याकूब आ लीआक पााँचमपुत्र इसाकर।
मन्द्रकके ललयेभाडाकालिपाापसंताि।ओ
सादगीकअपीलकरैतछलि .
1 इस्साकरकवचिकप्रलतलललप।
2 ओ अपि पुत्र सभ केाँ बजा कऽ कहललिि, “हे हमर बच्चा सभ, अहााँ सभक लपता
इसाकरक बात सुिू। जे प्रभुक लप्रय अलछ, ओकरवचिपरकािकरू।
3 हम याकूबक पााँचम पुत्र भेलहाँ, जे मंदरक
लकएकताँप्रभुहमरालतरस्कृतकयललि, आ हमयाकूबकसंताििलहजिौिे
अध्याय
1
भाडाकरूपमे देलगेलछल। 4 हमर भाय रूबेि खेत साँ मन्दर अििे छलाह आ राहेल हिका साँ भेंट कऽ कऽ लऽ गेलाह। 5 तखि रूबेि कािैत रहलाह आ हिकर आवाज पर हमर माय लीआ बाहर आलब गेलीह। 6 ई मन्द्रक मधुर गंधक िेबो छल जे हाराि देशमे पालिकखाईकिीचााँ उपजैतछल। 7 राहेल कहललिि, “हम अहााँ केाँ िलह देब, बल् लक ओ सभ हमरा लेल बच्चाक बदला मे होयत।”
छी। 9 दूटा िेबो छल। ललआ राहेल केाँ कहललिि, “अहााँ हमर पलत केाँ पकलड लेलहाँ, की अहााँ एलहसभकेाँ सेहोल’ लेब?” 10 राहेल ओकरा कहललिि, “आइ रालत तोहरपुत्रकमंदरकलेलयाकूबकसंगरहब। 11 ललआ ओकरा कहललिि, “याकूब हमर छलि, लकएक ताँ हम हिकर जवािीक पत्नी छी।” 12 मुदा राहेल कहललिि, “अपि घमंड िलह करूआअपिघमंडिलहकरू।ओहमरासाँ अहााँक समक्ष लववाह कयललि आ हमरा लेल चौदह वर्ा धरर हमरा सभक लपताक सेवा कयललि। 13जाँपृि्वीपरलशल्पिलहबल़ितैकआमिुर्् य सभक दुर्् टता िलह बल़ितैक ताँ अहााँ आब याकूबकमुाँहिलहदेखखतहाँ। 14 अहााँ हिकर पत्नी िलह छी, बल् लक हमरा बदला मे चालाकी साँ हिका लग लऽ गेल गेलहाँ। 15 हमर लपता हमरा धोखा दऽ कऽ ओलह रालत हमरा दूर कऽ देललि आ याकूब हमरा देखय िलह देललि। कारण जाँ हम ओतय रलहतहाँताँहिकासंगएहििलहभेलरलहतलि। 16 तैयो, मंद्रक लेल हम याकूब केाँ एक रालत लेलअहााँकलेलभाडापरराखखरहलछी। 17 याकूब लीआ केाँ लचन्हललि, आ ओ गभावती भ’ क’ हमरा जन्म देललि, आ भाडाककारणेाँहमरा इस्साकर कहलगेल। 18 तखि परमेश् वरक स् वगादूत याकूब केाँ प्रगटभऽकऽकहललिि, “राहेलदूटासंताि पैदा करतीह, कारण ओ अपि पलतक संगलत केाँ मिाकऽकऽअपिसंयमकेाँ चुििे छलि।” 19 जाँ हमर माय लीआ अपि संगलतक लेल दुिू िेबोक भुगताि िलह कररतलि ताँ हिका आठटाबेटाहोइतलि।एलहकारणेाँओछहटा जन्मदेललि आराहेलदुिू केाँ जन्मदेललि। 20 ओ जिैत छलाह जे संतािक कारणेाँ ओ याकूबक संग रहय चाहैत छलि, मुदा भोगलवलासकलेलिलह। 21 लकएक ताँ दोसर लदि सेहो ओ याकूब केाँ फेरसाँ छोलडदेललि। 22 एलह लेल परमेश् वर राहेलक बात सुिललि। 23 लकएक ताँ ओ हिका सभक इच्छा करैत छलीह, मुदा हिका सभ केाँ िलह, बल् लक प्रभुक घर मे च़िा देललि आ ओलह समय मे परमेश् वरकपुरोलहतकसमक्षच़िादेललि।
8
लकएक ताँ हम सभ गरीब आ दबल-
वरक लियमक पालि करू आ अलववालहत रहू, आ बेवकूफी मे चलू, अपि पडोसीक काज मे व्यस्तताक संग
24 हमर बच्चा सभ जखि हम पैघ भेलहाँ तखि हम सोझ मोि मे चललहाँ आ अपि लपता आ भाइ सभक लेल लकसाि बलि गेलहाँ आ खेत मे फल-फूल अपि समयक अिुसार अिलहाँ। 25 हमर लपता हमरा आशीर् देललि, लकएक ताँ ओ देखललि जे हम हिका सोझााँ ठीकठाकचलैतछी। 26 हम अपि काज मे व्यस्त िलह छलहाँ, आ िे पडोसीक प्रलत ईर्ष्ाा आ दुभााविापूणा छलहाँ। 27 हम कलहयो ककरो लिन्दा िलह केलहाँ आ िे ककरो जीविक लिन्दा िलह केलहाँ, जेिा हमएकआाँखखमे चलैतछलहाँ। 28 तेाँहम पैंतीस वर्ाक उम्र मे एकटा पत्नीक संग लववाह कऽ लेलहाँ, लकएक ताँ हमर पररश्रमसाँहमरसामि्ा यखतमभऽगेलछल आहमस्त्रीगणकसंगभोग-लवलासकलवर्य मेकलहयोिलहसोचलहाँ।मुदाहमरपररश्रमक कारणेाँिींदहमरापरहावीभ’ गेल। 29 हमर लपता सलदखि हमर सद्गुण पर आिखन्दत रहैत छलाह, लकएक ताँ हम पुरोलहतक माध्यमे प्रभुक समक्ष सभटा प्रिम फल च़िबैत छलहाँ। तखि हमर लपताजी केाँ सेहो। 30 प्रभु हमरा हाि मे अपि लाभ केाँ दस हजारगुिाब़िादेललि।आहमरलपतायाकूब सेहो जिैत छलाह जे परमेश् वर हमर अलववालहतता मे सहायताकरैतछलि।
कुचलललोकसभकेाँ अपिहृदयमेपृि्वीक िीक-िीकवस्तु सभकेाँ देलहाँ। 32 आब, हमरबच्चा सभ, हमर बातसुिू, आ अपिहृदयसाँएकलतामेचलू, लकएकताँहम एलह मे सभ लकछु देखलहाँ जे प्रभु केाँ िीक लगैतअलछ। ' . 33 एक लवचारक लोक सोिाक लालसा िलह करैत अलछ, अपि पडोसी केाँ बेसी िलह ब़िबैत अलछ, ओ अिेक तरहक भोगलवलासक लेल तरसैत िलह अलछ, आ तरहतरहकेरपररधािमे प्रसन्निलहहोइतअलछ। 34 ओदीघाायुजीबाकइच्छािलहरखैतअलछ, बल् लक मात्र परमेश् वरक इच्छाक प्रतीक्षा करैतअलछ। 35 धोखाक आत् मा ओकरा पर कोिो सामर्थ्ा िलह रखैत अलछ, लकएक ताँ ओ स् त्रीगणकसौन्दया लदसिलहतकैतअलछ, जालह साँ ओ अपि मि केाँ भ्रष्ट िलह कऽ सकैत अलछ। 36 ओकर लवचार मे ईर्ष्ाा िलह होइत छैक, कोिो दुभााविापूणा व्यखि अपि आत्मा केाँ धुाँधला िलह करैत अलछ, आ िे मि मे अतृप्त इच्छासाँ लचन्ताकरैत अलछ। 37 लकएक ताँ ओ एकल आत् मा मे चलैत अलछ आ सभ लकछु केाँ सोझ हृदय साँ देखैत अलछ आ संसारक भ्रष्टाचार साँ दुष्ट आाँखख साँ परहेज करैत अलछ, जालह साँ प्रभुक कोिो आज्ञाकलवकृततािलहदेखखसकैतअलछ। 38 एलहलेल, हमरसन्तािसभ, परमेश्
िलह खेलू, बल् लक प्रभु आ अपिपडोसीसाँप्रेमकरू, गरीबआकमजोर परदयाकरू। 39 खेती-बाडीक लेल पीठ झकाउ आ सभ तरहक खेती-बाडी मे पररश्रम करू आ धन्यवादकसंगप्रभु केाँ वरदाि च़िाउ। 40 लकएकताँपरमेश्वरपृि्वीकपलहलफल साँ अहााँ सभ केाँ आशीवााद देलिि, जेिा ओ हालबल साँ एखि धरर सभ पलवत्र लोक केाँ आशीवााददेललि। “
31
2 लिदोर्ताछोलड, दुभााविाकिजदीक
आलबजायत।आप्रभुकआज्ञाछोलडओसभ बेललयारसाँ लचपकल रहताह।
3 खेती-बाडीछोलडओसभअपिदुर्् ट
योजिाकअिुसरण करतआगैर-यहूदी सभकबीचलततर-लबतरभऽ जायतआ अपिशत्रु सभकसेवाकरत।
4 तेाँकीअहााँ सभअपिबच्चासभकेाँ ई आज्ञादैतछीजे जाँ ओसभपापकरतताँ ओ सभजखिये प्रभुकलगघुररजालि।कारण
11
यकेाँ रखलहाँ।
14 हमप्रभु साँ प्रेमकरैतछलहाँ।तलहिाप्रत्
येकमिुर्् यसाँ।
15 हमरबच्चासभ, अहााँ सभसेहोईसभ
करू, आबेललयारकसभआत् माअहााँ सभ साँ भालगजायत, आदुष्टलोकककोिोकाज
अहााँ सभपरराजिलहकरत।
16 अहााँ सभहरेकजंगलीजािवरकेाँ अपिा वशमे राखब, लकएकतऽअहााँ सभकसंग
स् वगा-पृथ्वीकपरमेश् वरछलिआमिुर्् य
सभकसंगएकलहृदयमे चलब।
17 ईबातकलहकऽओअपिपुत्र सभकेाँ
आज्ञादेललििजे ओसभहिकाहेब्रोिलऽ
कऽ ओतलहगुफामे
42हमरासभकलपतायाकूबहमरापृि्वीआ पलहल फलक आशीर् दऽ कऽ आशीवााद देललि। 43 लेवी आ यहूदा केाँ याकूबक पुत्र सभक बीच परमेश् वर द्वारा मलहमा कयल गेललि। कारण, प्रभु हिका सभ केाँ उत्तरालधकार देललि, आलेवीकेाँ पुरोलहतककाजआयहूदा केाँ राज्यदेललि। 44तेाँकीअहााँसभहिकासभकआज्ञामािैत छी आ अपि लपताक अलववालहतता मे चलैत छी। लकएक ताँ इस्राएल पर आलब रहल सेिा सभक िाश करबाक लेल गाद केाँ देल गेल अलछ।” अध्याय 2 1 हे हमरसन्तािसभ
, अहााँ सभईजालि ललअजे अंलतमसमयमे अहााँ सभकपुत्रसभ अतृप्तवासिासाँ लचपकलरहत।
अपिा देशमे वापसअिबाकलेल उद्धारकरताह।
, जेिाअहााँ सभदेखैतछी, हमएक सयछब्बीसवर्ाकछीआकोिोपाप करबाकज्ञाििलहअलछ। 6 अपिस् त्रीकेाँ छोलडहमकोिोस् त्रीकेाँ िलहलचन्हलहाँ।आाँखखउठबैतकलहयो व्यलभचार िलहकेलहाँ। 7 हममलदरािलहपीलहाँ जालहसाँ भटलक जायब। 8 हमराकोिोएहिवांछिीयवस्तुकलालसा िलहछलजे हमरपडोसीकछल। 9 हमरहृदयमे छल-कपटिलहउठल। 10 एकटाझूठहमरठोरसाँ िलहगुजरल।
, ओदयालु छलि, आहिकासभकेाँ
5 तेाँदेखू
जाँ केओलवपलत्तमे पडैतछलतऽहम
केाँ ओकरआहसाँ जोडैतछलहाँ।
हमअपिरोटीगरीबसभकसंगबााँलट देललयैक। 13 हमपरमेश् वरकभखिकरैत रहलहाँ, भररलदिसत्
अपिआह
12
अपिपूवाजसभकसंग गालडदेलिि।
हरअंगकआवाजकसंग, आअलवराम शखिकसंग, ओशाश्वतिींदसुलत गेलाह |
18 ओअपिपएरपसाररकऽमररगेलाह।