SILSILA- Hamara Jeevan Hamare Sanskaar.

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Dr Ram Lakhan Prasad
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3 सिलसिला हमारे जीवनके कुछख़ाि सवचारधारा प्रस्तुतकताा डॉक्टररामलखनप्रिाद २०२३
4 िमर्ाण मैंअर्नेइिसनबंधकोअर्नेर्ूवाजों के नामिमसर्ातकरताहूँक्ोंसक उन्हीके िौजन्यिेहमनेअर्नेइन बहुमूल्यसवचारधाराकोरचिका हूँ। उनकीआसिबााद, दयाऔर िुभकामनािदाहमारे मनमंसदर मेंबनीरहे।
5 भूसमका हमारीयहभूसमकाइिर्ुस्तककीलघु-कथाहैजोहमारे र्ाठकोंको वोिबिंक्षेर्में बतादेगीकीमैं क्ोंऐिासलखाहूँ जोयहाूँ प्रतुतहै। यह र्ुस्तक हमारी आखरी रचना है सजि में हमने अर्ने जीवन के िफर की ऐिी ख्यालों को प्रतुत सकया है मानलो की हमने अर्ने जीवन के कुछ ख़ािअंिोंको बड़े जतनिे सलखाहै सजन कोहमारे र्ाठकगणजरूरर्िंदकरेंगे। हमने इन सवचारधाराओं को अर्ने जीवन के सिलसिले में बचाता चलाआरहाथालेसकनअबजबउम्र८४ िे ज्यादाकीहो चुकीहै तो इनको कोई ऐिा रूर् देना ही र्ड़ा सजिे हमारे जाने के बाद हमारे लोगइन ख्यालोंकोर्ढ़ें औरअमलकरें। मैं ने अर्ने जीवन कालमें ८० िे ज्यादा रचनाओं को जनम सदया है जो र्ुस्तक, र्ुस्तस्तका और अन्यरूर्मेंहमारे घरके आलमारीकोिजारहीहैं। इि र्ुस्तक को सलखते िमय हमने इि बात का ध्यान रखा था की जो भी सवचार को मैं प्रतुत करूूँ वो िास्तिक, सवश्विनीय और उर्योगीहो। मैंनेअर्नेजीवनके सिलसिलेकोएकग्रामीणबालक, एक िफल सकिान का िुर्ुत्र और एक दरदसित नवजवान के तरह सबताया है और जब र्ढ़ सलख कर काम के सलए तैयार हुवा तो अध्यार्न करने और िमाज की िेवा में जुट गया था। इि के बाद कई क्षात्रवृसतयों ने मुझ को सवद्यालंकार बनाने में िहारा देती रही तथामैं सिक्षासवभाग, िमाज औरव्यार्ाररक क्षेत्रमें अर्नािहयोग देता रहा। जहाूँ हमने अर्ने र्ररवार की र्रवररि बड़े गुमान िे सकया वही दसनया के कई देिोंका भ्रमण सकया और कई िंस्थाओं कोअर्नासवचारप्रकटकरतारहा।यहहमारीखुिसकस्मतीथीकी हम ने कई स्थानीय और अतराष्ट्ीय अध्यार्क िंघोंका र्दासधकारी रहा और अर्ने सवचारों तथा गुणों को देता और लेता रहा। अर्ने जन्मभूसम सफजी की र्चाि वर्षों के िेवा के बाद हमने १९९५ में ऑस्ट्रेसलया के सिक्षा सवभाग में भी १२ वर्षों तक उचकोटी का अध्यार्ककार्दभीिंभाला। इिके बादहमने २००२ में अवकाि
6 ग्रहण कर ली और अर्ने घर आूँगन को मंसदर का रूर् दे कर िांसत जीवनसबतानेलगा। इिजीवनमेंहमनेबहुतकुछर्ायाहै, बहुतकुछिीखाहैतथाबहुत कुछ सलया सदया भी है। यह िब र्रमात्मा का अिीम कृर्ा था और हमारा जीवन िदा िंतोर्ष का मागा था। हमारे जीवन के सिलसिले की िब िे कीमती धरोहर हमारा र्ररवार, हमारे दोस्त और हमारे अड़ोि र्ड़ोि के लोग थे सजनके िौजन्य िे हम ने अर्ना िारा जीवनिुख, ख़ुिीऔरिांसतिेसबतातारहा। यह जीवन का सिलसिला तो जारी रहेगा जब तक हमारे िांि चलते हैं लेसकन एक बात की मुझे नाज़ है की हमारा यह जीवन एक िफल जीवन रहा है और हम एक िंतोर्षी मानव का सजंदगी सबता कर जब जाएंगे इि िंिार को छोड़ कर तो ख़ुिी के गीत गाते जाएंगे। मुझे जो कुछ भी समला है इि सजंदगीमें िायद सकिी और मानव के निीबमेंरहाहोतोचलोअर्नेप्राथानािे इिभूसमकाकाअंतकरतें हैं। िवेर्षांस्वस्तस्तभावतु। िवेर्षांिास्तिभावतु। िवेर्षांर्ूनंभवतु। िवेर्षांमड्गलंभवतु॥ ॐिांसतिांसतिांसत।
7 प्रस्तावना इि सनबंध का र्ररचय आवश्यक है क्ूंसक र्ाठकोंको यह जानना जरुरी है की इि लेख की उत्पसत कहाूँ और कैिे हुयी है। अर्ने जीवन काल में मैं िदा िे अर्ने सनजी सवचारोंको िमय िमय र्र प्रकासितकरतारहाहूँ। हमारीलेखनीहमारे इनसवचारोंकोहमारे सकतने र्ुस्तकों के र्न्नो र्र सबखेरती रही है। मैं इन िब अनमोल सवचारोंकोइिप्रकािनमेंरचरहाहूँ।हलासकमैंएकमानवरूर्में इि िंिार में अर्ने माता सर्ता के वीर िे उत्पन्न हुवा था और जब हमारे इिर्ांचतत्तवोंकीनािवानिरीरमें र्रमात्माने जीवआत्मा डाला था तो मैं एक चलता सफरता र्ुजाा बन गया था। जैिे जैिे उम्र बढ़ती गयी वैिे वैिे मुझ में ज्ञान, ध्यान और िान की बढ़िी र्रम सर्ता र्रमेश्वर, हमारे गुरुजनो और हमारे बुजुगों के कृर्ा िे होती रही। मैं इििंिारमें नकुछले करआयाथाऔरनहीकुछलेकर जाऊूँगा। इतना जरूर है की मुझे इि िंिार में आने का कोई मकिद तो जरूर रहा होगा। उिी मकिद की र्ूसता मैं अर्ने िारे जीवन काल में अर्ने र्ररवार, दोस्तोंऔर िमाज की िेवा में लगा रहा। हमारा यह जीवन उतना ही लाभदायक और बहुमूलय रहा है सजतना हमने इि को बनाने में कामयाब हुए हैं। िमयके मुतासबक इि नािवान िरीर का भी अंत होना है जब इि में िे र्रमात्मा का सदया हुवा सजउ आत्मा सनकल कर या तो सनवााणा प्राप्त कर लेगा या दिर िरीर का अंग बन जाएगा। हमारे इि िरीर का कोई मूल्य नहींरहजाएगाउिमेंिेजबआत्मासनकलजाएगा। तबइििरीर को उन र्ांचोंतिोंमें लौटना र्ड़ेगा। इि सलए हम ने अर्ने अंसतम िंस्कार का प्रबंध सबना कोई िंस्कार या जनिमूह के उर्स्तस्तसथ में एक अंसतम िंस्कार करने वाली िंथा को िौंर्ा है जो मेरे सनधन के बादमेरे मृतकिरीरकोसकिी अज्ञातिमिानस्थानर्रकरदेगी। इि के बाद हमारे र्ररवार या िमाज को हमारे सलए कोई भी प्रकार कीिंस्कारकोकरनेकीजरुरतहीनहींर्ड़ेगी।
8 जबिरीरमेंआत्मायाजानहीनहींतोउिकोतोउनर्ांचोतिोंमें समलाना ही िमझदारी है। देखा जाता है की हमारे सनधन के बाद लोगआतेंहैऔरअर्नािहानुभूसतप्रकटकरनेके सलएनचाहतेहुए भी कोई न कोई अच्छाई को ढूंढते हैं तथा र्ाररवाररक लोग को जहाूँ खचे उठाने र्ड़ते हैं वही अक्सर सदखावा के सलए िोच सिक्र करनी र्ड़ती है। यह िब बेसफजूल की काया है इि सलए इनको र्ाखंड ही िमझनागनीमतहै। ततश्चानुसदनंधमाः ित्यंिौचंक्षमादया। कालेनबसलनाराजन्नङ्क्ष्यत्यायुबालंस्मृसतः धमा, ित्यवासदता, स्वच्छता, िसहष्णुता, दया, जीवन की अवसध, िारीररकिस्तिऔरस्मृसतिभीसदन-ब-सदनघटतीजाएगी।
9 हमाराजीवनहमारे िंस्कार “हे मेरे र्रम सर्ता र्रमेश्वर आज सफर आर्ने एक और असत िुन्दर िुबह मेरे झोली में सबना मांगे ही डाल दी है और अब इतना दया करना प्रभु की हमारा हर एक लम्हा आर् के ही मजी के मुतासबक गुजरे ठीक ऐिी ही काबसलयत मुझको देते रहना भगवन।“ मैं आज अर्ना र्लक झका कर और िर नवा कर अर्ने िभी र्ाठकोंको नमन और नमस्कार करता हूँ तथा ऐिा करते हुए अर्ने सदल और सदमाग के िभी सवचारोंऔर दवाओ को आर् िब के नाम करता हूँ। बि इतनी िी ख्वासहि है की आर् िब हमारे इि प्रकािन और प्रस्तुसत को र्ढ़ें, गुने, गढ़ें, मढ़ें और हो िके तो कबूल करें तथा िदा मुस्कुराते रहें। हमइि प्यारिे सलखीसतजोरी कोआर्िबके नामकरतें है।
10 1. सवचारधाराकाआरम्भ हमारे जीवन में लक्ष्योंका होना बहुत जरुरी था क्ूंसक मैं जान गया था की इि िंिार में सजिके र्ाि अर्ना लक्ष्य होता है, वह व्यस्ति अर्ने लक्ष्य को र्ूरा करने के सलए अर्ने कायो के प्रसत ज्यादा िमसर्ात होता है। इिी कारण मैं ने भी अर्ने लक्ष्य को बनाया और कायम रक्खा। हम िे बचर्न ही में कहा गया था की मनुष्य का जीवन बड़े भाग्य िे समलता है और र्ूरे िंिार में इन्सान ही एक ऐिा प्राणी है, सजिके र्ाि िबिे सवकसित मस्तस्तष्क है, सजिकी िहायता िे हम िोच िकते है, िमझ िकते है तथा अर्ने बारे में िब कुछ कर िकते हैं । ऐिे में हमको भी महिकांक्षी होना स्वाभासवकथा। हर इन्सान के तरह मैं भी अर्ने जीवन में कुछ ना कुछ बनना चाहता था, कुछ र्ाना चाहता था और कुछ अच्छा करना चाहता था। हर सकिी के तरह हमारे र्ाि भी अर्ना लक्ष्य हो गया था और मैं अर्ने इन्ही लक्ष्यों के िहारे जीवन में आगे बढ़ने के कोसिि में लगा रहता था। हम को हमारे गुरुजनो और बुजुगों ने बताया था की ऐिे में जो लोग अर्ने जीवन में लक्ष्य स्थासर्त नही करते, वे हमेिा इधर उधर उद्देश्यसहन् भटकते रहते हैं। यह ठीक वैिा ही होता है जैिे यसद कोई गाड़ी आगे बढती जा रही होती है, लेसकन उिे जाना कहा है, अर्नी मंसजल का ही नही र्ता हो तो वह सिर्फ चारो तरफ भटकती रहेगी , ठीक वैिे ही सबना लक्ष्य के इन्सान भी अर्ने जीवन में भटकता रहता है। इि गुरु ज्ञान िे मैं ने भी अर्ने जीवन के लक्ष्योंको कायम सकया था और उन र्र िदा िहीअमल करतारहा। बहुतहीलोगके तरह मैं भीडॉक्टर,तोकभी कोईवकील, तोकभी अध्यार्क बनना चाहता था। एक बार तो िौज में जाकर देि की िेवा करना चाहता था। हाूँ कई बार व्यार्ार में अर्ना नाम कमाना चाहता था। सफर धीरे धीरे हमने अर्ने लक्ष्यों र्र ठीक िे नजर दौड़ाया और हमको जीवन में क्ा बनाना था और करना था उन
11 को सनधााररत करता गया। वैिे तो मैं यह भी जानता था की हर सकिी के र्ाि कोई ना कोई अर्ना लक्ष्य जरुर होता है और इन्ही लक्ष्यों के िहारे लोग अर्ने जीवन में आगे बढ़ते जाते है तो मैं भी वहीकरने चलाथा। अर्ने भसवष्य को लेकर अर्ने मन में हम ने अनेक िर्ने बनाते रहे और आसहस्ते आसहस्ते यही िब िर्ने आगे चलकरहमारे जीवन के लक्ष्य बन गए थे। इिसलए हर सकिी को अर्ने जीवन का लक्ष्य जरुर सनधााररत करना चासहए और हम ने जो भी लक्ष्य बनाये थे उिे र्ूरा करने के सलए रात सदन एक कर देता था और सफर जब उि लक्ष्य को हासिल कर लेता था तो उि लक्ष्य को र्ाने की अिीम ख़ुिी भी समलती थी मुझ को। इिसलए चाहे कोई भी हो हर सकिी को अर्ना लक्ष्य जरुर बनाना चासहए.और उनको अर्ने जीवन में लक्ष्योंको ऐिे सनधााररत करना चासहए की एक लक्ष्य र्ूरा हो जाये, तो सफर रुकना या थकना भी नही है, सफर अगले लक्ष्य के सलए जुट जाना चासहए क्ुकी जीवन में हमेिा आगे बढ़ते रहने का नाम ही सजन्दगी है और जब जीवन में लक्ष्य होते है, तो यह जीवन बहुत ही अच्छा भी लगने लगता है। जीवन में र्श्चातार् और सनरािा के सलए कोई भी स्थान नही रह जाता है । हमारे िाथ भी ऐिा ही होता रहा।लेसकनहमारे जीवनकासिलसिलाजारीरहा।
12 2. हमारे जीवनकासिलसिला हमारे इि जीवन का सिलसिला आज िे ८४ वर्षा प्रथम सफजी के एक छोटा िा सवकसित गावं में १९३९ के सदिंबर महीने के २७ ताररख को िुबह हुवा था लेसकन उन सदनों की यातायात की िुभीधान होने के कारन मेरा जनम सदन १८ ताररख जनुअरी १९४० को हुवा था। मेरा जनम सदन हुवा था जब िंिार में दिर महायुद्ध के गोले बारूद तोर् बन्दक के गूूँज होती रही लेसकन हमारा जनम स्थानतोएकिांसतसप्रयलहरोंकाजगहहीबनारहा। मेरा जनम कुंडली बनाने वाले ने मुझे र्ोखर का नाम सदया था और कहा था की अर्ने जीवन के सिलसिले में मैं र्ोखर के तरह स्तस्थल और सवचारो में उिी के तरह गहरा स्वभाव रखूंगा। कुंडली की कथन हमारे जीवन में खरी सनकला और मैं वैिा ही स्वभाव और आचार सवचार रखने में कामयाब होता रहा। लेसकन मेरे आजा आजी ने मेरा नाम राम लखन रक्खा क्ूंसक उनके सवचार में मैं रामायण के र्ात्र राम और लक्ष्मण दोनों का िस्ति ले कर अर्ने जीवन के सिलसिले को बढ़ाता रहूँगा। इतना ही नहींहमारी आजी ने मेरा जनम होते ही मेरे जीभ र्र एक बूूँद मध् छोड़ा था क्ूंसक उनके कहने के अनुिारमैं िदामीठीबोलीबानीरखूंगा। मेरा जनम एक िम्मसलत र्ररवार में हुवा था सजन के मुस्तखयों को भारतवर्षा के बस्ती सजला िे आरकासठयों के द्वारा धोखे िे सगरसमसटया प्रणाली में लाया गया था। लेसकन अर्ने मेहनत मिक्कत िे यह र्ररवार देि में अर्ना भस्तिमान नागररकता का स्थानबनाकरहमारे र्ररवारकोएकखािस्थानसदयाथा। हमारा कृसर्ष र्दाथों िे स्तखलता हुवा गावं उि र्वात माला के िरण में बिा है सजिको भूगोल के ज्ञासनयोंने एक िोता हुआ दानव का नाम सदया था लेसकन उिी र्वात के श्रोत िे सनकली हुई गंगा जैिी िमबेतो नदी चट्टानों र्त्थरों दरख़तों और जंगल झासड़यों को र्ार कर के लहराती, मचलती और खलखलाती हुई र्ाि के आतुर
13 सकिानो के खेसतयोंको आबाद करती हुई िब मानव को जीने का अविर प्राप्त करती रही। यही नदी के िरण में हम िब भी अर्ने जीवन के सिलसिला की िुरुवात करते हुए अर्ने सजंदगी को आगे बढ़ाते रहे। इि नदी का नाम िामबेतो नदी इि सलए रखा गया क्ूंसक यह िारे गावं वालों को र्ानी का महि देती रहती है जहाूँ िभी लोग अर्ने खेत और बगीचे िींचतें रहतें हैं, नहाते धोते हैं उि सनमाल जल को कई अन्य काम में लातें है मनो वह उन िब के सलए लछमन के िंजीवनी बूटी का महि रखती है। नदी के उि र्ानी को कोईभी नाम िे र्ुकारा जाए र्र वहां के रहने वालो के सलए वह जीवन दासयनी ही है। मेरा भी िम्बन्ध उिी स्थान िे है और इि का मुझे बड़ागुमानहै। इतना ही नहींयही वह र्सवत्र और र्ावन स्थान हमारे र्ररवार की जननीऔरहमारे र्रवररिकीप्रेरणारहीहै।यहाूँ के लोगोंिे हमने बहुतकुछिीखाहै कभीहंिके कभीमुस्कुराके कभीिुखमेंकभी दख में तो कभी जरा रो कर भी। यही िब तो हमारे ज्ञान ध्यान का मंसदरथा जोआजहमकोहमारे इिजीवनके सिलसिलेकासनमााण करने के सलए प्रोत्सासहत कर सदया है। आिा है हमारे र्ाठकगण हमारे इि रचना को हमारे अन्य प्रस्तुतोंकी तरह र्ढ़ेंगे और हमारे इिछोटे िेजीवनके सिलसिलेकोर्िंदकरेंगे।
14 इिगावं के र्रवररिमें हमें जीवनके िभीखूसबयां, िफलताएं और िमाज िेवा की लहर की झलकआतीहै और मुझे यह याद सदलाती रहती है की जहाूँ मेरा रहन िहन तथा िेष्ट् आचार िभी काबसलये तारीिहीथे वहीइनिबकोउिमोड़र्रर्हुूँचानेवाले हमारे माता सर्तातथािभीर्ररवारके लोगहीथेसजनकीसजतनाभीतारीिकी जाएवोिबउनके नेसकयोंके आगेबेसफज़ूलहीहैं।आजजबभी मैं अर्नेउिजन्भूसमके दिानके सलएजाताहूँतबमेरे िभीभावनार्ूणा और बचर्न की मधुर यादें हमारे आूँखोंके िामने एक चलसचत्र की तरह चमकने लगती है। बि यही है हमारे जीवन के सिलसिला का प्रारंसभकगाथा।
15 3. जीवनकीसिलसिलाजारी रहा मेरा बचर्नहमारे बुजुगों के िाथ सफजी देि के एक िुन्दर स्थान में हुवाथाजहाूँ र्ुरुर्षाथा कीअच्छाई, िच्चाईऔरिुंदरताकािहीमागा हमारे लोगोंने हमको बताया था और आज भी ८४ वर्षों के िफल, कुिल और िांत जीवन सबताने के बाद मैं अर्ने विूलों और सिष्ट्ाचाया को बनाये रखने का प्रयाि करता रहा। इिी सलए मानव िमाजकीिुंदरता,अच्छाईऔरिच्चाईचाहे आजभीमैं र्ूरीदसनया मेंढूंढनेसनकलताहूँतोअगरखुदमेंयहिबिुभआचारसवचारनही है तो मैं जानता हूँ की ये िब हमको कहींनही समलेगी। यह भी मैं मानता हूँ की हमारे जीवन में कई र्रेिासनयां आती रहींऔर जाती रहींर्र उन र्रेिासनयों िे जो भी अनुभव और िीख मुझे समलती रही इन िभी िे हमारा जीवन िाथाक और कल्याणकारी बनता गया। मझे र्ूरासवश्वाि होगयाहै कीयहिबिीख िंिार काकोई भी र्ाठिाला में मुझे कभी नहींसमल र्ाता। यही एक कारण है की हमारे सजंदगी में दख ददा देने वाले भले ही कई लोग समले थे लेसकन हमारे हर तकलीफ और दख ददा के िमय हमारे हाथ र्कड़ कर िही राह सदख|ने वाले सिफा मेरे माता सर्ता, बुजुगा, भस्तिमान समत्र औरर्रमसर्तार्रमेश्वरहीरहेंहैं। हमारे जीवनमेंइनिभीहस्तस्तयोंकाएकबहुतबहुमूल्यस्थानरहाहै सजनके खूनर्िीने कीएकबूूँदकाभीकजा हमइिसजंदगी में नहीं चूका िकतें हैं। हम ने अर्ने इि छोटी िी जीवन में खूब कमाया, खायाऔरमौजउठायातथार्ैिा, इज्जतऔरनामभीकमायार्रमैं मानता हूँ की इन िभी चीजों िे समली ख़ुिी केवल कुछ ही िमय िाथ रहती है। लेसकन जो भी िहारा, मदद और मान िम्मान मुझे अर्नोंिे समलती रही वही िब खुिी और िुख आज हमारे जीवन भरका िाथ देतीरहतीहै। इि जीवन को िफलबनाने के सलएहर
16 इंिान में जहाूँ खूसबयों की जरुरत होती है वही खासमयों की भी आवश्यकता होती है। जब भी मैं ने अर्ने खूसबयोंको तलािता रहा तब भी समझे अर्नी िही खूसबया नजर आती रही। र्र मैं ने जब भी अर्नेखासमयोंकोतलािाथातोउनकोिुध|रनेकीकोसििकरता रहा। िायद इिीसलए मुझे हमारे मेहनत का फल और हमारे िमस्याओंकाहलदेरिे हीिहीलेसकनयहिबमुझे समलताजरूर रहा। मुझे जहां हर िुख िांसत समलता रहा वही हमारा हर दख तकलीफ मुझे न जाने सकतने िबक देते रहे तथ| हमारे सजंदगी को बदलते रहे।आजमैं अर्नेइििुखीऔरख़ुिीजीवनकोबड़े प्यार औरकायदाकदरिेअर्नेलोगोंके िाथजीरहाहूँ। मुझेयहिदािे हीमहिूिहोतारहाकीररश्ते सनभाने के सलएबुस्तद्ध नही, सदलकीिुस्तद्ध होनी चासहए।तथाहमारे कहे या बोले गएिब्द ही ऐिी चीज हैं सजिकी वजह िे हम या तो अर्नोंके सदल में उतर जातें है या सदल िे उतर जाते है। जीवन में िुखी रहने के सलए दो िस्तियों का होना बहुत जरुरी है। र्हली िहनिस्ति और दिरी िमझिस्ति। हमने यहभीर्ायाहै कीभरोिाएकररश्ते कीिबिे महंगीिताहैक्ूंसकइिसजंदगीमेंअर्नार्नतोहरकोईसदखाताहै, लेसकन अर्ना कौन है ये हमारा व्यवहार, आचार और वि बताता है।इिीसलएहमेअर्ने विऔरसकस्मतर्रकभीघमंडनहींसकया हैक्ोंसकमुझेहमारे बुजुगोऔरगुरुजनोके द्वाराबतायागयाथाकी िुबहउनकीभीहोतीहै, सजनके सदनख़राबहोऔरउनकीभीसजन के सदनऔरिमयअच्छे होतेहैं।िायदयहीएककारणथाकीहमने अर्नेमनमेंहमेिाजीत, उत्साहऔरलगनकीआिलगाकरआगे बढ़ते रहे। हमारा निीब बदला हो या नहींर्र हमारा जीवन और िमयजरूरबदलतेरहे। हमारे अनुभव िे इि जसटल, समसश्रत, र्ेचीदा और प्रसतयोसगतात्मक िंिार में कोई भी मनुष्य िवाज्ञानी तथा िवागुण िम्पन्न नही होता, इिसलए हम को अर्ने कुछ कसमयों और खासमयों को नजरंदाज़ करके अर्नारहनिहन िंभालकरअर्ने िभीररश्ते बनाएरखना असतयंत आवश्यक है। मेरे ख्याल िे यहाूँ आि और सवश्वाि कभी गलतनहीहोते हैं, हमे बियहसनणायकरनाहोताहै सकहमसकििे
17 आि करें और सकि र्र सवश्वाि करें। वैिे तो हमे खुद र्र िदा िे आि रहा है लेसकन हम ने र्रमात्मा र्र अर्ना र्ूणा सवश्वाि बनाये रखा था। यही गुण हमको आि और सवश्वाि का ज्ञान देता रहा। हमारे जीवनमें जोमेरे निीबमें था वोहमारे जीवनमें खुदचलकर आता रहा और जो नही था वो आकर भी चला गया था। यही िब ज्ञान िे हमने कभी भी अर्ने सकिी भी ररश्तोंका गलत इस्तेमाल नहींसकया क्ोंसक मैं जानता और मानता था की हमको ररश्ते बहुत समल जायेंगे र्र इि स्वाथी िंिार में िही इंिान बार बार नही समलनेवालयातोनहींहैयाबहुतमुस्तिलहै। सकिी र्र आरोर् लगाने िे र्हले ये देखना चासहए की हम स्वयं सकतने िही हैं। यही कारण था की मैं यह मान कर अर्ना जीवन चलातारहाकीजीवनमेंिबकुछदबारासमलिकताहैलेसकनबहुत कम व्यवहार हैं जो िहज िे नहींसमल िकतें हैं जैिे हमारा मजबूत ररश्ता। मुझेिदायहयादरखनाथाकीररश्तावहीमजबूतहोताहै, सजि में एक दिर िे कोई बात छुर्ाई नही जाती। हम ने वि के िाथ खोया हुआ बहुत िे ररश्तोंतो सबखरते देखा है और यह जान गयाहूँ कीखोयाहुवाभरोिादबारानहीसमलता। हमारे इिजीवन के िफलताकाएकरहस्ययहथाकीहमनेसकिीकोगलतिमझने िे र्हले एक बार उिके हालात िमझने की कोसिि जरूर कर सलया करता था और खुद अर्ने गलसतयोंर्र एक नजर डाल सलया करता था। हमारे बुजुगों का कहना था की असभमान, गुरूर और स्वाथा में इंिान को इंिान नही सदखता, जैिे छत र्र चढ़ जाओ तो अर्ना ही मकान नही सदखता। मैं अर्ने गुरुजनों और बुजुगो की एक निीहत कभी भूलना नहीं चाहंगा। उनका कथन था की अर्ना र्ीठ हमेिा मजबूत रखनी चासहए क्ोंसक िाबािी और धोखा दोनो र्ीछे िे ही समलते हैं। यही निीहत ने हमको जीवन का िहीराहसदखाने में िमथा हुवाहै। मुझे यह मालूम है की इि िंिार में कोई भी मनुष्य िवागुण, िवािस्तिमान या िवाव्यार्क नहींहै सिवाए र्रम सर्ता र्रमेश्वर के इि सलए हम ने अर्ने कुछ कसमयोंको नजरंदाज़ करके चलते रहे और अर्ने ररश्ते बनाए रखे हैं। इिी तरह के भावनाओं को ले कर
18 हमइिजीवनकोिफलबनानेकीकोसििकररहेंहैं।मैंजानताहूँ की हमारे आि और सवश्वाि कभी गलत नही होते हैं, हमे बि यह सनणाय करना होता है, सक हम सकििे आि करें और सकि र्र सवश्वाि करें। मुझे सवश्वाि है की हमारे निीब में जो होगा वो चलकर आएगा और जो नही है वो िायद आकर भी चला जायेगा। मुझे इि कीबहुतसचंतानहींहै क्ूंसकमैं अर्ने मेहनतऔरलगनर्रिदािे सवश्वािकरतारहाहूँ। हमअर्ने िभीररश्तोंकोिदािे मजबूतबनाने कीकोसििकरता रहा। बचर्न में बुजुगो िे, बालर्न में समंत्रों और गुरुजनो िे तथा सववासहत जीवन में अर्ने र्ररवार िे। हम ने अर्ने ररश्तोंका गलत इस्तेमाल कभी नहींसकया क्ोंसक मैं यह जानता था की ररश्ते बहुत बहुमुल्ये हैं इिसजंदगीमें औरयहअविरबारबारनहीसमलनेवाला है। इिजीवनमेंहमकोिबकुछसमलिकताहैलेसकनअच्छे ररश्ते नहींसमल िकतें हैं। मैं जानता हूँ की ररश्ता वही मजबूत होता है, सजिने एक दिर िे कोई बात छुर्ाई नही जाती और वि के िाथ खोया हुआ ररश्ता और भरोिा दबारा नही समलता है। अर्ने िभी ररश्तों को बनाये रखने के सलए हम ने अर्ने जीवन में सकिी को गलत िमझने िे र्हले एक बार उिके हालात िमझने की कोसिि जरूर कर लेता था और कभी उल्टा गुरूर नहींकरता था क्ूंसक गुरूर में इंिान को इंिान नही सदखता, जैिे छत र्र चढ़ जाओ तो अर्नाहीमकाननहीसदखता।सफरइिजीवनकोिफलबनाने के सलएसकिीर्रआरोर्लगाने िे र्हले ये देखनाचासहएकीहमस्वयं सकतने िही हैं। इिी तरह हमारे िंस्कार, आचार और रहन िहन िबअच्छे हीरहेंगे। इि सजंदगी में सििा इंिान का होना काफी नही है क्ूंसक हर एक इंिान केअंदर इंिासनयत का होना भी ज़रूरी है| हमारे ख्याल िे इंिासनयत के कई विूल होतें हैं। जैिे िच्चाई, अच्छाई और मन की िुंदरता तथा अर्ने लोगों में िद्भावना बनाय रखना। इिीसलए मैं िदािे कहताआयाहूँ कीहमारे इिछोटीिीसजंदगीमेंकौनआता है और आखरी तक कौन रहता है। इि जीवन में ररश्ता चाहे कोई
19 भी हो वह प्यार मोहब्बत और िद्भावना के बल र्र ही होना चासहए मनिेहोनीचासहएमतलबिेनहीं। हमने यहिदािे मानाहै कीर्ररवतानइििंिारकाचलताचक्की हैसजिके चक्करमेंआकरहमअगरकुछखोिकतेंहैतोसफरउि िे भी अच्छा हासिल भी कर िकतें हैं। हम ने कुछ जरूर खोया है इिसजंदगीमेंलेसकनसजतनाहमनेअर्नेमेहनतऔरलगनिेर्ाया है उन िब के सलए मैं िब का आभारी हूँ। यही िंस्कार को हम ने कायम रखा है। मैं मानता हूँ की हमारे िंस्कारों िे बड़ी कोई विीयतनहीहोतीऔरईमानदारीिे बड़ीकोईसवराितनहीहोती। जब मैं अध्यार्न काया के सलए िमाज में सनकला था तो यह लगन लगाकरसनकला था की चलोिबकी िेवा करते रहो लेसकन सकिी िे कोई आिा मत रक्खो क्ूंसक िेवा का िही मूल्य भगवान् ही दे िकतेंहैंइंिाननहीं।अर्नेजीवनके दौरानमुझेजोबुरालगा। चाहे वह हमारा सवचार था, कमा था या सफर मानव था उन िब को हम ने त्यागदीऔरआगेबढ़तागया। मुझे बतलाया गया था की इि जीवन में िब कुछ की प्रसतसलसर् या कॉर्ी हो िकता है लेसकन िंस्कार, चररत्र और ज्ञान का नही |इि सलए हम ने अर्ने िंस्कार को कोई भी तरह के र्ाखण्ड और अंध सवश्वाि िे दर रखता रहा। इि सवर्षय को लेकर मैं जानता था की हमारीसनयतिदािे अच्छीहीरही तोहमारा निीबकभीबुरा नही हुवा। हमारे सवचार िे अहंकार और िंस्कार में बहुत फका है, अहंकार दिरो को झकाकर खुि होता है, िंस्कार स्वयं झककर खुि होता है|हम ने सकिी को झका कर नहींचला था र्र सजन को अर्ना माना था उन के िाथ खुल कर बातें की थी और व्यवहार सकयाथा।अर्नेइिछोटे िे जीवनमें मैं िदािंभलकरचलतारहा औरअर्नेलोगोंकोयहीिलाहभीदेतारहा। मैं अर्ने जीवन भर अर्नोंऔर दिरो के सलए सदल िे दआ करता रहाऔरइिकाफलथामुझेभीिबकीदआसमलतीरहीऔरमुझे अर्नेसलएकुछमांगनेकीजरुरतहीनहींर्ड़ीक्ूंसकजोहमारे हक़ मेंथावहर्रमात्माके आिीवाादिेमुझेसमलताहीरहा।जोकुछभी हम ने इि जीवन में दिरो को सदया उि िे भी ज्यादा लौट करमुझे
20 समलता गया चाहे वह हम|रा इज्जत था, िम्मान था, िामान था या रहनिहनथा। हम ने अर्ने जीवन में उन लम्होंको कभी बुरा नहींकहाऔर माना जो मुझे ठोकर सदए या र्हुचाये बस्ति हमने उन की कदर की और उन िे कुछ न कुछ िीखने की कोसिि करता रहा। इि तरह मुझे इि सजंदगी में उसचत तरह िे जीने का अंदाज समलता रहा। मैं अर्ने ि|रे जीवनमेंयहीिीखर्ायाथाकीदौलतभीखमांगनेर्रभीसमल जाती है र्र इज़्जत कमानी र्ड़ती है तथा जो िमयर्र िाथ दे वही अर्नाहै, बाकीिबिर्नाहै। इि छोटी िी सजंदगी में हमारा भी सदल कई लोगोंने दखाया है र्र जबकोईभीमेरासदलदखायातोहमने उनकोबदले में िुधरने की मौकासदयाऔरदआदेतारहाकीउनकाभलाहोक्ूंसकमैंजानता औरमानताथाकीइिबातकोलेकरचुर्रहनाहीबेहतरहै क्ोंसक सजन्हे हमजवाबनहीदेते,उन्हे विजवाबदेताहै। मैं मानताथाकी ररश्तोंकी र्हली िता िम्मान है और सजन को हम िम्मान नही दे िकते, वोररश्तानहीसनभािकतेथे। इिसलएहमनेसकिीके िाथ अर्ने िमय सबताने के सलए ररश्ता नहींरक्खा र्र िभी ररश्तोंको सनभाने के सलए िमय खोजता रहा। हम ने अर्ने चारो बच्चों को उत्तम और श्रेष्ट् आचार सवचार सदया और उनको वैिा सिक्षा प्रदान कराया की वे भी अर्ने जीवन को हम िे भी उन्नसतिील बनने में िमथा हो िकें। आज जब मैं उन के जीवन र्र नजर दौड़ता हूँ तो मुझे बड़ी ख़ुिी होती है यह देख कर की बच्चे और उन के र्ररवार जहा िुख की जीवन सबता रहें है वही हमारे लक्ष्योंको र्ूसता भी कर रहें हैं। हम ने अर्ने चारो बच्चों के र्रवररि, देखभाल और र्ढाई सलखाईमें कभीकंजूिीनहींसकयाथाऔरहमारे बच्चेजोभीचाहते थे मैं उन को तुरंत प्रदान कर देता था। यही मेरा सर्ता होने का कताव्यथा। र्रमात्मा ने मुझ को इि ख़ुिी और िुखी जीवन के अलावा बहुत कुछसदयाहै औरदेतें हीरहते हैं।मैं र्ुरे तौरर्रअर्ने इिजीवनिे िंतुष्ट् हूँ। सजंदगी भर मैं अर्ना ज्ञान ध्यान बढ़ता रहा चाहे अर्ने बुजुगों के िाथ, गुरुजनो के क्षेत्र छाये में या अर्ने खुद की रोजीना
21 व्यवहारों िे। जहाूँ मैं एक अध्यार्क के रूर् में िमाज की िेवा १९६० िे १९८० तक लगा तार करता रहा वही इि के बाद एक िरकारीसिक्षाअसधकारीके रूर्में देिकार्ाठ्यक्रमतैयारकरता रहा तथा अध्यार्कोंऔर िामासजक लोगोंको िलाह भी देता रहा। इि के अलावे मैं ने िात वर्षों तक देि के बच्चों के इस्तिहानों का िञ्चालन भी करता रहा। सफर जब मुझे १९८४ में र्सश्चम सजला का सिक्षा अध्यक्ष बनायागयातब मैं र्ुरे र्सश्चमसजला के िेकेंडरी स्कूल के अध्यार्कों को िलाह देता रहा लेसकन जब उन सदनों के सिक्षा मंत्री अहमद अली और उि के र्रमानेंट िेक्रेटरी न|रिी र|सनंग| िे मेरीसभन्नताहुईतोमुझे अवकािलेनार्ड़ाऔरएकबड़े व्यार्ारके िाथ काम करने का मौका समला। मैं ने अर्ने सिक्षा को और भी मजबूत बनाया जब हम ने १९८९ िे लेकर १९९१ तकअर्ना मास्ट्िा और डॉक्टरेट की र्ढ़ाइयों को कैसलिोसनाया यूसनवसिाटी िे र्ूरा सकया। इि के बाद मैं उि व्यार्ाररक िंस्था का हयमन ररिोिेज डायरेक्टर के हैसियत िे ११ वर्षों तक उन के ७००० कमाचाररयोंको टरेसनंगदेतारहा। इि के बाद मुझे औरआगे बढ़ना था तो मैं ऑस्ट्रेसलया चला आया और एक िीसनयर लेक्चरार का र्द दि िाल तक िंभ|ल कर र्ुरे तौर र्र अवकाि ग्रहण कर सलया था। इि के बाद जब हर सदन हमारे सलए रसववार लगता था तो मैं अर्ने तीन कताव्यों में जुटा ही रहता था। र्हला था भगवान् की आराधना और भस्ति, दिरा था अर्ने र्ररवार का देखभाल और तीिरा था हमारा एक ख़ाि सदलचस्पीजो मुझे िारे सनबंध, कहासनया, कसवतायेूँऔर अन्य लेखों को रचने का अविर प्रदान सकया और अर्ने जीवन काल में हम ने ७० िे भी ज्यादा रचनाओं को अर्ने लोगों के सलए सलखा है। इि तरह मैं ने इि जीवन में जो ७० सकताबो को प्रकासित सकया है उन िब को हम ने वेबिाइट र्र डाला है सजि िे लोग र्ढ़ने के बाद हमारे आचार और सवचार को भलीभांसत िमझ िकें। अब लोग िायद यह जानना चाहें की हम ने सकन सकन सकताबो का रचना सकया है तो हमारे सकिी भी र्ुस्तक के र्न्ने को खोसलये और देस्तखये तोआर् कोर्ताचलजायेगा।
22 हम को अर्ने इि जीवन के िफर में अर्ना वजूद को ऐिा बनाना चासहए की लोग हमको छोड़ कर दर तो भले ही हो िकें लेसकन उनकोहमारे अच्छे कमा, धरमऔरकताव्योंकोभूलनाबहुतमुस्तिल ही नहींर्र नामुमसकन हो जाए । हमने अर्ने िारे जीवन में यही िुना और र्ढ़ा भी था की वक़्त और िमुद्र की जुवार सकिी के सलए नहींरुकतीहै याइंतज़ार करतीहैं र्र यहतोिचहै कीवक़्त हमारे िारे घावोंकोभलेभरदेताहैलेसकनएकऔरकडुवाित्ययहहैकी बिहममानवअर्नेदखददा के िाथजैिे जैिेिमयबीतताहै वैिे वैिे हम अर्नी इि छोटी िी सजंदगी को जीना िीख लेते हैं। हमारे सकिीभीतरहके बुरे औरअश्लील तरहके िब्दकेवलिमयआने र्रचुभतेरहतेहैंलेसकनजबहमखामोिहोजातेंहैयाकुछभीनहीं कहतेंहैंतोउिकीखामोसियाहीहमकोमारडालतीहैं। बचर्नमें मुझे कई बार हमारे माता सर्ता और अन्य बुजुगों ने मुझ को डांटा करते थे हमारे गलसतयोंर्र लेसकन जब हम भी बार् बन गए थे तब हम को यह एहिाि हुवा की हम को डांटने वाला जरुरी नहींकी हमिे नाराज ही हो क्ूंसक हमको डांटने हड़काने का हक़ केवल हमारे प्यारजतानेवालोंकोहीहोताहै। हमारे इिजीवनके िफरमेंहमारे खुसियोंके लम्हेइिलम्बेजीवन के समलानमें छोटे हीथेऔरवे भीगुजरजायाकरते हैं मेरे मुस्कुराने िे र्हले। हम ने अर्ने इि जीवन में अर्ने िमय और िब्दों का उर्योग कभी भी लार्रवाही िे नहींकरना िीखा है क्ोंसक मैं यह जानगयाथाकी इिजीवनमेंयहदोनोंनतोहमारे जीवनमेंदबारा आतें है और न ही हम को दबारा मौका देतें हैं। मैं िदा िे अर्ने जीवनमेंयहीचाहताथाकीइिजीवनके राहोंर्रिंभलकरचलता रहूँ औरचलते चलते एकमासहरऔरिफलमानवबनजावूंगासजि िेमुझेयातोहमारीमंसजलेसमलहीजाएंगीयातोमैंएकअच्छाऔर होनहारमुिासफरबनजावूंगा। इिछोटीिीसजंदगीमेंहमनेभीयह हकीकतऔरजरुरीबातोंकोमानाहैकीहमारे दखददा मेंहमिदा अकेले ही रहेंगे र्र जब हम ख़ुिी रहेंगे तो हमारे िाथ िारा जमाना हो जाएगा। हमारे सनयत इि िंिार में चाहे सकतने अच्छे और नेक होंर्रहमकोलोगहमारे रोजीनासदखावेिेजानतेंऔरर्हचानतेंहैं
23 लेसकन हमारा सदखाना और रहन िहन चाहे सकतना भी अच्छा हो र्रमात्मातोहमकोहमारे िच्चाई, िुंदरताऔरअच्छाइयोंके सनयतों िेहीजानताहै। हमनेअर्नेजीवनमेंलाखोंिब्दोंकोकाममेंलायाहैऔरयहीिब िब्दहमकोहमेिाप्रेररतकरते रहें हैं। मैं जोदेखताथाउििे प्रेररत जरुरहोताथा।हमनेअर्नेसजंदगीमेंजोभीरचनाओंकोरचाहै वे िब अनमोल वचन ही हैं और वो ऐिे मोती हैं जो सकिी के जीवन रुर्ीमालाकोऔरभीिानदारबनादेंगे। हम ने अर्ने जीवन में खूब कोसिि सकया और न जाने सकतने हल सनकाला जो आज नहींतो कल सनकला था र्र मैं ने अर्ना कोसिि िदाजारीरखाथा।कोसििकरने के बादहमने नतीजे कीर्रवाह करनाछोड़सदयाकरताथाक्ूंसकजोभीमुझे समलनाथावहजरूर हासिल होगा यह मेरा सवश्वाि था। मैं जानता था की अच्छी सनयत िे ही ईश्वर र्र िभी लोग खुि होतें हैं। हम ने सदखावे के सलए इि जीवन में कुछ भी नहींसकया था। हमारे सलए जीवन भर िमय बड़ा बलवानथा। िमयहमकोसदखाई नहींदेता लेसकनवहिदा चलता हीरहताहै औरबहुतकुछसदखाजाताहै।जैिे हमने िदािे िमय ले कर फुिात में अर्ने कसमयोंर्र गौर सकया करता था वैिे ही मैं अर्ने िभी उन्नसतयोंऔर िफलताओंके प्रसत करता था। यही मेरा दर्ाण बन जाता था और ख्वासहि होता था। जहाूँ मैं ने कभी बेबुसनयादी असभमान या घमंड नहीं सकया वही मैं एक िदाचारी इंिान के तरह अर्ना जीवन बीतता रहा क्ूंसक मई जानता था की झठी असभमान जैिे औगुन हमको कभी यह महिूि नहींहोने देंगे कीमैंगलतहूँ। मुझे हमारे गुरुजनोऔरबुजुगोंने बतायाथाकी र्ैिाहैसियतबदल िकताहैलेसकनहमारे औकातकोकभीनहीं बदलनेर्ायेगा।अर्ने औकात को जान कर हमने दिरो के बारे में उतना ही बोलता था सजतना मैं खुद के बारे में िुन िकता था। हम ने चाणक् नीसत िे िीखाथाकीबुस्तद्धसजिके र्ािहै उिीके र्ािबलहोताहै इिसलए मैं अर्ने बुस्तद्ध को िदा उर्युि रखता था। हाथी जैिे सविाल जानवरकोएकछोटे िे अंकुििे विमें सकयाजािकताहै ये इिी
24 बात का प्रमाण है सक बुस्तद्धऔर तेज में ज्यादा िस्ति होती है।हम ने अर्नेजीवनमेंयहमहिूिसकयाथाकीअूँधेराचाहेसकतनाभीघना हो लेसकनएकछोटा िा दीर्कअूँधेरे को चीरकरप्रकािफैलादेता है वैिे ही जीवन में चाहे सकतना भी अूँधेरा हो जाये सववेक या बुस्तद्ध रूर्ीप्रकािअन्धकारकोसमटादेताहै।इिीतरहवज्रर्वातिेबहुत छोटा है लेसकन वज्र के प्रभाव िे बड़े िे बड़े र्वात भी चकनाचूर हो जाते हैं तथा नीम के र्ेड़ को अगर दध और घी िे भी िींचा जाये तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहींहो जाता, उिी प्रकार दष्ट् व्यस्ति को सकतनाभीज्ञानदे दोवोअर्नीदष्ट्तानहींत्यागत|। सजि सदन हम ने अर्नी इच्छाओंर्र काबू र्ा सलया था उि सदन िे हम ने अर्ने जीवन के दखो र्र काबू र्ा सलया था और िुख और ख़ुिी की नींद िोता था। हमारे जीवन में िकतें जरीर आती थी लेसकनमैं िभी िंकटोंके िमयअर्नाधैया धारणकभी नहींभूलता थाऔरअर्नेजीवनकीकसठनिेकसठनलड़ाईकोजीतनेमेंिमथा होता था। मैं सबना कुछ सकये इि बहुमूल्य सज़न्दगी को गुज़ार देना कायरतािमझताथा क्ूंसकमैंमानताथाकीइििे कहींअच्छाथा कीमैंइिसज़न्दगीकोमेहनतमिकतकरके गुज़ारद।हमनेअर्ने जीवन में बहुत कुछ र्ुण्य के कामों को िमाज के सलए करता रहा क्ोंकी मैं जानताथा की र्ार्एकप्रकार का अूँधेरा है, जो ज्ञान का प्रकािहोतेहीसमटजाताह।हमकोक्रोधजरूरआताथालेसकनमैं उिको िंभालना भी जानता था। मैं जान गया था की क्रोध हमेिा मनुष्य को तब आता है जब वह अर्ने आर् को कमज़ोर और हारा हुआ र्ाताहै औरहम ने कभीअर्ने जानते हुए ऐिा नहींहोने सदया था।मैंनेअर्नेजीवनमेंहजारोंिफलताओंकीकहासनयोंकोर्ढता रहा सजि िे हम को उर्युि िुभ िन्देि और सवचार समलता रहे। इन का नतीजायह हुवा कीलगातार हो रही अिफलताओंिे भी मैं सनरािनहीहुवाकरताथा। इन्ही िभीज्ञानऔरहुनरकोलेकरमैं एक प्रेरणा व्याख्याता बन गया था और युवको को प्रोत्सासहत करता रहा। एक बात जो मैं अर्ने लोगो को िदा याद सदलाता रहा वह था कीकभीकभीगुच्छे कीआस्तखरीचाभीतालाखोलदेतीहै।
25 हमकोबचर्नहीमें बतायागयाथाकीर्ैरकीमोचऔरछोटीिोच हमें आगे बढ़ने में सदक्कत देगी इिसलए हम ने इन िे दर रहने की कोसिि िदा करते रहा। सफर मेरी गुड्डी फुवा ने कहा था की मुनुवां इिदसनयामेंतुझेिबचीज़समलिकतीहैलेसकनिच्चाप्यारसमलने के सलए तुझे अर्ना प्यार खुद देना र्ड़ेगा। धीरे धीरे जैिे मेरी उम्र बढ़तीरहीमुझे एहिाि होतारहा मैं अर्नीकसमयोंकोिबिे छुर्ा िकता हूँ लेसकन कभी खुद िे नहींऐिा कर िकता हूँ और करना भी नहींचासहए। अर्नी कसमयां खुद िे सछर्ाने का मतलब होता है, अर्ने आर् को खुद बबााद करना। मुझे हमारे लोगो ने मुिीबत में बहुत िहारा देते रहे लेसकन मैं भी बहुत िोच िमझ कर लोगों िे मदद मांगता रहा क्ोंकी मैं जान गया था की मुिीबत तो थोड़ी देर के सलए ही रहती है लेसकन लोगों का एहिान हम र्र सजंदगी भर रहता है। र्र मैं इतना जरूर जनता था की र्ररश्रम हमारे सलए वह चाभी है जो िभी अिंभव कोिंभव में बदल करहमारे िौभाग्य का द्वारखोलतीहै। मेरे सर्ता ने हम को हज़ारो ज्ञान िे िुिस्तज्जत सकया था लेसकन इन महानज्ञानके गुलदस्तोंिेमैंिदाअर्नेजीवनकोिुरसक्षतबनानेमें िमथा हुवा था। र्हला था जबउन्होंने बताया की 'मस्तकको थोड़ा झकाकर देस्तखए आर्का असभमान मर जाएगा' और जब मैं ने ऐिा करनािुरूसकयातोवैिाहीहुवा।दिराज्ञानथाजबउन्होंने कहा था की अर्नी आूँखों को थोड़ा अर्ने आंिुओं िे भीगा कर देखो तुम्हारा र्त्थर सदल सर्घल जाएगा। जब भी मैंने ऐिा सकया तब तब मेरा सदल सर्घलतारहा।हमारे सर्ताजो गन्ना के सकिानथे और हम िब गन्ना, मक्कई और नाररयल खाना र्िंद करते थे इि सलए सर्ता जी ने कहा था की अर्ने दांतों को आराम देकर देस्तखए आर्का स्वास्थ्य िुधर जाएगा और जब मैंने ऐिा करना आरम्भ सकया तो वैिा ही हुवा। तथाजब उन्होंने कहा था की अर्ने सजव्हार्र सवराम लगाकरदेस्तखए आर्का क्लेि का कारवाूँ गुज़र जाएगातोमैंने उि कथन को रामबाण मान कर करता रहा और उि का फल उठता रहा। सफर उनके कथन के अनुिार मैंने अर्ने इच्छाओं को थोड़ा घटाकरदेखातोहमारे खुसियोंकािंिारनज़रआनेलगाथा।
26 माता जी का भी कथन सकिी िे कम नहींथा जब उन्होंने कहा था की मनुष्य को चासहए सक दराचारी, कुदृसष्ट् वाले, बुरे स्थान में रहने वाले और दजन मनुष्य के िाथ समत्रता न करें, क्ोंसक इनके िाथ समत्रताकरने वालामनुष्यिीघ्रहीनष्ट्होजाताहै। इिउच्चसवचार को लेकर मैं चलता रहा और जीवन भर िच्चाई, अच्छाई और िुंदरताके राहोंर्रचलने काप्रयत्नकरतारहा। मेरे सर्ताश्रीअर्ने आदिों िे आकाि िे ऊूँचा होते थे इिी सलए हम उनकी िभी ज्ञान की बातोंको भलीभांसत जान लेते थे तथा मेरी माता जी धरती िे भी बड़ी और िागर िे भी गहरी होती थी इिी सलए हम उन के िभी आदिोंकोजानऔरर्हचानलेतेथे। उन्ही लोगो िे हम ने कसठन प्रयाि करना िीखा था और यह जान र्ाया था की प्रयाि करने वाला इंिान एक बार सगरता है लेसकन प्रयाि ना करने वाले लोग जीवन भर सगरते रहते हैं। मैं ने उन िे ही िीखा था की दख और िुख में बराबर ईश्वर को याद करता रहूँ क्ूंसक अगर अर्ने िभी िुखों के सदन इंिान ईश्वर की आराधना करतारहेतोउिकोदखकीसचंताहीनहींरहेगी। मैंसवद्याके अलंकारिेअलंकृतहोनेर्रभीदजनिेदरहीरहताथा क्ोंसक मुझे बताया गया था की मसण िे भूसर्षत होने र्र भी िर्ा भयंकर ही होता है। सफर यह भी बताया गया था की ित्रु को िदैव भ्रम में रखना िमझदारी है । जो उिका असप्रय करना चाहते हो तो उिके िाथिदामधुरव्यवहारकरो, उिके िाथमीठाबोलोउिमें बदलाव आजायेगा। िुना था की सिकारी जब सहरण का सिकार करताहैतोमधुरगीतगाकरउिेररझाताहै, औरजबवहसनकटआ जाताहै, तबवहउिेर्कडलेताहै। अर्नेिारे जीवनमेंहमक्ाकरचुके हैं इििे ज्यादामहिर्ूणायेहै सकअभी हमकोक्ाकरनाबासकहै सजिर्रहमकोध्यानदेनाहै। मैं अर्ने सकिानी हुनर िे यह कह िकता हूँ की र्ेड़ कभी डाली काटने िे नहींिूखता क्ूंसक र्ेड़ हमेिा जड़ काटने िे िूखता है ठीक वैिे ही इंिान अर्ने कमा िे नहींबस्ति अर्ने छोटी िोच और गलत व्यवहार िे हारता रहता है। र्र हम को इतना याद रखना जरुरीहैकीसिखरर्रजबइंिानहोताहैतोहमेिाअकेलाहीहोता
27 है।मुझे िदािे यहमालूमथाकीहमारे हाथोंिे कोईहमारे वस्तुओं कोछीनिकताहै लेसकनजोहमारे निीबमें है उिे कोईनहींछीन िकताहै। र्ैिा जीवन और जीसवका के सलए जरुरी है लेसकन मैं जानता हूँ की र्ैिे िे सबस्तर खरीदा जा िकता है, नींद नहीं तथा र्ैिे िे महल खरीदाजािकताहै लेसकनखुसियाूँ नहीं।इििंिारमें हमने बहुत िे लोगोंको र्रखा है र्र यह जान गया हूँ की जो इंिान दिरो का दख ददा िमझता है वही महार्ुरुर्ष है। कई बार हम ने िुना है इि कथन को की “लोग क्ा कहेंगे”र्र यही ये बात इंिान को आगे नहींबढ़नेदेतीहैइिसजंदगीमें। मैंकभीकभीउिख़ािइंिानकोढूंढरहाथाजोआके हमारीमदद करेगा र्र जब मैंने िीिे के िामने खड़े हो कर देखा तो मुझे वो इंिान िाि नजर आया जो हमारी मदद कर िकता था और वह मैं हीथा। मुझे बतायागयाथाकीिफलताकाकोईर्ैमानानहींहोता है क्ूंसकएक गरीबबार्काबेटा बड़ाहोकर ऑसफिरबने सर्ताके सलए यही िफलता है। सजि इंिान के र्ाि कुछ खाने को ना हो वो िुख र्ूवाक दो वि की रोसटयां जुटा ले ये भी िफलता है। जब मैं एकअफिरबनाथाऔरहमारार्ररवारगरीबीिे सनकलकरिुख कीरोसटयांखानेलगाथातबमेरे मातासर्ताअर्नेिफलतार्रनाज करतेथे। हमारे बुजुगों का कहना था की सकतने मूखा हैं हम जो भगवान के बनाए फल फलोंको भगवान को ही अर्ाण करके धन दौलत और ररस्तद्ध सिस्तद्ध माूँगने लगते हैं। यही र्ाखंड िे हमारे जीवन में ख़ुिी और िुख नहींआतें हैं। र्र जो लोग दिरो का भला िोचते हैं केवल उन्हींका जीवन िफल है, अर्ने सलए तो जानवर भी जीते हैं। यह उनकाहीकथनथाकीररश्तेकाधागाएकबारटूटजायेतोसफरिे जोड़नेर्रभीगाूँठर्ड़हीजातीहैउिीतरहररश्तेएकबारटूटजाये तो सफर िे जोड़ने में एक गाूँठ बन ही जाती है। इिसलए अर्ना ररश्ताबनानाऔरकायमरखनाहरव्यस्तिकार्रमकताव्यहै। मुस्कुरानाएककलाहै सजिनेइिकलाकोिीखसलयावोजीवनमें कभीदखीहोहीनहींिकताहै।मैं जानताहूँ कीहमारीमुस्कुराहट
28 मन का बोझ हिा कर देती है और कामयाब होने वाले इंिान हमेिा खुि रहते हैं तथा जो खुि रहते हैं वही कामयाब होते हैं। मैं यह भी जानता हूँ की गुस्सा करना अर्ने र्ैरों र्र कुल्हाड़ी मारने जैिा ही है क्ूंसक आर् सजिर्े गुस्सा करते हैं उििे ज्यादा आर्का खुद का नुकिान हो जाता है। ज्ञानी इंिान कभी घमण्ड नहीं करताऔरसजिे घमंडहोताहै ज्ञानउििे कोिोंदररहताहै।अमर वही इंिान होते हैं जो दसनया को कुछ देकर जाते हैं और हर िफलता िंघर्षा िे होकर गुजरती है, सबना िंघर्षा के िफलता की कल्पनाभीनहींकीजािकतीहै। सजनकाकदऊूँचाहोताहैवोदिरोिेझककरहीबातकरतेहैंऔर ऐिा करने िे िदा हमारी इज्जतहोतीहै। इंिान अच्छाया बुरा नहीं होताबिविअच्छाऔरबुराहोताहै सजिसदनहमने अर्नीिोच बड़ी कर ली थी उि सदन िे िभी लोग हमारे बारे में अच्छा िोचना िुरू कर सदए थे। अर्ने जीवन में हम ने भी त्याग दी थी बहुत िी अर्नी ख्वासहिें अर्ने र्ररवार और जीवन में िंतुलन लाने के सलए के र्र हम ने खो कर भी बहुत कुछ र्ाया था। जैिे “राम” ने खोया बहुतकुछथा “श्रीराम” बननेके सलए। हमने कभी भी सकिीकीमजबूररयोंर्रनहींहंिाक्ूंसकमैं जानता थाकीकोईमजबूररयांखरीदकरनहींलाताहै तथामैंिदािेडरता था वि की मार िे क्ुकी बुरा वि सकिी को बता कर नहींआता है। जब िे मैं जाना की उि मनुष्य की ताकत का कोई मुकाबला नहीकरिकतासजिके र्ाििब्रकीताकतहै मैंभीिब्रकार्ुजारी बन गया था और जीवन भर इि का लाभ उठता रहा। जो भी लोग मेरे िफलता िे और मुझ िे जलते थे उनिे हमने घृणा कभी नहीं सकयाक्ोंकीयहीतोवोलोगथेजोयेिमझतेथेकीमैंउनिेबेहतर था। जैिे जैिे मैं इि सजंदगी में आगे बढ़ता गया वैिे वैिे मुझे यह ज्ञान आता रहा की अगर व्यस्ति अर्नी र्ूरी लग्न के िाथ कोई भी काम करताहै, तब उिे कभी हार का मुूँह देखना नही र्ड़ता है। सफरमेरे िमझमेंयहभीआगईथीकीसज़न्दगीमेंमनुष्यके आूँखेबन्दकरने िे कभीमुिीबतनहीटलाकरतीहै, बस्तिउिमुिीबतकािामना
29 करने िे मनुष्य की आूँखे खुला करती हैं तथा हमारी िभी उम्मीदें तैरती रहती हैं, भले हमारी कश्तीयां डूब जाती है। धीरे धीरे सजंदगी के िभीअच्छे बुरे हालातोंनेहमकोिीखासदयाथाकीजबआंसधयां आती है तो कुछ घर िलामत रह जातें हैं और जब हम बचा लेते हैं अर्ने चीज़ें उि तूिानिे तोहमउि को 'आि" और सवश्वाि कहतें हैं।बड़ामज़बूतहैयेधागासजिे “सवश्वाि” कहतेहै | कोसिि कर रहा हूँ सक कोई मुझिे न रूठे ! सजन्दगी में अर्नोंका िाथ न छूटे ! ररश्ते कोई भी हो उिे ऐिे सनभाउूँ सक उि ररश्ते की डोर सज़न्दगी भर न छूटे |अच्छे व्यस्ति को िमझने के सलए अच्छा ह्रदय चासहए न सक अच्छा सदमाग क्ोंसक सदमाग हमेिा तका करेगा और ह्रदय हमेिा प्रेम भाव देखेगा | कोई भी काम करने के सलए सजििस्तिकीजरुरतहोतीहै, वोहैसवश्वाि. इििेबड़ीकोईिस्ति नहीं होती |जब सकिी आदमी को ज्यादा िोचने की बीमारी लग जाती है तो वो होि में रहकर भी बेहोि ही रहता है | जब तक हम खुद र्र सवश्वाि नहींकरते तब तक भगवान् र्र भरोिा करना भी मुस्तिल है | इि दसनया में ज्यादा िीधा और भोला होना भी अच्छा नहींहै, ज्यादािीधे र्ेड़र्हले काटे जाते हैं, जबसकटेढ़े मेढ़े बचजाते हैं| लोग आर्िे कहते हैं की आर् अच्छा और बेहतर करें. लेसकन इि दसनयाकीिच्चाईये है कीयहाूँ कोईभीनहींचाहताकीआर्उनिे बेहतरकरें|आधेिेज्यादाररश्तेतोलोगसिफा इिसलएसनभातेहैंकी उनिेभीकभीकोईकामर्ड़िकताहै | सनिब्द हो जाता हूँ ये देखकर की कोई दो वक़्त की रोटी के सलए इतनीमेहनतकरताहै, एकहमहैं कीनमकज्यादाहै कहकरथाली दरहटा देते हैं | जो सकताबआर्कोिोचने र्रमजबूरकरदे, अिल में वही आर्काजीवन बदलिकतीहै| कभी कभी िेल्फी कीजगह सकिी के दख को खीचने की कोसिि करो, सफर उि तस्वीर को भगवान भी लाइक करेंगे | िुख के महत्त्वको िमझने के सलएदख िे गुजरना ज़रूरी होता है। जहर के सबना तो अमृत भी र्ानी ही लगताहै |मीठािहदबनाने वालीमधुमक्खीभीडंकमारने िे नहीं
30 चुकती, इिसलएिदैवहोसियाररहे, बहुतमीठाबोलने वाले भीहनी नहींहासनदे िकतेहै | जबमैं दिवर्षा काथातबमुझे मेरे सर्ताजीअर्नेकंधे र्रसबठाकर अर्ने धान, गन्ने, अनरि, अरहर, उदी, बीन, बैगन तथा अर्ने अन्य अनाज जो उन के खेत खसनहाल में उि िमय लहरा रहे थे सदख|ते रहे और जीवन की खाि खाि बातें बताते रहे सजनकोहम ने सकिी मदरिे या र्ाठिाला में नहींिीखा था। िवाप्रथम उन्होंने कहाूँ था की जब गौर िे इि बड़े दसनया को देखोगे तो िमझ में आएगा की यहसकतनाछोटाहै। इिके अंदरजोभीलोगरहतें हैं उनमें िे हम िब को सभन्न रूर् िे र्रख िकतें हैं। यहाूँ सकतने लोग जो अर्ने आर् को सवद्वान कहतें हैं अिल में अनजान जैिे हैं। सजनको हम आजाद िमझतें हैं उन में िे ज्यादा िे ज्यादा लोग सकिी न सकिी तरहके कैदीहैं। जोधनवानकहलातेहैं उनमें िेज्यादालोगगरीब हैं। सफर सजन को हम धासमाक िज्जन िमझतें हैं उन में िे लाखो अधमाके कमोंमें बंधे हुएहैं। जोलोगसवश्वएकताके र्ुजारीसदखाई देतें हैं उन में िे ज्यादा लोग िामासजक और धमा के सवभाजन के िैतान लगतें हैं। जहाूँ की इि िारे िंिार के लोगोंको र्रमात्मा ने एक िा रचा है वही हमारे धमा के ठेकेदारों ने हमारे िमाज को सवभासजतकरके छीतरसबतरकरसदयाहै। हमएकदिरके दश्मन बनते जारहें हैं। एकदेिदिरदेिकोसगराने में लगारहताहै और लड़ाई झगड़ा तो उन का सदन चयाा बनता जा रहा है। धमा कमा के नामर्रिमाजमें सकतने लोगढोंगीहैं, र्ाखंडीहैं औरअर्नेधमा के उल्लू िीधा करने के सलए लोगोंको अंध सवश्वािी बनाते जा रहें हैं। मुस्तिल िे िही र्ुरोसहत समलेगा यहाूँ जो मानव धमा का र्ालन करता हुवा िच्चाई,अच्छाई और िुंदरता का प्रचारक होता है। जो लोग प्यार और भस्ति के र्ुजारी नजर आते हैं वे िब िे बड़े ढोंगी हैं औरनफरतके बीजबौनेऔरफैलानेके सलएअक्सरतैयाररहतेंहैं। सजन के र्ाि आूँख है उन को हम अक्सर अंधोंके तरह र्ेि आते देखा करते हैं तथा सजन के र्ाि िुंनने के कान है वे हमारे बातो को िही तरह िे िुन ही नहींर्ातें हैं। सफर सजन के र्ाि बोलने को िस्तिहैवेतोकुछअच्छाबोलनेिेडरतेंहैं।तबभलाइििंिारका
31 कल्याल, मुस्तिऔरसनवााणसकितरहहोिकताहै। हमउियुगमें र्हुूँच चुकें हैं जो कालायुग है और हम िब अन्धकार में रह रहें हैं। सजन के र्ाि र्रमात्मा के सदए हुए हष्ट् र्ुष्ट् हाूँथ र्ावं हैं वो भी लंगड़े लूलोंके तरहिमयसबतारहें हैं। अर्नेसर्ताके ऐिीिभीित्यऔर बहुमूल्यवचनआज भी हमारे मस्तततष्कमें गूूँजरहीहै और मुझे एक िाधारण मानव धमा को अर्ना कर अर्ने घर आूँगन को ही अर्ना मंसदर बना कर भस्ति भाव करने को बाध्य कर दी है। इि के फलस्वरूर् जहाूँ मैं िुखी, ख़ुिी और िांत र्ाररवाररकऔर िामासजक जीवन सबता रहें हैं वही हमारी रक्षा हमारे र्रम सर्ता र्रमेश्वर अर्ने आिीवााद िे िकुिल कर रहें हैं। मैं ने िभी िामासजक और धासमाक र्ाखंड और ढ़ोग िे दर रहना िीख सलया है। भले ही श्री कृष्ण िे गीता में कहा था की ‘यदा यदा सह धमास्य ग्लासनभावसत भारत । अभ्युत्थानमधमास्य तदात्मानं िृजाम्यहम् ॥ र्ररत्राणाय िाधूनां सवनािाय च दष्कताम।धमिस्थार्नाथाय िम्भवासमयुगेयुगे॥ “जब-जबइिर्ृथ्वीर्रधमा कीहासनहोतीहै औरअधमा आगे बढ़ता है,तब-तब मैं इि र्ृथ्वी र्र अवतार लेता हूँ िज्जनोंऔर िाधुओंकी रक्षा के सलए, दजनो और र्ासर्योंके सवनाि के सलए और धमा की स्थार्नाके सलएमैंहरयुगमेंअवतारलेताहूँ|” आज तक कुछ ऐिा नहींहुवा है और न ही होने वाला है क्ों की हमारािंिारजहाूँदोसर्षतहैवहीवहिुधारनेके कासबलनहींरहाहै। अर्ने इि छोटे िे जीवन भर मैं न जाने सकतने बातों को कहता आया हूँ, सकतने दृश्योंको देखता आया हूँ, सकतना बातोंको िुनता आया हूँ तथा सकतने सकताबों को र्ढता रहा हूँ लेसकन अभी भी हमने जी भर के यह िब कर नहींर्ाया हूँ। अभी तक हमारा सदल और सदमाग भरा नहींहै इन िभी कायों िे। अब आर् र्ूछेंगे की मैं इििे ज्यादाऔर क्ा चाहताहूँ? िवे प्रथममैं यहकहनाचाहताहूँ की हमारे िंिार में जल्दी िे ितयुग आ जाए। सफर मैं लोगों में जहाूँ अच्छे ररश्ते देखना चाहता हूँ वही उन में मानव के वो िभी गुण और िंस्कार देखना चाहता हूँ सजनको हम िभी मानव में
32 िचाई, अच्छाई और िुंदरता के नाम िे जानतें हैं। हमारे कान दोबारा श्री कृष्ण के िंिोसधत गीता का ज्ञान और र्ाठ इि ज़माने के सलए उर्युि हो उन को सफर िे िुनना चाहता हूँ। तथा जो मैं सफर िे र्ढ़ना चाहता हूँ वे हैं हमारे िभी अर्ने सलखे हुए रचनाएूँ सजनको मैं अर्ने जीवन का एक बहुमूल्य धरोहर िमझता हूँ। तब जा कर कहींहमारी इि जीवन की सिक्षा दीक्षा र्ूरी होगी | सफर दसनया के िभी िभ्य लोग हमारे भस्तिमान समंत्र बन जाएंगे तथा मैं एक सिसक्षत व्यस्ति कहलाने के योग्य हो िकूंगा और िभी जगह र्र िम्मान र्ाने के लायक हो जाऊूँगा तथा तब हमारी सिक्षा िभी प्रकार के मानव िौंदया और यौवन को र्रास्त कर देगी। तब तक मैं अधूराहीरहूँगा। िही िमय का इंतज़ार करते करते सजंदगी सनकल जायेगी इिसलए यही अच्छा होगा की अर्ने िमय को िही िे इस्तेमाल करना िीख लो वणा जीवन भर र्श्चातार् के कडुवे फल ही खाते रहोगे। जो इि सजंदगीमें होगयाउिके बारे में िोचकरनासिज़ूलहै और जोकुछ भीइिजीवनमेंसमलाहैउिकोखोनानहींचासहएक्ूंसकउनकोही हासिलहोतीहै िफलताजोअर्नावक़्तऔरहालातर्रकभीरोया नहींकरतें हैं। इि िंिार में मनुष्य का अर्ना क्ा है? जनम तो माूँ बार्नेसदयाथा, नामबुजुगोंनेसदयाथा, सिक्षागुरुजनोनेर्ाठिाला मेंसदयाथाऔरहमाराररश्ताभीदिरोिेजुड़ाथातथाकामकरना भी हम दिरो िे िीखे थे सफर अंत में हमको िमिान भी दिर ही लोग ले जायेंगे। इि सलए अब यहाूँ हमारा क्ा है सजि र्र हम को इतना गुमान और घमंड है? यहाूँ र्र हमको अर्नी जीत के खासतर बि अर्ना जूनून चासहए और सजिके खून में गरम उबाल हो तो उनके सलएआिमानभीउतरिकताहैं जमीनर्रबिअर्ने इरादों में जीतनेकीगूूँजचासहए। हमारे िभीिहीराहें हमकोले हीजाएंगी अर्ने मंसज़ल तक बि हौिला रखने की जरुरत है क्ूंसक सकिी ने कभी न िुना होगा की रात के अूँधेरे ने िबेरे वाले िूरज को नहीं सनकलने सदया हो। इतना याद रखना जरुरी है इि सजंदगी में की अगरइिछोटीिीजीवनके िफरमें मजालेनाहै तोअर्ने िाथमें जोबेफज़ूलिामानहमसलएचलते हैं उिकोकमकरनार्ड़ेगाऔर
33 अगरइिसजंदगी कािहीआनंदलेनाहै तोअर्ने सदलऔरसदमाग के बड़े बड़ेअरमानोंको भी कम करना र्ड़ेगा। वही करना िीस्तखए जोवास्तसवकहैऔरहासिलकरनेयोगहै। हमारा यह छोटा िा जीवन अनेक प्रकार के प्रेम भाव िे भरर्ूणा है और जब हम दिरो के प्रसत अर्ना प्रेम भाव दिााते हैं और उनका भलाई करना चाहते हैं तो हम इंिासनयत का फजा अदा करतें हैं लेसकनजबहमऐिानहींकरतेंहैं तोहमारे र्ािइंिासनयतकीकहाूँ रह जाती है। सफर तो हमारी िामासजक और आध्यास्तत्मक देहांत ही हो जाती है। इि तरह हर एक इंिान को भरर्ूर रूर् िे प्रेम भाव दिान| चासहए और सजन्दा सदली का भाव अर्नाना चासहए। हमने अर्ने वक़्त िे िदा िीखा है की इि सजंदगी में बदलते रहना ही मुनासिबहै। यहीिबकहमकोिफलतासदलवातीहै क्ूंसकहमारा वक़्तकभीखुदकोबदलतेहुएथकाहीनहींहैऔरनकभीथकेगा। इि सलए अविरों के राह देखने वाले व्यस्ति बड़े िाधारण होतें हैं लेसकनअिाधारणव्यस्तक्हीइििंिारमेंअविरोंकोजनमदेतेंहैं। अर्नेवक़्तकोकाममेंलातेहुएर्ैिाकमानाहमारे सलएइिसजंदगी में हमारा खािलक्ष्य बन गयाथा और इिके फलस्वरूर्हमने खूब कमायाऔरखूबउड़ायालेसकनयहभीजानगयाकीर्ैिेनेमुझको कभी ख़ुिी नहीं सदया और कभी देगा भी नहीं क्ूंसक ख़ुिी देना उिका स्वाभाव ही नहींहै। सजतना ज्यादा हमने र्ाया या कमाया उतना ही ज्यादा चाहता रहा र्र समला वही जो हमारे निीब में था औरमुझे जरुरीथा। यहदेख जानकरहमने र्ैिे का लालचकरना छोड़ सदया था। तब िंतोर्षम र्रम धरम िुखम का जीवन जीने लगा था। बि सफर क्ा था मैं अच्छे भजन, कीतान और िंगीतोंको िुन और गुन कर ज्ञान ले सलया करता था और अर्ने मंसदर जैिा घर आूँगन में भगवान् को र्ा कर आराम की सजंदगी सबताने लगा था। अब मैं िोचता हूँ की न जाने क्ोंलोग अक्सर र्त्थर को र्ूजतें हैं। िायद इि सलए की उनके सबश्वाि के लायक कोई इंिान ही नहीं समलता है उनको। भगवान् की आराधना करना और अर्ने िभी जायजिर्नोकोिाकारकरनेके सलएहमनेकड़ीमेहनतमिक्कत औरकोसििजारीरखाथाऔरईमानदारीके अर्नाकामसकयेजा
34 रहा था सबना कोई फल के उम्मीद के। जो समला उिी में मगन रह लेता था। मैं जानता था की आज जो लोग हंि रहे थे हमारे रवैये र्र वहीलोगकलमुझिेसमलनेकीिर्नेदेखनेलगेथे। मैं कोई ित्यवादी मानव तो था नहींलेसकन यह जानता था की झठ बोलना भी एक खाि कला है सजि में आज का मानव अर्ने ही बुने हुए जाल में खुद फंिता जाता है और खुद ही उलझता ही जाता है। इि महान ित्य को जान कर मैंने अर्ने जीवन काल में इि बुरे आदत िे दर रहने की कोसिि िदा करता रहा। जहाूँ झठ बोलना एक बुरी आदत है वही हर वक़्त ित्य को िुनना हर मानव के सलए एक बहुत ही उम्दा आदत है। इि िंिार में सजिको ठीक िे ित्य बातोंकोिुननाआजायेउिकोबहुतबोलनेकीजरुरतहीनहींहोती हैक्ूंसकसफरउिकाकमा, धमाऔरश्रेश्टाचारहीबोलनेलगतेंहैं। हमारे बचर्न के जीवन में जूता र्हनना एक कसठन काम था क्ूंसक हमउनसदनोंगरीबथेर्रजबमैंअर्नेर्ाठिालाजायाकरताथातो उनसदनोंरास्तेर्रकंकड़हीकंकड़होतेथेऔरअगरमैंभीगैरधनी सवद्यासथायोंके तरह उि िड़क र्र चलता तो कंकड़ों का चुभन ही कहाूँमहिूिहोता।मुझेतोउनसदनोंके कंकड़ीिडकोंकीचुभनिे हमारे र्ैर मजबूत हो गए थे। र्र कभी कभी जब उन अच्छे जूते र्हनने वालो के जूतोंके अंदर एक भी कंकड़ हो जातें थे तो उनको एक भी कदम चलना मुस्तिल हो जाता था। उनसदनों भी हमारे सकतनेऐिेिहर्ाठीथेजोअर्ने र्ुरानेजूतोंकोहमकोदे सदयाकरते थे तो हम भी उन कंकड़ी िडकोंर्र आराम िे चलते थे। इि सलए यहकहाजाताहै कीअच्छे इंिानकेवलअर्नेअच्छे कमािे र्हचाने जातें हैं। हमारे उन सदनों के धनाढ्य समंत्रों में यह यि िदगण भरे थे। हम भी अर्ने इि सजंदगी में अर्ने आर् को बहुत खुिनिीब मानते थेऔरयहहमारे र्रमात्माकामुझर्रआसिबाादथा।इिसजंदगीमें खुिनिीबकेवल वो नहींहो िकतें हैं सजनकानिीब अच्छाहोता है र्र ख़ुिी और िुखी वो लोग होतें हैं जो अर्ने निीब् िे िदा खुि नज़र आतें हैं। जब हम अर्ने सवचार और व्यवहार में र्ारदसिाता ला लेतेतबहममेंजोभीकसमयांभीहोतेंहैंतोहमउनकोछुर्ातेंनहींहैं
35 क्ूंसक कोई भी मानव िंर्ूणा नहींहोता है सिवाय उि र्रम सर्ता र्रमेिरके।मैंअर्नेिभीलोगोंके सलएअर्नेजीवनभरएकखुली सकताब के तरह थे और जो जैिे चाहा वो वैिे हमको र्ढ़ सलया और िमझ सलया। लोग जानते थे की मैं एक कमािुत व्यस्ति हूँ क्ूंसक अगर हम अर्ने सकिी भी काम की िुरुवात नहींकर िकते थे तो हमउिकीर्ूसता भीतोनहींकरिकते थे। इिसलएजोभीकामहम को करना रहता था उिको अब या अभी ही करने का प्रयाि हम िदाकरतेरहतेथेऔरअर्नेजीवनकालमेंिफलहोतेरहे। देस्तखये हमारे ख़याल और सवचार में इि िंिार के हर एक इंिान अर्ने ही बोली वाणी और जुबानी के र्ीछे छुर्ा रहता है। जो जैिे करता और कहता है उिकी र्हचान भी उिी तरह की होती रहती है। अगर सकिी भी मानव के बारे में िही जानकारी र्ानी है तो उनको बोलने देना चासहए क्ूंसक वो सजतना और जैिे बोलेंगे हम उनको उतना ही र्हचानेंगे। हमारा यह भी अनुभव है की प्रयाि करने वालाव्यस्ति भले एक बार हारजाताहै या सगर जाताहै र्रिु नकोसििकरने वालाइंिानतोहमेिाहीहारताऔरसगरतारहता है। केवलजीतनेवाले हीनहींबस्तिकहाूँर्रक्ाकरनायाजीतना तथा हारना है यह जानने वाले ही इि िंिार के सिकाडार कहलाने योग्य हैं। इिसलए मैं िदा िे कहता आया हूँ की जो लोग अर्ने भसवष्य के बारे म अच्छे िर्ने देखतें हैं और उनको र्ूरा करने की लगनरखतेंहैं तथाउनकोिाक्षातबनानेकीकीमतचुकानेकोिदा तैयाररहतेंहैं वहीलोगअर्नेइिजीवनकालमेंिफलताप्राप्तकर िकतें हैं। इिसलए मैं िदा िे यह जानता आया हूँ की इि सजंदगी में हम सकतना खुि रह िकतें हैं यह उतना जरुरी नहीं होता या महिर्ूणा नहीं है सजतना महिा है यह जानना की हमारे कारण सकतनेलोगखुिरहतेंहैं। हमको हमारे बुजुगो और गुरुजनो द्वारा बताया गया था की इि न जीवोकीजीवनमेंजीनाहरामहोजाएऔरइितरहनकमाईकरो कीहमिेकोईर्ार्होजा। इिीतरहअर्नेजीवनमेंखचाभीउतना नहींकरनाकी हमारे कजा बढ़ताजाये। सफरइितरह िे कभी मत खावो और र्ीवो की र्ेट में मजा हो जाये। र्र खूब अच्छे अच्छे बातें
36 करो और बोलते रहो र्र सकिी को आर्के बातोंिे कोई कलेि न र्हुंचे। हाूँ कभी इि तरह मत िोच सिक्र करो या सचंता करो की जीवन सबगड़ती जाए और अर्ने जीवन में इि तरह कभी नहींचलो कीआर्के मंसज़लतकर्हुूँचनेके सलएदेरहोजाए। कईसवद्वानोंद्वाराकहागयाहैकीनदीकार्ानीमीठाहोताहै क्ूंसक वो िदा दिरो को देती रहती है और िमुन्दर का र्ानी िदा खारा होताहै क्ूंसकवो िदालेतीही रहतीहै। इि सलएज्ञानीलोगकहतें हैं कीअगरदेते रहोगे तोिदा मीठे बने रहोगे और अगर लेते रहे तो खारे बनकररहजाओगे। मीठीऔरनामीकजीवनबनानाहरएक इंिानके हाूँथमेंहै।हमनेभीदोनोंचलनिेअर्नेजीवनकोतौलाहै और ज्यादा िमय मीठा जीवन सबताने की कोसिि की है र्र कभी कभी दिरो के अनुसचत व्यवहार के कारन हमको भी खारा बनना र्ड़ाथा। मुझेमालूमहैकीइििंिारमेंइंिानअर्नामकानबदलताहै, वस्त्र बदलताहै, िम्बन्धभीबदलताहै र्रसफरभीदखीहीनज़रआताहै क्ूंसक वह अर्ना स्वाभाव नहींबदल र्ाता है। मैंने िमय िमयर्र और लोगों के व्यवहार देख कर अर्ना स्वाभाव बदलता रहा इि सलए हम िभी प्रकार का ररस्ता हमारे सलए उसचत ही रहता था। मैं जानताथाकीइंिानमेंश्रेस्ट्तासकिीकीजनमसिद्धअसधकारनहीं है र्रवहहरएकमानवके गुणोंिेआतीहै जैिेदध, दही , घी िभी एकहीके कुलके होते हुएिबके मूल्यअलगअलगहोतें हैं।बताया जाता है की जब कोई तालाब जल िे भर जाता है तब मछसलयां चीसटयों को खाती हैं र्र जब वही तालाब खली हो जाता है तब चीसटयां मछसलयों को खाने लगती हैं। बि इिी तरह मौका इि िंिार में िब को समलता है बि अर्नी अर्नी बारी का हम िब को इंतज़ार करना र्ड़ता है। मुझ मेरे गुरु जी ने बताया था की ईमानदारी, िचाईऔर बुस्तद्धमानीके िाथसकयागयाकोईभीकाम कभीव्यथानहींजाताहै।हमारे िमझमेंइिब्रमांडकीिभी िाथाक िस्तियां तभी हमारे िाथ हो िकती हैं जब हम अर्ने मन, वचन, धमा, कमाऔरसवचारिेस्वच्छहोजाएंगे।
37 यहबातभीमानीऔरजानीहुयीहै कीइंिानजबतकसजन्दारहता है तब तक लोग अक्सर उिमे गलसतयोंऔर कसमयोंको सनकालते रहतें है र्र मरने के बाद न जाने कहाूँ िे इतनी अच्छाइयोंको ढूंढ लातें हैं। िायद इिी सलए हमने अर्ने सनधन के बाद अर्ना अंसतम िंस्कार को कोई भीड़ भाड़ िे िमक्ष न करते हुए एकांत में अकेले स्थान में सबना कोई धासमाक या िामासजक िंस्कार के करने का सनश्चय सकया है सजििे सकिी को कोई तकलीफ न र्हुंचे और बेसफज़ूल खचा भी न हो तथा हमारा र्ररवार िभी प्रकार के र्ाखंडों िेबचेरहें। अर्ने इि जीवन के सिलसिले में हम ने कई सवद्वानों को अंसतम िंस्कार र्र प्रकाि डालते िुना है और गुना है तथा उन्हींके िब्दों कोलेकरमैंनेअर्नेअंसतमिंस्कारकाढांचाऔररवैयाबदलडाला है। मैं उििुभ सदनके आगमनकाप्राथीहूँ जीि् सदनहमारे िमाज के लोग अंसतम िंस्कार को सबलकुल अंसतम िमझ कर अर्ने सप्रये र्ाररवाररक जनो के देहांत हे बाद कोई सफजूल खचा, िामासजक या धासमाक िंस्कार न करते हुए उि आत्मा की िांसत के सलए िमझदारी िे काम करेंगे। हाूँ जो लोग उि ढ़ोग या अंध सवश्वाि िे बाहरनहींसनकलिकतें है वहतोउनकाहीसवचारयािमझदारीहै औरकोईभीज्ञानध्यानकीबातेउनके र्ुरानेसवचारोंको कभीनहीं बदलिकतीहै। हमारे र्ाठकों को यह याद रखना जरुरी है की यह िब मेरे सनजी सवचार हैं और मैं अर्ने इन आधुसनक और क्रांसतकारी ख्यालों को सकिी र्र थोर्ना नहींचाहता हूँ। आर् जैिा ठीक िमझे वैिा ही करतेरसहये।
38 4. अभीजीभरके कहानहींहै हमारे जीवन का सिलसिला यहीं कैिे खतम हो िकता है क्ूंसक अभी तो हम ने अर्ने प्रौढ़ जीवन की बातोंका सजक्र ही नहींसकया है। अध्यार्नकाया के बादजबमै व्यार्ाररकक्षैत्रमें कदम रखा और अर्नीर्ढाईकोजारीकरतेहुएसवद्यालंकारकीओरबढ़करअर्नी डाक्टरीकीसडग्रीहासिलसकयातबिेमेरीसजंदगीकीमोड़हीबदल गयीऔरहमारे सवचारमें नएनए सवर्षयउमड़ने लगे थे औरआज मैं उनिबसवचारधाराओंिेअर्नेइिजीवनके सिलसिलेकािमास्तप्त करनेजारहाहूँ। जब मैं अर्ने जन्मभूसम बोसटनी िे सब्रस्बेन के सलए चला था तो दख तो बहुत हुवा था लेसकन जीवन में प्रगसत के सलए मुझे भी यह कदम उठानार्ड़ा। हमारे चारोबच्चे सब्रस्बेनमें अर्नाअर्नाजीवनिुखी िे सबता रहे थे और मुझे भी कुछ ऐिा ही करना था। १९९५ के िुरुवात में आते ही हम ने अर्ना सनवाि स्थान बनाया और इि के बाद जब मुझे सिक्षा सवभाग के िीसनयर टीचर का र्द समला तो िमझो हमारा जीवन िास्तिक हो गया था। िमय का चक्र चलता रहा और हम ने अर्ने िमाज िेवा को जारी रखा और २००२ में र्ुरे तौर िे अवकाि ग्रहण कर के अर्ने घर को अर्ना मंसदर बना कर इि जीवन के सिलसिले को स्तस्थल, िांत और िंतोर्षर्ूणा बनाते हुए िमय काटने लगा था लेसकन सवसध की सबडम्बना को कौन ताल िकता है। मेरी धमार्त्नी जो मेरे चारो बच्चोंके माूँ थी २०१३ में चल बिीतबजबहमारे िभीबच्चीअर्नेअर्नेजीवनकीनैयािफलता र्ूवाक खे रहे थे तो उन को सबना कोई दखल र्हुचाये हम ने अर्ने अकेलेर्न को िंभालता रहा। लगभग ८ वर्षो तक की यह वीरान जीवनकाटने लगीथी। मैं अर्ने एकहीभाईसवजेनके सनमंत्रणर्र उन के घर अमेररका के आयडाहो गए ६ हफ़्ोंके सलए | हमारा तो एक ही भाई है और वो भी हमारे सलए बहुत अनमोल है क्ूंसक मैं जानता हूँ की भाई के सबना रावण युद्ध हारा था और भाई के कारण श्री राम की जीत हुयी थी इि सलए हमारा िमय कैिा भी रहा हो
39 हमने अर्ने भाई का िाथ कभी नहींछोड़ा है भले हम दर दर रहतें रहेर्रअर्नािंर्का जमायरहतेंरहें। जहाूँ हमने अर्ने काकाजीिे भीमुलाकातसकयाऔरहमने अर्ने िेर्षजीवनके सवर्षयमेंकईसवचारोंर्रध्यानसदया। घरवार्िआने के बाद हम ने अर्ने बच्चो िे िलाह मिवरा कर के दिरा सववाह करनेकासनश्चयसकयाऔरगंगाजैिी िुिीलऔर सदलदारर्त्नी को चुना और हमारा सववाह २०१७ में िंर्न्न हो गया। इि के िाथ िाथ हमारी अकेलेर्न की तकलीफ भाग ही गयी और हम अर्ने जीवन के सिलसिले कोर्ुनः जारीकरते रहे। हमारा यह जीवन अनेक प्रकार के प्रेम िे भरर्ूर है और जब हम दिरो के प्रसत प्रेम भाव दिाातें हैं और अर्ना भलाई के भावना सदख|तें है तो हम इंिासनयत का उत्तम स्वाभाव प्रदसिात करतें है अगर इि के सबर्रीत की भाव ले कर चलते है तो हमारे र्ाि मानव के कायदा कदर ही कहाूँ रह जाती है। सफर तो यही मान लो की हमारी िमासजत और आध्यास्तत्मक देहांत ही हो गयी है। इिी सलए हम कहतें है की मानव को िदा प्रेम की बानी बोली और प्रेम की भावनादिान|चासहए। अबहमदम्पसतसर्छलेिातवर्षोंिेइिीप्रेम के िहारे अर्ने जीवन का सिलसिले को चलाते चले आरहें है। एक दजकीिेवा, देखभालऔरिहाराहीहमाराकमाऔरधरमरहाहै लेसकन २०२३ िे िब एक तरिा हो चला है क्ूंसक हमारा स्वास्थ सबगड़ने लगा है जहाूँ हाूँथ र्ावं ढीले होने लगे है और अन्य दख ददा आगएहैं। अबजबकीहमारे बच्चे अर्ने सजंदगीकीनावखुदचला रहेंहैतोमुझकोगंगाकाहीआिरारहगयाहै। हमने अर्ने वक़्त िे िदा िीखा है अर्ने जीवन में बदलते रहने का िबकक्ूंसक हमारा वक़्त कभी खुद को बदलते हुए थका ही नहींहै इि सलए मैं कहता हूँ की अविरों की राह देखने वाले व्यस्ति िाधारणहोतेंहै लेसकनअिाधारणव्यस्तिहीअविरोंकोजनमदेतें
40 है तथा हम िब को अविर िे लाभ उठाना जरुरी है अगर हमको अर्नेजीवनके सिलसिलेकोकायमरखनाहै। जीवनमेंर्ैिाकमानाहमारे सलएइिसजंदगीकाएकलक्ष्यबनगया था और फलस्वरूर् हमने खूब कमाया खूब उड़ाया लेसकन र्ैिे ने मुझकोकभीवोख़ुिीनहींदे िकीजोमुझेजरुरीथाऔरवोथीमेरे स्वास्थ की ख़ुिी र्ररवार की ख़ुिी आत्मा की िांसत की ख़ुिी। सजतनाज्यादाहमने कमायाउतनाहीहमाराचाहतबढ़तागयाऔर लालच आता रहा। इिके सलए हमको प्रेम और भस्ति का िहारा लेना र्ड़ा था लेसकनयहभी हम ने जरा देर िे िमझा। र्र देर भले हुवा लेसकन दरुस्त हुवा और अर्ने घर आूँगन को एक मंसदर बना कर र्रमात्मा का भस्ति करने लगा। इि िे मुझ को िुख बी समला औरिांसतभीहमनेर्ासलया। आजकल मैं भी िोचने लगा हूँ की अच्छा िंगीत हम को जहाूँ ज्ञान देता है वही ख़ुिी और िांसत प्रदान करता है तो हम ने अर्ने घर में भजनों, गजलों और अन्य िास्त्री िंगीतों का भण्डार बना रखा है सजि िे जहाूँ मुझ को मन की िांसत समलती है वही भस्ति भाव भी उमड़ आती है। तथा जो आनंद समलता है वो तो बड़े िुकून की बात है। हमने अर्ने इि जीवन में अर्ने िर्नो को िाकार करने के सलए मेहनत मिक्कत बड़े जतन और ईमानदारी िे सकया है और अर्ने िभीिर्नोकोिाकारसकयाहै।एकिमयथाजबलोग हंिरहे थे हमारे िर्नोकोिुनकरवहीलोगहमिेसमलनेके िर्नेदेखतेरहे। चाहत मानव जीवन के सलए वो िीढ़ी बन जाती है सजि के द्वारा इंिान कोई भी ऊंचाई तक आिानी िे र्हुूँच िकता है हलासक वह अर्ने चाहतकािहीउर्योगकरतारहे।मैंने अर्ने जीवनके िफर में जो भी उर्योगी वस्तु या भावनाओं को चाहा था उन को र्ाने में मुझे कोईतकलीफइिसलएनहींहुयीक्ूंसकमेरालगनउनिे लगा था। हमको अच्छे र्ररवार समले, भस्तिमान दोस्तों का िाथ रहा, अच्छे ज्ञान की गठरी भी समलती रही, िमाज में िेवा करने का अविर समला तथा लोगो का आदर ित्कार भी समलता रहा। यही मानलोकीमुझकोजोभीचाहतथीवहिबमुझकोसमलतीहीरही
41 औरमेरे जीवनके िभीसिलसिले िुचारुरूर्लेते रहे।मैंिबचीजों को ठीक िे देख िकता था, िभी बातों को िुन िकता था और िमझिकता था और जब बोलने का िमय आता था र्रमात्माऔर अर्नेगुरुजनोके कृर्ािेअच्छे िेबोल भीलेताथा। मुझेयहिमझ में आ गया था की इि िंिार में सजिको ठीक िे र्ढ़ना, सलखना, िुनना और बोलना आजाये तो मान लो उि के र्ाि गुणों का खजानाहै तथाऔरकुछहासिलकरने कीजरुरतहीनहींहै क्ूंसक जो भी चासहए वो िब आसहस्ते आसहस्ते समलती ही रहेगी। इि अवस्थामेंइंिानकािभीप्रकारकाकरमऔरधरमजोरोंिेबोलने लगताहै औरजीवनकाहरसिलसिलाअर्नेआर्िुधरताजाताहै। इनिबबातोंिेहमयहिमझिकतेंहैकीअच्छे इंिानअर्नेकरम औरधमािेहीर्हचानेजातेंहै। हाूँमैंभीमानताहूँकीबुरे इंिानभी कभीकभीअच्छीबातेंकरसलयाकरतेहैं। इि छोटे िे जीवन के िफर में खुिनिीब वो नहीं हो िकतें है सजनकानिीबअच्छाहोताहै र्रकृसर्षऔरिुखीवोलोगहोतें है जो अर्ने निीब िे िदा कुि और िुखी नज़र आतें हैं। जब हम अर्ने सवचार और व्यवहार में र्ारदसिाता ला लेते हैं तब हम में जो भी कसमयां भी होतींहैं तो हम उनको छुर्ातें नहींहैं र्र उन को अर्ना िस्ति बनाने की कोसिि करते हैं। वैिे तो कसमयां िभी मानव में होती है और कोई भी मानव िम्पूणा नहीं है सिवाय ईश्वर के तो कसमयोंको छुर्ाने िे क्ाफायदा। जैिे अच्छे धमा कार्ालनकरना हमारा कताव्य है वैिे ही हमारा करम प्रधान है और अगर हम अर्ने सकिी भी काम की िही िुरुवात नहींकर िकतें हैं तो हम वाकई उिकोर्ूरानहींकरिकतेंहैइिसलएजोआजकरनाहैउिकोअब करने का िदा प्रयाि करना िही होता है। हमारे सवचार में इि िंिारके हरएकप्राणीअर्नेबोलीबानीऔरअर्नेजुबानीके र्ीछे छुर्ा रहता है और अगर उनके बारे में िही जानकारी लेनी है तो उनकोबोलनेकाअविरप्रदानकरनाचासहए।हमारे जीवनकायह भी अनुभव रहा है की प्रयाि करने वाला व्यस्ति भले एक दो बार सफिलजाताहै र्रिु नहींकोसििकरने वालाइंिानतोहमेिाही सफिलतायासगरतारहताहै।इिसलएकहागयाहैकीकेवलजीतने
42 वाला ही नहींबस्ति कहाूँ र्र क्ा जीतना या हारना है यह जानने वालाभीमेरे ख्यालिेसिकंदरहीकलायेगा।इतनाहमिबकोयाद रखना है की जो लोग अर्ने भसवष्य के बारे में अच्छे अच्छे िर्ने देखतें है और उनको िाकार या र्ूरा करने का लगन रखतें है तथा उन्हें िाक्षातबनाने की हर एककीमत चुकाने कोतैयारहोतें है वही लोगअर्ने जीवनके हरएकसिलसिले में िफलताप्राप्तकरिकतें हैं। हर चीज़ अर्ने वक़्त में अच्छे लगतें है इिीसलए हमारे नेकी कमाने के वक़्त िारे जीवन की थी और मैं नेकी करता गया और दररया में डालता गया र्र कभी मेरा यह इरादा नहीं रहा की मुझे कोई मुनाफा या भलाई समलेगी। मैं ने अर्ने जीवन के सिलसिले में नेकी और भलाई तब करते रहे जब मुझे कोई लाचार या दखी व्यस्ति िामने आया था। िायद यही कारन रहा हमारे जीवन के िफर में की मैंने अहंकार को अर्ना िब िे बड़ा दश्मन िमझा था क्ूंसक मैं यहजानता था की वह िभी अच्छे को बुरा बना देता है यहाूँ तक की िोने चांदी और सहरे को भी समटटी जैिा बना देता है। इिी सलए हमने अर्ने मनकी सकताबोंकोकेवल ऐिे नेकव्यस्तियोंके िामने खोला करता था जो र्ढ़ने के बाद हमारे सवचारोंऔर सिद्धांतोंको िमझ िके। यह िब जान कर जब भी कोई व्यस्ति हमारा सवश्वाि को क्षसत र्हुूँचाने की कोसिि सकया या तोडा तो मैं उनको िदा धन्यबाद सदया करता था क्ूंसक वही लोग मुझको सिखाते रहे की सकिी र्र सवश्वाि िोच िमझ के ही करना चासहए। इि र्ृथ्वी र्र हमारे सलएज्ञानदानिे उत्तमऔर कोईकाया नहींरहा,लालचऔर लोभ जैिा कोई ित्रु नहींरहा, अच्छे स्वाभाव जैिा कोई आभूर्षण नहींरहाऔरिंतोर्षजैिाकोईधमा हीनहींरहा। इन्हींिब ख्यालोंऔर सवचारोंको लेकर मैं इि जीवन के सिलसिले को तय कर रहा था इिीसलए अजीब तरह िे गुजरती रही यह सजंदगी तथा हुवा वही जो हमने िोचा था, सकया वही जो हमारे मन भाया थाऔर समलावही जोर्रमात्माने ठीकिमझा । बियही तो हमारे जीवनकासिलसिलारहा।
43 5. ख़ुिीऔरिुखिेरहो बड़े ही अजीबतरह िे गुजररहीहै हमारीयह सजंदगीक्ूंसकजो भी िोचा था ,जो भी चाहा था जो भी करना था या जो भी माूँगा था िब िमय िमय र्र समलता गया। मेरे र्ाि िब्र या िबुरी करने की िस्तिथीऔरमैंजानताथाकीर्रमात्मासजिकोजोदेनायाबनाना चाहतें है उनको कोई फुिला कर उन का इरादा नहींबदल िकता है। भले उनके देने में देर हो जाय लेसकन वे कभी अंधेर नहींहोने देंगे।हमकोतोसमलाभीिबकुछऔरहमारे जीवनमें हुवाभीिब कुछजोहमारे सलएमुनासिबथा। इिसजंदगीमेंमैंसकतनाखुिथायहउतनाजरुरीनहींहैकीसजतना जरुरी है यह जानना की हमारे कारन सकतने लोग खुि रहतें रहें। हमकोहमारे बुजुगोंनेबतलायाथाकीकीइितरहसजओऔरखुि रहोकीतुमिे कोईर्ार्न होजाए, औरइिकामकरोकीआर् िे िबकोईखुिरहेंतथाखचाउतनाहीकरनाकीआखरीमेंकमाईिे ज्यादा न हो। यही ख़ुिी रहने का तरीका है। सफर कभी इि तरह मतखावोके र्ेटमेंमजा होजाये औरकभीइितरहमतबोलनाकी सकिी को कलेि र्हुंचे। जीवन में एकऔर खुि रहने का सनयम है औरवोहै कीइितरहमतिोचनाकीतुम्हारीसचंताबढ़तीरहे तथा इि तरह मत चलता की तुम्हारी मसज़ल तक र्हुंचने के सलए देर हो जाए। इिके बादसवद्वानोंद्वारायहभीकहागयाहैकीनदीकार्ानीमीठा होताहै क्ूंसकवोिदादिरोकोदेतीरहतीहैऔरिमुन्दरकार्ानी िदा खारा होता है क्ूंसक वो िदा लेती रहती है। इि सलए ग्यानी लोगोंकाकथनहै कीअगरअर्नेऔकातिेदेतेरहोगेतोिदामीठे बने रहोगे औरअगरलेते रहोगे तोखारे बनकररहजाओगे।मैं इन ज्ञानके बातोंर्रिदाध्यानदेतारहाअर्नेख़ुिीके सलए। सकिी र्र या अर्ने आर् र्र गुस्सा करना या सदखाना मानव को िदा िुखी जीवन में बाधा ही बना रहता है इिी सलए यसद इि जीवन के िफर में मैं िही था तो मैं जानता था की मुझे गुस्सा होने
44 का कोई जरुरत ही नहींहै और अगर मैं कभी भी गलत था तो मैं यह जानता था की मुझे गुस्सा होने का कोई हक़ ही नहींहै। यह भी ख़ुिीरहने काहमाराउम्दानक्शाथाइिजीवनके सिलसिले में। कई सदनोंिे आग जैिी लगी थी हमारे सदलो में और दिर सदन जब हमारे जाने माने समत्र आये हमारा हाल र्ूछने र्र सफर वार्ि चले गएसबना कुछ सकये हुए क्ूंसकमेरे सदलकी आग को उन में िे कोई नहींबुझा िकता था र्र एक भस्तिमान दोस्त ने हमिे र्ूछा, “भाई सदल तो िाला जलता ही रहेगा िमय िमय र्र कभी कोई वजह िे और कभी बेवजह भी लेसकन तुम्हारे र्ाि तो तुम्हारा िारा िरीर बचा है उिमे तो आग नहींलगी है।“ मैंने थोड़ी देर तक िोचा और सफर कहा, “हाूँ मेरे यार मेरा सदल ही जलता है र्र िारा िरीर तो कासमलहै।“ मेरे दोस्तने मुझे अर्ने गले िे लगायाऔर कहा,“मेरे यार सफर तो तुम्हारा जला ही क्ा है िारे सदल की ऐिी की तैिी िारा देह तो िासबत है आगे बढ़ने के सलए।“ बि मैं उि सदन िे आगे देखता हुवा िर उठा कर अर्ने जीवन के सिलसिले को र्ुकारताचलतारहा। मैं अर्ने जवानी िे ही यह इरादा सलए चल रहा हूँ सजििे मैं केवल अर्ने िंघर्षा करने की क्षमताको बढ़ाने के योग्यताहासिल करिकूं और कई हद्द तक मैं इि इरादे में कामयाब हुवा हूँ। मैं िुरू िे यह जान गया था की िीिा ही हमारािब िे बेहतरीनऔर गहरा दोस्त होता है क्ूंसक इि जीवन के सिलसिले में जब भी हम रोते हैं तो वह कभी नहींहूँिता है और इि के सवर्रीत जब हम हूँितें है तो वह कभीनहींरोताहै। हमारे इि जीवन में मुिीबतें भी कई बार आयी थी र्र मुझे बताया गया था की अर्ने कोई भी मुिीबत में मद्ददभी सकिी िे माूँगना तो िोच िमझ के माूँगना क्ूंसक हमारी मुिीबतें तो थोड़ी ही देर की होती है और आती है और चली जाती हैं र्र वे एहिान सजंदगी भर के सलएछोड़जातीहैं। मुझे र्ता चल गया था इि जीवन के िफर में की मुस्तिलें और मुिीबतें केवल बेहतरीन लोगोंके ही सहस्से में आती रहती है क्ूंसक वे ही वो लोग हैं जो इन को बेहतरीन रूर् िे अंजाम देने की ताकत
45 और सहम्मत रखतें हैं इिसलए मैं िदा अर्ने आर् को बेहतरीन िासबत करने का नुकिा खोजता रहा और कई बार िफल भी रहा। हम ने िदा अविर िे लाभ उठाने की कोसिि सकया है क्ूंसक मैं जानता था की अविर िूया उदय की तरह होतें हैं यसद मैं कभी भी ज्यादा देर तक प्रतीक्षा करता रहा तो उि िुनहरे अविर को मैं खो दगा।अक्सरहम ने यहकल्पनासकयाहै इि जीवनके सिलसिले में की हमारे सजंदगी की हर र्हलू िही और दरुश्त रहे तथा ऐिा िोचने र्र सदल और सदमाग र्र जो िुख, िांसत और ख़ुिी समलती रही उन का बखान करना आिान नहींहै। बि सफर क्ा था मैंने अर्ने जीवन के िफर में हर एक जीसवत प्राणी के प्रसत दया भाव और प्रेम दिााना अर्ना र्रम कताव्य िमझा था क्ूंसक मैं यह भी जान गया था की घृणा वो बुरा गुण है जो हमको सवनाि के तरफ ले जाएगा। बि मुझे अर्ने िभी मानव व्यवहारोंको िही और दरुश्त करना र्ड़ा क्ूंसक मानव अर्ने खुद के व्यवहारोंिे अर्ना भेद भी खोल देता है और अर्ने आर् को बबाादी के तरफ अग्रिर करता रहताहै। जैिेनदीऔरनालेबहतेजातेंहैंऔरलौटके कभीनहींआतेंहैंठीक उिी तरह रात और सदन हमारे जीवन की आयु ले कर चले जातें है और कभी नहींआतें हैं इिी सलए बुजुगों का कहना है की जब तक इि धरती र्र सवराजमान हो तब तक जन िेवा और अर्ने ररश्ते बनाये रखना ही मानव धमा है। हमारे ख़याल िे ररश्ते एक अच्छे सकताब की तरह होतें है सजम्हें सलखने में िालोंलग जातें हैं लेसकन जलाने में केवलचंदसमनटहीलगतें हैं।हमने अर्ने जीवनके िफर में अर्ने बच्चोंकोजहाूँ िबजरुरीचीजोंकोसदयाथावहीउनकोवो िब कुछ सिखाया था सजि िे वे अर्ने र्ैरों र्र खुद खड़े हो कर अर्ने र्ररवार का र्ालन र्ोर्षण कर िकें क्ूंसक मैं जानता था की चीजेंतोनष्ट्होिकतीहैंलेसकनज्ञानिदािाथरहताहै।
46 कृतजता इि र्ुस्तक के रचना करने में सजन सजन िासथयों, समूँत्रो और अन्य लोगोंकािाथ, हाूँथऔरिहयोगरहाहै मैं उनिबकोकोसटकोसट धन्यबाद देता हूँ। उन के ही आसिबााद, िहारा और प्यार िे हमारा यहसवचारधारािम्पूणाहुवाहै। हमारीकलमतोअर्नीकायाकरती रहीलेसकनमुझेइिरचनाकाप्रकािनकरने के सलएजोधनहमारे गुरुजनो, बुजुगों, समंत्रों, िहर्ासठयों और र्ाररवाररक जनो िे प्राप्त हुवा है वह िदा अनमोल ही रहेगा। उन िब को हमारा प्रणाम और प्रेमभरानमनऔरनमस्कारहो। मैं अर्ने र्त्नीगंगाकाभीआभारीहूँ सजन्होंने मेरे सवचारधाराओंको र्ढ़ा, िंिोधनसकयाऔरप्रोत्साहनदेतीरहीआगेबढ़नेके सलए। इि के अलावे कई और दोस्त और र्ररवार के लोग थे जो िमय िमय र्र मुझे हमारे सवचारोंको िंिोधन करने के सलए मदद करते रहे।उनिबकाभीमेरािुसक्रया। हमारे बचर्न के यार दोस्त और गावं सनवासियों का हमारा नमन और धन्यबाद हो सजन के िौजन्य िे हमने अर्ने बचर्न के उन िुभ सदनों को ज्ञानर्ूवाक सबताया था तथा इलम र्ाया था सजनको सकिीर्ाठिालामें नहींसमलिकतीथी। इि र्ुस्तक की र्ूसता के सलए सजन का भी िहयोग हमको समला है मै उन िभी को नमन और नमस्कार करता हूँ तथा कोसट कोसट धन्यबाददेताहूँ। डॉक्टररामलखनप्रिाद\
47 िमास्तप्त हमारे जैिेप्रत्येकव्यस्तिकोअर्नेजीवनमेंएकउद्देश्यरखनाचासहए।जैिेकी हम ने अर्ने इि सिलसिले के आरम्भ में अर्ने लक्ष्य र्र प्रकाि डाला था तो आज इि िमास्तप्त में यही कहना चाहंगा की एक लक्ष्य ही है हमारे जीवन के सिलसिले में जो हमको अर्ने िर्नों को हासिल करने में मदद करता है और हमारा यही लक्ष्य हमारा र्हचान िभी को देता है। मेरे इन सवचारधाराओं को र्ढ़नेके बादहमारे र्ाठकगणयहजानगएहोंगेकीहमनेअर्नेजीवनके िफर औरअर्नेर्ररवारतथाकामकीउसचतयोजनाबनाईथीसजिके कारणहमारा जीवन िुखी और ख़ुिी का िफर रहा है। हमारे जीवन में कई अच्छे अच्छे उर्देि और िंदेिोंिे िुिस्तज्जत रहा है क्ूंसक मैं जानता था की एकलक्ष्यहीन व्यस्ति सबना नीवं वाली इमारत की तरह है। वे सिकायत करते हैं और अक्सर अर्ने भाग्यकोदोर्षदेते हैं।मैंने जबभीसिकायतसकयातोउनकोठीककरने काउर्ायभीखुदढूंढातथाकभीअर्नेभाग्यकोदोर्षनहींसदया। हर व्यस्ति का अलग-अलग उद्देश्य होता है। जहां कुछ लोग वकील बनने की इच्छा रखते हैं, वहींकुछ डॉक्टर बनना चाहते हैं। कुछ असभनेता जबसक कुछ सिक्षक बनने के इच्छुक हो िकते हैं। हमारे भी इि जीवन में कई अलग अलग उद्देश्यऔरलक्ष्यथेसजनकीर्ूसताहमनेअर्नेभावऔरस्वाभाविेसकयाकरता था।हमनेअर्नेलक्ष्यकोअर्नेर्ररवेिके अनुिारअर्नातेरहे।अर्नाउद्देश्य तय करते िमय मैं िदा ितका रहता था क्ूंसक मैं जानता था की कुछ लक्ष्य उसचतहोतें हैं, जबसक कुछ आर्को भ्रसमत करते हैं। मुझे भी इिजीवन में कई बाधाओंऔर चुनौसतयोंका िामना करना र्ड़ा था लेसकन मैंने उनिे कभी उिे हार नहींमानी थी । जब तक मैं िफलता तक नहींर्हुंच र्ाता तब तक प्रयाि जारीरखताथा। हमारे जीवन का यह सिलसिलाऐिा चलतारहा जैिे एकरेलगाड़ीअर्ने र्टरी र्र भाग रही है र्र उि में कभी कभी कसठनाइयां आती रही लेसकन कोई भी िफर नामुमसकन नहींथा क्ूंसक मुझे िभी िफलता र्ाने के सलए कड़ी मेहनत करने की जरुरत थी और मैं ऐिा करना अर्ना र्रम कताव्य िमझता था। एक प्रचसलत कहावत है सक सबना मेहनत और उद्देश्य वाला आदमी सबना चालक के जहाज की तरह होता है। इिका मतलब है सबना र्तवार के एक जहाज लक्ष्य तक नहीं र्हुंच िकता। इि प्रकार मुझे मालूम था की इनके सबना मैं अर्ने जीवन के रास्ते में लड़खड़ा रहूँगा । मुझे अर्ने जीवन के सिलसिले की र्ूसता करने के सलए अर्ने जीवन को एक िही अथा देने की जरुरत थी सजि िे मैं
48 अभी लोगोंको सदखा िकूं की मैं अर्ने जीवन को िवौत्तम तरीके िे कैिे जी िकताहूँ। हमारे अर्ने उम्मीदें िदा िे बड़े ठोि प्रकार के थे र्र मैं यह भी जानता और मानता था की जैिे कटी हुयी टहसनयां सकिी को छाहूँ नहींदे िकती है ठीक उिी प्रकार हद्द िे ज्यादा उम्मीदें भी हमेिा गहरा घाव ही देती रहती हैं। मैं अर्ने जीवन के सिलसिले के सलए यह जानकारी जरूर रखता था की कामयाबी और नाकामयाबी दोनों इि सजंदगी के खाि सहस्से हैं और दोनों कभी भी स्थाही नहींरहते हैं। मेरे िमझ में मुस्तिलें केवल बेहतरीन लोगोंके सहस्से में आती हैं क्ूंसक वे हीलोगइिकोिही अंजामदेने कीताकत रखतें हैं। मुझे मेरे बुजुगों ने इि जरुरी ताकत को ठीक िे िमझाया था और मैं इि का िदा सदन इस्तेमाल करता रहा। हमारे जीवन के सिलसिले में जब भी हमारा हौिला आिमान तक र्हुूँचता था तो मैं जान जाता था की जीवन में बहुत िे ऐिे लोग समलेंगे जो हमारा र्ंख काटने कोआजाय करेंगे इिसलए उनिे बचना ही जीवनके िफर कीिफलता होतीहै | मुस्कुराना हर इंिान का एक बहुमूल्य कला है और सजिने इि कला को िीख सलयावोजीवनमें कभीदखीहोहीनहींिकता।हमाराहरएकमुस्कुराहटइि जीवनके सिलसिले में हमारे मनका बोझहिाकरदेती है इिीसलए कामयाब होनेवालेइंिानहमेिाखुिरहतेहैं औरजोखुिरहतेहैं वहीकामयाबहोतेहैं। इि के सवर्रीत गुस्सा करना अर्ने र्ैरोंर्र कुल्हाड़ी मारने जैिा ही है क्ूंसक आर् सजिर्े गुस्साकरते हैं उििे ज्यादा आर्काखुदकानुकिानहो जाताहै। ज्ञानीइंिानकभीघमण्डनहींकरताऔरसजिेघमंडहोताहै ज्ञानउििे कोिों दररहताहै।अमरवहीइंिानहोतेहैंजोदसनयाकोकुछदेकरजातेहैं।यहयाद रखना जरुरी है इि जीवन के सिलसिले में की हर िफलता िंघर्षा िे होकर गुजरतीहैऔरसबनािंघर्षाके िफलताकीकल्पनाभीनहींकीजािकतीहै। इिजीवनके िफरमें सजनका कदऊूँचाहोता है वोदिरो िे झक करहीबात करते हैं। इंिान अच्छा या बुरा नहींहोता बि वि अच्छा और बुरा होता है। इतना और याद करने की बात है दोस्तों की हमने भी त्याग दी अर्नी िब ख्वासहिेंइिबुढ़ार्ेमेंकुछअलगकरनेके सलएकुछकोिाथरखनेके सलए।मैं तो श्री राम का नाम ही ले कर जीसवत रहा हूँ र्रश्री राम ने तो बहुत कुछ खोया था श्री राम बनाने के सलए। इतना जरूर याद रखना दोस्तों सजि सदन आर्ने अर्नी िोच बड़ी कर ली उि सदन िे बड़े बड़े लोग आर्के बारे में िोचना िुरू करदेंग। हमारी यह वचनों का सिलसिला जीवन में एक िकारात्मक सवचारधारा को बढ़ाने का काम करती रहेगी जो हमारे जीवन में नकारात्मक सवचारो को खत्म करके जीवन में िफलता की ओर बढ़ने में हमारी िह|यता करती रहेगी तथा इि जीवनके सिलसिले में एकप्रेरणा काकाया करती रहेगी | कहते हैं सवचारों
49 में बहुत िस्ति होती है, ये वो चीज़ हैं जो मानसिक रूर् िे सबलकुल सनबाल हो चुके व्यस्ति में भी जोि फूंक देते हैं और उन्हें िही राह र्र अग्रिर करते हैं| महान और सवद्वान लोगोंद्वारा कही गयी बातें और उनके अनमोल सवचार बहुत ही र्ुराने िमय िे लोगोंको िफलता की राह सदखाते आ रहे हैं इिसलए हमारा एकप्रयािहैकीहमआर्कोअर्नेिवाश्रेष्ठतथा अन्य व्यस्तियोके उत्तमसवचार प्रदान कर िके और आगे भी करते रहेंगे। एक बात और िुन लीसजये चैन िे जीने के सलए चार रोटी और दो कर्ड़े काफी है र्र बेचैनी िे जीने के सलए चार गाड़ीऔरदोबंगलेभीकमहै। हमारी एक दो खाि िलाह हमारे र्ाठकों के सलए िायद लाभदायक होगी: र्हला है की अर्ने सजंदगी िे कभी भूल कर नाराज मत होना यारो क्ूंसक आर् जैिीखुिहालसजंदगीइििंिारमेंसकतनेलोगोंकािर्नाहोिकताहै।दिरा मश्वरा है की िारे दसनया के सलए आर् एक व्यस्ति हैं लेसकन अर्ने र्ररवार के सलए आर् उनकी िारी दसनया हैं इिसलए जब आर् अर्ना ख़याल रखतें हैं तो वहीअर्नेर्ररवारकाभीिहीदेखभालकरतेरसहये। अंत में यह जरूर याद रखना मेरे यारो की अगर कभी मैं अर्ने लोगोंको िही रूर्िेयादनकरर्ावूंतोमुझेकोईखुदगजा व्यस्तिमतिमझनार्रहमारे इि जीवन के सिलसिले की लेख को सफर िे र्ढ़ लेना तो यह मालूम हो जाएगा की दरअिल हमारी और आर् की इि छोटी िी सजंदगी में र्रेिासनया बहुत आती जातीरहतीहैं तो हमएकदिरके क्षमाप्राथीतोहैं हीलेसकनएकदजकोिही रूर्िेिमझभीिकतेंहैं। इिसजंदगीकोकैिेजीनाहै ? हमकोयहछोटीिीसजंदगीसमलीहैतोहमकोहंिकरजीनाहै, अबहमेंअर्नेिभीग़मोंकोभुलाकरर्ूरे सदललगाकरजीनाहै | मानसलयाकीउदािीमेंक्ारखाहैतोअबमुस्कुराके जीनाहै, अर्नेसलएतोखूबसजएहैंहमअबतोअर्नोंके सलएभीजीनाहै | यूूँकरनेकोसदलचाहतारहताहैक्ूंसकअबवक़्तके िाथहीजीनाहै, इिकीआदतअच्छीहैजैिाभीहोजुजरजाताहैबिऐिेहीजीनाहै | बचर्नमेंहमतोजोरिेरोतेथेकहतेथेकीअर्नीर्िंदर्ाके जीनाहै, बूढ़े होगएतोचुर्के िेरोलेतेहैंक्ूंसकअर्नीर्िंदछुर्ाके जीनाहै। अबतोअर्नेसजंदगीके िभीउलझनोंकािहीजवाबढूंढकरहीजीनाहै, अबकरिके हरअर्नेददा कमउिदवाकोढूंढके िुखिांसतिेजीनाहै | वक़्तके मजबूरहालातिेलाचारहूँतोअबजीनेकाबहानाढूंढके जीनाहै, अबहररोजऐिीराहोंकोढूंढताहूँजोहमेंबतादे के कैिेआरामिेजीनाहै | यहदसनयाअजीबहोतीजातीहैजहाूँिभीलोगोंकोिंभलकरजीनाहै , लोगकीमतिेनहींर्रसकस्मतिेस्तखलतेहैंयहभीहमकोजानके जीनाहै | अर्नेमनकीसलखताहूँतोमेरे िब्दरूठजातेहैंर्रसफरभीहमेंजीनाहै , अगरिचभीसलखताहूँतोअर्नेर्ाठकरूठजातेहैंसफरभीहमेंजीनाहै | अगरहमअर्नेसिक्षािेर्हलेिंस्कारर्रध्यानदें तबवहअच्छाजीनाहै . अगरहमव्यार्ारिेर्हलेअच्छे व्योहारसदखाएं तोवोबहुतअच्छाजीनाहै | भगवान्र्हलेअर्नेमातासर्ताकोर्हचानलेतोवोभीएकअच्छाजीनाहै , हमारे इनबातोंर्रजराभीध्यानदेदें तोिारे कसठनाईिेदरहोके जीनाहै |

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