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WEDNESDAY AUGUST 26, 2015
Business Report RUSSIA&INDIA NAVBHARAT TIMES IN ASSOCIATION WITH ROSSIYSKAYA GAZETA, RUSSIA
कूटनीित : एनडीबी के ्ेपण के साथ ही, ि क्स अपने वयं की भुगतान यव था की रचना कर नए मोचे् की ओर देख रहा है
घूमता आईना
ि क्स सम्मेलन: उ्ित की अपार संभावनाएं
भारत और ूस अंतिर् उद्योग का संयक्त ु ूप से िवकास करगे
ि क्स देशों ने उफा सम्मेलन के दौरान उनके िविवध आिथ्क तर एवं ल््यों के बावजूद वैिश्वक मुद्दों पर एक िवपरीत बयान तुत कर एक बु वु ीय िवश्व की रचना को नया बल िदया है। जोजी् बो ट
आरआईबीआर के िलए िवशेष
EPA
ूसी शहर उफा में जुलाई में (जहां यह शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन के साथ िमि त हो गया) आयोिजत ि क्स सम्मेलन इस बात का एक सांकिे तक माण बन गया िक पिम ितबंध लगा कर ूस को अलग थलग करना पूरी तरह से िवफल हो चुका है। ि क्स में ूस के अध्य्ीय काय्काल का समापन करते ुए िव के नए बु वु ीय नक्शे के महत्वपूण् एककों को पदािप्त भी िकया गया और कई यवहािरक समाधानों को ऊंचाईयां भी दी गईं। उफा में ितिनिधत्व कर रहे रा£ िव की 40 ितशत जनसंख्या के घर और वैिक जीडीपी का एक ितहाई िह सा थे। ि क्स के रा£ उनके भूराजनीितक ल यों और मू यों के चलते िविवधता िलए ह। इनमें से त्येक की अपनी िविश आिथ्क पिरि थित है। यूरिे शयन इकोनॉिमक यूिनयन और चीन द्वारा रेशम माग् ्े (िस क रोड बे ट) की रचना आशाजनक है जो िक दि्ण एवं मध्य एिशया से ईयू हो कर गुजरेगी, इस संदभ् में मई में ूसी रा£पित लािदमीर पुितन और उनके चीनी समक् शी िजंनिपंग ईएईसी और िस क रोड के बीच अत्यिधक ितयोिगतात्मकता को सहज करने पर सहमत ुए थे। एससीओ, िजसमें दोनों पिरयोजना में सहभागी देश शािमल ह, इस ल य को पाने के िलए एक सुिवधाजनक मंच है, खासकर भारत और पािक तान के समावेश के बाद। ि क्स का नया िडवेलपमेंटल बैंक उफा सम्मेलन के बाद पहले से ही अपना काम ारम्भ कर चुका है। इसकी पूज ं ी संभवत 100 िबिलयन डॉलर हो सकती है।
यह वह िव् पोषण संरचना होगी जो अन्य अन्तररा£ीय िव्ीय संगठनों से वतं होगी, जो कई ूसी कंपिनयों के िलए महत्वपूण् है जो िक पिमी ितबंधों की जद में आ रही ह। इस बैंक की काय् णाली यूरोिपयन िडवेलपमेंटल बैंक के अनुूप ही होगी, यह लघु और मध्यम यवसायों को सहारा देगा, यवसाियक बैंको को कज् उपलब्ध करवाएगा और ि क्स देशों की एकल पिरयोजना को सहारा देगा। यह बैंक आईएमएफ और िव बैंक के संर्ण में चल रहे मौजूदा नेटवक् िजसे पिम यूएस के भुत्व में संचािलत करता
है के समानान्तर बन रहे नए अन्तररा£ीय िव्ीय नेटवक् का िह सा होगा। इसीिलए एिशयन इन् ा र इन्वे टमेंट बैंक की थापना चीन की पहल पर की गई थी। इसकी पूज ं ी 100 िबिलयन डॉलर तक है जहां चीन की िह सेदारी 16 ितशत है और ूस की करीब 6 ितशत है। 40 से अिधक देश इससे पहले ही जुड़ चुके ह जो िक खास तौर पर चीन और ूस के िबना एिशया शान्त ्े में ांस पेिसिफक साझेदारी संरचना के तहत यूएस की अंदर ही अंदर खुद को मजबूत करने की योजना से खुश नहीं है। एआईआईबी
ज द ही िव बैंक और एिशयन िवकास बैंक का ितयोगी बन जाएगा जहां यूएस और जापान का भुत्व है। वे नए बैंक में शािमल नहीं ुए ह। यह प संकते है िक चीन जो िक िव की दूसरी सबसे बड़ी अथ् यव था है, िव बैंक में तथा किथत “दूसरी ण े ी” के मतदाता में शािमल है और इसकी एिशयन िवकास बैंक में केवल 5 ितशत िह सेदारी है जबिक यूएस और जापान की 15 ितशत िह सेदारी है। ि क्स के तहत एक आरि्त मु ा भंडार (करसी िरजव् पूल) भी थािपत िकया जा रहा है। यह रा£ीय पूज ं ी बाजारों
ि क्स के तहत एक आरि्त मु ा भंडार भी थािपत िकया जा रहा है। यह रा£ीय पूज ं ी बाजारों के िलए संकट की पिरि थितयों में ि थरीकरण का उपकरण बन सकेगा।
के िलए संकट की पिरि थितयों में एक ि थरीकरण का उपकरण बन सकेगा। और यह िव बैंक और आईएमएफ से वतं होगा, जो कई बार सहायता देने के एवज में समग्रता में पिम के िहतों में राजनीितक ूप से िे रत शते्ं लगा देते ह। यिद आव यकता ुई तो, हम आज पैसा आवंटन करने के बारे में बात नहीं कर रहे ह, चीन पूल में 41 िबिलयन डॉलर देगा, ूस, भारत एवं ाजील इसमें 18 िबिलयन डॉलर देंगे और दि्ण अ ीका इसमें 5िबिलयन डॉलर देगा। ि क्स अपनी वयं की भुगतान यव था बनाने की योजना बना
रहा है तािक इन अथ् यव था को इन ्े ों में भी पिमी संरचनाओँ से मु िकया जा सके। ूस पहले ही यह अनुभव ले चुका है जब वीजा और मा टर काड् ने उसके बैंकों पर ितबंध लगा िदए थे और चीन ने पहले जब मूलतया अपनी वयं की भुगतान यव था रच ली तब ही उसने इन पिमी यव था को उसके बाजार में आने िदया था। ाजील में िपछले ि क्स सम्मेलन के दौरान एक एकीकृत मु ा की रचना करने की संभावना के बारे में बुत कुछ कहा गया था, जो िक डॉलर व यूरो को भी पीछे छोड़ देती। िपछली बार का सपना उनके समय से थोड़ा जरा आगे का सपना था। बहरहाल यूरो और डॉलर की दीघ्कािलक सम याएं कहीं गई नहीं ह, और जो रा£ पिमी भाव के दब्बू मोहरे नहीं बनना चाहते वे इन सम या से खुद को अलग करने को इस या उस तरीके से अपने एजेंडे पर रखेंग।े इस मामले में, इसका अथ् न केवल चीन से है बि क अन्य ि क्स देशों से है। अपनी वयं की पर पर इलेक् ॉिनक सेटलमेंट यव था की ओर बढ़ कर ि क्स देश देर सवेर एक एकीकृत मु ा की रचना कर ही लेंग।े हकीकत में, यह पहले से ही पूणत् या नई पिरि थितयों में पहले भी हो सकता है जहां केवल डॉलर और यूरो ही िव पर राज नहीं कर रहे ह बि क एक पिरवत्नीय युआन और साथ ही साथ िक्रप्टोकरसी जैसे िबटकॉइन भी ह। ि क्स अपनी वयं की भुगतान णाली बनाने की योजना बना रहा है तािक इन अथ् यव था को पिमी संरचना से मु िकया जा सके ि क्स अपनी वयं की पर पर इलेक् ॉिनक सेटल े मेंट यव था पर काय् कर रहा है, ि क्स देश एक एकीकृत मु ा की देर सवेर थापना कर ही लेंग।े हकीकत में, यह पहले से ही पूणत् या नई पिरि थितयों में पहले भी हो सकता है जहां केवल डॉलर और यूरो ही िव पर राज नहीं कर रहे ह बि क एक पिरवत्नीय युआन और साथ ही साथ िक्रप्टोकरसी जैसे िबटकॉइन भी ह।
नए समीकरणएससीओ देश के ितिनिधयों के बीच कई मायनों में महत्वपूण् यह संमल े न 10 जुलाई को ूस के उफा शहर में आयोिजत ुआ।
‘कागजी शेर’ ? एससीओ में भारत और पािक तान का समावेश ुख पलटने वाला एससीओ का िव तारः ूस को इसकी पुच न केवल मध्य एिशया, उ्र पूव् एिशया बि क दि्ण एिशया यहां तक की मध्य पूव् तक सुिनिश्चत करना है। सेगईे् ोकान, लादीमीर िमखीव आरआईबीआर
जो िक अभी इसका सश िबन्दु नहीं है। भारत एक सश आिथ्क ताकत है िजसकी मध्य एिशया में ुिच है और चीन के साथ उसका यापार बढ़ रहा है।’ िवशेष् आगे कहते ह, ‘यह एससीओ की राजनीितक कृती को भी बदल देगा, िजसे अब तक सही या गलत ूप में मध्य एिशया से यवहार करने वाले चीनी ूसी संगठन के ूप में देखा जाता था। भारत और पािक तान एससीओ को कई मायनों में पिरवित्त करगे। अब सभी द तावेज अंग्रज े ी में भी अनुवािदत िकए जाएंग,े जो अब चाइनीज और ूसी के बाद तीसरी आिधकािरक भाषा बनेगी। यह एजेंडा बदल देगा, खास तौर पर आतंकवाद से मुकाबले के संदभ् में, चूिं क दोनों नव आंगतुक इस सम या का सामना कर रहे ह।’ हालांिक, मा को ि थत हायर कूल ऑफ इकोनॉिमक्स के यूरोिपयन और अन्तररा£ीय अध्ययन केन् के िनदेशक ितमोफेई बोडो्शवे आशंका य करते ह िक आने वाले िदनों में यह सहजता से आगे बढ़ पाएगा। वे कहते ह,”भारत और पािक तान का समावेशन एससीओ
भारत के धान मं ी की ूस या ा साल के अंत में होगी
© PAVEL LISITSYN / RIA NOVOSTI
भारत के र्ा और िवदेश मं ी अक्टबर में मा को का दौरा करगे िजसके दौरान वे नवंबर के अंत और िदसंबर की शुुआत के िलए िनधा्िरत भारत-ूस िशखर वाता् और धानमं ी नरेन् मोदी की ूस या ा के िलए तैयारी करगे। राजनियक सू ने बताया- “भारत के िवदेश मं ी और र्ा मं ी की ूस या ा अक्टबर माह के िलए िनधा्िरत की गई है। वे ूसी-भारतीय िशखर सम्मेलन के िलए तैयारी के उे य से अंतर-सरकारी आयोग के काम में भाग लेंग।े ” उन्होंने यह भी बताया िक भारत के धानमं ी मोदी की ूस या ा “िफ़लहाल नवंबर के अंत-िदसंबर की शुुआत के िलए िनधा्िरत की गई है।”
युपोत की मरम्मत :भारतीय और ूसी इजीिनयरों के हवाले
AFP/EASTNEWS
EPA
थापना के चौदह साल बाद, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का ूसी शहर उफा में मानक सािबत होने वाले सम्मेलन का आयोजन ुआ िजसमें िव तार का रा ता खुला जो न केवल गुणव्ापूण् था बि क संख्यात्मक भी था। एससीओ दो महत्वपूण् ्े ीय शियों भारत और पािक तान को शािमल करने पर सहमत ुआ जो ूस को एिशया में अपनी पुच को बढ़ाने में अितिर अवसर दान करता है। मूलतया, एससीओ का एजेंडा सीिमत था। इसे मोटे तौर पर मध्य एिशया की ि थरता एवं सुर्ा के ृिकोण से गिठत िकया गया था और इसका उे य अितवादी इ लाम और पड़ोसी अफगािन तान से नशीली दवा की
त करी की चुनौितयों का मुकाबला था। अब यह धीरे धीरे िव तार ले रहा है और एक अलग व नए तर की ओर बढ़ रहा है। अब,इसकी जनसंख्यात्मक, भौगोिलक और आिथ्क तथा राजनीितक ताकत का यह वजन एससीओ को ऊंचाई देगा। भारत और पािक तान के अब इसमें जुड़ने के साथ यह कहना अब अिधक समीचीन होगा िक एससीओ अब एक वैिक ताकत के ूप में उभर रहा है? मा को टेट इ टीट्यूट ऑफ इटरनेशनल िरलेशन्स में,एिशया एंव शंघाई सहयोग संगठन अध्ययन केन् के िनदेशक अलेक्जेंडर युिकन दोनों ्े ीय शियों के आगमन को एससीओ के िलए खेल पलट देने वाले कदम के ूप में देख रहे ह,वे कहते ह िक ‘मैं सोचता ू िक यह एक सकारात्मक संकते है और यह एक कदम आगे बढ़ने जैसा है क्योंिक,जब तक िक आप एक बंद रा ते के िसरे पर नहीं पुच जाते, यह अिनित होता है िक अब आगे िकधर जाना है। भारत और पािक तान का वेश, खास तौर पर भारत का आना, एससीओ के अन्दर आिथ्क सहयोग को बढ़ाएगा,
ूस के साथ सहयोग को गहराने से भारत के अंतिर् काय्क्रम का िव तार होगा। भारत के पूवो््र ्े िवकास, धानमं ी काया्लय, कािम्क, लोक िशकायत व पेंशन, परमाणु ऊजा् िवभाग और अंतिर् िवभाग में राज्य मं ी िजतेन् िसंह ने यह राय य की है। संसद में बोलते ुए उन्होंने कहा- “अंतिर् अनुसधं ान के ्े में भारत और ूस के बीच सहयोग से भारतीय अंतिर् अनुसधं ान संगठन (इसरो) के अंतिर् अन्वेषण काय्क्रम का िव तार करने में सहायता िमलेगी। इस सहयोग का संबधं िनम्निलिखत संय ु पिरयोजना से हो सकता है: अनुभव और िवशेष्ों का आदान- दान, अंतिर् णािलयों का िवकास, इस ्े में अंतिर् याि यों और वै्ािनकों को िश्ण।”
के िवकास में एक महत्वपूण् कदम है। इसके साथ ही यह न केवल एक अवसर है, बि क चुनौती भी है। ये दोनों देश बमुि कल ही “दो त” कहे जा सकते ह और वो उनके बीच कई सारे अनसुलझे मुों का सामना कर रहे ह। हम पूरी तरह से िनित नहीं कह सकते िक यह हमें िकस िदशा में ले कर जाएगा- और अिधक सहयोग की ओर या और अिधक असहमितयों की ओर। वहीं दूसरी ओर एससीओ वयं को एक ्े ीय, यूरिे शयाई राजनीितक मंच के ूप में थािपत कर
सकता है जहां पािक तान और भारत के बीच के िववादों को सुलझाया जा सके।” अभी पय्व् े क का तर रख रहे ईरान को क्लब में पूण् सद य के ूप में शािमल करने में और देरी ने एससीओ के महत्वपूण् होने में ह की छाया भले ही डाली हो पर अन्य अिभलाषी नवांगतुकों को रोक नहीं पा रही है। इिज, अन्य में से एक, ने वाता् साझेदार (डायलॉग पाट्नर) के तर के िलए आवेदन िकया है, अभी यह तर बेलाूस, तुकी् और ीलंका को हािसल है।
ूस के िलए, इच्छुकों के गठबंधन का फलना एिशया के ित केन् ण की ाियकता को बढ़ाता है, चूिं क यह अपना िव तार और पुच न केवल मध्य एिशया और उ्र पूवी् एिशया बि क दि्ण एिशया और यहां तक िक मध्य एिशया तक बढ़ा रहा है। जो यास पांच देशों ( द शंघाई फाइव)के एक थानीय समूह के ूप में शुू ुआ था वो अब एक िवकट गठबंधन के ूप में आगे बढ़ रहा है। आज, एससीओ को एक ‘कागजी शेर’ के ूप में खािरज नहीं िकया जा सकता।
तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर और 1600 लोगों को एक साथ ले जाने की ्मता वाला युद्धपोत आईएनएस िवक्रमािदत्य की पहली मरम्मत फरवरी 2016 में होगी। 44,500 टन के युद्धपोत की मरम्मत का िजम्मा भारतीय और ूसी इजीिनयरों के हवाले होगा। र्ा मं ालय के सु ों के मुतािबक आईएनएस िवक्रमािदत्य की मरम्मत गुजरात में ि थत पीपावाव िशपयाड् पर िकए जाने की संभावना है जो अिनल अंबानी की कंपनी िरलांयस इ ा का िह सा है। र्ा मं ालय का अनुमान है िक ब्यौरे को देखते ुए मरम्मत में चार महीने का व लग सकता है। िवक्रमािदत्य को भारत ने ूस से खरीदा है िजसे 16 नवंबर 2013 में भारतीय नौसेना के हवाले िकया गया था।
3 से 6 िसतम्बर तक, ूस की राजधानी मा को में होगा भारतीय िफ म समारोह
ूसी मातृयो का : सु िसद्ध लकड़ी की गुिड़या में िछपे कई राज ूस से कोई मृितिचन्ह ले जाने की बात आती है तो तत्काल जो छिव िदमाग में उभरती है वह होती है एक परतदार संरचना के साथ मातृयो का गुिड़या। एलेनाको टोमारोवा आरआईबीआर
हकीकत में, यह सु िसद्ध लकड़ी की गुिड़या महज 19वीं सदी से ताुक रखती है। तो इस िसद्ध गुिड़या का मूल क्या है? “मातृयो का” शब्द “मातृयोना” शब्द से आया है, जो उस दौर में बुत ज्यादा लोकि य था। इस नाम का अथ् है “आदरणीय मिहला”, “पिरवार की मां” या “मम्मी” इन सबका सौम्य तीक है “मातृयो का”। मा को ि थत ऑल रिशयन म्यूिजयम ऑफ डेकोरेिटव, एप्लाइड और फॉक आट् की िनदेशक येलने ा िटटोवा समझाती ह, “सभी ूसीयों के िलए मातृयो का सीधे से मातृयोना है, मिहलाओँ के वा थ्य, उव्रता का तीक, एक बुत सुन्दर
DPA/VOSTOCK-PHOTO
आप िकसी भी ूसी मृित िचन्ह की दुकान में कदम रिखए और आप वहां इन्ह ही पाएंग।े कतार दर कतार चमकीली, फूली ुई, सजी संवरी मिहलाएं, गुलाबी गाल वाली, चमकीली आंखों वाली, लकड़ी के चेहरों वाली, चटख रगों की पोशाक और परम्परागत गहने पहने ये आलमारी में सजी होंगी। इन लकड़ी की आकृितयों
में से िकसी एक के ऊपरी आधे िह से को जरा घुमाइये और एक ूबू लेिकन थोड़ी छोटी ितकृित अन्दर से कट होगी। उस ितकृित के ऊपरी आधे िह से को घुमाइए और एक और ितकृित अन्दर से िनकलेगी। एक के बाद एक, एक के बाद एक घुमाते जाइए और हर बार आप को एक और छोटी ितकृित िमलती जाएगी। ूसी गुिड़या मातृयो का, जैसा की ूसी उन्ह पुकारते ह, ूस के सबसे ज्यादा जाने पहचाने िचन्हों में से एक है। जहां इसे हर तरफ रा£ की ाचीन काकला एवं सजावटी ह तकला का एक उदाहरण माना जाता है, वहीं वा तव में मातृयो का, उससे कहीं जवान है िजतना उसकी िसद्धी उसे बताती है।
ूसी गुिड़या मातृयो का ।
मिहला िवन्यास और पिरवार का तीक।” एक धारणा के अनुसार, ूसी मातृयो का की एक संबधं ी गोलू मोलू गुिड़या बौद्ध संत बोधीधमा् का मूती् ूप है, जो िक इस ाचीन धम् के मुख धम्गुु में से एक ह और शाओिलन मठ के सं थापक थे। उनका जापानी में नाम दाूमा है। कोकेशी गुिड़या, िजसे ब ों को जन्तर के तौर पर िदया जाता है, भी मातृयो का के साथ िमलती जुलती होने के िलए जानी जाती है। हालांिक यह जापानी गुिड़या एक अन्य ूसी गुिड़या, ितनकों की गुिड़या ( ॉ डॉल) के साथ ज्यादा नजदीकी समानता रखती है, जो िक सभी पुराने िकसान घरों में पाई जाती है।
मातृयो का के बड़े भाई की पदवी के िलए सबसे समुिचत त्याशी है जापानी बुजगु ् फुकू ु मु। बुिद्ध के देवता की इस लकड़ी की संरचना के अन्दर छह और आकृितयां होती ह िजन्ह उनके िर तेदार या अन्य छोटे जापानी देवताओँ के ूप में िचि त िकया होता है। कुछ का मानना है िक मातृयो का का मूलूप 1800 में िसद्ध कला संर्क स वा ममोन्तोव की पत्नी के द्वारा जापान से ूस लाया गया था। 19 वीं सदी के दूसरे उ्राद्ध् में पूव् का सब कुछ फैशन में आ कर पूरे ूस पर छा गयाः कपड़े, छपाई, मूित्यां। यहां तक िक स ाट िनकोलस िद्वतीय एक जन्तर के ूप में नेटसुक अपनी जेब में रखते थे।
ALAMY/LEGION MEDIA
ूस में होने वाले भारतीय िफ म समारोह में “पीकू” “हैदर” और “िदल धड़कने दो” जैसी बुचिच्त िफ़ में िदखाई जाएंगी। ये जानकारी “इिडयन िफ म फेि टवल व ड्वाइड” के रचनात्मक िनदेशक आर सी दलाल ने एक स े िव्ि के जिरए दी। इस िफ म फेि टवल का आयोजन ूस की राजधानी मा को में 3 से 6 िसतम्बर तक िकया जायेगा, िजसका उे य भारत और ूस के मनोरजन उद्योग को करीब लाना है। इसके साथ ही यह समारोह ूसी दश्कों के सम् भारतीय िसनेमा उद्योग से जुड़े अनेक सां कृितक और रचनात्मक पहलु को उजागर करेगा। आर. दलाल ने कहा- “राज कपूर की िफ मों के बाद ूस में यह िफ म-महोत्सव भारत के साथ जुड़ा सबसे बड़े पैमाने का समारोह होगा।”