मैत्री / Mytri 2021-22 - 23rd issue

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हिंदी पत्रिकाओं के त्िए राजभाषा त्िभाग की राजभाषा कीर्ति पुरसकार योजना 2019-20 के ्ि् ‘ग’ क्ेरि के सिवोत्तम पत्रिका के रूप में प्रथम पुरसकार के त्िए इसरो जड़तिीय प्रणािी यूत्नट (आईआईएसयू) की अरतििारषतिक हिंदी पत्रिका ‘अक्’ का चयन ककया गया । 14 त्स्ंबर 2021 में त्िज्ान भिन, नई कदलिी में आयोत्ज् पुरसकार त्ि्रण समारोि के दौरान माननीय गृि मंरिी श्ी अत्म् शाि से डॉ. डी. साम दयाि देि, त्नदेशक, इसरो जड़तिीय प्रणािी यूत्नट पुरसकार प्राप्त कर रि ि । हिंदी पत्रिकाओं के त्िए राजभाषा त्िभाग की राजभाषा कीर्ति पुरसकार योजना 2019-20 के ्ि् ‘ग’ क्ेरि के सिवोत्तम पत्रिका के रूप में त्वि्ीय पुरसकार के त्िए त्िक्रम साराभाई अं्ररक् केंद्र की अरतििारषतिक हिंदी पत्रिका ‘गगन’ का चयन ककया गया । 14 त्स्ंबर 2021 में त्िज्ान भिन, नई कदलिी में आयोत्ज् पुरसकार त्ि्रण समारोि के दौरान माननीय गृि राजय मंरिी श्ी त्नशीथ प्रमात्णक से श्ी सोमनाथ, त्नदेशक, त्िक्रम साराभाई अं्ररक् केंद्र पुरसकार प्राप्त कर रि ि । क्ेरिीय राजभाषा पुरसकार (दत्क्ण-पत्चिम क्ेरि) िषति 2019-20 के त्िए 50 से अत्रक करमतियों िाि कायातििय की श्णी में आकाशिाणी, त््रुिनं्पुरम को प्रथम पुरसकार प्राप्त हुआ । श्ी राजू िगगीस, उप मिात्नदेशक, आकाशिाणी पुरसकार प्राप्त कर रि ि । बराइयाँ
23 िाँ अंक नगर राजभाषा कारायान्वरन समिति (कारायालर-।), तिरुवनंिपुरि संरोजक : िुख्य पोस्टिास्टर जनरल कारायालर, केरल सरकल, तिरुवनंिपुरि -695033 संरक्क श्ीम्ी त्शउिी बमतिन मुखय पोसटमासटर जनरि, केरि सरकतिि एि अधयक्, नराकास (कायातििय-I) त््रुिनं्पुरम मागतिदशतिक/संयोजक श्ी सी. आर. रामकृषणन त्नदेशक, डाक सेिाएं (मुखयािय) एि प्ररान, नराकास सत्चिािय त््रुिनं्पुरम संपादक श्ीम्ी के.आर. रं त्जनी सिायक त्नदेशक (रा.भा.) एि सदसय सत्चि, नराकास (कायातििय-I), त््रुिनं्पुरम {ÉÊjÉEòÉ {ÉÊ®´ÉÉ® परिाचार प्ा संपादक - " मैरिी" सिायक त्नदेशक (राजभाषा) एि सदसय सत्चि नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I) मुखय पोसटमासटर जनरि कायातििय, केरि सरकतिि, पीएमजी जंकशन त््रुिनं्पुरम - 695033 अनुक्रमणिका 11 परिस्थिवत प्रदषण 12 भाित में नािी शिक्षा 14 स्ववनणयाय 15 पसंद 15 बदलती प्रकृ वत 16 हिन्ी: िमािी मातृ भाषा 16 खुशियाँ भिी शज़दगी 17 आजादी का अमृत मिोत्सव क िुभ अवसि पि सीआिपीएफ का अखखल भाितीय साईककल िैली (कन्ाकुमािी स िाजघाट तक) एवं ग्रुप केंद्र पलिीपुिम में उच्च कोरट का िाजभाषा कायायान्वयन 18 कोिोना 18 भाितवषया की िाजभाषा – हिदी 19 लाल कली का पड़ 20 इडमलक्ुड़ी – एक अनुभव 21 न जान क्यों ? ºÉÆ{ÉÉnxÉ ¨ÉÆb±É श्रीमतरी विनरीता सरी.िरी. वरिष्ठ अनुवादक ववक्रम सािाभाई अंतरिक्ष केंद्र वतरुवनंतपुिम श्रीमतरी सुवनता स्ातक शिक्षक (हिदी) कें द्रीय ववद्ालय, पांगोड, वतरुवनंतपुिम श्रीमतरी अर्चना के.जरी. कवनष्ठ अनुवाद अधिकािी भाितीय भूवैज्ावनक सववेक्षण वतरुवनंतपुिम श्री पिन कमार श्रीिास्ति सिायक कमान्टे न् (िाजभाषा) उप मिावनिीक्षक (पुशलस) कायायालय कें द्रीय रिज़वया पुशलस बल, ग्रुप केंद्र, पल्लिपुिम, वतरुवनंतपुिम श्री वनवतन सैनरी कवनष्ठ लखाकाि वनदटेिक लखा (डाक) कायायालय वतरुवनंतपुिम {ÉÊjÉEòÉ ¨Éå ´ªÉHò Ê´ÉSÉÉ® ±ÉäJÉEòÉäÆ Eäò ½é* {ÉÊjÉEòÉ {ÉÊ®´ÉÉ® B´ÉÆ ºÉÆ{ÉÉnxÉ ¨ÉÆb±É EòÉ <ºÉ¨Éå EòÉä<Ç nÉʪÉi´É xÉ½Ó ½è*
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ºÉÆ®IÉE EÒ E ±É¨É ºÉ..... त्पछि िषति अगस् मिीने में मुखय पोसटमासटर जनरि, केरि सरकतिि का कायतिभार संभािने के साथ िी साथ मैंने नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I), त््रुिनं्पुरम के अधयक् का भी कायतिभार संभािा था । त््रुिनं्पुरम में त्सथ् 55 कें द्रीय सरकारी कायातिियों के त्िए यि सत्मत्् एक ऐसा संयुक्त मंच िै, जिाँ सभी एक साथ त्मिकर कायातिियों में राजभाषा हिंदी के कायातिनियन से संबंत्र् कायति की समीक्ा कर् ि और यकद किीं कोई कमी नज़र आ्ी ि ्ो उसे दूर करने के त्िए सुझाि कदए जा् ि । सत्मत्् के ्तिािरान में कई कायतिक्रमों का भी आयोजन ककया जा्ा ि त्जसमें सभी सदसय कायातििय सकक्रय्ा से भाग ि् ि । राजभाषा कायातिनियन में उतकृ ष्ट कायति करनेिाि कायातिियों को सत्मत्् प्रतयेक िषति नराकास राजभाषा पुरसकार से सममात्न् भी कर्ी ि । सदसय कायातिियों विारा प्रकात्श् हिंदी पत्रिकाओं में से सबसे उतकृ ष्ट पत्रिकाओं को भी पुरसकृ् कर्ी ि । नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I), त््रुिनं्पुरम की पत्रिका “मैरिी” सत्मत्् के सभी सदसयों का सत्ममत्ि् प्रयास ि । पत्रिका का 23िाँ अंक आपके समक् प्रस्ु् कर् हुए मुझे अत्् प्रसन्न्ा एि गौरि मिसूस िो रिी ि । यि पत्रिका सदसय कायातिियों के अत्रकाररयों और कमतिचाररयों के हिंदी के प्रत्् िगाि का द्ो्क ि । इसमें सत्ममत्ि् रचनाएं िमारे जीिन के त्ित्िर आयामों की झिककयाँ प्रस्ु् कर्ी ि । िम अपने देश की आज़ादी का 75िाँ िषति आज़ादी का अमृ् मिोतसि के रूप में मना रि ि । इस दौरान िमें यि सोचना ि कक भार् के सिाांगीण त्िकास में राजभाषा हिंदी को ककस प्रकार मगतिदशतिक बनाया जा सक्ा ि । मैं सभी रचनाकारों और संपादक मंडि को सारिाद दे्ी ह और आशा कर्ी ह कक सरकार की राजभाषा नीत्् के कायातिनियन में आप सभी अपना मितिपूणति योगदान देंगे और हिंदी भाषा को और आगे ि जाने के त्िए स्् प्रयासशीि रिेंगे । जय हिंद, जय हिंदी ... त््रुिनं्पुरम त्शउिी बमतिन 24.03.2022 मुखय पोसटमासटर जनरि, केरि डाक सरकतिि एि अधयक्, नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I) 8
¨ÉÖJªÉ ºÉÆ{ÉÉnEò EòÒ +Éä® ºÉä... नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत््, (कायातििय -।), त््रुिनं्पुरम की पत्रिका “मैरिी” का 23िाँ अंक भी ई-पत्रिका के रूप में आपके समक् प्रस्ु् ि । सत्मत्् के त्ित्भन्न सदसय कायातिियों के अत्रकाररयों और कमतिचाररयों की सात्ितयक रचनाएं, कायातिियों में राजभाषा कायातिनियन से संबंत्र् त्ित्भन्न कायतिकिापों की ररपोट आकद इसमें शात्मि िै। सत्मत्् की िमेशा यिी कोत्शश रिी ि कक “मैरिी” में राजभाषा से संबंत्र् िेखों को प्रमुख्ा दी जाएं ्ाकक इस पत्रिका विारा राजभाषा हिंदी के बारे में सभी अत्रकाररयों और कमतिचाररयों में जागरूक्ा पैदा कर सके । राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में िमारी सत्मत्् सदसय कायातिियों के साथ त्मिकर आगे बढ़ रिी ि । कोत्िड़ मिामारी के कारण त्पछि दो सािों से सत्मत्् की बैठकें और अनय कायतिकिाप ऑनिाइन िी आयोत्ज् की जा रिी ि । अभी िा्ािरण बदि रिा ि और इसीत्िए आशा कर्ा ह कक आगे सत्मत्् से संबंत्र् सभी कायतिकिाप पिि जैसा कर पाएंगे । “मैरिी” के इस अंक में शात्मि सभी रचनाओं के िेखकों का ्था अथक प्रयास करनेिाि संपादन सत्मत्् के सभी सदसय बराई के पारि ि । सभी को िारदतिक बराइयाँ एि शुभकामनाएं । आप सुरी पाठकों से अनुरोर ि कक मैरिी के इस अंक के बारे में अपनी प्रत््कक्रया, सुझाि आकद से िमें अिग् कराने की कृपा करें । शुभकामनाओं सत्ि्, सी.आर. रामकृषणन त्नदेशक, डाक सेिाएं (मुकयािय), करे ि डाक सरकतिि एि प्ररान, नराकास सत्चिािय त््रुिनं्पुरम 24.03.2022 9
प्रतयेक देश की पिचान का एक मजबू् आरार उसकी अपनी भाषा िो्ी ि । भार् के प्रथम राष्ट्रपत्् डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किा था - “त्जस देश को अपनी भाषा और सात्ितय के गौरि का अनुभि निीं िै, िि देश उन्न् निीं िो सक्ा ।” भार् ्ो त्ित्िर्ाओं का देश ि – के िि भाषा िी निीं, िेश-भूषा, रिनसिन, खानपान, रीत््-ररिाज़ आकद प्रां् त्िशेष में अिग-अिग ि । यि त्ित्िर्ा िी भार् को श्ष्ठ और मिान बना्ी ि । इन त्ित्िर्ाओं के बीच भार् देश और उसकी जन्ा को एक सूरि में बांरकर रखने में और भार् की सामात्सक संसकृत्् को अक्णण बनाए रखने में हिंदी भाषा की अिम भूत्मका ि । राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रयोग को बढािा देने की कदशा में नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I), त््रुिनं्पुरम विारा की जा रिी कई प्रयासों में एक ि सत्मत्् विारा प्रकात्श् हिंदी पत्रिका “मैरिी” । आशा कर्ी ह की पत्रिका का यि अंक भी आपको अचछा िगेगा । आपके सुझाि और प्रत््कक्रयाओं ने िमेशा िी िमें आगे बढने की ऊजाति प्रदान की ि । पत्रिका को और रोचक और पठनीय बनाने के त्िए आपके त्िचार और सुझािों से िमें अिग् कराने की कृपा करें । शुभकामनाओं सत्ि्, के.आर. रं त्जनी सिायक त्नदेशक (राजभाषा) मुखय पोसटमासटर जनरि का कायातििय, केरि सरकतिि एि सदसय सत्चि, नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय – I), त््रुिनं्पुरम त््रुिनं्पुरम 24.03.2022 ºÉÆ{ÉÉnEòÒªÉ 10
आजकल परिस्थिति प्रदषण बहुि बडी समस्या बन गई है। हमयाि देश भयािि में अभी िक इस प्रदषण पि आवश्यक ध्यान नहीं ददयया गयया है। हम अगि अभी से इस पि ध्यान नहीं देंगे िो आनेवयाली पीढी को बहुि करिनयाई सहनी पडेगी। यह समस्या तवतवध ििीके से होि हैं, वे हैं- वयायु प्रदषण, पयानी प्रदष्ण, आहयाि व भोजन प्रदषण, ध्वतन प्रदषण आदद। इन सभी प्रदषणों कया दयाययत्व मनुष्य के धन-मोह पि आधयारिि है। इसमें प्रमुख, वृक्ों को कयाटने कया कयाय है। वयायु यया पयानी प्रदषण कया मुख्य कयािण अतनयंत्रिि व्यावसयाययक उन्नति, नयागरिकिया आदद है। व्यावसयाययक कंपतनयों से फेंकनेवयाले कडे व अनुपयोगी सयामयान धििी पि यया नददयों में ढे ि िहे हैं। इसी प्रकयाि पयानी कया प्रदषण होिया है औि कडों से उत्पन्न तवतवध तवष वयायु से अंिरिक् में वयायु प्रदषण होिया है। इसके अलयावया वनों कया नयाश किके उसके थियान पि तवतवध व्यावसयाययक केन्द्र, नए नए मकयानों व नगिों कया तनमया्यण किि हैं। अगलया है ध्वतन प्रदषण। वयाहनों की आवयाज़ मुख्य रूप से बडे नगिों में असहनीय रूप से इनसयान को बहिया बनयाि हैं। वे शयािीरिक एवं मयानससक रूप से मनुष्य को तबगयाडि हैं। वयाहनों की संख्यया क्रमयािीि बढने के कयािण आज कया युग निक िुल्य बन गयया है। भयािि में ये स्थिति है िो यू.एस.ए., फ्यान्स, न्योक्य , लंदन, टोक्ो औि पयारिस आदद बडे-बडे नगिों को क्या हयाल होगया ? नगिों में कयाि, बस, मोटि सयाईत्कल आदद भूयम पि औि हवयाई-जहयाज़ आकयाश मयाग्य में बहुि आवयाज़ बनयाि हैं। इससे बहुि दतषि गंध उत्पन्न होिया है। लोगों को इससे बहुि करिनयाई होिी है। इसी प्रकयाि होिया िो मनुष्य को सयांस लेने के सलए स्वच्छ वयायु कहया से यमलेगया? इसी प्रकयाि अगि हम आगे बढे िो धििी पि जीनया बहुि हयातनकयािक हो जयाएगया। प्रदषण हटयाने के सलए व्यावसयाययकीकिण संिुलन औि योजनयापिक परिवि्यन होनया चयादहए । नयागरिकिया कया योजनयापिक व बहुतवध होनया अतनवयाय है। व्यावसयाययक कडे व अनुपयोगी सयामयान कहीं फेंकनया नहीं चयादहए। इसे ियासयायतनक तवयध प्रकयाि से नष्ट किनया चयादहए। इसी प्रकयाि ियासयायतनक तवयध से तवष वयायु को भी हटयानया अतनवयाय है। प्रदषण िोकने के सलए पौदों कया िोपण आवश्यक है। कडे यया अनुपयोगी सयाधनों को सडकों पि नहीं फेंकनया चयादहए औि कडे कक्य टों कया ढे ि नहीं लगयानया चयादहए। तवश्व पयया्यविण ददवस प्रति वष्य 5 जून को हमयािी इन्ीं गलतियों को समझने एवं उनके बुि प्रभयाव को बेअसि किने के उद्श्य से सकयाियात्मक कदम उियाने की ददशया में प्रययास किने के उद्श्य से पूि तवश्व में मनयायया जयािया है। तवश्व पयया्यविण ददवस को पहली बयाि संयुक्त ियाष्ट्र संघ द्यािया संयुक्त ियाष्ट्र पयया्यविण कयाय्यक्रम के द्यािया ग्ोबल वयायमग, भोजन की कमी, वनों की कटयाई, आदद जैसे तवयभन्न पयया्यविणीय मुद्ों कया समयाधयान ढढने के उद्श्य से 1973 मनयायया गयया थया। वैज्यातनकों के अनुसयाि तनकट भतवष्य में मयानव-प्रेरिि पयया्यविण परिवि्यन की वजह से दो-तिहयाई से भी अयधक वनस्पतियया व जीव तवलुप्त हो जयाएंगे। यह ियाज्य हम सब कया घि है। इसकया िीक ििह से परिपयालन किनया हम सबकया दयाययत्व है। इससे हमें स्वयास्थ्य औि समृयधि यमलेंगी। अगि इसी प्रकयाि कि िो निक िुल्य प्रदषण को दि कि इंसयान को बचया सकि हैं। श्रीििरी लक्षरी ए प्रवि श्णी सलतपक, आकयाशवयाणी, तिरुवनंिपुिम 11
आज के युग में प्रत्क मनुष्य के सलए सशक्या अत्ंि अतनवयाय है चयाहे वह मदहलया हो यया पुरुष। सशक्या एक व्तक्त को पूण्यिया प्रदयान कििया है। सशक्या के तबनया त्कसी के जीवन की संकल्पनया भी नहीं की जया सकिी है। पुियाने समय में नयािी कया कयाम घि कया कयाम संभयालनया, बच्ों कया देखभयाल आदद थया। लेत्कन समय बीिने पि इसमें भी परिवि्यन आयया है। भयािि को स्विरि हुए 75 वष्य हो गए है। त्फि भी मदहलयाओं की सयाक्ििया 70.3% में है। यह पुरुषों की सयाक्ििया से 14% पीछे है। के िल एक ऐसया ियाज्य है जो मदहलयाओं की सयाक्ििया में प्रथम थियान पि है। के िल के 95 मदहलयाएं सयाक्ि हैं। हयाल ही में के िल की श्ीमिी भयागीिथी अम्या ने सयाक्ििया पिीक्या पयास की है, इस तवसशष्ट घटनया ने पूि देश की मदहलयाओं को प्रेिणया दी है। भयािि में मदहलयाओं की सशक्या की स्थिति हमेशया एक जैसया नहीं थया। प्रयाचीनकयाल में नयािी को ज्ययादया महत्व ददयया जयािया थया। उस समय नयािी पुरुषों के सयाथ युधि आदद में भयाग लेिी थी। वैददक कयाल में बहुि सयािी तवदषी मदहलयाएं थी जैसे अनसूयया गयागगी आदद। इन मदहलयाओं ने अपने बैयधिकिया से सयाि समयाज को प्रभयातवि त्कयया थया। बयाद में नयािी की स्थिति एवं सशक्या दोनों दयनीय हो गयी। आज से सददयों पूव्य स्ती को अपने मनपसंद पुरुष से शयादद किने की स्विरििया थी। उस समय नयािी सशसक्ि थी अपनी अच्छयाई औि बुियाई के बयाि में सही ढंग से सोचने में सक्म थे। वैददक कयाल के बयाद हम देख सकि हैं त्क मदहलयाओं की स्थिति बहुि दयनीय हो गयी। तवद्या पयानया िो दि की बयाि, सिी जैसे भ्रष्टयाचयाि द्यािया स्ती कया अस्तित्व ही छीन सलयया गयया। स्विरििया संग्याम के चलिे-चलि उसमें बदलयाव आने लगी। ियाजया ियाममोहन िोय के योगदयान द्यािया सिी जैसे अनयाचयाि कया अंि हुआ। स्विरििया संग्याम के समय बहुि सयािी सुश्री अश्वनरी ए डयाक सहयायक, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय के िल सत्कल, तिरुवनंिपुिम 12
मदहलयाओं ने अपनी पहचयान बनयाई थी, वे सब मदहलयाओं ने अपने सशक्या कया सही ििीके से उपयोग त्कयया। भयािि कोत्कलया नयाम से प्रससधि श्ीमिी सिोसजनी नयाययड ने भयािि के स्विरििया के सलए बहुि सयाि आंदोलनों में भयाग सलए थे। कयादम्बितन गयाँगुली, भयािि की प्रथम मदहलया थी, सजन्ोंने यचत्कत्या शयास्त में दडग्ी प्रयाप्त त्कए। तरिरटशों के समय में मदहलयाओं को उच् सशक्या प्रयाप्त किनया भले ही मुम्किल िहे हो, त्फि भी कयादम्बितन ने ससफ्य भयािि में ही नहीं बल्कि दसक्ण एसशयया में यचत्कत्या शयास्त में स्यािक उपयाधी प्रयाप्त किनेवयाली प्रथम मदहलया थी। कल्पनया चयावलया अंिरिक् में जयानेवयाली भयािि की प्रथम मदहलया थी। उनसे भयािि के किोड़ों बेरटयों को प्रेिणया यमली। अंिरिक् ययारिया किनया एक छोटी सी बयाि नहीं है। चयावलया जी ने ससफ्य अपने सशक्या के कयािण ये सब प्रयाप्त की थी। भयािि के प्रथम मदहलया प्रधयानमंरिी श्ीमिी इन्दििया गयाँधी ने 1975 में आपयािकयाल घोतषि की, इसीसलए भयािि की सबसे तनडि प्रधयानमंरिी के नयाम से जयानी जयािी है। भयािि की प्रथम मदहलया ियाष्ट्रपति श्ीमिी प्रतिभया पयारटल ने मदहलयाओं की प्रगति के सलए तवशेष ध्यान देिी थी। ये उपलम्धियया इन मदहलयाओं की सशक्या के कयािण ही संभव हो पयाई। भयािि की प्रथम मदहलया सशक्क एवं समयाज सुधयािक श्ीमिी सयातवरिी भयाई फुले ने बयासलकयाओं के सलए एक अलग तवद्यालय की थियापनया की थी। उन्ोंने अपने पति ज्योति ियाव फुले के सयाथ यमलकि मदहलयाओं की सशक्या के सलए बहुि सयाि कयाय्यक्रमों कया आयोजन त्कयया। अब हम देखें िो भयािि की प्रथम िक्या मंरिी श्ीमिी तनम्यलया सीियाियामन पूि तवश्व में प्रससधि एक मदहलया है। उन्ोंने कोिोनया महयामयािी के समय आत्मतनभ्यि भयािि पैकेज की घोषणया की थी। के िल की ओि देखें िो एक छोटी सी गयाँव में जन्ी श्ीमिी के.के. शैलजया टीचि ने स्वयास्थ्य मंरिी के रूप में अपनी अनूि कयाययों के सलए तवश्व प्रससधि हुई। तनपया औि कोिोनया के दौियान उन्ोंने अपने अधीनथि कम्यचयारियों के सयाथ ददन-ियाि परिश्म किके सभी को प्रेिणया दी थी। मंरिी होने के सयाथ-सयाथ उन्ोंने लोगों के सयाथ यमलजुलकि उनके आत्त्मतवश्वयास को बढयायया। उन्ोंने अपनी सशक्या कया उपयोग सयामयासजक औि मयानतवक सुधयाि के सलए त्कयया। ये सभी मदहलयाएं अपनी सशक्या को अपनी ियाकि समझकि तनडि आगे बढने वयाली वीि मदहलयाएं हैं। भयािि सिकयाि ने नयािी सशक्या पि तवशेष ध्यान देि हुए बहुि सयािी योजनयाएं बनयाई हैं। इनमें से प्रमुख है - ‘बेटी बचयाओ, बेटी पढयाओ’, कतिूिबया गयाँधी तवद्यालय आदद। सव्य सशक्या अयभययान द्यािया सिकयाि ने कयाफी सुधयाि त्कए हैं। ये सब हमें प्रिीक्या देिी हैं। जयशंकि प्रसयाद ने कहया है त्क“दयया, मयायया, ममिया लो आज मधुरिमया लो अगयाध तवश्वयास हमयािया हृदय ित्न तनयध स्वच्छ िुम्याि सलए खुलया पयास।” भयािि में मदहलयाओं को दयया, मयायया, ममिया, मधुरिमया, स्वच्छिया औि त्यागी नयाम से अनेक महि तवशेषियाओं से तवभूतषि त्कयया जयािया है। इससलए नयािी सशक्या बहुि जरूिी है। एक मदहलया ही एक व्तक्त को पूण्यिया िक ले जयािी है। आज दतनयया में ऐसया कोई क्ेरि नहीं है, जहया मदहलयाओं ने अपने कदम न िखे हो। ग्यामीण क्ेरि से भी बहुि सयािी लड़त्कयया कलया, खेलकद, यचत्कत्या, तवज्यान आदद क्ेरिों में लड़कों के बियाबि आिी हैं। मदहलया सशक्या त्कसी भी देश के तवकयास औि प्रगति के सलए अत्ंि आवश्यक है। इससलए तवश्वयास है त्क बढगया भयािि .... आगे बढगया ..... 13

भनवष्य

भले ही दे चुनौती, अनवरत प्रयास-रत पाए मोती। काल-कलुनषत शिक्ा-नीनत, नैनतक मल्य की नवलांजशल देती।। आत्म-बल

सफल, ओ! नवह्वल बैठे ‘परीक्ा नवफल’। मकड़ी

श्री एन. इन्द्रजरीि ियाजभयाषया अयधकयािी मंडल िेल प्रबंधक कयायया्यलय दसक्ण िेलवे, तिरुवनंिपुिम एक ज़माना थाशिक्ा ही अधिमान्य अग्रसर स्ल, जब अवसर हो मयस्सर; खेल का पीरीयड ही सरासर; ननगल जाती हर सब्क्ट टीचरचुप्ी-सािी खुिी से पी.टी. मास्टर ! बच् गवाए ककतने अवसर बेहतर, कैसे बने भारत खेल में नवश्व-स्तर ? स्ल के मैदान बड़े प्ारे, खेल के अवसर ही न्यारे! हहम्मत न हारे, बच् बेचारे, खेलने लगते घर, सड़क ककनारे। सड़क भी बन जाता मैदान बच् धमलकर खेलते जी-जान।। ज़माना बदल गयाअब स्ल में ही नहीं ‘खेलबंद’ घर में भी अब ‘वही प्रनतबंि’ ! ‘नीट’ की क्ा करामत अब कुछ भी नहीं सहूशलयत !! ‘नीट-जेईई’ बनी शजजीनवषा, घर-बाहर यही सेवा-सुश्षा ! हर माँ-बाप में लगी आिा, अपनी इच्ा न हो ननरािा। माँ-बापकौन जाने बच् की मनसा, ठमसा न खेल का प्ासा, शिक्ा से न हो जुगुप्ा ! िधमदा न हो हारेंगे सहसाबच् चुननदा पढ़ेंगे अच्ा, कुछ
चयन करें स्च्ा, िधमदा न हो हारेंगे सहसातननक-सा पुनः करें भरोसा ! प्ारे बच् न्यारे हैं, होड़ जीते या हारे हैं। परीक्ा से बड़ा प्रयास है, शिक्ा-ध्य आत्म-नवश्वास है।। जीवन
से बनें जीवन
जाल बनने धगरी सौ बार, हहम्मत न हारी घर बनी िानदार।। शिक्ा फल-प्रानति संस्कृ नत व सदनवचार, ‘परीक्ा-सफल’ ही नहीं हैं होनहार। स्च्द, स्ावलंनबत बच् ही कल, स्ननर्णय लेने में होंगे सफल।। आइए बढ़ाएं हम बच्ों के मनोबल, रवाइए यह कसम जीवन बनें उज्ज्वल। ‘पव्ण’ बदलता मौसमगधमयों में बरसात, जाड़ा में गरम ! ‘गव्ण’ बदलना माँ-बापस्ल में ‘खेल’, शिक्ा से नैनतक मल्य !! तन-मन से स्स्थ हो बच्ा. गुर-गान यही करें तो अच्ा ! 14
श्रीििरी मिनरी एस एस वरिष्ठ सयामयासजक सुिक्या सहयायक कम्यचयािी भतवष्य तनयध संगिन, क्ेरिीय कयायया्यलय, तिरुवनंिपुिम पसंद है मुझे वे लोग जो चाहते हैं मुझे मैं जैसी हूँ वैसी रहूँ न इसके जैसी, न उसके जैसी खुद जैसी हूँ, बस वैसी हूँ। पसंद है मुझे वे लोग जो मुझे अपनाना चाहते हैं न इसके जैसे बदलना है न उसके जैसे बदलना है बस मैं खुद जैसी हूँ वैसे ही अपनाना चाहते हैं। पसंद है मुझे वे लोग जो शज़दगी के इस अहम दौर पर मेरे साथ खडे रहना चाहते हैं न इसके जैसा न उसके जैसा बस खुद के हक के शलए लडना शसखाना चाहते हैं मुझे यही लोग चाहहए क्ोंकक ये मुझमें मुझे देखना चाहते हैं। श्रीििरी आर. रजिांतिका स्ािकोत्तर अध्ापक (हिदरी) जवािर नवोदर तवद्ालर, तिरुवनंिपुरि आज ऋतुएं सबकी पीड़ा, चंचल होती धरती, टटते पह़ाड, बबऩा बुल़ाए आती सुऩामी, प्रलय की वेल़ा नींद खो ज़ात़ा दव़ा द़ारू बीम़ारी प्रकंपपत होती डरती की उल्ी गपत लेती नददय़ा अदृस्य पवस्मय महेन्द्र ज़ाल वैभव अंतक़ारण की रुदन चचह्न शेष टटती आईने की प्रपतबबब में क्षण भंगुर नश्वर मृत् की कत्ीऩा, रीत़ा, ओखी की संह़ार लील़ा जलती मन की आग में पपघलती आत़्ा क़ा पुक़ार पवश्व की मृत् वेल़ा अवनी बंध़्ा बनी, धरे तेरे प्ऱांगण में मूक पवल़ाप छ़ाती म़ारती आई बदलती प्रकृ पत बदलती प्रकृ नत 15
श्री प्रिरीक कतनष्ठ अनुवयाद अयधकयािी, केंद्ीय अन्षण ब्ूिो, तवशेष अपियाध शयाखया, तिरुवनंिपुिम ज़िन्दगरी जरीना िरी िै, िो खुशरी से जरी लो... िर क्षण को खुशरी से भर दो, िर पल को पूररी िरि जरी लो। दख िोिा क्यों ि ? आना जाना िो लगा िरी रििा ि ... रि िो िि चुनना ि रक जरीना कैसे ि दखरी के साथ रा खुजशरयों से भररी ज़िन्दगरी। अगर आज दख ि िो कल खुजशरां भरी नसरीि िोगरी, िर पल कछ नरा हदखािा िै, पल पल िदलिरी ि ज़िन्दगरी, ढंढो िो िर पल ि खुजशरां ि िस उसे िटोरने की देर िै। ज़िन्दगरी जरीनरी ि िो खुशरी से जरी लो। भारत एक, सभी भारतीय एक, हहन्ी मानवता को यह नवचार बताती है, हहन्ी हम में वो एकता का भाव जगाती है। हम भारतीय, हहन्ी हमारी मातभाषा, हहन्ी भाईचारे और समानता का पाठ पढ़ाती है, हहन्ी हमें यह सम्मान हदलाती है। भारत महान, भारतीय संस्कृ नत महान, हहन्ी सामाशजक भातत्व का नवचार फैलाती है, हहन्ी हमें उस वैभव से अवगत करातीहै। अन्य भाषा के साहहत्य, धचतन को हहन्ी जन जन तक पहचाती हैं, हहन्ी हमें वैशश्वक पहचान हदलाती है। भाषा की उन्ननत, देि की उन्ननत, हहन्ी दोनो के संबंि को दिा्णती है हहन्ी हमारा मान बढ़ाती है। खुशियाँ भरी ज़िंदगी श्रीििरी आर.दरीतति प्रसशसक्ि स्यािक सशसक्कया, के न्द्रीय तवद्यालय, एसएपी, पेरूिकड़या 16
श्री राधाकृष्णन नारर एस पुसलस उप महयातनिीक्क ग्रुप कें द् के. रि.पु.बल पल्ीपुिम आजादी का अमृि महोत्सव के शुभ अवसि पि सीआिपीएफ का अखिल भाििीय साईरकल िैली (कन् ाकुमािी से िाजघाट िक) एवं ग्प केंद्र पल्ीपुिम में उच्च कोरट का िाजभाषा काययान्वयन 75वया स्वयाधीनिया ददवस के उपलक्ष्य में, भयािि सिकयाि के द्यािया आजयादी कया अमृि महोत्व मनयाये जयाने कया तनण्यय सलए जयाने के क्रम में, ग्रुप केन्द्र, के न्द्रीय रिजव्य पुसलस बल, पल्ीपुिम को अखखल भयाििीय सयाइत्कल िैली - कन्याकुमयािी से ियाजघयाट नई ददल्ी िक किवयाने कया दयाययत्व एक सुनहि अवसि के रूप में प्रयाप्त हुआ। देश प्रेम की भयावनया से ओि प्रोि, आजयादी कया अमृि महोत्व मनयाने कया अनोखया प्रययास एवं देश को एक छोि से दसि छोि िक-एक सूरि में तपिोने, सयाथ ही स्वयास्थ्य के प्रति जयागरूकिया फैलयाने के सलए सयाइत्कल िैली जैसया अनूिया अयभययान को पूण्य हषषोल्यास के सयाथ शुरू कि, युधि तिि पि िैययािी पूण्य किि हुए, ददनयांक 22 अगति 2021 को कन्याकुमयािी के पयावन िट पि श्ी टी मनोथंगियाज, सूचनया प्रसयािण मंरिी ियमलनयाड सिकयाि ने, श्ीमिी िल्मि शुक्या, अपि महयातनदेशक एवं अन् तवसशष्ट गणमयान्ों की उपस्थिति में, 18 वीि जवयानों की सयाईत्कल िैली को हिी झण्ी ददखयाकि प्रथियान त्कयया। ग्रुप केन्द्र पल्ीपुिम के होनहयाि अयधकयािी श्ी प्रदीप कुमयाि, सहयायक कमयाण्ट के कमयान में सयाईत्कल िैली अपने रूट पि जन-जन में ियाष्ट्र प्रेम कया अलख जगयाि हुए, अपने गंिव् की ओि िवयानया हुई। सयामयान् जन नें सयाइत्कल िैली के वीि सपूिों कया जगह-जगह हिेक थियानों पि जोिदयाि स्वयागि त्कयया। इस प्रकयाि अगले 35 ददनों में इस ऐतिहयाससक पल कया उद्श्य, अखखल भयाििीय सयाइत्कल िैली के ियाजघयाट पहुंचकि अनेकों गणमयान्ों की मौजूदगी में भयािि के ियाष्ट्रतपिया महयात्मया गयांधी को श्धियांजसल देकि पूण्य हुआ । ग्रुप केन्द्र के न्द्रीय रिजव्य पुसलस बल पल्ीपुिम-सदया सव्यरि आगे, अपने इस मूल अवधयािणया के अनुरूप सिकयािी कयाययों में, ियाष्ट्रीय व्वहयाि में, उच्कोरट कया ियाजभयाषया कयायया्यन्यन कि िहया है। दैतनक पिेड स्टे टमेंट, कैश बुक दहदी में सलखि हुए, त्द्भयाषी कयागजयािों कया अतनवयाय प्रचलन को अपनया कि, तनधया्यरिि लक्ष्य को प्रयाप्त त्कयया गयया है। वयातषक प्रोत्याहन योजनया वष्य 2020-21 के अंिग्यि 10 कयायमकों को नकद पुिस्याि ददयया गयया है । दहदी पखवयाड़या 2021 के अंिग्यि तवयभन्न प्रतियोतगियाओं कया आयोजन किि हुए सभी वगयों में कयायमकों को पुिस्ृि त्कयया गयया है । 14 ससिंबि 2021 को दहदी ददवस समयािोह कया शुभयािंभ दीप प्रज्ज्वलन कि, ईश वंदनया, िभयाििीय गणमयान्ों के दहदी सूतक्तयों’ संबंधी दो बड़ फोटो फ्म कया अनयाविण त्कयया गयया, सजसे कयायया्यलय में मुख्य थियान पि लगयायया गयया है। कयाय्यक्रम में सभी विीयिया प्रयाप्त कयायमकों को प्रशस्ति परि प्रदयान त्कए गए । कयाय्यक्रम के दौियान देशभतक्त गीि, वीि गयाथया, ियाजभयाषया प्रतिज्या के सयाथ ियाष्ट्र गयान के सयाथ भव् ििीके से पूण्य हुआ । 17
नगर राजभाषा कारायान्व रन समिति (कारायाल र-।) के राजभाषा परसकार उतकष्ट राजभाषा कार तनषपादन के तनषपादन के परसकार त्वजेिा – श्णी-। (50 से अमिक कामिको ्वाले कारायाल र) 1. प्रथि स्ान –आकाशवाणरी, तिरुवनंिपुरि 2.रवििरीर स्ान – इसरो जडत्रीर प्रणालरी रतनट 3.ििरीर स्ान – तवक्रि साराभाई अंिररक्ष केंद्र
4.चौथा स्ान-िुख्य पोस्टिास्टर जनरल कारायालर 5.पाँचवा स्ान- भारिरीर भूवैज्ातनक सववेक्षण 6.छठा स्ान – कियाचाररी भतवष्य तनमध संगठन, क्षेत्रीर
1.प्रथि स्ान – क्षेत्रीर आरववेदरीर जरीवन शैलरी संिंधरी तवकार अनुसंधान संस्ान नगर राजभाषा कारायान्व रन समिति (कारायाल र-।) के राजभाषा परसकार उतकष्ट राजभाषा कार तनषपादन के तनषपादन के परसकार त्वजेिा – श्णी-।। (11 से 50 िक कामिको ्वाले कारायाल र) 2.रवििरीर स्ान – के न्द्ररीर तवद्ालर, एसएपरी पेरूरकडा 3.ििरीर स्ान – क्षेत्रीर पासपोटया कारायालर
4.चौथा स्ान – क्षेत्रीर लेखा कारायालर, रक्षा लेखा तवभाग 6.छठा स्ान – जसद्ध क्षेत्रीर अनुसंधान संस्ान 2.रवििरीर स्ान – के न्द्ररीर तवद्ालर, एसएपरी पेरूरकडा 5.पाँचवा स्ान – भारिरीर खेल प्रामधकरण , केरल क्षेत् लक्षरीिाई राष्टरीर शाररीररक जशक्षा ििातवद्ालर,
उतकष्ट राजभाषा कार तनषपादन के तनषपादन के परसकार त्वजेिा – श्णी-।।। (10 िक कामिको ्वाले कारायाल र) नगर राजभाषा कारायान्व रन समिति (कारायाल र-।) के राजभाषा परसकार उतकष्ट गह पतरिका के परसकार त्वजेिा 1.प्रथि स्ान – कियाचाररी भतवष्य तनमध संगठन, आंचजलक कारायालर 1. इसरो जडत्रीर प्रणालरी रतनट 2. तवक्रि साराभाई अंिररक्ष केंद्र 3. िंडल रेल प्रिंधक कारायालर,दक्क्षण रेलवे
4. श्री चचत्ा तिरुनाल आरतवज्ान एवं प्रौद्ोमगकी संस्ान इसरो जडत्रीर प्रणालरी रतनट स्ववोत्ति और सिग्र तनषपादन के ललए स्वयाजेिा कारायाल र नगर राजभाषा कारायान्व रन समिति (कारायाल र-।) की तहदी पतरिका 'िरिी ' के बाइस्व अक का लोकापयाण
श्री एस.एि. कािरान अििद सहयायक तनदेशक (भवन) मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय के िल सत्कल, तिरुवनंिपुिम श्री पवन किार श्रीवास्तव सहयायक कमयाण्ट(िया.भया.) ग्रुप कें द् के.रि.पु.बल पल्ीपुिम के िल कहि है त्क तवश्व सौ सयाल के बयाद एक महयामयािी को झेलिया है। िीक ऐसे ही कोिोनया अथया्यि कोतवड-19 ने हमयाि जीवन में प्रवेश त्कयया। वष्य 2019 खत्म हो िहया थया औि लोग नए वष्य 2020 के स्वयागि की िैययािी में लगे हुए थे। वष्य 2020 के आने की खुशी में पूिया समयाज ऐसे खोयया थया त्क मयानो 2020 के आि ही सब कुछ अच्छया हो जयाएगया, सयािी िकलीफें दि हो जयाएंगी, मयानव जीवन में कोई कष्ट नही िहेगया। पिि 2020 के आि ही कोतवड़-19 ने दतिक दे ददयया। िभी समयाचयाि मयाध्मों के ज़रिए हमें पिया चलिया है त्क यह भययानक वयायिस चीन में फैल िहया थया औि हम अपने जीवन में व्ति थे यह सोच कि त्क यह तवनयाश केवल चीन वयाससयों के सलए ही है। टे सलतवज़न पि चीन के अजीबो गिीब फोटो देखकि मन तवचसलि हो जयािया पि ददल मयानने को िैययाि नहीं थया त्क यह बीमयािी हमयािी सजदगी में भी दयाखखल हो जयाएगी। चीन से होि हुए इस बीमयािी ने पूि तवश्व पि कहि ढया ददयया। इसे न िो वीज़या औि पयासपोट्य की जरूिि पड़ी, हि देश में बड़ी आसयानी से पहुँच कि ऐसी भययानक स्थिति उत्पन्न कििया, सजसकया बड़े से बड़े देशों में भी कोई इलयाज नहीं थया। सभी देशों ने अंििियाष्ट्रीय उड़यानों को बंद कि ददए, िेलगयादड़यया बंद कि दी गई। देखि ही देखि हमयािया देश भी इसके चंगुल में आ गयया। औि कयाफी िेजी से फैलने वयाली इस बीमयािी ने हमयाि भी हयाथ-पैि बयाँध ददए। 139 किोड़ जनसंख्यया वयाले देश की जनिया को इसके प्रभयाव से बचने के सलए खुद को घिों में बंद िहनया पड़या। पूि देश में लॉक डयाउन लग गयया। अचयानक इस महयामयािी के फैलयाव ने िोज मिया्य की मजदिी किके जीवन ययापन किने वयालों के सलए मुम्किलें खड़ी कि दी। खयाने के लयाले पड़ गए। यहया िक की बीमयाि हुए लोगों के इलयाज के सलए उपलधि सुतवधयाएं भी कम पड़ने लगी थी। इस बीमयािी ने कईयों के सगे संबंयधयों की जयान ले लेकि उनको बेसहयािया कि ददयया। त्कसी ने सपने में भी नही सोचया थया त्क कोिोनया, कोतवड-19 पूि तवश्व के लोगों को तबनया त्कसी भेद-भयाव ऐसया प्रभयातवि किेगया........... जय दहद। भारतवर्ष की राजभारा: हिंदी तुम अपनी रचना, आप हो चाहे गनत चुन लो, चाहे ठहराव चाहे योग चुन लो, चाहे तो भोग चाहे अह्ाद चुन लो, चाहे अवसाद अंतत: शलखना भी तुम् है, वाचना भी तुम् है। 24
एक बयाि चयाि युवया ियाजकुमयािों ने एक अद्ि पेड़ के बयाि में सुनया सजसे लयाल कली कया पेड़ कहया जयािया थया। उनमें से त्कसी ने भी कभी लयाल कसल कया पेड नहीं देखया थया, औि प्रत्क ियाजकुमयाि उस पेड़ को सबसे पहले देखनया चयाहिया थया। सबसे बडे ियाजकुमयाि ने सयािथी से कहया त्क वह उसे उस जंगल में ले जयाए जहया वह पेड़ है। बसंि के मौसम के शुरुआि के ददन थे, औि पेड़ में न पत् थे औि न कसलययाँ। वह एक मि हुए पेड़ जैसया प्रिीि हो िहया थया, सजसके सयाि पत् झड़ चुके थे। ियाजकुमयाि समझ नहीं पयायया त्क इसे लयाल कसल कया पेड़ क्ों कहया जयािया है, लेत्कन उसने कोई सवयाल नही पूछया। बयाद में बसंि ऋि में दसिया ियाजकुमयाि ियाजया के िथ पि लयाल कली कया पेड़ देखने के सलए जंगल गयया औि इस बयाि यह पेड़ लयाल कसलयों से ढकया हुआ थया। जब िीसिया ियाजकुमयाि कुछ महीनों के बयाद इस देखने के सलए जंगल गयया िो पेड़ हि पत्ों से ढकया हुआ थया। वह इसे लयाल कसल कया पेड़ कहने कया कोई कयािण नहीं देख सकया, लेत्कन उसने भी कोई सवयाल नहीं पूछया। इससे कुछ समय बयाद सबसे छोटे ियाजकुमयाि को लयाल कसल कया पेड़ देखने को जयाने को कहया गयया। लेत्कन इस बयाि वह पेड़ छोटी फसलयों से ढकया हुआ थया। जब वह जंगल से वयापस आयया िो वह उस बगीचे में गयया जहया उसके भयाई खेल िहे थे, औि कहया, “मैने लयाल कसल कया पेड़ देखया”। “मैंने भी देखया है” सबसे बड़े ियाजकुमयाि ने कहया “वह मुझे एक पेड की ििह नहीं लग िहया थया” उसने कहया, “वह एक मृि पेड़ के समयान ददख िहया थया, सजस पि कोई पत् नहीं थे”। “आप क्या कह िहे हो” दसि ियाजकुमयाि ने कहया, “पेड िो लयाल कसलयों से ढकया हुआ थया इससलए उसे लयाल कसलयों कया पेड़ कहया जयािया है”। िीसि ियाजकुमयाि ने कहया, “क्या िुमने लयाल कली कहया आप क्ों कह िहे हो त्क उस पेड़ में लयाल कसलयया थी, वह िो हिी पतत्यों से ढकया हुआ थया”। सजस ियाजकुमयाि ने आखखिी में पेड़ देखया थया, अपने भयाइयों पि हतिे हुए उसने कहया, “मैंने अभी अभी वह पेड़ देखया है औि वह एक मि हुए पेड़ की ििह नहीं थया, उस पि न िो लयाल कसलयया थी औि न ही हिी पतत्ययाँ, यह छोटी फसलयों से ढकया हुआ थया”। ियाजया उनकी बयाि सुन िहया थया औि उनकी बयाि खत्म होने कया इं िजयाि कि िहया थया िब उसने कहया, “पुरिों िुम सब ने एक ही वृक् को देखया है, पिि एक ही वष्य में अलग-अलग ऋिुओं में देखया है ”। आपके जीवन में भी समय के अनुसयाि सब कुछ बदलिया है औि आपकी धयािणया भी बदल जयािी है, पेड़ों में भी मौसम के अनुसयाि परिवि्यन आिया है, प्रकृति में भी कई बदलयाव आि हैं, उसी प्रकयाि हम इंसयानों के जीवन में भी कई सौसम होि हैं, हम जीवन भि बदलि िहि हैं औि कभी कभी आप त्कसी व्तक्त में सुंदििया नहीं देखि हैं, लेत्कन कुछ समय बयाद उसी व्तक्त में सुंदििया देखि हैं, लेत्कन जैसया भी हो कभी सवयाल पूछनया बंद न कि औि अपने अंदि हमेशया सजज्यासया बनयाए िखें। समय के अनुसयाि जीवन में आनेवयाले बदलयाव को अपनयाएं। श्रीििरी ररीिा जसि प्रसशसक्ि स्यािक सशसक्कया, गखणि केंद्ीय तवद्यालय एस एपी कैंप पेरूिकड़या, तिरुवनंिपुिम 25
इडमलक्ुड़ी यही थया उस ययारिया कया लक्ष्य थियान। के िल कया एक मयारि आददवयाससयों कया पंचयायि। यह तगरिवग्य क्ेरि इडक्ी सजले के मून्नयाि से 36 त्कलोमीटि की दिी पि उत्िी ददशया के जंगलों में है। पश्चिमी घयाट के सबसे ऊँचे पव्यि सशखि आनमुडी के सयाथ समुद् िट से लगभग 8500 फुट ऊँचयाई पि इडमलक्डी नयामक आददवयासी गयाँव स्थिि है। मून्नयाि से 16 त्कलोमीटि की ययारिया के बयाद किीब 20 त्कलोमीटि िक कयाफी करिन वनमयाग्य है। 6-7 त्कलोमीटि पैदल ही जयानया है। ियातिे कीडे-मकौडे से भि हैं। सयाथ ही त्कसी भी समय जंगली जयानवि हमयाि सयामने आ सकि हैं। चुनौतियों से भि इस ययारिया को आिंभ किि वक्त मन में इसकी सफलिया के बयाि में आशंकया थी। इस ययारिया कया उद्श्य मून्नयाि उप डयाकघि के अधीन इडमलक्डी शयाखया डयाकघि में आिआईसीटी उपस्ि के प्रचयालन हे ि आवश्यक इंटिनेट पहुँचयानया थया। आज के युग में भी यहया पि तबजली उपलधि कियानया नयामुमत्कन है। ऐसी जगह पि आिआईसीटी के सलए इंटिनेट उपलधि कियानया, सुनने में कयाफी अजीब सया लगेगया। आन्नया, सोलयाि पैनल आदद सभी सयामतग्यया हम सयाथ ले गए। असहयाय जनिया के सपनों को सयाकयाि किने के सलए, करिनयाईयों से भि इस ियातिे िय किि हुए हमें तबलकुल भी थकयान महसूस नहीं हुई। इडमलक्डी में पहुँचि – पहुँचि दोपहि होने लगया। थोड़ी दे ि िहिने यया तवश्याम किने की सुतवधया एवं उससे ज्ययादया समय की कमी की वजह से हमने ििि इन्स्टलेशन कया कयाय प्रयािंभ कि ददयया। आसमयान बयादलों से भिया थया। वषया्य से पहले कयाम समयाप्त न होने पि वहया से लौटनया नयामुमत्कन होिया। पूिी जोि – शोि से कयाम में लग गए। 25 मीटि लंबी बयाँस के छोि पि आन्नया लगयाकि उसे जमीन में गयाढि वक्त सभी के आँखों में पव्यि सशखि पि तवजय प्रयाप्त किके अपने देश के झंडे को फहियाने कया उत्याह नज़ि आयया। दप्यण उपस्ि पि पहलया ससग्नल ददखने पि हुई अनुभूति बययान नहीं की जया सकिी। उपस्ि के सभी कयाय की जयाँच किने पि सभी दरुति पयाए गए। इति शुभम। आगे भी ऐसया ही होगया क्ोंत्क आधुतनक संसयाि से कयाफी दि यहया इनकी दतनयया में आवश्यक सुतवधयाएं आने से किियािी है वहया हमयाि अपने डयाक तवभयाग की प्रौद्ोतगकी ने अपनी छयाप डयाली। आगे अन् सभी सुतवधयाएं धीिे-धीि आ जयाएंगी – यही हमयािया तवश्वयास है। भयािी मन से पहयादडयया उििि वक्त िंड कया एहसयास ददलयाने के सलए बयारिश की बौछयाि होने लगी, सयाथ ही िंडी हवया भी ...... Tree with red flowers लयाल कली कया पेड़ 26
आज यह िहर अनजाना सा लग रहा है सोचता हूँ खुद को तो पररचय न खुद का न ककसी और का धमल रहा है है तो चारों तरफ रोिनी यहाँ चमक रहा है सब अच् से ! कफर क्ों मुझे सब अंिेरा सा लग रहा है अपने और तेरे ररश् का ककस्सा तो बेहद पसंद है मुझे तो क्ों कफर आज मुझे यह भी फीका लग रहा है न जाने क्ों ? आज यह िहर अनजाना सा लग रहा है । श्री तप्रन्स पांचाल वैयतक्तक सहयायक, तनदेशक डयाक सेवयाएं (मुख्ययालय) मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय, के िल सत्कल 27
संयुक्त हिंदी पखिाड़ा 2019-20 के दौरान आयोत्ज् प्रत््योत्ग्ाओं के त्िजे्ा श्ी िी. राजराजन, मुखय पोसटमासटर जनरि एि एि अधयक्, नगर राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-I) से पुरसकार प्राप्त कर रि ि 28
वष 200-21 के दौऱान नगर ऱाजभ़ाष़ा क़ाय़ा्षन्वयन सबमपत (क़ाय़ा्षलय-I), पतरुवनंतपुरम के क़ाय्षकल़ाप नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-I), तिरुवनंिपुिम के 55 सदस् कयायया्यलय हैं। सयमति कया समन्य कयाय मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय, तिरुवनंिपुिम – 695 033 द्यािया त्कयया जयािया है। श्ीमिी शयािदया संपि, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल सत्कल 21.05.2020 िक थी इसके बयाद श्ी वी. ियाजियाजन, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल सत्कल नियाकयास के अध्क् हैं। श्ी सईद िशीद, तनदेशक, डयाक सेवयाएं (मुख्ययालय), के िल सत्कल नियाकयास सयचवयालय के प्रधयान हैं। श्ीमिी के.आि. िसजनी, सहयायक तनदेशक (ियाजभयाषया), मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय, के िल सत्कल सयमति की सदस्-सयचव हैं। वषया 2020-21 के दौरान आरोजजि कारक्रि  दो अधि्य वयातषक बैिकें  ियाजभयाषया पव्य  संयुक्त दहदी कयाय्यशयालया * अद्धया वातषक िैठकें वष्य 2020-21 के दौियान सयमति की 02 बेिकें आयोसजि की गई पिलरी िैठक वष्य 2020-21 के सलए नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-I), तिरुवनंिपुिम की पहली बैिक 04.01.2021 को पूवया्यह्न 11.00 बजे से गूगल मीट द्यािया आयोसजि की गई। श्ी वी. ियाजियाजन, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल डयाक सत्कल एवं अध्क्, नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-।), तिरुवनंिपुिम ने बैिक की अध्क्िया की। उप तनदेशक (कयायया्यन्यन) क्ेरिीय कयायया्यन्यन कयायया्यलय(दसक्ण-पश्चिम), ियाजभयाषया तवभयाग, कोच्ी की अनुपस्थिति में सदस् सयचव ने सदस् कयायया्यलयों से प्रयाप्त तनष्पदन रिपोटयों की समीक्या की। इस बैिक में 39 कयायया्यलयों के प्रधयान/प्रशयासतनक प्रधयान व अन् वरिष्ठ अयधकयारियों ने भयाग सलयया। श्ीमिी के.आि. िसजनी, सदस् सयचव, नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-I), तिरुवनंिपुिम द्यािया धन्वयाद प्रतियाव के सयाथ बैिक समयाप्त हुई। दसररी िैठक वष्य 2020-21 के सलए नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-I), तिरुवनंिपुिम की दसिी बैिक 26.03.2021 अपियाह्न 03.30 बजे आयोसजि की गई। श्ी वी. ियाजियाजन, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल डयाक सत्कल एवं अध्क्, नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-।), तिरुवनंिपुिम ने बैिक की अध्क्िया की। नियाकयास ियाजभयाषया पुिस्याि 2019-20 के सलए चुने गए सदस् कयायया्यलयों के अध्क् एवं प्रतिभयागी प्रत्क् रूप से बैिक में उपस्थिि थे जबत्क अन् सदस्ों ने गूगल मीट द्यािया भयाग सलयया। * राजभाषा पवया 2020 नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-I), तिरुवनंिपुिम के ित्वयावधयान में 15.01.2021 से 29.01.2021 िक सभी सदस् कयायया्यलयों के सहयोग से तवयभन्न कयाय्यक्रमों कया आयोजन किि हुए ियाजभयाषया पव्य 2021 कया आयोजन त्कयया गयया। संरुक्त हिदरी कारशाला नियाकयास की सदस् थियापनयाओं के अयधकयारियों औि कम्यचयारियो के सलए 15.01.2021 को गूगल मीट द्यािया “प्रत्क कयायया्यलय द्यािया प्रतिुि की जयानेवयाली ियाजभयाषया दहदी के प्रगयामी प्रयोग पि तिमयाही प्रगति रिपोट्य - भिनया औि ऑनलयाइन प्रतिुति” पि एक संयुक्त दहदी कयाय्यशयालया कया आयोजन त्कयया गयया। श्ी आि. जयपयाल, वरिष्ठ दहदी अयधकयािी, भयाििीय अंिरिक् प्रौद्ोतगकी संथियान, उक्त कयाय्यशयालया के संकयाय िहे। हिदरी प्रतिरोमगिाएं नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति, तिरुवनंिपुिम के ित्वयावधयान में ियाजभयाषया पव्य 2020 के आयोजन के ससलससले में 18.01.2021 से 20.01.2021 िक सदस् थियापनयाओं के अयधकयारियों औि कम्यचयारियों के सलए ऑनलयाइन द्यािया तनम्नसलखखि प्रतियोतगियाएं आयोसजि की गई। 29

(मुख्ययालय), एवं प्रधयान,

1. िस्वीि क्या बोलिी है? 2. तनबंध लेखन 3. सुलेख (मयारि एमटीएस के सलए) 4. आशुभयाषण (दहदी भयाषया-भयाषी ियाज्यों के प्रतिभयातगयों के सलए) 5. आशुभयाषण (दहदीिि भयाषया-भयाषी ियाज्यों के प्रतिभयातगयों के सलए) 6. कतविया पयाि 7. प्रश्ोत्िी प्रतियोतगियाओं के पुिस्याि तवजेियाओं को ददनयांक 26.03.2021 नकद पुिस्याि प्रदयान त्कए गए। सिापन / राजभाषा पुरस्ार तविरण सिारोि ियाजभयाषया पव्य 2020 समयािोह कया समयापन एवं ियाजभयाषया पुिस्याि समयािोह 2019-20 ददनयांक 26.03.2021 (शुक्रवयाि) को अपियाह्न 03.30 बजे मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय, के िल सत्कल, तिरुवनंिपुिम के सम्लन कक् 'प्रगति' में आयोसजि त्कयया गयया। श्ी वी. ियाजियाजन, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल सत्कल औि अध्क्, नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति, तिरुवनंिपुिम ने समयािोह की अध्क्िया की। श्ी सईद िशीद, तनदेशक, डयाक सेवयाएं
नियाकयास सयचवयालय ने स्वयागि भयाषण ददयया। सभी तवजेियाओं को पुिस्याि तविरिि त्कए गए। नराकास राजभाषा पुरस्ार उत्ष्ट ऱाजभ़ाष़ा क़ाय्ष पनष़्ादन के पुरस़्ार पवजेत़ा श्णरी (50 से अमधक कामिकयों वाले कारायालर) प्रथम पुिस्याि आकयाशवयाणी त्द्िीय पुिस्याि इसिो जडत्वीय प्रणयाली यूतनट ििीय पुिस्याि तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् तवशेष उल्ख मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय भयाििीय भूवैज्यातनक सवक्ण कम्यचयािी भतवष्य तनयध संगिन, क्ेरिीय कयायया्यलय श्णरी (11 से 50 िक कामिकयों वाले कारायालर) प्रथम पुिस्याि क्ेरिीय आयुववेदीय जीवन शैली संबंधी तवकयाि अनुसंधयान संथियान त्द्िीय पुिस्याि केंद्ीय तवद्यालय, एसएपी कैंप, पेरूिकड़या ििीय पुिस्याि क्ेरिीय पयािपरि कयायया्यलय 30
तवशेष उल्ख क्ेरिीय लेखया कयायया्यलय (िक्या लेखया तवभयाग) भयाििीय खेल प्रयायधकिण, लक्षीबयाई ियाष्ट्रीय शयािीरिक सशक्या महयातवद्यालय ससधि क्ेरिीय अनुसंधयान संथियान श्णरी (10 िक कामिकयों वाले कारायालर) प्रथम पुिस्याि कम्यचयािी भतवष्य तनयध संगिन, अंचल कयायया्यलय सिग्र उत्ष्टिा इसरो जडत्रीर प्रणालरी रतनट उत्ष्ट हिदरी गृि पतत्का के नराकास राजभाषा पुरस्ार प्रथम पुिस्याि अक् इसिो जडत्वीय प्रणयाली यूतनट त्द्िीय पुिस्याि गगन तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् ििीय पुिस्याि संगम मंडल िेल प्रबंधक कयायया्यलय, दसक्ण िेलवे तवशेष उल्ख यचरिलेखया श्ी यचरिया तिरुनयाल आयुतवज्यान औि प्रौद्ोतगकी संथियान हिदरी ि कारायालररीन कार करने के जलए तवशेष पुरस्ार रोजना नरयाकास ियाजभयाषया पुिस्याि प्रदयान किने के बयाद, सदस् कयायया्यलयों के उन 10 कम्यचयारियों को नकद पुिस्याि से सम्यातनि त्कयया गयया। इनकया चयन उन कम्यचयारियों में से त्कयया गयया थया जो अपने-अपने कयायया्यलयों में वष्य 201920 के सलए दहदी में मूल कयाय (रटप्पण एवं आलेखन) किके प्रथम पुिस्याि प्रयाप्त त्कए हैं। तवशेष पुिस्याि योजनया के अधीन पुिस्ृि कम्यचयारियों की सूची नीचे दी गई है : क्रमयांक कयायया्यलय कया नयाम पदधयािी कया नयाम व पदनयाम 1. कम्यचयािी भतवष्य तनयध संगिन, क्ेरिीय कयायया्यलय श्ीमिी एस.एस. यमनी, वरिष्ठ सयामयासजक सुिक्या सहयायक 2. तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् श्ी मनोज सी., वरिष्ठ सहयायक 3. पुसलस उप महयातनिीक्क कयायया्यलय, ग्रुप कें द्, के न्द्रीय रिज़व्य पुसलस बल हव (मं) देव कुमयाि 4. इसिो जड़त्वीय प्रणयाली कें द् श्ीमिी आशया ए.एस., वरिष्ठ सहयायक 5. केंद्ीय तवद्यालय, पयांगोड सुश्ी िमिया आि.के., कतनष्ठ सयचवयालय सहयायक 6. थियानीय लेखया पिीक्या कयायया्यलय (सेनया) श्ी जयचन्द्रन आि., वरिष्ठ लेखया पिीक्क 7. मंडल िेल प्रबंधक कयायया्यलय, दसक्ण िेलवे श्ीमिी आि.एस. अरुणया., कयायया्यलय अधीक्क 8. मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल कयायया्यलय श्ीमिी सुमी एस.एस., डयाक सहयायक 9. दसक्ण वयायु कमयान (मुख्ययालय) श्ीमिी ज्योति तबजु, अवि श्णी सलतपक 10. आकयाशवयाणी श्ीमिी षैनी अलेक्यान्डि, प्रवि श्णी सलतपक नराकास, तिरुवनंिपुरि की हिदरी पतत्का ‘िैत्री’ के िाईसवें अंक का लोकापयाण 26.03.2021 को आयोसजि ियाजभयाषया पव्य 2020 के समयापन समयािोह में श्ी वी. ियाजियाजन, मुख्य पोस्टमयास्टि जनिल, के िल सत्कल औि अध्क्, नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति, तिरुवनंिपुिम द्यािया नियाकयास, तिरुवनंिपुिम की दहदी ई-पत्रिकया “मैरिी” के बयाईसवें अंक कया लोकयाप्यण त्कयया गयया। 31

2020-2021 Eäò nùÉè®úÉxÉ ºÉnºªÉ EòɪÉÉDZɪÉÉäÆ

इसरो

´ÉÒEäòºÉÒ (+É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ iÉlÉÉ ºÉÒB¨ÉBºÉ<Ç) Eäò +ÊvÉEòÉÊ®úªÉÉå B´ÉÆ Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå EòÉä ºÉÆPÉ ºÉ®úEòÉ®ú EòÒ ®úÉVɦÉɹÉÉ xÉÒÊiÉ Eäò +ÆiÉMÉÇiÉ ºÉÆ´ÉèvÉÉÊxÉEò |ÉÉ´ÉvÉÉxÉÉå, ®úÉVɦÉɹÉÉ +ÊvÉÊxɪɨÉ-1963, ®úÉVɦÉɹÉÉ ÊxÉªÉ¨É 1976 +Éè®ú ºÉ®úEòÉ®ú uùÉ®úÉ ºÉ¨ÉªÉ-ºÉ¨ÉªÉ {É®ú VÉÉ®úÒ ÊEòB VÉÉxÉä ´ÉɱÉä +Énäù¶ÉÉå ºÉä +´ÉMÉiÉ Eò®úÉxÉä iÉlÉÉ =x½åþ +{ÉxÉä EòɪÉÉDZɪÉÒxÉ EòɪÉÇ Ë½þnùÒ ¨Éå Eò®úxÉä ½äþiÉÖ ºÉ¨ÉlÉÇ ¤ÉxÉÉxÉä Eäò ʱÉB ˽þnùÒ EòɪÉǶÉɱÉÉ+Éå EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ VÉÉiÉÉ ½èþ* EòÉäÊ´Éb÷-19 ¨É½þɨÉÉ®úÒ ºÉä =i{ÉzÉ ºÉÆEò]õ κlÉÊiÉ Eäò EòÉ®úhÉ +|Éè±É-VÉÚxÉ, 2020 ÊiɨÉɽþÒ Eäò ʱÉB ÊxÉvÉÉÇÊ®úiÉ Ë½þnùÒ EòɪÉǶÉɱÉÉ EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ½þ¨É xɽþÓ Eò®ú {ÉÉB* ¶Éä¹É ºÉ¦ÉÒ ÊiɨÉÉʽþªÉÉå ¨Éå ÊxɪÉʨÉiÉ °ü{É ºÉä ˽þnùÒ EòɪÉǶÉɱÉÉ+Éå EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* 24 ʺÉiÉƤɮúú, 2020 EòÉä ®úÉVɦÉɹÉÉ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ ºÉʨÉÊiÉ Eäò ºÉnùºªÉÉå, 23 xÉ´ÉƤɮú, 2020 EòÉä ®úÉVɦÉɹÉÉ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ Eäò ¡òÉäEò±É {ÉÉì<x]õÉå, iÉlÉÉ 19 ¢ò®ú´É®úÒ, 2021 EòÉä "BºÉ.ºÉÒ' ¸ÉähÉÒ Eäò ´ÉèYÉÉÊxÉEò/<ÆVÉÒÊxɪɮúÉåå Eäò ʱÉB EòɪÉǶÉɱÉÉ+Éå EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* ®úÉVɦÉɹÉÉ xÉÒÊiÉ EòÒ ¨ÉÖJªÉ ¤ÉÉiÉå, ºÉ®ú±É ´ªÉÉEò®úhÉ B´ÉÆ ¤ÉÉä±ÉSÉÉ±É EòÒ Ë½þnùÒ, {ÉjÉÉSÉÉ®ú Eäò Ê´ÉÊ´ÉvÉ °ü{É, Ê]õ{{ÉhÉ ´É +ɱÉäJÉxÉ, EÆò{ªÉÚ]õ®ú {É®ú ˽þnùÒ EòÉ |ɪÉÉäMÉ +ÉÊnù ʴɹɪÉÉå {É®ú EòIÉÉBÄ +ɪÉÉäÊVÉiÉ EòÒ MÉ<È* ˽þnùÒ {ÉJÉ´ÉÉc÷Éþ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ - 2020

ºÉÆPÉ ºÉ®úEòÉ®ú EòÒ ®úÉVɦÉɹÉÉ xÉÒÊiÉ Eäò +xÉÖ{ÉɱÉxÉ iÉlÉÉ ®úÉVɦÉɹÉÉ Ë½þnùÒ Eäò |ÉSÉÉ®ú-|ɺÉÉ®ú Eäò ʱÉB ´ÉÒEäòºÉÒ ¨Éå ÊnùxÉÉÆEò 14.09.2020 ºÉä 28.09.2020 iÉEò ˽þnùÒ {ÉJÉ´ÉÉc÷É ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* <ºÉ nùÉè®úÉxÉ {±ÉÉW¨ÉÉ ]õÒ.´ÉÒ. {É®ú EÖòUô |ɨÉÖJÉ Ë½þnùÒ ºÉÚÊHòªÉÉå EòÉ |Énù¶ÉÇxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* EòÉäÊ´Éb÷-19 ¨É½þɨÉÉ®úÒ Eäò +|ÉiªÉÉʶÉiÉ ºÉÆEò]õ EòÒ ÎºlÉÊiÉ {É®ú ®úÉVɦÉɹÉÉ Ê´É¦ÉÉMÉ B´ÉÆ +ÆiÉÊ®úIÉ Ê´É¦ÉÉMÉ uùÉ®úÉ VÉÉ®úÒ ÊEòB MÉB Ênù¶ÉÉÊxÉnæù¶ÉÉå EòÉ {ÉɱÉxÉ Eò®úiÉä ½ÖþB <ºÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ Eäò nùÉè®úÉxÉ Ë½þnùÒ ¦ÉɹÉÒ B´ÉÆ Ë½þnùÒiÉ®ú ¦ÉɹÉÒ Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå iÉlÉÉ =xÉEäò Ê´É´ÉÉʽþÊiɪÉÉå B´ÉÆ ¤ÉSSÉÉå Eäò ʱÉB +±ÉMÉ-+±ÉMÉ °ü{É ºÉä Ê´ÉʦÉzÉ Ê±ÉÊJÉiÉ |ÉÊiɪÉÉäÊMÉiÉÉ+Éå EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ +ÉìxÉ-±ÉÉ<xÉ iÉ®úÒEäò ºÉä ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå Eäò ʱÉB 8 iÉlÉÉ Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå Eäò Ê´É´ÉÉʽþÊiɪÉÉå B´ÉÆ ¤ÉSSÉÉå Eäò ʱÉB EÖò±É 3 |ÉÊiɪÉÉäÊMÉiÉÉBÄ +ɪÉÉäÊVÉiÉ EòÒ MÉ<È* EòÉä®úÉäxÉÉ ¨É½þɨÉÉ®úÒ Eäò {ÉÊ®ú|ÉäIªÉ ¨Éå Eåòpù ºÉ®úEòÉ®ú uùÉ®úÉ ºÉ¨ÉªÉ-ºÉ¨ÉªÉ {É®ú VÉÉ®úÒ Ênù¶ÉÉÊxÉnæù¶ÉÉå, ¨ÉÉxÉEò |ÉSÉɱÉxÉ |ÉÊGòªÉÉ (BºÉ.+Éä.{ÉÒ) EòÉä vªÉÉxÉ ¨Éå ®úJÉiÉä ½ÖþB

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{ÉÖ®úºEòÉ®ú |ÉnùÉxÉ ÊEòB MÉB* ºÉÉlÉ-ºÉÉlÉ ¶ÉèÊIÉEò ´É¹ÉÇ 20192020 Eäò ʱÉB Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå Eäò ¤ÉSSÉÉå ¨Éå ºÉä 10´ÉÓ B´ÉÆ 12´ÉÓ EòIÉÉ+Éå EòÒ +ÆÊiÉ¨É {É®úÒIÉÉ+Éå ¨Éå ˽þnùÒ Eäò ʱÉB ºÉ´ÉÉÇÊvÉEò +ÆEò |ÉÉ{iÉ ¤ÉSSÉÉå EòÉä ¦ÉÒ xÉEònù {ÉÖ®úºEòÉ®ú Ê´ÉiÉÊ®úiÉ ÊEòB MÉB* <xÉEäò |ɨÉÉhÉ-{ÉjÉ Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ ºÉä ºÉƤÉÆÊvÉiÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú Ê´ÉiÉ®úhÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ Eäò nùÉè®úÉxÉ Ê´ÉiÉÊ®úiÉ ÊEòB MÉB* Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ 2021 |ÉÊiÉ ´É¹ÉÇ 10 VÉxÉ´É®úÒ EòÉä Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ Eäò °ü{É ¨Éå ¨ÉxÉɪÉÉ VÉÉiÉÉ ½èþ* Ê´É·É EòÒ |ɨÉÖJÉ ¦ÉɹÉÉ+Éå ¨Éå ˽þnùÒ EòÉä |ÉÊiÉι`öiÉ Eò®úxÉä Eäò =qäù¶ªÉ ºÉä Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ VÉÉiÉÉ ½èþ* MÉiÉ ´É¹ÉÉç EòÒ iÉ®ú½þ <ºÉ ºÉÉ±É ¦ÉÒ ´ÉÒEäòºÉÒ ¨Éå Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ ¨ÉxÉɪÉÉ MɪÉÉ* 10 VÉxÉ´É®úÒ EòÉä UÖô]Âõ]õÒ EòÉ ÊnùxÉ ½þÉäxÉä Eäò EòÉ®úhÉ 11 VÉxÉ´É®úÒ, 2021 EòÉä +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ iÉlÉÉ ºÉÒB¨ÉBºÉ<Ç Eäò ˽þnùÒ ¦ÉɹÉÒ iÉlÉÉ Ë½þnùÒiÉ®ú ¦ÉɹÉÒ Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå Eäò ʱÉB +±ÉMÉ-+±ÉMÉ Ê´É¹ÉªÉÉå {É®ú ˽þnùÒ ÊxɤÉÆvÉ ±ÉäJÉxÉ +Éè®ú Eò½þÉxÉÒ ±ÉäJÉxÉ |ÉÊiɪÉÉäÊMÉiÉÉ+Éå EòÉ +ɪÉÉäVÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* <ºÉEäò +±ÉÉ´ÉÉ, nùÉäxÉÉå Eäò ʱÉB ºÉƪÉÖHò °ü{É ºÉä iÉEòxÉÒEòÒ ±ÉäJÉxÉ |ÉÊiɪÉÉäÊMÉiÉÉ ¦ÉÒ SɱÉÉ<Ç MÉ<Ç* 17 ¢ò®ú´É®úÒ, 2021 EòÉä +ɪÉÉäÊVÉiÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú Ê´ÉiÉ®úhÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ Eäò nùÉè®úÉxÉú ˽þnùÒ {ÉJÉ´ÉÉc÷É ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ-2020 iÉlÉÉ Ê´É·É Ë½þnùÒ Ênù´ÉºÉ-2021 ºÉä ºÉƤÉÆÊvÉiÉ |ÉÊiɪÉÉäÊMÉiÉÉ+Éå Eäò Ê´ÉVÉäiÉÉ+Éå EòÉä |ɨÉÉhÉ{ÉjÉ Ê´ÉiÉÊ®úiÉ ÊEòB MÉB* <ºÉ +´ÉºÉ®ú {É®ú ´É¹ÉÇ 201920 Eäò nùÉè®úÉxÉ ®úÉVɦÉɹÉÉ Ë½þnùÒ Eäò =iEÞò¹`ö EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ Eäò ʱÉB ºÉ´ÉǸÉä¹`ö +xÉÖ¦ÉÉMÉ Eäò °ü{É ¨Éå SɪÉÊxÉiÉ ´ÉÒEäòºÉÒ EòÒ +É®ú. CªÉÚ.B. BÎx]õõÊ]õ EòÉä ÊxÉnäù¶ÉEò ¨É½þÉänùªÉ uùÉ®úÉ SɱÉ-´ÉèVɪÉÆiÉÒ ¦ÉÒ |ÉnùÉxÉ EòÒ MÉ<Ç* ={ɱÉΤvɪÉÉÄ ®úÉVɦÉɹÉÉ EòÒÌiÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú ˽þnùÒ {ÉÊjÉEòÉ+Éå Eäò ʱÉB ®úÉVɦÉɹÉÉ Ê´É¦ÉÉMÉ EòÒ "®úÉVɦÉɹÉÉ EòÒÌiÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú ªÉÉäVÉxÉÉ 2019-2020' Eäò iɽþiÉ "MÉ'IÉäjÉ EòÒ ºÉ´ÉÉækÉ¨É Ë½þnùÒ {ÉÊjÉEòÉ Eäò °ü{É ¨Éå "|ÉlÉ¨É {ÉÖ®úºEòÉ®"ú Eäò ʱÉB +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ EòÒ +vÉÇ´ÉÉ̹ÉEò ˽þnùÒ {ÉÊjÉEòÉ "+IÉ' EòÉ SɪÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ lÉÉ * ªÉ½þ {ÉÖ®úºEòÉ®ú 14 ʺÉiÉƤɮú, 2021 EòÉä Ê´ÉYÉÉxÉ ¦É´ÉxÉ, xÉ<Ç Ênù±±ÉÒ ¨Éå +ɪÉÉäÊVÉiÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú Ê´ÉiÉ®úhÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ Eäò nùÉè®úÉxÉ ¨ÉÉxÉxÉÒªÉ MÉÞ½þ B´ÉÆ ºÉ½þEòÉÊ®úiÉÉ ¨ÉÆjÉÒ, ¸ÉÒ +ʨÉiÉ ¶Éɽþ VÉÒ Eäò Eò®ú-Eò¨É±ÉÉå uùÉ®úÉ +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ Eäò ÊxÉnäù¶ÉEò ¨É½þÉänùªÉ EòÉä |ÉnùÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ*

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जडत्रीर प्रणालरी रतनट
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Eäò iɽþiÉ ´É¹ÉÇ 2019-2020 Eäò nùÉè®úÉxÉ ®úÉVɦÉɹÉÉ Ë½þnùÒ Eäò =iEÞò¹]õ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ Eäò ʱÉB nùÊIÉhÉ-{ÉζSÉ¨É IÉäjÉ Eäò 50 ºÉä +ÊvÉEò Eò¨ÉÇSÉÉÊ®úªÉÉå ´ÉɱÉä Eåòpù ºÉ®úEòÉ®úÒ EòɪÉÉDZɪÉÉå EòÒ ¸ÉähÉÒ ¨Éå "ÊuùiÉÒªÉ {ÉÖ®úºEòÉ®' Eäò ʱÉB +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ EòÉ SɪÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ ½èþ* ªÉ½þ {ÉÖ®úºEòÉ®ú 04 ÊnùºÉƤɮú, 2021 EòÉä ½èþpùɤÉÉnù ¨Éå +ɪÉÉäÊVÉiÉ ½þÉäxÉä ´ÉɱÉä {ÉÖ®úºEòÉ®ú Ê´ÉiÉ®úhÉ ºÉ¨ÉÉ®úÉä½þ Eäò nùÉè®úÉxÉ Ê´ÉiÉÊ®úiÉ ÊEòªÉÉ VÉÉBMÉÉ*

xÉMÉ®ú ®úÉVɦÉɹÉÉ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ ºÉʨÉÊiÉ uùÉ®úÉ |ÉnùkÉ {ÉÖ®úºEòÉ®ú xÉMÉ®ú ®úÉVɦÉɹÉÉ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ ºÉʨÉÊiÉ (EòɪÉÉDZɪÉ-1), Êiɯû´ÉxÉÆiÉ{ÉÖ®ú¨É uùÉ®úÉ +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ EòÉä ´É¹ÉÇ 2019-2020 Eäò nùÉè®úÉxÉ ®úÉVɦÉɹÉÉ Ë½þnùÒ Eäò =iEÞò¹]õ EòɪÉÉÇx´ÉªÉxÉ Eäò ʱÉB ÊuùiÉÒªÉ {ÉÖ®úºEòÉ® |ÉnùÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* <ºÉ ªÉÚÊxÉ]õ EòÒ Ë½þnùÒ MÉÞ½þ-{ÉÊjÉEòÉ "+IÉ' EòÉä =kÉ¨É {ÉÊjÉEòÉ Eäò °ü{É ¨Éå |ÉlÉ¨É {ÉÖ®úºEòÉ® |ÉnùÉxÉ ÊEòªÉÉ MɪÉÉ* xÉ®úÉEòÉºÉ EòÒ ®úÉVɦÉɹÉÉ ºÉ´ÉÇVÉäiÉÉ ´ÉèVɪÉÆiÉÒ ¦ÉÒå +É<Ç+É<ÇBºÉªÉÚ EòÉä |ÉÉ{iÉ ½Öþ<Ç*

से त्कयया गयया।

ददनयांक 28.01.2021 को तिरुवनंिपुिम सेंट्रल स्टे शन के तवतवध कयायया्यलयों में कयायिि कम्यचयारियों के सलए गूगल मीट (ऑन लयाईन) द्यािया दहदी रटप्पण

दक्क्षण रेलवे तिरुवनंिपुरि िंडल राजभाषा उत्सव - 2020  गृह मंरियालय के तनदवेशयानुसयाि ियाजभयाषया उत्व 2020 के दौियान दहदी भयाषया के कुछ प्रमुख सयादहत्कयािों की सूतक्तयों के पोस्टि/बैनि कयायया्यलय के प्रवेश द्याि एवं तिरुवनंिपुिम स्टे शन में प्रदसशि त्कए गए।  ियाजभयाषया उत्व 2020 के ससलससले में तिरुवनंिपुिम मंडल कयायया्यलय में ददनयांक 14.09.2020 से 30.09.2020 िक क्रमशः 1.दहदी सुलेख 2. दहदी तनबंध 3. दहदी वयाक प्रतियोतगिया 4. दहदी रटप्पण व प्रयारूप लेखन 5. दहदी पुतिक समीक्या 6. दहदी गीि गयायन 7. दहदी प्रश्ोत्िी आदद प्रतियोतगियाएँ ऑन लयाइन द्यािया आयोसजि की गई। इन प्रतियोतगियाओं में कुल 5 अयधकयािी औि 43 कम्यचयारियों ने भयाग सलयया। इन में से पुिस्ृि 3 अयधकयारियों औि 20 कम्यचयारियों को नकद पुिस्याि प्नदयान त्कए गए।  ियाजभयाषया उत्व 2020 के ससलससले में दहदी में सिकयािी कयामकयाज किने को बढयावया देने के उद्श्य से ददनयांक 10.9.2020 से 30.9.2020 िक अयधकयारियों औि कम्यचयारियों के सलए दहदी मे कयाम किने कया तवशेष अयभययान आयोसजि त्कयया गयया। इस में क्रमशः 4 अयधकयािी औि 12 कम्यचयारियों ने भयाग सलयया औि उनको नकद पुिस्याि भी प्रदयान त्कयया गयया।  मंडल कयायया्यलय के तवयभन्न शयाखयाओं में कयायिि कम्यचयारियों के सलए ददनयांक 16.12.2020 से 18.12.2020 िक िीन ददन की दहदी कयाय्यशयालयाएँ चलयाई गई। कयाय्यशयालया में कुल 16 कम्यचयारियों को प्रसशक्ण ददयया गयया। हिदरी गृि पतत्का “संगि” 2020-21 अंक का तविोचन:  ददनयांक 17.12.2020 को मंडल कयायया्यलय में संपन्न ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति की बैिक के दौियान मंडल की दहदी गृह पत्रिकया “संगम” 2020-21 अंक कया तवमोचन मंडल िेल प्रबंधक के कि कमलों
व प्रयारूप लेखन तवषय पि दहदी कयाय्यशयालया चलयाई गई औि इस में एक सरि तवशेष रूप से ई-ऑत्फस में दहदी में कयाम किने के संबंध में प्रसशक्ण के सलए आबंरटि थया। इस कयाय्यशयालया में कुल 9 कम्यचयारियों ने भयाग सलयया।  नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति/तिरुवनंिपुिम द्यािया ददनयांक 26.03.2021 को आयोसजि ियाजभयाषया पुिस्याि समयािोह में मंडल की दहदी गृह पत्रिकया “संगम” के वष्य 2019-20 अंक को ििीय पुिस्याि प्रयाप्त हुआ।  दहदी में 10, 000 शब्द योजनया के अंिग्यि इस कयायया्यलय के 40 कम्यचयारियों को दहदी में अयधकिम कयाम किने पि नकद पुिस्याि प्रदयान त्कयया गयया।  आशुसलतपक एवं टंककों को कंप्टि में कयायया्यलयीन कयाम दहदी में किने पि ददए जयानेवयाले प्रोत्याहन भत् के अंिग्यि 14 आशुसलतपक एवं टंककों को पुिस्ृि त्कयया गयया।  10, 000 शब्द से कम दहदी शब्दों कया प्रयोग कि दहदी में कयाम किने के सलए 23 कम्यचयारियों को तवशेष पुिस्याि प्रदयान त्कयया गयया। 33
भारिरीर भूवैज्ातनक सववेक्षण राज्य इकाई केरल एवं लक्षविरीप तिरुवनंिपुरि कारायालर ि हिदरी सतिाि 2020 पर प्रतिवेदन भयाििीय भूवैज्यातनक सवक्ण ियाज्य इकयाई : के िल एवं लक्द्ीप, तिरुवनंिपुिम, कयायया्यलय में ददनयांक 14.09.2020 से 21.09.2020 से दहदी सप्तयाह मनयायया गयया। पूि कयाय्यक्रम कोतवड-19 महयामयािी की परिदृश्य में केन्द्र सिकयाि औि ियाज्य सिकयाि द्यािया जयािी त्कए गए ददशयातनदवेशों कया प्रतिशि अनुपयालन हुए आयोसजि त्कयया गयया। ददनयांक 14.09.2020 अपियाह्न 11.00 कयायया्यलय में को गूगल मीट मयाध्म से श्ी सुधीरिि ियाय, उपमहयातनदेशक ने दहदी ददवस / दहदी सप्तयाह कया उद्याटन त्कयया। कयाय्यक्रम के दौियान मयाननीय गृह मंरिी श्ी अयमि शयाह, मयाननीय खयान मंरिी श्ी प्रह्याद जोशी औि महयातनदेशक महोदय, भयाििीय भूवैज्यातनक सवक्ण डॉ िंजीि िथ के संदेशों कया अयभवचन त्कयया गयया। दहदी पखवयाड़या के दौियान कम्यचयारियों औि अयधकयारियों के सलए रटप्पण औि आलेखन, िस्वीि क्या बोलिी है, गीि गयायन, औि दहदी दडसजटल पोस्टल मेत्कग आदद प्रतियोतगियाएं आयोसजि त्कए गए। सयाि प्रतियोतगियाएं ओनलयाइन में आयोसजि त्कयया गयया। दहदी सप्तयाह के दौियान ियाजभयाषया कयाय्यशयालया आयोसजि त्कयया गयया। कयाय्यशयालया में श्ी हिीन्द्र शयामया्य, सहयायक तनदेशक (ियाजभयाषया), दिदश्यन कें द् संकयाय िहे। कयाय्यशयालया में “कयायया्यलय दहदी औि संघ की ियाजभयाषया नीिी” तवषय पि थया। इस कयाय्यशयालया में भयाग सलए अयधकयारियों औि कम्यचयारियों की प्रतिक्रयया से व्क्त हुआ त्क इस कयाय्यशयालया से वे लयाभयात्न्ि हुए है। दहदी सप्तयाह की समयापन समयािोह एवं पुिस्याि घोषणया समयािोह ददनयांक 21.09.2020 को संपन्न हुआ। समयापन समयािोह बैिक श्ी सुधीरििियाय, उपमहयातनदेशक की अध्क्िया में आयोसजि हुई। श्ीमिी सुगिया वी.वी, तनदेशक, कयायया्यलय आध्क् एवं ियाजभयाषया अयधकयािी ने तवगि वष्य में ियाजभयाषया दहदी पि हुई कयाय्यकलयापों पि एक रिपोट्य प्रतिुि की। ियाजभयाषया दहदी के प्रचयाि प्रसयाि औि तवकयास में उत्ष्ठ योगदयान किनेवयाले िीन पदधयारियों को पुिस्ृि त्कयया गयया। आकाशवाणरी वषया 2020-21 के दौरान राजभाषा नरीति के कारायान्वरन से संिमधि तवजशष्ट उपलब्धिरयों/कारयों का तवस्तृि तववरणः आकयाशवयाणी, तिरुवनंिपुिम “ग” क्ेरि के के िल में स्थिि, एक के न्द्रीय सिकयािी कयायया्यलय हैं। आकयाशवयाणी कॉम्प्ेक् में आकयाशवयाणी के अलयावया सी.बी.एस. औि सी.सी.डस्लियु प्रभयाग भी कयायिि हैं। इन सभी केंद्ों के ियाजभयाषया दहदी के कयायया्यन्यन संबंधी तवषय पि उयचि कयाि्य वयाई के सलए एक दहदी अनुभयाग यहया कयायिि हैं। 1. यहया पि एक तवभयागीय ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति कया गिन त्कयया गयया हैं औि श्ी ियाजू वगगीस, उप महया तनदेशक(ई) एवं कयायया्यलययाध्क् सयमति कया अध्क् है। तिमयाही बैिकों के आयोजन तनययमि िौि पि हो िहे हैं औि बैिकों के कयाय्यवृत् महयातनदेशयालय को भेजे जया िहे हैं। 2. हि तिमयाही में “एक” के रूप में, कयाय्यशयालयाएं चलयाए जयाि हैं औि कयाय्यशयालयाओं एवं तिमयाही बैिकों में सदस्ों की उपस्थिति से संबंयधि हयासजिी िसजस्टि कया िखिखयाव किि हैं। 3. तवयभन्न दहदी प्रतियोतगियाओं के सयाथ दहदी पखवयाड़या धूमधयाम से मनयायया जयािया है। 4. कयायया्यलय में प्रयुक्त सभी कंप्टिों में यूतनकोड को संथियातपि कि ददयया गयया। 5. सयाि सयाईन-बोड्य औि नयाम-पट्ट रिैभयातषक रूप में बनवयाए गए हैं। पहचयान-परि, फयाईल-कवि एवं िबड़ की मोहि त्द्भयाषी रूप में िैययाि त्कए गए हैं। 6. डयायिी एवं डेस्पैच िसजस्टि कया िखिखयाव त्द्भयाषी रूप में हैं। 7. मूल रूप से दहदी रटप्पण-आलेखन औि अन् कयाम किने के सलए दी जयानेवयाली प्रोत्याहन योजनया कयायया्यलय में पहले से लयागू हैं। इस योजनया के अधीन 4 कम्यचयारियों को दहदी पखवयाडया समयािोह के समयापन समयािोह के अवसि पि नकद पुिस्याि ददए गए। 9. नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति, तिरुवनंिपुिम की सभी गतितवयधयों में आकयाशवयाणी, तिरुवनंिपुिम कया सहयोग हैं। नियाकयास द्यािया संयुक्त पखवयाड़या समयािोह के दौियान आयोसजि की गई प्रतियोंतगियाओं में कम्यचयारियों 34
ने भयाग सलए। नियाकयास के सलए रु.8000/- कया अंशदयान ददयया गयया। बैिकों में कयायया्यलययाध्क् एवं सहयायक तनदेशक(िया.भया.)उपस्थिि िहि हैँ। 10. कयायया्यलय द्यािया वष्य 2020-21 में पुिस्याि प्रयाप्त तवभयागीय कम्यचयारियोंको त्द्भयाषी रूप में बनवयाए गए प्रमयाण-परि ददए गए। 11. कयायया्यलय में लगयाए गए श्वेि-पट्ट में हिेक ददन एक-एक वयाक्यांश को त्द्भयाषी रूप में (दहदी-अंग्ेज़ी में) सलख िहे थे। अब “िोज़ एक दहदी शब्द सीखें” योजनया को औि आकष्यक बनयाने के सलए खिीदे गये इलक्ट्रॉतनक मोतनटि कया िीक ििह उपयोग कि िहे हैं। 12. कयायया्यलय व स्टदडयों में महि व्तक्तयों के अनमोल उधििणों के दहदी बोड्य प्रदसशि किके दहदी कयायया्यन्यन में औि बढयावया ददयया गयया है। 13. कयायया्यलय में ई-ऑफीस प्रणयाली शुरु कि दी गई है औि इस प्रणयाली के मयाध्म से दहदी कया अयधकिम कयाय किने कया प्रययास त्कयया जया िहया है। 14. कयायया्यलय परिसि में थियातपि नयागरिक चयाट्यि त्द्भयाषी रूप में हैं। 15. अब परियाचयाि की प्रतिशििया लक्ष्य(55%) से आगे हैं। 16. तिमयाही, छमयाही एवं वयातषक रिपोटयों को समय पि भेज ददए जयाि हैं। तिमयाही रिपोटयों को ऑन-लयाइन भेज ददए जयाि हैं। वयातषक कयाय्यक्रम के मुियातबक वयातषक कयाय्ययोजनया महयातनदेशयालय को भेज ददयया। 17. दहदी िोस्टि (कयायया्यलय, सी.बी.एस. एवं सी.सी डस्लियु.) कया िखिखयाव अद्िन हैं। 18. स्वच्छ भयािि अयभययान के सयाथ अन् सभी प्रतिज्या भी त्द्भयाषी रूप में ही सलए जयाि हैं। 19. मन की बयाि कयाय्यक्रम पि आधयारिि, ई-मेल द्यािया एवं लेटि-बॉक् में प्रयाप्त मलययालम परिों को दहदी में अनूददि किके रिॉडकयात्स्टग हयाउस के कयाय्यक्रम तनष्पयादक को ई-मेल के ज़रिए भेज देि हैं। 20. कयायया्यलयीन कयामों में उपयोगी रटप्पण से संबंयधि त्द्भयाषी वयाक्यांशों को कम्यचयारियों के बीच में तविरिि त्कए गए। श्ी ियाजू वगगीस, उप महया तनदेशक(ई) एवं कयायया्यलययाध्क्, के मयाग्यदश्यन एवं देखिेख से ही, इन सयाि कयामों के सफलियापूव्यक कयायया्यन्यन संपन्न हुआ हैं। क्षेत्रीर पासपोटया कारायालर क्ेरिीय पयासपोट्य कयायया्यलय, तिरुवनंिपुिम द्यािया 20202021 के दौियान ियाजभयाषया दहदी के कयायया्यन्यन हे ि तवयभन्न कयाय्यक्रमों कया आयोजन त्कयया गयया। वैश्श्वक महयामयािी कोिोनया से लड़ि हुए दहदी पखवयाड़या 2020 कया आयोजन ददनयांक 14.09.2020 से 28.09.2020 के बीच पयािंपरिक ििीके के इिि िकनीक कया सहयािया लेकि ऑनलयाइन मयाध्म से संचयासलि त्कयया गयया। देशभतक्त गीि, कतविया पयाि, भयाषण, तनबंध लेखन, वयाचन, रटप्पण एवं मसौदया लेखन जैसे प्रतियोतगियाओं में कयायया्यलय के अयधकयारियों/कम्यचयारियों ने अपनी भयागीदयािी सुतनश्चिि की। कोतवड़ 19 प्रोटोकॉल के प्रतिबंधों के कयािण पयािंपरिक रूप से दहदी कयाय्यशयालया कया आयोजन न कि कयाय्यशयालया कया आयोजन भी 26.09.2020 को ऑनलयाइन मयाध्म से त्कयया गयया। वष्य 2020-21 क्ेरिीय पयासपोट्य कयायया्यलय के ियाजभयाषया कयायन्यन के दृयष्टकोण से औि भी महत्वपूण्य िहया क्ोंत्क इस वष्य कयायया्यलय की ियाजभयाषया पत्रिकया “जयागृति” के प्रथम अंक कया दडसजटल व पयािंपरिक दोनों स्वरूपों में सफल प्रकयाशन त्कयया गयया। पत्रिकया प्रकयाशन में भी कयायया्यलय के अयधकयारियों/कम्यचयारियों के सयाथ-सयाथ उनके बच्ों ने भी बढ-चढकि दहस्या सलयया। तवक्रि साराभाई अंिररक्ष केंद्र उपलब्धिराँ –ियाजभयाषया तवभयाग द्यािया उत्ष्ट दहदी पत्रिकया के सलए थियातपि कीिगी पुिस्याि हे ि कें द् सिकयाि के कयायया्यलयों की श्णी में ‘ग’ क्ेरि के सलए तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् की पत्रिकया ‘गगन’ को त्द्िीय पुिस्याि हे ि चुनया गयया। ियाजभयाषया तवभयाग द्यािया 14 ससिंबि, 2021 को तवज्यान भवन, नई ददल्ी में आयोसजि दहदी ददवस समयािोह 2021 में तनदेशक, तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् ने यह पुिस्याि मयाननीय गृह मंरिी, तनसशथ प्रयामयाखणक से ग्हण त्कयया। नगि ियाजभयाषया कयायया्यन्यन सयमति (कयायया्यलय-।), तिरुवनंिपुिम से वष्य 2020-21 को दौियान उत्ष्ट ियाजभयाषया कयाय तनष्पयादन हे ि ििीय पुिस्याि िथया गगन पत्रिकया के सलए त्द्िीय पुिस्याि प्रयाप्त हुआ। 35
आरोजजि कारक्रि तवक्रम सयाियाभयाई अंिरिक् कें द् में ददनयांक 14.09.2020 से 28.09.2020 िक दहदी पखवयाड़या समयािोह कया आयोजन त्कयया गयया। इस अवसि पि कम्यचयारियों िथया उनके तववयादहतियों के सलए तवतवध प्रतियोतगियाएं आयोसजि की गई। कोतवड़ महयामयािी के चलि पुिस्याि तवििण समयािोह कया आयोजन नहीं त्कयया जया सकया। सभी तवजेियाओं को दडसजटल प्रमयाण-परि व नकद पुिस्याि प्रदयान त्कए गए। शैक्खणक वष्य 2019-20 के दौियान 10वीं औि 12वीं कक्या में दहदी में सवया्ययधक अंक प्रयाप्त छयारिों िथया वयातषक प्रोत्याहन योजनया के तवजेियाओं को भी नकद पुिस्याि िथया दडसजटल प्रमयाण-परि तविरिि त्कए गए। 11-14 जनविी, 2021 िक कें द् में तवश्व दहदी ददवस मनयायया गयया। इस उपलक्ष्य में दहदी भयाषी एवं दहदीिि भयाषी कम्यचयारियों के सलए 4 प्रतियोतगियाओं कया आयोजन त्कयया गयया। इस अवसि पि तिरुवनंिपुिम में स्थिि तववध कॉलेजों के एमए दहदी के छयारिों के सलए 21 व 22 जनविी, 2021 को एक अयभमुखीकिण कयाय्यक्रम कया आयोजन इंटिनेट वेबेक् के मयाध्म से त्कयया गयया सजसमें प्रतिभयातगयों की संख्यया किीबन 100 िही। कें द् में वष्य 2020-21 के दौियान 3 कयाय्यशयालयाओं कया आयोजन त्कयया गयया। वेबसयाइट को त्द्भयाषीकिण व अद्िनीकिण से संबंयधि कयाय लगयाियाि त्कयया जया िहया है। ियाजभयाषया दहदी के प्रगयामी प्रयोग को बढयावया देने एवं दहदी कयायया्यन्यन को औि प3भयावी बनयाने को सलए कं द् द्यािया हि संभव प्रययास त्कयया जया िहया है। क्षेत्रीर लेखा कारायालर (रक्षा लेखा तवभाग) कयायया्यलय में स्थिि कयायया्यलयों के अयधकयारियों औि कम्यचयारियों को भी इसमें शयायमल त्कए गए थे। मुख्य कयायया्यलय के तनदेशयानुसयाि गूतगल मीट के ज़रिए अयधकयारियों औि कम्यचयारियों के सलए 21.09.2020 को दहदी तनबेध लेखन प्रतियोतगिया कया आयोजन त्कयया गयया। इस कयायया्यलय िथया िक्या पेंशन संतवििण कयायया्यलय एक ही मकयान में स्थिि होने के कयािण दोनों कयायया्यलयों के कम्यचयारियों ने इस कयायया्यलय के सम्लन कक् में प्रतियोतगिया में भयाग सलए। प्रतियोतगिया में सिकयाि द्यािया ज़यािी तनयमों कया पयालन भी िखे गए। शेष कयायया्यलयों के कम्यचयारियों ने गूतगल मीट के ज़रिए अपने –अपने कयायया्यलयों से ही प्रतियोतगिया में भयाग सलए। पुिस्याि जीिनेवयाले प्रतिभयातगयों को प्रभयािी अयधकयािी द्यािया नकद पुिस्याि से सम्यातनि त्कयया गयया। प्रतियोतगियाओं में भयाग सलए अन् कम्यचयारियों को प्रेिणया एवं प्रोत्यादहि किने के सलए समयाश्वयासन पुिस्याि भी ददए गए। कें द्ररीर तवद्ालर - एस.ए.परी, पेरूरकडा केंद्ीय तवद्यालय एस. एस. पी. तिरुवनंिपुिम में दहदी पखवयाड़या 14 ससिंबि से 28 ससिंबि िक धूम धयाम से मनयायया गयया। तवद्यालय में प्रयाचयाय श्ी ज्योतिमोहन महोदय द्यािया दीप प्रज्ज्वलन किके दहदी पखवयाड़े कया उद्याटन त्कयया गयया। इस महनीय कयाय में उप प्रचयाय श्ी अलेक् जोस, मुख्ययाध्यातपकया श्ीमिी ससनी आदद ने भी सहयोग ददयया। अपने वीदडयो संदेश में दहदी भयाषया के प्रयोग िथया उसके तवकयास की आवश्यकिया पि प्रयाचयाय श्ी ज्योतिमोहन जी ने प्रकयाश डयालया। दहदी भयाषया के प्रचयाि-प्रसयाि के सलए अथक प्रययास किने की आवश्यकिया पि उप प्रयाचयाय महोदय ने अपने वीदडयो संदेश में जोि ददयया। दहदी ददवस के अवसि पि डॉ. एस.आि जयश्ी, प्रोफसि, दहदी तवभयाग के िल तवश्व तवद्यालय, कयाय्यवट्टम कैंपस द्यािया भेजे गए आशीवया्यद भयाषण में दहदी के महत्व िथया इसके प्रचयाि-प्रसयाि की आवश्यकिया पि ज़ोि ददयया गयया है। तवद्यालय में हि ददन कक्यावयाि प्रयाथ्यनया सभया कयाय्यक्रम (ऑनलयाइन) संपन्न होिया है। प्रयाथ्यनया सभया के पूि कयाय्यक्रम 14 ससिंबि से 28 ससिंबि िक दहदी में ही िहे। हि ददन प्रयाथ्यनया सभया में अलग-अलग तवशेष कयाय्यक्रम की प्रतिुति होिी िहिी थी। प्रथयमक तवभयाग ने बी अपने प्रयािकयालीन सभया कयाय्यक्रम को तवयभन्न प्रतियोतगियाओं िथया गतितवयधयों से संपन्न कियायया। तवद्यालय के प्रयाथयमक, मयाध्यमक िथया उच् मयाध्यमक तवभयाग के छयारि-छयारियाओं को तवयभन्न श्ेखणयों में बयाँटकि प्रतियोतगियाओं कया आयोजन त्कयया गयया। प्रतियोतगियाओं में तनबंध लेखन, कतविया पयाि, प्रश्ोत्रि, सुलेख, नयािया लेखन, स्मिण लेखन आदद प्रतियोतगियाओं कया आयोजन भी त्कयया गयया। सभी तवद्यथयों ने बड़े उत्याह के सयाथ इनमें भयाग सलयया। ऑनलयाइन प्रश्ोत्िी में भयागलेकि 50 से ज्ययादया क सलए सभी भयागीदयािों को (अद्यापक- तवद्याथगी) ित्मय ई-मेल से प्रमयाण परि भी भेज ददयया गयया। 28 ससिंबि को प्रयाथ्यनया सभया में औपचयारिक रूप से दहदी पखवयाड़े कया समयापन संपन्न हुआ। 36
कदनांक 28.08.2019 को आयोत्ज् राजभाषा कायातिनियन सत्मत्् (कायातििय-।) की दूसरी बैठक की झिककयाँ 1. सिाग् भाषण – श्ी सईद रशीद, त्नदेशक डाक सेिाएं (मु.), मुखय पोसटमासटर जनरि कायातििय एि प्ररान नराकास सत्चिािय 3.श्ीम्ी के.आर.रं त्जनी, सिायक त्नदेशक (रा.भा.), मुखय पोसटमासटर जनरि कायातििय एि सदसय सत्चि, नराकास (का।) क्ेरिीय कायातिनियन कायातििय के प्रत््त्नत्र की अनुपत्सथत्् में सदसय कायातिियों से प्राप्त त््मािी प्रगत्् ररपोटटों की समीक्ा कर रिी िैं। 5. बैठक में उपत्सथ् सदसय कायातिियों के अत्रकारीगण 2. अधयक्ीय भाषण – श्ी िी. राजराजन, मुखय पोसटमासटर जनरि, केरि सरकतिि, त््रुिनं्पुरम एि अधयक्, नराकास (कायातििय-।) 4. बैठक में उपत्सथ् सदसय कायातिियों के अत्रकारीगण 6. बैठक में उपत्सथ् सदसय कायातिियों के अत्रकारीगण 37
सदसय कायातिियों में राजभाषा कायतिकिापों की झिककयाँ मंडि रे ि प्रबंरक कायातििय भार्ीय भूिैज्ात्नक सिक्ण, केरि क्ेरि भार्ीय खेि प्रात्रकरण िक्मीिाई राष्ट्रीय शारीररक त्शक्ा मिात्िद्ािय मुखय पोसटमासटर जनरि कायातििय, केरि सरकतिि 38
सदसय कायातिियों में राजभाषा कायतिकिापों की झिककयाँ त्िक्रम साराभाई अं्ररक् केंद्र इसरो जडतिीय प्रणािी यूत्नट कें द्रीय ररज़िति पुत्िस बि, पत्लिपुरम सथानीय िेखापरीक्ा कायातििय (सेना), त््रुिनं्पुरम आकाशिाणी, त््रुिनं्पुरम 39
Bhanu Offset Ph: 0471-2328076 हिंदी म सरािंनीय काय कर रिं पदधाररयों क लिए विशष प्रोतसािंन पुरसकार यरोजना क अंतरत विलिन्न कायाियों क पदधारी पुरसकार प्ाप्त कर रिं िं

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