लौदीकियावाकिय ों िे नाम प्रेरित पौलुि िा पत्र अध्याय 1 1 पौलुस एक प्रेरित है , न मनुष्यों का, न मनुष् का, पिन्तु यीशु मसीह के द्वािा, लौदीककया के भाइययों के कलये। 2 पिमेश्वि कपता औि हमािे प्रभु यीशु मसीह की ओि से तुम्हें अनुग्रह औि शान्तन्त कमले। 3 मैं अपनी प्रत्येक प्रार्थना में मसीह का धन्यवाद किता हों, कक तुम न्याय के कदन किस बात की प्रकतज्ञा की गई है उस की खयि में लगे िहय औि अच्छे कामयों में लगे िहय। 4 तुम िय सत्य कय टे ढा किते हय, व्यर्थ बातें तुम्हें पिे शान न किें , ताकक वे तुम्हें उस सुसमाचाि की सच्चाई से भटका दें िय मैं ने सुनाया है। 5 औि अब ईश्वि किे , कक मेिे परिवकतथत लयग सुसमाचाि की सच्चाई का पूर्थ ज्ञान प्राप्त कि सकें, पियपकािी हय सकें, औि अच्छे कायथ कि सकें िय मयक्ष के सार् हयते हैं। 6 औि अब मेिे बोंधन, िय मैं मसीह में सहता हों, प्रगट हय गए हैं, किन से मैं आनन्तित औि आनन्तित हों। 7 क्योंकक मैं िानता हों , कक यह सदा के कलये मेिा उद्धाि हयगा, िय तुम्हािी प्रार्थना, औि पकवत्र आत्मा की आपूकतथ के द्वािा हयगा। 8 चाहे मैं िीकवत िहों , चाहे मर ों ; मेिे कलए िीना मसीह के कलए िीवन हयगा, मिना आनोंद हयगा। 9 औि हमािा प्रभु हम पि दया किे गा, कक तुम भी वैसा ही प्रेम िखय, औि एक मन हय िाओ। 10 इसकलये , हे मेिे कप्रययों, िैसे तुम ने प्रभु के आने का समाचाि सुना है, वैसे ही सयचय, औि भय से काम किय, तय तुम्हािे कलये अनन्त िीवन हयगा; 11 क्योंकक पिमेश्वि ही तुम में काम किता है ; 12 औि सब काम कनष्पाप ककया किय। 13 औि िय उत्तम है, हे मेिे कप्रय, प्रभु यीशु मसीह में आनन्तित हय, औि सब प्रकाि की गिी वस्तुओों से दू ि िह। 14 अपनी सािी कवनती पिमेश्वि कय बताओ, औि मसीह की कशक्षा पि न्तथर्ि िहय। 15 औि िय िय बातें पक्की, औि सच्ची, औि सुप्रकतकित, औि पकवत्र, औि न्यायपूर्थ, औि प्यािी हैं, वे ही बातें चलती हैं। 16 िय बातें तुम ने सुनी, औि ग्रहर् की हैं, उन पि कवचाि किय, औि तुम्हें शान्तन्त कमलेगी। 17 सब पकवत्र लयग तुझे नमस्काि कहते हैं। 18 हमािे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हािी आत्मा पि हयता िहे। तर्ास्तु। 19 यह पत्र कुलुन्तिययों कय सुनाया िाए, औि कुलुन्तिययों का पत्र तुम्हािे बीच भी पढा िाए।