Maithili - Bel and the Dragon

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अध्य 1 1 राजा असात्य अपन पूर्ज लत जमा भऽ त्लाह आ फारयक कोरय अपन राज पार कयलनन। 2 तखन दाननयल राजा यँ तप-यप कयलनन आ हनकर यभ नमत यँ ब्यी आदर कयल त्लनन। 3 ब्नबलोन म् ब्ल नामक मूनत् छल, आ ओकरा पर पनतनदन बारह पैघ नाप महीन आटा, चालीय भ्ड आ छह बत्न मनदरा खयैत छल। 4 राजा एकर आराधना करै त छलाह आ पनतनदन एकर आराधना करबाक ल्ल जाइत छलाह, मुदा दाननयल अपन परम्श् ररक आराधना करै त छलाह। राजा हनका कहलनिन, “अहाँ ब्लक आराधना नकएक ननह करै त छी?” 5 ओ उतर द् लनिन, “नकएक तँ हम हाि यँ बनल मूनत् यभक आराधना ननह कऽ यकैत छी, बल् नक जीनरत परम्श् ररक आराधना कऽ यकैत छी, ज् य् रत् आ पृि् री क्ँ यृन् क्न् छनि आ यभ पारी पर पभुभ रखैत छनि।” 6 तखन राजा हनका कहलनिन, “की अहाँ क्ँ ई ननह लतैत अनछ ज् ब्ल जीनरत परम्श् रर छनि?” की अहाँ ननह द् खैत छी ज् ओ यभ नदन कत्क खाइत-पीबैत अनछ? 7 तखन दाननयल मुसुराइत कहलनिन, “ह् राजा, धोखा ननह खाउ, नकएक तँ ई भीतर मानट आ बाहर पीतल मात अनछ, आ कनहयो नकछु ननह खयलनन आ ननह पीलनन।” 8 तखन राजा कोनधत भऽ अपन पुरोनहत यभ क्ँ बजा कऽ कहलनिन, “जँ अहाँ यभ हमरा ई ननह कहब ज् ई क् अनछ ज् एनह खच् यभ क्ँ खा रहल अनछ तँ अहाँ यभ मरर जायब।” 9 मुदा जँ अहाँ यभ हमरा ई पमानरत कऽ यकैत छी ज् ब्ल ओकरा यभ क्ँ खा जाइत अनछ तँ दाननयल मरर ज्ताह, नकएक तँ ओ ब्लक ननना कयलनन अनछ। दाननयल राजा क्ँ कहलनिन, “अहाँ क रचनक अनुयार होअय।” 10 ब्लक पुरोनहत यभ अपन य् ती-पत् य आ यन् तान छोनड यतरर पुरोनहत छलाह। राजा दाननयलक यंत ब्लक मन् नदर म् त्लाह। 11 तखन ब्लक पुरोनहत यभ कहलनिन, “द् खू, हम यभ बाहर जा रहल छी। 12 काल् जखन अहाँ भीतर जायब तँ जँ अहाँ ननह द् खब ज् ब्ल यभटा खा त्ल अनछ तँ हमरा यभ क्ँ मृतुक यामना करय पडत। 13 ओ यभ एनह बात क्ँ कननको धान ननह द् लक, नकएक तँ ट् बुलक नीचाँ ओ यभ एकटा तुर पर्श दार बनौन् छल, जानह यँ ओ यभ ननत पर्श करै त छल आ ओनह यभ रसु यभ क्ँ भस कऽ दै त छल। 14 ओ यभ जखन बाहर ननकललाह तँ राजा ब्लक यमक भोजन रालख द् लनिन। दाननयल अपन नोकर यभ क्ँ आजा द् न् छलाह ज् ओ यभ भस आनन कऽ यभ मंनदर म् अयतर् राजाक योझाँ म् पयारर द् लनिन। 15 रानत म् पुरोनहत यभ अपन य् ती आ बचा यभक यंत अबैत छलाह, ज्ना हनका यभक आदनत छलनन। 16 भोर म् राजा उठलाह आ दाननयल य्हो हनका यंत। 17 राजा पुछलनिन, “दाननयल, की मुहर यभ ठीक अनछ?” ओ कहलनिन, “हँ, ह् राजा, ओ यभ स्ि भ’ जाउ।” 18 जखन ओ दरबजा खोनल कऽ राजा ट् बुल नदय तकलनन आ जोर-जोर यँ नचनचया उठलनन, “ह् ब्ल, अहाँ पैघ छी, आ अहाँ क यंत कोनो छल-पपंच ननह अनछ।” 19 तखन दाननयल हँ नय कऽ राजा क्ँ पकनड कऽ कहलनिन ज् ओ भीतर ननह जानि।

20 राजा कहलनिन, “हमरा पुरु, सी आ बचा यभक कदम द् खाइ पडै त अनछ।” तखन राजा तमया त्लाह, 21 ओ यभ पुरोनहत यभ क्ँ अपन य् ती-पत् नी यभक यंत लऽ त्लाह आ ओ यभ हनका यभक भीतरक दरबजा द् खौलनन आ ट् बुल पर ज् नकछु छल य् भस कऽ द् लनिन। 22 त् ँ राजा हनका यभ क्ँ मारर द् लनिन आ ब्ल क्ँ दाननयलक अनधकार म् यौंनप द् लनिन। 23 ओनह ठाम एकटा पैघ अजतर छल, जकर पूजा बाबुलक लोक यभ करै त छल। 24 राजा दाननयल क्ँ कहलनिन, “की अहाँ ईहो कहब ज् ई पीतल अनछ?” द् खू, ओ जीनरत अनछ, ओ खाइत-पीबैत अनछ। अहाँ ई ननह कनह यकैत छी ज् ओ कोनो जीनरत द् रता ननह छनि। 25 तखन दाननयल राजा क्ँ कहलनिन, “हम अपन परम्श् ररक आराधना करब, नकएक तँ ओ जीनरत परम्श् रर छनि।” 26 मुदा, ह् राजा, हमरा अनुमनत नदअ, हम एनह अजतर क्ँ नबना तलरार आ लाठीक मारर द् ब। राजा कहलनिन, हम अहाँ क्ँ नरदाई दै त छी। 27 तखन दाननयल पीय, मोट आ क्श लऽ कऽ ओकरा यभ क्ँ उबानल कऽ तां ठ बना ल्लक पूजा. 28 ई बात युनन बाबुलक लोक यभ बहत कोनधत भऽ राजा पर यानजश रचलनन, “राजा यहदी बनन त्ल अनछ आ ब्ल क्ँ न् कऽ द् लक, ओ अजतर क्ँ मारर द् लक आ पुरोनहत यभ क्ँ मारर द् लक।” 29 ओ यभ राजा लत आनब कहलनिन, “दाननयल हमरा यभ क्ँ बचाउ, ननह तँ हम यभ अहाँ आ अहाँ क घर-परररार क्ँ न् कऽ द् ब।” 30 राजा द् लख ज् ओ यभ ओकरा बहत दबा कऽ दबौन् छनि, तखन ओ दाननयल क्ँ हनका यभक हाि म् यौंप द् लनिन। 31 ओ ओकरा नयंहक मां द म् फ्नक द् लक। 32 ओनह मां द म् यातटा नयंह छल, आ ओ यभ ओकरा यभ क्ँ पनतनदन दू टा शर आ दू टा भ्ड ँ ा दै त छल। 33 यहदी धम् म् हबाकुक नामक एकटा पररा छलाह, ज् रोटी बना कऽ कटोरा म् रोटी तोनड कऽ ख्त म् जा रहल छलाह ज् कटनी करय बला यभ लत अनबाक ल्ल। 34 मुदा परम्श् ररक य् रत्दूत हबाकूक क्ँ कहलनिन, “जाउ, ज् भोजन अनछ य् बानबलोन म् ल’ जाउ, दाननयल लत, ज् नयंहक मां द म् अनछ।” 35 हबाकूक कहलनिन, “पभु , हम कनहयो बाबुल ननह द् खलहँ । आ न् हमरा बुझल अनछ ज् मां द कतय अनछ। 36 तखन परम्श् ररक य् रत्दूत हनका मुकुट पकनड कऽ मािक क्श पकनड ल्लनन आ हनकर आत् माक पचंचक कारर् ँ हनका ब्नबलोन म् मां दक ऊपर रालख द् लनन। 37 हबाकूक नचनचया उठल, “ह् दाननयल, दाननयल, परम्श् रर ज् भोजन पठौन् छनि, य् लऽ नलअ।” 38 दाननयल कहलनिन, “ह् परम्श् रर, अहाँ हमरा मोन पाडलहँ । 39 तखन दाननयल उनठ कऽ भोजन कयलनन, तखन परम्श् ररक य् रत्दूत हबाकूक क्ँ फ्र यँ अपन ्िान पर रालख द् लनन। 40 यातम नदन राजा दाननयल क्ँ नरलाप करऽ ल्ल त्लाह, तखन ओ माध् य म् पहँ चला पर भीतर तकलनन आ द् खलनन ज् दाननयल बैयल छलाह। 41 तखन राजा जोर-जोर यँ नचनचया उठलनन, “दाननयलक परम्श् रर बहत पैघ छनि, आ अहाँ क अनतररर दोयर नकयो ननह अनछ।” 42 ओ ओकरा बाहर ननकानल कऽ ज् यभ ओकर नरनाशक कारर छल, ओकरा यभ क्ँ मां द म् फ्नक द् लक।


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