अपठित काव्यांश कक्षा 5 हिंदी MCQ Question with Answer

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अपठत कायांश का 5 हद MCQ Question with Answer

अपठत कायांश का 5 हद MCQ covers a significant bit of the Hindi paper. It contains around 24% imprints weightage in the test.Along these lines, students who need to score good grades in Class 5 Hindi should rehearse the understanding entry preceding the test.To help them in their planning, we have given the CBSE Unseen poems to Class 5 Hindi.Students should go through them and tackle the inquiries dependent on these appreciation sections.

Read the Unseen Poem Class 5 in Hindi

01 ननलखत अपठत कायांश को यान स पढ़ और न का उर द : जीवन म आग बढ़ना तो सीखो नद - पहाड़ स | सद गम धप और वषा कत नह य आधी स || कल - कल करती नदया बहती सब को खशया दती ह |

कोई कड़ा डाल तो भी वह

कछ भी ना कहती ह ||

अपन नणय पर अटल,

सदा खड़ा ह पवत राज |

हवा अधया तफ़ा आए

कभी न हलता उसका ताज ||

उपरोत कायांश क आधार पर पछ गए नो क उर लखए |

(क) आग बढ़न क लए हम कसस शा लन क लए कहा गया ह ?

उर- आग बढ़न क लए हम नद - पहाड़ स शा लन क लए कहा गया ह |

(ख) ‘धप’ का वलोम शद ह |

उर‘धप’ का वलोम शद ‘छांव’ ह |

(ग) पवत राज स हम या शा मलती ह ?

उर- पवत राज स हम अटल रहन क शा मलती ह |

(घ) ‘खशया’ शद म यय ह |

उर‘खशया’ शद म यय- या ह |

(ड़) पयांश को एक सदर शीषक दिजए

उर- पयांश का उचत शीषक ‘अटल नणय’ ह |

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02 ननलखत अपठत कायांश को यान स पढ़ और न का उर द :

फटहाल ह य मजदर|

सठ पड़ा मती म चर|

वह सोन क भम फाता||

वो फको को ह मजबर|

दन-दन भर वो हाड़ तड़ाय|

फर भी पट को न भर न पाए|

बच को कस तरह पढ़ाई|

सवधाओ स कोस दर||

उपरोत कायांश क आधार पर पछ गए नो क उर लखए |

(क) मजदर फटहाल य ह?

उर- मजदर फटहाल इसलए ह यक वह दन भर मजदर करता ह पर उसस उसक बदल उचत

ह िजसक बदल म उह उचत वतन भी नह दता ह|

(ग) फाको को मजबर कौन ह और य?

उर- फाको को मजबर मजदर ह यक वह दन भर महनत करता ह|

(घ) दन-भर परम करन क बाद भी मजदर बचारा य ह?

उर- दन-भर परम करन क बाद भी मजदर मजबर इसलए ह यक वह अपन बच को ढग स पढ़ा

लखा नह पाता ह|

(ड़) इस कवता का उचत शीषक लखए

उर‘मज़दर’ इस कवता का उचत शीषक||

Also read:-Unseen Poem Class 6 in hindi 03 ननलखत अपठत कायांश को यान स पढ़ और न का उर द :

तफान क ओर घमा दो नावक नज पतवार

आज सध न वष उगला ह

लहर का यौवन मचला ह

आज दय म और सध म

साथ उठा ह वार

तफान क ओर घमा दो नावक नज पतवार

मजदर ात नह होती ह| (ख) कौन सोन क भम फांकता ह और य? उर- सठ सोन क भम फांकता ह यक वह दन
भर आराम स बठा रहता ह और मजदर स काम करवाता

लहर क वर म कछ बोलो

इस अधड़ म साहस तोलो

कभी-कभी मलता जीवन म

तफान का यार

तफान क ओर घमा दो नावक नज पतवार

उपरोत कायांश क आधार पर पछ गए नो क उर लखए |

(क) वष कसन उगला ह ?

उर- सध न वष उगला ह |

(ख) ‘वष’ का वलोम शद लखए |

उर‘वष’ का वलोम शद ‘अमत’ ह |

(ग) जीवन म कभी-कभी या मलता ह ?

उर- जीवन म तफान का यार कभी - कभी मलता ह |

(घ) ‘नावक’ शद म स यय और मल शद अलग - अलग करक लखए |

उर‘नाव’ मलशद ह, और ‘इक’ यय ह |

(ड़) उपयत पयांश का उचत शीषक लखए |

उर- पयांश का उचत शीषक ह‘तफान क ओर’

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