शिक्षा के छे त्र में सामयिक परिवर्तन हे र्ु साल्ज़बर्त का आमंत्रण एवं कथन शिक्षा के क्षेत्र में सामयिक परिवर्तन
हे र्ु एक वैश्ववक क्षण
सामयिक समस्िा
शिक्षाविद्, शिक्षा का नेतत्ृ ि करने िाले, , शिक्षा के नीतत तनमातता, और शिक्षा के क्षेर में फंडडंग करने िाली संथिाए एक साि शमल कर हर संदभत में यह
तनणतय ले रहे हैं कक सीखने-शसखाने तिा
की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक सुिार के शलए क्या- क्या
युिाओं को उनके भविटय के शलए तैयार करने के शलए शिक्षा में सामतयक एिं पारथपररक पररिततन के शलए एक बड़ी संख्या में हमारी दृस्टट सुिार पर
नहीं बस्ल्क सामतयक पररिततन पर केंदित होनी चादहए। एक तरफ िहाुँ सुिार प्रकियाओं से िुरू होता है और प्रणाली में सुिार करता है , उसी प्रकार सामतयक पररिततन मल् ू यों और मानशसकता से िरू ु होता को ही बदल दे ता है ।
सुिार का पररणाम, मौिूदा प्रणाली को
एक बेहतर संथकरण दे ना होता है , िही दस ू री ओर शिक्षा प्रणाली में सामतयक पररिततन का पररणाम होता है एक शभन्न शिक्षा प्रणाली का सि ृ न करना। प्रत्येक युिा को िीिन भर फलने-फूलने के शलए तैयार करने के शलए, हमें सामतयक पररिततन पर ज्यादा ध्यान दे ना चादहए और सुिार एिं
िद् ु ार पर कम िोर ृ धििील सि
दे ना चादहए।
साल्ज़बगत ग्लोबल फैलो, मई 2022 कायतिम शिक्षा फ्यूचसत: िेवपंग ए न्यू एिक ु े िन थटोरी िैस्श्िक िोि द्िारा महत्िपण ू त बदलाि (https://big-change.org/ new-education-story/) और यूनेथको द्िारा शिक्षा में शलए पहल का भविटय (https:// en.unesco.org/futuresofeducation). ररपोटत सामतयक
प्रश्न पूतने
के शलए िुरुआती बबंद ु के रूप में कायत करती है । प्रासंधगक बनाना एिं उधचत कियाओ को पहचानना शिक्षा के उद्दे श्यों लाने के शलए एक सामदू हक प्रयास है ।
और
कई
ककया है । इस महामारी तिा सामास्िक संकटों ने शिक्षा में
अपना लक्ष्य क्या बनाना है और िहां तक कैसे पहुुँचना है ।
िहाुँ एक तरफ शिक्षा में
COVID- 19 महामारी
बदलाि
से सोचने का एक उधचत एिं अनूठा अिसर प्रदान करता है कक हमें
है और शिक्षा प्रणाली के उद्दे श्यों
में
पररस्थिततक संकटों ने दतु नया भर में शिक्षा के महत्त्ि को प्रकट
िोड़ा ठहर कर बड़े प्रश्न पूतने और इस बारे में अलग तरह
िैस्श्िक सहमतत उभर रही है और इस समय
िर्षों
आि
लाए िा सकते हैं। यह क्षण हमें एक अनूठा अिसर प्रदान करता है और
विगत
में पररिततन
सामतयक पररिततन के अिसरों को भी गहन िगह दी है । इन संकटों ने अधिगम और समानता के बारे में हमें सिग ककया एिं विचारणीय सीख दी तिा सीखने की प्रकिया को तनरं तरता प्रदान करने में प्रौद्योधगकी के महत्ि पर भी प्रकाि डाला है । इन संकटों ने हमें समझाया है कक थकूल में तारों, शिक्षकों, माता- वपता और दे खभाल करने िालों और समदाु यों को िाशमल करना एिं उनकी भागीदारी ककतनी महत्िपण ू त है । इस बात पर भी ज़ोर ददया गया है कक आत्म िागरूकता को बढािा दे ना, ररश्तों को समझना एिं उन्हें संभालना िैसे कौिल सीखना, भािनाओं को वितनयशमत एिं अशभव्यक्त करना, अलग अलग दृस्टटकोण की सराहना कर िीिन में आने िाली पररस्थिततयों के प्रतत लचीलेपन के कौिल का विकास करना करना भी उतना ही महत्िपण ू त है स्ितना की साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान का तनमातण करना। इन संकटों ने हमें समझाया
है कक
कैसे हमारी शिक्षा प्रणाली और विकशसत हो सकती है , अंततः सभी तारों को समग्र रूप से विकशसत करने में ककस प्रकार सहायक हो सकती है ।
शिक्षा का भववष्ि:शिक्षा की नई कहानी को आकाि दे ना मई २०२२ में , २० दे िों के ५१ साल्ज़बगत ग्लोबल फेलो ने एक साि आ कर शिक्षा के बारे में कुत चुनौतीपण ू त और मस्ु श्कल प्रश्नों को उठाया, िैसे कक:
हम ककस तरह के समाि को विकशसत करने का लक्ष्य
बना रहे हैं और एक पररितततत शिक्षा प्रणाली हमें िहां पहुंचने में कैसे मदद कर सकती है ?