नभस्ते! आऩ सफके साभने अऩना ऩहरा रघु कथा सॊग्रह "Bonsai कथाएॉ" रेकय उऩस्स्थत हॉ। कुछ स्जॊदगगमों के योचक ऩन्ने है जो फाहयी दनु नमा को नीयस रगतेहै ऩय मकीन भाननमे ऩास से दे खने ऩय उनकी खफसयती ददखती है, उनको महाॉ कैद कयने की कोशिि की है। इॊसान का अऩने औय अऩनों के शरए सॊघर्ष हय जगह ददखता है, सफकी रडाई जन्भ रेने से िुरू होकय भौत तक चरती यहती है। फस्कक भेया तो मे भानना है की हय स्िन्दगी ऩय योचक भहागाथा शरखी जा सकती है फस उसको औय कयीफ से दे खने की िरुयत है। 2007 भे काव्म-कहानी अॊदाि भे कुछ कवितामेँशरखी थी िो बी इन 17 यचनाओॊ भे िाशभर है। कुछ ऩयु ानी यचनाएॉ ऐसी है जो ऩहरे अनछुई सी थी औय एकदभ ककसी फड़े फैनय की कपकभ फनने के फाद, मा ककसी याष्ट्रीम सुर्ऽषमों िारी घटना के फाद उनऩय आभ जनता काध्मान गमा ....जफ ऩढने के फाद कोई मह कहता है की क्मा आऩने मे रेख, कहानी, कविता उस कपकभ की थीभ ऩय फनामीॊ है ....तो भेया जिाफ मह है की भैने मे यचनाएॉ उन कपकभो, घटनाओ से 3-4 िर्ष ऩहरे शरखी थी औय भै हभेिा कोशिि कयता हॉ कक अऩनी रेखनी भे अनछुए ऩहर जोडॉ ....फात फस इतनी सी है कक
भेये
ऩास उस िक़्त इन यचनाओॊ को प्रचारयत कयने के शरए फड़ा फैनय नहीॊ था। रघु कथाओॊके फाये भे नए रेखक औय फहुत से ऩाठक सोचते है की मे एक-दो ऩैयाग्राफ्स के अधये सीन्स होतें है, इसऩय बी मही कहॉगा कक हय यचना की एक आत्भा होती है औय अगय ऩाठक को िो आत्भा न भहसस हो तो चाहे आऩ हजायो ऩन्ने शरखो मा 4 राइन्स ...दोनों फयाफय है। आिा है आऩको महाॉ यचनाओॊ की आत्भा ददखे। कहाननमों के साथ भे भेये द्िाया खीॊची पोटोज रगामीॊ है, स्जनका यचना के साथ एक छद्म सन्दे ि है। आऩ भुझे अऩनी याम औय सुझािों से िरूय अिगत कयामें। - भोदहत िभाष ई भेर - letsmohit@gmail.com पेसफक ु ऩेज - http://www.facebook.com/Mohitness ऑनराइन डेटाफेस - http://about.me/trendster औय http://person.yasni.com/mohit+sharma+1193615
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1. भासभ भभता "हद है माय ... कुनतमा ने ऩये िान कयके यखा है । अबी शसॊधी साहफ ने अऩने फागीचे से इसको बगामा, िया सी दे य को भैंने फ्मि फदरने के शरए गेट खोरा होगा औय मे भेये आॉगन भे घुस आई।" "हाॉ! गगष बाई साहफ! आदत जो बफगड़ गमी है इसकी, योटी-बफस्कुट खा-खा कय बफरकुर सय ऩय ही चढ़े जा यही है । कर से नोट कय रो आऩ औय जफ बाबी जी रौटकय आएॉगी भै उन्हें बी फता दॉ गी इसको अफ से कुछ नहीॊ दे ना है ।" कुनतमा अफ बी भासभ नियों से ऩॉछ दहराती हुई औय रगाताय कॊ -कॊ कयती शभस्टय गगष को दे ख यही थी। एक ऩर को तो गगष जी उसकी भासशभमत से दहप्नोटाइज से हुए ऩय कपय कुनतमा को योर् से घयती हुई शसॊधी बाबी की बाि-बॊगगभाओॊ से सहभनत जताते हुए गगष जी ने कुनतमा के भॉह ु ऩय एक रात यसीद की। "सही ककमा बाई साहफ! अफ से दयिािे ऩय डॊडा यखग ॊ ी।" शसॊधी भेभसाफ तो जैसे ददष से शससकायी भायती कुनतमा को डऩटते हुए फोरीॊ। यात भे गरी भे कुत्तो के बोकने-गुयाषने औय रड़ने की तेि आिाजों ने ऩये भोहकरे को जगा ददमा। ऩय इस फाय अऩने घयो से ऩहरे फाहय ननकरने िारे थे श्रीभती गगष औय श्रीभान शसॊधी. "क्मा हुआ गगष बाबी?"
"गरी की कुनतमा ने साभने नारे ककनाये फच्चे दे ददए औय साथ की गरी िारे कुत्ते , फच्चो को भाय कय उठा रे गए। थोड़ी दे य कुनतमा सफसे रडती यही जफ तक उन्हें कॉरोनी िारो ने बगामा तफ तक तो उन्होंने इसका बी आधा सय खा ही शरमा .....रगता है मे बी नहीॊ फचेगी। अफ तक आॉखें भर यहे श्रीभान गगष औय श्रीभती शसॊधी की भाभरा सभझ आने ऩय नियें शभरी औय दोनों ने ही तड़ऩती कुनतमा को दे ख कय अऩनी गरती की भोन स्िीकृनत दी।
सभाप्त !!
2. Bhojpuri Entertainment Syndrome
"मे रोग घय से इतनी दय काभ की तराि भे आते है कपय इन्हें बोजऩयु ी किकभें बफगाड़ दे ती है । िभीन चभ यहे है , शभट्टी सय ऩय रगा यहे है , फात-फात ऩय कसभ खा यहे है -ईभान की फात कय यहे है । भहीने की फचत से भहॊ गी जीॊस खयीद री िो बी बफना कपदटॊग कक, अफ टाइट जीॊस ऩहन कय रयक्िा चरा यहे है । बईमा! ककस दनु नमा भे हो? िहाॉ कपकभ भे हीयो भिदयी कयके मा रयक्िा चरा कय करयश्भे कयता है महाॉ इन्हें रगता है कक मह बी रयक्िा चरा कय दनु नमा फदर दें गे। रयक्िा चरा कय एक ददन नघसे हुए शसपष टामय ट्मफ फदरते ककस्भत नहीॊ। चेहये ऩय ऩता नहीॊ ककस फात का घभॊड यहता है । ककसी को सराह दो की बोजऩयु ी के अरािा कुछ औय दे ख शरमा कयो तो कपय मे िैसा ही इिेक्ट डारने िारी शभथन ु की एक्िन रो फजट टाइऩ कपकभे ऩसॊद कयते है । कर एक आदभी ने रयक्िे से उतयने के फाद दाभ भे भोरबाि ककमा तो उस से एक रयक्िेिारा हक-ईभान की फात कयने रगा उस आदभी ने िहीीँ सत कय इसके अॊदय का साया भनोज िाजऩाई फाहय ननकर ददमा। जोि भे आकय मे रोग रड़ फैठते है औय अऩना
ही नक् ु सान कयिाते है । दसयी ऩाटी चाहे गरत बी हो िो इन रोगो के अनऩढ़, नासभझ होने की दहु ाई सी दे कय हभेिा गरती इन रोगो की फताकय इनको नऩिा दे ते है । िैसे तो इनकी िया फहस ही कापी है , फहस के आगे फात इन फेचायो कक तयप से कभ ही जाती है । एक भिदय को ददहाड़ी कभ शभरी िो फहस कयने को हुआ उस से ऩहरे ही जैसे ऩयी कॉरोनी ने उसको हऩक के ऩेर ददमा। दख ु की फात मह है कक मे किकभी फीभायी अऩने आऩ ठीक हो जाती है .....कठोय दनु नमा के धयातर से टकयाकय कईमों के भ्रभ टट जाते है । कोई कुछ भहीनो की जेर के फाद सॊबरता है , कोई ददनों कक बख से, कोई योते फच्चो को दे ख कय औय कोई फयु ी तयह वऩटने के फाद। ऩय अफ भै इन्हें भना क्मा करूॉ? कुछ रम्हों के शरए ही सही कपकभो से मह अऩने सऩनो की दनु नमा जीते है , अऩने शरए नहीॊ ऩयदे ऩय ककसी औय के शरए खि ु होते है .....अधयी सी स्िन्दगी की कसय अऩनी ऩसॊदीदा बोजऩयु ी कपकभो से ननकारते है ।"
सभाप्त!!
3. अहशभमत
नन्हे िौकत ने अऩने ऩहरे यभजान को भाना, कुयान ियीप की अहशभमत को जाना, था िो नन्ही सी जान, ऩय उसके योजो भे साि झरकता था उसका ईभान. अब्फ-अम्भी की था िो जान, अप्ऩी औय बाई को कयता था हयदभ ऩये िान. िौकत की किक्र भे ककसी को नीॊद ना आती, सफका चाहे जो हो ऩय नन्हे की सहयी कबी ना छट ऩाती. औय तफ तो शभरता सफको इफ्ताय का अरग ही भिा , जफ िाभ के िक़्त खर ु ता िौकत का योिा. अबी तो इसने स्िन्दगी को िरू ु बय ककमा, कपय बी भिहफ को कई "फड़ो" से फेहतय सभझ शरमा.
एक योि सफ इॊतिाय भे थे की िो सफ इफ्ताय कय ऩामें , जफ अब्फ काभ से घय रौटकय आमे . दे य तक बी जफ अब्फ की कोई खफय नहीॊ शभरी , आज िौकत बखे ऩेट ही ऩढने चरा गमा तयाफी. अगरे ददन तक उनकी कोई खफय न शभरने ऩय हय कोई फेचन ै ददख यहा था , इस घय का मे योिा बी रम्फा खीॊच यहा था. कुछ योि तक कुछ ऩता ना चरने ऩय भामसी का भॊिय पैरा यहा , स्जद्दी िौकत का योिा बी रम्फा खीॊचता गमा. इस नन्हे फॊदे ने चन ु ा अजफ सा यास्ता, खद ु ा को दे ने रगा खद ु ा का ही िास्ता. जफ इॊतेहा की हद ऩाय कय गमा इॊतिाय, ददमा गमा उनकी गुभिद ु गी का इश्तेहाय. अखफायों को फतामा गमा िौकत के अब्फ का हुशरमा औय नाभ , साथ ही फतामा गमा उनके फाये भे ऩख् ु ता खफय दे ने िारे को 20,047 रुऩमों का इनाभ. "20,000 तो ठीक है , मे 47 रुऩमे अरग से क्मों जोड़ ददए?" "मे 47 रुऩमे फाकी 20,000 से ज्मादा अहभ है ...साहफ, जो शौकत ने अऩने अब्फू के लरए अऩनी गुल्रक तोड़ कय है ददमे !!"
4. भदद "ओह, रगता है आगे फड़ा एक्सीडेंट हो गमा है , भदद को ऩक ु ाय यहे है कुछ 'स्जॊदा', हभे उनकी भदद कयनी चादहए." "ए जी, आऩ गाडी आगे फढाइमे .. एक्सीडेंट फड़ा है ... जो स्जॊदा है िो िामद नहीॊ फचें गे , मे बी ऩक्का नहीॊ की हॉस्स्ऩटर िारे इन्हें बती कयें गे , उकटा हभ रोग ऩशु रस के चक्कय भे पसेंगे , नमी गाडी है इसके इन्टीयीमयस बी गॊदे होंगे , ऊऩय से ऩेरोर के खचे अरग होंगे." "तुभ सही कहती हो, भझ ु अकेरे से इतना सफ कैसे होगा? मे तो हाईिे है .... इनकी भदद कोई औय कय दे गा..."
5. मुद्धिीय "टीचय ने कहा है की अगय फोडषस भे ककसी को नाभ फदरिाना है तो अबी फदरिा रे. सफ भझ ु े टीचय के साभने ही गचढाने रगे की भैडभ इनका फदरिा दीस्जमे . भेया नाभ मुद्धिीय है . नाभ तो अच्छा है ऩय कद औय ियीय साधायण से बी कभ है स्जस िजह से भेये सहऩाठी औय दोस्त भझ ु े गचढाते है की मे है मद्ध ु िीय! ऩय मे नाभ भेये अशबबािकों ने फड़े अयभानो से यखा है ऐसे कैसे फदरिा दॉ ? आज भझ ु े बी गुस्सा आ गमा, भन भजफत होना चादहए...तन तो फस ददखािा है . ऊऩय से िो टीचय बी हसने रगी, पजी फी.एड. कहीॊ की....उसका बतीजा कुिाग्र, भेये साथ ऩढता था िो बी तयह-तयह के तानो से भझ ु से नाभ फदरिाने की फात कहने रगा. भैंने रगबग गचकराकय अऩने टीचय से कहा "भैडभ, तेज फवु द्ध मानी कुिाग्र का बी नाभ फदरना चादहए......आऩकी िजह से फड़ी भस्ु श्कर से अफ तक ऩास होता आमा है . अफ फोर्डषस भे ऩता नहीॊ क्मा हो?" कपय भै अगरे ददन से स्कर नहीॊ गमा. एडशभट काडष ऩहरे ही शभर गमा था....अफ ककसी दसये सेंटय ऩय एक्साभ दे ना था फस...कपय इॊटय दसये स्कर से करूॉगा. वऩता जी सगचिारम भे है तो सयकायी घय शभरा हुआ है . घय के फाहय फड़ा रौन है . उसभे हभने तो कुछ नहीॊ रगामा ऩय हभसे जो ऩहरे यहते होंगे उन्होंने कई ऩौधे रगा यखे थे. उन ऩौधों को हय दसये ददन ऩानी दे दे ता हॉ . गशभषमों के सीजन भे योि ऩानी दे ता हॉ . ऩानी की ददक्कत है तो ऩाईऩ की जगह 1-2 फाकटी डार दे ता हॉ . रौन भे ही 2-3 "ऩवित्र" तर ु सी के ऩौधे है . भै उनको कबी ऩानी नहीॊ दे ता मा दे ता हॉ तो फहुत कभ जो फाकटी भे फच जाता है सफको ऩानी दे ने के फाद फस्कक भै तो फचा हुआ ऩानी फाकी ऩौधों के ऩत्तो ऩय नछड़क दे ता हॉ ऩय तर ु सी जी को दय से नभस्काय कय रेता हॉ . क्मों? फात मे है की वऩता जी, भाता जी, बाई साहफ, तीनो सफ ु ह ऩजा-ऩाठ कयके समष को जर
चढ़ाते है . कपय िो तीनो अरग-अरग छोटी फाकटी से "तर ु सी जी" के ऩौधों को जरभग्न कय दे ते है . तो जफ इतनी िाटय रोगगॊग िो ऩहरे ही कय दे ते है िो रोग तो भै तुरसी को जर क्मों दॉ ? भझ ु े ऩता है कोई न कोई तो उन्हें ऩानी दे ही दे गा. एक फाय तो भझ ु े माद है की भै गभी की छुदट्टमों भे नानी के िहाॉ गमा...कुछ ददनों फाद िाऩस आकय दे खा की साये ऩौधे गभी भे सख ु गए है ऩय तुरसी जी के तीनो ऩौधे चटकीरे हये थे , जैसे फाकी ऩौधों को गचढ़ा यहे हों. तो मे रूदढ़िाददता का डय बय है . भै मे नहीॊ कह यहा की तुरसी को जर भत दो ऩय जफ इतना कष्ट्ट कय ही यहे हो तो फाकी ऩौधों को बी ऩानी दे दो. भाना तुरसी का ऩयु ाणों भे िणषन है ऩय कई ऩौधों को भायकय इक्का-दक् ु का ऩौधों को सीॊचकय आऩको कौनसा ऩण् ु म शभरेगा? घय िारे ये डडमो सन ु ते नहीॊ औय स्जस स्कर की फात की उनसे अफ भेया कोई भतरफ नहीॊ....िैसे तो कई स्कर ऐसे होते है ....अच्छा सय जी...टाटा! गुड फाम!"
........सभाप्त!!
6. ध से धानी
"ऐ दाता-भाता! दे म दे ...सख ु ी यहे त, जोड़ी फनी यहे तम् ु हायी ...ऊऩय िारा खि ु यखे तुम्हे ।" इस शबखायन को दे ख कय थोडा आगे फैठे एक भहािम कुछ ऩये िान होकय अऩनी ऩत्नी औय साथ फैठे रोगो से फद ु फद ु ाने रगे। ऐसे भौको ऩय जफ ककसी गयीफ मा कभ रुतफे िारे ऩय यौफ झाड़ना हो मा आभना-साभना हो तो सभ्म रोगो कक आिाि अऩने-आऩ फढ़ जाती है , उनका गस् ु सा तेि हो जाता है औय दनु नमा बय की कपरोसपी साभने िारे नीयीह प्राणी ऩय झाड़ दे ते है क्मोकक उन्हें ऩता है कक साभने से जिाफ आना नहीॊ है औय आएगा तो िो उन ऩढ़े शरखो के स्तय से कभ ही यहे गा .....तो आसऩास िारो ऩय इस तयह अऩने अहॊ काय कक ऩीऩणी िादन का सन ु हया भौका रोग जाने नहीॊ दे ते जैसे अबी मे भहािम कय यहे थे। "दे खो िया सी दे य भे ऩया स्टे िन घभ शरमा इसने। काभ धाभ कुछ कयना नहीॊ है इन्हें
फस फ्री का र्खरिा रो इनसे।" ऩय आज रेट उठने औय कुछ रे न्स शभस कय जाने की िजह से धानी शबखायन का बी भड ऑप था। धानी अफ भहािम जी की सीट के ऩास ऩहुॉची। "....दाता-भाता!...कुछ दे दो ..." धानी की वऩच को भहािम जी ने फीच भे ही योका। "क्मा ..दाता-भाता ...अबी प्रेटिॉभष ऩय बी शभरी थी ना! अये , कुछ काभ कयो ...कुछ नहीॊ है
ऩास ...चरो जाओ।"
धानी के सब्र का दटहयी फाॊध टट गमा। स्जसकी उम्भीद नहीॊ की थी भहािम जी ने , भहािम जी तो जैसे प्रम्ऩ LBW आउट कयाय ददए गए । धानी - "हाॉ तो ऩरेटपायभ ऩय बी तने कुछ नहीॊ ददमा, िजन िारे जगभग-जगभग डब्फे भे शसक्का दार ददमा ....अये , उसकी जगह भेये हाथ ऩे डार दे ता, भै दआ ु दे ती तो ऩतरा हो जाता औय तोंद अॊदय चरी जाती। औय गोरी क्मा दे ता है ? कुछ फचा नहीॊ ... रुऩमा नहीॊ तो घय से सब्जी-ऩड़ी तो रामा होगा यास्ते के शरमे , िो बी सायी खा गमा क्मा? नहीॊ दे ना तो भत ददमा कय ऩय पारत का गाना भत गमा कय ...." भहािम जी का अहॊ डोरा तो िो उठकय धानी को भायने की भद्र ु ा भे डयाते हुए गचकरामे । "चऩ ु कय ..." धानी - "चऩ ु त कय ....हाथ भत रगा ददमो ...भेया भयद फॊदय-फॊदरयमा का खेर ददखाता है , उसको फोर के फॊदय से कटिा दॉ गी ..."
भहािम जी जो अकस्भात ् डकिथष रई ु स से हाय जैसी स्स्थनत का साभना कय यहे थे उन्होंने उठकय धानी को एक कॊटाऩ भाया औय खफसयत अऩिब्दों की टोवऩॊग्स बी दी ...धानी को बी भहािम जी कक भॊिा का ऩिाषबास हो गमा था , धानी ने धोनी सी पुती ददखाते हुए भहािम जी को नाखन भाये औय इॊिोय ककमा की उसके साि-स्िच्छ नाखनों से भहािम जी को थोड़ी दे य फाद अरजी हो जाए। उनके सॊतुरन खोने का पामदा उठाते हुए धानी ने उनके ऩैय ऩय अऩने दाॊत गड़ामे औय वियोधी र्खराड़ी का सभथषन कय यहे दिषको के साभने अऩनी जीत सनु नस्श्चत की ....कुछ ही ऺणों भे धानी ने स्जस सीन भे यामता पैरामा था िहाॉ से एक गैय-ऩेिेिय अॊदाि भे दडु की रगा दी। हाय से फोखरामे भहािम ने आखयी दाॉि खेरा। "रुक त ..भै GRP भे शिकामत कयता हॉ तेयी ..." धानी (दय से दौड़ती हुई) - "बैंसे के रॊ%$# टये न चर दी है ..GRP भै योि जाना होता है भेया। आजा बाग ऩकड़ भझ ु े ..."
सभाप्त!!
7. "क्रेवयता" (Cleverta) भतरफ चाराकी! "गशभषमों की छुदट्टमाॉ ऩड़ी है इस फाय ऽफ साये दोस्त फनाऊॊगा. ऩाऩा की जॉफ ऐसी है की हय एक-दो सार भे उनका एक िहय से दसये िहय राॊसपय हो जाता है ....कोई ऩक्का दोस्त फनता ही नहीॊ जैसे वऩक्चयो औय शसरयमरो भे ददखाते है . छुट्टी ऩड़ने से ऩहरे ककसी क्रासभेट का घय नहीॊ ऩछा....अफ भेयी सोिर स्टडीि की
क्रास िकष कॉऩी औय व्माकयण की अभ्मास ऩस्ु स्तका खो गमी है . अफ ऩता नहीॊ कैसे काभ ऩया होगा. ऩहरे ददन ही टें िन आ गमी. ऩाऩा ने बी इतने दय के स्कर भे
एडशभिन ददरिामा की कोई क्रासपेरो ऩास भे यहता बी नहीॊ. तेये बैमा कबी याजा की भॊडी की तयप जाए तो फताइमो िहाॉ भेये स्कर िारे दोस्त के ऩाऩा की िॉऩ है . आज ऩहरा ददन है छुदट्टमों का औय भाभा जी आ यहे है . िैसे जफ बी भेहभान , रयश्तेदाय आते है भझ ु े फड़ा भिा आता है कुछ रयश्तेदायों को छोड़ कय , सफ ऩैसे दे ही दे ते है . जो
ऐसे ही कुछ दे य के काभ से आते है उनके शरए ऽास नाश्ता भॉगामा औय फनामा जाता है . सभोसे , दटक्की, यसगुकरे , फपी, क्रीभ योर, ऩेस्री, ऩेदटि.....हाम! फताने भे ही भॉह ु भे ऩानी
आ गमा. ऊऩय से जो बफस्कुट-नभकीन-केक के ऩेककट्स खोरने की घय िारो की तयप से भझ ु े भनाही होती है िो बी भम्भी अऩने आऩ आमे हुए अनतगथमों के शरए ऩयोस दे ती है . ऩय यसोई से ड्राइॊग रूभ तक आने भे ही भै दो-चाय बफस्कुट-केक, आदद भॉह ु भे यख ही
रेता हॉ कपय जकदी से बफना कुछ फोरे बाग आता हॉ ....कई फाय तो नभस्ते कयने के शरए भॉह ु भे बया साभान ऽत्भ कयके रौटना ऩड़ता है . एक फाय उनके साभने नाश्ता यखने के फाद भै उनके जाने का इॊतिाय कयने रगता हॉ . अफ जो अऩरयगचत मा कभ जान ऩहचान िारे भेहभान होते है िो िभष के भाये कभ खाते है . उनके जाने के फाद ऩता चरता है की भॉगाए 6 सभोसे थे खाए गए शसपष 3 ....उसऩय बी भै जकदी नहीॊ कयता, िाॊत फच्चा फना यहता हॉ . भम्भी-ऩाऩा खद ु फर ु ाते है की फेटा मे सभोसे-केक, आदद फच यहा है खा रे.....औय कपय भै आयाभ से एक याजा की तयह सफ ग्रहण कयता हॉ .
जो रयश्तेदाय घय भे शभरने औय कुछ ददन रुकने के प्रान से आते है उनके शरए अरग फताषि कयना ऩड़ता है . अऩनी ककताफो की अरभायी रगानी ऩड़ती है , हय चीि सही जगह ऩय यखनी ऩड़ती है , जकदी सोना औय जकदी
उठना ऩड़ता है ताकक आमे हुए भेहभान ऩय अच्छा असय ऩड़े....मे सफ कयने से , फाद भे भम्भी-ऩाऩा की िाफािी औय कुछ फातों भे
छुट तक शभर जाती है . भेहभानों की भदद कयो, उन्हें फािाय घभ ु ाने रे जाओ तो भझ ु े बी
कुछ एक्स्रा खाने की चीि मा कऩडे ददरिा दे ते है िो. एक फड़ी िरूयी फात अनतगथमों के ऩैय योि छुओ औय नभस्ते , गड ु भोननिंग जो आऩके महाॉ चरता हो िो बी फयाफय कयते
यहो.....अच्छा फाई चाॊस बर बी जाओ तो उनके जाते िक़्त तो िरूय उनके ऩैय फड़ी श्रद्धा से छुओ क्मोकक तबी तो उन्हें हिाय-ऩाॉच सौ का नोट दे ना माद यहता है . िैसे अबी तो भेये कॊजक िारे ऩैसे चर यहे है ....तफ इतनी कन्माओ भे भै अकेरा राॊगुरयमा था, इतने घयो भे जीभे हभ रोग....ककसी घय से हय फच्चे ने 10 रुऩमे से कभ नहीॊ शरए. अच्छा
रयॊक! कर फादाभ शभकक वऩमा था, आज बी भन कय यहा है ...भै जा यहा हॉ ....भेयी साईकर भे हिा कभ है नहीॊ तो तुझे बी रे जाता. माद यर्खमो जो फातें भैंने फताई है
तझ ु े....अच्छा, फाम! सन ु ा तने विडडमो गेभ शरमा...आइमों...हाॉ, घय रेकय आइमो! कपय....फाम!"
सभाप्त!!
चर
8. ऩान की ऩीक को खून भत सभझो!! Madam!! "अये -अये भै यो नहीॊ यहा हॉ ...हाथ हटाओ, आऩका रुभार गॊदा हो जामे गा...." कुछ रोगो को तो ऩस्ब्रक भे आना ही चादहमे . दनु नमा का ददष उनके शरए नहीॊ फना है . जफ िो दनु नमा दे खते है मा तो िो सच्चाई को नकाय कय आगे फढ़ जाते है ..... "हाॉ जी, भैडभ...आॉखें ठीक है भेयी बफरकुर. सफ ददख यहा है . िो दय से ऩठानी सट भे गोर सा फच्चा आ यहा है ." ....मा फहुत ऩये िान हो जाते है . अफ मे भैडभ ऩाॊच शभनट्स से भेये शरमे योनी सी सयत फनामें है ....औय फाय-फाय भेया हार ऩछ यहीॊ है . "ऐसा होता यहता है , आऩ गचॊता भत कयो. भै एकदभ चॊगा हॉ ." ऩय अफ जो मे कय यहीॊ है िो भझ ु े नहीॊ ऩसॊद. इन रोगो को रगता क्मा है 2 शभनट की हभददी योि का ददष शभटा दे गी? अऩने भन को तस्सकरी दे ने के शरमे औय िामद आगे कबी अऩनी भहानता की गाथा गाने के शरमे ककसी को ऩकड़ रो औय उसको एहसास कयिाओ की िो ककतना भजफय औय अबागा है ....जो चीिें औय फातें इनके शरमे मॉ ही है िो हभाये शरमे कोई ियदान सयीखी है . "कोई नहीॊ भैडभ...मे खन नहीॊ है, ऩान की ऩीक है ...भझ ु े भायने नहीॊ , अऩने सॊगी-सागथमों के साथ शसगये ट ऩीने उतया था िो आदभी, उसे जकदी भची थी औय भेये हे न्जी क्राफ्टस औय र्खरौने नहीॊ दे खने थे...भैंने िामद ददखाने भे िफयदस्ती सी कय दी तो उसने झॉ झ ु र भे आकय भेये भॉह ु ऩय थक ददमा औय एक थप्ऩड़ भाया फस..अबी बफज्नज का टाइभ है , मे सफ तो चरता यहता है ...नहीॊ! मे भत कयो आऩ. यहने दो...मे हे न्जी क्राफ्ट्स..."
"हें डीक्राफ्ट्स?" "...जो बी है भै मे साये र्खरौने औय हे न्जी...हाॊड़ीक्राफ्ट्स आऩको नहीॊ फेचॉ गा...बीख नहीॊ चादहमे ..." मे तो भान ही नहीॊ यहीॊ. घय के काभ आमा, नौकय कय दे ते है , ओहो! ककतना पारत सभम यहता है इनके ऩास. "भना कय यहा हॉ ना...नहीॊ फेचने. अये ..बऩ! बागो महाॉ से...%^$%@*&#$&#!*^#%...."
सभाप्त!!
9. दहे ज़ Deal
कसफे का रड़का रग गमा भोफाईर टािय रगाने औय उसकी भयम्भत कयने िारी कॊऩनी भे। तनख्िाह बी अच्छी औय घय से बी ठीक-ठाक। कसफे कक जिान रडककमाॉ (जो उसकी जानत की थी) औय उनके भाॉ-फाऩ के शरए िो रड़का सोने की खान था। ऐसे ही एक आिािान भाॉ-फाऩ अऩना बाग्म आजभाने रड़के के घय ऩहुॉचे। कसफे बय भे रगाताय शभर यहे भफ् ु त के सम्भान से रड़के के ऩरयिाय के बाि फढ़ गए थे। रड़के की भाॉ - "हम्भ ...रड़की तो सन् ु दय है ऩय दहे ि का क्मा यहे गा?" रड़की के वऩता - " ....जी! फायहिी के फाद कम्ऩटय कोयस बी ककमा है , ढाई हिाय कभा यही है स्कर भे। साये काभ कय रेती है । िो िादी अच्छे से कयें गे ...औय .." रड़के के वऩता - " ....हाॉ जी! ऩय दहे ि का बी तो फताइए ..." रड़की की भाॉ - "जी ...दे ने को तो ज्मादा कुछ नहीॊ है . ..ऩय .." रड़के की भाॉ -" कपय तो जी भस्ु श्कर है ..."
रड़की के वऩता - "िकीर साहफ! स्टे िन के ऩास िभीन है थोड़ी औय थोड़ी घय के ऩास… …कुछ खेत है ।" रड़के के भाता-वऩता िभीन िब्द सन ु कय खि ु हो गए। "तो आऩ िभीन दोगे फेटी के साथ ...." रड़की के वऩता - "नहीॊ जी, आऩ फेटे जी से कह कय 2-3 टािय रगिा दो भोफाइर िारे हभायी िभीन औय खेतो भे। उनके जो हय भहीने 20-22 हिाय आमेंगे िो आऩ रोगो के ..."
सभाप्त!!
10. स्वमॊसेवी श्रीभती IAS
भैडभ - "दे खो तो जी, ककतनी चाराक औयत है अऩने औय ऩरयिाय िारो के नाभ से ऩहरे ही तीन N.G.O. यस्जस्टय कयिा यखी है । ककट्टी ऩाटीज भे फस अऩने ही पॊक्िन्स औय इिें ट्स गाती यहती है । फाकी रेडीि की बी 1 मा 2 N.G.O. तो है ही, फड़ा रो पीर कयती हॉ भै इन सफके साभने , भेये सोिर सककषर भे भेया थोडा नाभ होना चादहए ना, अफ चैरयटी तो एक फाय की औय रोग बर गए कोई नाभ की ही सही ऩय आगेनाइजेिन
हो तो फताने भे
अच्छा सा रगता है । आऩ काभ भे ही रगे यहते हो दे खो भै कहे दे ती हॉ भझ ु े बी कभ से कभ दो N.G.O. की सॊस्थाऩक तो फनिाओ।" सय - "हाॉ, भै दे खता हॉ ।" भैडभ - "आऩ कपय बर जाओगे औय मह सार बी ननकर जामे गा।" सय - "शसविर का एग्जाभ क्मा घाॉस छीरने को ननकारा था ? दे खो अबी एक स्िमॊसेिी सॊस्था तो तुम्हायी वऩछरे सार की तायीख से यस्जस्टय कया दॉ गा औय एक इस सार की ....इतनी तो ऩहचान औय रुतफा है भेया िहय भे , औय जफ दसयो के इतने फड़े काभ कयिाता हॉ तो अऩनी फीिी का मे छोटा सा काभ बी सही। अफ तो खि ु ? अये ! ड्राईिय
गाडी कचहयी कक तयप भोड़ रो, दोऩहय हो यही है , जकदी कयो यस्जस्रे िन भझ ु े आज ही कयिाना है कपय 2 हफ्तों के टय ऩय ननकरना ऩड़ेगा।" भैडभ - "हाॉ फहुत खि ु ! ए जी, मे स्िमॊसेिी सॊस्था क्मा होता है ? मह यस्जस्रे िन ऑकपस की दहॊदी है क्मा?" तबी एम्फेस्डय काय एक झटके से रुकी। सय - "फदतभीि! दे ख कय चरामा कय। क्मा हुआ? उतय क्मों यहा है ?" ड्राईिय - "सय! काय के नीचे कुत्ते का ऩैय आ गमा ....उसको ..." सय - "तो त कुत्ते के वऩकरे की तयह क्मों रुआॊसा हो गमा है ? िाऩस आकय फैठ महीॊ िाभ कय दे गा ननकम्भा ....हयाभखोय! ऑकपस फॊद हो जामे गा। कपय इस कुत्ते के साथ ही सो जाइमो। कुनतमाचो*$%^ कहीॊ का।" कुछ दे य फाद यस्जस्रे िन ऑकपस भें । क्रकष - "प्रणाभ सय! जम दहन्द! आऩ खद ु क्मों आमे ? िैसे ही फता दे ते भै यस्जस्टय कय दे ता, अफ हुजय से फड़ा थोड़े ना हो गमा मह ऑकपस। भैडभ के नाभ से 2 स्िमॊसेिी सॊस्था कयनी है । भैडभ एक भदहरा उत्थान ऩय कय दे ता हॉ आऩकी रास्ट इमय की डेट से औय जी एक अबी की आिाया जानियों ऩय कय दे ता हॉ , क्मों जी ठीक है?" भैडभ - "हाॉ! ठीक है । िैसे भैस्क्सभभ एक नाभ ऩय ककतने यस्जस्रे िन हो सकते है ?" कुछ दे य फाद उसी ऑकपस भे। "भै हफ्तों से अऩनी अनाथ फच्चो के शरए एक सॊस्था के यस्जस्रे िन के शरए महाॉ के चक्कय
काट यहा हॉ औय मह आऩने कुछ शभनटों भे 2 यस्जस्रे िन कय ददए। क्मा आऩ भेये साथ ऐसा फताषि नहीॊ कय सकते ?" क्रकष - "हाॉ जी! कय सकते है फिते आऩ ककसी नेता, सेठ, सेशरबब्रटी मा फड़े अपसय की फीिी फनकय आओ ..."
सभाप्त!! बायत भे 2012 तक 50 राख से अगधक यस्जस्टडष स्िमॊसेिी सॊस्थाएॊ है मानी बायत के रगबग 250 नागरयको ऩय एक सॊस्था ऩय इनभे से फहुत कभ ही सभाज के सध ु ाय के शरए कामषयत है । सोगचमे अगय हय सॊस्था ठीक से काभ कयने रगे तो बायतिर्ष का ककतना बरा होगा। दब ु ाषग्मिि सयकायी, कोऩोये ट औय विदे िी भदद रेने के शरए, टै क्स भे छट, फ्री मा कभ दय से ये रिे-आदद मात्रा, सभाज भे बफना काभ ककमे अऩने नाभ की साख औय रोगो को मे दिाषना की हभ ककतना बरा काभ कय यहे है ...ऐसे छोटे भकसदो के शरए अगधकतय शसपष नाभ कक स्िमॊसेिी सॊस्थाएॊ अस्स्तत्ि भे आती है ।
11. तोड न्मि आऩ दे ख यहे है प्रीतभऩयु से राईि किये ज स्थानी ऩाटी की यै री से जहाॉ फीच यै री से ऩाटी के सॊस्थाऩक औय कद्दािय नेता श्री अॊकुय जामसिार कन्मा धन भे गयीफ फस्च्चमों को चेक वितयण सभाहयोह से ‘ऩोकय पेस’ ददखाते हुए भॊच से ननकर गए। उनका मह जेस्चय हभाये ऩेनर भे फैठे वििेर्ऻों के अनस ु ाय उनकी ऩाटी के अध्मऺ श्री मस ु प खान औय स्थानीम भॊत्री श्री ऩॊकज िक् ु र के शरए चेतािनी की तयह दे खा जा सकता है क्मोकक श्री अॊकुय ऩाटी की हाशरमा नीनतमों से नायाि चर यहे है । "ऩय सौयब महाॉ भै कहना चाहॉ गा की कन्मा धन मोजना के उद्घाटन के उऩरक्ष्म ऩय उन्हें ऐसे याजनैनतक सन्दे ि दे ने से फचना चादहए था।" "जी हाॉ! उनका मे आचयण एक िरयष्ट्ठ नेता होने के नाते उन्हें िोबा नहीॊ दे ता। ऩाटी के भतबेद िो आगाभी हफ्ते हो यही ऩाटी की याष्ट्रीम कामषकारयणी फैठक भे बी सर ु झा सकते थे मा अऩनी आऩस्त्त िादहय कय सकते थे।" " ...अगय याजकोर् का दहस्सा ऐसे नेक काभो भे रग यहा है तो अॊकुय जी को खि ु होना चादहए, उनऩय ऩहरे से ही सॊसाधनों के दरू ु ऩमोग के आयोऩ रगते यहे है ।" 3 - 4 शभनट्स फाद भॊच के ऩीछे आमे अॊकुय जी को उनके एक सहमोगी ने भीडडमा चैनेर की गुफ्तग से अफ्गत कयिामा। अॊकुय जामसिार - "हे सॊतोर्ी भाता ...भैंने सेक्रेटयी को कहा था , अफ कहाॉ चरा गमा िो। ...अये ऩस्ब्रक रामर कय रो कोई फात नहीॊ ऩय इॊसान को चैन से स-स तो कयने दो।" सेक्रेटयी - "क्मा हुआ नेता जी?"
अॊकुय जामसिार - "न्मि िारो को सभझाना चादहए था तझ ु े। कहाॉ था ?" सेक्रेटयी - "नेता जी, िो टॉमरेट ..."
सभाप्त!!
12. मुग ऩरयितषन
ऩहरे सॊचाय, तकनीकी साधनों की कभी कक िजह से कापी चीिों भे सभम रगता होगा स्जन्हें हभ िया सी दे य भे ऩया कय रेते है । भझ ु े रगता है इस कायण कई तत्कारीन भहान रोग उतना काभ दनु नमा को नहीॊ दे ऩाए स्जतना िो दे सकते थे। तफ कहे गए कुछ सॊिादों, फातों मा तफ ककमे गए कुछ काभ अफ हास्मास्ऩद रगते है ऩय हभे नहीॊ बरना चादहए कक तफ िामद िो ताककषक हों मा उस काभ को कयने के सीशभत साधन हों। िादहय है आगे औय तयक्की होगी, अक्सय रेखक, िामय, विचायक, रोग अफ कुछ ऐसे फोरते है । "फड़ा अच्छा ख्मार ददभाग भे आमा था ऩय तफ सभम नहीॊ शभरा। अफ िो आईडडमा माद नहीॊ।" "फहुत सी फातों ऩय सोचा है ऩय िर्ो से उनऩय शरखने का औय रोगो तक ऩहुॉचाने का टाइभ नहीॊ शभर ऩा यहा।"
"अऩनी जॉफ औय ऩरयिाय भे बफजी यहता हॉ , ददभाग की फातों को साकाय नहीॊ कय ऩाता।" कई मा कपय कुछ ही दिको फाद िामद ऐसे अविष्ट्काय हो जो ऐसे विचायो को तुयॊत डडस्जटर पॉभेट भे रा दें औय सोचने िारे की भिी ऩय उन्हें प्रकाशित बी कय दें । औय शसपष मे ही नहीॊ उनको एडडट, स्ऩेशरॊग औय ग्राभय चेक , थोड़े फहुत ऩैसे दे ने के फाद ददभाग से जड़ ु े विश्िबय के एक्सऩट्षस से याम रेना, आदद की सवु िधाएॉ बी। मे फात शसपष यचनात्भक काभो ऩय ही नहीॊ औय बी व्माऩारयक, प्रिार्ननक, तकनीकी, याजनैनतक, आदद काभो ऩय बी राग होगी। "तफ िामद आज के ककसी फड़े रेखक का कोई िॊिज दटऩण्णी दे की कहते है की भेये ऩड़दादा फहुत फड़े विचायक औय रेखक थे ऩय उनके प्रकाशित काभो स्जतना तो भै 13-14 िर्ष की उम्र भे ही सोच कय ऩस्ब्रि कय चक ु ा था।" "ककतना धीभा मग ु औय रोग थे ऩहरे।"
13.Procrastination vs. Bhole Shankar
कऺा 9 का छात्र िब ु भ कर होने िारे भैथ्स के एग्जाभ को रेकय गचॊनतत था। “मे थ्मोयभ सभझ नहीॊ आ यही नेट ऩय दे खता हॉ । “ आदतन उसकी उॉ गशरमों चरी औय उसने ऩहरे , *) - कुछ स्ऩोट्षस स्टासष औय यस्रसष की प्रोपाइकस चेक की।
*) - मट्मफ ऩय कुछ आगाभी कपकभो के प्रोभोि दे खे।
*) - सोिर साइॊस स्जसका ऩेऩय हो चक ु ा था के यैंडभ पैक्ट्स, हाराॉकक सोिर साइॊस के ऩेऩय से ऩहरे इन्होने सतऩड़ ु ा के जॊगर औय ये सरयस चारी हास औय यैंडी ओटष न की जानकायी रेते हुए घॊटो बफतामे थे ऩय आज इन्हें सोिर साइॊस बी फड़ी योचक रग यही थी। इतना सफ कयने भे 3:30 फज गए औय जफ ऩढाई माद आई तफ तक िब ु भ थक चक ु ा था, उसने सफ ु ह 6 फजे का अराभष रगामा औय सफ ु ह सफ जकदी से दे ख रॉ गा सोचकय सो गमा। सफ ु ह 9 फजे उसके बाई ने उसको उठामा स्जसको रगा की मे यात बय ऩढ़ा है । 10 फजे से ऩयीऺा थी। िब ु भ ने घड़ी दे खी तो िो डडप्रेस हो गमा, इतनी जकदी िो नहामे -धोमे , खाए, स्कर ऩहुॊचे ... ऩढाई का जो सोचा था सफ यह गमा। उसको गस् ु सा बी आ यहा था की िैसे गरती से सेट हो जाए तो बफना फात के अजीफ टाइभ ऩय फज जाएगा ऩय जफ िरुयत थी तो भोफाइर िारा अराभष आर्खय फजा क्मों
नहीॊ? तफ उसने ध्मान ददमा की भोफाइर घड़ी भे AM की जगह PM सेट था। "अफ तो बोरे िॊकय का नाभ रेकय ही एग्जाभ दे ना ऩड़ेगा।"
सभाप्त!!
14. कयण उस्ताद "ऩहरे जफ बीख भाॊगी तो सफ जने मह कहते थे की 'बगिान ने हाथ ऩैय ददए है , कुछ
काभ क्मों नहीॊ कयता? हयाभ का क्मों खाता है ?' सफसे कहने का भन कयता था की तभ ु
सफको बगिान ने हाथ ऩैय के अरािा फाऩ बी ददमा है स्जसने तुम्हे 20-30 सार तक ऩारा है . सयकायी नौकय मा रारा-सेठ फनकय भझ ु जैसे कीड़ो को कोसने के रामक फनामा है . जफ तुभ सफ इतने सार हयाभ का खा सकते हो तो भै क्मों नहीॊ?
कपय जफ गुटखा, शसगये ट, फीडी, ऩान भसारा रेकय घभा तो िो कहते 'क्मों रोगो को निा
फेचता है ? दसयो को िहय दे कय योटी खाता है . ' उन्हें बी भारभ है की भै तो दे ख सकता हॉ ऩय भेयी बख कुछ नहीॊ दे खती...अफ चाहे िो सही काभ कयके शभरे मा गरत. कपय बी
अऩने आस-ऩास फैठे रोगो भे खद ु को धभाषत्भा कहराने के िास्ते मे ताना िरूय भायते. कुत्ते कहीॊ के!
फड़ा िहय न जाने क्मों बोरे गाॉि िारो को खीॊचता है . बोरे कहो मा ऩागर, भेये शरए तो एक ही है . यफ जानता है भैंने उसको ककतना योका ऩय भेया छोटा बाई ये र स्टे िन ऩय आ गमा जहाॉ भै यहता था. साथ िारे रूठ गए की ऩहरे से ठसी जगह भे एक औय बखा आ गमा. चाम िारे, चने िारे , ऩेऩय िारे , इतने थे की ककसी की बफक्री ज्मादा नहीॊ होती थी. कोई नमा आता तो िो सफको फोझ रगता. ऩय अफ आ गमा तो आ गमा....भसाराशसगये ट फेचने भे ऩशु रस का रपड़ा अक्सय पॊसता है ....काभ कोई कयता है सफसे ऩहरे
हभ सत ु जाते है . एक ददन िो बाई को बी भेये साथ रे गए. छोटे को अऩने साभने वऩटते दे खा तफसे इस धॊदे को छोड़ ददमा. बख की आॉखें उस ददन ढक री. कपय क्मा 12 भीर
खेतो भे चरा औय कई गाजय-भरी फटोयी. हाॉ-हाॉ िो बी हयाभ की थी....अगरे ददन ढाफे से नभक ऩाय कयके हभ बाइमों ने फचे हुए गाजय-भशरमों को फेचा. चाक कोई दे ने को तैमाय नहीॊ तो भैंने दाॊतों से ही काट कय नभक रगा ददमा...कपय बी कुछ ऽास कभाई नहीॊ हुई. आजकर सफ सेहत भे भये यहते है ....कहते है भस्क्खमाॉ है , धर है , कटे पर नहीॊ
खामेंगे....अये , खाना शभर यहा है तो खाओ न...भझ ु े गटय भे तैयता पर शभरेगा तो िो बी खा रॉ गा. आज तक िो बी नहीॊ शभरा.
एक ददन भेया बाई काॊिरयमों के जत्थे को 9 प्रेट र्खरा गमा उन्होंने औय भॊगाई तो िो भेये ऩास रेने आ गमा. जफ तक िो उस डब्फे भे ऩहुॉचा काॊिरयमों ने जनयर डडब्फा फदर शरमा औय ऩीछे चरे गए. कुत....खा के तो गए ही साथ भे स्टीर की प्रेटे बी रे गए. फेि़ि बाई रे न चरने तक उन्हें िहीीँ ढॉ ढता यह गमा. साथ िारे तभािा दे खते यहे ऩय
कुछ फोरे नहीॊ. अफ ढाफे िारे को प्रेटे कैसे दे ते ? एक आदभी से 500 का ऩत्ता शभरा भैंने उसको फची हुई एक प्रेट ऩकडाई औय दौड़ रगा दी खेतो की तयप. िो चरती रे न से उतयकय भेये ऩीछे बागा. गयीफी औय ककस्भत का कबी भेर कहाॉ होता है ...उसको आदभी
को िामद से अगरे स्टे िन ऩय उतयना था. भै तो हाथ आमा नहीॊ ऩछ-ऩाछ कय िो भोटा भेये बाई से चरा ऩैसा िसरने. 2 का शसक्का शभरा उसको भेये बाई की जेफ से...हा हा हा...ऩता नहीॊ ककतना सभम था उसके ऩास भेये बाई को थाने भे बफठा आमा. ऩशु रस िारो ने उस ददन जो केस सर ु झे नहीॊ उनका दोर् बी भेये बाई को दे कय 1 सार के शरए जेर बेज ददमा. सन ु ा था की फच्चो औय 18 से कभ िारो के शरए अरग जेर होती है . ऩय
शरखा-ऩढ़ी औय िहाॉ रे जाने के झॊझट से फचने के िास्ते कभीनो ने 11 सार के बाई को 18 का फता ददमा. भैंने बी उसको छुड़ाने की कोशिि नहीॊ की सोचा चरो एक सार तक याड़ कटी. योटी शभरेगी बाई को औय थोड़ी अकर बी आएगी 'फड़ो' के फीच.
अच्छा साफ! कौन सा ये डडओ आता है आऩका? नाभ भत रेना भेया...उस्ताद फोर दे ना...बाई सभझ जाएगा. रयकॉडष हुआ की नहीॊ....हो यहा है ...नखरऊ िारो को कयण उस्ताद का सराभ....खद ु ही नाभ फोर ददमा...काट दे ना हाॉ...साफ धॊदे के टाइभ आमे हो....4 रे न ननकरी िो बी शसपष इस ऩरेटपायभ से...कुछ दे ते तो जाओ..."
सभाप्त!!
15. आऩ औय खाऩ नमे सेिन भे एक फड़े कॉरेज के ऩयास्नातक कोसेज भे दार्खरा रेकय िहाॉ के हॉस्टर भे एक रूभ भे आमीॊ 2 अजनफी रडककमाॉ शभरी। "हे करो! आई ऍभ श्रुनत ....फ्रॉभ अहभदाफाद, गुजयात, आऩ कहाॉ से हो?" "हाम! आई ऍभ अददनत। भै हरयमाणा से हॉ ।" 2-3 ददनों भे फातों-फातों भे ही दोनों की अच्छी दोस्ती हो गमी। दोनों खि ु थी की चरो अऩने भन की ठीक-ठाक रूभभेट शभर गमी। एक ददन फातों ही फातों ही फातों भे ..... श्रुनत - "िैसे सन ु ा है हरयमाणा साइड रड़ककमों के शरए नयक है ...खाऩ ऩॊचामतो का फड़ा टे यय है िहाॉ ...सेक्स ये िो घट यहा है ..." कुछ दे य तक श्रुनत ने खाऩ के औय हरयमाणा के कुछ ददष नाक िाकमे सन ु ामे , कपय अददनत से यहा नहीॊ गमा। अददनत - "दे खो श्रनु त, जो घटनाएॉ तभ ु ने सन ु ी सफ सच है ऩय भेयी फात ध्मान से सन ु ना। खाऩ एक फहुत फड़े सभद ु ाम औय साभास्जक प्रणारी का नाभ है जो शसपष हरयमाणा ही नहीॊ फस्कक उत्तय प्रदे ि , याजस्थान, ऩॊजाफ भे पैरी हुई है , स्जसकी जड़ें प्राचीन कार भे शभरती है । सफ खाऩ शभराओगी तो उनभे हजायो गाॉि-कसफे तक आते है , अफ तुभ ककस खाऩ की फात कय यही चौहान खाऩ की स्जसभे 84 गाॉि है मा बाटी खाऩ की स्जसभे 360 गाॉि है । ऐसे ही अहराित, याठी, तोभय, कसाना, करशसमाॊ, ऩॊिाय, फकमान, नागय, छोकय, यािर,
कयहाना, फेन्सरा, फाटय, ऩोननमा औय ऐसी फहुत सी खाऩ है औय हय खाऩ भे कभ से कभ 84 गाॉि होते है । जफ बी इतने फड़े ऺेत्र से कोई घटना ननकरती है औय वििार "खाऩ" सभद ु ाम को इसका स्िम्भेदाय ठहयाना ठीक नहीॊ। जेंडय ये िो घट नहीॊ यहा है ढाई कयोड़ की जनसॉख्मा िारे हयमाणा भे 2001 जनगढ़ना भे 861/1000 था औय 2011 भे मे फढ़कय 877/1000 हो गमा, इतनी जनसॉख्मा िारे याज्म भे 10 सारो भे 16/1000 की िवृ द्ध हुई है क्मा मे एक ऩॉस्जदटि फात नहीॊ ? फदराि आ यहे है फिते आऩ अऩना बेदबाि कयने िारा चश्भा हटाकय दे खो। अफ 10-15 सारो भे सफ ठीक हो जाए ऐसा कैसे हो सकता है ? मे कुछ िैसा ही है जैसे बफना जाने विदे िो भे कई रोग आज बी मह सभझते है की बायत हागथमों औय िहयीरे साॊऩो से बया हुआ है . हाॉ, ऩयु ाने रुदढ़िादी तयीकों भे कुछ कशभमाॉ है ऩय जैसा भैंने कहा सददमों कक इस व्मिस्था भे सध ु ाय भे कुछ दिक तो रगें गे ....िो बी तफ जफ आऩ उस प्रणारी भे यह यहे रोगो को सभझो औय उन्हें साथ रेकय चरो। उन्हें एक विरेन कपगय फनाकय औय उन्हें कोसने से आऩ फाहयी कानन फदर सकते हो औय दसयो के साभने अऩने आऩ को सॊिेदनिीर, ब्रोड-भाइॊडेड कहरिा सकते हो ऩय अॊदय की व्मिस्था को नहीॊ फदर सकते। इन ऺेत्रो से बायी भात्रा भे खाद्म साभग्री, धान, पसरें , दग्ु ध उत्ऩाद आते है जो अगधक घनत्ि िारे दसये याज्मों भे जाते है , िो याज्म जो अगधक जनसॉख्मा की िजह से अऩनी िरूयतें ऩयी नहीॊ कय ऩाते। महाॉ हजायो सयकायी औय प्राइिेट मोजनामें फहुत अच्छे ढॊ ग से चर यही है , जैसे हार की भनये गा मोजनाओ भे इन गाॉिों का अच्छा मोगदान यहा है । महाॉ की बी अऩनी स्थानीम ऩयॊ ऩया, यीनतमाॉ, फातें , हथकयघा, खाद्म उत्ऩाद है स्जनका सम्भान होना चादहए कुछ फातों की आड़ भे ऩये सभद ु ाम को ढकना औय िहाॉ से जड़ ु े हय व्मस्क्त को एक तयाज ऩय तोरना कहाॉ तक सही है ? अऩनी याम फनाओ ऩय भसारेदाय न्मि रयऩोटष स ऩय नहीॊ फस्कक सबी तथ्मों ऩय िो बी सबी ऩहर जानने के फाद। हय जगह की तयह िहाॉ बी सध ु ायों की िरुयत है ऩय िो दानिों कक प्रजानत नहीॊ है जैसी छवि िहाॉ से दय अऩने स्टडडमोज भे फहस जीतने िारे फवु द्धजीिी ....आभ जनता ऩय थोऩते है ।"
श्रनु त - "ओह . .भा-भा ...तम् ु हे मे सफ कैसे ऩता?" अददनत - "िामद भैंने अऩना ऩया नाभ नहीॊ फतामा ....अददनत याठी, भै एक खाऩ कसफे से ही आमी हॉ ।"
सभाप्त!!
16. बूखा अन्नदाता *मह कविता 2007 भे शरखी थी। हाॉ जी! ऩीऩरी राइि से 3-4 सार ऩहरे।
कुछ ददन ऩहरे खफय आई की सयकाय ने अऩनी तयप से ककसानो का साया कजाा भाफ़ कय ददमा. ऩय अफ बी ककसानो की आर्थाक स्स्थतत ठीक नह ॊ. अनार्धकृत फाजाय व्माऩाय, काराफाजाय , धयती की उवायक ऺभता भे कभी, etc, जैसे कायण ककसानो के लरए अलबशाऩ फन गए है . सयकाय बी उन ऩय कबी-कबी भेहयफान होती है ....ऐसे भे हभे मह नह ॊ बर ू ना चादहए की कृषष ऩय ह हभाया जीवन दिका है .
Place - Head Office, Apni Party, Balrampur. "सय जी, इस गाॉि फॊथया के हय घय भे 100-200 रुऩमे है फाॊटने, अगय हभ ऩॊचो को अच्छी कीभत दें गे तो गाॉि िारे रगें गे हभाये तरिे चाटने." Place - A Farmer Vishnu's hut, Banthra Village. विष्ट्णु - "सोन, जा गैमा चया रा....कुछ काभ नहीॊ कयता, भनु नमा जा ऩॊसायी से सौदा रे आ, औय त सोन की भाॉ...कुछ रकडडमाॉ फीन रा."
"घय भे अनाज का दाना तक नहीॊ , औय तुम्हायी निे की रथ जगी, हभ सफको घय से फाहय बेजना तो फहाना है ...तम् ु हे तो अऩने मायो के साथ निा जो चढाना है ." अऩनों के तानो ऩय विष्ट्णु ने ध्मान कहाॉ ददमा....उसको तो कोई औय दख ु था सता यहा. ढॉ ढो ये ढॉ ढो भेया बाग कहाॉ है ? कजे भे डफा भेया साया जहाॉ है . सखे मे सखे ऩत्ते कहते क्मा है ? ककतने फयस फीते फदया कहाॉ है ? फॊजय मे धयती खद ु को क्मों कहती भाॉ है ? फच्चे तड़ऩ यहे ...भभता कहाॉ है ? हाम ये हाम भेयी ककस्भत कहाॉ है ? घय भे भेयी बफदटमा जिाॊ है . जीिन मे भेया कोई जॊगर घना है , कोई फतामे भझ ु े याह कहाॉ है ? दर-फर के साथ 'अऩनी ऩाटी' विष्ट्ण के घय से अऩना अशबमान िरू ु कयने चरी , ऩय विष्ट्णु के घय के फाहय उन्हें बफरखती बीड़..... ....औय अन्दय एक भजफय ककसान की राि रटकती शभरी.
17. भुझे घय जाने से रगता डय!
फेयोज़गाय हभाये सभाज की षवकि सभस्माओॊ भे से एक है . लशऺा के भर ू बत ू ढाॊचे भे कभी, फढती जनसॉख्मा, कभज़ोय सयकाय तॊत्र....वजह तो फहुत है ऩय इनके सीधे से सभाधानों ऩय कबी अभर नह ॊ हुआ. भैंने ऩोस्ि-ग्रेजए ु ि रोगो को भजफयू भे चऩयासी की नौकय कयते दे खा है . मे कषवता एक ऐसे मव ु क की है जो कापी सभम से नौकय की तराश भे है . आज बी साऺात्काय के फाद उसे नौकय के लरए नह ॊ चन ु ा गमा औय......
भझ ु े घय जाने से रगता डय, थोडा सा ही सही िहय दे दो. फाफा की काठी फढी हुई... िो ददष छुऩामें...खि ु होकय. भाॉ की आॉखों भे सऩने ददखें ...
उन सऩनो से फचता भै छुऩ-छुऩ कय. भझ ु े घय जाने से रगता डय... भेये घय का ककयामा ज्मादा है ... चक ु ता है फहना की ऩढाई के दभ ऩय. दनु नमा भझ ु ऩय अफ हॉ सती है , भजफयी बायी स्िकरत ऩय. भयने की भेयी औकात नहीॊ... जीता हॉ िामदों की कीभत ऩय. भझ ु े घय जाने से रगता डय....