भें कोई औयत जात अफ थी शी नशीॊ। भयद रोग ककवी तयश गुि-बॊगिा खाकय गुज़ाया कय यशे थे, ऩय वाया घय कफािखाने की भाननॊद शो गमा था। कशीॊ फैरगािी का टटा ऩहशमा ऩिा शै, तो कशीॊ भज ॊ की जेलिी का गट्ठय, तो कशीॊ अनाज की फोरयमाॊ, कशीॊ छाणे (उऩरे) औय कशीॊ रोशरक्कि। इवीलरए नछन्तय जल्दी वे जल्दी बैंरू का ब्माश कयके फीॊदणी घय राना िाशता था जो घय-फाय वम्शार रे। ऩय फीयभ फाई ने शयचगज़ नशीॊ भाना औय लरछभा का गौना वोरश फयव की शोने के फाद शी ककमा। बैंरू के छोटे बाई गुल्मा औय भगण्मा शाराॉकक उववे एक एक दो दो फयव शी छोटे थे, ऩय ज़ज़म्भेदायी वफ बैंरू शी रे यशा था। नछन्तय की एक दय की फशन बयी बआ ु जी औय नछन्तय के बाई की वलधला ग्मायवी काकी घय के वफ भाभरों भें वराश ज़रूय दे ती थीॊ, मा कशें टाॊग अिाती थीॊ, ऩय कबी कबाय घय आकय घय को व्मलज़स्थत कयने का उनको भन कबी नशीॊ शुआ।
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गौने के फाद अऩने वावये आते शी लरछभा घय की शारत दे ख कय घफया गई थी। ऩय उवे घय की फिी फीॊदणी शोने का ऻरूय बी था औय उवकी ज़ज़म्भेदायी का अशवाव बी। बैंरू लरछभा को फशुत प्माय कयता था। दो फाय उवको ळशय बी घभ ु ा रामा, एक फाय फिे चथमेटय भें लवनेभा बी हदखा रामा औय उवके लरए कई तयश के „अॊग्रेज़ी‟ कऩिे बी रे आमा ज़जन्शें िुऩिाऩ यात को लरछभा अकेरे भें बैंरू के वाभने ऩशनती थी। बैंरू कशता था- “त ऩशरे जणभ भें अॊग्रेजण थी औय इव जणभ भें लैवा शी गोया यॊ ग रेके ऩैदा शुई शै । भेये वाभणे त अॊग्रेजण की तयश शी यशा कय।“ तफ लरछभा ळयभा जाती थी औय रगिी वे भुॊश नछऩा कय शॉवती थी। उवने ळशय वे अऩनी ऩवॊद की कई जोि यॊ गीन काॊि की िड़िमाॉ बी ऺयीदी थीॊ ज़जन्शें लश शाथीदाॊत औय राख के भोटे ििों को उताय कय ऩशनती थी। बैंरू के कशने ऩय रार „लरवऩज़श्टक‟ रगा के जफ लरछभा लवनेभा की शीयोइन की भाकफक भटक के िरती थी तो बैंरू का हदर भिर उठता था औय लो लरछभा को फाॉशों भें बय कय प्माय कयने रगता था। िाय फयव भौज भस्ती भें कैवे ननकर गए ऩता शी नशीॊ िरा, ऩय लरछभा की गोद शयी नशीॊ शुई। बैंरू कशता था “त खद ु अबी फच्िी शी शै , घय वम्शाऱ यशी शै मे शी फशोत शै । अच्छा शै , फच्िों का फोझ अबी नशीॊ ऩिा तेये ऩय।” औय तफ लरछभा खळ ु शोजाती। उवके ऩाव बैंरू था तो वात रोक की खलु ळमाॉ उवके दाभन भें फॊधी यशती थीॊ। नछन्तय लरछभा को कशता था – “फीॊदणी, त वाच्छात रछभी शी शै । तेये आणे के फाद घय-फायणे की कदय औय फाऱफच्िों की वम्शाऱ शो गमी। तेये बाग वे शी घय की फयकत शै ।” लरछभा रॊफा घॊघट काढ़ के फव खिी यशती। वोिती, बरे शी ज़्मादा काभकाज वे थक जाती शो, ऩय उवको बी
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तो घय-चगयस्ती का वच्िा वुख लभर यशा था। बैंरू का प्माय शी जैवे वायी तकरीफ बुरा दे ता था। “तेये कॉ कोई तकरीप तो नईं शै नै? शभाये मशाॉ बैंरू ने वफ भाडयन कय हदमा। उवकी भाॉ तो िळ्शे भें शी योटी फणाती थी। अफ बैंरू इश्टोल खयीद ल्मामा शै । काभ जऱदी ननफट जाता शोगा। अफ लो बी तो हटपन भें योटी खाता शै ” – नछन्तय ने फिे गलग वे कशा। लरछभा ववयु के वाभने कैवे कुछ फोरती? लश लैवे शी खिी खिी अऩने बाग ऩय इतयाती यशी। अऩने दोनों फैरों को रेकय बैंरू वुफश खेत ऩय ननकर जाता था। मे फैर शी वफ काभ आते थे। बैंरू इनको फैरगािी भें बी जोतता था, फयवात वे ऩशरे वाये खेत भें ऩशरे शर िरा कय कपय फल ु ाई कयता था, औय ियव के भोटे राल को जिी वे फाॉध कय खेत के कुएॊ वे ऩानी ननकार कय क्मारयमों भें छोिता था। नछन्तय औय बैंरू के बाई शाराॉकक तफ उवकी भदद कयते थे। घय का काभ शी इतना शो जाता था कक लरछभा को बैंरू के लरए अरग वे दोऩशय का खाना दे ने जाने का लक़्त शी नशीॊ लभरता था, शाराॉकक लो िाशती थी कक ऐवा कये । इव फशाने दऩ ु शय भें बी लो थोिा लक़्त बैंरू के वाथ बफता वकती थी। उवकी जगश बैंरू का छोटा बाई गुल्मा उवके लरए दऩ ु शयी की योटी रेजाता था। ऩशरे गुल्मा छोटा था तो लो शी भीठे कुएॉ वे ऩानी खीॊि कय राता था, ऩय अफ जफ वे थोिा जलान शुआ शै औय भॊछों की कराई शोठों के ऊऩय गशयाने रगी शै , उवे औयतों के वाथ कुएॉ वे ऩानी खीॊिना अच्छा नशीॊ रगता। मे काभ बी अफ लरछभा के ज़जम्भे शी आगमा। ऩय उवके फदरे बैंरू के लरए दोऩशय का खाना रेजाने भें उवे कोई गयु े ज़ नशीॊ था। लरछभा वफ ु श इतने वाये काभों भें उरझी यशती थी कक दोऩशय फाद ळाभ ढरने वे कुछ ऩशरे शी उवको कुएॉ वे ऩानी राने का लक़्त लभरता था। वऩछरी फाय ळशय वे लरछभा खाव भौंयया मो
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तौय वे बैंरू के लरए एक हटकफन ऺयीद कय राई थी ताकक लो शभेळा की तयश कऩिे भें फाॉध कय रे जाने की फजाम अच्छी तयश हटकफन भें योटी रे जा वके। अफ लरछभा गुि औय काॊदे के अराला हटकफन के एक कटोयदान भें कबी कबी खाटा बी यख दे ती थी, जो बैंरू को खफ ऩवॊद था। लरछभा के आने के फाद घय जैवे घय रगने रगा था। कबी कबी बैंरू के दोस्तों का जभालिा बी शोजाता था, शाराॉकक जो नछन्तय को ऩवॊद नशीॊ था। बैंरू जानता था, गाॉल के छोये बी ज़जनवे उवकी कोई खाव दोस्ती नशीॊ थी, क्मों आजकर घय ऩय भॉडयाने रगे शैं। गाॊल भें लरछभा जैवी वुन्दय रिकी कोई थी शी नशीॊ। उनके शालबाल दे ख कय लरछभा बी वफ जान जाती थी औय यात को बैंरू के वाथ उनकी फात माद कयके खफ शॉवा कयती थी। नछन्तय दारू ऩी ऩी कय शी कभज़ोय शोगमा था। अफ लरछभा ने धीये धीये उवकी रत छुिा दी थी। अच्छे खाने वे उवकी तॊदरु ु स्ती बी वुधयने रगी थी औय लो बैंरू की ज़्मादा भदद कयने रगा था, जो लरछभा को अच्छा रगता था। “दाज्जी, आऩके शाि-गोिों भें ताकत शोम तो शी खेत भें आमा कयो, नशीॊ तो घय भें शी आयाभ कयो” – बैंरू फाऩ वे वशानुबनत जताता था औय नछन्तय ऐवा फेटा ऩाकय न्ह्माऱ शोजाता था। गुल्मा आठलीॊ की ऩढ़ाई कय यशा था औय स्कर जाता था। छोटा भगण्मा िौथी भें था। लरछभा उवको स्कर भें खेरघॊटी भें खाने के लरए गि ु -योटी फाॉध कय दे दे ती थी औय गुल्मा हटक्कि के वाथ कैयी का अिाय रेजाता था। कपय जफ तक घय भें वभेटा वभेटी ऩयी शोती थी औय लश भीठे कुएॉ वे ऩानी खीॊि कय राती, तफ तक बैंरू के आने का लक़्त शोजाता। उवके आते शी जैवे लरछभा की वायी थकान कपय वे काफय शोजाती। भौंयया मो
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गाॉल की ज़्मादातय औयतें वुफश शी कुएॉ वे ऩानी बयती थीॊ। दोऩशय के ऩशरे तक लशाॉ काफी िशरऩशर यशती थी। ळाभ को कुआॉ कयीफ कयीफ वुनवान शोजाता था। फव, ियने के फाद रौटते ढोय-ढाॊढे कुएॉ के ऩाव फनी खेऱी भें ऩानी ऩीने रुकते थे। लरछभा को ऩानी खीॊिने के लरए अऩनी फायी का इॊतज़ाय नशीॊ कयना ऩिता था, जैवा वफ ु श शुआ कयता था। कुएॉ की भुॊडये के ऊऩय एक तयफ एक नघयनी ऩय भोटी यस्वी ऩिी यशती थी ज़जव भें अऩनी ियी मा फाल्टी फाॉध कय औयतें ऩानी खीॊिती थीॊ। दवयी तयफ ऊॊिी एक औय नघयनी रगी थी ज़जव ऩय एक यस्वी भें भोटे कैनलाव की एक डोरिी फॊधी यशती थी। गाॉल लारे, यास्ते के भव ु ाकफय, मा बेि-फकरयमों, फऱद-डाॊगय के वाथ आमे ग्लारे कुएॉ की भुॊडये ऩय िढ़ कय डोरिी वे ऩानी खीॊिते थे औय एक शाथ भें डोरिी वे ऩानी चगया कय दवये शाथ की ओक वे ऩानी ऩी रेते थे। ऩय ऐवा ले शी रोग कय वकते थे जो „ऊॊिी जात‟ के शों। फाकी के लरए एक ऩत्थय की कुण्डी वे रगी रकिी की एक नऱकी शोती थी। कुएॉ की भुॊडये ऩय वे कोई कुण्डी भें ऩानी डारता था औय „नीिी जात‟ लारा नऱकी वे ओक रगा कय नीिे खिे शोकय ऩानी ऩी वकता था। मशी लशाॉ का अनलरखा ननमभ था, जो वफ जानते थे औय वफ रोगों को अऩनी अऩनी वीभाओॊ का बान था। लरछभा जफ ळाभ को कुएॉ वे ऩानी बय कय जाने लारी शोती थी मा बय यशी शोती थी, रगबग तबी तीन ऊॊटों को रेकय एक यै फायी उव यास्ते वे अऩने गाॉल रौटता था। उवके ऊॉट खेऱी वे ऩानी ऩीते थे औय कपय थोिी दे य वुस्ताने के लरए ऩाव शी फैठ जाते थे। उव वभम जो बी कुएॉ ऩय भौजद शोता था, गोयधन नऱकी के ऩाव खिा शोकय उवी को ऩानी वऩराने के लरए कशता था। अगय कोई नशीॊ शोता था तो लो कुएॉ ऩय ककवी भौंयया मो
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के आने का इॊतज़ाय कयता शुआ ऩाव के नीभ की छाॉल भें फैठ जाता था औय भन फशराने को झोरी वे अरगोज़ा ननकार कय फजाने रग जाता था। जफ ऩशरी फाय यै फायी ने लरछभा वे ऩानी वऩराने को कशा था, लरछभा अऩनी ियी वे शी उॊ डेर कय वऩराने रगी थी। ऩय यै फायी ऩीछे शट गमा था – „नशीॊ नशीॊ, क्मा कय यशी शै ? ककवी ने दे ख लरमा तो भेये को तो ओऱम्बा दें गे शी, तेये को बी ऩये वाणी शो जामगी। वाये फयतन-बाॊडे भाॊजणे ऩिेंगे।” लरछभा िौंकी, ऩय तुयॊत वभझ गमी। उवको तो ऩशरी फाय भें लो यै फायी फिा अच्छा रगा था औय ऩया का ऩया उवकी आॉखों भें उतय गमा था – गफरू भोट्माय, गें शुआ यॊ ग, ऩतरी धायदाय भछ ॉ , काजर रगामा शुआ, भोटी रॊफी ऩरकें, आगे का एक दाॊत वोने का, वफेद अॊगयखी, ऊॊिी वी धोती, िभिे की भोजिी ऩशने, िन् ु दिी लारी रार ऩगिी फॊधी शुई, ळकर वयत भें रब ु ालना औय फोरने िारने भें बरा। शाथी की तयश िरता था औय ठवक वे ऊॉट रेकय आमा था। रेककन गाॉल भें ऊॉट तो कई जाटों के ऩाव बी थे। ऩय तफ यै फायी को लरछभा ने नऱकी वे ऩानी वऩरा हदमा था औय कपय उवका नाभ ऩछा था। “गोयधण” - उवने फिे आत्भवलश्लाव वे जलाफ हदमा था। “क्मा कयता शै त?” ऊॊटों की खयीद पयोखत।” “लो क्मा शोता शै ?”
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“ऊॉट खयीदता शॉ औय ऊॊिे बाल ऩय फेि दे ता शॉ। भेयी ऊॊटखणमाॊ फच्िे बी जणती शैं। फिे शोते शैं तो लो बी बफक जाते शैं”। “योज त ऊॊटों को कशाॉ रे जाता शै ?” “ऊॉट ियाणे रेजाता शॉ, रोगों को हदखाणे बी औय ऊॊटखणमों को...” – कपय लश वॊकोि वे िुऩ शोगमा। ऩय लरछभा ळयभा गमी थी औय उवने रगिी वे अऩना िेशया ढाॊऩ लरमा। उवके फाद तो कई फाय यै फायी को लरछभा ने ऩानी वऩरामा था। ओक वे ऩानी ऩीते शुए जफ लश नऱकी की धाय की तयफ आॉख के गट्टे ऊऩय कयके दे खता था तो लरछभा को रगता था लो उवी को ननशाय यशा शै । ऩय चिढ़ने की फजाम लरछभा का हदर जोय वे धिकने रगता था औय एक कवक वी उठने रगती थी। लश बी जी बय के उवको दे खती थी। विभि ु ककतना वुन्दय था लो यै फायी। एक हदन गोयधन ने बी उवका नाभ ऩछ लरमा। “लरछभा” – उवने कशा। गोयधन कुछ फोरा नशीॊ। लवफग भुस्कुया हदमा। ऩता नशीॊ क्मों। गोयधन को भुस्कुयाते दे ख कय लश बी भुस्कुयाई थी औय कपय ऩानी वे बया करवा उठा कय घय िर दी थी। उवको ऩता नशीॊ गोयधन क्मों अच्छा रगा था। लो बैंरू को फशोत प्माय कयती थी औय उवके भन भें कबी ककवी औय आदभी का ऺमार बी नशीॊ आमा था। फव उवको गोयधन अच्छा रगने रगा था। वीधा वा, ज़जववे लो वफ फात कय वकती थी। मश कैवा अजीफ आकऴगण वा था!
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आज लरछभा को ऩानी के लरए आने भें कुछ दे य शो गमी थी। ऩय दय वे उवने कुएॉ की तयफ वे अरगोज़े की लशी भीठी वी धुन वुनी। लरछभा ने अरगोज़े की आलाज़ कई फाय ऩशरे बी वुनी थी औय उवे शय फाय फशुत अच्छा रगा था। कबी लो ऩखणशायी फजाता था, कबी गोयफन्द औय कबी भाॊड भें कोई धुन। लो खखिकी वे झाॊकती बी थी ऩय घय के फाशय ऩेि की आि वे कुएॉ के आवऩाव का फशुत वा हशस्वा छुऩ जाता था, इवलरए उवे ऩता नशीॊ िर वका इतना भधुय कौन फजा यशा था। आज जफ लो खुद उधय आई तो उवे योभाॊि शो आमा। मश तो गोयधन शी दय नीभ के नीिे फैठ कय अरगोज़ा फजा यशा था! उवने अऩने हदभ धीभे कय हदए कक कशीॊ उवको दे ख कय लो फजाना फॊद न कय दे । लश िाशती थी गोयधन फजाता यशे औय लो वुनती यशे , फव वुनती शी यशे । ऩय मे फात लश उववे कश नशीॊ वकती थी। जफ गोयधन ने लरछभा को आते शुए दे खा तो उवने विभि ु फजाना फॊद कय हदमा औय अरगोज़े को झोरे भें डार लरमा। उवके ऊॉट ऩानी ऩीकय वुस्ता बी िक ु े थे औय घय जाने के लरए तैमाय खिे थे। “आज इधय काणा कागऱा तक नशीॊ आमा। भैं जाणे शी लाऱा था, प्मावा शी।” – यै फायी ने कशा। मश वुन कय लरछभा के हशमा भें अिानक प्माय उभि आमा। लरछभा के भॊश ु वे ननकर ऩिा - “भैं तझ ु े प्मावा कैवे जाने....”, ऩय लाक्म ऩया नशीॊ कय वकी। कशीॊ यै फायी कुछ औय न वभझने रगे। कशाॉ मे यै फायी औय कशाॉ लो ब्माशता जाटणी! कपय खुद शी अऩनी इव फेतुकी वोि ऩय भस् ु कुया ऩिी। “तने अरगोज़ा फजाना फॊद क्मों कय हदमा?”
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“भैं तो लैवे शी फैठा फैठा ककवी के आणे की फाट जोश यशा था।” “भेये आने की?” “शाॉ, तेये बी आणे की। मे तेये आणे का बी तो टै भ शै ।” “भुझको अरगोज़ा नशीॊ वुनाएगा?” वुणाऊॉगा, ऩय आज नशीॊ। अबी तो दे य शोगई। ऊॉट घय जाणे को फे-वफये शो यशे शैं।” “ऊॉट शो यशे शैं कक त? घय ऩे तेयी कोई फाट जोश यशी शै ?” “भेयी फाट जो‟णे लाऱी अबी कोई नशीॊ शै ।” “तेया ब्माश नशीॊ शुआ अफ तरक?” “शुआ था, जफ भैं छ् वात फयव का था। भेये को तो ऩता बी नशीॊ शै ककवके वाथ। औय ज़जवके वाथ शुआ शोगा, लो अबी तक बी नशीॊ आई घय भें यशणे, ना अफ आणे लाऱी शै ।” “तने भारभ नशीॊ ककमा कौन थी?” “कोई फताता शी नशीॊ शै ।” “कपय कौन शैं तेये घय भें?” “फव, भा फाऩ, फढ़ी दादी औय भैं।” ”ब्माश नशीॊ कये गा दफ ु ाया?” “करूॉगा क्मों नशीॊ? उवी फखत कय ऱॉ गा जफ तेयी जैवी कोई वातलें आवभाण की ऩयी लभऱ जामगी। आॉख-हशलिे भें फवा कय यखॊगा।”
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लरछभा फेशद ळयभा गमी, ऩय फात फदर कय फोरी - “कपय कफ वुनालेगा तेया अरगोज़ा?” “त कशे गी जबी।” गोयधन अऩने ऊॊटों को रेकय िरा गमा औय लरछभा उवको दे य तक जाते शुए दे खती यशी। घय ऩशुॉिने को शुई तो दय वे बैंरू बी आता हदखाई हदमा। लो लशीीँ रुक गमी औय बैंरू के वाथ शो री। बैंरू ने इधय उधय दे ख कय उवकी गरफैंमा बय री औय लरछभा ळयभा कय दय खखवक कय िरने रगी। “ककवी ने अॊग्रेजण को कुएॉ वे ऩाणी बयते नशीॊ दे खा शो तो शभाये गाॉल आजालै” – बैंरू प्माय वे फोरा। “ककवी ने अॊग्रेजण की रालण भें गोखरू, बयबॊटे चिऩके नशीॊ दे खे शों तो शभाये गाॉल भें आजालै” – लरछभा ने तीय छोिा। बैंरू तयु त शी फैठ गमा औय लरछभा की रालण वे िन ु िन ु कय बयबॊटे औय गोखरू के काॉटे ननकार कय पेंकने रगा। फीि फीि भें लश ळयायत वे शाथ ऊऩय खखवका कय लरछभा की वऩॊडरी बी ऩकि रेता था औय लरछभा ऩैय खझटक दे ती थी। लरछभा को फिा भज़ा आयशा था औय लो लवय के ऊऩय इण्डुणी ऩय यखी ियी को वम्शारती शुई कभय ऩय यखी ऩानी वे बयी ियी वे बैंरू ऩय छीॊटे भाय यशी थी। वाभने गुल्मा को आता दे ख कय लश वम्शर गमी, ऩय गल् ु मा फाण कव शी गमा – “क्मा दादा, यस्ते भें शी बौजाई की ियण भालरव कय यमा शो?” “िर शट, फेवयभ” – बैंरू झेंऩ वा गमा औय खिा शोगमा। लरछभा की शॊ वी छट गमी। खखलवमाते शुए लश लरछभा की इधय उधय च्मॉटी काटने भौंयया मो
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रगा औय लरछभा उवको दय कयने के लरए करवे भें वे घय आने तक छऩाक छऩाक ऩानी भायती यशी। अगरे हदन लरछभा बैंरू के लरए दऩ ु शय को हटकफन तैमाय कय यशी थी कक एक आदभी चिल्रा चिल्रा कय नछन्तय को फाशय फुरा यशा था। नछन्तय फाशय बागा औय उवके वाथ शी गुल्मा बी। कपय ले तीनों फदशलावी भें खेत की तयफ दौिने रगे। लरछभा बौंिक्की वी फाशय ननकरी औय उनको दौिता दे खती यशी। उवको वभझ भें नशीॊ आमा गुल्मा खाना क्मों नशीॊ रे गमा? कोई एक घॊटे फाद फशुत वाये रोग इकठ्ठा शोकय उवके घय की तयफ आते हदखाई हदए। नछन्तय औय गल् ु मा िीख िीख कय छाती ऩीट यशे थे औय ऩीछे एक आदभी बैंरू की राळ को कॊधे ऩय राद कय रा यशा था। विक िरती ककवी गािी के तेज बोंऩ वे िभक कय रल्डी-छालऱमों (बेि-फकरयमों) के झण् ु ड का एक भेभना बैंरू के खेत के कुएॊ भें चगय गमा था। उवी को ननकारने बैंरू बी कुएॊ भें उतय गमा, ऩय ऩता नशीॊ कैवे औवाण िक गमा। फशुत दे य तक नशीॊ ननकरा तफ ियलाशे ने ळोय भिामा औय रोगों को इकट्ठा ककमा। कुछ रोगों ने कुएॊ भें उतय कय यस्वी वे उवे फाशय ननकारा ऩय तफ तक उवकी वाॉवें फॊद शो िुकी थीॊ। जैवे एक शया बया ऩेि बफजरी चगयने के फाद वखे ठॊ ठ की तयश शोजाता शै , लरछभा ऩय अिानक लैवी शी बफजरी चगयी। उवका वाया वॊवाय काॊि के फतगन की तयश ज़भीन भें चगय कय िकनािय शो गमा। उवकी आॉख के आगे अॉधेया छाने रगा औय लो बैंरू को आॉगन भें उव तयश ऩिा दे ख कय फेशोळ शोगई।
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दे खते शी दे खते वाया गाॉल इकट्ठा शोगमा था। फुज़ुगों ने वयज ढरने वे ऩशरे उवकी अॊनतभ कक्रमा कयने की तैमायी ळुरू कय दी। फीि फीि भें ग्मायवी काकी औय बयी बआ ु जी लरछभा के भॊश ु ऩय ऩानी के छीॊटे भाय कय उवे शोळ भें राने की कोलळळ कय यशी थीॊ। उवका शोळ भें आना ज़रूयी था। जफ तक बैंरू के नाभ का उवका ििा नशीॊ तोिेंगे, अथी उठ नशीॊ वकती। ग्मायवी काकी उवका लवॊगाय उतायने रगीॊ। गुलािी की तीन िाय औयतें उवे जैवे तैवे उठा कय एक फिे ऩत्थय के ऩाव राईं औय उवका शाथ लशाॉ यख कय दवये छोटे ऩत्थय वे उवकी िड़िमाॉ तोिने रगीॊ। यात को शी फिे प्माय वे बैंरू ने ऩशरी लारी फदर कय ळशय वे खयीदी ले नई िड़िमाॉ ऩशनाई थीॊ। लरछभा िीख कय कपय फेशोळ शोगई। अगरे एक भशीने तक बी लरछभा रगबग नीभ-फेशोळी की शारत भें शी यशी। कौन क्मा फोर गमा, क्मा लळषा दे गमा, भाॊ-फाऩ क्मा कश गए, उवे कुछ बी माद नशीॊ था। एक मॊि की तयश लश घय का वफ काभ कय दे ती थी, ऩय उवको न अऩना, न अऩने इदग चगदग ककवी औय िीज़ का शी कोई बान था। इव फीि ग्मायवी काकी, बयी बुआजी औय दवयी औयतों की बलभका फढ़ गमी थी। ले रगबग योज़ शी आऩव भें औय कपय नछन्तय के वाथ घय औय लरछभा के बवलष्ट्म के फाये भें फात कयती थीॊ। ले नछन्तय ऩय ज़ोय डार यशी थीॊ कक अफ गल् ु मा की िादय लरछभा को उढ़ा दे नी िाहशए। “छोयी दे खी-बाऱी शै , गुल्मा के वाथ नाते भें फैठ जामेगी औय फीॊदणी घय की घय भें यशी आलेगी। ऩछणा उवके भा-फाऩ को। खव ु शी शोंगे।”- गाॊल के फिे फुज़ुगों की आऩव भें मशी वराश थी। भौंयया मो
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लरछभा बी कोलळळ कय यशी थी वम्शरने की, ऩय जैवे अफ उवभें वोिने वभझने की ळज़क्त शी नशीॊ फिी थी। रेककन अऩने आऩवे कशती उवको अऩने फाये भें कुछ वोिना शी शोगा। विभुि, इव तयश कफ तक िर वकता था। इव घय ऩय अफ क्मा उवका कोई अचधकाय यश गमा शै , मा अफ लवफग कतगव्म शी फि यशा शै ? एक हदन नछन्तय ने हशम्भत जट ु ा कय लरछभा वे कशा - “घय भें अनयथ शोगमा शै । दे ख फीॊदणी, वुघि नाय जफ ऩयण कय आती शै तो उवके फाद उवके लरए वावया शी उवका वॊवाय शोजाता शै । वमाणों ने गशयी फात फताई शै – घय की रग ु ाई बरे शी ऩयदे व का िक्कय रगा आम, ऩण फायणा ऩाय ना कये औय डग ॊ य िढ़ जाम, ऩण घय की दे शऱी ना राॊघे। फीॊदणी, मे वभझणे की भशीण फात शै । िाय काॊधों की डोऱी ऩय फैठ कय फीॊदणी भामके वैं बरे शी आलै, ऩय िाय काॊधों ऩे वावये वैं उवकी राव शी जालै शै ।” - मे कश कय नछन्तय धीये धीये लाऩव िरा गमा। फीव की शोते शोते वऩछरे िाय ऩाॊि फयव भें शी लरछभा ने लश वफ कुछ दे ख औय झेर लरमा था जो बयी ऩयी ज़ज़ॊदगी भें फीत वकता शै । उवको रगा कशीॊ जीलन बय उवे इव िशायदीलायी-नभ ु ा जेर भें यखने की वाज़ज़ळ तो नशीॊ शो यशी? ककवके बयोवे लश मशाॉ यशे ? ज़जवके बयोवे लो मशाॉ ऩयण कय आई थी, बाग ने उवे छीन लरमा औय अकेरे शी इव जीलन वे वॊघऴग कयने के लरए छोि हदमा। अफ उवे अऩने फाये भें ननणगम रेने का अचधकाय क्मों नशीॊ शोना िाहशए? कुछ हदन फाद नछन्तय ने कपय कशा - “फीॊदणी, झन्झऱ भत खाणा। भैं पेय कशता शॉ त राज शमा छोि औय भेये कॉ वव ु या नशीॊ, अऩणा फाऩ शी वभझ। अफ फोऱै गी नशीॊ तो ऩता कैवे िऱै गा त क्मा बफिाय कय यशी
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शै .... अबी तेयी उभय शी क्मा शै ! डग ॊ य जैवी ज़जॊदगाणी कैवे काटे गी?... वोिणा तो ऩिेगा शी, आज नशीॊ तो कर।” लरछभा ने आज तक नछन्तय वे फात नशीॊ की थी। रॊफा घॊघट ननकारे शुए शी उवने हशम्भत जुटाई औय फोरी – “दाज्जी, मशाॉ आने के फाद भैंने आऩको फाऩ शी वभझा शै औय इवीलरए आऩवे फात कयने की फेवयभी कय यशी शॉ। आऩने जो लवच्छा दी उवकी भैं कदय कयती शॉ। आऩ शी फताओ ज़जवके वाथ फाॉध कय आऩ भुझको मशाॉ रामे, जफ लो शी नशीॊ यशा तो अफ भेया क्मा तो मशाॉ शक-शकक यशा, क्मा इज्जत यशी, क्मा ओशदा यशा? जात बफयादयी तो भझ ु को याॊड शी कशे गी न?” नछन्तय ने कशा - “फीॊदणी दे ख, फाभण फाण्माओॊ की बफयादयी भें तो याॊड की दद ु ग वा शी शोलै, ऩण जाटों भें औय कुछ नशीॊ तो नाता कयके फाऩिी रुगाई नई चगयस्ती तो फवा ऱे शै ।” लरछभा फोरी – “दाज्जी, नए घय भें आने के फाद रुगाई का घय के वाये रोगों वे एक खाव रयस्ता नाता फन जाता शै । जफ उन रयस्तों भें कोई बी पेय फदर शोने रगता शै तो वायी की वायी फात शी फदर जाती शै । ऩुयाने रोगों वे नए रयस्ते फनाना फशुत भुवककर शोता शै । जात बफयादयी ने जो बी कामदे कानन फनामे शैं, वोि वलिाय के शी फनामे शोंगे। ऩय अबी तक वायी कुयफानी औयत जात शी दे ती आई शै । घय की, बफयादयी की, वभाज की, वफकी भयजादा उवी के ज़जम्भे धकेर दी जाती शै औय लो फाऩिी िाशते शुए, ना िाशते शुए बी उनको ननबाने की कोलवव कयती यशती शै । कपय कोई गरती शो जाए तो करॊक का ठीकया बी उवके भाथे शी पटता शै ।”
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कुछ षण रुक कय लश कपय फोरी – “आऩ शी वोिो, अगय ककवी चििकरी के ज़जवके नए नए ऩाॉख उगे शों, औय जो उिान बयना िाशती शो, उवके ऩाॉख काट कय कोई कशे अफ त मशीॊ आयाभ वे यश, खा, ऩी, भौज कय, तो दाज्जी, उवको कैवा रगेगा? क्मा उवकी ज़जन्दगी लैवी शी यश ऩामेगी? क्मा लो उि ऩामेगी? क्मा लो खव ु यश ऩामेगी?” नछन्तय ने जाते जाते भन भाय कय कशा - “त वशी कश यशी शै , फीॊदणी। अफ भैं क्मा कशॉ? तेया जैवा भण कयै लैवा शी त कय। अबी घय के भाण्डणे बी नशीॊ लभटे थे कक मे अनयथ शोगमा। मे तो बाग की शी फात शै , आदभी का कोई फव नशीॊ शै । शभ वफ तेये वाथ शैं। त ज़जवभें शाभऱ बये गी, शभ लो शी भाण रेंगे। तेया भण कये तो त तेये भा-फाऩ वे बी वऱाश कय ऱे ।” लरछभा फोरी - “आऩका फिप्ऩन शी शै दाज्जी जो आऩने भुझको इतना बी भान हदमा, नशीॊ तो कौन ऩछता शै रग ु ाइमों को ले क्मा िाशती शैं। अफ आऩने कशा शै तो भैं लैवा शी करूॊगी जो भेये को लाज़जफ रगेगा। ऩण अगय भेया पैवरा आऩ रोगों को ठीक ना रगे तो भुझको भाप कय दे ना।” लरछभा को ऩशरी फाय रगा, उवे अऩने हशत भें कोई ठोव ननणगम रेना शोगा, िाशे लो ऩरयलाय की इच्छाओॊ के अनुरूऩ न शो मा वभाज की भमागदा मा यीनत-रयलाज़ के खखराफ शी शो। उवका अऩना बी जीलन शै , आकाॊषाएॊ शैं, खलु ळमाॉ शैं, ज़जनके फाये भें लो शी खद ु फैवरा कय वकती शै । लश अऩने फाये भें वोिती यशी। इतने हदन फाद ळाभ को उवके ऩैय फयफव शी उवको कपय भीठे कुएॊ की तयफ खीॊि रे गए। लशाॉ कोई नशीॊ था। लश नीभ के नीिे फैठ गमी। थोिी भौंयया मो
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दे य फाद शी दय वे यै फायी अऩने ऊॊटों के वाथ आता हदखाई ऩिा। उवने अऩने ऊॊटों को खेऱी ऩय ऩानी ऩीने के लरए छोिा औय कुएॊ ऩय ककवी को नशीॊ दे ख कय नीभ की तयफ फढ़ा। लरछभा को दे खते शी उवकी आॉखों भें िभक आगई। “अये , मे कैवे फेव भें फैठी शै ? भुॊश उतया शुआ रग यशा शै । ककवी वे रिाई शो गमी क्मा? इतणे हदणों वे कशाॉ थी?” लरछभा पपक ऩिी औय उवकी आॉखों वे आॊव झयने रगे। कपय अऩने आऩको वॊमत कयते शुए रिखिाती आलाज़ भें फोरी – “गोयधन, त कशता था न कक भेये जैवी वातलें आवभान की ऩयी लभर जामगी तो त ब्माश कय रेगा औय उवको आॉख-हशलिे भें फवा कय यखेगा। माद शै ?” “माद क्मों नशीॊ शै? कशीॊ हदखी तेये को लैवी ऩयी?” “भुझवे नाता कये गा? भैं तैमाय शॉ। फोर, त क्मा कशता शै ?” गोयधन िौंक गमा। उवको जैवे वलश्लाव शी नशीॊ शुआ – “बाॊग अपीभ खाकय आई शै क्मा? क्मा फोऱ यशी शै , कुछ शोव शै ?” “भैंने लशी फोरा जो तने वुना। क्मा त भुझवे रगण कये गा? जलाफ दे , शाॉ मा ना।” “त वोि वभझ कय फोऱ यशी शै ? जात-बफयादयी, गाॉल-गुलािी वफ का बफिाय कय लऱमा?” “शाॉ, कय लरमा। फोर, तैमाय शै भझ ु को वाथ रे िरने को? शभेवा के लरए, ऐवे शी, अबी, तुयत।” “त तैमाय शै तो मे भेया बाग शै । िऱ, अबी शी िऱ।”
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गोयधन ने ऊॊटों को ऩानी ऩीते शी खीॊि लरमा – “भेये वाथ फैठेगी अक दवये ऊॉट ऩय?” उवके उत्तय का इॊतज़ाय ककमे बफना उवने दो ऊॊटों को यस्वी खीॊि कय फैठामा औय वशाया दे कय एक ऊॉट ऩय उवने लरछभा को फैठा हदमा। दवये ऩय तेज़ी वे िढ़ कय लो खुद फैठ गमा औय ऊॊटों को शाॊकने रगा। आखखयकाय... लरछभा ने वाये वॊफॊधों के भामने एक झटके भें फदर हदए थे। उवने वभम को अऩनी भुट्ठी भें वभेट लरमा था। उवने ननश्िम ककमा, अफ वे वशी ऻरत का फैवरा बी लश खद ु शी कये गी। ऩय अफ बी लश वभझ नशीॊ ऩा यशी थी लश क्मा कय यशी शै । क्मा इतना फिा फैवरा लो बफना ककवी वे वराश लरए रे वकती शै ? क्मों नशीॊ? अऩने बवलष्ट्म का फैवरा ककवी औय के शाथों भें लो क्मों दे ? क्मा लश अिानक ऩागर शोगई? क्मा अत्मचधक लेदना इव तयश की कक्रमात्भकता को जन्भ दे वकती शै ? क्मा जो लो कय यशी शै , वशी शै ? व्मालशारयकता क्मा ऩयम्ऩयाओॊ औय भान्मताओॊ ऩय इव कदय शाली शो वकती शै ? भानलवक उद्लेरन क्मा व्मालशारयकता की वीभामें इव तयश राॉघ वकता शै ? उवके भन भें एक के फाद एक वलार उठ यशे थे औय उवके शाथ ऩाॉल एक अनजानी वदग जकिन की चगयफ़्त भें आते जा यशे थे। उवे अऩने वाभने अऩनी भाॉ का िेशया उबयता हदखाई हदमा ज़जवने गौने के फाद बफदाई के लक़्त लळषा दी थी। कपय नछन्तय का िेशया वाभने आमा जो उवे औयत की भयजादा के फाये भें कश यशा था। उवे लो वफ बी माद आमा जो उवने अऩने ववुय को कशा था। उवका लवय िकयाने रगा। उवको रगा लश अऩने बाग्म वे प्रनतळोध रेने के लरए शी मश वफ भौंयया मो
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कय यशी शै , मा शो वकता शै वभाज भें िरे आयशे रयलाज़ों के खखराफ उठ खिी शुई शै मा ळामद अऩने आऩ वे वलरोश कय यशी शै । अबी तक भाॉ-फाऩ ने ज़जववे बी उवकी ळादी कय दी थी उवने उवी वे फेशद प्माय ककमा। अफ लश ज़जववे प्माय कयना िाशती शै , क्मा उववे ळादी नशीॊ कय वकती? क्मा जात-गोत की रम्फी-िौिी खाई लश एक छराॉग भें शी ऩाय कय ऩामेगी मा कपय कतया कतया खखय खखय के एक हदन उवी भें वभा जामगी? उवे रगने रगा लश वफ फॊधनों वे भुक्त शोकय स्लच्छॊ द उि यशी शै । अफ वे लश लवफग लशी कये गी जो उवकी अॊतयात्भा कशे गी। रेककन लश गोयधन को जानती शी ककतना शै ? मकामक न जाने क्मों उवकी भुट्ठी वे गाॉल की फार ये त की तयश वभम कपय कपवरने रगा। अिानक लश चिल्राई – “गोयधन, रुक जा। ऊॉट को फैठा।” गोयधन को कुछ वभझ भें नशीॊ आमा। बौंिक्का वा लश रुका औय जल्दी वे आकय उवने लरछभा के ऊॉट को फैठामा। लरछभा ऊॉट ऩय वे कद ऩिी। “गोयधन, त तेये गाॉल िरा जा।” लश ऩरटी औय लाऩव तेज़ी वे घय की ओय दौिने रगी। गोयधन ज़स्थय शोकय शक्का फक्का वा उवे दौिते दे खता यशा। ऩय थोिी दय जाकय शी लरछभा अिानक फुत फन गमी। उवके ऩैय ज़रूय रुक गए थे ऩय वलिायों का भॊथन औय हदभाग की उरझन अफ बी उवे जकिे शुए थे। उवका वाया वॊवाय जैवे वशवा थभ वा गमा था।
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लश वोिने रगी क्मा लश शय हदभ ऩय जल्दफाज़ी नशीॊ कय यशी? क्मा इव तयश के उवके हदभ शय ककवी की बालनाओॊ को क्रयता वे झकझोय दे ना नशीॊ शै ? उवे रगा, ऩरयज़स्थनतमाॉ इतनी प्रनतकर बी तो नशीॊ शैं। एक फाय लश कपय ऩरटी औय धीभे हदभों वे गोयधन की तयफ रौटी।
“गोयधन, त भेये लरए जो बी कश यशा था, क्मा विभुि अऩने हशमिे वे कश यशा था?” – उवने ऩछा। “तेये को ळक-ळुफशा शै क्मा भेये कशणे ऩय?” “नशीॊ, ऐवे शी ऩछ यशी थी। ...ऩय...” – लश फोरते शुए खझझकी। “ऩण क्मा? तेया भण ऩरट गमा शै क्मा?” – गोयधन ने ऩछा। “अबी भेये को कुछ नशीॊ ऩता िर यशा। ऩय तेये फाये भें भेयी वोि नशीॊ फदरी शै ।” – लरछभा ने कशा।
गोयधन लरछभा की तयफ लवफग दे खता यशा, कुछ बी नशीॊ फोरा। इव वभम उवके ऩाव फोरने को कुछ था बी नशीॊ। वाया ननणगम तो लरछभा को शी रेना था। उवे तो लश ऩशरी नज़य भें शी बा गमी थी। ऩय उव वभम लश फोरता बी कैवे? “गोयधन, त फयु ा तो नशीॊ भान गमा, भैंने इव तयश अिानक ऊॉट रुकलामा औय लाऩव दौि ऩिी?” “नशीॊ तो। भैं क्मों फुया भाणता? तेयी भण-भजी शै ।” – उवने कशा। “क्मा त भेयी भन-भजी का भान यखेगा?” भौंयया मो
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“तेयी भण-भजी भेये लवय-आॉखों ऩय।” “तो क्मा त भेयी थोिी औय फाट जोश वकता शै ?” गोयधन लवफग भुस्कुया हदमा, कुछ फोरा नशीॊ। “त मशाॉ योज आता यशे गा न? शभेवा की तयश?” – लरछभा ने ऩछा। “मश तो भेया यस्ता शै । आऊॉगा क्मों नशीॊ?” – गोयधन फोरा। “तो ठीक शै । भेये को बरना भत। भैं कपय लभरॊगी।” – लरछभा ने धीये वे कशा औय अऩने गाॉल की तयफ भुि गमी। लश आश्लस्त शो गमी थी। उवे जल्दफाज़ी भें कोई बी ननणगम रेने की अफ ज़रूयत नशीॊ थी। उवे रगा वभम उवके शाथ वे अबी कफवरा नशीॊ था। लरछभा के भन भें नछन्तय के ले शी ळब्द घुभिने रगे - “...भेये कॉ वुवया नशीॊ, अऩणा फाऩ शी वभझ।....अबी तेयी उभय शी क्मा शै ! डग ॊ य जैवी ज़जॊदगाणी कैवे काटे गी?... शभ वफ तेये वाथ शैं। त ज़जवभें शाभऱ बये गी, शभ लो शी भाण रेंगे.. ।“
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कर्ाधयर एक व्मज़क्त एक ऊॊिे गुब्फाये भें फैठ कय कशीॊ जा यशा था। अिानक उवे रगा कक लश यास्ता बर गमा शै । उवने गब्ु फाये की ऊॊिाई कभ की औय नीिे इधय उधय झाॉका। लशाॉ उवे एक आदभी फैठा शुआ हदखाई हदमा। ऊऩय लारे आदभी ने चिल्रा कय ऩछा –“षभा करयमे, भैंने रोगों वे लादा ककमा था कक भैं उनवे लभरने एक ननज़श्ित वभम तक ऩशुॉि जाऊॉगा। अफ तक काफी दे य शो िुकी शै रेककन भुझे ऩता नशीॊ रग यशा इव वभम भैं कशाॉ शॉ। क्मा आऩ भुझे फतराने का कष्ट्ट कयें ग?े ” नीिे लारे व्मज़क्त ने कशा –“शाॉ शाॉ, क्मों नशीॊ? आऩ इव वभम बायत भें शैं जो अषाॊळ 8° 4' औय 37° 6' उत्तय औय दे ळाॊतय 68° 7' औय 97° 25' ऩलग के फीि ज़स्थत शै, इव के वाथ ऩाककस्तान, फाॊग्रादे ळ, नेऩार, बटान, िीन औय म्माॊभाय की वीभामें रगती शैं। आऩ एक गुब्फाये भें फैठे शुए शैं ज़जवकी ऊॉिाई ज़भीन वे अबी रगबग एक वौ ऩैंतीव फुट शै औय इव वभम शला उत्तय-ऩज़श्िभ वे दक्षषण-ऩलग की तयफ फश यशी शै ।” गब्ु फाये लारे आदभी ने धन्मलाद हदमा औय ऩछा- “क्मा आऩ इव दे ळ के कोई फिे वराशकाय शैं?” नीिे लारे आदभी ने जलाफ हदमा - “शाॉ। रेककन आऩको कैवे ऩता िरा?” गुब्फाये लारे आदभी ने कशा – “दयअवर आऩने ज़जतनी बी फातें फताईं ले वफ तकनीकी रूऩ वे तो वशी शैं ऩय भुझको वभझ भें नशीॊ आयशा इनका भैं क्मा करूॊ? इनवे भुझे ककवी तयश की कोई बी वशामता नशीॊ लभरी। भैं अफ बी हदग्भ्रलभत शी शॉ।” भौंयया मो
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नीिे लारे व्मज़क्त ने कशा – “ओ शो, रगता शै आऩ दे ळ के कोई कणगधाय भॊिी शैं।” गब्ु फाये लारे व्मज़क्त ने कशा – “शाॉ, रेककन आऩको कैवे ऩता िरा?” नीिे लारे व्मज़क्त ने कशा – “क्मोंकक आऩको मश ऺफय नशीॊ कक इव लक़्त आऩ कशाॉ शैं, आऩका गॊतव्म क्मा शै औय आऩने रोगों वे ऐवा लादा बी कय लरमा ज़जवके फाये भें आऩको भारभ नशीॊ आऩ कैवे ननबामेंगे। आऩ खुद हदग्भ्रलभत शैं औय अफ आऩ भुझवे मे अऩेषा यख यशे शैं कक भैं आऩकी वभस्मा वुरझा दॊ गा।” ********
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क़ब्र एक नदी के ककनाये एक खफवयत ळशय फवा था ज़जवभें उदग का एक प्रलवद्ध रेखक यशता था। उवने हदरकळ नज़्भें , फेशतयीन ऻज़रें, खफवयत कशाननमाॊ, हदरिस्ऩ नाटक औय फेशद उम्दा उऩन्माव लरखे। वफ जगश उवके नाभ की धभ थी औय वबी अफाज़ज़र औय वुरुचि लारे ऩाठक उवकी यिनाओॊ के दीलाने थे। उवका रेखन योिक ळब्दालरी, प्राॊजर बाऴा, वटीक भुशालयों औय वशी व्माकयण का खफवयत नभना था ज़जवकी लभवार उदग औय हशॊदी वाहशत्म औय वाहशत्मकायों के फीि दी जाने रगी। उवके वाथ वाथ अन्म रेखक बी उदग औय हशॊदी भें फशुत अच्छा लरखने रगे। ळयीफाना अॊदाज़, तशज़ीफ, नफावत, वबी कुछ था उव लक़्त के वाहशत्म भें। उदग औय हशॊदी रेखन का मश अच्छा लक़्त भाना जाने रगा ज़जवभें रेखक फेशतयीन लरखते थे औय प्रफद् ु ध ऩाठक फेशतयीन ऩढ़ना िाशते थे। अच्छी ऩबिकाएॊ आने रगीॊ औय वॊऩादक रोग अच्छे रेखन को शी अऩनी ऩबिकाओॊ भें जगश दे ने रगे। दोमभ दजे की यिनाएॉ रौटाई जाने रगीॊ। एक ऩबिका ने कुछ रेखकों की कुछ ऐवी कशाननमाॊ, कवलतामेँ, नज़्भें, छाऩ दीॊ ज़जनभें बाऴा थोिी ककगळ थी, कुछ ळब्द अश्रीर थे, बाल वखे ठॊ ठ की तयश थे, व्माकयण की कुछ अळुद्चधमाॉ थीॊ। जो ऩाठक ऩबिका उठाता, लशी उवे ऩढ़ कय आॊव फशाता। प्रलवद्ध रेखक ने बी उव ऩबिका का लश अॊक दे खा। रेखक ने ककवी तयश ऩाॊि ऩन्ने ऩढ़े औय छठे ऩन्ने वे उवकी तबफमत बफगिने रगी। दवलें ऩन्ने तक ऩशुॉिते शी उवको वीने भें ददग उठा औय लश फैठे फैठे शी कुवी ऩय रढ़ ु क गमा। डॉक्टय ने उवको भत ृ घोवऴत कय हदमा। वाये वाहशत्म जगत भें तशरका भि गमा। ज़जव भौंयया मो
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रेखक ने रेखन को औय वाहशत्म को अऩने वभम भें इतना ऊॊिा उठा हदमा था लश उव ऩबिका के थोिे वे ऩन्ने ऩढ़ कय शी दनु नमाॊ वे उठ गमा। वाये ळशय ने फिे वम्भान के वाथ उवको दफनामा औय लशाॉ वॊगभयभय की एक खफवयत हब्र फनाई ज़जव ऩय वाहशत्मकाय रोग शय योज़ पर िढ़ाने आने रगे। इव तयश कई लऴग गुज़य गए। एक हदन अिानक नदी भें फाढ़ आई औय वाया ळशय ऩानी ऩानी शो गमा। वाया ऩुयाना वाहशत्म तफाश शो गमा। उव ज़भाने के कई रेखक बी डफ गए औय उनके घय फश गए। कुछ ळशय छोि कय दवये घयों की तराळ भें िरे गए। ळशय के कुछ रोगों के हदभाऻ ऩय ककवी असात फीभायी ने शभरा कय हदमा। इव फीभायी वे कुछ रेखक ऐवे वोमे कक कपय तीव वार फाद शी अिानक जागे। वॊऩादकों भें बी कुछ की माददाश्त िरी गमी औय कुछ की माददाश्त हशिकोरे खाने रगी। इवी तयश कई औय लऴग गुज़य गए। ऩुयाना फौद्चधक लगग फदर कय अफ नमे ऩाठक के रूऩ भें वाभने आगमा था। जफ कई औय लऴग गुज़य गए तो कुछ वाभान वे बये रक ळशय भें आकय रुके। वाभान उताया गमा। ऩता िरा लश वफ „नमा‟ वाहशत्म था। अिानक ळशय के नए फौद्चधक लगग भें ऺुळी की रशय दौि ऩिी। ड़डब्फे खोरे तो उनभें नए वाहशत्म की ऩाॊडुलरवऩमाॉ थीॊ। नमी कशाननमाॊ, नमी कवलतामेँ, नमी नज़्भें, नए उऩन्माव, नए प्रमोग, नमा लळल्ऩ.... वबी कुछ नमा नमा। कुछ नए प्रफुद्ध ऩाठकों को ऩढ़ने के लरए मश वाहशत्म हदमा गमा। उन्शोंने दे खा अॊदय ऊटऩटाॊग, अटयभ ळटयभ, ऊरजुरर, अॊडफॊड वफ था। गारीगरौज, ऩोनोग्रापी, भस्तयाभ की ऩोंडी वीयीज़, ववलता बाबी के काटग न औय कोकळास्ि की इफायतों का ज़ज़क्र धिल्रे वे ऩन्नों भें बफखया ऩिा था। कोई कशानी के रूऩ भें, कोई उऩन्माव की भौंयया मो
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ळक्र भें। ले ऺुळी वे उछर ऩिे। जैवे शी वॊऩादकों तक मश फात पैरी, वाये के वाये दौिते शुए आमे औय उन रकों ऩय टट ऩिे। ज़जवको जो शाथ रगा, फटोयने रगा। उन्शोंने लाऩव आते शी प्रेवों का फटन दफा कय कपय वे भळीनें िार कय दीॊ – खखच्ि कट्ट, खखच्ि कट्ट, खखच्ि कट्ट.... ऩबिकाओॊ के अॊकों ऩय अॊक ननकरने रगे। धिाधि धिाधि। कपय नए नए रेखक वाभने आने रगे औय „नमा‟ वाहशत्म यिने रगे। एक ऩुयाना रेखक जो ककवी असात फीभायी की लजश वे तीव वार तक वोने के फाद अिानक जागा था, उव नए रेखन के स्तय तक ऩशुॉिने के लरए शय भशीने तीन तीन वार दौिने रगा। एक ऩुयाने ऩाठक ने जो ऩुयाने रेखक की हब्र ऩय शय योज़ पर िढ़ाता था, दे खा कक अिानक हब्र भें फशुत फिी दयाय ऩि गमी थी। बफना ककवी ज़ाहशय लजश के। वफ शै यान थे। वोिा, ज़रूय कुछ न कुछ तो शुआ शोगा। कपय उन रोगों ने मश ननणगम लरमा कक इव हब्र की जगश लशीीँ कपय वे वॊगभयभय की नई हब्र फनामी जाम। जफ टटी हब्र के वाये ऩत्थय शटामे गए, उन्शें ऩता िरा रेखक के भत ृ ळयीय ने रोट कय उल्टे भॊश ु कयलट री थी। ******
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आम आदमी भयग 1
टोऩी ऩशने एक फढ़ा आभ आदभी शय जगश मश कशता कपयता था कक लश वयकाय के भॊबिमों औय अफवयों वे बी ज़्मादा ताहतलय शै । शय आता जाता व्मज़क्त उवकी तयफ दे खता औय उवे ऩागर वभझ कय आगे फढ़ जाता। एक यौफदाय फिा वयकायी अफवय जो ठे कों के फदरे कयोिों रुऩमे घव भें लरमा कयता था, कई हदनों वे उव यास्ते वे आते जाते मश वुन यशा था। एक हदन उव अफवय ने आभ आदभी के ऩाव आकय कशा – “दे खो, जो तुभ कशते शो कक तभ ु वयकायी भॊबिमों औय अफवयों वे ज़्मादा ताहतलय शो, उवका अगय कुछ शो तो बी ळामद केलर आधा हशस्वा शी वशी शोवकता शै । मश तो तुभ जानते शो न कक भॊिी तो आते जाते यशते शैं, ऩय वयकाय के फिे फाफ शभेळा मशीॊ फने यशते शैं। औय कपय आई.ए.एव. जैवी ऩयीषा भें तो केलर दे लताओॊ के गुरु फश ृ स्ऩनत की वलगळज़क्तभान औय फद् ु चधभान वॊतानें शी िन ु ी जाती शैं ज़जन्शें दनु नमाॊ की ऐवी कोई िीज़ नशीॊ शै ज़जवके फाये भें ऩता नशीॊ शो। ले िरते कपयते वलश्लकोळ शोते शैं। दे ळ की ऐवी कोई वभस्मा नशीॊ शो वकती ज़जवका वभाधान उनके ऩाव नशीॊ शो। औय कपय एक फाय घव ु ने के फाद तो ज़ज़ॊदगी बय के लरए वयकाय शी खुद ळावन की फागडोय उनके शाथ भें थभा दे ती शै । ले शी वफ दे ळ के वराशकाय शोते शैं, इवलरए तुभ वयकायी अफवयों को फीि भें भत राओ।”
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फुड्ढा आभ आदभी फोरा –“नशीॊ, भैं अफ बी अऩनी उवी फात ऩय हामभ शॉ कक भैं आभ आदभी शॉ औय भॊबिमों औय अफवयों वे ज़्मादा ताहतलय शॉ।” अफवय ने अऩना ऩरयिम दे ते शुए कशा – “िरो, अगय तुभ भेयी फात नशीॊ वभझ यशे तो भैं फताता शॉ। अफ भैं एक फिा वयकायी अफवय शॉ। ऩशरे बी कई तयश के ऩद भैंने वम्शारे शैं। खर ु े आभ तो भैं भना शी कयता शॉ, ऩय तुभको कशता शॉ कक जफ भेयी ज़ज़म्भेदायी याज्म भें खाद्म वाभग्री की व्मलस्था दे खने की थी तफ राखों टन अनाज धऩ औय भेशऩानी वे, िशों वे फयफाद शोता था औय ऻयीफ रोग बख वे भयते यशते थे मा ऩेिों की जिें खाकय ककवी तयश ज़ज़ॊदा यशते थे। ऩय बायत भें जलाफदे शी नाभ की कोई िीज़ नशीॊ शै , इवलरए कोई भेया फार बी फाॊका नशीॊ कय ऩामा। वखा, फाढ़ के फाद जफ याशत कामग शोते शैं तो उनका आधे वे ज़्मादा ऩैवा भेयी औय भेये जैवे अफवयों की जेफ भें आता शै । शभेळा वे शी भैं खुद बी खफ ऩैवा फनाता शॉ औय ऊऩय तक ऩशुॊिाता शॉ। कोई अबी तक भेया कुछ नशीॊ बफगाि ऩामा शै । अफ फोरो, क्मा तुभ जो कश यशे शो लो लवद्ध कय वकते शो?” आभ आदभी ने कशा –“शाॉ, िरो भेये वाथ।” लश उवे घुभालदाय विकों वे एक तशखाने भें रे गमा। उवके फाद लश अफवय रौट कय नशीॊ आमा। कुछ हदनों फाद एक खौफनाक फिा ऩलु रव अफवय जो कई याजनेताओॊ का भुॊशरगा था, ज़जवकी कई कोहठमाॊ थीॊ औय जो फिे, भारदाय औय यवखदाय रोगों को भोटी यहभ के फदरे छोि कय मा वॊगीन अऩयाधों भें छोटीभोटी धायाएॉ डार कय हानन के जार वे फिा रेता था, उव आभ भौंयया मो
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आदभी के ऩाव आकय फोरा – “भेयी ळोशयत तो तुभ जानते शो, अखफायों लगैयश भें तुभ भेये औय भेये वलबाग के फाये भें ऩढ़ते यशते शोओगे। भैं ऩुलरव का फिा अफवय शॉ। बरे शी ऊऩय वे इॊकाय करूॉ, ऩय भैं ककवी को बी बफना कायण फतामे कुछ वभम तक जेर भें डार वकता शॉ, झठे भुहदभे फना वकता शॉ औय वऩटाई के फर ऩय कुछ बी उगरला वकता शॉ। कशो, तुभ भुझवे ज़्मादा ताहतलय तो नशीॊ शो न?” आभ आदभी ने कशा – “शाॉ, भैं तुभवे बी ज़्मादा ताहतलय शॉ।” ऩुलरव अफवय फोरा – “अगय तुभ ऐवा शी वभझते शो तो क्मा तुभ जो कश यशे शो, लवद्ध कय वकते शो?” आभ आदभी ने कशा – “शाॉ। आओ भेये वाथ।” आभ आदभी उवे उवी तशखाने भें रे गमा। उवके फाद लश भ्रष्ट्ट ऩुलरव अफवय रौट कय नशीॊ आमा। फढ़े आभ आदभी के प्रनत रोगों की उत्वक ु ता थोिी फढ़ने रगी। कुछ ने ऩछा – “तुभ भॊबिमों औय अफवयों वे ज़्मादा ताहतलय कैवे शो?” लश फोरा – “भैं शी नशीॊ, तुभ बी शो, शय आभ आदभी शै ।” उवके फाद कपय विक ऩय फुड्ढा आभ आदभी लशी दोशयाता शुआ घभने रगा। उत्वुकतालळ कुछ रोग उवके वाथ शो लरए। उधय वे गुज़यने लारे फशुत वे भ्रष्ट्ट, प्रबालळारी, रयश्लतखोय वॊवद वदस्मों, वलधामकों लगैयश ने बी रुक कय फढ़े आभ आदभी को अऩनी फात लवद्ध कयने की िुनौती दी। आभ आदभी वफको शय फाय उवी तशखाने भें रे गमा औय उनभें वे कोई लाऩव नशीॊ रौटा। भौंयया मो
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वयकाय के एक फिे भॊिी के कानों तक जफ मे फात ऩशुॉिी तो लश फशुत नायाज़ शुआ। उवने फढ़े आदभी को फर ु लामा, चगयफ़्ताय कयने की धभकी दी, अऩनी नाजामज़ अकत वॊऩवत्त, ताहत, अचधकाय, औय प्रबाल का शलारा हदमा। कपय फतामा कैवे शय अगरे वार उवकी वाराना आभदनी वऩछरे वार वे दो गुना फढ़ जाती शै । उवने कशा लश अऩनी ऩाटी के नाभ वे ज़भीनें , बफज़ल्डॊगें बी खयीदता शै औय कपय अऩनी शी ऩाटी के कामगकताग औय वॊवदीम षेि के गयीफ रोगों द्लाया उवको झठे दान दे ने के शरफनाभे इन्कभ-टै क्व वलबाग भें ऩेळ कयके फि ननकरता शै औय फाद भें वायी वॊऩवत्त अऩने नाभ कय रेता शै । इव वफ के फालजद वयकाय उव ऩय औय उवकी ऩाटी के वभथगन ऩय ननबगय शै । कोई उवका यत्ती बय बी कुछ नशीॊ बफगाि वका शै । ककतने शी वतकगता वलबाग, भ्रष्ट्टािाय ननयोधक वलबाग औय जाने क्मा क्मा फने यखे शैं, ऩय उनभें वे ककवी ने न तो जाॊि की शै औय न कोई जाॊि भें कुछ ननकार ऩामेगा, क्मोंकक वालगजननक तौय ऩय लश शभेळा एक भुखौटा ऩशन कय यशता शै । मश कश कय उवने आभ आदभी को ऩाव भें यखा शुआ एक भख ु ौटा हदखामा ज़जव ऩय „ईभानदाय‟ लरखा था। मश फताने के फाद भॊिी ने उवको वभझाते शुए कशा – “दे खो बई, भॊिी अगय भ्रष्ट्ट बी शो तो आखखय लो भॊिी शी शोता शै । भॊिारम िराता शै , वयकाय िराता शै । ककतनी फिी ज़ज़म्भेदायी शोती शै उव ऩय। इवलरए भेयी वराश भानो, तभ ु अऩनी ताहत के फाये भें मश वफ कशना फॊद कय दो। फेकाय शी रोगों को ऻरत वन्दे ळ भत दो औय खुद जेर जाने वे फिो।” आभ आदभी ने कशा – “भैं अफ बी भानता शॉ कक आभ आदभी ऐवे भॊबिमों वे ज़्मादा ताहतलय शै ।” भौंयया मो
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भॊिी ने एक फाय कपय वभझामा – “दे खो बैमा, एक फात वभझ रो। लैवे तो भशाभ्रष्ट्ट शोने के फालजद बी एक एक भॊिी औय वाॊवद अऩने आऩ भें फिा ळज़क्तळारी शोता शै , रेककन जफ ले शी वफ लभर जाते शैं औय एक वाथ वॊवद भें फैठते शैं तफ तो वलगळज़क्तभान शोजाते शैं। क्मोंकक तफ ले वॊवद फन जाते शैं। मे तो तभ ु बी जानते शो कक वॊवलधान के अनव ु ाय वॊवद वलोऩरय शै औय उवको वाये अचधकाय प्राप्त शैं।” आभ आदभी फोरा – “वॊवद बरे शी वलोऩरय शै , रेककन भ्रष्ट्ट वदस्म तो भ्रष्ट्ट शी भाना जामगा।” भॊिी ने िुनौती दी – “ठीक शै, भेये फाये भें वफ कुछ जानने के फाद बी अगय तभ ु कशते शो कक तभ ु भझ ु वे ज़्मादा ताहतलय शो तो मश लवद्ध कयके फताओ।” आभ आदभी ने भॊिी की िुनौती स्लीकाय की औय उवे बी उवी तशखाने भें रे गमा जशाॉ ऩशरे औयों को रेगमा था। उवके फाद लश भॊिी रौट कय नशीॊ आमा। रोगों को फढ़े आदभी ऩय थोिा औय ज़्मादा वलश्लाव शोने रगा था। ले धीये धीये फढ़े के वाथ जुिने रगे। एक हदन उन्शोंने बी उववे कशा – “शभको तुम्शाये वलश्लाव ऩय बयोवा शोने रगा शै , ऩय शभें हदखाओ, कैवे आभ आदभी शय फिे भ्रष्ट्ट प्रबालळारी अफवय, भॊिी लगैयश वे ज़्मादा ताहतलय शै ।” फड् ु ढे आभ आदभी ने कशा – “आओ भेये वाथ, भैं हदखाता शॉ।” फढ़ा आदभी फाही आभ आदलभमों को बी उवी तशखाने भें रे गमा।
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वफ ने दे खा, लशाॉ दो आदभी फैठे थे। एक के आगे यखी नाभऩट्टी ऩय लरखा था „रोकऩार‟ औय दवयी ऩय „जाॊि अचधकायी‟। ऩाव लारे एक फिे जारीदाय कभये भें ले वाये भ्रष्ट्ट अफवय, ऩुलरव लारे, वलधामक, वॊवद वदस्म, भॊिी लगैयश फॊद थे।
भयग 2 इवके वाथ शी शॉर की राइटें जर उठीॊ। शॉर भें फैठे भॊबिमों, अफवयों औय अन्म दळगकों ने तालरमाॉ फजाईं औय शॊ व कय अऩनी कुलवगमों वे उठ गए।
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सत्प्यननष्ठ मॊत्री नेताजी गाॊधीजी के बक्त थे औय उनकी जीलनी कई फाय ऩढ़ िक ु े थे। गीता, लेदों, ऩयु ाणों की कुछ वज़क्तमाॊ बी उन्शें कॊठस्थ थीॊ, ज़जन्शें ले गाशे फगाशे फोर हदमा कयते थे। शय ऩरयज़स्थनत भें ले ऩशरे तकग वे वोिते थे, फुद्चध वे उवका वलश्रेऴण कयते थे औय जफ आत्भा गलाशी दे दे ती थी तफ शी कोई ननणगम रेते थे। उन्शोंने अऩने जीलन भें कई वलऴभ ऩरयज़स्थनतमों भें इवी प्रकक्रमा के वाथ अऩने ननणगम लरए। अफ ले भॊिी फन गए थे औय उन्शें एक प्रभख ु भॊिारम लभर गमा था ज़जवभें उन्शें कई शज़ाय कयोि रुऩमों के राइवैंवों का आलॊटन कयना था। राइवेंव रेने लारों भें इतनी ज़फदग स्त स्ऩधाग थी कक उनके ऩाव कई तयश के दफाल आने रगे। कुछ आलेदनकतागओॊ ने तो एक राइवेंव के लरए 50 कयोि तक घव दे ने की ऩेळकळ कय डारी। वुनने भें मश फात आनॊददामक रगी। ऩय भॊिीजी उवर के ऩक्के थे। बफना तकग वे वोिे, फुद्चध वे वलश्रेऴण ककमे औय आत्भा वे गलाशी प्राप्त ककमे कैवे राइवेंव हदए जा वकते थे? इव ऩरयज़स्थनत वे ननफटने के लरए शभेळा की तयश ऩशरे उन्शोंने तकग वे वोिा। उनको वलिाय आमा कक शय शारत भें राइवेंवों का आलॊटन तो शोना शी शै , आज नशीॊ तो कर। मश तो उनका दानमत्ल औय कतगव्म था। कपय उन्शोंने फद् ु चध वे वलश्रेऴण ककमा कक ले अगय जल्दी आलॊटन नशीॊ कयें गे तो ऊऩय वे उनकी अषभता ऩय प्रश्न उठने ळुरू शो जामेंगे। शो वकता शै फात फढ़ कय रोकवबा तक ऩशुॉि जाम, ज़जवका राब वलऩष भौंयया मो
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को लभर जाए। इव फात वे शाईकभान नायाज़ शो वकता शै । आलॊटन का काभ ककवी वलभनत के वुऩुदग बी ककमा जा वकता शै । लैवे आलॊटन बी उवी को ककमा जाना िाहशए जो इवके मोग्म शो औय लास्तल भें ज़रूयतभॊद शो। कपय दे खा जाम तो उववे ज़्मादा राइवेंव की औय ककवे ज़रूयत शोगी ज़जवने „आनॊददामक‟ ऩेळकळ बी की शो। कपय ळास्िों भें तो कशा शी शै कक „आनॊद शी ब्रह्भ शै ‟। महद ककवी कामग को कयने वे आनॊद बी लभरता शै तो मश ब्रह्भ प्राज़प्त के फयाफय शै , औय ब्रह्भ का वम्फन्ध तो वीधे आत्भा वे शी शै । इवलरए ब्रह्भ के भाभरे भें आत्भा गलाशी न दे , ऐवा वॊबल शी नशीॊ शै । अत् आत्भा की तयफ वे बी कोई अििन नशीॊ शै । शभेळा की तयश वफ तयफ वे अऩने आऩको वॊतुष्ट्ट कयने के फाद वत्मननष्ट्ठ भॊिीजी ने उन वबी आलेदकों को राइवेंव आलॊहटत कय हदए ज़जनको उनकी वख़्त „ज़रूयत‟ थी।
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अऱववदय, जैरी! जफ भैंने औय गौयल ने तम् ु शें दे खा, तभ ु अऩने छ् बाई फशनों के वाथ उछरकद कय यशे थे। तुभभें वे कोई बी अच्छी तयश िर कपय बी नशीॊ वकता था, ऩय अऩनी शयकतों वे उन वफभें वफ वे ज़्मादा िॊिर तुभ शी हदखाई दे यशे थे। तम् ु शें दे खते शी भैंने गोद भें उठा लरमा था। गौयल ने तुम्शायी फशन को उठा लरमा। तुभ दोनों की उम्र उव लक्त केलर 15 हदन थी! डॉक्टय अॊकर ने फतामा तुम्शायी नस्र „अभेरयकन ज़स्ऩट्ज़‟ थी। तुभ गोरभटोर रुई की गें द की तयश थे- लवफग तुम्शायी कारी नाक औय तुम्शायी प्मायी प्मायी वी कारी आॉखें उव रुई के गोरे वे अरग झरक यशी थीॊ। गौयल औय भैं वोि यशे थे तुभको घय तो रे जायशे शैं, ऩय लशाॉ ऩाऩा औय भम्भी की क्मा प्रनतकक्रमा शोगी। भम्भी फिे धालभगक वलिायों लारी थीॊ, जफ तक नशा धोकय ऩवलिता वे भॊहदय का ऩया काभ, बोग, लगैयश ऩया नशीॊ कय रेतीॊ, शभ बी उनको नशीॊ छ वकते थे। यवोईघय, भॊहदय भें जते, िप्ऩर नशीॊ आ वकते थे, घय भें जठे फतगन औय डाइननॊग टे फर का फिा शुआ खाना कफ़्रज भें नशीॊ जाता था… औय न जाने क्मा क्मा। कैवे शभ फतरामेंगे शभ तभ ु को रे आमे! एक दवये वे वभथगन औय फिाल को ध्मान भें यख कय शभने ननश्िम ककमा कक शभ दोनों शी एक वाथ घय जामेंगे ताकक एक दवये की उऩज़स्थनत भें डाॊट की वम्बालना कभ शी यशे । मशी वोि कय शभने अऩने कोटों की जेफ भें तम् ु शें औय तुम्शायी फशन को छुऩा कय घय भें प्रलेळ ककमा। तुभ अॊदय िुऩिाऩ जेफ भें दफ ु के फैठे थे, इवलरए ककवी को कुछ ऩता बी नशीॊ िरा। अिानक गौयल
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ने तुम्शायी फशन को जेफ वे ननकारा, ज़जवे दे ख कय लभन्नी खुळी वे उछर ऩिी। भम्भी ने बी उत्वक ु ता वे उवे ऩि ु काया औय ऩछा – „अबी रेकय आमे शो? क्मा नाभ यखा?‟ „नाभ यखना शै आॊटी, आऩ वुझाएॉ क्मा यखें। फीभेर अभेरयकन ज़स्ऩट्ज़ शै ‟ – गौयल ने कशा। „जरी‟ – अिानक शी लभन्नी फोर ऩिी। विभुि मश नाभ वफको ऩवॊद आ गमा। इव खुळनभ ु ा लातालयण को दे ख कय भैंने बी तुम्शें कोट की जेफ वे फाशय ननकारा। लभन्नी चिल्रा उठी- „भम्भी, बैमा बी रेकय आमे शैं।‟ „अये , त क्मों रे आमा, बफना ऩछे ?‟ भम्भी ने तुयॊत शी गुस्वे वे कशा। भैं ऩशरे वे शी जानता था भम्भी मशी कशें गी । „नशीॊ, रामा नशीॊ शॉ, लैवे शी जरी के वाथ खेरने के लरए रे रामा। दो िाय हदनों भें लाऩव छोि दॊ गा। मे जरी का बाई शै‟ – भैंने वफाई दी। भम्भी को थोिी ळाॊनत लभरी। कपय ले फोरीॊ –„अये , ककतना प्माया शै । गोरभटोर। ऩय इवका बी तो कोई नाभ यखना िाहशए।‟ शभ वफने लभर कय तुम्शाये लरए कई नाभ वोिे। काटग नों भें ऩािों के नाभों ऩय ििाग शुई। अॊत भें वफको नाभ ऩवॊद आमा – जैयी। आखखय तुभ „अभेरयकन‟ जो थे। भम्भी इव फात वे वॊतुष्ट्ट थीॊ कक जैयी दो-िाय हदनों के लरए शी आमा शै । भम्भी ने एक प्रेट भें दध बय कय जरी औय तम् ु शाये वाभने यखा। तुभने जरी को धकेर कय खुद ऩया कब्ज़ा उव प्रेट ऩय
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कय लरमा। तफ भम्भी एक दवयी प्रेट रेकय आमीॊ जरी के लरए। फिी कहठनाई वे शी तुभ दोनों दध ऩी वकते थे – फिी दे य भें। कपय तभ ु ने घय भें िक्कय रगाना ळुरू ककमा। तुभ फभुज़श्कर िर वकते थे। दो-िाय कदभ िर कय रिखिाते थे, कपय वम्शार कय िरने की कोलळळ कयते थे। लैवे शी जैवे एक छोटा वा फच्िा। तुम्शें दे ख कय वफको फशुत प्माय आ यशा था। कपय तुभने ऩीछे की टाॉगें झक ु ा कय ऻरीिा गीरा कय हदमा। „दे खा, इवीलरए भैं भना कयती शॉ‟- भम्भी ने तुयॊत कशा। कपय उन्शोंने भेयी ड्मटी रगाई कक जफ बी तुभ फळग मा गरीिा गीरा कयो, भैं गीरे कऩिे वे लशाॉ वफाई करूॉगा। ऩय तम् ु शाये लरए भैं मश वफ खळ ु ी खळ ु ी कयने के लरए तैमाय था। अऩने घय भें शुई इवी प्रकक्रमा को दोशयाने के लरए गौयल औय भैं तभ ु को औय जरी को रेकय उवी तयश गौयल के घय ऩय गए। िॊकक लशाॉ भॊहदय औय उव शद की ऩवलिता का कोई आग्रश नशीॊ था, आॊटी की प्रनतकक्रमा कुर लभरा कय वकायात्भक थी। उन्शें खुळी थी कक गौयल बी भेयी शी तयश जरी को रे आमा था। लास्तवलकता मे थी कक गौयल को शी जाना था जरी को रेने, भैं तो लवफग उवके वाथ गमा था। ऩय तभ ु को दे खते शी भैं अऩने आऩ को योक नशीॊ ऩामा। ळाभ को जफ ऩाऩा ऑकफव वे आमे तो तुभ घय भें िक्कय रगा यशे थे – प्माये प्माये , गोर गोर। तुम्शें दे खते शी ले भुस्कया ऩिे औय तुम्शें गोद भें उठा लरमा। „ऩाऩा, इवका नाभ जैयी शै । बैमा राए शैं। अभेरयकन ज़स्ऩट्ज़ शै । गौयल बैमा बी राए शैं, फीभेर शै , उवका नाभ जरी शै ‟- लभन्नी ने वायी फात एक वाॊव भें फता दी। भौंयया मो
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ऩाऩा ने तुम्शें घभ ु ा कय दे खा, कपय गॊबीयता वे फोरे „प्माया शै , वुन्दय बी शै । भम्भी ने क्मा कशा?‟ „भना कय यशी थीॊ। भैंने भम्भी वे कशा शै इवे 3-4 हदन के लरए शी राए शैं, कपय लाऩव ऩशुॊिा दें गे‟ – भैंने कशा। ऩाऩा लवफग भुस्कया हदए। जैयी, इन 3-4 हदनों भें जैवे तभ ु ने वबी ऩय अऩना जाद िरा हदमा था। लवफग तुम्शायी शी फातें शोती थीॊ औय तुम्शायी प्मायी प्मायी शयकतें शी ििाग का वलऴम शोती थीॊ। ऩय िौथे हदन जो वफवे अच्छी फात शुई लश थी भम्भी का लश प्रश्न- „फॊटी, त इवे लाऩव रे जामेगा? शभ रोग यख वकते शैं इवे?‟ लभन्नी औय भेयी खुळी का कोई ऩायालाय नशीॊ था मे फात वुन कय। भैंने अऩनी प्रवन्नता नछऩाते शुए लवफग मशी कशा – „ऩछ रॉ गा, अगय लो यखने दें गे तो।‟ ऩाॊिले हदन शभ तुभको रेकय डॉक्टय के ऩाव गए थे। उन्शें बी तभ ु फशुत ऩवॊद आमे। उन्शोंने कशा तुभ ककतने वुन्दय शो। तुम्शें गोद भें उठा कय उन्शोंने अच्छी तयश दे खा, कपय एक इॊजेक्ळन हदमा। कशा, अफ वे तुम्शें शय वार इॊजेक्ळन रेना शोगा ताकक तुभ स्लस्थ यशो। लशीीँ वे शभने तुम्शाये लरए दो खखरौने बी खयीदे – प्राज़स्टक का एक कुत्ता औय एक शड्डी, ज़जवको तुभ िफा वको जफ तुम्शाये दाॊत आने ळुरू शों। तुम्शाये लरए बफस्कुट बी लरए ज़जन्शें तभ ु खाते कभ थे, फफागद ज़्मादा कयते थे। लभन्नी का ऩुयाना एक „वऩग्गी फैंक‟ तुभने ऩता नशीॊ कशाॉ वे ढॊ ढ लरमा था, जो तम् ु शाया भनऩवॊद खखरौना फन गमा था। यातहदन तभ ु इवी के वाथ उछरकद, भुॊश वे घवीटना, काटना… वफ कयते यशते थे। अफ तुभ ठीक वे िरने बी रगे थे, बफना रुढ़के। अऩनी ऩतरी वी जीब वे दध बी थोिा जल्दी ऩी वकते थे। जफ एक फाय तभ ु अऩने वऩग्गी वे नायाज़ शुए थे तो अिानक ऩशरी फाय ऩतरी आलाज़ भें बौंके थे। उव हदन शभ वफ भौंयया मो
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ककतने खळ ु शुए थे। ळाभ को शभने ऩाऩा को बी मे फतामा था। शभ तुम्शें उकवाते थे ताकक तुभ नायाज़ शोकय बौंको। तुम्शायी प्मायी प्मायी आलाज़ वुन कय जैवे वाये घय भें खुलळमाॉ बफखय जाती थीॊ। ऩाऩा फतामा कयते थे, जफ ले छोटे थे, उन्शोंने बी एक कुत्ता ऩारा था। दे ळी नस्र का शी था, कारे वफेद यॊ ग का, चितकफया। उवका नाभ यखा था – टीऩ। लश इतना वभझदाय औय आसाकायी शो गमा था कक उव ऩय ऩाऩा औय उनके दोस्तों को फिा गलग शोता था। उनके ककवी ऩिौवी वे एक फाय उनकी फशव शो गमी थी। ऩिौवी के ऩाव एक अल्वेलळमन कुत्ता था ज़जवकी लश शभेळा तायीफ ककमा कयता था, ज़जवको वन ु कय ऩाऩा को ईष्ट्माग शोती थी। उन्शोंने ऩिौवी वे कशा आऩ अऩने कुत्ते को आलाज़ रगाइए, शभ अऩने कुत्ते को फुराते शैं, दे खें कौन ऩशरे आता शै । ऩिौवी फशुत दे य तक अऩने कुत्ते को आलाज़ दे ता यशा ऩय लश आमा शी नशीॊ। ऩय जैवे शी ऩाऩा ने टीऩ का नाभ एक फाय ऩुकाया लश दौिता शुआ आगमा। गलग वे ऩाऩा का लवय ऊॊिा शो गमा। उवभें एक अजीफ वी आदत बी थी। भॊगरलाय को लश योटी नशीॊ खाता था। दे ते बी थे तो लश एक ऩेि के नीिे लभट्टी भें गाि आता था। एक टटा शुआ भढ़ा ज़जव ऩय जट की एक फोयी डार दी गई थी, लशी उवका बफस्तय था, ज़जव ऩय लश शभेळा वदी, गभी भें बी फैठता, वोता था। ऩाऩा वे तो दोस्ती यखता था औय भस्ती कयता था, ऩय घय बय भें लश वफवे ज़्मादा वम्भान दादाजी का शी कयता था। उनके आते शी लश भढ़े वे उतय कय खिा शो जाता था, कबी फीभाय शोने ऩय बी, जफकक फाकी रोगों के वाथ लश ऺफ खेरा कयता था, मा भड नशीॊ शोने ऩय अऩने भढ़े ऩय वोता यशता था। मश वफ वुन कय भुझको बी रगता था कक तभ ु बी टीऩ की तयश शी शोलळमाय फनो।
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शभने तुम्शाये लरए एक अच्छी वी ज़ॊजीय खयीदी थी ज़जवे तुम्शें फाशय घुभाने रे जावकें। वुफश ळाभ औय कबी कबी दोऩशय भें बी तुम्शें घुभाने रे जाते थे शभ रोग। ळुरू भें भैं औय लभन्नी, फाद भें भम्भी औय ऩाऩा बी। जफ तुभ छोटे थे तो कई फाय भॊहदय औय यवोईघय भें बी घुव आते थे। ऩय तफ तुभको भम्भी वे डाॊट ऩिती थी। भम्भी तुम्शें यवोईघय औय भॊहदय के दयलाज़े तक राती थीॊ औय वभझाती थीॊ –„अॊदय नशीॊ‟। फाद भें तो तुभ इतना वभझ गए कक शभ धकेर कय तुम्शें यवोईघय भें रेजाने की कोलळळ बी कयते थे तो तुभ अऩने ऩॊजे पैरा कय औय नाखन ननकार कय अऩने आऩ को अन्दय जाने वे योकते थे। तुभ कबी अॊदय नशीॊ गए, न भॊहदय भें औय न यवोईघय भें। जफ कबी बी ककवी को घय वे फाशय जाना शोता था, तुभ वफवे ऩशरे तैमाय शोजाते थे वाथ जाने के लरए। शय लक्त, ककवी बी लक्त। किकिाती वदी भें बी यात को जैवे शी तुभवे ऩछते थे –„जैयी, नीिे िरोगे?‟, तुभ तुयॊत उठ फैठते थे। बफना ककवी शीर शुज्जत के ज़ॊजीय बी फॊधला रेते थे। तुम्शाये लरए वहदग मों की एक ऺाव ड्रेव शुआ कयती थी, ये ळभी, रुई की, ज़जवे ऩशन कय विभुि तुभ बफरकुर यईव, ळानदाय, „जैयी याजा‟ रगते थे। ककतने वाये ळब्द तुम्शें अच्छी तयश वभझ भें आगमे थे - लभन्नी, भम्भी, ऩाऩा, फॊटी बैमा, जैयी, जरी, ऊऩय, नीिे, अॊदय नशीॊ, िप्ऩर, घुम्भी घुम्भी (घभने जाने के लरए), अच्छा ठीक शै , तभ ु नशीॊ,…. लगैयश लगैयश। दयलाज़े वे फाशय ननकरते शी तभ ु रुकते थे मश जानने के लरए कक कशाॉ जाना शै – ऊऩय मा नीिे। इळाये के बफना बी लवफग ळब्द वुन कय तभ ु वे जो कशा जाता था तुभ उवी हशवाफ वे खळ ु ी खळ ु ी ऊऩय मा नीिे दौि जाते थे। शभायी शय फात बी ध्मान वे वन ु ते थे औय अऩने शी अॊदाज़ भें गदग न हशरा कय जलाफ बी दे दे ते थे। लभन्नी की भौंयया मो
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वशे लरमों वे मा जो कोई तुम्शायी तयफ शाथ फढ़ामे, उववे शाथ लभराने को अऩना दामाॉ ऩॊजा उवके शाथ भें यख दे ते थे। जैयी, अगय तम् ु शें कशीॊ वाथ नशीॊ रेजाते तो तभ ु कैवे भॊश ु पुरा कय रूठ जाते थे। कोई बी फाशय जाने के लरए तैमाय शोता मा कऩिे बी फदरता, तुभ बी वाथ वाथ उठ जाते थे। ऩय भज़ाक भें बी „तुभ नशीॊ‟ मे ळब्द तभ ु को बफल्कुर अच्छे नशीॊ रगते थे। मे वन ु ते शी तभ ु गभ ु वभ ु शोकय ऩरॊग के नीिे जाकय फैठ जाते थे। लशी तो था तुम्शाया कोऩ-बलन। जैवे शी कोई कशता था „अच्छा ठीक शै‟, तो तुभ खुळी वे कदते शुए एक ऩतरी वी आलाज़ ननकारते शुए घय बय भें दौिने रग जाते थे। मशी वफ दे ख कय ऩाऩा को तो बफल्कुर ऩवॊद नशीॊ था कक कोई तुम्शें कबी बी „तुभ नशीॊ‟ कश कय दख ु ी कये । तुभ ज़या बी दख ु ी शोते थे तो शभको फशुत डाॊट ऩिती थी। ऩाऩा ककवी बी वभम दफ्तय वे घय आमें, तुभ उनकी गािी का दयलाज़ा फॊद शोने की आशट वे शी िौकन्ने शोजाते थे औय दयलाज़े ऩय आकय उनका इॊतज़ाय कयने रगते थे। कई फाय तो तुभ शी फताते थे कक फाशय, नीिे ऩाऩा आगमे शैं। ऩता नशीॊ इतनी कायों भें वे कैवे तुभ को ऩता िर जाता था कक ऩाऩा की काय आगई। तुम्शायी भौन बाऴा को बी तुम्शाये इळायों औय शाल-बाल वे शभ ऩयी तयश वे वभझ गए थे - कफ तुभ खेर के भड भें शो, कफ तुभ नायाज़ शो, कफ खेरना िाश यशे शो, कफ तुभ लळकामत कय यशे शो, कफ तुभ फेशद खुळ शो, कफ क्मा कशना िाश यशे शो......। तुम्शायी ऩॊछ ककतनी झब्फेदाय, यौफीरी औय प्मायी थी। तुम्शें बी रगता था कक मश तम् ु शायी ळान थी, जफ तभ ु उवे उठा कय औय रशया कय िरते थे। एक फाय ऩता नशीॊ कैवे लश उरझ गमी औय उवभें गाॊठें वी शोगमीॊ। अॊनतभ वलकल्ऩ के रूऩ भें उन गुच्छों को काटना ऩिा, ज़जववे तुम्शायी भौंयया मो
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ऩॊछ काफी ऩतरी वी रगने रग गमी थी। मश दे ख कय शभ शॊ व हदए थे। तुभको मश अच्छा नशीॊ रगा था। फाद भें इव फात को रेकय तुभ इतने ऩये ळान औय विेत शो गए कक तुम्शें घय वे फाशय ननकरना तक अच्छा नशीॊ रगता था। लश ऩॊछ ज़जवको तभ ु ळामद अऩने वळक्तीकयण की ननळानी वभझते थे, जैवे मकामक लश तुम्शायी कभज़ोयी फन गमी। तुभ अगय दय वे बी ककवी को तुम्शायी तयप आते दे ख रेते थे तो तुयॊत लशीीँ दभ ु छुऩा कय फैठ जाते थे औय तफ तक नशीॊ हशरते थे जफ तक लश व्मज़क्त तुभको दे ख वकने की दयी ऩाय न कय जाता। औय तो औय, तुम्शाये वाभने शभ घय भें बी „ऩछ ॊ ‟ ळब्द नशीॊ फोर वकते थे क्मोंकक तफ तभ ु मश वन ु ते शी ळलभिंदगी वे ऩरॊग के नीिे छुऩ जाते थे। मश लवरलवरा तफ तक िरता यशा था जफ तक कक तुम्शायी ऩॊछ कपय वे उवी तयश झब्फेदाय नशीॊ फन गमी। भम्भी के तुभ इतने रािरे शोगमे थे जैयी, कक शय लक़्त उनके ऩाव शी यशना िाशते थे। उनके इळायों औय उनके भड वे तुभ वभझ जाते थे तुम्शें क्मा कयना शै । जफ बी भम्भी शभवे नायाज़ शोती थीॊ मा उनका भड खयाफ शोता था, भैंने औय लभन्नी ने उनको खुळ कयने का एक नुस्खा ढॊ ढ़ लरमा था - शभ तुम्शें उठा कय भम्भी की गोद भें डार दे ते थे। ऩाऩा फतराते थे कक डॉगी जानता शै घय का भुखखमा कौन शै । लश वफवे ज़्मादा इज्ज़त बी उवी की कयता शै , वफवे ज़्मादा प्माय बी उवे शी कयता शै औय वफवे ज़्मादा डयता बी उवी वे शै । तुभने ऩाऩा का भ्रभ दय कय हदमा था मश जता कय कक तम् ु शाये लरए भम्भी शी „शै ड ऑप द पैलभरी‟ शैं। जफ तभ ु नायाज़ी भें, मा दख ु ी शोकय ऩरॊग के नीिे घव ु जाते थे तफ तुम्शें फाशय ननकारना शये क के फते की फात नशीॊ शोती थी। कोई बी शो, तुभ शचगगज़ फाशय नशीॊ ननकरते थे औय गयाग ु ु़ कय अऩना भड जता भौंयया मो
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दे ते थे। लवफग उव वभम भम्भी शी शोती थीॊ जो बफना ककवी खझझक औय डय के, तुम्शें ऩकि कय फाशय खीॊि रेती थीॊ औय तुभ बी आसाकायी फच्िे की तयश िुऩिाऩ फाशय आजाते थे। एक फाय तो ककवी फात वे तुभ इतना नायाज़ शोगए थे कक दो हदन फाद शी भम्भी तुम्शें ककवी तयश भना ऩाईं थीॊ। तुभ ऩटाखों की आलाज़ वुन कय ऩता नशीॊ ककव आळॊका वे काॊऩने रगते
थे
औय
शभ
तुम्शें 'वाॊत्लना' दे ने के लरए औय
तुम्शायी कॊऩकऩी फॊद कयने के लरए अऩने वे चिऩका लरमा कयते थे। उव लक़्त ळामद तुम्शें रगता था कक वायी दनु नमा लवफग तुम्शाये वलरुद्ध शी कोई ऴिमॊि यि कय ळोय भिा यशी शै औय तुम्शायी तयफ गोलरमाॉ दाऻ यशी शै । जैयी, तुभको रगता था कक भम्भी के प्माय ऩय लवफग तुम्शाया शी अचधकाय शै । जफ कबी लभन्नी भम्भी वे लरऩट जाती थी मा वट कय खिी बी शोजाती थी, तफ तुभ ऩता नशीॊ कशाॉ वे बाग कय आजाते थे औय भम्भी की गोद भें िढ़ने की कोलळळ कयने रगते थे। कबी तुभको चिढ़ाने के लरए भम्भी जफ लभन्नी को अऩनी गोद भें वर ु ा रेती थीॊ तो तुभ खुद बी ज़फयदस्ती भम्भी की गोद भें िढ़ जाते थे औय लभन्नी को लशाॉ वे शटाने के लरए धककमाने रगते थे। मे वफ दे ख कय शभको फिा भज़ा आता था। तभ ु को खाने की िीज़ों भें जो वफवे ज़्मादा ऩवॊद थीॊ उनभें ऺाव थीॊिॉकरेट, ऩनीय औय कैज़ल्ळमभ की गोलरमाॉ। तुम्शाया, लभन्नी का औय भेया ऩनीय भें फयाफय का हशस्वा शोता था। एक फाय लभन्नी ने तुम्शाये हशस्वे का ऩनीय खा लरमा था तो भम्भी ने उवको ककतना डाॊटा था। भझ ु े शी धऩ भें जाकय तुम्शाये लरए कपय वे ऩनीय राना ऩिा था। उवके फाद वे तो मश शोने रगा कक वफवे ऩशरे तभ ु को तो तुम्शाया हशस्वा लभरता शी भौंयया मो
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था, कपय शय िीज़ भें शभाये हशस्वे वे बी तुभको थोिा थोिा दे ना ऩिता था। अऩना हशस्वा जल्दी वे िट कयके कपय तुभ शभायी तयफ जो दे खने रग जाते थे। भम्भी को मश वशन नशीॊ शोता था। शभ रोग तुभवे छुऩा कय तो कबी िॉकरेट खा शी नशीॊ वकते थे। िद्दय, यज़ाई, कऩिे... कशीॊ बी छुऩा कय िॉकरेट खाने की कोलळळ कयते थे तफ बी ऩता नशीॊ कशाॉ वे तुभ अिानक आ टऩकते थे अऩना हशस्वा शचथमाने। ऩाऩा जफ ऑकफव वे आते थे तो तुभको कैज़ल्ळमभ की गोरी खखराते थे औय तभ ु वऩछरी दोनों टाॊगों ऩय खिे शोकय गोलरमाॉ रऩकते थे। ऩाऩा को घेय कय तुभ गोलरमाॉ यखने की जगश तक रे जाते थे। कई फाय तो दोनों टाॉगों ऩय शी ऩये घय का िक्कय रगाते थे, जफ तक कक गोरी तम् ु शाये भॊश ु भें नशीॊ आजामे। तुभको इव तयश िरता दे ख कय वफको फिा भज़ा आता था। कई रोग तो दो ऩैयों ऩय तुम्शाया „नाि‟ दे खने की फयभाइळ बी कयते थे। डॉक्टय के मशाॉ जाने भें तुम्शें शभेळा नानी माद आती थी। उव गरी को दे खते शी तभ ु आगे जाने भें आनाकानी कयने रगते थे। तुम्शें ज़फदग स्ती गोद भें उठा कय शी रे जाना ऩिता था इॊजेक्ळन हदरलाने के लरए। लशाॉ स्रै िय ऩय खिे शो कय बीगी बफल्री की तयश काॊऩते थे तुभ। नशाने भें बी तुभको फशुत कोफ़्त शोती थी। इववे फिने के लरए तुभ वबी शथकॊडे अऩनाते थे – कबी दौि कय फिना, कबी ऩरॊग के नीिे छुऩ जाना, कबी डयाने की कोलळळ कयना, ऩय फाथरूभ भें घुवते शी तभ ु अच्छे फच्िे की तयश िऩ ु िाऩ खिे शोजाते थे। रेककन कपय नशाने के फाद वाफ वथ ु ये शोकय जो घय बय भें दौि दौि कय तभ ु धभािौकिी भिाते थे औय वोफों ऩय िढ़ कय वोफे के कऩिे वे अऩने आऩ को ऩयी तयश यगि कय वुखाते थे, लश दे खने भें फिा भज़ा आता था। लभन्नी कपय तम् ु शें प्माय वे कॊघी कयती थी औय तुभ भम्भी के „याजा फेटा‟ औय „िन्रभा जैवे वुन्दय‟ फन भौंयया मो
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जाते थे। शभ रोग तुम्शायी वुॊदयता की तुरना कई अन्म ज़स्ऩट्ज़ वे कयते थे, ऩय कोई बी शभें तुम्शायी तयश हदखाई नशीॊ दे ता था। तुम्शायी कारी कारी गोर गोर आॉखें, कारी नाक, औय नीिे शोठों ऩय खखॊिी वुन्दय कारी ऩट्टी तुम्शें विभुि एक प्माया वा खखरौना फनाती थीॊ। जफ बी तुभ आयाभ कयते थे मा हदन भें वोते थे, तुम्शायी आदत थी ककवी न ककवी वे वट कय शी वोते थे। ज़जव ककवी को तभ ु इवके लरए िुनते थे, लश अऩने आऩको बाग्मळारी वभझता था। ताळ खेरते वभम तो भुझभें औय लभन्नी भें तुभको रेकय झगिा बी शोजाता था, क्मोंकक ज़जववे वट कय तभ ु फैठते थे, लश जीतने रगता था। लभन्नी कई फाय भुझवे कशती थी –„बैमा, जैयी को भझ ु वे टि शोने दो, प्रीज़‟। िॉकक तुभ वफेद थे, लभन्नी औय भैं
तुम्शे ळाॊनतदत बी कशते थे। भेये
औय लभन्नी के झगिे के फाद जफ शभभें वे कोई लाऩव भेरजोर की ऩशर कयना िाशता, तफ वभझौते के ननवलगलाद अॊनतभ वलकल्ऩ औय प्रतीक के रूऩ भें लश तुम्शें उठा कय दवये के वाभने यख दे ता था। मश शभाया अलरखखत ल फाध्मकायी प्रालधान था ज़जवे शभ दोनों को भानना शी शोता था। नशाने के फाद जफ दादी फारकोनी भें फैठने के लरए आती थीॊ तो तभ ु शी आगे आगे िर कय उनका भागगदळगन कयते थे शय योज़। दादी को तफ तभ ु ने कबी नशीॊ छुआ क्मोंकक उन्शें ऩाठ कयना शोता था। ऩाऩा को, मा भम्भी को बी तुभ तफ तक नशीॊ छते थे जफ तक ले अऩनी ऩजा ऩयी नशीॊ कय रेतीॊ। कई फाय भॊहदय के फाशय फैठ कय तुभ भम्भी को ध्मान वे ऩजा कयते शुए दे खा कयते थे। एक फाय भम्भी वे लभरने कोई ऩरयचित आमे थे जो लैष्ट्णल थे। तुभने उनको तफ तक आयाभ वे नशीॊ फैठने हदमा था, जफ तक कक भम्भी के कशने ऩय उन्शोंने तुभको 'जम श्री भौंयया मो
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कृष्ट्ण' न कशा। जफ कबी ले ऐवा कयना बर जाते थे तो कपय वे तुभ उनको बौंक कय माद हदराते थे। उवके फाद वे तो आते शी उन्शोंने तुभको 'जम श्री कृष्ट्ण' कशना ळुरू कय हदमा औय तुभने उन्शें ऩये ळान कयना फॊद कय हदमा। भम्भी वालन के हदनों भें बगलान के वाभने िाय कीतगन गामा कयती थीॊ औय फाशय फैठ कय तभ ु ध्मान वे वन ु ा कयते थे। कीतगन ऩये शोने ऩय शी तुभ भॊहदय के वाभने वे शटते थे। मश दे खने के लरए कक तुभको कुछ माद यशता शै कक नशीॊ, भम्भी ने एक हदन लवपग दो कीतगन शी गामे औय यवोईघय भें आगमीॊ। रेककन तभ ु रगाताय भॊहदय के वाभने शी फैठे यशे थे, ळामद मश वोि कय कक फाकी के दो कीतगन के लरए भम्भी जल्दी शी रौट कय आएॉगी। तुम्शाये खाने का लक़्त शोगमा तफ बी तुभ लशाॉ वे नशीॊ खखवके। फशुत दे य फाद जफ फाकी के दो कीतगन बी भम्भी ने गा लरए तफ जाकय तुभ भॊहदय के वाभने वे शटे । भम्भी मश वफ दे ख कय फशुत खुळ शुईं थीॊ। घय वे फाशय जाते लक्त वफवे ऩशरे तुभ शी तैमाय शोते थे औय रऩक कय काय भें िढ़ जाते थे। तम् ु शाये लरए जैवे शय वीट उऩरब्ध थी औय तभ ु अऩनी भजी वे फायी फायी वे शय वीट ऩय फैठना ऩवॊद कयते थे। मशाॉ तक कक बफना कुछ वोिे वभझे ड्राइलय की गोद भें िढ़ कय बी फैठ जाते थे मा दो टाॊगों ऩय खिे शोकय शॉनग फजाते थे। वफके वाथ शोने ऩय तभ ु अऩने आऩ को ळेय वे कभ नशीॊ वभझते थे। इतया कय लभन्नी को तभ ु अक्वय खझिक दे ते थे – उववे कभ भुझ,े उववे कभ ऩाऩा को औय ळामद भम्भी को बफल्कुर नशीॊ। तभ ु ऊऩय घय भें शोते औय भम्भी फाशय कशीॊ गईं शोतीॊ तो उनके आने की बनक रगते शी एक वाथ िाय िाय वीहढ़माॊ कद कय
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उनका स्लागत कयने तुभ नीिे दौिते थे औय एक रॊफी छराॊग रगा कय वीधे भम्भी की गोद भें िढ़ जाते थे उनका भुॊश िभने के लरए। जैयी, तम् ु शें माद शै तभ ु को फोटो खखॊिलाने का बी ककतना ळौक था। अगय कोई तुम्शाये बफना फोटो खखॊिला रे तो तुभ नायाज़गी औय उराशने के अॊदाज़ वे बौंक बौंक कय मश वाफ जता दे ते थे। एक फाय भम्भी अकेरी खिे शोकय फोटो उतयलाना िाश यशीॊ थीॊ, ऩय इव फात वे तभ ु ने वाया घय लवय ऩय उठा लरमा औय जफ तक उन्शोंने तुम्शें गोद भें रेकय फोटो नशीॊ खखॊिला री, तफ तक तुभ ळाॊत नशीॊ शुए। तुम्शायी दो फोटो शभेळा माद यशती शैं – एक लश ज़जवभें भम्भी के वाभने तभ ु अऩनी ऩरयचित भिरने लारी भुरा भें कान ऩीछे कयके औय अगरे ऩैयों को आगे खीॊि कय झक ु े शुए ऩतरी आलाज़ भें बौंक बौंक कय उनवे लळकामत कय यशे शो, औय ठीक उवी के फाद की दवयी, ज़जवभें तुभ भम्भी की गोद भें आयाभ वे लरऩट कय वाभने दे खते शुए ऩोज़ दे यशे शो। शये क ग्रुऩ फोटो भें तुभ वफवे आगे आकय अऩने दोनों आगे के ऩैय वाभने यख कय बफना हशरे डुरे फैठ जाते थे, जफ तक कक मा तो फ़्रैळ न िभक जाए मा तुभ „ज़क्रक‟ की आलाज़ न वुन रो। शय फोटो भें तभ ु अऩना ऺाव ऩोज़ दे ते थे – वीधे वाभने दे खते शुए मा थोिी गदग न टे ढ़ी कयके वाभने दे खते शुए। कोई जफ तुभवे फात कय यशा शोता था मा तुभवे कुछ कुछ ऩछ यशा शोता था, तफ बी तुभ उवकी फात ध्मान वे वभझ कय अऩना प्माया वा िेशया टे ढ़ा झक ु ा कय जलाफ दे ते थे। जैयी, 5 लवतम्फय 1995 का हदन शभ कबी नशीॊ बर वकेंगे। भम्भी भुॊफई भें थीॊ औय भैं फैंगरोय भें। तभ ु ऩाऩा के वाथ हदल्री भें शी थे। शभाये मशाॉ कुछ भेशभान बी आमे शुए थे। जफ ळाभ को ऩाऩा ऑकफव वे घय रौटे तो तुभने वीहढ़मों वे नीिे उतयने की फजाम घय के दयलाज़े के फाशय शी भौंयया मो
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उनका स्लागत ककमा। तुम्शाये वऩछरे दोनों ऩैय ऩीछे की ओय लरथि यशे थे औय तुभ फभुज़श्कर आगे के ऩैयों की वशामता वे खिे यश कय ऩछ ॊ हशरा यशे थे। तफ बी उवी तयश खुळी वे, जैवे शभेळा कयते थे। तभ ु को क्मा शोगमा था उवकी गॊबीयता ळामद तुभ खुद वभझ बी नशीॊ ऩाए शोओगे। तुम्शें दे खते शी ऩाऩा को गशया वदभा रगा औय ले तुयॊत शी तुम्शें डॉक्टय के ऩाव रे गए। डॉक्टय ने फतामा तुम्शायी यीि शी शड्डी भें िोट मा खयाफी वे वऩछरे ऩैयों भें रकला शोगमा शै , ज़जवका कोई इराज नशीॊ शै । ऩाऩा के आग्रश ऩय कपय बी डॉक्टय ने तुम्शें कुछ इॊजक् े ळन हदए यीि की शड्डी भें। ऩता नशीॊ ककवी का ऩैय तुम्शाये ऊऩय ऩिा था, तुम्शें रकला भाय गमा था मा कोई औय लजश थी कक तम् ु शायी वऩछरी टाॉगें अिानक शी ननजील शो गईं। तुम्शायी मश शारत दे ख कय कोई बी वलिलरत शुए बफना नशीॊ यश वकता था। ऩाऩा ने रुॊ धे गरे वे इव फाये भें फोन ऩय भम्भी को फतामा औय लो तीन िाय घॊटों भें शी शलाईजशाज़ वे हदल्री आ ऩशुॊिीॊ। भम्भी का स्लागत कयने के लरए बी दो टाॊगों वे उवी तयश नघवटते शुए तुभ दयलाज़े ऩय िरे गए थे। भम्भी ऩय बी लज्र का वा प्रशाय शुआ था तम् ु शें उव तयश दे ख कय। तभ ु अऩने आऩ कद कय भम्भी की गोद भें नशीॊ िढ़ वकते थे इवलरए भम्भी ने शी तुम्शें उठा लरमा। तीन िाय हदनों भें भैं बी आगमा था। ऩाऩा भम्भी रगाताय कोलळळ कय यशे थे कक ककवी बी तयश, ककवी बी ऑऩये ळन वे तभ ु ठीक शोजाओ। िाय ऩाॊि हदन फाद तो तभ ु अऩने आऩ हशर बी नशीॊ वकते थे। यात बय शय दो घॊटों भें ऩाऩा मा भम्भी फायी फायी वे तुम्शायी कयलट फदरते थे ज़जववे तुम्शाये ळयीय भें छारे न ऩि जाएॉ। भम्भी तो तुम्शायी वफाई बी कयती थीॊ – कई फाय तो तम् ु शें खन बी आता था। एक हदन जफ डॉक्टय के मशाॉ तुम्शें रे जाने लारे थे, भम्भी तभ ु को रेकय ऩीछे की वीट ऩय फैठी थीॊ भौंयया मो
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औय ऩाऩा गािी िराने के लरए आगे फैठे तो ले अिानक पपक कय यो ऩिे, तुम्शायी मश दळा दे ख कय औय बवलष्ट्म की आळॊका को रेकय। भम्भी ने उन्शें ळाॊत यशने के लरए वभझामा कक कशीॊ तुभ ऩाऩा को इव तयश दे ख कय दख ु ी न शोजाओ। तुभ खुद उव वभम ऩाऩा को फिी चिॊता वे झक ु ी अधभुॊदी आखों वे दे ख यशे थे औय उनको इव तयश उदाव दे ख कय तुम्शें जैवे अच्छा नशीॊ रग यशा था। ळामद तुभको ऩाऩा की कफक्र शोगी, उव वभम बी। शभ रोग डॉक्टय की वराश भानने के लरए तैमाय शी नशीॊ थे कक तुम्शाया इराज नशीॊ शो वकता औय तम् ु शें शभेळा के लरए „वर ु ा दे ना‟ शी एकभाि वलकल्ऩ ळेऴ था। उनके हशवाफ वे तम् ु शें औय ज़्मादा कष्ट्ट दे ना ठीक नशीॊ था, क्मोंकक
हदन-फ-हदन तुम्शायी ज़स्थनत बफगिती जा यशी थी। शभाये
लरए मश इतना फिा आघात था ज़जवकी कल्ऩना शभ कबी कय शी नशीॊ वकते थे। ऩाऩा, भम्भी औय भैं तुम्शें रेकय एक दवये फिे अस्ऩतार भें गए जशाॉ के डॉक्टय ने बी लशी वराश दी। िॉकक उव फिे अस्ऩतार भें वबी तयश की ववु लधाएॉ औय वलद्मत ु ळलदाशगश ृ तक की व्मलस्थाएॊ थीॊ, अऩने रृदम भें ऩत्थय यख कय शभने ननणगम लरमा कक तुम्शें अफ मशीॊ अरवलदा कशना शी ळामद ठीक शोगा। शभने इव लवरलवरे भें डॉक्टय वे फात की। उवके फाद एक कम्ऩाउॊ डय कोई इॊजेक्ळन रे कय आमा ज़जवे तम् ु शाये हदर भें रगाना था। भम्भी तुम्शें गोद भें लरए शुए काॊऩ यशी थीॊ औय उनके आॊव रगाताय फश यशे थे। भम्भी भन शी भन बगलान वे प्राथगना कय यशी थीॊ कक तुम्शें वद्गनत लभरे। तभ ु वे छुऩा कय शभ वफ यो यशे थे – कोई नशीॊ िाशता था कक तुभ शभें इव तयश दे खो औय तुम्शें ज़या वा बी द्ु ख शो। तुम्शें कल्ऩना बी नशीॊ थी, मा ळामद थी, कक तुम्शें मशाॉ क्मों रामा गमा शै । भौंयया मो
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तुभ ज़जव तयश वशभे वशभे वे शो यशे थे, औय ककवी आळॊका वे काॉऩ यशे थे, शभें रग यशा था कक तुम्शें वफ ऩता िर गमा था। शभ अच्छी तयश जानते थे कक तुभ शभेळा शभायी खळ ु ी भें खुळ यशे औय शभाये गॊबीय शोजाने ऩय तुभ ऻभगीन शोजाते थे। इवलरए ळामद मश जानते शुए बी कक तुभ कुछ वभम फाद शभाये वाथ नशीॊ यशोगे, तुभ अऩने आऩको वॊमत हदखाने का झठा प्रमत्न कय यशे थे औय शभायी फातों का शभेळा की तयश अऩनी गदग न हशरा कय जलाफ दे यशे थे ताकक शभ दख ु ी न शों। लवफग तुम्शायी कॊऩकॊऩी शी वफ कुछ फमान कय यशी थी। ऩाऩा ने कम्ऩाउॊ डय के शाथ भें इॊजेक्ळन भें भोटी वी वई ु दे खी तो वशभ उठे औय उववे ऩतरी वुई राने के लरए कशा ज़जववे तुभको कभ वे कभ ददग शो औय इतनी तेज़ दलाई कक तुयॊत शी उवका अवय शो। कम्ऩाउॊ डय ने लैवा शी ककमा। शभ कोई बी फात तुम्शाये वाभने नशीॊ कय वकते थे, क्मोंकक शभें भारभ था तुभ बरे शी फोरते नशीॊ ऩय शभायी वफ फातें वभझते शो। भम्भी ने पपकते शुए तुम्शें भुझको वौंऩ हदमा औय भैं औय ऩाऩा काॊऩते शाथों वे तुम्शें रेकय एक कभये भें आमे जशाॉ भैंने तुम्शें लरटा हदमा। तुभ शभें अऩनी बोरीबारी आॉखों वे इव तयश दे ख यशे थे भानो ऩछ यशे शो –„फॊटी बैमा, ऩाऩा, भुझवे ऐवी क्मा ऻरती शोगई जो आऩ भुझे ऐवी जगश लरटा यशे शैं? भेये वाथ क्मा शोगा? आऩने अऩने ज़जन शाथों वे भुझे इतना दर ु ाया, अऩनी छाती वे रगा कय यखा, उन्शीॊ शाथों वे भझ ु े मशाॉ अऩने वे अरग इव तयश क्मों यख हदमा जैवे भझ ु को जानते शी न शों? ककतना भनशव वा रग यशा शै न मश वुनवान अॉधेया वा कभया। भुझे मशाॉ वे रे िरो, भुझे फिा रो ऩाऩा! भुझे फिा रो फॊटी बैमा!‟ उव वभम तम् ु शायी भामव वी आॉखें शभाये हदर ऩय ककतना घाल कय यशी थीॊ मे तुभ नशीॊ जान वकोगे। तभ ु खुद औय शभ वफ उव वभम ककतने भौंयया मो
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रािाय थे। अऩने आॊव योक कय शभ तुम्शें लवफग ऩुिकाय यशे थे औय तुभवे झठ फोर यशे थे कक वफ ठीक शो जामेगा। एक मॊि की तयश कम्ऩाउॊ डय ने तम् ु शायी ऩवलरमों को टटोरा औय इॊजेक्ळन की वुई तुम्शाये हदर भें िुबो दी। एक दफी वी ऩतरी लववकायी तुम्शाये भुॊश वे ननकरी औय कपय धीये धीये तुम्शायी आॉखें भुॊदने रगीॊ। तभ ु ने शभवे दय जाना ळरू ु कय हदमा था। शभेळा शभेळा के लरए। तभ ु ने अॊनतभ फाय शभें कपय वे दे खा औय थोिी शी दे य भें तभ ु आॉखें फॊद कयके बफल्कुर ननश्िेष्ट्ट शोगमे। ऩाऩा औय भैं एक दवये की तयफ दे खने की हशम्भत बी नशीॊ कय ऩा यशे थे। शभने िद्दय वे तम् ु शें ढक हदमा औय ककवी तयश तुम्शाये बफना फाशय ननकर आमे। अरवलदा जैयी! अरवलदा दोस्त! शभको भाफ कय दे ना। शभायी ओय रगाताय ननशायती तुम्शायी आॉखें अफ बी शभाये हदर भें िुब यशी शैं, तम् ु शाया भावभ वा िेशया अबी बी शभको किोट यशा शै । ऩय मश वफ कयना ऩिा। शभने मश वफ इवलरए ककमा कक तुम्शें औय ज़्मादा कष्ट्ट न शो। शभें ऩता शै तुभ शभेळा, शय ज़स्थनत भें शभाये वाथ शी यशना िाशते थे, औय शभको बी ऩता शै , एक प्माया वा फच्िा, तभ ु वा अच्छा, प्माया औय लफादाय वाथी, एक जीलॊत खखरौना, अफ कबी नशीॊ लभर वकता। क्मा अफ शभ तुम्शाये बफना कबी ऩनीय मा िॉकरेट खा ऩामेंग?े शभ घय जामेंगे तो कौन दौिता शुआ आकय शभवे लरऩटे गा? घय भें घव ु ने ऩय तुभ हदखाई नशीॊ दोगे तो शभ ऩय क्मा गुज़ये गी? तुम्शाये बफना जीलन क्मा शोगा मश वोि ऩाना बी भुज़श्कर शै । इतना प्माय कयने लारा, ज़जवकी फदौरत वाये घय भें खलु ळमाॉ औय िशरऩशर यशती थीॊ, अफ शभाये वाथ नशीॊ शोगा।
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तुभ जशाॉ बी जाओ, शभेळा खुळ यशो। शो वकता शै शभ कपय कबी लभरें, कशीॊ, ककवी औय रूऩ भें। अबी अरवलदा फेटा! अरवलदा जैयी! ********
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भौंयया मो ककळन शाॉपता शुआ आमा औय उत्तेज़जत वा चिल्रा चिल्रा कय कशने रगा- „फीयभा फऱाई का ऩोता फि के नीिे भया ऩिा शै ।‟ नानी „शे याभ, शे याभ‟ कशती शुई ऩगचथमों वे धीये धीये नीिे उतयी औय छोटे भाभा को ऩुकायने रगी। शभ वबी फच्िे बोंिक्के वे ककळन के चगदग इकट्ठे शोगमे। भैं दो हदन ऩशरे शी नानी के ऩाव छुट्हटमों भें गाॉल आमा था। मशी था भेया नननशार - भशाऩुया गाॉल। थोिे हदन फाद तेजाजी का भेरा रगने लारा था औय भेये शभउम्र भभेये बाई भेये आने वे उत्वाहशत थे। ले भेये वऩछरी फाय गाॉल आने वे अफ तक की, गाॉल की, लशाॉ के रोगों की, खेतों की, करभी आभ के ऩेिों की औय वायी फिी घटनाओॊ की जानकायी फिे उत्वाश वे हदमा कयते थे। भुझे बी फिा भज़ा आता था – वबी की उत्वुकता का केन्र भैं शी जो था। नाना लशाॉ के इज्ज़तदाय रोगों भें थे औय जागीयदाय के रूऩ भें उनकी खावी प्रनतष्ट्ठा थी। अम्भा फताती थीॊ भेये ऩैदा शोने के हयीफ डेढ़ वार ऩशरे ले नशीॊ यशे थे। उनके अन्म ििेये बाई औय उनके ऩरयलाय बी गाॊल भें यशते थे। वबी के आवऩाव खेत बी थे। गाॉल के भख् ु म िौक ऩय भेये नाना का शी एक ऩक्का भकान था जो ऩत्थयों वे फना था, फाकी वबी कच्िे थे। वॊकये यास्तों को छोि कय मे वबी भकान एक दवये वे वटे शुए थे। फशयशार भेये नाना औय उनके बाई गाॉल भें फिी शै लवमत यखते थे। जागीयदायों की वी शै लवमत। भैंने न नाना को दे खा था न उनके ककवी बाई को। रेककन उनके बये ऩये ऩरयलाय अलश्म थे औय भेये वबी भाभा इव तयश अऩने वऩताओॊ की खेती की ज़भीनों ऩय फॊटलाया कयके यश यशे थे। गाॉल के शी ककवान उन खेतों ऩय भाभाओॊ की तयफ वे खेती कयते थे। लैवे भेये तीन भौंयया मो
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भाभा थे ऩय छोटे भाभा शभको वफवे अच्छे रगते थे- ऺावकय इवलरए कक ले खुळलभज़ाज थे औय इवलरए बी कक ऩजा के फाद ले शभें ककळलभळ हदमा कयते थे। खेर खेर भें अकवय ले शभें उव वभम तक जकि कय यखते थे जफ तक कक शभ „िीॊऽऽऽऽ‟ नशीॊ फोरते। भेये भॊझरे भाभा के अऩने फैर बी थे ज़जन्शें ळाभ को ककवान रोग काभ के फाद फािे भें फाॉध जामा कयते थे। उनके खेत भें गें श, जौ शोते थे ऩय शभको मशाॉ उगे ५ आभ के ऩेिों औय पारवों की झाड़िमों भें ज़्मादा रुचि थी ज़जनभें उन हदनों पर आमा कयते थे। इनभें वे एक आभ का ऩेि शभाया, मानी अम्भा के नाभ कय हदमा गमा था, ऐवा भेये इन बाइमों ने भुझे फतामा था। उव ऩय िढ़ कय फैठना भझ ु े फेशद अच्छा रगता था। उववे आईं कैरयमाॉ मा आभ कबी कबी जमऩुय आजाते थे। इन आभ के ऩेिों ऩय शभ „गुराभ रकिी‟ खेर खेरा कयते थे जो ककळन, वुद्धा लगैयश ऩशरे वे खेरते थे औय उन्शोंने भझ ु े लवखामा था। कोई एक फच्िा टाॊगों के नीिे वे घभ ु ा कय एक डॊडे को दय पेंक दे ता था औय तफ तक फाकी फच्िे ऩेि ऩय िढ़ जाते थे। उव ऩेि के िायों तयफ एक गोरा फना कय उवके अॊदय लश डॊडा यख हदमा जाता था। ऩेि वे उतय कय फाकी फच्िों भें वे ककवी को डॊडा उठाना शोता था रेककन अगय इव प्रकक्रमा भें कोई उवे ऩेि के नीिे ज़भीन ऩय शोने के कायण छ रेता तो अगरी „ऩोत‟ उवे दे नी शोती। ऩय लश लाऩव ऩेि ऩय िढ़ कय छने वे फि वकता था। इव तयश अऩनी शोलळमायी हदखाने के लरए औय डॊडे को खखवकाने के लरए ऺफ ऩेि वे कदना औय उव ऩय िढ़ना शोता था ज़जववे थोिी दे य भें शी थकालट शोजाती थी। ऩय इववे ऩेिों ऩय िढ़ने का अच्छा अभ्माव शोजाता था। „अम्भा के ऩेि‟ ऩय डालरमाॉ नीिे वे शी ळुरू शोगईं थीॊ इवलरए भुझे इव ऩेि ऩय िढ़ने उतयने भें ज़्मादा आवानी शोती थी, फननस्फत दवये ऩेिों के ज़जनके तने काफी
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रॊफे थे। भैं गाॉल भें शोता था तफ इवी ऩेि ऩय शभ „गुराभ रकिी‟ खेरते थे। अम्भा का लैवे शी गाॉल भें ऺफ वम्भान था औय कपय लो ऩये गाॉल की फेटी जो थीॊ औय वाये फच्िों की फुआ। वायी औयतें उनके आते शी उन्शें घेय कय फैठ जाती थीॊ औय तफ उन तक ऩशुॊिना बी भुज़श्कर शो जाता था। अम्भा भझ ु वे कशती थीॊ गाॉल भें भेये ४७ भाभा शैं। ऩशरे आश्िमग शोता था, कपय मशाॉ आने ऩय ऩता िरा विभुि वबी भेये भाभा शुआ कयते थे – नील्मा बॊगी, बौंमाग औय रादयाभ ऩुजायी, ओॊकाय औय बौंयीरार फाभण, कजोिी ढोरी, रादयाभ ऩटलायी, छग्मा बिबॊज्मा, गणेश्मा कुम्शाय, छगन्मा जाट, चगयदा भारी......शभें वबी के नाभ के आगे भाभा रगा कय वॊफोचधत कयना शोता था। अगय कोई फुज़ुगग शो, भवरन फीयभा फऱाई, तो उवके नाभ के आगे फाफा रगाना ऩिता था। जैवे फीयभा फाफा। गाॉल वे शी जुिे एक वेडयाभ वयऩॊि औय स्रीनायाण जी फैज्जी (श्रीनायामण जी लैद्म जी) बी थे ज़जनके फाये भें कपय कबी। अबी लवफग इतना कक वेडयाभजी वयऩॊि शोने के नाते काफी प्रबाल यखते थे, भॊझरे भाभाजी के लभि थे औय कुछ छोटे भोटे याजनेताओॊ मा भॊबिमों को जानते थे। स्रीनायाण जी फैज्जी गाॉल के धनलान रोगों भें, फज़ल्क मों कशें , एक भाि अच्छे खावे धनलान थे ज़जनके मशाॉ कशते शैं रुऩमे फोरयमों भें बये ऩिे यशते थे औय ज़जनके दो औय बाई थे। उनवे छोटा शयवशाम भळीनों की अच्छी जानकायी यखता था औय रे क्टय, जीऩ, ऩम्ऩ-भोटय आहद ठीक कय वकता था। ळामद जमऩुय भें उन रोगों का एक „कायखाना‟ बी था। तीवया जल्दी शी भय गमा था। हदन बय की भटयगश्ती कयके ळाभ को घय रौट आने ऩय भाशौर बफरकुर शी फदर जाता था। वाये गाॉल भें अॉधेया अॉधेया शोजाता था औय भौंयया मो
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डय वा रगने रगता था। कबी कबी अिानक ककवी ऩषी की तेज़ िीऺ योंगटे खिे कय दे ती थी। गाॉल भें बफजरी नशीॊ थी इवलरए आभतौय ऩय फच्िे घय वे फाशय यात को नशीॊ ननकरते थे। घयों की रारटे नें मा चिभननमाॊ अऩने ननधागरयत „भोखल्मों‟ मा खॊदों भें यखी यशती थीॊ जो अॉधेया शोते शी जरा दी जाती थीॊ। उनकी धुॊए की रौ वे ऊऩय छत तक गशयी कारी रकीयें फन गमी थीॊ ज़जन्शें भैं अकवय घया कयता था। एक अजीफ तयश का अशवाव शोता था उनको दे खने ऩय। कबी वाॉऩों की कल्ऩना शोती थी, कबी उन कारी राइनों ऩय शाथ पेयने की इच्छा शोती थी मश दे खने के लरए कक इववे शाथ ककतने गॊदे शो वकते शैं। वाये लातालयण भें केयोलवन वे जरी चिभननमों औय रारटे नों की गॊध फवी यशती थी जो हदन भें बी रगबग उवी तयश पैरी यशती थी। ऩय शभेळा लश भुझे वुगॊध वी शी रगती थी। फिे भाभा ऩढ़ लरखने के फाद नौकयी के लरए जमऩयु िरे गए थे भाभी के वाथ। फाकी दोनों भालभमाॊ इकट्ठी शोकय िौक भें यखे िल्शे भें योहटमाॉ फनाती थीॊ। ऩशरे शभ वफ फच्िे खाना खाते थे, फाही रोग फाद भें। योटी, अिाय औय वब्ज़ी मा दार के वाथ अकवय गि ु की ळक्कय शोती थी जो भझ ु े फेशद ऩवॊद थी। घय भें शभ कबी ऐवी ळक्कय नशीॊ खाते थे। वफेद ळक्कय लवफग दध भें शी अच्छी रगती थी। शभें जल्दी शी खाना खाकय अऩने अऩने गद्दों िद्दयों भें घव ु जाना अच्छा रगता था क्मोंकक शभभें वे कोई न कोई नई योिक कशानी मा प्रवॊग ळुरू कयने लारा शोता था। ज़्मादातय ककळन शी इव भाभरे भें ऩशर कयता था क्मोंकक अक्वय शभायी, मानी भाभाजी की, फकरयमों को लो खद ु दय दय तक घभ ु ाने रेजाता था औय इव तयश गाॉल औय आवऩाव के फाये भें वफवे अचधक जानकायी उवी के ऩाव शोती थी। बतों औय िुिर ै ों के फाये भें लश अक्वय फिे आत्भवलश्लाव औय भशायत के वाथ फात कयता था औय गाॉल के भुख़्तलरफ रोगों के वाथ शुई उनकी भौंयया मो
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तथाकचथत लबिॊतों वे वम्फॊचधत कहस्वे फमान कयता था। लश कशता था कई फाय लश खुद उल्टे ऩैयों लारी िुिर ै ों को दे ख िुका था। वलेये वलेये शभ वबी लभट्टी के मा अल्मभीननमभ के अऩने अऩने रोटे रेकय जॊगर की तयफ जाते थे। वफ अकवय ककवी न ककवी झािी की तथाकचथत आि रेकय फैठ जाते थे। कबी कबी एक नज़य एक दवये की तयफ बी भाय रेते थे- मश दे खने के लरए कक कौन अऩनी ऩशरी लारी जगश वे ककतनी दय तक खखवका शै । लैवे अवर भें „कुछ औय‟ बी दे खने का भहवद शोता था। शाथ भें कोई न कोई छोटा „पल्डा‟ मा वयकॊडा शोता था जो भज़क्खमाॉ बगाने के मा आवऩाव आने लारे कीिों को दय खखवकाने के काभ आता था। वफवे ज़्मादा कोफ़्त लवफग इव फात वे शोने रगती थी कक जल्दी शी भज़क्खमाॉ आवऩाव लबनलबनाने रगती थीॊऺावकय भोटीलारी भज़क्खमाॉ ज़जनवे थोिा डय रगता था। ळामद मशी कायण था कक झाड़िमों के िुनाल भें थोिी वतकगता फयतनी शोती थी, जैवे कक उवके आवऩाव खखवकने के लरए उऩमुक्त औय वॊतोऴजनक जगश शोनी िाहशए, शाराॉकक ज़्मादातय अच्छी जगश रोगों ने ऩशरे शी कबी ढॊ ढ़री शोती थीॊ औय लशाॉ फैठना वॊबल नशीॊ शोता था। ऩये लातालयण की इव ऺाभोळी को केलर भज़क्खमों की लबनलबनाशट औय एक डेढ़ भीर दय अजभेय विक ऩय िरने लारे लाशनों की आलाज़ शी तोिती थी। ककवी खेत वे ककवी चिड़िमा के िशिशाने मा हटटशयी की „टीि टीि हटयग‟ बी तयॊ गों की तयश तैयती कानों को छ कय फश जाती थी। कबी कबी शभाये ककवी भाभा के आभों ऩय दय भॊडयाते तोतों के पिपिाने मा िीखने की आलाज़ एक उम्भीद जगाती थी कक ळामद आभों की कैरयमाॉ मा पारवे थोिे ऩकने रगे शोंगे। शभायी अऩनी आऩव भें धीभी फातें बी ऐवी रगती थीॊ जैवे शभ चिल्रा यशे शों। इतनी ळाॊनत भौंयया मो
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औय नीयलता भैंने इववे ऩशरे कबी नशीॊ दे खी मा भशवव की। दय वे आती कल्माणा ऩटलायी के खेतों भें फैरों को शाॊकने की फिफिाशट औय फैरों की भाॉ के वाथ ननकट वम्फन्ध फनाने लारी ककवी की गालरमाॊ रशयाती शुई फीि फीि भें वुनाई दे जाती थीॊ औय शभ रोग शॉव ऩिते थे शाराॉकक उन वफ का अथग तफ ऩयी तयश स्ऩष्ट्ट नशीॊ था। मे ज़रूय भारभ था कक लो अच्छी खावी गालरमाॉ शुआ कयती थीॊ। कल्माणा का एक फैर फशुत वुस्त था- ककळन ने फतामा था। लश फैर ऩशरे फगरू के ऩटलायी के मशाॉ शुआ कयता था। खैय, इव वायी भळक्कत के फाद शभ रोग भाभाजी के खेत भें जाते थे जशाॉ ऩानी वे बयी एक छोटी वी कुण्डी एक फिे ऩत्थय ऩय यखी शोती थी। उवभें रगी रकिी की डाट को शटा कय ऩानी खोरा जाता था जो अॊदय की गन्दगी वे इतना रुक रुक कय आता था कक वफवे ऩशरे कुण्डी तक ऩशुॉिने के लरए शय योज़ दौि रगानी ऩिती थी। लभट्टी वे तीन फाय शाथ धो कय अऩने अऩने रोटे लभट्टी वे शी वाफ कयके घय राने शोते थे। ****** जमऩुय वे रगबग १० भीर दय अजभेय विक ऩय „फोंल्माऱी ऩो‟ (फफर लारी प्माऊ) के वाभने वे फाईं ओय डेढ़ भीर अॊदय तक एक कच्िा यास्ता गाॉल भशाऩुया को जाता था। भशाऩुया शोकय शी कई अन्म गाॉलों का बी यास्ता शुआ कयता था। मश गाॉल भेये लरए खाव इवलरए था कक मश भेयी नानी का गाॉल था। रगबग ऩिऩन लऴग ऩशरे जमऩुय वे अजभेय जाने के लरए जो विक थी लश फेशद छोटी थी। आवऩाव दय दय तक लवफग फार शी फार मा लभट्टी के टीरे हदखाई दे ते थे। मा कपय खेत औय फैरों की भदद वे कुएॊ वे लवॊिाई कयने के लरए ऩानी ननकारते मा शर जोतते ककवान। इव ऩक्की छोटी विक ऩय काफी अॊतयार के फाद कोई भौंयया मो
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रॊफी नाक लारी ऩेरोर की फव हदखाई दे जाती थी। इन फवों के इॊजनों को एक रोशे के शें डर की वशामता वे घुभा कय शी िार ककमा जा वकता था। विक के दोनों ओय फैरगाड़िमों के आलागभन वे ऩगडण्डीनुभा कच्िे यास्ते फन गए थे ज़जन ऩय ककवान अऩनी फवर मा तयफज़, खयफज़े, ककिी फैरगाड़िमों ऩय रादे शुए हदखाई दे जाते थे। इन ऩगडॊड़डमों के ऩये खेतों वे वटी झयु भुट झाड़िमाॉ औय फफर के ऩेि आवऩाव की फकरयमों की ऩवॊदीदा जगश शुआ कयते थे। फयवात के हदनों भें „बयबॊट्मा‟ औय „गोखरू‟ की झाड़िमाॉ उग आती थीॊ औय ऩैदर िरने लारों को मे काॉटों लारी झाड़िमाॉ काफी ऩये ळान कयती थीॊ। ऩय वाथ भें औय झाड़िमाॉ बी शोती थीॊ जो अभभन रार फेयों की शोती थीॊ। शभ रोग अकवय फैरगाड़िमों वे शी गाॉल जाते थे। आधे यास्ते तो ऩैदर शी उछरकद कयते शुए औय झाड़िमों वे कच्िे ऩक्के रार फेय तोि तोि कय खाते शुए। कपय िरती फैरगािी भें दौिते शुए कद कय फैठ जाते। जमऩुय वे कुछ दय ऩय शी इव यास्ते भें ऩशरे एक „नशय‟ आमा कयती थी। लास्तल भें मश अभानीळा नारा था जो अकवय फशता यशता था औय ज़जवे „नशय‟ के नाभ वे जाना जाता था। एक ढरान वे शो कय नारे तक ऩशुॉिते थे जो वबी का, खावतौय वे वाईककर लारों का, भनऩवॊद हशस्वा शोता था क्मोंकक ले बफना ऩैडर भाये पयागटे वे नशय के आगे तक ऩशुॉि वकते थे। नशय के फाद िढ़ाई ऩिती थी ज़जवे ऩाय कयने भें वाइककरों, ताॊगों औय फैरगाड़िमों को फेशद कहठनाई शोती थी। वलारयमाॊ उतय जाती थीॊ औय वाइककरें ऩैदर िर कय िढ़ाई के अॊत तक रेजाई जाती थीॊ। ऩैरोर की फवें ककवी तयश घॊ घॊ कयके धीये धीये िढ़ती थीॊ। नशय के आवऩाव िायों ओय वज़ब्ज़मों के खेत थे।
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गाॉल के यास्ते भें अगरा जो वफवे फिा औय प्रभुख ऩिाल आता था लश था बाॊकयोटा, जशाॉ वाईककर वलाय, फवें, फैरगाड़िमाॊ आहद वबी वलश्राभ के लरए रुकती थीॊ। मशीॊ एक दो दक ु ानें िाम लारों की थीॊ, एक शरलाई जरेफी औय किोयी फना कय यखता था, एक थिी ऩय वोडा औय ळफगत की कुछ फोतरें यखी यशती थीॊ, औय आवऩाव कुत्तों को पटकाय कय मा रात रगा कय बगाते कुछ फच्िे ज़जनकी नाक अकवय फशती यशती थी। नानी के गाॉल के रादयाभ ऩज ु ायी ज़जन्शें शभ राद भाभाजी कशते थे, एक थार भें बिळॊकु मा ऩुॊगीनुभा काऻज़ की ऩुड़िमाओॊ भें वाॊगानेयी दार (िने की नभकीन दार) फेिा कयते थे। ऐवी शी ऩुॊचगमों भें शभ िनाजोयगयभ खाते थे। राद भाभाजी जमऩयु भें शभाये मशाॉ शय ऩखणगभा को बोजन के लरए बी आते थे। यवोई के ठीक फाशय उनके लरए एक ननधागरयत कोना था ज़जव ऩय „ऩोतना‟ कयके थारी यखने के लरए वाफ कय हदमा जाता था। अगरा ऩिाल „जखीया‟ऱी ऩो‟ शुआ कयता था। मशाॉ जानलयों के लरए एक फिी वी „खेऱी‟ थी जो शभेळा ऩानी वे रफये ज़ यशती थी औय जशाॉ अक्वय ऊॉट, फैर औय फकरयमाॊ ऩानी ऩीते हदखाई दे ते थे। माबिमों के लरए तो प्माऊ थी शी ज़जव ऩय एक रकिी की रॊफी वी नारी यशती थी। „नीिी‟ जानत के रोग इवी वे ऩानी ऩी वकते थे। प्माऊ ऩय फैठा आदभी याभझाये वे इव रकिी की नारी भें ऩानी डारता यशता था औय दवये छोय ऩय लश मािी ओक वे ऩानी ऩीता था। फाकी वफ रोग वीधे शी याभझाये वे ओक रगा कय ऩानी ऩी वकते थे। ऩय शभ लशाॉ ऩानी नशीॊ ऩीते थे क्मोंकक उववे हयीफ २ भीर आगे शी „फोंल्माऱी ऩो‟ थी ज़जवे फि मा ळामद ऩीऩर के एक फिे ऩेि के नीिे फनामा गमा था। ऩेि की छामा की लजश वे कुछ रोग गभी के हदनों भें मशाॉ कबी ऩरक बी झऩक रेते थे। फोंल्मा (फफर) के ऩेिों के झड ुॊ ों के फीि एक याभझाया औय ४-५ घिों के वाथ भौंयया मो
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िफतये ऩय एक लद् ृ ध वज्जन ज़जनका नाभ गोकणाग था औय जो शभायी नानी के गाॉल के शी शुआ कयते थे, भुवाकफयों को ऩानी वऩराने के लरए फैठा कयते थे। मशाॉ शभायी काफी आलबगत शुआ कयती थी अम्भा की लजश वे। इव प्माऊ के ठीक वाभने वे मानी अजभेय विक की फाॉई ओय वे एक कच्िी िौिी वी ऩगडण्डी हदखाई दे ती थी जो शभाये गाॉल भशाऩुया को जाती थी। ऩक्की विक फव इवी भोि तक थी औय गाॉल तक का यास्ता वाईककर लारों को ऩैदर िर कय शी ऩाय कयना शोता था। कुछ दे य वलश्राभ कयके औय ठॊ डा ऩानी ऩीकय गाॉल के फालळॊदे औय फैरगाड़िमाॊ कच्िे यास्ते ऩय िर ऩिते थे। इव यास्ते ऩय आते शी ऐवा रगता था जैवे शभ गाॊल रगबग ऩशुॉि शी गए। फीि फीि भें कोई न कोई ऩरयचित वाईककर शाथ भें ऩकिे मा फैरगािी भें आता जाता लभर जाता था जो फिे स्नेश वे „याभ याभ‟ अलश्म फोरता था। लैवे वि ऩछ जाम तो जो बी लशाॉ वे गज़ ु य यशा शोता था, एक दवये वे „याभ याभ‟ कशता शी था, िाशे जानऩशिान शो मा न शो। फैरगाड़िमों वे फनी रकीयों के अराला दोनों तयफ शय जगश जॊगरी झाड़िमाॉ औय घाव थी जशाॉ फकरयमाॊ औय बेिें ियती शुई हदखती थीॊ औय बफना मा शरकी वी छाॉल लारे फफर के ककवी ऩेि के नीिे वुस्ताते गडरयमे फच्िे। गाॉल ऩशुॉिते शी चियऩरयचित वे लभट्टी के ऊॉिे ऊॉिे टीरे, भाभाजी के खेत, फि का घना फिा ऩेि, भीठा कुआॉ, आवऩाव ऩानी ऩीते जानलय, फार ये त, िशरऩशर, ऩरयचित व्मज़क्त मा रयश्तेदाय लगैयश हदखाई दे ने रगते थे। ******** गाॉल भें जो वालगजननक जगश वफवे प्रलवद्ध थी लश थी भीठा कुआॉ औय उवके आवऩाव का फिा खर ु ा षेि। मशीॊ ऩाव भें एक फशुत ऩयु ाना फि का ऩेि था ज़जवके इदग चगदग एक पटा वा िफतया था रेककन जो लऴों वे भौंयया मो
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गभी/धऩ भें उव गाॉल वे गुज़यने लारे रोगों के लरए आयाभ कयने का अच्छा स्थान फन िक ु ा था। भुख्मत् गाॉल भें दो कुएॉ थे – एक भीठा कुआॉ ज़जवभें एक यस्वी औय उववे फॊधी डोरिी शभेळा एक नघयनघट्टी वे रटकी यशती थी ताकक कोई बी मािी ठॊ डे भीठे ऩानी वे अऩना गरा तय कय वके। कुएॉ की भुॊडये की दवयी ओय एक फिा वा राल (यस्वा) औय उववे फॊधा िभिे का फिा ियव शुआ कयता था। शय वुफश औय ळाभ दो फैर इव राल को खीॊिते थे औय ऩानी बये ियव के ऊऩय आने ऩय एक आदभी उवे भुॊडये के फाशय यस्वे वे अरग कय दे ता था ज़जववे उवका वाया ऩानी फश कय ऩाव शी एक खेऱी (कुण्डी) भें िरा जाता था जशाॉ गाॉल के जानलय ऩानी ऩीते थे। कबी कबी लश आदभी यस्वे ऩय फैठ जाता था औय कोई गाना गाता था। ियव को खारी शोने के फाद कपय वे कुएॉ भें रटका हदमा जाता था औय फैरों को कुएॉ की गशयाई औय राल की रम्फाई ज़जतनी ऩरयचध के अॊनतभ छोय वे लाऩव रौट आने ऩय दवये िक्कय के लरए कपय जोत हदमा जाता था। इव तयश खेऱी शभेळा ऩानी वे बयी यशती थी ताकक लशाॉ वे गुज़यने लारी गामें, बैंवें, फकरयमाॊ, बेिें, ऊॉट लगैयश ऩानी ऩी वकें। दवया कुआॊ गाॉल के फीिोंफीि था जो „खाया कुआॉ‟ के नाभ वे जाना जाता था। ज़ाहशय शै इवका ऩानी खाया था। कुछ रिककमाॊ औय औयतें ऩानी खीॊिती हदखाई दे जाती थीॊ। गाॉल की तथाकचथत „नीिी‟ जानत के रोग शी इव कुएॊ वे ऩानी रे वकते थे। अगय इन रोगों को कबी भीठे कुएॉ वे ऩानी ऩीना शो तो कोई वलणग शी इन्शें वऩरा वकता था, ले खुद भीठे कुएॉ की भुॊडये ऩय िढ़ कय अऩने आऩ ऩानी नशीॊ खीॊि वकते थे। ऩाव शी फने एक िफतये की एक भॊड ु ये ऩय गाॉल के जाटों के आयाध्मदे ल „तेजाजी‟ की एक ऩुयानी ऩत्थय की लळरा रगी शुई थी शाराॉकक उव ऩय क्मा खुदा शुआ भौंयया मो
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था मश वभझ भें नशीॊ आता था, ऩय मश तेजाजी की आकृनत शी फतराई जाती थी ज़जवके अनव ु ाय तेजाजी खिे शुए थे, अऩने दोनों शाथों भें वाॉऩों को उठाए शुए। कुछ रकीयें जो ळामद वाॉऩों की आकृनतमाॉ दळागती थीॊ ज़रूय दे खी जा वकती थीॊ। उव दीलाय ऩय ककळन शभें कबी नशीॊ िढ़ने मा फैठने दे ता था। कशता था तेजाजी का वाॊऩ काट रेगा। फाकी तीनों तयफ वे िफतया खुरा था। भीठे कुएॉ के आवऩाव कई औय बी फिे ऩेि थे – ऩीऩर औय नीभ के, ज़जनभें कभ वे कभ दो ऩुयाने ऩेिों की जिों के ऩाव वाॉऩों की फाॊबफमाॉ थीॊ। ऩशरे शभें रगता था मे िशों के बफर थे, ऩय ककळन ने शभायी मश ऻरतफशभी दय की थी औय फतामा था इनभें तेजाजी के वाॊऩ थे। तेजाजी का भेरा जो अगरे तीन हदनों भें रगने लारा था इवी िफतये के चगदग रगता था। इन वफ के अराला भुख्म रूऩ वे थी िायों ओय दय दय तक पैरी वाफ, वुनशयी, ये ळभी फार ये त। गलभगमों की दोऩशय भें तो उव ऩय िरना बी भज़ु श्कर था, ऩय ळाभ को औय िाॊदनी यात भें ठॊ डी ठॊ डी फार भें दौिने भें फिा भज़ा आता था जफ शभाये ऩाॉल ६-६ इॊि तक धॊव जाते थे। मश स्थान ककवी ऩाकग का वा दृश्म ऩेळ कयता था- फच्िे ये त भें कुश्ती, कफड्डी, ऩकिभ-ऩकिाई मा „लवतोलरमा‟ खेरा कयते थे, गाॉल के फुज़ुगग अऩनी गऩळऩ की िौऩार रगाते थे, औय रिककमाॊ ऩैरदज, िऩेटे मा कोई अन्म खेर खेरा कयती थीॊ। ियने के फाद लाऩव रौटते जानलय कुण्डी भें ऩानी ऩीते थे औय कपय ियलाशे उन्शें शाॊकते शुए रे जाते थे। अऩने घौंवरों भें लाऩव रौटते ऩक्षषमों के करयल वे ळाभ शोने की आलाज़ तेज़ शोजाती थी। इव तयश यात की लवमाशी पैरने वे ऩशरे तक कपय धीये धीये लशाॉ यशस्मभम वी ळाॊनत उतयने रगती थी। तफ केलर ब्मार के फाद टशरने के लरए ननकरे रोग मा छोटी टोलरमों भें गऩळऩ कयते रिके शी हदखाई दे ते थे। िाॊदनी यातों भें फशयशार ऐवा फिे स्तय ऩय शोता था। अॉधेयी यातों भें वाॉऩों का डय जो यशता था। अगय एक भौंयया मो
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जगश वे दवयी जगश अॉधेये भें जाना ऩिता तो अक्वय रारटे न वाथ कयदी जाती थी, शाराॉकक उवके प्रकाळ वे ज़्मादा लवफग उवके वाथ शोने के अशवाव वे शी वुकन लभरता शोगा। गाॉल भें ळामद शी ककवी के ऩाव फैटयी (टॉिग) शो, ऩय लैवे यात भें रोगों का आना-जाना फशुत कभ शी शोता था। आलश्मकता ऩिने ऩय रोग अऩनी उऩज़स्थनत का बान ज़ोय वे खॊखाय कय मा बजन गा कय कयाते थे। ळामद इवके दो औय बी उद्दे श्म थे- एक तो अऩने आऩ को आश्लस्त कयना औय दवया जॊगरी जानलयों, वाॉऩों आहद को अऩने यास्ते वे बगाने की कोलळळ कयना। इववे मश बी फामदा शोता था कक महद कोई केलर अॉधेये के वशाये शी खुरे भें रोटा रेकय फैठा शो तो लश वम्शर जामे औय ककवी आि भें शो जामे। ******** फीयभा फऱाई के ऩोते नछगन्मा को बौंमाग भो ने भाया था! उनके आतॊक के कायण कोई राळ के ऩाव तक नशीॊ जा वका था दो घॊटे तक। ककळन ने घय भें वफ को विना दी थी। „ऊधभी छोयो छो, छे ड़्मो शोमरो बौंमाग भो नै‟ भाभाजी ने याम दी। वाये भाभा रोग आऩव भें मा गाॉल भें ककवी वे बी फात कयते वभम ढॊ ढायी (जमऩुयी) बाऴा शी फोरते थे, लवला शभाये वाथ। यात को वोते लक्त उव हदन ककळन ने कई तयश के बतों के कहस्वे बी वुनामे। एक िुिर ै तो भीठे कुएॉ वे यात को फायश फजे योज़ ऩानी ऩीती थी। मश ककळन को एक फाय राद भाभाजी ने फतामा था। दवये गाॉल वे ऩजा कयके रौटते लक़्त जफ बी कबी दे य शो जाती थी उनको लश िि ै ु र हदखाई दे ती थी। उवके दोनों ऩैय उल्टे शोते शैं। ककळन ने फतामा अगय उवकी तयफ बफना दे खे अगय कोई दय वे शी ननकर जामे तो लश तॊग नशीॊ कयती। शभ ककळन के वाभान्म सान, हशम्भत औय िि ै ों को ऩशिानने ु र की औय उनवे ननफटने की वलरषण षभता वे शभेळा प्रबावलत यशते थे। भौंयया मो
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जैवा भैंने ऩशरे फतामा, फि का लश ऩेि फशुत ऩुयाना था। इवकी टशननमों वे रॊफी रॊफी जिें रटकती यशती थीॊ। कई फाय ऐवा रगता था जैवे फिे फिे रॊफे वाॊऩ ऩेि वे रटक यशे शों। कई जिें तो ज़भीन के अॊदय तक धॊव गई थीॊ औय उन्शोंने भोटे तनों की ळक्र रे री थी। कई फाय भेयी फशनें इव ऩेि के इदग चगदग खेरा कयती थीॊ। बौंमाग भो के नाभ वे शी भुझे कई तयश की कल्ऩनाएॉ शुआ कयती थीॊ। कबी रगता था बौंमाग भो कोई फिा बेड़िमा मा ऩागर कुत्ता शै- कबी रगता था ळामद कोई बत मा िुिर ै शै , कबी कबी वाॊऩ की ळक्र का कोई जानलय ज़ेशन भें आता था। फशयशार मश ननज़श्ित था, बौंमाग भो कोई फेशद शी ऺतयनाक िीज़ थी। औय मश बी कक उवका लाव इवी फि के ऩेि ऩय था ज़जवकी छामा भें मािी वलश्राभ कयते थे औय फच्िे खेरते थे। भैं वोिता यशता था ककव तयश बौंमाग भो के इव ऩेि ऩय कब्ज़ा कयने के ऩशरे तक शभ मशाॉ स्लच्छॊ द शो कय खेरा कयते थे। ऩय अफ मे बौंमाग भो! शय योज़ वफ ु श जॊगर जाते मा लाऩव रौटते लक़्त ककळन शभें शभेळा इव ऩेि वे दय शटा कय रेजाता था। भेये भन भें अफ मश ऩेि खौफ वा ऩैदा कयने रग गमा था औय अकवय इवकी तयफ मा इवके ऊऩय दे खने की हशम्भत नशीॊ शोती थी। कबी कबी यात को वऩने बी आते थे ज़जनभें भैं उव फि के ऩेि वे उरटी रटकती शुई उल्टे ऩैय लारी िुिर ै ों को दे खता था। उनके शाथ इतने रॊफे थे कक ऩेि के ऩाव वे जाने लारे रोगों को ले आवानी वे उठा वकती थीॊ। रेककन राद (ऩुजायी) भाभाजी को वलश्लाव था कक गाॉल भें जो भॊहदय शैं उनके कायण कोई िुिर ै गाॉल भें प्रलेळ नशीॊ कय वकती। ******** गाॉल के फीि भें दो भॊहदय थे- एक लळल भॊहदय जो ऩयु ाना था औय दवया रक्ष्भीनायामण भॊहदय जो कुछ लऴों ऩशरे शी फना था। ळाभ शोने के फाद भौंयया मो
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शय योज़ रक्ष्भीनायामण भॊहदय भें आयती शोती थी, घॊटा औय झारयों के वाथ। एक आदभी फाएॊ शाथ वे झारय को ऊऩय वे नीिे घुभाता था औय नीिे आने ऩय दवये शाथ वे रकिी के शथौिीनुभा डॊडे वे उव ऩय भायता था। मश वफ एक रम औय तार वे शोता था। घॊटे की ऩशरी ध्लनन के वाथ शी फाशय कुछ कुत्ते इकट्ठे शो कय वभलेत स्लय भें भुॊश उठा कय „श श‟ कयके योते थे। शय योज़ मशी लवरलवरा िरता था जफ तक आयती शोती थी। अम्भा कशती थीॊ ले बगलान वे लळकामत कयते शैं कक उनको कुत्ता क्मों फनामा। जो बी शो, ऩय मश वॊमोग वलस्भमकायी था। गाॉल भें शी एक ओॊकाय नाभ के भाभा थे ज़जनको फिे रोग शभेळा ओॊकामाग के नाभ वे शी ऩक ु ायते थे। ले अधेिालस्था वे फुढ़ाऩे की तयफ तेज़ी वे फढ़ तो यशे थे ऩय उन्शोंने ळादी नशीॊ की थी। अकवय ले दवये मानी लळल भॊहदय भें ऩाए जाते थे औय फिे बज़क्तबाल के वाथ लळललरॊग को स्नान कयाके तीन उॉ गलरमों वे तीन आिी रकीयों लारा िन्दन रगामा कयते थे। कबी कबी स्नान कयाते लक़्त अिानक शी फिे ज़ोय वे „फभ फभ फभ फभ‟ फोर उठते थे। लळललरॊग के ऊऩय शभेळा एक लभट्टी का घिा रटका यशता था ज़जववे फद ॉ फॉद ऩानी लळललरॊग ऩय टऩकता यशता था। लळलयाबि मा ऐवे शी ककवी अलवय ऩय कबी कबी ऩानी की जगश दध बय हदमा जाता था। कारे यॊ ग के, कुछ गॊजे, भोटी आॉखों लारे औय अिानक फभ फभ फोर उठने लारे मे „ओॊकाय भाभाजी‟ शभेळा भुझे लळल के शी कोई गण नज़य आते थे, इनवे डय वा रगता था औय उनके ऩाव जाने की हशम्भत कबी नशीॊ शोती थी। लैवे भैंने उन्शें कबी शॉवते मा भुस्कयाते बी नशीॊ दे खा था। शाॉ, अम्भा वे उनकी फिी अच्छी तयश फात शोती थी औय ले रोग ढॉ ढायी (जमऩयु ी) फोरी भें शी फात कयते थे। एक भोटा जनेऊ ऩशने फारों लारे खर ु े फदन ले कई फाय भॊहदय के फाशय „दावे‟ भौंयया मो
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ऩय फैठे यशते थे। कई फाय भैंने उन्शें कुछ फच्िों को ऩशािे यटलाते बी दे खा था –
„वोऱा नाभ िाऱा ये िॊलाऱ वो‟ (१६ गुणा ९ = १४४) „विा छक् दर ु ॊतय वो‟ (१७ गुणा ६ = १०२) „विा वत्ते एक कभ फीस्माॉ वो‟ (१७ गुणा ७ =११९) „फायम्फाय िाऱा ये िॊलाऱ वो‟ (१२ गण ु ा १२ = १४४) „तेया तेया घुणन्तय वो‟ (१३ गुणा १३ = १६९) .......... भुझे बी इवी तयश ४० तक के ऩशािे माद कयामे गए थे औय ले फशुत कायगय शैं। अम्भा को तो ऩौना, वलामा, डेढ़ा, ढइमा, ढीॊिा लगैयश तक के ऩशािे वफ माद थे औय ले फिी आवानी वे वाढ़े तीन गुणा डेढ़ का उत्तय फता दे ती थीॊ। गाॉल के कुछ फिे फच्िे आगे ऩीछे हशरते शुए कबी कबी इव तयश का कोई „गॊबीय‟ ऩाठ कयते शुए बी हदखाई दे ते थे – “वीधो लयणा वभा भनामा ििु ििु दावा ....” लगैयश। अफ ऩता िरा मश लास्तल भें वॊस्कृत ...के... का शी „झािवाई‟ (ग्राभीण) प्रकायान्तय था। ******** शभाये भाभाजी के कई ििेये बाई बी थे जो, ज़ाहशय शै , रयश्ते भें वफ शभाये भाभाजी शी रगते थे। उनभें एक शी ऩरयलाय के ऩाॊि बाई फिे नाभी थे जो वबी एक ऐवी बाऴा के वलबाग वे वम्फॊचधत यशे ज़जववे उनका ककवी
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तयश का कोई रयश्ता नशीॊ यशा था लवला इवके कक इनभें वे एक बाई वफवे ऩशरे उव वलबाग भें नौकयी भें रग गए औय लशाॉ के वयर स्लबाल लारे डाइये क्टय के कृऩाऩाि फन गए औय आजन्भ उनकी मानी डाइये क्टय की भत्ृ मु तक, जो उनके उव ऩद ऩय यशने के दौयान शी शोगई, फने यशे । आगे िर कय उनका इतना दफदफा शो गमा कक उन्शोंने गाॉल की आधी वे ज़्मादा आफादी को इवी वलबाग भें शी, कबी कबी उनकी मोग्मतानुवाय, ऩय ज़्मादातय भाभरों भें उववे ऊॊिे ऩदों ऩय, खऩा हदमा। आगे िर कय उन्शोंने कुछ ऐवा िक्कय िरामा कक खुद बी लशीॊ ऐवे ऩद वे वशामक ननदे ळक के ऩद ऩय िढ़ फैठे जशाॉ वे ककवी अन्म वलबाग भें अगय ले शोते तो ऐवा वॊबल नशीॊ शोता। खैय, इन ऩािों बाइमों भें शय एक उन हदनों की प्रभुख ऩाहटग मों काॊग्रेव औय जनवॊघ भें वे ककवी एक ऩाटी की वलिायधाया के वाथ था। ताळ खेरने भें बी मे रोग भाहशय थे औय इव दौयान अक्वय उनभें वललाद शो जाता था जो ताळ भें की गई फेईभानी वे ळरू ु शोकय, उनकी ऩवॊदीदा ऩाहटग मों की नीनतमों वे शोता शुआ उनके नेताओॊ द्लाया ननजी ज़ज़ॊदचगमों भें ककमे जायशे भ्रष्ट्टािाय औय व्मलबिाय तक जाता शुआ शाथाऩाई वे कुछ शी कभतय बमॊकय लाक् मद् ु ध भें फदर जाता था। अगय उव वभम भें ध्लनन की तीव्रता नाऩने का कोई वाधन शोता तो ऩता िरता कक लश आभ आदभी के कान के ऩदों के लरए वह्म अचधकतभ डेवीफर वीभा वे कई गन ु ा ऊॉिी ऩशुॉिी शुई शोती थी। मश वफ इतना ज़फदग स्त शोता था कक एक भीर दय बी ककवी को वलश्लाव नशीॊ शोता कक लशाॉ कोई गॊबीय भायऩीट मा झगिा नशीॊ शो यशा शै । भुझे बी ऩशरी फाय मशी धोखा शुआ था औय भैं कुछ डय वा गमा था। ऩय वद् ु धा ने फिी वशजता वे फतामा कक ले रोग ताळ खेर यशे शैं। फशयशार मे वबी बाई अऩनी उम्र के भुताबफक औय तत्वम्फन्धी वबी कामगकराऩों भें रुचि यखते थे। भौंयया मो
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इन्शीॊ बाइमों के एक औय फिे ििेये बाई थे। जमऩुय भें शी ले ककवी भशकभे भें काभ कयते थे। गाॉल वे ळशय आलागभन के लरए उन्शोंने अऩनी वाईककर भें एक इॊजन कपट कया लरमा था। दब ु ागग्मलळ एक फाय जमऩुय वे गाॉल आते लक़्त ककवी दघ ग ना भें ले कोशननमों तक अऩने ु ट दोनों शाथ खो फैठे। उनके ५-६ ऩुबिमाॊ औय २ ऩुि थे। एक ऩुिी तो फोरने भें लवफग ट-लगग - ट, ठ, ड का शी इस्तेभार कयती थी। कॊतो वे झगिा शोने ऩय लश उवको धभकी दे ती थी – „ओ टॊ टो, टो भानैं ने टाईं, टाटाडी टॊ ठै डउॊ डी‟ (ओ कॊतो, को भानै नै काॊईं, काकाजी वॊ कश दऊॊगी)। उनकी ऩत्नी दफॊग, ऩय अच्छे अॊग वौष्ट्ठल लारी थीॊ- रॊफी, छयशयी, वुन्दय बी। ऊऩय वे तयु ाग मे कक ले ज़्मादा शी खर ु ी औय खळ ु लभज़ाज, शॊ वीभज़ाक कयने लारी थीॊ जो कक दे लयों की चिय-आकाॊषा यशती शै । ज़ाहशय शै वबी दे लय उनवे अच्छे औय भधुय वम्फन्ध यखने के इच्छुक थे औय लास्तल भें यखते बी थे। वबी रोगों भें ले बाबीजी के नाभ वे प्रलवद्ध थीॊ। शय दे लय, ऺावकय मे ऩाॊि शभेळा मश ध्मान यखने का प्रमत्न कयते थे कक िाशे वुनवान दोऩशय शो मा दे य यात, बाबीजी को अकेराऩन कबी न वताए। ळामद मशी कायण यशा शोगा कक जफ बी उन रोगों भें वे ककवी को ऐवा आबाव शोता कक बाबीजी अकेरेऩन वे जझ यशी शोंगी, उनभें वे कोई न कोई ळुबचिॊतक वतकगता वे इधय उधय झाॊकते शुए उनको वाथ दे ने ऩशुॉि जाता। जफ कबी मे रािाय बाईवाशफ रघळ ु ॊका के लरए यात भें उठते मा उठने वे ऩशरे खॊखायते, तफ बाबीजी का एकाकीऩन मकामक दय शो जाता औय दे लय िुऩिाऩ खखवक रेता। बाबीजी ननयॊ तय वौबाग्मळारी यशीॊ कक ककवी बी दे लय ने उन्शें कबी एकाकीऩन भशवव नशीॊ शोने हदमा।
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इन ऩाॊि भाभाओॊ स्लमॊ के एक लद् ृ ध भाभा थे जो ऩणगत् अॊधे थे औय ऊॊिा वन ु ते थे। ऩये गाॉल भें ले भाभाजी के नाभ वे शी जाने जाते थे। अक्वय ले ककवी फच्िे की वशामता वे रघुळॊका स्थर तक रेजाते दे खे जावकते थे। उनकी ऺाव फात मे थी कक ले ब्रजबाऴा की कवलताओॊ औय कवलत्तों भें भशायथ यखते थे। ऩद्भाकय, केळल आहद के कवलत्त ले फिे िाल वे वुनाते थे। अगय कुछ भनिरे इकट्ठे शोकय उनवे कवलत्त वुनाने का आग्रश कयते तो बी ले बफना उनकी भक्कायी बाॊऩे उनको विभुि गुणग्राशी वभझ रेते थे औय कवलत्त वुनाने रगते थे। ले शभेळा लवय औय कानों को ढकने लारा एक वयदावी टोऩा ऩशन कय यखते थे। वाधायणत् ले भैरी वी ऊॊिी धोती औय घय भें लवरा शुआ जेफ लारा फननमान मा फगरफॊदी (फन्डी) ऩशनते थे, शाॊ वललाश आहद कामगक्रभों भें ज़रूय उनकी धोती औय फगरफॊदी धुरी शुई शोती थी औय ले फिे वम्भान के वाथ रामे जाते थे। तफ मथावभम उनके कवलत्तों का दौय िरता था। वललाशों के अलवय ऩय भॊगराियणों औय वुन्दय घनाषयी छॊ दों वे ले यव वज ृ न कयते थे औय अॊत भें „ळुबरग्न वालधान‟ फोरते थे। मश आश्िमगजनक शै कक उनको ब्रजबाऴा के वबी हदग्गज कवलमों के दोशे , कुण्डलरमाॉ, कवलत्त, छॊ द, वोयठे , आहद कॊठस्थ थे। दब ु ागग्म वे उनके ककवी वम्फन्धी ने न तो उनवे कुछ वीखने का प्रमत्न ककमा न शी उनके कवलत्तों का वॊकरन ककमा। उनकी फज़ ु चु गगमत औय इव षभता का वम्भान अक्वय ळादीब्माश, मसोऩलीत आहद अलवयों ऩय शी दे खने को लभरता था, फाकी वभम उनके स्लमॊ के ऩोते-दोशते औय अन्म छोये -छऩाये उनकी रािायी का भज़ाक उिाते ऩाए जाते थे मा उन्शें तॊग कयते हदखते थे। ळौिाहद के लरए भाभाजी के लरए कच्िे भकानों के वऩछलािे भें शी लभट्टी की दीलाय के ऩीछे एक स्थान वलळेऴ ननधागरयत था ज़जवके भौंयया मो
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आवऩाव फफर की वखी टशननमाॉ, काॊटे लगैयश ऩिे यशते थे। नील्मा बॊगी मा उवके ऩरयलाय का दानमत्ल था कक शय योज़ लश स्थान वाफ यशे । गाॉल के कुछ फच्िे जो ळामद उव ऩरयलाय भें भाभाजी के वम्भानजनक ओशदे वे फेऺफय थे, कबी कबी िरते कपयते उनके „वयदाव‟ शोने ऩय फज़ब्तमाॊ कव दे ते थे। ऩय फच्िों को पटकाय कय मा गारी दे कय ले आगे फढ़ जाते थे। एक फाय ळौि जाते लक़्त कुछ फच्िों ने उनके वाथ अबर व्मलशाय ककमा था औय लभट्टी की टटी दीलाय के एक छे द भें वे कोई वयकॊडा मा डॊडा भाभाजी के खुरे स्थान ऩय घोंऩ हदमा था। उव शादवे के फाद वे ले एक छिी शभेळा अऩने ऩाव यखते थे औय ळौि के वभम ककवी बी वॊबावलत मा काल्ऩननक उऩरली को दय यखने के लरए फीि फीि भें ले उवे घुभा दे ते थे एक घुिकी के वाथ। उऩिाय वे वतकगता बरी। इन्शीॊ भाभाओॊ के एक िािा थे ज़जन्शें ले रोग राद काकाजी कशते थे। शभ उन्शें राद नानाजी ऩक ु ायते थे। इन्शोंने इन भाभाओॊ भें वे एक को गोद रे लरमा था जो फेशद शकराते थे। मे भाभा वाये गाॉल के इॊजीननमय भाने जाते थे। शय व्मज़क्त जो अऩना भकान फनलाता, इनवे ज़रूय वराश रेता था औय मे वशऴग गाॉल के लभज़स्िमों को जफानी नक्ळा वभझा हदमा ु ु़ कयते थे। इवी का नतीजा था कक गाॉल के शय नए भकान का नक्ळा एक वा शोता था- वाभने दो कभये ज़जनभें घुवने के दयलाज़े बी फाशय थे, उन दोनों कभयों के फीि वे घय भें अॊदय जाने के लरए एक ऩोरी, कपय िौक औय िौक के तीन तयफ कपय कभये । टट्टी गव ु रखाना लगैयश वफ फाशय ताकक फाशय वे शी नील्मा बॊगी शय योज़ वफाई कय हदमा कये । फशयशार इव नक़्ळे वे ककवी को कोई लळहामत नशीॊ थी। मे कुळर ऩाकळास्िी बी थे जो फिे फिे बोजों के लरए मा ळादी-ब्माशों भें आने लारे ककवी बी
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वॊख्मा भें भेशभानों के लरए रगने लारी वाभग्री का तौर फता दे ते थे औय इव तयश वाये गाॉल के रोगों की नन्ळल् ु क भदद कयते थे। खैय। राद नानाजी कारे, भोटे , औय यौफीरी आलाज़ के भालरक थे, रेककन उनकी तेज़ आलाज़ अऩने ऩुि औय बतीजों के फच्िों को ऩुकायने भें मा गरी के कुत्तों को शिकाने भें ज़्मादा वुनाई दे ती थी। फशयशार ले अऩने वबी ऩोते ऩोनतमों को फेशद प्माय कयते थे औय उनका ख्मार यखते थे। ले आजन्भ अवललाहशत शी यशे । ळामद स्लेच्छा वे शी। अऩने ज़भाने भें ले अच्छे वभाजवेली बी यशे शोंगे औय ननज़श्ित शी अऩने फलरष्ट्ठ ळयीय के फर ऩय ननफगर, अवशाम नारयमों को वॊफर दे ते यशते शोंगे। कबी अॊग्रेजों की वेला भें यशी एक भहशरा ज़जन्शें ऩया गाॉल „ऩुननमा फोयी‟ के नाभ वे जानता था, लऴों वे इन्शीॊ नानाजी औय उनके ऩरयलाय के वाथ यशती थीॊ। गोयीचिट्टी मे लद् ृ ध भहशरा अऩनी नाक ऩय दाहशनी तयफ एक भोटा वा परनुभा काॊटा ऩशनती थीॊ, औय शाथ ऩैयों भें िाॊदी के भोटे किे। अऩने ज़भाने भें मे महीनन वुन्दय औय प्रबालळारी यशी शोंगी। इनके भुॊश औय शाथों ऩय फशुत वाये टै ट बी गुदे शुए थे। इनके फाये भें मश प्रलवद्ध था कक मे अॊग्रेज़ी जानती शैं। वुद्धा औय भैं उनवे ऩछते थे – „ऩुननमा फोयी, ऩानी को क्मा कशते शैं?‟ ले तऩाक वे जलाफ दे तीॊ – „बफॊग ऑटो।‟ कई हदनों के वलिाय भॊथन के फाद शभ रोगों ने मश ननष्ट्कऴग ननकारा कक ज़जव अॊग्रेज़ के मशाॉ ले काभ कयती शोंगी लो कशता शोगा – „बब्रॊग लाटय‟ औय उन ळब्दों का अथग उनके लरए था ऩानी। फशयशार ऩनु नमा फोयी ऩशरे राद नानाजी औय कपय उनके ऩये ऩरयलाय की वेला भें आजन्भ वभवऩगत यशीॊ औय उव ऩरयलाय के वाये फच्िों का उन्शोंने शी रारन ऩारन ककमा। उन्शीॊ की वेला भें यत इव वीधीवाधी, वयर स्लबाल की ननश्छर भहशरा ने लद् ृ धालस्था भें कई लऴग गुज़ायने के फाद गाॉल भें शी दे शत्माग ककमा। भौंयया मो
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******** रयश्तेदायों के अराला भेयी फशनों की कुछ अन्म वशे लरमाॊ बी थीॊ। इनभें उल्रेखनीम बौंयीरार जी फाण्मा की रिककमाॊ थीॊ। वॊमोगलळ बौंयीरारजी जो भर रूऩ वे तो भशाऩयु ा ननलावी थे ऩय जमऩयु भें कुछ काभ कयते थे औय शभाये जमऩुय के भकान भें ककयाएदाय की शै लवमत वे मा लैवे शी यशते थे। उनकी वफवे फिी रिकी ज़जनको भेयी फिी फशन की वशे री थी। कबी कबी िऩेटे खेरते शुए ले गऩ ु िऩ ु कुछ फातें कयती थीॊ औय एक दवये की ऩीठ ऩय धौर जभा कय फीि फीि भें ळैतानी वे शॉव दे ती थीॊ। उववे छोटी ळाॊनत नीभ-ऩागर वी थी, कपय तेज़तयागय नोयती औय वफवे छोटी ळकॊु तरा। उनका एक रिका बी था उन वफवे छोटा, कयीफ ४-५ वार का, ज़जवे वफ रोग „बामा‟ फुराते थे। ज़ाहशय शै लश वफ का रािरा था, ऺाव तौय वे अऩने िािा छोटजी का, ज़जनको लश काका कशता था। छोटजी खद ु अऩने आऩ भें एक वलचिि ळज़ख़्वमत थे। ळकॊु तरी भेयी „दोस्त‟ शुआ कयती थी, रगबग भेयी शी उम्र की मा भुझवे एकाध वार छोटी थी औय भुझे „माय जी‟ कश कय वॊफोचधत कयती थी, ज़जव को वुन कय वफ ज़स्िमाॊ शॊ वी वे अऩना भुॊश दफा रेती थीॊ। कबी कबी कुछ धालभगक कहस्भ की औयतें भुझे कृष्ट्ण औय उवे याधा फना कय अजीफ वा श्रॊग ृ ाय कयके औय भुकुट रगा कय एक भॊहदय तक रेजाती थीॊ। तफ भुझको रगता था काळ ळकॊु तरी वे भेयी ळादी शोगई शोती। बामा शभेळा अऩनी ककवी न ककवी फशन की गोद भें रदा यशता था। वफवे ज़्मादा प्माय ळामद उवको छोटजी शी कयते थे जो अक्वय उवे भॊगपरी छीर छीर कय खखराते शुए नज़य आते थे। एक फाय जफ छोटजी ने भॊगपरी दे ना फॊद कय हदमा औय दो तीन फाय कशने ऩय बी नशीॊ दी तो बामा फोरा - „अयै बॊगी का भत, भनैं एक भॊपरी तो दे दे।‟ भेयी ळब्दालरी भें तफ एक नमा ळब्द जुिा था। ऩय जफ भैंने अम्भा वे „बॊगी भौंयया मो
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का भत‟ का भतरफ ऩछा तो उन्शोंने अऩनी शॊ वी योकते शुए भुझे खझिका औय कपय दफ ु ाया मे ळब्द कबी नशीॊ फोरने की हशदामत दी। फशयशार उव वॊफोधन का, मा अगय लश गारी थी तो उवका, अथग वभझने भें कई लऴों तक भुझको हदक्कत आई। इव वफ के फालजद छोटजी शभेळा बामा को अत्मचधक स्नेश कयते थे औय गोदी भें उठामे यखते थे। जफ कबी वाईककर ऩय ले फाज़ाय जाते तो बामा के लरए वाईककर के डॊडे ऩय अऩना गभछा रऩेट कय गद्दीनुभा आयाभदामक जगश फनाते ज़जव ऩय बामा अऩनी दोनों टाॉगें शैंडर के नीिे छोटे डॊडे के इदग चगदग रऩेट कय फैठ जाता था। छोटजी ताउम्र अवललाहशत यशे , अऩने बाई औय उवके ऩरयलाय के प्रनत वभवऩगत यशे औय बामा वे उतना शी प्माय कयते यशे । फाद भें ले शभाये दवये भकान भें कई लऴों तक शभाये वाथ बी यशे थे औय कबी कबाय छोटा भोटा काभ कय दे ते थे। उव दौयान ले अऩना थोिा वा वाभान „भळीन के कभये ‟ भें यखते थे जो फभुज़श्कर ४ पुट गुणा ४ पुट था औय ज़जवभें ऩशरे वे शी एक ऩुयाना ऩम्ऩ औय बफजरी के ३ लवॊगर फेज़ भीटय ऩिे थे। उवके फाशय शी उनकी तथाकचथत वाईककर यखी यशती थी जो कई भामनों भें फिी प्रलवद्ध थी। लश इतनी धीभी गनत वे िरती थी मा छोटजी द्लाया िराई जाती थी कक उव ऩय कई िुटकुरे फन गए। एक फाय अम्भा ने छोटजी वे कुछ वाभान भॊगलाते लक़्त कशा था- „छोटजी, थोिो जल्दी को काभ छै , वाईककर तो ईंढै शी भेर द्मो औय पटापट ऩैदर जा‟य ळाकबाजी खयीद ल्माओ।‟ मे फात जफ बी छोटजी की माद शोती शै तो शभेळा दोशयाई जाती शै । फाद के हदनों भें छोटजी अक्वय गॊबीय औय अऩने आऩ भें शी भग्न यशते थे, फव अिानक कबी कबी शॉव दे ते थे। भौंयया मो
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छोटजी शभाये वफवे छोटे भाभाजी के वाथ गाॉल भें फिऩन वे यशे थे औय अॊत तक उनके वाथ वम्भानजनक लभिबाल यखते थे। मुलालस्था भें दोनों ने गाॉल भें ककवी अघोयी फाफा की वेला बी की थी। ले फतराते थे एक हदन ककवी अघोयी ने गाॉल भें कुछ हदन के लरए एक ऩेि के नीिे डेया डार लरमा। भाभाजी औय छोटजी उवकी वेला भें यशने रगे औय गाशे फगाशे उवके लरए घय वे खाना रे जाने रगे। ककवी वभायोश के हदन उन्शोंने अघोयी को खीय खाने के लरए ननभॊिण हदमा, ऩय अघोयी ने भना कय हदमा औय कशा लश खुद शी मशीॊ इवी लक़्त खीय फना रेगा। तफ उवने ऩाव शी ऩिी शुई ककवी कुत्ते की मा वअय की वलष्ट्ठा उठा कय एक लभट्टी की शाॊडी भें डारी औय आवऩाव वे वखी रकड़िमाॉ फटोय कय आग जराई। लश शाॊडी को आग ऩय यख कय एक डॊडी वे रगाताय हशराता यशा। कुछ शी दे य भें खीय तैमाय थी। उवने छोटजी औय भाभाजी वे खीय खाने का आग्रश ककमा। कुछ दे य की टारभटोर के फाद ले भना नशीॊ कय वके। फिी खझझक के वाथ छोटजी औय भाभाजी ने खीय खाई। ऩय ले दोनों वौगॊध के वाथ कशते शैं कक लश विभुि खीय शी थी औय स्लाहदष्ट्ट थी। कशते शैं अघोयी ऐवा कुछ बी कय वकते शैं। गाॉल भें छोटजी के हशस्वे का एक छोटा वा खेत बी था ज़जवभें तीन आभ के ऩेि रगे थे ज़जनभें उनके अनव ु ाय वाराना औवतन ३ भन कैरयमाॉ आती थीॊ। शाराॉकक गाॉल छोिते लक़्त उन्शोंने लश खेत तो फेि हदमा ऩय फाद भें बी ऩेिों ऩय लश अऩना अचधकाय वभझते यशे । गलभगमों भें अक्वय गाॉल जाकय आभ राने का प्रमाव कयते थे औय ज़भीन के भालरक के वाथ उनका शभेळा झगिा शोता था। इव भाभरे भें कई लऴों तक उन्शोंने भह ु दभा बी रिा जो फाद भें ले शाय गए औय उवके फाद वे शभेळा दख ु ी यशने रगे। उनका फोरिार बी वभाप्तप्राम शी शोगमा। फव फीि फीि भें भौंयया मो
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अिानक शॉव दे ते। काराॊतय भें उन्शोंने ककवी छाफिा जी के स्कर भें नौकयी कय री थी ज़जवके तशत ले शय आधे घॊटे के फाद घॊटी फजाते थे औय फीि के लक़्त भें फच्िों को याभझाये वे ऩानी वऩराते थे। छाफिा जी औय वबी फच्िे उनवे खुळ थे औय उनका आदय कयते थे। ******** उम्र औय लरॊग के अनुवाय गाॉल भें कई तयश की टोलरमाॉ फन जातीॊ थीॊ। छोटे फच्िों, छोटी रिककमों, ककळोयी रिककमों मा ककळोय रिकों की। मे वबी रगबग अरग अरग शी यशते थे। गभी की छुट्हटमाॉ शोने की लजश वे भशाऩुया वे फीकानेय जािक ु े कई ऩरयलाय बी इन हदनों फच्िों वहशत आजाते थे, इनभें कई ऐवे बी फच्िे थे जो हदखने भें थोिे छोटे रगते थे ऩय ज़जनका वाभान्म सान काफी वलकलवत था, खावतौय वे िुननन्दा ळायीरयक अॊगों औय उनके उऩमोग के फाये भें, ज़जवका प्रदळगन ले फेखझझक कयते यशते थे। ककवी वे झगिा शोने ऩय गुस्वे वे रच्छे दाय फीकानेयी बाऴा भें िॊद कशता था – „भस्वाण कॉ फेकि भें यभाम दऊॊगो‟ (स्वारे को लभट्टी भें लभरा दॊ गा ) औय कपय भायऩीट ऩय उतारू शोजाता था। जफ खुळ शोता था
तो कोई
एक गाना गाता था
-
' छोि फाफर ु का घय भोशे ऩी के नगय आज जाना ऩिा'। भतरफ जो कुछ बी शो। फशयशार ककळोयालस्था लारी टोरी भें रयश्ते के भेये कुछ बाई औय भाभा थे- वयोज, फीमा, फल्र, भोथा, चिड़िमा, भोती लगैयश जो आऩव भें दोस्त थे औय शभ फच्िों लारी टोरी वे अरग यशना ऩवॊद कयते थे। गप्ऩें भायने के अराला ले रोग ताळ खेरते थे, मा कबी कबी कफड्डी। कई फाय ले एक दवये की ननकयों मा ऩाजाभों भें शाथ डारते थे, झटके वे शाथ खीॊि रेते थे औय कपय शॉवते थे। उन रोगों की गऩ ु िऩ ु फातों वे भारभ शोता था कक इव भाभरे भें फीमा औय भोती फिे धाकि भाने जाते थे। अगय शभ भौंयया मो
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फच्िों भें वे लशाॉ कोई शोता था तो उवे डाॉट कय बगा हदमा जाता था। ऩय शभायी शभेळा इच्छा यशती थी कक कबी अिानक शभ बी ककवी की जेफ भें शाथ डारें औय जानें कक शॊ वी क्मों आती शै । ऩय ऐवी हशम्भत कबी नशीॊ शुई। रिककमों की अरग टोरी ऩैरदज मा िऩेटे खेरती थी, जफ कक शभायी टोरी उत्वुकतालळ ककळोयोंलारी टोरी की जाववी कयने वे फिे वभम भें ऩकिभ ऩकिाई मा लवतोलरमा खेरती थी मा कपय तेजाजी के िौंतये ऩय उछरकद कयती थी। शनुभान याणा ज़जवे वफ रोग शणभान ऩुकायते थे गाॉल का ढोरी था। लश कजोिी ढोरी का फेटा था जो अफ फशुत फढ़ा शोगमा था। इवलरए ळादीब्माशों, उत्वलों मा याभरीराओॊ भें शणभान शी मा उवके बाई नगािा मा ढोर फजाते थे। उवका छोटा बाई नायाण था जो गाॉल की छोरयमों को कनखखमों वे दे खा कयता था औय शणभान की गैय भौजदगी भें मा उवके थक जाने ऩय ढोर नगािा फजाता था। उववे छोटा बाई रूड्मा था जो इन्शीॊ काभों के अराला अच्छा नािता बी था। ऩशरे लश फकरयमाॊ ियाने बी जाता था ऩय एक फाय एक फकयी के वाथ यॊ गे शाथों ऩकिे जाने के फाद उववे मश काभ छीन लरमा गमा था। यॊ गे शाथ कैवे ऩकिे जाते शैं मे भुझे वभझ भें नशीॊ आमा था, औय ळामद ककळन को बी नशीॊ भारभ था इवलरए लश भुझे ऩयी तयश वभझा नशीॊ ऩामा। रूड्मा शभायी शी उम्र का था मा शभवे एक दो वार फिा, ऩय घुॊघरू ऩशन कय याभरीराओॊ मा उत्वलों-वभायोशों भें नगािों की तार ऩय ऺफ नािा कयता था। कबी कबी तो उवको वािी ऩशना कय बी निाते थे। याभरीराओॊ भें तो शय दवये दृश्म-प्रवॊग के फाद मा भध्माॊतय भें उवकी नत्ृ म वम्फन्धी बलभका काफी अशभ शोती थी। कई फाय तो याभरीरा के ककवी प्रवॊग वे ज़्मादा रोगों को रूड्मा का नगािे के वाथ प्रनतस्ऩधाग भें जोळीरा नाि ऩवॊद भौंयया मो
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आता था। कशते शैं एक फाय तो लश ऩये एक घॊटे तक नािता यशा, नगािे लारा थक गमा ऩय लश रगाताय नािे जायशा था। एक फाय अिानक शी वाये गाॉल भें बिार वा आगमा। नानी „शये याभ शये याभ‟ का जाऩ ज़ोय ज़ोय वे कयने रगी औय भॊझरे भाभा तेज़ी वे घय वे फाशय ननकर ऩिे। शभाये ऩछने ऩय ककवी ने कुछ नशीॊ फतामा औय शभाये फाशय ननकरने ऩय बी कुछ वभम के लरए योक रग गमी। शभ ळाभ के धुॊधरके भें खखिकी वे फाशय झाॊक कय भाजया जानने की नाकाभमाफ कोलळळ कय यशे थे। हयीफ एक घॊटे के फाद भाभा जफ लाऩव रौटे तो उन्शोंने फतामा कक नायाण को कुएॊ के फाशय ननकार लरमा गमा था। याभनायाण फाण्मा ने ज़जवकी दक ु ान खाये कुएॉ के ऩाव शी थी, कुएॊ भें ककवी फिी िीज़ मा आदभी के चगयने की आलाज़ वुनी थी। आननपानन भें वाया गाॉल कुएॉ के ऩाव इकट्ठा शोगमा था। शणभान को एक भोटे यस्वे की वशामता वे कुएॉ भें उताया गमा। ककवी तयश शणभान ने अऩने बाई को कॊधों ऩय उठामा औय रोगों ने उन्शें ऊऩय खीॊि लरमा। काफी दे य के फाद नायाण को शोळ आमा। मश वफ वुन कय फशुत दे य तक शभें कॉऩकॉऩी शोती यशी। अगरे हदन ककळन ने ऺुकफमा तौय वे ऩता ककमा (ळामद रूड्मा वे) कक शभेळा की तयश कर बी नायाण अऩनी बाबी मानी शणभान की फीली के वाथ वोने की कोलळळ कय यशा था ज़जवे बाबी ने नशीॊ भाना। इवी वे नायाज़ शो कय औय बाबी के वाथ भायऩीट कयके उवने कुएॉ भें छराॊग रगा दी थी। ऩय इव फात को दफा हदमा गमा। भझ ु े तफ नायाण ननशामत शी वनकी औय तुनकलभज़ाज रगा था। बरा वोने की फात ऩय कुएॉ भें कदने की क्मा ज़रूयत थी, लश कशीॊ बी वो वकता था – छत ऩय खर ॊ की िायऩाई ऩय जो उनके ु ी शला भें, मा दयी बफछा कय भज घय के िौक भें ऩिी यशती थी। भौंयया मो
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नगािे फजाने के अराला खारी वभम भें शणभान ककळोय टोरी को पुवपुवा कय कुछ वुनामा कयता था ज़जवे मश टोरी भुस्कयाशट के वाथ तन्भम शो कय वुनती थी। ककवी बी फच्िे के आजाने ऩय अिानक शणभान िुऩ शोजाता था औय फच्िे को बगा हदमा जाता था। शणभान के मशाॉ कुछ घोड़िमाॊ बी थीॊ ज़जन्शें लो अऩनी ये िी (छोटा खर ु ा ताॊगा) भें जोतता था। प्रजनन के लरशाज़ वे लश शभेळा घोड़िमाॊ शी यखता था ज़जनके नय फच्िों को फेि हदमा कयता था औय भादाओॊ को कपय फिा कयने औय प्रजनन के लरए ऩार रेता था। इववे उवको अच्छी आभदनी शो जाती थी। *** बौंमाग ऩुजायी एक ननशामत शी धालभगक प्रलवृ त्त के इॊवान थे जो ऩजा ऩाठ औय रोगों के कष्ट्ट ननलायण के लरए अनुष्ट्ठान कयते यशते थे। उनकी एक अत्मॊत वीधी वादी, वदा शॉवते यशने लारी फशन बी शुआ कयती थी ज़जवका नाभ बागलती था औय ज़जवे अम्भा फशुत ऩवॊद कयती थीॊ औय शभेळा कुछ न कुछ दे ती यशती थीॊ। ळामद उवको भुॊशफोरी फशन बी फना यखा था। बौंमाग ऩज ु ायी भशाऩुया वे जमऩुय औय जमऩुय वे भशाऩुया शभेळा ऩैदर शी िर कय आते जाते थे। उनके वाथ शभेळा भोटे कैनलाव की एक डोरिी औय एक यस्वी यशती थी जो आलश्मकतानुवाय यास्ते भें ककवी कुएॉ वे ऩानी खीॊिने के काभ आती थी। ले अक्वय जमऩुय आते जाते यशते थे औय अम्भा मा तो उन्शें शभेळा बोजन कयाती थीॊ मा वीधा (खाना फनाने के लरए कच्िा वाभान) दे ती थीॊ। बौंमाग ऩुजायी को ककवी बी व्मज़क्त की गॊबीय फीभायी भें अलश्म माद ककमा जाता था, फज़ल्क मों कशें गॊबीय फीभायी भें शी माद ककमा जाता था – भशाभत्ृ मज ॊु म भन्ि के जाऩ के लरए, जो ले फिी लळद्दत के वाथ कयते थे। जऩ की वभाज़प्त ऩय भौंयया मो
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फिे आत्भवलश्लाव के वाथ घोऴणा कयते थे कक अफ कोई ळज़क्त उव व्मज़क्त को नुकवान नशीॊ ऩशुॊिा वकती। लास्तल भें ऐवा शोता बी था। ज़जव दौयान मा ज़जतने हदनों उनका ऩाठ िरता था, हदए भें एक परफत्ती भद्धभ वी जरती यशती थी- इतनी भद्धभ कक फशुत ध्मान वे दे खने ऩय शी ऩता िरता था कक कोई हदमा बी जर यशा शै । बौंमाग ऩुजायी की मश बी एक वलळेऴता थी। रुई की ले ऐवी फत्ती फनाते थे जो कभ वे कभ घी की खऩत भें घॊटों जरी यश वके। ले कशते थे कक जफ अऩने शी घय भें ननत्म ऩाठ कयना शोता शै तो इतना घी कशाॉ वे आमे कक भोटी रौ लारी फत्ती जराई जावके। इवीलरए इव भशीन फत्ती का आवलष्ट्काय उन्शोंने ककमा था। ऩाठ के लरए उन्शें थोिी वी रुई औय थोिा वा ळद् ु ध घी हदमा जाता था। फव, कुर लभरा कय केलर इतना शी, ज़जवे बी ले फिी कृतसता औय वॊकोि के वाथ रेते थे। जशाॉ तक भुझे माद शै शय कोई गॊबीय रूऩ वे फीभाय व्मज़क्त ज़जवके लरए बौंमाग ऩज ु ायी ने भशाभत्ृ मॊज ु म का ऩायामण ककमा, शभेळा स्लस्थ शोकय शी उठा। कई लऴों फाद बौंमाग ऩुजायी के फीभाय शोने औय अॊत भें उनकी भत्ृ मु के वभािाय वे शभ वबी को फशुत द्ु ख शुआ था- ऺावकय अम्भा को। कई व्मज़क्तमों को भशाभत्ृ मॊज ु म भन्ि के जाऩ वे भत्ृ मु के िॊगुर वे छुिाने लारे एक वीधेवाधे, ननश्छर, ननस्ऩश ु द थी। भैं वोिता था ृ , ननश्कॊिन ब्राह्भण की भत्ृ मु लास्तल भें दख क्मा उनके लरए कोई भशाभत्ृ मॊज ु म भन्ि का जाऩ नशीॊ कय वकता था? बौंमाग ऩज ु ायी के िाय ऩि ु थे ज़जनभें वफवे फिे ऩि ु का नाभ वलद्माधय था। उवकी नाक िेशये का ज़्मादातय हशस्वा घेये यशती थी। लश अक्वय ऊॉट ऩय आता जाता हदखाई दे ता था। शाराॉकक शभायी बी ऊॉट की वलायी की इच्छा शोती थी ऩय वलद्माधय की ळक्र औय ऊॉट के डय के कायण मश
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इच्छा कबी व्मक्त नशीॊ शोवकी। कई फाय शभको रगता था ळामद ऊऩय फैठे शोने के कायण शी शभ वलद्माधय औय ऊॉट भें फकग कय ऩाते थे। खैय। ******** ककळन कई फाय बैंवों औय फकरयमों का दध खुद ननकारा कयता थाखावतौय वे उव लक़्त जफ इव कामग के लरए ननमुक्त घावी का फाऩ वभम ऩय नशीॊ ऩशुॉिता था औय बैंवे फेिैन शोजाती थीॊ। आते शी लश बैंव के ऩािे को खोर दे ता था जो झऩट कय बैंव का दध ऩीने रगता था। इववे बैंव के थनों भें दध उतय आता था, उवने फतामा। एकाध लभनट के फाद शी लश ऩािे को अरग कयके लाऩव खॊटे वे फाॊध दे ता औय उवके आगे घाव डार दे ता था। कपय लश बैंव की वऩछरी टाॊगों भें „न्माणा‟ फाॊधता था जो एक भॊज की यस्वी शोती थी। इववे बैंव के बफदकने ऩय मा हशरने ऩय रात वे दध की ियी के चगयने की वम्बालना कभ शोजाती थी। शाराॉकक भैं बी बैंव का दध ननकारना िाशता था ऩय ऩता नशीॊ क्मों, भेये ऩाव आते शी बैंव अऩने रॊफे भि ु े शुए वीॊगों वे भझ ु े भायने मा बगाने की कोलळळ कयती थी। भुझे रगता था अगय मे बैंव खॊटे वे फॊधी नशीॊ शोती तो ननज़श्ित शी भेये ऩीछे दौि कय भझ ु े यौंद दे ती। फशयशार ककळन ने भुझे फकरयमों का दध ननकारना ज़रूय लवखामा। लश उकिॉ फैठ कय फकयी के भोटे भोटे रम्फे थनों को फायीफायी वे एक रम के वाथ दफाता था ज़जववे तेज़ धाय ननकरती थी जो उवके घट ु नों के फीि दफी फाल्टी मा ियी भें चगयती थी। ऩशरी फाय भैंने जफ फकयी के थनों को छुआ तो एक अजीफ वी लवशयन भेये वाये ळयीय भें दौि गई थी। गभग-वे थनों का स्ऩळग अॊदय शी अॊदय भुझभें कुछ कुछ योभाॊि औय शरिर जगा यशा था औय मश वफ भझ ु े फेशद अच्छा रग यशा था। ळरू ु ळरू ु भें थन दफाने वे दध तो नशीॊ ननकरा, ऩय कुछ दे य फाद फकयी ज़रूय बफदकने रग गई थी। तफ ककळन भौंयया मो
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खुद आकय दध ननकारता था औय फताता था कक कैवे अॊगठे को भोि कय फाकी उॉ गलरमों औय अॊगठे के फीि थन को नीिे खीॊि कय दफाना िाहशए। जो बी शो, शय ळाभ भन शी भन ऐवी इच्छा शोती थी कक घावी का फाऩ न आमे औय ककळन औय भैं शी फकयी का दध ननकारें। कई फाय ककळन वे आॉख िुया कय भैं िुऩिाऩ फकयी के थनों को छता औय दफाता बी था। बैंव की ठाॊड भें िाया डारने औय फकरयमों को उनके वप्रम अल्ड के ऩत्ते यखने के फाद शी शभ रोग लाऩव घय आमा कयते थे। इव वफ के फाद भुझे ककळन औय बैंव की फ भें कोई फकग नशीॊ रगता था। ऩयी तयश अॉधेया शोने वे ऩशरे शी वफ फच्िे ब्मार कयके ननफट जाते थे औय अॉधेया शोने के फाद गद्दों औय लरशाफों मा यजाइमों भें घव ु जाते थे। इन गद्दों भें ऺाव तयश की फ आती थी ज़जवे भैं गाॉल वे जोि कय शी दे खता था। मे गद्दे कई फाय धऩ भें वखते बी नज़य आते थे, ककळन की छोटी फशनों के कायण। ऩय ज़जव तयश चिभननमों वे ननकरे धए ु ॊ की फ औय शरय फाण्मा की दक ु ान की वीरन भेये लरए अऩनी ऺाव जगश औय प्रबाल यखती थी इवी तयश इन गद्दों की फ बी गाॉल वे शभेळा जुिी शुई यशती थी। ******** नानी अक्वय शभें प्माय वे एक-दो भट् ु ठी जौ मा गें श दे दे ती थीॊ। ऩशरी फाय तो वभझ भें नशीॊ आमा क्मा कयें इवका, ऩय भेये भाभा के फच्िों के लरए मश इनाभ था औय इवका क्मा कयना शै ले अच्छी तयश जानते थे। उन वफके वाथ शी भैं बी याभनायाण फाण्मा की दक ु ान तक दौि गमा था। याभनायाण फाण्मा का शी फेटा था शरय फाण्मा जो ज़्मादातय दक ु ान भें वाभान फेिता था। मश तथाकचथत दक ु ान याभनायाण के कच्िे भकान के फाशय लारे एक कभये भें िरती थी ज़जवभें घव ु ते शी लभट्टी, वीरन औय लशाॉ यखे वाभान की लभरीजुरी गॊध आमा कयती थी। कुछ फोरयमों भौंयया मो
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भें गुि, फाजया, ग्लाय, जौ लगैयश बया यशता था, आवऩाव काॊि के भतगफानों भें छोटी नायॊ गी की कलरमों की ळक्र भें „रेभनिव‟ की खर ु ी गोलरमाॉ, िना, धानी, भॊगपरी आहद यशती थीॊ। उन वफके फीि खुद याभनायाण फाण्मा, मा उवका फेटा शरय फाण्मा जो शभायी शी उम्र का था, फैठा कयता था। फाशय की यौळनी वे दक ु ान के अॊदय आने ऩय ऩशरे तो कुछ बी नज़य नशीॊ आता था, ऩय थोिी दे य के फाद कुछ कुछ हदखाई दे ने रगता था। जौ मा गेशॊ जो नानी शभें दे ती थीॊ शभ फाण्मा के शलारे कय दे ते थे। उवके फदरे भें लश अऩनी वभझ वे शभें जो िाहशए शोता था„रेभनिव‟, मा आभ मा गुि-िना दे दे ता था। शरय फाण्मा ध्मान वे जौ मा गेशॊ की भािा दे खता था औय फशुत दे य वोि कय जो कुछ दे ता था लो शभेळा शभें कभ रगता था। भोटे ळीळे का िश्भा ऩशनने लारा शरय फाण्मा इवीलरए शभें उवके फाऩ वे बी ज़्मादा ळानतय औय कॊजव रगता था औय शभ उवको नाऩवॊद कयते थे। दे य तक खझकखझक कयने के फाद बी लो टव वे भव नशीॊ शोता था। जफ दक ु ान ऩय नशीॊ फैठा शोता था तो लश शभाये वाथ खेरने के लरए रारानमत यशता था। ऩय ककळन औय भेये अन्म बाई ळामद उवकी इवी कॊजवी की लजश वे उव ऩय ध्मान नशीॊ दे ते थे औय ज़्मादातय लश फाशय शी खिा खिा शभको दे खता यशता था। नानी इवी तयश शभवे कबी कबी कुम्शाय वे घिा मा वुयाशी बी भॊगलाती थीॊ, जौ मा गें श के फदरे। िॉकक भाभा के मशाॉ एक कभया जौ गेशॊ वे बया यशता था, कबी कबी शभरोग िुऩिाऩ बी अऩने आऩ कुछ भुट्हठमाॉ िुया कय भौका रगते शी फाण्मा की दक ु ान ऩय वौदा कय रेते थे। स्लतन्ि रूऩ वे बफना ककवी फिे की वशामता मा भागगदळगन वे ऺयीद फयोख्त का मश अच्छा अलवय शोता था िाशे शभें ककतने शी कभ िने लभरें मा ककतना बी छोटा आभ लभरे।
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„घुण घुणन्तय घुन्तय घ,ॊ घुण घुणन्तय घुन्तय घॊ।‟ बफयध्मा जाट का एक रिका कबी कबी दौिता शुआ आकय शभाये खेर भें रुकालट डारता था। ककळन ने उवे उवी की बाऴा भें डाॊटा था – „ओ घुणन्तय! िार पट। द्मॊ काॊईं एक?‟ लश दौिता शुआ शी रौट गमा। लश शभेळा „घुण घुणन्तय घुन्तय घॊ, घुण घुणन्तय घुन्तय घॊ‟ फिफिाता यशता था। भैं वोिता था लश कोई ऩशािा माद कय यशा शै, वुद्धा कशता था लश ढोर की ककवी तार की नकर कयता यशता शै , ऩय ककळन ने फतामा एक फाय लश „गुराभ रकिी‟ खेरता शुआ एक ऊॊिे ऩेि वे चगय गमा था औय तबी वे मशी फोरता यशता शै शभेळा। ******** फीयभा फऱाई एक फशुत अच्छा शड्डी वलळेऴस बी था। नानी फतराती थीॊ कक दय दय के गाॉलों के रोग बी मशाॉ आकय फीयभा वे शड्ड़डमाॊ जुिलाते थे। छोटे भाभा के टीरे ऩय फने एक दवये घय वे आते शुए एक फाय भैं टीरे वे कपवर गमा था औय नीिे एक फिे ऩत्थय वे ज़ोय वे जा टकयामा था। शाथ भें खयोंिें तो रगी थीॊ ऩय उवके फाद िरना भुज़श्कर शो गमा था। भेये बाई रोग जैवे तैवे भुझको वशाया दे कय घय तक राए थे। अम्भा औय नानी को डय था कक भेये कल्शे की शड्डी भें िोट आई शै । लरशाज़ा इवकी ऩुज़ष्ट्ट के लरए भॊझरे भाभा भुझे गोद भें उठा कय फीयभा के घय तक रे गए। वाथ भें अम्भा बी थीॊ। फढ़े फीयभा ने ज़ोय ज़ोय वे भेये कल्शे की शड्ड़डमाॊ दफाईं औय ऐरान ककमा कक शड्डी खखवक गई शै । फोरा इवे जल्दी शी फैठानी ऩिेगी लनाग फाद भें ज़्मादा ऩये ळानी आ वकती शै । थोिी शी दे य भें नानी औय वफ फच्िे बी लशाॉ ऩशुॉि गए। फीयभा ने „इराज‟ के लरए एक जरता शुआ „छाणा‟ (उऩरा), भज ॊ की यज़स्वमाॉ औय दो लभट्टी के कुल्शि भॉगाए। उवकी फश ने वायी िीज़ें राकय यख दीॊ। भुझे ऩजाभा भौंयया मो
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नीिे कयके एक दयी ऩय ऩेट के फर लरटा हदमा गमा। कुछ ददग के कायण औय कुछ „ऑऩये ळन‟ का मश वाभान दे ख कय भैं रुआॊवा शो यशा था। फीयभा ने जरते शुए उऩरे ऩय भज ॊ यख दी औय उवके जरने वे धुॊआ ननकारने रगा। ज़जव तयश इॊजेक्ळन रगाने वे ऩशरे डाक्टय वुई को लवरयॊज भें कपट कयता शै , कपय वुई को दला की ळीळी भें घुवा कय दला अॊदय खीॊिता शै , लवरयॊज को शला भें ऊॊिा रशयाके उवभें वे शला ननकरता शै औय ज़जव तयश इव वफ के फीि ककवी नन्शें भयीज़ की रूश काॊऩती यशती शै लैवी शी ज़स्थनत भेयी शो यशी थी। फीयभा ने भेये कल्शे की शड्डी को टटोरा, जरती शुई औय धआ ु ॊ दे ती भॊज को अिानक भेये कल्शे ऩय उव जगश यखा औय तयु ॊ त शी उवके ऊऩय कुल्शि ढक हदमा। शाराॉकक भैं दे ख नशीॊ वकता था ऩय जरती भॊज की जरन भशवव कय यशा था औय यो यशा था। भाभा ने भुझे ऩकि यखा था। भुझे रगा था भैं जर जाऊॉगा ऩय कुछ षणों भें शी भॊज के फझ ु जाने ऩय जरन कभ शोगई औय उव जगश बायी खखॊिाल वा शोने रगा। अिानक फीयभा ने एक झटके के वाथ कुल्शि ऊऩय खीॊिा। एक आलाज़ के वाथ कुल्शि भेये कल्शे वे अरग शुआ औय ळामद अॊदय की शड्डी को बी थोिा ऊऩय उठा कय रे आमा। भैं ज़ोय वे चिल्रामा, ऩय वफ भुझे वाॊत्लना दे ते शुए कशने रगे „शोगो शोगो।‟ फीयभा ने कपय भेये कल्शे की शड्डी को टटोरा औय कशा „ठीक छै , फैठ गई।‟ उवने अयॊ ड के फिे ऩत्ते ऩय खोऩये का तेर औय कोई औय रल रगामा औय उवे कल्शे की शड्डी ऩय यख कय एक ऩट्टी वे फाॊध हदमा। दो हदन आयाभ कयने का ननदे ळ दे कय उवने भुझे रे जाने को कशा। विभि ु ३-४ हदन फाद भैं कपय वे दौिने कदने रग गमा था। जमऩयु भें बी इवी तयश शभायी एक अधेि उम्र की „खातण भाई‟ शुआ कयती थी जो अम्भा मा भेयी फशनों के ऩैयों को इधय उधय भोि कय „धयण‟ फैठा दे ती थी। घय
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भें ककवी बी औयत के ऩेट भें ददग शोने ऩय डॉक्टय की फजाम वफवे ऩशरे खातण भाई को शी माद ककमा जाता था। ******** लश प्रतीक्षषत हदन आखखय आ शी गमा जो वाये गाॉल का, फज़ल्क आवऩाव के दवये गाॉलों का बी त्मौशाय का वा हदन शुआ कयता था। तेजाजी का भेरा। दोऩशय ढरने तक आवऩाव वे मा जमऩुय वे कई „दक ु ानदाय‟ आगमे थे - कुछ खखरौने लारे ज़जनके ऩाव लभट्टी की „गिगि गािी‟, वयकॊडे भें रगी शुई कागज़ की कपयकनी, „ऩीऩािी‟ लगैयश शुआ कयती थी; गुब्फाये लारे; आइवक्रीभ लारे जो यॊ गीन भीठे ळफगत के वाथ फफग के गोरे फनाते थे, रॊफी डॊडी लारी कुज़ल्फमाॉ फेिते थे औय ऐवी डॊडी लारी आइवक्रीभें बी यखते थे ज़जनके ऊऩय के हशस्वे भें यफिी की तयश की कोई आधे इॊि की ऩयत जभी शोती थी। ऩय ले केलर फफग लारी वादा आइवक्रीभों वे अधन्ना भॊशगी शोती थीॊ। शभ जफ कबी इव तयश की „भॊशगी‟ आइवक्रीभ ऺयीदते तो आवऩाव के रोगों ऩय इवका अवय तौरने के लरए कनखखमों वे इधय उधय दे खते। इनके अराला लभठाई लारे बी शोते थे ज़जनके ऩाव अन्म िीज़ों के अराला „रेभनिव‟ की तयश शी रगने लारी यॊ गबफयॊ गी गोलरमाॉ बी शोती थीॊ। शभ रोगों को ऺिग कयने के लरए दअ ु न्नी लभरी थी, शये क को। गाॉल की वायी औयतें अऩने वफवे अच्छे कऩिे – गोटा रगी यॊ गबफयॊ गी काॊिरी, घाघया रगिी भें थीॊ। उन वफ के भाथे ऩय िाॊदी का भोटा वा फोयरा, गरे भें बायी िाॊदी की शॊ वरी, शाथों भें काफी ऊऩय तक ऩौंिी मा फॊगिी औय किों के वाथ काॊि, राख औय शाथी दाॊत की रार शयी िड़िमाॉ, कभय भें रटकती िाॊदी की भोटी कौंधनी (कयधनी) औय ऩैयों भें िाॊदी के बायी भोटे किे मा छागर आहद थे। छोटी रिककमाॊ नमा ऩोरका भौंयया मो
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घाघया ऩशने थीॊ, औय छोटे फच्िों ने कभीज़ औय िड्ड़डमाॉ ऩशन यखी थीॊ। आवऩाव की औयतें इवी तयश अच्छे अच्छे औय नए लवरे फगरू छाऩ मा वाॊगानेयी रारकारी गोरगोर छाऩ लारे घाघये औय रगिी औय उवी तयश के श्रॊग ॊ ट ननकारे ृ ाय का वाया वाज़ो-वाभान ऩशने औय रॊफा घघ गाती शुई आती जायशी थीॊ। कुछ भनिरे मुलक बी भोटा वा काजर रगा कय कानों भें फालरमाॉ रटकाए, नई धोती, वदयी, भोजिी औय कारे धागों भें रटके जॊतय ऩशने स्लमॊलय का वा भाशौर फना यशे थे। कुछ ने अरग अरग यॊ गों की गुॊथी शुई वत की भाराएॊ बी गरे भें रटका
यखी थीॊ।
फच्िों की िीऺ चिल्राशट, औयतों की ज़ोय ज़ोय वे गऩळऩ मा उनके याजस्थानी गीत, मल ु कों के जमऩयु ी बाऴा भें द्वलअथी गाने, कुछ फच्िों के खयीदे „ऩीऩािी‟ जैवे लाद्म आहद इतना ळोय ऩैदा कय यशे थे कक शये क को चिल्रा कय शी फोरना ऩि यशा था। „धभ धिक धि, तिक तिक ति, धभ धिक धि, तिक तिक ति.....‟ तेजाजी के िफतये के ऩाव शी शणभान याणा का ढोर फजना ळुरू शोगमा था जो इव फात का वॊकेत था कक भेरा अऩने ऩये ळफाफ ऩय आगमा था। ककळन ने फतामा अफ थोिी दे य भें शी तेजाजी आमेंगे। शभ रोगों ने दोऩशय की धऩ ढरने वे ऩशरे शी िफतये ऩय अऩना कब्ज़ा जभा लरमा था। शणभान का ढोर उवी ननधागरयत गनत औय तार के वाथ रगाताय फज यशा था औय कुछ रोग उवके अच्छा ढोर फजाने के लरए लवय हशरा कय अऩनी वम्भनत व्मक्त कय यशे थे ज़जवे शणभान दाॊत ननकार कय स्लीकाय कय यशा था। उवका आगे का एक दाॊत वोने का था। मश लवरलवरा कयीफन आधे घॊटे िरा शोगा कक दय वे एक आदभी झभता शुआ, ज़ोय ज़ोय वे काॊऩता शुआ, आलेळ भें अऩनी गदग न इधय उधय हशराता शुआ आता हदखाई हदमा। उवके वाथ कुछ औय रोग बी भौंयया मो
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थे। ककळन ने फतामा इवी आदभी भें दो वार वे तेजाजी आते शैं। इववे ऩशरे नाथ्मा कुम्शाय भें आते थे ऩय उववे एक फाय फीभायी की शारत भें तेजाजी के िौंतये के ऩाव भतने का अऩयाध शो गमा। वुद्धा ने कशा जफ बी रगाताय ढोर इव तयश फजता शै तो तेजाजी उव आदभी भें प्रलेळ कय जाते शैं औय लो आदभी अजीफ वी शयकतें कयता शुआ, झभता झाभता उव स्थान तक खखॊिा आता शै जशाॉ ढोर फज यशा शोता शै । उवके आते शी अिानक थोिी ळाॊनत वी शोगई औय रोग „तेजाजी की जै, तेजाजी की जै‟ के नाये रगाने रगे। उव व्मज़क्त के काॊऩने औय वलचिि तयीके वे झभने वे बम लभचश्रत कौतशर शो यशा था - बम ज़्मादा औय कौतशर थोिा कभ। „तेजाजी‟ के इदग चगदग बीि जभनी ळरू ु शोगमी। ककळन ने वभझामा अफ रोगफाग अऩनी अऩनी ऩये ळाननमाॊ तेजाजी को फताएॉगे। ककवी की रुगाई ने बाग कय दवया नाता कय लरमा, ककवी का ऊॉट िोयी शोगमा, ककवी का फैर थोिे वे ऩैवों के फदरे शी वाशकाय ने यख लरमा, ककवी का जॊलाई शी घय भें िोयी कयके बाग गमा औय अऩनी रुगाई को लशीॊ छोि गमा, ककवी की फीभायी कई वारों वे ठीक नशीॊ शो यशी ...., इवी तयश की वायी वभस्माओॊ का वभाधान तेजाजी फता दे ते शैं। ऩिौव के गाॉल का नछन्तय बी लशाॉ आमा था, जो अऩने वावये भें शी घय जॊलाई यश यशा था। उवका ववुय भय गमा था, उनके तीन फेटे बी औय अफ उनके एक शी फेटी फिी थी। ऩय अफ लो वाव जो शै तीन वार वे फीभाय शै , रेककन भय शी नशीॊ यशी। नछन्तय वे शी छ् भशीने ऩशरे ठीक-ठाक ऩैवों भें भाभा ने एक फकयी खयीदी थी दो भेभनों के वाथ। अच्छा दध दे ती शै । ककळन को भानो उववे फिी वशानब ु नत थी। तेजाजी फता दें गे कफ उवकी वाव भये गी, कपय वफ कुछ उवका शी शोगा। झभते शुए „तेजाजी‟ रोगों के प्रश्नों का उत्तय दे यशे थे।
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तबी „ऩयै शटो ऩयै शटो‟ चिल्राते कुछ रोग एक अधगभनछग त व्मज़क्त को कॊधे भें उठामे िरे आयशे थे। रोगों ने उवके लरए जगश फनाई औय उवे तेजाजी के ऩाव शी लरटा हदमा गमा। मे रोग ककवी दवये ऩिौवी गाॉल के थे। उव व्मज़क्त को एक वाॊऩ ने काट लरमा था। ककळन ने फतामा जफ भेरा शोता शै तो कोई वाॊऩ मशाॉ ककवी को कबी न काटता शै न ऩये ळान कयता शै , फज़ल्क फाॊबफमों वे शी नशीॊ ननकरता शै । ऩय मश आदभी दवये गाॉल का था। खैय। „तेजाजी‟ भनछग त आदभी के औय नज़दीक खखवक आमे औय ळयीय के उव स्थान का ननयीषण कयने रगे जशाॉ वाॊऩ ने काटा था। अिानक ले झक ु े औय लशाॉ भुॊश वे ज़शय िव कय थकने रगे। दो तीन लभनट के फाद ले रुक गए औय भोयऩॊखों वे फनी एक झाि वे झािा दे ने रगे। कोई ५ लभनट के अॊदय शी लश व्मज़क्त हशरा औय उठ कय फैठ गमा। एक फाय कपय „तेजाजी की जै, तेजाजी की जै‟ का उद्घोऴ शुआ। थोिी दे य फाद लश व्मज़क्त रोगों के कन्धों ऩय झरता शुआ लशाॉ वे िरा गमा। इव फीि „धभ धिक धि, तिक तिक ति, धभ धिक धि, तिक तिक ति....‟ शणभान याणा का ढोर रगाताय उवी तयश रम भें फज यशा था। तेजाजी अफ बी रोगों की वभस्माओॊ का शार फताने भें रगे थे, लवफग दो रोग फाही थे। जैवे शी इन दो के प्रश्नों का उत्तय बी तेजाजी ने हदमा, ककवी ने शणभान को इळाया ककमा औय उवने ढोर की आलाज़ थोिी धीभे की औय कपय फजाना फॊद कय हदमा। इवके तयु ॊ त फाद शी तेजाजी का हशरना कभ शोते शुए फॊद शो गमा। „तेजाजी‟ िरे गए। एक फाय कपय „तेजाजी की जै, तेजाजी की जै‟ के नाये रगे औय रोग उव ऩयी तयश थके शुए व्मज़क्त को कोई ळफगत वऩराने रगे। कपय उन वबी ने लभर कय एक चिरभ वुरगाई औय उकिॉ फैठ कय वुट्टे रगाने रगे। तभाळा ऺत्भ। ककळन फिे गलग वे भेयी ओय दे ख यशा था औय भैं योभाॊि के कायण थोिा वा काॊऩते शुए लवफग भुस्कया बय यशा था। भौंयया मो
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******** जफ बी शभ फि के ऩेि के नीिे वे ननकरते थे ककळन ऩेि भें गदग न ऊॊिी कयके कुछ दे खता था। वभझ भें नशीॊ आता था लो क्मा दे खता था। एक हदन उवने फतामा लश बौंमाग भो को दे खता शै कक लो अऩनी जगश शैं कक नशीॊ। ऩेि के नीिे वे गुज़यते लक़्त भेये ऊऩय बौंमाग भो का आतॊक इतना छामा यशता था कक लशाॉ वे ककवी तयश जल्दी वे जल्दी ननकर बागने का शी भन कयता था। अगय बौंमाग भो कोई भोटा फन्दय शै तो शो वकता शै ठीक शभाये ऊऩय कद जाम, मा कोई याषव शै तो क्मा ऩता अऩना शाथ रॊफा कयके शभें ऊऩय शी खीॊि रे मा खुद शी नीिे उतय कय शभें ऩकि रे मा अगय कोई फाज़, चगद्ध मा कोई ऺतयनाक ऩषी शै तो शोवकता शै नीिे वे गुज़यते लक़्त एक झऩट्टा भाय कय ऩॊजों वे रे उिे। शय ज़स्थनत भें अच्छा मशी था कक लशाॉ वे फौयन शी खखवक लरमा जामे। दे य ळाभ को ककवी के वाथ बी, ककतनी बी रारटे नों के वाथ लशाॉ वे ननकरने की कल्ऩना वे बी लवशयन वी शोने रगती थी। वऩछरे वार भैं जफ मशाॉ आमा था तफ ऐवी कोई वभस्मा नशीॊ थी, न ककवी तयश का खौफ था। कई फाय तो शभ िाॊदनी यात भें बिे-लभट्टी भें फि के ऩेि के इदग चगदग ऺफ ऩकिभ-ऩकिाई औय रक ु ानछऩी खेरते थे। ठॊ डी, वाफ ये ळभी फार भें रोटने भें फिा भज़ा आता था। ककळन ने फतामा दो-तीन भशीनों वे शी बौंमाग भो का प्रकोऩ शो गमा शै । नछगन्मा अऩने दोस्तों के वाभने अऩनी ळान हदखाने के लरए फि के ऩेि के ऊऩय तक िढ़ गमा था औय तबी बौंमाग भो ने शभरा कय हदमा था। ककवी तयश लो नीिे तो उतय आमा ऩय उतयते शी फेशोळ शोकय चगय ऩिा। उवका वाया ळयीय फुयी तयश पर गमा था। काफी दे य फाद रोगों को इव शादवे का ऩता िरा। ऩय तफ बी बौंमाग भो ळाॊत नशीॊ थे। कयीफ एक घॊटे के फाद हशम्भत कयके औय अऩने ऊऩय
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कऩिा रऩेट कय शी उवका फाऩ उवे उठा कय रा ऩामा। काफी झािपॉ क कयलाई ऩय नछगन्मा को फिामा नशीॊ जा वका। फिी हशम्भत जट ु ा कय भैंने ककळन वे ऩछा – „अगय भैं िऩ ु िाऩ ऊऩय बौंमाग भो को दे खॊ तो लो भुझे भाय तो नशीॊ दे गा?‟ ककळन ने कशा - „नशीॊ।‟ ककळन का शाथ थाभे फिी हशम्भत के वाथ भैंने ऊऩय दे खा, ऩय लशाॉ जो कुछ भैं दे खने की कल्ऩना कय यशा था लश नशीॊ हदखा। भैंने कशा- „लशाॉ तो लवफग एक फिा वा भधुभज़क्खमों का छत्ता शै ।‟ ककळन ने कशा- „भधभ ु क्खी नशीॊ, बौंमाग भो। मे भधभ ु ज़क्खमों वे फशुत भोटी शोती शैं, बौंयों ज़जतनी। औय ज़्मादा ऺतयनाक बी।‟ 'बौंमाग'
मानी
बौंया
औय
'भो'
मानी
ळशद
की
भक्खी। बौंयों ज़जतनी भोटी भधुभज़क्खमाॉ। बौंमाग भो अफ बी लशीीँ थे औय भुझे ऺुळी थी कक भैं अफ ऩेि के ऊऩय फेखझझक दे ख वकॉ गा। ऩय न जाने क्मों इव नतलरस्भ के टटने ऩय एक अजीफ वी ननयाळा औय उदावी भेये भन ऩय छाई यशी, कई हदनों तक। ********
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