ईसा मसीह के शैशवावस्था के पहहला सुसमाचार अध्याय 1 के बा 1 हमनी के यूसुफ महायाजक के ककताब में कनम्नकिखित कििरण कमिि, जेकरा के कुछ काइफा कहत रहिे 2 ऊ बताित बाड़न कक यीशु पािना में रहिा पर भी बोििन आ अपना महतारी से कहिे। 3 मररयम, हम परमेश्वर के बेटा यीशु हईं, उ िचन जिन तू कजब्राईि स्वर्गदूत के घोषणा के अनुसार सामने रििे रहिू आ हमार कपता हमरा के दु कनया के उद्धार िाकतर भेजिे बाड़े । 4 कसकंदर के युर् के तीन सौ नौिां साि में अर्स्तस एर्ो फरमान जारी कइिें कक सभ िोर् के अपना दे श में कर िर्ािे िाकतर जाए के चाहीं। 5 यूसुफ उठिन आ उनकर जीिनसाथी मररयम के साथे यरूशिेम चि र्इिन आ ओकरा बाद बेतिेहेम चि र्इिन ताकक ऊ आ उनकर पररिार के उनकर पुरिन के शहर में कर िर्ािि जा सके। 6 जब उ िोर् र्ुफा के ककनारे पहंचिे त मररयम यूसुफ से कबूि कईिी कक उनुकर बच्चा पैदा होिे के समय आ र्ईि बा अिुरी उ शहर में ना जा पििी अिुरी कहिी कक, “हमनी के ए र्ुफा में जाइब जा।” 7 ओह घरी सूरज डू बे के बहत नजदीक रहे। 8 िेककन यूसुफ जल्दी से चि र्ईिे कक उ ओकरा िाकतर दाई िे आिस। जब ऊ यरूशिेम के एर्ो बूढ़ कहब्रू मेहरारू के दे ििन त ओकरा से कहिन कक, “नीक मेहरारू, इहााँ आके प्राथग ना करऽ, आ ओह र्ुफा में जा, त तू उहााँ एर्ो मेहरारू दे िब जिन अभी-अभी बच्चा पैदा करे िाकतर तइयार कबया.” 9 सूरज डू बिा के बाद ही बुकढ़या आ यूसुफ ओकरा साथे र्ुफा में पहाँचिे आ दु नु जाना ओकरा में चि र्ईिे। 10 दे िऽ, ऊ सब रोशनी से भरि रहे, जिन दीया आ मोमबत्ती के रोशनी से भी बड़ रहे आ िुद सूरज के रोशनी से भी बड़ रहे। 11 एकरा बाद कशशु के िपेट के कपड़ा में िपेट के, आ अपना महतारी सेंट मैरी के स्तन चूसत रहे। 12 जब उ दु नु जाना इ रोशनी दे ि के अचरज में पड़ र्ईिे। बुकढ़या सेंट मैरी से पूछिी, का तू एह िइका के महतारी हउअ? 13 सेंट मैरी जिाब कदहिी, उ रहिी। 14 जिना पर बुकढ़या कहिस, “तू बाकी मेहरारू से बहत अिर् बाड़ू।” 15 संत मररयम जिाब कदहिी, जइसे हमरा बेटा जइसन किनो िइका नइिे, ओइसहीं ओकर महतारी जइसन किनो मेहरारू नइिे। 16 बुकढ़या जिाब कदहिी, “हे माई िेडी, हम इहााँ आइि बानी कक हमरा अनन्त इनाम कमि सके। 17 तब हमनी के िेडी सेंट मैरी ओकरा से कहिी, “कशशु पर हाथ रिऽ। जिन जब कइिी त ऊ ठीक हो र्इिी। 18 जब उ आर्े जात रहिी त कहिी, “अब से हम अपना जीिन के पूरा कदन ए कशशु के दे िभाि करब अिुरी ओकर नौकर बनब।” 19 एकरा बाद जब चरिाहा िोर् आके आर् जरा कदहि आ ऊ िोर् बहते िुश हो र्इि त स्वर्ीय सेना ओह िोर् के सामने प्रकट भइि आ परम परमेश्वर के स्तुकत आ आराधना कइिस। 20 आ जइसे कक चरिाहा िोर् एके काम में िार्ि रहे, ओह घरी र्ुफा एर्ो र्ौरिशािी मंकदर जइसन िार्त रहे, काहे कक प्रभु मसीह के जनम के चिते स्वर्गदूत आ आदमी दु नु के जीभ एकजुट होके भर्िान के आराधना आ मकहमामंडन करे में िार्ि रहे। 21 िेककन जब उ बुकढ़या इब्रानी मकहिा इ सब चमत्कार दे ि के कहिी कक, “हे परमेश्वर, हे इस्राएि के परमेश्वर, हम तोहार धन्यिाद दे तानी, काहेकी हमार आाँ ि दु कनया के उद्धारकताग के जन्म दे ििे कबया।” अध्याय 2 के बा 1 जब उनकर ितना के समय आठिााँ कदन हो र्इि, जिना कदन व्यिस्था में िइका के ितना करािे के आदे श कदहि र्इि रहे, त उ िोर् र्ुफा में ितना कर कदहिे।
2 आ बूढ़ कहब्रू मेहरारू अग्रचमड़ा िेके (दू सर िोर् कहेिा कक ऊ नाकभ के तार िे किहिस), आ ओकरा के स्पाइकनाडग के पुरान तेि के अिबास्टर के कडब्बा में सुरकित रि कदहिस। 3 उनकर एर्ो बेटा रहे जिन नशा के दु कानदार रहे, जेकरा से उ कहिी कक, “सािधान रहऽ कक तू एह अिबास्टर के कडब्बा में चीर के मरहम मत बेचऽ, हािांकक ओकरा िाकतर तोहरा के तीन सौ पइसा चढ़ािि जाि।” 4 अब इ उ अिबास्टर के कडब्बा ह जिन पापी मररयम बना के हमनी के प्रभु यीशु मसीह के माथा अिुरी र्ोड़ प मरहम डाि के अपना माथा के बाि से पोंछिी। 5 दस कदन बाद उ िोर् ओकरा के यरूशिेम िे अइिे आ ओकरा जनम के चािीसिााँ कदन ओकरा के प्रभु के सामने मंकदर में पेश कइिन आ मूसा के व्यिस्था के अनुसार ओकरा िाकतर उकचत बकिदान चढ़ििे जिन नर र्भग िोिेिा ओकरा के भर्िान के पकित्र कहि जाई। 6 ओह घरी बूढ़ कशमोन ओकरा के रोशनी के िंभा के रूप में चमकत दे ििे, जब ओकर महतारी संत मररयम कुंिारी ओकरा के अपना कोरा में िेके चि र्ईिी अिुरी दे ि के सबसे जादे िुशी से भर र्ईिी। 7 स्वर्गदूत ओकरा चारो ओर िड़ा होके ओकर आराधना करत रहिे, जइसे राजा के पहरे दार ओकरा चारो ओर िड़ा होिे। 8 तब कशमोन संत मररयम के िर्े जाके उनकरा ओर हाथ बढ़ा के प्रभु मसीह से कहिस, “हे हमार प्रभु, तोहार सेिक तोहार िचन के अनुसार शांकत से चि जाई। 9 काहेकक हमार आाँ ि तोहार दया के दे ििे बा जिन तू सब जाकत के उद्धार िाकतर तइयार कइिे बाड़ऽ। सब िोर् िाकतर एर्ो रोशनी आ तोहार िोर् इस्राएि के मकहमा। 10 हन्ना भकिष्यिक्ता भी मौजूद रहिी आ नजदीक आके उ परमेश्वर के स्तुकत कइिी आ मररयम के िुशी के जश्न मनाित रहिी। अध्याय 3 के बा 1 जब प्रभु यीशु के जनम यहूकदया के एर्ो शहर बेतिेहेम में भइि, राजा हेरोदे स के समय में। जोराडास्ट के भकिष्यिाणी के अनुसार ज्ञानी िोर् पूरब से यरूशिेम आके अपना साथे बकिदान िेके आइि: यानी सोना, िोबान आ र्ंधक, आ उनकर पूजा कइि आ उनकर िरदान चढ़िि। 2 तब िेडी मैरी उनकर एर्ो िपेट के कपड़ा िेके जिना में कशशु िपेटि रहे, आ आशीिागद के जर्ह ओह िोर् के दे कदहिी, जिन उ िोर् के उनुका से एर्ो बहत उदात्त उपहार के रूप में कमिि। 3 ओही समय ओह तारा के रूप में एर्ो स्वर्गदूत प्रकट भइि जिन पकहिे ओह िोर् के यात्रा में मार्गदशगक रहि। जिना के रोशनी के पीछे -पीछे चित रहिे जब तक कक उ िोर् अपना दे श में िापस ना आ र्ईिे। 4 ििटत घरी ओह िोर् के राजा आ राजकुमार िोर् ओह िोर् के िर्े आके पूछि र्इि कक ऊ िोर् का दे ििे बा आ का कइिे बा? किना तरह के सफर आ िापसी ओह िोर् के रहे? सड़क पर ओह िोर् के किन कंपनी रहे? 5 िेककन उ िोर् उ िपेट के कपड़ा पैदा कईिे जिन संत मररयम ओ िोर् के दे िे रहिी, जिना के चिते उ िोर् भोज मनििे। 6 अपना दे श के ररिाज के मुताकबक आर् जरा के ओकर पूजा कईिे। 7 ओकरा में िपेट के कपड़ा डाि के आर् ओकरा के िेके ओकरा के रििस। 8 आर् बुझिा पर उ िोर् िपेट के कपड़ा के कबना किनो चोट के कनकाि किहिे , जइसे कक आर् ओकरा के ना छूिे होिे। 9 तब उ िोर् ओकरा के चुम्मा िेिे िर्िे अिुरी अपना माथा अिुरी आं ि प राि के कहिे कक, इ कनकित रूप से कनस्संदेह सच्चाई ह, अिुरी इ सचमुच आियग के बात बा कक आर् एकरा के ना जरा पििस अिुरी एकरा के ना भस्म क दे िस। 10 तब उ िोर् ओकरा के िेके अपना िजाना के बीच में बहत आदर से रििे। अध्याय 4 के बा 1 हेरोदे स ई बुझ के कक ज्ञानी िोर् दे री करत बा आ ओकरा िर्े ना ििटत बा, ऊ याजक आ ज्ञानी िोर् के एकट्ठा क के कहिन कक बताईं कक मसीह के जनम किना जर्हा होिे के चाहीं? 2 जब उ िोर् जिाब दे िे, यहूकदया के एर्ो शहर बेतिेहेम में, उ अपना मन में प्रभु यीशु मसीह के मौत के योजना बनािे िर्िे।
3 िेककन प्रभु के एर्ो स्वर्गदूत यूसुफ के नींद में प्रकट होके कहिस, “उठ, िइका आ ओकर माई के िेके मुर्ाग बाजते कमस्र चि जा।” त ऊ उठ के चि र्इिन. 4 जब उ अपना सफर के बारे में सोचत रहिे त सबेरे हो र्ईि। 5 सफर के िंबाई में काठी के कर्टग टू ट र्ईि। 6 अब उ एर्ो बड़ शहर के नजदीक आ र्ईिे, जिना में एर्ो मूकतग रहे, जिना में कमस्र के बाकी मूकतग अिुरी दे िता आपन बकिदान अिुरी व्रत िेके अईिे। 7 एह मूकतग के द्वारा एर्ो याजक के सेिा करत रहिे , जे जब-जब शैतान ओह मूकतग से बोित रहिे, कमस्र आ ओह दे शन के कनिासी िोर् के आपन बात बताित रहिे। 8 एह पुजारी के एर्ो बेटा तीन साि के रहे, जेकरा में बहत सारा शैतान के भीड़ रहे , उ बहत अजीब बात कहत रहे, आ जब शैतान ओकरा के पकड़ िेिे त, उ नंर्ा घूमत रहिे, कपड़ा फाड़ के, जेकरा के उ दे ििे रहिे, ओकरा प पत्थर फेंकत रहिे। 9 ओह मूकतग के िर्े शहर के सराय रहे, जिना में जब यूसुफ आ सेंट मैरी अइिे आ ओह सराय में बदि र्इिे त शहर के सब कनिासी अचरज में पड़ र्इिे। 10 मूकतग के सब मकजस्टर े ट आ पुजारी ओह मूकतग के सोझा जु ट के पूछिे कक, “हमनी के पूरा दे श में जिन अचरज अिुरी भय आईि बा, ओकर का मतिब बा?” 11 मूकतग ओह िोर् के जिाब कदहिस, “अनजान भर्िान इहााँ आ र्ईि बाड़े , जिन सचमुच भर्िान हिे। ना ही ओकरा अिािा केहू अइसन बा जे ईश्वरीय पूजा के िायक होिे। काहे कक ऊ सााँचहू परमेस् िर के बेटा हिें। 12 उनकर प्रकसखद्ध दे ि के ई दे श कााँप र्इि आ उनकर अइिा पर ितगमान हंर्ामा आ अचरज के कशकार हो र्इि बा। आ हमनी के िुदे उनकर शखक्त के बड़हनता से डे रा र्इि बानी जा। 13 ओही घरी ई मूकतग कर्र र्इि आ ओकरा कर्रिा पर कमस्र के बाकी िोर् के अिािा बाकी िोर् एक संर्े भार् र्इि। 14 िेककन पुजारी के बेटा जब सराय में जाके उनकर हमेशा के अव्यिस्था आ र्ईि त उहााँ यूसुफ आ सें ट मैरी के कमि र्ईिे , जेकरा के बाकी सब िोर् छोड़ के छोड़ दे िे रहिे। 15 आ जब िेडी सेंट मैरी प्रभु मसीह के िपेट के कपड़ा धो के एर्ो िंभा पर सुिािे िाकतर िटका कदहिी त शैतान से ग्रस्त िइका ओहमें से एर्ो के उतार के ओकरा माथा पर रि कदहिकस. 16 ओकरा मुह से दु ष्टात्मा कनकि के कौआ आ सााँप के आकार में उड़ जाए िर्िे। 17 तब से उ िईका प्रभु मसीह के शखक्त से ठीक हो र्ईिे अिुरी उ स्तुकत र्ािे िर्िे अिुरी उनुका के ठीक करे िािा प्रभु के धन्यिाद दे िे िर्िे। 18 जब उनकर बाबूजी ओकरा के पकहिे के हाित में िापस आ र्ईि दे ििे त उ कहिे , “हे बेटा, तोहरा के का भईि बा अिुरी तू किना तरीका से ठीक हो र्ईि बाड़ू?” 19 बेटा जिाब कदहिस, “जब शैतान हमरा के पकड़ किहिे त हम सराय में र्ईनी, त उहााँ एर्ो बहत सुंदर मकहिा के एर्ो िईका के संर्े कमिि, जिना के िपेट के कपड़ा उ पकहिे धो के एर्ो िंभा प िटकि रहे। 20 हम ओहमें से एर्ो के िेके अपना माथा पर रिनी आ तुरते दु ष्टात्मा हमरा के छोड़ के भार् र्इिे। 21 एह बात पर कपता बहत िुश होके कहिे, “हे बेटा, शायद इ िईका उ कजंदा भर्िान के बेटा ह, जे आकाश अिुरी धरती के बनििे रहिे।” 22 काहे कक जइसहीं उ हमनी के बीच में अईिे , मूकतग टू ट र्ईि, अिुरी सभ दे िता कर्र र्ईिे अिुरी एकरा से जादे शखक्त के नाश हो र्ईिे। 23 तब उ भकिष्यिाणी पूरा हो र्ईि कक हम अपना बेटा के कमस्र से बोिििे बानी। अध्याय 5 के बा 1 यूसुफ आ मररयम जब ई सुनिे कक मूकतग कर्र के नष्ट हो र्इि बा त ऊ िोर् डर आ कााँप के कहिस, “जब हमनी के इस्राएि दे श में रहनी जा त हेरोदे स यीशु के मारे के इरादा से सब िोर् के मार कदहिस बेतिेहेम में कशशु, आ ओह मोहल्ला में। 2 आ एहमें किनो संदेह नइिे कक कमस्र के िोर् अर्र ई सुन के अइहें कक ई मूकतग टू ट के कर्र र्इि बा त हमनी के आर् से जरा दीहें. 3 उ िोर् ओकहजा से िुटेरन के र्ुप्त जर्हन पर चि र्इिन, जिन िोर् रास्ता से र्ुजरत घरी यात्री िोर् के र्ाड़ी आ कपड़ा िूटत रहिे आ बान्ह के िे जात रहिे।
4 ई चोर िोर् अइिा पर एर्ो बड़हन आिाज सुनि, जइसे कक एर्ो राजा के आिाज सुनाई पड़ि जिना में एर्ो बड़हन सेना आ कई र्ो घोड़ा रहे, आ अपना शहर से उनकर ओिरचर पर तुरही बाजत रहे, जिना पर ऊ िोर् अतना डे रा र्इि कक आपन सर्री िूट छोड़ र्इि पीछे -पीछे , आ जल्दबाजी में उड़ के चि जास। 5 एही पर कैदी िोर् उठ के एक दू सरा के बंधन ढीिा क के हर आदमी के आपन झोरा िेके चि र्ईिे, त यूसुफ आ मररयम के ओ िोर् के पहरा दे िे आित दे ििे अिुरी पूछिे कक, “उ राजा कहााँ बाड़े , जिना के नजदीक आिे के हल्ला डकैत सुनिे रहिे।” , आ हमनी के छोड़ कदहिस, ताकक हमनी के अब सुरकित उतर र्ईि बानी जा? 6 यूसुफ जिाब कदहिन, “हमनी के पीछे आ जइहें ।” अध्याय 6 के बा 1 तब उ िोर् दू सरा में चि र्ईिे, जहिााँ एर्ो औरत रहे, जेकरा में शैतान के भूत सिार रहे, आ ओकरा में शैतान, जिन श्राकपत किद्रोही रहे, आपन कनिास बना िेिे रहे। 2 एक रात जब ऊ पानी िे आिे र्इिी त ऊ ना त कपड़ा पकहरे के सहन कर पििी आ ना किनो घर में रह सकत रहिी। बाककर जइसे-जइसे ऊ िोर् ओकरा के जंजीर भा डोरी से बान्हत रहे , ऊ ओकरा के तोड़ के रे कर्स्तानी जर्हन पर कनकि जात रहे आ कबो-कबो जहााँ सड़क पार होिे, आ चचग के आाँ र्न में िड़ा होके आदमी पर पत्थर फेंकत रहे. 3 जब सेंट मैरी एह डब्लू आदमी के दे ििी त उनुका पर तरस आइि; जिना पर शैतान ओकरा के छोड़ के एर्ो निही के रूप में भार् र्इि आ कहिस कक, “हाय, तोहरा, मररयम आ तोहरा बेटा के चिते।” 4 त ऊ मेहरारू अपना यातना से मुक्त हो र्इि। बाककर अपना के नंर्ा मान के ऊ िजा र्इिी, आ किनो आदमी के दे िे से परहेज कइिी आ कपड़ा पकहन के घरे चि र्इिी आ अपना केस के औ कहसाब अपना कपता आ ररश्तेदारन के कदहिी, जे शहर के बेहतरीन होििा का चिते सेंट .. मररयम आ यूसुफ के सबसे बड़ सम्मान के साथ। 5 अकर्िा कदने सबेरे सड़क िाकतर पयागप्त भोजन कमि के ऊ िोर् ओह िोर् से चि र्इि आ कदन के सााँझ के करीब दोसरा शहर में पहाँचि जहााँ तब एर्ो कबयाह होिे िािा रहे। बाककर शैतान के किा आ कुछ जादू र्रन के चाि से दु िकहन अतना र्ूंर्ा हो र्इि कक ऊ अतना मुाँह ना िोि पििी. 6 बाककर जब ई र्ूंर्ा दु िकहन िेडी सेंट मैरी के शहर में घुसत दे ििी, आ प्रभु मसीह के अपना कोरा में िेके, प्रभु मसीह के ओर हाथ बढ़ा कदहिी, आ ओकरा के अपना कोरा में िे किहिी, आ ओकरा के करीब से र्िे िर्ा किहिी, बहत बार ओकरा के चुम्मा िेत रहिी, िर्ातार ओकरा के कहिाित रहिी आ ओकरा के अपना दे ह से दबाित रहिी। 7 तुरते उनकर जीभ के तार ढीिा हो र्इि आ उनकर कान िुि र्इि आ ऊ भर्िान के स्तुकत र्ािे िर्िी, जे उनका के ठीक कर कदहिे रहिे। 8 एह से ओह रात के नर्र के कनिासी िोर् में बहत िुशी भइि, जे िोर् सोचत रहे कक परमेश्वर आ उनकर दू त ओह िोर् के बीच उतरि बाड़े । 9 एही जर्ह पर उ िोर् तीन कदन तक रहिे, सबसे जादा आदर आ शानदार मनोरं जन के साथ कमित रहिे। 10 ओकरा बाद िोर् के ओर से सड़क के सामान कमि र्ईि अिुरी उ िोर् चि र्ईिे अिुरी उ िोर् दोसरा शहर में रुक र्ईिे, जिना में उ िोर् रुके के इच्छु क रहिे, काहेंकी उ एर्ो मशहूर जर्ह रहे। . 12 ऊ ओकरा पेट के चारो ओर मुड़ के हर रात ओकरा पर िेटत रहे। 13 ई मेहरारू िेडी सेंट मैरी आ अपना र्ोदी में िॉडग क्राइस्ट के कशशु के दे ि के िेडी सेंट मैरी से कहिस कक ऊ ओकरा के चुंबन िाकतर बच्चा दे दीं आ अपना कोरा में िेके चिीं। 14 जब ऊ सहमकत दे िी आ जइसहीं ऊ मेहरारू िइका के कहिा कदहिस त शैतान ओकरा के छोड़ के भार् र्इि आ ना ही ऊ मेहरारू ओकरा के कबो ना दे ििस। 15 एह पर सब पड़ोसी परमात्मा के स्तुकत कइिन आ मेहरारू ओह िोर् के भरपूर उपकार के इनाम कदहिी। 16 अकर्िा कदने उहे मेहरारू प्रभु यीशु के धोिे िाकतर सुर्ंकधत पानी िेके अइिी। आ जब ऊ ओकरा के धो कदहिी त पानी के बचा किहिी। 17 उहााँ एर्ो िईकी रहिी, जेकर दे ह कोढ़ से उज्जर रहे, जेकरा के एह पानी से कछड़क के धोिि र्ईि, उ तुरंत कोढ़ से साफ हो र्ईि। 18 िोर् कनस्संदेह कहिस कक यूसुफ आ मररयम आऊ िइका भर्िान हिें, काहे कक उ िोर् मनुष्य कनहन नईिन िउकत।
19 जब उ िोर् जाए के तैयारी करत रहिे त कोढ़ से परे शान िईकी आके कनहोरा कईिस कक उ िोर् ओकरा के अपना संर्े जाए के अनुमकत दे िे। त ऊ िोर् सहमकत दे कदहि आ िइकी ओह िोर् का साथे तबिे चि र्इि. ऊ िोर् एर्ो शहर में आइि जिना में एर्ो बड़हन राजा के महि रहे आ जिना के घर सराय से दू र ना रहे. 20 इहााँ उ िोर् रुकि अिुरी जब उ िईकी एक कदन राजकुमार के पत्नी के िर्े र्ईि अिुरी ओकरा के दु िी अिुरी शोकपूणग हाित में पािि त उ ओकरा से िोर के कारण पूछिी। 21 ऊ जिाब कदहिी, “हमरा कराह पर आियग मत करीं, काहे कक हम एर्ो बड़हन दु भागग्य के कशकार बानी, जिना के बारे में हम केहू के बतािे के कहम्मत नइिी करत। 22 िेककन िईकी कहत कबया कक अर्र तू हमरा के आपन कनजी कशकायत सौंप दे ब त शायद हम तोहरा के एकर उपाय िोज सकीिे। 23 एह से तू राजकुमार के मेहरारू कहत बाड़ू कक, ई राज रािब, आ केहू के कजंदा के पता ना चिी! 24 हम एह राजकुमार से कबयाह क िेिे बानी, जे बड़का-बड़का राज्यन पर राजा के रूप में राज करे िा आ हमरा से किनो संतान पैदा होिे से पकहिे ओकरा साथे बहत कदन तक रहनी। 25 आखिर में हम ओकरा से र्भगिती हो र्ईनी, िेककन अफसोस! हम एर्ो कोढ़ी बेटा के जनम दे नी। जिन दे ि के ऊ आपन होिे के माकिक ना बन पििे, बिुक हमरा से कहिे कक 26 या त तू ओकरा के मार दीं, भा ओकरा के अइसन जर्ह पर किनो नसग के िर्े भेज दीं, ताकक ओकर नाम कबो ना सुनि जा सके। आ अब आपन ख्याि रािीं; हम तोहरा के अउरी कबो ना दे िब। 27 त इहााँ हम अपना दयनीय आ दयनीय पररखस्थकत के कििाप करत पीड़ात बानी। अफसोस, हमार बेटा! अफसोस, हमार पकत! का हम एकर िुिासा रउरा से कइिे बानी? 28 िईकी जिाब दे िस, “हमरा तोहरा बेमारी के उपाय कमि र्ईि बा, जिन हम तोहरा से िादा करतानी, काहेकी हमहूाँ कोढ़ से पीकड़त रहनी, िेककन परमेश्वर हमरा के साफ क दे िे बाड़े , उहे के, जेकरा के यीशु कहि जािा, जिन कक िेडी मैरी के बेटा ह। 29 उ मेहरारू पूछत कक उ भर्िान कहााँ बाड़े , जिना के बारे में उ बात कईिे रहिी, त उ िईकी जिाब दे िस कक उ आपके संर्े इहााँ उहे घर में ठहरि बाड़े । 30 बाककर ई कइसे हो सकेिा? कहत बाड़ी कक ऊ; ऊ कहााँ बा? दे िऽ, िइकी यूसुफ आ मररयम जिाब कदहिस। आ ओह िोर् के साथे जिन कशशु बा ओकरा के यीशु कहि जािा आ उहे हमरा के हमरा बेमारी आ यातना से मुक्त कर कदहिे बाड़न। 31 िेककन उ कहत बाड़ी कक तू किना तरीका से कोढ़ से मुक्त हो र्ईि? का रउिा हमरा के इ बात ना बताईब? 32 काहे ना? िइकी कहत कबया; हम जिना पानी से उनकर दे ह धोिि रहे, ओकरा के िेके हमरा पर डाि दे नी त हमार कोढ़ र्ायब हो र्ईि। 33 राजकुमार के पत्नी उठ के ओ िोर् के मनोरं जन कईिी अिुरी बहत िोर् के बीच यूसुफ िाती एर्ो बड़ भोज के इं तजाम कईिी। 34 अकर्िा कदने प्रभु यीशु के धोिे िाकतर सुर्ंकधत पानी िेके ओकरा बाद उहे पानी अपना बेटा पर डाि कदहिी, जेकरा के उ अपना संर्े िेके आईि रहिी अिुरी उनुकर बेटा तुरंत कोढ़ से साफ हो र्ईि। 35 तब उ परमेश्वर के धन्यिाद आ स्तुकत र्ाित कहिी, “हे यीशु, तोहरा के जन्म दे िे िािी महतारी धन्य हई! 36 का तू एह तरह से अपना साथे एके स्वभाि के आदमी के ठीक करऽ, जिना पानी से तोहार शरीर धोिि जािा? 37 एकरा बाद उ िेडी मैरी के बहत बड़ उपहार दे िी अिुरी कल्पना के मुताकबक उनुका के भेज दे िी। अध्याय 7 के बा ओकरा बाद ऊ िोर् दोसरा शहर में आ र्इि, आ ओकहजा ठहरिा के कदमार् रहे . 2 एही कहसाब से उ िोर् एर्ो आदमी के घरे र्ईिे, जिन कक नया कबयाह कईिे रहे , िेककन जादू र्र के प्रभाि से अपना पत्नी के मजा ना िे पििस। 3 िेककन उ िोर् ओह रात उनकर घर में ठहरि त उ आदमी अपना अव्यिस्था से मुक्त हो र्ईि।
4 जब ऊ िोर् सबेरे-सबेरे अपना यात्रा पर आर्े बढ़े के तइयारी करत रहे त नया कबयाहि आदमी ओह िोर् के बाधा डाि कदहिस आ ओह िोर् िाकतर एर्ो उदात्त मनोरं जन के इं तजाम कइिस? 5 िेककन अकर्िा कदने आर्े बढ़ के उ िोर् दोसरा शहर में पहंचिे, त दे ििे कक तीन मकहिा एर्ो कब्र से बहत रोित जात रहिी। 6 जब संत मररयम ओह िोर् के दे ििी त उ ओह िोर् के साथी िइकी से कहिी कक जाके ओह िोर् से पूछीं कक ओह िोर् के का हाि बा आ ओह िोर् के किन दु भागग्य भइि बा? 7 जब िईकी पूछिस त उ िोर् ओकरा से किनो जिाब ना दे िे, िेककन फेर पूछिे कक, “तू के हई अिुरी कहााँ जात बानी?” काहेकक कदन बहत दू र हो र्ईि बा, रात भी नजदीक आ र्ईि बा। 8 हमनी के यात्री हईं जा, िइकी कहत कबया आ ठहरे िाकतर सराय के तिाश में बानी जा। 9 उ िोर् जिाब दे िे, “हमनी के संर्े जाके हमनी के संर्े ठहर जा।” 10 ओकरा बाद उ िोर् ओ िोर् के पीछे -पीछे चिि आ एर्ो नया घर में प्रिेश करािि र्ईि, जिन कक तरह-तरह के साज-सज्जा से सुसखज्जत रहे। 11 अब जाड़ा के समय हो र्ईि रहे, त िईकी ओ पािगर में र्ईिी, जहिा इ मकहिा रहिी अिुरी उ िोर् के पकहिे कनहन रोित अिुरी कििाप करत दे ििी। 12 ओह िोर् के िर्े रे शम से ढं कि िच्चर िड़ा रहे आ ओकरा र्दग न से एर्ो आबनूस के कॉिर िटकि रहे, जेकरा के ऊ िोर् चुम्मा िेत रहे आ िाना खियाित रहे। 13 िेककन जब िईकी कहिस, “हे मकहिा िोर्, उ िच्चर केतना सुन्दर बा! ऊ िोर् रोित-रोित जिाब कदहि आ कहिस, “ई िच्चर जिन रउआ दे ित बानी, हमनी के भाई रहे, जिन हमनी के जइसन महतारी से पैदा भइि रहे। 14 जब हमनी के बाबूजी मर र्इिन आ हमनी के बहत बड़हन जार्ीर छोड़ र्इिन आ हमनी के िर्े िािी इहे भाई रहिन आ हमनी के ओकरा िाकतर एर्ो उपयुक्त जोड़ी बनािे के कोकशश कइनी जा आ सोचनी जा कक ओकरा के दोसरा आदमी कनहन कबयाह करािि जाि, त किनो चक्करदार आ ईष्यागिु मेहरारू ओकरा के बाहर जादू कइिस हमनी के ज्ञान के। 15 एक रात कदन से कुछ पकहिे जब घर के दरिाजा सब बंद हो र्ईि रहे त दे िनी कक हमनी के भाई के िच्चर में बदि र्ईि बा, जईसे कक आप ओकरा के अब दे ितानी। 16 हमनी के जिना उदास हाित में रउआ दे ित बानी जा, ओकरा में हमनी के कदिासा दे िे िािा किनो कपता नईिे , हमनी के दु कनया के सभ ज्ञानी, जादू र्र अिुरी भकिष्यिाणी करे िािा िोर् के संर्े काम कईिे बानी, िेककन उ िोर् हमनी के किनो सेिा नईिन कईिे। 17 जब हमनी के अपना के दु ि से दबि पािेनी जा, हमनी के उठ के अपना माई के संर्े अपना कपता के कब्र में जानी जा, जहिां जब हमनी के बहत रोिेनी जा त हमनी के घरे ििट जानी जा। 18 िईकी इ बात सुन के कहिस, “कहम्मत करऽ आ आपन डर छोड़ऽ, काहेकक तोहनी के बीच आ तोहरा घर के बीच में तोहरा दु ुः ि के उपाय नजदीक बा। 19 काहेकक हमहूाँ कोढ़ से पीकड़त रहनी। बाककर जब हम एह मेहरारू के आ ओकरा साथे ई छोट कशशु के दे िनी, जेकर नाम ईसा ह, त हम अपना शरीर पर ओह पानी से कछड़क कदहनी जिना से ओकर माई ओकरा के धोििे रहिी आ हम ठीक हो र्इनी. 20 हमरा पूरा भरोसा बा कक उ तोहनी के संकट में भी राहत दे िे में सिम बा। एह से उठऽ, हमरा मािककन मैरी के िर्े जा, आ जब तू ओकरा के अपना पािगर में िे आिऽ त ओकरा से राज के िुिासा करऽ, साथे-साथे ओकरा से र्ंभीरता से कनहोरा करऽ कक ऊ अपना केस पर दया करस. 21 जइसहीं मेहरारू िोर् ओह िइकी के भाषण सुनिी, ऊ िोर् जल्दीजल्दी िेडी सेंट मैरी के िर्े चि र्इि, ओकर पररचय कदहि आ ओकरा सोझा बइठ के ऊ िोर् रो कदहि. 22 ऊ कहिस, “हे हमार िेडी सेंट मैरी, तोहार दासी िोर् पर दया करऽ, काहे कक हमनी के पररिार के किनो मुखिया नइिे, हमनी से बड़ केहू नइिे। ना बाप, भा भाई हमनी से पकहिे अंदर-बाहर जाए के। 23 िेककन इ िच्चर जिन तू दे ित बाड़ू, हमनी के भाई रहे, जिना के किनो मकहिा जादू -टोना से अयीसन हाित में िे आईि कबया, जिना के तू दे ितानी। 24 एही पर संत मररयम ओह िोर् के मामिा से दु िी हो र्इिी आ प्रभु यीशु के िेके िच्चर के पीठ पर बइठा कदहिी।
25 ऊ अपना बेटा से कहिस, “हे ईसा मसीह, अपना असाधारण शखक्त के अनुसार एह िच्चर के फेर से बहाि कर (या ठीक कर) आ ओकरा के फेर से आदमी आ तकगसंर्त प्राणी के आकार दे दीं, जइसे कक पकहिे रहे। 26 ई बात िेडी सेंट मैरी बहत कम कहिे रहिी, िेककन िच्चर तुरंत इं सान के रूप में आ र्ईि, अिुरी कबना किनो किकृकत के युिक बन र्ईि। 27 तब ऊ आ ओकर महतारी आ बकहन िोर् िेडी सेंट मैरी के पूजा कइि आ ओह बच्चा के माथा पर उठा के ओकरा के चुम्मा किहि आ कहि, “हे यीशु, हे दु कनया के उद्धारकताग, तोहार माई धन्य हई! धन्य बा ऊ आाँ ि जिन तोहरा के दे ि के एतना िुश बा। 28 तब दु नु बकहन अपना महतारी से कहिी कक, “सााँच में हमनी के भाई प्रभु यीशु मसीह के मदद से आ ओह िइकी के दयािुता से अपना पकहिे के रूप में िापस आ र्इि बाड़े , जिन मररयम आ ओकर बेटा के बारे में हमनी के बतििे रहिी। 29 आउर जब तक हमनी के भाई अकििाकहत बा, हमनी के ओकर कबयाह उ िोर् के नौकर के एह िईकी से कईि उकचत बा। 30 जब उ िोर् मररयम से एह मामिा में सिाह िेिे अिुरी मररयम के सहमकत दे िेिे त उ िोर् ए िईकी िाती एर्ो शानदार कबयाह कईिे। 31 आ एही से उनकर दु ि िुशी में बदि र्इि आ उनकर शोक उल्लास में बदि र्इि आ ऊ िोर् िुश होिे िर्िन। आ मस्ती करे , आ र्ािे िाकतर, अपना सबसे समृद्ध पररधान में सज-धज के, कंर्न िेके। 32 ओकरा बाद उ िोर् परमेश्वर के मकहमा आ स्तुकत करत कहिे, “हे दाऊद के बेटा यीशु जे दु ि के िुशी में बदि दे िे बानी आ शोक के िुशी में बदि दे िे बानी! 33 एकरा बाद यूसुफ आ मररयम दस कदन तक उहााँ रहिे आ उ िोर् के ओर से बहत आदर िेके चि र्ईिे। 34 उ िोर् जब उ िोर् से किदाई िेके घरे ििटिे त उ कचल्लात रहिे। 35 िेककन िासकर के िईकी के। अध्याय 8 के बा 1 इहााँ से यात्रा करत घरी उ िोर् एर्ो रे कर्स्तानी दे श में आ र्ईिे अिुरी उनुका के बतािि र्ईि कक उहााँ डकैत के भरमार बा। त यूसुफ आ सेंट मैरी रात में ओकहजा से र्ुजरे के तइयारी कइिे. 2 जब उ िोर् जात रहिे त दे ििे कक सड़क प दु र्ो डकैत सुति रहिे अिुरी ओ िोर् के संर्े बहत संख्या में डकैत सुति रहिे। 3 एह दु नु के नाम तीतुस आ दु माकस रहे। तीतुस दु माकुस से कहिन, “हम तोहरा से कनहोरा करत बानी कक ओह िोर् के चुपचाप चिे दीं ताकक हमनी के िोर् के ओह िोर् के बारे में कुछ ना बुझाइि। 4 िेककन दु माकस मना करत तीतुस फेरु कहिे , “हम तोहरा के चािीस ग्रोट दे ब, आ कर्रिी के रूप में हमार करधनी िे िीं, जिन उ ओकरा के बोित रहिे, ताकक उ आपन मुाँह ना िोि सके, ना हल्ला मचािे। 5 जब िेडी सेंट मैरी एह डकैत के दयािुता दे ि के कहिी कक प्रभु भर्िान तोहरा के अपना दाकहना हाथ में िे जईहे अिुरी तोहरा पाप के माफी कदहे। 6 तब प्रभु यीशु अपना महतारी से कहिन कक जब तीस साि पूरा हो जाई, हे माई, यहूदी िोर् हमरा के यरूशिेम में सूिी पर चढ़ा कदहे। 7 ई दु नु चोर एके साथे क्रूस पर हमरा साथे रहीहें , तीतुस हमरा दाकहना ओर आ दु माकस हमरा बाईं ओर, आ तब से तीतुस हमरा से पकहिे जन्नत में चि जइहें। 8 जब ऊ कहिी कक, “हे बेटा, भर्िान ना करसु , तोहार भाग्य ना होिे, त ऊ िोर् एर्ो शहर में चि र्इिन जिना में कई र्ो मूकतग बाड़ी सऽ। जिन जइसहीं ओकरा िर्े अइिे, बािू के पहाड़ी में बदि र्इि। 9 एही से उ िोर् ओह कसकोमोर के पेड़ के िर्े चि र्ईिे, जिना के अब मतरे आ कहि जािा। 10 मतरे आ में प्रभु यीशु एर्ो इनार के झरना दे िे, जिना में संत मररयम आपन कोट धोििी। 11 ओह दे श में प्रभु यीशु के पसीना से एर्ो बािसम पैदा होिा भा बढ़े िा। 12 उ िोर् मेखफफस र्ईिे आ कफरौन के दे ििे आ तीन साि तक कमस्र में रह र्ईिे। 13 प्रभु यीशु कमस्र में बहत चमत्कार कइिन जिन ना त शैशि काि के सुसमाचार में कमिेिा आ ना ही पूणगता के सुसमाचार में। 14 तीन साि के अंत में उ कमस्र से िापस आ र्ईिे अिुरी जब उ यहूदा के नजदीक पहंचिे त यूसुफ में घुसे से डे रा र्ईिे। 15 ई सुन के कक हेरोदे स मर र्इि बाड़न आ उनकर बेटा आकेिाउस उनकरा जर्ह पर राज करत बाड़न।
16 जब ऊ यहूकदया र्इिन त परमेश्वर के एर्ो दू त उनका से प्रकट होके कहिस, “हे यूसुफ, नासरत शहर में जाके उहााँ रहऽ।” 17 ई त सााँचहू अजीब बा कक ऊ जे सब दे शन के माकिक ह, ओकरा के एह तरह से एतना दे शन के बीच से पीछे -पीछे िे जाइि जाि. अध्याय 9 के बा 1 बाद में जब उ िोर् बेतिेहेम शहर में अईिे त उहााँ कई र्ो बहत हताश कडस्टे पर कमिि, जिन कक बच्चा के दे ि के एतना परे शान करे िािा हो र्ईि कक अकधकांश िोर् के मौत हो र्ईि। 2 उहााँ एर्ो मेहरारू रहिी जेकर एर्ो बेमार बेटा रहे, जेकरा के ऊ मरिा के खस्थकत में िेडी सेंट मैरी के िर्े िे अइिी, जे यीशु मसीह के धोित घरी ओकरा के दे ििे रहिी। 3 तब ऊ मेहरारू कहिस, “हे हमार िेडी मैरी, हमरा एह बेटा के नीचा दे िऽ, जे बहते भयािह पीड़ा से ग्रस्त बा। 4 संत मररयम ओकरा के सुन के कहिी, जिना पानी से हम अपना बेटा के धोििे बानी, ओकरा में से तनी-मनी िेके ओकरा प कछड़क दीं। 5 तब ऊ ओह पानी में से तनी-मनी िेके, जइसे कक संत मररयम के आज्ञा रहे, आ ओकरा के अपना बेटा पर कछड़क कदहिी, जिन अपना कहंसक पीड़ा से थक र्इि रहे आ नींद आ र्इि रहे। आ तनी सुतिा के बाद एकदम बकढ़या से जार्ि आ ठीक हो र्इि। 6 महतारी एह सफिता से बहते िुश होके फेरु से सेंट मररयम के िर्े र्इिी आ संत मररयम ओकरा से कहिी, “परमेशिर के स्तुकत करऽ, जे तोहार बेटा के ठीक कर कदहिे बाड़न।” 7 ओही जर्ह पर एर्ो अउरी मेहरारू रहिी, जे ओकर पड़ोसी रहिी, जेकर बेटा अब ठीक हो र्इि रहे। 8 एह मेहरारू के बेटा भी इहे बेमारी से पीकड़त रहे आ ओकर आाँ ि अब िर्भर् एकदम बंद हो र्इि रहे आ ऊ कदन-रात ओकरा िाकतर कििाप करत रहे। 9 ठीक भइि िइका के महतारी ओकरा से कहिी, “तू अपना बेटा के सेंट मररयम के िर्े काहे ना िे आित बाड़ू, जइसे हम अपना बेटा के ओकरा िर्े िे अइनी, जब ऊ मौत के पीड़ा में रहे। उ पानी से ठीक हो र्ईि, जिना से ओकर बेटा यीशु के िाश धोिि र्ईि रहे ? 10 जब उ मेहरारू ओकरा के इ कहत सुनिी त उहो जाके उहे पानी िेके अपना बेटा के ओकरा से धो कदहिी, जिना के बाद ओकर दे ह अिुरी आं ि तुरंत पकहिे के हाित में आ र्ईि। 11 जब ऊ अपना बेटा के सेंट मैरी के िर्े िे अइिी आ आपन केस िोििी त आज्ञा कदहिी कक ऊ अपना बेटा के स्वास्थ्य ठीक होिे िाकतर भर्िान के धन्यिाद दीं आ केहू के ना बताईं कक का भइि बा. अध्याय 10 के बा 1 ओही शहर में एक आदमी के दू र्ो मेहरारू रहिी आ हर केहू के एर्ो बेटा बेमार रहे। ओहमें से एर्ो के नाम मररयम रहे आ उनकर बेटा के नाम कािेब रहे। 2 ऊ उठिी आ अपना बेटा के िेके यीशु के महतारी िेडी सेंट मैरी के िर्े र्इिी आ उनुका के एर्ो बहते सुन्दर कािीन चढ़ििी आ कहिी कक, हे हमार िेडी मैरी हमरा के ई कािीन स्वीकार करऽ, आ ओकरा बदिे हमरा के एर्ो छोट कािीन दे दीं िपेट के कपड़ा के। 3 मररयम एह बात पर सहमत हो र्इिी आ जब कािेब के महतारी ना र्इिी त ऊ अपना बेटा िाकतर िपेट के कपड़ा से एर्ो कोट बना के पकहनिी आ ओकर बेमारी ठीक हो र्इि। बाककर दू सरकी मेहरारू के बेटा मर र्इि। 4 एही से ओह िोर् के बीच में, हर हफ्ता बारी-बारी से पररिार के कारोबार करे में अंतर पैदा हो र्इि। 5 जब कािेब के महतारी मररयम के बारी आईि आ उ रोटी सेंक के अंडा र्रम करत रहिी आ िाना िे आिे चििी त उ अपना बेटा कािेब के अंडा के िर्े छोड़ के चि र्ईिी। 6 दू सरकी पत्नी, ओकर प्रकतद्वं द्वी, अकेिे रहिा के दे ित, ओकरा के िेके ओिन में फेंक कदहिस जिन बहत र्रम रहे। 7 मररयम ििटत घरी अपना बेटा कािेब के ओिन के बीच में िेट के हाँसत दे ििी आ ओिन ओतना ठं डा जइसन पकहिे र्रम ना भइि रहे, आ जानिी कक उनकर प्रकतद्वं दी दू सर मेहरारू ओकरा के आर् में फेंक दे िे कबया।
8 जब ऊ ओकरा के बाहर कनकाििी त िेडी सेंट मैरी के िर्े िे अइिी आ कहानी सुनििी, जेकरा से ऊ जिाब कदहिी, “चुप रहऽ, हमरा कचंता बा कक कहीं तू ई बात ना बता दीं। 9 एकरा बाद उनकर प्रकतद्वं द्वी, दू सर पत्नी, जब उ कुआाँ पर पानी िींचत रहिी, आ कािेब के कुआं के ककनारे िेित दे ििी आ कक केहू नजदीक नइिे, उ उनका के िेके इनार में फेंक कदहिी। 10 जब कुछ िोर् इनार से पानी िे आिे अइिे त उ िईका के पानी के ऊपर बईठि दे ििे अिुरी ओकरा के रस्सी से बाहर कनकाििे अिुरी बच्चा के दे ि के बहत हैरान हो र्ईिे अिुरी भर्िान के स्तुकत कईिे। 11 तब माई ओकरा के िेके िेडी सेंट मैरी के िर्े िे र्ईिी, कििाप करत कहिी, हे माई, दे िऽ कक हमार प्रकतद्वं दी हमरा बेटा के का कइिे कबया आ कइसे ऊ ओकरा के इनार में फेंकिे कबया, आ हम नइिीं करत सिाि बा बाककर किनो ना किनो समय ऊ ओकरा मौत के मौका होिी. 12 संत मररयम ओकरा से जिाब कदहिी, भर्िान तोहार घायि मुद्दा के सही ठहराईहे। 13 एही कहसाब से कुछ कदन बाद जब दू सर मेहरारू पानी िींचे िाकतर इनार पर अइिी त ओकर र्ोड़ रस्सी में अझुरा र्इि, जिना से ऊ कुआं में कसर से कर्र र्इि आ जे िोर् ओकरा सहायता िाकतर भार्ि, ओकर िोपड़ी टू टि दे ििस आ... हड्डी के चोट िार्ि बा। 14 एही से उनकर अंत िराब हो र्इि आ उनकरा में िेिक के कहि बात पूरा हो र्इि कक ऊ िोर् एर्ो इनार िोद के ओकरा के र्कहराह कर कदहि, बाककर ऊ िोर् ओह र्ड्ढा में कर्र र्इि जिन ऊ िोर् तइयार कइिे रहे। अध्याय 11 के बा 1 ओह शहर में एर्ो अउरी मेहरारू के भी दू र्ो बेटा बेमार रहिे। 2 जब एर्ो मर र्इि, दू सरका, जे मौत के कबंदु पर पड़ि रहे, त ऊ िेडी सेंट मैरी के कोरा में िे किहिस आ िोर के बाढ़ में अपना के संबोकधत करत कहिस। 3 हे माई िेडी, हमार मदद करीं आ राहत दीं; काहे कक हमरा दू र्ो बेटा रहिे, एर्ो के हम अभी दफना दे िे बानी, दू सरा के हम अभी मौत के कबंदु पर दे ित बानी, दे िऽ कक हम कइसे र्ंभीरता से भर्िान से अनुग्रह मााँर्त बानी आ उनकरा से प्राथगना करत बानी। 4 तब ऊ कहिी, “हे प्रभु, तू कृपािु, दयािु आ दयािु हउअ। तू हमरा के दू र्ो िइका दे िे बाड़ऽ। ओहमें से एर्ो के तू अपना में िे किहिे बाड़ऽ, हे हमरा के ई दोसरा के बख्शऽ। 5 संत मररयम तब अपना दु ि के बड़हनता के बुझ के ओकरा पर तरस उठिी आ कहिी, तू अपना बेटा के हमरा बेटा के कबछौना पर रि के ओकरा के कपड़ा से ढं क िीं। 6 जब ऊ ओकरा के ओह कबछौना पर रि कदहिी जिना पर मसीह पड़ि रहिे, ओह घरी जब उनकर आाँ ि मौत से बंद हो र्इि रहे। जइसहीं कबो प्रभु यीशु मसीह के कपड़ा के र्ंध ओह िइका के िर्े पहाँचि, ओकर आाँ ि िुि र्इि आ जोर से आिाज में अपना महतारी के पुकारत ऊ रोटी मं र्िे आ जब ओकरा कमिि त ऊ रोटी चूस किहिकस. 7 तब उनकर माई कहिी, हे िेडी मैरी, अब हमरा भरोसा हो र्इि बा कक भर्िान के शखक्त तोहरा में बसि बा, ताकक तोहार बेटा अपना कपड़ा के छूते ही अपना जइसन िइकन के ठीक कर सके। 8 ई िइका जे एह तरह से ठीक हो र्इि, उहे ह जेकरा के सुसमाचार में बाथोिोम्यू कहि र्इि बा। अध्याय 12 के बा 1 फेरु एर्ो कोढ़ी मेहरारू रहिी जे यीशु के महतारी िेडी सेंट मैरी के िर्े जाके कहिस, हे माई, हमार मदद करऽ। 2 संत मररयम जिाब कदहिी, तू किन मदद चाहत बाड़ू? का ई सोना ह कक चााँदी, कक तोहार शरीर के कोढ़ से ठीक होिे के चाहीं? 3 मेहरारू कहत बाड़ी कक हमरा के ई के दे सकेिा? 4 संत मररयम ओकरा से कहिी, तनी रुकऽ जबिे हम अपना बेटा ईसा के धो के ओकरा के कबछौना पर ना सुता दे ब। 5 औरत के आज्ञा के मुताकबक इं तजार करत रहे। मररयम जब ईसा के कबछौना पर बइठा कदहिी आ जिना पानी से ऊ उनकर दे ह धोििे रहिी, ऊ पानी दे के कहिी, “उ पानी में से कुछ िे के अपना दे ह पर डाि दीं। 6 ई काम कइिा पर ऊ तुरते साफ हो र्इिी आ भर्िान के स्तुकत कइिी आ उनकर धन्यिाद कदहिी।
7 तीन कदन के बाद उ अपना संर्े चि र्ईिी। 8 शहर में जाके उ एर्ो राजकुमार के दे ििी, जे दोसरा राजकुमार के बेटी से कबयाह क िेिे रहिे। 9 जब उ ओकरा के दे िे अइिे त ओकरा आाँ ि के बीच में तारा कनहन कोढ़ के कनशान दे िाई दे िस अिुरी ओकरा बाद उ कबयाह के भंर् अिुरी शून्य घोकषत क दे िे। 10 जब ऊ मेहरारू एह िोर् के अइसन हाित में दे ििी, ऊ िोर् बहते दु िी रहे आ भरपूर िोर बहाित रहे, त ऊ ओह िोर् से ओह िोर् से रोिे के कारण पूछिी। 11 उ िोर् जिाब दे िे, “हमनी के हािात के बारे में मत पूछीं। काहे कक हमनी का किनो व्यखक्त के आपन दु भागग्य के घोषणा करे में नेट सिम बानी जा. 12 बाककर तबकहयों ऊ दबाित रहिी आ चाहत रहिी कक ऊ िोर् आपन मामिा ओकरा से बतािे, ई संकेत दे त कक शायद ऊ ओह िोर् के किनो उपाय के ओर कनदे कशत कर सके. 13 जब उ िोर् युिती के आाँ ि के बीच में कोढ़ के कनशान दे िििे। 14 उ कहिी, “हम भी, जेकरा के तू िोर् एह जर्ह दे ि रहि बानी, उहे परे शानी से पीकड़त रहनी, आ बेतिेहेम में किनो काम में जात रहनी, त हम एर्ो र्ुफा में र्ईनी, त मररयम नाम के एर्ो मकहिा के दे िनी, जेकर एर्ो बेटा रहे , जेकर नाम यीशु रहे। 15 उ हमरा के कोढ़ से पीकड़त दे ि के हमरा िाकतर कचंकतत रहिी अिुरी हमरा के कुछ पानी दे िी, जिना से उ अपना बेटा के दे ह धो दे िे रहिी। एतना से हम अपना दे ह के कछड़क के साफ हो र्ईनी। 16 तब ई मेहरारू िोर् कहिी, “का माकिक, का तू हमनी के साथे जाके िेडी सेंट मैरी के हमनी के दे िा दे बऽ?” 17 जिना पर ऊ सहमत होके ऊ िोर् उठ के िेडी सेंट मैरी के िर्े र्इि आ अपना साथे बहते उदात्त उपहार िेके चि र्इि. 18 जब उ िोर् ओकरा के आपन उपहार चढ़ििे त उ िोर् कोढ़ से पीकड़त युिती के दे िा दे िे कक उ िोर् अपना संर्े का िेके आईि रहिे। 19 तब संत मररयम कहिी, “प्रभु यीशु मसीह के दया तोहनी पर बा। 20 जिना पानी से उ यीशु मसीह के दे ह धोििे रहिी, ओकरा में से थोड़ाथोड़ा पानी दे के बेमार के ओकरा से धोिे के कहिी। जिन जब उ िोर् कईिे त उ तुरंत ठीक हो र्ईिी। 21 उ िोर् आ उहााँ मौजूद सब िोर् परमेश्वर के स्तुकत कईिे। उ िोर् िुशी से भरि होके अपना शहर में िापस चि र्ईिे अिुरी एही चिते भर्िान के स्तुकत कईिे। 22 तब राजकुमार अपना मेहरारू के ठीक होिे के बात सुन के ओकरा के घरे िे र्ईिे अिुरी दू सरा कबयाह क िेिे अिुरी अपना पत्नी के स्वास्थ्य ठीक होिे िाती भर्िान के धन्यिाद दे िे। अध्याय 13 के बा 1 एर्ो िइकी भी रहे जिन शैतान से पीकड़त रहे। 2 काहे कक ऊ शाकपत आत्मा ओकरा के अक्सर अजर्र के आकार में िउकत रहे आ ओकरा के कनर्ि जाए के ओर झुकि रहे आ ओकर पूरा िून चूस किहिे रहे कक ऊ मरि िाश कनयर िउकत रहे। 3 जब भी ऊ अपना मन में आित रहिी, माथा पर हाथ मरोड़ के कचल्लात रहिी आ कहत रहिी कक, “हाय, हम, कक केहू अइसन नइिे कमित जे हमरा के ओह अधमी अजर्र से बचा सके! 4 ओकर बाप-माई आ ओकरा आसपास के सब िोर् ओकरा िाकतर शोक मनाित रोित रहे। 5 उहााँ मौजूद सब िोर् ओकरा के कििाप करत सुन के दु िी आ रोिे िार्ि, “हे भाई िोर्, का केहू अइसन नइिे जे हमरा के एह हत्यारा से बचा सके?” 6 तब राजकुमार के बेटी, जे अपना कोढ़ से ठीक हो र्इि रहे, ओह िइकी के कशकायत सुन के अपना महि के चोटी पर चढ़ र्इि आ दे ििस कक ओकर हाथ माथा पर घुमा के िोर के बाढ़ बहत रहे आ सब... िोर् जिन दु ि में ओकरा बारे में रहे। 7 तब उ भूकतया आदमी के पकत से पूछिी कक ओकर पत्नी के महतारी कजंदा बाड़ी कक ना? उ ओकरा से कहिे, कक ओकर बाप-माई दु नो कजंदा बाड़े । 8 तब ऊ अपना महतारी के अपना िर्े भेजे के आदे श कदहिी आ ओकरा के आित दे ि केकरा िर्े कहिी, “का ई भूकतया िइकी तोहार बेटी ह?” ऊ कराहत आ कििाप करत कहिी, हाँ मैडम, हम ओकरा के बोर कर कदहनी.
9 राजकुमार के बेटी जिाब कदहिी, “उनकर मामिा के राज हमरा के बताईं, काहेकक हम तोहसे कबूि करतानी कक हम कोढ़ से पीकड़त रहनी, िेककन यीशु मसीह के महतारी िेडी मैरी हमरा के ठीक कईिी। 10 अर्र रउआ चाहत बानी कक रउआ बेटी के पकहिे के हाित में िापस आ जाि त ओकरा के बेतिेहेम िे जाके यीशु के महतारी मररयम के बारे में पूछताछ करीं, आ संदेह मत करीं कक रउआ बेटी ठीक हो जाई। काहे कक हम किनो सिाि नइिीं करत बाककर रउरा अपना बेटी के ठीक होिे पर बहते िुशी से घरे आ जाईं. 11 जइसहीं ऊ बात कइिी, ऊ उठ के अपना बेटी के साथे कनधागररत जर्ह आ मररयम के िर्े र्इिी आ अपना बेटी के मामिा बतििी। 12 जब संत मररयम उनकर कहानी सुनिी त उ अपना बेटा यीशु के िाश के धोिे के पानी में से तनी-मनी दे िी अिुरी अपना बेटी के िाश प उड़ािे के कहिी। 13 ओइसहीं ऊ प्रभु यीशु के एर्ो िपेट के कपड़ा कदहिी आ कहिी कक, “ई िपेट के कपड़ा िेके अपना दु श्मन के जब भी दे िब, ओकरा के दे िा दीं। आ ऊ ओह िोर् के शांकत से भेज कदहिी. 14 उ िोर् ओह शहर के छोड़ के घरे ििटिा के बाद आ समय आ र्ईि कक शैतान के ओकरा के पकड़े के आदत रहे , ओही पि इ शाकपत आत्मा ओकरा के एर्ो किशाि अजर्र के आकार में दे िाई दे िस अिुरी ओकरा के दे ि के िईकी डे रा र्ईि . 15 माई ओकरा से कहिी, बेटी मत डे रा। जबिे ऊ तोहरा नजदीक ना आ जाि तबिे ओकरा के छोड़ दीं! तब ओकरा के िपेट के कपड़ा दे िाईं, जिन िेडी मैरी हमनी के दे िे रहिी, आ हमनी के घटना दे िब जा। 16 तब शैतान एर्ो भयािह अजर्र कनहन आके िईकी के दे ह डर से कााँप र्ईि। 17 जइसहीं ऊ िपेट के कपड़ा अपना माथा पर आ आाँ ि के चारो ओर पकहन के ओकरा के दे िििी, तबे िपट से िपट आ जरत कोयिा कनकिि आ अजर्र पर कर्र र्इि। 18 ओह िोर् के! ई केतना बड़हन चमत्कार रहे जिन भइि: जइसहीं अजर्र प्रभु यीशु के िपेट के कपड़ा दे ििस, आर् कनकिि आ ओकर माथा आ आाँ ि पर कबिर र्इि। एह से ऊ जोर से कचल्ला के कहिस, “हे मररयम के बेटा यीशु, तोहरा से हमार का संबंध बा, हम तोहरा से कहााँ भार्ब?” 19 त उ बहत डे रा के पीछे हट र्ईिे अिुरी िईकी के छोड़ दे िे। 20 ऊ एह संकट से मुक्त हो र्इिी आ भर्िान के स्तुकत आ धन्यिाद र्ििी आ चमत्कार करे में मौजूद सभे िोर् के साथे। अध्याय 14 के बा 1 उहााँ एर्ो अउरी औरत भी रहत रहिी, जेकर बेटा शैतान के घोटािा में रहे। 2 यहूदा नाम के ई िइका, जेतना बेर शैतान ओकरा के पकड़त रहे, उहााँ मौजूद सब िोर् के काट िेिे के प्रिृकत्त रित रहे। आ अर्र ओकरा िर्े दोसर केहू ना कमित रहे त ऊ अपना हाथ आ दोसरा अंर् के काट िेत रहिे. 3 बाककर एह दयनीय िइका के महतारी सेंट मररयम आ उनकर बेटा ईसा के बात सुन के तुरंत उठ के अपना बेटा के अपना कोरा में िेके िेडी मैरी के िर्े िे अइिी। 4 एह बीच याकूब आ जोसस ओह कशशु प्रभु यीशु के िेके चि र्इि रहिे कक ऊ दोसरा िइकन के साथे उकचत मौसम में िेिे। जब उ िोर् कनकिि त उ िोर् बईठ र्ईिे अिुरी प्रभु यीशु उनुका संर्े बईठ र्ईिे। 5 तब यहूदा जे भूत-प्रेत से डू बि रहे, आके यीशु के दाकहना ओर बईठ र्ईिे। 6 जब शैतान ओकरा पर हमेशा के तरह काम करत रहे त उ प्रभु यीशु के काटे िािा रहिे। 7 उ काम ना कर पििा के िजह से उ यीशु के दाकहना ओर मार कदहिस, जिना से उ कचल्ला उठि। 8 ओही घरी शैतान ओह िइका से कनकि के पार्ि कुकुर कनयर भार् र्इि। 9 उहे िइका जे यीशु के मार कदहिस आ जेकरा में से शैतान कुकुर के रूप में कनकिि, ऊ यहूदा इस्कररयोती रहि जे ओकरा के यहूदी िोर् के सामने धोिा कदहिस। 10 जिना ओर यहूदा ओकरा के मारिे रहिे, उहे ओर यहूदी िोर् भािा से छे दत रहिे।
अध्याय 15 के बा 1 जब प्रभु यीशु सात साि के भइिे त ऊ एर्ो कदन अपना साथी िोर् के साथे िर्भर् ओही उकमर के अउरी िइका िोर् के साथे रहिे। 2 जब उ िोर् िेित रहिे त माटी के कई र्ो आकृकत बनाित रहिे, जिना में र्दहा, बैि, कचरई अिुरी बाकी आकृकत रहे। 3 हर केहू अपना काम के घमंड करे िा आ बाकी िोर् से अकधका होिे के कोकशश करे िा। 4 तब प्रभु यीशु िईकन से कहिे, “हम एह आकृकत के चिे के आज्ञा दे ब।” 5 तुरते ऊ िोर् हट र्इि आ जब ऊ ओह िोर् के ििटे के आदे श कदहिन त ऊ िोर् ििट र्इि. 6 ऊ कचरई आ र्ौरै या के आकृकत भी बनििे रहिे जिन जब उड़े के आदे श दे त रहिे त उड़त रहिे अिुरी जब उ िड़ा होिे के आदे श दे त रहिे त उड़त रहिे। आ अर्र ऊ ओह िोर् के िाना-पीना दे त रहिे त ऊ िोर् िात-पीयत रहिे. 7 जब आखिर में िइका िोर् चि र्इिन आ अपना माई-बाबूजी से ई बात सुनििे त उनकर बाप-दादा िोर् से कहिन, “हे िइका िोर्, ओकरा संर्त से भकिष्य िाकतर सािधान रहऽ, काहे कक ऊ जादू र्र ह। ओकरा से परहेज करीं आ परहेज करीं आ अब से ओकरा साथे कबो ना िेिीं. 8 एक कदन जब प्रभु यीशु िईकन के संर्े िेित रहिे अिुरी इधर-उधर भार्त रहिे, त उ एर्ो रं र्ाई-पोताई के दोकान से र्ुजरिे, जिना के नाम सिेम रहे। 9 उनकर दोकान में ओह शहर के िोर् के कपड़ा के बहत टु कड़ा रहे, जिना के उ िोर् कई रं र् के रं र्े िाकतर कडजाइन कईिे रहिे। 10 तब प्रभु यीशु रं र्ाई के दोकान में जाके सब कपड़ा िेके भट्ठी में फेंक दे िे। 11 जब सिेम घरे पहंचि त कपड़ा िूट के दे ििस त उ बहत हल्ला मचिस अिुरी प्रभु यीशु के डांटत कहिे। 12 हे मररयम के बेटा, तू हमरा साथे का कइिे बाड़ऽ? तू हमरा आ हमरा पड़ोसी दु नु के घायि कर दे िे बाड़ऽ। ऊ सब िोर् अपना कपड़ा के एर्ो उकचत रं र् के चाहत रहे; िेककन .तू आके सबके िूट दे िे बाड़ू। 13 प्रभु यीशु जिाब कदहिन, “हम हर कपड़ा के रं र् बदि दे ब जिना रं र् के तू चाहत बाड़ू। 14 ओकरा बाद उ तुरंत भट्ठी से कपड़ा कनकािे िर्िे अिुरी सभ के उहे रं र् से रं र्ि र्ईि, जिन कक रं र्े िािा चाहत रहिे। 15 जब यहूदी िोर् इ अचरज के चमत्कार दे ििे त उ िोर् परमेश्वर के स्तुकत कईिे। अध्याय 16 के बा 1 यूसुफ शहर में जहााँ भी जात रहिे, प्रभु यीशु के अपना साथे िेके चित रहिे , जहााँ उनुका के फाटक, दू ध के बतगन, चिनी भा बक्सा बनािे के काम करे िाकतर भेजि र्ईि। प्रभु यीशु जहााँ भी जात रहिे, ओकरा साथे रहिे। 2 जब भी यूसुफ के काम में कुछु ओ होिे , ओकरा के िंबा भा छोट, भा चौड़ा, भा संकरी बनािे िाकतर, प्रभु यीशु ओकरा ओर आपन हाथ बढ़ाित रहिे। 3 कफिहाि उहे हो र्ईि जईसे यूसुफ चाहत रहिे। 4 एह से ओकरा अपना हाथ से किनो काम पूरा करे के जरूरत ना रहे, काहे कक उ अपना बढ़ई के काम में बहत कनपुण ना रहिे। 5 एक समय यरूशिेम के राजा ओकरा के बोिािे के भेजिे आ कहिे, “हम चाहत बानी कक तू हमरा के ओही आयाम के कसंहासन बनाई, जिना में हम आम तौर प बईठि बानी। 6 यूसुफ बात मान के तुरते काम शुरू कईिे अिुरी काम पूरा करे से पकहिे राजा के महि में दु साि तक रहिे। 7 जब उ ओकरा के ठीक करे अईिे त दे ििे कक ओकरा के कनधागररत नाप के एक-एक ओर दु र्ो स्पैन के कमी बा। 8 राजा दे ि के यूसुफ पर बहत खिकसया र्ईिे। 9 यूसुफ राजा के क्रोध से डे रा के कबना िाना िइिे सुत र्इिन। 10 तब प्रभु यीशु उनकरा से पूछिन, “उ का से डे रात रहिन? 11 यूसुफ जिाब कदहिन, काहे कक हम जिन काम एह दू साि से करत बानी, ओकरा में हमार मेहनत ितम हो र्इि बा। 12 यीशु ओकरा से कहिन, “मत डे रा आ ना कर्रि जा। 13 का तू कसंहासन के एक ओर पकड़ के रिब, आ हम दू सरा ओर पकड़ब, आ हमनी के ओकरा के ओकर सही आयाम में िे आईब जा।
14 जब यूसुफ प्रभु यीशु के कहिा के मुताकबक काम कइिन आ हर केहू ताकत से आपन बर्ि िींच किहिस त कसंहासन के बात मान किहिस आ ओकरा के ओह जर्ह के सही आयाम में िे आिि र्इि। 15 उ चमत्कार जब उहााँ िड़ा िोर् दे ि के अचरज में पड़ र्ईिे अिुरी भर्िान के स्तुकत कईिे। 16 कसंहासन उहे िकड़ी से बनि रहे जिन सुिैमान के समय में रहे, जिन कक कई तरह के आकृकत अिुरी आकृकत से सजािि िकड़ी रहे। अध्याय 17 के बा 1 दोसरा कदन प्रभु यीशु र्िी में कनकि के कुछ िईकन के दे ि के जे िेिे िाकतर कमिि रहिे, उ िोर् के संर्त में शाकमि हो र्ईिे। 2 िेककन जब उ िोर् ओकरा के दे ि के िुका र्ईिे अिुरी उनुका के िोजे िाती छोड़ दे िे। 3 प्रभु यीशु एर्ो घर के फाटक पर अइिे आ उहााँ िड़ा कुछ मेहरारू िोर् से पूछिे कक िइका कहााँ चि र्इि बाड़े ? 4 जब उ िोर् जिाब दे िे कक उहााँ केह ना रहे। प्रभु यीशु कहिे, “भट्ठी में जेकरा के रउिां दे ित बानी, उ के हिें?” 5 उ िोर् जिाब दे िे, “उ तीन साि के िईका रहिे।” 6 तब यीशु जोर से कचल्ला के कहिन, “हे िइका िोर्, आपन चरिाहा के िर्े कनकि जा। 7 िईका िईका बच्चा कनहन कनकि के ओकरा चारों ओर कूद र्ईिे। जिन दे ि के मेहरारू िोर् बहते अचरज में पड़ र्इिी आ कााँप र्इिी। 8 तब उ िोर् तुरते प्रभु यीशु के आराधना कईिे अिुरी उनुका से कनहोरा कईिे कक, हे मररयम के बेटा, हमनी के प्रभु यीशु , तू सचमुच इस्राएि के उ कनमन चरिाहा हउअ! अपना दासी पर दया कर, जे तोहरा सोझा िड़ा बाड़ी, जिन संदेह ना करे िी, िेककन कक तू, हे प्रभु, बचािे िाकतर आइि बानी, नाश करे िाकतर आईि बाड़ू। 9 एकरा बाद जब प्रभु यीशु कहिे कक इस्राएि के िोर् िोर् के बीच इकथयोकपया के िोर् कनहन बा। मेहरारू िोर् कहिी, “हे प्रभु, तू सब कुछ जानत बाड़ू, ना तोहरा से किनो बात कछपि बा। बाककर अब हम तोहरा से कनहोरा करत बानी आ तोहरा दया से कनहोरा करत बानी कक तू ओह िकड़कन के पकहिे के हाित में िे आिऽ. 10 तब यीशु कहिन, “हे िइका िोर् इहााँ आ जा, ताकक हमनी के जाके िे िे के काम कर सकीिे। आ तुरते एह मेहरारू िोर् के मौजूदर्ी में िइकन के बदि के िइका के आकार में िापस आ र्इि. अध्याय 18 के बा 1 अदर महीना में यीशु िईकन के एकट्ठा क के ओ िोर् के अईसन श्रेणी में रििे जईसे उ राजा होिस। 2 काहेकक उ िोर् आपन कपड़ा जमीन पर पसार के ओकरा के बईठे िाकतर रििे बा। फूिन के मुकुट बना के ओकरा माथा पर िर्ा के राजा के पहरे दार बन के अपना दाकहना-बााँया ओर िड़ा हो र्इि। 3 अर्र संजोर् से केहू ओकहजा से र्ु जरि त ऊ िोर् ओकरा के जबरदस्ती पकड़ के कहिस कक, “आके राजा के पूजा करऽ, ताकक तोहार सफर सफि हो सके।” 4 एही बीच जब ई काम चित रहे त कुछ आदमी एर्ो िइका के िेके सोफा पर िेके अइिे। 5 काहे कक ई िइका अपना साकथयन के साथे पहाड़ पर िकड़ी बटोरे र्इि रहे आ ओकहजा तीतर के घोंसिा कमि के अंडा कनकािे िाकतर हाथ डाि के एर्ो जहरीिा सााँप डं क मार कदहिस जिन घोंसिा से कूद के कनकिि रहे। जेसे ऊ अपना साकथयन के मदद िाकतर कचल्लाए के मजबूर हो र्इिन, जब ऊ िोर् अइिे त ओकरा के मरि आदमी कनहन धरती पर पड़ि पािि। 6 ओकरा बाद ओकर पड़ोसी िोर् आके ओकरा के िापस शहर में िे र्ईि। 7 िेककन जब उ िोर् उ जर्ह प पहंचिे, जहिा प्रभु यीशु राजा कनहन बईठि रहिे अिुरी बाकी िईका उनुका सेिक कनहन उनुका चारों ओर िड़ा रहिे, त िईका जल्दी-जल्दी उनुका से कमिे र्ईिे, जिना के सााँप काट िेिे अिुरी उनुका पड़ोसी से कहिे। आके राजा के श्रद्धांजकि दीं; 8 िेककन जब उ िोर् दु ि के चिते आिे से मना क दे िे त िईका ओ िोर् के िींच के अपना मजी के खििाफ मजबूर क दे िे। 9 जब उ िोर् प्रभु यीशु के िर्े पहंचिे त उ पूछिे, “उ िोर् ओह िईका के किना कारण से िेके चि र्ईिे?
10 जब उ िोर् जिाब दे िे कक सााँप ओकरा के काट िेिे बा, त प्रभु यीशु िईकन से कहिे, “चिऽ हमनी के जाके ओह सााँप के मार दे नी जा।” 11 िेककन जब िईका के माई-बाप माफी चाहत रहिे, काहेकी उनुकर बेटा मौत के खस्थकत में पड़ि रहे। िइका िोर् जिाब दे के कहिस, “का राजा के कहि बात ना सुननी? हमनी के जाके सााँप के मार दे नी जा; आ का तूाँ ओकर बात ना मानबऽ? 12 त उ िोर् चाहस चाहे ना चाहस, फेर से सोफा के िापस िे अईिे। 13 जब उ िोर् घोंसिा में पहंचिे त प्रभु यीशु िईकन से कहिे, “का इ सााँप के िुकाईि जर्ह ह? उ िोर् कहि कक, इहे रहे। 14 तब प्रभु यीशु सााँप के बोिििे, उ सााँप सामने आके ओकर अधीन हो र्ईि। जेकरा से ऊ कहिन कक, जा के ऊ सब जहर चूसऽ जिन तू ओह िइका में डाििे बाड़ऽ. 15 त सााँप रें र् के ओह िइका के िर्े पहाँचि आ ओकर सब जहर फेरु से िे र्इि। 16 तब प्रभु यीशु सााँप के र्ारी दे िे कक उ तुरते फाट र्ईि अिुरी मर र्ईि। 17 ऊ िइका के हाथ से छू के ओकरा के पकहिे से ठीक कर कदहिस। 18 जब उ रोिे िर्िन त प्रभु यीशु कहिे , “रोना बंद करऽ, काहेकक तू हमार चेिा बनबऽ। 19 आ इ उ शमौन कनान के ह, जेकर नाम सुसमाचार में बा। अध्याय 19 के बा 1 एर्ो अउरी कदन यूसुफ अपना बेटा याकूब के िकड़ी बटोरे िाकतर भेजिन आ प्रभु यीशु उनका साथे चि र्इिन। 2 जब ऊ िोर् ओह जर्ह पर पहाँचि जहााँ याकूब ओकरा के बटोरे िर्िन त दे िऽ कक एर्ो जहरीिा सााँप ओकरा के काट किहिस आ ऊ कचल्लाए िार्ि आ हल्ला मचािे िार्ि। 3 प्रभु यीशु उनका के अईसन हाित में दे ि के उनकरा िर्े अईिे अिुरी उ जर्ह प उड़ा दे िे, जहां सांप ओकरा के काट िेिे रहे अिुरी उ तुरंत ठीक हो र्ईि। 4 एक कदन प्रभु यीशु कुछ िईकन के संर्े रहिे, जिन कक घर के ऊपर िेित रहिे, त एर्ो िईका कर्र र्ईि अिुरी तुरंत मर र्ईि। 5 जिना पर बाकी िइका सब भार्त रहिे , प्रभु यीशु घर के चोटी पर अकेिे रह र्ईिे। 6 िईका के ररश्तेदार िोर् ओकरा िर्े आके प्रभु यीशु से कहिस, “तू हमनी के बेटा के घर के ऊपर से कर्रा दे िे बाड़ू।” 7 िेककन उ एकरा से इनकार करत उ िोर् कचल्ला के कहिस कक, “हमनी के बेटा मर र्ईि बा अिुरी इहे उनुका के मार दे िे बा।” 8 प्रभु यीशु ओह िोर् से कहिन, “हमरा पर किनो अइसन अपराध के आरोप मत िर्ाईं, जिना के बारे में रउआ हमरा के दोषी ना ठहरा सकत बानी, िेककन हमनी के िुदे ओह िईका से पूछीं जा, जिन सच्चाई के सामने िे आई। 9 तब प्रभु यीशु नीचे जाके मरि िइका के माथा के ऊपर िड़ा होके जोर से कहिस, “जेइनुनस, जेइनुनस, तोहरा के के घर के ऊपर से कर्रा कदहिस? 10 तब मरि िइका जिाब कदहिस, “तू हमरा के नीचे ना फेंकनी, िेककन अइसन आदमी कर्रा कदहिस।” 11 जब प्रभु यीशु ओकहजा िड़ा िोर् के आपन बात के ध्यान दे िे के कहिन त उहााँ मौजूद सब िोर् ओह चमत्कार के चिते परमेश्वर के स्तुकत कईिे। 12 एर्ो िास समय पर िेडी सेंट मैरी प्रभु यीशु के आदे श दे िे रहिी कक उनुका के कुआं से पानी िे आिे के चाही। 13 जब ऊ पानी िे आिे र्इिन त घैि जब पानी भर र्इि त टू ट र्इि। 14 िेककन यीशु आपन कपड़ा पसार के फेर से पानी बटोर के अपना महतारी के िर्े िे अइिे। 15 ऊ एह अचरज से अचरज में पड़ के ई आ बाकी सब चीज जिन ऊ दे ििे रहिी, ओकरा के अपना याद में रि कदहिी। 16 एक कदन फेरु प्रभु यीशु एर्ो नदी के ककनारे कुछ िईकन के संर्े रहिे अिुरी उ िोर् छोट-छोट नािा से नदी से पानी कनकाि के मछरी के छोटछोट कुंड बनििे। 17 िेककन प्रभु यीशु बारह र्ो र्ौरै या बना के अपना कुंड के चारो ओर तीन र्ो र्ौरै या रििे रहिे। 18 सब्त के कदन रहे, तब एर्ो यहूदी हनानी के बेटा ओ िोर् के इ सब बनाित दे ि के कहिस, “का तू सब्त के कदन माटी के आकृकत बनािेनी?” उ दौड़ के ओ िोर् के िर्े पहंच र्ईिे अिुरी ओ िोर् के मछरी के कुंड के तोड़ दे िे।
19 िेककन जब प्रभु यीशु अपना बनािि र्ौरै या के ऊपर तािी बजाित रहिे त उ र्ौरै या चहकत भार् र्ईिे। 20 आखिर में हनानी के बेटा यीशु के मछरी के कुंड में आके ओकरा के नष्ट करे िाकतर पानी ितम हो र्ईि अिुरी प्रभु यीशु उनुका से कहिे। 21 ओइसहीं जइसे ई पानी ितम हो र्इि बा, ओइसहीं तोहार जान ितम हो जाई। आ कफिहाि िइका के मौत हो र्इि. 22 एर्ो अउरी बेर जब प्रभु यीशु सााँझ के यूसुफ के साथे घरे जात रहिे त एर्ो िइका से भेंट भइि जिन उनका से अतना जोर से दौड़ि कक ऊ ओकरा के नीचे कर्रा कदहिस। 23 जेकरा से प्रभु यीशु कहिे, “जइसे तू हमरा के कर्रा दे िे बाड़ू, ओइसहीं तू कर्रब आ ना उठब।” 24 ओही घरी िइका कर्र के मर र्इि। अध्याय 20 के बा 1 यरूशिेम में जक्कई नाम के एर्ो स्कूि के मास्टर भी रहिे। 2 उ यूसुफ से कहिस, “यूसुफ, तू यीशु के हमरा िर्े काहे नईिी भेजत कक उ आपन कचट्ठी सीि सके? 3 यूसुफ मान र्इिन, आ सेंट मैरी के बतििे; 4 त उ िोर् ओकरा के ओह माकिक के िर्े िे अइिे। जे ओकरा के दे िते ओकरा िाकतर एर्ो िणगमािा किि कदहिस। 5 ऊ ओकरा के अिेफ कहे के कहिन। आ जब ऊ अिेफ कहिे त माकिक ओकरा के बेथ के उच्चारण करे के कहिन. 6 तब प्रभु यीशु ओकरा से कहिन, “पकहिे हमरा के अिेफ अिर के मतिब बताईं, तब हम बेथ के उच्चारण करब। 7 जब माकिक ओकरा के कोड़ा मारे के धमकी कदहिस त प्रभु यीशु ओकरा के अिेफ आ बेथ अिर के मतिब समझििे। 8 साथ ही किन अिरन के सीधा आकृकत रहे, किन कतरछा आ किन किन अिर के दोहरा आकृकत रहे। जिना में कबन्दु रहे , आ जिना में किनो ना रहे; काहे एक कचट्ठी दोसरा कचट्ठी से पकहिे चि र्इि; आ अउरी कई र्ो बात बतािे िर्िे , आ समझािे िर्िे, जिना के बारे में माकिक िुद कबो ना सुनिे रहिे , ना किनो ककताब में पढ़िे रहिे। 9 प्रभु यीशु आर्े माकिक से कहिन, “दे िऽ कक हम तोहरा से कइसे कहत बानी; तब ऊ िणगमािा के अंत तक साफ आ साफ-साफ अिेफ, बेथ, कर्मेि, डे िेथ िर्ैरह कहे िर्िन. 10 एह बात पर माकिक अतना हैरान हो र्इिन कक ऊ कहिे, “हमरा किश्वास बा कक ई िइका नूह से पकहिे पैदा भइि बा। 11 यूसुफ के ओर मुड़ के कहिन, “तू हमरा िर्े एर्ो िईका के कसिािे िाकतर िे आइि बाड़ू, जिन किनो र्ुरु से जादे किद्वान बा।” 12 उ संत मररयम से भी कहिन, “तोहार बेटा के किनो पढ़ाई के जरूरत नइिे।” 13 तब उ िोर् ओकरा के एर्ो अउरी किद्वान र्ुरु के िर्े िे र्ईिे, जिन ओकरा के दे ि के कहिस कक अिेफ कहे। 14 जब ऊ अिेफ कहिन त माकिक ओकरा के बेथ के उच्चारण करे के कहिन। जिना पर प्रभु यीशु जिाब कदहिन, “पकहिे हमरा के अिेफ अिर के मतिब बताईं, आ ओकरा बाद हम बेथ के उच्चारण करब। 15 िेककन इ माकिक जब कोड़ा मारे िाकतर हाथ उठििे त ओकर हाथ मुरझा र्ईि अिुरी उ मर र्ईिे। 16 तब यूसुफ संत मररयम से कहिन कक अब से हमनी के ओकरा के घर से बाहर ना जाए दे ब जा। काहे कक जे ओकरा के नापसंद करे िा ओकरा के मार कदहि जािा. अध्याय 21 के बा 1 जब उ बारह साि के भईिे त उ िोर् उनुका के यरूशिेम में भोज में िे र्ईिे। जब भोज ितम भइि त ऊ िोर् ििट आइि. 2 िेककन प्रभु यीशु मंकदर में डाक्टर आ बुजुर्गन आ इस्राएि के किद्वान िोर् के बीच पीछे रह र्इिन। जेकरा के ऊ सीििा के कई र्ो सिाि प्रस्ताकित कइिे, आ ओह िोर् के जिाब भी कदहिे: 3 उ िोर् से पूछिे, “मसीह केकर बेटा ह? उ िोर् दाऊद के बेटा जिाब दे िे। 4 तब ऊ कहिन कक ऊ आत्मा में ओकरा के प्रभु काहे कहत बा? जब ऊ कहसु, “प्रभु हमरा प्रभु से कहिे, जबिे हम तोहार दु श्मनन के तोहार र्ोड़ के ठे हना ना बना िेब, तबिे तू हमरा दाकहना ओर बईठऽ।”
5 तब एर्ो प्रधान रब्बी उनसे पूछिे, “का तू ककताब पढ़िे बाड़ू?” 6 यीशु जिाब कदहिन, “उ दु नु ककताब आ ककताबन में कििि बात पढ़िे बाड़न।” 7 ऊ ओह िोर् के व्यिस्था के ककताब, आज्ञा आ कनयम के बारे में समझििे, आ भकिष्यिक्ता िोर् के ककताब में जिन रहस्य बा। अइसन चीज जिना तक किनो प्राणी के मन ना पहाँच पाित रहे। 8 तब कहिन कक रब्बी, हम अभी तक अइसन ज्ञान के बारे में कबो ना दे ििे बानी ना सुनिे बानी! रउरा का िार्त बा कक ऊ िइका का होई! 9 जब एर्ो िर्ोिशास्त्री, जे मौजूद रहिे , प्रभु यीशु से पूछिे कक का उ िर्ोि किज्ञान के अध्ययन कईिे बाड़े ? 10 प्रभु यीशु जिाब कदहिन आ र्ोिा आ आकाशीय कपंड के संख्या बतििे आ ओकर कत्रकोणीय, चौकोर आ किंर् के रूप भी बतििे। इनहन के प्रर्कतशीि आ प्रकतर्ामी र्कत; इनहन के आकार आ कई र्ो पूिागनुमान; आ अउरी चीजन के जिना के िोज आदमी के कारण कबो ना भइि रहे। 11 ओह िोर् में एर्ो दाशगकनक भी रहिे जे भौकतक आ प्राकृकतक दशगन में बकढ़या से कनपुण रहिे, जे प्रभु यीशु से पूछिे रहिे कक का उ भौकतकी के पढ़ाई कइिे बानी? 12 ऊ जिाब कदहिन, आ ओकरा के भौकतकी आ तत्वमीमांसा के बारे में समझििे। 13 ऊ चीज भी जिन प्रकृकत के शखक्त से ऊपर आ नीचे रहे। 14 शरीर के शखक्त, ओकर हास्य आ ओकर प्रभाि भी। 15 एकर सदस्यन के संख्या आ हड्डी, नस, धमकनयन आ नस के संख्या भी। 16 शरीर के कई र्ो संकिधान, र्रम आ सूिा, ठं डा आ नम, आ इनहन के प्रिृकत्त; 17 कइसे आत्मा शरीर पर काम करत रहे। 18 एकर किकभन्न संिेदना आ संकाय का रहे ; 19 बोिे के िमता, क्रोध, इच्छा के िमता; 20 आ अंत में एकर रचना आ किघटन के तरीका; आ अउरी चीजन के, जिना में किनो प्राणी के समझ कबो ना पहाँचि रहे। 21 तब ऊ दाशगकनक उठ के प्रभु यीशु के पूजा कइिस आ कहिस, “हे प्रभु यीशु, अब से हम तोहार चेिा आ सेिक बनब।” 22 जब उ िोर् एह आ अइसने बातन पर बतकही करत रहिे त तीन कदन से यूसुफ के िोजत िेडी सेंट मैरी अंदर अइिी। 23 जब ऊ ओकरा के डाक्टर िोर् के बीच बइठि दे ििी आ बारी-बारी से ओह िोर् से सिाि पूछत आ जिाब दे त दे ििी त कहिी, “हे बेटा, तू हमनी के द्वारा अयीसन काहें कईिे बाड़ू?” दे िऽ हम आ तोहार बाप तोहरा के िोजे में बहते कष्ट उठििे बानी। 24 ऊ जिाब कदहिन, “तू िोर् हमरा के काहे िोजत रहिू? का तोहनी के ना मािूम रहे कक हमरा अपना कपता के घर में काम करे के चाही? 25 िेककन उ िोर् जिन बात उ िोर् से कहिे ओकरा के ना समझ पििे। 26 तब डाक्टर मररयम से पूछिे कक का ई उनकर बेटा ह? जब ऊ कहिी कक ऊ रहिे त ऊ िोर् कहि कक हे िुश मररयम, जेकरा से अइसन बेटा भइि बा.
27 तब उ ओ िोर् के संर्े नासरत िापस आ र्ईिे अिुरी हर बात में उनुकर बात मानत रहिे। 28 उनकर माई ई सब बात अपना मन में रििे रहिी। 29 प्रभु यीशु के कद आ बुखद्ध बढ़ि आ परमेश्वर आ आदमी के अनुग्रह में बढ़ि। अध्याय 22 के बा 1 एही समय से यीशु आपन चमत्कार आ र्ुप्त काम के कछपािे िर्िे। 2 ऊ तीसिााँ साि के अंत तक व्यिस्था के अध्ययन में िार् र्इिन। 3 तब कपता यरदन में सािगजकनक रूप से ओकर माकिक बन र्इिन आ स्वर्ग से ई आिाज भेजिन कक, “ई हमार कप्रय बेटा हिें, जेकरा से हम बहत िुश बानी। 4 पकित्र आत्मा भी कबूतर के रूप में मौजूद होिे के। 5 हमनी के उहे ह जिना के हमनी के पूरा आदर से पूजत बानी जा, काहे कक उ हमनी के जीिन आ जीि दे िे बाड़े अिुरी हमनी के माई के पेट से िेके आईि बाड़े । 6 उ हमनी के िाकतर एर्ो इं सान के शरीर िेके हमनी के छु ड़ा दे िे बाड़े ताकक उ हमनी के अनन्त दया से र्िे िर्ा सके अिुरी हमनी प आपन मुक्त, बड़, भरपूर अनुग्रह अिुरी भिाई दे िस। 7 ओकरा के मकहमा, स्तुकत, आ शखक्त आ प्रभुत्व अब से हमेशा िाकतर होिे, आमीन।