Hindi - The First Gospel of the Infancy of Jesus Christ

Page 1

यीशु मसीह के बचपन का पहला सुसमाचार अध्याय 1 1 निम्ननिखित नि​िरण हमें महायाजक यूसुफ की पुस्तक में नमिे, नजसे कुछ कैफा कहते थे 2 िह बताता है, नक यीशु जब पाि​िे में था तब भी बोिता था, और अपिी माता से कहता था, 3 मररयम, मैं परमेश्वर का पुत्र यीशु हूं, िह िचि जो तू िे स्वर्गदूत नजब्राएि की इस घोषणा के अिुसार सुिाया, और मेरे नपता िे मुझे जर्त के उद्धार के निथे भेजा है। 4 नसकूंदर के युर् के तीि सौ िौिें िषग में, ऑर्स्टस िे एक आदे श जारी नकया नक सभी व्यखियोूं को अपिे दे श में कर िर्ाया जािा चानहए। 5 तब यूसुफ उठा, और अपिी पत्नी मररयम को सूंर् िेकर यरूशिेम को र्या, और नफर बेतिेहेम को आया, नक उस से और उसके घरािे से उसके पुरिाओूं के िर्र में कर निया जाए। 6 और जब िे र्ुफा के पास आए, तब मररयम िे यूसुफ से कहा, नक मेरे र्भगिती होिे का समय आ र्या है, और मैं िर्र को िहीूं जा सकती, और कहा, आओ, हम इसी र्ुफा में चिें। 7 उस समय सूयग डू बिे के बहुत निकट था। 8 परन्तु यूसुफ उसके निये दाई िािे को फुती करिे िर्ा; और जब उस िे यरूशिेम की एक बूढी इब्री स्त्री को दे िा, तब उस से कहा, हे अच्छी स्त्री, यहाूं आकर प्राथगिा कर, और उस र्ुफा में जा, और िहाूं तू एक स्त्री को दे िेर्ा जो जि​िे को तैयार है। 9 सूयागस्त के समय िह बुनढया और यूसुफ उसके सूंर् र्ुफा में पहुूंचे, और िे दोिोूं उस में र्ए। 10 और दे िो, िह सब उनजयािे से भर र्या, जो दीयोूं और मोमबनियोूं के उनजयािे से भी, और सूयग के उनजयािे से भी बढकर था। 11 तब नशशु को कपडे में िपेटा र्या और िह अपिी माूं सेंट मैरी के स्तिोूं को चूस रहा था। 12 जब उि दोिोूं िे यह उनजयािा दे िा, तो अचम्भा नकया; बुनढया िे सेंट मैरी से पूछा, क्या आप इस बच्चे की मा​ाँ हैं? 13 सेंट मैरी िे उिर नदया, िह थी। 14 इस पर बुनढया िे कहा, तू तो सब खस्त्रयोूंसे बहुत नभन्न है। 15 सेंट मररयम िे उिर नदया, जैसे मेरे पुत्र के तुल्य कोई बािक िहीूं, िैसे ही उसकी माता के तुल्य कोई स्त्री िहीूं। 16 बुनढया िे उिर दे कर कहा, हे मेरी स्त्री, मैं यहाूं इसनिये आई हूं नक मुझे सदा का प्रनतफि नमिे। 17 तब हमारी स्त्री, सेंट मैरी िे उस से कहा, अपिे हाथ नशशु पर रि; जो, जब उसिे नकया, तो िह सूंपूणग हो र्ई। 18 और जब िह आर्े जा रही थी, तब उस िे कहा, अब से मैं जीि​ि भर इस बािक की सेिा नकया करती रहूंर्ी, और इसकी दासी बिी रहूंर्ी। 19 इसके बाद जब चरिाहे आए, और आर् जिाकर बहुत आिखित हुए, तो स्वर्ीय सेिा परम परमेश्वर की स्तुनत और आराधिा करती हुई उन्हें नदिाई दी। 20 और क्योूंनक चरिाहे उसी काम में िर्े हुए थे, उस समय र्ुफा एक मनहमामय मखिर के समाि प्रतीत होती थी, क्योूंनक प्रभु मसीह के जन्म के कारण स्वर्गदूतोूं और मिुष्ोूं की दोिोूं जीभें परमेश्वर की आराधिा और मनहमा करिे के निए एक हो र्ईूं। 21 परन्तु जब उस बूढी इब्री स्त्री िे ये सब प्रत्यक्ष आश्चयगकमग दे िे, तब उस िे परमेश्वर की स्तुनत की, और कहा, हे परमेश्वर, हे इस्राएि के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यिाद करती हूं, नक मेरी आूं िोूं िे जर्त के उद्धारकताग का जन्म दे िा है। अध्याय दो 1 और जब उसके ितिे का समय आया, अथागत् आठिें नदि, नजस नदि व्यिस्था के अिुसार िडके का ितिा नकया जाता था, तब उन्होूंिे र्ुफा में उसका ितिा नकया।

2 और उस बूढी इब्री स्त्री िे ि​िडी को िेकर (और िोर् कहते हैं, नक उस िे िानभ की डोरी िी) और उसे जटामासी के पुरािे तेि के अिबास्टर के नडब्बे में रिा। 3 और उसके एक बेटा था जो दिा का निक्रेता था, उस से उस िे कहा, सािधाि रहिा, तू जटामासी के मरहम का यह सूंर्मरमर का नडब्बा ि बेचिा, यद्यनप इसके बदिे में तुझे तीि सौ नसक्के नदए जािे चानहए। 4 अब यह िह सूंर्मरमर का बक्सा है, नजसे पापी मररयम िे मोि निया, और उस में से इत्र निकािकर हमारे प्रभु यीशु मसीह के नसर और पाूंिोूं पर डािा, और उसे अपिे नसर के बािोूं से पोूंछा। 5 नफर दस नदि के बाद िे उसे यरूशिेम में िे आए, और उसके जन्म के चािीसिें नदि को मखिर में यहोिा के साम्हिे िडा नकया, और मूसा की व्यिस्था के अिुसार उसके निये यथोनचत भेंटें चढायीूं; जो पुरूष र्भग िोिता है िह परमेश्वर के निये पनित्र कहिाएर्ा। 6 उस समय बूढे नशमोि िे उसे प्रकाश के िूंभे के रूप में चमकते हुए दे िा, जब सेंट मैरी द िनजगि, उसकी माूं, िे उसे अपिी बाहोूं में िे निया, और यह दे िकर सबसे बडी िुशी से भर र्ई। 7 और स्वर्गदूत उसके चारोूं ओर िडे होकर उसकी आराधिा कर रहे थे, जैसे राजा के रक्षक उसके चारोूं ओर िडे होते हैं। 8 तब नशमोि िे सेंट मररयम के पास जाकर, उसकी ओर हाथ बढाकर, प्रभु मसीह से कहा, अब, हे मेरे प्रभु, तेरा दास तेरे िचि के अिुसार कुशि से चिा जाएर्ा; 9 क्योूंनक मैं िे अपिी आूं िोूंसे तेरी करूणा दे िी है, जो तू िे सब जानतयोूंके उद्धार के निथे तैयार की है; सारी प्रजा के निये ज्योनत, और तेरी प्रजा इस्राएि की मनहमा। 10 हन्ना भनिष्द्विा भी िहाूं थी, और निकट आकर परमेश्वर की स्तुनत करिे िर्ी, और मररयम की प्रसन्नता से प्रसन्न हुई। अध्याय 3 1 और ऐसा हुआ, जब हेरोदे स राजा के समय में, यहनदया के एक िर्र बेतिेहेम में प्रभु यीशु का जन्म हुआ; जोराडाश की भनिष्िाणी के अिुसार, बुखद्धमाि िोर् पूिग से यरूशिेम आए, और अपिे साथ सोिा, िोबाि और िोहबाि की भेंटें िाए, और उसकी पूजा की, और उसे अपिे उपहार नदए। 2 तब िेडी मैरी िे उसके िपेटिे िािे कपडोूं में से एक निया, नजसमें नशशु निपटा हुआ था, और उसे आशीिाग द के बजाय उन्हें दे नदया, जो उन्होूंिे उससे सबसे महाि उपहार के रूप में प्राप्त नकया था। 3 और उसी समय उस तारे के रूप में एक स्वर्गदूत उन्हें नदिाई नदया, जो पनहिे उिकी यात्रा में उिका मार्गदशगक था; नजसके प्रकाश का उन्होूंिे अपिे दे श िौटिे तक अिुसरण नकया। 4 और उिके िौटिे पर उिके राजा और हानकम उि के पास आकर पूछिे िर्े, नक हम िे क्या दे िा और क्या नकया है? उिकी यात्रा और िापसी नकस प्रकार की थी? सडक पर उिकी कौि सी कूंपिी थी? 5 परन्तु उन्होूंिे िह िपेटिे का कपडा तैयार नकया जो सेंट मैरी िे उन्हें नदया था, नजसके आधार पर उन्होूंिे दाित रिी । 6 और उन्होूंिे अपिे दे श की रीनत के अिुसार आर् जिाकर उसे दण्डित् नकया। 7 और आर् िे उस में कपडा डािकर उसे आर् में िपेट कर रि नदया। 8 और जब आर् बुझ र्ई, तब उन्होूंिे ओढे हुए कपडे को नबिा नकसी हानि के बाहर निकािा, मािो आर् िे उसे छु आ ही ि हो। 9 तब िे उसे चूमिे िर्े, और अपिे नसरोूं और आूं िोूं पर िर्ािे िर्े, और कहिे िर्े, यह तो नि​िः सिे ह सत्य है, और बडे आश्चयग की बात है, नक आर् इसे जिाकर भस्म ि कर सकी। 10 तब उन्होूंिे उसे िे निया, और बडे आदर के साथ अपिे भण्डार में रि नदया। अध्याय 4 1 हेरोदे स िे यह जािकर नक बुखद्धमाि िोर् नि​िम्ब करते हैं, और उसके पास िहीूं िौटते, याजकोूं और बुखद्धमािोूंको इकट्ठे करके कहा, मुझे बताओ, मसीह का जन्म नकस स्थाि में होिा चानहए? 2 और जब उन्होूंिे उिर नदया, नक यहनदया के बेतिेहेम िर्र में, तो िह अपिे मि में प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु की कल्पिा करिे िर्ा। 3 परन्तु यहोिा के दू त िे यूसुफ को सोते में दशगि दे कर कहा, उठ, िडके और उसकी माता को िे जा, और मुर्ग के बाूंर् दे ते ही नमस्र में चिा जा। सो िह उठा, और चिा र्या।


4 और िह अपिे मार्ग के निषय में निचार कर ही रहा या, नक भोर हो र्ई। 5 यात्रा के दौराि काठी का पल्ला टू ट र्या। 6 और अब िह एक बडे िर्र के निकट पहुूंचा, नजस में एक मूरत थी, और नमस्र की और मूरतें और दे िता अपिी भेंटें और मन्नतें िेकर आते थे। 7 और उस मूरत के पास एक याजक था जो उसकी सेिा करता या, और जब जब शैताि उस मूरत में से नमस्र और उि दे शोूंके नि​िानसयोूंसे बातें नकया करता या, तब तब िही बातें सुिाता या। 8 उस याजक का तीि िषग का एक बेटा था, नजस में बहुत से दु ष्टात्माएूं समाई हुई थीूं, और िह बहुत सी अिोिी बातें बोिता था, और जब दु ष्टात्माएूं उसे पकड िेती थी, तो अपिे िस्त्र फाडे हुए िूंर्ा घूमता था, और नजसे दे िता था उस पर पत्थर फेंकता था। 9 उस मूरत के निकट िर्र की सराय थी, नजस में जब यूसुफ और सेंट मररयम आए, और उस सराय में रुके, तो िर्र के सब नि​िासी चनकत हो र्ए। 10 और सब हानकम और मूरतोूंके याजक उस मूरत के साम्हिे इकट्ठे होकर पूछिे िर्े , यह सब घबराहट और भय जो हमारे सारे दे श में छा र्या है, उसका क्या प्रयोजि है? 11 मूरत िे उि को उिर नदया, अज्ञात परमेश्वर यहाूं आया है, जो सचमुच परमेश्वर है; और ि उसके नसिा कोई ईश्वरीय उपासिा के योग्य है; क्योूंनक िह सचमुच परमेश्वर का पुत्र है। 12 उसके यश से यह दे श काूंप उठा, और उसके आते ही इस दे श में कोिाहि और भय छा र्या; और हम स्वयूं उसकी शखि की महािता से भयभीत हैं। 13 और उसी क्षण िह मूरत नर्र पडी, और उसके नर्रते ही औरोूंको छोड नमस्र के सब रहिेिािे इकट्ठे होकर भार्े। 14 परन्तु जब याजक का पुत्र उस पर सदा के निये उपद्रि करता या, तब सराय में र्या, और िहाूं यूसुफ और सेंट मररयम को पाया, नजन्हें और सब छोड कर चिे र्ए थे। 15 और जब िेडी सेंट मैरी िे प्रभु मसीह के िपेटिे िािे कपडोूं को धोया, और उन्हें सूि​िे के निए िम्भे पर िटका नदया, तो शैताि से ग्रस्त िडके िे उिमें से एक को उतार नदया, और अपिे नसर पर रि निया। 16 और तुरन्त दु ष्टात्माएूं उसके मुूंह से निकिकर कौिोूं और साूंपोूं के रूप में उडिे िर्ीूं। 17 उस समय से िह िडका प्रभु मसीह की सामथग से अच्छा हो र्या, और िह भजि र्ािे िर्ा, और प्रभु का धन्यिाद करिे िर्ा, नजस िे उसे चूंर्ा नकया। 18 जब उसके नपता िे उसे पहिे जैसा स्वस्थ दे िा, तो कहा, हे मेरे बेटे, तुझे क्या हुआ, और तू नकस उपाय से चूंर्ा हुआ? 19 बेटे िे उिर नदया, जब दु ष्टात्माओूं िे मुझे पकड निया, तो मैं सराय में र्या, और िहाूं एक अनत सुिर स्त्री को, नजसके एक िडका था, पाया, और अपिे ओढिे के िस्त्र अभी धोकर िम्भे पर िटकाए हुए थी। 20 उि में से एक िेकर मैं िे अपिे नसर पर रिा, और दु ष्टात्माएूं तुरन्त मुझे छोडकर भार् र्ईूं। 21 इस पर नपता बहुत आिखित हुआ, और कहा, हे मेरे बेटे, कदानचत यह िडका जीिते परमेश्वर का, नजस िे आकाश और पृय्िी का बिाया या। 22 क्योूंनक उसके हमारे बीच में आते ही मूरत तोड दी र्ई, और सब दे िता नर्रकर एक बडी शखि से िाश हो र्ए। 23 तब िह भनिष्द्वाणी पूरी हुई, जो कहती है, नक मैं िे अपके पुत्र को नमस्र से बुिाया है। अध्याय 5 1 जब यूसुफ और मररयम िे सुिा, नक मूरत नर्र र्ई, और िाश हो र्ई, तो घबरा र्ए, और काूंपिे िर्े, और कहिे िर्े, जब हम इस्राएि के दे श में थे, तब हेरोदे स िे यीशु को मार डाि​िे की इच्छा से सब को घात नकया। बेथिहम और उस पडोस में नशशु। 2 और इसमें कोई सिे ह िहीूं, परन्तु नमस्री यनद सुिेंर्े नक यह मूरत टू टकर नर्र पडी, तो आर् में हम को जिा डािेंर्े। 3 इसनिये िे डाकुओूं के र्ुप्त स्थािोूं में र्ए, और िे राह चिते यानत्रयोूं की र्ानडया​ाँ और िस्त्र िूट िेते थे, और उन्हें बान्धकर िे जाते थे। 4 इि चोरोूं िे आते समय बडा शब्द सुिा, जैसे नकसी राजा का शब्द, नजसके पास बडी सेिा और बहुत से घोडे थे, और उसके िर्र में से उसके आिे पर तुरनहयाूं बज रही थीूं, नजस से िे इतिे डर र्ए नक अपिा सारा माि छोड दे िा चाहते थे। उिके पीछे , और जल्दी से उड जाओ।

5 इस पर बन्धुए उठे , और एक दू सरे के बन्धि िोि नदए, और अपिा अपिा थैिा िेकर चिे र्ए, और यूसुफ और मररयम को उन्हें बचािे आते दे िा, और पूछा, िह राजा कहाूं है, नजसके आिे का शोर डाकुओूं िे सुिा , और हमें छोड नदया, तानक अब हम सुरनक्षत निकि आएूं ? 6 यूसुफ िे उिर नदया, िह हमारे पीछे आएर्ा। अध्याय 6 1 नफर िे दू सरे स्थाि पर र्ए, जहाूं एक स्त्री थी, नजस में दु ष्टात्मा समाई थी, और उस में शैताि अथागत शानपत बि​िा िे अपिा डे रा बिा निया था। 2 एक रात को जब िह जि िेिे को र्ई, तो ि तो उसे कपडे पनहि​िे को सहिा पडा और ि नकसी घर में रहिा; िेनकि जब भी िे उसे जूंजीरोूं या रखियोूं से बाूंधते थे, िह उन्हें तोड दे ती थी, और रे नर्स्तािी स्थािोूं में चिी जाती थी, और कभी-कभी सडकोूं के पार और चचग के मैदािोूं में िडी होकर, पुरुषोूं पर पत्थर फेंकती थी। 3 जब सेंट मैरी िे इस आदमी को दे िा, तो उसे उस पर दया आई; तब शैताि तुरन्त उसे छोडकर, और जिाि मिुष् का रूप धारण करके यह कहकर भार् र्या, हे मररयम, और तेरे पुत्र, तेरे कारण मुझ पर हाय। 4 इस प्रकार िह स्त्री उस पीडा से छु टकारा पा र्ई; परन्तु अपिे आप को िूंर्ा समझकर िह शरमा र्ई, और नकसी पुरुष से ि नमि​िे िर्ी, और अपिे कपडे पहिकर घर र्ई, और अपिे नपता और सम्बखन्धयोूं को अपिे मामिे का नि​िरण नदया, नजन्होूंिे, क्योूंनक िे िर्र के सबसे अच्छे िोर् थे, सेंट का सत्कार नकया। . मैरी और जोसेफ अत्यूंत सम्माि के साथ। 5 दू सरे नदि भोर को मार्ग के निथे यथेष्ट भोजि पाकर िे िहाूं से चिे, और साूंझ को दू सरे िर्र में पहुूंचे, जहाूं नि​िाह होिे पर था; परन्तु शैताि की चािोूं और कुछ जादू र्रोूं के कामोूं के कारण दु ल्हि इतिी र्ू​ूंर्ी हो र्ई नक अपिा मुूंह तक ि िोि सकी। 6 परन्तु जब इस र्ू​ूंर्ी दु ल्हि िे िेडी सेंट मैरी को िर्र में प्रिेश करते और प्रभु मसीह को अपिी बाहोूं में निए हुए दे िा, तो उसिे अपिे हाथ प्रभु मसीह की ओर फैिाए, और उसे अपिी बाहोूं में िे निया, और अक्सर उसे र्िे िर्ा निया उसे चूमा, िर्ातार उसे नहिाया और अपिे शरीर पर दबाया। 7 तुरन्त उसकी जीभ की डोरी िुि र्ई, और उसके काि िुि र्ए, और िह परमेश्वर का भजि करिे िर्ी, नजस िे उसे फेर नदया। 8 सो उस रात िर्र के नि​िानसयोूंमें बडा आि​ि हुआ, और उन्होूंिे समझा, नक परमेश्वर और उसके दू त हमारे बीच में उतर आए हैं। 9 इस स्थाि में िे तीि नदि तक नि​िास करते रहे, और बडे आदर और उिम मिोरूं जि के साथ नमिते रहे। 10 और जब िोर्ोूं िे मार्ग के निथे सामाि पहुूंचाया, तो िे चिे र्ए, और दू सरे िर्र को चिे र्ए, जहाूं उन्होूंिे नटकिा चाहा, क्योूंनक िह प्रनसद्ध स्थाि या। 11 इसी िर्र में एक सज्जि स्त्री थी, जो एक नदि स्नाि करिे को िदी पर उतरी, और क्या दे िा, नक शानपत शैताि साूंप के रूप में उस पर कूद पडा है। 12 और उसके पेट पर हाथ फेरा, और प्रनत रात उसके ऊपर सोता रहा। 13 इस स्त्री िे िेडी सेंट मैरी और प्रभु मसीह को अपिी र्ोद में नशशु को दे िकर िेडी सेंट मैरी से प्राथगिा की, नक िह उसे बच्चे को चूमिे और अपिी र्ोद में उठािे के निए दे दे । 14 जब िह माि र्ई, और ज्योूं ही स्त्री िे बािक को उठाया, शैताि उसे छोड कर भार् र्या, और उसके बाद स्त्री िे उसे कभी ि दे िा। 15 तब सब पडोनसयोूं िे परम परमेश्वर की स्तुनत की, और स्त्री िे उिको बहुत उपकार नकया। 16 दू सरे नदि िही स्त्री प्रभु यीशु को धोिे के निये सुर्खन्धत जि िे आई; और जब उस िे उसे िहिाया, तब जि बचाकर रिा। 17 और िहाूं एक िडकी थी, नजसका शरीर कोढ के कारण सफेद हो र्या था, और उस पर यह जि नछडककर धोया र्या, और उसका कोढ तुरन्त दू र हो र्या। 18 तब िोर्ोूं िे कहा, नि​िः सूंदेह यूसुफ और मररयम और िह िडका परमेश्वर हैं, क्योूंनक िे मिुष्ोूं के समाि िहीूं नदिते। 19 और जब िे जािे की तैयारी कर रहे थे, तो िह िडकी जो कोढ से पीनडत थी, आई, और नबिती की, नक िे उसे अपिे साथ चि​िे दें ; इसनिए िे सहमत हो र्ए और िडकी उिके साथ चिी र्ई। िे एक िर्र में आये, नजसमें एक बडे राजा का महि था, और नजसका घर सराय से अनधक दू र िहीूं था। 20 िे यहीूं ठहरे , और एक नदि जब िडकी हानकम की पत्नी के पास र्ई, और उसे दु िः िी और शोकाकुि हाित में पाया, तो उस से उसके आूं सुओूं का कारण पूछा।


21 उस िे उिर नदया, मेरे कराहिे से अचम्भा ि करो, क्योूंनक मैं बडे सूंकट में हूं, नजसका समाचार मैं नकसी से िहीूं कह सकती। 22 परन्तु िडकी कहती है, यनद तू अपिी निजी नशकायत मुझे सौूंप दे , तो कदानचत मैं इसका नि​िारण कर सकूाँ। 23 इसनिथे तू हानकम की पत्नी कहती है, नक तू इस बात को र्ुप्त रिे, और नकसी जीनित को ि पता चिे। 24 मेरा नि​िाह उस हानकम से हो चुका है, जो बडे -बडे राज्योूं का राजा है, और मेरे द्वारा उसके कोई सन्ताि ि होिे से पनहिे मैं बहुत समय तक उसके साथ रही। 25 बहुत समय तक मैं उस से र्भगिती हुई, परन्तु हाय! मैं िे एक कोढी पुत्र उत्पन्न नकया; नजसे दे िकर िह अपिा ि रहा, परन्तु मुझ से कहा, 26 या तो उसे घात करो, या ऐसे स्थाि में नकसी धाय के पास भेज दो, नक उसकी चचाग कभी ि हो; और अब अपिा ख्याि रि​िा; मैं तुम्हें नफर कभी िहीूं दे ि पाऊूंर्ा. 27 इसनिये मैं यहाूं अपिी बुरी और दयिीय पररखस्थनतयोूं पर नि​िाप करते हुए उदास हो रहा हूं । अफसोस, मेरे बेटे! अफसोस, मेरे पनत! क्या मैंिे इसका िुिासा आपके सामिे नकया है? 28 िडकी िे उिर नदया, मैं िे तेरे रोर् का उपाय ढू ूं ढ निया है, नजसका मैं तुझ से िचि दे ती हूं, क्योूंनक मैं भी कोढी थी, परन्तु परमेश्वर िे मुझे शुद्ध नकया, अथागत जो यीशु कहिाता है, और जो स्त्री मररयम का पुत्र है। 29 और स्त्री िे पूछा, िह परमेश्वर कहाूं है, नजस की चचाग िह करती थी, उस िे उिर नदया, िह तुम्हारे साय यहाूं इसी घर में रहता है। 30 परन्तु यह कैसे हो सकता है? िह कहती है; कहा​ाँ है िह? दे िो, यूसुफ और मररयम िामक िडकी िे उिर नदया; और जो बच्चा उिके साथ है उसका िाम यीशु है: और उसी िे मुझे मेरे रोर् और यातिा से छु डाया। 31 परन्तु िह कहती है, नकस उपाय से तू अपिा कोढ से शुद्ध हुआ? क्या तुम मुझे यह िहीूं बताओर्े? 32 क्योूं िहीूं? िडकी कहती है; नजस जि से उसका शरीर धोया र्या था, िह जि िेकर मैं िे अपिे ऊपर डािा, और मेरा कोढ दू र हो र्या। 33 तब हानकम की पत्नी िे उठकर उिका सत्कार नकया, और िोर्ोूंकी बडी भीड के बीच यूसुफ के निथे बडी जेि​िार की। 34 और दू सरे नदि प्रभु यीशु को धोिे के निये सुर्खन्धत जि िेकर अपिे बेटे पर, नजसे िह अपिे साथ िे आई थी, िही जि डािा, और उसका बेटा तुरन्त कोढ से शुद्ध हो र्या। 35 तब उस िे परमेश्वर का धन्यिाद और भजि र्ाकर कहा, हे यीशु, धन्य िह माता नजस िे तुझे जन्म नदया! 36 क्या तू इस रीनत से अपिे समाि स्वभाि के मिुष्ोूं को उस जि से नजस से तू धोता है चूंर्ा करता है? 37 नफर उसिे िेडी मैरी को बहुत बडे उपहार नदए, और उसे सभी कल्पिीय सम्माि के साथ निदा नकया। अध्याय 7 इसके बाद िे दू सरे िर्र में आये, और िहा​ाँ रहिे का मि नकया। 2 इसनिये िे एक मिुष् के घर र्ए, नजसका िया ब्याह हुआ था, परन्तु तूंत्रमूंनत्रयोूं के प्रभाि के कारण िह अपिी पत्नी से सुि भोर् ि सका। 3 परन्तु रात को िे उसके घर में ठहरे , और िह पुरूष अपिे निकार से छु टकारा पा र्या। 4 और जब िे नबहाि को सिेरे आर्े बढिे की तैयारी कर रहे थे, तो उस िये ब्याहिे िे उन्हें रोक नदया, और उिके निये उिम मिोरूं जि का प्रबूंध नकया? 5 परन्तु दू सरे नदि आर्े बढते हुए िे दू सरे िर्र में पहुूंचे, और तीि खस्त्रयोूं को एक कब्र में से रोते हुए जाते दे िा। 6 जब सेंट मररयम िे उन्हें दे िा, तो उस िडकी से जो उिकी सहचरी थी, कहा, जाकर उि से पूछ, नक उन्हें क्या हुआ है, और उि पर क्या निपनि आ पडी है? 7 जब िडकी िे उि से पूछा, तो उन्होूंिे उसे कोई उिर ि नदया, परन्तु उस से नफर पूछा, तुम कौि हो, और कहाूं जाते हो? क्योूंनक नदि तो बहुत बीत र्या, और रात होिे पर है। 8 िडकी िे कहा, हम मुसानफर हैं, और ठहरिे के निये सराय ढू ूं ढ रहे हैं। 9 उन्होूंिे उिर नदया, हमारे सूंर् चिो, और हमारे साय निश्राम करो। 10 नफर िे उिके पीछे हो निये, और सब प्रकार के साज-सामाि से सुसखज्जत एक िये घर में िे र्ए। 11 जाडे का समय था, और िडकी उस कोठरी में र्ई जहाूं िे खस्त्रयाूं थीूं, और उन्हें पनहिे की िाईूं रोते और नि​िाप करते पाया।

12 उिके पास एक िच्चर िडा था, जो रे शम से ढाँ का हुआ था, और उसके र्िे में आबिूस का कॉिर िटका हुआ था, और उन्होूंिे उसे चूमा, और खि​िािे िर्े। 13 परन्तु जब िडकी िे कहा, हे दे नियो, िह िच्चर नकतिा सुिर है! उन्होूंिे आूं सुओूं के साथ उिर नदया, और कहा, यह िच्चर, नजसे तुम दे ि रहे हो, हमारा भाई है, जो हमारी ही माता से उत्पन्न हुआ है। 14 क्योूंनक जब हमारा नपता मर र्या, और हमारे निथे बहुत बडी सूंपनि छोड र्या, और हमारा एक ही भाई रह र्या, और हम िे उसके निथे िडका ढू ूं ढिे का यत्न नकया, और सोचा, नक दू सरे पुरूषोूंकी िाईूं उसका भी ब्याह हो, तब नकसी दु ष्ट और ईष्ागिु स्त्री िे नबिा बताए उस पर मोनहत कर निया। हमारा ज्ञाि। 15 और हम िे एक रात, नदि निकि​िे से कुछ पनहिे, जब घर के सब द्वार बि थे, तो दे िा, नक हमारा भाई एक िच्चर बि र्या है, जैसा अब तुम उसे दे िते हो। 16 और नजस उदासी में तू हमें दे िता है, उस में हम िे, और कोई नपता ि होिे पर, जो हमें शाखन्त दे ता हो, जर्त के सब पखण्डतोूं, और ज्योनतनषयोूं, और ज्योनतनषयोूं की दोहाई दी, परन्तु उि से कुछ िाभ ि हुआ। 17 इसनिये जब कभी हम अपिे आप को दु िः ि से दबा हुआ पाते हैं, तो उठकर अपिी माता के साथ अपिे नपता की कब्र पर जाते हैं, और जब हम बहुत रो चुके होते हैं तो घर िौट जाते हैं। 18 यह सुिकर िडकी िे कहा, ढाढस बान्ध, और डरिा छोड; क्योूंनक तेरे पास और तेरे घरािे के बीच जो क्लेश होता है उसका उपाय निकट है। 19 क्योूंनक मैं भी कोढी हो र्या था; परन्तु जब मैं िे उस स्त्री को, और उसके साथ उस छोटे बािक को, नजसका िाम यीशु है, दे िा, तो नजस जि से उसकी माता िे उसे धोया था, उस से मैं िे अपिे शरीर पर नछडका, और मैं तुरन्त चूंर्ा हो र्या। 20 और मुझे निश्चय है, नक िह तुम्हें सूंकट से भी छु टकारा नदिा सकता है। इसनिए, उठो, मेरी मािनकि, मैरी के पास जाओ, और जब तुम उसे अपिे कक्ष में िे आओ, तो उसे रहस्य बताओ, साथ ही, उससे तुम्हारे मामिे पर दया करिे के निए आग्रहपूिगक नि​िती करो। 21 जैसे ही खस्त्रयोूं िे िडकी का प्रिचि सुिा, िे दौडकर िेडी सेंट मैरी के पास र्ईूं, उन्हें अपिा पररचय नदया और उिके सामिे बैठकर रोिे िर्ीूं। 22 और कहा, हे हमारी स्त्री सेंट मररयम, अपिी दानसयोूं पर दया कर, क्योूंनक हमारे कुि में ि कोई मुखिया है, ि कोई हमसे बडा है; हमारे सामिे आिे-जािे के निए कोई नपता या भाई िहीूं है। 23 परन्तु यह िच्चर, नजसे तू दे ि रहा है, हमारा ही भाई है, नजसे नकसी स्त्री िे जादू करके इस हाित में पहुूंचा नदया है, जैसा तू दे ि रहा है: इसनिये हम तुझ से नबिती करते हैं, नक तू हम पर दया कर। 24 तब सेंट मररयम उिके मामिे से दु िी हुई, और प्रभु यीशु को िे जाकर िच्चर की पीठ पर नबठाया। 25 और अपिे बेटे से कहा, हे यीशु मसीह, इस िच्चर को अपिी असाधारण शखि के अिुसार सुधार (या चूंर्ा) कर, और इसे पहिे के समाि मिुष् और बुखद्धमाि प्राणी का रूप दे । 26 िेडी सेंट मैरी िे यह बात बहुत कम कही थी, िेनकि िच्चर तुरूंत माि​ि रूप में आ र्या, और नबिा नकसी निकृनत के एक युिा व्यखि बि र्या। 27 तब उस िे और उस की माता और बनहिोूं िे िेडी सेंट मररयम को दण्डित् नकया, और बािक को नसर पर उठाकर चूमा, और कहा, हे यीशु, हे जर्त के उद्धारकताग, तेरी माता धन्य है ! धन्य हैं िे आाँ िें जो तुम्हें दे िकर इतिी प्रसन्न हैं। 28 तब दोिोूं बनहिोूं िे अपिी माता से कहा, सचमुच प्रभु यीशु मसीह की सहायता से, और उस िडकी की करूणा से, नजस िे मररयम और उसके बेटे के निषय में हम से कहा, हमारा भाई अपिा पनहिा रूप पा र्या है। 29 और चूाँनक हमारा भाई अनि​िानहत है, इसनिये उनचत है नक हम उसका नि​िाह अपिे दास की इस िडकी से कर दें । 30 जब उन्होूंिे मररयम से इस निषय में सम्मनत िी, और उस िे सहमनत दे दी, तब उन्होूंिे इस िडकी का ब्याह रचाया। 31 और इस प्रकार उिका शोक आि​ि में, और शोक आि​ि में बदि र्या, और िे आि​ि करिे िर्े। और अपिे सबसे अच्छे पररधाि और कूंर्ि पहि कर आिूंद मिाओ और र्ाओ। 32 इसके बाद उन्होूंिे परमेश्वर की मनहमा और स्तुनत करते हुए कहा, हे दाऊद की सन्ताि यीशु, जो शोक को आि​ि से, और शोक को आि​ि से बदि दे ता है! 33 इसके बाद यूसुफ और मररयम िहाूं दस नदि तक रहे, और उि िोर्ोूंसे बडा आदर पाकर चिे र्ए;


34 और जब िे उि से निदा होकर घर िौट आए, तो नचल्लाकर कहा, 35 परन्तु निशेषकर िडकी। अध्याय 8 1 िहाूं से चिते चिते िे एक मरुभूनम में पहुूंचे, और उि से कहा र्या, नक िह दे श डाकुओूं से भरा हुआ है; इसनिए जोसेफ और सेंट मैरी रात में िहाूं से र्ुजरिे के निए तैयार हुए। 2 और जब िे जा रहे थे, तो क्या दे िा, नक दो डाकू मार्ग में सोए हुए हैं, और उिके सूंर् बहुत से डाकू भी, जो उिके साथी थे , सोए हुए हैं। 3 उि दोिोूंके िाम तीतुस और दु मािुस थे; और तीतुस िे दु मािुस से कहा, मैं तुझ से नबिती करता हूं, नक उि मिुष्ोूंको चुपचाप जािे दे , नक हमारी मण्डिी को उिका कुछ पता ि चिे। 4 परन्तु दु मािुस के इन्कार करिे पर तीतुस िे नफर कहा, मैं तुझे चािीस अिाज दू ूं र्ा, और अपिा पेटी भी बन्धक करके िे िेिा, जो उस िे बोिकर उसे नदया था, नक िह अपिा मुूंह ि िोिे, और हल्ला ि मचाए। 5 जब िेडी सेंट मैरी िे उस दयािुता को दे िा जो इस डाकू िे उि पर की थी, तो उसिे उससे कहा, प्रभु परमेश्वर तुम्हें अपिे दानहिे हाथ में िे िेर्ा, और तुम्हारे पापोूं को क्षमा करे र्ा। 6 तब प्रभु यीशु िे अपिी माता से कहा, हे माता, जब तीस िषग पूरे हो जाएूं र्े, तब यहदी मुझे यरूशिेम में क्रूस पर चढाएूं र्े; 7 और उसी समय क्रूस पर ये दोिोूं चोर मेरे सूंर् होूंर्े, अयागत्​्‌ तीतुस मेरी दानहिी ओर, और दु मािुस मेरी बाईूं ओर, और उस समय से तीतुस मुझ से पनहिे स्वर्गिोक को जाएर्ा। 8 और जब उस िे कहा, हे मेरे बेटे, परमेश्वर ि करे , नक तेरा भार् ऐसा हो, तो िे उस िर्र में र्ए, नजस में बहुत सी मूरतें थीूं; जो पास आते ही रे त के टीिोूं में बदि र्या। 9 इसनिये िे उस र्ूिर के पेड के पास र्ए, जो अब मतररया कहिाता है; 10 और मटे ररया में प्रभु यीशु िे एक कुआाँ निकािा, नजसमें सेंट मैरी िे अपिा कोट धोया; 11 और उस दे श में प्रभु यीशु के पसीिे से जो बिसम उत्पन्न या उर्ता है। 12 िहाूं से िे मेखफफस को र्ए, और नफरौि को दे िा, और तीि िषग तक नमस्र में रहे। 13 और प्रभु यीशु िे नमस्र में बहुत से चमत्कार नकए, जो ि तो बचपि के सुसमाचार में पाए जाते हैं और ि ही पूणगता के सुसमाचार में पाए जाते हैं। 14 तीि िषग के बीतिे पर िह नमस्र से िौट आया, और जब यहदा के पास पहुूंचा, तब यूसुफ उसके भीतर जािे से डरता था; 15 यह सुिकर नक हेरोदे स मर र्या, और उसका पुत्र अरखि​िाउस उसके स्याि पर राजा हुआ, िह डर र्या; 16 और जब िह यहनदया को र्या, तो परमेश्वर के दू त िे उसे दशगि दे कर कहा, हे यूसुफ, िासरत िर्र में जा, और िहीूं रहिा। 17 यह सचमुच अजीब बात है नक जो सब दे शोूं का प्रभु है, िह इस प्रकार इतिे दे शोूं में आर्े-पीछे नकया जाता है। अध्याय 9 1 इसके बाद जब िे बेतिेहेम िर्र में आए, तो उन्हें िहाूं बहुत से अनत भयािक उपद्रिी रोर् नमिे, नजन्हें दे ि कर बािकोूं को इतिी परे शािी हुई नक उि में से अनधकाूंश मर र्ए। 2 िहा​ाँ एक स्त्री थी नजसका एक बीमार बेटा था, और जब िह मरिे पर था, तो िह उसे िेडी सेंट मैरी के पास िे आई, नजसिे उसे तब दे िा जब िह यीशु मसीह को धो रही थी। 3 तब स्त्री िे कहा, हे मेरी स्त्री मररयम, मेरे इस पुत्र पर दृनष्ट कर, जो अत्यन्त भयािक पीडा से पीनडत है। 4 सेंट मररयम िे उसकी बात सुिकर कहा, नजस जि से मैं िे अपिे बेटे को िहिाया है, उस में से थोडा सा िेकर उस पर नछडक दे । 5 तब उसिे उस पािी में से थोडा सा निया, जैसा सेंट मैरी िे आदे श नदया था, और उसे अपिे बेटे पर नछडका, जो अपिे तीव्र ददग से थककर सो र्या था; और थोडी दे र सोिे के बाद िह पूरी तरह से जार् र्या और ठीक हो र्या। 6 इस सफिता से माता बहुत प्रसन्न हुई, और नफर सेंट मैरी के पास र्ई, और सेंट मैरी िे उससे कहा, भर्िाि की स्तुनत करो, नजसिे तुम्हारे बेटे को ठीक नकया है। 7 उसी स्थाि में उसकी पडोनसि एक और स्त्री रहती थी, नजसका पुत्र अब अच्छा हो र्या था।

8 इस स्त्री का पुत्र भी उसी रोर् से पीनडत हुआ, और उसकी आूं िें िर्भर् बि हो र्ई थीूं, और िह नदि रात उसके निये नि​िाप करती रहती थी। 9 जो बच्चा ठीक हो र्या था उसकी माता िे उस से कहा, तू अपिे बेटे को सेंट मररयम के पास क्योूं िहीूं िे आती, जैसे मैं अपिे बेटे को, जब िह मरिे की पीडा में था, उसके पास िे आई थी; और िह उस जि से चूंर्ा हो र्या नजस से उसके पुत्र यीशु का शरीर धोया र्या था? 10 जब स्त्री िे उस की यह बात सुिी, तो िह भी र्ई, और िही जि मोि िेकर अपिे बेटे को उस से िहिाया, और उसका शरीर और आूं िें तुरन्त ज्योूं की त्योूं हो र्ईूं। 11 और जब िह अपिे बेटे को सेंट मैरी के पास िाई, और उसका मामिा उसके सामिे िोिा, तो उसिे उसे आदे श नदया नक िह अपिे बेटे के स्वास्थ्य के ठीक होिे के निए भर्िाि को धन्यिाद दे , और नकसी को भी ि बताए नक क्या हुआ था। अध्याय 10 1 एक ही िर्र में एक ही पुरूष की दो पनत्नया​ाँ रहती थीूं, और उि दोिोूं का एक एक पुत्र बीमार रहता था। उिमें से एक का िाम मररयम और उसके पुत्र का िाम कािेब था। 2 िह उठी, और अपिे बेटे को िे कर यीशु की माता िेडी सेंट मैरी के पास र्ई, और उसे एक बहुत सुूंदर कािीि दे कर कहा, हे मेरी िेडी मैरी, मेरा यह कािीि स्वीकार कर, और इसके बदिे मुझे एक छोटा सा कािीि दे दे । िपेटिे का कपडा. 3 इस पर मररयम माि र्ई, और जब कािेब की माता चिी र्ई, तब उस िे अपके बेटे के निथे ओढे हुए कपडे का एक अूंर्रिा बिाकर उसे पनहिाया, और उसका रोर् दू र हो र्या; परन्तु दू सरी पत्नी का पुत्र मर र्या। 4 इस पर उिके बीच यह मतभेद हो र्या, नक िे प्रनत सप्ताह बारी बारी से पररिार का काम करें । 5 और जब कािेब की माता मररयम की बारी आई, और िह रोटी पकािे के निये तन्दू र र्रम कर रही थी, और अपिे पुत्र कािेब को तन्दू र के पास छोडकर रोटी िािे को र्ई; 6 नजसे दू सरी स्त्री िे जो अपिी प्रनतद्वूं दी थी, जब अकेिा पाया, तो िे जाकर तूंदूर में जो बहुत र्रम थी, डाि नदया, और चिी र्ई। 7 और मररयम िे िौटकर अपिे बेटे कािेब को तूंदूर के बीच में िेटा हुआ हूंसते हुए दे िा, और तूंदूर इतिा ठूं डा हो र्या मािो पहिे र्रम ि हुआ हो, और जाि र्ई नक उसकी प्रनतद्वूं द्वी दू सरी पत्नी िे उसे आर् में डाि नदया है। 8 जब िह उसे बाहर िे र्ई, और िेडी सेंट मैरी के पास िे र्ई, और उसे कहािी सुिाई, तो उसिे उिर नदया, चुप रहो, मुझे नचूंता है नक कहीूं तू यह बात प्रर्ट ि कर दे । 9 इसके बाद उसकी दू सरी पत्नी, जो कुएूं पर पािी भर रही थी, उस िे कािेब को कुएूं के पास िेिते हुए दे िा, और जब उसके पास कोई िहीूं था, तो उसे पकडकर कुएूं में फेंक नदया। 10 और जब कुछ िोर् कुएूं से पािी िेिे आए, तो उन्होूंिे िडके को पािी की सतह पर बैठे दे िा, और रखियोूं से िीूंचकर बाहर निकािा, और िडके को दे िकर बहुत चनकत हुए, और परमेश्वर की स्तुनत करिे िर्े। 11 तब माता आई, और उसे िे कर िेडी सेंट मैरी के पास िे र्ई, और नि​िाप करती हुई बोिी, हे मेरी स्त्री, दे ि, मेरी प्रनतद्वूं दी िे मेरे बेटे के साथ क्या नकया है, और उसे नकस प्रकार कुएूं में डाि नदया है, और मैं िहीूं जािती प्रश्न िेनकि एक ि एक समय िह उसकी मृत्यु का कारण बिेर्ी। 12 सेंट मैरी िे उसे उिर नदया, भर्िाि आपके घायि कारण को सही ठहराएूं र्े। 13 और कुछ नदि के बाद जब दू सरी पत्नी पािी भरिे को कुएूं पर आई, तो उसका पाूंि रिी में फूंस र्या, और िह नसर के बि कुएूं में नर्र पडी, और जो उसकी सहायता के निये दौडे , उन्होूंिे उसकी िोपडी टू टी हुई पाई। हनिया​ाँ चोनटि. 14 इस प्रकार उसका अन्त बुरा हुआ, और िेिक की िह बात उस में पूरी हुई, नक उन्होूं िे कुआाँ िोदा, और उसे र्हरा नकया, परन्तु जो र्डहा उन्होूंिे तैयार नकया था, उसमें आप ही नर्र पडे । अध्याय 11 1 उसी िर्र की एक और स्त्री के भी दो बेटे बीमार थे।


2 और जब एक मर र्या, तो दू सरे को, जो मरिे की कर्ार पर था, उसिे अपिी बाूंहोूं में िेडी सेंट मैरी के पास िे निया, और आूं सुओूं की बाढ में उसे सूंबोनधत करते हुए कहा, 3 हे मेरी स्त्री, मेरी सहायता कर और मुझे छु टकारा दे ; क्योूंनक मेरे दो बेटे थे, एक को मैंिे अभी-अभी दफिाया है, दू सरे को मैं दे िता हूं नक िह मरिे ही िािा है, दे िो, मैं नकस प्रकार सच्चे मि से परमेश्वर की कृपा चाहता हूं, और उस से प्राथगिा करता हूं। 4 तब उस िे कहा, हे प्रभु, तू तो अिुग्रहकारी, और दयािु, और दयािु है; तू िे मुझे दो पुत्र नदए; उिमें से एक तो तू िे अपिे पास रि निया है, हे इस दू सरे को मेरे निये छोड दे । 5 तब सेंट मररयम िे उसके दु :ि की महािता को जािकर, उस पर दया की और कहा, तू अपिे पुत्र को मेरे पुत्र के नबछौिे पर रि, और उसके िस्त्र उसे ढाूंप दे । 6 और जब उस िे उसे उस नबछौिे पर निटाया नजस पर मसीह िेटा हुआ था, उस समय जब उसकी आूं िें मृत्यु के कारण बि हो र्ई थीूं; जैसे ही प्रभु यीशु मसीह के िस्त्रोूं की र्ूंध िडके तक पहुाँची, उसकी आाँ िें िुि र्ईूं, और उसिे ऊाँचे स्वर से अपिी मा​ाँ को पुकारते हुए रोटी मा​ाँर्ी और जब उसे नमि र्ई, तो उसिे उसे चूस निया। 7 तब उसकी माता िे कहा, हे स्त्री मररयम, अब मुझे निश्चय हो र्या है नक परमेश्वर की शखियाूं तुझ में िास करती हैं, नक तेरा पुत्र अपिे ही समाि बािकोूंको उसके िस्त्र छूते ही चूंर्ा कर सकता है। 8 यह िडका जो इस प्रकार चूंर्ा हो र्या, िही है नजसे सुसमाचार में बाथोिोम्यू कहा र्या है। अध्याय 12 1 नफर एक कोढी स्त्री थी, जो यीशु की माता स्त्री सेंट मररयम के पास जाकर कहिे िर्ी, हे मेरी स्त्री, मेरी सहायता कर। 2 सेंट मैरी िे उिर नदया, आप क्या सहायता चाहते हैं? क्या यह सोिा या चा​ाँदी है, िा तेरे शरीर का कोढ दू र हो जाए? 3 स्त्री कहती है, कौि मुझे यह दे सकता है? 4 सेंट मररयम िे उसे उिर नदया, जब तक मैं अपिे पुत्र यीशु को िहिाकर सुिा ि दू ूं , तब तक थोडी दे र ठहरो। 5 स्त्री िे आज्ञा के अिुसार प्रतीक्षा की; और मररयम िे यीशु को नबछौिे पर निटाया, और नजस जि से उस िे उसका शरीर धोया था, उसे दे कर कहा, उस जि में से कुछ िेकर अपिे शरीर पर डाि दे ; 6 और ऐसा करके िह तुरन्त शुद्ध हो र्ई, और परमेश्वर की स्तुनत और धन्यिाद करिे िर्ी। 7 तब िह तीि नदि तक यहीूं रहकर चिी र्ई; 8 और िर्र में जाकर उस िे एक हानकम को दे िा, नजस िे दू सरे हानकम की बेटी को ब्याह निया था; 9 परन्तु जब िह उससे नमि​िे आया, तो उस िे उसकी आूं िोूं में तारे के समाि कोढ के नचन्ह दे िे, और इस से नि​िाह निच्छे द और व्यथग घोनषत कर नदया। 10 जब स्त्री िे उि को इस हाित में दे िा, नक िे बहुत उदास हैं, और बहुत आूं सू बहा रहे हैं, तो उस िे उि से उिके रोिे का कारण पूछा। 11 उन्होूंिे उिर नदया, हमारी दशा ि पूछो; क्योूंनक हम नकसी भी व्यखि को अपिा दु भागग्य बतािे में पूरी तरह सक्षम हैं। 12 तौभी उस िे उि पर दबाि डािा, और चाहा, नक िे अपिा मामिा उस तक पहुूंचाएूं , और उन्हें समझाएूं , नक कदानचत िह उन्हें कुछ उपाय बता सके। 13 तब उन्होूंिे उसे युिती और उसकी आूं िोूं के बीच में नदिाई दे िेिािे कोढ के िक्षण नदिाए। 14 उस िे कहा, मैं भी नजसे तुम इस स्थाि में दे ि रहे हो, इसी रोर् से पीनडत थी, और नकसी काम से बैतिहम को जा रही थी, और एक र्ुफा में र्ई, और मररयम िाम एक स्त्री को दे िा, नजसके यीशु िाम एक पुत्र उत्पन्न हुआ था। 15 और उस िे मुझे कोढ से ग्रस्त दे िकर मेरी नचन्ता की, और जो जि उस िे अपके बेटे का धोया या, उस से मुझे पािी नदया; उस से मैं िे अपिा शरीर नछडका, और शुद्ध हो र्या। 16 तब उि खस्त्रयोूंिे कहा, हे स्वानमिी, क्या तुम हमारे साय चिकर हमें िेडी सेंट मररयम नदिाओर्ी? 17 नजस पर िह सहमत हुई, िे उठे और अपिे साथ बहुत अच्छे उपहार िेकर िेडी सेंट मैरी के पास र्ए।

18 और उन्होूंिे भीतर आकर उसे अपिी भेंटें दीूं, और उस कोढी स्त्री को जो कुछ िे अपिे साथ िाए थे, नदिाया। 19 तब सेंट मररयम िे कहा, प्रभु यीशु मसीह की दया तुम पर बिी रहे; 20 और उस जि में से नजस से उस िे यीशु मसीह की िोय धोई थी, उिको थोडा सा दे कर कहा, नक उस से उस रोर्ी को धोएूं ; जब उन्होूंिे ऐसा नकया, तो िह तुरन्त ठीक हो र्ई; 21 तब उन्होूंिे और नजतिे िहाूं उपखस्थत थे, परमेश्वर की स्तुनत की; और िे आि​ि से भरकर अपिे िर्र को िौट र्ए, और इस कारण परमेश्वर की स्तुनत करिे िर्े। 22 तब राजकुमार यह सुिकर नक उसकी पत्नी अच्छी हो र्ई है, उसे अपिे घर िे र्या और दू सरी ब्याह रचाया, और अपिी पत्नी के स्वस्थ होिे के निये परमेश्वर का धन्यिाद नकया। अध्याय 13 1 िहाूं एक िडकी भी थी, जो शैताि से पीनडत थी; 2 क्योूंनक िह शानपत आत्मा अजर्र के रूप में बार-बार उसके सामिे प्रकट होती थी, और उसे निर्ि​िे पर उतारू थी, और उसका सारा िूि चूस निया था, नक िह एक मरी हुई िोथ के समाि नदिाई दे ती थी। 3 जब कभी िह अपिे होश में आती, और नसर पर हाथ िपेटकर नचल्लाती, हाय, हाय, मैं हूं, नक कोई िहीूं नमिता, जो मुझे उस दु ष्ट अजर्र से बचा सके! 4 उसके माता-नपता और नजतिे उसके आस-पास थे और उसे दे िते थे, िे सब उसके निथे नि​िाप करिे और रोिे िर्े ; 5 और जो िहाूं उपखस्थत थे, िे उसका रोिा सुिकर उदास और रोिे िर्े, नक हे मेरे भाइयोूं, और नमत्रोूं, क्या कोई िहीूं जो मुझे इस हत्यारे से बचा सके? 6 तब राजकुमार की बेटी जो कोढ से ठीक हो र्ई थी, उस िडकी की नशकायत सुिकर अपके महि की छत पर र्ई, और उसे नसर पर हाथ फेरे हुए, और आूं सुओूं की धारा बहाते हुए दे िा। जो िोर् उसके दु िः ि में थे। 7 तब उस िे उस दु ष्ट के पनत से पूछा, क्या उसकी पत्नी की माता जीनित है? उसिे उससे कहा, नक उसके नपता और माता दोिोूं जीनित हैं। 8 तब उस िे अपिी माता को अपिे पास भेजिे की आज्ञा दी, और उस िे उसे आते दे िकर कहा, क्या यह तेरी बेटी है? िह कराहते और नि​िाप करते हुए बोिी, हा​ाँ मैडम, मैंिे उसे जन्म नदया। 9 हानकम की बेटी िे उिर नदया, उसके भेद का भेद मुझे बता, क्योूंनक मैं तुझ से माि िेती हूं, नक मैं कोढ से पीनडत थी, परन्तु यीशु मसीह की माता मररयम िे मुझे चूंर्ा नकया। 10 और यनद तू चाहता है, नक तेरी बेटी अपिी पनहिी पनहिी हो जाए, तो उसे बैतिहम में िे जा, और यीशु की माता मररयम के निषय में पूछ, और सूंदेह ि कर, नक तेरी बेटी चूंर्ी हो जाएर्ी; क्योूंनक मैं सिाि िहीूं करता िेनकि आप अपिी बेटी के ठीक होिे पर बहुत िुशी के साथ घर आएूं र्े। 11 जब िह बातें कर चुकी, तो उठकर अपिी बेटी के साथ ठहराए हुए स्याि पर र्ई, और मररयम के पास जाकर अपिी बेटी का िृिान्त उस से कहा। 12 जब सेंट मैरी िे उसकी कहािी सुिी, तो उसिे उसे थोडा सा पािी नदया नजससे उसिे अपिे बेटे यीशु के शरीर को धोया था, और उसे अपिी बेटी के शरीर पर डाि​िे को कहा। 13 इसी प्रकार उस िे प्रभु यीशु के ओढिे के िस्त्रोूं में से एक उसे नदया, और कहा, इस ओढिे के ओढिे को िे, और जब कभी तू अपिे शत्रु को दे िे तो उसे नदिािा; और उसिे उन्हें शाखन्त से निदा नकया। 14 जब िे उस िर्र को छोडकर घर िौटे , और िह समय आया, नक शैताि उसे पकड िेिा चाहता था, उसी क्षण िह शानपत आत्मा एक बडे अजर्र के रूप में उसे नदिाई नदया, और िडकी उसे दे िकर डर र्ई। . 15 माता िे उस से कहा, मत डर बेटी; उसे तब तक अकेिा रहिे दो जब तक िह तुम्हारे करीब ि आ जाए! नफर उसे िह िपेटिे िािा कपडा नदिाओ, जो िेडी मैरी िे हमें नदया था, और हम घटिा दे िेंर्े। 16 तब शैताि भयािक अजर्र के समाि आया, और िडकी का शरीर भय के मारे काूंप उठा। 17 परन्तु जैसे ही उस िे कपडा अपिे नसर पर और अपिी आूं िोूं पर िपेटा, और उसे नदिाया, उसी समय उस कपडे में से आर् की िपटें और जिते अूंर्ारे निकिकर अजर्र पर नर्र पडे । 18 ओह! यह नकतिा बडा चमत्कार था, जो नकया र्या: जैसे ही अजर्र िे प्रभु यीशु के कपडे को दे िा, आर् निकि र्ई और उसके नसर और आूं िोूं पर फैि र्ई; यहाूं तक नक िह ऊूंचे शब्द से नचल्लाकर कहिे िर्ा, हे यीशु, हे मररयम के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम, मैं तेरे पास से कहाूं भार्ू​ूं? 19 तब िह बहुत घबराया हुआ िौट आया, और िडकी को छोड नदया।


20 और िह इस सूंकट से छु टकारा पा र्ई, और परमेश्वर की और उसके साथ चमत्कार के समय उपखस्थत सभी िोर्ोूं की स्तुनत और धन्यिाद करिे िर्ी।

15 और जब यहनदयोूं िे यह आश्चयगकमग दे िा, तो परमेश्वर की स्तुनत की।

अध्याय 14

1 और यूसुफ िर्र में जहाूं कहीूं जाता, िहाूं प्रभु यीशु को अपिे साथ िे जाता, जहाूं जहाूं उसे द्वार, या दू ध की बाखियाूं , या चि​िी, या सन्दू क बिािे का काम करिे को भेजा जाता; िह जहा​ाँ भी जाता था प्रभु यीशु उसके साथ होते थे। 2 और जब कभी यूसुफ को कोई काम करिा होता, चाहे उसे िम्बा करिा हो, चाहे छोटा करिा हो, चाहे चौडा करिा हो, चाहे छोटा करिा हो, तो प्रभु यीशु उसकी ओर अपिा हाथ बढाता था। 3 और अब यह िैसा ही हो र्या जैसा यूसुफ चाहता था। 4 यहाूं तक नक उसे अपिे हाथ से कोई काम पूरा करिे की आिश्यकता ि पडी, क्योूंनक िह बढई के काम में बहुत निपुण ि था। 5 एक निनश्चत समय पर यरूशिेम के राजा िे उसको बुि​िा भेजा, और कहा, मैं चाहता हूं, नक नजस स्याि में मैं बैठा करता हूं, उसी के समाि तू मेरे निये भी एक नसूंहासि बि​िाए। 6 यूसुफ िे आज्ञा मािी, और तुरन्त काम आरम्भ नकया, और उसे पूरा करिे से पनहिे दो िषग तक राजभि​ि में रहा। 7 और जब िह उसे उसके स्याि पर िर्ािे को आया, तब उस िे दे िा, नक िह ठहराई हुई िाप से दोिोूं ओर दो दो पिडे कम है। 8 नजसे राजा िे दे िा, और यूसुफ पर बहुत क्रोनधत हुआ; 9 और यूसुफ राजा के क्रोध से डरकर नबिा भोजि नकए सो र्या, और कुछ भी ि िाया। 10 तब प्रभु यीशु िे उस से पूछा, तू नकस बात से डरता है? 11 यूसुफ िे उिर नदया, क्योूंनक मैं इि दो िषोंसे जो काम करता आया हूं, उस में मेरा पररश्रम व्यथग र्या। 12 यीशु िे उस से कहा, मत डर, और ि निराश हो; 13 तुम नसूंहासि के एक ओर को थामे रहो, और मैं दू सरी को थामे रहूं, और हम उसे उसके ठीक पररमाण में पहुूंचाएूं र्े। 14 और जब यूसुफ िे प्रभु यीशु के कहिे के अिुसार नकया, और उि में से हर एक िे बि से अपिी ओर िीूंच निया, तब नसूंहासि िे आज्ञा मािी, और उनचत स्थाि पर पहुूंचाया र्या: 15 और जो चमत्कार िहाूं िडे थे, उन्होूंिे दे िा, और चनकत होकर परमेश्वर की स्तुनत करिे िर्े। 16 नसूंहासि उसी िकडी का बिा था, जो सुिैमाि के समय में था, अथागत् नभन्न-नभन्न आकृनतयोूं और आकृनतयोूं से सजी हुई िकडी का।

1 इसी प्रकार एक और स्त्री भी िहाूं रहती थी, नजसके बेटे पर शैताि का कब्जा हो र्या था। 2 यहदा िाम का यह िडका, नजतिी बार शैताि उसे पकडता था, िह सब उपखस्थत िोर्ोूं को काट डाि​िे पर उतारू हो जाता था; और यनद उसे अपिे निकट कोई ि नमिे, तो िह अपिे हाथोूं और अन्य अूंर्ोूं को काट िेता था। 3 िेनकि इस दु िी िडके की मा​ाँ, सेंट मैरी और उसके बेटे यीशु के बारे में सुिकर तुरूंत उठी, और अपिे बेटे को र्ोद में िेकर िेडी मैरी के पास िे आई। 4 इस बीच, याकूब और जोस नशशु, प्रभु यीशु को उनचत समय पर अन्य बच्चोूं के साथ िेि​िे के निये िे र्ए थे; और जब िे निकिे, तो बैठ र्ए, और प्रभु यीशु उिके साथ थे। 5 तब यहदा जो िश में था, आकर यीशु की दानहिी ओर बैठ र्या। 6 जब शैताि हमेशा की तरह उस पर काम कर रहा था, तो िह प्रभु यीशु को काटिे के निए आर्े बढा। 7 और क्योूंनक िह ऐसा ि कर सका, इसनिथे उस िे यीशु की दानहिी ओर ऐसा मारा, नक िह नचल्ला उठा। 8 और उसी क्षण शैताि िडके के पास से निकिकर पार्ि कुिे की िाईूं भार् र्या। 9 यह िही िडका है, नजस िे यीशु को मारा, और शैताि कुिे के रूप में उसके पास से निकि र्या, यह यहदा इस्कररयोती था, नजस िे उसे यहनदयोूं के हाथ पकडिाया। 10 और नजस ओर यहदा िे उसे मारा, उसी ओर यहनदयोूं िे भािे से छे दा। अध्याय 15 1 और जब प्रभु यीशु सात िषग का हुआ, तो एक निनश्चत नदि पर िह अपिे सानथयोूं और िर्भर् उसी उम्र के िडकोूं के साथ था। 2 जब िे िेि रहे थे, तब उन्होूंिे नमट्टी से र्दहोूं, बैिोूं, पनक्षयोूं, और अन्य आकृनतयोूं के आकार बिाए। 3 हर एक अपिे काम पर घमण्ड करता, और बानकयोूं से आर्े निकि​िे का यत्न करता है। 4 तब प्रभु यीशु िे िडकोूं से कहा, मैं इि आकृनतयोूं को जो मैं िे बिाई है, चि​िे की आज्ञा दू ूं र्ा। 5 और िे तुरन्त चिे र्ए, और जब उस िे उन्हें िौटिे की आज्ञा दी, तब िे िौट र्ए। 6 और उस िे पनक्षयोूं और र्ौरै योूं की आकृनतयाूं भी बिाईूं, जो जब उस िे उडिे की आज्ञा दी, तो उड र्ईूं, और जब िडे रहिे की आज्ञा दी, तब भी िडी रहीूं; और यनद उस िे उन्हें िािे और पीिे को नदया, तो उन्होूंिे िाया और नपया। 7 जब िडकोूं िे जाकर ये बातें अपके माता-नपता को बताई, तब उिके नपताओूं िे उि से कहा, हे बािकोूं, उस की सूंर्नत के भनिष् के निथे चौकस रहो, क्योूंनक िह टोन्हा है; उससे दू र रहें और उससे दू र रहें, और अब से उसके साथ कभी ि िेिें। 8 उसी नदि प्रभु यीशु बािकोूं के साथ िेि रहा था, और दौड रहा था, और सिेम िाम एक रूं र्रे ज की दु काि के पास से जा रहा था। 9 और उसकी दु काि में उस िर्र के िोर्ोूं के कपडे के बहुत से टु कडे थे, नजन्हें उन्होूंिे नभन्न-नभन्न रूं र्ोूं से रूं र्िे के निये बिाया था। 10 तब प्रभु यीशु िे रूं र्रे ज की दू काि में जाकर सब िस्त्र उठा निये, और भट्ठी में डाि नदए। 11 जब शािेम िे घर आकर कपडे नबर्डे हुए दे िे, तो बडा हल्ला मचािे िर्ा, और प्रभु यीशु को डाूंटकर कहिे िर्ा, 12 हे मररयम के पुत्र, तू िे मेरे साथ क्या नकया है? तू िे मुझे और मेरे पडोनसयोूं दोिोूंको घायि नकया है; िे सभी उनचत रूं र् के अपिे कपडे चाहते थे; परन्तु .तू आया, और उि सब को नबर्ाड डािा। 13 प्रभु यीशु िे उिर नदया, मैं हर एक िस्त्र का रूं र् उस रूं र् के अिुसार बदि दू ूं र्ा जैसा तू चाहे; 14 और तब िह तुरन्त भट्ठी में से कपडे निकाि​िे िर्ा, और िे सब उन्हीूं रूं र्ोूं में रूं र्े र्ए, नजन्हें रूं र्रे ज िे चाहा था।

अध्याय 16

अध्याय 17 1 दू सरे नदि प्रभु यीशु सडक पर जा रहा था, और कुछ िडकोूं को जो िेि​िे आए थे, दे िकर आप भी उिकी मूंडिी में शानमि हो र्या: 2 परन्तु जब उन्होूंिे उसे दे िा, तो नछप र्ए, और उन्हें ढू ूं ढिे के निये उसके पास से चिे र्ए। 3 प्रभु यीशु िे नकसी घर के फाटक पर आकर, िहाूं िडी खस्त्रयोूंमें से पूछा, िडके कहाूं र्ए? 4 और जब उन्होूंिे उिर नदया, नक िहाूं कोई िहीूं; प्रभु यीशु िे कहा, नजन्हें तुम भट्टी में दे िते हो िे कौि हैं? 5 उन्होूंिे उिर नदया, िे तीि तीि िषग के बािक थे। 6 तब यीशु िे ऊूंचे शब्द से नचल्लाकर कहा, हे बािको, अपिे चरिाहे के पास निकि आओ; 7 और तुरन्त िडके बािकोूं की िाईूं निकिकर उसके चारोूं ओर उछि​िे िर्े; नजसे खस्त्रयोूं िे दे िा, तो बहुत चनकत हुईूं, और काूंप उठीूं। 8 तब उन्होूंिे तुरन्त प्रभु यीशु को दण्डित् नकया, और उस से नबिती करके कहा, हे हमारे प्रभु यीशु, मररयम के पुत्र, तू सचमुच इस्राएि का अच्छा चरिाहा है! अपिी दानसयोूं पर दया कर, जो तेरे साम्हिे िडी रहती हैं, जो सिे ह िहीूं करतीूं, परन्तु हे यहोिा, तू उद्धार करिे को आया है, िाश करिे को िहीूं। 9 उसके बाद प्रभु यीशु िे कहा, इस्राएि की सन्ताि प्रजा में कूनशयोूंके समाि हैं; खस्त्रयोूं िे कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जािता है, और कोई बात तुझ से नछपी िहीूं; परन्तु अब हम तुझ से नबिती करते हैं, और तुझ से दया की प्राथगिा करते हैं, नक तू उि िडकोूंको उिकी नपछिी अिस्था में िौटा दे ।


10 तब यीशु िे कहा, हे िडको, इधर आओ, नक हम जाकर िेिें; और तुरूंत, इि मनहिाओूं की उपखस्थनत में, बच्चोूं को बदि नदया र्या और िडकोूं के आकार में िापस कर नदया र्या। अध्याय 18 1 अदार महीिे में यीशु िे िडकोूंको इकट्ठा करके, मािो िह कोई राजा हो, उिकी नर्िती की। 2 क्योूंनक उन्होूंिे उसके बैठिे के निये अपके िस्त्र भूनम पर नबछाए; और फूिोूं का मुकुट बि​िाकर उसके नसर पर रिा, और राजा के रक्षकोूं के समाि उसके दानहिे और बाएूं िडा हो र्या। 3 और यनद कोई िहाूं से र्ुजरता था, तो िे उसे पकडकर िे जाते थे, और कहते थे, यहाूं आकर राजा को दण्डित् करो, नक तुम्हारी यात्रा कुशि से हो जाए। 4 इतिे में, जब ये बातें चि रही थीूं, तो नकतिे मिुष् एक िडके को िाट पर निटाए हुए आए; 5 क्योूंनक यह िडका अपके सानथयोूंके साय पहाड पर िकडी बटोरिे को र्या या, और िहाूं तीतर का घोूंसिा पाकर, और अण्डे निकाि​िे के निथे हाथ डािा, और नजस निषैिे साूं प िे घोूंसिे में से छिाूंर् िर्ा दी, उसे डूं क मार नदया; यहाूं तक नक िह अपिे सानथयोूं से सहायता के निये नचल्लािे को नि​िश हुआ, और उन्होूंिे आकर उसे मरे हुए मिुष् के समाि पृय्िी पर पडा हुआ पाया। 6 तब उसके पडोसी आए और उसे िर्र में िापस िे र्ए। 7 परन्तु जब िे उस स्याि पर पहुूंचे जहाूं प्रभु यीशु राजा के समाि बैठा हुआ था, और दू सरे िडके उसके मूंनत्रयोूं के समाि उसके चारोूं ओर िडे थे, तो िडके उस से नमि​िे के निए नजसे साूंप िे काटा था दौडकर दौडे , और अपिे पडोनसयोूं से कहा, आओ और राजा को प्रणाम करो; 8 परन्तु जब उन्होूंिे दु िः ि के कारण आिे से इन्कार नकया, तो िडकोूं िे उन्हें अपिे पास िीूंच निया, और उिकी इच्छा के निरूद्ध उन्हें आिे को नि​िश नकया। 9 और जब िे प्रभु यीशु के पास आए, तो उस िे पूछा; िे उस िडके को नकस कारण िे र्ए थे? 10 और जब उन्होूंिे उिर नदया, नक उसे साूंप िे काटा है, तो प्रभु यीशु िे िडकोूं से कहा, आओ, हम चिकर उस साूंप को मार डािें। 11 परन्तु जब िडके के माता-नपता िे यह चाहा, नक उिका पुत्र मरिे पर या, तो उसे क्षमा नकया जाए; िडकोूं िे उिर दे कर कहा, क्या तुम िे िहीूं सुिा, नक राजा िे क्या कहा? आओ, हम चिें और िार् को मार डािें; और क्या तुम उसकी आज्ञा ि मािोर्े? 12 इसनिये चाहे िे चाहें या ि चाहें, िे उस सोफे को नफर से िापस िे आये। 13 और जब िे घोूंसिे के पास पहुूंचे, तो प्रभु यीशु िे िडकोूं से कहा, क्या साूंप का घात यही है? उन्होूंिे कहा, यह था. 14 तब प्रभु यीशु िे साूंप को बुिाया, और िह तुरन्त निकिकर उसके अधीि हो र्या; उस िे उस से कहा, जा और जो निष तू िे उस िडके में डािा है उसे चूस िे; 15 तब साूंप रें र्कर िडके के पास आया, और अपिा सारा निष नफर िीूंच निया। 16 तब प्रभु यीशु िे साूंप को ऐसा शाप नदया नक िह तुरन्त फटकर मर र्या। 17 और उस िे िडके को हाथ से छूकर उसे पहिे जैसा चूंर्ा कर नदया; 18 और जब िह रोिे िर्ा, तो प्रभु यीशु िे कहा, रोिा बि कर, क्योूंनक अब से तू मेरा चेिा ठहरे र्ा; 19 और यह िही शमौि किािी है, नजस का िणगि सुसमाचार में नमिता है। अध्याय 19 1 दू सरे नदि यूसुफ िे अपके पुत्र याकूब को िकनडया​ाँ बटोरिे को भेजा, और प्रभु यीशु उसके सूंर् चिा; 2 और जब िे उस स्याि पर पहुूंचे जहाूं िकडी थी, और याकूब उसे बटोरिे िर्ा, तो क्या दे िा, नक एक निषैिे साूंप िे उसे काट निया, और िह नचल्लािे और नचल्लािे िर्ा। 3 प्रभु यीशु उसे इस हाित में दे िकर उसके पास आए, और जहाूं साूं प िे उसे काटा था उस स्थाि पर फू​ूंका, और िह तुरन्त चूंर्ा हो र्या। 4 नकसी नदि प्रभु यीशु कुछ िडकोूं के साथ थे, जो घर की छत पर िेि रहे थे, और उिमें से एक िडका नर्रकर मर र्या।

5 नजस पर सब िडके भार् र्ए, और प्रभु यीशु घर की छत पर अकेिा रह र्या। 6 और िडके के कुटु खम्बयोूं िे उसके पास आकर प्रभु यीशु से कहा, तू िे हमारे बेटे को छत पर से िीचे फेंक नदया। 7 परन्तु उस िे इन्कार नकया, और नचल्लाकर कहिे िर्े, हमारा बेटा मर र्या, और उसी िे उसे मार डािा। 8 प्रभु यीशु िे उिको उिर नदया, मुझ पर उस अपराध का दोष ि िर्ाओ, नजसका तुम मुझे दोषी िहीूं ठहरा सकते, परन्तु आओ, हम आप ही िडके से पूछें, जो सत्य को प्रकाश में िाएर्ा। 9 तब प्रभु यीशु िीचे जाकर उस मरे हुए िडके के नसर के पास िडा हुआ, और ऊूंचे शब्द से कहा, हे जैि​िुस, हे जैि​िुस, तुझे नकस िे छत पर से िीचे फेंक नदया? 10 तब उस मरे हुए िडके िे उिर नदया, तू िे मुझे िहीूं, परन्तु ऐसे ही नकसी िे नर्राया है। 11 और जब प्रभु यीशु िे पास िडे िोर्ोूं से कहा, नक मेरी बातें ध्याि से मािें, तो उस चमत्कार के कारण जो िहाूं उपखस्थत थे, उि सभोूं िे परमेश्वर की स्तुनत की। 12 एक निनश्चत समय पर िेडी सेंट मैरी िे प्रभु यीशु को कुएूं से थोडा पािी िािे की आज्ञा दी थी; 13 और जब िह जि िेिे र्या, तो घडा पूरा भरकर टू ट र्या। 14 परन्तु यीशु िे अपिा िस्त्र फैिाकर जि नफर इकट्ठा नकया, और उस में अपिी माता के पास िे आया। 15 उस िे इस अद् भुत िस्तु से चनकत होकर इसे और सब िस्तुएूं जो उस िे दे िी थीूं, अपिी स्मृनत में रि छोडीूं। 16 नफर एक और नदि प्रभु यीशु कुछ िडकोूं के साथ िदी के नकिारे था, और उन्होूंिे छोटी िहरोूं के द्वारा िदी से जि निकािा, और मछनियोूं के छोटे -छोटे तािाब बिाए। 17 परन्तु प्रभु यीशु िे बारह र्ौरै याएूं बिाकर अपिे पोिरे के चारोूंओर तीि, तीि एक ओर रि दीूं। 18 परन्तु िह निश्रमनदि का नदि था, और हिािी का पुत्र यहदी पास आया, और उन्हें ये चीजें बिाते हुए दे िा, और कहा, क्या तुम सब्त के नदि इसी प्रकार नमट्टी की आकृनतयाूं बिाते हो? और िह उिके पास दौडा, और उिके मछिी-कुण्डोूं को तोड डािा। 19 परन्तु जब प्रभु यीशु िे अपिी बिाई हुई र्ौरै योूं पर तािी बजाई, तो िे चहचहाती हुई उड र्ईूं। 20 इतिे में हिािी का पुत्र यीशु के तािाब का िाश करिे को उसके पास आया, और जि िोप हो र्या, और प्रभु यीशु िे उस से कहा, 21 जैसे यह जि िोप हो र्या, िैसे ही तेरा प्राण भी िोप हो जाएर्ा; और ितगमाि में िडके की मृत्यु हो र्ई। 22 दू सरी बार, जब प्रभु यीशु यूसुफ के साथ साूंझ को घर आ रहा था, तो उसे एक िडका नमिा, जो उस पर ऐसा दौडा, नक उस िे उसे पटक नदया; 23 प्रभु यीशु िे उस से कहा, जैसे तू िे मुझे पटक नदया, िैसे ही तू भी नर्रे र्ा, और कभी ि उठे र्ा। 24 और उसी क्षण िडका नर्रकर मर र्या। अध्याय 20 1 यरूशिेम में जक्कई िाम का एक पुरूष भी था, जो स्कूि का अध्यापक था। 2 और उस िे यूसुफ से कहा, हे यूसुफ, तू यीशु को मेरे पास क्योूं िहीूं भेजता, नक िह उसकी पनत्रयाूं सीि िे? 3 यूसुफ सहमत हो र्या, और सेंट मैरी से कहा; 4 सो िे उसे उस स्वामी के पास िे आए; नजसिे उसे दे िते ही उसके निए एक िणगमािा नि​ि दी। 5 और उस िे उस से कहा, आिेफ कह; और जब उस िे अिेफ कहा, तो स्वामी िे उस से बेथ कहिे को कहा। 6 तब प्रभु यीशु िे उस से कहा, पनहिे मुझे अिेफ अक्षर का अथग बता, तब मैं बेथ का उच्चारण करू ूं र्ा। 7 और जब स्वामी िे उसे कोडे मारिे की धमकी दी, तब प्रभु यीशु िे उसे अिेफ और बेथ अक्षरोूं का अथग समझाया; 8 और अक्षरोूं के कौि से सीधे अूंक थे, कौि से नतरछे , और नकि अक्षरोूं के दोहरे अूंक थे; नजसके पास अूंक थे, और नजसके पास कोई िहीूं था; एक पत्र दू सरे से पहिे क्योूं र्या; और बहुत सी अन्य बातें िह उसे बतािे और


समझािे िर्ा, नजिके बारे में स्वामी िे स्वयूं कभी िहीूं सुिा था, ि ही नकसी पुस्तक में पढा था। 9 प्रभु यीशु िे स्वामी से आर्े कहा, ध्याि दे , नक मैं तुझ से क्या कहता हूं; नफर उसिे िणगमािा के अूंत तक एिेफ, बेथ, नजमेि, डे िेथ इत्यानद को स्पष्ट रूप से और स्पष्ट रूप से कहिा शुरू नकया। 10 इस पर स्वामी को ऐसा आश्चयग हुआ, नक उसिे कहा, मुझे निश्वास है नक यह िडका िूह से पनहिे उत्पन्न हुआ था; 11 और उस िे यूसुफ की ओर नफरकर कहा, तू िे एक िडके को मेरे पास नसिािे के निथे िाया है, जो सब र्ुरु से भी अनधक निद्वाि है। 12 उस िे सेंट मररयम से यह भी कहा, तेरे इस पुत्र को नकसी निद्या की आिश्यकता िहीूं। 13 नफर िे उसे एक अनधक निद्वाि र्ुरु के पास िे आए, और उस िे उसे दे िकर कहा, आिेफ कह। 14 और जब उस िे आिेफ कहा, तब स्वामी िे उस से बेत को कहिे को कहा; नजस पर प्रभु यीशु िे उिर नदया, पहिे मुझे अिेफ अक्षर का अथग बताओ, और नफर मैं बेथ का उच्चारण करू ूं र्ा। 15 परन्तु जब उस स्वामी िे उसे कोडे मारिे के निये हाथ उठाया, तब उसका हाथ सूि र्या, और िह मर र्या। 16 तब यूसुफ िे सेंट मररयम से कहा, अब से हम उसे घर से बाहर ि निकि​िे दें र्े; क्योूंनक जो कोई उसे अप्रसन्न करता है िह मार डािा जाता है। अध्याय 21 1 और जब िह बारह िषग का हुआ, तो िे उसे पब्बग में यरूशिेम में िे आए; और जब जेि​िार समाप्त हो र्ई, तो िे िौट र्ए। 2 परन्तु प्रभु यीशु मखिर में िैद्योूं, पुरनियोूं, और इस्राएि के पखण्डतोूं के बीच पीछे रहा; नजिसे उन्होूंिे सीि​िे के कई प्रश्न प्रस्तानित नकये और उिके उिर भी नदये: 3 उस िे उि से पूछा, मसीह नकस का पुत्र है? उन्होूंिे दाऊद के पुत्र को उिर नदया, 4 उस िे कहा, नफर िह आत्मा में उसे प्रभु क्योूं कहता है? जब िह कहता है, यहोिा िे मेरे प्रभु से कहा, तू मेरे दानहिे बैठ, जब तक मैं तेरे शत्रुओूं को तेरे चरणोूं की चौकी ि कर दू ूं । 5 तब एक रब्बी िे उस से पूछा, क्या तू िे पुस्तकें पढी हैं? 6 यीशु िे उिर नदया, उस िे दोिोूं पुस्तकें और जो पुस्तकें उि में थीूं, सब पढ िीूं। 7 और उस िे उिको व्यिस्था की पुस्तकें, और उपदे श, और निनधयाूं, और जो भेद भनिष्द्विाओूं की पु स्तकोूं में हैं समझा नदया; ऐसी चीजें नजि तक नकसी भी प्राणी का नदमार् िहीूं पहुूंच सकता। 8 तब उस िे कहा, हे रब्बी, ऐसा ज्ञाि तो मैं िे अब तक ि कभी दे िा, और ि सुिा है! आपको क्या िर्ता है िह िडका कैसा होर्ा! 9 तब िहाूं उपखस्थत एक िर्ोिशास्त्री िे प्रभु यीशु से पूछा, क्या तू िे िर्ोिशास्त्र का अध्ययि नकया है? 10 प्रभु यीशु िे उिर नदया, और उसे र्ोिे और आकाशीय नपूंडोूं की सूंख्या, और उिके नत्रकोणीय, िर्ागकार और षट् कोण पहिू भी बताए; उिकी प्रर्नतशीि और प्रनतर्ामी र्नत; उिका आकार और कई पूिागिुमाि; और अन्य चीजें नजन्हें मिुष् की बुखद्ध िे कभी िहीूं िोजा था। 11 उि में एक दाशगनिक भी था, जो शरीर निज्ञाि और प्राकृनतक दशगि में निपुण था, और उस िे प्रभु यीशु से पूछा, क्या तू िे शरीर निज्ञाि का अध्ययि नकया है? 12 उस िे उिर नदया, और उसे भौनतकी और तत्वमीमाूंसा समझा नदया। 13 और िे िस्तुएूं भी जो प्रकृनत की शखि से ऊपर और िीचे थीूं; 14 शरीर की शखिया​ाँ, उसके र्ुण और उिका प्रभाि। 15 और उसके अूंर्ोूं की नर्िती, और हनियाूं, िसें , धमनियाूं, और िानडया​ाँ ; 16 शरीर की अिेक सूंरचिाएाँ , र्मग और शुष्क, ठूं डी और िम, और उिकी प्रिृनिया​ाँ ; 17 आत्मा शरीर पर नकस प्रकार काम करता था; 18 इसकी निनभन्न सूंिेदिाएाँ और क्षमताएाँ क्या थीूं; 19 बोि​िे की शखि, क्रोध, इच्छा; 20 और अन्त में उसकी रचिा और निघटि का ढूं र्; और अन्य चीजें, नजि तक नकसी भी प्राणी की समझ कभी िहीूं पहुूंची थी। 21 तब उस तत्वज्ञािी िे उठकर प्रभु यीशु को दण्डित् करके कहा, हे प्रभु यीशु, अब से मैं तेरा चेिा और दास रहूंर्ा।

22 जब िे इि और ऐसी ही बातोूं पर चचाग कर रहे थे, तो िेडी सेंट मैरी, जोसफ के साथ तीि नदि तक घूमती हुई, उसे ढू ूं ढती हुई अूंदर आई। 23 और जब उस िे उसे िैद्योूंके बीच बैठा हुआ और उि से प्रश्न करते और उिर दे ते दे िा, तब उस से कहिे िर्ी, हे मेरे बेटे, तू िे हम से ऐसा क्योूं नकया? दे ि, मैं और तेरे नपता िे तुझे ढू ूं ढिे में बहुत कष्ट उठाया है। 24 उस िे उिर नदया, तुम िे मुझे क्योूं ढू ूं ढा? क्या तुम िहीूं जािते थे, नक मुझे अपिे नपता के घर में काम पर िर्ािा चानहए? 25 परन्तु जो बातें उस िे उि से कहीूं, िे उिकी समझ में ि आए। 26 तब िैद्योूं िे मररयम से पूछा, क्या यह उसी का पुत्र है? और जब उस िे कहा, िह था, तो उन्होूंिे कहा, हे धन्य मररयम, नजस िे ऐसे पुत्र को जन्म नदया। 27 तब िह उिके साय िासरत को िौट र्या, और सब बातोूंमें उिकी माि​िे िर्ा। 28 और उसकी माता िे ये सब बातें अपिे मि में रिीूं; 29 और प्रभु यीशु कद और बुखद्ध में, और परमेश्वर और मिुष् के अिुग्रह में बढता र्या। अध्याय 22 1 इस समय से यीशु अपके आश्चयगकमोंऔर र्ुप्त कामोूंपर पदाग डाि​िे िर्ा। 2 और िह अपिे तीसिें िषग के समाप्त होिे तक व्यिस्था का अध्ययि करता रहा; 3 उसी समय नपता िे यरदि के पास उसे अपिा कर नदिाया, और स्वर्ग से यह िाणी भेजी, नक यह मेरा नप्रय पुत्र है, नजस से मैं अनत प्रसन्न हूं; 4 पनित्र आत्मा कबूतर के रूप में भी मौजूद है। 5 यही िह है नजसकी हम बडे आदर के साथ आराधिा करते हैं, क्योूंनक उसी िे हमें जीि​ि और प्राण नदया, और हमारी माता के र्भग से नजिाया। 6 नजस िे हमारे निये मिुष् का शरीर धारण नकया, और हमें छु डाया, नक िह हमें अिन्त दया से र्िे िर्ाए, और अपिा स्वतूंत्र, बडा, उदार अिुग्रह और भिाई हम पर नदिाए। 7 अब से सिगदा उसकी मनहमा, स्तु नत, और सामथग, और प्रभुता होती रहे, आमीि।


Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.