KAGAJ RAHIT KAKSHA KA PARYAVARAN PAR PRABHAV AUR CHUNOTIYA

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Research Paper Education E-ISSN No : 2454-9916 | Volume : 8 | Issue : 5 | May 2022
22 InternationalEducation&ResearchJournal[IERJ] तावना समकालीन जीवन म कागज रिहत का क ासिगकता और यावहारक भािवकता बढ़ती जा रही है। कागज रिहत का िसफ वैसी का नह है जहां कागज और कलम को िडिजटल टट ारा बदल िदया जाता है। यह एक ऐसा थान है जहां िवािथय को आन वाली सदी क जीवन क िलए भावी प से तयार िकया जाता है और उह तकनीक कौशल म िनपण बनाया जाता है। कागज रिहत काए पारिथितक तथा िवालय क अनकल ह यिक यह जहा एक ओर सथा, िशक व िवाथ क मदद करता है वह कागज बनान से रोक कर हमार पेड़ को कटन से बचाता है। इसक अलावा, यह काओ को अवांिछत कागजी कचड़ से दर रखता है। इसिलए, कागज रिहत काओ को कित क सरण व िशा क िवकास क िलए एक महान पहल क प म माना जा सकता है। कागज रिहत काय कागज रिहत दो शद कागज और रिहत से िमलकर बना है। इसका तापय कागज क कम से कम उपयोग या कागज क िबना काय करन से है। यह दतावेज और अय कागजात का िडिजटल प म पांतरण है। यह सचनाओ को इलॉिनक प म एकित करन का बध करता है, िजससे कागजरिहत कायालय म अयवथा और गड़बड़ी को कम िकया जा सकता है, इसक साथ ही हरयाली और पयावरण क अनकल बनान म भी मदद करता है। जो काय पव म कागज पर िकये जा रहे होत ह, वो सभी काय इलॉिनक मायम से माइोसॉट ऑिफस, एसेल आिद म िकये जान लगत ह। इससे जहा काय आसानी से तथा शीतापवक हो जाता है वह यह अिधक सरित भी होता है। िजसे कमचारय या सथा ारा पासवड लगा कर गलत हाथ म जान से रोका जाता है। जब भी िकसी दतावेज को दखना होता है तो कमचारी आसानी से दतावेज क नाम से इसे खोल कर दख लत ह। इसम अिधक समय िकसी सचना को खोजन म नह लगाना होता है बिक िसफ कछ शद सकत से ही सचना ा कर ली जाती है। कागज रिहत काय को एक थान से दसर थान पर आसानी से मल आिद क ारा भेजा जा सकता है। िशा क म कागज रिहत काय एक का जहा कागजी दतावेज़ (पाठयपतक, गहकाय तितया, ेड रपोट) को इलॉिनक दतावेज़ ारा ितथािपत
जाता है। यह
से
कायालय
कलडर
साथ ही
ऐसे िलंक भी पोट करत ह िजसे िवाथ डाउनलोड कर िविभन कार क अययन सामी को पढ़ सक। यह सब िवािथय को एक थान पर उपलध होता है, िजससे वे अपना अययन अिधक आसानी व भावी तरीक से कर पात ह। िशक बहत अछी कार से तयार असाइनमटस गगल का क पर अपलोड करत ह तथा िवाथ भी उसे ऑनलाइन मायम से ही बनाकर उसे िदये गए फॉम म जमा करत ह। िशक/िशिका समनदशन पढ़ कर अपना मत या ितपि भी उसी पर अिकत करत ह तथा उह ेड भी दान करत ह। इस कार समनदशन से सबिधत सभी काय भी इसम कागज रिहत ही होत ह। सभी कार क परीाओ क अक या परीाफल इसी पर अिकत होत ह तथा ेड क गणना व सबिधत माणप भी ऑनलाइन ही जारी िकए जात ह, िजसे िवाथ आसानी से कह से भी दख सकत ह। कागज रिहत िशा का पयावरण पर भाव 1) पयावरण सरण- जैसा िक हम सभी जानत ह कागज पेड़ क लगदी अथात पप से बनता है। एक टन अछी गणवा वाल कागज बनान क िलए 12 से 17 पेड़ लगत ह। 1 िकलो (2.3 पाउंड) कागज क उपादन क िलए उसक वजन क 2-3 गना पेड़ क आवयकता होती है। सारी दिनया म कागज बनान क िलए हर रोज 80,000 से 150,000 पेड़ काट जात ह। सारता दर म वि और ABSTRACT कागज क िबना िशा वतमान समय का एक मख मा है। यह एक ऐसी का है जहा कागजी दतावेज़ को इलॉिनक दतावेज़ ारा ितथािपत िकया जाता है। वतमान समयमजहासपणिवमहामारीकसकटसेजझरहाहै।पयावरणअसतलनकोरोकनकिलएपेड़कोबचानकबातऔरअिधककजारहीहै।ऐसीिथित मकागजरिहत का न िसफ िशण-अिधगम सबिधत सभी काय को आसान बनान बिक सभी कार से पयावरण क सरा करन म भी हमारी मदद का काय कर रही है। परत इसक माग म ससाधनककमी,कयटरकाअपानआिदसेसबिधतबहतसीचनौितयाभीहिजहदरकरककागजरिहतकाकोअिधकभावशालीबनायाजासकताहै| पारभािषकशदावली-कागज़रिहतका,कागजरिहतकाकभाववचनौितयां,पयावरणसरण,िवालयीकचरा Copyright©2022,IERJ.Thisopen-accessarticleispublishedunderthetermsoftheCreativeCommonsAttribution-NonCommercial4.0InternationalLicensewhichpermitsShare(copyandredistributethematerialinany mediumorformat)andAdapt(remix,transform,andbuilduponthematerial)undertheAttribution-NonCommercialterms. KAGAJ RAHIT KAKSHA KA PARYAVARAN PAR PRABHAV AUR CHUNOTIYA कागज़ रिहत का का पयावरण पर भाव और चनौितया
SnehPrabha BanasthaliVidyapith,Tonk,Rajasthan,India.
िकया
दतावेज और अय कागजात को िडिजटल प म परवितत करक िकया जाता है। इसक साथ ही िशक व िशाथ अपना सारा काय कागज और कलम क जगह इलॉिनक उपकरण जैसे लपटॉप, कयटर, आईपैड, मोबाइल आिद
मायम
ही करत ह।
क सभी दतावेज भी िडिजटल प म ही मौजद होत ह। कागज रिहत का म िनदशक (िशक/ सचालक) ऑनलाइन पाठयम का िनमाण करत ह, वेब फॉम क मायम से पाठयम
को पोट करत ह िजसे िवाथ अपनी सिवधानसार जब चाहे दख सकत ह। इसक अितर इस कार क का म िशक अलग -अलग ाप म अययन सामी व यायान
नोटस पोट करत ह तथा इसक
िशक
Research Paper E-ISSN No : 2454-9916 | Volume : 8 | Issue : 5 | May 2022 औधोिगक िवकास म वि क कारण साल-दर-साल कागज क माग बढ रही है। भारत म कागज और ग क मौजदा खपत लगभग 100 लाख टन तथा िशा यवथा म नौ लाख टन होन का अनमान है। यह अनमान लगाया गया है िक दश म 2025 तक कागज क मांग करीब 2.5 करोड़ मिक टन होगी जो वातव म भारतीय कागज उोग से िमलना आसान नह है। एक ओर जहा किष व वन योय भिम घट रही है वही दसरी ओर पेड़ को लगान क वि भी कम हो रही है। पेड़ क कम होन से ऑसीजन क कमी, लोबल वािमग, पयावरण म असतलन, भ-रण जैसी समया दखन को िमल रही है अतः यिद का म कागज का उपयोग कम हो या कागज रिहत का हो तो ऐसी िथती म िनित प से पेड़ को कटन से बचाया जा सकता है साथ ही पयावरण म असतलन होन को भी रोका जा सकता है इस कार कागज रिहत का पयावरण सरण को भी ेरत करती है। 2) जल सरण - कागज क एक ए 4 शीट बनान म 10 लीटर (2.6 गैलन) पानी लगता है। अिधकांश कागज ाट पिपग नामक िया क मायम से बनाया जाता है। इस िया म लकड़ी क गद को बनान क िलए रासायिनक धलाई क कई चरण शािमल ह जो साफ, सफद और कागज म सकरण क िलए तयार ह। लगदी िया से एक पेड़ क वजन का लगभग आधा ही कागज़ बन पाता है, और एक टन कागज बनान क िलए लगभग 98 टन रसायन क आवयकता होती है। इनम से कई रसायन, जैसे यरन, लोरोफॉम और डाइऑिसन, परवतनशील ह और मनय क िलए वाय क िलए हािनकारक ह। लगदी और कागज उोग पिमी दश म पानी का अकला सबसे बड़ा औोिगक उपभोा है। 3) ीन हॉउस भाव- पेड़ क कटाई क बाद से ही पयावरण पर इसका दभाव पड़ना आरभ हो जाता है। कागज और लगदी िनमाण वाय, जल और भिम दषण म योगदान करत ह और शीष 10 ीनहाउस गैस उसजक उोग म से एक ह। कागजरिहत का िनित प से ीन हाउस गैस क उसजन को रोकन म अपना महवपण योगदान दगी। 4) अपिश िनपटान – अपिश िनपटान भी कागज से जड़ा एक मख पयावरणीय खतरा है। हर साल िवालय म बहत से कागज बबाद हो जात ह। जैसे िटआउट, िवािथय क परान समनदशन, परान हडआउट, उरपितका, आवेदन प, दिनक समय सारणी आिद कई कार क कागज िवालय म कचर क प म जमा हो जाता है। िजसका कोई काम नह आता। इससे यह पता चला है िक हम वातव म जरत से यादा कागजी दतावेज को िट कर रहे ह। िफर इस कागज को एक थान पर फक िदया जाता है, जहा यह सड़ना श हो जाता है िजससे यह िवषा मीथन गैस छोड़ता है और ििटग याही जो िक वाय क िलए हािनकारक होती है को िमी और जल ोत म छोड़ता है। यिद िवालय क ये सभी काय यिद ऑनलाइन हो तो जैसे िक गगल डॉयमट पर आवेदन िलखना, उर या समनदशन िलखना, इसी क मदद से हडआउट या समय सारणी सभी तक भेजना। तो ऐसी िथित म कागजी कचर से भी िनजात िमलगी और काय भी सरल होगा। िवालय म कई कार क परानी फाइल भी पड़ी रहती है। कागज रिहत काय से उसक थान का भी सदपयोग हो सकगा। कागज रिहत िशा क चनौितया –1) उपकरण क उपलधता – अभी भी बहत से ऐसे िवाथ ह िजनक पास आईपैड या मोबाइल आिद क उपलधता नह है। बहत से िवािथय क आिथक िथित ऐसी नह होती िक वे मोबाइल या उसक िलए हर महीन क डटा क िलए पैकज ल सक खासतौर से िजन परवार म एक साथ कई िवाथ िवालय जान वाल ह। 2) िनपणता क आवयकता– िशक व िवािथय को इस काय म िनपणता क आवयकता होती है। कागज रिहत काय करन म शैिक ऐप डाउनलोड करन से लकर यिद मल आइडी म कोई समया आ जाए या िफर ऐप कोई नया फशन आया हो तो इन सब काय म सभी योगकताओ को िनपण होन क आवयकता होती है वरना एक छोटी सी समया बड़ी गड़बड़ी जैसे लास जॉइन नह होना, समनदशन/उर पितका का जमा ना होना आिद का कारण बन सकती है। िशक को एक तकनीक सहायक को साथ रखन क आवयकता होती है जो इस कार क समया से िनपट सक व िशक अपना यान िशण पर लगा सक। 3) िवािथय क लापरवाही – िवाथ बहत बार अपना मोबाइल/आईपैड चाज करना भल जात ह ऐसे म लग सॉकट क कमी होन से का म समया आ सकती है। पैड, का आिद का पासवड भल जान से का क काय म अवरोध उपन हो सकता है। एक िवाथ क वजह से का दर से आरभ होती ह। कई बार िवाथ का क मय म गेम खलन या सोशल मीिडया का उपयोग करन लग जात ह। िवाथ बार-बार का से बाहर चल जात ह। 4) इंटरनट क समया – सदरवत इलाक म इंटरनट क समया हो सकती है। यह समया मौसम म गड़बड़ी, इंटरनट पैक क अचानक समाि ,उपकरण म समया आन क कारण हो सकती है। 5) अतःिया क कमी– का म िजस कार पारपरक िशण क दौरान अतःिया होती है कागज रिहत िशण अिधगम म ऐसे नह हो पाता है। 6) समय अिधक लगना– िजतनी आसानी से हम कागज क िकसी छोट टकड़ पर भी िलख पात ह उतनी आसानी या जदी से हम टचपैड पर नह िलख पात। पनः िकसी भी काय को उपलध नटवक क गित से सेव करना तथा इसे अपलोड करना कागज पर िलख काय को जमा करन से अिधक समय लता है। पतक म िजतनी जदी हम अपन अनसार प पर चल जात है आईपैड पर जाना थोड़ा अिधक समय लता है। िनकष िशा क म कागज रिहत काय एक बेहतर सभावना क प म सामन आ रहा है। आईपैड या मोबाइल, कागज और कलम क िलए एक आदश व यवहाय िवकप हो सकता है। यह णाली अपन आप म काफ उपयोगी है और यह पयावरण क िकोण से भी काफ लाभदायक है| यह भिम, जल, वाय सभी को दषण से बचाता है| इसक माग म आनवाली चनौितय तथा इसक दभाव को ौोिगक क बेहतर िवकास, अनसधान आिद क ारा दर व कम िकया जा सकता है, िजससे एक बेहतर भिवय क ओर कदम बढ़ाया जा सक। सदभ सची I. शनफड,एम व मैशर, टी (2017) द वॉइस ऑफ टीचस इन अ पेपरलस लासम, 23 InternationalEducation&ResearchJournal[IERJ]

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24 InternationalEducation&ResearchJournal[IERJ] Research Paper E-ISSN No : 2454-9916 | Volume : 8 | Issue : 5 | May 2022

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