इंतज़ार
आँखों का नूर, होटों का सरूर लम्बे लहराते बाल करते मुझे बेहाल आशा के झल ू े पर सवार, बाँट जोहती िफिर इस बार िफिर सावन आया है क्या संदेशा लाया है िदल ने पींग बढ़ाई है प्रीत ऋत आयी है . बिगया मे झल ू े डाल कर रहे तम् ु हारा इंतजार दािमनी चमकने को बादल गरजने को सावन बरसने को बैठे सब तैयार अब आ भी जाओ बस है तम् ु हारा इंतजार