जूड अध्याय 1 1 यीशु मसीहक सेवक आ याकूबक भाय यहूदा, जे सभ पिता िरमेश ् वर द्वारा िपवत्र कयल गेल अछि आ सुरक्षित कयल गेल अछि यीशु मसीह मे, आ कहल जाइत अछि।
2 अहााँ सभ िर कृिा आ शान्तत आ प्रेम बढ़य।
3 पप्रयतम, जखन हम अहााँ सभ केँ सामातय उद्धारक पवषय मे ललखबाक िूरा प्रयास केलहुाँ, तखन हमरा लेल ई आवश्यक िल
अहााँ सभ केँ ललखैत अछि आ अहााँ सभ केँ आग्रह करै त अछि जे एक बेर िपवत्र लोक सभ केँ दे ल गेल पवश्वासक लेल गंभीरतािूववक संघषव करू सौंिल गेल अछि।
4 ककएक ताँ ककिु लोक अनजाने मे घुलस गेल अछि, जे एहह तयायक लेल िूववछनधावररत अछि, दष्ु ट
जे लोग हमरऽ िरमेश ् वर के अनुग्रह कॅ स्वतंत्रता में बदली दै िै आरू एकमात्र प्रभु िरमेश ् वर आरू हमरऽ प्रभु यीशु मसीह िै त्याग कयलछन
5 तखन हम अहााँ सभ केँ मोन िाड़ब, यद्यपि अहााँ सभ एक बेर ई बात जनैत िलहुाँ, जे प्रभु, जखन ओ लोक सभ केँ बाहर िठौलछन लमस्र केँ बचा लेलक, तखन अपवश्वासी सभ केँ नष्ट कयलक।
6 जे स ् वगवदत ू सभ अिन िहहल स्थान नहह रखलछन, बल ् कक अिन छनवास िोडड़ दे लछन, हुनका नीचााँ अनतत जंजीर मे बान्तह दे लछन अछि महान हदनक तयाय धरर अतहार राखल गेल।
7 ओहहना सदोम आ अमोरा आ ओकर आसिासक नगर सभ जकााँ व्यलभचार आ...
पवचचत्र मांसक िािााँ गेलाह, उदाहरण बनू, जखन कक ओ सभ अनतत आचग केर प्रछतशोध भोगैत िचथ |
8 तहहना ई गंदा सिना दे खछनहार सभ शरीर केँ अशुद्ध करै त िचथ, प्रभुत्व केँ छतरस्कृत करै त िचथ आ मयावदाक अधलाह बजैत िचथ। 9 मुदा महास्वगवदत ू माइकल जखन मूसाक शवक पवषय मे जे शैतान साँ झगड़ा कयलछन, तखन ओ नहह कयलछन
हुनका िर कोनो छनतदनीय आरोि लगेबाक हहम्मत नहह केलछन, बल ् कक कहलछन: प्रभु अहााँ केँ डााँटचथ। 10 मुदा ओ सभ जे बात नहह जनैत अछि, तकरा िर अधलाह बजैत अछि। मुदा जे प्रकृछत साँ जनैत अछि, से क्रूर जानवर जकााँ, एहह साँ अिना केँ नष्ट क' लैत अछि। 11 चधक्कार हुनका सभक लेल! ककएक ताँ ओ सभ कैनक बाट िर चलल गेल आ लोभ साँ बबलामक गलतीक िािााँ दौड़ल िुरस्कार, आ कोर के पवरोधाभास में नष्ट भ गेल।
12 ई सभ अहााँ सभक प्रेमक भोज मे दाग अछि, जखन ओ सभ अहााँ सभक संग भोज करै त अछि आ छनभीक भोज करै त अछि
की ओ सभ िाछन रहहत, हवाक कारणेँ घुमाओल जाइत अछि। गाि जकर फल मुरझा जाइत अछि, बबना फल के, दू बेर मरर गेल, तक जडड़ उखाडड़ दे ल गेल;
13 समुद्रक उग्र लहरर, अिन लाज फेन बछन रहल अछि। भटकैत तारा, न्जनका अतहार के अतहार सदाक लेल सुरक्षित अछि।
14 आदम साँ सातम हनोक सेहो हुनका सभक पवषय मे भपवष्यवाणी कयलछन आ कहलछन, “दे खू, प्रभु दस हजार लोकक संग आबब रहल िचथ ओकर संत, २.
15 सभ िर न ् याय करबाक लेल आ ओकरा सभ मे साँ सभ दष्ु ट केँ अिन सभ दष्ु कमवक दोषी ठहराबय लेल
जे ओ सभ दष्ु टतािूववक कयलछन, आ ओकर सभ कठोर बात जे दष्ु ट िािी सभ हुनका पवरुद्ध कयलछन अछि।
16 ई सभ गुनगुनाहहट आ लशकायत करऽ वला अछि जे अिन इच्िाक अनुसार चलैत अछि। आ हुनका लोकछनक मुह ाँ बहुत उत्साह बजैत अछि शब्द, लोक के फायदा उठाबय के प्रशंसा के संग.
17 मुदा, पप्रय लमत्र लोकछन, हमरा सभक प्रभु यीशु मसीहक प्रेररत सभक द्वारा िहहने कहल गेल बात सभ केँ मोन राखू।
18 ओ सभ अहााँ सभ केँ कोना कहलचथन जे अंछतम समय मे एहन उिहास करयवला लोक सभ होयत जे अिन दष ु ् ट लोकक अनुसार काम-वासना अवश्य चलैत अछि।
19 ई सभ ओ सभ िचथ जे आत ् माक बबना कामुक रूिेँ अिना केँ अलग करै त िचथ।
20 मुदा, पप्रयतम, अहााँ सभ िपवत्र आत ् मा साँ प्राथवना करै त अिन िरम िपवत्र पवश ् वास िर अिना केँ मजबूत करू। 21 अिना केँ िरमेश ् वरक प्रेम मे राखू, जाबत धरर अहााँ सभ हमरा सभक प्रभु यीशु मसीहक दयाक आशा मे रहू अनतत जीवन।
22 ककिु गोटे क संग दया करू, जाहह साँ कोनो फकव िड़ैत अछि।
23 आ दोसर लोक सभ आचग मे साँ छनकालल कऽ डर साँ उद्धार करै त अछि। मांस साँ दागदार वस्त्र साँ सेहो घृणा करू। 24 जे अहााँ सभ केँ खसय साँ बचा सकैत अछि आ अिन महहमाक सामने अहााँ सभ केँ छनदोष राखख सकैत अछि
बहुत आनतद साँ सेट, 25 एकमात्र ज्ञानी िरमेश ् वर, जे हमरा सभक उद्धारकताव िचथ, केँ महहमा आ महहमा, प्रभुत्व आ सामथ ्व य एखन आ अनन ् त काल मे रहय। आमीन