भौमा कैरली

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अक स. 2
राजभाषा गौरव परसकार प्ाप्त करत हए उपमहानिदशक श्री सधरीब्रत रा्य हिदी एक जीवंत भाषा िै। इसमें बडी सुरभ्यता और उदारता िै। - श्ी के. आर. नारायणन

अक स. 2 2022

अचिा टरी. जरी.

अिवादक अनधकाररी श्रीमतरी सजाता ए. क. वयनतिक सहायक श्री उपकार गग सहायक |ÉEòÉʶÉiÉ ºÉɨÉOÉÒ ¨Éå ´ªÉHò Ê´ÉSÉÉ®ú ±ÉäJÉEòÉå/®úSÉxÉÉEòÉ®úÉå Eäò +{ÉxÉä ½èþÆ* ªÉ½þ +ɴɶªÉEò xɽþÓ ÊEò =xɺÉä ºÉÆ{ÉÉnùEò ¨ÉÆb÷±É EòÒ ºÉ½þ¨ÉÊiÉ ½þÉä*

प्रिय पाठक, हम गर्व से “भौमा कैरली”, भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण, राजय इकाई: केरल और लक्षद्ीप, प्तरुरितपरम की प्हदी पप्रिका का प्द्तीय अक रिसतत कर रहे हैं। इस पप्रिका में हमारे अप्िकाररयों और कम्वचाररयों के साप्हप््यक प्रचारें हैं जो काम की वयसतता के कारण उिकी आखों के पीछे कैद हो गया था। चाहे रह तकिीकी हो या साप्ह्य, रि्येक पष्ठ आपको प्जज्ास और रोचक बिा देगा और मझे आशा है प्क आप रि्येक पष्ठ को पढ़कर इि में मगि हो जाएगे । इस अक में दलाि लोकप्रिय प्रज्ाि और समाजशास्त्र से लेकर तकिीकी लेखों तक प्रप्भनि प्रषयों पर प्िबि, कप्रताए, लघ कथाए आप्द शाप्मल प्कए हैं । प्िबि रत्वमाि मह्र के मद्ों जैसे कोप्रड 19 महामारी, समाज में िेत्र सकट, समाज में रिोघोप्गकों के दष्रिभार आप्द प्रषयों पर प्लखे गए हैं । तकिीकी लेखों में जीएसआई द्ारा रत्वमाि में प्कए जाि राले मह्रपण्व अनरेषण काय्व से लेकर भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण में उपयोग प्कए जाि राले रिोघोप्गप्कयों की समीक्षा भी शाप्मल है।पाठकों को प्रप्रिता रिदाि करि के प्लए हमि अपि कम्वचाररयों की मल कप्रताए लघ कप्रताए आप्द भी शाप्मल की हैं जो उिके लेखि के रिप्त सहज जिि को रिदप्श्वत करती हैं, इसके साथ ही हमि इसमें राजभाषा कामकाजों में हए रिगप्त का प्रररण भी शाप्मल प्कया है । यह िज़र रखते हए प्क यह प्हदी पप्रिका रिकाप्शत करि प्क मखय उद्शय देश में प्हदी के रिचार रिसार में रिेरणा और रिो्साहि देिा है । इस मद् में काम मेरे प्लए मायि रखता है, और मझे उममीद है प्क यह आपके प्लए भी मायि रखेगा । प्पछले अक में अप्िक तकिीकी सामग्ी थी, इसप्लए हमि इस अक में और कप्रताएँ, कहाप्ियाँ और सामानय लेख जोड हैं। मैंि कभी अकेले सपादि िहीं प्कया है। इस खड में एक िया मासट हेड शाप्मल है, जहा आप मेरे रिशसिीय सहयोप्गयों के िाम देखेंगे जो मेरे साथ सपादकों के रूप में जड हैं। मैं उिके उ्साह, उिकी प्रशेषज्ता और इस पप्रिका के रि्येक पष्ठ के मसौदे को पढ़ि की उिकी इचछा से रिसनि ह । मेरी बडी आशा है प्क पप्रिका को प्कसी पररचय की आरशयकता िहीं है, लेप्कि इसे सप्रिय होि के प्लए एक वयसत पाठक की आरशयकता है । उममीद है, जब तक आप पढ़ रहे होंगे, आप मेरे और इस िोट के बारे में सब कछ भल चके होंगे, प्जसका मतलब है प्क मैंि अपिा काम कर प्दया है । सरक्षक श्री सधरीब्रत राय उप महानिदशक मख्य सपादक डॉ. नरिनसरी आर. एम. निदशक सपादक मडल श्रीमतरी सगता वरी. वरी. निदशक, कायालय अधयक्ष एव राजभाषा अनधकाररी श्रीमतरी आशा परी. जरी. वररष्ठ भवज्ानिक श्री सवजरीत कमार चद्रवशरी रसायिज् श्रीमतरी
कनिष्ठ

अनुक्रमणिका

01. संदेश . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 5-9 02. नया सामान्य - कोविड 19 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 10-12 03. वित्तीय िर्ष 2020-21 के दौरान काया्षलयतीन काम हिदती में करने के नकद पुरस्ार विजेता . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 13 04. राजभारा संबन्धित गवतविधियां . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 14-17 05. पेट्ोग्ाफी और पेट्ोग्ाफफकल माइक्ोस्ोप . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 18-20 06. भौमा कैरलती-प्रथम अंक . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 21 07. दद्ष निती तो लाभ निती . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 22 08. हिन्ती सप्ाि के दौरान बचो के ललए आयोजजत प्रवतयोगगता विजेता . . . . . . . . . . . . 23 09. महिला सशक्तिकरण. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 24-25 10. इतना डरािना क्यूँ ि ऐसा ? . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 26 11. भ्यिैज्ावनक शब्ािलती . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 27 12. सचा नेतृत्व . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 28-29 13. मा िमेशा मा िोतती ि . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 30 14. त , मैं, चाय और चेन्नई . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 31 15. विज्ान के बढ़ते कदम: िरदान या अजभशाप . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 32-33 16. रति-बिता जतीिन . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 34-35 17. विशेर विरयगत मानलचत्रण (एसटतीएम) और खवनज अन्ेरण में इसका मित्व-पालघाट-कािेरती कतरनती क्त्र पर विशेर जोर . . . . . . . . . . . . . . . 36-38 18. भारततीय भ्यिैज्ावनक सिक्ण, राज्य इकाई: स्ापना ददिस समारोि . . . . . . . . . . . . . 39 19. एक प्रख्ात भ्यिैज्ावनक की याद में . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 40-41 20. भारततीय भ्यिैज्ावनक सिक्ण राज्य इकाई: हिदती पखिाडा 2021 पर प्रवतिेदन . . . 42-43 4 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
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6 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

भशरत‍सराशर

Government of India

खशि मत्रश य Ministry of Mines

भशरतीय भवज्ञशनिा सवक्षण

Geological Survey Of India

29, जवशहर‍ श ‍िेहरू‍मशर्ग

29, Jawaharlal Nehru Road

ाो ाशतश‍Kolkata - 700016

अत्यत‍ हर् का अनभव हो रहा है‍कक भारतीय भवज्ञाकनक सवक्षण, राज्य इकाई: करल एव लक्षद्वीप, कतरूवनतपरम कायालय “भौमा‍कैरली”‍ क कद्वतीय अक का प्रकाशन कर‍रहा‍ है । राज्य इकाई: करल एव लक्षद्वीप, भारतीय भवज्ञाकनक

बैठकों‍में‍भी‍यह‍कायाषलय‍राजभार्ा‍के‍प्रकत‍समपषण‍के‍कलए‍सराहना‍का‍पात्र‍रहा‍है ।

पकत्रका‍का‍प्रकाशन‍इसकलए‍कसर्ष‍काकमषकों‍को‍अपनी‍

बककक राजभार्ा क कायानवयन की प्रगकत भी सकनकित करती ह। पकत्रका क इस अक की रोचकता कायालय क

काकमकों की लखन कला व कशलता को प्रकतकबकबत करता ह ।

उन सभी कमचाररयों का आभार व्यक्त करता ह कजनक भरसक प्रयास और बहमकय सहयोग न पकत्रका क

प्रकाशन को सर्ल बनाया, मझ कवश्वास ह कक इसके‍ अगल अक हत भी सभी काकमक अपनी योगदान स इस सपष्ट करते‍रहेंगे ।

शभकामनाओ सकहत ।

जनवरी, 2023 (सत्य प्रकाश शक्ल) उप महाकनदशक एव राजभार्ा अकिकारी, कद्रीय मख्यालय, कोलकाता

सत्‍य ्रकाश ्‍ उप महशनिद ा
ाद्रीय
एव रशजभशषश अनिाशरी
मख्यश
सद
सवक्षण क राष्ट्रीय स्तर पर भी राजभार्ा कायान्वयन क क्षत्र म अग्रगण्य‍है।‍‍वाकर्षक‍समीक्षा‍
कहदी‍हमारे‍देश‍की‍राजभार्ा‍के‍साथ -साथ सामाकजक एव सास्ककतक पहलओ को समझन का भी माध्यम ह,
सजनशीलता को उजागर करन का अवसर प्रदान नहीं करता
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सधरीब्रत रा्य उपमहानिदशक भारत सरकार खान मंत्ालय भारतीय भूवैज्ाननक सववेक्षण राज्य इकाई : केरल एवं लक्षद्ीप नतरुवनंतपुरम- 695 013 ºÉÆnä¶É यह अत्त ही हर्ष का नवरय है की भारतीय भूवैज्ाननक सववेक्षण राज्य इकाई केरल एवं लक्षद्ीप अपनी गृह पत्त्का “भौमा कैरली” के प्रथम संस्करण के प्रकाशन के रूप में मील के पत्थर को पार कर द्द्तीय संस्करन के प्रकाशन के ललए तैयार है। गृह पत्त्का का प्रकाशन राजभारा द्हन्ी के उत्थान में सहायक होने के साथ ही अधिकाररयो और कम्षचाररयो को अपनी सृजनशीलता, तकनीकी ज्ान आद्ि की अभभव्यक्ति का सशति माध्यम बनता है। काया्षलय के सभी लोग जजन्ोने इस प्रकाशन के कद्िन काय्ष में प्रत्क्ष एवं परोक्ष रूप से सहायता प्रिान द्कया है वो सभी बिाई के पात् हैं। मैं द्द्तीय संस्करण के प्रकाशन के ललए संपािक मण्डल के सभी सिसो को िन्यवाि िेता हूँ और राज्य इकाई: केरल एवं लक्षद्ीप के सभी अधिकाररयो और कम्षचाररयो को हार्िक बिाई िेता हूँ। जय द्हन् , जय द्हन्ी िन्यवाि। नतरुवनंतपुरम अगस्त 2022 8 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
यह अत्त ही प्रसन्नता और गव्ष की बात है की हमारे काया्षलय में गृह पत्त्का भौमा कैरली के द्द्तीय अंक का प्रकाशन होने जा रहा है। गृह पत्त्का का प्रकाशन राजभारा द्हन्ी के प्रयोग में गनत लाने में अत्त ही सहायक है। गृह पत्त्काए संघ की राजभारा नीनत के प्रगामी प्रयोग में योगिान िेने हेतु पािको को प्रेररत करने का काय्ष करती है। द्द्तीय अंक में तकनीकी आलेखो के साथ कुछ जीवन संबन्धित रचनाओ को भी शात्मल द्कया गया है जजससे रचनाकारो एवं पािको की रुचच द्हन्ी में बढ़ेगी ऐसा मैं आशा करती हूँ। राजभारा अधिकारी होने के नाते मैं सम्ािन मण्डल के सभी सिसो के प्रनत आभार प्रकट करना चाहती हूँ। राज्य इकाई केरल एवं लक्षद्ीप के सभी अधिकाररयो और कम्षचाररयो को हार्िक बिाई िेती हूँ। जय द्हन् , जय द्हन्ी, िन्यवाि सुगता िती.िती ननिेशक, काया्षलय अध्यक्ष एवं राजभारा अधिकारी सगता वरी वरी निदशक, का्याल्य अध्यक्ष एव राजभाषा अनधकाररी भारत सरकार खान मंत्ालय भारतीय भूवैज्ाननक सववेक्षण राज्य इकाई : केरल एवं लक्षद्ीप नतरुवनंतपुरम- 695 013 ºÉÆnä¶É नतरुवनंतपुरम अगस्त 2022 9 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

सामानय - कोविड 19

दप्िया एक अदृशय, घातक दशमि से जझ रही है, यह समझि की कोप्शश कर रही है प्क कोरोिा रायरस से उ्पनि खतरे के साथ जीिा कैसे है। िोरेल कोरोिा रायरस महामारी, 1918 के फल महामारी के बाद से पाचरीं रिलेप्खत महामारी बि गई है। मधय चीि के रहाि शहर में 2019 के मधय प्दसबर में बहत से लोगों को प्बिा प्कसी कारण प्िमोप्िया होि लगा और यह देखा गया की पीप्डत लोगों में से अप्िकतर लोग रहाि सी फड माकवे ट में मछप्लयाँ बेचते हैं तथा जीप्रत पशओ का भी वयापर करते हैं। चीिी रैज्ाप्िकों ि बाद में कोरोिारायरस की एक िई िसल की पहचाि की प्जसे 2019-nCoV रिारप्भक पदिाम प्दया गया। कोरोिा रायरस को
Respiratory
अब
सात मािर
रायरस (HcoVs) की पहचाि की गई है (िीचे दी गई ताप्लका देखें)। उिमें से चार आम हैं; कम जोप्खम और आम तौर पर सरसथ मािर रयसकों में के रल हलके श्वसि सबिी बीमाररयों का कारण बिता है। हालाप्क, र सामानय सददी सरिमण के एक प्तहाई में योगदाि करते हैं और कमजोर रिप्तरक्षा रिणाली राले उचच जोप्खम राले लोगों में, र दीघ्वकाप्लक, घातक बीमाररयों का कारण बि सकते हैं। मािव कोरोिा वा्यरस िाम बरीमाररी SARS-CoV-2 कोनवड-19
Severe acute respiratory syndrome (SARS) MERS-CoV Middle East respiratory syndrome (MERS) HcoV-NL63 साधारण श्ास सबधरी बरीमाररी HCoV-229E HCoV-OC43 HKU1 अनय तीि (MERS, SARS और कोप्रड-19) सास की तकलीफ और यहा तक प्क मौत जैसी गभीर बीमारी का कारण बिते हैं। कोप्रड-19 बीमारी SARS और MERS की तलिा में हलकी होती है लेप्कि चार सामानय डॉ. निमाई भडाररी रसायनज्ञ नया
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आप्िकाररक तौर पर Severe Acute
Syndrome कोरोिा रायरस 2 (SARSCoV-2) िाम प्दया गया।
तक
कोरोिा
SARS-CoV
कोरोिाराइरस के कारण होि राली बीमारी से अप्िक गभीर होती है। SARS-CoV-2 अतराष्ट्ीय प्चता का प्रषय बि गया है और मािर से मािर में फैलि में सक्षम है। देश में कोप्रड-19 महामारी के प्लए भारत सरकार की पहली रिप्तप्रियाओ में चीि से आि राले याप्रियों की थम्वल सरिीप्िग शाप्मल थी, माच्व 2020 के दौराि, कई शटडाउि और वयापार बद करि की शरूआत की गई थी, और महीि के अत तक, भारत सरकार ि वयापक लॉकडाउि का आदेश प्दया। भारत सरकार ि इस घातक कोरोिा रायरस से प्िपटि के प्लए समय-समय पर प्रप्भनि प्दशा-प्िदवेश जारी प्कए हैं। इलेक्ट्ॉप्िक्स और सचिा रिौद्ोप्गकी मरिालय ि देश में कोप्रड-19 महामारी के “सपक्व ट्ेप्सग और रिसार को प्ियप्रित करिे” में मदद करि के प्लए “आरोगय सेत” िामक एक समाट्व फोि एप््लकेशि लॉनच प्कया। भारत में कोप्रड19 महामारी के दौराि प्रत्त मप्रि ि गरीबों के प्लए रििािमरिी गरीब कलयाण योजिा (PMGKY) के तहत 1.70 लाख करोड रूपये (24 अरब डॉलर) राहत पैकेज की घोषणा की। सभी जीप्रत की तरह, रायरस लगातार बदल रहे हैं और प्रकप्सत हो रहे हैं। SARS-CoV-2 के रायरस समय के साथ उ्परररप्त्वत हो गया है, प्जसके पररणामसररूप कोप्रड-19 महामारी के दौराि रायरल सट्ेि के रिसार की आबादी में आिरप्शक प्भनिता है। SARS-CoV-2 के रेररएट की अलग-अलग प्रशेषताए हैं। उदाहरण के प्लए, कछ अप्िक आसािी से फैल सकते हैं या मौजदा उपचार प्रकलपों के रिप्तरोि के लक्षण प्दखा सकते हैं और कछ का प्पछले और रत्वमाि में पररसचारी रायरस की तलिा में कोई रिभार िहीं हो सकता है। साल 2020 के अत में भारत में पहली बार पहचािा गया, डेलटा ससकरण दप्िया भर में तेजी से फैल गया। डेलटा रैररएट ि मािर जीरि को भारी िकसाि पहचाया। प्रशेष रूप से भारत जैसे देश में ऑक्सीजि की कमी के कारण बहत से लोगों को सडकों पर मरते देखा गया और भारत अभी भी डेलटा से प्िपटाि के प्लए सघष्व कर रहा है। अब प्रश्व डेलटा के साथ एक िए रैररएट ओमाइरिोि का सामिा कर रहा है। िरबर में दप्क्षण अप्रिका में पहली बार पता चलि के बाद से अ्यप्िक सरिामक ओमीरिॉि रैररएट दप्िया को खतरे में डाल प्दया। ओमाईरिोि रैररएट में प्पछले SARS-CoV-2 रेररएट की तलिा में काफी अप्िक मयटेशि हैं, प्रशेष रूप से इसके S-जीि में, रह जीि जो रायरस के सपाइक रिोटीि को एिकोड करता है। लेप्कि तथय यह है प्क यह प्पछले कोरोिारायरस रेररएट की तलिा में गभीर बीमारी का कारण होि की सभारिा कम है। डबलयएचओ के अधयक्ष डॉ टेड्ोस अदिाम के अिसार “जबप्क ओमाइरिोि डेलटा की तलिा में कम गभीर रितीत होता है, प्रशेष रूप से टीकाकरण रालों में, इसका मतलब यह िहीं है प्क इसे ‘हलके ’ के रूप में रगदीकत प्कया जािा चाप्हए। कोरोिारायरस में फल जैसे लक्षण होते हैं जो आमतौर पर सरिमण के 2 से 7 प्दि बाद शरू होते हैं। कभी- कभी, रायरस के सपक्व में आि और लक्षणों की शरूआत के बीच का समय 10 प्दिों तक का हो सकता है। कोरोिारायरस के लक्षणों में शाप्मल हैं: एक उचच तापमाि (बखार), अ्यप्िक थकाि, प्सर दद्व, ठड लगिा, मासपेप्शयों में दद्व, सखी खासी सास लेि में कप्ठिाई और रक्त में ऑक्सीजि की बढ़ती कमी जो सबसे गभीर मामलों में घातक हो सकती है। उपचार मखय रूप से एहप्तयाती हैं जैसे मासक पहििा, हाथ साफ करिा, सरप्क्षत दरी बिाए रखिा आप्द और इसमें शाप्मल हो सकते हैं: प्िमोप्िया का कारण बिि राले बैक्टीररया के इलाज के प्लए एटीबायोप्टक्स और ऑक्सीजि देि के प्लए रप्टलेटर का उपयोग करके सास लेि में सहायता करिा। Worldometers के कोप्रड-19 डेटा के अिसार 24 जिररी 2022 तक, दप्िया भर में 352,074,971 सप्रिय मामलों और 5,614,606 मौतों के प्लए कोरोिा रायरस प्जममेदार है और यह सखया अभी भी बढ़ रही है। कल 71,925,931 मामलों के साथ सयक्त राजय अमेररका सबसे अप्िक रिभाप्रत हआ, जबप्क भारत 39,543,328 मामलों के साथ दसरे सथाि पर है। 11 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
भारत सरकार कोरोिा रायरस से बहत समझदारी से प्िपट रही है। भारत सरकार की सरासथय और परररार कलयाण मरिालय(MoHFW) के आकडों के अिसार, भारत में अब (24 जिररी 2022) के रल 2249335 (5.69%) सप्रिय मामले हैं और 36804145 (93.07%) मामलों को छट्ी दे दी गई है, जबप्क म्य दर दप्िया में सबसे कम 1.24% है। प्पछले (कोप्रड-19) रेररएट की तरह; ओप्मरिॉि लोगों को असपताल में भतदी कर रहा है और यह लोगों को मार रहा है। टीके रायरस के रिसार को सीप्मत करि और गभीर बीमारी को कम करि में मह्रपण्व भप्मका प्िभा रहे हैं। 16 जिररी, 2021 को भारत ि कोप्रड-19 रप्क्सि की पहली खराक प्दलाई। देश के टीकाकरण अप्भयाि के शरू होि के बाद से यह एक घटिापण्व रष्व रहा है। राष्ट्ीय टीकाकरण अप्भयाि के तहत भारत में अब तक 162 करोड से अप्िक रप्क्सि की खराक प्दलाई जा चकी है। इिमें से 92 करोड (जिसखया का 67.1%) से अप्िक को पहली खराक के रूप में, 68 करोड (जिसखया का 49.6%) को दसरी खराक के रूप में और 78 लाख को ‘एहप्तयाती खराक’ के रूप में प्दया गया है। भारत रत्वमाि में सथािीय सतर पर प्िप्म्वत दो टीकों, कोरीशीलड और कोरप्क्सि और रूसी टीका सपतप्िक का सचालि कर रहा है। कोरोिारायरस महामारी प्द्तीय प्रश्व यद्ध (WWII) के बाद से जीरि, आजीप्रका और अथ्ववयरसथा के प्लए सबसे बड खतरे का रिप्तप्िप्ि्र करती है। यह पहले से ही तेजी से समाजों और अथ्ववयरसथाओ को बदल रहा है, लोगों के बातचीत करि के तरीके, उिके काम करि के तरीके और उिके जीरि के तािे-बाि को बदल रहा है। इस रिकोप की शरुआत के बाद से, लाखों लोग अप्सत्र के खतरे का सामिा कर रहे हैं। दप्िया के 3.3 प्बप्लयि रप्श्वक काय्वबल में से लगभग आि को अपिी आजीप्रका खोि का खतरा है। लोकडाउि के दौराि आय अप्ज्वत करि के सािि के प्बिा, कई अपिा और अपि परररार का भरण पोषण करि में असमथ्व हैं। जैसे-जैसे कमाि राले िौकरी खोते हैं, बीमार पडते हैं और मर जाते हैं, लाखों मप्हलाओ और परुषों की खाद् सरक्षा खतरे में पड जाती है, कम आय राले देशों के लोगों के साथ। उभरते और प्रकासशील देशों को प्रशेष रूप से हमारे समाज में सबसे कमजोर रग्व के साथ रप्श्वक समथ्वि और एकजटता की आरशयकता है। तभी हम सभी लोगों के सरासथय, आजीप्रका, खाद् सरक्षा की रक्षा कर सकते हैं और यह सप्िप्चित कर सकते हैं प्क हमारा ‘िया सामानय’ बेहतर हो। हमें यह माििा होगा प्क कोप्रड-19 राइरस जलद खतम िहीं होि राला है और हमें इसके साथ लबे समय तक रहिा है और साथ ही हम सभी को इस ‘िया सामानय’ के साथ जीिा चाप्हए | हिदी िी भारत की राष्ट्रभाषा िो सकती िै। - श्ी. वी. कृष्णस्ामी अय्यर 12 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
वित्तीय िर्ष 2020-21 के दौरान काया्षलयतीन काम हिंदती में करने के नकद पुरस्ार
डॉ फ्रसी आर.एम., वनदेशक प्रथम परस्कार श्ीमती रेचल ्ोशी प्रशासवनक अविकारी प्रथम परस्कार श्ीमती मज आनदन िररष्ठ भिैज्ावनक फवितीय परस्कार श्ी जॉन पोनरकाज प्रिरश्णी विविक फवितीय परस्कार श्ी षजीद ए., प्रिर श्णी विविक फवितीय परस्कार श्ी सफलन वी.्े., सहायक ततीय परस्कार श्ीमती फसध टी. अिर श्णी विविक ततीय परस्कार श्ी प्रवीण बी. प्रिर श्णी विविक ततीय परस्कार श्ी रेजी जॉन अिर श्णी विविक ततीय परस्कार श्ी सरेन्द्रन ए., भडार अविकारी ततीय परस्कार 13 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
विजेता

3.

रिकाशि एक चिौतीपण्व काय्व

था। काया्वलय के अप्िकाररयों और कम्वचाररयों के

समग् रियास से रिथम अक का प्रमोचि उपमहाप्िदेशक

महोदय द्ारा 14 प्सतबर को प्हनदी प्दरस के दौराि

प्कया गया। इस महत्ती काय्व हेत िराकास, प्तरुरितपरम

एर केंद्ीय मखयालय, कोलकाता से रिमाणपरि रिाप्त

हआ।

तकिीकी सगोष्ठी का आयोजि: राजभाषा के प्रकास

के रिप्त अपिी

भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण राजय इकाई: केरल एर लक्षद्ीप राजभाषा के रिप्त अपिी उत्तरदाप्य्रों से भलीभाँप्त पररप्चत है और समपण्व समप्वण के साथ राजभाषा के उ्थाि के रिप्त रिप्तबद्ध है। इस काया्वलय में राजभाषा से सबप्नित सभी प्ियमों के पण्व अिपालि का रियास प्कया जाता है। राप्ष्वक काय्वरिम के अिरूप सभी गप्तप्रप्ियों के सचारु रूप से प्िष्पादि के प्लए समय समय पर प्िप्द्वष्ट उपाय प्कए जाते हैं। इसी रिम में काया्वलय में होि राले राजभाषाई गप्तप्रप्ियों का सप्क्षप्त प्रररण प्िमनरत है, 1. िराकास सबप्नित काय्वराई: राजय इकाई केरल एर लक्षद्ीप काया्वलय प्तरुरितपरम शहर के िराकास (काया्वलय 1) के रिथम श्णी के अदर आता है प्जसमें 50 से अप्िक सखयक काप्म्वक राले काया्वलय आते हैं । रष्व के दौराि चारों प्तमाही ररपोट्व िराकास को प्िप्द्वष्ट समय के अतग्वत भेजे जाते हैं । िराकास द्ारा आयोप्जत अप्भमखीकरण काय्वशालाओ आप्द में काया्वलय से अप्िकाररयों र कम्वचाररयों को िाप्मत कर भाग प्लया जाता है । िराकास के अि्वराप्ष्वक बैठकों में काया्वलय से उपमहाप्िदेशक महोदय एर प्िदेशक तथा राजभाषा अप्िकारी महोदया ि सरय भाग प्लया था। इस रष्व के माच्व महीि में हए बैठक में हमारे काया्वलय को िराकास काया्वलय-1 के अतग्वत आि राले काया्वलयों में से सर्वश्ष्ठ राजभाषा काया्वनरयि के प्लए रिथम सथाि रिाप्त हआ और इस काया्वलय को राजभाषा गौरर परसकार से िराजा गया। िराकास द्ारा आयोप्जत प्रप्भनि रिप्तयोप्गताओ में काया्वलय के तीि पदिारी परसकत हए। 2. गह पप्रिका “भौमा कैरली” के रिथम अक का रिकाशि: हमारे काया्वलय ि गत रष्व गह पप्रिका भौमा कैरली का सफल रिकाशि कर राजभाषा के क्षेरि में एक मील के प्थर को पार प्कया है। काया्वलग ग क्षेरि में होि के कारण गह पप्रिका का
रिप्तबद्धता के साथ राजय इकाई केरल एर लक्षद्ीप में प्दिाक 28/03/2022 को रिथम बार तकिीकी एर रैज्ाप्िक राजभाषा सगोष्ठी का आयोजि प्कया गया। रिथम बार के इस सगोष्ठी में काया्वलय के अप्िकाररयों ि अलग अलग प्रषयों पर कल 4 रिसततीकरण रिसतत प्कए। इस सगोष्ठी के दौराि दप्क्षणी क्षेरिीय सतर पर आयोप्जत तकिीकी एर रैज्ाप्िक राजभाषा संबन्धित गतततिधियां 14 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
राजभाषा सगोष्ठी में भाग लेकर और परसकार रिाप्त कर काया्वलय का माि बढ़ाि राले अप्िकाररयों को परसकत भी प्कया गया। 4. राकास बैठकें एर काय्वशालाओ का आयोजि: परे रष्व के दौराि गह मरिालय भारत सरकार द्ारा प्दये गए राप्ष्वक काय्वरिम के अिपालि में प्ियप्मत कोरोिा महामारी के आतक के बीच भी ऑिलाइि अथरा ऑफलाइि माधयम से राकास बैठक एर काय्वशालाओ का आयोजि प्कया जाता रहा है। प्दिाक 23/06/2021, 23/09/2021, 23/12/2021 एर 24.03.2022 को रिमशः 4 राजभाषा काया्वनरयि सप्मप्त बैठक आयोप्जत की गई। काया्वनरयि सप्मप्त बैठक के साथ ही अलग अलग प्रषयों पर अलग अलग प्चप्नहत सकायों के माधयम से काय्वशालाओ का आयोजि प्कया गया। 5. अनय उललेखिीय उपलप्बिया: राजय इकाई केरल एर लक्षद्ीप राजभाषा के क्षेरि में अपि समप्प्वत रियास के कारण भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण के राष्ट्ीय सतर पर प्रशेष खयाप्त अप्ज्वत की है। केंद्ीय मखयालय कोलकाता द्ारा अप्खल भारतीय राजभाषा समीक्षा बैठक में रिमाणपरि रिाप्त हआ है। क्षेरिीय मखयालय के अतग्वत आि राले काया्वलयों मे अग्णी हमारे काया्वलय के 5 अप्िकाररयों एर कम्वचाररयों को प्रभागाधयक्ष एर अपर महाप्िदेशक द्ारा रिमाणपरि रिदाि कर उिका हौसला बढ़ाया गया है। क्षेरिीय सतर पर चेनिई में आयोप्जत रैज्ाप्िक एर तकिीकी राजभाषा सगोष्ठी के दौराि काया्वलय से 3 अप्िकाररयों ि भाग प्लया और उिमे से 2 अप्िकाररयों ि रिमश: प्द्तीय एर ततीय सथाि रिाप्त कर काया्वलय को गौरराप्नरत प्कया है। िरसकार ग्रहण करते हए डॉ व्रसी आर.एम., वनदेशक प्रमाणित्र ग्रहण करते हए श्ी सिीष िी. एन., वनदेशक िेख प्रसतत करते हए श्ी राजेष एस., वनदेशक 15 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
नराकास के अि िावष्ध क बैठक में भाग िेते हए उिमहावनदेशक और वनदेशक एि राजभाषा अविकारी नराकास के ततिाििान में नगद िरसकार िरसकार प्राप्त करते हए डॉ व्रसी आर एम, वनदेशक अवखि भारतीय समीक्ा बैठक में राजभाषा काया्ध नियन के विए प्राप्त प्रमाणित्र दवक्ण क्त्र, हैदराबाद से प्रशसा प्रमाण ित्र 16 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
पखवाडा 2021 के दौरान हिन्ी में सरािनीय काम के लिए पुरस्त पदधारी श्ीमती फबफनतका एस.एस., वररष्ठ भवैज्काफन् श्ीमती मज अनदन, वररष्ठ भवैज्काफन् डॉ फनमकाई भडकारी, रसकायनज् श्ी सरेंद्रन ए. भडकार अफध्कारी श्ीमती रेचल ्ोशी, प्रशकासफन् अफध्कारी श्ी प्रतीष बी. वररष्ठ त्नी्ी सहकाय् श्ीमती ए.्े.सजकातका, वैयफति् सहकाय् श्ी उप्कार गग्ग, सहकाय् 17 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

िमि का उपयोग करके या सक्मदशदी के िीचे उसका पतला भाग

बिाकर प्कया जा सकता है। पतले खड

का अधययि करि के प्लए

प्जस सक्मदशदी का उपयोग प्कया जाता है उसे

पेट्ोलॉजी (Petrology) चट्ािों का अधययि हैआगिेय, कायातररत और अरसादी- और र रिप्रियाएँ जो उनह ब िाती और रूपातररत करती हैं। हालाप्क, पेट्ोग्ाफी, पेट्ोलॉजी की एक शाखा है जो चट्ािों के प्रसतत प्रररण पर कें प्द्त है। पेट्ोग्ाफी का अधययि करि राले को पेट्ोग्ाफर कहा जाता है। पेट्ोग्ाफी का अधययि चट्ाि के हसत
(Thin section) में चट्ािों का अधययि घटक खप्िज के ऑप््टकल गणों पर आिाररत है। चट्ाि के पतले रगगों
पेट्ोग्ाप्फकल
कहा जाता है। यह चट्ाि में खप्िजों की रिकप्त का अधययि करि के प्लए ध्रीकत रिकाश (Polarised light) का उपयोग करता है। कभी-कभी हाथ के िमि में खप्िजों की पहचाि करिा मप्शकल होता है क्योंप्क र आकार में छोटे होते हैं और साथ ही प्रररण में इसकी प्रशेषताओ की पहचाि िहीं हो पाती हैं। चट्ाि प्रप्भनि खप्िजों से बिी होती हैं। एक पेट्ोग्ाप्फकल माइरिोसकोप, खप्िज के पहचाि के साथ साथ आसनि खप्िज के साथ उसके सबि की पहचाि करि में मदद करता है। चट्ािों को रगदीकत करि के प्लए बिारट बहत मह्रपण्व है। खप्िजों की पहचाि उसके रग, उसके आकार, आसनि खप्िजों के साथ उसके सबि, उसके रिकाप्शक गणों आप्द के आिार पर की जा सकती है। रि्येक खप्िज अप्द्तीय है और इसके रिकाप्शक गण भी अप्द्तीय हैं। एक चट्ाि में रि्येक खप्िज की मारिा (सखया) उसके िाम को पररभाप्षत करती है। भरैज्ाप्िक इसके डॉ. नरिनसरी आर.एम. ननदशक राजय इकाई: केरि एि िक्द्ीि में स्ावित िेट्ोग्राविकि माइक्ोसकोि पेट्रोग्ाफी और पेट्रोग्ाफफकल माइक्ररोस्रोप 18 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
माइरिोसकोप
कैलसाइट वक्सटि बायर्ररींग (Birefringence). इसे दोहरा अिित्ध न (Double refraction) भी कहा जाता है, यह घटना एक ऐसी सामग्री में होती है जो एक समान नहरीं है और विवभनन वदशाओ में प्रकाश वभनन तरीके से प्रभावित करती है (अवनसोट्ोविक) चारनोकाइट (केरि में सबसे आम चट्ानों में से एक) - सामानय दृवटि के तहत माइक्ोसकोि के तहत चाननोकाइट (क्ॉसड वनकोिस) खोंडािाइट (केरि के आम चट्ानों में एक) - सामानय दृवटि के तहत माइक्ोसकोि के तहत खोंडािाइट (क्ॉसड वनकोिस) ग्रे नाइट (हा् के नमने) ग्रे नाइट में वमरमे वकवटक (कयनी िॉम्ध राईवटग) बनािट अगेट (हा् के नमने) अगेट (क्ॉसड वनकोिस) 19 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

एक प्रज्ाि के रूप में पेट्ोग्ाफी की शरुआत 1828 में सकॉप्टश भौप्तक प्रज्ािी

भौप्तक गणों के आिार पर इसके हाथ के िमि में चट्ािों की पहचाि करते हैं, हालाप्क एक प्रशेष खप्िज की उपप्सथप्त की पप्ष्ट इसके ऑप््टकल गणों और इस रिकार चट्ाि के िामकरण से होती है। पेट्ोलॉफज्ल मकाइक्ोस्ोप ्ी उतपफति
प्रप्लयम प्िकोल द्ारा एक प्रशेष प्रिजम में आइसलैंड सपार - Iceland spar (कैलसाइट - Calcite) के प्रिसटल को काटकर ध्रीकत रिकाश उ्पनि करि के प्लए आप्रष्कार की गई तकिीक से हई थी, प्जसे अभी भी प्िकोल प्रिजम (Nicol prism) के रूप में जािा जाता है। हम सक्मदशदी के िीचे पतले खड का अधययि करते हैं या तो समतल ध्रीकत रिकाश या रिासड प्िकोलस. ध्रीकत रिकाश माइरिोसकोपी में, समतल-ध्रीकत रिकाश को एक डबल अपरत्वक सामग्ी के माधयम से पाररत प्कया जाता है। एक पोलराइज़र का उपयोग करि से सलाइड को समतल ध्रीकत रिकाश में देखिा सभर हो जाता है; लबरत मोड में दो पोलराइज़र का उपयोग करि को रिॉसड प्िकोलस कहा जाता है। मास्टर प्णव राज परी. डॉ. न्रसी आर. एम. ननदशक का सपत्र भारत की अखंडता और व्यक्तित्व बनाए रखने के लिए हिदी का प्रचार अत्त आवश्यक िै। - मिाकक्व शंकर करूप 20 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

भौमा कैरलीप्रथम

अंक

से परसकार एि प्रमाण पत्र पत्र लेते हए श्ीमती सगता िी. िी., वनदेशक एि राजभाषा अवधकारी

भकारतीय भवैज्काफन् सववेक्षण रकाजय इ्काई: ्ेरल एव लक्षविीप ्कायका्ग लय में रकाजभकाषका क्षे त्र में सफल मील ्का पतथर है- गह पफत्र्का “भौमका ्ैरली” ् प्रथम अ् ्का प्र्काशन। ्काय्ग लय ्ी गह पफत्र्का ्का प्रथम अ् ्का फवमोचन 14 फसतबर 2021 ्ो श्ी सधीब्रत रकाय, उपमहकाफनदेश् विकारका फ्यका गयका। प्रथम अ् ्का सकाफहतय फभन्न- फभन्न फवधकाओ ् सकाथ ्कायका्ग लय ् फवफभन्न त्नी्ी गफतफवफधयों पर प्र्काश डकालका है सकाथ ही ्कायका्ग लय में मनकाए जकाने वकाले फवफभन्न समकारोह ् भी ररपोट्ग एव छकायकाफचत्र शकाफमल फ्ए गए है। रकाजभकाषका गफतफवफधयका, शबदकावली आफद ्का भी समफचत समकावेश इस पफत्र्का में फ्यका गयका है। इसी गहपफत्र्का ्ो ्द्रीय मखयकालय एव नगर रकाजभकाषका ्कायका्गन्वयन सफमफत- ्कायका्ग लय (1), फतरुवनतपरम से परस्कार एव प्रमकाण पत्र प्रकाप्त हआ है जो सपकाद् मणडल ्ो आगे जकाने एव फवितीय अ् ्ी तैयकारी में ऊजका्ग प्रदकान ्रती है। “भौमा कैरली” के प्रथम अक विमोचन करते हए श्ी सधीब्रत राय, उपमहावनदेशक नगर राजभाषा कायायानियन सवमवत- कायायालय (1), वतरुिनतपरम
केंद्ीय मखयालय से प्राप्त प्रमाणपत्र नगर राजभाषा कायायानियन सवमवत से प्राप्त प्रमाणपत्र
21 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

दद नहीं तो लाभ नहीं

भि ही इसे कछ ही समय में ठीक वकया

जा सकता है। उस समय को न के िि प्रतीक्ा

ऐसे करो जैसे आि कर

सकते हैं या कम से कम इसके बारे में

िरेशान न हों िवकन कभी भी डर से

एक बड नकसान से उबरने की यात्रा में यहा चनौवतयों का एक तिान आता है... कहते हैं “आँखों की कीमत तब समझ में आती है जब िो गायब होती है” सच में कही गई सबसे सचची बात है... जब आिका मखय सतभ दसरों के विए ्ोड समय के विए ढह जाता है, िवकन आिके विए यह वचता और अिसोस का एक भयानक दौर होता है, वजसका िण्ध न नहरीं वकया जा सकता है।
अिवि के रूि में उियोग करना, बवलक सभी दद्ध और खरोंच से उिचार अिवि के रूि में उियोग करना... जीिन में एक बरा समय दो तरह से इसते माि वकया जा सकता है। एक आि इसे िटिता के सा् सामना करते हैं और न ही इसे डर के सा् बबा्ध द करते हैं...उग्र बनो, वनवभ्ध क बनो, इसका सामना
भागें नहरीं... जीिन में आिको सबसे कवठन रासते से अके ि ही गजरना है िवकन िह रासता आिको िह सब कछ देता हे जो आि आगे अिना जीिन जीना चाहते हैं.... उििव्दयों का आनद िेते हए अिने आि की उनबािाओ को कभी न भि वजनसे आि इसे प्राप्त करने के विए आए ्े... तावक मेरे दोसतों हम कहें वक कोई दद्ध नहरीं के कोई िाभ नहरीं....... क. मरीिाक्षरी सगता मिोज श्ीमती सगता वी.वी. ननदशक की सपत्री 22 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

्फवतकालकापन

प्र्म िरसकार आतमज ए.जी.

सपरि श्ीमती अच्विा टी.जी., कप्िष्ठ अिराद अप्िकारी

्फवतकालकापन

ततीय िरसकार

अफमत चद्रन

सपरि श्ी रप्रचद्ि आर.

प्िदेशक

फचत्र्कारी प्रफतयोफगतका

ततीय िरसकार

असनका षजीद

सपरिी श्ी षजीद, एस. रिरर श्णी प्लप्पक

फनबध लेखन

प्र्म िरसकार

अफभफजतका ्े.आर.

सपरिी श्ी के.री. राज, भडार अप्िकारी

फनबध लेखन ततीय िरसकार अविै त ए. जी. सपरि श्ीमती अच्विा टी.जी., कप्िष्ठ अिराद अप्िकारी

्फवतकालकापन

वद्तीय िरसकार

आरव ए.

सपरि प्लषी टी. रररष्ठ भरैज्ाप्िक

फचत्र्कारी प्रफतयोफगतका ततीय िरसकार

फनवेधका जे.प्रवीण

सपरिी श्ी बी.रिरीण, रिरर श्णी प्लप्पक

फनबध लेखन

वद्तीय िरसकार

हृदयका जॉनसन

सपरिी श्ीमती अजी थॉमस, रिरर श्णी प्लप्पक

हिन्ी सप्ाि के दौरान बच्चों के ललए आयरोलजत प्रततयरोधगता तिजेता
फचत्र्कारी
प्र्म
्फ्वन जॉय सपरि
फचत्र्कारी रिप्तयोप्गता वद्तीय िरसकार फनरजनका आर. ्षणका सपरिी श्ी राजेष एस., प्िदेशक फचत्र्कारी रिप्तयोप्गता वद्तीय िरसकार एसतर एफलजकाबेत जॉन सपरिी जॉि पोिराज, रिरर श्णी प्लप्पक
रिप्तयोप्गता
िरसकार
श्ी जॉय एस, प्िदेशक
23 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

प्रद्ासागर जैसे समाज

सिारकों के उदय के साथ मप्हला अप्िकार आदोलि ि देश में गप्त पकडी। उिके ईमािदार रियासों के कारण, सती

की रिथा को समाप्त कर प्दया गया था, प्रिरा पिप्र्वराह

मप्हला सशप्क्तकरण का मखय लक्य समाि सामाप्जक, आप्थ्वक और राजिीप्तक अप्िकारोंं और अरसरों को मप्हलाओ के प्लए सप्िप्चित करिा है। मप्हला अप्िकार आदोलि पप्चिम में समाि मतदाि अप्िकाररयों की माग के रूप में शरू हआ। यह आदोलि, मताप्िकार आदोलि जैसा प्क हम इसे कहते हैं, सरतरिता के बाद मतदाि रिणाली के रूप में सार्वभौप्मक रयसक मताप्िकार को अपिाि के हमारे देश के फैसले के पीछे एक मह्रपण्व रिेरणा थी। यह मप्हलाओ के प्लए समाि राजिीप्तक अप्िकार रिाप्त करि की प्दशा में पहला कदम था। औद्ोप्गक रिाप्त के बाद तकिीकी रिगप्त के कारण मप्हलाओ के प्लए होममेप्कग का बोझ बहत कम हो गया, र प्रत्तीय सरतरिता के बारे में अप्िक जागरूक हो गए। प्द्तीय प्रश्व यद्ध के बाद सेरा क्षेरि का प्रकास, प्जसि थोडी शारीररक शप्क्त की आरशयकता राले कायगों को जनम प्दया, इस प्दशा में एक महाि सप्रिारिदाता रही है। भारत रिारप्भक रप्दक काल में एक मातसत्ता्मक समाज रहा है प्जसमें मप्हलाए समाज के मह्रपण्व और शप्क्तशाली पदों पर आसीि थीं। बाद के रप्दक काल में ही समाज में मप्हलाओ का सथाि कम हआ। सती आदी की अमािरीय रिथाए शरू हई जो मािराप्िकारों का उपहास थीं। राजा राममोहि राय, ईश्वरचद्
प्रिेयक पाररत प्कया गया था। 1848 में, साप्ररिीभाई फले द्ारा देश का पहला बाप्लका प्रद्ालय सथाप्पत प्कया गया था। प्जसि मप्हलाओ को परुषों के बराबर प्शप्क्षत होि का सवगगी्य स्या गा्यत्री श्ी सनिन वी क, सहायक की सपत्री
24 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
महिला सशक्तिकरण
उप्चत मौका प्दया। मप्हलाओ ि भी सरतरिता सग्ाम में मह्रपण्व भप्मका प्िभाई। गाप्िजी ि स्याग्ह और असहयोग आदोलिों के दौराि मप्हलाओ के बप्लदाि और सप्हष्णता की क्षमता का उपयोग प्कया। जहा
की
करि का सराल है, आज हमि काफी रिगप्त की है। सपप्त्त उत्तराप्िकार प्बल परररार की लडप्कयों को पैतक सपप्त्त का लडकों के समाि अप्िकार देता है। घरेल प्हसा की समसया से प्िपटि के प्लए घरेल प्हसा से मप्हलाओ की सरक्षा प्रिेयक 2005 में पाररत प्कया गया था। 2013 में, काय्व सथल (रोकथाम, प्िषेि और प्रररण) अप्िप्ियम में मप्हलाओ का यौि उ्पीडि अप्िप्ियम पाररत प्कया गया था। आज ऐसी योजिाए उपलबि हैं प्जिका उद्शय कनया भ्ण ह्या के मद् को हल करिा है और प्िचले पाररप्सथप्तक तबके के परररार की बाप्लकाओ को सकलों में भाग लेि में भी मदद करिा है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजिा के तहत सक्िया समप्द्ध योजिा का उद्शय इस समसया का समािाि करिा है। भारत सरकार के पया्वप्त रियासों के बाद भी, मप्हला अप्िकारों के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी मखय चिौती बिी हई है। इसप्लए, इस तरह की जागरूकता पैदा करि के प्लए गारों और कसबों में वयापक काय्वशालाओ की वयरसथा करिा आगे चलकर इस आदोलि के रिमख लक्यों में से एक है। इि सबसे ऊपर, समाज के परुषों को यह समझिा चाप्हए प्क मप्हलाओ का उिके साथ काय्वबल में शाप्मल होिा परररार और बड पैमाि पर समाज के प्लए फायदेमद है। इसप्लए इस आदोलि को मप्हला रच्वसर के रूप में गलत िहीं समझा जािा चाप्हए, बप्लक यह मप्हलाओ को जीरि के उि अप्िकारों को रापस लाि के बारे में है जो परुषों के बराबर हैं। कायायालय में आयरोलजत महिला हदिस 25 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
तक मप्हला अप्िकारों
रकालत

ऊपर उड्र

सब्ो रोशन ्र देती |

रकात तो उतनका भयकान् नहीं

फजतनका मैं सोचतका थका।

ऊपर सब सदर से फिलफमलकाते

और नीचे हम भी फदए जलकाते।

जीवन में जब अँधेरका आए

प्र्काश ्ी ए्

अधेरका कय होतका है ? रकात कय आतका है ? इतनका डरकावनी कय है ऐसका ? बतकाओ न बकाबका । रकात न आवे, अँधेरका न होवे तो सरज ्का म्य और रोशनी ्ी क्षमतका ्ैसे पतका चले हमें? इतने चम्ीले तकारे आए ्हका से बकाबका? सबह तो फदखे नहीं ्हका गये ये सब? जब चकारो और प्र्काश फैले तो सहेज्र रखने जकाते वे। तकाफ् अधेरे ्ी घडी आए तो अपनका जीवन चम्काए। अरे अ्ेली हैं देखो चकाँद हर फदन अलग कय लगती? ्भी तो परी
्भी तो फदखती ही नहीं। रकात ्ी रकानी है वो सब्ो सभकाल् ध् जकाती
हसती।
फफर भी सबसे
फ्रण हमेशका फमलेगी । यफद न फमले तो खद चम्ो और सकारे ससकार ्ो चम्काओ । क. अमला परी.क. सहायक इतना डरावना क्यूँ ि ऐसा ? भारतीय भाषाएं नहदयाँ ि और हिदी मिानदी। - श्ी रवीन्द्र नाथ ठाकर 26 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
Boulden Conglomerate : गोलरम सगफट्कारम Coastal Facies : तटीय सलक्षणी Disconformity : अपसम फवन्यकास Glacial Snout : फहमनदीय प्रोय Geosynclinal Sediment : भअफभनफत् अवसकाद Induced Polarization Anomaly : प्रे ररत ध्वण असगफत Jet Moulding : प्रधकार सचन Kinetic Endo Fissure : अतगफतज फवदर Lacustrine Evaporate : सरोवरी वकाषपनज Malleability : आघकातवधफनयतका Mineral Toxicology : खफनज आफवषफवज्कान Porphyritice : दीघ्ग फक्सटल अतववेशी Resurrected Erosion Surface : पन: प्र्फटत अपरदन पष्ठ Strike Joint : नफतलब सफध Reconnaissance Survey : आवीक्षण सववेक्षण आज़ादी का अमत महोत्सव 27 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

जरूरत है प्क सबसे लोकप्रिय िेता

तब तक सबसे सक्षम िेता िहीं हो सकता जब तक प्क

समाज का अप्िकाश प्हससा िेत्र के रासतप्रक मलयों

को सािारण भौप्तक आकष्वण से अलग करि में

यप्द जीरि एक दौड रिप्तयोप्गता है तो एक प्सथर सतलि रिाप्त करि पर सबसे योगय िारक समह में सभी से आगे चल रहा होगा और दसरों को उिकी दौडि की क्षमता के अिसार वयरप्सथत प्कया जा चका होगा। ऐसे पररदृशय में यप्द समह को अप्िकतम सभाप्रत गप्त रिाप्त करिी है तो सबसे सक्षम िारक को समह का िेत्र करिा चाप्हए क्योंप्क ऐसा करि से समह का कोई भी िारक अपिी गप्त को िीमा करि में सक्षम िहीं होगा क्योंप्क उनह िेत्र करते िारक के साथ आिा होगा जो सबसे तेज िारक है, अनयों के पास उसके पीछे चलि के अलारा कोई प्रकलप िहीं है, जब तक प्क र सथायी तरीके से उससे तेज दौडि में सक्षम िहीं हैं। हमारे रत्वमाि जीरि में ऐसे कई क्षेरि हैं प्जिमें िेत्र की आरशयकता होती है जैसे राजिीप्तक, िाप्म्वक, कला, प्रज्ाि, राप्णजय आप्द। यह जरूरी िहीं की जो एक क्षेरि मे कशल िेत्र कर सकता है रह अनय क्षेरिों मे भी सक्षम िेता हो। रत्वमाि पररप्सथप्त और सामप्यक पररदृशय में राजिीप्तक िेत्र सभी क्षेरिों का अप्तम प्ियरिक है, जो राजिीप्तक क्षेरि में सचचे िेत्र के मह्र को दशा्वता है। हमें इस तथय को समझि की
सपष्ट रूप से समथ्व ि हो। यह भी स्य है प्क िेता चाहे कोई भी हो और उसे कैसे भी चिा गया हो, जब तक रह रिगप्तशील तरीके से समाज का िेत्र करि में सक्षम है, िेत्र सफल होता है। लेप्कि यह तभी सभर है जब समाज का अप्िकाश प्हससा रासतर में सही और गलत में अतर को समझि में सक्षम डॉ. प्वरीण परी.ज. वररष्ठ रसायनज्ञ सच्ा नेतृत्व 28 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
होगा और रासतप्रक जािकारी प्बिा प्कसी बदलार के उनह रिसतत की जाएगी। यप्द राजिीप्तक क्षेरि में िेत्र के चयि की रिप्रिया ऊपर बताए गए दौड की रिप्तयोप्गता की तरह होती, तो सराभाप्रक रूप से समाज का सबसे सक्षम राजिीप्तक वयप्क्त िेता बि जाता, शेष लोगों के पास िेता बिि के प्लए उससे बेहतर बिि का रियास करि के अलारा कोई प्रकलप िहीं होता। इस रिकार के िेत्र चयि की रिप्रिया होि पर समाज रिगप्त के रिम में सगप्ठत होगा। इस तरह की रिप्रिया को रासतप्रक आकार देि के प्लए यह जरूरी है प्क समाज में हर प्कसी को सभी के सामि अपिी क्षमताओ को प्िखारि और प्दखाि का समाि अरसर होिा चाप्हए, अथा्वत रासतप्रक रूप से समाज के िेता और बाकी लोगों के पास अपिी क्षमता के प्रकास करि के प्लए और उसे समाज के सामि रिदप्श्वत करि के प्लए एक समाि और पया्वप्त सािि होि चाप्हए। बाहरी प्ियरिण के प्बिा सराभाप्रक रूप से ऐसा होि के प्लए िेत्र को समाज की सेरा का अरसर बििा चाप्हए ि प्क िि उपाज्वि और शप्क्त प्दखाि का पया्वय, यप्द िेत्र को शप्क्त और िि उपाज्वि के मौके के रूप में समझा जाएगा तो िीरे-िीरे सत्तारादी प्रचारिारा के लोग इसे ही अपिाएगे। उनह अप ि िेत्र को बिाए रखि के प्लए अततः परी वयरसथा को ही बदलिा पडेगा। उनह स त्ता और सत्ता के सथाप्य्र के प्लए सेरा भार से िेत्र करिा होगा क्योंप्क ऐसा िहीं होि पर समाज में ऐसे लोग हैं जो उिसे अप्िक सक्षम हैं यप्द प्सथप्तया प्िष्पक्ष होंगी तो र िेता बि जाएगे। ऐसी पररप्सथप्त मे अपि प्हत के लाभ के प्लए समाज प्क रिगप्त का बप्लदाि दे प्दया जाता है। जीरि की गणरत्ता में सिार के प्लए समाज को समय के साथ रिगप्तशील होिा चाप्हए, ठहरार खतरिाक है और रिप्तगमि प्रिाश की शरुआत है। एक उनित समाज में हर प्कसी को प्िष्पक्ष रूप से हर पद तक पहचि के प्लए सरतरि होिा चाप्हए और िेताओ को समाज के प्लए बोझ िहीं बििा चाप्हए अप्पत उनह हमेशा रिगप्तशील तरीके से समाज का िेत्र करिा चाप्हए, यहा तक प्क रिगप्त के प्लए आरशयक होि पर अपि अप्िकार और शप्क्त का ्याग भी करिा चाप्हए। ऐसे उनित रिगप्तशील समाज में जो सबसे जादा सक्षम है रह सबका सेरक बिता है। अगर िमें हिदस्ान को एक राष्ट्र बनाना ि तो राष्ट्रभाषा हिदी िी िो सकती िै। - मिात्ा गाँधी 29 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
एक बेटा था प्जसे उसकी प्िी, बचची और अपिी माँ को एकसाथ देखभाल करिा मप्शकल हो रहा था। मप्शकल इसप्लए था क्योंप्क उसके पास रक्त िहीं था। उसे काम पे जािा था बचची को सकल और उसकी प्िी को भी दफतर छोडिा था। तो उसि रो प्कया जो इस ज़माि की सबसे सरल याप्ि जो एक ही रासता है रो कर प्दया। उसके माँ को एक रद्धाश्म में छोड प्दया। रहाँ जाके उसि अपिी माँ के प्लए एक अचछा कमरा उिके प्लए दराई और बहत पैसे भी उनह प्दया ताप्क उिकी माँ खश रहें। माँ ि कछ िहीं बोला। रहाँ रहिा शरू कर प्दया। माँ हर पल अपि बेटे के बारे में सोच रही थी। कई बार फोि भी करके देखा ताप्क रह जाि सके की उसका बेटा समय पर खािा पीिा कर रहा है या िहीं। पर उसके बेटे के पास समय ही िहीं था उिसे बात करि का परनत माँ परे रक्त बेटे के बारे में बात करती रहती थी। कहती थी की मेरे बेटे को सबह सबह अदरक राली चाय ही पसद है मैं अपिी हाथ से बिाकर देती थी। पता िहीं की अब क्या करता होगा इस रिकार रह परे समय अपिी बेटे की ही बातें करती थी। इसके बीच में उनहोंि रद्धाश्म में एक प्सलाई मशीि को प्बिा उपयोग के देखा। उनहोंि अचछी कप्त्वयाँ बिािा शरू प्कया। बहत सारी कप्त्वयाँ बिाई उनहोंिे। हर फोि आि पर रह दौडकर जाती थी प्क उसके बेटे का फोि सोचकर लेप्कि दःखी होकर रापस आ जाती थी। कई महीि बीत गए। एक प्दि रद्धाश्म के एक कम्वचारी ि उनह आके क छ पैसे प्दए और कहा की यह आपकी अचछी कप्त्वयों के प्लए प्मले हए पैसे हैँ। उनहोंि रो पैसे सभालकर रखा और कछ प्दि बाद रद्धाश्म से एक आड्व र प्कया। उस प्दि शाम को जब रो माँ बाहर आई तो अपि बेटे को दरराज़े में खडा देखा बेटा हाथ में एक प्पजज़ा के पकडकर उसि पछा अपि माँ, ये आपि मेरे प्लया मगराया क्या? माँ ि कहा आज तमहारा जनमप्दि है ि.. तछे पसद है िा प्पजज़ा। बेटा अपि आँखों से आँस प्छपा िहीं पाया। उसि अपि माँ को आके गला लगाया और उिके साथ रापस घर लौटा। क्या सीखि को है हमें इस कहािी से... हमें लगता है प्क हम बडे हो गये हमारे पास समय िहीं है अपिी माँ और प्पता के प्लए पर हम उनह सब देंगे। अच छे कपड, कमरे, सबकछ। पर कभी हमि सोचा है की उिको चाप्हए क्या होता है। रो प्सफ्व चाहते है प्क हम उिके साथ कछ रक्त प्बतायें। इसके पहले की उिका रक्त परा खतम हो जाए रो कछ रक्त हमारे साथ प्बताि चाहते है। चाहे आप प्कति भी बड हो माँ के प्लए आप बचचे ही हैं और माँ हमेशा माँ ही होती है। िनयराद यह एक कहािी िहीं है। यह इस ज़माि में जो हो रहा है पर जो होि िहीं चाप्हए उसका एक छोटा सा अरतरण है। श्री वरी.बविश सपत्र श्ीमती ए.क सजाता, वयनतिक सहायक माँ हमेशा माँ होती है 30 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
सब ्छ बदलने वकालका है। तम चकाहते हो, तो फमलनका आ नहीं पकाऊगी मैं, बकार - बकार। जो ्छ हमने सकाथ फ्ए थे, वो सब यकादों ् ्पड डकाल्र यहीं घमते रहेंगे। हमें अपनी अलग फजदफगयका अ्ेले जीने पडेंगे। मेरे यकादों ् फ्तकाब ्ो यहका से ले ् जकानका, थोडका मफ््ल है। मेरका तो दफनयका ही छोड्र जकाने जैसका लगतका है । मेरे चेहरे ्ी मस्रकाहट, चकाय ् आधी फगलकास , उस्ो ले ्र मेरे मन ्ी बकातें, वो सनते वति तेरका चेहरका... सब ्छ। मि लगतका है फ् शकायद मि पतका है , यहका इतनी ्म चकाय कयों देते है ! कयोंफ् वह हमें हमेशका बलकाते रहेंगे, थोड और ् फलए। यह शहर भी ्छ ऐसका ही है । ए् सकाथ सब ्छ देतका नहीं है, ्काश हम, ‘थोडे और’ ् फलए आनका बद ्र फदये तो? मि लगतका है, मैं तो वकापस इस शहर पे जरूर आऊगी। जो ्छ भी महसस ्रने ्ो बचका है, जो ्छ भी मैं हमेशका थोडी और ले स्ती ह, जो ्छ भी तमसे मैं सन नहीं पकाई, उन सब ् फलए यह शहर मि वकापस बलकाते ही रहेगी। तो दोसत, हमकारी अगले फमलन त् अचछका रहनका। यकादों ् पन्ने फलखते रहनका। आधी चकाय पीते वति मि यकाद ्रनका, और उस चकाय ्ी फोटो फन्काल ् मि भेज देनका, तका्ी उस्का अगलका आधका मैं पी स्। क. अनतनि कषणदव बरी मद्ास नरिन्टियन कॉिज श्ीमती तारा एम., वररष्ठ भवज्ञाननक की बहन तू,
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मैं, चाय और चेन्नई
आज का यग प्रज्ाि का यग है। आज हमें प्जतिी भी सख-सप्रिाए रिाप्त है, र सब प्रज्ाि के कारण है। प्रज्ाि ि हमारे जीरि में अमत घोल प्दया है इसप्लए यह हमारे प्लए ररदाि है। परत प्रज्ाि ि कछ ऐसे काय्व भी प्कए है प्जिसे मािर जीरि को खतरा पैदा कर प्दया है, इस दृप्ष्ट से प्रज्ाि मािर जाप्त के प्लए एक अप्भशाप भी प्सद्ध हो रहा है। विज्ान िरदान के रूि में:प्रज्ाि हमारे प्लए उस अलादीि के प्चराग के समाि है प्जससे मिष्य की सारी आरशयकताएँ तरत परी हो जाती है। प्रज्ाि में प्ि्य िये-िये आप्रष्कार हो रहे है एर आगे होते रहेंगे। बाज़ार में प्ि्य िई-िई रसतएँ आ रही है, ये सारी रसतएँ प्रज्ाि के आप्रष्कारों के पररणाम है। इिसे जीरि में सख और सप्रिाए बढ़ रही है। प्रज्ाि के कारण ही सथाि और समय की दरी भी लगभग समाप्त हो सकी है। एक समय था जब हमें एक सथाि से दसरे सथाि यारिा करि हेत कई प्दिों र घटों साल तक लग जाते थे। पर अब कछ ही घटों में ये यारिायें परी हो जाती है। क. अनभनजता क. आर. सपत्री श्ी क. वी. राज, भडार आनिकारी विज्ान के बढ़ते कदम: िरदान या अभिशाप 32 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

िहीं है, इसमें सबसे बडा दोष मािर का है जो मािर के प्रिाश के प्लए प्रज्ाि का रियोग कर रहा है। अत: प्रज्ाि

रियोग मािर को इस रिकार करिा चाप्हए प्जससे मािर

जाप्त का के रल कलयाण हो ि प्क प्रिाश हो।

टे प्लफोि, बेतार के तार आप्द रैज्ाप्िक आप्रष्कारों से प्रश्व के एक कोि में घप्टत होि राली घटिाओ के समाचार प्मिटों में प्रश्व के दसरे कोि में पहँच जाते हैं। प्रज्ाि के ररदाि के कारण ही हमें एक बटि यग रिाप्त हआ है। एक बटि दबाि पर पखा हमें हरा करि को तैयार हो जाता है। इसी रिकार टी.री. चल पडता है और पसतकें, समाचार-परि, रे प्डयो, मोटर गाप्डयाँ प्रज्ाि के ररदािों के कारण ही तो है। विज्ान अवभशाि के रूि में:प्रज्ाि प्जस तरह हमारे प्लए एक ररदाि है उसी रिकार एक अप्भशाप भी है। प्रज्ाि मािर जाप्त के प्रिाश की सामग्ी भी तैयार कर रहा है। प्रज्ाि के द्ारा प्िप्म्वत एक अण बम के रियोग से ही लाखों इसाि मौत के मँह में चले जाएँगे, इसका रिभार इति तक ही सीप्मत िहीं रहता। आगे आि राली पीप्ियों में भी इसके करिभार पाए जायेंगे। इसका दष्पररणाम ऐसी हालात में प्रज्ाि हमारे प्लए एक अप्भशाप ही बि कर रह जाएगा। अत में यह कहा जा सकता है प्क सचचाई तो यह है प्क प्रज्ाि ररदाि भी है और अप्भशाप भी। यप्द मािर प्रज्ाि का रियोग मािर जाप्त के प्हत के प्लए करेगा तो यह ररदाि प्सद्ध होगा और यप्द यह मािर जाप्त के प्रिाश के प्लए प्कया जाये, तो यह अप्भशाप बि जाएगा। प्रज्ाि का इसमें कोई दोष
का
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राले लोगों के रक्त दाि िहीं प्मलेगा। अगर आप डें प्टसट के पास गए हैं तो 24 घटे बाद

जीरि बहत खबसरत है, है िा? जीरि अिमोल है। इसे जारी रखि के प्लए हम कछ भी करि के प्लए तैयार होते हैं। हमारे शरीर को प्जदा रखि में खि की अहम भप्मका होती है। लेप्कि क्या होगा अगर हमारे शरीर में पया्वप्त रक्त या रक्त घटक िहीं है? इस सदभ्व में है रक्तदाि की रिासप्गता। रक्तदाि तब होता है जब एक वयप्क्त परे प्दल से प्कसी दसरे को रक्त देता है या इसे रैज्ाप्िक रखि के प्लए देता है। रक्त के घटकों को ्लासमा, ्लेटलेटस और लाल रक्त कोप्शकाओ में अलग करिा कई लोगों के प्लए फायदेमद हो सकता है। रति दकान कयों ्रें ? गभा्वरसथा और रिसप्त के दौराि जप्टलताओ, सज्वरी,
आरशयकता
या बीमारी के दौराि रक्त का सतर प्गर जाता है, तो इसका एकमारि उपाय प्कसी और का रक्त लेिा है। सरासथय दाि ज़रूरतमद लोगों को रक्त की उपलबिता सप्िप्चित कर सकता है। आपको पता है की देश को हर दो सेकेंड में खि की ज़रूरत होती है। 18 से 65 रष्व की आय के लोग रक्तदाि कर सकते हैं। शरीर का रज़ि 45 प्कलो से कम िहीं होिा चाप्हए। तापमाि और रक्तचाप सामानय होिा चाप्हए। दाता के रक्त में हीमोगलोप्बि का सतर 12.5 होिा चाप्हए। रतिदकान ्ौन ्र स्तका है एक औसत वयप्क्त के शरीर में लगभग पाँच प्लटर रक्त होता है। एक वयप्क्त से एक बार में 350 प्मली रक्त एकरि प्कया जा सकता है। इस रिकार खोए हए रक्त को शरीर द्ारा 24-48 घटों के भीतर पि:उ्पनि कर प्दया जाएगा। एक बार देि के बाद अगले तीि महीि परुष के प्लए और चार महीि मप्हला के प्लए रक्तदाि रप्ज्वत होता है। एक वयप्क्त से एकरि प्कया गया रक्त प्रप्भनि परीक्षणों के माधयम से दसरे वयप्क्त को प्दया जा सकता है। फ्स्ो रतिदकान नहीं ्रनका है? एच आई री, पोप्लयो और मलेररया से पीप्डत लोगों को रक्तदाि िहीं करिा चाप्हए। मलेररया होि पर 12 माह बाद रक्त प्दया जा सकता है। प्जिके शरीर पर टैट है उनह भी छह महीि इतज़ार करिा पडता है। बखार ठड लगिा, पेट की बीमारी, सरिमण, उचच रक्तचाप मिमेह और मािप्सक बीमारी
रक्तदाि करें। मप्हलाओ का माप्सक िम्व, गभा्वरसथा या सतिपाि के दौराि रक्तदाि िहीं करिा चाप्हए। प्जि लोगों को टीका लगाया है उनह एक मही ि से अप्िक समय तक रक्तदाि िहीं करिा चाप्हए। रे प्बज़ टीकाकरण के एक साल बाद रक्त जािा चाप्हए। शराप्बयों श्री हररकषणि जरी.ज. वररष्ठ तकनीकी सहायक रासायननक) रति-बिता जीवन 34 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
गभीर रक्तालपता और कैंसर के उपचार के प्लए रक्त की
हो सकती है। यप्द उपचार
को रक्तदाि करि से 24 घटें पहले से परहेज़ करिा चाप्हए। रतिदकान फदवस 14 जि रक्तदाि प्दरस के रूप में मिाया जाता है। 2004 से प्रश्व सरासथय सगठि रक्तदाि करि रालों को रिो्साप्हत करि और सममाप्ित करि के प्लए एक प्दि के प्रचार को बढ़ारा दे रहा है। 14 जि काल्व लैंडसटीिर का जनमप्दि भी है, प्जनहोंि रक्त के रिकार प्ििा्वररत प्कये थे। भारतीय भरैज्ाप्िक सरवैक्षण केरल और लक्षद्ीप इकाई में हर साल 14 जि को कम्वचाररयों द्ारा रक्तदाि प्कया जाता है। इसे भी धयाि में रखिा चाप्हए प्क रक्तदाि करि के कछ सरासथय लाभ भी हैं। जैसे - (1) हृदय रोग के जोप्खम को कम करिा। (2) कैंसर का कम जोप्खम। (3) शरीर के रज़ि को प्ियप्रित करि के प्लए (4) िई रक्त कोप्शकाओ के उ्पादि को उत्तेप्जत करिा। ये सब रक्तदाि से प्मलते हैं। रक्त को “बहता जीरि” मािते हैं। रक्तदाि से हम कई लोगों की रक्षा कर सकते हैं। इसप्लए रक्तदाि को मह्रपण्व कम्व मािते हैं। ्कायका्ग लय विकारका आयोफजत रतिदकान फशफवर - िलफ्यका श्री प्िरीष बरी, वररष्ठ तकिरीकी सहा्यक श्री सनलि वरी क, सहा्यक श्री प्वरीण बरी, ्यडरीसरी श्री अरुण शखर, श्रीमतरी नलषरी ्टरी, वररष्ठ भवज्ानिक का पनत 35 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

तैयार प्कया जाता है। प्रप्भनि खप्िजों की सभाप्रत घटिा और क्षेरि की प्ररत्वप्िक सेप्टग

को भी सथाप्पत प्कया जाता है।

पकालघकाट ्कावेरी ्तरनी क्षे त्र (पीसीएसजेड)

पालघाट कारेरी कतरिी क्षेरि (पीसीएसज़ेड) एक अि्वचद्ाकार कतरिी क्षेरि के रूप में दशा्वया गया है जो पप्चिम में कोझीकोड से लेकर िामक्कल के दप्क्षण-पप्चिम तक

क्वशेष क्वषयगत
(एसटीएम) और खक्नज अन्षण में इसका मित्व-पािघाट-कावेरी कतरनी क्त्र पर क्वशेष जोर श्री राजष एस. ननदशक श्री अिरीष परी. एस. सहायक भवज्ञाननक प्पछले कछ दशकों के दौराि भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण द्ारा प्कए गए सबसे मौप्लक और बप्ियादी मािप्चरिण काय्वरिम 1:50,000/63,360 पैमाि के प्रशेष प्रषयगत मािप्चरिण हैं प्जसके अतग्वत दग्वम से दग्वम इलाकों के कछ प्हससों को छोडकर, परे देश के वयरप्सथत भरैज्ाप्िक मािप्चरिण प्कया गया है। इस मािप्चरिण गप्तप्रप्ि के माधयम से उ्पनि डेटा ि राष्ट्ीय भ-रैज्ाप्िक जािकारी के प्लए ज्ाि आिार बिाि में मदद की है। भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण, ि कप्ठि भरैज्ाप्िक समसयाओ को हल करि के प्लए आठरीं योजिा अरप्ि से 1:25,000 के पैमाि पर एक प्रशेष प्रषयगत मािप्चरिण (एसटीएम) काय्वरिम शरू प्कया। एसटीएम का लक्य खप्िज खोज के प्लए क्षेरिों का पता लगाि में मदद करिा है। यह एकीकत भ-रैज्ाप्िक अधययि कई भरैज्ाप्िक असपष्टताओ को हल करि में भी मदद करता है प्जससे भप्रष्य जाच के प्लए िए रासते खलते हैं। STM काय्वरिम मखयत: तीि भागों में प्रभाप्जत है जैसे 1) रिी-फीलड तैयाररया 2) फीलड गप्तप्रप्िया 3) पोसट फीलड गप्तप्रप्िया। रिी फीलड गप्तप्रप्ियों में मखयत: पराि ररपोटगों का अधययि, क्षेरि के भरैज्ाप्िक मािप्चरिों एर ररपोट्व का अधययि, उपलबि फोटोप्जयोलॉजी और सदर सरेदि अधययि क्षेरि के वयापक शैल सलक्षि सकलि, क्षेरिीय सरचिा्मक रिरप्त्तया और भ-आकप्त प्रज्ाि को समझि के प्लए एक आिारभत िक्शा तैयार करिा है। एसटीएम में मखय फीलड गप्तप्रप्ियों में, 1:25000 पैमाि पर मािप्चरि, िमिा एकरिण, सेक्शि मापि, सके चच के साथ डेटा ररकॉप्डिंग, फोटोग्ाफ एर जीपीएस (प्जयोग्ाप्फक पोप्जशप्िग प्ससटम ) के सहारे के प्लए लोकेशि माक्व करिा, डेटा बेस मैप को ्लॉट करिा अथा्वत सामि आए प्लथोलॉजी अधययि, सामि आए शैल लक्षण, आप्शमक सपक्व , सरचिा्मक आकडे, खप्िज एर जीराशमीय आकड के मेगासकोप्पक प्रररण आप्द की ररकॉप्डिंग की जाती है। पोसट फीलड गप्तप्रप्ियों में आिारशीला एर शैल िमिों के रासायप्िक प्रश्षण, िमिों का रियोगशाला अधययि, प्रसतत शैल रप्ग्वक अधययि, इलेक्ट्ॉि रिोब माइरिो प्रश्षण और एक्स-रे प्ररत्वि अधययि आप्द शाप्मल है। भरैज्ाप्िक रिॉस सेक्शि और सरचिा्मक डेटा के साथ 1:25000 पैमाि में मािप्चरि
मानचचत्रण
मल्परम और पालक्काड के माधयम से फैला हआ है। यह पालक्काड प्जले में पप्चिमी घाट को काटती है और तप्मलिाड में रिरेश करती है। पालक्काड प्जले में, यह कतरिी क्षेरि एक भौप्तक रूप से प्िमि क्षेरि में प्सथत है प्जसे पालघाट गैप के िाम से जािा जाता है जो एक 80 प्कमी लबा और 30 प्कमी चौडा क्षेरि है जो उत्तर में िीलप्गरर पर्वत श्णी और दप्क्षण में अनिामलाई पहाप्डयों से प्घरा है। पालघाट गैप के पप्चिम की ओर, यह क्षेरि केरल में भरतपझा 36 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

समाक् िनि्धिन ( टाइि III वयवतकरण वचत्राम)

िदी के साथ पप्चिमी तट तक फैला हआ मािा जाता है। पालघाट-कारेरी कतरिी क्षेरि में प्लथो-यप्िट का मािप्चरिण करिे, कतरिी क्षेरि की सथापिा करि से जड प्रप्भनि खप्िजों का पता लगाि के प्लए फीलड सीज़ि 2012-13 से प्रशेष प्रषयगत मािप्चरिण काय्वरिम शरू प्कया गया था। रष्व 2020 तक पालघाट कारेरी कतरिी क्षेरि में प्रशेष प्रषयगत मािप्चरिण जारी रहा। पीसीएसज़ेड ि इस इलाके के अतीतकाल के सरचिा्मक इप्तहास और प्लथोलॉप्जकल अतर के साथ इलाके को दो टे क्टोप्िक बलॉकों में प्रभाप्जत प्कया है। भरतपझा िदी के उत्तर के इलाके में, सरिाकसटल (बीआईएफ और एमफीबोलाइट) से सबप्ित प्लथोयप्िट रिचर मारिा में पाए
मेटा-िाइरोकसीनाइट में सिफ़ाईड खवनजीकरण किाट्धज नस में ग्रेिाइट खवनजीकरण माइगमै टाइजड Hb-Bt नाइस में आचछावदत ििन िेगमेटाइट में मैगने टाइट का टेट्ाहेड्रि वक्सटि 37 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
फी्ड फोटोग्काफ
जाते हैं। दप्क्षण में सरिारिसटल की अिपप्सथप्त जारी है | जीएसआई ि पीसीएसजेड से चट्ािों की सैिकाइटाभ श्खला की घटिा की सचिा दी (सोिी कररयि,2015) है। आप्क्व यि-रिोटेरोज़ोइक सरिमण के दौराि रिसट के भगप्तकी प्रकास के सदभ्व में सैिकाइटाभ बहत ही मह्रपण्व हैं और उिकी उ्पप्त्त एक सबडक्शि ज़ोि सेट-अप में सलैब प्पघलिे, मेटासोमैप्टज़म और मेप्टल रेज के प्फर से प्पघलि से जडी है। प्जजीकमार और अिीष पी. एस(2020), ि यह ररपोट्व प्कया प्क कतरिी क्षेरि की प्दशा उत्तरपप्चिम-दप्क्षण पर्व (NW-SE) है और इसकी चौडाई 2 प्कमी से 4 मीटर तक है और इसे रिोटोमाइलोिाइट द्ारा प्चप्नित प्कया जाता है, मोडेल बिारट देखि से चािनोकाइट शखला के मैंगेराइटजोटिाइट एर चािनोकाइट है। पीसीएसज़ेड मखय रूप से ग्ेिाइट िाइस के आतराप्यक बैंड के साथ बायोटाइट िाइस, चािॉ्वकाइट, हॉि्वबलेंड बायोटाइट िाइस, बायोटाइट िाइस से बिा है। परािी इकाइयों को मेटापायरोक्सेिाइट, एमफीबोलाइट, पाइरोप्क्सि ग्ेिलाइट और बैंडेड मैगिेटाइट क्राट्व जाइट द्ारा दशा्वया जाता है और मेजबाि रॉक के भीतर अतरि और आतराप्यक बैंड के रूप में पाया जाता है। मािप्चप्रित प्कए गए क्षेरि में छोटे अतरिों का रिप्तप्िप्ि्र पेगमाटाइट िस (चार पीप्ढ़यों), क्राट्वज िस और ग्ेिाइट/ गलाबी ग्ेिाइट द्ारा प्कया जाता है। यहाँ पर इटरफेरेंस पैटि्व का सहायता से तीि पीप्ढ़यों का फ़ोलड ररपोट्व प्कया है और E-W से NW-SE प्दशा के रिरप्त्त के वयापक ्लािर फै प्रिक, शीयर परिण आप्द भी दशा्वया गया है। यहाँ का हाई सट्ेि ज़ोि को वयापक अिाज के आकार में कमी और जैसे माधयप्मक खप्िजों के प्रकास के साथ प्िकट दरी राले पत्ते की प्रशेषता है। यहाँ पर सरण्व एर आरईई के सभारिा पर अधययि की गई। ग्फाइट खप्िजकरण भी कतरिी प्ियप्रित क्राट्वज िस से जडा हआ देखा जाता है। आिारप्शला के िमि में Mo (2466 ppm) उचच मलय दशा्वते हैं प्जसमें Pb (180ppm) की साद्ता के कम प्दखाई देता है। पेगमाटाइट के िमिों में के कल आरईई मलय 1588.88 एर 1566.97 ppm हैं एर ग्ािाईट िाइस की कल आरईई मलय 1251.15 ppm है। पालघाट-कारेरी कतरिी क्षेरि के प्रप्शष्ट प्रषयगत मािप्चरिण (एसटीएम) के द्ारा कतरिी क्षेरि के लक्षण रण्वि एर कतरिी से जड खप्िजकरण का अधययि प्कया है और पालघाट-कारेरी सथलािरेख की परदी प्िरतरता का टे क्टोिोसट्ेप्टग्ाफी को सपष्ट करि की रियास भी की है। श्ी ज़कररया वगगीस ड्ाईवर (सपशल ग्ड) ्काय्गग्हण फतफथ : 18-06-1984 सेवकाफनवफति फतफथ : 31-03-2022 सेवकाफनवफति ् शभअवसर पर भकारतीय भवैज्काफन् सववेक्षण पररवकार ्ी ओर से हकाफद्ग् शभ्कामनकाएँ राष्ट्र के रूप में हिदी िमारे देश की एकता में सबसे अधधक सिायक लसद्ध िोगी। - पं. जवािर िाि नेिरू 38 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
भारतीय भूवैज्ाक्नक सवक्ण,
केरि एवं िक्द्ीप, क्तरुवनंतपुरम में 4 माच 2022 को 172 वां स्ापना हदवस समारोि भकारतीय भवैज्काफन् सववेक्षण, रकाजय इ्काई: ्ेरल और लक्षविीप में 4 मकाच्ग 2021 ्ो भकारतीय भवैज्काफन् सववेक्षण ्का 172 वका सथकापनका फदवस बड उतसकाह ् सकाथ मनकायका गयकासथकापनका फदवस ् शभ अवसर पर जीएसआई ्कायका्ग लय पररसर प्रदीफपत फ्यका गयका थका एव ्ो उतसवी रूप में सजकायका गयका थका | सथकापनका फदवस समकारोह ् भकाग में औपचकारर् ्् ्काटने ्का समकारोह आयोफजत फ्यका गयका थका। श्ी सधीब्रत रकाय, उप महकाफनदेश् ने अफध्काररयों और ्म्ग चकाररयों ्ो सथकापनका फदवस ्ी बधकाइयका प्रदकान दी। उप महकाफनदेश् ने 1851 में भकारतीय भवैज्काफन् सववेक्षण सथकापनका ् समय से ही प्रकाप्त महकान उपलफबधयों ् बकारे में फवसतत फववरण प्रदकान ्ी और उन्होंने फव्फसत देशों ् सकाथ खड होने ् फलए और अफध् प्रयकास ्रने ्ी आव्य्तका पर जोर फदयका । उन्होंने यह भी बतकायका फ् हमकारे रकाषट् ् फव्कास और समफधि ्का फहससका बननका हमकारी फजममे दकारी है। उन्होने सभी पदधकाररयों से ईमकानदकार और समफप्ग त ्काय्ग ्रने ्ी सलकाह दी, फजससे हमकारे रकाषट् ् फव्कास और समफधि ् फलए सही योगदकान दे स्े। सथकापनका फदवस ् शभ अवसर पर प्रदीफपत जीएसआई ्कायका्ग लय पररसर समकारोह ् दौरकान ्् ्काटते हए उपमहकाफनदेश् 39 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
राज्य इकाई:
की
में सपकाद् फटपपणी यह खशी ्ी बकात है फ् भौमका ्ैरली ् े प्रथम अ् ् े प्र्काशन ् े बकाद भारतीय भरज्ाप्िक सरक्षण, राजय इकाई : केरल एर लक्षद्ीप के ससथापक डॉ. एम आर सब्रमणयम, ् े बकारे में उन् े सपत्र लेफटनट जेनेरल रकाम सब्रमणयम विकारका ए् ससमरण आप् े सकामने प्रसतत है | हमें यह परका य्ीन है फ् डॉ. एम आर सब्रमणयम ्का जीवन फचत्र, उन् े अनठे अनभव और उन् े फी्ड ्काय्गक्मों से जड े छकायकाफचत्र एव वण्गन आज ् े भवैज्काफन्ों ्ो उतसकाफहत ्रने ् े फलए ए् प्रेरणकाश्ोत रहेंगे | डॉ. एम आर सरिमणयम , का जनम 28 मई 1921 को केरल के पालक्काड प्जले के मजेरी में हआ था और उिकी रिारप्भक प्शक्षा एक सथािीय सरकारी सकल में हई थी। रिेसीडेंसी कॉलेज मद्ास में अपि भप्रज्ाि सिातक की पढ़ाई परी करि के बाद, रह, त्कालीि बॉमबे के राजय के पिा में भारतीय मौसम प्रज्ाि काया्वलय शाप्मल हो गए। 1946 में प्रिटे ि के एप्डिबग्व प्रश्वप्रद्ालय में भप्रज्ाि अधययि करि का अरसर रिाप्त हआ रिथम श्णी के साथ सिातक होि के बाद रह सिातकोत्तर के प्लए सरकारी छारिरप्त्त के प्लए पारि थे | उनहोंि प्रषय के एक रिप्तप्ष्ठत वयप्क्त रिोफेसर आथ्वर होमस, एफआरएस, के माग्वदश्वि में परासिातक प्कया। रिोफेसर ि उनह डॉ क्टरेट परा करि के प्लए रिो्साप्हत प्कया और यरा भरैज्ाप्िक ि 1949 में उिके िाम पर एमए, पीएचडी हाप्सल की। रह समद् के रासते प्रिटे ि गए और यद्ध के बाद प्रिटे ि बहत ही खराब आप्थ्वक प्सथप्त में था और रहा सभी भोजि, ईिि और कपडों का सखत राशि था। रह अपि छोटे से रजीफे पर प्टकि में कामयाब रहे और पढ़ाई के अत में जीएसआई, मखयालय कोलकाता में सहायक भरैज्ाप्िक के रूप में प्ियक्त हए, जो उि रषगों में जीएसआई का एकमारि काया्वलय था। उनहोंि 1944 में मदरै की श्ीमती राजलक्मी से प्रराह प्कया । लफ्टि्ट जिरल राम सब्रमण्यम 40 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
एक प्रख्ात भूवैज्ाक्नक
याद
मािसि के बाद और सप्द्वयों के महीिों में क्षेरि के काम की प्दिचया्व और शेष महीिों में क्षेरि के काम के दसतारेज के काया्वलय की कागजी कार्वराई कई रषगों तक जारी रही। कत्ववयप्िष्ठ और मेहिती, रह अपि पेशे में तब तक तेजी से आगे बढ़े जब तक प्क उनह प्रसतार और प्रकेंद्ीकरण योजिाओ में भारत के प्रप्भनि राजयों में जीएसआई के िए काया्वलय सथाप्पत करि के प्लए सक्षम मािा गया। जीएसआई के केरल काया्वलय की सथापिा के प्लए उनह प्रिरद्म में तैिात प्कया गया था। उनहोंि अपिी अप्तम पोप्सटग के प्लए लखिऊ, भरिेश्वर, हैदराबाद, प्शलाग और अत में मद्ास में भी सेरा की। उनह एक रिप्तप्िप्ि के रूप में कई प्रज्ाि काग्स सरिों में भाग लेि के प्लए रिप्तप्ियक्त प्कया गया था और िए भतदी हए यरा भरैज्ाप्िकों के प्लए एक से अप्िक (कई) रिप्शक्षण प्शप्रर भी आयोप्जत प्कए। उनह राज यों में काय्वकाल के बीच जीएसआई मखयालय में रापस तैिात प्कया गया और अततः 1979 में डीडीजी के रूप में सेराप्िरत्त हए। सेराप्िरप्त्त के बाद र अपि परररार के साथ बसतिगर में बस गए। दपप्त दो बचचे है प्जसमें बेटा है जो सेराप्िरत्त सेिा कमाडर है और बेटी हागकाग में एक सफल बैंप्कग पेशेरर है।बाद के रषगों में डॉ एमआर सरिमणयम और उिकी प्िी चेनिई में तीस साल के बाद अपि बेटे के पास रहि के प्लए पि गए। श्ीमती राजम सरिमणयम की अगसत 2018 में म्य हो गई और अचछे भरैज्ाप्िक पहले लॉकडाउि से ठीक एक सप्ताह पहले माच्व 2020 में उिका अिसरण प्कया | फी्ड फचत्र फी्ड ्काय्ग फी्ड रसोई फी्ड ्ैंप फी्ड फशफफटग - ए् िल् 41 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ

और सभी से प्हदी का अप्िक रियोग करि का

प्कया। काय्वरिम

राष्ट्र की एकता को यहद बनाकर रखा जा सकता ि तो उसका माध्यम हिदी में िी िो सकता िै। - सुब्रमण्यम भारती भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण राजय इकाई: केरल एर लक्षद्ीप, प्तरुरितपरम, काया्वलय में प्दिाक 14.09.2021 से 28.09.2021 तक प्हदी पखराडा मिाया गया। परे काय्वरिम को कोप्रड-19 महामारी के पररदृशय में के नद् सरकार और राजय सरकार द्ारा जारी की गई प्दशाप्िदवेशों को शत रिप्तशत अिपालि करते हए आयोप्जत प्कया गया। प्दिाक 14.09.2021 परा्वहि 11.00 काया्वलय में गगल मीट के माधयम से श्ी सिीरित राय, उपमहाप्िदेशक ि प्हदी प्दरस / प्हदी पखराडा का उद्ाटि प्कया। समारोह में श्ी रप्रचद्ि आर. प्िदेशक ि सरागत भाषण प्कया, अधयक्ष भाषण में उपमहाप्िदेशक महोदय ि प्हदी प्दरस के
डाला
अग्ह
के दौराि माििीय गह मरिी श्ी अप्मत शाह, माििीय खाि मरिी श्ी रिह्ाद जोशी और महाप्िदेशक महोदय, भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण के सदेशों का अप्भरचि प्कया गया। डॉ प्रिनसी आर.एम., प्िदेशक, द्ारा िनयराद ज्ापि के साथ उद्ाटि समारोह सपनि हआ। प्हदी प्दरस के शभ अरसर पर काया्वलय की प्हदी गहपप्रिका «भौमा करली» के रिथम अक का प्रमोचि श्ी सिीरित राय, उपमहाप्िदेशक, भारतीय भरैज्ाप्िक सरवेक्षण, राजय इकाई केरल एर लक्षद्ीप, प्तरुरितपरम द्ारा प्कया गया । प्हदी पखराड के दौराि कम्वचाररयों और अप्िकाररयों के प्लए प्ट्पण और आलेखि, तसरीर क्या बोलती है, भारतीय भूवैज्ानिक सववेक्षण राज्य इकाई: केरल एवं लक्षद्ीप ततरुविंतपुरम काययालय में तिदी पखवाडा 2021 पर प्रततवेदि गीत गायि, और प्हदी प्डप्जटल पोसटल मेप्कग आप्द रिप्तयोप्गताए आयोप्जत की गई। सारी रिप्तयोप्गताए ओिलाइि माधयम से आयोप्जत की गई। पखराड के दौराि काया्वलय के पदिाररयों के बचचों के प्लए प्रप्भनि रिप्तयोप्गताए ऑिलाइि माधयम द्ारा आयोप्जत की गई। काया्वलय में इस अरिी के दौराि काया्वलय के सभी अिभागों में राजभाषा प्िरीक्षण प्कया गया एर राजभाषा प्हदी के रिचार रिसार और प्रकास में उ्कष्ट योगदाि देि राले आठ पदिाररयों को परसकार देकर सममाप्ित प्कया गया । प्हदी पखराडा के दौराि राजभाषा काय्वशाला आयोप्जत की गई। काय्वशाला में श्ी िमद् कमार, सहायक प्िदेशक (टकण एर आशप्लप्पक), प्हदी प्शक्षण योजिा, काकािाड, कोचीि सकाय रहे । काय्वशाला प्हदी टकण एर रॉइस टाइप्पग» प्रषय पर था । इस काय्वशाला में भाग प्लए अप्िकाररयों और कम्वचाररयों की रिप्तरिया से वयक्त हआ प्क इस काय्वशाला से र अ्यत ही लाभाप्नरत हए है । प्हनदी पखराडा का समापि समारोह प्दिाक 27.09.2021 को डॉ मैथय जोसफ, प्िदेशक (तकिीकी प्िदेशक) की अधयक्षता में आयोप्जत हई । उनहोि सारे पदिाररयों से यह आह्ाि प्कया प्क जो पखराडा के दौराि प्हनदी के रिप्त पखराड के दौराि आप्ज्वत यह ज्ाि एर त्परता आगे भी लेके जाएँ । श्ीमती अच्विा टी.जी, कप्िष्ठ अिराद अप्िकारी द्ारा िनयराद ज्ापि के साथ काय्वरिम सपनि हआ । 42 ¦ÉÉè¨ÉÉ Eè®±ÉÒ
सरिाप्िक मह्र पर रिकाश
धरणरी भवि, भारतरी्य भवज्ानिक सवक्षण, राज्य इकाई: करल एव लक्षद्रीप, मनणकठश्रम परी. ओ., नतरुवितपरम, करल-695013 E-mail: ddg.sukerala@gsi.gov.in मसस भाि ऑफस्ट, तपािर, नतरुवितपरम म मनरित नित् छा्याकि- सौजन्य श्री इरिजरीत ि्टजगी, रसा्यिज्

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