LAHAREN By Dr Ram Lakhan Prasad

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3 लहरें कविताओंका संग्रह कविकार डॉक्टररामलखनप्रसाद २०२२
4 समर्पण अपनेइसलहरे कोमैंअपनेगुरुजनोऔरपूिवजोोंकोसमवपवतकरता हूँ। आपहीलोगोोंसेसबकुछसीखाहै आपहीलोगोोंसेसबकुछजानाहै आपहीलोगोोंकोहमनेअपनागुरुमानाहै वलखना, पढ़ना, रहनाऔरकहनाभीआपहीलोगोोंसेसीखाहै कलमऔरवकताबकासहीमतलबभीआपलोगोोंसेसीखाहै इसप्रकाशनकोआपहीलोगोोंकोसमवपवतकरताहूँ आपसबकीजयहो| ॐॐॐगुरुर्ब्पह्मागुरुविपष्णुगुपरुर्देिो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परं र्ब्ह्मतस्मैश्रीगुरिेनमः ॐ गुरुिे नमः गुरुगोव ंर्दर्दोउखड़े काके लागूर्ाय वलहारीगुरुआर्ने गोव ंर्दवर्दयो ताए
5 प्रस्तािना हमनेअर्नेजीिनकालमेंनजानेवकतनेलेखोंकोरचतारहावजनमें हमारे वन ंध, लम्बीऔरछोटीकहावनयां , कवितायेेँ औरविचारधारा शावमलरहें हैं। मुझेवलखनेकाशौकतो चर्नसेहीथार्रज मैं अध्यार्नकाकायपकरनेलगाथातोयहवर्दलचस्पीऔर भीसंतुवलत होकरहमारे कलमकोप्रोत्सावहतकरतीरहीतथामैंअर्नेरचनाओं कोउवचतरूर्र्देतारहा। मेरे शब्ोंकीयहवचनगाररयाेँ लहरें नकरर्ृष्ोंर्रलहरातीरहीहैं औरआजइनकी हािोइसकविताकारूर्लेकर हरहीहैं।इन कविताओंको हमने अर्ने अंर्दरही छुर्ारखा थार्र आजमैंने इन कोलहरें कारूर्र्दे करआर्स के समक्षर्ेशकरनेकास|हसकर रहाहेँ।आशाहैआर्स इनकविताओंकोउतनाहीआर्दरसत्कार र्देंगेवजतनाहमारे अन्यरचनाओंकोआर्स नेवर्दयाहै। आजकलकोईनहींर्ूछताहै वर्ंजरे में कैर्दर्ंवछयोंकोर्रलोगोंको यार्दिहीआते रहतें हैं जोउड़जातें हैं | मैं ज भीसहीकहताऔर करतारहातोकोईयार्दनहींकरताथालेवकनज भीमैं कभीकोई गलत ातयाकामवकयातोइनकोकोईभूलताहीनहींहै।त की ातऔरथीऔरअ की ाततोवनरालीहै, त साथवनभातेथेलोग औरअ की ाततोऔरहै | अ तोआंसुओंके तरहव छड़के ढल जातेहैंलोग, व छड़के भीअ खुशीमनायाकरतेंहैंअर्नेलोग | िो जमाना और था ज गैरोंके वलए रोते थे अर्ने लोग,आज तो अर्नों कोरुलाकरभीमुस्कुरातेहैंिोलोग | ररश्ते हमारे चाहे जैसे भी होंिे स वनभाने के वलए जरुरी होतें हैं | र्दोस्तहमारे कईहोतेंहैंलेवकनभक्तिमानर्दोस्तहमारे ख़ासहोतेंहैं | हमाराकोईनहींहोताहैतोहमारे र्दोस्तऔरररस्तेर्दारर्ुकारे जातेहैं, इसवलएनररश्तेव गाड़ोनर्दोस्तीसेमुेँहमोड़ोयेस कीमतीहोतेंहैं संसारमेंयहीहमारार्हचानहोऔरयहीहमस काध्यानहोतेंहैं |
6 वलखतेंतोहम हुतकुछहैंलेवकनर्ढ़नेिालेआजकलकमहोतेंहैं | चलो अ र्देखतें हैं की वकतने लोग हमारे इन रचनाओं को र्ढ़तें हैं, गढ़तेहैंऔरअर्ने जीिनमेंढलतेहैं। आयाथाइसजीिनकोजीवितकरनेअपनेरचनाओोंसेतोिोभीख्वावहशपूरी होगयीहै चलोअच्छाहीहुिाकीजोभीइसवदलऔरवदमागमेंथीआजलहरें बनके बह रहीहैं

, खुसीऔरसुखर्देतेरहतेंहैं।उनलेखकोंके

हमस

7 मेरे शब्औरमेरीरचनाएं मुझे मेरे जिानी में मेरे गुरुजनो और ुजुगों द्वारायह ताया गया था की शब्ोंके र्ास र्दांत नहींहोतें हैं लेवकन ज भी िे हमारे मुेँह से वनकलतेहैंयाहमारे कलमद्वाराकोईकोरे कागज़र्रवचन्ह नार्देतें हैं तोयातोिे हमारीर्ाठकोंकोकाटने लगतें हैं, याउनकोखुसीर्दे करज्ञानर्देने लगतें हैं याविरउनकोऔरहमकोर्दर्दप र्हुंचाने लगतें हैं। र्रन्तुकभीकभारअर्ने शब्ोंकाइस्तेमालकरके हमलेखक इसतरहअर्नेर्ाठकोंकोकाटतेहैंकीिेहमारे यार्दगार नजातेंहैं ज हमारे र्ाठकगण हमारे लेखों को र्ढ़तें हैं तथा उन र्र अमल करतें हैं। इस संसार में लाखों लेखक अर्ने शब्ों के जररये अर्ने अर्ने नजररयेयादृक्तिकोणकोहमारे सामनेप्रस्तुतकरके
कोज्ञान
रचनाओंमेंजहाेँ ज्ञानहोतेंहैंिहीउनमेर्दर्दप भीभरे रहतेंहैंजोकभीकभीहमकोइतना गहरे घािर्दे र्देतें हैं कीहमारा जीिनसमाप्ततो हो जाताहै र्रन्तु िे घाियाजखमनहींभरर्ातें हैं। शायर्दइन्हींमकसर्दोंकोमध्येनजर करके हमनेभीअर्नेशब्ोंके ताकतकोकभीकामयानाज़ुकनहीं समझाऔरमैंभीअन्यलेखकोंके तरहअर्नेरचनाओंकोरचतारहा औरअर्नेर्ुस्तकोंकोप्रस्तुतकरतारहा। हमारे यहछोटेछोटेशब् हमारे र्ुरे वजंर्दगीको र्दलसकतेंहैंजैसेिेहमारे जीिनके सिरको सभी तरह के भािनाओं से भर के हमारे वजंर्दगी को सजाते रहे। आजतक हमने कुल र्चर्न वकता ों की रचना की है और अर्ने र्ाठकोंके समक्षप्रस्तुतकरनेमेंसमथपहुएहैं। मेरे शब्मेरे तलिार नतेचले गए औरमुझेऔरमेरे र्ाठकोंकोजहाेँ कुछज्ञानर्देते रहे िहीउनकामनोरंजनभीकरतेरहे।हाेँ कभीकभीमेरे शब्ोंमेंकुछ कडुिार्नभीभरारहताथार्रअक्सरउनके वमठासउनकड़िर्न कोर्दूरकरतेरहे। खू सूरत ाततोयहहैकीउनशब्ोंमेंमेरे वर्दल, वर्दमागऔरआत्माकार्ुकारभीथा।
8 ज सेमुझमेंचेतनाआयीहैतभीसेमैंअर्नेसभीआंतररकिेर्दनाओं कोकागज़र्रवलखतेआरहाहेँ औरआजतकर्चाससे भीज्यार्दा वकता ोंकावनमापणकरचूकाहेँ।हमारे वजंर्दगीके सारे भेर्दलोगोंको मेरे वकता ोंमें वमलेगीक्ूंवकमैं यहठीकसेजानताहेँ कीअगरयह स वर्दलहीमें रहगएतोउनकीधधकतीआंचसेवर्दलऔरवर्दमाग मेंहोजाएंगेकईछेर्द। ज हमछोटे थे तोजोरजोरसेरोतेथे अर्नीर्संर्दकोर्ाने के वलए औरअ इस ुढ़ार्ेमेंचुर्के सेरोतेहैंअर्नीर्संर्दछुर्ानेके वलए। उन जख्मो को भरने में हम को सर्दा ज्यार्दा िक़्त लगता है वजनमें जख्मों को र्देने के वलए अर्नों की मेहर ानी शावमल होती है । आजकलइंसानवसिप आगसे ही नहीजलते हैं क्ूंवक कुछलोगतो हमकोखुशर्देखकरभीजलतेहैं। वजंर्दगीभरज भीमैंअर्नेमनकीवलखतारहातोमेरे सहीशब्ही रूठजातेथेऔरअ ज सचवलखनेलगाहेँतोअर्नेहीरूठजाते हैं । मैं जानता हेँ की िो स झूठे हैं जो कहा करतें हैं की हम स वमटटी के ने हैं क्ूंवक मैं कई अर्नोंसे िावकि हेँ वजन के वजगर र्त्थरके नेहोतेहैं।मैंयहभीठीकसेर्रखवलयाहेँवकइसर्दुवनयां में कोई वकसी का तहे वर्दल से हमर्दर्दप नहींहोता है क्ूंवक आजकल लोगहमारे जनाजे के साथभी चलेंगे तो िे ऐसा वसिप अर्नीहावजरी वगनिानेके वलएहीकरतेहैं। मुझेइसवजंर्दगीमें हुतकुछवमलगयाहैर्रकभीकभीआजभीमैं स सही लोगोंसे सही िक़्त र्र सही मर्दर्द, भरोसा, र्दोस्ती या प्यार मोहब्बतवमलनेकीआसलगाएरहताहेँऔरवनराशाहीर्ाताहेँ। अ यहीर्देखलीवजयेकीतुलसीर्दासनेक्ाहीर्तेकी ातवलखीथी "आित ही हर्पय नहीं नैनन नहींस्नेह, तुलसी तहाेँ न जाइये कंचन सरे नेह" यानीवजसस्थानयावजसघरमेंआर्के जानेसेलोगखुश नहींहोतेहोतथाउनलोगोंके आेँखोंमें आर्के वलएनतोकोईप्रेम औरनहीकोईस्नेहहोतोिहां आर्कोकभीनहींजानाचावहएचाहे िहाेँधनर्दौलतऔरमालखजानेकीहीिर्ापहोतीहो।
9 हमारीख्वावहशें हमारीख्वावहशेंतो हुतहैइसजीिनकीतोअ उनकोजावहर करताहेँ हमारीस सेर्हलीख्वावहशहैकीमैंख़ुशीऔरसुखसेजीनाचाहता हेँ इसछोटीसीजीिनमेंमैंसर्दाअर्नेलोगोंसेउनकाप्यारआर्दर चाहताहेँ ज तकहैवजंर्दगीिुसपतनहोगीकामसेस सेवमलजुलके रहना चाहताहेँ धनर्दौलतमालखजानेकीख्वावहशतोअ भीनहींहैऔरनही कभीरहेगी वजतनाभीमुझकोकुर्दरतनेवर्दयाहैिहीहीहमारे जीनेके वलए हुत रहेगी र्ाररिाररकजनोऔरभक्तिमानवमंत्ोंकीकृर्ारहेयहीख्वावहशहै हमारी मेरे राहोंमेंकोईकांटेनव छाएऔरर्दुःखनर्दे सयहीरहेगीचाहत हमारी इसजीिनकीसिरकोसहीसेर्ूरीकरचूकाहेँजो चीहैिोभी सलामतरहे र्रख्वावहशयेभीहैकीमैंभीसुखसेजीतारहेँऔरर्दूसरे भीख़ुशी सेजीतेरहे कोईउर्दासमौसमनआयेशेर्वजंर्दगीमेंऔरहरिक़्तमैंहेँसता खेलताहीरहेँ हमारे अर्नेलोगहमकोऐसेहीसहारार्देतेंरहेंऔरमैंभीउनको र्हचानतारहेँ हमारे ख़ुशीजीिनकी ाररशेंज भीवछड़ेंत इसवर्दलवर्दमागके तारक्तखलउठें
10 गरकोईअर्नीउेँगवलयोंसेमेरे तनमनकोसहलायेतोहमारे वर्दलमें भीतरंगेंउठें अर्नेप्यारे लोगोंकीनज़रऔरनजररयाहमकोसर्दाउनके काव ल समझतीरहें ज हमारे नज़रें उठें तोहमउनस के होजािूेँज िोझकतोस हमारे हीरहें इसजीिनमेंमुझकोकहाेँथीिुसपतकामधामऔरअर्नेजीिनके स वनिापहसे लेवकनमैंसर्दासेकुछएसाजरूरकरतारहाऔरलगनलगायाथा श्रीरामजीसे अ ज हमारीउमररयाभीढलरहीहैतोवकतनेख्वावहशेंभीअ कमहोगएहैं र्रयहवजंर्दगीतोवजन्दावर्दलीकानामथाअ स ख्वावहशेंभी वजंर्दगीके नामहैं एकअटलख्वावहशसर्दासेथीहमारीकीहमारार्ररिारसर्दासुखी औरख़ुशीरहे इसख्वावहशकोभीहमनेऐसावनभायाऔरजतायाकीहमस सर्दा सुखीहीरहे हमारे र्ररिारकार्दूसरानामप्यारहीथावजसकोहमस नेवमलजुल के वनभायाहै हमस अर्नेर्ररिारकोउर्युिसमयर्देकरप्रेमऔरव श्वासका ररश्ता नायाहै इतनाजरूरथाकीइसवजंर्दगीके भागर्दौड़मेंभीहमनेअर्नेसभी कोख़ुशीरखाहै इनख्वावहशोंकोऔरभीमज़ ूत नानेके वलएमेरे र्ाररिाररकलोग कोवशशवकयेहैं हमारायहचमनसर्दासुखीऔरखुशरहेमैंतोअ अर्नेअंवतम सिरर्रजारहाहेँ कोईभूलचूकअनजानेमेंहोगईहोतोमैंहाेँथजोड़के सरझकाके माफ़ीमांगताहेँ |
11 यहजीिनकासफरबड़ाकविनहै परचलताचलिोिीरहमसफ़र हमारायहवर्दलनउम्मीर्दतोनहींहैर्रहाेँथोड़ानाकामजरूरहो जाताहै, इसजीिनकासिरथोड़ालम्बाहैतोगमभीथामगरआरामवमल जाताहै | मेरे इसजीिनकासिरकुछकुछकवठनाईयोंसेभराथामगर उर्दासीनहींथी एकसिलहमसफ़रके तरहहमचलतेरहेऔर हुतकुछसोच वफ़क्रनहींथी कईर्दुखोंके वर्दनऔरवकतनेवसतमके रातआयेर्रिेढलतेरहेहम नेवहम्मतरक्खी ज अेँधेराहोताथाजीिनमेंऔरगमवर्घलनेकानामनहींतोभी हमनेवहम्मतरक्खी कभीकभीइसके वलएकुछर्देरलगतीथीलेवकनहमनेइसजीिनमें अेँधेरानहींलाया क्ोंकीहमनेउर्दासीऔरनाउम्मीर्दोंकोसर्दार्दूरभागतारहाऔर इससेलाभउठाया मैंजानताथाकीसर्दारहनेिालेनहींहैंिेसभीमुक्तिलेंअगलेमोड़र्े थीमेरीमंवज़लें मैंनेअर्नेवर्दलऔरवर्दमागकोसमझायाकीयकीनकरहमारे ात र्रवमलेगीमंवज़लें सचलताचलतूवहम्मतऔरउम्मीर्दोंकोलेकरकभीउर्दासन होनािोमेरे हमसफ़र यहजीिनकीसिर ड़ीकवठनतोहैलेवकनवहम्मतसेर्ारहोजातें हैसभीहमसफ़र ढूंढेगालगनसेतोढूंढहीलेगािो ांके कारिांतूिोनयीजमीनऔर आसमान
12 वजनकोजीिनभरढूंढतीरहीतेरीनज़रें, तेरीशान, तेरेअहंकारऔर अरमान हमारायहवर्दलनउम्मीर्दतोनहींहैर्रहाेँथोड़ानाकामजरूरहो जाताहै, इसजीिनकासिरथोड़ालम्बाहैतोगमभीथामगरआरामवमल जाताहै मेरे इसजीिनकासिरकुछकुछकवठनाईयोंसेभराथामगर उर्दासीनहींथी एकसिलहमसफ़रके तरहहमचलतेरहेऔर हुतकुछसोच वफ़क्रनहींथी |
13 जन्मबीतगएबैिे बैिे करौनामहामारीके झर्ेटमेंसारीर्दुवनयाके लोगहैरानहोगए वर्दन ीता, महीने ीते, र्दोिर्ोंके हुमूल्यसमयभी ीतगए वकतनेमौसमअ ीतगएहैंमौजोंकीर्दुवनयासेर्दूरहोगए लोगहमारे अर्नेहीधुनमेंथेउनके प्यारकोनयनतरसगए आेँखोंकीचमकधूवमलहोगएऔरकानोसेसुननाभीभूलगए नठनके सैरसर्ाटाकरनाथा र्रनएकर्डेस मैलेहोगए अर्नोंसेवमलनेकोमनतरसगएनएसूट ूटकीचाहतलगेरहे मनमौजउड़ानेकोतड़र्रहेअ घरर्र ैठे तमाशार्देखरहे क जानेकोवमलेगामनसोचरहेर्ूर सेसूरजर्विमकोगए वनष्ठुरमनसोचरहाघर ैठके ऐसाकरतेकरतेजन्म ीतगए क जायेगीयहमहामारीहमस इसके प्रकोर्सेअ थकगए कृष्णजन्माष्टमीर्िपमानिोर्दोस्तोंश्रीकृष्णहमारे इरार्देसमझगए इसकंसरुर्ीमहामारीकाअंतकरेंगेकनहैयाहमारीअ मानगए थोड़ेवर्दनअर्नेघर ैठोअर्नेलोगोंको चाओऔरखुर्दभी चो ज चलीजायेगीयहमहामारीत घरसेवनकलोऔरनाचोकूर्दो
14 मेरीकहानीमेरीजुबानी आजविरसेमैंअर्नेगुरुजनोऔर ुजुगोंके कुछ हुमूल्यसीखकी चचापकररहाहेँ र्दोस्तोंजराध्यानसेर्वढ़एऔरसुवनएजोमैंआजइसकवितामें कहनेजारहाहेँ अर्नेइसजीिनके सिरमेंजोकुछभीकरनाहैतोडटकरकरना सीक्तखएयारो इसवजंर्दगीमें हुतअच्छे लोगवमलेंगेहमकोर्र ुरे लोगोंसेहटके रहनायारो कहावनयांतोमेरे तरहस कोईवलखलेतेहैंर्रइवतहासकोर्लट करर्देखोयारो व नासुखशांवतऔरखुसीकामकानहीकैसाखू मेहनतसेसर्दा कामकरोयारो ज तकनहावसलहोतुम्हारीमंवज़लतोिैसेजीिनके सिरमें आरामकैसायारो अजुपनके तरहहमारावनशानानहींत इसछोटीसीवजंर्दगीका लड़ाईकैसायारो अर्नेजीिनके स लक्ष्यकोसर्दासामनेरखोऔरउसीकोअर्ना वठकानासमझो कोईभीसोचवफ़क्रऔरर्दुःखकोमतसाकारहोनेर्दोअर्नेधमप करमकोसमझो र्ाजाओगेअर्नेमेहनतकासभीिलर्रवकसीऔरकाइंतज़ारमत करनायारो इसर्दुवनयांमेंवहम्मतिालेचलतेहैंअकेलेहीऔरउनके र्ीछे मेलेहो जातेहैंयारो अर्नेतकर्दीरकीकरोगेइंतज़ारत यहवजंर्दगीमें हुतझमेले वमलतेरहेंगेयारो
15 मैंयहाेँरहेँयानरहेँमेरार्ताऔरमेरे सभीरचनाएेँ तोयहींरहजाएंगे मेरे यारों मैंनेयहाेँ ोयाहै हुत ीजअर्नेसम्वेर्दनाओंकाउनकोसींचते रहनामेरे यारो एकनएकवर्दनिूलभीक्तखलेंगेऔरमीठािलभीवमलजाएंगे तुमकोमेरे यारो इसजीिनकोवसयासतके चालोंसेर्दूररखनाअर्नेकामसेकाम रखनायारो अर्ने गीचेमेंतोगुला तोजरूरहोंगेर्रउनके काेँटोंसे चके रहनायारो मैंभीएक हतार्दररयाहेँमगरसागरहमाराआखरीमंवज़लनहींहै मेरे र्दोस्तों कल हजािूंगाऔरसूयेकीवकरणेचुनलेगीमुझेआर्हमेंखोजते रहोगेर्दोस्तों मस्तीभीथीमुसी तेंभीथीइसजीिनके सिरमेंवसिप रौनकहाल चालनथा हमारे वर्दलवर्दमागमेंहज़ारोंख्वावहशेंथीवसिप उनकोहावसलनकर र्ायाथा इतनेमधुरसर्नेऔरसिालोंमेंवघरारहताथामैंयहनाशिानतन मनहमारा वगलायहीरहगयीथीकीजावलमवर्दलके सिालोंकाकोईजिा न थाहमारा कभीचीखतोकभीहंसीआतीरहीर्रविरभीसुखी नतारहा जीिनहमारा ज तकसाथथाअर्नोंकात तकजीनाभीयहाेँखू कमालकाथा हमारा मुझकोमालूमहोतारहाहीमैंहेँअर्नेस के करी औरउनके वलए अज़ीज़उतना ईश्वरके र्दिाओंऔरअर्नोंके आशीिापर्दसेहमनेख़ुशीजीिन व तायायहाेँवकतना
16 मेरे जीिनके इससिरमें सचारतरीके थेवजनकोमैंसर्दाजानता औरमानतारहा इन्हींचारतरीकोंद्वारामैंभीअर्नेइसजीिनके सिरको ड़ेप्रेमसे काटतारहा हमारासभीमूलयांकनऔरिगीकरणभीइन्हींचारतरीकोंके संर्कप सेहोतारहा हमयहाेँक्ाकरते, कैसेर्देखते, कैसेऔरक्ाकहतेथेऔरकैसे यहाेँचलतारहा मैंइसजीिनमेंवकतनाखुशनसी थाकीमेरे लोगमुझेअर्नेवर्दलमें जगहर्देतेरहे हमेख़ुशीऔरसुखीरखनेके वलएखुर्द ेचैनीसहकरभीमुझको हसनावसखातेरहे इसर्दुवनयांिालेचाहेलाखहमको र्दनामकरें यामुझेमानसम्मान भीप्रर्दानकरतेरहें र्रमैंभीअर्नेिहीसार्दगीके रहनसहनसेहरएकके वर्दलमें अर्नाजगह नातेरहे यहरहीमेरीरामकहानीजोमेरे वर्दलसेवनकलीऔरकलमसे कागज़र्रव खरगयीयारो सभीहमारीभूलचूककोमाफ़करर्देनाऔरलखनके स गलवतयों कोसुधारके र्ढ़नायारो

येर्दुर्दपशार्देखके जोआंसूआतेंहैंअ आेँखोंकोख़रा कररहाहेँ नवर्दमागनशरीरसाथर्देतेहैअर्नेमनो

17 मैंबूढ़ाहोनेलगाहूँ मैंअ यहजानऔरमानवलयाहैकीमैंअ ूढ़ाहोनेलगाहेँ क्ूंवकखोलके मनचाहेवकता के र्ैनर्ढ़तेर्ढ़तेसोनेलगाहेँ शायर्दहमारे प्यारे लोगसहीकहतेंहैंअ मैं ूढ़ाहोनेलगाहेँ र्हलेसीिुतीनहींइस र्दनमेंर्दोकर्दमचलनेसेथकनेलगाहेँ अ इनसाेँसोंकाक्ाभरोसाएकएककोखींचकरजीरहाहेँ नज़रोंसेर्देखनाकामहोगयाहैऔरकुछऊेँचाभीसुनानेलगाहेँ भूखप्यासउतनीनहींलगतीअ वजन्दारहनेकोर्दानाचुनरहाहेँ र्हलेवजन ातोंर्ेगुस्साआताथाअ उनकोनज़रअंर्दाज़करताहेँ निोनजररयारहीनहीसोचसकताहेँअर्नेआर्सेडरनेलगाहेँ प्यारजोस सेकरताथार्हलेअ चुर्चार् ैठके सहनेलगाहेँ िक़्तनहींवमलतीहैमनकी ातकरनेकीतोअ चुर्रहनेलगाहेँ तनमनमेंवकतनेउम्मीर्देंभरीथीउनकोभीअ खलीकरनेलगाहेँ
लसेउनकोढोनेलगाहेँ छुर्ायेनछुर्तीहैंअर्नीकमजोररयांअंर्दरसेहीर्दुर् लहोनेलगाहेँ िहरे मेरीवजंर्दगीतुतोढलनेलगीमैंअर्नीगलवतयांवगननेलगाहेँ चाहकरभीमाफ़ीनहींमांगसकताउनर्रअ र्छतािाकररहाहेँ अर्नोंके सहारे कीजरुरीहोतीहैतोमर्दर्दके कामनाकरनेलगाहेँ समयर्ास हुतकामहैर्रस कोर्देखसुनके जी हलानेलगाहेँ जानातोहमकोभीएकवर्दनहैर्रघरके व स्तरसेहीडरनेलगाहेँ जीिनके सिरमेंचलतारहाखुसीसेर्रअ प्राथपनाकरनेलगाहेँ कोईचाहेमेरे सभीवकता ोंकोर्ढ़े नर्ढ़े मैंविरउन्हेंर्ढ़नेलगाहेँ अ तोअर्नेसभीप्यारे लोगभीकहनेलगेहैंकीमैं ूढ़ाहोनेलगाहेँ मानलेलखनजनार्दे अर्नेसभीलोगोंकोकीमैंभी ूढ़ाहोनेलगाहेँ चलीचलेकामेलाहैआजनहींतोकलस कोजानाहैमैंमानलेताहेँ

अजी कशमकशमेंहैवजन्दगीकैसाराजहैनका कोवलए ेनका नसहीजरावचलमनतोउठार्दोसामनेआनेके वलए इसजीिनमें सएककतराउम्मीर्दहीजरूरीहैजीनेके वलए कुछहोनहोलेवकनकोईआसचावहएजीिनगुजारनेके वलए

18 उम्मीद येउम्मीर्दहीतोहैजोहमारे जीिनका हुमूल्यजेिरहै सएककतराउम्मीर्दजीिनमेंजीनेके वलएजरुरीहै कोईनकोईआसराचावहएयेजीिनकोगुजारनेके वलए िूलोंकागलीचानसहीर्रजमीनतोव छार्दोमेरे वलए अ लम्बासिरहोगयाहैनंगेर्ांिथेहमारे चलनेके वलए. अ र्ैरोतलेजूतेवमलजाएतोआरामवमलेमंवजलके वलए यहाेँतकआगएहैंहमअर्नेकईतकलीिोंकोहटातेहुए धुर्थीयातूफ़ानआयेहमचलतेरहेख्वा ोंकोसजातेहुए सूरजनसही,र्रकोईवचरागतोजलार्दोआगे ढ़नेके वलए . सएककतराउम्मीर्दवमलजाएतोआरामहोजीनेके वलए
उलझीर्ड़ीथीवजन्दगी ेमतल की ातोंमेंर्रसंभलगएहम सारीजीिननहीसही,िोिहीसंभलजाएवजसकोसंभालेंहैंहम नमहोगयीहैंआंखेंअिोंकीर्दररयामेंकोईमुकम्मलसाचेहरा सुनतेहैंकमवर्दखताभीअ कमहैनर्देखर्ातेंहैंस काचेहरा र्रिरवर्दगारकाहीभरोसाहैअ इसजीिनकोव तानेके वलए हरसु हलखनज जागजातेहैंजीिन ीततीहैखुवशयोंके वलए

, नारास्तेकार्ताहैिो

हमेशावर्दलमेंठोसविचारलेकरजोचलेउनकीहमेशाजीतहोतेहै

र्रअर्नेमंवजलर्ेर्हुंचनाहोतोिोखुर्दकीमेहनतसेहीवमलतेहैं

19 मेरीमोंवजल जीिनमेंमुक्तिलें हुतथीजरूरमगरमैंहलकरनेसेठहरानहीं अर्नेसभीमंवज़लोंसेकहतारहा ार ारकीअभीमैंहारमानानहीं अर्नेमुक्तिलोंकीहलर्ानेके वलएकईवर्दमागीर्ेंचलगतारहामैं ैठे ैठे हमारीमंवज़लेंकभीनहींवमलतीइस ातकोमानतारहामें अगरगममेंडू ीहोवजंर्दगीऔरमंवज़लोंकार्ताभीनहींवमलतीहो चाहेकाेँटोंभरीराहेंहोविरभीमंवजलेंवमलहीजाएेँगीगरवहम्मतहो गुमराहिोहोतेहैंजीिनमेंजोहारमानके अर्नेघरसेवनकलतेनहीं वहम्मतसेकामलेनेिालेआगे ढ़तेहीरहतेहैंकभीभीभटकतेनहीं मंवजलउनकोवमलतीहैवजनके सर्नोंमेंजान,शान,मानहोतीहै, चुर्मारके ैठनेसेकुछनहींहोता, हौसलोंसेहमारीउड़ानहोतीहैं सिरऐसाकरोकीतुम्हारीसभीमंवज़लेवमलजाएेँ इरार्दारखोऐसा ज प्रभुकाआशीिापर्दहैऔरसभीहुनरतेरे साथहैविरडरकैसा. वजनकोनामंवजल, नामकसर्द
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वकसीअर्नोंयाविद्वानोंकीसलाहसेसहीरास्तेजरूरवमलजातेंहै,
रास्तायेहैमंवजलोंकोर्ानेकासीखलोहुनरहाेँमेंहाेँनवमलानेका िहीकरोजोमनकहे. करोजोतनसहे, ातहैहाेँथर्ािंवहल|नेका हमारे स मंवजलवमलेयानावमलेयहतोहमारे मुकद्दरकी ातहै हमकोवशशभीनाकरे चुर्चार् ैठे रहेयहतो हुतगलत ातहैं इसप्रवतस्पधापकीर्दुवनयामेंकोईभीवकसीसेर्ीछे नहींहोनाचाहता है इसीचाहमेंअर्नेसुखचैनकोहमारासमाज हुतकुछखोताजाता है. वनराशाऔरर्दुःखकीगहराइयोंमेंयहसंसारजोरोंसेडू ताजारहा हैं
20 अर्नेमंवजलतकनर्हुेँचर्ानेके कारणिोउर्दासयावनराशहोरहा है कभीउनकोवमलतीनहींकोईमंवजल, र्दलतेहैजोहरकर्दमर्र इरार्दें. अगरवनहागेंहोमंवजलर्रऔरकर्दमहोराहोंर्र, र्ुरे होंगेसभी इरार्दे ऐसीकोईराहनहींजोमंवजलतकनजातीहोगरमनमेंठोसलगन हो ऐसीकोईमावनलनहींवजसकोहमर्ानसके अगरखुर्दर्रविश्वास हो मानाकीकोवशशके ािजूर्दहोजातीहैकभीहारवनराशमतहो यार, ढ़तेरहनाआगेहीजैसेभीमौसमहोलगनलगानेसेजीतहोगीयार सामनेहोमंवजलरास्तेनामोड़ना,मनमेंहोिोसर्नाउसेमततोड़ना, कर्दमकर्दमर्रवमलेगीमुक्तिलआर्कोआगेचलनेकोनहींछोड़ना रास्तेकहाेँखत्महोतेहैवजन्दगीके इससफ़रमें सख्वावहशरखना चलतेआयेहोतोचलतेरहोहौशलारखकर सऐसेचलतेहीरहना आसमानर्रमतढूंढोयारोंअर्नेसर्नोकोक्ूंवकसर्नेसाकार करनेके वलएजमीनर्ररहनाजरुरीहै अगरस चीज़वमलजातीहैतोजीनेकामजाहीक्ाहैयारोक्ूंवक जीनेके वलएकवमयोंकीभीजरुरीहै |
21 नकव औरस्वगव नकप कहाेँहैऔरस्वगपजहाेँहैइनकार्ताकहाेँहै स र्दर्दप के वलएर्दिावमलजाएिोनुख्साकहाेँहै नकप भीयहींहैस्वगपभीयहींहैहमढूंढतेकहाेँहै सुकमपसेस्वगपहैकुकमपसेनकप वमलेयहीजहाेँहै र्दिाअ नकली नतीहैत र्दर्दप भीस यहाेँहै खानार्ीनाव गड़गयाहै ीमारीभी हुतयहाेँहै जलऔरशरा गंर्दे हैअच्छे ुरे मेंिकप कहाेँहै र्ुण्यर्ार् रा रहैंतोअ हमारीकीमतकहाेँहै जोस हमारे अर्नेथेिोअ हमारे हीकहाेँहै हमतोलुटगएहैसचऔरझूठमेंिकप कहाेँहै टूटेररश्तेकोहमजोड़रहेहै ड़ाकवठनयहाेँहै गौरसेर्देखोतोमानिऔरर्दानिमेंिकप कहाहै र्ढाईवलखाईव गड़गईअ उनकामोलकहाेँहै जोभीहमारे मनकोसुकूनर्दे िोहफ़प हीकहाेँहै इसधरतीकाढांचा र्दलगयािोसुखचैनकहाेँहै अ मानिमेंस कुछसुधारनेकीतड़र्हीकहाेँहै िोर्दुवनयांके व गड़ी नानेिालेअ तेरीर्दयाकहाेँहै तूभीक्ाकरे जोहमारे प्राथपनामेंअ र्दमहीकहाेँहै यहर्दोनोंमानिकीमनगढंतव्यिश्थाहैनयहाेँनिहांहैं जोभीजीनासीखवलयाउसकानरकस्वागभीस यहाेँहै |

नते

चलेगए

22 हमारीनजररया हमारीयहछोटीसीवजंर्दगीनेहमकोकईरंगव रंगेढंगवर्दखातीचली गई हमर्देखतेरहे हमारीयहवजंर्दगीहमकोक्ाक्ानज़ारे वर्दखातीचली गई वजंर्दगीके एकएकर्लआवहस्तेआवहस्तेकईखू सूरतर्ल नते चलेगए ऐसाहीहोतारहाहरएकर्लहमारे जीिनके सुनहरे वकस्से नते चलेगए हमर्देखतेरहेऔरनजानेकौनकौनइसवजंर्दगीकावकस्सा नते चलेगए कईलोगहमसेऐसेवमलेकीवजनसेकभीनटूटनेिालेररश्ते
अ ज यहउमरढलनेलगीहैतोकुछअर्नेभीहमसेमुेँहमोड़ते चलेगए मीठारहाहोयाखट्टारहाहोहमतो सइसजीिनकोसिल नाते चलेगए कईलोगोंकोहमनसमझसके तोवकतनोकोसमझाभीनसके र्र चलतेरहे अ र्छताएसेक्ाहोगाक्ूंवकइससंसारमेंस चलतेहैंतोहमभी चलतेरहे अ ज सु हआेँखखुलतीहैतोप्रभुकानामलेकरइसजीिनको चलातेहै वर्दनख़तमहोनेके ार्दखार्ीकरकुछमस्तीिक्तस्तकरके येवर्दल हलातेहैं नींर्दआतेहीसुनहरे यार्दोंकी ारातसर्ने नकर इनख्यालोंमेंआ जातेंहै जोअर्नेनजररयेसेर्देखताहेँतोसभीलोगोंकी ातेंमेरे समझमेंआ जातेंहै

र्दुवनयां ड़ीअजी होतीजातीहैसभीलोगोंकोसंभलकरजीनाहै लोगकीमतसेनहींवकस्मतसेवमलतेहैंयहभीहमकोजानके

23 इसवजोंदगीकोकैसेजीनाहै? हमकोयहछोटीसीवजंर्दगीवमलीहैतोहमकोहंसकरजीनाहै, अ हमेंअर्नेसभीग़मोंकोभुलाकरर्ूरे वर्दललगाकरजीनाहै | मानवलयाकीउर्दासीमेंक्ारखाहैतोअ मुस्कु राके जीनाहै, अर्नेवलएतोखू वजएहैंहमअ तोअर्नोंके वलएभीजीनाहै | यूेँकरनेकोवर्दलचाहतारहताहैक्ूंवकअ िक़्तके साथहीजीनाहै, इसकीआर्दतअच्छीहैजैसाभीहोजुजरजाताहै सऐसेहीजीनाहै चर्नमेंहमजोरसेरोतेथेकहतेथेकीअर्नीर्संर्दर्ाके जीनाहै, ूढ़े होगएतोचुर्के सेरोलेतेहैंक्ूंवकअर्नीर्संर्दछुर्ाके जीनाहै अ अर्नेवजंर्दगीके उलझनोंकासहीजिा ढूंढकरहीजीनाहै, अ करसके हरर्दर्दप कमउसर्दिाकोढूंढके सुखशांवतसेजीनाहै िक़्तके मज ूरहालातसेलाचारहेँजीनेका हानाढूंढके जीनाहै, हररोजऐसीराहोंकोढूंढताहेँजोहमें तार्देकैसेआरामसेजीनाहै
जीना है अर्नेमनकीवलखताहेँतोमेरे शब्रूठजातेहैंविरभीहमेंजीना है गरअच्छाभीवलखताहेँतोअर्नेर्ाठकरूठजातेहैंविरभीहमें जीनाहै गरहमअर्नेवशक्षासेर्हलेसंस्कारर्रध्यानर्दें त िहअच्छाजीना है गरहमव्यार्ारसेर्हलेअच्छे व्योहारवर्दखाएं तोिो हुतअच्छा जीनाहै भगिान्सेर्हलेमातावर्ताकोर्हचानलेतोिोभीएकअच्छाजीना है हमारे इन ातोंर्रजराध्यानर्देर्दें तोसारे कवठनाईसेर्दूरहोके जीना है |
24 िाहरे मेरीप्यारीवजोंदगी िाहरे मेरीप्यारीवजंर्दगीआजहैकलहैआगेभीहैवजंर्दगी हरवर्दनहररातहरघडीहरर्लहरसमयहैयहीवजंर्दगी सुखमेंर्दुःखमेंर्दर्दप मेंख़ुशीमेंनींर्दमेंख्वा मेंभीवजंर्दगी लाखोंकश्मकशहैंयहाेँकोईहलनहींर्देतीहैयेवजंर्दगी चलाजारहाहेँलेवकन ड़ेरफ़्तारसेर्दौड़रहीहैवजंर्दगी नररश्तेर्दोस्तोंयार्दुश्मनोंकीकोईकमीर्देतीहैवजंर्दगी विरभीअकेलेमेंअर्नेमेंखुर्दकोतलाशतीहैवजंर्दगी इसगािंसेउसगािंइसडगरसेउसडगरचलतीहैवजंर्दगी थककर ैठजाताहेँमैंमगरथकतीनहींहैमेरीयहवजंर्दगी आजभीहैकलभीरहेगीकलभीथीसर्दारहेगीयहवजंर्दगी िहीथीयहवजंर्दगीिहीरहेगीऔरिहीहैयहहमारीवजंर्दगी रातहोयावर्दनहोसु हहोयाशामहोयहीरहेगीयेवजंर्दगी अ तोसिालभीकरतीहैऔरजिा भीर्देतीहैयेवजंर्दगी जीभरके खेलताहेँवगरताहेँसंभालताहेँर्देखतीहैवजंर्दगी चर्नकीयार्दजिानीकीजखम ुढ़ार्ेकीआगवजंर्दगी मानिरूर्र्शुरूर्र्ेड़र्ालिजलथलभीहैयेवजंर्दगी वजन्दाहेँमैंमगरवजन्दावर्दलीवर्दखतीरहतीहैयेवजंर्दगी हमभीहैंलोगभीहैयहभीहैंिोभीहैकहतीहैवजंर्दगी स हैंयहाेँमगरकभीकभीगुमशूमरहतीहैयेवजंर्दगी कभीसोचहैतोकभीसाजहैर्ेँखवलएउड़तीहैवजंर्दगी आजनाजभीहैकलरहेनरहेचलतीकानामहैवजंर्दगी ज कभीग़मर्देतीहैतोख़ुशीके आंसूभीर्देतीहैवजंर्दगी समय लिानहैतोिक़्तके साथ र्दलतीभीहैवजंर्दगी मानिलक्षकेिलहैमृत्युलेवकनचलतीरहतीहैवजंर्दगी मालूमनहींमौतके ार्दभीरहेगीहमारीयहीवजंर्दगी।
25 बसएककदम औरचलोसाथी सएककर्दमऔरचलोसाथीइस ारवकनारावमलेगा जराएकनज़रऔरर्देखलोयारइस ारइशारावमलेगा इसआकाशके नीचेधरतीके ऊर्रकोईवकरणतोहोगी यहाेँइसअेँधेरे भीड़भाड़मेंकहींनकहींतोरौशनीहोगी एकवर्दनऔरचलोएकर्हरऔर ढ़ोउजालातोवमलेगा जोतेरे लक्षयेकोर्ूराकरे िोठौरतोकहींजरूरवमलेगा इसकलजुगमेंकहींतोतुम्हारे र्ार्ोंकाप्रायवितवमलेगा एककोवशसऔरकरोसाथीकलयुगसेछुटकारावमलेगा इसतर्तीजलतीर्दुवनयांमेंकहींतोशांवतमागपवमलेगा सएककर्दमऔरचलोसाथीइस ारवकनारावमलेगा जोतेरे मंवज़लतकर्हुंचाएिहकोईतोराहजरूरहोगी अर्नेतनमनकोटटोलोकहींतोतुम्हारीवठकानाहोगी सएककर्दमऔरचलोसाथीइस ारवकनारावमलेगा जराएकनज़रऔरर्देखलोयारइस ारइशारावमलेगा
26 मेरे जीिनकासफर ज भीकभीमैंनेअर्नीमंवजलकोसामनेर्देखातोअर्नारास्तानहीं र्दलताथा जोभीमैंनेठानवलयािोमेरे अनमोलसर्नेहोगएउनकोमैंकभी नहींतोड़ताथा मुझेकर्दमकर्दमर्रजहाेँसिलतावमलीिहीकईमुक्तिलेंभी सामनेआर्ड़ीथी र्रमैं नेआसमानके वसतारे तोड़नेके वलएकभीभीइसधरतीको नहींछोड़ीथी र्ुरखोंने तायाथाकीकोईसाथर्दे यानर्दे तुमखुर्दआगे ढ़नासीख लेना ेटा वजंर्दगीमेंआगभी रसेगीउससेिावकिहोकरजलके भीवनकल जाना ेटा मेरे आजाजीकाकहनाथाकीकोईभीनहींरोकर्ायेगाआगे ढ़ने सेतुझे ेटा आजीजीने तायाथामंवजलतेरीसामनेहोगीकोईनहींर्दुःखर्देगा तुझको ेटा वर्ताजीनेसमझायाथाकीहरमुक्तिलको सडटके सामनाकरते रहना ेटा माताजीनेर्दुलारसे ोलैथाअर्नेनजरको र्दलतेरहनानजररया र्दलेगी ेटा समैंधीरे धीरे सीखगयाकीअगरमैंअर्नेसोचको र्दलातो जीिन र्दलेगा कक्तस्तयाेँ र्दलनेकीजरुरतहीनहींहै सवर्दशा र्दलर्दोतोवकनारा वमलजाएगा वजयोएसेख़ुशीसेऔरइतनाधुनमेंकीसारीवजंर्दगीभीकमर्ड़ जाएमेरे यार
27 हंसोऔरगािोएसेअर्नेवजंर्दगीमेंकीरोनाधोनाभीमुक्तिलहो जाएमेरे यार जीिनमेंवकसीभीचीज़कोहावसलकरनाहैतोिहतोवहम्मतसे करनाहैमुझे लेवकनकोवशशइतनीकरतेरहोकीर्देनेिालाभीमज ूरहोके स र्देतारहेतुझे ज सेहोशसंभालामैंनेतोडरनाछोड़वर्दआथाकीआगेवजंर्दगीमें क्ाहोगा श्रीकृर््णकीगीताकाज्ञानथाकीहरिक़्तजोभीहोगािहीस अच्छाहीहोगा सवर्छलेअस्सीिर्ोंसेमैंभीआगे ढ़तारहाअर्नेसभीमंवजलों कीखोजमें जोकुछवमलाउसमेंसंतोर्वकयानवमलातोक्ातजुर ातोवमला मेरे खोजमें ाल च्ोंकोर्ढ़ावलखाके उनकाभीजीिनसिल नानेमेंर्ूरी कोवशशवकया आजिोस ख़ुशीकीवजंर्दगीव तारहेंहैंइसवलएमैंतोअ मानो गंगानहावलया यही ' लखन ' कीसीखथीऔरयहीउसकीछोटीसीवजंर्दगीकी कहानी नगयी आगेक्ाहोगािोतोमेरे रामजीजानेवजनके प्रसार्दसेसारीजीिन साथप नगयी |
28 िक़्तकािास्ता यासमयकाफेर इसनयीसर्दीमेंवमलरहीहैहमेंर्दर्दप भरीसौगात अर्ना ेटाहीकहनेलगा ार्सेतेरीक्ाऔकात अ आेँखोंकाआंसूंमरगयामराशमपऔरलाज अ हुकहनेलगीहैंसाससेघरमेंमेराहीराज मंवर्दरमेंलोगर्ूजाकरें र्रघरमेंकरतेहैंकलेश अर्नावर्तातो ोझालगेर्रर्त्थरलगेहैगणेश आजसासससुरलाचारहैं हुनर्ूछे उनकाहाल जाएक्ल मेंसेिाकरे र्रसासससुरहोतेवनहाल अ तोअर्नाखूनभीकरनेलगाहै ड़ाकमाल ोझासमझके माेँ ार्कोघरसेर्देताहैवनकाल माेँकीममताव करहीऔरव के वर्ताकाप्यार अ वमलतेहैं ाजारमेंिफ़ाको ेचनेिालेयार भाईभाईमेंअ होताहैअ कुछएसाही ैर ररश्तेटूटेहैंखूनके औरप्यारे लगतेहैंजोगैर अ लोगररश्तोंकोयूेँतोड़तेजैसेकच्ासूत अ टिारामाेँ ार्काकरनेलगेहैंकर्ूत जोिक़्तर्ड़ेर्रसाथर्दे िहीहोतेहैंसच्ायार लखनसच्ेयारोंके वहतयहजीिनकरे वनसार

जानकरहमअनजानहोतेंहैकुछएसीहैयेवजंर्दगी वकसीवकसीके वलएउलझीर्हेलीभीहैयेवजंर्दगी हरर्लनर्दीके तरह हतीरहेएसीहैयेवजंर्दगी जोर्लर्लचलतीरहतीिैसीभीहैयहवजंर्दगी कोईहरर्ररक्तस्तवथमेंरोरोके गुजरताहैवजंर्दगी तोवकसीके वलएमुस्कुरानेकाहौसलाभीहैवजंर्दगी कभीउगतासूरजतोकभीअेँधेरीरातभीहैवजंर्दगी

29 यहीहैवजोंदगी प्यारकरोयािारकरोलेवकनयहीतोहैयहवजंर्दगी कभीग़मतोकभीख़ुशी, कभीधुर्कभीछाेँहहैवजंर्दगी विधातानेजोवर्दयाहैिोएकअर्द्भुतउर्हारहैवजंर्दगी कुर्दरतनेजोइसधरतीर्रविखेरािोप्यारहैवजंर्दगी वजससेहररोजनएनएस कहमकोवमलतेरहतेंहै िोयथापतकाअनुभिकरनेिालीएसीकड़ीहैवजंर्दगी वजसकोहमनसमझसके एसीहीर्हेलीभीहैवजंर्दगी कभीतन्हाईयोंमेंहमारीभक्तिमानसहेलीभीहैवजंर्दगी अर्नेअर्नेकमोके आधारर्रवमलतीहैयहवजंर्दगी कभीसर्नोकीभीड़हैतोकभीअकेलीहैयेवजंर्दगी जोसमयके साथ र्दलतीरहेिोसंस्कृवतहैयेवजंर्दगी खट्टीहोयावमट्ठीसभीयार्दोंकीस्मृवतहैयहवजंर्दगी
ईश्वरकावर्दयामाेँसेवमलाअलमोलउर्हारहैवजंर्दगी तोतुमयूेँहीनव ताओअर्नीयहकीमतीवजंर्दगी र्रजराहटकरडटकर नाओअर्नीयेवजंर्दगी र्दुवनयांके शोरमेंकहींनखोजायेतुम्हारीयेवजंर्दगी तुमकोर्देखकरमुस्कुरायेएसा नाओयेवजंर्दगी मानलोमेराकहनासंभाललोयेहैकीमतीवजंर्दगी लम्बीहोयाछोटीहोर्रतुम्हारीहीहैयहवजंर्दगी र्दुआकरोर सेकीसुखीहोतुम्हारीयेवजंर्दगी मौजकरो, खािोवर्योज तकहैयहवजंर्दगी।

सिोर्ररउन्नतमनकीसीलवक्षतअचलऊंचाईहै हरएकघडीसभी ावशंर्दोंके वलएर्देतीसुखर्दाईहै

ऊेँचेसेझरनेझरतेहैंवकतनेशीतलधारधिलहैं यहाेँर्रर्रमसुखशाक्तन्तहैवनतआनंर्दअटलहै कहींधारके र्ासशीलार्र ैठे लोगक्षणभरहैं र्ासकतेहैंशाक्तन्तहमजीके ज्वरवमटासकतेहैं ार ार कर्ंक्तिगमनसेउज्जिलिूलक्तखलीहैं

30 हमाराजनमस्थानमहानहै कहींश्यामचट्टानकहींर्दर्पणसाउज्जिलसरहै कहींहरे तृणखेतकहींवगरीस्त्रोतप्रिाहप्रखरहै कहींगगनके खम्भनाररयलतारभारवसरधारे हैं रसरवसकोंके वलएखड़ेज्यूेँसुप्तनकारइशारे हैं मंवर्दरमक्तिर्दवगरजाघरगुरुनानककार्ुनीतस्थानयहाेँहैं वशक्षाके वलएकईप्रकारके र्ाठशालाओंकाप्र ंधयहाेँहै मेरीभीवशक्षार्दीक्षायहींहुयीधमपकाज्ञानयहींवमलाथा गुरुजनोकाआभारीहेँवजनके करकमलोंसेज्ञानवमलाथा घेररहीहैंवजसेर्ल्लवितलतासुगक्तितझाडीहै छायाशवयतसधनआच्छावर्दतकुंवचतर्न्थर्हाड़ीहै
मेघर्ुष्पिर्पसेधूवमलघटाआकाशर्रकालीहै लहरातीदृगकीसीमातकधानोकीहररयालीहै िाररजनयनगगनछविर्दशपककीछटावनरालीहै नउर्िनसेहरीधराकोर्देखनआेँखअघातीहै क्ोंयहगािंिालोंके जीकीलगननहींवमटाती है धान, मकई, मटर, तूर, ईखके खेतखड़ेलहरातेहैं यहीकारणयेस के मनकाविर्ार्दकोवमटातेहैं वनम्बूआमसलीिाइमलीकीइतनीवनरालेछायाहै खार्ीकरइनस कोयार्दरखतीस कीकायाहै वकसान ैठके ाग़के मेडर्रहुक्कार्ानीकरतेहैं
31 अर्नेमेहनतसेउर्जेअनाजकावनरक्षणकरतेहैं वचवड़योंकाचहकजानिरोंकीअर्नी ानीहोतीहै तोतामैनाकावििार्द ुल ुलकीप्रेमकहानीहोतीहै मधुरप्रेमके गीतनाररयांगाकरखेतोंकोवनरातीहैं क्षणभरमेंयेस के तनमनकाकष्टवमटातीहैं रास्तेके गलघरके र्ासवचत्विवचत्सुमनलगेहैं हरे हरे ृक्षलहरातेहैंस मनमेंशांतभािर्दशापतेहैं यहस दृश्योंकीशोभासेलोगिूलेनहींसमातेहैं र्दे करिूलोंकाउर्हारलोगर्ूजार्ाठभीकरतेहैं सुन्दरदृश्यहैलहरमनोहरसीउठकरवमटजातीहै रकमरकमके िृक्षोंकीविस्तृतछायासुखर्दसुहातीहै लटकरहेहै लफ़टर्ेड़ोंमेंऔरिलिूललहरातीहै गूेँजरहेहैंभौरें नमेंभांवतभांवतके र्ंछीचहचहातीहैं आसर्ासकासारार्थसुरवभतहैमहकरहीिुलिारी व छीिूलोंकीसेजयहाेँवततवलयोंकाउड़ानसुखकारी नर्दीनालोंकासंयोगयहाेँजंगलमेंमंगललोगकरतेहैं उनऊेँचेनीचेर्िपतर्रशामके ार्दलमंडरायाकरतेहैं संध्यासमयगार्दुरउड़तेहैंऔरअर्नाआिाज़सुनातेहैं विविधरंगरूर्के र्शुर्ंछीझण्डझण्डमेंवमलजातेंहैं ैठआेँगनमेंवकसानस वमलकरगीतमनोरमगातेहैं तम्बूराभजनऔरग़ज़लोंकासंग्रहहमस कोसुनातेहैं प्रातः कालहीस सज्जनलोगकहाेँकहाेँसेआजातेंहैं सारे िावशंर्दोंकोइकठ्ठाकरके ड़ेरोचकर्ाठर्ढ़ातेहैं यहस र्देखसुनके स के मनमेंउत्तमभािसमातेहैं लोगयहाेँर्र ैठघडीभर हुतकुछसीखकरजातेंहैं एकओरतुर्ारधिलर्िपतवचरकालसेचुर्चार्सोरहाहै प्रकृवतकीर्देनहैिोसरोिरजोउसके र्ेटसेवनकलरहाहै उसके तटोंर्ेवकतनेशीलाहैंजहाेँलोग ैठवर्दल हलातेहैं वकतनेमछुिाभीिही ैठकरअर्नेघरकाभोजजुटातेंहैं आमअमरुर्दनीम्बूनाररयलअन्यिलोंकाभरमारयहाेँहै
32 रससेभरे अनरसऔरईखकीखेतोंकासंघारभीयहाेँहै एसेस प्रभुकीअर्द्भुतरचनाकादृश्यविवचत्वर्दखातेहै वर्दव्यअयावचतर्दयाप्राप्तकरके स लोगसुखीहोजातेहैं र्िपतहोयामैर्दाननगरहोयागािंस एकभािभांवतहैं सरलहैंअवततरलभीहैंमृर्दुलगवतसे हुरूर्वर्दखतीहैं सवर्दयोंसेसर्दाप्रिावहतसम्बेतोकीनर्दीसंगीतसुनातीहै चलीर्िपतसेप्रशांतसागरजारहीक्ोंआईक्ोंजातीहै इनसुखमयनज़ारोंकोर्देखके लोगआियपप्रकटकरतेहैं इनके शुभर्दशपनसेवनजमनकीस व्यथाभीहरलेतेहैं र्दरख़्ोंर्रलाखलतावलर्टीहैंस सुन्दरअवतसुहातेहैं इनके छत्छायेमेंवकतनेहीजनजानिरमहासुखर्ातेहैं कोमलर्थहैवर्दशाशांतहैिायुभीस्वच्छऔरसुखकारीहै ैल करीगायघोड़ेजंगलमेंमंगलकरतेयहमंगलकारीहै एसीविविधविलक्षणतासेसजाप्रकृवतकामानहमकरतेहैं क्ोंनहोतेहर्पविमोवहत 'लखन' इनस कोर्देखाकरतेहैं अड़हुलगुला चमेलीगेंर्दाजैसेिूलोंकीभरमारहैआेँगनमें सुन्दरिलिूलके गीचेझलकरहेहैंस के घरआेँगनमें इसस के र्दशपनसेस लोगसर्दामनोरंजनउठातेरहतेहैं इसीवलएलोगउनके वर्दग्दशपनसेक्षणभरमेंर्दुःखवमटातेहैं चर्नमेंमैंभीइन्हीमधुरगवलयोंमेंअर्नासमयव तातेथे लाखोंउनवर्दनोंकीयार्दें यहींर्ेहैंवजनकोहमस सजातेथे उसगािंशहरऔरटोलीके स दृश्यआजभीमनभातेहैं इनेवगनेसािनभार्दोंमेंहमअर्नेमात्भूवमर्देखनेजातेहैं |
33 मैंएकवनरालापोंछीहूँ मैंएकवनरालार्ंछीहेँऔरआजकुछकहनाचाहताहेँ सुननेिालोकानखोलकरसुनलोजरामैंजोकहताहेँ मंर्दमंर्द हतार्िनहेँ, मंर्दमंर्दसुगक्तितउर्िनहेँ मैंमाटीकीसौंधीखुश् हेँ, इसर्ब्ह्माण्डकाअलौवककजार्दू हेँ अंजानासाएकस्पशपहेँमैं, हृर्दयांतरकाअर्द्भुतहर्पहेँ अदृश्यमूकश्रोताहेँमैं, अनकहेशब्ोंकाििाहेँ ाररशमेंवछर्ीअश्रुधारहेँ, मैंअधूराअव्यिप्यारहेँ सूखेिूलोंकीमहकहेँमैं, कैर्दीर्क्षीकीचहकहेँ नन्हेवशशुकीमुस्कानहेँमैं, स्वच्छंर्दर्क्षीकीउड़ानहेँ एकअथकवनरंतरप्रयासहेँमैं, धािककीअंवतमश्वासहेँ असीमअर्ररवमतअशेर्उल्लास, मैंअनंतअचलसनातनआसहेँ मर्दमस्तहोकरनाचनेिालावनविन्तवनविपघ्नवनविपकारर्ागलहेँमैं मैंकभीलघुतोकभीविराट, मैंकभीवभक्षुकतोकभीसम्राट मैंहेँकठोर, मैंहेँकोमलमैंहीश्वेत, मैंहीश्यामलहेँ मैंिीरोंकीख्यावतहेँ, मैंअविहेँ, मैंज्वालाहेँ मैंमाताकीममताहेँ, मैंप्रेमप्रसंगवनरालाहेँ मैंिहललाटहेँवजसर्रसूरजनेस्वयंवतलकवकयाहै मैंिहकंठहेँवजसनेस्वयंअमृतसुधावर्याहै श्रािणकीर्ािनिृवष्टकामैंएकजलव ंर्दुहेँ र्रअितररतहोधरतीर्र, मैंअसीमएकवसंधुहेँ मैंहीश्रुवत, मैंहीस्मृवत, मैंहीरचना, मैंहीकृवतहेँ मैंसमवष्टयोंकािृहतसमाहार, मैंहीश्रृवष्ट, क्तस्थवतऔरसंहारहेँ मैंउसवनराकारकास्वरुर्अर्ार, मैंनरसेनारायणकासाक्षात्कारहेँ मेरावर्ंडर्ब्म्हांडकार्दर्पणहै, मेरासिपस्वप्रभुतुझकोअर्पणहै यहधरतीहीमेरीजननीहै, इसकासेिामेरार्रमध्येयहै जलसेथलके इसर्थकामैंर्वथक, मैंअज्ञेयहेँ मैंअर्नेधमपसेसनातनहेँक्ूंवकवहन्र्दू कोईधमपनहींहै मैंसभीर्ाखण्डोंसेर्रे हेँऔरसभीअिविश्वाससेअवतर्दूरहेँ
34 इससंसारकाएकवनरालार्ंछीहेँमैंआजकहवर्दयाजोचाहताहेँ सुननेिालोगरकानखोलकरसुनलें तोहमाराकल्याणजरूरीहै | यहीहमारार्हचानहैऔरयहीहमाराध्यानहै वलखनेकोकुछवलखर्देताहेँर्ढ़नेिालेतमामहैं।
35 क्ोोंनहमख़ुशीसेरहतेंहैं? चाहेख़ुशीहोयागमयहस एक रा रहोतेंहैं चाहेसुखहोयार्दुःखहोयेस भी रा रहोतेंहैं चाहेवर्दनहोयाविररातहोयेस एकसेहोतेंहैं इसजीिनकीहमारीहर ातेंभीएकसीहोतींहैं कोईजागताहैकोईसोताहैजीिनगाड़ीचलतीरहतीहै हमारे हरचालचलनऔररंगढंगभीएकसीहोजातीहैं कोईहेँसताहैतोकोईरोटाभीहैयहाेँेेऐसाहीहोताहै अगरहमारे वर्दलर्ेचोटलगेतोवर्दलमेंभीर्दर्दप होताहै इसर्दर्दप कोजोभीहंसके सहताहैिहीमर्दप कहलाताहै कोईजीताहैकोईमरताभीहैयहाेँऐसाहीसर्दाहोताहै स कीगतएकसीहोतीहैज उनकीरामनामसातहोतीहै जोयहाेँठीकसेजीनासीखलेयहाेँउसीकीजीतभीहोतीहै क्तखलकरमुरझानेकोहीयहाेँसारे चमनके िूलभीक्तखलतेंहैं यहाेँर्रवमलके विरव छड़जानेकोहीस लोगभीवमलतेहैं मुलाकातेंएकसीहोतीहैंर्रकोईवमलताहैतोकोईखोजाताहै इसछोटीसीजीिनमेंअक्सरस काऐसाहीर्दसाहोजाताहै ज यहाेँयेस होतेंहैंतोहमविरक्ोंनहींवमलजुलके रहतेंहैं इनस काकारणएकहीहैकीहमएकर्दूजेकोनहींसमझतेहैं ज हरसमयएकसाहोताहैतोहर ातक्ोंनएकसेहीहोतेंहैं हरइंसानज एकसाहोताहैतोहरधरमकरमभीएकसेहोतेंहैं ज स लोगएकसेलगतेंहैतोक्ोंनहमयहाेँख़ुशीसेरहतेंहैं?
36 वजोंदगीएकस्वगवहोगयी ज अर्नेघरसेथेचलेतोिहएकगज की ातहोगयी नजानेक्ों,कहाेँ औरकैसेकहींउनसेमुलाक़ातहोगयी हमारीनज़रें ऐसेटकरागयीकीहमकोआवशक़ीआगयी िो ड़ीर्दीिानीसीरातथीऔरहोरहीघनी रसातभीथी हिाओंसेउलझीिोकालीजुल्फें उन्होंनेजोव खरार्दीथी ज़ुल्फ़ें िोऐसेव खरावर्दयाकीहमकोभीआवशक़ीआगयी हैइश्क़मुकम्मल ांके सनमकोहीर्देखतेंरहेंहमहरर्ल यारवमलाकरारवमलाउनकाप्यारवमलामुक्तिलेंहुयीहल अर्नेघरआंगनकोमंवर्दर नावलयाहमेंआवशक़ीआगयी मालूमहुिाकीक औरकहाेँ उनकासाथएकस्वगपहोगयी अदरककीगाोंिोोंकीतरहरहाबचपनहमारा बसउतनाहीसुधरतागयावजतनाकूटागया
37 जीिनकासफर मानवलयाकीबहुतकीमतीथाइसजीिनमेंहमारासारासमयऔर सफर मगरहमभीअपनेजीिनके सफलराजाथेबारबारकहाूँलगाएोंगे चक्कर वकसहद्दतकहमकोकहाूँजानाहैइसजीिनमेंयहहमनहीों जानतेंहैं कहाूँऔरवकसमोंविलकोकबऔरकैसेपानाहैयहहमनहीों जानतेंहैं मगरयहवजोंदगीदोपलकीहैतोजीभरके जीनाहैइतनाहम जानतेंहैं वकसरोजऔरकबहमयहाूँसेवबछड़जाएोंगेयहहमकहाूँजान पातेंहैं अपनेसबसमयके महत्वाकोसमझनाहमाराबड़ाबहुमूल्य ज्ञानहै क्ूोंवकजबखोयािक़्ततोसबकुछखोयाअधूरे रहजातें अरमानहै इसजीिनमेंदेरसेकोईभीकामकरनामानलोएकबड़ाअोंधेर है जोअपनेसबक्षणकासहीउपयोगकरे िहीहोजाताबड़ा महानहै यहजीिनतोहमारीछोटीहैपरयहाूँपरबड़े थकानभरे पड़े हैं कौनहरेगाहमारे इनथकानोोंकोइनकाक्ाहमेंकोईज्ञानहैं बीतजायेंगेजबसबगीतसोंगीतप्यारके रूिेगीकवितामनकी जीिनके बोंसीमेंनीोंदभरेगीहरस्वरमेंनरहेगीकोईशानभी बुझजाएगीसबचमकहमारीनरहजायेंगेकोईअरमानआखरी तबइसजीिनके पथके ऊपरहोजायेंगेपतझड़के छायेगहरी
38 सभीसुनहरे सपनेवबखरजायेंगेतबसुधआएगीअपनीअमन चैनकी तबकहीोंबहुतहीदरसुनायीदेगीहमेंध्ववनसभीउनअच्छे वदनोों की जबभीरातहोगीऔरहमघरआएोंगेऔरखोजेंगेबसेराअपने मनकी मनमलानहोजाएोंगेरारहेगीबातीआूँखोोंमेंआजाएोंगाआोंसूहम सबकी इनसबहालातोोंमेंइसजीिनकाथकानकौनहारेगाहमारे इस जीिनकी एकहीताराचमकेगाइसजीिनमेंजोहरेगासबपीराहमारे तन मनकी ॐनमोभगितेिासुदेिायेऔरहरीॐतत्सतकीधुनलगी रहेगीमनमें इनमहानमन्त्ोोंसेहमाराशेषजीिनसफलहोजाएगाबसएक हीक्षणमें इसीवलएयहलखनकाकहनाहैकीइसजीिनके हरपलको ख़ुशीसेवबताओ अपनेसभीआसुओकोइसजीिनसेदरकरोऔरहरपल मुस्कुरातेनजरआिो चाहेलाखहोतेंरहेंहमपरवसतमऔरमुश्किलेंआएों बसराम श्यामभजतेरहो छोड़करपीछे अपनेसभीदखतकलीफें औरमुश्किलोोंकोबस आगेबढ़तेरहो
39 हमारे करमऔरधरम करमकीअपनीगिरीलादे रहेहमऔरवफरतेंरहेंइससोंसारमें बनके साधारणइोंसान यहसबतोहमकोमालूमथाकीजोजैसाकरेगािहिैसाबरेगा यहीहैविवधकावबधान जीिनभरहमअपनाकरमकरतेरहेऔरवकस्मतबनातेरहे बसयहीथाहमारामरम यहहम कोमालूमथाकीहरप्राणीके भाग्येमेंवलखाहोताहैं उनकाधरमऔरकरम इसदवनयाके दरबारमेंसबसेबड़ाऔरकविनशब्दहैजब लोगहमेंिाहिाहकहतेंहैं हमनेजबअपनेजीिनमेंवकसीके वलएएसाकहतारहातब एसाहीमहसूसकरतेरहें नहीमैंवसफव अपनेहीअहोंकारकोतोड़तेरहेलेवकनअपने लोगोोंके वदलभीजीततेरहें जीिनकीइसछोटीसीदौरानमेंमैंजानगयाहूँकीददव कीभी अपनीएकअदाहोतीहै यहहमनेमहसूसवकयाहैकीहमारे ददव भीवसफव अपनेसहने िालोोंपरहीवफ़दाहोतीहै
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41
42 हमाराजीिनबहतापानीहै हमारायहजीिनहैजैसेनवदयाकाबहतापानीकहगयीहमारी नानी चलोअबहमभीकहदेतेंहैंइसजीिनकीअजबऔरअजीब कहानी हरपलहरसमययहबदलतीरहतीहैअपनाअनेकोोंरोंगऔर रूप हरिक़्तबतातीआजभीखूबकलभीखूबयहभीखूबिहभी खूब वदनहोयारातछाूँहहोयाधूपहमारीजीिनहरिक़्तबदलती रूप जीतहारकाखेलभीवदखतीऔरवमलादेतीहैसबछाूँहऔर धूप हमारे जैसेराहीतोसफरकरतेंहैंऔरहमकोतोखूबमौज उड़ानाहै इसजीिनके हररोंगोोंमेंरोंगकरबसबढ़तेजानाहैबढ़तेही जानाहै इसलड़ाईमेंवचतपड़े यापटजीततोउसीकीहोगीअोंवतमद्वार पर फ़क़ीरके फ़क़ीरहीरहजायेंगेपानीकीतरहबहतेरहेंगेजीिन भर

क्ानहीोंवबकतायहाूँ ?

इससोंसारमेंतोसदासेवबकतारहाहैहमारापीनेिालापानी अबहमकोवफ़क्रयहहैकीकहीोंहिाभीनवबकनेलगेजानी हमारीयहाूँकीजमीनतोसदासेवबकतीरहीबड़े बड़े दामोोंमें

अबवफ़क्रहैकीकहीोंआसमानभीवबकनेनलगेइसभीड़में

जनताकाहरकामके वलएररश्वतलेनाअबकोईजुमवनहीोंरहा डरहैकीइन्ीोंलोगोोंके हाथोोंएकवदनहमाराितनभीवबकेगा सरे आमअबवबकनेलगेहैंहमसोंसदके सदस्यऔरउम्मीदिार डरइसबातकीहैकीकहीोंसोंसदभिननवबकजायेउनके द्वार कईबारदेखनेमेंआयाहैकीलोगमरतेहैंपरआूँखेंखुलीरही अबइसमुदावकोतोडरहोगाउसकाकफ़ननवबकजायेकही एकिोभीजमानाथाजबहमबड़े चैनसेरहतेथेअपनेहीघरमें परअबडरहैकीचोरलुटेरे नलूटलेहमकोघुसके हमारे घरमें

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अबदेखनायहहैकीचाूँदपरजमीनकबवबकेगीमेरे भैया गरयहहुिातोदरहैकीसूरजकीतपननवबकजाएभैया हरजागरअबवबकनेलगीहैहमारे स्वारथकीरसमऔरनीवत डरइसबातकीहैकीकहीोंधमवकमवजोबीके तोहोगीअनीवत कुछवदनहीहुएहैंदेकरदहेिखरीदाजाताथादल्हराजाको देखाथाकीउनहाोंथोोंद्वाराबेचाऔरजलायागयाथादल्हनको जनताके हरकामके वलएसरकारीनौकरटालमटोलकरतेहैं कुछदेरहुयीतोक्ाहुिाआपलोगक्ोोंनजरासबुरीकरतेहैं
44 एकसोंतोषीहूँमैं नकुछहैऔरनकुछथामेरायहाूँनकु छरहेगाहमाराया वकसीका धनदौलतमालखजानाजोभीवमलाथािोसबकृपाथा परमेश्वरका सबसेबड़ीदौलतहमारे वलएमेरासुखी, ख़ुशीऔरसोंतुष्ट पररिारथा मैंखूबकमाया, खाया, वपयाऔरमौजउड़ायायहसबमेरा नसीबथा मैंनेबहुतउजालेदेखेपरकुछआयेथेअूँधेरे भीमेरे इस छोटे जीिनमें उनथोड़े सेअोंधेरोोंकोहमनेअपनेकोवशशोोंसेबदलडाले थेउूँजालेमें परमवपतापरमेश्वरके कृपासेसबअूँधेरे दरहुएरौशनी हुयीतनमनमें वजोंदगीमेंकभीशोरगुलथीतोशाोंवतऔरख़ामोशीआती रहीचमनमें मेहनत, लगनऔरपररश्रमकानैरासदालगतारहामैं अपनेजीिनमें जबसारे सोंसारमेंमहामारीछाईथीतोहमचौकन्नेहोकर चलतेरहेयहाूँ टीकालगिाया, सािधानीबरतीऔरअपनेजीिनको सम्हालतारहायहाूँ अपनेवजोंदगीमेंहमनेिररष्ठभीदेखा, धूपछाूँहकाअनुभि भीकरतारहा
45 यहसबप्रभुकीअसीमकृपाथीक्ोोंकीउन्ीोंका आवशबावदहमपररहा जीिनभरएकसोंतोषीकीवजोंदगीवबतातारहामैंसुख शाोंवतऔरशानसे ॐनमुः भगितेिासुदेिायेऔरहरीॐतत्सतजपतारहा बड़े सम्मानसे रामलखनप्रसाद

इसजीिनमेंआपहमेंअोंदरऔरबाहरसेखूबगढ़तेरहेंहैं आपके दयासेहमभीसभीतरहसेजीिनमेंबढ़तेरहेंहैं सुन्दर,सच्चाऔरअच्छाराहआपनेहमकोवदखायाहैप्रभु आपपरइतनाभरोसाहैतोकभीमुझेटूटनेनहीोंदेनाप्रभु

46 येविनतीहमारीहै इसजगतमेंआजकलभीड़भाड़बहुतभारीहोनेलगीहै कहीोंयहाूँमैंभीनखोजािूोंयहीडरसदालगतीरहतीहै कृपयापकड़लोहाूँथमेराहेप्रभुअबयेविनतीहमारीहै आपकासहारावमलतारहाआगेभीआपकीवजम्मेदारीहै मुझेआपकीआशीिावदऔरप्यारवमलतारहेयहजरुरीहै हमाराअटलविश्वासआपपरहैतोसहाराआपकाजरुरीहै मैंयहजानताहूँकीकुम्हारजबभीअपनाघड़ाबनाताहै तोिहबाहरसेतेजतप्तपाताहैपरअोंदरसेसहलाताहै भगिनभलेहीइसजीिनमेंहमकोदखवमलतीरहीहै परआपकीदयासेमेरातनमनसबमजबूतहोतीरहीहै

एसेहीवकसीकीकड़ीमेहनतकभीबेकारनहीोंहोती जोलोगकोवशशकरतेंहैंउनकीकभीहारनहीोंहोती मोतीके खोजमेंगोताखोरकईबारडुबकीलगाताहै आतेजातेमेंकईबारिोखालीहाूँथलौटकरआताहै उसकोमालूमहैकीवमलतेनहीोंमोतीसहजसेगहरे में इसवलएिोडुबवकयाोंदनीकरताहैअपनेइसहैरानीमें इसतरहमेहनतसेमुट्ठीउसकीहरबारखालीनहीोंहोती जोलोगकोवशशकरतेंहैंउनकीकभीहारभीनहीोंहोती

47 कोवशशवकयातोसफलहुिा इसवजोंदगीमेंहमनेभीजीिनकीलहरें तोबहुतदेखेंहैं जोभीलहरें हमनेयहाूँप्रस्तुतवकयाहैंउनकोपरखेंहैं हमारे इनसभीलहरोोंकानकोईजिाबनमुकाबलाहै जानताथाकीइनलहरोोंसेडरातोिोमेरीकमजोरीहै सुनाथाकीलहरोोंसेडरके कोईनौकापारनहीोंहोती जोकोवशशकरनाजानतेंहैंउनकीकभीहारनहीोंहोती एकनन्ीसीचीोंटीजबअपनाखानालेकरघरचलतीहै ऊूँचीदीिारोोंपरकईबारिहवफसलतीऔरवगरतीहै परआत्मविश्वासउसके तनमनमेंसाहसभरदेतीहै एसेचढ़के वगरनावगरके चढ़नाउसेनहीोंअखरतीहै
हमनेअपनेअसफलताकोचुनौतीमानके आगेबढ़ाथा क्ाकमीरहगयाथामेरे मेंतोकामकोवफरसुधाराथा जबतकहमसफलनहीोंहुएनीोंदचयनकीत्यागवदयाथा मैदानछोड़के कभीभागनानहीोंयहीबुजुगोंकाकहनाथा जीिनमेंसफलकामवबनावकसीकीभीजयकारनहीोंहोती जोभीलोगकोवशशकरतेंहैंउनकीकभीभीहारनहीोंहोती

सदाखुशरहाखुदकोवगरायानहीोंपरदसरोकोउिायाहमने जबलोगरूिजातेंहैंहमसेतोमुझेउनकोमनानाभीनहीोंआता

है

मैंइसजीिनमेंक्ाचाहताथाउनकोवकसीकोजातानानहीों

आताहै

अबउनसेक्ाकहूँयारोोंकीमुझेक्ाआताहैऔरक्ानहीों

48 मैकौनहूँ ? कभीकभीलोगजलउितेहैंहमारे चहरे परमुस्कानदेखकर क्ूोंवकहमनेकभीभीअपनेदखददव कीकोईनुमाइशनहीोंकी हमकोइसवजोंदगीमेंजोकुछभीवमलाउनकोरहाक़बलकर कभीवकसीऔरभीफ़ालतूिस्तुओोंकीफरमाइशहीनहीोंकी शायदइसीवलएलोगोोंकोमुश्किलथारहनामुझकोसमझकर क्ूोंवकसारे जीिनभरहमारे जीनेकीअोंदािथीबड़े अलगकी जबभीजहाूँभीचाहेकैसेभीजोभीवमलाउसकोस्वीकारकी जोवमलाउसकोअपनावलयाजोनवमलाउसकीख्वावहसनकी यहतोमानाहैहमनेकीइसजीिनमेंबहुतनहीोंपायाहैहमने
आताहै अपनेआोंसूपीनामेरीआदतहोगयीहैअबआोंसूबहानानहीों आताहै कईलोगकहतेंहैंकीहमारावदलहैपत्थरकामुझेसमझनहीों आताहै बसइतनाजानताहूँमैकीमौसमकीतरहमुझेबदलनानहीों आताहै |

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49

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50

जबहमदरथे

वकतनीबेगैरतथीिेसबलम्बीलम्बीरातें

आभासहोजातावक़िहशुभआगमनतुम्हाराथा दरिाजाखोलते

नहीमैिीकसेसोपाताऔरनहीनीोंदआतीथी रातमुश्किलसेकटतीपरसुबहतोआजातीथी िहीशुभप्रभाततुम्हारीयादऔरसौगातलाताथा वदनभरतुम्हारे यादोोंमेंमैंबािराघूमावफरताथा शामहोतेहोतेहीबसमेरीिहीहालहोजातीथी वफरतुम्हारीिहीखूबसूरतचेहरासामनेआतीथी ऐसालगतातुममेरे साथवकसीबगीचेमेंबैिीथी हमारामधुरवमलनहोतातुममेरामनबहलातीथी हाथोोंमेंहाूँथवलएहमारीप्रेमगाडीचलाकरतीथी उनवदनोोंमैहररोजएकनयासपनादेखाताथा

51
जोमैनेतड़पतड़पके अकेलेगुजारीथी कोईकहाूँजानपायेगापरसचहैंयेबातें असलमेंमुझसेज्यादातड़पउनकीथी जोसमुद्रके उसपारहरवदनवबतातीथी जबमेरे झोपडीके द्वारकोकोईभीथपथपाताथा
हीअजीबसीहालतहोजातीथी
आूँखखुलतीसपनावबखरतावदलटूटजाताथा हमसोचतेहैंकीयहजनमजनमकानाताथा तक्तीफआनपड़ीमेरामुस्करानाजुमवहोगयाथा मेराजीनामरनाि्खानापीनादश्वारहोगयाथा बड़े बड़े लहरोोंके साथउससमयखेलनाजरुरीथा मेरे जीिनमेंपागलसमुन्दरतूफ़ानमचारहाथा

उनकाअसीमप्यारहमकोअवतप्रफुश्कितकरतारहा एकसेदोहुएथेवफरदोसेचारहोगएचमनआगया आिनातीपोतोोंकोपाकरवदलमेंबड़ाख़ुशीभरगया समयकाचक्रचलतारहाहमाराजीिनसफलहोगया कईतूफ़ानसहेहमजीिनमेंपरएकझोकाअसहायथा हमारे जीिनसाथीकोयमदतनेहमसेछीनवलयाथा उसके बादकीदारुणकथाइसपुस्तकमेंरचागयाहै हरएकशब्दोोंमेंमैंअपनेवदलके चीखकोभरवदयाहै वििाहसेपहलेहमदरथेवफरहमकोजुदाकरवदयाहै |

52 हमारीलाजबचगईजबप्यारकाराजखोलाथा गनीमतहुईपररिारमेंहमारे प्रेमकाडोंकाबजाथा सबडरभागगयाहमारे राहोोंमेंदीपकजलउिाथा हमदेखेअपनेमोंवजलकोमनमेंबड़ाउमोंगउिाथा जबहमारे मातावपतानेहमकोआशीिावदवदयाथा हमाराजीिनसफलहुआवदलभीबाग़बाग़हुआथा हमारीपावणग्रहणहुयीऔरपैिाररकजीिनश्कखलउिा

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53

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54

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55
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56 यहजीिनएकसोंघषवहै हमाराभीजीिनएककुर्दरतीिरर्दानरहाहैयहमैंमानताहेँ हमाराइसजीिनकासंघर्पएकसच्ाअनुभिथामैंमानताहेँ हमाराजीिनकासंघर्पमुझेजीनेऔरजूझनेकासाहसवर्दयाहै हमारायहछोटासाजीिनमुझेकईनएनएराहोंकोवर्दखायाहै हमारायहछोटासाजीिनसंघर्पसेभराएकइश्वररयेर्देनरहाहै इसजीिनमेंहमकोनजानेवकतनेर्ाठोंकोर्ढ़ायाकरतारहाहै इसजीिनमेंहमनेकईवकता ोंऔरशास्त्रोंकोर्ढ़ाऔरगढ़ाहै लेवकनजोर्ाठहमारे संघर्पनेर्ढ़ायािोइनस सेउम्दारहाहै यहजीिनहमकोअर्नोंसे ड़ोंकाएहसासऔरक्तस्तवथ तातारहा गरी ीकासहनऔरधनर्दौलतकासहीसंतोर्वसखायाकरतारहा हमारासंघर्पमुझेयहजीिनव तानेके कईतरकी ोंकोवसखातारहा र्दुःखतकलीर्रोगसोगतथास रुकािटोंसेलड़नेकासाहसर्देता रहा प्रोत्साहनऔरजागृतकरनेके सभीतरकी ोंकोभीवसखायाकरता रहा अजी ातयहहैकीमेरासंघर्पमुझेअर्नोंसेछोटोंकामानकराता रहा असहायऔरमज ूरयालाचारलोगोंके प्रवतकरुणाकाभािवर्दलाता रहा मेरासंघर्पमुझेएकअच्छाइंसान, र्दयािानमानिऔरमर्दर्दगार नातारहा प्रगवतके र्थर्रचलनेकासहीसन्देशऔरज्ञानमुझकोसर्दाहीर्देता रहा हरएकमुक्तिलकावर्दलोजानसेसामनाकरनेकासाहसभी वर्दलातारहा इसवलएहमाराकहनाहैकीइसजीिनकोजर्तर्सेसुखीऔर ख़ुशीकरो
57 क्ूंवकहमारासंघर्पहीर्हुंचाताहैहमकोअगलेर्ड़ाितायहसर्दा यार्दकरो हमनेभीअर्नेजीिनमेंर्हुेँचगएथेएकऊंचाईसेर्दूसरे ऊंचाईतक यारो इसजीिनके संघर्पनेहमकोसरलतासेर्हुेँचायाहैहमारे मंवज़लों तकयारो यहजीिनएकसिरथाऔरएकमुसाविरसामैंवनरंतरसंघर्प करतारहा र्रमात्मानेहमकोस कुछवर्दयाऔरिहर्दीन ंधुहमकोसंतुष्ट करतारहा वकसीलोकुछवमलायानवमलार्रहमकोतोवमलाहैइसजीिनका उत्कर्प अंतसमयमेंमुझेप्राप्तहोगयीइसजीिनकीसच्ीसंिेर्दनाऔर हुतहर्प लखनकीसीखयहीहैयारोकीइसजीिनमेंसंघर्पकरनाकभीमत छोड़ना तभीयहजीिनसुखसंतार्कीसिरहोगीजीतेरहोगेछोड़के स रोनाधोना |

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58

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59

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60

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61

बस िही यहाूँ रह जाएगा

सब हैं मेहमान यहाूँ थोड़े वदनोोंकी हमारी वजोंदगानी है

सेिा ि भलाई कर चलो जग में जब तक वजोंदगानी है

जब तलक दवनया में रहो शुभ काम करो सदा चमकते

रहो

सब के वहतकारी बनो जन सेिा करो सभी के उपकारी रहो वनज ज्ञान को खूब बढ़ािो दसरो को उतम ज्ञान प्रदान करो

प्रभु से सुम्मती माोंगो इस जग में सुख शाोंवत का प्रचार करो

हमारा जीिन सफल हो जाएगा बस जग कल्याण करते रहो

मात वपता नरनारी गुरु बोंधू सब का मान सम्मान करते रहो

62 आओ हम सब विचार करें आओ वमन्त्ो आज हम सब वमल जुल के ऐसा विचार करें पहले हम अपने आप को सुधारें वफर औरोोंका सुधार करें ऐसा जीिन हमारा हो चाूँद वसतारोोंसे बढ़ के उवजआरा हो सबपापोोंसे बचें,सदा शुभ करम करें , सब बुराइयाों दर हो हम तो यहीोंरह जायेंगे हमारा पुण्ये करम ही साथ जाएगा जो भी दान दया या दमन वकया
हम
जन

गम की अूँधेरी रात तुम को आ करघेर ले

कभी खुद को बेक़रार और मायूस न करले ये कुदरत का वनयम है कल सुबह जरूर आएगी वहम्मत रखते हुए बस थोडा सा इोंतिार कर ले जो इोंसान कभी मुश्किलोोंसे घबरा करहार नहीोंमानता है वजस का तन मन मजबूत है िह अपने मोंवजल को पाता है कड़ी धूप में थोड़ी सी छाया देख करजो बैि नहीोंजाता है गर लगनकी आग जलती हो तो सफलता वमल जाता है यह अभी मत पूछो की आप की मोंवजल कहाूँ है यारो अभी तो तुम ने केिल अपने सफ़र का इरादा वकया है तुम न हारोगे अपने िोस हौसले से कभी भी यारो अगर अपनी मोंवजल को पाने की खुद से िादा वकया है सही मोंवजल उन्ी को वमलती है वजनके सपनो में दम

63 ¿oix]x] ¿rn]e v]]l]o ¿I ¿B]I h]r n]hI hot]I कोई भी मुश्किलोोंसे इोंसान को भाग जाना आसान होता है पर यही सही है की हर पहेलू वजोंदगी में इश्किहान होता है डर गया सो मर गया उन्ें वमलता नहीोंकुछ वजन्दगी में पर डट करलड़ने िालोोंके कदमोोंमें सारा जहान होता है जब
पर
होती है वसफव कह देने से कुछ नहीोंहोता है हौसला की जरूरत होती है जब लोग सदा बड़े दर तक देखने की आदत को लगा लेते हैं मेहनत उन की आदत हो जाती कामयाबी सहजमें आती है जो लोग अपने वजोंदगी के सफ़र को अच्छे से इश्कक्तहार करते हैं बस िही लोग अपने सभी मोंवजलोोंको बड़े सहजसे पार करते हैं बस अपने वजोंदगी में एक बार उि कर चलने का हौसला कीवजये

उि जाग कर आगे बढ़ने िाले के वलए रास्ते भी इोंतिार करते हैं अपने वनजी सोच को बदलो तुम्हारे वसतारे भी बदल जायेंगे

अगर अपने निरोोंको बदल दो तो निारे भी बदल जायेंगे अपने मोंवजलोोंको पाना है तो अपनी कश्कस्तयाूँ

नहीोंहोती वदल में अगर दृढ विश्वास हो तो रगोोंमें साहस आ जाती है मानो बात हमारी कोवशश करने िालोोंकी हार नहीोंहोती है एक छोटी सी चीटी जब बड़े दाने को ले कर वनकल पड़ती है न जाने बेचारी उन खड़ी वदिार पर वकतने बार वफसलती है चीटीोंको तो चढ़ कर वगरना वगर कर चढ़ना ही भाती है असफलता उस की एक चुनौती और जीिन की साथी है डुबवकयाों गहरे समुन्दर में गोतेखोर कई बार लगते रहते हैं गहराइयोोंमें जा कर िे वकतने बार खाली हाूँथ लौट आते हैं वमलते नहीोंहैं सहज में मोवतयोोंके िैसे ढेर गहरे पानी में इस वलए दगना हो जाता है उन का उत्साह इस हैरानी में याद रखो मुट्ठी उस गोतेखोर की हर बार खाली नहीोंहोती है ऐसे ही वहम्मत से कोवशश करने िालोोंकी हार नहीोंहोती है

कमी रह गई हो जीिन में तो

64
मत बदलो पर जब अपने वदशा को बदलोगे वकनारे भी बदल जायेंगे ऐसी दररया बन जािो वजसमे बेहद्द रफ़्तार आ जाये वजस तरफ अपना रुख करलो रास्ता उधर बन जाये हीरे की पहचान रखते हो तो अूँधेरे में चमकना सीखो रौशनी वमल जाने पर तो काोंच को भी चमक आ जाये मानी हुई बात है वहम्मत करने िालोोंकी कभी हार नहीोंहोती बड़े बड़े लहरोोंसे डर के वकसी मझदार में नैया पार
कोई
उन्ें परखो और सुधार कर लो जब तक पूरी सफलता न हावसल हो तब तक चैन की नीद न लो सोंघषव करना सीख लोगे तो कभी मैदान छोड़ कर भागोगे नहीोंतुम वगर के चढ़ना सीख लोगे तो ऊूँचे पिवतोोंको चढ़ना सीख लोगे तुम यह मान लो की कुछ वकये वबना वकसी की जयकार नही होती 'लखन' वहम्मत से कोवशश करने िालोोंकी कभी हार नहीोंहोती

मन की सब हलचलचली गई है एक दज को पहचान रहें हैं आतवन बतवन चूलाह चक्की रोटी पानी की सब महत्व जान गए हैं

वदमाग जो कहता िही करते हैं मन के सभी भाि को जान गए हैं

कभी झगडे कभी वबगड़े तो प्यार से सुलझाने से बात मान गए हैं जीिन की गाडी नहीोंडगमगाए हम इस सत्ये

65 hm] ap]n]] py]]r in]B]]t]e rheg]e जीिन पथ सुख दख का मोंजर है हम उन के साथ चलते रहें हैं हम दोनोोंका मान रहा हम होंसते हूँसते अपने राहें बनाते रहें हैं हम दोनोोंका मधुर साथ रहा जीिन में वकतने बहार आते रहें हैं वदल के हर तार गुनगुना उिे हम अपने ढोंग से गीत गाते रहें हैं हमारे हर छन प्रकावशत हो गए, जीिन में लाखोोंरोंग भर गए हैं होंसी वदलाग्गी से हर बाग़ बगीचे में खुवशयोोंके झलकआ गए हैं हमारे प्यार का सागर उमड़ पड़ा वदल के उमोंगें वहलकोरे ले रहें हैं ख्वाबोोंकी दवनया छूट गई है हम असवलयत से नाता जोड़ रहें है घर आूँगन की सुन्दरता बढने लगी पररिार सुसश्कित हो रहें हैं तन
को पहचान गए हैं दवनया की आवथवक आोंधी में हम हाोंथोोंमें हाूँथ वलए चलते रहें हैं हम कभी नहीोंथकने िाले हैं चाहे हमारे सब पथ वफसलते रहें है हम तुम एक सोंकल्प करेंगे अपने जीिन भर साथ चलते रहेंगे हम अपने बोंधन को मजबूत कर के अपना प्यार वनभाते रहेंगे

साजन

समय उन की गुजरती नहीोंथी भारी था उन का हर एक पल फूलोोंसी नाजुक कली के मन में वनराशा वदल में थी हलचल

िह प्यारी सी कोमल काया अब चलती थी विरह की गली में

उन पे ये कैसा समय आ गया मेहोंदी भी न उतारी थी हाोंथोोंसे

वकतने ही वदल में अरमान रहे जब फेरे वलए थे लखनके सोंघ

अब खो गई थी रातोोंकी नीोंद वदन की चैन भी हो गई थी भोंग

हाय रे वकस्मत तुम ने क्ा उपहार वदया था इस विरवहणी को वजए तो िह कैसे वजए ये क्ा हो गया महलोोंकी शहजादी को

जनक वपता के आूँगन की महारानी फूलोोंपर चलने की आवद थी

उन महलोोंके सुन्दर नगीने में

66 लखन की उवमवला का विरह बन को चले गए रघुराई लखन और सीता उनके साथ गए थे दख है की लखनपत्नी उवमवला को िे महलोोंमें छोड़ गए थे बेचैनी ि सूनापन हर जगह था लगता कहीोंन था अपनापन हर स्वास लखनको पुकारती थी कहाूँ चले गए हैं मेरे
उनके होंसी में िीणा की झोंकार थी गहने रत्नोोंसे सदा लदी रहती जहाूँ सब प्यार की गोंगा बहती थी उन के कोमल मुख मोंडल पर मीिी मधुर मुस्कान सदा रहती थी उन के लखनचले गए थे बन अबउवमवला बन गई थी एक जोगन सती उवमवला इस विरहा के वियोग में अब लगरही थी एक रोगन

मन में

जब बन जाने का ख़याल आये तो भजनकीतवन करलेती छन में

कभी भी जब कोई सुन्दर वदन रातें और बीती बातें याद आ

जाती अपने लखनके मधुर यादोोंमें खोजाती पर वकसी को नहीों बताती

जी तो महान थी पर उवमवला की महानता कुछ अजीब

अपने पवत का चेहरा ही आूँखोोंमें

67 सजने सजाने की अब कोई चाह नहीोंथी न ही मन में कोई उमोंग साोंझ सबेरे अपने लखनके यादोोंको वलए हो जाती थी बहुत तोंग न ही स्वयों को अब िह सजा सकती थी न हार श्रृोंगार लगाती थी अच्छे कपडे तन पे बोझ लगे सुन्दर गहने मन को नहीोंभाती थी न रुदन करूोंगी और न ही रोउोंगी अपने लखनको वदया था बचन लखन करें सीताराम की सुरक्षा बस ये सोचती रहती मन ही मन न ही खाने की परिाह थी न ही पीने की कोई चाह रह गई
सीता
रही बस
ले कर समयवबताती रही जब लखनको देखा था उस पोंचबटी में पहले वमलन की याद रही आूँखें उन की बस झक हुई थी अपने वपया के चरणोोंमें रुकी रही उस प्रेम वमलन की चचाव तुलसी क्ा खूब वकया मन को भाती है

दर हो गये

पर उवमवला ने जो बवलदान वदया था उस का सभी फल हम पा गये

वकतने ख़ुशी से वििाह कर के लखनकी उवमवला अयोध्या आई

वबधाता भी कैसा वनदवई हो गया िो बेचारी ख़ुशी से ना रह पाई कैसे वप्रयेतम के खावतर सजती थी सजनी अब तो कहा न जाई उस के मन में वकतने अरमान भरे थे ये लोगोोंके समझन आई उवमवला का मन भी नहीोंमानता उन का हाल कोई नहीोंजानता अन्दर ही अन्दर घुटती रहती थी हर दम आूँखोोंसे आोंसू बहता वप्रयतम तो बन को चले गए थे पर िे उन के वदल

68 हवषवत हुआ उवमवला का मन तो लखनकहे हम जीिन के साथी है विधाता ने उन को वमलिाया था और ये सुन्दर सूँयोग बनाया था उन दोनो मे बोंधा ऐसा प्रेम का बन्धन बाल्मीवक ने ऐसा गया था अल्प काल था साथ लखनका पर एक एक पल था बड़ा सुखदाई वबधाता ने ऐसा वबवध बना वदया न जाने कहाूँ से ऐसी आूँधी आई धमव नीवत का एक तूफ़ान चला बस एक दज से िे अब
में ही रहते थे कहीोंउन पर कोई सोंकट ना आ जाए यही आश वदलोोंमें रहते थे अपनी सब पीरा वछपा रक्खी थी कहीोंकोई हल चल ना मच जाए ये डर से कोई आह न भारती उस के ये दख ददव अब कहा न जाए उन को तो यह महलोोंका सुन्दर उपिनभी अब लगता था जोंगल ना ही कोई उन्ें समझसकता था ना ही उन को कोई करे मोंगल

मारी यह नारी को हर एक फूल के अन्दर काोंटे वदखते थे उवमवला का यह एहसास रहा की वकस तरह से तीनो रहते होोंगे

वकस तरह से िे खाते होोंगे वकस तरह से सोते और चलते होोंगे बहुत नाजुक थे िे तीनो ना जाने उन्ें वकतने काोंटे चुभते होोंगे

उन तीनो को दख बहुत होता होगा यह ददव िे कैसे सहते होोंगे ये सब दख िह नहीोंसह पाती ये सब सोच के नहीोंरह पाती कभी िो

करती वफर मन में वकतने तस्वीर बनाती

69 महल के बागोोंमें अब उस ने एक छोटी कुवटया को बना वलया था उस को खूब सजा धजा कर अब उस में अपना शरण ले वलया था उन के वपया रहते होोंगे ऐसे कुवटया में उस ने यह समझवलया था लखन जी सोये घास के खवटये पे उवमवला ने भी ऐसा करवलया था लखन की उवमवला सब विरह का समय अब ऐसे ही गुजारती थी हर सुबह शाम वपया का पूजन करके उन के सूरत वनहारती थी बागोोंमें तो सुन्दर फूल बहुत थे पर एक भी उसे अब नहीोंभाते थे विरह के
आराधना
सीता के पैरोोंमें काोंटा चुभता तो श्री राम को पीड़ा होती होगी श्री राम को गर कोई चोट लगे तो पीड़ा लखनको होती होगी लखन के पैरोोंमें पड़े कोई छाले भाभी माता उसे धीर बाोंधती है एक दज के सभी दख तकलीफ तीनो के समझमें आ जाती है इन कथनो को िो मन ही मन कहती या वफर वलखती जाती है जब कभी विरह की िीणा बजेगी तो एक इवतहास बन जाती है उवमवला को महल नहीोंभाता है पर लखनतो बन के माली हैं सीता माता और श्री राम की सु सेिा करने को बड़े लालसी हैं उवमवला को ना भाये है भोजन पानी गम खाती आोंसू पीती है

साथ साथ ये उन का कहना था उन का यह सपना पूणव हो गया सब को एक ही ससुराल वमला

छूट गया साथ उस दीदी सीता का वजस के सोंघ हर पल वबता

जनक दलाररया जब बगीचे में जाती और सीताजी फूल माोंगती

कहीोंकोई काोंटें न चुभ जाए उन्ें ये सोच के िे पीछे हट जाती

पर आज वबधाता का विवध तो देखो वसया बन गई है बनिासी आज िही वसया चलती होगी काूँटोोंपे नहीोंहै उनकी कोई दासी जो सीता सजी रहती रेशमी िस्त्ोोंमें आज िो पहनती है खद्दर तब मखमलके कम्बल रहते थे पर अब न वमलती कोई चद्दर

वचत्र देख करजो सीता मन ही मन डर जाती थी िही जनकदलारी

70 लखन रहें मगन अपने करम में बस यही मकसदसे जीती है वपया जरूर वमलेंगे कभी न कभी ये सोच के वजन्दा रहती है वफर से सुहाग का सुख भोगेगी ये सोच के माोंग भी भरती है वप्रयेतम की तस्वीर बना बना के ख्यालोोंका खीर पकाती है उस के सपनो के राजा आ जायेंगे अपने मन को बहलाती है न जाने कैसे रहते होोंगे बन में मेरे वपया ये समझन पाती है भोजन पके हो या कच्चे होोंिह तो बस फल ि फूल खाती है इन बातोोंकी उसे परिाह नहीोंउस के प्रेम की कोई थाह नहीों यहाूँ महलोोंकी इसउवमवला को क्ोोंलखनसाथ ले गये नहीों भला था वकतना उन का बचपनचारो बहनोोंका ये सपना था वदन हो या रात िे रहेंगी सदा
जानिरोोंका
को अब उस जोंगल के जानिर मन भाती थी वजस सीता के कोमल कदम जमीन पर कभी नहीोंपड़ती थी वकस्मत का खेल वनराला बना आज िही नोंगे पैर चलती थी उवमवला के इन सब सोच वफकर को क्ा कोई समझपायेगा सुध बुध अपनी अब खो बैिी है क्ा कोई अनुमान लगाएगा अब तो कभी कभी िह सोचती है की िो भी चली जाये िन में जाके अपने वपया से वमल आये तो शाोंवत वमले उस के मन में अपने विरह की पीड़ा लखनको बतला के उसे धीर तो वमलेगी वदल में जो ददव हैं िे कमहोोंगे और जी भरके वपया से वमलेगी दसर छन अपने इस स्वाथी ख़याल पर उस को तरस आती है

कैसे उनके आदशों

रोकना चाहती है

श्रीराम की सेिा करते हैं

बाधा बने एक पत्नी के फजव कहते हैं

पर ये एक पत्नी का वदल है की मानता नहीोंकहता है िन जा

उन के कदमो के धुल को मै उिा के अपने माोंग को सजा लूोंगी

माथे पे लगा के लखनका चरण रज मै दल्हन सी सज जाउोंगी

तब मेरे तन मन को शाोंवत वमलेगी मै एक सुहागन बन जाउोंगी

कभी सोचती है की िह उस िन में दौड़ के जल्दी से पहुूँच जाए

वजस राह से वपया गुजरते होोंिहाों से काूँटोोंको चुन करले आए

वपया तो नोंगे पाूँि चलते होोंगे उन के डगर में फूल वबछा आऊों मै वपया के दशवन हो जायेंगे औ सीता दीदी की सेिा भी करआऊूँ मै

श्रीराम लखनसीता जी के दशवन

71 अपने आप को इस वनजी स्वाथव भाि से अब
उस के वपया अपने धमव करम में लगे
िो
में
वपया को विचवलत न करना उन के पथ का पत्थर न बन जा पत्नी हूँ तो पवत को वबना वनहारे कैसे रहूँ और वफर कैसे वजयूों अपने वपया को बस एक बार देख के आऊों तब मै चैन से वजयूों अपने लखनको कहीोंदर से ही देख लूोंगी उनको बताउोंगी नहीों अपने तरसते वजया को समझा लूोंगी वकसी को सताऊोंगी नहीों वजस पथ पे मेरे लखनचलेंगे िही कहीोंझाड़ी में वछप जाउोंगी
औ सेिा करके खुश हो जाऊों मै वपया के साथ वबताने को वमल जाएगी वकतना पुण्ये धन पाऊूँ मै जोंगल में तब मुझे मोंगल वमलेगी प्रीतम के साथ ख़ुशी से रह लूोंगी वपया के भी चरण दबाऊोंगी ओर ख़ुशी से सारे कष्टोोंको सह लूोंगी ऐसी ही अपने विरह की कथाएों अपने सभी सश्कखयोोंको सुनाती है

देि उन के वलए खुद को सजाऊूँगी सोंिारूोंगी

जब बीत जायेंगे चौदह साल तब जीिन में लाखोोंहषव आ जायेंगी

यह सब सोच के वदल की धड़कन बढती और मन घबरा जाती है

समय बीतता जाता है भाउकता बढती और डर भी लगजाती

है

उवमवला अब क्ा कर सकती है न महलोोंन बन में रह सकती है

बीते न उन का समय सहज से विरह की धुन सदा लगी रहती है

चलती रथ जैसे अब रुक सी गई िह हर पल घबराई

72 आूँख से आोंसू के धार बहे लेवकन वपया वमलन की आस लगाती है अपने आप को साोंत्वना देती रहती है जल्दी ही वपया वमलन होगी उस की विरह उसे सता नहीोंसकती यहउवमवला की विश्वास होगी चौदह िषों के बाद जब शुभ वमलन होगा मन पुलवकत हो जायेगा तब तक उवमवला लखनकी राह वनहारेगी चाहे कुछ भी हो जायेगा जब आयेंगे मेरे पवत
सी रहती है हर िक्त जैसे थम गया सा गया है अब वदन ही में तारे देखती है मेरे वपया को मेरा सन्देश दे आओ हर रात को चन्दा से कहती है उन्ें मेरा दखड़ा सुनाना कहना उवमवला तुम्हारा इोंतजार करती है आ के मुझे बताना िो क्ा करते हैं क्ा िे भी याद मुझे करते हैं क्ा िे मेरी हालत जानते हैं औ क्ा कभी मेरे वलए आहें भरते हैं

भाभी भैया की सेिा कर के दे देना अपना सब कतवव्य

जैसी भी हूँ यहाूँ रह लूूँगी सभी विरहा की पीडा को बस सह लूूँगी

पर अपना कमव धमव तुम न छोड़ना यही बनेगी मेरे जीिन की पूूँजी

मेरी कोई परिाह नहीोंकरना और अपने सेिा की भाि नहीों तजना

बीच डगर में घबरा मत जाना सीता राम का सही रक्षा करते रहना श्री राम वसया को तुम्हारा साथ चावहए बन जाओ उन के दज हाूँथ

73 लखन तो मेरे नयनो में बसते हैं क्ा िो भी मुझ को ऐसे देखते हैं मै तो चाूँद तारोोंसे उन की खबर लेती हूँ क्ा िे मुझ को पूछते हैं ये चन्दा जा के मेरे वपया को ये सब बता के अच्छे से समझा देना मेरा प्यार उन को दे करमेरे वदल की पुकार उन को भी सुना देना जीती है वकसी तरह से उन की उवमवला उन से नहीोंरही कोई वगला अपने
वनभा मै
वसया िर राम चन्द्र को सब वदन से सुहाता रहा है तुम्हारा ये सा जाओ सूरज चाूँद वसतारे मेरे लखनको ये सन्देश सुना कर आओ उस जोंगल के भयानक काली रातोोंमें अपने उन्जेला भरके आओ वसया राम तो कुवटया में सो रहे होोंगे मेरे वपया तो बहार बैिे होोंगे जाने िो क्ा क्ा सोचते होोंगे मन ही मन मुझसे बाते करते होोंगे

सन्देश सुना देना हमारे तरफ से कोई प्यार के गीत सुना के उन को ख़ुशी कर देना हे मुवनजनो ! हे पक्षीगन! तुम चले जाओ सीता राम के आश्रम में िहाों मेरे वपया वमलेंगे जो वदन रात

74 जाओ हे देिताओ जा करतुम उन को समझा दो और ये बतला दो समय का चक्र तो चलता रहता है चौदह साल तुम प्रेम से वबता दो न लाना मन में कोई मलाल यूूँही पलक झपकते बीत जायेंगे साल हर सुबह नया सूरज उदयहोगा हर वदन मै करूोंगी तुम्हारा ख्याल हे देवियोों! मेरे लखनको देख के मेरे तरफ से उन के चरण छू लेना मेरा प्यार उन को दे करबड़े प्रेम से मेरा प्रणाम उन को पहुोंचा देना देखना की उन्ें न हो कोई उलझन उन को मेरा
लगे रहते हैं श्रीराम के रक्षा में मै तो हूँ इन महलोोंकी रानी मेरे वपया बसे पोंचबटी के िो जोंगल में मै तो उन को हर पल हर छीन याद करूूँ मै भी बसी उन के मन में नही मै उन को वबसरा सकती हूँ न ही िो मुझ को कभी भूल सकेंगे िे तो फजव के हाोंथोोंबोंधे हुए हैं अपने सभी कतवव्योोंको वनभाते रहेंगे हम को यह पूणव विश्वास है की हम दोनोोंवमल जायेंगे कभी न कभी

उन से जा कर िीक से

देतें हैं

मेरे वप्रयतम ने कभी ये भी पुछा है की कैसे कटते

मेरे

कभी वपया ने की

75 हमारे मन में ये आशा की वकरने हैं पुनर वमलन होगा कभी न कभी प्रेम पत्र वलखने की चाह मन में आ जाती पर यह भी न कर पाती है अगर कभी वलख भी लेती तो वफर उसे तुरोंत जला के राख कर देती है कभी दतो को बुला करउन्ें भी अपने मन की समाचार सुना देती है वफर बहुत सोच समझ करउन को आगे बढ़ने से स्वयों ही रोक देती है सब से पूछती रहती है क्ा िे उस के वपया से अक्सर वमलते जुलते हैं क्ा िे सब मेरे सभी शुभ सोंदेशोोंको
कह
क्ा
हैं
वदन रात हे देिी देितािोों! हे दतो! हे पशु पवक्षयाूँ! बोलो
है बात बोलो बोलो कुछ तो बोलो सच सच बोलो क्ा िो कभी मेरा नाम लेते हैं जल्दी बोलो िीक से बोलो हमें समझािो क्ा िो हमें कोई सन्देश देते हैं मै यहाूँ सोच में हूँ ऐसी गुम सुम लेवकन आूँखोोंमें रहते मेरे वपया हर दम मेरे मन मोंवदर में तो मेरे वपया बसे हैं उन के ही यादोोंमें रहती हूँ हर दम अब तो काट रही हूँ अपना समय जैसे के तैसे बस विरहा में रहती हूँ ऐसे मै विरहन तो ऐसे तडपती हूँ वपया वबना मीन तड़पती हो वबन जल जैसे
76 मेरे लखनतो चले गए बन में अपने भ्राता सोंघ अपना धमव कमव वनभाने मै अयोध्या के इन महलोोंमें वबलखती उन का वचत्र धरे अपने वसरहाने उवमवला तू धन्य है नारी सब श्कखवशयोोंको करदी वनछािर अपने पवत पे इस विरहन की कथा तो बड़ी दखदाई है मेरा वदल फटा जा रहा है ददव से इस सती पत्नी की तड़पकी दास्ताूँ कहने के वलए अब कोई शब्द नहीोंहै लखन की उवमवला विरहा में जलती है इोंतिार की घवड़योोंका अोंत नहीोंहै

है

अपने मदलता को वदखा के जग को जगा सकता है अपने कोमलता से सब का कडूिापन भगा सकता है

न जाने क्ोोंतू इस धरती का बोझ बना वफरता है

जब तेरे अन्दर कोमलता का महान मोंत्र श्कखलता है इस अनुराग को बाहर वनकाल करइस्तेमाल करले

अपने प्रणय के प्रताप से इस जगका कमाल करदे घर आूँगन बाग़ बगीचे नदी नाले और जल थल सभी नर नारी वमन्त् सखा दीन बोंधू और तेरे पररिार सभी

तेरे असीम कोमलता प्रदशवन का राह देख रहें हैं सभी तेरे इस मानिता के प्रदशवन से ख़ुशी हो जायेंगे सभी

77 मानिता का प्रदशवन वजन खोजा वतन पाया मन के अन्दर बैि कुछ खो के लाखोोंपाया सागर वकनारे बैि सागर की लहरें जोर जोर से बोल रही थी हमारे तन मन को वहिोररत कररही थी मेरे अन्दर कोमलता का भण्डार भरा है मैं िो शुभ गुण को नहीोंसमझसका

के वदल ख़ुशी से भर गई गीत हुए बाजे बजे नाच हुई और घर आूँगन में धूम मच गई आजा आजी नाना नानी काका फुआ के मन में ख़ुशी हो गई सब को वकतना अलबेला लगता था हमारा होंसमुख चेहरा बदन की छबी तो वनराली थी मुखड़ा भी था बहुत सुनेहरा अम्मा का प्यारा धीरे धीरे बन गया सब का अवत दलारा सभी के सपने साकार हो गए जब मै उन का नाम पुकारा समय का चक्र चलता रहा नन्ा सा बच्चा जब शाला चला पािशाला में खूब ध्यान लगाया घर में भी खूब फूला फला मेहनत से पढ़ा वलखा नाम कमा के अध्यापन करने चला चौबीस िर्ष के उम्र में शादी हो गई घर गृहस्थी िाला बना कई शहर गािों और समाज की सेिा पूरे लगनसे करता रहा अपने पररिार की उवचत देख भाल बहुत प्रेम से करता रहा अपनी अधाांग्नी ऐसी वमली वजस का कोई भी मोल नहीोंहै िह साक्षात् लक्ष्मी है वजस में वकसी

78 मेरा अतीत आज पचहत्तर िषोोंके बाद मेरी अतीत मेरी गीत बन गई है अब मै यह गीत को गा रहा हूँ खुद सुन के मेरी जी भर गई है दसरा महायुद्ध था जब बोतीनी में मेरी शुभ आगमन हो गई मानि दानि बन बैिा था सारे दवनया की शाोंवत भोंग हो गई झगडे झोंझट के जग में शाोंवत वप्रये बालक की जनम हो गई पहले बेटे को पा के मेरे माता वपता
तरह का खोट नहीोंहै िो थी इतने पास हमारे मै उस को पूरे तरह न समझसका बहुत देर हो गया था जब उस के सवतत्व का पूरा पता चला उस ने हम को बेजोड़ स्नेह वदया चार बच्चो का सुख वदया मेरे जीिन में लाखोोंलाभ भरे मुझे भी इतना इित वकया मेरे अरुण कपोलो पे काली पड़ी थी अलकोोंपर जाल पड़ा था मै उन के अोंतर आत्मा के मधुर सोंगीत से बहुत दर खड़ा था मेरे आूँखोोंपर पट्टी पड़ी थी जैसे मेरा सारा तकदीर फूटा था

आया

बैि करसोच कररहा है

से कैसा कसूर हो गया है

अब केिल प्रायवित करने के वसिा मेरे वलए कुछ नहीोंबचा है

जीिन भर अगरमै उन की सेिा करता रहूँ यह भी नहीोंपता है

उन को मेरी सबखता की याद आती है तो िह सह न सकती है

मेरे सभी वघनौने करतूतोोंकी पूरा िणवन िह कर नहीोंसकती हैं

मेरी पत्नी ने जो कुछ मुझे वदया आज िह मेरा पोंथ प्रिाह बना है

आज थके नयनोोंमें वपघला वदल से खून आोंसू बन के बह रहा है

अब न शलभ की पुलक प्रतीक्षा और न जलने की अवभलाषा है मेरे बाकी साोंसोोंके बोवझल बोंधन में बोंधी अधूरी सी पररभाषा है ये तन मन की तङपन, धङकन की वचर प्रीत बहुत द ख देती है मै क्ा करू,कहाूँ

79 मै उन को िीक से न समझ पाया इस में तो मेरा ही टूटा था जीिन भर िह मेरी आराधना करती रही मै उस से दर रहा जब उन को मेरी जरूरत रही तब मै अन्य नशे में चूर रहा िो प्यारी तो मेरे बाल बच्चोोंकी परिररश करने में लगी रही मै मुरख पाजी बेवफकर रहा जैसे िह मेरी कोई मजबूरी रही उस ने जो कुछ मुझे वदया है िह आज मेरा धरोहर बन गया है उस ने जो कुछ खो वदया िह आज उन का वबमारी बन गया है एक वदन का हूँसता चाूँद आज घर में
समझ में
की मुझ जैसे कावतल
जािूूँ ,कैसे सहूँ अब समझमें कुछ न आती है गर मेरी वदलदार मुझे माफ़ करे तब मेरा मन कुछ सुकून पाएगी ये न हुआ तो मेरी रूह सदा वदन इस कवलयुग में भटकती रहेगी

जब तुम्हारा पूरा वबश्वास उन में आ जाएगा मेरी निरोोंने न आज तक खुद को देखा न उन को देख पाया वजसे हम भगिान् कहते हैं िह न जाने कहाूँ है वनिास करता कोई कहे जल में कोई कहे थल में िो तो मेरे वदल में ही रहता जब हम खुद को नहीोंदेख सकते तो उन को कैसे देख सकता बड़ा शश्कक्तमान है भगिान् उस का शश्कक्त निर नहीोंआता यह शश्कक्त महसूस वकया जाता आूँखोोंको निर नहीोंआता िह सिवव्यापी है सिव शश्कक्तमान है सिवज और है सिव ज्ञाता ये बातें समझ आ जाते तब मुझे भी ईश्वर निर आ जाता जब उस के रूप अनेक हैं और िो सब के वदलो में है रहता तब निर उसे देखे या न देखे वकसी को क्ा फरक पड़ता उस महान ताकत को मान के उन का ही आराधना करता

80 मुझे ईश्वर निर आ गया निर क्ा काम की चीि है खुद निर को नहीोंपता होता निर को अपनी ही खबर न रहे क्ा ऐसा कभी हो सकता बड़ी जावलम है यह निर इस से मैं क्ा क्ा नहीोंदेखता सब कुछ देख लेता हूँ पर अपने आप को नहीोंदेख सकता हजारोोंनिारे हमें देखने को वमलते हैं पर िो निर नहीोंआता वजसे ढूोंढ रहा हूँ वजोंदगी भर से जाने क्ोोंिो निर नहीोंआता आजा ने कहा था वपताजी ने समझाया माताजी ने भी बताया िो निर आएगा
मै सभी पाखोंड से दर हूँ बस सीधे उन्ीोंका प्राथवना करता ईश्वर से ध्यान लगाने के नकली तरीकोोंसे अब मै दर रहता िह तो मेरे तन मन में बसा है न जाने मै क्ोोंपाखोंड करता बस एक घी का वदया जला के परमेश्वर का ही ध्यान करता मन में ज्योवत भरअपने वदमाग को शाोंत और ख़ुशी करता न तो समाज का वफकर है हमें न कोई धमव का डर लगता मैं अपने तन मन को परमात्मा पे ही अब वनछािर करता मुझे कोई ब्राह्मण की जरूरत ही नहीोंजब मैं पूजा करता वदया जला लेता फूल चढ़ा के मैं तन मन में ज्योवत भरता

को कश्कल्पत समझो बस वसद्धाोंतोोंको देना मानता धमव के िेकेदारोोंसे बचो सत्यम वसिम सुन्दरम को समझना िही करो जो आत्मा कहे ढोोंवगयोोंके हर ढोोंग को भी समझना

अपने घर को मोंवदर बना लो अपने पररिार की सेिा करना बचे हुये अपने धन दौलत से गरीबोोंदश्कखयो की सेिा करना भगिान् हर इन्सान के अन्दर रहता उसे ही मान के चलना अपने आचार विचार को बदल करयूवनिसवल धमव पे चलना अोंत में एक पते की बात कहता हूँ जरा िीक से ध्यान रखना उोंच नीच बड़े छोटे धनी गरीब या जात पात से बचे के रहना कड़ी मसक्कत कर के सब मानि का धमव कमव वनभाते रहना सही लगे जब ये सब बात 'लखन' की तो इन का प्रचार करना

81 मै एक इन्सान हूँ और अबइोंसावनयत का ही धमव वनभाता मोंतर जोंतर से कोई मतलब ही नहीोंबस अपना कमव करता पररिार का सेिा करता और अपने घर को मश्कन्दर बनाता मेरे वलए अवतवथ सेिा अब देिाभिा है मैं तो यही मानता मुझे नाश्किक नहीोंआश्किक कहो मैं भगिान् को ही मानता न मैं दध-दही भोजन मध् चढ़ा के भगिान् को कभी मनाता उन के पास तो सब कुछ है गरीबोोंको दे दो िह यही चाहता बरबाद न करो खाने पीने की िास्तु बस ईश से रक्खो नाता गीता ग्रोंथोोंमें जो वलखा है उन बातोोंको िीक से समझना दन्तकथा

जायेंगे तुझे राहोोंमें वजतने काोंटें

भी बेसुमार श्कखल जायेंगे

गर एक रास्ता बोंद हुआ तब वकतने रास्तें भी खुल जायेंगे

जीिन से हारना तेरी नादानी होगी सर उिा के बढ़ते रहना ख़ुशी और गम दख और सुख का सबवदन पहचान रखना कोई सफ़र प्यारा न लगे जब तक तूफानोोंसे टकराि न हो फूलोोंकी सेज ना भाये जो काूँटोोंकी चुभन तुम्हें याद न हो कोई मोंवजल प्यारी न लगे गर टूटे ख्वाबोोंका एहसास न हो अपने ही जीिन से हार मानने िाले का कभी सम्मान न हो जो बीत गया सो बीत गया आने िाले कल का ख्याल करो चाहे आोंधी या तूफ़ान वमले तुम अपने राहोोंका ध्यान धरो लाखो खुवशयोोंसे भरा होगा आने िाले समयका मान करो अपने आत्म बल पे विश्वास कर के भविष्य पर नजरें धरो

तेरे उथल्ते सागर में लहरें आती जाती हैं

82 ये जीिन ईश्वर का सौगात है हे मानि तू तो महान है न हारना कभी अपने जीिन से ये तो ईश्वर का सौगात है जो चाहे कर तू अपने मन से नहीोंडर तू अूँधेरे से बन्दे और न ही होना पड़े वनराश तुझे लाख वसतारे श्कखल जायेंगे सैकड़ो सहारे वमल
वमलेंगे फूल
तू बस बहते जाना आोंधी हो या तूफ़ान अवग्न हो या काूँटा तू ना कभी घबराना सचाई और साहस को अपना शस्त् बना के आगे बढ़ते जाना आशािोोंके चमकीले दीयोोंको अपने नयनोोंमें जलाते रहना आत्मविश्वास को अपने वदल में बसा के िोस कदमउिाना हर मुसीबत में सबूरी को अपना करतुम कही न रुक जाना आोंधी आये तो तुम वहमालय बन करसाहस से टकरा जाना सागर उमड़ पड़े तो तुम मजबूत किी ले के सामना करना सभी काोंटे िाले पथ पे ढीि राही सा फूल समझचलते जाना चाहे वकतनी अोंवधयारी राह वमले दीपक बन के जलते रहना
83 राही तू कभी न रुकना नहीोंथकना नहीोंकभी वहम्मत हारना जो भी कायव को िान लेना उसे पूरण करने से कभी ना हटना जीिन में ख़ुशी आएगी मस्ती छाएगी पर उतािला नहीोंहोना धेय्रे धर के अपने सब ख्वाबोोंया मोंवजलोोंको पूरा करते रहना तुम्हारे साहस और वहम्मत से तुम्हारे सपने साकार हो जायेंगे तुम्हारे जीत का जश्न सारे जहाों जमी और आसमान मनाएोंगे राही तू बस अपने जीत मेहनत और साहस के गीत गाते जाना सारे जहान में तुम्हारी यशहोगी इस कथनको सब ने है माना सब कुछ खो भी जाए पर अपने मनोबल को कभी ना खोना अपने जीिन में जीत का गीत गािो छोड़ दो सब रोना धोना हे मानि तू तो बड़ा महान है न हारना कभी अपने जीिन से ये तो ईश्वर का सौगात है जोभी चाहे करले तू अपने मन से

की भूख है प्यासे की प्यास है ये बात हम सभी ने मानी है

भटके लोगोोंकी तलाश है और सोते रोते खोटे जनोोंकी आस है

ये ख़ुशी की चाहत है और सुख दख धनी गरीब की एहसास है

यहाूँ तो जीिन बस रोटी कपडा मकान की लगातार तलास है सेिोोंको तो कोिी वमले पर वनधवन तो वबना रोटी के वनरास है

जो मानि ऊूँचे पिवत के चोटी पे पहुोंचा है िह तो माला माल है

जो जन तट पर आस लगाये बैिा रहता उसका तो बुरा हाल है जीिन में ऊपर उिने िाले को आकाश की ऊोंचाई तक जाना है मोती पाने की इक्छा करने िालोोंको गहरे में डुबकी लगाना है जीिन सब जागते लोगोोंकी मुराद हर सोई आूँखोोंका सपना है जो भी कड़े धुप में तपता है िही वनत्य नए स्वाद को चखता है ये

84 ये जीिन क्ा है ? वकसी की जीिन लम्बी है तो कोई छोटी सी जीिन वबताता है वकसी के वलए ये बहता पानी है तो कोई इसे समझन पाता है अपने जीिन को समुद्र समझने िाले उस की थाह नहीोंपाते हैं वजन की जीिन ऊूँचे पिवत पर पहुूँच गई िो उसे प्यार करते हैं जब तक साोंस है तब तक आस है यही तो जीिन की कहानी है जब तक वजयो शान से वजयो जीिन की ये ही िोस वनशानी है जीिन चलती का नाम गाडी है कभी ना थमने िाली कहानी है भूखे
जीिन उन वजन्दा वदिोोंकी है जो वहम्मत से आगे चलते हैं कभी फूलोोंके वबछोने वमलेंगे और कभी कभी काूँटोोंपर चलते हैं ये जीिन होंस के गुजारने िाले कभी भी रोने का नाम नहीोंलेते हैं अपने वदलोोंमें बेबसी ना लाते आूँखोोंमें चमक और शान रखते हैं इस जीिन को बस एक पानी का बुलबुला समझना नादानी होगी
85 इस को एक पािवती झरना समझना बहुत ही बुलोंद कहानी बनेगी जीिन के इस बहते हुए झरने से हम सभी बगीचे को सीोंच सकें गे हमारी सभी पाररिाररक खेती लहरायेगी हम सब खूब मौज करेंगे अपने इस एक बार की अनमोल जीिन को यहाूँ बरबाद मत करो लखन की तरह अपने जीिन को सजाओ सोंिारोोंइसे आबाद करो

करना

एक पल को साोंस लेना

जान लो हम जी सकतें हैं वदल के धड़कन वबना

हम आप के वलए ऐसी गुस्ताखी नहीोंकरसकते

हम जीते रहें वजोंदगी कटे आपकी यादोोंके वबना

न जाने क्ोोंये आदत हो गई तुम्हारी याद आने की ये बदनसीब आूँखोोंको तुम्हारी एक झलक पाने की हमारी ये तमन्ना है जीिन आप के साथ वबताने की लगता है आपको आदत हो गई है हमको तडपाने की ऐसा हो की कभी कोई गम से तुम्हारी मुलाकात न हो वजोंदगी में कभी उदास बैिने की कभी कोई बात न हो गर कोई भी वशकायत हो तो हम से खुल के कर देना जब भी कुछ फुसवत वमले तब हम को याद कर लेना

प्यार करें

86 अगलेजनममें प्यारकरेंगे यहगोंगाकीरामकीकहानी है हम तुम्हारे नैनो में बसें हैं जरा ध्यान रखना यह ररिा बहुत पुराना है इसे आबाद रखना ये मेरी लाचारी है तुम्हें सदा याद करते रहेंगे गर वहचवकयाूँ आती रहे तो हमें माफ़
हम शायद भूल भी जाएूँ
यह हो नहीोंसकता की हम तुम्हारे यादोोंसे ही
वदल करता है लाखोोंजनम हम तुम पर ही वनसार करें जब भी हम वफर से जनम लेंगे हम साथ साथ वफर रहेंगे इस जनममें तो हम प्यार वकये ऐसा ही अगले में करेंगे

है

आप के हर यादें रोंगीन हैं ये तो समझमें आता है

दीिाने हो गए हैं आप के यही अब हमारी खता है

आप की चाहत पर हम वफ़दा हैं ये हमारी अदा है

वचराग वलए वदन भर ढूढूों वमलता न कोई पता है

आप जैसे वदलदार इस जहान में कहाूँ वमलता है

अब आप वमल गए ये तो रब का दआ लगता है

मुझे आप को निर भर देखना अच्छा लगता है

मेरी वजोंदगी अब आप के चाहत की वसलवसला है

वकसी को प्यार वमले न वमले पर मुझे तो वमला है

आप को हम सदा चाहेंगे यह मेरे वदल की बोल है

आप वसफव मेरे वलए बने हैं ये बात तो अनमोल है

87 आप वसफव मेरे वलए बने हैं आप आये मेरे वजोंदगी में यह रब की मेहरबानी है आप तो फूल हैं पर आप की होंसी बड़ी मस्तानी है Ganga tere खुशबू से फूल भी मुरझा जाता है ऐसी चोंचल सूरत और होंसी से चाूँद भी शमावता है वकस जहान से आये आप ये कोई नहीोंजनता है आप को देखते ही मुझ को तो प्यार आ जाता है आप के यादोोंको कैसे भुला द समझनहीोंआता

बेरोंगी दवनया के

बीच अब कैसे बसर करूों

नहीोंआता की उन से दर रहूँ या वफर उन के साथ चलूूँ मैं वदल तो करता है की हवथयार उिा कर उन सब का अोंत करूों

करूों मैं

प्रणाली

88 क्ा करूों मैं हजारोोंरोंग भरे हैं इसदवनया में बतािो कौन से रोंग को चुनू मैं लोग रोंगतें हैं अपने आप को कईरोंगोोंमें पर कौन रोंग में रोंगूूँ मैं मेरी उम्मीदें बेसुमार हैं मेरे जुबान बेलगाम हैं अब क्ा करूों मैं सर उिा के चलूूँ या छाती तान कर गुजारूों यहाूँ अब कैसे रहूँ मैं बढ़ा के हाूँथ खोल के आूँख वदखा के शान अब वकस को रोकूूँ मैं कोई चोर कोई चोंडाल है लाखोोंबेइमान हैं अब वकन को चुनूों मैं डाका मारूों शैतानी करूों वकसी को लूटूों या मारूों अब क्ा करूों मैं इस
ये बुरे लोगोोंके
मैं समझ
मैं धमव वबगड़ी है न्याय न होती समाज नहीोंसुधरती क्ा
धमव कमव न्याय
को बदल द या अपने को बदल डालूूँ मैं पुराने परोंपरा को वलए बैिे हैं सब लोग उनको अब कैसे बदलूूँ मैं वदल में है की इस वबगड़े दवनया और वपछड़े समाज से दर रहूँ मैं वदल करता है की अकेले रह के इस दवनया के रोंग में भोंग करूों मैं ये कविन लड़ाई आसान नहीोंहै अपने समाज को कैसे बदलूूँ मैं वढोंढोरा पीटूों प्रचार करूों वचिािूूँ हिा करूों या वफर चुप रहूँ मैं कर तो डर न करतो डर इस दवनया के साथ या दर हो जािूूँ मैं

से क्ा हावसल होगा पर क्ा करूों मैं इन बुरे लोगोोंमें मोंगल भािना लाने के वलए क्ा करूों मैं वकतने सिन बवल दे चुकें अपने आदशों की कैसे वगनू मैं यहाूँ ररिाज ि वनवत की वकसे परिाह है अब क्ा करूों मैं बलात्कार ि खून खराबा हो गई हैं आदत अब क्ा करूों मैं इस जहाों में जीने की चाह वकसी को नही अब क्ा करूों मैं पत्रकारोोंकी ख़बरें वदल को धड़का देती हैं अब क्ा करूों मैं क्ा इसी वलए हमारा जन्म हुआ है यह दख कैसे समझ मैं क्ा इसी वलए यह जहान बना है अब इस को कैसे मानूों मैं

89 कैसी कोलाहल क्ा घरघराहट कैसी घबराहट यहाूँ क्ा करूों मैं मानता हूँ की ये नयी दवनया है इस हालात को स्वीकार करूों मैं कहीोंआग लगी कहीोंधुिाों उिी कहीोंशोर शराबा है क्ा करूों मैं शाोंत िातािरण को बदल करईट के जोंगल बन रहे क्ा करूों मैं यह सब को पररितवन समझके कर रहें हैं बरबादी क्ा करूों मैं लोग इस दवनया की तहस नहस करते रहतें हैं अब क्ा करूों मैं छोटे बड़े सफ़ेद ि काले के भेद अभी छूटे नहीोंक्ा करूों मैं आतोंक िावदयोोंके नए खतरे भी आ गए अब क्ा करूों मै इन सब दव्योहारो

मै अपने आूँखें खोल करचलने जा रहा हूँ

क्ा कोई हम को रोक पायेगा ?

मै अपने कानोोंसे सब कुछ सुनने जा रहा हूँ

क्ा कोई हम को रोक सकेगा ?

मेरे आगे बढ़ने की अब कोई सीमा नहीोंहै

मेरे पररितवन की अब तो कोई अोंत नहीोंहै

मुझे अब कोई अपने नाटक का पात्र न बना सकेगा

मुझे अब कोई कटपुतली की तरह नहीोंनचा सकेगा

मेरे आत्म विश्वाश का कोई अोंत नहीोंहै

90 इस सोंसार को बदल डालो मै एक आजाद पोंछी के तरह आकाश में उड़ता हूँ क्ा कोई हमें रोक पायेगा ? मै अब एक नदी बनकरजोर तोड़ से बह रहा हूँ क्ा कोई हमें रोक सकेगा ? मै एक ऊूँ चे पिवत से आिाज लगाने जा रहा हूँ क्ा कोई हमें रोक सकेगा ? अब

टोकने न दगा

रास्ते में जो बाधा आये उस से क़तर के चलूूँगा

दवनया के भीड़ भाड़ से सब वदन बचता चलूूँगा

मै कोई तस्वीर नहीोंवजसे मै दीिार पे वचपका दगा

मै अपने जीिन का सभी रहस्य जान खुद जी लूूँगा

हमारी हर सुबह नई होगी रात को उजाला करलूूँगा

हमारे हर सफ़र में चमन होगी राहोोंको श्कखला लूूँगा

दवनया की सभी प्रयास मुझे परावजत न करसकेगी मै जाग गया हूँ मुझे कोई भी बाधा नहीोंरोक सकेगी मेरी लगन अब हमारे सभी सपनो को साकार करेगी

मेरी कविता अब रोंग लाएगी तनमन को खुश करेगी

अब मेरे जोश के प्रिाह का अोंदाजा वकसी को नहीोंहै धीरे धीरे हम आगे बढ़ेंगे हमें अब कोई वफकर नहीोंहै

हमारे घर के जैसी भीनी

91 मेरा टोस कदम बढ़ाने का सीमा नहीोंहै मै अब अपने वजोंदगी की बड़ी उड़ान भरने जा रहा हूँ मै अपने सब कोवशशोोंको और बुलोंद करने जा रहा हूँ मुझे रोकने की वकसी में वहम्मत नहीोंहै मै अब देखता हूँ की मेरी कीमत यही है अब मै अपने जीिन की हर कहानी को खुद वलखूोंगा मै अब अपने यह सफ़र के सभी पात्रोोंको खुद चुनूोंगा अपने रास्ते के सभी काूँटोोंको मै अब फूल बना दगा सब को होंसाते रहूँगा कोई को रोकने
मेरे
इस
भीनी खुशबू अब कहीोंनहीोंहै हमारे मन की चमकजैसी दमक अब कहीोंभी नहीोंहै मेरे मन का रोंग इोंद्र धनुष जैसा है मै उस का छाया हूँ बहुत मेहनत करके मै ऐसे सफल जीिन को पाया हूँ यह सब मेरे पुरखोोंकी कमाई और उन की परछाई है हमारे पररिार की ऐसी ही चलन सदा चलती आई है चाहता हूँ ऐसी ही सफलता की िररश सदा होती रहे मेरे बाल बचे सदा फूलेफलें उन की उन्नवत होती रहे इस धरती पे उन सब को सारा सुख शाोंवत वमल जाये

चैन आ जाये

ख़याल आ जाये

हर माहोल ि हर पररश्कस्थवत में उवचत बदलाि आ जाये इस लडती झगडती दवनया का सब ढाोंचा ही बदल जाये सब जनता में जबप्रेम बढे तो सब का कल्याण हो जाये इस कवलयुग के सब जनता के वदल में जो प्यार आ जाये लखन का जीिन सफलहो इस सोंसार में सतयुग आ जाये

92 उन सब की भूख प्यास वमटती रहे सोंतोष वमल जाये कल जो बीज हम ने बोया उस का फल हमें वमल जाये परमात्मा करे इस जीिन में सारा सुख हमें वमल जाये घर आूँगन में सुन्दर फूल श्कखलें रोंगत मन में आ जाये धीरे धीरे शाम ढले वफर सबेरे नया सूरज वनकल आये पुरे सोंसार के लोग सुखी हो यह जीिन सफल हो जाये सब के सुर में सुर वमले सब के राग अनुराग बन जाये भूमोंडल में ऐसा हलचलहो की सब को सुख वमल जाये हर देश के भेष हर लोगो के पेशा में अमन
हर नेता हर श्रोता हर िक्ता में सुन्दर

तो कुलछन का छाया है वदन में सूरज और रात में चाूँद उन पर मेहरबान होता है एक ही तरह की गमी और रोशनी उन पर डाल देता है फूल अपने गुणोोंसे लहराता है पर काूँटा चुभने लगता है वजन में फूल के गुण हैं उन्ें तो कुदरत वनखार देता है काूँटोोंजैसे चुभने िाले लोगो की सीरत ही वबगड़ जाता है न ही उन के अपने और न ही पराया कोई काम देता है फूल बनो गुणिान बनो इन सब से जन्म वसद्ध हो जाता है काूँटोोंसे बचो और दर रहो 'लखन' तो ये सलाह देता है सीोंचते है हम लोग उस पौधे को वजस में गुलाब होता है हिा और िषाव एक ही बराबर उन को कुदरत भी देता है दख

93 कोई फूल कोई काोंटा प्रकृवत का वनयम बड़ा अजीब है पर ऐसा चलता आया है जनम लेतें एक जगह पर उन की अलग अलगकाया है हमारी यहगुवलिा गुलाब के फूल के जैसी झलकदेती है यहाूँ एक ही जगह पर फूल और काूँटोोंकी चहक होती है अपने कतवव्य से कोई फूल है तो कुकमव काूँटा बना देती है जो फूल हो िह महकता है पर काोंटा तो दखदाई होती है परिररश दोनोोंकी एक तरह होती पर गुण अलगपाया है फूल जैसे लोग महकते हैं काोंटा
इस बात की है की उन में ढोंग एक सा नहीोंहोता है एक महक से ख़ुशी देता और दजा काूँटोोंसे दख देता है काूँटोोंजैसे दानि से हमारे तन में बेसुमार चुभन होता है फूलोोंजैसे मानि के बोली बानी वदल को खुश करदेता है काूँटोोंजैसे लोगोोंका चुभन बहुत दख ददव वदया करता है फूलोोंके जैसे लोगोोंके महक से जीिन सफल हो जाता है वकसी को मतचुभो इन्सान बनो यही सारा जगत चाहता है फूल के तरह जीिन वबतािो यही तो सारा सोंसार माोंगता है फूल वततवलयोोंऔर भौरोोंको अपने गुलोोंका सिाद देता है

देता है

फूल बनो महको चहको सब काूँटोोंके चुभन से बचाते रहना

फूलोोंजैसी अपने जीिन में काूँटोोंका नाम वनशाों नहीोंरखना जहाूँ उन की याद ही न आये तो िो तन्ाई वकस काम की है

जहाूँ वबगड़े ररिे न बन पाए तो िो खुदाई वकस काम की है तुममें अपने मोंवजल के ऊोंचाई तक पहुूँचने की ताकत तो है पर जहाूँ से अपने वदखाई न दे िो ऊोंचाई वकस काम की है

94 वनरदई काूँटा हमारे उूँगवलयोोंऔर कपड़ोोंको फाड़ देता है फूल जैसे मानि अब तू यहाूँ सब वततवलयोोंको गोद रख सभी भौरोोंको मधुर रस वपला कर उन सब का लाज रख अपने पास के काूँटोोंको अपने रोंग और सुगोंध से बदल देना तुम को तो हम पूजा पर चढाते काूँटोोंको िहाों न आने देना काूँटा तो खटकता रहेगा हम सब के आूँखोोंमें ये याद रखना फूलोोंकी कीमत वजस में है िह सोहता है हमें ये याद रखना वजस दानि में काोंटें भरे हो िह वकसी को काम नहीोंदेता है वजस मानि में फूलोोंकी महक हो िही सब का साथ

पत्थरोोंके ददव को चीखो

इन रास्तोोंपर चलने के वलए वहम्मत की जरूरी है

ऐसी राहोोंपे चलने के वलए हमारी क्ा मजबूरी है

जो राहें भयानक जोंगलोोंसे गुजरते होोंिो जरूरी हैं उस पार कोई चमकता सूरज वमलेगा यह जरूरी है कविन राहोोंपे चलने िाले एक नई दवनया बसाते हैं घायल हो या मर भी जाएूँ पर कभी नहीोंघबराते हैं सफल होगे वजस वदन अपना लोगे एक सही रास्ता आसान राहोोंसे दर हो करमेहनत से रखोगे िास्ता हम वकतने सरलराहोोंहो अपना करबाजी हार गये

अब जीिन में सदा सभी आसान रास्तोोंसे रहेंगे परे

मेहनत मजदरी कस के करेंगे

95 जीिन के आसान और कविन राहें ऐसे राह पे चलो वजस पर चलने पे मान सम्मान हो मानि तू एक अनमोल रतन है राहोोंमें न जाना खो ये दवनया बड़ी अजीब है इस में रास्ते अनेक होते हैं मानि िही सचेत हैं जो गलत राह पर नहीोंचलते हैं इस जीिन में हमें लाखोोंरास्तें चलने को वमलते हैं लेवकन न जाने क्ोोंहम आसान रास्ते चुन लेते हैं सफलता के वलए कविन राहोोंको अपनाना सीखो राहोोंके काूँटोोंकोंकरोोंऔर
पकड़ेंगे कविन रास्ता मन जो भी चाहेगा िही करेंगे दवनया से नहीोंिास्ता कोवशश और लगनही हमें वसखर तक पहुोंचा देती है सही राहें हमें हमेशा सफलता की सीमा बता देती है मानि तू तो चैतन्न्ये है खोज ले अपनी सही रास्ते दवनया के वलए न सही पर कुछ कर ले अपने िास्ते

वलए

क्ा कहों कैसे न आपकी याद जाए एक पल के वलए

कैसे हो सकता है जो वदल में तुम हो हर पल के वलए

वफर बुलाने की हसरत वदल में रखता हूँ जरूर सनम

कैसे िापस बुलािूूँ तुमको जब तुम पास ही हो सनम

इतना पास होकर भी दर हो बात न करती हो सनम

दीिार पर नजर है आपकी यादें अबसहारा है सनम पचास साल की यादोोंकी महक अब इन हिािोोंमें है प्यार वबखरा है यहाूँ पर तेरी यादें इन वफजािोोंमें है ऐसा लगरहा है मेरे प्यार की नैया अब तूफ़ान में है आप नहीोंहैं पास मेरे तो मेरा ये जीिन मझदार में है मेरा घर सोंसार तो वबना आप के एक ददव बन गया है अब तो आप

96 जुगो के रखेंगे हर साूँसोोंको अपने साथ अय मेरे नाजुक वदल अब तो तू धड़कना बोंद करदे जब जब तू जोर से धड़कता है उन की याद आती है िो तो अपने दवनया में होोंगी अब हमें भी िहाों करदे िो चली गई हैं जान तो अब पल पल हमारी जाती है क्ोोंचले गए हो तुम मुझ से दर जीिन भर के वलए लगता है दर रहके भी मेरे करीब हो हर पल के
की दीदार ही मेरे वनगाहोोंको भा गया है कोई ख़तया कोई खबर का इन्तजार नहीोंरह गया है ररिा िही है पर इस समय मेरा वदलदार खो गया है जाने के बाद अब आप को याद करते हैं हर साोंस के साथ तुम्हें क्ा वफकर जब आप के साोंस न रही आप के साथ आप के गरम साूँसोोंकी हसीोंअहसास अबभी है मेरे साथ वदल में जुगो रखेंगे हम तुम्हारी हर साूँसोोंको अपने साथ

सपनोोंके बुलबुलोोंसे दर रहते हो तुम को पता नहीोंकी सपनो के धुन में नाचते रहते हो तुम सुधर जािो क्ोोंअपने आप को बरबाद करते हो आग पर चलना सीखो अगर सपनो को साकार करना हो अपने हर राह को िीक से समझो गर सफलता चाहते हो तुम्हारे सब सपने सही होोंगे गर तुम्हारे इरादे फौलादी हो कल्पना के जीभ में ऐसा धार करो जैसे तलिारी िार हो विचारोोंके िाण ऐसे चलािो की सभी भय का खात्मा हो जीिन के िन्डे तालाब से वनकालो अगरबढ़ना चाहते हो अगर चाूँद और सूरज की नजर तुम्हारे अनोखे बतावि पे हो ऐसा उड़ो आकाश में की तुम्हारी

97 तब तुम अनोखे इन्सान हो जब हमारे गगन का चाूँद हम से ऐसा सिाल करता हो क्ा तुम ये जानते हो की तुम भी एक अनोखे चीज हो बनाते हो अपनी उलझने वफर आप ही उसमें फोंसते हो अपनी ही बेचैनी बढ़ा करवफर रात भर जागते रहते हो तुम कैसे अनोखे वनमावण हो जो इस दवनया में रहते हो न अपने आप सोते हो और न ही दसरो को सोने देते हो तुम इश्वर का बहुत पुराना देन हो पर समझते नहीोंहो तुम हजारोोंबार गलती कर के वफर भी सुधारते नहीोंहो तुम चाोंदनी रातोोंमें सपनोोंके दवनया में घूमते रहते हो तुम क्ोोंनहीोंअपने
नजर अपने उन्नवत पे हो मेहनत मसकतऐसा करो के वकसी की कोई वशकायत न हो पैर धरती पे हो नजर आकाश पे, पर वदल वदमाग पे काबू हो ऐसा अनोखा नमूना बनो की हर जगह पर तुम्हारा ही नाम हो चाूँद की ही नहीोंबात सब की गुनो तब तुम अनोखे इन्सान हो

बहुत सुन्दर बना देते हैं जब भी हम से वमलते हैं तो प्यार से आदर भाि करलेते हैं ऐसे सच्चे दोस्त सब को नसीब न होते हम ये जान लेते हैं अपने दोस्ती के अम्बर पर मेहताब हैं हम यह मान लेते हैं हमारे दोस्त हमारे वलए तो नयाब हैं हम ये पहचान लेते हैं दोस्त जब आ जाएूँ घर हमारे हम बड़े प्रेम से वमल लेते हैं छोड़ जाते हैं दोस्ती की महक घर में जब िे रुक्सत लेते हैं वजोंदगी के हर मोड़ पर विश्वास बनते हम को ज्ञान देतें हैं यकीन वदलातें की समयआने पर अपना जान दे सकतें है

98 दोस्ती अच्छी दोस्ती कोई फूल नहीोंजो दसर वदन मुरझा जाए अच्छी दोस्ती कोई मौसम नहीोंजो समयपे बदल जाए सची दोस्ती ऐसी धड़कन है जो जीिन भर चलती जाए दोस्ती जो केिल पल भर की हो उस को कहो बाये बाये सच्चे दोस्त बड़े मुश्किल से वमलते हैं उन को खो न देना बन जाए कोई अच्छा दोस्त जो तो उन को सम्मान देना अच्छे दोस्त हमारे बहते अिोोंको ख़ुशी की जबान देते हैं हमारे हर एक लफ़्ोोंको सिाोंर के

हो सभी के वलए

सदभािनाएूँ बढे सब के वलए हर मन में ऊूँची ऊूँची भािनाएों भी हो हम सब के वलए जो होली सो होली सारा जीिन सुखमय हो सब के वलए यह नया िषव अवत खुवशयोोंसे भरा रहे हम सब के वलए हर घर आूँगन सड़क चौबारे मधुमय हो हम सब के वलए हर आशाएों हर इच्छाएों भी पूरी हो जाएूँ हम सबके वलए हर िक्त सुख से कटे कुछ अधूरी भी न रहे हमारे वलए हर आचार विचार और वदशा नया हो जाए हमारे वलए सब का जीिन महक उिे बागोोंमें फूल श्कखलें सब के वलए हर कदम पर वमले सफलता घर में चमनहो सब के वलए सभी मोंगल कमव

99 नया साल मोंगलमय हो एक और नया साल आ पहुोंचा है लाखोोंअरमान को वलए वकतने खुवशयोोंका सन्देश सुनाता है सब लोगोोंके वलए हम दआ करते हैं की यहसाल भी सुखी हो सब के वलए जन कल्याण करते रहो आनोंद आयेगी हम सब के वलए मनोहर सपनोोंका नया सूरज उदय हो हम सब के वलए आशा है नया साल बहुत मोंगलमय हो हम सब के वलए सब इरादें सब सपने औरे उम्मीदें साकार हो सब के वलए मेहनत मजदरी दगनी हो उम्मीदें बुलुोंद
वमन्त्ोोंसखे सहेवलओोंमें
शुभ होोंखूब उन्नवत हो हम सब के वलए पररिार में सदभािना रहे अपनोोंमें प्यार हो सबके वलए हमारे सब सपने सच्च हो नया साल शुभ हो सब के वलए हमारे हर पल शोभायमान रहे सरलराह हो सब के वलए हर सुबह सुफूवतव ले आये हर वदिस सुखमय हो सब के वलए हर शाम को सुख से विश्राम करे हर रात श्कखले सब के वलए सब के पास रोटी कपडा मकान हो और पेट भरे सब के वलए सारे जग में शाोंवत हो और अमन चैन आ जाये सबके वलय लखन का शुभ सन्देश है ये आप सब जनता के वलय खाओ वपयो और वजयो नया साल मोंगलमय हो सब के वलय

वकतने तो मन में रखे थे चलते वफरते

इन आशाओोंको समेट रखे थे

मन उि बैिा तोड़ के सब बेडी ये सब हम देखे थे थाम उजाले का दामन आशाओोंको उड़ा वदया था उत्साह का अमृत वलए एक पोंछी सा उड़ चला था वनराशा दर करके आशा ने मुझे कृताथव वकया था िह सपने जो हम ने देखे थे उन्ें यथावत वकया था जीिन में धूप बढ़ी जब तब आशाओोंकी सेज सजी वनराशाओोंके काोंटें वनकल गए राहोोंमें फूल श्कखली कटुता झिी मधुता सच्ची राहोोंका हर काूँटा बोला बैिे से कुछ नहीोंहोता आशा ने सब दरिाजा खोला मन बोल उिा वनराशा से कभी सुख वकसने न पाया है जो हूँसी वििोली करे आशा रखे िही सफलता पाया है

आशा से हर पल अपने मन में मैं हषव मनाया करता

100 मेरी आशाएों आशा तृष्णा कभी न मरती मर मर जाएूँ शरीर मन में गर आशा न रहे तो तन हो जाये फ़क़ीर हर रोज हम अपने आशाओोंके दीपक जलाते हैं हर पल नयी नयी जवटल आशाएों टपक पड़ते हैं हम ने अपने जीिन में कई सुनहरे सपने देखे थे कुछ जावहर करदी पर
हम
हूँ सौोंकारे साूँझ ढले मैं आशाओोंके दीप जलाया करता हूँ अब तो एक पग भी नहीोंमैं लेता वबन आशा के सहारे अब सबसपने साकार हो रहें हैं नैया लग गई वकनारे जो कुछ अधूरी आशायें हैं वफर भी मैं चलता रहता हूँ अपने सब सपनो का नेकी आशा को अवपवत करता हूँ, वजस पहर उजाला सोता है मैं आस जगाया करता हूँ अब तो रातोोंवदन आशाओोंके दीप जलाया करता हूँ अपने आशाओोंको जीवित रखो ये प्राथवना करता हूँ 'लखन' कभी वनराश न हो ऐसा शुभ आशा करता हूँ

दाइत्वोोंके अनुपातोोंसे मै अबहारता ही जाऊूँगा अपने काले करतूतोोंसे वििश हूँ मै अब एकदम हारूोंगा

इस बार मै अपनी वििशता को नहीोंसहन कर पाऊोंगा ! जब सोंध्या की अोंवतम लावलमा नीलाोंबर पर वबछ जाएगी

नभ पर वछतरे बादल के साथ जब सोंध्या रावगनी गाएगी

मन में कुछ गुणगुना तो लूोंगा पर साथ नहीोंमै गा पाऊोंगा अपने सब अतीत के कायों को भला अब कैसे भूल पाऊोंगा

जब प्रातुःकाल की मोंथर समीर हरे िृक्षोोंको सहला जाएगी

मोंवदर की घोंटी दर कहीोंप्रभु भश्कक्त की मवहमा को गाएगी तब जोड़ के हाथोोंको यहीोंसे ही अपना

101 मेरी वििशता इस बार मै अपनी वििशता को नहीोंसहन कर पाऊोंगा ! क्ा है िो वििशता वजस को अब मै सह नहीोंपाऊोंगा ? एक हो तो चचाव करूों लाखोोंहै अब कैसे उन्ें वछपाऊोंगा पर वनिय ही ये हृदय मेरा अब बेचैनी से अकुलाएगा कुछ पिाताप करता रहेगा कुछ नीर नैन भरलाएगा पर अपने बीते कायवकलापोोंसे अब जीत न मै पाऊोंगा अपने
प्रणाम पहुोंचाऊोंगा दखी जानो की सामना करने की वहम्मत नहीोंकर पाऊोंगा इस बार मै अपनी वििशता को नहीोंसहन कर पाऊोंगा ! जब ग्रीष्म काल की हररयाली आम खेत पर छा जाएगी कूह कूह करती हुई कोयल रस आमोोंमें भरती जाएगी रस को पीने की वजद करते मन को मै कैसे समझाऊोंगा लालच बुरी बला है िासना खवलल है ये कैसे समझाऊोंगा जब इिलाते काले बादल के दलपूरब से जल भर लाएोंगे जब रोंग वबरोंगे पोंख खोल के मोर नृत्य कला में इतराएोंगे
102 मेरे पग भी कुछ वथरकने लगेंगे पर नाच नहीोंमैं पाऊोंगा नाच न जानू क्ोोंकी आूँगन है टेढ़ा कैसे मै समझाऊोंगा इस बार मै अपनी वििशता को नहीोंसहन कर पाऊोंगा ! जब हमारे त्यौहारोोंके आने की रौनक होगी बाजारोोंमें खुशबू जानी पहचानी सी वबखर जाएगी घर चौबारोोंमें उन खुशबुओोंकी यादोोंको वलए मैं सपनोोंमें खो जाऊोंगा वििशता से नीोंद नहीोंआएगी यह मै कैसे समझा पाऊोंगा जो कुछ भी मै नहीोंकरसकता क्ा सब लोग समझसकते हैं जो कुछ कमजोरी है मुझ में क्ा मेरे अपने भी जान सकते हैं अपने वििशताओोंऔर अपने कमजोररयोोंको कैसे बताऊोंगा अपने अशश्कक्तयोोंऔर अपने खावमयोोंको कैसे समझाऊोंगा अब तो मै अपनी वििशता को नहीोंसहन कर पाऊोंगा !

अब यहाूँ से अपना डेरा कूच कर चल प्यारे

अब दवनया में मच गई बहुत हलचलप्यारे

अब तेरे चाहने िाले यहाूँ नहीोंरहतें हैं प्यारे वजन का साथ आज तू यहाूँ ढूूँढ रहा है प्यारे कुछ आगे वनकल गए तो कुछ पीछे हैं प्यारे तेरे सपनो की महल यहाूँ अब न बनेगी प्यारे अब तू यहाूँ से चलने की तैयारी करले प्यारे खूब कमाया खाया गाया बजाया अबरुक जा प्यारे बहुत वनकले हैं तेरे अरमान अब सबर कर जा प्यारे पीछे मूढ़ के देख अब कुछ करने को नहीोंबचा प्यारे आगे चल के अब एक दम नये दवनया को रचा प्यारे यह तेरे वदल की आिाज है इस को सुन ले प्यारे अब समय आ गया है की यहाूँ से लौट चलप्यारे

103 मेरे वदल की आिाज मेरा वदल कह रहा है अब तू लौट चलप्यारे यहाूँ अब गुजरती नहीोंतेरी कोई पल प्यारे अब तुझे िो मोंवजल यहाूँ नहीोंवमलेगी प्यारे वजस की सब वदन से तुझे तलाश थी प्यारे अब िह मोंजर ही नहीोंवदखाई देती है प्यारे जो आस पास होके तेरा साथ देती थी प्यारे अब वमलती नहीोंहै यहाूँ कोई भी हल प्यारे

पे बहुत इतराते हैं

जीत तो दवनया दारी है हम यह समझ नहीोंपाते हैं

वदिाली पे ये मत समझ की तू ही चतुर श्कखलाडी है

तू एक खाली वडब्बा है लछमी जी की मवहमा वनराली है

इस वदिाली में जो सब रतन को दाता की देन समझता है

िो वदिाली में आशा से अपने सब वनराशा को

सुलझाता है

हर साल वकतने ही विचारोोंको ले कर वदिाली आती है

हम सब को वकतने वशक्षा दे कर के वफर चली जाती है दो चार वदनोोंकी खुवशयाली हमारे मन में भा जाती है गई वदिाली तो पुरानी आदतें वफर लौट के आ जाती है

जो सुख शाोंवत इस वदिाली में हम को वमल जाती है

सोंकल्प कर लो की िो सब तुम्हारे जीिन की साथी है हम सब के वलए वदिाली तो एक महान त्यौहार होती है

तो खा पी के मौज उड़ाते हर वदलोोंमें बहार होती है

से पूजन करते हमारे पररिार

104 s]b] ¿] m]n] b]hl]]v]o इस दवनया में हमारे कुछ आशा और कुछ वनराशा हैं बस यही समझ लो ये दवनया भी एक खेल तमाशा है तन मन में साूँसें हैं धड़कन भी हैं यही हमारा जीिन है कभी ख़ुशी तो कभी गम कुछ अड़चन और उलझन है पर हमारे हर पल वछन में एक बहुत बड़ी अवभलाशा है ये आशा का सब आधार हमारे तन मन की वदलाशा है यह दवनया एक चलािा है हर कोई यहाूँ पर झम रहा है सब कुछ उन को ही वमल जाये ये चक्कर में घूम रहा है हम हर हार पे अपने रोते हैं हर जीत
हार
इस
हम
प्रेम
में प्रेम बढ़ जाती है समाज में धूम मचती और देश में रोनक आ जाती है इस वदिाली को ऐसे मनालो जैसे कभी नहीोंहोती थी िैसी पवित्र पूजा पाि करलो जैसे सतयुग में होती थी इस वदन राम लखन जनक दलारी अयोध्या पधारे थे सब पुरिासी वदया जला जला के हर घर को सुधारे थे उिो जागो वफजी वनिावसयोोंऐसा तीब्र वदए को जलािो देश में खुवशयाली आजाये सब जनता का मन बह्लािो

करूोंगा िो हमारे साूँसोोंमें

श्कखले गुलाब के खुशबू के तरह उन का िादा रहा जीिन भरसाथ देंगे राधा कृष्ण के तरह अपना प्यार बसाने का िादा हम वकये और वनभा भी वदए हैं रोंग वजतने भी हमारे मोहब्बत के थे हम ने तो सजा वदए हैं हमारे िाफािोोंपे हमे यकीन था आज हमे तसिी हो रही है हर िादे को हम ने वनभाएों हैं आज हमे बहुत ख़ुशी हो रही है अपने मोहब्बत का इकरार वकये जीिन में नया रोंग भरवदए वसफव लफ़्ोोंसे ही नहीोंहम सही कमों से एक दज के हो वलए

मै ने उन को जीिन भर साथ देने का िादा कर के वदखा वदया उन के िादे पे मैं ने यकीन वकया और जीिन भरमौज वकया लम्बी वजोंदगी बीत गई जो बाकी है उसे अमन चैन से वबताएोंगे

जो जो िादा हम ने वकया था उन सब को तहे वदल से वनभाएोंगे सखे सहेवलयोोंसब सम्बोंवधयोोंके

105 िादा करो और वनभाओ िादा कर के वनभाना प्यार करने िालोोंके वलए आसान है वकसी के वदल से खेलने िालोों के वलए बेिफाई आसान है अगर प्यार करना है तो अपने हर िादे को वनभाना सीखो बेिफाई करने का इरादा हो तो जा करप्यार करना सीखो प्यार को वनभाने की बात हम से पूछो तो मै वजक्र करूोंगा उसके हर एक अदा हर एक कायेदे की सही वजक्र
समायें हैं
वलए एक नमूना बने हैं हम मान लो बात जब तक जान है इसिादे को वनभाते रहेंगे हम जो हम ने चाहा था िह तो हुिा ही नहीोंमेरी प्राण वप्रय चल बसी िादा तो मैं वनभाउोंगा ही चाहे िो मेरे पास हो या और भी कहीों मैं अपने प्यार के धागे में कोई आोंच न लगने दगा उनकी कसम मरते दम तक उनकी राह देखता रहूँ चाहे आये न आये सनम |

सब कुछ यहीोंरह जायेगा, जो दान वदया िही साथ जायेगा हम सब तो हैं मेहमान यहाूँ, भलाई करचलो इस जग में

तुम्हारा वनशान यहाूँ रह जायेगा शुभ करमकरो सब का कल्याण करो

जब तक दवनया रहे, वसतारोोंकी तरह चमको सब के वहतकारी बनो, सेिा करो हर एक की ऐसे परउपकारी बनो

शुभ कामना है लखनकी, प्रभु हमें दो सुम्मती, हमें वमले सदभािना सबकी

106 विचार करो आओ प्रेवमयोोंहम ये विचार करें पहले हम खुद सुधर जाएूँ , वफर सब जन का सुधार करें हे प्रभु ऐसा जीिन हमारा हो, चाूँद वसतारोोंसे भी बढ़ के उवजयारा हो हमें बचा दो सभी पापोोंसे, सदा शुभ कमव करा दो, कर दो दर सभी बुराइयोोंसे

सब खेल यहाूँ अब हम रो रहे अपने मजबूरी पर यह युग अब इतना बदल गया है कवलयुग कहलाने योग्य नहीों वदन को हम रात कहने लगे हैं सुधार होने का कोई सोंयोग नहीों सत्य अवहोंषा से हम इतना दर हुए शाोंवत लाने का उपयोग नहीों मानि ही मानि का दश्मन हो गया समझदारी का सोंयोग नहीों िातािरण तो दवषत हो गए थे अब तन मन बचाना योग्य नहीों सब की मजबूरी इतना बढ़ गई अब ये समाज का उपभोग नहीों कहते हैं जब पाप का घड़ा भर जायेगा तो अितार उन का होगा ऐसे तो वकतने घड़े भरे पड़े हैं न जाने उन का पदापवण कब होगा यहाूँ की सब वबगड़ते हालात देख के िो भी वििश हो गया होगा इस दवषत दवनया में िो आये न आये िो भी तो ये सोचता होगा यही हमारी मजबूरी और वििशता है अब हमें कुछ करना होगा िही विज्ञानी ज्ञान से एक विनाष्कारी विष्फोट करना ही होगा मानि के मन समाज का चलन दवनया का ढोंग बदलना पड़ेगा पोंवडत ज्ञानी नेता सेिा देश के ढाोंचें को एकदम बदलना पड़ेगा सोचने कहने करने धरने की शश्कक्त में पररितवन लाना पड़ेगा प्रजातोंत्र के अनुशासन को छोड़ के तानाशाही अपनाना पड़ेगा िो सतयुग के सत्यम वशिम् सुन्दरम के मागव अपनाना पड़ेगा इन गुणोोंको जान मान के चलने िालोोंको बढ़ािा देना पड़ेगा क्राोंवत

107 हमारी मजबूरी मेरा वदल व्याकुल हो रहा है इस सोंसार के वबगड़ते हालत पर कहीोंपर युद्ध वछड़ा है तो कहीोंपे गरीब तड़प रहें हैं सडकोोंपर धरम करम तो छूट गया है अब हजारोोंको नाज है अधमी पर नेता इतने वबगड़ गए हैं शमव आ रही है उन के अनैवतकता पर वबज्ञान इतना आगे हो चला अज्ञान का राज है अज्ञानता पर वबगड़ गए हैं
ऐसी होनी चावहए इस दवनया की उथल पुथल हो जाये इोंसान तो बदले पर सब से ज्यादा हम अपने आप बदल जाये कोई भी नेता मोंत्री मावलक नोकर या व्यापारी घूस नहीोंखाये जनता पर कोई जुरम न हो स्त्ी बच्चोोंमें अमन चैन आ जाये जल थल बन उपिन और सारे भूमोंडल में सुख शाोंवत छा जाये रामलखन की ऐसी मवहमा रहे की सब मजबूरी दर हो जाये

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108

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109

p]Uj]] ¿r ¿† x]]int] p]]ao

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110

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{c]I p]v]*to ho y]] p]T]rIl]I r]h ho ¿iQn] ij}dg]I ¿† dd ¿† l]]K]o ho j}g]l] g]iJ]n] t]U»]n] B]I ho y]] v]irs] ho ig]rt]] hua] more s]]T] mo hm]s]»r ho c]l]t]] hua] hm] [ts]]h ¿I A¿ n]j]år l]g]]yo rhto hE hm] s]]T] hE t]o s]b] j]Iv]n] ¿† r]h ¿qto hE hv]] ¿† J]oKo a]¿r hm]]rI t]iv]y]t] p]UCt]I hE

J¶¿] ¿r s]r G]q]yo B]I ¿W p]hel]I b]UJ]t]I hE s]]T] ho ag]r hm]s]»r h}T] deto hr ¿dm] p]r m]rhm] p]ÇI de rhe ho hm]]re hr A¿ Qo¿ro p]r Aes]I mohrb]]n]I ho t]o y]h [n] ¿I v]]s]t]] hE dost] hm]]re s]]T] rho j]b] t]¿ y]h r]st]] hE

111

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112

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114
115 बताना छोड़ वदया हूँ मैं यहभीक्ावजंर्दगीहै ८४काहोगयाहेँ मैं थोड़ाथकसाजाताहं ज चलताहेँ अ मै… इसवलएअ र्दूरवनकलनाछोड़वर्दयाहेँ मैं र्रऐसाभीनहीहैं वकखातावर्तानहींहेँ मैं मैंने चलनाहीछोड़वर्दयाहै खुशरहताहेँ मैं आजकलिासलें अक्सरररश्तोंमे र्देखताहेँ मैं अजी सीर्दूररयां ढ़ार्देते हैं ये मानताहेँ मैं ऐसाभीनहीहैं वकअ व नाररश्ते काहेँ मैं अर्नोंसे वमलनाछोड़र्दीर्रयार्दकरताहेँ मैं हाेँ आजकलजरासाअकेलामहसूसकरताहेँ मैं खुर्दकोअर्नोंकीहीभीड़में अकेलार्देखताहेँ मैं ऐसाभीनहींहै वकअर्नार्नहीछोड़वर्दयाहेँ मैं यार्दतोकरताहेँ मैं सभीकोर्रिाहभीकरताहेँ मैं र्रवकतनीकरताहेँ स तानाछोड़वर्दयाहेँ मैं

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116
117
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119
120

भगिान मेरे पैर वघस गए थक गई जुबान तुम कहाूँ वछपे हो भगिान सतयुग में तो सब जगह रहते थे कलयुग में वकधर हो भगिान

तुम ने ही धनिान बनाये गरीबी भी तुम हमें वदखाया भगिान

अब मेरा भी तो करो कल्याण मेरी भी विनती सुन लो भगिान

सब महलोोंमें हो तुम और कुवटया में भी तुम रहते हो भगिान

रोटी में तुम कपडे में तुम मेरे मन मोंवदर में क्ोोंन हो भगिान

तुम हर मोंवदर में मूरत हो पर मेरा मन मोंवदर है खाली भगिान

121 मुझे आवलशान बना दो भगिान मेरे मन मोंवदर को साफ़ करो मुझे आवलशान बना दो भगिान वदन रात की इसभक्त की पूजन को अब तो सुन लो भगिान बचपन बीत गई आई जिानी अब तो बूढ़ा हो गया हूँ भगिान गली गली गािों शहर को छाना तुम को कहीोंन पाया

कविन घडी में बन जाएूँ सब एक दज के सहारे श्कखड़की हो अनुसासन की तो विघटन का न असर हो, ऐसा अपना घर हो

मयावदा की चार दीिारी में सब कुछ मयाववदत हो सादा जीिन उच्च विचार से सभी प्रमुवदत हो बड़े जानो का हो आदर और छोटोोंपे भी मेहर हो, ऐसा अपना घर हो सेिा और सहयोग का हो वजसमे दरिाजा सुन्दर वचत्र नहीोंचररत्र की पूजा हो वजस घर के अोंदर धमव के सन्मुख रहे सदा सब पापोोंसे जहाूँ डर हो, ऐसा अपना

हो

आचरण की हो बहारें ज्ञान प्रकाश हो पूरा

से प्रभु

लक्ष्यकी सीढ़ी हो तो काम रहे न अधूरा

अब

हो, ऐसाअपना घर

122 ऐसा अपना घर हो गुण सौरभ से रहे महकता जहाूँ जीिन सुखकर हो, ऐसा अपना घर हो कथनी करनी रहे एक सी नहीोंवजसमे अोंतर हो विनय वििेक की नीिों हो वजसमे प्रेम प्यार की छत हो रहे मधुर व्योहार सभी से िचनो में अमृत हो सहन शीलता का हो आूँगन कटुता का न जहर हो, ऐसा अपना घर हो उस घर में मजबूत बने विश्वाश की सब दीिारें
घर
स्वच्छ
मोक्ष
गौतम
फरमातें हैं
तो शाश्वत घर
हो

एक इश्वररये देन रहा

जीिन में हमको न जाने वकतने पािोोंको पढ़ाया करता रहा है इस जीिन में हमने कई वकताबोोंऔर शास्त्ोोंको पढ़ा और गढ़ा है

लेवकन जो पाि हमारे सोंघषव ने पढ़ाया िो इन सबसे उम्दा रहा है

जीिन हमको अपनोोंसे बड़ोोंका एहसास और श्कस्तवथ

रहा गरीबी का सहन और धन दौलत

123 यह जीिन एक सोंघषव है हमारा भी जीिन एक कुदरती िरदान रहा है यहमैं मानता हूँ हमारा इस जीिन का सोंघषव एक सच्चा अनुभि था मैं मानता हूँ हमारा जीिन का सोंघषव मुझे जीने और जूझने का साहस वदया है हमारा यहछोटा सा जीिन मुझे कई नए नए राहोोंको वदखाया है हमारा यहछोटा सा जीिन सोंघषव से भरा
है इस
यह
बताता
का सही सोंतोष वसखाया करता रहा हमारा सोंघषव मुझे यह जीिन वबताने के कई तरकीबोोंको वसखाता रहा दख तकलीप रोग सोग तथा सब रुकािटोोंसे लड़ने का साहस देता रहा प्रोत्साहन और जागृत करने के सभी तरकीबोोंको भी वसखाया करता रहा अजीब बात यहहै की मेरा सोंघषव मुझे अपनोोंसे छोटोोंका मान कराता रहा

यह

भी अपने जीिन में पहुूँच गए थे एक ऊोंचाई से दसर ऊोंचाई तक यारो इस जीिन के सोंघषव ने हमको सरलता से पहुूँचाया है हमारे

मोंविलोोंतक यारो

यह जीिन एक सफर था और एक मुसावफर सा मैं वनरोंतर

सोंघषव करता रहा परमात्मा ने हमको सब कुछ वदया और िह दीनबोंधु हमको

सोंतुष्ट करता रहा वकसी लो कुछ वमला या न वमला पर हमको तो वमला है इस जीिन का उत्कषव अोंत समय

124 असहाय और मजबूर या लाचार लोगोोंके प्रवत करुणा का भाि वदलाता रहा मेरा सोंघषव मुझे एक अच्छा इोंसान, दयािान मानि और मददगार बनाता रहा प्रगवत के पथ पर चलने का सही सन्देश और ज्ञान मुझको सदा ही देता रहा हर एक मुश्किल का वदलो जान से सामना करने का साहस भी वदलाता रहा इस वलए हमारा कहना है की इस जीिन को जप तप से सुखी और ख़ुशी करो क्ूोंवक हमारा सोंघषव ही पहुोंचाता है हमको अगले पड़ाि ता
सदा याद करो हमने
में मुझे प्राप्त हो गयी इस जीिन की सच्ची सोंिेदना और बहुत हषव लखन की सीख यही है यारो की इसजीिन में सोंघषव करना कभी मतछोड़ना तभी यह जीिन सुख सोंताप की सफर होगी जीते रहोगे छोड़के सब रोना धोना

सफरमेंबसरामकानामलेकरअपने सचाईके राहपेचलकर गरीबोों,असहायऔरदखीजनोके कुछपीड़ाओोंकोमानना जाननाऔरपहचाननाभीतोहै तुझेस्वदेशऔरप्रदेशके लोगोोंकीकुछसेिाकरके उनके जीिनमेंसुखशाोंवतभीलानाहै इसजीिनके सफलमुसावफरजरासुनताचलयहजीिन सातवकतबहोगातेराइसभूवमपर जबतुझमेंमानिताऔरधमवकरमकाभािआजाएगाप्रवतयेक

125 जीिनमेंकोमलताऔरशाोंवतकाभाि वकसीकिीनेिीकहीकहाहैकीयहजीिनहमकोवमलाहैबस एकहीबारइसपृथिीपर यहभीतोसचहैकीहोसकताहैवफरयहसुखीऔरख़ुशी जनमनवमलेगाइसधरतीपर हमाराजीिनसदायहीपुकारकरतारहाहैकीतूयहाूँवदखाता चलऔरिोसपररश्रमकर भरदे अपनाऔरअपनेपररिारके जीिनमेंसुखऔरख़ुशी आगकाएकलहरबनकर तुझेयहाूँबहुतकुछकरनाथापरअभीतुझेसागरमेंवमलनाहै एकनदीकालहरबनकर चलताचलइसजीिनके
मानिके प्रवतइसधरतीपर दयाधरमकोमलताऔरशाोंवतकाभािहीतुम्हारे मनमोंवदरमें प्यारकाराहवदखायेगायहाूँ इसीतरहके व्यिहारतुम्हारे जीिनमेंफूलोोंसीसुोंदरताऔर ख़ूबसूरतीफैलाएगीतुझमेंयहाूँ अपनेहथेवलयोोंह्रदयऔरिचनोकीस्पशोंसेसभीके जीिनमें प्रेमभािकीलगनदेतेरहना

कोमलताकासद्भािनाभरतेरहना

रहोऐसेयहाूँइसधरतीपरवकसीपरकोईबोझनबनोऔर

जातेसमययेयादजरूररखनाकीकोईवकसीकायहाूँनहीों

मैंयेभीमानगयाहूँकीदोस्तीइसजीिनकासहीआधारहै क्ूोंवकदोस्तके वबनाजीनाबेकारहै वमलजाएअच्छाऔरभश्कक्तमानदोस्ततोजन्नतबनजाताहै जीिनिणवसारासोंसारसूनालगताहै शायदइसीवलएमैंनेभीसदासोंघषवके राहोोंपरचलतारहाऔर अपनेइसजीिनकोबदलतारहा मैंनेवदनऔररातकड़ीपररश्रमकरके यहाूँवकतनेजोंगोोंको जीताऔरसूरजबनके वनकलतारहा आवहस्तेयाजोरचलोपरचलतीकानामगाडीहीरखोजबरुक जाएतोवजोंदगीअगाडीहोजायेगी मैंनेअपनेहरसमयकाखूबख़यालरखतारहाऔरजानताथा कीइसजीिनकोशाोंवतवमलजाएगी

126 एवहसबकायदाहमारीजीिनकोसफलबनतीहैऐसीही
शाोंवतपूिवकवबदाहोजानाभैया
रहाऔरनहीकभीरहेगाभैया यहभीयादरखनाकीसच्चेररिोोंकीख़ूबसूरतीहमारे सभी गलवतयोोंकोबदावस्तकरनेमेंहीहै इसवलएहमकोयहाूँअकेलानहीोंरहनाक्ूोंवकवबनाकोईकमी काइोंसानढूोंढनाबड़ाकविनहै अपनेइसजीिनकाहकीकतमैंनेभीजानवलयाहैरोनाहै अकेलेऔरहोंसनेकासाराजमानाहै

जाएोंगे बस अकेले ही

तभी भी पीछा नहीोंछोड़ेंगी चाहे जहाूँ भी हम

वमलेगा तो कभी खुद को भी ढूोंढ लूूँगा इन् सुनी सुनी तन्ाईयोों

याद रखूूँगा

127 हमारी तन्ाईयाूँ आज चाूँद सूरज सागर और धरती आकाश सभी तो तन्ाई हैं यह वदल भी तनहा है और थरथराता हुिा बादल भी तनहा हैं जब उम्र बीत रही है तब बुझ रहें हैं मेरे सभी वदल के अरमान छुप गएूँ हैं सभी आसरे और न रहें अब तारोोंभरे िो आसमान वजोंदगी क्ा इसी को कहतें हैं जहाूँ वजस्म तनहा है जान तनहा है अब हमसफ़र भी वमलेगा तो हमारा जीिन तो तनहा ही रहता है यहाूँ की जलती बुझती सी सभी रोशवनयाों होते हुए वसमटा सा जीिन है लेवकन हम तो अपनोोंका राह देखा करेंगे सवदयोोंतक जो यह जीिन है छोड़ भी देंगे इस जहाों को तो न कुछ लेके
जाएोंगे हमारी यह तन्ाईयाूँ
रहेंगे िक़्त
में जरूर ये
की कहीोंसब वजम्मेदारी के बोझ से मर न जािूों मैं कहता है यह मन बस कहते रहो तुम अपनी कहानी अच्छी हो या वफर बुरी न हो वजसमे कोई राजा न ही हो कोई रानी जो वदल पर चलाती रहेगी छुरी आिाद जीिन बीतता रहा हूँ मैं यह तो सब ऊपर िाले की कृपा थी सुन्दर कहाूँ तक कहूँ अपनी कहानी वमयाों वमट्िू कैसे बनेगा यह राम का चन्दर हूँसते खेलते चलते चलते रहे पर इस जीिन में कभी नहीोंहुिा कोई हैरानी अपनोोंके साथ बाूँहोोंमें बाोंहें डाल के चलते रहे जैसे कोई चल रहा हो शैलानी

अपनी पूरी वजोंदगानी

लेखक ही नहीोंमैं एक वचत्रकार भी था और की थी कई खूबसूरत तस्वीरें तैयार

हमारे जीिन में जब भी कोई अन्धकार नजर आया वलया करता था इनको वनहार अपनोोंको हमेशा अपना होने का अहसास वदलाता रहा बड़े शान और अरमान से इसी वलए हमारा सभी िक़्त हमको अपनोोंके साथ जीना वसखाया था

मान से

क्ा अवभमान करू मैं इस छोटी सी जीिन की जो था जैसे नदी

बहता

128 रोया भी था कुछ खोया भी था वफर भी मैं करता रहा अपनी ही सब मन मानी अब मर के भी नहीोंमरेंगे कभी हम क्ूोंवक अब हम भी हो गए हैं एक बवलदानी पाररिाररक जानो दोस्तोोंऔर ररिेदारोोंके वलए अपने जीिन की दी है कुबावनी भला हम कैसे भूल सकेंगे इन सब लम्होोंको जब तक रहेगी हमारी ये वजोंदगानी धन्य थे मुझे ज्ञान और मान देने िाले मेरे माता वपता आजा आजी और नाना नानी राम लखन के नाम वलखा दी हमने आज अपनी सारी ये जीिन और िो जिानी याद करो यारो हम जैसे दीिाने को जो न्योछिर कर दी है
शान
अब
का
पानी क्ा कहें इसकी अजब कहानी हर पल बदलती थी अपना रोंग रूप और अपनी रिानी िह भी खूब था यह भी खूब है पर अब हर चीि को खेल तमाशा समझ के चलो यहाों धुप छाूँह का वमलािट है यह जीिन बस चलते जाओ और गाते रहना चाहे रहना जहाूँ मैं भी अपने जीिन में कभी वकसी भी काम को कभी भी छोटा नहीों समझता रहा यारो

जीिन में वकसी को रुलाकर हम ख़ुशी नहीोंरह सकतें हैं पर जब कोई रोज एक बार भी वकसी को होंसा वदया तो िही सबसे बड़ी पूजा हो जाती है एक समय था जब मुझे मेरे जीिन की उलझी पहेवलयोोंका कोई

जिाब नहीोंवमल पता था अपने मन को सुकून द कोई ऐसा पल नजर नहीोंआता था लेवकन मैंने वहम्मत न हारा था मगर जब मैंने यह जाना की कभी लहरें तूफानी हो और अम्बर में घनी बदलें

129 क्ूोंवक मैं जान गया था की कई लोहे का काम करते करते िो मानि टाटा हो गया यारो जूते का काम करते करते एक शख्स सोंसार में प्रवसद्ध बाटा का मावलक हो गया यारो वफर छोटी मोटी गावड़योोंको साफ़ करते करते िो भी मानि अम्बानी बन गया यारो इधर मैं भी अपने वपताजी के खेतोोंमें वकसानी करते करते एक अध्यापक बन गया यारो अब मैं भी जान और मान गया हूँ की हमारे जीिन का सब से उत्तम सच्चाई क्ा है यारो मैं अब अपने काम से काम रखता हूँ क्ूोंवक यही इस दवनया का मुश्किल काम है यारो मैं तेह भी जान गया हूँ की इस
भी झमत होों जब अपने दामन पर दाग बहुत गहरे हो और सागर में माोंझी भी घबराता नजर आता हो मैंने न घबराने की कसम लेली थी और अपने जीिन को सफल बनाने की लगन लगा ली थी कोई भी द ख तकलीफ आटे थे तो उनको मैं श्री गणेश वकया करता था ये हमारी ललकार थी मैं जान गया था की इस जीिन के कमों में जो भी हमने खोया था उनको हमे जरूर पाना था क्ूोंवक वबवध का वबधान यही है की पतझड़ का मतलब है वफर एक वदन बसोंत को आना था

अपना दश्मन कहूँ और वकसको अपने सीने से लगाऊों यह भी पता नहीोंहै

एक उलझन लगी है इस मतलबी दवनया में वकसको अपना समझ और वकसको पराया कहूँ

वकन वकन गवलओों पर चलूूँ वकन रास्तोोंको अपनाऊों और जो मेरे साथ रहे उनको पा जाऊों बस अपने जीिन के सफर में वनकले थे यही सोच के की वकसी को बना लूोंगा इस जीिन में मगर शायद इसी ख्वावहश में चलता रहा वजोंदगी भर बस एक मुसावफर बन के रह गया मैं चलोथोड़ीदेरतकअबखामोशहोजाताहूँलेवकनइसकोमेरी कमजोरीमतसमझनायारो अपने कलममें दिातभरके झटकताहूँ तोयहाूँ हमारे शब्दोोंका

यारो

130 अब मैं भी खूब िीक से यह सब जान और मान जान के आगे अपना कदम उिाने लगता हूँ इस जीिन में मुझ से कौन और कब वमलेगा यह हमारा समय ही वनधावररत करेगा जानता हूँ इस जीिन में मैं कसी वकस से वमलूोंगा यह सब तो वसफव हमारा वदल और वदमाग तय करेगा पर इस जीिन में मैं वकस के वदल में रहूँगा यह सब हमारा सही व्यिहार ही तय करता रहेगा अब वकस पर भरोसा करूूँ और वकसे अपनी दवनया में आने द यह हमको मालूम नहीोंहै अब वकसको
बौछारसमझनामेरे

बचपन इसबुढ़ापेमेंयादवदलातारहताहै प्रवतक्षणिोप्यारासामेरा बचपन

हमाराउसरोंगरागेलीसोंसारकायादआजभीसबताजालगता

अबकभीनहीोंलौटके

131 हमाराबचपन बड़ासुन्दरऔरमजेदारथाहमाराबचपनजोबीताथासुखचैन से नन्ासाप्यारासािहमेरासुखदबचपनबीताथाबड़े खुवशयोों से हमारे जीिनकािहएकख़ासचररत्रथािहसुनहरासामेरा बचपन वकतने नटखटनादानीसेभरारहताथािहप्यारासामेरा बचपन ज्ञानवमलाथाविद्यादानवमलाथाऔरसफलहुिाथामेरा बचपन खेलकूदऔरनाचगानोसेभरावबताथािास्हमाराप्यारा
है
आएगाएवहतोहमारे मनमेंवचोंतारहता है परयहबुढ़ापाभीतोएकबचपनजैसामौसमकाझोोंकालगता है ज्ञानवमलाथाविद्यादानवमलाथाऔरसफलहुिाथामेरा बचपन खेलकूदऔरनाचगानोसेभरावबताथािहहमाराप्यारा बचपन हमाराउसरोंगरागेलीसोंसारकायादआजभीसबताजालगता है अबकभीनहीोंलौटके आएगाएवहतोहमारे मनमेंवचोंतारहता है
132 परयहबुढ़ापाभीतोएकबचपनजैसामौसमकाझोोंकालगता है अबयहजीिनजैसेचाहोिैसेहीवबताओयहीइससफरका मजाहै िोमानिहेँ मैं गुज़ारवर्दयाहेँ८४साल, हज़ारोंवर्दनऔरवकतनेवर्दनर्रअ जोकाटनसकताहेँख़ुशीसेिोरातमैंहेँ इसजीिनमेंवकतनीही ड़ीमजेकीगुफ्तगूकईर्दिाअर्ने लोगोंसेवर्दलसेवकयािोसहीमानिमैंहेँ भीड़ोंमेंयहाेँज भीमैंनेअर्नेकोर्ायातोअर्नेआर्को खोजकरवनकालािैसाअच्छासाथीमैंहीहेँ व तायाथाहमनेइसजीिनके कईहसीनलम्हेंस के साथजो कभीभुलानर्ाउेँगािोयार्दभीमैंहीहेँ अर्नीस अहवमयतयहाेँक्ाथीइसकोभीअ स को ताना जरुरीहैमैंयहभीजानताऔरमानताहेँ
133 अगरहुयीथीवकसीअर्नोंसेइितोउसको ड़े लगनसे जतानाजरुरीथाउसकोभीमैंखू मानताहेँ इसजीिनमेंहमनेअर्नेसभीकामोंको ड़े मेहनतमसकतसे वकयाथाइसीवलएमैंसर्दाजीततारहाहेँ अर्नेवर्दलकीआिाज़हमनेकभीअर्नेवर्दलमेंर्द ाके नहीं रक्खास कोर्देखकरमुस्कुराताहीरहाहेँ इसछोटीसीजीिनमेंवजनवजनलोगोंसेर्दोस्तीकीथीहमने उनकीर्दोस्तानामैंसर्दाहीवनभातारहाहेँ वकसीभीहालतमेंअर्नेप्यारे लोगोंकाहाेँथऔरसाथहमने नहींछोड़ाऔरस िार्दोंकोसर्दावनभायाहेँ कभीकभीइिमेंरूठजानातोलावजमथालेवकनकभी अर्नामह ज रूठे तोमनानाभीजानताहेँ इनस ातोंकोवलखनातोखू सूरतलगताहैर्रमैंइनस ज्ञानकोमैंअर्नेलोगोंकोसुनातारहताहेँ रूठभीअगरगयाथामैंवकसीअर्नोंसेतोवजतनाजल्दीहो सकाउतनाजल्दमैंउनकोमनानाजानताहेँ इनसभीमानिीधागोंकाअच्छावसरासभीमानिके र्ासहैंगर उलझतेहोवकसीसेतोसुलझानाजानताहेँ
134 मेरे जीिनकाअोंवतमयात्रा मौतभीतोएकगहरीनीोंदहैपरवजसमेवजोंदगीभरकानशा होताहै जबिैसीनीोंदआजातीहैतोहमकोयहाूँखूबसजायाजाने लगताहै बड़े प्यारसेसोतेहुएकोनहलायाभीजाताहैएवहजेिणका खेलहै वफरबच्चोके तरहएकसदकमेंकन्दोोंपरलोगउिा के लेचलते हैं उसिक़्तअपनेसभीरहतेंहैंिहाोंपरसबभुलातेजारहेंहैं हमको जोकभीदेखतेभीनथेिोआजप्यारके निरसेदेखतेंहैंहम को नजानेक्ोोंहरकोईहैरानहैमुझकोइसतरहयहाूँसोतेहुएदेख कर रोनाधोनाभीलगाहैयहाूँकाूँपउिाहैमेरारूहयहमोंिरको देखकर जहाूँमुझकोहमेशके वलएसुलायाजाताथािोखाटआजखली लगताथा यहीवजोंदगीकाइश्कन्तहाूँहैकीआजमुझेखुदमेरे घरसेवनकला जारहाथा मैंइससोंसारमेंबेपदवरोताहुिाआयाथाआजहूँसताहुिावलपटा हूँकफ़नमें वजनवदलोोंमेंमेरे वलएप्यारथाउन्ीोंहाोंथोोंनेमुझेआजजलाया थाबड़े लगनसे यहअोंवतमयात्राकीकहानीवलखतेहुएआजमेरामनरुकहै अजीबमोड़पर
135 जोसोंसारऔरसमाजसेमेरालगाओथाआजखड़ादेखरहाहै दसरमोड़से मैंनेइसजीिनमेंिफ़ावकयायाबेिफाईकीआजवबदाईवमल रहीहैसभीसे मेराआत्माजापरमात्मामेंवमलाअबमुझेमुश्कक्तवमलगयी उनकीआवशबावदसे कएहमनेअपनोोंकावदलतोड़वदयाकैसेिोसबयहाूँआजझिी आहेंभरतेंहै कैसेमैंउनसबकोभूलूोंगाआश्कखरआजभीवकतनेलोगमुझपर मरतेभीहैं वजोंदगीभरजोमेरे पासनबैिाआजसबपल्थीयहाूँमारके बैिे निरआतेहैं कोईतोहफामुश्किलसेन वमलाआजतकपरआजमुझेफ़ल चढ़ाएजातेंहैं तरसगएथेहमअपनोोंके हाोंथोोंकोपकड़नेकोआजिहीहमको कोंधेदे रहेंहैं वजनवजनकाप्यारवमलामुझेउनसबकाबहुतमेरायेतनमन सबआभारीहैं मेरे तन्ाईमेंदोकदमचलनेकोजोतैयारनहीोंथेवजनकोहमने अपनामानाथा परआजकावफलाबनकरउनसबकोअपनेसाथसाथमैंचलते देखरहाथा आजपताचलाकीहमारीमौतभीवकतनीहसीनथीऔरवकतने हमारे थेयहाूँ कम्बखतहमभीकैसेमानिथेकीयूूँहीइसवजोंदगीकोजीतेही जारहेथेयहाूँ अबअपनोोंके वलएभीकुछवलखदतोसुकूनवमलेगाहमसब को सभीबड़े बूढ़ोोंकोप्रणामछोटोोंकोप्यारऔरनमनहोमेरासब को
136 क्ोोंतुमलोगअपनेआोंसुओोंकोरोकाहैउनकोभीअबबहाने दो िोजोभीकहनाचाहतेंहैंहमसेउनकोआजवदलसेकहलेने दो क्ोोंछुपाके रख्खोगेइनकोतुमइन्ेंखुदके आूँखोोंसेबसढलने दो िोभीतोअपनेहीहैंआजउनकोभीहमसेवमलनेकामौकादे दो जोहोनाथािोतोहोगयाअबमुझकोभीइसजीिनसेमुश्कक्तदे दो बसबहुतहोगयीयेघुटनइनआूँखोोंकोअबसूखनेकामौकादे दो

था िणाप िे स नर्ुंसकतोहोते हीर्रउनकाकर्दरऔरआर्दरभािभीकभीनहीं हो र्ाता। इस

के वलए और

137 समापन हमारे इसलहरें के लहरोंमेंजोभािनाएं औरभािलहरारहेंहैंउनकी ुवनयार्दहमारे मक्तस्तष्कमेंज़मानेसेउमड़रहीथीऔरज अरमानों और शब्ोंका घड़ा भर गया त उथल र्ुथल मच गयी और हमने अर्ने कलम में र्दिात भर के ऐसा झटका की मेरे सभी रचनाएं इन र्ृष्ोंर्रव खरते चले गए। आजज मैं अर्ना ८४िर्ोंकाउम्रर्र आवटकें हैंतोमेरे सभीरचनाएेँ भीमेरे विचार नके हमारे र्ाठकोंके समक्षअर्नारूर्वर्दखनेचलीहै। हमनेअर्नेजीिनकालमेंलाखों शब्ोंकासही प्रयोग करके अर्ने र्ाठकोंकोर्देता रहाऔरहमारे सभीर्ाठकहमारे रचनाओंकोर्ढ़े, गधेऔरउनर्रकईवटप्पवणयां भीवकये। इनस के वलएमैंउनस काआभारीहेँ। मेरे वलखनेका खासकारणएवहथाकीहमारे वर्दलऔरवर्दमागमेंजोभीभािउथल र्ुथल मचा कर झूम रहे थे उन को प्रस्तुत करना
से ड़ा र्दुःख एक मेरे जैसे लेखक
कुछ नहींहो सकता था। आज ज हमारे सभी भािनाएं वनकल कर इन र्न्नोर्रलहरानेलगीहैंतोमेरे मनमेंएकअत्यंतसुखऔरशांवतकी लहार उठने लगी है। इस के ार्द शायर्द मैं और कुछ न वलख सकूं क्ूंवक ुढ़ार्ेके झर्टहमकोभीलगगयीहै। हाेँथर्ािंतोढीलेहोही गए हैं र्र मक्तष्तष्क भी खली होने लगी है। हाेँ इतना सुकून जरूर वमलता है की हम ने अर्ने ७० लेखों से लोगो का मनोरंजन करता रहा।चलोअ हमकोकुछसुस्तानेकामौकाभीतोवमलनाजरुरीहै। यार्द रहे हमारे आर् जैसे र्ाठकोंके हमारी यही उम्मीर्द है की आर् हमारे रचनाओंकोर्ढ़तेऔरर्ढ़ातेरहेंगे। ws] s]]l] hm] s]b] n]e n] j]]n]e i¿t]n]e ty]oh]ro ¿o al]g] al]g] s]m]]j], m]j]hb] aOr G]ro m]e b]zåe D]Um] D]]m] aOr l]g]n] s]e m]n]]y]] hE t]T]] ab] hm] s]b] b]zåe idn] aOr n]y]e s]]l] ¿o m]n]]n]e ¿I t]Ey]]rI m]e

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138

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139

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141

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142

c]]hto hE [n] ¿o t¶C m]]n]] j]]t]] hE, aD]m]I* ¿h] j]]t]] hE ] s]m]]j]

¿† Qe¿†d]ro ¿† il]yo voso a¿†lo s]d]c]]rI l]og] aD]m]I* aOr gOr s]m]]j]I ho j]]to hE ] j]b] ¿I vOso hI l]og] [–]m] sv]]B]]v] v]]lo hoto j]] rhe hE ] hm]]r] s]b] so boht]r s]m]]j] hm]]r] ap]n]] p]irv]]r hon]] c]]ihyo aOr hm]]r] s]b] so p]iv]ˆ] m}idr hm]]r] ap]n]] p]]irv]]ir¿ m¶¿]m] y]]n]e hm]]r] G]r hon]] c]]ihyo ¿y]oi¿ s]m]]j] ¿† j]m]G]q D]Ire D]Ire dUiS]t] hoto j]] rhe hE aOr [n] ¿† s]B]I in]y]m] aOr ¿]y]de K]oK]lo hoto j]] rhe hE ] ab] a]p] B]l]] t]o j]g] B]l]] ¿I r]g] j]p]I j]]no l]g]I hE ] hm] ap]no Coqe p]irv]]r ¿o ap]no hI c]]h aOr in]y]m] so ij]D]r c]]he [D]r m]ozå lo j]] s]¿to hE ] ws] ¿† iv]p]rIt] hm]]r] s]m]]j] qUq »øq rh] hE ] hm]]re s]B]I D]m]* ib]g]zå rhe hE ] l]g]B]g] s]B]I p—c]]r¿o aOr ap]no a]p] ¿o sv]]m]I y]] m¶ll]] y]] p]]drI ¿hl]]no v]]l]o ¿† in]y]t] K]r]b] hono l]go hE ] ab] hm] j]]yo t]o j]]yo ¿h} ? dUK] t]o ws] b]]t] ¿I hE i¿ a]j] hm] ¿o s]]» r]h idK]]no v]]lo b]hut] ¿m] l]og] b]co hE ] ab] hm] ¿o ap]no a]p] p]r B]ros]] ¿r ¿† a]go ap]no j]Iv]n] ¿I nOy]] ¿o Kon]] p]zåeg]] ] p]r ¿y]] hm] ¿o Aes]] ¿rno ¿o hm]]re D]m]* ¿† Qe¿†d]r m]O¿] dego ? y]h s]oc]no ¿I b]]t] hE aOr ws] p]r g]Or ¿rn]] s]b]I cOt]ny] wn]s]]n] ¿] »j]* b]n]t]] hE ] ag]r hm] ap]n]I m]dd K¶d n]hI

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143

g¶sso, g]v]* aOr ah¿]r p]r ¿]b]U p]] j]]yo t]o hm]]r] j]Iv]n] ib]l]¿÷l] s]»l] ho s]¿t]] hE ] loi¿n] hm]]re ¿l]y¶g] ¿† t]m]]m]

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144

Aes]] hon]] t]o hm] cOt]ny] m]n¶Sy]o ¿† il]yo sv]]B]]iv]¿ hI hE p]r a¿s]r Aes]] hot]] n]hI hE ] hm] mo so ¿W l]og] ap]no m]n¶Sy]t]] aOr wn]s]]in]y]t] ¿† as]l]I p]d so n]Ico ig]r j]]to hE aOr dUiS]t] vy]oh]ro mo l]g] j]]to hE ] [s] ¿† il]yo y]hI s]b] s]hI n]j]år a]no l]g]t]] hE ] b]s] vOso l]og] [s] dUiS]t] n]g]rI ¿† dl]dl] mo »Ýs]to j]]to hE ] [n] ¿† il]yo y]hI [n] ¿† j]Iv]n] ¿] m]t]l]b] b]n] j]]t]] hE ] p]r j]o B]I l]og] s]d]c]]rI hE, s]]v]*B]Oim]¿ D]m]* y]] l]Oi¿¿ s]m]]j] ¿† iv]©]n] s]Ën] hE [n] ¿o t]o ap]n]I a]l]m]g]Ir ¿I ¿dr ¿rn]I hot]I hE ] hm] vOso hI b¶i£m]]n] m]n¶Sy]o ¿† j]Iv]n] ¿I [¢exy]p]UN]* aOr m]htv]p]UN]* ij]ndg]I ¿I ij]¿r ¿rego ] [n] ¿† s]]m]no i¿s]I A¿ al]g] D]m]* aOr s]m]]j] ¿] ij]ß hI n]hI a]t]] hE ] vo t]o s]v]* j]n] ¿† iht] mo s]cc]]W, acC]W aOr s¶ndrt]] so ap]n]] s]b] ¿]y]* ¿rto rhto hE ]

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145

j]]yog]] ] y]h ¿÷C l]og]o ¿] iv]xv]]s] hE ] any] l]og] m]oX] mo iv]xv]]s] ¿rto hE j]b] [n] ¿o a]v]]g]m]n] so Cuq¿]r] im]l] j]]yog]] aOr vo m¶i• p]] j]]yogo ] y]h s]b] hm]]rI B¶l]B¶lOy]] hE ] hm]]re ap]no b]n]]yo huyo p]rp]c] hE ] Z¿os]lo hE ] anD]iv]xv]]s] hE ] ij]t]n]] j]ldI hm] wn] s]b] im]Ty]],B—im]t], Cil]y]] t]T]] m]oihn]I p—T]] so dUr ho j]]yo v]h [t]n]] hI hm]]re il]yo t]T]] hm]]re ws] n]yo j]Iv]n] ¿† il]yo l]]B]d]y]¿ hog]] ] a]aO hm] s]b] cOt]ny] l]og] im]l] ¿r ws] m]oihn]I y¶g], ws] Cl] ¿p]q ¿† s}s]]r ¿o, ws] x]¿ B]re s]m]]j] ¿o Cozå ¿r A¿ n]W j]Iv]n] ¿] in]m]]*N] ¿rno ¿I p—y]t¦ ¿re j]h] r]m], GSN], m]ohmm]d, Wx]U , b]ud/D]] aOr any] p]Eg]mb]ro ¿] s]hI r]j] ho ] t]B]I hm]]re s]B]I ty]oh]r m]n]]n]e ¿] as]l]I m]¿s]d p]Ur] ho s]¿eg]] ] ws] n]yo s]m]]j] mo ¿†v]l] acCe a]c]]r iv]c]]r v]]lo l]og]o ¿o rhno ¿I an¶m]it] hon]I c]]ihyo ] ¿y]] y]h ho s]¿t]] hE ? more p]]s] t]o ws] ¿] j]v]]b] hE p]r ¿y]] a]p] ¿† p]]s] ws] s]m]sy]] ¿] s]hI hl] hE ? ws] s]]l] ¿o ant] hot]e hot]e hm] s]b] m]e Aes]] p]irv]rt]n] a] j]]n]] c]]ihy]e ij]s] s]e hm] s]b] ¿] b]zå] idn] aOr n]y]] s]]l] s]UK]m]y], K]ux]h]l] aOr l]]B]d]y]¿ ho j]]y]e ] हमारे ८४ िषों में हमारा धरम मेरे वलए ब्रह्माोंडीय कानून और

व्यिस्था रहा है वजसको हमने बड़े सािधानी और

146
वदलचस्पी से वनभाया है तथा हमारा करम हमारे भाग्य या तकदीर से जुडी हुयी थी। मैं जानता हूँ की हमारा समसरा हमारे जनम और मरण की चक्र है वजसको हमें इसी जीिन में वनभाना है। लेवकन हमारा मोक्ष्य वनविोंत है जब मेरे अोंवतम वक्रया के बाद हमारी मुश्कक्त जनम और मौत के चक्र से छुटकारा पाएगी। तब हमारा वनिावणा भी वनविन्त है जब मुझे इस जीिन के जनम और मौत से पुरे तौर पर छुटकारा या वनिावण हो जाएगा। यही हमारे पुरे जीिन की खूवबया हैं। ab] b]s] ]
147 AUTOGRAPHS

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