हिन्दी होम पेज की पहल पर हिन्दी सभा जापान द्वारा प्रेषित पत्र

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हिन्दी सभा जापान टोक्यो २७ फरवरी,२०१२ ________________________________________________________________________ सेवा में , माननीय

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संसद सदस्य, भारत सरकार संदभभ -- अमर उजाला एवं हिंदी िोम पेज हदना​ाँक 26 फ़रवरी के अंक में प्रकाशित समाचार मिोदय, उक्त समाचार पत्र की वेब साइट के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार

राजभाषा के ननरादर का जो मामला

ने उठाया था उसे माननीय सुश्री

मीना

कुमार, अध्यक्ष लोकसभा ने संसद की वविेषाधिकार सशमनत को सौंपा िै । आपके इस ऐनतिाशसक कदम पर हिंदी सभा, जापान की ओर से कोहटिः बिाई । भारतीय मतदाता एवम ् हिन्दी भाषी िोने के नाते िम आपसे अनुरोि करते िैं कक इस मामले को ननष्कषभ

तक ले जाने के शलए िर संभव प्रयास करें ताकक भववष्य में हिन्दी के प्रनत अनादर भाव रखने वाले नेता एवम ् अधिकारी-गण दो बार सोचें । ककसी ठोस कदम के अभाव में

हिन्दी आज भी भारत में दोयम दजे की भाषा बनी िुई िै । दे ि में हिन्दी को उसका वास्तववक गौरव िाशसल कराना यिी परदे स में बैठे िम भारतीयों का प्रण िै और आपके स्तुत्य कृत्य की सरािना करते िुए िम केवल यिी किना चािते िैं कक यहद दे ि के प्रत्येक नेता के हृदय में हिन्दी के शलए ऐसा िी अनुराग िो तो कोई िक्क्त िमें कभी पराक्जत निीं कर सकती । िुभकामनाएाँ । भवदीय, हिन्दी सभा जापान , रोिन अग्रवाल

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मोब:+819065398757 ________________________________________________________________________

ईमेल: rohan194@gmail.com

www.hindisabhajp.com


हिन्दी सभा जापान २७ फरवरी,२०१२ ________________________________________________________________________ सेवा में , माननीय श्री िुकुम दे व नारायण यादव, संसद सदस्य, भारत सरकार संदभभ -- अमर उजाला एवं हिंदी िोम पेज हदना​ाँक 26 फ़रवरी के अंक में प्रकाशित समाचार मिोदय, उक्त समाचार पत्र की वेब साइट के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार

राजभाषा के ननरादर का जो मामला आपने उठाया था उसे माननीय सुश्री

मीना कुमार ,

अध्यक्ष लोकसभा ने संसद की वविेषाधिकार सशमनत को सौंपा िै । आपके इस ऐनतिाशसक कदम पर हिंदी सभा, जापान की ओर से कोहटिः बिाई । भारतीय मतदाता एवम ् हिन्दी भाषी िोने के नाते िम आपसे अनुरोि करते िैं कक इस मामले को ननष्कषभ

तक ले जाने के शलए िर संभव प्रयास करें ताकक भववष्य में हिन्दी के प्रनत अनादर भाव रखने वाले नेता एवम ् अधिकारी-गण दो बार सोचें । ककसी ठोस कदम के अभाव में

हिन्दी आज भी भारत में दोयम दजे की भाषा बनी िुई िै । दे ि में हिन्दी को उसका वास्तववक गौरव िाशसल कराना यिी परदे स में बैठे िम भारतीयों का प्रण िै और आपके स्तुत्य कृत्य की सरािना करते िुए िम केवल यिी किना चािते िैं कक यहद दे ि के प्रत्येक नेता के हृदय में हिन्दी के शलए ऐसा िी अनुराग िो तो कोई िक्क्त िमें कभी पराक्जत निीं कर सकती । िुभकामनाएाँ । भवदीय, हिन्दी सभा जापान , रोिन अग्रवाल

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मोब:+819065398757 ________________________________________________________________________

ईमेल: rohan194@gmail.com

www.hindisabhajp.com


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