हे यहोवा, हमारे पितरोों इब्राहीम, इसहाक, और याकूब और उनके धमी वोंश के सववशक्तिमान िरमेश्वर; पिस ने स्वर्व और िृय्वी को उसकी सारी सिावट समेत बनाया; पिस ने तेरी आज्ञा के द्वारा समुद्र को बान्धा है; पिस ने र्पहरे िल को बन्द कर पिया, और अिने भयानक और मपहमामय नाम के द्वारा उस िर मुहर कर िी; पिस से सब मनुष्य डरते हैं, और तेरे बल के साम्हने काोंिते हैं; क्ोोंपक तेरी मपहमा का प्रताि सहा नहीोंिा सकता, और िापियोों के प्रपत तेरी क्रोध की धमकी महत्वहीन है: िरन्तु तेरी ियालु प्रपतज्ञा अथाह और अप्राप्य है; क्ोोंपक तू िरमप्रधान प्रभु है, बडा ियालु, सहनशील, बहुत ियालु और मनुष्योों की बुराइयोों िर िश्चाताि करने वाला है। हे प्रभु, तू ने अिनी महान भलाई के अनुसार उन लोर्ोों से िश्चाताि और क्षमा का वािा पकया है पिन्ोोंने तुम्हारे पवरुद्ध िाि पकया है: और अिनी अनोंत िया से िापियोों के पलए िश्चाताि पनयुि पकया है, तापक वे बच सकें। इसपलथे हे यहोवा, तू िो धपमवयोोंका िरमेश्वर है, तू ने इब्राहीम, और इसहाक, और याकूब के समान धपमवयोोंको मन पिराने की आज्ञा नहीोंिी, पिन्ोोंने तेरे पवरूद्ध िाि नहीोंपकया; िरन्तु तू ने मुझ िािी के पलये मन पिराव का काम ठहराया है; क्ोोंपक मैं ने समुद्र की बालू की पर्नती से भी अपधक िाि पकया है। हे प्रभु, मेरे अिराध बहुत बढ़ र्ए हैं; मेरे अिराध बहुत बढ़ र्ए हैं, और मैं अिने अधमव के कामोों के कारण स्वर्व की ऊोंचाई को िेखने और िेखने के योग्य नहीों हों। मैं लोहे की बहुत सी बेपडयोों से िबा पिया र्या हों, यहाों तक पक अिना पसर उठा नहीोंिाता, और न छूट िाता हों; क्ोोंपक मैं ने तेरा क्रोध भडकाया है, और तेरे साम्हने बुराई की है; मैं ने तेरी इच्छा के अनुसार नहीों पकया, और न तेरी आज्ञाएों मानी; पिनौने काम पकए, और बहुत से अिराध पकए हैं। इसपलये अब मैं अिने हृिय के िुटने टेककर तुझ से अनुग्रह की याचना करता हों। मैंने िाि पकया है, हे भर्वान, मैंने िाि पकया है, और मैं अिने अधमों को स्वीकार करता हों: इसपलए, मैं आिसे पवनम्रतािूववक पवनती करता हों, मुझे माि कर िो, हे भर्वान, मुझे माि कर िो, और मेरे अधमव के कामोों से मुझे नष्ट मत करो। मेरे पलये बुराई रख कर सिा मुझ िर क्रोध न करना; और न ही मुझे िृय्वी के पनचले भार्ोों में िोषी ठहराओ। क्ोोंपक तू ही िरमेश्वर है, वरन उन मन पिरानेवालोोंका भी िरमेश्वर; और तू अिनी सारी भलाई मुझ में प्रर्ट करेर्ा; क्ोोंपक तू अिनी बडी करूणा के अनुसार मुझ अयोग्य को बचाएर्ा। इस कारण मैं िीवन भर तेरी स्तुपत करता रहोंर्ा; क्ोोंपक स्वर्व की सारी शक्तियाों तेरी स्तुपत करती हैं, और तेरी मपहमा युर्ानुयुर् होती रहेर्ी। तथास्तु।