Arey Jao

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Written by Akhil

अरे जाओ अरे जाओ, ये इ क भी या इ क िजसमे बात बनाना तु ह आता ह नह ं, पहाड़ पर चढ़ना-चढ़ाना मालम ू है ले#कन चने के झाड़ चढ़ाना तु ह आता ह नह ं। मन ु ा&सब बात का तो हर जगह बाज़ार है *यादातर से तो सच का ह करोबार है , &सफ़- तुमसे थी उ मीद #क झठ ू बोलोगे ज़रा बढ़ा-चढ़ा कर बताना त ु ह आता ह नह ं। ये स1 का सबक ऐंव ह मीठा बतात ह4 भला खामोशी से कभी पंछ8 गाना गाते ह4, दद- होता है जब उसका गवाह ह चप ु रहे यँू सता कर मनाना तु ह आता ह नह ं। मालम ू है तु हारे चाहने वाले ह4 और कई तु हारे सर के &लए &सरहाने ह4 और कई, यँू शमा है जहाँ, वहां पतंगे #फरते ह4 ह इक भी पत गे को बचाना तु ह आता ह नह ं।


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