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गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका
NON PROFIT PUBLICATION
अप्रेर- 2013
FREE E CIRCULAR
गुरुत्ल ज्मोसतऴ ऩत्रिका अप्रेर 2013 वॊऩादक
सिॊतन जोळी वॊऩका गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग
गुरुत्ल कामाारम
92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) INDIA
ई- जन्भ ऩत्रिका अत्माधुसनक ज्मोसतऴ ऩद्धसत द्राया उत्कृ ष्ट बत्रलष्मलाणी के वाथ १००+ ऩेज भं प्रस्तुत
पोन
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ऩत्रिका प्रस्तुसत
सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक.ऎन.जोळी पोटो ग्राफपक्व
सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक आटा शभाये भुख्म वशमोगी
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी (स्लस्स्तक वोफ्टे क इस्न्डमा सर)
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फशॊ दी/ English भं भूल्म भाि 750/GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) INDIA Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com
अनुक्रभ नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम
7
ऩॊिाॊग गणना का भूर आधाय?
9
नलदग ु ाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं ..
वप्तश्र्लरोक दग ु ाा दग ु ाा आयती
34 34
10
सवद्धकुॊस्जकास्तोिभ ्
35
आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि
12
35
दे ली कलि दब ु ााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै
दग ु ााष्टकभ ्
14
बलान्मष्टकभ ्
36
भनोकाभना ऩूसता शे तु नलयाि भं दे ली को…
16
षभा-प्राथाना
36
भाॉ दग ु ाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शे तु वयर वाधनाएॊ
18
दग ु ााष्टोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ्
37
नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय नलयाि भं दव भशात्रलद्या क उऩावना…
21
त्रलश्वॊबयी स्तुसत
38
ळाऩ त्रलभोिन भॊि
39
श्रीकृ ष्ण कृ त दे ली स्तुसत
40
नलयािी भं ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम
22 25
िैि नलयाि भं नलदग ु ाा आयाधना त्रलळेऴ परदामी
27
भाॊ के ियणं सनलाव कयते वभस्त शं तीथा
41
28
श्री भाकाण्डे म कृ त रघु दग ु ाा वद्ऱळती स्तोिभ ्
42
नलदग ु ाा यषाभॊि
43 43
दल ु ाा ऩूजन भं यखे वालधासनमाॊ
िैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शं ।
29
नल दग ु ाा स्तुसत
नलयाि व्रत क वयर त्रलसध?
31
श्रीकृ ष्ण कृ त दे ली स्तुसत
33
दे ली उऩावना भं उऩमुि एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ
44
ऋग्लेदोि दे ली वूिभ ्
33
गुरु ऩुष्माभृत मोग
45
शभाये उत्ऩाद बाग्म रक्ष्भी फदब्फी
12
भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि
13 28
भॊि सवद्ध दर ा वाभग्री एलॊ भारा ु ब
याळी यत्न
57
भॊि सवद्ध रूद्राष
58
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि / कलि
59 60
वला कामा सवत्रद्ध कलि
46
याभ यषा मॊि
शभाये त्रलळेऴ मॊि
47
जैन धभाके त्रलसळष्ट मॊि
वलासवत्रद्धदामक भुफद्रका
घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्ध भशामॊि
61 62
अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कलि
63
द्रादळ भशा मॊि
48 49
ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि एलॊ ळसन तैसतवा मॊि
52
याळी यत्न एलॊ उऩयत्न
63
नलयत्न जफित श्री मॊि
53
वला योगनाळक मॊि/
80
श्री शनुभान मॊि
54
भॊि सवद्ध कलि
82
लाशन दघ ा ना नाळक भारुसत मॊि ु ट
54
YANTRA LIST
83
त्रलसबन्न दे लता एलॊ काभना ऩूसता मॊि वूसि
55
GEM STONE
85
त्रलसबन्न दे ली एलॊ रक्ष्भी मॊि वूसि
55
PHONE/ CHAT CONSULTATION
86
स्थामी औय अन्म रेख वॊऩादक म
4
दै सनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका
76
अप्रेर 2013 भासवक यासळ पर
64
फदन-यात के िौघफडमे
77
अप्रेर 2013 भासवक ऩॊिाॊग
68
फदन-यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक
78
अप्रेर 2013 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय
70
ग्रश िरन अप्रेर 2013
79
अप्रेर 2013-त्रलळेऴ मोग
76
शभाया उद्दे श्म
88
त्रप्रम आस्त्भम फॊध/ु फफशन जम गुरुदे ल
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथव ा ासधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामस्ण नभोऽस्तुते॥ वृत्रष्टस्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रिबूते वनातसन। गुणाश्रमे गुणभमे नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
अथाात: शे दे ली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथं को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिं लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शं । आऩ वृत्रष्ट का ऩारन औय वॊशाय कयने लारी ळत्रिबूता वनातनी दे ली, आऩ गुणं का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी दे ली तुम्शं नभस्काय शै । इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शं । स्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩं का नाळ शोता शै । भाॊ जननी वृत्रष्ट फक आफद, अॊत औय भध्म शं ।
दे ली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsस्खरस्म।
ऩवीद त्रलश्वेतरय ऩाफश त्रलश्वॊ त्लभीश्चयी दे ली ियाियस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीिा दयू कयने लारी दे ली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शं। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शं। त्रलश्वेश्वयी दे ली त्रलश्व फक यषा कयो। दे ली आऩ फश एक भाि ियािय जगत फक असधश्वयी शो।
नलयाि के नौ फदनं भं तीन दे त्रलमं क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय दे ली के नौ रुऩं का कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्मािारयणी, िॊद्रघण्टा, कूष्भाण्डा, स्कॊदभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शं । नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता शं , अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩं
का ऩूजन फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं । उवी
प्रकाय नौ दे लीमं को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी, तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन कुष्भाण्डा, ऩॊिभ ् फदन स्कन्द भाता, ऴष्ठभ ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ ् फदन कारयात्रि, अष्टभ ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं ।
नलयाि अथाात भाॉ दग ् उत्ऩत्रत्त, ु ाा क उऩावना भं वभत्रऩात नौ यात। दग ु ाा का अथा शं , दग ु सा त नासळनी शं , जगतक
ऩारन एलॊ वॊिारन तीनं व्मलस्थाएॊ स्जव ळत्रि के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ आफदळत्रि बगलती
शं । भाॉ दग ु ाा के रुऩ अनॊत शं , रेफकन दे ली को प्रधान नौ रूऩं भं नलदग ु ाा के नाभ वे जाना जाता शं । आफद ळत्रि भाॉ दग ु ाा वभग्र रोक भं अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै , भाॉ दग ु ाा अऩने बिं भं वद्द गुणं का त्रलकाव कयके उनभं अऩनी ळत्रि का वॊिाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रास्णमं का वॊिारन कयती शै ।
आज बौसतकता भं यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन क ळाॊसत नशीॊ सभरती। ऐवे भं शय तयश वे सनयाळ औय शाया िुका भनुष्म मफद भाॊ दग ु ाा क ळयण रेता शै जो सनस्श्चत शी भाॉ दग ु ाा उवक दग ु सा त का सनलायण कयती शी शै ।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रि क कृ ऩा वे भनुष्म भं आत्भफर, द्दढ़ त्रलश्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रि जैवे वद्गण ु ं का त्रलकाव
शोता शं । जीलन के इन्शीॊ भूल्मं को वभझ कय भनुष्म जीलन भं वच्िा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता शै । अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै । इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल कय फदखाने क ळत्रि दे ली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शं ।
भाॊ दग ु ाा का ऩूजन फशन्द ू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण शं क वैकिं लऴो वे दे ली दग ु ाा का ऩूजन
छोटे -फिे वबी प्रादे सळक षेिं भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं । दे ली दग ु ाा को आद्य ळत्रि बगलती का वाषात स्लरुऩ भाना
जाता शं । दे ली दग ु ाा क भफशभा अऩयॊ ऩाय शं , जो अऩने बिं के द्ु खं का नाळ कयने लारी, दष्ट ु ं वे यषा कयने लारी एलॊ अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात दे ली शं ।
नलयाि के दौयान दव भशात्रलद्या का ऩूजन बी त्रलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शं क्मोक इन को दे ली दग ु ाा के शी
दव रूऩ भाने जाते शं । दवं भशात्रलद्या भं शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम ळत्रि वे भनुष्म के वभस्त वॊकटं को दयू कयने लारी शं । इन दव भशात्रलद्याओॊ के भशत्ल को त्रलसबन्न धभाळास्त्रों भं अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना गमा शं ।
नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दयू
कय वकता शं । नलयाि का वभम ग्रशं को ळाॊत कयने शे तु वलोत्तभ वभम भाना जाता शं । क्मोफक नलयािी के दौयान प्रकृ सत भं शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभास्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म क आध्मास्त्भक ळत्रि एलॊ उवक वॊमभ ळत्रि का अत्मासधक उच्ि स्तय क शोती शं । मफश कायण शं क इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद अत्मासधक राबप्रद भानी गई शं । मफद भनुष्म फकवी ग्रशं वे ऩीफित शो, तो लश इन नौ फदनं भं दे ली दग ु ाा के ऩूजन के वाथ भं मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शं , नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै । त्रलद्रानं का कथन शं क दे ली दग ु ाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शं । धभा ळास्त्रों भं
वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ दे ली आद्यळत्रि बगलती वे भाना गमा शं । मफद जन्भ कुॊडरी (जातक/ जन्भ ऩिी)
भं कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को दे ख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शं स्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकूर प्रबाल के स्थान ऩय अनुकूर प्रबाल प्रदान कयं ।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकूर फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शं , नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शं । इव अॊक भं प्रकासळत कलि वे वॊफॊसधत जानकायीमं के त्रलऴम भं वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शं , मफद दळाामे गए कलि के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भं, फडजाईन भं, टाईऩीॊग भं, त्रप्रॊफटॊ ग भं, प्रकाळन भं कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रं मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न कलिो क सनभााण ऩद्धसत एलॊ प्रबालं का लणान कयने भं बेद शोने ऩय कलि क , ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालं भं सबन्नता वॊबल शं ।
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती क कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय फनी यशे । भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शं … सिॊतन जोळी
6
अप्रेर 2013
***** लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत वूिना ***** ऩत्रिका भं प्रकासळत लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं दे ली उऩावना वे वॊफॊसधत रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायं के वाथ शी आयस्षत शं । लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक भं लस्णात रेखं को नास्स्तक/अत्रलश्वावु व्मत्रि भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शं । दे ली उऩावना का त्रलऴम आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत फकमा शं । लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभास्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शं । लावॊसतक नलयाि वे वॊफॊसधत वबी जानकायीक प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक क नशीॊ शं औय ना शीॊ प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल क स्जन्भेदायी के फाये भं जानकायी दे ने शे तु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शं । लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेखो भं ऩाठक का अऩना त्रलश्वाव शोना आलश्मक शं । फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भं त्रलश्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा। लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय क आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी। लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शं । शभ फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे लावॊसतक नलयाि, भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोक स्जन्भेदायी नफशॊ रेते शं । मश स्जन्भेदायी लावॊसतक नलयाि, भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रि फक स्लमॊ फक शोगी। क्मोफक इन त्रलऴमो भं नैसतक भानदॊ डं, वाभास्जक, कानूनी सनमभं के स्खराप कोई व्मत्रि मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शे तु प्रमोग कताा शं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ वॊबल शं । लावॊसतक नलयाि त्रलळेऴाॊक वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब क शानी मा शानी क स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक क नशीॊ शं । शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी दे ली उऩावना क जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शं स्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कलि, भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शुई शं ।
असधक जानकायी शे तु आऩ कामाारम भं वॊऩका कय वकते शं । (वबी त्रललादो केसरमे केलर बुलनेश्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
अप्रेर 2013
7
नल वॊलत्वय 2070 का ऩरयिम
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नल लऴा िैि ळुक्र प्रसतऩदा 11-अप्रैर-2013 वे ळुरू शोने लारे त्रलक्रभ वॊलत 2070 का नाभ ऩयाबल शै । त्रलक्रभ वॊलत 2070 क ळुरुआत सवॊश रग्न भं शोगी। फशन्द ू ऩॊिाॊग के अनुवाय प्रसत लऴा फदरने
लारे वॊलत्वय के वाथ अरग-अरग ग्रश वॊलत्वय के स्लाभी, याजा ल भॊिी सनधाारयत शोते शं , उन्शी ग्रशं का अवय रोगं ऩय लऴा बय फदखाई दे ता शै । ऩयाबल वॊलत का याजा गुरु (फृशस्ऩसत) ल भॊिी ळसनदे ल शंगे। ज्मोसतऴीम गणना के आधाय ऩय नल वॊलत्वय के सरए ग्रशं के त्रलबागं का फॊटलाया शो िुका शं । इव वॊलत का स्लाभी गुरु शै ज्मोसतत्रऴम गणनाओॊ के अनुवाय मश लऴा वॊघऴा बया यशे गा। वत्ता ऩष भं वेलायत रोगं के सरए लऴा अच्छा नशीॊ शं । वत्ता ऩष वे जुिे रोगं के फीि भं आऩवी भतबेद फढ़े गे अन्म रोगो उव का राब उठाएॊगे। ळुक्र एलॊ िॊद्र दोनं वुख, वभृत्रद्ध एलॊ वौन्दमा प्रधान ग्रश, शोने के कायण अऩने ऩदं ऩय आसवत शो कय ऩूये वारबय रोगं का वुख, ऐश्वमा, आफद के प्रसत त्रलळेऴ झुकाल यशे गा। इव लऴा ग्रश स्स्थती के अनुवाय कृ त्रऴ औय लऴाा क स्स्थसत बी उत्तभ यशने के वॊकेत सभर यशे शं । दग्ु ध औय डे यी वे
वॊफॊसधत कामा वे जुडे रोगं को त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी। इव लऴा गुरु (फृशस्ऩसत) याजा शोने वे सळषा षेि का खुफ प्रिाय-प्रवाय एलॊ त्रलकाव शोने का मोग फनेगा। इव लऴा अध्ममन कामा एलॊ आध्मास्त्भक कामं वे जुडे रोगं त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोने के मोग फन यशे शं । इव लऴा ळसन भॊिी शोने के कायण दे ळ क न्माम प्रणारी भं नमे फदराल एलॊ भजफूती शोने क ऩूणा वॊबालनाएॊ शं । भफशराओॊ का प्रबुत्ल फढ़े गा, भफशराओॊ के असधकायं भं लृत्रद्ध शोगी। वभास्जक, धासभाक कामं वे जुिे रोगं के सरए मश लऴा त्रलळेऴ राबप्रद यशे गा।
वॊलत्वय 2070 का भॊत्रिभॊडर गुरु याजा,
ळुक्र दग ु ेळ, भेघेऴ ल परेळ,
भॊिी ळसन,
वूमा धान्मेळ ल
भॊगर ळश्मेळ,
िॊद्र धनेळ शंगे।
8
अप्रेर 2013
यासळमं ऩय प्रबाल ग्रशो का प्रबाल। भेऴ- धन राब के मोग अच्छे शं त्रलसबन्न वुख-वाधन क प्रासद्ऱ शोगी। लृऴब- आऩके वुख वाधनं के वाथ वाभास्जक भान-वम्भान भं बी लृत्रद्ध शोगी। सभथुन- योजगाय षेि भं उत्तभ राब क प्रासद्ऱ शोगी, धासभाक मािाएॊ राबप्रद यशे गी। कका- स्लास््म भध्मभ यशे गा, आसथाक लऴा बय आकस्स्भक राब सभरता यशे गा। सवॊश- ऩुयानी ऩये ळासनमं वे छुटकाया सभरेगा, ऩारयलायीक वुख भे लृत्रद्ध शोगी। कन्मा- रुके शुले कामं भं वपरता प्राद्ऱ शोने वे आसथाक स्स्थती वुधये गी। तुरा- स्लास््म वॊफॊसधत वभस्मा यशे गी, वॊतान ऩष वे वुख क प्रासद्ऱ शोगी। लृस्श्चक- कफठन प्रमावं के अनुरुऩ राब प्राद्ऱ शोगा, ऩारयलायीक रयश्तं भं वुधाय शोगा। धनु - एकासधक स्त्रोोत वे धन राब क प्रासद्ऱ वे त्रलसबन्न वुखं क प्रासद्ऱ शोगी। भकय- कामा षेि भं वपरता सभरेगी आसथाक राब प्राद्ऱ शोगा। कुॊब- आऩक भशत्लऩूणा मोजनाएॊ ऩूणा शोगी, त्रलळेऴ राब क प्रासद्ऱ शोगी। भीन- छोटी-भोटी रुकालटं के उऩयाॊत बी आसथाक राब प्राद्ऱ शोता यशे गा।
वबी प्रकाय के वुख-ळाॊसत एलॊ वभृत्रद्ध के सरए अऩने ऩूजन स्थान भं ळुद्ध घी का दीऩक जराएॊ, इस्वे आने लारे लऴा बय
वुख-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती यशे गी। फकवी धभास्थर ऩय ऩूजन कय ऩॊिाॊग आदी धासभाक ऩुस्तल ल ग्रॊथो का दान तथा उवक परश्रुसत वुनने वे गॊगा स्नान के वभान पर प्राद्ऱ शोता शं ।
ऩयाबल वॊलत्वय का पर फताते शुले ळास्त्रोकायं ने इव प्रकाय फतामा शं ।:-
ऩयदाययतश्चैल ळठ् स्लऩयफान्धल्।
ऩयाबलवभुद़्बूत् धनधान्मत्रललस्जॊत्॥
अथाात: स्जव जातक का जन्भ ऩयाबल नाभ के वॊलत्वय भं शोता शं , लश ऩयाई स्त्रोी वे प्रीसत कयने लारा, धूत,ा अऩने ल ऩयामे जनं का फान्धल औय धनधान्म वे यफशत शोता शं । ऩयाबल वॊलत्वय भं उत्ऩन्न जातक असधक फुत्रद्धभान औय सानी नशीॊ शो वकते। जातक का आियण बी स्लजनं वे औय त्रप्रमजनं वे अनुसित यशता शं , जातक कटु बाऴी शोता शं , इव सरए जातक वे उवके वॊफॊसध बी उवका वाथ छोि वकते शं । एवे जातक के वभाज भं अनादय शोते दे खा जा वकता शं । जातक क आम के स्त्रोोत बी वीसभत शोते शं , मफद स्त्रोोत शो बी तो उवभं उवे उसित राब नशीॊ शो वकता। जातक का जीलन त्रलसबन्न वभस्माओॊ वे ग्रस्त शो वकता शं । मफद जन्भ कुण्डरी भं अन्म ग्रश स्स्थती अनुकूर शो तो अळुब प्रबाल भं कभी आती शं ।
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ऩॊिाॊग का भूर आधाय?
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी, त्रलजम ठाकुय फशन्द ू वॊस्कृ सत भं ऩॊिाॊग का त्रलळेऴ भशत्ल शै । शभाये मशाॊ ऩॊिाॊग भं लस्णात सतसथ, ऩष, ग्रश, नषि आफद क
स्स्थती के आधाय ऩय जीलन के त्रलसबन्न 16 वॊस्कायं वे रेकय मािा इत्माफद कामं शे तु बी ळुब भुशूता का िमन कयने ऩय त्रलळेऴ जोय फदमा जाता शं ।
ळुब भुशूता दे खने का भुख्म उद्दे श्म शोता शं क व्मत्रि को अऩने ळुब कामा भे सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शो वके
भुख्मत् अमन, त्रलऴुल, ऋतु, वूमा एलॊ िॊद्र, ऩष, सतसथ, नषि, कयण, मोग, वूमोदम ल िॊद्रोदम, फदनभान, यात्रिभान औय ऩॊिाॊग के भुख्म अॊग भाने जाते शं । उऩयोि वबी भशत्लऩूणा स्स्थतीमं का गस्णत के आधाय ऩय वूक्ष्भ त्रलश्लेऴण फकमा जाता शै । त्रलद्रानो के भत वे लैफदक प्रणारी भं इनका कोई त्रलळेऴ सनदे ळ नशीॊ शै । रेफकन कारगणना भं ऩरयळुद्धता के सरए इन्शं अऩनामा जाता शं । ऩृ्ली वूमा के आकऴाण वे सनधाारयत एक सनमत भागा भं वतत भ्रभण कयती शै । वाधायणत् ऩृ्ली वे वूमा स्जव भागा ऩय िरता शुआ प्रतीत शोता शै , उवे ज्मोसतऴ क ऩारयबात्रऴक ळब्दालरी भं क्राॊसतलृत्त अथाात एकसरस्प्टक
(Ecliptic) कशते शं । इव क्राॊसतलृत्त भागा के 9 अॊळ वे फने त्रलस्ताय को बिक्र कशते शं । ऩृ्ली क सनमत गसत के कायण शी अमन, त्रलऴुल, ऋतु एलॊ फदन-यात शोते शं । वॊक्राॊसत सनधाायण औय ऩॊिाॊग शं ।
क ऩरयळुद्धता भं अमन औय त्रलऴुल सतसथमं क बूसभका प्रभुख भानी जाती
स्जव प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वूमा क्राॊसतलृत्त वे यशता शै उवी प्रकाय ऩृ्ली का वॊफॊध वे िॊद्र अऩने सनस्श्चत भाग्र
भं भ्रभण कयता शै । अन्म ग्रशो क अऩेषा िॊद्र असत ळीघ्र गसत कयता शै इव सरए िॊद्र जफ वूमा वे 12 अॊळं के अॊतय ऩय आता शै , तफ एक सतसथ का क्रभ ऩूया शो जाता शै । इव प्रकाय क्रभळ् 12-12 अॊळं के अॊतय वे सनमसभत सतसथमाॊ फदरती शं । बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का भशत्ल
बायसतम वॊस्कृ सत भे भुशूता का त्रलळेऴ भशत्ल शं । शभाये ऋत्रऴ-भुसन त्रलद्रान आिामं ने जन्भ वे अॊत्मेत्रष्ट(भृत
व्मत्रि फक अॊसतभ फक्रमा) तक वबी वॊस्कायं एलॊ अन्म वबी भाॊगसरक कामं के सरए भुशूता का त्रलधान आलश्मक
फतामा गमा शं ।फकवी कामा त्रलळेऴ भं वपरता फक द्ऱासद्ऱ शे तु सनस्श्चत भुशूता का िुनाल फकमा जाता शं । बायतीम
ज्मोसतऴ सवद्धान्त के अनुळाय शय भुशूता का अऩना लैसासनक प्रबाल एलॊ भशत्ल शं । कोई बी व्मत्रि इन भुशूता के प्रबाल एलॊ भशत्ल के फाये भे ऩूणा जानकायी प्राद्ऱ कय व्मत्रि अऩने फकवी बी कामा उद्दे श्म भं त्रलळेऴ वपरता प्रासद्ऱ
शे तु उसित भुशूता का िुनाल कय वपरता प्रासद्ऱ फक वॊबालना फढा वकते शं । एलॊ ज्मोसतऴीम भत वे ळुब पर प्रदान कयने लारे भुशूता भं फकमे गमे कामो भं उव कामा क वपरता क वॊबालना कई गुणा फढ़ जाती शै ।
प्राम् शय भुशूता का सनणाम ब्रह्माॊड भं स्स्थत ग्रशो फक स्स्थसतमं फक गणना कय फकमा जाता शं । बायसतम
वॊस्कृ सत भं प्राम् शय ळुब कामा भं बायत के प्रभुख 16 वॊस्कायो को वॊऩन्न कयने शे तु भुशूता का िुनाल असत
आलश्मक भाना गमा शं । क्मोफक ळुबा भुशूता भं फकमे गमे शय ळुब कामा अत्मासधक ळुब पर प्रदान कयने लारे शोते शं ।
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अप्रेर 2013
नलदग ु ाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शं ..
सिॊतन जोळी ळैरऩुिी
दे ली कशा जाता शं । इनके घण्टे वी बमानक प्रिॊड ध्लसन
भाॊ के ळैरऩुिी को ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के मशाॊ ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा जाता शं । भाॊ ळैरऩुिी को ळास्रों भं तीनो रोक के वभस्त लन्म जील-जॊतुओॊ का यषक भाना गमा शं । इवी कायण वे लन्म जीलन जीने लारी वभ्मताओॊ भं वफवे ऩशरे ळैरऩुिी के भॊफदय क
स्थाऩना क
जाती शं स्जव वं
उनका सनलाव स्थान एलॊ उनके आव-ऩाव के स्थान वुयस्षत यशे । भाॊ ळैरऩुिी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को
वे अत्मािायी दै त्म, दानल, याषव ल दै ल बमसबत यशते शं । िन्द्रघण्टा का ऩूजन कयने वे व्मत्रि का भस्णऩुय िक्र जाग्रत शो जाता शं । दे ली क उऩावना वे व्मत्रि को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसधव्मासध वे भुत्रि सभरती शं । इवके उऩयाॊत व्मत्रि को
सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं । व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं । व्मत्रि स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं ।
शभेळा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं । अथाात उवे स्जलन
िन्द्रघण्टा को सान क दे ली बी भाना गमा शै ।
भं धन एलॊ अन्म वुख-वाधनो को कभी भशवूव नशीॊ
कूष्भाण्डा
शोतीॊ।
कूष्भाण्डा दे ली ने अऩनी भॊद शॊ वी द्राया ब्रह्माण्ड को
ब्रह्मिारयणी
उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कूष्भाण्डा
भाॊ ब्रह्मिारयणी को त्रलद्रानं ने तऩ का आियण कयने लारी बगलती शं शोने के कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा शं । क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ। ळास्त्रोो भं भाॊ ब्रह्मिारयणी को वभस्त
त्रलद्याओॊ
क
साता
भाना
गमा
शं ।
धासभाक
भान्मताके अनुवाय दे ली ने बगलान सळल को प्राद्ऱ कयने के सरए 1000 वार तक सवपा पर खाकय तऩस्मा यत यशीॊ औय 3000 वार तक सळल फक तऩस्मा सवपा ऩेिं वे सगयी ऩत्रत्तमाॊ खाकय फक, उनक इवी कफठन तऩस्मा के
दे ली यखा गमा। ळास्त्रोोि उल्रेख शं , फक जफ वृत्रष्ट का अस्स्तत्ल नशीॊ था, तो िायं तयप सवपा अॊधकाय फश था। उव वभम कूष्भाण्डा दे ली ने अऩने भॊद वे शास्म वे ब्रह्माॊड फक उत्ऩत्रत्त फक। कूष्भाण्डा दे ली को जीलन फक ळत्रि प्रदान कयता भाना गमा शं । कूष्भाण्डा दे ली का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का अनाशत िक्र जाग्रत शो शं । भाॊ कूष्भाण्डा के ऩूजन वे वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं , उवे आमुष्म, मळ, फर औय
कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी नाभ वे जाना गमा। ब्रह्मिारयणी
फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं ।
का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ
स्कॊदभाता
शोती शं । व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं ।
भाता शोने के
कायण, उन्शं स्कन्दभाता के नाभ वे जाना जाता शं ।
िन्द्रघण्टा
स्कॊदभाता का स्लरुऩ ऩयभ कल्माणकायी भनागमा शं ।
िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शं । िन्द्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे
स्कॊदभाता कुभाय अथाात ् कासताकेम क
के आकाय का
अधािन्द्र ळोसबत यशता शं । इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा
दे ली का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का त्रलळुद्ध िक्र जाग्रत शोता शं । व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं ।
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कात्मामनी
लारी 'भशागौयी' भाना जाता शं । भशागौयी का ऩूजन कयने
भशत्रऴा कात्मामन क ऩुिी शोने के कायण उन्शं कात्मामनी के नाभवे जाना जाता शं । भाॊ का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का आसा िक्र जाग्रत शोता शं । दे ली कात्मामनी के ऩूजन वे योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं । कात्मामनी दे ली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट दे ने लारे यष-
लारे व्मत्रि का वोभिक्र जाग्रत शोता शं । भशागौयी के ऩूजन वे व्मत्रि के वभस्त ऩाऩ धुर जाते शं । भशागौयी के ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रिफदरा ने लारी दे ली भशागौयी शं ।
दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी नष्ट कय दे ने लारी
सवत्रद्धदािी
भाना गमा शं । कात्मामनी मन्ि के ऩूजन वे ळीघ्र त्रललाश
दे ली सवत्रद्धदािी का स्लरूऩ कभर आवन ऩय त्रलयास्जत,
के मोग फनने रगते शं एलॊ त्रललाश भं आने लारी फाधामे
िाय बुजा लारा, दाफशनी तयप के नीिे लारे शाथ भं िक्र,
दयू शोती शं ।
ऊऩय लारे शाथ भं गदा, फाई तयप वे नीिे लारे शाथ भं ळॊख औय ऊऩय लारे शाथ भं कभर ऩुष्ऩ वुळोसबत यशते
कारयात्रि भाॊ कारयात्रि दे ली के ळयीय का यॊ ग घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शं , सवय के फार पैराकय यखने लारी शं । भाॊ कारयात्रि का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का बानु िक्र जाग्रत शोता शं । कारयात्रि के ऩूजन वे अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि दे ली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं ,
कारयात्रि का स्लरूऩ
दे खने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले बी वदै ल ळुब पर
दे ने लारा शोता शं , इव सरमे कारयात्रि को ळुबॊकयी के नाभवे बी जाना जाता शं । कारयात्रि ळिु एलॊ दष्ट ु ं का वॊशाय कय ने लारी दे ली शं ।
शं । दे ली सवत्रद्धदािी का ऩूजन कयने लारे व्मत्रि का सनलााण िक्र जाग्रत शोता शं । सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध, सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती शं । ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ कामो भं िरे आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं । व्मत्रि को मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं । त्रलद्रानं के भातानुळाय भाॊ दग ु ाा के इन नौ-रुऩं क कृ ऩा
प्राद्ऱ कयने का वयर उऩाम नलदग ु ाा मन्ि क स्थाऩना एलॊ ऩूजन एलॊ दळान वे त्रलळेऴ परं क प्रासद्ऱ शोती शं ।
भशागौयी भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर, कोभर, श्वेतलणाा तथा श्वेत लस्त्रोधायी शं । भशागौयी गामन एलॊ वॊगीत वे प्रवन्न शोने
*** >> Order Now | Call Now | Email US
भॊि सवद्ध दर ा वाभग्री ु ब शत्था जोडी- Rs- 370
घोडे क नार- Rs.351
भामा जार- Rs- 251
त्रफल्री नार- Rs- 370
भोसत ळॊख- Rs- 550
धन लृत्रद्ध शक क वेट Rs-251
सवमाय सवॊगी- Rs- 370
दस्षणालतॉ ळॊख- Rs- 550
इन्द्र जार- Rs- 251
GURUTVA KARYALAY Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com >> Order Now
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आद्यळत्रि के तीन िभत्कायी मॊि दग ु ाा फीवा मॊि
सिॊतन जोळी
मॊि शं । अळुब ळत्रिमं के दष्ु प्रबाल वे फिने के सरए भाॊ
ळास्त्रोोि भत के अनुळाय दग ु ाा फीवा मॊि दब ु ााग्म
दग ु ाा क ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शै । श्रीदग ु ाा
को दयू कय व्मत्रि के वोमे शुले बाग्म को जगाने लारा
मॊि का ऩूजन व्मत्रि को धभा, अथा, काभ औय भोष इन
धन वे वॊफॊसधत वॊस्माओॊ भं राब प्राद्ऱ शोता शं । जो
ळास्त्रोोि लणान शं क दे ली दग ु ाा के श्रीदग ु ाा मॊि के
भाना गमा शं । दग ु ाा फीवा मॊि द्राया व्मत्रि को जीलन भं
िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशामक सवद्ध शोता शं ।
व्मत्रि आसथाक वभस्मावे ऩये ळान शं, लश व्मत्रि मफद
ऩूजन औय दळान कयने भाि वे दे ली प्रवन्न शोकय अऩने
नलयािं भं प्राण प्रसतत्रष्ठत फकमा गमा दग ु ाा फीवा मॊि को
बिं क असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा शोती शं । भाॉ दग ु ाा के बिो
व्मलवाम वे वॊफॊधी वबी वभस्मं का ळीघ्र शी अॊत शोने
औय बिं को उन्नती के सळखय ऩय जाने का भागा
स्थासद्ऱ कय रेता शं , तो उवक
धन, योजगाय एलॊ
क भाॉ स्लमॊ यषा कय उन ऩय अऩनी कृ ऩा द्रष्टी लऴााती शं
रगता शं । नलयाि के फदनो भं प्राण प्रसतत्रष्ठत दग ु ाा फीवा
प्रवस्त कयती शं । भाॉ दग ु ाा के बिो को दे ली क ळीघ्र
कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं , व्मत्रि ळीघ्र शी अऩने
इत्माफद भं ऩूजा स्थन भं स्थात्रऩत कयना िाफशमे।
मॊि को अऩने घय-दक ु ान-ओफपव-पैक्टयी भं स्थात्रऩत
कृ ऩा प्रासद्ऱ शे तु श्रीदग ु ाा मॊि को अऩने घय, दक ु ान, ओफपव
व्माऩाय भं लृत्रद्ध एलॊ अऩनी आसथाक स्स्थती भं वुधाय शोता
त्रलद्रानो का भत शं क श्रीदग ु ाा मॊि के ऩूजन वे
दे खंगे। मॊि को
वॊऩूणा प्राण प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म दग ु ाा फीवा
भनुष्म को लाक् सवत्रद्ध, वॊतान प्रासद्ऱ, ळिु ऩय त्रलजम,
ळुब भुशूता भं अऩने घय-दक ु ान-ओफपव भं
ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती शं औय व्मत्रि
भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
श्रीदग ु ाा मॊि अिूक एलॊ सवत्रद्धदामक भाना गमा शं । फकवी
स्थात्रऩत कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं ।
श्रीदग ु ाा मॊि श्रीदग ु ाा मॊि ळत्रि एलॊ बत्रि के वाथ वभस्त
वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलाासधक रोकत्रप्रम
को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शो इव के सरमे मश बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क आळॊका शोने ऩय इव मॊि का सनमसभत ऩूजन कयने वे व्मत्रि को वबी प्रकाय क फाधा वे भुत्रि सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शोती शं ।
बाग्म रक्ष्भी फदब्फी वुख-ळास्न्त-वभृत्रद्ध क प्रासद्ऱ के सरमे बाग्म रक्ष्भी फदब्फी :- स्जस्वे धन प्रसद्ऱ, त्रललाश मोग, व्माऩाय लृत्रद्ध, लळीकयण, कोटा किेयी के कामा, बूतप्रेत फाधा, भायण, वम्भोशन, तास्न्िक फाधा, ळिु बम, िोय बम जेवी अनेक ऩये ळासनमो वे यषा शोसत शै औय घय भे वुख वभृत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोसत शै , बाग्म रक्ष्भी फदब्फी भे रघु श्री फ़र, शस्तजोडी (शाथा जोडी), सवमाय सवन्गी, त्रफस्ल्र नार, ळॊख, कारी-वफ़ेद-रार गुॊजा, इन्द्र जार, भाम जार, ऩातार तुभडी जेवी अनेक दर ा वाभग्री शोती शै । ु ब
भूल्म:- Rs. 1250, 1900, 2800, 5500, 7300, 10900 भं उप्रब्द्ध >> Order Now .
गुरुत्ल कामाारम वॊऩका : 91+ 9338213418, 91+ 9238328785 c
अप्रेर 2013
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श्रीदग ु ाा मॊि क ऩूजा एलॊ स्थाऩना के सरए आस्श्वन
एलॊ िैि नलयािी त्रलळेऴ राब प्रद शं । क्मोफक नलयाि को आद्य् ळत्रि क उऩावना का भशाऩला भाना गमा शं ।
श्रद्धा औय त्रलश्वाव वे फक जाती शं , तो भाॊ दग ु ाा फक प्रभुख नौ ळत्रिमाॉ जाग्रत शो जाती शं , स्जववे नलं ग्रशं को सनमॊत्रित कयती शं , स्जववे नौग्रशं वे प्राद्ऱ शोने लारे
भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
असनष्ट प्रबाल वे यषा शोकय ग्रश जनीत ऩीडाएॊ बी ळाॊत शो जाती शं ।
नलाणा मॊि (िाभुॊडा मॊि) मफद कोई व्मत्रि द:ु ख, दरयद्रता औय बम वे
अत्मासधक ऩये ळान शो, औय िाशकय बी मा ऩयीश्रभ के उऩयाॊत बी उवी लाॊस्च्छत वपरता प्राद्ऱ नशीॊ शो यशी शं तो उवे नलाणा मॊि औय भॊि का प्रमोग कयना िाफशए।
फकवी बी प्रकाय के जाद-ू टोना, योग, बम, बूत, त्रऩळाच्ि, डाफकनी, ळाफकनी आफद वे भुत्रि फक प्रासद्ऱ के सरमे भाॊ
दग ु ाा के नलाणा मॊि का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन-अिान
वलादा परदामक शोता शै । दग ु ाा दख ु ं का नाळ कयने लारी
शं । इवसरए नलयात्रि के फदनो भं जफ उनक ऩूजा ऩूणा
नलाणा भॊि:
ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामै त्रलच्िे
नल अषयं लारे इव अद्भत ु नलाणा भॊि के शय
अषय भं दे ली दग ु ाा फक एक-एक ळत्रि वभामी शुई शं , स्जव का वॊफॊध एक-एक ग्रशं वे शं ।
मफद कोई भनुष्म अत्मासधक कष्ट मा वॊकटं वे ग्रस्त शो तो उवे प्रसतफदन स्नान इत्माफदवे ळुद्ध शोकय नलाणा मॊि के वम्भुख नलाणा भॊि का जाऩ 108 दाने फक भारा वे कभ वे कभ तीन भारा जाऩ अलश्म कयना िाफशए।
भूल्म 730 वे: 10900 >> Order Now
भॊि सवद्ध स्पफटक श्री मॊि "श्री मॊि" वफवे भशत्लऩूणा एलॊ ळत्रिळारी मॊि शै । "श्री मॊि" को मॊि याज कशा जाता शै क्मोफक मश अत्मन्त ळुब फ़रदमी मॊि शै । जो न केलर दव ू ये मन्िो वे असधक वे असधक राब दे ने भे वभथा शै एलॊ वॊवाय के शय व्मत्रि के सरए पामदे भॊद वात्रफत शोता शै । ऩूणा प्राण-प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि "श्री मॊि" स्जव व्मत्रि के घय भे शोता शै उवके सरमे
"श्री मॊि" अत्मन्त फ़रदामी सवद्ध शोता शै उवके दळान भाि वे अन-सगनत राब एलॊ वुख क प्रासद्ऱ शोसत शै । "श्री मॊि" भे वभाई अफद्रतीम एलॊ अद्रश्म ळत्रि भनुष्म क वभस्त ळुब इच्छाओॊ को ऩूया कयने भे वभथा शोसत शै । स्जस्वे उवका जीलन वे शताळा औय सनयाळा दयू शोकय लश भनुष्म अवफ़रता वे वफ़रता फक औय सनयन्तय गसत कयने रगता शै एलॊ उवे जीलन भे वभस्त बौसतक वुखो फक प्रासद्ऱ शोसत शै । "श्री मॊि" भनुष्म जीलन भं उत्ऩन्न शोने लारी वभस्मा-फाधा एलॊ
नकायात्भक उजाा को दयू कय वकायत्भक उजाा का सनभााण कयने भे वभथा शै । "श्री मॊि" क स्थाऩन वे घय मा व्माऩाय के
स्थान ऩय स्थात्रऩत कयने वे लास्तु दोऴ म लास्तु वे वम्फस्न्धत ऩये ळासन भे न्मुनता आसत शै ल वुख-वभृत्रद्ध, ळाॊसत एलॊ ऐश्वमा फक प्रसद्ऱ शोती शै ।
गुरुत्ल कामाारम भे "श्री मॊि" 12 ग्राभ वे 2250 Gram (2.25Kg) तक फक वाइज भे उप्रब्ध शै
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भूल्म:- प्रसत ग्राभ Rs. 10.50 वे Rs.28.00 >>Order Now
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दे ली कलि दब ु ााग्म को वौबाग्म भं फदर वकते शै … दव भशा त्रलद्या कलि Dus Mahavidya Kawach
नलदग ु ाा ळत्रि कलि Navdurga Shakiti Kawach
दव भशा त्रलद्या कलि को दे ली दव भशा त्रलद्या क ळत्रिमं वे वॊऩन्न अत्मॊत प्रबालळारी औय दर ा ु ब कलि भाना गमा शं ।
इव कलि के भाध्मभ वे वाधक को दवो भशात्रलद्याओॊ आसळलााद प्राद्ऱ शो वकता शं । दव भशा त्रलद्या कलि को धायण कयने वे वाधक क
वबी
भनोकाभनाओॊ क ऩूसता शोती शं । दव भशा त्रलद्या कलि वाधक क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता कयने भं वभथा शं । दव भशा त्रलद्या कलि धायण कताा को ळत्रिवॊऩन्न एलॊ बूसभलान फनाने भं वभथा शं ।
दव भशा त्रलद्या कलि को श्रद्धाऩूलक ा धायण कयने
वे ळीघ्र दे ली कृ ऩा प्राद्ऱ शोती शं औय धायण कताा को दव भशा त्रलद्या दे लीमं क कृ ऩा वे वॊवाय क वभस्त सवत्रद्धमं क प्रासद्ऱ वॊबल शं । दे ली दव भशा त्रलद्या क कृ ऩा वे वाधक को धभा, अथा, काभ ल ् भोष ितुत्रलाध ऩुरुऴाथं क प्रासद्ऱ शो वकती शं । दव भशा त्रलद्या कलि
भं भाॉ दग ु ाा के दव अलतायं का आळीलााद वभाफशत शोता शं , इव सरए दव भशा त्रलद्या कलि को धायण कय
के धायण कयके व्मत्रि अऩने जीलन को सनयॊ तय असधक वे असधक वाथाक एलॊ वपर फना वकता शं । दव बेद कशे गमे शं , जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया, ऴोडळी,
(4)
बुलनेश्वयी,
(5)
बैयली,
(6)
सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी एलॊ (10) कभास्त्भका। इव वबी दे ली स्लरुऩं को, वस्म्भसरत रुऩ भं दळभशात्रलद्या के नाभ वे जाना जाता शं ।
भाॊ दग ु ाा के नलरुऩ क्रभळ् 1. ळैरऩुिी
6. कात्मामनी
2. ब्रह्मिारयणी
7. कारयात्रि
3. िन्द्रघण्टा
8. भशागौयी
4. कूष्भाण्डा
9. सवत्रद्धदािी शं ।
5. स्कन्दभाता नौदे लीमं के कलिं को एक वाथ भं सभराकय फनाकय नलदग ु ाा कलि का सनभााण फकमा जाता शं । स्जववे
धायण कताा को नौ दे लीमं का आसळलााद एक वाथ प्राद्ऱ शो जाता शं ।
नौ दे लीमं के कलि का भशत्ल क्रभळ् आऩके
भागादळान शे तु मशाॉ प्रस्तुत शं । दे ली ळैरऩुिी का कलि धायण कयने लारा व्मत्रि वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं । अथाात उवे स्जलन भं धन एलॊ अन्म वुख वाधनो क कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ। व्मत्रि को अनेक प्रकाय क सवत्रद्धमाॊ एलॊ उऩरस्ब्धमाॊ प्राद्ऱ शोती शं । दे ली ब्रह्मिारयणी का कलि धायण कयने लारे व्मत्रि को अनॊत पर क प्रासद्ऱ शोती शं । कलि के प्रबाल वे व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय, वॊमभ जैवे वद् गुणं
दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रों भं आद्या बगलती के (3)
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी
भूल्म भाि: 6400 >> Order Now
फक लृत्रद्ध शोती शं । दे ली िन्द्रघण्टा का कलि धायण कयने वे व्मत्रि को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं । इवके उऩयाॊत व्मत्रि को सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्नता प्राद्ऱ शोती शं । कलि के प्रबाल वे व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं । व्मत्रि के स्लय भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी
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लृत्रद्ध शोती शं । क्मोफक, िन्द्रघण्टा को सान क दे ली बी
धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी
भाना गमा शं ।
वशामता प्राद्ऱ शोती शं ।
दे ली कूष्भाण्डा के कलि को धायण कयने लारे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं , उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं । दे ली स्कॊदभाता के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि क वभस्त इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ शोती शं ।
दे ली कात्मामनी का कलि धायण कयने वे व्मत्रि
को वबी प्रकाय के योग, ळोक, बम वे भुत्रि सभरती शं । कात्मामनी दे ली को लैफदक मुग भं मे ऋत्रऴ-भुसनमं को
ळास्त्रोोि लणान शं क भाॉ दग ु ाा का श्रीदग ु ाा फीवा कलि को धायण कयने वे दे ली प्रवन्न शोकय, ळीघ्र शी वाधक क
असबष्ट इच्छाएॊ ऩूणा कयती शं । भाॉ दग ु ाा अऩने बि क
स्लमॊ यषा कय उन ऩय कृ ऩा दृष्टी कयती शं । श्रीदग ु ाा फीवा कलि धायण कयने वे भाॉ दग ु ाा क
कृ ऩा वे नौकयी
व्मलवाम भं वाधक को उन्नसत के सळखय ऩय जाने का भागा प्रवस्त शोता शं ।
श्रीदग ु ाा फीवा कलि के प्रबाल वे धायण कताा को धनधान्म, वुख-वॊऩत्रत्त, वॊतान का वुख प्राद्ऱ शोता शं औय
कष्ट दे ने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को अऩने तेज वे शी
ळिु ऩय त्रलजम, ऋण-योग आफद ऩीडा़ वे भुत्रि प्राद्ऱ शोती
नष्ट कय दे ने लारी भाना गमा शं ।
शं औय वाधक को जीलन भं वॊऩूणा वुखं क प्रासद्ऱ शोती
दे ली कारयात्रि का कलि धायण कयने वे अस्ग्न
शं । जीलन भं फकवी बी प्रकाय के वॊकट मा फाधा क
बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ कारयात्रि
आळॊका शोने ऩय श्रीदग ु ाा फीवा कलि को श्रद्धाऩूलाक धायण
दे ली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं , कारयात्रि ळिु एलॊ दष्ट ु ं का वॊशाय कयने लारी दे ली शं ।
कयने वे वाधक को वबी प्रकाय क
सभरती शं औय धन-धान्म क प्रासद्ऱ शो वकती शं ।
दे ली भशागौयी के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि
के वभस्त ऩाऩं वे छुटकाया सभरता शं । मश भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी दे ली भशागौयी का कलि शं । दे ली सवत्रद्धदािी के कलि को धायण कयने वे व्मत्रि फक वभस्त काभनाओॊ फक ऩूसता शोती शं उवे ऋत्रद्ध-
फाधा वे भुत्रि
भूल्म भाि: 1900 >> Order Now
नलााण फीवा कलि Narvan Visha Kawach नलाणा (नलााण) फीवा कलि दे ली दग ु ाा का कलि शं । फशन्द ू धभा भं दे ली दग ु ाा को द्ु खं का नाळ कयने लारी कशा
सवत्रद्ध क प्रासद्ऱ शोती शं । कलि के प्रबाल वे व्मत्रि के
गमा शं । दे ली दग ु ाा क ळत्रि को जाग्रत कयने शे तु ळास्त्रों
मळ, फर औय धन क प्रासद्ऱ आफद कामो भं शो यशे फाधा-
भं नलाणा भॊि का जाऩ कयने का त्रलधान फतामा गमा शं ।
त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं । व्मत्रि को मळ, फर औय धन क प्रासद्ऱ शो कय उवे भाॊ क कृ ऩा वे धभा, अथा, काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं । भूल्म भाि: 6400 >> Order Now
श्रीदग ु ाा फीवा कलि Durga Visha Kawach
श्रीदग ु ाा फीवा कलि वाधक को बत्रि के वाथ वभस्त
वाॊवारयक वुखं को प्रदान कयने लारा वलासवत्रद्धप्रद कलि शं । श्रीदग ु ाा फीवा कलि को धायण कयने वे वाधक को
त्रलद्रानं का कथन शं क जो भनुष्म सनमसभत भॊि जाऩ कयने भं अवभथा शो उनके सरए नलाणा फीवा कलि धायण कयना भॊि जऩ के वभान पर प्रदान कयने लारा शं । नलाणा फीवा कलि को धायण कयने वे व्मत्रि को धभा, अथा, काभ औय भोष इन िाय क प्रासद्ऱ भं बी वशाता प्राद्ऱ शोती शं ।
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भनोकाभना ऩूसता शे तु नलयाि भं दे ली को कैवे अऩाण कयं बोग?
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नलयाि के नौ फदनं भं तीन दे त्रलमं क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय दे ली के नौ रुऩं का कभळ्
ळैरऩुिी,
स्कॊदभाता,
ब्रह्मािारयणी,
कात्मामनी,
िॊद्रघण्टा,
कारयात्रि,
कूष्भाण्डा,
भशागौयी
नलयाि के फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी: नलयाि के दव ू ये फदन भाॊ के ब्रह्मिारयणी स्लरूऩ का
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । क्मोफक ब्रह्म का अथा शं तऩ।
औय
भाॊ ब्रह्मिारयणी तऩ का आियण कयने लारी बगलती शं
सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शं ।, नलयािे के प्रथभ
इवी कायण उन्शं ब्रह्मिारयणी कशा गमा। इव फदन दे ली का
तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩं का ऩूजन फकमा जाता
ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को िीनी का बोग
फकमा जाता शं औय आस्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता
भनुष्म दीघाजीली शोता शं । दे ली कृ ऩा वे व्मत्रि को अनॊत
के स्लरुऩं क ऩूजा क जाती शं । उवी प्रकाय नौ दे लीमं
पर फक प्रासद्ऱ शोती शं । व्मत्रि भं तऩ, त्माग, वदािाय,
को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मािारयणी,
वॊमभ जैवे वद् गुणं फक लृत्रद्ध शोती शं ।
तृतीम फदन िन्द्रघण्टा, ितुथा फदन कुष्भाण्डा, ऩॊिभ ् फदन
नलयाि के तृतीम फदन िन्द्रघॊटा:
कारयात्रि, अष्टभ ् फदन भशागौयी औय नौलं फदन सवत्रद्धदािी के
का ऩूजन कयने का त्रलधान शं । िन्द्रघण्टा का स्लरूऩ
नलयािे के नौ फदनं तक बि के भन भं मश
भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधािन्द्र ळोसबत यशता
कौतुशर शोता शं , फक लश भाता को बोग भं क्मा िढ़ामे ,
शं । इव सरमे भाॊ को िन्द्रघण्टा दे ली कशा जाता शं । इव
स्जववे भाॉ ळीघ्र प्रवन्न शं जामे. फशन्द ू धभा भं कोई बी
फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को दध ू का
अत्ऩाण फकमे त्रफना वॊऩन्न नशीॊ शोता शै । नलयािे के नौ
व्मत्रि को दख ु ं वे भुत्रि सभरती शं । दे ली कृ ऩा वे व्मत्रि
शं , अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩं
स्कन्द
भाता,
ऴष्ठभ ् फदन
कात्मासमनी,
का ऩूजन
वाद्ऱभ ् फदन
रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शं ।
त्मौशाय,
व्रत-उऩलाव
दे ली-दे लताओॊ
को
बोग,
प्रवाद
फदन भं नौ दे त्रलमं को अरग-अरग बोग रगाने का
रगाकय दान कयना िाफशए। िीनी का बोग रागाने वे
नलयाि के तीवये फदन भाॊ के िन्द्रघण्टा स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शं । िन्द्रघण्टा के
बोग रगाकय दान कयना िाफशए। दध ू का बोग रागाने वे को वबी ऩाऩं वे भुत्रि सभरती शं उवे वभस्त वाॊवारयक
त्रलधान धभाळास्त्रों भं लस्णात शं ।
आसध-व्मासध वे भुत्रि सभरती शं । इवके उऩयाॊत व्मत्रि को
नलयाि के प्रथभ फदन दे ली ळैरऩुिी:
सियामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शं ।
नलयाि के प्रथभ फदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का
व्मत्रि के वाशव एल त्रलयता भं लृत्रद्ध शोती शं । व्मत्रि स्लय
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के
भं सभठाव आती शं उवके आकऴाण भं बी लृत्रद्ध शोती शं ।
मशाॊ ऩालाती रुऩ भं जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी
िन्द्रघण्टा को सान क दे ली बी भाना गमा शै ।
कशा जाता शं । इव फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन
नलयाि के ितुथा फदन कूष्भाण्डा:
कयके नैलेद्य के रूऩ भं दे ली को गाम का घृत (घी) अऩाण
नलयाि के ितुथा फदन भाॊ के कूष्भाण्डा स्लरूऩ का
कयना िाफशए। भाॊ को ियणं िढ़ामे गमे घृत को ब्राम्शणं
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । अऩनी भॊद शॊ वी द्राया ब्रह्माण्ड
भं फाॊटने वे योगं वे भुत्रि सभरती शै । दे ली कृ ऩा वे व्मत्रि
को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कूष्भाण्डा
वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शं । अथाात उवे स्जलन भं
दे ली यखा गमा। इव फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन
धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ।
कयके दे ली को भारऩुआ बोग रगाकय दान कयना िाफशए।
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भारऩुए का बोग रागाने वे व्मत्रि फक त्रलऩत्रत्त का नाळ शोता शं । दे ली कृ ऩा वे व्मत्रि को वबी प्रकाय के योग,
व्मत्रि के वभस्त ळोक दयू शोते शं । कारयात्रि के ऩूजन वे अस्ग्न बम, आकाळ बम, बूत त्रऩळाि इत्मादी ळत्रिमाॊ
ळोक औय क्रेळ वे भुत्रि सभरती शं , उवे आमुष्म, मळ,
कारयात्रि दे ली के स्भयण भाि वे शी बाग जाते शं ,
फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शं ।
कारयात्रि का स्लरूऩ दे खने भं अत्मॊत बमानक शोते शुले
नलयाि के ऩॊिभ फदन स्कॊदभाता: नलयाि के ऩाॊिलं फदन भाॊ के स्कॊदभाता स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शं । स्कॊदभाता कुभाय अथाात ् कासताकेम फक भाता शोने के कायण, उन्शं स्कन्दभाता के नाभ वे जाना जाता शं । इव फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे
बी वदै ल ळुब पर दे ने लारा शोता शं , इव सरमे कारयात्रि
को ळुबॊकयी के नाभवे बी जाना जाता शं । कारयात्रि ळिु एलॊ दष्ट ु ं का वॊशाय कय ने लारी दे ली शं । नलयाि के अष्टभ ् फदन भशागौयी
नलयाि के आठलं फदन भाॊ के भशागौयी स्लरूऩ का
ऩूजन कयके दे ली को केरे का बोग रगाकय दान कयना
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । भशागौयी स्लरूऩ उज्जलर,
िाफशए। केरे का बोग रागाने वे व्मत्रि फक फुत्रद्ध, त्रललेक
कोभर, श्वेतलणाा शोने के कायण इनका नाभ भशागौयी शं ।
का त्रलकाव शोता शं । व्मत्रि के ऩरयलायीकवुख वभृत्रद्ध भं
इव फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को
लृत्रद्ध शोती शं । दे ली कृ ऩा वे व्मत्रि फक वभस्त इच्छाओॊ
श्रीपर (नारयमर) का बोग रगाकय दान कयना िाफशए।
क ऩूसता शोती शं एलॊ जीलन भं ऩयभ वुख एलॊ ळाॊसत प्राद्ऱ
श्रीपर (नारयमर) का बोग रागाने वे व्मत्रि के वॊताऩ
शोती शं ।
दयू शोते शं । भशागौयी के ऩूजन कयने लारे वाधन के सरमे
नलयाि के ऴष्ठभ ् फदन कात्मामनी
नलयाि के छठं फदन भाॊ के कात्मामनी स्लरूऩ का
भाॊ अन्नऩूणाा के वभान, धन, लैबल औय वुख-ळाॊसत प्रदान कयने लारी एलॊ
वॊकट वे भुत्रि फदराने लारी दे ली
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । भशत्रऴा कात्मामन फक ऩुिी शोने
भशागौयी शं ।
के कायण उन्शं कात्मामनी के नाभ वे जाना जाता शं ।
नलयाि के नलभ ् फदन सवत्रद्धदािी
इव फदन दे ली का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को
नलयाि के नौलं फदन भाॊ के सवत्रद्धदािी स्लरूऩ का
भधु (ळशद, भशु, भध) का बोग रगाकय दान कयना
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । भाता सवत्रद्धदािी वबी प्रकाय क
िाफशए। भधु का बोग रागाने वे व्मत्रि को वुॊदय स्लरूऩ
सवत्रद्धमं क प्रदाता भाना गमा शं । सवत्रद्धदािी को वभस्त्म
फक प्रासद्ऱ शोती शं । कात्मामनी दे ली को लैफदक मुग भं मे
सवत्रद्धमं क स्लासभनी बी भाना जाता शं । इव फदन दे ली का
ऋत्रऴ-भुसनमं को कष्ट दे ने लारे यष-दानल, ऩाऩी जील को
ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को धान के राले का
अऩने तेज वे शी नष्ट कय दे ने लारी भाना गमा शं ।
बोग रागाने वे व्मत्रि को रोक औय ऩयरोक का वुख
नलयाि के वद्ऱभ ् फदन कारयात्रि
प्राद्ऱ शोता शं । सवत्रद्धदािी के ऩूजन वे व्मत्रि फक वभस्त
नलयाि के वातलं फदन भाॊ के कारयात्रि स्लरूऩ का
काभनाओॊ फक ऩूसता शोकय उवे ऋत्रद्ध, सवत्रद्ध फक प्रासद्ऱ शोती
ऩूजन कयने का त्रलधान शं । कारयात्रि दे ली के ळयीय का यॊ ग
शं । ऩूजन वे मळ, फर औय धन फक प्रासद्ऱ कामो भं िरे
घने अॊधकाय फक तयश एकदभ कारा शं । इव फदन दे ली
आ यशे फाधा-त्रलध्न वभाद्ऱ शो जाते शं । व्मत्रि को मळ, फर
का ऴोडळेऩिाय वे ऩूजन कयके दे ली को गुि का बोग
औय धन फक प्रासद्ऱ शोकय उवे भाॊ फक कृ ऩा वे धभा, अथा,
रगाकय दान कयना िाफशए। गुि का बोग रागाने वे
काभ औय भोष फक बी प्रासद्ऱ स्लत् शो जाती शं ।
गुरुत्ल कामाारम द्राया यत्न एलॊ रुद्राष ऩयाभळा भाि RS:- 450 >> Order Now | Email US | Customer Care: 91+ 9338213418, 91+ 9238328785
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भाॉ दग ु ाा क कृ ऩा प्रासद्ऱ शे तु वयर वाधनाएॊ
ऩॊ.श्री बगलानदाव त्रिलेदी जी, वॊदीऩ ळभाा प्रबालळारी दग ु ाा वाधना
भाॊ दग ु ाा का ऩूजन फशन्द ू वॊस्कृ ती भं वलाासधक रोकत्रप्रम शं मशीॊ कायण शं क वैकिं लऴो वे दे ली दग ु ाा का ऩूजन छोटे -फिे वबी प्रादे सळक षेिं
भं वलाासधक प्रिसरत यशा शं । दे ली दग ु ाा को आद्य ळत्रि बगलती का
वाषात स्लरुऩ भाना जाता शं । दे ली दग ु ाा क भफशभा अऩयॊ ऩाय शं , जो अऩने बिं के द्ु खं का नाळ कयने लारी, दष्ट ु ं वे यषा कयने लारी एलॊ अऩने बिं के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात दे ली शं ।
वाधना शे तु वाभग्री:भारा:
स्पफटक
फदळा: उत्तय मा ऩूला आवन: रार आवन लस्त्रो: रार लस्त्रो, अन्म ऩूजन वाभग्रीमाॊ: दे ली प्रसतभा, ऩूजन शे तु सवॊदयू , यििॊदन, रार
मा ऩीरे पूर, धूऩ, दीऩ, शलन शे तु सतर, घी, जौ, अषत, दफ ू ा, दशी,
आफद नैलेद्य, ऩीतर मा ताॊफे का करळ, करळ स्थाऩना शे तु गेशूॊ, आफद ळुब धान, आभ के ऩल्रल, शलन शे तु रकफिमाॊ आफद शलन वाभग्रीमाॊ।
भॊि:–
ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ।
ॐ ग्रं शुॊ क्रीॊ जूॊ व् ज्लारम ज्लारम ज्लर ज्लर प्रज्लर प्रज्लर ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ज्लर शॊ वॊ रॊ षॊ पट् स्लाशा ॥ Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichchai | Om Gloum Hum Kleem Jum Sah Jvalaya Jvalaya Jvala Jvala Prajvala Prajvala Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichchai Jvala Ham Sam Lam Ksham Phat Swaha ||
त्रलसध:– वाधना वे ऩूला ऩूजन स्थान क बूसभ एलॊ वाभग्री आफद को ऩत्रलत्रिकयण कयके त्रलसध-त्रलधान वे स्लच्छ कयरं। दे ली दग ु ाा क वाधना प्रात्कार वे प्रायॊ ब कयं । वाधना का प्रायॊ ब नलयाि भं कयना उत्तभ भाना गमा शं , मफद नलयाि भं
वाधना कयना वॊबल न शो तो, वाधना फकवी बी भाव क ळुक्र ऩष प्रसतऩदा अथाात एकभ वे प्रायॊ ब क जा वकती शं , प्रसतऩदा वे रेकय दवलीॊ सतसथ तक दव फदनं भं वाधना वॊऩन्न कयरं।
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अप्रेर 2013
आग्नेम कोण भं लेदी फनाकय उत्तय फदळा मा ऩूला क ओय भुख भं आवन रगामे। त्रलसध-त्रलधान वे करळ क स्थाऩना कयं । करळ को गेशूॊ, धान आफद ळुब अन्न ऩय स्थात्रऩत कयं । करळ भं आम्रऩल्रल के डॊ ठर जरभे यशे इव प्रकाय डार
दं । करळ ऩय दीऩक प्रज्ज्लसरत कयके यख दं । फपय शलन कुॊड को अस्ग्न वे प्रज्ज्लसरत कयं । उि वभस्त त्रलसध-त्रलधाय कयते शुले भाॊ दग ु ाा के भॊि का जऩ कयते यशं । उि वभस्त्रो फक्रमा के ऩश्चमात आवन ऩय फैठे-फैठे दे ली क तेजस्ली प्रसतभा मा स्लरुऩ का िाटक भं ध्मान कयते शुले प्रसतभा को स्थात्रऩत कयं । प्रसतभा को स्थात्रऩत कय। भॊि ऩढ़ते शुले अस्ग्न भं
शत्रल दं । दव फदनं तक प्रसतफदन 1188 भॊिं का जऩ कयं । भॊि जऩ के दौयान दे ली दग ु ाा क प्रसतभा ऩय अऩना ध्मान फनामे यखं।
राब: उि त्रलसध वे वाधना कयने वे भाॊ दग ु ाा के आसळलााद वे वाधक के आत्भफर, ओज, तेज, फर, ऩयाक्रभ भं लृत्रद्ध शोती शं , उवे स्लास््मराब प्राद्ऱ शोता शं । वाधक को अऩने कामा भं भनोलाॊसछत वपरता क प्रासद्ऱ शोती शं ।
दग ु ााष्टाषय भॊि वाधना त्रलसध:– दग ा भाना गमा शं । इव सरए ु ााष्टाषय भॊि अत्मॊि गोऩनीम शं । ळास्त्रों भं दग ु ााष्टाषय भॊि को ळीघ्र सवत्रद्धदामक एलॊ दर ु ब दग ु ााष्टाषय भॊि के फाये भं उल्रेख फकमा गमा शं ..
वाषास्त्वत्रद्धप्रदो भॊिो दग ु ाामा् कसरनाळन् । अष्टाषयो अष्ट सवत्रद्धळो गोऩनीमो फदगॊफयै ् ॥
अथाात: मश दग ु ाा भॊि वाषात सवत्रद्ध प्रदान कयने लारा, करेळं का नाळ कयने लारा शं , आठ अषयं लारे इव भॊि भं अष्ट सवत्रद्ध मा वभाफशत शं अत् मश अत्मॊत गोऩनीम शं । त्रलसनमोग
ॐ अस्म श्री दग ु ााष्टाषय भन्िस्म भशे श्वय ऋत्रऴ्, श्री दग ु ााष्टाषयास्त्भका दे लता, दॊ ु फीजभ ्।,
ह्रीॊ ळत्रि्, ॐ क रकाम नभ् इसत फदग्फॊध्, धभााथा काभ भोषाथे जऩे त्रलसनमोग्।
ध्मान
दल ु ाासनबाॊ त्रिनमनाॊ त्रलरवस्त्कयीटाभ ्
ळॊखाब्जख््ग ळय खेटक ळूर िाऩान ् । वॊतजानी ि दधतीॊ भफशऴावनस्थाॊ
दग ु ाा नलायकुर ऩीठगताॊ बजेऽशभ ् ॥
20 भॊि:–
अप्रेर 2013
ॐ ह्रीॊ दॊ ु दग ु ाामै नभ्। Om Hreem Dum Durgayai Namah |
राब: दग ु ााष्टाषय भॊि का एक राख जऩ कयने वे मश भॊि सवद्ध शोता शै । जऩ शे तु प्रसतफदन सनस्श्चत वभम का िुनाल कयं
औय प्रसतफदन अऩनी वुत्रलधा के अनुळाय 5, 11, 21 फदन भं भं फकवी सनस्श्चत वॊख्मा भं एक राख जऩ ऩूणा कयं । भॊि जाऩ ऩूणा शोने के ऩश्चमात प्रसतफदन प्रात् एक भारा जऩ कयं । इव भॊि भं अद्भत ु ळत्रि वभाफशत शोने वे वाधक को लाक् सवत्रद्ध, वॊतान प्रासद्ऱ, ळिु त्रलजम, योग-भुत्रि औय जीलन भं वबी प्रकाय के बौसतक वुखं क प्रासद्ऱ के सरए दग ु ााष्टाषय भॊि अिूक एलॊ सवत्रद्धदामक शै |
दग ु ाा स्भृता भॊि वाधना
ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ॐ ह्रीॊ श्रीॊ ॐ ह्रीॊ श्रीॊ काॊवोस्स्भताॊ फशयण्म प्राकाया भाद्रांज्लरन्तीॊ तृद्ऱाॊ तऩामन्तीभ।् ऩद्मेस्स्थताॊ
ऩद्मलणां तासभशोऩह्वमे सश्रमभ ् , ॐ ह्रीॊ श्रीॊ क्रीॊ ॐ ह्रीॊ श्रीॊ क्रीॊ दग े भृता शयसव बीसतभळेऴ जॊतो: स्लस्थं: स्भृताभसत भतील ळुबाॊ ु स् ददासव। मदॊ सत, मच्ि दयू के बमॊ त्रलॊदसत भासभश ऩलभान त्रलतज्जफश, दारयद्र्म द्ु ख बमशारयस्ण का त्लदन्मा वलोऩकायकयणाम वदाद्रा
सित्ता ॐ ह्रीॊ श्रीॊ क्रीॊ ॐ ह्रीॊ श्रीॊ क्रीॊ काॊवोस्स्भताॊ फशयण्म प्राकाया भाद्रााज्लरन्तीॊ तृद्ऱाॊ तऩामत ॊ ीॊ, ऩद्मेस्स्थताॊ ऩद्मभ ् लणाा तासभशोऩह्वव्मे सश्रमभ,् ॐ ह्रीॊ श्रीॊ क्रीॊ िाभुॊडामे त्रलच्िै ।
उि दग ु ाा स्भृता भॊि के एक राख जऩ कयने वे भॊि सवद्ध शोता शं । जऩ ऩूणा शोने ऩय भॊि क दळाॊळ शोभ कयना
िाफशए। दग ु ाा स्भृता भॊि के सवद्ध शोने ऩय वाधक को जीलन भं वबी कामं भं ऩूणा सवत्रद्धमॊ प्राद्ऱ शोने रगती शं । वाधक वॊवाय भं वलाि आदयस्णम शो जाता शं ।
दग ु ाा वाधना
वाधना शे तु वाभग्री:भारा:
स्पफटक | फदळा:
उत्तय | जऩ वॊख्मा: वला राख | आवन: वपेद | लस्त्रो: रार लस्त्रो,
| वभम : यािी कार |
अन्म ऩूजन वाभग्रीमाॊ: दग ु ाा मॊि, घी का दीऩ, जरऩाि
भॊि:–
त्रलसध:-
शुॊ दग ु ाामै नभ् । Hum Durgayai Namah |
फकवी बी भाव क ळुक्र ऩष क ऩॊिभी मा ितुदाळी वे मश प्रमोग प्रायॊ ब कयं । त्रलद्रानं का कथ शं क ऩूणा श्रद्धा एलॊ त्रलश्वाय वे जाऩ कयने वे भाॊ दग ु ाा के दळान अलश्म शोते शं ।
भॊि जाऩ क वभासद्ऱ ऩय फकवी कुॊलायी कन्मा को बोजन कयामे उवे मथा ळत्रि बेट एलॊ दस्षणा दं कय प्रवन्न कयने वे मश वाधना वॊऩन्न शोती शं । राब: दे ली दग ु ाा क असवभ कृ ऩा प्राद्ऱ शोती शं , वाधक को जीलन भं वबी प्रकाय के वुख वाधनं क प्रासद्ऱ शोती शं ।
अप्रेर 2013
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नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नलयाि अथाात भाॉ दग ु ाा क उऩावना भं वभत्रऩात नौ यात। दग ु ाा का अथा शं , दग ु सा त नासळनी शं , जगत ् क उत्ऩत्रत्त,
ऩारन एलॊ वॊिारन तीनं व्मलस्थाएॊ स्जव ळत्रि के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ आफदळत्रि बगलती शं ।
भाॉ दग ु ाा के रुऩ अनॊत शं , रेफकन दे ली को प्रधान नौ रूऩं भं नलदग ु ाा के नाभ वे जाना जाता शं । आफद ळत्रि भाॉ
दग ु ाा वभग्र रोक भं अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै , भाॉ दग ु ाा अऩने बिं भं वद्द गुणं का त्रलकाव कयके उनभं अऩनी ळत्रि का वॊिाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रास्णमं का वॊिारन कयती शै ।
बौसतकता भं यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन क ळाॊसत नशीॊ सभरती। ऐवे भं शय तयश वे सनयाळ औय शाया िुका भनुष्म मफद भाॊ दग ु ाा क ळयण रेता शै जो सनस्श्चत शी भाॉ दग ु ाा उवक दग ु सा त का सनलायण कयती शी शै ।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रि क कृ ऩा वे भनुष्म भं आत्भफर, द्दढ़ त्रलश्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रि जैवे वद्गण ु ं का त्रलकाव
शोता शं । जीलन के इन्शीॊ भूल्मं को वभझ कय भनुष्म जीलन भं वच्िा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता शै ।
अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै । इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल कय फदखाने क ळत्रि दे ली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शं । नलयाि भं ऩूजा उऩावना का भुख्म उद्दे श्म शोता शं , नलयाि भं भाॉ दग ु ाा क आयाधना, भनुष्म के तन-भन औय
इस्न्द्रमाॊ वॊमसभत शोने रगती शं । ऩूणा सनष्ठा एलॊ श्रद्धा बाल वे फक गई उऩलाव वे भनुष्म का तन वॊतुसरत शोता शै ।
भनुष्म के तन के वन्तुसरत शोने ऩय मोग फर वे भनुष्म क इॊ फद्रमाॊ वॊमसभत शो जाती शै । इस्न्द्रमं के वॊमसभत शोने ऩय भनुष्म का भन दे ली आयाध्मा भं स्स्थय शो जाता शै । स्जव के फर ऩय भनुष्म को भनोलाॊसछत राब क प्रासद्ऱ शो वकती शं , स्जवभं जया बी वॊवम नशीॊ शं । दे ली उऩावना के फाये भं उल्रेख सभरता शं क जो भनुष्म अऩने भन को स्स्थय कय रेता शं , लश वॊवाय वबी
िक्र वे छूट जाता शै । वॊवाय के फकवी प्रकाय के त्रलध्न-फाधाएॊ उवे कष्ट नशीॊ ऩशुॊिा वकते। लश भनुष्म भाॉ बगलती दग ु ाा के त्रप्रम लाशन सवॊश क तयश सनबाम फन जाता शै , वॊवाय क वभस्त सवत्रद्धमाॊ अऩने ऩयाक्रभ के फर ऩय सभरने रगती शं ।
नलयाि के दौयान ळास्त्रोोि भॊिं द्राया दे ली वे मशीॊ प्राथना क जाती शं , क दे ली अलगुणं वे शभं भुि कयके वद्गण ु ं वे मुि कयं ।
ज्मोसतऴ वॊफॊसधत त्रलळेऴ ऩयाभळा ज्मोसत त्रलसान, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु एलॊ आध्मास्त्भक सान वं वॊफॊसधत त्रलऴमं भं शभाये 32 लऴो वे असधक लऴा के अनुबलं के वाथ ज्मोसतव वे जुडे नमे-नमे वॊळोधन के आधाय ऩय आऩ अऩनी शय वभस्मा के वयर वभाधान प्राद्ऱ कय वकते शं । गुरुत्ल कामाारम वॊऩका : 91+ 9338213418, 91+ 9238328785 >> Order Now
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नलयाि भं दव भशात्रलद्या क उऩावना त्रलळेऴ राबप्रद शं
सिॊतन जोळी, स्लस्स्तक.ऎन.जोळी दव भशात्रलद्या को दे ली दग ु ाा के शी दव रूऩ भाने
जाते शं । दवं भशात्रलद्या भं शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम
ळत्रि वे भनुष्म के वभस्त वॊकटं को दयू कयने लारी शं ।
इन
दव
भशात्रलद्याओॊ
के
भशत्ल
को
दे ली ताया भाॉ ताया को भाॊ दग ु ाा क दव भशात्रलद्याओॊ भे वे एक भाना गमा शं । त्रलसबन्न तॊि वाधनाओॊ भं दे ली ताया क
त्रलसबन्न
उऩावना वलासवत्रद्धदामक भानी जाती शै । दे ली ताया को
धभाळास्त्रों भं अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना गमा
वूमा प्ररम क असघष्ठािी दे ली उग्र रुऩ भाना गमा शै ।
दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रों भं आद्या बगलती के
नज़य आयशी शो उववे छुटकाया ऩाने के सरए कोई याश
दव बेद कशे गमे शं , जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया,
फदखाई नशीॊ दं यशी शो, जफ अन्म कोई दे ली-दे लता
(3)
(6)
वशामक न शो तफ भाॊ बगलती ताया के रूऩ भं
सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी एलॊ
उऩस्स्थत शो कय अऩने बि को घोय त्रलऩत्रत्त वे भुि
(10) कभास्त्भका।
कयाती शं । दे ली ताया के ऩूजन वे ळिुओॊ का नाळ शोता
शं ।
ऴोडळी,
(4)
बुलनेश्वयी,
(5)
बैयली,
जफ भनुष्म को िायं औय सनयाळा औय घोय त्रलऩत्रत्त
शं , सान, वुख-वॊऩदा, ऐश्वमा, रूऩ-वंदमा क लृत्रद्ध शोती दे ली कारी
शं । इव के अराला दे ली ताया बोग औय भोष प्रदान
कारी फशन्द ू धभा क एक प्रभुख दे ली शं । दे ली कारी को
कयने भं बी वशामक भानी गई शं । उग्र ताया, नीर
दे ली कारी ळत्रि का अद्दबुत स्लरूऩ शै । भाॊ दग ु ाा ने
को ब्रह्माॊड क प्रभुख दे ली एलॊ याज-याजेश्वयी भाना गमा
भाॊ दग ु ाा क दव भशात्रलद्याओॊ भे वे एक भाना गमा शं ।
वयस्लती औय एकजटा दे ली ताया के रूऩ शं । दे ली ताया
कारी रूऩ दै त्मं के वॊशाय के सरए धायण फकमा था।
शं ।
दे ली कारी क उत्ऩत्रत्त याषवं का अॊत कयने के सरए शुई थी। दे ली कारी क उत्ऩत्रत्त का भूर कायण धभा क
भाता रसरता
बायत के त्रलसबन्न प्रादे सळक षेिं भं वैकिो लऴो वे शोता
का एक रूऩ शं जो रसरता के नाभ वे जाना जाता शै ।।
यषा औय धभा क स्थाऩना शी था दे ली कारी का ऩूजन
भाॉ रसरता दव भशात्रलद्याओॊ भं वे एक शं मश दे ली दग ु ाा
आमा शै । दे ली कारी का अथा कार अथाात वभम वे शै
दे ली रसरता जी का स्लरुऩ अत्मॊत शी उज्जलर ल
जो वफको ग्राव कय रेती शै । दे ली कारी का स्लरूऩ बरे
प्रकाळ भान शै । कासरका ऩुयाण भं उल्रेख शं क दे ली
शी कारा औय डयालना रगता शं रेफकन दे ली भाॉ अऩने
क
बिं को अबम लयदान दे ने लारी शै । बगलती सनयाकाय
त्रलयास्जत शं । रसरता दे ली के ऩूजन वे भनुष्म को
शोकय बी वॊवाय के वभस्त प्राणीमं के द:ु ख दयू कयने
वभृत्रद्ध क
के सरमे मुग-मुग भं अनेकं रूऩ धायण कयके अलताय
बगलती ळत्रि क उऩावना) के भतानुवाय दे ली रसरता
रेती यशीॊ शं । दे ली कारी को कार एलॊ ऩरयलतान क दे ली
को िण्डी का स्थान प्राद्ऱ शै । भाॉ रसरता क ऩूजा ऩद्धसत
भाना गमा शं । दे ली कारी का ऩूजन ब्रह्माॊड के उद्धायक
भं
रूऩ भं फकमा जाता शै ।
आफद का ऩाठ फकमा जाता शै ।
गौय लणा, दो बुजाओॊ मुि यत्रिभ कभर ऩय प्राद्ऱ शोती शै । दस्षणभागॉ ळािं (अथाात
रसरतावशस्रोनाभ, रसरतोऩाख्मान, रसरतात्रिळती
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भाता बुलनेश्वयी
गमा शै इनके अनुवाय जफ दे ली ने िॊडी का रूऩ धायण
धभा ळास्त्रों भं भाता बुलनेश्वयी को वृत्रष्ट के
कय याषवं का वॊशाय फकमा। दै त्मं को ऩयास्त कय दे लं
वभस्त ऐश्वमय क स्लासभनी कशाॊ गमा शं । बुलनेश्वयी
को त्रलजम फदरलाई तो िायं ओय उनके नाभ क
भाता का लणा श्माभ तथा गौय लणा शं , स्लरुऩ एक भुख,
जमजम काय शोने रगी। रेफकन दे ली क
िाय शाथ शं िाय शाथं भं गदा ळत्रि का एलॊ दॊ ड
मोसगसनमाॉ अजमा औय त्रलजमा क
व्मलस्था का प्रतीक शै । आळीलााद भुद्रा प्रजाऩारन का
नशीँ शो ऩाई थी, इव ऩय उनक यि त्रऩऩावा को ळाॊत
प्रतीक शै , मश वलोच्ि वत्ता का प्रतीक शं । त्रलश्व बुलन
कयने शे तु दे ली सछन्नभस्ता ने अऩना भस्तक काटकय
भं जो, ईश्वय शं , लश दे ली बुलनेश्वयी शं । दे ली के नख भं
अऩने यि वे उनक यि प्माव फुझाई। इव कायण भाता
ब्रह्माण्ड का दळान शोता शै । भाता बुलनेश्वयी वूमा के
वशामक
यि त्रऩऩावा ळाॊत
को सछन्नभस्स्तका नाभ वे जाना जाता शं ।
वभान रार लणा मुि फदव्म आबा वे मुि शं । भाता के भॊि बी अत्मॊत प्रबाली भाने जाते शं । भाॉ के बिो के सरए दे ली के फीज भॊि का प्रमोग अन्म दे ली-दे लताओॊ क
धूभालती धूभालती दे ली का स्लरुऩ फिा बमॊकय प्रतीत
आयाधना भं त्रलळेऴ वशामक भाना गमा शं भाता
शोता शै । दे ली धूभालती का स्लरूऩ िाशे स्जतना उग्र मा
बुलनेश्वयी के भूर भॊि औय ऩॊिाषयी भॊि का जाऩ कयना
बमॊकय क्मं न शो लश वॊतान के सरए कल्माणकायी शी
त्रलळेऴ राबप्रद एलॊ सवत्रद्ध प्रदान कयने लारा शं ।
शोता शै । आद्यळत्रि बगलती नं धूभालती रूऩ ळिुओॊ के वॊशाय के सरए शी धायण फकमा शै । भाॊ धूभालती के
त्रिऩुय बैयली
ऩूजन वे भनुष्म को अबीष्ट पर क प्रासद्ऱ शोती शै । वृष्टी
धभा ळास्त्रों भं भाॉ त्रिऩुय बैयली को तभोगुण एलॊ
भं फकवी बी प्राणी को नष्ट कयने मा वॊशाय कयने क
यजोगुण वे मुि भाना गमा शं । ळास्त्रों भं भाॉ बैयली के
वबी षभताएॊ दे ली भं सनशीत शं । ळास्त्रोोि भतानुऴा
अन्म तेयश स्लरुऩ फतामे गमे शं । भाता के फकवी बी
भशत्रऴा बृगु, ऋत्रऴ दल ु ाावा, ऩयळुयाभ आफद क भूर ळत्रि
स्लरुऩ क वाधना भनुष्म को त्रलळेऴ पर प्रदान कयने
धूभालती शं । धूभालती दे ली को वृत्रष्ट भं करश क दे ली
लारी शै । भाॉ त्रिऩुय का स्लरुऩ कॊठ भं भुॊड भारा धायण
शोने के कायण इनको करशत्रप्रम बी कशा जाता शै । लऴाा
फकमे, शाथं भं भारा धायण फकमे यशती शं । भाॉ त्रिऩुय
ऋतु के िाय भफशने दे ली का त्रप्रम वभम शोता शै इव
बैयली स्लमॊ वाधनाभम शं उनका एक शाथ अबम भुद्रा
दौयान दे ली क ऩूजा-अिाना, वाधना आफद कयना त्रलळेऴ
औय दव ू या शाथ लय भुद्रा भं शै जो बिं को वबी प्रकाय
राबप्रद भाना जाता शै । धूभालती दे ली को बम कायक
के वुख वौबाग्म प्रदाता शै । भाॉ त्रिऩुय बैयली रार लस्त्रो
एलॊ करश त्रप्रम बी भाना गमा शं । भाॉ धूभालती बिं को
धायण फकमा शै । भाॉ त्रिऩुय बैयली के ऩूजन भं रार यॊ ग
वबी कष्टं को भुि कय दे ने लारी शै ।
का त्रलळेऴ रुऩ वे प्रमोग फकमा जाता शै । त्रिऩुय बैयली सवत्रद्धमाॉ प्रदान कयने लारी शोती शं ।
भाॉ फगराभुखी दे ली फगराभुखी दवभशात्रलद्या भं आठलीॊ भशात्रलद्या
सछन्नभस्ता
शं । भाॉ फगराभुखी स्तॊबन ळत्रि क असधष्ठािी दे ली शं ।
दव भशा त्रलद्याओॊ भं दे ली सछन्नभस्ता को छठी
फगराभुखी दे ली यत्नजफडत सवशावन ऩय त्रलयाजती शो कय
भशात्रलद्या कशा जाता शं । भाकंडे म ऩुयाण ल सळल ऩुयाण
ळिुओॊ का नाळ कयती शं । भाॉ फगराभुखी अऩने बिं के
आफद भं सछन्नभस्ता दे ली के रूऩ का स्ऩष्ट लणान फकमा
बम को दयू कयने लारी औय अऩने बि के ळिुओॊ क
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असनष्टकायी
ळत्रिमं
को
नाळ
कयने
लारी
शं ।
भाॉ
जाता शै । ळास्त्रोकायं ने भातॊगी के त्रलसबन्न प्रकाय के
फगराभुखी को ऩीताम्फया नाभ वे बी जाना जाता शै ,
बेद
क्मोक दे ली को ऩीरा यॊ ग असत त्रप्रम शै । धभाळास्त्रों भं
याजभाॊतगी, वुभुखी, लैश्मभातॊगी, कणाभातॊगी, आफद मश
दे ली फगराभुखी का यॊ ग स्लणा के वभान ऩीरा फतामा
दे ली दस्षण तथा ऩस्श्चभ क आसधष्ठाता शं । ब्रह्ममाभर भं
गमा शै । भाॉ फगराभुखी भं वॊऩूणा ब्रह्माण्ड क ळत्रि का
उल्रेख शं क भातॊग भुसन क दीघाकारीन तऩस्मा के
वभाफशत शं । भाता फगराभुखी क उऩावना भुख्म रुऩ वे
कायण दे ली याजभातॊगी रूऩ भं उनके वम्भुख प्रकट शुईं।
ळिुनाळ, लाकसवत्रद्ध, लाद त्रललाद भं त्रलजम के सरए क जाती शै । भाॉ फगराभुखी क उऩावना वे बि के वकर
ळिुओॊ का नाळ शोता शै तथा बि का जीलन वबी प्रकाय क फाधा वे भुि शो जाता शै ।
फतामे
शं ,
उनभं
प्रभुख
शं ,
उस्च्छष्टभातॊगी,
दे ली कभरा दे ली कभरा का स्लरुऩ का लणा स्लणा जैवी
आबा मुि शै । दे ली कभरा को गजयाज वूॊड भं वुलणा करळ रेकय स्नान कयाते शं । कभर ऩय आवीन शुए भाॊ
दे ली भातॊगी
स्लणा वे वुळोसबत यशती शं । वुख वॊऩदा क असधष्ठािी
दे ली भातॊगी दवभशात्रलद्या भं नलीॊ भशात्रलद्या शं ।
दे ली कभरा वभृत्रद्ध औय ऐश्वमा दामक शं । दे ली कभरा
मश लाणी औय वॊगीत क असधष्ठािी दे ली भानी जाती शं ।
क वाधना वे वाधक धनी औय त्रलद्यालान फन जाता शै ।
दे ली भातॊगी भं वॊऩूणा ब्रह्माण्ड क ळत्रि का वभालेळ शं ।
बत्रि को िायं तयप मळ औय वम्भान क प्रासद्ऱ शोती
दे ली भातॊगी दाॊऩत्म जीलन को वुखी एलॊ वभृद्ध फनाने
शै । दे ली कभरा िायं ऩुरुऴाथं को प्रदान कयने लारी
लारी शोती शं । दे ली भातॊगी के ऩूजन वे गृशस्थ भनुष्म
औय वाधक को वभस्त फॊधनं वे भुि कया दे ने लारी
को वबी प्रकाय के वुख प्राद्ऱ शोते शं । दे ली भातॊगी अऩने
शं । भाॉ कभरा ऐश्वमा, धन वॊऩदा क आसधष्ठािी दे ली शै ,
बिं को अबम का पर प्रदान कयती शं । दे ली भातॊगी
इव सरए बौसतक वुख-वाधनं क
अबीष्ट सवत्रद्ध प्रदान कयने लारी शं । दे ली भातॊगी को
वबी भनुष्मं के सरए दे ली कभरा क अयाधना वलाश्रष्ठ े
उस्च्छष्टिाॊडासरनी ल भशात्रऩळासिनी के नाभ वे बी जाना
फतामी गमी शं ।
इच्छा यखने लार
भॊि सवद्ध त्रलळेऴ दै ली मॊि वूसि आद्य ळत्रि दग ु ाा फीवा मॊि (अॊफाजी फीवा मॊि)
वयस्लती मॊि
खोफडमाय मॊि
वद्ऱवती भशामॊि(वॊऩूणा फीज भॊि वफशत)
नल दग ु ाा मॊि
खोफडमाय फीवा मॊि
भशान ळत्रि दग ु ाा मॊि (अॊफाजी मॊि)
कारी मॊि
अन्नऩूणाा ऩूजा मॊि
वॊकट भोसिनी कासरका सवत्रद्ध मॊि
श्भळान कारी ऩूजन मॊि
एकाॊषी श्रीपर मॊि
िाभुॊडा फीवा मॊि ( नलग्रश मुि)
दस्षण कारी ऩूजन मॊि
त्रिळूर फीवा मॊि
नलाणा फीवा मॊि
फगरा भुखी मॊि
याज याजेश्वयी लाॊछा कल्ऩरता मॊि
नलाणा मॊि (िाभुॊडा मॊि)
फगरा भुखी ऩूजन मॊि
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अप्रेर 2013
25
नलयािी भं ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दयू कय वकता शं । नलयाि का वभम ग्रशं को ळाॊत कयने
शे तु वलोत्तभ वभम भाना जाता शं । क्मोफक नलयािी के दौयान प्रकृ सत भं शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभास्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म क
आध्मास्त्भक ळत्रि एलॊ
उवक वॊमभ ळत्रि का अत्मासधक उच्ि स्तय क शोती शं । मफश कायण शं क इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद अत्मासधक राबप्रद भानी गई शं । मफद भनुष्म फकवी ग्रशं वे ऩीफित शो, तो लश इन नौ फदनं भं दे ली दग ु ाा के ऩूजन के वाथ भं मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शं , नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै । त्रलद्रानं का कथन शं क दे ली दग ु ाा शी वबी प्रकाय
के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शं । धभा ळास्त्रों भं
वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ दे ली आद्यळत्रि बगलती वे भाना गमा शं । मफद जन्भ कुॊडरी (जातक/ जन्भ ऩिी) भं कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को दे ख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शं स्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकूर प्रबाल के स्थान ऩय अनुकूर प्रबाल प्रदान कयं । फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकूर फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शं , नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शं । त्रलद्रानं का कथ शं क नौयाि के नौ फदन मफद प्रसतदे न शय दे लीमं के वाथ के वाथ भं एक ग्रश क ळाॊसत के उऩाम फकमे जाते तो लश अत्मासधक प्रबालळारी सवद्ध
शोते शं औय जातक को ग्रशं के अळुब प्रबाल वे जो बी ऩये ळानी शो यशी शै उनवे आऩको याशत सभरने रगती शै ।
नलयािं के न फदनं भं नलग्रश ळाॊसत का कयभ इव प्रकाय शै प्रसतऩदा के फदन आऩ भॊगर ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
फद्रतीम के फदन याशु ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
तृतीमा के फदन फृशस्ऩसत ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
ितुथॉ के फदन ळसन ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
ऩॊिभी के फदन फुध ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
ऴष्ठी के फदन केतु ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
वद्ऱभी के फदन ळुक्र ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
अष्टभी के फदन वूमा ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए।
नलभी के फदन िन्द्रभा ग्रश क ळाॊसत शे तु ऩूजन कयना िाफशए। ग्रश ळाॊसत के सरए ऩूजा ळुरू कयने वे ऩशरे करळ स्थाऩन औय भाॉ दग ु ाा का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयना
िाफशए। भाॉ दग ु ाा के ऩूजन के ऩश्चमात रार यॊ ग के लस्त्रो ऩय नलग्रश मॊि स्थात्रऩत कयं (मफद फकवी एक-दो ग्रशं मा
सनसधष्ठ ग्रश के सरए ऩूजन कयना शो तो उवका मॊि)। मॊि क स्थाऩना के ऩश्चमात नलग्रश के फीज भॊि का जाऩ
अप्रेर 2013
26
कयते शुले मॊि का ऩूजन कये उवके ऩश्चमात नलग्रश ळाॊसत
शे तु वॊकल्ऩ कयं ।
िाफशए। ळुक्र ग्रश क
त्रलद्रानं
का भत शं क नलयाि के प्रथभ फदन भॊगर ग्रश
स्पफटक क भारा वे ळुक्र फीज भॊि का 108 फाय जऩ
क ळाॊसत कयनी िाफशए। भॊगर ग्रश क ळाॊसत शे तु, रुद्राष
कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात ळुक्र कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ
क भारा मा स्पफटक क भारा वे भॊगर फीज भॊि का
का ऩाठ कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात भॊगर कलि एलॊ
अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद
िाफशए। वूमा ग्रश क
भाना जाता शं ।
स्पफटक क भारा वे वूमा फीज भॊि का 108 फाय जऩ
नलयाि के दव ू ये फदन याशु ग्रश क ळाॊसत कयनी िाफशए।
याशु ग्रश क ळाॊसत शे तु, रुद्राष क भारा मा स्पफटक क
नलयाि के वातले फदन ळुक्र ग्रश क
ळाॊसत कयनी
ळाॊसत शे त,ु रुद्राष क
नलयाि के आठले फदन वूमा ग्रश क
भारा मा
ळाॊसत कयनी
ळाॊसत शे त,ु रुद्राष क
भारा मा
कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात वूमा कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
भारा वे याशु फीज भॊि का 108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ
नलयाि के नौले फदन िॊद्र ग्रश क ळाॊसत कयनी िाफशए।
त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
भारा वे िॊद्र फीज भॊि का 108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ
के ऩश्चमात याशु कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना
िॊद्र ग्रश क ळाॊसत शे तु, रुद्राष क भारा मा स्पफटक क
नलयाि के तीवये फदन फृशस्ऩसत (गुरु) ग्रश क ळाॊसत
के ऩश्चमात िॊद्र कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना
कयनी िाफशए। फृशस्ऩसत (गुरु) ग्रश क ळाॊसत शे तु, रुद्राष
त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
क भारा मा स्पफटक क भारा वे फृशस्ऩसत (गुरु) फीज
भॊि का 108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात
अनुळाय नलयाि के प्रथभ फदन, वूम,ा फद्रतीम फदन िॊद्रभा,
फृशस्ऩसत (गुरु) कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना
तृतीम
त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
गुरु(फृशस्ऩसत), ऴष्ठभ फदन ळुक्र, वद्ऱभ फदन ळसन, अष्टभ
नलयाि
फदन याशु औय नलभ फदन केतु का ऩूजन फकमा जा वकता
के िौथे फदन ळसन ग्रश क ळाॊसत कयनी िाफशए।
ळसन ग्रश क ळाॊसत शे त,ु रुद्राष क भारा मा स्पफटक क
नलयाि भं नलग्रश ळाॊसत के त्रलऴम भं अन्म भत के फदन
भॊगर,
ितुथा
फदन
फुध,
ऩॊिभ
फदन
शं ।
भारा वे ळसन फीज भॊि का 108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ
के ऩश्चमात ळसन कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ
फद्रतीम फदन िॊद्रभा, तृतीम फदन गुरु(फृशस्ऩसत), ितुथा
कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
फदन याशु, ऩॊिभ फदन फुध, ऴष्ठभ फदन ळुक्र, वद्ऱभ फदन
नलयाि के ऩाॊिले फदन फुध ग्रश क
िाफशए। फुध ग्रश क
ळाॊसत कयनी
ळाॊसत शे त,ु रुद्राष क
भारा मा
अॊक ळास्त्रो के अनुळाय, नलयाि के प्रथभ फदन, वूम,ा
केतु, अष्टभ फदन ळसन औय नलभ फदन भॊगर का ऩूजन कयना राबप्रद शोता शं ।
स्पफटक क भारा वे फुध फीज भॊि का 108 फाय जऩ
कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात फुध कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ
(इवी के वाथ मफद फकवी अरग मॊि क स्थाऩना क शो
का ऩाठ कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
तो उव मॊि को बी) को अऩने ऩूजा स्थान भं स्थात्रऩत
नलयाि के छठे फदन केतु ग्रश क ळाॊसत कयनी िाफशए।
केतु ग्रश क ळाॊसत शे त,ु रुद्राष क भारा मा स्पफटक क भारा वे केतु फीज भॊि का 108 फाय जऩ कयं । भॊि जऩ के ऩश्चमात केतु कलि एलॊ अष्टोत्तयळतनाभ का ऩाठ कयना त्रलळेऴ रुऩ वे राबप्रद भाना जाता शं ।
नलयाि क वभासद्ऱ के ऩश्चमात अगरे फदन नलग्रश मॊि
कयदं उवका प्रसतफदन धूऩ-दीऩ वे ऩूजन कयने वे ग्रश जसनत ऩीिाएॊ स्लत् दयू शोने रगती शं ।
नलग्रश ळाॊसत शे तु :
नलाणा भॊि वे शोती शं नलग्रश
ळाॊसत रेख आऩ शभाये ऩूला प्रकासळत अॊक वे प्राद्ऱ कय वकते शं ।
अप्रेर 2013
27
िैि नलयाि भं नलदग ु ाा आयाधना त्रलळेऴ परदामी
सिॊतन जोळी नभो दे व्मै भशादे व्मै सळलामै वततॊ नभ:।
नभ: प्रकृ त्मै बद्रामै सनमता: प्रणता: स्भताभ ्॥
इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शं । स्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩं का नाळ शोता शै ।
अथाात: दे ली को नभस्काय शं , भशादे ली को नभस्काय शं ।
भाॊ जननी वृत्रष्ट फक आफद, अॊत औय भध्म शं ।
भशादे ली सळला को वलादा नभस्काय शं । प्रकृ सत एलॊ बद्रा को भेया
दे ली वे प्राथाना कयं –
प्रणाभ शं । शभ रोग सनमभऩूलक ा दे ली जगदम्फा को नभस्काय कयते शं । उऩयोि भॊि वे दे ली दग ु ाा का स्भयण कय प्राथाना कयने भाि वे
दे ली प्रवन्न शोकय अऩने बिं क इच्छा ऩूणा कयती शं । वभस्त दे ल गण स्जनक स्तुसत प्राथना कयते शं । भाॉ दग ु ाा अऩने बिो क यषा कय उन ऩय कृ ऩा द्रष्टी लऴााती शं औय उवको उन्नती के सळखय ऩय जाने का भागा प्रवस्त कयती शं । इव सरमे ईश्वय भं श्रद्धा त्रलश्वाय यखने लारे वबी भनुष्म को दे ली क ळयण भं जाकय दे ली वे सनभार रृदम वे प्राथाना कयनी िाफशमे।
दे ली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsस्खरस्म।
ऩवीद त्रलश्वेतरय ऩाफश त्रलश्वॊ त्लभीश्चयी दे ली ियाियस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीिा दयू कयने लारी दे ली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शं। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शं। त्रलश्वेश्वयी दे ली त्रलश्व फक यषा कयो। दे ली आऩ फश एक भाि ियािय जगत फक असधश्वयी शो।
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथव ा ासधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामस्ण नभोऽस्तुते॥ वृत्रष्टस्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रिबूते वनातसन। गुणाश्रमे गुणभमे नायामस्ण नभोऽस्तुते॥ अथाात: शे दे ली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथं को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिं लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शं । आऩ वृत्रष्ट का ऩारन औय वॊशाय कयने लारी ळत्रिबूता वनातनी दे ली, आऩ गुणं का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी दे ली तुम्शं नभस्काय शै ।
ळयणागत-दीनाता-ऩरयिाण-ऩयामणे
वलास्मासतंशये दे त्रल नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
अथाात: ळयण भं आए शुए दीनं एलॊ ऩीस़्डतं क यषा भं वॊरग्न यशने लारी तथा वफ फक ऩीिा दयू कयने लारी नायामणी दे ली आऩको नभस्काय शै ।
योगानळेऴानऩशॊ सव तुष्टा रूष्टा तु काभान वकरानबीष्टान ्।
त्लाभासश्रतानाॊ न त्रलऩन्नयाणाॊ त्लाभासश्रता शाश्रमताॊ प्रमास्न्त।
अथाात् दे ली आऩ प्रवन्न शोने ऩय वफ योगं को नष्ट कय दे ती शो औय कुत्रऩत शोने ऩय भनोलाॊसछत वबी काभनाओॊ का नाळ कय दे ती शो। जो रोग तुम्शायी ळयण भं जा िुके शै । उनको त्रलऩत्रत्त आती शी नशीॊ। तुम्शायी ळयण भं गए शुए भनुष्म दव ू यं को ळयण दे ने लारे शो जाते शं ।
वलाफाधाप्रळभनॊ िेरोक्मस्मास्खरेश्वयी।
एलभेल त्लमा कामाभस्मध्दै रयत्रलनाळनभ ्।
अथाात् शे वलेश्वयी आऩ तीनं रोकं फक वभस्त फाधाओॊ को ळाॊत कयो औय शभाये वबी ळिुओॊ का नाळ कयती यशो।
ळाॊसतकभास्ण वलाि तथा द:ु स्लप्रदळाने।
ग्रशऩीडावु िोग्रावु भशात्भमॊ ळणुमात्भभ।
अथाात् वलाि ळाॊसत कभा भं, फुये स्लप्न फदखाई दे ने ऩय तथा ग्रश जसनत ऩीिा उऩस्स्थत शोने ऩय भाशात्म्म श्रलण कयना िाफशए। इववे वफ ऩीिाएॉ ळाॊत औय दयू शो जाती शं । मफश कायण शं वशस्त्रोमुगं वे भाॊ बगलती जगतजननी दग ु ाा क उऩावना प्रसत लऴा लवॊत, आस्श्वन एलॊ गुद्ऱ नलयािी भं त्रलळेऴ रुऩ वे कयने का त्रलधान फशन्द ु धभा ग्रॊथो भं शं ।
***
अप्रेर 2013
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दल ु ाा ऩूजन भं यखे वालधासनमाॊ
भाता दग ु ाा क ऩूजा कयने लारे वाधकं को उऩावना वॊफॊधी इन फातं का ध्मान यखना राबदामक यशता शं । त्रलद्रानो के भत भं ळास्त्रोोि त्रलधान वे एक शी घय भं तीन ळत्रिमं क ऩूजा कयना लस्जात शं ।
दे लीऩीठ ऩय लाद्य-ळशनाई का लादन नशीॊ कयं ।
बगलती दग ु ाा का आह्वान त्रफल्ल ऩि, त्रफल्ल ळाखा मा त्रिळूर ऩय शी फकमा जाना िाफशए।
दे ली दग ु ाा को केलर रार कनेय औय वुगॊसधत ऩुष्ऩ असत त्रप्रम शं । इव सरमे आयाधना भं वुगॊसधत ऩुष्ऩ शी रं।
नलयाि भं करळ क स्थाऩना केलर फदन भं कयनी िाफशए।
भाॊ बगलती क प्रसतभा शभेळा रार लस्त्रो वे त्रफयाजीत यशे ।
दे ली को बी रार यॊ ग क िुनयी िढाएॊ। नलयाि भं नलाणा भॊि जऩ दे ली भाॊ के वाभने रार आवन ऩय फैठकय रार िॊदन क भारा वे कयना राब प्रद शोता शं ।
भॊि सवद्ध दर ा वाभग्री ु ब
भॊि सवद्ध भारा
शत्था जोडी- Rs- 370, 550, 730, 1250, 1450
स्पफटक भारा- Rs- 190, 280, 460, 730, DC 1050, 1250
सवमाय सवॊगी- Rs- 370, 550, 730, 1250, 1450
वपेद िॊदन भारा - Rs- 280, 460, 640
त्रफल्री नार- Rs- 370, 550, 730, 1250, 1450
यि (रार) िॊदन - Rs- 100, 190, 280
कारी शल्दी:- 370, 550, 750, 1250, 1450,
भोती भारा- Rs- 280, 460, 730, 1250, 1450 & Above
दस्षणालतॉ ळॊख- Rs- 550, 750, 1250, 1900
त्रलधुत भारा - Rs- 100, 190
भोसत ळॊख- Rs- 550, 750, 1250, 1900
ऩुि जीला भारा - Rs- 280, 460
भामा जार- Rs- 251, 551, 751
कभर गट्टे क भारा - Rs- 210, 280
इन्द्र जार- Rs- 251, 551, 751
शल्दी भारा - Rs- 150, 280
धन लृत्रद्ध शक क वेट Rs-251(कारी शल्दी के वाथ Rs-550)
तुरवी भारा - Rs- 100, 190, 280, 370
घोडे क नार- Rs.351, 551, 751
नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
ऩीरी कौफिमाॊ: 11 नॊग-Rs-111, 21 नॊग Rs-181
नलयॊ गी शक क भारा Rs- 190 280, 460, 730
शक क: 11 नॊग-Rs-111, 21 नॊग Rs-181
शक क भारा (वात यॊ ग) Rs- 190 280, 460, 730
रघु श्रीपर: 1 नॊग-Rs-111, 11 नॊग-Rs-1111
भूॊगे क भारा Rs- 190, 280, Real -1050, 1900 & Above
नाग केळय: 11 ग्राभ, Rs-111
ऩायद भारा Rs- 730, 1050, 1900, 2800 & Above
कारी शल्दी:- 370, 550, 750, 1250, 1450,
लैजमॊती भारा Rs- 100,190
गोभती िक्र Small & Medium 11 नॊग-75, 101, 151, 201,
रुद्राष भारा: 100, 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
गोभती िक्र Very Rare Big Size : 1 नॊग- 51 वे 550
भूल्म भं अॊतय छोटे वे फिे आकाय के कायण शं ।
(असत दर ा फिे आकाय भं 5 ग्राभ वे 11 ग्राभ भं उऩरब्ध) ु ब
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अप्रेर 2013
िैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शं ।
सिॊतन जोळी फशन्द ु वॊवकृ सत के अनुळाय नललऴा का ळुबायॊ ब िैि भाव के ळुक्र ऩष क प्रथभ सतसथ वे शोता शै ।
इव फदन वे लवॊतकारीन नलयाि क ळुरुआत शोती शं ।
त्रलद्रानो के भतानुळाय िैि भाव के कृ ष्ण ऩष क वभासद्ऱ के वाथ बूरोक के ऩरयलेळ भं एक त्रलळेऴ ऩरयलतान दृत्रष्टगोिय शोने रगता शं स्जवके अनेक स्तय औय स्लरूऩ शोते शं । इव दौयान ऋतुओॊ के ऩरयलतान के वाथ नलयािं का तौशाय भनुष्म के जीलन भं फाह्य औय आॊतरयक ऩरयलतान भं एक त्रलळेऴ वॊतुरन स्थात्रऩत कयने भं वशामक शोता शं । स्जव तयश फाह्य जगत भं ऩरयलतान शोता शै उवी प्रकाय भनुष्म के ळयीय भं बी ऩरयलतान शोता शै । इव सरमे नलयाि उत्वल को आमोस्जत कयने का उद्दे श्म शोता शं क भनुष्म के बीतय भं उऩमुि ऩरयलतान कय उवे फाह्य ऩरयलतान के अनुकूर फनाकय उवे स्लमॊ के औय प्रकृ सत के फीि भं वॊतुरन फनामे यखना शं । नलयािं के दौयान फकए जाने लारी ऩूजा-अिाना, व्रत इत्माफद वे ऩमाालयण क ळुत्रद्ध शोती शं । उवीके वाथ-वाथ भनुष्म के ळयीय औय बालना क बी ळुत्रद्ध शो जाती शं । क्मोफक व्रत-उऩलाव ळयीय को ळुद्ध कयने का ऩायॊ ऩरयक तयीका शं जो प्राकृ सतक-सिफकत्वा का बी एक भशत्लऩूणा तत्ल शै । मशी कायण शं क त्रलश्व के प्राम् वबी प्रभुख धभं भं व्रत का भशत्ल शं । इवी सरए फशन्द ू वॊस्कृ सत भं मुगो-मुगो वे नलयािं के दौयान व्रत कयने का त्रलधान शं । क्मोक व्रत के भाध्मभ वे प्रथभ भनुष्म का ळयीय ळुद्ध शोता शं , ळयीय ळुद्ध शोतो भन एलॊ बालनाएॊ ळुद्ध शोती शं । ळयीय क ळुत्रद्ध के त्रफना भन ल बाल क ळुत्रद्ध वॊबल नशीॊ शं । िैि नलयािं के दौयान वबी प्रकाय के व्रत-उऩलाव ळयीय औय भन क ळुत्रद्ध भं वशामक शोते शं । नलयािं भं फकमे गमे व्रत-उऩलाव का वीधा अवय शभाये अच्छे स्लास््म औय योगभुत्रि के सरमे बी वशामक शोता शं । फिी धूभ-धाभ वे फकमा गमा नलयािं का आमोजन शभं वुखानुबूसत एलॊ आनॊदानुबूसत प्रदान कयता शं । भनुष्म के सरए आनॊद क अलस्था वफवे अच्छी अलस्था शं । जफ व्मत्रि आनॊद क अलस्था भं शोता शं तो उवके ळयीय भं तनाल उत्ऩन्न कयने लारे वूक्ष्भ कोऴ वभाद्ऱ शो जाते शं औय जो वूक्ष्भ कोऴ उत्वस्जता शोते शं ले शभाये ळयीय के सरए अत्मॊत राबदामक शोते शं । जो शभं नई व्मासधमं वे फिाने के वाथ शी योग शोने क दळा भं ळीघ्र योगभुत्रि प्रदान कयने भं बी वशामक शोते शं । नलयाि भं दग ु ाावद्ऱळती को ऩढने मा वुनने वे दे ली अत्मन्त प्रवन्न शोती शं एवा ळास्त्रोोि लिन शं । वद्ऱळती का ऩाठ उवक भूर बाऴा वॊस्कृ त भं कयने ऩय शी ऩूणा प्रबाली शोता शं ।
30
अप्रेर 2013
व्मत्रि को श्रीदग ु ाावद्ऱळती को बगलती दग ु ाा का शी स्लरूऩ वभझना िाफशए। ऩाठ कयने वे ऩूला श्रीदग ु ाावद्ऱळती फक ऩुस्तक
का इव भॊि वे ऩॊिोऩिायऩूजन कयं -
नभोदे व्मैभशादे व्मैसळलामैवततॊनभ:। नभ: प्रकृ त्मैबद्रामैसनमता:प्रणता:स्भताभ ्॥ जो व्मत्रि दग ु ाावद्ऱळतीके भूर वॊस्कृ त भं ऩाठ कयने भं अवभथा शं तो उव व्मत्रि को वद्ऱश्लोक दग ु ाा को ऩढने वे राब प्राद्ऱ शोता शं । क्मोफक वात श्लोकं लारे इव स्तोि भं श्रीदग ु ाावद्ऱळती का वाय वभामा शुला शं ।
जो व्मत्रि वद्ऱश्लोक दग ु ाा का बी न कय वके लश केलर नलााण भॊि का असधकासधक जऩ कयं । दे ली के ऩूजन के वभम इव भॊि का जऩ कये ।
जमन्ती भ्गराकारी बद्रकारी कऩासरनी। दग ु ाा षभा सळला धािी स्लाशा स्लधानभोऽस्तुते॥ दे ली वे प्राथाना कयं -
त्रलधेफशदे त्रल कल्माणॊत्रलधेफशऩयभाॊसश्रमभ ्।रूऩॊदेफशजमॊदेफशमळोदे फशफद्रऴोजफश॥ अथाात् शे दे त्रल! आऩ भेया कल्माण कयो। भुझे श्रेष्ठ वम्ऩत्रत्त प्रदान कयो। भुझे रूऩ दो, जम दो, मळ दो औय भेये काभ-क्रोध इत्माफद ळिुओॊ का नाळ कयो। त्रलद्रानो के अनुळाय वम्ऩूणा नलयािव्रत के ऩारन भं जो रोगं अवभथा शो लश नलयाि के वात यािी,ऩाॊि यािी, दं यािी औय एक यािी का व्रत बी कयके राब प्राद्ऱ कय वकते शं । नलयाि भं नलदग ु ाा क उऩावना कयने वे नलग्रशं का प्रकोऩ ळाॊत शोता शं ।
भॊि सवद्ध मॊि
गुरुत्ल कामाारम द्राया त्रलसबन्न प्रकाय के मॊि कोऩय ताम्र ऩि, सवरलय (िाॊदी) ओय गोल्ड (वोने) भे
त्रलसबन्न प्रकाय क वभस्मा के अनुवाय फनला के भॊि सवद्ध ऩूणा प्राणप्रसतत्रष्ठत एलॊ िैतन्म मुि फकमे
जाते शै . स्जवे वाधायण (जो ऩूजा-ऩाठ नशी जानते मा नशी कवकते) व्मत्रि त्रफना फकवी ऩूजा अिानात्रलसध त्रलधान त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शै . स्जव भे प्रसिन मॊिो वफशत शभाये लऴो के अनुवॊधान द्राया
फनाए गमे मॊि बी वभाफशत शै . इवके अरला आऩक आलश्मकता अनुळाय मॊि फनलाए जाते शै . गुरुत्ल कामाारम द्राया उऩरब्ध कयामे गमे वबी मॊि अखॊफडत एलॊ २२ गेज ळुद्ध कोऩय(ताम्र ऩि)- 99.99 टि
ळुद्ध सवरलय (िाॊदी) एलॊ 22 केये ट गोल्ड (वोने) भे फनलाए जाते शै . मॊि के त्रलऴम भे असधक जानकायी के सरमे शे तु वम्ऩका कये
GURUTVA KARYALAY
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31
अप्रेर 2013
नलयाि व्रत क वयर त्रलसध?
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी नल फदनं तक िरने लारे इव ऩला ऩय शभ व्रत यखकय भाॊ के नौ अरग-अरग रूऩ क ऩूजा क जाती शं । इव दौयान घय भं
फकमा जाने लारा त्रलसधलत शलन बी स्लास््म के सरए अत्मॊत राबप्रद शं । शलन वे आस्त्भक ळाॊसत औय लातालयण फक ळुत्रद्ध के अराला घय नकायात्भक ळत्रिमं का नाळ शो कय वकायात्भक ळत्रिमो का प्रलेळ शोता शं । नलयाि व्रत नलयाि भं नल याि वे रेकय वात यािी,ऩाॊि यािी, दं यािी औय एक यािी व्रत कयने का बी त्रलधान शं । नलयाि व्रत के धासभाक भशत्ल के अराला लैसासनक भशत्ल शं , जो स्लास््म क दृत्रष्ट वे काप राबदामक शोता शं । व्रत कयने वे
ळयीय भं िुस्ती-पुतॉ फनी यशती शं । योजाना कामा कयने लारे ऩािन तॊि को बी व्रत के फदन आयाभ सभरता शं । फच्िे, फुजुग,ा फीभाय, गबालती भफशरा को नलयाि व्रत का नशीॊ यखना िाफशए। नलयाि व्रत वे वॊफॊसधत उऩमोगी वुझाल
व्रत के दौयान असधक वभम भौन धायण कयं ।
व्रत के ळुरुआत भं बूख काप रगती शं । ऐवे भं नीॊफू ऩानी त्रऩमा जा वकता शै । इववे बूख को सनमॊत्रित यखने भं भदद सभरेगी।
जशा तक वॊबल शो सनजारा उऩलाव न यखं। इववे ळयीय भं ऩानी फक कभी शो जाती शं औय अऩसळष्ट ऩदाथा ळयीय के फाशय नशीॊ आ ऩाते। इववे ऩेट भं जरन, कब्ज, वॊक्रभण, ऩेळाफ भं जरन जैवी कई वभस्माएॊ ऩैदा शो वकती शं ।
एक वाथ खूफ वाया ऩानी ऩीने के फजाए फदन भं कई फाय नीॊफू ऩानी त्रऩएॊ।
ज्मादातय रोगो को उऩलाव भं अक्वय कब्ज क सळकामत शो जाती शं । इवसरए व्रत ळुरू कयने के ऩशरे त्रिपरा, आॊलरा, ऩारक का वूऩ मा कये रे के यव इत्माफद ऩदाथो का वेलन कयं । इववे ऩेट वाप यशता शै ।
व्रत के दौयान िाम, काप का वेलन काप फढ़ जाता शै । इव ऩय सनमॊिण यखं।
व्रत के दौयान कौनवे खाद्य ऩदाथा ग्रशण कयं ?
व्रत भं अन्न का वेलन लस्जात शं । स्जव कायण ळयीय भं ऊजाा क कभी शो जाती शं ।
अनाज फक जगश परं ल वस्ब्जमं का वेलन फकमा जा वकता शं । इववे ळयीय को जरुयी ऊजाा सभरती शं ।
वुफश के वभम आरू को फ्राई कयके खामा जा वकता शं । आरू भं काफोशाइड्रे ट प्रिुय भािा भं शोता शै । इव सरए आरू खाने वे ळयीय को ताकत सभरती शै ।
वुफश एक सगराव दध ू त्रऩरं। दोऩशय के वभम पर मा जूव रं। ळाभ को िाम ऩी वकते शं । कई रोग व्रत भं एक फाय शी बोजन कयते शं । ऐवे भं एक सनस्श्चत अॊतयार ऩय पर खा वकते शं । यात के खाने भं सवॊघािे के आटे वे फने ऩकलान खा वकते शं ।
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॥दग ु ाा िारीवा॥
अप्रेर 2013
नभो नभो दग ु े वुख कयनी।
भफशभा असभत नजात फखानी॥१४॥
ध्माले तुम्शं जो नय भन राई।
नभो नभो दग ु े द्ु ख शयनी ॥१॥
भातॊगी अरु धूभालसत भाता।
जन्भ-भयण ताकौ छुफट जाई॥२८॥
सनयॊ काय शै ज्मोसत तुम्शायी।
बुलनेश्वयी फगरा वुख दाता॥१५॥
जोगी वुय भुसन कशत ऩुकायी।
सतशूॉ रोक पैरी उस्जमायी ॥२॥ ळसळ रराट भुख भशात्रलळारा। नेि रार बृकुफट त्रलकयारा ॥३॥ रूऩ भातु को असधक वुशाले।
श्री बैयल ताया जग तारयणी। सछन्नबारबल द्ु खसनलारयणी॥१६॥ केशरय लाशन वोश बलानी।
मोगन शो त्रफन ळत्रि तुम्शायी॥२९॥ ळॊकय आिायज तऩ क नो। काभअरु क्रोधजीसत वफ रीनो॥३०॥
राॊगुय लीय िरत अगलानी॥१७॥
सनसळफदन ध्मान धयो ळॊकय को।
कय भं खप्ऩय खड्ग त्रलयाजै।
काशुकार नफशॊ वुसभयो तुभको॥३१॥
जाको दे ख कार डय बाजै॥१८॥
ळत्रि रूऩ का भयभ न ऩामो।
वोशै अस्त्रो औय त्रिळूरा।
ळत्रि गई तफ भन ऩसछतामो॥३२॥
अन्नऩूणाा शुई जग ऩारा।
जाते उठत ळिु फशम ळूरा॥१९॥
ळयणागत शुई क सता फखानी।
तुभ शी आफद वुन्दयी फारा ॥६॥
नगयकोट भं तुम्शीॊ त्रलयाजत।
जम जम जम जगदम्फबलानी॥३३॥
प्ररमकार वफ नाळन शायी।
सतशुॉरोक भं डॊ का फाजत॥२०॥
बई प्रवन्न आफद जगदम्फा।
दयळकयत जन असत वुखऩाले ॥४॥ तुभ वॊवाय ळत्रि रै क ना। ऩारन शे तु अन्न धन दीना ॥५॥
तुभ गौयी सळलळॊकय प्मायी ॥७॥ सळल मोगी तुम्शये गुण गालं। ब्रह्मा त्रलष्णु तुम्शं सनत ध्मालं ॥८॥ रूऩ वयस्लती को तुभ धाया। दे वुफुत्रद्ध ऋत्रऴ भुसनन उफाया ॥९॥ धयमो रूऩ नयसवॊश को अम्फा। ऩयगट बई पािकय खम्फा ॥१०॥
ळुम्ब सनळुम्ब दानल तुभ भाये । यिफीज ळॊखन वॊशाये ॥२१॥ भफशऴावुय नृऩ असत असबभानी। जेफश अघ बाय भशी अकुरानी॥२२॥ रूऩ कयार कासरका धाया। वेन वफशत तुभ सतफश वॊशाया॥२३॥ ऩयी गाढ़ वन्तन ऩय जफ जफ।
यषा करय प्रह्लाद फिामो।
बईवशाम भातु तुभ तफ तफ॥२४॥
फशयण्माष को स्लगा ऩठामो॥११॥
अभयऩुयी अरु फावल रोका।
रक्ष्भी रूऩ धयो जग भाशीॊ।
तफ भफशभा वफ यशं अळोका॥२५॥
श्री नायामण अॊग वभाशीॊ॥१२॥ षीयसवन्धु भं कयत त्रलरावा। दमासवन्धु दीजै भन आवा॥१३॥ फशॊ गराज भं तुम्शीॊ बलानी।
दई ळत्रि नफशॊ क न त्रलरम्फा॥३४॥ भोको भातु कष्ट असत घेयो। तुभ त्रफन कौन शयै द्ु ख भेयो॥३५॥ आळा तृष्णा सनऩट वतालं। भोश भदाफदक वफ त्रफनळालं॥३६॥ ळिु नाळ क जै भशायानी। वुसभयं इकसित तुम्शं बलानी॥३७॥ कयो कृ ऩा शे भातु दमारा। ऋत्रद्ध-सवत्रद्ध दै कयशु सनशारा।३८॥ जफ रसग स्जऊॉ दमा पर ऩाऊॉ। तुम्शयो मळ भं वदा वुनाऊॉ॥३९॥
ज्लारा भं शै ज्मोसत तुम्शायी।
श्री दग ु ाा िारीवा जो कोई गालै।
तुम्शं वदा ऩूजं नय-नायी॥२६॥
वफ वुख बोग ऩयभऩद ऩालै॥४०॥
प्रेभ बत्रि वे जो मळ गालं।
दोशा: दे लीदाव ळयण सनज जानी।
द्ु ख दारयद्र सनकट नफशॊ आलं॥२७॥
कयशु कृ ऩा जगदम्फ बलानी॥
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अप्रेर 2013
श्रीकृ ष्ण कृ त दे ली स्तुसत नलयाि भं श्रद्धा औय प्रेभऩूलक ा भशाळत्रि बगलती दे ली क ऩूजा-उऩावना कयने वे मश सनगुण ा स्लरूऩा दे ली ऩृ्ली के वभस्त जीलं ऩय दमा कयके स्लमॊ शी वगुणबाल को प्राद्ऱ शोकय ब्रह्मा, त्रलष्णु औय भशे ळ रूऩ वे उत्ऩत्रत्त, ऩारन औय वॊशाय कामा कयती शं । श्रीकृ ष्ण उलाि त्लभेल वलाजननी भूरप्रकृ सतयीश्वयी। त्लभेलाद्या वृत्रष्टत्रलधौ स्लेच्छमा त्रिगुणास्त्भका॥१॥ कामााथे वगुणा त्लॊ ि लस्तुतो सनगुण ा ा स्लमभ ्। ऩयब्रह्मास्लरूऩा त्लॊ वत्मा सनत्मा वनातनी॥२॥ तेज्स्लरूऩा ऩयभा बिानुग्रशत्रलग्रशा। वलास्लरूऩा वलेळा वलााधाया ऩयात्ऩय॥३॥
वलाफीजस्लरूऩा ि वलाऩूज्मा सनयाश्रमा। वलासा वलातोबद्रा वलाभॊगरभॊगरा॥४॥
अथाात् आऩ त्रलश्वजननी भूर प्रकृ सत ईश्वयी शो, आऩ वृत्रष्ट क उत्ऩत्रत्त के वभम आद्याळत्रि के रूऩ भं त्रलयाजभान यशती शो औय स्लेच्छा वे त्रिगुणास्त्भका फन जाती शो। मद्यत्रऩ लस्तुत् आऩ स्लमॊ सनगुण ा शो तथात्रऩ प्रमोजनलळ वगुण शो जाती शो। आऩ ऩयब्रह्म स्लरूऩ, वत्म, सनत्म एलॊ वनातनी शो। ऩयभ तेजस्लरूऩ औय बिं ऩय अनुग्रश कयने आऩ ळयीय धायण कयती शं। आऩ वलास्लरूऩा, वलेश्वयी, वलााधाय एलॊ ऩयात्ऩय शो। आऩ वलााफीजस्लरूऩ, वलाऩूज्मा एलॊ आश्रमयफशत शो। आऩ वलास, वलाप्रकाय वे भॊगर कयने लारी एलॊ वला भॊगरं फक बी भॊगर शो।
ऋग्लेदोि दे ली वूिभ ् अशसभत्मष्टिास्म वूि स्म लागाम्बृणी ऋत्रऴ: वस्च्ित्वुखात्भक: वलागत: ऩयभात्भा दे लता, फद्रतीमामा ऋिो जगती, सळष्टानाॊ त्रिष्टु ऩ ् छन्द:, दे लीभाशात्म्म ऩाठे त्रलसनमोग्। ध्मानभ ् सवॊशस्था ळसळळेखया भयकतप्रख्मैश्चतुसबाबज ुा ै: ळ्खॊ िक्रधनु:ळयाॊश्च दधती नेिस्ै स्त्रोसब: ळोसबता। आभुिा्गदशायक्कणयणत्काञ्िीयणन्नूऩुया दग ु ाा दग ु सा तशारयणी बलतु नो यत्नोल्रवत्कुण्डरा॥
दे लीवूिभ ् अशॊ रुद्रे सबलावुसबश्चयाम्मशभाफदत्मैरुत त्रलश्वदे लै्। अशॊ सभिालरुणोबा त्रफबम्माशसभन्द्राग्नी अशभसश्र ्लनोबा॥१॥ अशॊ वोभभाशनवॊ त्रफबम्माशॊ त्लष्टायभुत ऩूऴणॊ बगभ ्। अशॊ दधासभ द्रत्रलणॊ शत्रलष्भते वुप्राव्मे मजभानाम वुन्लते॥२॥ अशॊ याष्डी वॊगभनी लवूनाॊ सिफकतुऴी प्रथभा मस्समानाभ ्। ताॊ भा दे ला व्मदधु: ऩुरुिा बूरयस्थािाॊ बूय्र्मालेळमन्तीभ ्॥३॥ भमावो अन्नभत्रत्त मोत्रलऩश्मसत म: प्रास्णसत मईश्रृणोत्मुि भ ्। अभन्तलो भाॊ तउऩ स्षमस्न्त श्रुसधश्रुत श्रत्रद्धलॊ ते लदासभ॥४॥ अशभेल स्लमसभदॊ लदासभ जुष्टॊ दे लेसबरुत भानुऴेसब्। मॊ काभमे तॊ तभुग्रॊ कृ णोसभ तॊ ब्रह्माणॊ तभृत्रऴॊ तॊ वुभेधाभ ्॥५॥ अशॊ रुद्राम धनुया तनोसभ ब्रह्मफद्रऴे ळयले शन्तला उ। अशॊ जनाम वभदॊ कृ णोम्मशॊ द्यालाऩृसथलीआत्रललेळ॥६॥ अशॊ वुले त्रऩतयभस्म भूधन् ा भभ मोसनयप्स्लन्त: वभुद्रे। ततो त्रल सतष्ठे बुलनानु त्रलश्वोताभूॊ द्याॊ लष्भाणोऩ स्ऩळसभ॥७॥ अशभेल लात इल प्रलाम्मायबभाणा बुलनासन त्रलश्वा। ऩयो फदला ऩय एना ऩृसथव्मैतालती भफशना वॊफबूल॥८॥
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वप्तश्र्लरोक दग ु ाा
दे त्रल त्लॊ बिवुरबे वलाकामात्रलधासमनी।
करौ फश कामासवद्धमथाभुऩामॊ ब्रूफश मित्॥ दे ल उलाि: श्रृणु दे ल प्रलक्ष्मासभ करौ वलेष्टवाधनभ।्
भमा तलैल स्नेशेनाप्मम्फास्तुसत् प्रकाश्मते॥ त्रलसनमोग् ॐ अस्म श्री दग ु ाावद्ऱश्लोक स्तोिभन्िस्म नायामण ऋत्रऴ् अनुष्टऩछन्द्, ्
श्रीभह्मकारी भशारक्ष्भी भशावयस्लत्मो दे लता्,
अप्रेर 2013
दग ु ाा आयती
जम अम्फे गौयी भैमा जम श्माभा गौयी। तुभको सनवफदन ध्मालत शरय ब्रम्शा सळलयी॥१॥ भाॊग सवॊदयू त्रलयाजत टीको भृगभदको। उज्जलर वे दोऊ नैना िन्द्रलदन नीको॥२॥ कनक वभान करेलय यिाम्फय याजे। यि ऩुष्ऩ गर भारा कण्ठन ऩय वाजे॥३॥ केशरय लाशन याजत खड्ग खप्ऩय धायी। वुय नय भुसन जन वेलत सतनके द्ु ख शायी॥४॥
श्रीदग ु ााप्रीत्मथं वद्ऱश्लोक दग ु ााऩाठे त्रलसनमोग्।
कानन कुॊडर ळोसबत नावाग्रे भोती।
ॐ सासननाभत्रऩ िेताॊसव दे ली बगलती फशवा।
कोफटक िॊद्र फदलाकय याजत वभ ज्मोसत॥५॥
फरादाकृ ष्म भोशाम भशाभामा प्रमच्छसत॥ दग ु े स्भृता शयसव बीसतभळेऴजन्तो्
स्लस्थै् स्भृता भसतभतील ळुबाॊ ददासव। दारयद्रमद्ु खबमशारयस्ण त्लदन्मा वलोऩकायकयणाम वदाद्रा सित्ता॥
वलाभॊगरभॊगल्मे सळले वलााथव ा ासधके।
ळुॊब सनळॊबु त्रलदाये भफशऴावुयधाती। धूम्रत्रलरोिन नैना सनळफदन भदभाती॥६॥ िण्ड भुण्ड वॊशाये ळोस्णत फीज शये । भधु कैटब दोउ भाये वुय बमशीन कये ॥७॥ ब्रम्शाणी रुद्राणी तुभ कभरायानी। आगभ सनगभ फखानी तुभ सळल ऩटयानी॥८॥
ळयण्मे त्र्मम्फके गौरय नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
िौवॊठ मोसगनी गालत नृत्म कयत बैरुॉ।
ळयणागतदीनाताऩरयिाणऩयामणे।
फाजत तार भृदॊगा अरु डभरुॉ ॥९॥
वलास्मासताशये दे त्रल नायामस्ण नभोऽस्तुते॥
तुभ शी जग क भाता तुभ शी शो बयता।
वलास्लरूऩे वलेळे वलाळत्रिवभस्न्लते।
बिन क द्ु खशताा वुख वम्ऩत्रत्त कताा॥१०॥
बमेभ्मस्त्रोाफश नो दे त्रल दग ु े दे त्रल नभोऽस्तुते॥ योगानळोऴानऩशॊ सव तुष्टा रूष्टा तु काभान ् वकरानबीष्टान।्
त्लाभासश्रतानाॊ न त्रलऩन्नयाणाॊ त्लाभासश्रता ह्माश्रमताॊ प्रमास्न्त॥ वलााफाधाप्रळभनॊ िैरोक्मस्मास्खरेश्र्ललरय। एलभेल त्लमा कामाभस्मद्रै रयत्रलनाळनभ॥् ॥ इसत श्रीवद्ऱश्लोक दग ा ्॥ ु ाा वॊऩूणभ
बुजा िाय असत ळोसबत लय भुद्रा धायी। भनलाॊस्च्छत पर ऩाले वेलत नय नायी॥११॥ कॊिन थार त्रलयाजत अगय कऩुय फात्ती। श्री भार केतु भं याजत कोफट यतन ज्मोती॥१२॥ भाॉ अम्फे जी क आयती जो कोई नय गामे। कशत सळलानॊद स्लाभी वुख वॊऩत्रत्त ऩामे॥१३॥
अप्रेर 2013
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॥ सवद्धकुॊस्जकास्तोिभ ् ॥ सळल उलाि
ऐॊकायी वृत्रष्टरूऩामै ह्रीॊकायी प्रसतऩासरका।
मेन भन्िप्रबालेण िण्डीजाऩ् ळुबो बलेत॥१॥ ्
िाभुण्डा िण्डघाती ि मैकायी लयदासमनी॥४॥
ळृणु दे त्रल प्रलक्ष्मासभ कुॊस्जकास्तोिभुत्तभभ।्
क्रीॊकायी काभरूत्रऩण्मै फीजरूऩे नभोऽस्तु ते॥३॥
न कलिॊ नागारास्तोिॊ क रकॊ न यशस्मकभ।्
त्रलच्िे िाबमदा सनत्मॊ नभस्ते भॊिरूत्रऩस्ण।
न वूिॊ नात्रऩ ध्मानॊ ि न न्मावो न ि लािानभ॥२॥ ्
धाॊ धीॊ धूॊ धूजट ा े ् ऩत्नी लाॊ लीॊ लूॊ लागधीश्वयी॥५॥
कुॊस्जकाऩाठभािेण दग ु ााऩाठपरॊ रबेत।्
क्राॊ क्र ॊ क्रूॊ कासरका दे त्रल ळाॊ ळीॊ ळूॊ भे ळुबॊ कुरु॥६॥
असत गुह्यतयॊ दे त्रल दे लानाभत्रऩ दर ा भ॥३॥ ् ु ब
शुॊ शुॊ शुॊकायरूत्रऩण्मै जॊ जॊ जॊ जम्बनाफदनी।
गोऩनीमॊ प्रमत्नेन स्लमोसनरयल ऩालासत।
भ्राॊ भ्रीॊ भ्रूॊ बैयली बद्रे बलान्मै ते नभो नभ्
भायणॊ भोशनॊ लश्मॊ स्तम्बनोच्िाटनाफदकभ।्
अॊ कॊ िॊ टॊ तॊ ऩॊ मॊ ळॊ लीॊ दॊ ु ऐॊ लीॊ शॊ षॊ॥७॥
ऩाठभािेण वॊसवद्धमेत ् कुॊस्जकास्तोिभुत्तभभ॥४॥ ्
सधजाग्रॊ सधजाग्रॊ िोटम िोटम दीद्ऱॊ कुरु कुरु स्लाशा॥
अथ भॊि
ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुण्डामै त्रलच्िे। ॐ ग्रं शुॊ क्रीॊ जूॊ व्
ज्लारम ज्लारम ज्लर ज्लर प्रज्लर प्रज्लर ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ िाभुण्डामै त्रलच्िे ज्लर शॊ वॊ रॊ षॊ पट् स्लाशा इसत भॊि्
नभस्ते रुद्ररूत्रऩण्मै नभस्ते भधुभफदासन।
नभ् कैटबशारयण्मै नभस्ते भफशऴाफदा सन॥१॥
नभस्ते ळुम्बशन्त्र्मै ि सनळुम्बावुयघासतसन।
ऩाॊ ऩीॊ ऩूॊ ऩालाती ऩूणाा खाॊ खीॊ खूॊ खेियी तथा ॥८॥ वाॊ वीॊ वूॊ वद्ऱळती दे व्मा भॊिसवत्रद्धॊ कुरुष्ल भे॥ इदॊ तु कुॊस्जकास्तोिॊ भॊिजागसताशेतले।
अबिे नैल दातव्मॊ गोत्रऩतॊ यष ऩालासत॥
मस्तु कुॊस्जकमा दे त्रल शीनाॊ वद्ऱळतीॊ ऩठे त।् न तस्म जामते सवत्रद्धययण्मे योदनॊ मथा॥ । इसत श्री कुॊस्जकास्तोिभ ् वॊऩण ू भ ा ्।
जाग्रतॊ फश भशादे त्रल जऩॊ सवद्धॊ कुरुष्ल भे॥२॥
दग ु ााष्टकभ ्
दग ु े ऩये सळ ळुबदे सळ ऩयात्ऩये सळ।
ऩूज्मे भशालृऴबलाफशसन भॊगरेसळ।
भोषेऽस्स्थये त्रिऩुयवुन्दरयऩाटरेसळ।
स्तुत्मे स्लधे वकरताऩशये वुयेसळ।
यम्मेधये वकरदे लनुते गमेसळ।
तृष्णे तयॊ सगस्ण फरे गसतदे ध्रुलेसळ।
लन्द्ये भशे ळदसमतेकरुणाणालसे ळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥१॥ फदव्मे नुते श्रुसतळतैत्रलाभरे बलेसळ। कन्दऩादायळतमुन्दरय भाधलेसळ।
भेधे सगयीळतनमे सनमते सळलेसळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥२॥ यावेश्वरय प्रणतताऩशये कुरेसळ। धभात्रप्रमे बमशये लयदाग्रगेसळ।
लाग्दे लते त्रलसधनुते कभरावनेसळ।
कृ ष्णस्तुतेकुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥३॥
ऩद्मे फदगम्फरय भशे श्वरय काननेसळ। कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩा रसरतेऽस्खरेसळ॥४॥ श्रद्धे वुयाऽवुयनुते वकरे जरेसळ। गॊगे सगयीळदसमते गणनामकेसळ।
दषे स्भळानसनरमे वुयनामकेसळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥५॥ ताये कृ ऩाद्रा नमने भधुकैटबेसळ।
त्रलद्येश्वये श्वरय मभे सनखराषये सळ।
ऊजे ितु्स्तसन वनातसन भुिकेसळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतऽस्खरेसळ॥६॥
भाशे श्वरय त्रिनमने प्रफरे भखेसळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥७॥ त्रलश्वम्बये वकरदे त्रलफदते जमेसळ।
त्रलन्ध्मस्स्थते ळसळभुस्ख षणदे दमेसळ। भात् वयोजनमने यसवके स्भये सळ।
कृ ष्णस्तुते कुरु कृ ऩाॊ रसरतेऽस्खरेसळ॥८॥ दग ु ााष्टकॊ ऩठसत म् प्रमत् प्रबाते
वलााथद ा ॊ शरयशयाफदनुताॊ लये ण्माभ।्
दग ू म भफशताॊ त्रलत्रलधोऩिायै ् ु ां वुऩज्
प्राप्नोसत लाॊसछतपरॊ न सियान्भनुष्म्॥९॥ ॥ इसत श्री दग ा ्॥ ु ााष्टकॊ वम्ऩूणभ
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॥ बलान्मष्टकभ ् ॥ न तातो न भाता न फन्धुना दाता
कुकभॉ कुवॊगी कुफुत्रद्ध कुदाव्
न ऩुिो न ऩुिी न बृत्मो न बताा।
कुरािायशीन् कदािायरीन्।
न जामा न त्रलद्या न लृत्रत्तभाभैल
कुदृत्रष्ट् कुलाक्मप्रफॊध् वदाऽश
गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥१॥
गसतस्त्ल गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥५॥
बलाब्धालऩाये भशाद्ु खबीरु्
प्रजेळॊ यभेळॊ भशे ळॊ वुयेळॊ
कुवॊवाय-ऩाळ-प्रफद्ध् वदाऽशॊ
न जानासभ िाऽन्मत ् वदाऽशॊ ळयण्मे
ऩऩात प्रकाभी प्ररोबी प्रभत्त्। गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥२॥
फदनेळॊ सनळीथेश्वयॊ ला कदासित।्
गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥६॥
न जानासभ दानॊ न ि ध्मान-मोगॊ
त्रललादे त्रलऴादे प्रभादे प्रलावे
न जानासभ तॊि न ि स्तोि-भन्िभ।्
जरे िाऽनरे ऩलाते ळिुभध्मे।
न जानासभ ऩूजाॊ न ि न्मावमोगॊ
अयण्मे ळयण्मे वदा भाॊ प्रऩाफश
गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥३॥
गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥७॥
न जानासभ ऩुण्मॊ न जानासन तीथं
अनाथो दरयद्रो जया-योगमुिो
न जानासभ भुत्रिॊ रमॊ ला कदासित।्
भशाषीणदीन् वदा जाड्मलक्ि्।
न जानासभ बत्रि व्रतॊ लाऽत्रऩ भात-
त्रलऩत्तौ प्रत्रलष्ट् प्रणष्ट् वदाऽशॊ
गासतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥४॥
गसतस्त्लॊ गसतस्त्लॊ त्लभेका बलासन॥८॥ ॥ इसत श्रीबलान्मष्टकॊ वॊऩूणभ ा ्॥
षभा-प्राथाना अऩयाधवशस्त्रोास्ण फक्रमन्तेऽशसनाळॊ भमा। दावोऽमसभसत भाॊ भत्ला षभस्ल ऩयभेश्वरय॥१॥
आलाशनॊ न जानासभ न जानासभ त्रलवजानभ ्। ऩूजाॊ िैल न जानासभ षम्मताॊ ऩयभेश्वरय॥२॥ भन्िशीनॊ फक्रमाशीनॊ बत्रिशीनॊ वुयेश्वरय। मत्ऩूस्जतॊ भमा दे त्रल ऩरयऩूणा तदस्तु भे॥३॥
अऩयाधळतॊ कृ त्ला जगदम्फेसत िोच्िये त ्। माॊ गसतॊ वभलाऩनेसत न ताॊ ब्रह्मादम: वुया्॥४॥
वाऩयाधोऽस्स्भ ळयणॊ प्राद्ऱस्त्लाॊ जगदस्म्फके। इदानीभनुकम्प्मोऽशॊ मथेच्छसव तथा कुरु॥५॥ असानाफद्रस्भृतेभ्ररान्त्मा मन्न्मूनभसधकॊ कृ तभ ्। तत्वला षम्मताॊ दे त्रल प्रवीद ऩयभेश्वरय॥६॥ काभेश्वरय जगन्भात: वस्च्िदानन्दत्रलग्रशे । गृशाणािाासभभाॊ प्रीत्मा प्रवीद ऩयभेश्वरय॥७॥
गुह्यासतगुह्यगोप्िी त्लॊ गृशाणास्भत्कृ तॊ जऩभ ्। सवत्रद्धबालतु भे दे त्रल त्लत्प्रवादात्वुयेश्वरय॥८॥
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दग ु ााष्टोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ् ळतनाभ प्रलक्ष्मासभ ळृणुष्ल कभरानने।
अनेकळस्त्रोशस्ता ि अनेकास्त्रोस्म धारयणी।
मस्म प्रवादभािेण दग ु ाा प्रीता बलेत ् वती॥१॥
कुभायी िैककन्मा ि कैळोयी मुलती मसत्॥१२॥
वती वाध्ली बलप्रीता बलानी बलभोिनी।
अप्रौढा िैल प्रौढा ि लृद्धभाता फरप्रदा।
आमाा दग ु ाा जमा िाद्या त्रिनेिा ळूरधारयणी॥२॥
भशोदयी भुि केळी घोयरूऩा भशाफरा॥१३॥
त्रऩनाकधारयणी सििा िण्डघण्टा भशातऩा्।
अस्ग्नज्लारा यौद्रभुखी कारयात्रिस्तऩस्स्लनी।
भनो फुत्रद्धयशॊ काया सित्तरूऩा सिता सिसत्॥३॥
नायामणी बद्रकारी त्रलष्णुभामा जरोदयी॥१४॥
वलाभन्िभमी वत्ता वत्मानन्दस्लरूत्रऩणी।
सळलदत ू ी कयारी ि अनन्ता ऩयभेश्वयी।
अनन्ता बात्रलनी बाव्मा बव्माबव्मा वदागसत्॥४॥ ळाम्बली दे लभाता ि सिन्ता यत्नत्रप्रमा वदा।
कात्मामनी ि वात्रलिी प्रत्मषा ब्रह्मलाफदनी॥१५॥ म इदॊ प्रऩठे स्न्नत्मॊ दग ु ाानाभळताष्टकभ ्।
वलात्रलद्या दषकन्मा दषमसत्रलनासळनी॥५॥
नावाध्मॊ त्रलद्यते दे त्रल त्रिऴु रोकेऴु ऩालासत॥१६॥
अऩणाानेकलणाा ि ऩाटरा ऩाटरालती।
धनॊ धान्मॊ वुतॊ जामाॊ शमॊ शस्स्तनभेल ि।
ऩट्टाम्फयऩयीधाना करभञ्जीययस्ञ्जनी॥६॥
ितुलग ा ा तथा िान्ते रबेन्भुत्रिॊ ि ळाश्वतीभ ्॥१७॥
अभेमत्रलक्रभा क्रूया वुन्दयी वुयवुन्दयी।
कुभायीॊ ऩूजसमत्ला तु ध्मात्ला दे लीॊ वुयेश्वयीभ ्।
लनदग ु ाा ि भात्गी भत्गभुसनऩूस्जता॥७॥
ऩूजमेत ् ऩयमा बक्त्मा ऩठे न्नाभळताष्टकभ ्॥१८॥
ब्राह्मी भाशे श्वयी िैन्द्री कौभायी लैष्णली तथा।
तस्म सवत्रद्धबालेद् दे त्रल वलै: वुयलयै यत्रऩ।
िाभुण्डा िैल लायाशी रक्ष्भीश्च ऩुरुऴाकृ सत्॥८॥ त्रलभरोत्कत्रऴण ा ी साना फक्रमा सनत्मा ि फुत्रद्धदा। फशुरा फशुरप्रेभा वलालाशनलाशना॥९॥
याजानो दावताॊ मास्न्त याज्मसश्रमभलाऩनुमात ्॥१९॥ गोयोिनारि ककु्कुभेन सवन्दयू कऩूया भधुिमेण।
त्रलसरख्म मन्िॊ त्रलसधना त्रलसधसो बलेत ् वदा धायमते
सनळुम्बळुम्बशननी भफशऴावुयभफदा नी।
ऩुयारय्॥२०॥
भधुकैटबशन्िी ि िण्डभुण्डत्रलनासळनी॥१०॥
बौभालास्मासनळाभग्रे िन्द्रे ळतसबऴाॊ गते।
वलाावुयत्रलनाळा ि वलादानलघासतनी।
त्रलसरख्म प्रऩठे त ् स्तोिॊ व बलेत ् वम्ऩदाॊ ऩदभ ्॥२१॥
वलाळास्त्रोभमी वत्मा वलाास्त्रोधारयणी तथा॥११॥
ळादी वॊफॊसधत वभस्मा क्मा आऩके रडके-रडक फक आऩक ळादी भं अनालश्मक रूऩ वे त्रलरम्फ शो यशा शं मा उनके लैलाफशक
जीलन भं खुसळमाॊ कभ शोती जायशी शं औय वभस्मा असधक फढती जायशी शं । एवी स्स्थती शोने ऩय अऩने रडके-रडक फक कॊु डरी का अध्ममन अलश्म कयलारे औय उनके लैलाफशक वुख को कभ कयने लारे दोऴं के सनलायण के उऩामो के फाय भं त्रलस्ताय वे जनकायी प्राद्ऱ कयं ।
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अप्रेर 2013
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त्रलश्वॊबयी स्तुसत त्रलश्वॊबयी स्तुसत भूर रुऩवे गुजयाती भं लल्रब बट्ट द्राया सरखी गई शं । स्लस्स्तक.ऎन.जोळी त्रलश्वॊबयी अस्खर त्रलश्वतणी जनेता।
ये ये बलानी फशु बूर थई ज भायी।
त्रलद्या धयी लदनभाॊ लवजो त्रलधाता॥
आ स्जॊदगी थई भने असतळे अकायी॥
दफ ु त्रुा द्ध दयु कयी वद्दफुत्रद्ध आऩो।
दोऴो प्रजासऱ वधऱा तल छाऩ छाऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥१॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥७॥
बूरो ऩफड बलयने बटकुॊ बलानी।
खारी न कोइ स्थऱ छे त्रलण आऩ धायो।
वुझे नफश रगीय कोइ फदळा जलानी॥
ब्रह्माॊडभाॊ अणु-अणु भशीॊ लाव तायो॥
बावे बमॊकय लऱी भनना उताऩो।
ळत्रि न भाऩ गणला अगस्णत भाऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥२॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥८॥
आ यॊ कने उगयला नथी कोइ आयो।
ऩाऩो प्रऩॊि कयला फधी यीते ऩूयो।
जन्भाॊध छु जननी शु ग्रशी शाथ तायो॥
खोटो खयो बगलती ऩण शुॊ तभायो॥
ना ळुॊ वुणो बगलती सळळुना त्रलराऩो।
जाडमाॊधकाय कयी दयू वुफुत्रद्ध स्थाऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥३॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥९॥
भा कभा जन्भ कथनी कयताॊ त्रलिारु।
ळीखे वुणे यसवक छॊ द ज एक सित्ते।
आ वृत्रष्टभाॊ तुज त्रलना नथी कोइ भारु॥
तेना थक त्रित्रलध ताऩ टऱे खसिते॥
कोने कशुॊ कठण काऱ तणो फऱाऩो।
फुत्रद्ध त्रलळेऴ जगदॊ फ तणा प्रताऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥४॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥१०॥
शुॊ काभ क्रोध भध भोश थक बये रो।
श्री वदगुरु ळयनभाॊ यशीने मजुॊ छुॊ।
आडॊ फये असत धणो भद्थी छकेरो॥
यात्रि फदने बगलती तुजने बजुॊ छु॥
दोऴो फधा दयू कयी भाप ऩाऩो।
वदबि वेलक तणा ऩरयताऩ िाऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥५॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥११॥
ना ळास्त्रोना श्रलणनु ऩम्ऩान ऩीधु।
अॊतय त्रलऴे असधक उसभा थताॊ बलानी।
ना भॊि के स्तुसत कथा नथी काइ क धु॥
गाऊ स्तुसत तल फऱे नभीने भृडानी॥
श्रद्धा धयी नथी कमाा तल नाभ जाऩो।
वॊवायना वकऱ योग वभूऱ काऩो।
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥६॥
भाभ ् ऩाफश ॐ बगलती बल द्ु ख काऩो ॥१२॥
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ळाऩ त्रलभोिन भॊि
स्लस्स्तक.ऎन.जोळी िस्ण्डका ळाऩ त्रलभोिन भॊि िस्ण्डका ळाऩ त्रलभोिन भॊि के ऩाठ को कयने वे दे ली क ऩूजा भं क गमी फकवी बी प्रकाय िुफट (बूर) वे सभरा श्राऩ खत्भ शो जाता शै । ळाऩ-त्रलभोिन वॊकल्ऩ ऊॉ
अस्म
श्रीिस्ण्डकामा
ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩत्रलभोिन
भन्िस्म
लसवष्ठनायदवॊलादवाभलेदासधऩसतब्रह्माण
ऋऴम:
वलैश्वमाकारयणी श्रीदग ु ाा दे लता िरयििमॊ फीजॊ ह्रीॊ ळत्रि: त्रिगुणात्भस्लरूऩिस्ण्डकाळाऩत्रलभुिो भभ वॊकस्ल्ऩतकामासवद्धमथे जऩे त्रलसनमोग:।
ळाऩत्रलभोिन भॊि ॐ (ह्रीॊ) यीॊ ये त:स्लरूत्रऩण्मै भधुकैटबभफदा न्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१॥ ॐ यॊ यिस्लरूत्रऩण्मै भफशऴावुयभफदा न्मै,ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥२॥ ॐ षुॊ षुधास्लरूत्रऩण्मै दे ललस्न्दतामै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥३॥ ॐ छाॊ छामास्लरूत्रऩण्मै दत ू वॊलाफदन्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥४॥
ॐ ळॊ ळत्रिस्लरूत्रऩण्मै धूम्ररोिनघासतन्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥५॥ ॐ तॊ तृऴास्लरूत्रऩण्मै िण्डभुण्डलधकारयण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥६॥ ॐ षाॊ षास्न्तस्लरूत्रऩण्मै यिफीजलधकारयण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥७॥ ॐ जाॊ जासतरूत्रऩण्मै सनळुम्बलधकारयण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥८॥ ॐ रॊ रज्जास्लरूत्रऩण्मै ळुम्बलधकारयण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥९॥ ॐ ळाॊ ळास्न्तस्लरूत्रऩण्मै दे लस्तुत्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१०॥ ॐ श्रॊ श्रद्धास्लरूत्रऩण्मै वकरफ़रदात्र्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥११॥ ॐ श्रीॊ फुत्रद्धस्लरूत्रऩण्मै भफशऴावुयवैन्मनासळन्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१२॥ ॐ काॊ कास्न्तस्लरूत्रऩण्मै याजलयप्रदामै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१३॥ ॐ भाॉ भातृस्लरूत्रऩण्मै अनगारभफशभावफशतामै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१४॥ ॐ ह्रीॊ श्रीॊ दॊ ु दग ु ाामै वॊ वलैश्वमाकारयण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१५॥
ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ नभ: सळलामै अबेद्यकलिस्लरूत्रऩण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१६॥ ॐ क्र ॊ काल्मै कासर ह्रीॊ फ़ट स्लाशामै ऋग्लेदस्लरूत्रऩण्मै ब्रह्मलसवष्ठत्रलश्वासभिळाऩाद त्रलभुिाबल॥१७॥ ॐ ऐॊ ह्रीॊ क्रीॊ भशाकारीभशारक्ष्भीभशावयस्लतीस्लरूत्रऩण्मै त्रिगुणास्त्भकामै दग ु ाादेव्मै नभ:॥१८॥ इत्मेलॊ फश भशाभन्िान ऩफठत्ला ऩयभेश्वय, िण्डीऩाठॊ फदला यािौ कुमाादेल न वॊळम:॥१९॥ एलॊ भन्िॊ न जानासत िण्डीऩाठॊ कयोसत म:, आत्भानॊ िैल दातायॊ षीणॊ कुमाान्न वॊळम:॥२०॥ (श्रीदग ु ााभाऩाणाभस्तु)
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श्रीकृ ष्ण कृ त दे ली स्तुसत नलयाि भं श्रद्धा औय प्रेभऩूलक ा भशाळत्रि बगलती दे ली क ऩूजा-उऩावना कयने वे मश सनगुण ा स्लरूऩा दे ली ऩृ्ली के वभस्त जीलं ऩय दमा कयके स्लमॊ शी वगुणबाल को प्राद्ऱ शोकय ब्रह्मा, त्रलष्णु औय भशे ळ रूऩ वे उत्ऩत्रत्त, ऩारन औय वॊशाय कामा कयती शं । श्रीकृ ष्ण उलाि त्लभेल वलाजननी भूरप्रकृ सतयीश्वयी। त्लभेलाद्या वृत्रष्टत्रलधौ स्लेच्छमा त्रिगुणास्त्भका॥१॥ कामााथे वगुणा त्लॊ ि लस्तुतो सनगुण ा ा स्लमभ ्।
ऩयब्रह्मास्लरूऩा त्लॊ वत्मा सनत्मा वनातनी॥२॥ तेज्स्लरूऩा ऩयभा बिानुग्रशत्रलग्रशा। वलास्लरूऩा वलेळा वलााधाया ऩयात्ऩय॥३॥ वलाफीजस्लरूऩा ि वलाऩूज्मा सनयाश्रमा। वलासा वलातोबद्रा वलाभॊगरभॊगरा॥४॥ अथाात् आऩ त्रलश्वजननी भूर प्रकृ सत ईश्वयी शो, आऩ वृत्रष्ट क उत्ऩत्रत्त के वभम आद्याळत्रि के रूऩ भं त्रलयाजभान यशती शो औय स्लेच्छा वे त्रिगुणास्त्भका फन जाती शो। मद्यत्रऩ लस्तुत् आऩ स्लमॊ सनगुण ा शो तथात्रऩ प्रमोजनलळ वगुण शो जाती शो। आऩ ऩयब्रह्म स्लरूऩ, वत्म, सनत्म एलॊ वनातनी शो। ऩयभ तेजस्लरूऩ औय बिं ऩय अनुग्रश कयने आऩ ळयीय धायण कयती शं। आऩ वलास्लरूऩा, वलेश्वयी, वलााधाय एलॊ ऩयात्ऩय शो। आऩ वलााफीजस्लरूऩ, वलाऩूज्मा एलॊ आश्रमयफशत शो। आऩ वलास, वलाप्रकाय वे भॊगर कयने लारी एलॊ वला भॊगरं फक बी भॊगर शो।
ऩसत-ऩत्नी भं करश सनलायण शे तु मफद ऩरयलायं भं वुख-वुत्रलधा के वभस्त वाधान शोते शुए बी छोटी-छोटी फातो भं ऩसत-ऩत्नी के त्रफि भे करश शोता यशता शं , तो घय के स्जतने वदस्म शो उन वफके नाभ वे गुरुत्ल कामाारत द्राया
ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि लळीकयण कलि एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भं त्रफना फकवी ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ त्रलळेऴ
राब प्राद्ऱ कय वकते शं । मफद आऩ भॊि सवद्ध ऩसत लळीकयण मा ऩत्नी लळीकयण एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी फनलाना िाशते शं , तो वॊऩका आऩ कय वकते शं ।
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भाॊ के ियणं सनलाव कयते वभस्त शं तीथा
सिॊतन जोळी त्माग औय सन:स्लाथा प्रेभ फक प्रसत भूसता जन्भ दे ने लारी भाॊ अऩनी वॊतान को नौ भफशने गबा भं उवका ऩोऴण कय, अवशनीम प्रवल कष्ट वशकय उवे जन्भ दे ती शं । भाॊ के इव त्माग औय सन:स्लाथा प्रेभ का फदरा िाशकय बी कोई नशीॊ िुका वकता।
ळतऩथ ब्राह्मण के लिन
भातृभान त्रऩतृभानािामालान ् ऩुरुऴो लेद
अथाात् स्जवके ऩाव भाता, त्रऩता औय गुरु जेवे तीन उत्तभ सळषक शं लशीॊ भनुष्म वशी अथा भं भानल फनता शं ।
वभस्त व्मत्रि फक प्रथन गुरु भाॊ शोती शं । क्मोफक भाॊ वे व्मत्रि को जीलन के आदळा औय वॊस्काय आफद सान प्राद्ऱ शोता शं । शभाये धभा ळास्त्रोो भं उल्रेख सभरता शं फक उऩाध्माओॊ वे दव गुना श्रेष्ठ आिामा शोते शं , एलॊ आिामा वे वौ गुना श्रेष्ठ त्रऩता औय त्रऩता वे शजाय गुना श्रेष्ठ भाता शोती शै । क्मोफक भाॊ के ळयीय भं वबी दे लताओॊ औय वबी तीथं का लाव शोता शै । इवी सरए त्रलश्व फक वलाश्रष्ठ े बायतीम वॊस्कृ सत भं केलर भाॊ को बगलान के वभान भाना गमा शं । इव सरमे भाॊ ऩूज्म, स्तुसत मोग्म औय आह्वान कयने मोग्म शोती शं । भशाबायत भं बी उल्रेख सभरता शं फक जफ मष ने मुसधत्रष्ठय वे वलार फकमा फक बूसभ वे बी बायी कौन शं ? तो मुसधत्रष्ठय ने उत्तय फदमा
भाता गुरुतया बूभे:।
अथाात् भाॊ इव बूसभ वे बी कशीॊ असधक बायी शोती शं । आफद ळॊकयािामा का कथन शं '
कुऩुिो जामेत मद्यत्रऩ कुभाता न बलसत।
वॊवाय भं भातृभान लश शोता शै , स्जवक भाता गबााधान वे रेकय जफ तक गबा के ळेऴ त्रलसध-त्रलधान ऩूये न शो जाएॊ, तफ तक वॊमभीत औय वुळीर व्मलशाय कये । क्मोफक भातृ गबा भं वॊस्कारयत शोने का वफवे फिा आदळा उदाशयण भशाबायत भं असबभन्मु का दे खने को सभरता शं , स्जवने अऩनी भाॊ वे गबा भं शी िक्रव्मूश तोिने का उऩाम वीख सरमा था। इवी भाॊ फक भभता औय सन:स्लाथा प्रेभ को ऩाने के सरमे भनुष्म फश नशीॊ दे लता बी तयवते शं । इव सरमे फाय-फाय अलताय रेकय अऩनी रीराएॊ त्रफखेयने के सरमे ऩृ्ली ऩय जन्भ रेते शं । इस्वे सात शोता शं फक भाॊ के ियणं भं शी वबी तीथा का ऩुण्म प्राद्ऱ शो जाता शै । इव सरमे फच्िा वफवे ऩशरे जो फोर नीकरते शं , लश
भाॊ ळब्द शोता शं , एक फाय भं शी झटके वे फच्िे के
भुॊश वे भाॊ सनकर जाता शै मासन भाॊ का उच्िायण बी वफवे आवान। अन्म वबी वब्दो भं उवे थोडी कफठनाई शोती शं स्जव कायण लश उन ळब्दो का उच्ियाण धीये -धीये
अथाात् ऩुि तो कुऩुि शो वकता शै , ऩय भाता कबी कुभाता नशीॊ
सवखता शं । वफवे फडा उदाशयण शं , जो आऩने आमे फदन
शो वकती।
दे खा वुना औय आजभाम शोगा, व्मत्रि जफ ऩये ळानी भं
बगलान श्री याभका लिन शं ।
जननी जन्भबूसभश्च स्लगाादत्रऩ गयीमवी।
अथाात् जननी औय जन्भबूसभ स्लगा वे बी फढ़कय शोते शं । तैत्रत्तयीमोऩसनऴद् भं उल्रेख फकमा गमा शं ।
भातृ दे लो बल:
शोता शं , कष्ट झेर यशा शोता शं , मा आकस्स्भक वॊकट आने, फकवी आघात वे ळयीय ऩय िोट रग जामे तो ऩय
वफवे ऩेशरे भाॊ को माद कयता शं । इव सरमे भाॊ को कष्ट दे ने लारी वॊतान को दै त्रल आऩदा, द्ु ख, कष्ट बोगना ऩडता शं । अऩने भाॊ का सनयादय न कयं औय उनक वेला अलश्म कयं ।
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अप्रेर 2013
श्री भाकाण्डे म कृ त रघु दग ु ाा वद्ऱळती स्तोिभ ्
ॐ लीॊलीॊलीॊ लेणुशस्ते स्तुसतत्रलधलटु के शाॊ तथा तानभाता, स्लानॊदेभॊदरुऩे अत्रलशतसनरुते बत्रिदे भुत्रिदे त्लभ ्।
शॊ व् वोशॊ त्रलळारे लरमगसतशवे सवत्रद्धदे लाभभागे, ह्रीॊ ह्रीॊ ह्रीॊ सवद्धरोके कऴ कऴ त्रलऩुरे लीयबद्रे नभस्ते॥१॥ ॐ ह्रीॊ-कायॊ िोच्ियॊ ती भभशयतु बमॊ िभाभुॊडे प्रिॊडे, खाॊखाॊखाॊ खड्गऩाणे ध्रकध्रकध्रफकते उग्ररुऩे स्लरुऩे। शुॊशुॊशुॊ-काय-नादे गगन-बुत्रल तथा व्मात्रऩनी व्मोभरुऩे, शॊ शॊशॊ-कायनादे वुयगणनसभते याषवानाॊ सनशॊ त्रि॥२॥ ऐॊ रोके क तामॊती भभ शयतु बमॊ िॊडरुऩे नभस्ते, घ्राॊ घ्राॊ घ्राॊ घोयरुऩे घघघघघफटते घघाये घोययाले।
सनभांवे काकजॊघे घसवत-नख-नखा-धूम्र-नेिे त्रिनेिे, शस्ताब्जे ळूरभुॊडे करकुरकुकुरे श्रीभशे ळी नभस्ते॥३॥ क्र ॊ क्र ॊ क्र ॊ ऐॊ कुभायी कुशकुशभस्खरे कोफकरे , भानुयागे भुद्रावॊसत्रिये खाॊ कुरु कुरु वततॊ श्रीभशाभारय गुह्ये।
तेजंगे सवत्रद्धनाथे भनुऩलनिरे नैल आसा सनधाने, ऐॊकाये यात्रिभध्मे ळसमतऩळुजने तॊिकाॊते नभस्ते॥४॥ ॐ व्राॊ व्रीॊ व्रुॊ व्रूॊ कत्रलत्मे दशनऩुयगते रुक्भरुऩेण िक्रे, त्रि्ळक्त्मा मुिलणााफदककयनसभते दाफदलॊऩूणल ा णे। ह्रीॊ-स्थाने काभयाजे ज्लर ज्लर ज्लसरते कोसळतैस्तास्तुऩिे स्लच्छॊ दॊ कष्टनाळे वुयलयलऩुऴे गुह्यभुॊडे नभस्ते॥५॥ ॐ घ्राॊ घ्रीॊ घ्रूॊ घोयतुॊडे घघघघघघघे घघायान्माॊसघ्रघोऴे, ह्रीॊ क्र ॊ द्रॊ द्रं ि िक्र य य य य यसभते वलाफोधप्रधाने। द्रीॊ तीथे द्रीॊ तज्मेष्ठ जुगजुगजजुगे म्रेच्छदे कारभुॊडे, वलांगे यिघोयाभथनकयलये लज्रदॊ डे नभस्ते॥६॥ ॐ क्राॊ क्र ॊ क्रूॊ लाभसबत्ते गगनगडगडे गुह्यमोन्माफशभुॊडे, लज्राॊगे लज्रशस्ते वुयऩसतलयदे भत्तभातॊगरुढे । वूतेजे ळुद्धदे शे रररररसरते छे फदते ऩाळजारे, कुॊडल्माकायरुऩे लृऴलृऴबशये ऐॊफद्र भातनाभस्ते॥७॥ ॐ शुॊशुॊशुॊकायनादे कऴकऴलसवनी भाॊसव लैतारशस्ते, वुॊसवद्धऴै् वुसवत्रद्धढा ढढढढढढ् वलाबषी प्रिॊडी।
जूॊ व् वं ळाॊसतकभे भृतभृतसनगडे सन्वभे वीवभुद्रे, दे त्रल त्लॊ वाधकानाॊ बलबमशयणे बद्रकारी नभस्ते॥८॥ ॐ दे त्रल त्लॊ तुमश ा स्ते कयधृतऩरयघे त्लॊ लयाशस्लरुऩे, त्लॊ िंद्री त्लॊ कुफेयी त्लभसव ि जननी त्लॊ ऩुयाणी भशं द्री। ऐॊ ह्रीॊ ह्रीॊ कायबूते अतरतरतरे बूतरे स्लगाभागे, ऩातारे ळैरबृॊगे शरयशयबुलने सवत्रद्धिॊडी नभस्ते॥९॥ शॊ सव त्लॊ ळंडद्ु खॊ ळसभतबलबमे वलात्रलघ्नाॊतकामे, गाॊगीॊगूॊगंऴडॊ गे गगनगफटतटे सवत्रद्धदे सवत्रद्धवाध्मे।
क्रूॊ क्रूॊ भुद्रागजाॊळो गवऩलनगते त्र्मषये लै कयारे, ॐ शीॊ शूॊ गाॊ गणेळी गजभुखजननी त्लॊ गणेळी नभस्ते॥१०॥ ॥इसत भाकाण्डे म कृ त रघु वद्ऱळती दग ु ाा स्तोिभ ्॥ क्मा आऩके फच्िे कुवॊगती के सळकाय शं ? क्मा आऩके फच्िे आऩका कशना नशीॊ भान यशे शं ? क्मा आऩके फच्िे घय भं अळाॊसत ऩैदा कय यशे शं ? घय ऩरयलाय भं ळाॊसत एलॊ फच्िे को कुवॊगती वे छुडाने शे तु फच्िे के नाभ वे गुरुत्ल कामाारत द्राया ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि लळीकयण कलि एलॊ एव.एन.फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भं स्थात्रऩत कय अल्ऩ ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शं । मफद आऩ तो आऩ भॊि सवद्ध लळीकयण कलि एलॊ एव.एन.फडब्फी फनलाना िाशते शं , तो वॊऩका इव कय वकते शं ।
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अप्रेर 2013
नल दग ु ाा स्तुसत अभय ऩसत भुकुट िुस्म्फत ियणाम्फुज वकर बुलन वुख जननी।
जमसत भशी भफशता वा सळल दत्ू माख्मा प्रथभ ळत्रि्॥६॥
जमसत जगदीळ लस्न्दता वकराभर सनष्करा दग ु ाा॥१॥
भुिाट्टशाव बैयल दस् ु वश यल िफकत वकर फदक् िक्रा।
त्रलकृ त नख दळन बूऴण रुसधय लवाच्षुरयत खड्ग कृ त शस्ता।
जमसत बुजगेन्द्र फन्धन ळोसबत कणाा भशा रुण्डा॥७॥
जमसत नय भुण्ड भस्ण्डत त्रऩसळत वुयावल यता िण्डी॥२॥
ऩटु ऩटश भुयज भदा र झल्ररय कायाल नसतातालमला।
प्रज्लसरत सळस्ख गणोज्ज्लर त्रलकट जटा फद्ध िन्द्र भस्ण ळोबा।
जमसत भधु लृत रुऩा दै न्म शयी भ्राभयी दे ली॥८॥
जमसत फदगम्फय बूऴा सवद्ध लटे ळा भशा रक्ष्भी्॥३॥
ळान्ता प्रळान्त लदना सवॊश यथा ध्मान मोग वस्न्नष्ठा।
कय कभर जसनत ळोबा ऩद्मावन फद्ध लदना ि।
जमसत ितुबज ुा दे शा िन्द्र करा िन्द्र भॊगरा दे ली॥९॥
जमसत कभण्डरु शस्ता नन्दा दे ली नतासता शया॥४॥
ऩष ऩुट िञ्िु घातै् वञ्िूस्णात त्रललुध ळिु वॊघाता।
फदग ् लवना त्रलकृ त भुखा पेतकायोद्दाभ ऩूरयत फदगौघा।
जमसत सळत ळूर शस्ता फशु रुऩा ये लती यौद्रा॥१०॥
जमसत त्रलकयार दे शा षेभ कयी यौद्र बालस्था॥५॥
ऩमाटसत ळत्रि शस्ता त्रऩतृ लन सनरमेऴु मोसगनी वफशता।
षोसबत ब्रह्माण्डोदय स्ल भुख स्लय शुॊ कृ त सननादा।
जमसत शय सवत्रद्ध नाम्नो शरय सवत्रद्ध लस्न्दता सवद्धै ्॥११॥
नलदग ु ाा यषाभॊि ॐ ळैरऩुिी भैमा यषा कयो।
ॐ कुऴभाणडा तुभ शी यषा कयो।
ॐ कारयात्रि कारी यषा कयो।
ॐ जगजनसन दे ली यषा कयो।
ॐ ळत्रिरूऩा भैमा यषा कयो।
ॐ वुखदाती भैमा यषा कयो।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ ब्रह्मिारयणी भैमा यषा कयो।
ॐ स्कन्दभाता भाता भैमा यषा कयो।
ॐ भशागौयी भैमा यषा कयो।
ॐ बलतारयणी दे ली यषा कयो।
ॐ जगदम्फा जनसन यषा कयो।
ॐ बत्रिदाती यषा कयो।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ िॊद्रघणटा िॊडी यषा कयो।
ॐ कात्मासमनी भैमा यषा कयो।
ॐ सवत्रद्धयात्रि भैमा यषा कयो।
ॐ बमशारयणी भैमा यषा कयो।
ॐ ऩाऩनासळनी अॊफे यषा कयो।
ॐ नल दग ु ाा दे ली यषा कयो।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ नल दग ु ाा नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
ॐ जगजननी नभ्।
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दे ली उऩावना भं उऩमुि एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ
सिॊतन जोळी दे ली के सरमे उऩमुि ऩि-ऩुष्ऩ का िमन त्रलद्रानं के भतानुळाय जो ऩि-ऩुष्ऩ बगलान सळलजी को त्रप्रम शं मा जो सळलजी को अऩाण फकमे जाते शं ले वबी ऩिऩुष्ऩ दे ली बगलती को बी त्रप्रम शं ।
दे ली बगलती को अऩाभागा असधक त्रप्रम शं , इव सरए असधकतय दे ली ऩूजन भं अऩाभागा त्रलळेऴ रुऩ वे िढा़मा जाता शं । इव के अराला त्रलद्रानो का कथन शं क जो ऩि-ऩुष्ऩ ळास्त्रोोि त्रलधान वे बगलान सळल क ऩूजा भं सनऴेध शं उवे बी दे ली ऩूजन भं िढ़ामे जा वकते शं ।
दे ली बगलती को वबी प्रकाय के रार पूर िढा़एॊ जा वकते शं क्मोफक रार यॊ ग के वबी पूर बगलतीको त्रप्रम शं तथा वुगस्न्धत वभस्त श्वेत पूर बी बगलतीको असधक त्रप्रम शं ।
दे ली बगलती के ऩूजन भं िभेरी, भदाय, केवय, फेरा, श्वेत औय रार पूर, श्वेत कभर, ऩराळ, तगय, अळोक, िॊऩा, भौरसवयी, कुॊद, रोध, कनेय, आक, ळीळभ औय अऩयास्जत ( अथाात ळॊखऩुष्ऩी) आफदका उऩमोग फकमा जा वकता शं ।
कुछ जानकायं का कथन शं क दे ली बगलती के ऩूजन भं आक औय भदाय मश दो पूरं को सनऴेध शं । मशीॊ कायण शं क उि दोनं पूर को त्रलसबन्न भत के कायण दे ली दग ु ाा के ऩूजन भे उऩमोग बी फकम जाते शं औय सनत्रऴद्ध बी भाने जाते शं ।
मफद फकवी कायण लळ जफ अन्म उऩमुि पूर न सभरे तफ इन दोनंका उऩमोग फकमा जा वकता शं । दे ली दग ु ाा को छोिकय दे त्रलमं ऩय इन दोनं को नशीॊ िढा़ना िाफशए। रेफकन दे ली दग ु ाा ऩय िढ़ामा जा वकता शं । क्मंफक कुछ जानकायं का भत शं क दग ु ााक ऩूजाभं इन दोनंका त्रलधान ळास्त्रोोि शं ।
ळभी, अळोक, कस्णाकाय (कसनमाय मा अभरताव), गूभा, दोऩशरयमा, अगस्त्म, भदन, सवन्दलु ाय, ळल्रक , भाधल आफद रताऍ, कुळक भॊजरयमॉॊ, त्रफल्लऩि, केलिा, कदम्फ, बटकटै मा, कभर मे पूर दे ली बगलती को त्रप्रम शं ।
आक औय भदायक तयश दलू ाा, सतरक, भारती, तुरवी, बॊगयै मा औय तभार उऩमुि एलॊ प्रसतत्रऴद्ध शं अथाात मे ळास्त्रोंवे त्रलफशत बी शं औय सनत्रऴद्ध बी शं ।
* त्रलफशत-प्रसतसळद्धके वम्फन्धके तत्त्लवागयवॊफशताक भं उल्रेख शं फक जफ ळास्त्रोंवे त्रलफशत पूर न सभर ऩामं तो त्रलफशतप्रसतत्रऴद्ध पूरंवे ऩूजा फक जा वकती शं ।
ग्रश ळाॊसत शे तु त्रलळेऴ भॊि सवद्ध कलि कारवऩा ळाॊसत कलि
2800
भाॊगसरक मोग सनलायण कलि
1250
सवद्ध गुरु कलि
550
ळसन वािे वाती औय ढ़ै मा कष्ट सनलायण कलि
1900
नलग्रश ळाॊसत
910
सवद्ध ळुक्र कलि
550
श्रात्रऩत मोग सनलायण कलि
1900
सवद्ध वूमा कलि
550
सवद्ध ळसन कलि
550
िॊडार मोग सनलायण कलि
1450
सवद्ध भॊगर कलि
550
ग्रशण मोग सनलायण कलि
1450
सवद्ध फुध कलि
550
सवद्ध याशु कलि
550
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गुरु ऩुष्माभृत मोग
सिॊतन जोळी शय फदन फदरने लारे नषि भे ऩुष्म नषि बी एक नषि शै , एलॊ अन्दाज वे शय २७लं फदन ऩुष्म नषि शोता शै । मश स्जव लाय को आता शै , इवका नाभ बी उवी प्रकाय यखा जाता शै । इवी प्रकाय गुरुलाय को ऩुष्म नषि शोने वे गुरु ऩुष्म मोग कशाजात शै । गुरु ऩुष्म मोग के फाये भं त्रलद्रान ज्मोसतत्रऴमो का कशना शं फक ऩुष्म नषि भं धन प्रासद्ऱ, िाॊदी, वोना, नमे लाशन, फशी-खातं क खयीदायी एलॊ गुरु ग्रश वे वॊफॊसधत लस्तुए अत्मासधक राब प्रदान कयती शै । शय व्मत्रि अऩने ळुब कामो भं वपरता शे तु इव ळुब भशूता का िमन कय वफवे उऩमुि राब प्राद्ऱ कय वकता
शै औय अळुबता वे फि वकता शै । अऩने
जीलन
भं
फदन-प्रसतफदन
लारे फदन फकवी बी नमे कामा को जेवे
वपरता क प्रासद्ऱ के सरए इव अद्भत ु भशूता
शो िुके कामा ळुरू कयने के सरमे एलॊ
18 अप्रेर
कामा कयने वे 99.9% सनस्श्चत वपरता
फदन 03:30
गुरुऩुष्माभृत
मोग
फशोत
कभ
शोता शै । तफ फनता शै गुरु ऩुष्म
वे यात बय
गुरुलाय के फदन ळुब कामो एलॊ
नौकयी, व्माऩाय मा ऩरयलाय वे जुिे कामा, फॊध जीलन के कोई बी अन्म भशत्लऩूणा षेि भं क वॊबालना शोसत शै । फनता शै जफ गुरुलाय के फदन ऩुष्म नषि मोग।
आध्मात्भ वे वॊफॊसधत कामा कयना असत ळुब
एलॊ भॊगरभम शोता शै ।
ऩुष्म नषि बी वबी प्रकाय के ळुब कामो एलॊ आध्मात्भ वे जुडे कामो के सरमे असत ळुब भाना गमा शै ।
जफ गुरुलाय के फदन ऩुष्म नषि शोता तफ मश मोग फन जाता शै अद्भत ु एलॊ अत्मॊत ळुब पर प्रद अभृत मोग।
एक वाधक के सरए फेशद पामदे भॊद शोता शं गुरुऩुष्माभृत मोग।
इव फदन त्रलद्रान एलॊ गुढ यशस्मो के जानकाय भाॊ भशारक्ष्भी क वाधना कयने क वराश दे ते शै ।
मश मोग त्रलळेऴ वाधना के सरमे असत ळुब एलॊ ळीघ्र ऩयीणाभ दे ने लारा शोता शै ।
भाॊ भशारक्ष्भी का आह्वान कयके अत्मॊत वयरता वे उनक कृ ऩा द्रत्रष्ट वे वभृत्रद्ध औय ळाॊसत प्राद्ऱ फक जावकती शै ।
ऩुष्म नषि का भशत्ल क्मं शं ?
ळास्त्रोो भं ऩुष्म नषि को नषिं का याजा फतामा गमा शं । स्जवका स्लाभी ळसन ग्रश शं । ळसन को ज्मोसतऴ भं स्थासमत्ल का प्रतीक भाना गमा शं । अत् ऩुष्म नषि वफवे ळुब नषिो भं वे एक शं । मफद यत्रललाय को ऩुष्म नषि शो तो यत्रल ऩुष्म मोग औय गुरुलाय को शो तो औय गुरु ऩुष्म मोग कशराता शं । ळास्त्रों भं ऩुष्म मोग को 100 दोऴं को दयू कयने लारा, ळुब कामा उद्दे श्मो भं सनस्श्चत वपरता प्रदान कयने लारा
एलॊ फशुभूल्म लस्तुओॊ फक खयीदायी शे तु वफवे श्रेष्ठ एलॊ ळुब परदामी मोग भाना गमा शै ।
गुरुलाय के फदन ऩुष्म नषि के वॊमोग वे वलााथा अभृतसवत्रद्ध मोग फनता शै । ळसनलाय के फदन ऩुष्म नषि के
वॊमोग वे वलााथसा वत्रद्ध मोग शोता शै । ऩुष्म नषि को ब्रह्माजी का श्राऩ सभरा था। इवसरए ळास्त्रोोि त्रलधान वे ऩुष्म नषि भं त्रललाश लस्जात भाना गमा शै । 3
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अप्रेर 2013
वला कामा सवत्रद्ध कलि स्जव व्मत्रि को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के फादबी उवे भनोलाॊसछत वपरतामे एलॊ
फकमे गमे कामा भं सवत्रद्ध (राब) धायण कयना िाफशमे।
प्राद्ऱ नशीॊ शोती, उव व्मत्रि को वला कामा सवत्रद्ध कलि अलश्म
कलि के प्रभुख राब: वला कामा सवत्रद्ध कलि के द्राया वुख वभृत्रद्ध औय नल ग्रशं के
नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय धायण कयता व्मत्रि के जीलन वे वला प्रकाय के द:ु ख-दारयद्र का नाळ शो कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नसत प्रासद्ऱ शोकय जीलन भे वसब प्रकाय के ळुब कामा सवद्ध शोते
शं । स्जवे धायण कयने वे व्मत्रि मफद व्मलवाम कयता शोतो कायोफाय भे लृत्रद्ध शोसत शं औय मफद नौकयी कयता शोतो उवभे उन्नसत शोती शं ।
वला कामा सवत्रद्ध कलि के वाथ भं वलाजन लळीकयण कलि के सभरे शोने क लजश वे धायण कताा क फात का दव ू ये व्मत्रिओ ऩय प्रबाल फना यशता शं ।
वला कामा सवत्रद्ध कलि के वाथ भं अष्ट रक्ष्भी कलि के सभरे शोने क लजश वे व्मत्रि ऩय वदा
भाॊ भशा रक्ष्भी क कृ ऩा एलॊ आळीलााद फना यशता शं । स्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अष्ट रुऩ (१)आफद रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राद्ऱ शोता शं ।
वला कामा सवत्रद्ध कलि के वाथ भं तॊि यषा कलि के सभरे शोने क लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दयू शोती शं , वाथ शी नकायात्भक ळत्रिमो का कोइ कुप्रबाल धायण कताा व्मत्रि ऩय नशीॊ शोता। इव कलि के प्रबाल वे इऴाा-द्रे ऴ यखने लारे व्मत्रिओ द्राया शोने लारे दष्ट ु प्रबालो वे यषा शोती शं ।
वला कामा सवत्रद्ध कलि के वाथ भं ळिु त्रलजम कलि के सभरे शोने क लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत
वभस्त ऩये ळासनओ वे स्लत् शी छुटकाया सभर जाता शं । कलि के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रि का िाशकय कुछ नशी त्रफगाि वकते।
अन्म कलि के फाये भे असधक जानकायी के सरमे कामाारम भं वॊऩका कये : फकवी व्मत्रि त्रलळेऴ को वला कामा सवत्रद्ध कलि दे ने नशी दे ना का अॊसतभ सनणाम शभाये ऩाव वुयस्षत शं ।
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GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call Us - 9338213418, 9238328785 Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/ Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com (ALL DISPUTES SUBJECT TO BHUBANESWAR JURISDICTION)
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शभाये त्रलळेऴ मॊि व्माऩाय लृत्रद्ध मॊि: शभाये अनुबलं के अनुळाय मश मॊि व्माऩाय लृत्रद्ध एलॊ ऩरयलाय भं वुख वभृत्रद्ध शे तु त्रलळेऴ प्रबालळारी शं । बूसभराब मॊि: बूसभ, बलन, खेती वे वॊफॊसधत व्मलवाम वे जुिे रोगं के सरए बूसभराब मॊि त्रलळेऴ राबकायी सवद्ध शुला शं ।
तॊि यषा मॊि: फकवी ळिु द्राया फकमे गमे भॊि-तॊि आफद के प्रबाल को दयू कयने एलॊ बूत, प्रेत नज़य आफद फुयी ळत्रिमं वे यषा शे तु त्रलळेऴ प्रबालळारी शं ।
आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि: अऩने नाभ के अनुळाय शी भनुष्म को आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ शे तु परप्रद शं इव मॊि के ऩूजन वे वाधक को अप्रत्मासळत धन राब प्राद्ऱ शोता शं । िाशे लश धन राब व्मलवाम वे शो, नौकयी वे शो, धन-वॊऩत्रत्त इत्माफद फकवी बी भाध्मभ वे मश राब प्राद्ऱ शो वकता शं । शभाये लऴं के अनुवॊधान एलॊ अनुबलं वे शभने आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि वे ळेमय ट्रे फडॊ ग, वोने-िाॊदी के व्माऩाय इत्माफद वॊफॊसधत षेि वे जुडे रोगो को त्रलळेऴ रुऩ वे आकस्स्भक धन राब प्राद्ऱ शोते दे खा शं । आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि वे त्रलसबन्न स्रोोत वे धनराब बी सभर वकता शं ।
ऩदौन्नसत मॊि: ऩदौन्नसत मॊि नौकयी ऩैवा रोगो के सरए राबप्रद शं । स्जन रोगं को अत्मासधक ऩरयश्रभ एलॊ श्रेष्ठ कामा कयने ऩय बी नौकयी भं उन्नसत अथाात प्रभोळन नशीॊ सभर यशा शो उनके सरए मश त्रलळेऴ राबप्रद शो वकता शं ।
यत्नेश्वयी मॊि: यत्नेश्वयी मॊि शीये -जलाशयात, यत्न ऩत्थय, वोना-िाॊदी, ज्लैरयी वे वॊफॊसधत व्मलवाम वे जुडे रोगं के सरए असधक प्रबाली शं । ळेय फाजाय भं वोने-िाॊदी जैवी फशुभूल्म धातुओॊ भं सनलेळ कयने लारे रोगं के सरए बी त्रलळेऴ राबदाम शं ।
बूसभ प्रासद्ऱ मॊि: जो रोग खेती, व्मलवाम मा सनलाव स्थान शे तु उत्तभ बूसभ आफद प्राद्ऱ कयना िाशते शं , रेफकन उव कामा भं कोई ना कोई अििन मा फाधा-त्रलघ्न आते यशते शो स्जव कायण कामा ऩूणा नशीॊ शो यशा शो, तो उनके सरए बूसभ प्रासद्ऱ मॊि उत्तभ परप्रद शो वकता शं ।
गृश प्रासद्ऱ मॊि: जो रोग स्लमॊ का घय, दक ु ान, ओफपव, पैक्टयी आफद के सरए बलन प्राद्ऱ कयना िाशते शं । मथाथा प्रमावो के उऩयाॊत बी उनक असबराऴा ऩूणा नशीॊ शो ऩायशी शो उनके सरए गृश प्रासद्ऱ मॊि त्रलळेऴ उऩमोगी सवद्ध शो वकता शं ।
कैराव धन यषा मॊि: कैराव धन यषा मॊि धन लृत्रद्ध एलॊ वुख वभृत्रद्ध शे तु त्रलळेऴ परदाम शं । आसथाक राब एलॊ वुख वभृत्रद्ध शे तु 19 दर ा रक्ष्भी मॊि ु ब
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त्रलसबन्न रक्ष्भी मॊि
श्री मॊि (रक्ष्भी मॊि)
भशारक्ष्भमै फीज मॊि
कनक धाया मॊि
श्री मॊि (भॊि यफशत)
भशारक्ष्भी फीवा मॊि
लैबल रक्ष्भी मॊि
श्री मॊि (वॊऩूणा भॊि वफशत)
रक्ष्भी दामक सवद्ध फीवा मॊि
श्री श्री मॊि
श्री मॊि (फीवा मॊि)
रक्ष्भी दाता फीवा मॊि
अॊकात्भक फीवा मॊि
श्री मॊि श्री वूि मॊि
रक्ष्भी फीवा मॊि
ज्मेष्ठा रक्ष्भी भॊि ऩूजन मॊि
श्री मॊि (कुभा ऩृष्ठीम)
रक्ष्भी गणेळ मॊि
धनदा मॊि
(भशान सवत्रद्ध दामक श्री भशारक्ष्भी मॊि)
(रसरता भशात्रिऩुय वुन्दमै श्री भशारक्ष्भमं श्री भशामॊि)
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वलासवत्रद्धदामक भुफद्रका इव भुफद्रका भं भूॊगे को ळुब भुशूता भं त्रिधातु (वुलणा+यजत+ताॊफ)ं भं जिला कय उवे ळास्त्रोोि त्रलसधत्रलधान वे त्रलसळष्ट तेजस्ली भॊिो द्राया वलासवत्रद्धदामक फनाने शे तु प्राण-प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि फकमा जाता शं । इव भुफद्रका को फकवी बी लगा के व्मत्रि शाथ क फकवी बी उॊ गरी भं धायण कय वकते शं । मशॊ भुफद्रका कबी फकवी बी स्स्थती भं अऩत्रलि नशीॊ शोती। इव सरए कबी भुफद्रका को उतायने क
आलश्मिा नशीॊ शं । इवे धायण कयने वे व्मत्रि क वभस्माओॊ का वभाधान शोने रगता शं । धायणकताा को जीलन भं वपरता प्रासद्ऱ एलॊ उन्नसत के नमे भागा प्रवस्त शोते यशते शं औय जीलन भं वबी प्रकाय क सवत्रद्धमाॊ बी ळीध्र प्राद्ऱ शोती शं ।
भूल्म भाि- 6400/- >> Order Now
(नोट: इव भुफद्रका को धायण कयने वे भॊगर ग्रश का कोई फुया प्रबाल वाधक ऩय नशीॊ शोता शं ।)
वलासवत्रद्धदामक भुफद्रका के त्रलऴम भं असधक जानकायी के सरमे शे तु वम्ऩका कयं ।
ऩसत-ऩत्नी भं करश सनलायण शे तु मफद ऩरयलायं भं वुख-वुत्रलधा के वभस्त वाधान शोते शुए बी छोटी-छोटी फातो भं ऩसत-ऩत्नी के त्रफि भे करश शोता यशता शं ,
तो घय के स्जतने वदस्म शो उन वफके नाभ वे गुरुत्ल कामाारत द्राया ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि लळीकयण कलि एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भं त्रफना फकवी ऩूजा, त्रलसधत्रलधान वे आऩ त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शं । मफद आऩ भॊि सवद्ध ऩसत लळीकयण मा ऩत्नी लळीकयण एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी फनलाना िाशते शं , तो वॊऩका आऩ कय वकते शं ।
100 वे असधक जैन मॊि शभाये मशाॊ जैन धभा के वबी प्रभुख, दर ा एलॊ ळीघ्र प्रबालळारी मॊि ताम्र ऩि, ु ब सवरलय (िाॊदी) ओय गोल्ड (वोने) भे उऩरब्ध शं ।
शभाये मशाॊ वबी प्रकाय के मॊि कोऩय ताम्र ऩि, सवरलय (िाॊदी) ओय गोल्ड (वोने) भे फनलाए जाते शै । इवके
अराला आऩक आलश्मकता अनुळाय आऩके द्राया प्राद्ऱ (सिि, मॊि, फिज़ाईन) के अनुरुऩ मॊि बी फनलाए
जाते शै . गुरुत्ल कामाारम द्राया उऩरब्ध कयामे गमे वबी मॊि अखॊफडत एलॊ 22 गेज ळुद्ध कोऩय(ताम्र ऩि)- 99.99 टि ळुद्ध सवरलय (िाॊदी) एलॊ 22 केये ट गोल्ड (वोने) भे फनलाए जाते शै । मॊि के त्रलऴम भे असधक जानकायी के सरमे शे तु वम्ऩका कयं ।
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द्रादळ भशा मॊि मॊि को असत प्रासिन एलॊ दर ा मॊिो के वॊकरन वे शभाये लऴो के अनुवॊधान ु ब द्राया फनामा गमा शं ।
ऩयभ दर ा लळीकयण मॊि, ु ब
वशस्त्रोाषी रक्ष्भी आफद्ध मॊि
भनोलाॊसछत कामा सवत्रद्ध मॊि
ऩूणा ऩौरुऴ प्रासद्ऱ काभदे ल मॊि
बाग्मोदम मॊि
याज्म फाधा सनलृत्रत्त मॊि गृशस्थ वुख मॊि
ळीघ्र त्रललाश वॊऩन्न गौयी अनॊग मॊि
आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि योग सनलृत्रत्त मॊि
वाधना सवत्रद्ध मॊि ळिु दभन मॊि
उऩयोि वबी मॊिो को द्रादळ भशा मॊि के रुऩ भं ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवद्ध ऩूणा प्राणप्रसतत्रष्ठत एलॊ िैतन्म मुि फकमे जाते शं । स्जवे स्थाऩीत कय त्रफना फकवी ऩूजा अिानात्रलसध त्रलधान त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शं ।
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क्मा आऩके फच्िे कुवॊगती के सळकाय शं ? क्मा आऩके फच्िे आऩका कशना नशीॊ भान यशे शं ? क्मा आऩके फच्िे घय भं अळाॊसत ऩैदा कय यशे शं ? घय ऩरयलाय भं ळाॊसत एलॊ फच्िे को कुवॊगती वे छुडाने शे तु फच्िे के नाभ वे गुरुत्ल कामाारत द्राया ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि लळीकयण कलि एलॊ एव.एन.फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भं स्थात्रऩत कय अल्ऩ ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शं । मफद आऩ तो आऩ भॊि सवद्ध लळीकयण कलि एलॊ एव.एन.फडब्फी फनलाना िाशते शं , तो वॊऩका इव कय वकते शं ।
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वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रष्ठत 22 गेज ळुद्ध स्टीर भं सनसभात अखॊफडत
ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि
ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि (स्टीर भं) को तीव्र प्रबालळारी फनाने शे तु ळसन क कायक धातु ळुद्ध स्टीर(रोशे ) भं फनामा गमा शं । स्जव के प्रबाल वे वाधक को तत्कार राब प्राद्ऱ शोता शं । मफद जन्भ कॊु डरी भं
ळसन प्रसतकूर शोने ऩय व्मत्रि को अनेक कामं भं अवपरता प्राद्ऱ शोती शै , कबी व्मलवाम भं घटा, नौकयी भं ऩये ळानी, लाशन दघ ा ना, गृश क्रेळ आफद ऩये ळानीमाॊ फढ़ती जाती शै ऐवी स्स्थसतमं भं ु ट
प्राणप्रसतत्रष्ठत ग्रश ऩीिा सनलायक ळसन मॊि क अऩने को व्मऩाय स्थान मा घय भं स्थाऩना कयने वे अनेक राब सभरते शं । मफद ळसन क ढै ़मा मा वाढ़े वाती का वभम शो तो इवे अलश्म ऩूजना िाफशए। ळसनमॊि के ऩूजन भाि वे व्मत्रि को भृत्मु, कजा, कोटा केळ, जोडो का ददा , फात योग तथा रम्फे वभम
के वबी प्रकाय के योग वे ऩये ळान व्मत्रि के सरमे ळसन मॊि असधक राबकायी शोगा। नौकयी ऩेळा आफद
के रोगं को ऩदौन्नसत बी ळसन द्राया शी सभरती शै अत् मश मॊि असत उऩमोगी मॊि शै स्जवके द्राया ळीघ्र शी राब ऩामा जा वकता शै ।
भूल्म: 1050 वे 8200 >> Order Now
वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रष्ठत 22 गेज ळुद्ध स्टीर भं सनसभात अखॊफडत
ळसन तैसतवा मॊि
ळसनग्रश वे वॊफॊसधत ऩीडा के सनलायण शे तु त्रलळेऴ राबकायी मॊि। भूल्म: 550 वे 8200 >> Order Now
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नलयत्न जफित श्री मॊि
ळास्त्रो लिन के अनुवाय ळुद्ध वुलणा मा यजत भं सनसभात श्री मॊि के िायं औय मफद नलयत्न जिला ने ऩय मश नलयत्न जफित श्री मॊि कशराता शं । वबी यत्नो को उवके सनस्श्चत स्थान ऩय जि कय रॉकेट के रूऩ भं धायण कयने वे व्मत्रि को अनॊत एश्वमा एलॊ रक्ष्भी क प्रासद्ऱ शोती शं । व्मत्रि को एवा आबाव शोता शं जैवे भाॊ रक्ष्भी उवके वाथ शं । नलग्रश को श्री मॊि के वाथ रगाने वे ग्रशं क अळुब दळा का धायणकयने लारे व्मत्रि ऩय प्रबाल नशीॊ शोता शं ।
गरे भं शोने के कायण मॊि ऩत्रलि यशता शं एलॊ स्नान कयते वभम इव मॊि ऩय स्ऩळा कय जो जर त्रफॊद ु ळयीय को रगते शं , लश गॊगा जर के वभान ऩत्रलि शोता शं । इव सरमे इवे वफवे
तेजस्ली एलॊ परदासम कशजाता शं । जैवे अभृत वे उत्तभ कोई औऴसध नशीॊ, उवी प्रकाय रक्ष्भी प्रासद्ऱ के सरमे श्री मॊि वे उत्तभ कोई मॊि वॊवाय भं नशीॊ शं एवा ळास्त्रोोि लिन शं । इव प्रकाय के नलयत्न जफित श्री मॊि गुरूत्ल कामाारम द्राया ळुब भुशूता भं प्राण प्रसतत्रष्ठत कयके फनालाए जाते शं । Rs: 2350, 2800, 3250, 3700, 4600, 5500 वे 10,900 तक
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असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं ।
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भॊि सवद्ध लाशन दघ ा ना नाळक भारुसत मॊि ु ट
ऩौयास्णक ग्रॊथो भं उल्रेख शं क भशाबायत के मुद्ध के वभम अजुन ा के यथ के अग्रबाग ऩय भारुसत ध्लज एलॊ भारुसत मन्ि रगा शुआ था। इवी मॊि के प्रबाल के कायण वॊऩूणा मुद्ध के दौयान शज़ायं-राखं प्रकाय के आग्नेम अस्त्रो-
ळस्त्रों का प्रशाय शोने के फाद बी अजुन ा का यथ जया बी षसतग्रस्त नशीॊ शुआ। बगलान श्री कृ ष्ण भारुसत मॊि के इव अद्भत ा नाग्रस्त कैवे शो ु यशस्म को जानते थे फक स्जव यथ मा लाशन क यषा स्लमॊ श्री भारुसत नॊदन कयते शं, लश दघ ु ट वकता शं । लश यथ मा लाशन तो लामुलेग वे, सनफाासधत रुऩ वे अऩने रक्ष्म ऩय त्रलजम ऩतका रशयाता शुआ ऩशुॊिेगा। इवी सरमे श्री कृ ष्ण नं अजुन ा के यथ ऩय श्री भारुसत मॊि को अॊफकत कयलामा था।
स्जन रोगं के स्कूटय, काय, फव, ट्रक इत्माफद लाशन फाय-फाय दघ ा ना ग्रस्त शो यशे शो!, अनालश्मक लाशन को ु ट
नुषान शो यशा शं! उन्शं शानी एलॊ दघ ा ना वे यषा के उद्दे श्म वे अऩने लाशन ऩय भॊि सवद्ध श्री भारुसत मॊि अलश्म ु ट
रगाना िाफशए। जो रोग ट्रान्स्ऩोफटं ग (ऩरयलशन) के व्मलवाम वे जुडे शं उनको श्रीभारुसत मॊि को अऩने लाशन भं अलश्म स्थात्रऩत कयना िाफशए, क्मोफक, इवी व्मलवाम वे जुडे वैकडं रोगं का अनुबल यशा शं क श्री भारुसत मॊि को स्थात्रऩत कयने वे उनके लाशन असधक फदन तक अनालश्मक खिो वे एलॊ दघ ा नाओॊ वे वुयस्षत यशे शं । शभाया स्लमॊका एलॊ अन्म ु ट त्रलद्रानो का अनुबल यशा शं , क स्जन रोगं ने श्री भारुसत मॊि अऩने लाशन ऩय रगामा शं , उन रोगं के लाशन फडी वे
फडी दघ ा नाओॊ वे वुयस्षत यशते शं । उनके लाशनो को कोई त्रलळेऴ नुक्ळान इत्माफद नशीॊ शोता शं औय नाशीॊ अनालश्मक ु ट रुऩ वे उवभं खयाफी आसत शं ।
लास्तु प्रमोग भं भारुसत मॊि: मश भारुसत नॊदन श्री शनुभान जी का मॊि शै । मफद कोई जभीन त्रफक नशीॊ यशी शो, मा उव ऩय कोई लाद-त्रललाद शो, तो इच्छा के अनुरूऩ लशॉ जभीन उसित भूल्म ऩय त्रफक जामे इव सरमे इव भारुसत मॊि का प्रमोग फकमा जा वकता शं । इव भारुसत मॊि के प्रमोग वे जभीन ळीघ्र त्रफक जाएगी मा त्रललादभुि शो जाएगी। इव सरमे मश मॊि दोशयी ळत्रि वे मुि शै ।
भारुसत मॊि के त्रलऴम भं असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भं वॊऩका कयं । भूल्म Rs- 255 वे 10900 तक
श्री शनुभान मॊि
ळास्त्रों भं उल्रेख शं क श्री शनुभान जी को बगलान वूमद ा े ल ने ब्रह्मा जी के आदे ळ ऩय शनुभान
जी को अऩने तेज का वौलाॉ बाग प्रदान कयते शुए आळीलााद प्रदान फकमा था, फक भं शनुभान को वबी ळास्त्रो का ऩूणा
सान दॉ ग ू ा। स्जववे मश तीनोरोक भं वला श्रेष्ठ लिा शंगे तथा ळास्त्रो त्रलद्या भं इन्शं भशायत शासवर शोगी औय इनके वभन फरळारी औय कोई नशीॊ शोगा। जानकायो ने भतानुळाय शनुभान मॊि क आयाधना वे ऩुरुऴं क त्रलसबन्न फीभारयमं
दयू शोती शं , इव मॊि भं अद्भत ु ळत्रि वभाफशत शोने के कायण व्मत्रि क स्लप्न दोऴ, धातु योग, यि दोऴ, लीमा दोऴ, भूछाा,
नऩुॊवकता इत्माफद अनेक प्रकाय के दोऴो को दयू कयने भं अत्मन्त राबकायी शं । अथाात मश मॊि ऩौरुऴ को ऩुष्ट कयता शं । श्री शनुभान मॊि व्मत्रि को वॊकट, लाद-त्रललाद, बूत-प्रेत, द्यूत फक्रमा, त्रलऴबम, िोय बम, याज्म बम, भायण, वम्भोशन स्तॊबन इत्माफद वे वॊकटो वे यषा कयता शं औय सवत्रद्ध प्रदान कयने भं वषभ शं । श्री शनुभान मॊि के त्रलऴम भं असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भं वॊऩका कयं । भूल्म Rs- 730 वे 10900 तक
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त्रलसबन्न दे लताओॊ के मॊि गणेळ मॊि
भशाभृत्मुज ॊ म मॊि
याभ यषा मॊि याज
गणेळ मॊि (वॊऩण ू ा फीज भॊि वफशत)
भशाभृत्मुज ॊ म कलि मॊि
याभ मॊि
गणेळ सवद्ध मॊि
भशाभृत्मुज ॊ म ऩूजन मॊि
द्रादळाषय त्रलष्णु भॊि ऩूजन मॊि
एकाषय गणऩसत मॊि
भशाभृत्मुॊजम मुि सळल खप्ऩय भाशा सळल मॊि
त्रलष्णु फीवा मॊि
शरयद्रा गणेळ मॊि
सळल ऩॊिाषयी मॊि
गरुड ऩूजन मॊि
कुफेय मॊि
सळल मॊि
सिॊताभणी मॊि याज
श्री द्रादळाषयी रुद्र ऩूजन मॊि
अफद्रतीम वलाकाम्म सवत्रद्ध सळल मॊि
सिॊताभणी मॊि
दत्तािम मॊि
नृसवॊश ऩूजन मॊि
स्लणााकऴाणा बैयल मॊि
दत्त मॊि
ऩॊिदे ल मॊि
शनुभान ऩूजन मॊि
आऩदद्ध ु ायण फटु क बैयल मॊि
वॊतान गोऩार मॊि
शनुभान मॊि
फटु क मॊि
श्री कृ ष्ण अष्टाषयी भॊि ऩूजन मॊि
वॊकट भोिन मॊि
व्मॊकटे ळ मॊि
कृ ष्ण फीवा मॊि
लीय वाधन ऩूजन मॊि
कातालीमााजन ुा ऩूजन मॊि
वला काभ प्रद बैयल मॊि
दस्षणाभूसता ध्मानभ ् मॊि
भनोकाभना ऩूसता एलॊ कष्ट सनलायण शे तु त्रलळेऴ मॊि व्माऩाय लृत्रद्ध कायक मॊि
अभृत तत्ल वॊजीलनी कामा कल्ऩ मॊि
िम ताऩंवे भुत्रि दाता फीवा मॊि
व्माऩाय लृत्रद्ध मॊि
त्रलजमयाज ऩॊिदळी मॊि
भधुभेश सनलायक मॊि
व्माऩाय लधाक मॊि
त्रलद्यामळ त्रलबूसत याज वम्भान प्रद सवद्ध फीवा मॊि
ज्लय सनलायण मॊि
व्माऩायोन्नसत कायी सवद्ध मॊि
वम्भान दामक मॊि
योग कष्ट दरयद्रता नाळक मॊि
बाग्म लधाक मॊि
वुख ळाॊसत दामक मॊि
योग सनलायक मॊि
स्लस्स्तक मॊि
फारा मॊि
तनाल भुि फीवा मॊि
वला कामा फीवा मॊि
फारा यषा मॊि
त्रलद्युत भानव मॊि
कामा सवत्रद्ध मॊि
गबा स्तम्बन मॊि
गृश करश नाळक मॊि
वुख वभृत्रद्ध मॊि
ऩुि प्रासद्ऱ मॊि
करेळ शयण फत्रत्तवा मॊि
वला रयत्रद्ध सवत्रद्ध प्रद मॊि
प्रवूता बम नाळक मॊि
लळीकयण मॊि
वला वुख दामक ऩंवफठमा मॊि
प्रवल-कष्टनाळक ऩॊिदळी मॊि
भोफशसन लळीकयण मॊि
ऋत्रद्ध सवत्रद्ध दाता मॊि
ळाॊसत गोऩार मॊि
कणा त्रऩळािनी लळीकयण मॊि
वला सवत्रद्ध मॊि
त्रिळूर फीळा मॊि
लाताारी स्तम्बन मॊि
वाफय सवत्रद्ध मॊि
ऩॊिदळी मॊि (फीवा मॊि मुि िायं प्रकायके)
लास्तु मॊि
ळाफयी मॊि
फेकायी सनलायण मॊि
श्री भत्स्म मॊि
सवद्धाश्रभ मॊि
ऴोडळी मॊि
ज्मोसतऴ तॊि सान त्रलसान प्रद सवद्ध फीवा मॊि
अडवफठमा मॊि
लाशन दघ ा ना नाळक मॊि ु ट
ब्रह्माण्ड वाफय सवत्रद्ध मॊि
अस्वीमा मॊि
बूतादी व्मासधशयण मॊि
कुण्डसरनी सवत्रद्ध मॊि
ऋत्रद्ध कायक मॊि
कष्ट सनलायक सवत्रद्ध फीवा मॊि
क्रास्न्त औय श्रीलधाक िंतीवा मॊि
भन लाॊसछत कन्मा प्रासद्ऱ मॊि
बम नाळक मॊि
श्री षेभ कल्माणी सवत्रद्ध भशा मॊि
त्रललाशकय मॊि
स्लप्न बम सनलायक मॊि
प्रेत-फाधा नाळक मॊि
अप्रेर 2013
56
सान दाता भशा मॊि
रग्न त्रलघ्न सनलायक मॊि
कुदृत्रष्ट नाळक मॊि
कामा कल्ऩ मॊि
रग्न मोग मॊि
श्री ळिु ऩयाबल मॊि
दीधाामु अभृत तत्ल वॊजीलनी मॊि
दरयद्रता त्रलनाळक मॊि
ळिु दभनाणाल ऩूजन मॊि
भॊि सवद्ध त्रलळेऴ दै ली मॊि वूसि आद्य ळत्रि दग ु ाा फीवा मॊि (अॊफाजी फीवा मॊि)
वयस्लती मॊि
भशान ळत्रि दग ु ाा मॊि (अॊफाजी मॊि)
वद्ऱवती भशामॊि(वॊऩण ू ा फीज भॊि वफशत)
नल दग ु ाा मॊि
कारी मॊि
नलाणा मॊि (िाभुड ॊ ा मॊि)
श्भळान कारी ऩूजन मॊि
नलाणा फीवा मॊि
दस्षण कारी ऩूजन मॊि
िाभुड ॊ ा फीवा मॊि ( नलग्रश मुि)
वॊकट भोसिनी कासरका सवत्रद्ध मॊि
त्रिळूर फीवा मॊि
खोफडमाय मॊि
फगरा भुखी मॊि
खोफडमाय फीवा मॊि
फगरा भुखी ऩूजन मॊि
अन्नऩूणाा ऩूजा मॊि
याज याजेश्वयी लाॊछा कल्ऩरता मॊि
एकाॊषी श्रीपर मॊि
भॊि सवद्ध त्रलळेऴ रक्ष्भी मॊि वूसि श्री मॊि (रक्ष्भी मॊि)
भशारक्ष्भमै फीज मॊि
श्री मॊि (भॊि यफशत)
भशारक्ष्भी फीवा मॊि
श्री मॊि (वॊऩण ू ा भॊि वफशत)
रक्ष्भी दामक सवद्ध फीवा मॊि
श्री मॊि (फीवा मॊि)
रक्ष्भी दाता फीवा मॊि
श्री मॊि श्री वूि मॊि
रक्ष्भी गणेळ मॊि
श्री मॊि (कुभा ऩृष्ठीम)
ज्मेष्ठा रक्ष्भी भॊि ऩूजन मॊि
रक्ष्भी फीवा मॊि
कनक धाया मॊि
श्री श्री मॊि (श्रीश्री रसरता भशात्रिऩुय वुन्दमै श्री भशारक्ष्भमं श्री भशामॊि)
लैबल रक्ष्भी मॊि (भशान सवत्रद्ध दामक श्री भशारक्ष्भी मॊि)
अॊकात्भक फीवा मॊि ताम्र ऩि ऩय वुलणा ऩोरीव (Gold Plated) वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
ताम्र ऩि ऩय यजत ऩोरीव (Silver Plated)
भूल्म 460 820 1650 2350 3600 6400 10800
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
भूल्म 370 640 1090 1650 2800 5100 8200
ताम्र ऩि ऩय (Copper)
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
मॊि के त्रलऴम भं असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं ।
भूल्म 255 460 730 1090 1900 3250 6400
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अप्रेर 2013
57
यासळ यत्न भेऴ यासळ:
भूग ॊ ा
लृऴब यासळ:
शीया
Red Coral
Diamond (Special)
(Special) 5.25" Rs. 1050 6.25" Rs. 1250 7.25" Rs. 1450 8.25" Rs. 1800 9.25" Rs. 2100 10.25" Rs. 2800
10 cent 20 cent 30 cent 40 cent 50 cent
Rs. 4100 Rs. 8200 Rs. 12500 Rs. 18500 Rs. 23500
सभथुन यासळ:
कका यासळ:
सवॊश यासळ:
कन्मा यासळ:
Green Emerald
Naturel Pearl (Special)
Ruby (Old Berma) (Special)
Green Emerald
ऩन्ना
(Special) 5.25" Rs. 9100 6.25" Rs. 12500 7.25" Rs. 14500 8.25" Rs. 19000 9.25" Rs. 23000 10.25" Rs. 28000
भोती
5.25" 6.25" 7.25" 8.25" 9.25" 10.25"
Rs. 910 Rs. 1250 Rs. 1450 Rs. 1900 Rs. 2300 Rs. 2800
भाणेक
2.25" 3.25" 4.25" 5.25" 6.25"
Rs. Rs. Rs. Rs. Rs.
12500 15500 28000 46000 82000
ऩन्ना
(Special) 5.25" Rs. 9100 6.25" Rs. 12500 7.25" Rs. 14500 8.25" Rs. 19000 9.25" Rs. 23000 10.25" Rs. 28000
** All Weight In Rati
All Diamond are Full White Colour.
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
तुरा यासळ:
लृस्श्चक यासळ:
धनु यासळ:
कॊु ब यासळ:
भीन यासळ:
शीया
भूग ॊ ा
ऩुखयाज
भकय यासळ:
नीरभ
नीरभ
Diamond (Special)
Red Coral
Y.Sapphire
B.Sapphire
B.Sapphire
Y.Sapphire
(Special)
(Special)
(Special)
(Special)
(Special)
10 cent 20 cent 30 cent 40 cent 50 cent
Rs. 4100 Rs. 8200 Rs. 12500 Rs. 18500 Rs. 23500
All Diamond are Full White Colour.
5.25" Rs. 1050 6.25" Rs. 1250 7.25" Rs. 1450 8.25" Rs. 1800 9.25" Rs. 2100 10.25" Rs. 2800 ** All Weight In Rati
ऩुखयाज
5.25" Rs. 30000 6.25" Rs. 37000 7.25" Rs. 55000 8.25" Rs. 73000 9.25" Rs. 91000 10.25" Rs.108000
5.25" Rs. 30000 6.25" Rs. 37000 7.25" Rs. 55000 8.25" Rs. 73000 9.25" Rs. 91000 10.25" Rs.108000
5.25" Rs. 30000 6.25" Rs. 37000 7.25" Rs. 55000 8.25" Rs. 73000 9.25" Rs. 91000 10.25" Rs.108000
5.25" Rs. 30000 6.25" Rs. 37000 7.25" Rs. 55000 8.25" Rs. 73000 9.25" Rs. 91000 10.25" Rs.108000
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
** All Weight In Rati
* उऩमोि लजन औय भूल्म वे असधक औय कभ लजन औय भूल्म के यत्न एलॊ उऩयत्न बी शभाये मशा व्माऩायी भूल्म ऩय उप्रब्ध शं ।
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GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in,
अप्रेर 2013
58
भॊि सवद्ध रूद्राष Rate In Indian Rupee
Rudraksh List एकभुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
Rate In Indian Rupee
Rudraksh List आठ भुखी रूद्राष (नेऩार)
1250, 1450
आठ भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
नौ भुखी रूद्राष (नेऩार)
1250, 1450
दो भुखी रूद्राष (शरयद्राय, याभेश्वय)
2800, 5500 1050, 1250, 1450 30,50,75
दो भुखी रूद्राष (नेऩार)
50,100,
नौ भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
दो भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
450,1250
दव भुखी रूद्राष (नेऩार)
1450, 1900
तीन भुखी रूद्राष (शरयद्राय, याभेश्वय)
30,50,75,
दव भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
तीन भुखी रूद्राष (नेऩार)
50,100,
ग्मायश भुखी रूद्राष (नेऩार)
1900,
तीन भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
450,1250,
ग्मायश भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
िाय भुखी रूद्राष (शरयद्राय, याभेश्वय)
25,55,75,
फायश भुखी रूद्राष (नेऩार)
2350, 2800
िाय भुखी रूद्राष (नेऩार)
50,100,
फायश भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
ऩॊि भुखी रूद्राष (नेऩार)
25,55,
तेयश भुखी रूद्राष (नेऩार)
5500, 6400
ऩॊि भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
225, 550,
तेयश भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
छश भुखी रूद्राष (शरयद्राय, याभेश्वय)
25,55,75,
िौदश भुखी रूद्राष (नेऩार)
12500, 14500
छश भुखी रूद्राष (नेऩार)
50,100,
िौदश भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
वात भुखी रूद्राष (शरयद्राय, याभेश्वय)
125, 190, 280
गौयीळॊकय रूद्राष
2350, 2800
वात भुखी रूद्राष (नेऩार)
225, 450,
गणेळ रुद्राष (नेऩार)
730
वात भुखी रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
गणेळ रूद्राष (इन्डोनेसळमा)
-
एकभुखी रूद्राष (नेऩार)
रुद्राष के त्रलऴम भं असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं ।
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भॊि सवद्ध दर ा वाभग्री ु ब शत्था जोडी- Rs- 370
घोडे क नार- Rs.351
भामा जार- Rs- 251
त्रफल्री नार- Rs- 370
भोसत ळॊख- Rs- 550
धन लृत्रद्ध शक क वेट Rs-251
सवमाय सवॊगी- Rs- 370
दस्षणालतॉ ळॊख- Rs- 550
इन्द्र जार- Rs- 251
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अप्रेर 2013
59
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि फकवी बी व्मत्रि का जीलन तफ आवान फन जाता शं जफ उवके िायं औय का भाशोर उवके अनुरुऩ उवके लळ भं शं। जफ कोई व्मत्रि का आकऴाण दव ु यो के उऩय एक िुम्फक म प्रबाल डारता शं , तफ
रोग उवक वशामता एलॊ
वेला शे तु तत्ऩय शोते शै औय उवके प्राम् वबी कामा त्रफना असधक कष्ट ल ऩये ळानी वे वॊऩन्न शो जाते शं । आज के बौसतकता लाफद मुग भं शय व्मत्रि के सरमे दव ॊ कत्ल को कामभ ू यो को अऩनी औय खीिने शे तु एक प्रबालळासर िुफ
यखना असत आलश्मक शो जाता शं । आऩका आकऴाण औय व्मत्रित्ल आऩके िायो ओय वे रोगं को आकत्रऴात कये इव सरमे वयर उऩाम शं , श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि। क्मोफक बगलान श्री कृ ष्ण एक अरौफकल एलॊ फदलम िुॊफक म व्मत्रित्ल के धनी थे। इवी कायण वे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन एलॊ दळान वे आकऴाक व्मत्रित्ल प्राद्ऱ शोता शं । श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के वाथ व्मत्रिको दृढ़ इच्छा ळत्रि एलॊ उजाा प्राद्ऱ शोती शं , स्जस्वे व्मत्रि शभेळा एक बीड भं शभेळा आकऴाण का कंद्र यशता शं । मफद फकवी व्मत्रि को अऩनी प्रसतबा ल आत्भत्रलश्वाव के स्तय भं लृत्रद्ध, अऩने सभिो ल ऩरयलायजनो के त्रफि भं रयश्तो भं वुधाय कयने क ईच्छा शोती शं उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि का ऩूजन एक वयर ल वुरब भाध्मभ वात्रफत शो वकता शं । श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि ऩय अॊफकत ळत्रिळारी त्रलळेऴ ये खाएॊ, फीज भॊि एलॊ
श्रीकृ ष्ण फीवा कलि श्रीकृ ष्ण
फीवा
कलि
को
केलर
त्रलळेऴ ळुब भुशुता भं सनभााण फकमा जाता शं । कलि को त्रलद्रान कभाकाॊडी
ब्राशभणं द्राया ळुब भुशुता भं ळास्त्रोोि
अॊको वे व्मत्रि को अद्द्भत ु आॊतरयक ळत्रिमाॊ प्राद्ऱ शोती शं जो व्मत्रि को
त्रलसध-त्रलधान वे त्रलसळष्ट तेजस्ली भॊिो
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन ल सनमसभत दळान के भाध्मभ वे बगलान
मुि कयके सनभााण फकमा जाता शं ।
वफवे आगे एलॊ वबी षेिो भं अग्रस्णम फनाने भं वशामक सवद्ध शोती शं ।
श्रीकृ ष्ण का आळीलााद प्राद्ऱ कय वभाज भं स्लमॊ का अफद्रतीम स्थान स्थात्रऩत कयं । श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि अरौफकक ब्रह्माॊडीम उजाा का वॊिाय कयता शं , जो एक प्राकृ त्रत्त भाध्मभ वे व्मत्रि के बीतय वद्दबालना, वभृत्रद्ध, वपरता, उत्तभ स्लास््म, मोग औय ध्मान के सरमे एक ळत्रिळारी भाध्मभ शं !
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन वे व्मत्रि के वाभास्जक भान-वम्भान ल
स्जव के पर स्लरुऩ धायण कयता व्मत्रि को ळीघ्र ऩूणा राब प्राद्ऱ शोता शं । कलि को गरे भं धायण कयने वे लशॊ अत्मॊत प्रबाल ळारी शोता शं । गरे भं धायण कयने वे कलि
ऩद-प्रसतष्ठा भं लृत्रद्ध शोती शं ।
शभेळा रृदम के ऩाव यशता शं स्जस्वे
कंफद्रत कयने वे व्मत्रि फक िेतना ळत्रि जाग्रत शोकय ळीघ्र उच्ि स्तय
एलॊ ळीघ्र सात शोने रगता शं ।
त्रलद्रानो के भतानुळाय श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के भध्मबाग ऩय ध्मान मोग को प्राद्ऱशोती शं ।
द्राया सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म
व्मत्रि ऩय उवका राब असत तीव्र भूरम भाि: 1900 >>Order Now
जो ऩुरुऴं औय भफशरा अऩने वाथी ऩय अऩना प्रबाल डारना िाशते शं औय उन्शं अऩनी औय आकत्रऴात कयना िाशते शं । उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि उत्तभ उऩाम सवद्ध शो वकता शं ।
ऩसत-ऩत्नी भं आऩवी प्रभ क लृत्रद्ध औय वुखी दाम्ऩत्म जीलन के सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि राबदामी शोता शं ।
भूल्म:- Rs. 730 वे Rs. 10900 तक उप्रब्द्ध >> Order Now
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अप्रेर 2013
60
याभ यषा मॊि याभ यषा मॊि वबी बम, फाधाओॊ वे भुत्रि ल कामो भं वपरता प्रासद्ऱ शे तु उत्तभ मॊि शं । स्जवके प्रमोग वे धन राब शोता शं ल व्मत्रि का वलांगी त्रलकाय शोकय उवे वुख-वभृत्रद्ध, भानवम्भान क प्रासद्ऱ शोती शं । याभ यषा मॊि वबी प्रकाय के अळुब प्रबाल को दयू कय व्मत्रि को जीलन क वबी प्रकाय क कफठनाइमं वे यषा कयता शं । त्रलद्रानो के भत वे जो व्मत्रि बगलान याभ के बि शं मा श्री शनुभानजी के बि शं उन्शं अऩने सनलाव स्थान, व्मलवामीक स्थान ऩय याभ यषा मॊि को अलश्म स्थाऩीत कयना िाफशमे स्जववे आने लारे वॊकटो वे यषा शो उनका जीलन वुखभम व्मतीत शो वके एलॊ उनक वभस्त आफद बौसतक ल आध्मास्त्भक भनोकाभनाएॊ ऩूणा शो वके।
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ताम्र ऩि ऩय वुलणा ऩोरीव
ताम्र ऩि ऩय यजत ऩोरीव
ताम्र ऩि ऩय
(Gold Plated)
(Silver Plated)
(Copper)
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
भूल्म 460 820 1650 2350 3600 6400 10800
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
भूल्म 370 640 1090 1650 2800 5100 8200
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/
भूल्म 255 460 730 1090 1900 3250 6400
61
अप्रेर 2013
जैन धभाके त्रलसळष्ट मॊिो क वूिी श्री िौफीव तीथंकयका भशान प्रबात्रलत िभत्कायी मॊि
श्री एकाषी नारयमेय मॊि
श्री िोफीव तीथंकय मॊि
वलातो बद्र मॊि
कल्ऩलृष मॊि
वला वॊऩत्रत्तकय मॊि
सिॊताभणी ऩाश्वानाथ मॊि
वलाकामा-वला भनोकाभना सवत्रद्धअ मॊि (१३० वलातोबद्र मॊि)
सिॊताभणी मॊि (ऩंवफठमा मॊि)
ऋत्रऴ भॊडर मॊि
सिॊताभणी िक्र मॊि
जगदलल्रब कय मॊि
श्री िक्रेश्वयी मॊि
ऋत्रद्ध सवत्रद्ध भनोकाभना भान वम्भान प्रासद्ऱ मॊि
श्री घॊटाकणा भशालीय मॊि
ऋत्रद्ध सवत्रद्ध वभृत्रद्ध दामक श्री भशारक्ष्भी मॊि
श्री घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्ध भशामॊि
त्रलऴभ त्रलऴ सनग्रश कय मॊि
श्री ऩद्मालती मॊि
षुद्रो ऩद्रल सननााळन मॊि
श्री ऩद्मालती फीवा मॊि
फृशच्िक्र मॊि
श्री ऩाश्वाऩद्मालती ह्रंकाय मॊि
लॊध्मा ळब्दाऩश मॊि
ऩद्मालती व्माऩाय लृत्रद्ध मॊि
भृतलत्वा दोऴ सनलायण मॊि
श्री धयणेन्द्र ऩद्मालती मॊि
काॊक लॊध्मादोऴ सनलायण मॊि
श्री ऩाश्वानाथ ध्मान मॊि
फारग्रश ऩीडा सनलायण मॊि
श्री ऩाश्वानाथ प्रबुका मॊि
रधुदेल कुर मॊि
बिाभय मॊि (गाथा नॊफय १ वे ४४ तक)
नलगाथात्भक उलवग्गशयॊ स्तोिका त्रलसळष्ट मॊि
भस्णबद्र मॊि
उलवग्गशयॊ मॊि
श्री मॊि
श्री ऩॊि भॊगर भशाश्रृत स्कॊध मॊि
श्री रक्ष्भी प्रासद्ऱ औय व्माऩाय लधाक मॊि
ह्रीॊकाय भम फीज भॊि
श्री रक्ष्भीकय मॊि
लधाभान त्रलद्या ऩट्ट मॊि
रक्ष्भी प्रासद्ऱ मॊि
त्रलद्या मॊि
भशात्रलजम मॊि
वौबाग्मकय मॊि
त्रलजमयाज मॊि
डाफकनी, ळाफकनी, बम सनलायक मॊि
त्रलजम ऩतका मॊि
बूताफद सनग्रश कय मॊि
त्रलजम मॊि
ज्लय सनग्रश कय मॊि
सवद्धिक्र भशामॊि
ळाफकनी सनग्रश कय मॊि
दस्षण भुखाम ळॊख मॊि
आऩत्रत्त सनलायण मॊि
दस्षण भुखाम मॊि
ळिुभख ु स्तॊबन मॊि
(अनुबल सवद्ध वॊऩण ू ा श्री घॊटाकणा भशालीय ऩतका मॊि)
मॊि के त्रलऴम भं असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं ।
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GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in,
अप्रेर 2013
62
घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्ध भशामॊि को स्थाऩीत
कयने वे वाधक क वला भनोकाभनाएॊ ऩूणा शोती शं । वला प्रकाय के योग बूत-प्रेत आफद उऩद्रल वे यषण शोता शं । जशयीरे औय फशॊ वक प्राणीॊ वे वॊफसॊ धत बम दयू शोते शं । अस्ग्न बम, िोयबम आफद दयू शोते शं ।
दष्ट ु ल अवुयी ळत्रिमं वे उत्ऩन्न शोने लारे बम
वे मॊि के प्रबाल वे दयू शो जाते शं ।
मॊि के ऩूजन वे वाधक को धन, वुख, वभृत्रद्ध,
ऎश्वमा, वॊतत्रत्त-वॊऩत्रत्त आफद क प्रासद्ऱ शोती शं । वाधक क वबी प्रकाय क वास्त्लक इच्छाओॊ क ऩूसता शोती शं ।
मफद फकवी ऩरयलाय मा ऩरयलाय के वदस्मो ऩय
लळीकयण, भायण,
उच्िाटन इत्माफद जाद-ू टोने लारे
प्रमोग फकमे गमं शोतो इव मॊि के प्रबाल वे स्लत् नष्ट शो जाते शं औय बत्रलष्म भं मफद कोई प्रमोग कयता शं तो यषण शोता शं ।
कुछ जानकायो के श्री घॊटाकणा भशालीय ऩतका
मॊि वे जुडे अद्द्भत ु अनुबल यशे शं । मफद घय भं श्री
घॊटाकणा भशालीय ऩतका मॊि स्थात्रऩत फकमा शं औय मफद
कोई इऴाा, रोब, भोश मा ळिुतालळ मफद अनुसित कभा
कयके फकवी बी उद्दे श्म वे वाधक को ऩये ळान कयने का प्रमाव कयता शं तो मॊि के प्रबाल वे वॊऩण ू ा ऩरयलाय का यषण तो शोता शी शं , कबी-कबी ळिु के द्राया फकमा गमा अनुसित कभा ळिु ऩय शी उऩय उरट लाय शोते दे खा शं ।
भूल्म:- Rs. 1650 वे Rs. 10900 तक उप्रब्द्ध >> Order Now
वॊऩका कयं । GURUTVA KARYALAY Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/
अप्रेर 2013
63
अभोघ भशाभृत्मुॊजम कलि अभोद्य् भशाभृत्मुज ॊ म कलि ल उल्रेस्खत अन्म वाभग्रीमं को ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे त्रलद्रान ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात फकमा जाता शं इव सरए कलि अत्मॊत प्रबालळारी शोता शं ।
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कलि कलि फनलाने शे तु: अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, गोि, एक नमा पोटो बेजे
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अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कलि दस्षणा भाि: 10900
याळी यत्न एलॊ उऩयत्न त्रलळेऴ मॊि शभायं मशाॊ वबी प्रकाय के मॊि वोने-िाॊफदताम्फे भं आऩक
आलश्मिा के अनुळाय
फकवी बी बाऴा/धभा के मॊिो को आऩक
आलश्मक फडजाईन के अनुळाय २२ गेज वबी वाईज एलॊ भूल्म ल क्लासरफट के
अवरी नलयत्न एलॊ उऩयत्न बी उऩरब्ध शं ।
ळुद्ध ताम्फे भं अखॊफडत फनाने क त्रलळेऴ वुत्रलधाएॊ उऩरब्ध शं ।
शभाये मशाॊ वबी प्रकाय के यत्न एलॊ उऩयत्न व्माऩायी भूल्म ऩय उऩरब्ध शं । ज्मोसतऴ कामा वे जुडे़
फधु/फशन ल यत्न व्मलवाम वे जुडे रोगो के सरमे त्रलळेऴ भूल्म ऩय यत्न ल अन्म वाभग्रीमा ल अन्म वुत्रलधाएॊ उऩरब्ध शं ।
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अप्रेर 2013
भासवक यासळ पर
सिॊतन जोळी भेऴ: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : अऩने प्रमावं वे आऩ कामो को कुळरता वे ऩूया कयं गे। त्रलसबन्न भाध्मभ वे धन राब क प्रासद्ऱ शो वकती शं । आऩके वभास्जक भान-प्रसतष्ठा भं लृत्रद्ध शोगी इव दौयान आऩका वाभास्जक जीलन उच्ि स्तय का शो वकता शं । स्लास््म वुख भं लृत्रद्ध शोगी फपय बी खाने- ऩीने का त्रलळेऴ ध्मान यखना फशतकायी यशे गा। जीलन वाथी का वे ऩूणा वशमोग एलॊ आनॊद प्राद्ऱ शोगा। 16 वे 30 अप्रैर 2013 : कामा भं वपरता क प्रासद्ऱ वे आऩका आत्भत्रलश्वाव फढे गा। नौकयी-व्मलवाम भं उन्नसत शोगी औय ऩूला कार भं फकमे गमे कामा एलॊ रुके शुले कामा वे आकस्स्भक धन राब प्राद्ऱ शोगा। िर-अिर वॊऩत्रत्त मा फकवी घये रू भाभरं भं फदराल शो वकता शं । ऩरयलाय भं कोई भाॊगसरक कामा वॊऩन्न शो वकता शं । नमे रोगो क सभिता वे राब प्राद्ऱ कय वकते शं ।
लृऴब: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : नौकयी-व्मलवाम भं फदराल का त्रलिाय कय वकते शं । फकमे गमे ऩूॊस्ज सनलेळ द्राया आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ के मोग शं । अऩनी लाणी एलॊ क्रोध ऩय सनमॊिण यखे अन्मथा आऩके फने फनामे कामा त्रफगड वकते शं । खिा आलश्मिा वे असधक शो वकता शं खिा ऩय सनमॊिण कयने का प्रमाव कयं । ऩरयलाय औय रयश्तेदायं वे आस्त्भमता का अनुबल शोगा। जीलन वाथी का वशमोग प्राद्ऱ शोगा। 16 वे 30 अप्रैर 2013 : नमा व्मलवाम मा नौकयी प्राद्ऱ शो वकती शं मा आऩके कामा षेि भं नमे फदराल शो वकते शं । िर-अिर वॊऩत्रत्त मा फकवी घये रू भाभरं भं फदराल शो वकता शं । ळिुओॊ ऩय आऩका प्रबाल यशे गा। आऩके त्रलयोसध एलॊ ळिु ऩष ऩयास्त शंगे। दयू स्थ स्थानं क व्मलवासमक मािा राबदामक सवद्ध शो वकती शं । अऩने खाने -ऩीने का त्रलळेऴ ध्मान यखे अन्मथा आऩका का स्लास््म नयभ शो वकता शं ।
सभथुन: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : एक वे सधक स्त्रोोत वे अऩनी मोग्मता वे आसथाक राब कयं गे। कामा क व्मस्तता, अत्मसधक बागदौि वे आऩको थकालट शो वकती शं । प्रेभ वॊफॊसधत भाभरो भं बी वपरता प्राद्ऱ कय वकते शं । ळिु ऩष वे आऩको कष्ट शो वकता शं । ऩरयलाय भं बी करेळ फढ़ वकता शं । ऩारयलारयक भतबेदो को दयू कयने शे तु असधक वे असधक वभम अऩने ऩरयलाय के वाथ त्रफतामे।
16 वे 30 अप्रैर 2013 : इष्ट सभि एलॊ ऩरयलाय के वशमोग वे आसथाक राब वॊबल शं । नौकयी-व्मलवाम भं आऩको इच्छा वे असधक प्रगसत प्राद्ऱ शोगी। भानसवक प्रन्नता फढे गी। नमे रोगो वे सभिता शोगी। त्रलऩयीत सरॊग के प्रसत आऩका आकऴाण असधक यशे गा। दयू स्थ स्थानं वे नए व्मालवासमक राब प्राद्ऱ शो वकते शं । जीलनवाथी का स्लास््म सिॊताजनक शो वकता शं । अऩने त्रप्रमजनो वे लाद-त्रललाद भं उरझने वे फिने का प्रमाव कये ।
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अप्रेर 2013
कका: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : वभम के अनुकूर शोने वे आऩक भानसवक प्रन्नता फढे गी। आऩके वाथाक प्रमावो वे आसथाक स्स्थसत प्रफर शोगी। िर-अिर वॊऩत्रत्त वे वॊफॊसधत कामं भं राब प्राद्ऱ शो वकता शं । कामा क व्मस्तता, अत्मसधक बागदौि के कायण आऩको थकालट शो वकती। मश वभम गुद्ऱ त्रलयोधी-ळिुओॊ ऩय त्रलजम प्राद्ऱ कयने के सरए श्रेष्ठ वात्रफत शोगा। व्मम ऩय सनमन्िण यखने वे राब प्राद्ऱ शोगा। 16 वे 30 अप्रैर 2013 : आकस्स्भक धन प्राद्ऱ शोने के मोग शं । वाभास्जक भान-वम्भान औय ऩद-प्रसतष्ठा भं लृत्रद्ध शोगी। बूसभ-बलन वे वॊफॊसधत कामं भे वपरता प्राद्ऱ शोगी। उत्तभ लाशन वुख के मोग फन यशे शं । दयू स्थानो क व्मलास्मीक मािाएॊ राबप्रद यशे गी। प्रेभ वॊफॊधो भं वपरता प्राद्ऱ शोगी। अत्रललाफशत शं तो त्रललाश वॊबल शं । ऩरयलाय औय रयश्तेदायं वे आस्त्भमता के अनुबल भं कभी यश वकती शं ।
सवॊश: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : आऩको नमा व्मलवाम मा नौकयी प्राद्ऱ शो वकती शं मा आऩके कामा षेि के त्रलस्ताय मा नमे फदराल शो वकते शं । आऩको ळिु एलॊ त्रलयोधी ऩष वे ऩये ळानी के कायण अऩने भशत्लऩूणा कामं भं त्रलरॊफ शो वकता शं । वॊतान ऩष वुख के सरए वभम ळुब शं । आऩके वाभास्जत ऩद-प्रसतष्ठा भं लृत्रद्ध शोगी। त्रलदे ळ मा दयू स्थ स्थानो वे धन प्रासद्ऱ के मोग शं । आऩका स्लास््म भं उताय-िढाल शो वकता शं । 16 वे 30 अप्रैर 2013 : आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ शोगी स्जस्वे आसथाक स्स्थसत भं वुधाय शोगा। आऩके दै सनक वुख-वाधनो भं लृत्रद्ध शोगी।छोटी-छोटी वभस्माओॊ के कायण दाॊऩत्म जीलन वुखभम यशने के वॊकेत शं । इष्ट सभिं क वशमोग वे नए रोगो वं सभिता शोने के मोग शं । आऩको अत्मसधक बागदौि के कायण आऩको थकालट शो वकती शं । मफद आऩ अत्रललाफशत शं तो आऩका त्रललाश तम शो वकता शं ।
कन्मा: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : आसथाक स्स्थसत थोडी कभजोय शो वकती शं । स्जव कायण आऩको भशत्लऩूणा कामो के सरए कजा रेना ऩड वकता शं । ळिुओॊ ऩय आऩका प्रबाल यशे गा। आऩके त्रलयोधी एलॊ ळिु ऩष ऩयास्त शंगे। जीलनवाथी वे अऩने वॊफॊध भधुय यखने का प्रमाव कयं । त्रलऩयीत सरॊग के प्रसत आऩका असधक आकऴाण ऩये ळासनमाॊ खडी कय वकता शं । 16 वे 30 अप्रैर 2013 : नौकयी व्मलवाम वे वॊफॊसधत वभस्माओॊ का सनलायण शोगा। आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ के वाधन प्राद्ऱ शो वकते शं । बूसभ-बलन वे वाॊफॊसधत कामो वे राब प्राद्ऱ शो वकते शं । ऋण रेने वे फिे औय ऩुयाने ऋणं का बुगतान कयने का प्रमाव कये । आऩके त्रलयोधी एलॊ ळिु ऩष ऩयास्त शंगे। अऩने स्लास््म का त्रलळेऴ ख्मार यखे। प्रेभ वॊफॊधं भं वपरता प्राद्ऱ शो वकती शं ।
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अप्रेर 2013
तुरा: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : नौकयी के षेि भं उच्िासधकायी का वशमोग प्राद्ऱ शोगा। व्मलवाम भं शं तो ऩरयलाय के रोगं एलॊ इष्टसभतं वे राब प्राद्ऱ शोगा। भशत्ल के कामो के सरमे आऩको कजा रेना ऩड वकता शं । जल्दफाजी भं कोई सनणाम रेने वे फिे अन्मथा आऩको रॊफे वभम तक उवके सरए ऩछताना ऩिवकता शं । जीलन वाथी वे रयश्तं भं वुधाय शोगा। 16 वे 30 अप्रैर 2013 : नौकयी भं शं तो ऩदौन्नसत के मोग फन यशे शं । मफद व्मलावाम वे जुडे शं औय वाझेदायी क मोजना फना यशे शं तो वभम प्रसतकूर वात्रफत शो वकता शं । बूसभ-बलन-लाशन वे वॊफॊसधत कामो वे राब प्रासद्ऱ वॊबल शं । दयू स्थ स्थान क मािाएॊ वॊबल शं । प्रकृ सत भं फदराल वे ऩरयलाय के फकवी वदस्मा को स्लास््म वॊफॊसधत कष्ट वॊबल शं । प्रेभ वॊफॊसधत भाभरं भं वपरता प्राद्ऱ शोगी।
लृस्श्चक: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : आऩके रुके शुए भशत्लऩूणा कामा ऩूये शो वकते शं । धन वॊफॊधी ऩूयानी वभस्माओॊ का वभाधान वॊबल शं । आऩक कामा ळैरी असधक वफक्रम शो जाएगी। अत्रललाश शं तो त्रललाश शोने के मोग फन यशे शं । लाणी ऩय सनमॊिण यखे अऩने त्रप्रम ऩाि वे रयश्ते त्रफगि वकते शं । व्मम ऩय सनमन्िण यखने वे राब प्राद्ऱ शोगा। आऩके त्रलयोधी एलॊ ळिु ऩष ऩयास्त शंगे 16 वे 30 अप्रैर 2013 : नौकयी, व्माऩाय, ऩूॊजी सनलेळ इत्माफद वे आकस्स्भक रुऩ वे धन प्रासद्ऱ शो वकती शं । प्रसतमोसगता के कामो भं फुत्रद्धभानी ल ितुयता वे ळीघ्र राब औय वपरता प्राद्ऱ कयं गे। भनोनुकूर जीलन वाथी क प्रासद्ऱ शे तु वभम उत्तभ वात्रफत शो वकता शं । ळिुओॊ ऩय आऩका प्रबाल यशे गा। । त्रलऩयीत सरॊग के प्रसत आऩका असधक आकऴाण यशे गा।
धनु: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : व्मलवाम वे वॊफॊसधत का कामं वे कफठन ऩरयश्रभ के उऩयाॊत वपता प्रासद्ऱ के वॊकेत शं । बूसभ-बलन वॊफॊसधत कामा एलॊ सनणामं को थोडे वभम के सरए स्थसगत कयना ऩड वकता शं । अऩने त्रप्रमजनो वे लाद-त्रललाद भं उरझने वे फिने का प्रमाव कये । खाने- ऩीने का ध्मान यखे नशीॊ तो स्लास््म नयभ शो वकता शं । प्रेभ वॊफॊसधत भाभरो भं बी वपरता प्राद्ऱ कय वकते शं । 16 वे 30 अप्रैर 2013 : नौकयी-व्मलवाम भं फदराल का त्रलिाय कय वकते शं । धनराब के उत्तभ मोग फन यशे शं वाथ शी अनालश्मक खिा बी फढ़ वकता शं । ऩरयलाय के वदस्मं का स्लास््म आऩको सिॊसतत कय वकता शं । अत्रललाश शं तो त्रललाश शोने के मोग फन यशे शं । जीलन वाथी के वाथ व्मलशाय अच्छा यखे अन्मथा वभस्माओॊ का वाभना कय वकते शं ।
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अप्रेर 2013
भकय: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : ऩूला कार वे रुके शुले कामा के ऩूणा शोने वे आऩको आकस्स्भक धन राब प्राद्ऱ शो वकता शं । बूसभबलन-लाशन वे वॊफॊसधत कामं वे राब प्राद्ऱ शो वकता शं । ऩरयलाय के वाथ धासभाक मािा ऩय जाना उत्तभ सवद्ध यशे गा। ऩरयलाय के फकवी वदस्म का स्लास््म कभजोय शो वकता शं । जीलनवाथी का ऩूणा वशमोग प्राद्ऱ शोगा। प्रेभप्रवॊगो भं वपरता के मोग फन यशे शं । 16 वे 30 अप्रैर 2013 : इव अलसध भं आऩको प्रमावो के अनुरुऩ धनराब प्राद्ऱ शो वकते शं । ळिु एलॊ त्रलयोधी ऩष के कायण आसथाक ऩष कभजोय शो वकता शं । मफद आऩ नौकयी भं शं तो ऩदौन्नसत के मोग फन यशे शं । व्मलवाम भं भशत्लऩूणा ऩद प्राद्ऱ कय वकते शं । आऩका कोई ऩरयजन स्लास््म वॊफॊसधत ऩये ळानी वे ग्रस्त शो वकता शं ।
कॊु ब: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : मफद आऩ नौकयी भं शं तो अऩने कामा का अच्छा प्रदळान कयने भं वभथा शंगे। एकासधक स्त्रोोत वे धन प्रासद्ऱ के मोग फन यशे शं । बूसभ-बलन-लाशन वे वॊफॊसध कामो भं त्रलळेऴ राब प्रासद्ऱ के मोग उत्तभ यशं गे। सभि एलॊ ऩरयलाय के रोगो का वशमोग प्राद्ऱ शोगा। अऩने खाने- ऩीने का ध्मान यखे अन्मथा आऩका का स्लास््म नयभ शो वकता शं । 16 वे 30 अप्रैर 2013 : मफद आऩ नौकयी भं शं तो ऩदौन्नसत शो वकती शं मा नई नौकयी प्राद्ऱ शो वकती शं , व्मलवाम भं शं तो उन्नती क भागा प्रवस्त शंगे। इव अलसध भं िर-अिर वॊऩत्रत्त भं ऩूॊस्ज सनलेळ कयना आऩके सरए त्रलळेऴ रुऩ वे पामदे भॊद शो वकता शं । ऩरयलाय भं भाता-त्रऩता के स्लास््म के प्रसत त्रलळेऴ ध्मान यखना ऩि वकता शं । जीलन वाथी का ऩूणा वशमोग प्राद्ऱ शोगा।
भीन: 1 वे 15 अप्रैर 2013 : नौकयी-व्मलवाम भं उन्नसत ल आमके नए स्त्रोोत सभरने के मोग शं । आऩक आसथाक भं वुधाय शोगा। दयू स्थानो क व्मलास्मीक मािाएॊ राबप्रद यशे गी। शं । बूसभ-बलनलाशन क प्राद्ऱी शो वकती शं । स्लास््म वुख भं लृत्रद्ध शोगी फपय बी खाने- ऩीने का त्रलळेऴ ध्मान यखना फशतकायी यशे गा। प्रेभ वॊफॊधो भं वपरता प्राद्ऱ शोगी। 16 वे 30 अप्रैर 2013 : आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ के मोग फनेगं स्जस्वे आसथाक स्स्थसत भं वुधाय शोगा। कोटा -किशयी के कामो भं वपरता प्राद्ऱ शो वकती शं । अऩनी असधक खिा कयने क प्रलृत्रत्त ऩय सनमॊिण कयने का प्रमाव कयं । ऩरयलाय के रोग एलॊ सभि लगा का ऩूणा वशमोग प्राद्ऱ शोगा। ऩरयलाय के फकवी वदस्म का स्लस््म कभजोय शो वकता शं । जीलन वाथी वे आस्त्भमता क कभी भशवूव कय वकते शं ।
अप्रेर 2013
68
अप्रैर 2013 भासवक ऩॊिाॊग फद
लाय
1
वोभ
2
भाश िैि
ऩष
सतसथ
वभासद्ऱ
नषि
वभासद्ऱ
मोग
वभासद्ऱ
कयण
वभासद्ऱ
िॊद्र
यासळ
वभासद्ऱ
कृ ष्ण ऴष्ठी
25:22:34
जेष्ठा
25:03:49
व्मसतऩात
22:39:27
गय
14:32:53
लृस्श्चक
भॊगर िैि
कृ ष्ण वद्ऱभी
23:09:14
भूर
23:34:33
लरयमान
19:42:59
त्रलत्रष्ट
12:15:48
धनु
-
3
फुध
िैि
कृ ष्ण अष्टभी
21:06:13
ऩूलााऴाढ़
22:16:32
ऩरयग्रश
16:53:06
फारल
10:06:13
धनु
27:58:00
4
गुरु
िैि
कृ ष्ण नलभी
19:16:20
उत्तयाऴाढ़
21:10:42
सळल
14:13:31
तैसतर
08:10:42
भकय
-
5
ळुक्र
िैि
कृ ष्ण दळभी
17:41:27
श्रलण
20:18:57
सवद्ध
11:46:08
लस्णज
06:27:23
भकय
-
6
ळसन
िैि
कृ ष्ण एकादळी
16:23:27
धसनष्ठा
19:45:57
वाध्म
09:30:57
फारल
16:23:27
भकय
08:00:00
7
यत्रल
िैि
कृ ष्ण द्रादळी
15:25:08
ळतसबऴा
19:33:34
ळुब
07:32:38
तैसतर
15:25:08
कुॊब
-
8
वोभ
िैि
कृ ष्ण िमोदळी
14:51:12
ऩूलााबाद्रऩद
19:44:39
ब्रह्म
28:30:35
लस्णज
14:51:12
कुॊब
13:39:00
9
भॊगर िैि
कृ ष्ण ितुदाळी
14:43:32
उत्तयाबाद्रऩद
20:21:58
इन्द्र
27:32:17
ळकुसन
14:43:32
भीन
-
25:03:00
10 फुध
िैि
कृ ष्ण अभालस्मा
15:05:52
ये लसत
21:29:18
लैधसृ त
26:58:22
नाग
15:05:52
भीन
21:29:00
11 गुरु
िैि
ळुक्र प्रसतऩदा
15:59:09
अस्श्वनी
23:07:35
त्रलऴकुॊब
26:49:47
फल
15:59:09
भेऴ
-
12 ळुक्र
िैि
ळुक्र फद्रतीमा
17:24:19
बयणी
25:15:53
प्रीसत
27:03:41
कौरल
17:24:19
भेऴ
-
13 ळसन
िैि
ळुक्र तृतीमा
19:18:33
कृ सतका
27:49:29
आमुष्भान
27:38:14
तैसतर
06:18:33
भेऴ
07:51:00
14 यत्रल
िैि
ळुक्र ितुथॉ
21:35:18
योफशस्ण
30:43:44
वौबाग्म
28:29:40
लस्णज
08:24:03
लृऴ
-
15 वोभ
िैि
ळुक्र ऩॊिभी
24:06:07
योफशस्ण
06:43:37
ळोबन
29:28:37
फल
10:49:14
लृऴ
20:14:00
16 भॊगर िैि
ळुक्र ऴष्ठी
26:37:52
भृगसळया
09:46:19
असतगॊड
30:26:37
कौरल
13:22:52
सभथुन
-
17 फुध
िैि
ळुक्र वद्ऱभी
28:59:20
आद्रा
12:47:09
असतगॊड
06:26:31
गय
15:50:54
सभथुन
-
18 गुरु
िैि
ळुक्र अष्टभी
30:55:29
ऩुनलावु
15:31:07
वुकभाा
07:15:11
त्रलत्रष्ट
18:01:07
सभथुन
08:53:00
19 ळुक्र
िैि
ळुक्र अष्टभी
06:55:24
ऩुष्म
17:46:58
धृसत
07:43:13
फल
06:55:24
कका
-
20 ळसन
िैि
ळुक्र नलभी
08:15:02
आश्लेऴा
19:26:17
ळूर
07:44:05
कौरल
08:15:02
कका
19:26:00
अप्रेर 2013
69
21 यत्रल
िैि
ळुक्र दळभी
08:52:28
भघा
20:21:32
गॊड
07:13:05
गय
08:52:28
सवॊश
-
22 वोभ
िैि
ळुक्र एकादळी
08:43:59
ऩूलाापाल्गुनी
20:29:55
लृत्रद्ध
06:05:33
त्रलत्रष्ट
08:43:59
सवॊश
26:26:00
23 भॊगर िैि
ळुक्र द्रादळी
07:50:31
उत्तयापाल्गुनी
19:58:01
व्माघात
26:05:31
फारल
07:50:31
कन्मा
-
24 फुध
िैि
ळुक्र िमोदळी
06:13:56
शस्त
18:46:44
शऴाण
23:18:37
तैसतर
06:13:56
कन्मा
-
25 गुरु
िैि
ळुक्र ऩूस्णाभा
25:27:03
सििा
17:06:25
लज्र
20:09:14
त्रलत्रष्ट
14:49:33
कन्मा
06:00:00
26 ळुक्र
लैळाख
कृ ष्ण प्रसतऩदा
22:31:44
स्लाती
15:03:37
सवत्रद्ध
16:41:07
फारल
12:01:44
तुरा
-
27 ळसन
लैळाख
कृ ष्ण फद्रतीमा
19:24:16
त्रलळाखा
12:46:46
व्मसतऩात
13:03:38
तैसतर
08:58:01
तुरा
07:22:00
28 यत्रल
लैळाख
कृ ष्ण तृतीमा
16:15:51
अनुयाधा
10:25:14
लरयमान
09:22:25
लस्णज
05:49:36
लृस्श्चक
-
29 वोभ
लैळाख
कृ ष्ण ितुथॉ
13:11:13
जेष्ठा
08:07:28
सळल
26:12:09
फारल
13:11:13
लृस्श्चक
08:07:00
30 भॊगर लैळाख
कृ ष्ण ऩॊिभी
10:20:40
भूर
06:00:02
सवद्ध
22:54:25
तैसतर
10:20:40
धनु
-
ळसन ऩीिा सनलायक वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रष्ठत 22 गेज ळुद्ध स्टीर भं सनसभात अखॊफडत ऩौरुऴाकाय ळसन मॊि ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि (स्टीर भं) को तीव्र प्रबालळारी फनाने शे तु ळसन क कायक धातु ळुद्ध स्टीर(रोशे ) भं फनामा गमा शं । स्जव के प्रबाल वे वाधक को तत्कार राब प्राद्ऱ शोता शं । मफद जन्भ कुॊडरी भं ळसन प्रसतकूर शोने ऩय व्मत्रि को अनेक कामं भं अवपरता प्राद्ऱ शोती शै , कबी व्मलवाम भं घटा, नौकयी भं ऩये ळानी, लाशन दघ ा ना, गृश क्रेळ आफद ु ट
ऩये ळानीमाॊ फढ़ती जाती शै ऐवी स्स्थसतमं भं प्राणप्रसतत्रष्ठत ग्रश ऩीिा सनलायक ळसन मॊि क अऩने को व्मऩाय स्थान मा घय भं स्थाऩना कयने वे अनेक राब सभरते शं । मफद ळसन क ढै ़मा मा वाढ़े वाती का वभम शो तो इवे अलश्म ऩूजना िाफशए। ळसनमॊि के ऩूजन भाि वे व्मत्रि को भृत्मु, कजा, कोटा केळ, जोडो का ददा , फात योग तथा रम्फे वभम के वबी
प्रकाय के योग वे ऩये ळान व्मत्रि के सरमे ळसन मॊि असधक राबकायी शोगा। नौकयी ऩेळा आफद के रोगं को ऩदौन्नसत बी ळसन द्राया शी सभरती शै अत् मश मॊि असत उऩमोगी मॊि शै स्जवके द्राया ळीघ्र शी राब ऩामा जा वकता शै ।
भूल्म: 1050 वे 8200 >> Order Now
GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ORISSA), Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Our Website : www.gurutvakaryalay.com Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com
अप्रेर 2013
70
अप्रेर-2013 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय फद 1
2
लाय
भाश
ऩष
सतसथ
वभासद्ऱ
वोभ
िैि
कृ ष्ण
ऴष्ठी
25:22:34
भॊगर
िैि
कृ ष्ण
वद्ऱभी
23:09:14
प्रभुख व्रत-त्मोशाय श्री एकनाथ ऴष्ठी ळीतरा वद्ऱभी, यात्रिकार भं ळीतरा भाता का ऩूजन, सवराशं क वद्ऱभी ळीतराष्टभी, काराष्टभी व्रत, वन्तानाष्टभी, अष्टका श्राद्ध, श्रीऋऴबदे ल
3
फुध
िैि
कृ ष्ण
अष्टभी
21:06:13
जन्भोत्वल एलॊ दीषाफदलव तथा लऴॉ तऩ प्रायॊ ब (जैन), फुधाष्टभी, िैि के प्रत्मेक फुधलाय को श्रीसिन्ताभस्ण गणेळ दळान एलॊ मािा (उज्जसमनी)
4
5
6
7
8
9
10
गुरु
िैि
कृ ष्ण
नलभी
19:16:20
लायाश नलभी, अन्लष्टका श्राद्ध,
ळुक्र
िैि
कृ ष्ण
दळभी
17:41:27
दळभाता व्रत एलॊ ऩूजा,
ळसन
िैि
कृ ष्ण
एकादळी
16:23:27
यत्रल
िैि
कृ ष्ण
द्रादळी
15:25:08
वोभ
िैि
कृ ष्ण
िमोदळी
14:51:12
भॊगर
िैि
कृ ष्ण
ितुदाळी
14:43:32
फुध
िैि
कृ ष्ण
अभालस्मा
15:05:52
ऩाऩभोिनी एकादळी व्रत, लैधसृ त भशाऩात वामॊ 4.13 वे यात्रि 9.32 फजे तक, प्रदोऴ व्रत, लारुणी ऩला- ऩलाकार फदन 3.25 वे वूमाास्त तक, गॊगा-लरुणा वॊगभ भं स्नान, त्रलश्व स्लास््म फदलव, भासवक सळलयात्रि व्रत, भधुकृष्ण िमोदळी, श्रीआफदकेळल दळान एलॊ ऩूजन (काळी), यॊ गतेयव, भाॉ फशॊ गराज भशाऩूजा केदाय ितुदाळी (काळी), रुद्रतीथा-स्नान, सिि ितुदाळी (जम्भूकश्भीय), ळौमा फदलव, स्नान-दान-श्राद्ध शे तु उत्तभ िैिी अभालस्मा, त्रलक्रभ वम्लत ् 2069 ऩूण(ा िान्द्र लऴा),
ऩयाबाल नाभक त्रलक्रभ वम्लत्वय 2070 प्रायॊ ब, नलवॊलत्वयोत्वल, 11
धभा-ध्लजायोशण, नल ऩॊिाॊगपर-श्रलण, ऩॊिाॊग-दान भशाऩुण्मदामक गुरु
िैि
ळुक्र
प्रसतऩदा
15:59:09
वलाारयष्टळाभक, लावस्न्तक नलयाि प्रायॊ ब, करळ (घट) स्थाऩना, सतरक व्रत, त्रलद्याव्रत, आयोग्मव्रत, गुडी ऩिला (भशायाष्ड), गौतभ ऋत्रऴ जमन्ती, आमा वभाज-स्थाऩना फदलव, नलीन िन्द्र-दळान,
71
अप्रेर 2013
िैती िाॉद (सवन्धी), झूरेरार जमॊती, फारेन्द-ु ऩूजन 12
ळुक्र
िैि
ळुक्र
फद्रतीमा
17:24:19
सवन्धाया दज ू , अक्करकोट के श्रीस्लाभी वभथा का जन्भोत्वल (भशा.) ये भन्त-ऩूजन (सभसथ.),
गणगौयी तीज व्रतोत्वल, वौबाग्म वुन्दयी व्रत, भनोयथ तृतीमा व्रत, 13
ळसन
िैि
ळुक्र
तृतीमा
गौयी दोरोत्वल, अरुॊ धती व्रत, वयशुर (त्रफशा.-झाय.), जॊगिम (जम्भू19:18:33
कश्भीय), भत्स्म अलताय जमॊती, आन्दोरन तृतीमा, वूमा क भेऴ
वॊक्रास्न्त यात्रि 1.29 फजे, लैळाखी (ऩॊजा.), जसरमाॉलारा फाग फदलव, भीन (खय) भाव ऩूणा भेऴ वॊक्रास्न्त भं स्नान-दान का त्रलळेऴ ऩुण्मकार प्रात: 7.53 फजे तक, 14
यत्रल
िैि
ळुक्र
ितुथॉ
सियोफा (भस्ण.), फॊग (वौय) लऴा 1420 ळुरु, त्रलऴु (केय.), त्रफशाग त्रफशु 21:35:18
(अव.), दभनक ितुथॉ, लयदत्रलनामक ितुथॉ व्रत (िॊ.अ.या.10.40), योफशणी व्रत (जैन), डा. अम्फेडकय जमन्ती, आमाबट्ट जमॊती, कल्ऩलाव प्रायम्ब (शरयद्राय)
15
16
17
वोभ
िैि
ळुक्र
ऩॊिभी
24:06:07
भॊगर
िैि
ळुक्र
ऴष्ठी
26:37:52
फुध
िैि
ळुक्र
वद्ऱभी
श्रीऩॊिभी, शमव्रत ऩॊिभी, रक्ष्भी-भशाऩूजा, श्रीयाभयाज्मासबऴेक फदलव, अनन्तनाग ऩॊिभी (जम्भू-क.), ऩळुऩतीश्वय-दळान (काळी), स्कन्दऴष्ठी व्रत, वूमऴ ा ष्ठी व्रत (िैती छठ-सभसथ.), लावन्ती दग ु ााऩूजा भं त्रफल्लासबभॊिण ऴष्ठी, अळोका ऴष्ठी (ऩ.फॊ.), मभुना जमॊती
लावन्ती दग ु ााऩूजा भं ऩत्रिका प्रलेळ (सभसथ., ऩ.फॊ.), श्रीदग ु ाा-भशावद्ऱभी 28:59:20
व्रत, बास्कय वद्ऱभी, कभरा वद्ऱभी, वूमद ा भनक ऩूजन, कारयात्रि वद्ऱभी, डा. याधाकृ ष्णन स्भृसतफदलव श्रीदग ु ाा-भशाष्टभी व्रत, अळोकाष्टभी (ऩ.फॊ.), श्रीअन्नऩूणााष्टभी व्रत एलॊ
18
गुरु
िैि
ळुक्र
अष्टभी
अन्नऩूणाा भाता क ऩरयक्रभा (काळी), ब्रह्मऩुि-स्नान, बलानी अष्टभी, 30:55:29
वाॊईफाफा उत्वल प्रायॊ ब (सळयडी), भेरा भनवादे ली (शरयद्राय), भेरा फशुपोटा
(जम्भू), श्रीगुरु अॊगददे ल एलॊ तेगफशादयु जमन्ती (सवख), तात्मा टोऩे स्भृसतफदलव
श्रीदग ु ाा-भशानलभी व्रत, भध्माह्नकारीन नलभी भं श्रीयाभनलभी व्रतोत्वल, 19
ळुक्र
िैि
ळुक्र
अष्टभी
06:55:24
श्रीयाभजन्भबूसभ-दळान एलॊ ऩरयक्रभा (अमोध्मा), ताया भशात्रलद्या जमन्ती, वूमा वामन लृऴ भं दे ययात 3.34 फजे-वौय ग्रीष्भ ऋतु प्राॊयब, व्मसतऩात भशाऩात यात्रि 9.57 वे ळेऴयात्रि 4.17 फजे तक
अप्रेर 2013
72
20
21
22
ळसन
िैि
ळुक्र
नलभी
08:15:02
यत्रल
िैि
ळुक्र
दळभी
08:52:28
िैि-नलयाि व्रत का ऩायण प्रात: 8.14 फजे तक, श्रीस्लाभी नायामण जमन्ती (अषयधाभ गुज.) धभायाज दळभी, त्रििूय ऩोयभ (केय.), िैिी त्रलजमादळभी (भारला, सभसथ.), वाईंफाफा उत्वल ऩूणा (सळयडी) काभदा एकादळी व्रत, श्रीरक्ष्भी नायामण दोरोत्वल, पूरडोर
वोभ
िैि
ळुक्र
एकादळी
08:43:59
ग्मायव, श्रीफाॉकेत्रफशायी का पूरफॊगरा फनना ळुरू (लृॊदा.), लवुन्धया फदलव
23
बौभ-प्रदोऴ व्रत, एकादळी व्रत का ऩायण प्रात: 7.48 फजे तक, भॊगर
िैि
ळुक्र
द्रादळी
07:50:31
श्माभफाफा
द्रादळी,
श्रीत्रलष्णु
द्रादळी,
श्रीशरय-दभनकोत्वल,
अनॊगिमोदळी, भीनाषी कल्माणभ ् (द.बा), 24
फुध
िैि
ळुक्र
िमोदळी
06:13:56
सळलदभनक
ितुदाळी,
श्रीशाटकेश्वय
जमॊती,
श्रीनृसवॊश-दोरोत्वल,
एकसरॊग सतथीळ-ऩूजन प्रायॊ ब (भेलाि, याज.), व्रत-स्नान-दान
शे तु
उत्तभ
िैिी
ऩूस्णाभा,
श्रीशनुभान
जमॊती
भशोत्वल (काळी, भंशदीऩुय फाराजी तथा वारावय फाराजी), 25
गुरु
िैि
ळुक्र
ऩूस्णाभा
25:27:03
वलादेलदभनकोत्वल, श्रीर श्माभानन्द प्रबु का आत्रलबाालोत्वल, छिऩसत सळलाजी क ऩुण्मसतसथ, लैळाख-स्नान सनमभ प्रायॊ ब, बायत भं दृश्म िन्द्रग्रशण दे ययात 1.22 वे 1.53 फजे तक, ग्रशण का वूतक वामॊ 4.22 फजे वे यात्रि 1.53 फजे तक कच्छऩालताय जमन्ती, लैळाख भं भावऩमान्त तुरवीदर वे श्रीशरय
26
ळुक्र
लैळाख
कृ ष्ण
प्रसतऩदा
22:31:44
का ऩूजन, धभाळास्त्रों के अनुळाय लैळाख एलॊ ज्मेष्ठ भाव भं सळलसरॊग ऩय जर वे बया अघाा यखकय अनलयत जरधाया क व्मलस्था कयना तथा प्मावं के सरमे प्माऊ रगलाना राबप्रद..
27
28
29
30
ळसन
लैळाख
कृ ष्ण
फद्रतीमा
19:24:16
आळा फद्रतीमा व्रत (आवोदज ू )
यत्रल
लैळाख
कृ ष्ण
तृतीमा
16:15:51
वोभ
लैळाख
कृ ष्ण
ितुथॉ
13:11:13
वती अनुवूमा जमॊती, अगस्त्मास्त प्रात: 9.12 फजे
भॊगर
लैळाख
कृ ष्ण
ऩॊिभी
10:20:40
तुकिोजी भशायाज जमॊती, श्री ऩॊिभी (जम्भू-क.)
वॊकष्टी
श्रीगणेळितुथॉ
व्रत,
ळसन
ऩृ्ली
(िॊ.उ.या.9.22)
वे
सनकटतभ
अप्रेर 2013
73
गणेळ रक्ष्भी मॊि प्राण-प्रसतत्रष्ठत गणेळ रक्ष्भी मॊि को अऩने घय-दक ु ान-ओफपव-पैक्टयी भं ऩूजन स्थान, गल्रा मा अरभायी भं स्थात्रऩत कयने व्माऩाय भं त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं । मॊि के प्रबाल वे बाग्म भं उन्नसत, भान-प्रसतष्ठा एलॊ
व्माऩाय भं लृत्रद्ध शोती
शं एलॊ आसथाक स्स्थभं वुधाय शोता शं । गणेळ रक्ष्भी मॊि को स्थात्रऩत कयने वे बगलान गणेळ औय दे ली रक्ष्भी का
Rs.730 वे Rs.10900 तक
वॊमुि आळीलााद प्राद्ऱ शोता शं ।
भॊगर मॊि वे ऋण भुत्रि भॊगर मॊि को जभीन-जामदाद के त्रललादो को शर कयने के काभ भं राब दे ता शं , इव के असतरयि व्मत्रि को ऋण भुत्रि शे तु भॊगर वाधना वे असत ळीध्र राब प्राद्ऱ शोता शं ।
त्रललाश आफद भं भॊगरी जातकं के कल्माण के सरए भॊगर
मॊि क ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं । प्राण प्रसतत्रष्ठत भॊगर मॊि के ऩूजन वे बाग्मोदम, ळयीय भं खून क कभी, गबाऩात वे फिाल, फुखाय, िेिक, ऩागरऩन, वूजन औय घाल, मौन ळत्रि भं लृत्रद्ध, ळिु त्रलजम, तॊि भॊि के दष्ट ु प्रबा,
भूल्म भाि Rs- 730
बूत-प्रेत बम, लाशन दघ ा नाओॊ, शभरा, िोयी इत्मादी वे फिाल शोता शं । ु ट
कुफेय मॊि कुफेय मॊि के ऩूजन वे स्लणा राब, यत्न राब, ऩैतक ृ वम्ऩत्ती एलॊ गिे शुए धन वे राब प्रासद्ऱ फक काभना कयने लारे
व्मत्रि के सरमे कुफेय मॊि अत्मन्त वपरता दामक शोता शं । एवा ळास्त्रोोि लिन शं । कुफेय मॊि के ऩूजन वे एकासधक स्त्रोोि वे धन का प्राद्ऱ शोकय धन वॊिम शोता शं ।
ताम्र ऩि ऩय वुलणा ऩोरीव
ताम्र ऩि ऩय यजत ऩोरीव
ताम्र ऩि ऩय
(Gold Plated)
(Silver Plated)
(Copper)
वाईज 1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
भूल्म 460 820 1650 2350 3600 6400 10800
वाईज
भूल्म
वाईज
भूल्म
1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
370 640 1090 1650 2800 5100 8200
1” X 1” 2” X 2” 3” X 3” 4” X 4” 6” X 6” 9” X 9” 12” X12”
255 460 730 1090 1900 3250 6400
GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call Us – 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com >> Order Now
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अप्रेर 2013
नलयत्न जफित श्री मॊि ळास्त्रो लिन के अनुवाय ळुद्ध वुलणा मा यजत भं सनसभात श्री मॊि के िायं औय मफद नलयत्न जिला ने ऩय मश नलयत्न जफित श्री मॊि कशराता शं । वबी यत्नो को उवके सनस्श्चत स्थान ऩय जि कय रॉकेट के रूऩ भं धायण कयने वे व्मत्रि को अनॊत एश्वमा एलॊ रक्ष्भी क प्रासद्ऱ शोती शं । व्मत्रि को एवा आबाव शोता शं जैवे भाॊ रक्ष्भी उवके वाथ शं । नलग्रश को श्री मॊि के वाथ रगाने वे ग्रशं क अळुब दळा का धायण कयने लारे व्मत्रि ऩय प्रबाल नशीॊ शोता शं । गरे भं शोने के कायण मॊि ऩत्रलि यशता शं एलॊ स्नान कयते वभम इव मॊि ऩय स्ऩळा कय जो जर त्रफॊद ु ळयीय को रगते शं , लश गॊगा जर के वभान ऩत्रलि शोता शं । इव सरमे इवे वफवे तेजस्ली एलॊ परदासम कशजाता शं । जैवे अभृत वे उत्तभ कोई
औऴसध नशीॊ, उवी प्रकाय रक्ष्भी प्रासद्ऱ के सरमे श्री मॊि वे उत्तभ कोई मॊि वॊवाय भं नशीॊ शं एवा ळास्त्रोोि लिन शं । इव प्रकाय के नलयत्न जफित श्री मॊि गुरूत्ल कामाारम द्राया ळुब भुशूता भं प्राण प्रसतत्रष्ठत कयके फनालाए जाते शं ।
अष्ट रक्ष्भी कलि अष्ट रक्ष्भी कलि को धायण कयने वे व्मत्रि ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी क कृ ऩा एलॊ आळीलााद फना यशता शं । स्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अष्ट रुऩ (१)-आफद रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)-धैयीम रक्ष्भी, (४)गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का स्लत् अळीलााद प्राद्ऱ शोता शं ।
भूल्म भाि: Rs-1250
भॊि सवद्ध व्माऩाय लृत्रद्ध कलि व्माऩाय लृत्रद्ध कलि व्माऩाय भं ळीघ्र उन्नसत के सरए उत्तभ शं । िाशं कोई बी व्माऩाय शो अगय उवभं राब के स्थान ऩय फाय-फाय शासन शो यशी शं । फकवी प्रकाय वे व्माऩाय भं फाय-फाय फाधाएॊ उत्ऩन्न शो यशी शो! तो वॊऩण ू ा प्राण प्रसतत्रष्ठत भॊि सवद्ध ऩूणा िैतन्म मुि व्माऩाय लृत्रद्ध मॊि को व्मऩाय स्थान मा घय भं स्थात्रऩत कयने वे ळीघ्र शी व्माऩाय भं लृत्रद्ध
भूल्म भाि: Rs.730 & 1050
एलॊ सनतन्तय राब प्राद्ऱ शोता शं ।
भॊगर मॊि (त्रिकोण) भॊगर मॊि को जभीन-जामदाद के त्रललादो को शर कयने के काभ भं राब दे ता शं , इव के असतरयि व्मत्रि को ऋण भुत्रि शे तु भॊगर वाधना वे असत ळीध्र राब प्राद्ऱ शोता शं । त्रललाश आफद भं भॊगरी जातकं के कल्माण के सरए भॊगर मॊि क ऩूजा कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं ।
भूल्म भाि Rs- 730 >> Order Now
GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 Mail Us: gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in, Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/
75
अप्रेर 2013
त्रललाश वॊफॊसधत वभस्मा क्मा आऩके रडके-रडक फक आऩक ळादी भं अनालश्मक रूऩ वे त्रलरम्फ शो यशा शं मा उनके लैलाफशक जीलन भं खुसळमाॊ कभ शोती जायशी शं औय वभस्मा असधक फढती जायशी शं । एवी स्स्थती शोने ऩय अऩने रडके-रडक फक कुॊडरी का अध्ममन अलश्म कयलारे औय उनके लैलाफशक वुख को कभ कयने लारे दोऴं के सनलायण के उऩामो के फाय भं त्रलस्ताय वे जनकायी प्राद्ऱ कयं ।
सळषा वे वॊफॊसधत वभस्मा क्मा आऩके रडके-रडक क ऩढाई भं अनालश्मक रूऩ वे फाधा-त्रलघ्न मा रुकालटे शो यशी शं ? फच्िो को अऩने ऩूणा ऩरयश्रभ एलॊ भेशनत का उसित पर नशीॊ सभर यशा? अऩने रडके-रडक क कुॊडरी का त्रलस्तृत अध्ममन अलश्म कयलारे औय उनके त्रलद्या अध्ममन भं आनेलारी रुकालट एलॊ दोऴो के कायण एलॊ उन दोऴं के सनलायण के उऩामो के फाय भं त्रलस्ताय वे जनकायी प्राद्ऱ कयं ।
क्मा आऩ फकवी वभस्मा वे ग्रस्त शं ? आऩके ऩाव अऩनी वभस्माओॊ वे छुटकाया ऩाने शे तु ऩूजा-अिाना, वाधना, भॊि जाऩ इत्माफद कयने का वभम नशीॊ शं ? अफ आऩ अऩनी वभस्माओॊ वे फीना फकवी त्रलळेऴ ऩूजा-अिाना, त्रलसध-त्रलधान के आऩको अऩने कामा भं वपरता प्राद्ऱ कय वके एलॊ आऩको अऩने जीलन के वभस्त वुखो को प्राद्ऱ कयने का भागा प्राद्ऱ शो वके इव सरमे गुरुत्ल कामाारत द्राया शभाया उद्दे श्म ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे त्रलसळष्ट तेजस्ली भॊिो द्राया सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि त्रलसबन्न प्रकाय के मन्ि- कलि एलॊ ळुब परदामी ग्रश यत्न एलॊ उऩयत्न आऩके घय तक ऩशोिाने का शं ।
ज्मोसतऴ वॊफॊसधत त्रलळेऴ ऩयाभळा ज्मोसत त्रलसान, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु एलॊ आध्मास्त्भक सान वं वॊफॊसधत त्रलऴमं भं शभाये 30 लऴो वे असधक लऴा के अनुबलं के वाथ ज्मोसतव वे जुडे नमे-नमे वॊळोधन के आधाय ऩय आऩ अऩनी शय वभस्मा के वयर वभाधान प्राद्ऱ कय वकते शं । >> Order Now
GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call Us - 9338213418, 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com
ओनेक्व जो व्मत्रि ऩन्ना धायण कयने भे अवभथा शो उन्शं फुध ग्रश के उऩयत्न ओनेक्व को धायण कयना िाफशए। उच्ि सळषा प्रासद्ऱ शे तु औय स्भयण ळत्रि के त्रलकाव शे तु ओनेक्व यत्न क अॊगूठी को दामं शाथ क वफवे छोटी
उॊ गरी मा रॉकेट फनला कय गरे भं धायण कयं । ओनेक्व यत्न धायण कयने वे त्रलद्या-फुत्रद्ध क प्रासद्ऱ शो शोकय स्भयण
ळत्रि का त्रलकाव शोता शं ।
>> Order Now
अप्रेर 2013
76
अप्रैर 2013 -त्रलळेऴ मोग कामा सवत्रद्ध मोग 5
वूमोदम वे यात्रि 8.18 तक
15
वूमोदम वे प्रात: 6.42 तक
9
वूमोदम वे यात्रि 8.21 तक
18
वूमोदम वे फदन 3.30 तक
11
वूमोदम वे यात्रि 11.06 तक
24
प्रात: 6.13 वे वामॊ 6.47 तक
13/14
यात्रि 3.48 वे वूमोदम तक
गुरु-ऩुष्माभृत मोग 18
फदन 3.30 वे यात बय
फद्रऩुष्कय (दोगुना पर) मोग 6
वामॊ 4.22 वे 7.45 तक
त्रिऩुष्कय (तीनगुना पर) मोग 23
वूमोदम वे प्रात: 7.48 तक
27
वूमोदम वे फदन 12.46 तक
त्रलघ्नकायक बद्रा 1
यात 1.22 वे 2 अप्रैर को फदन 11.43 तक
18
प्रात: 4.58 वे वामॊ 5.56 तक
5
प्रात: 6.27 वे वामॊ 5.40 तक
21
यात्रि 8.46 वे 22 अप्रैर को प्रात: 8.42 तक
8
फदन 2.50 वे यात्रि 2.46 तक
25
प्रात: 4.03 वे फदन 2.44 तक
14
प्रात: 8.25 वे यात्रि 9.34 तक
28
प्रात: 5.48 वे वामॊ 4.14 तक
मोग पर :
कामा सवत्रद्ध मोग भे फकमे गमे ळुब कामा भे सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शोती शं , एवा ळास्त्रोोि लिन शं ।
गुरु ऩुष्माभृत मोग भं फकमे गमे फकमे गमे ळुब कामा भे ळुब परो क प्रासद्ऱ शोती शं , एवा ळास्त्रोोि लिन शं ।
फद्रऩुष्कय मोग भं फकमे गमे ळुब कामो का राब दोगुना शोता शं । एवा ळास्त्रोोि लिन शं ।
त्रिऩुष्कय मोग भं फकमे गमे ळुब कामो का राब तीन गुना शोता शं । एवा ळास्त्रोोि लिन शं ।
ळास्त्रोोि भत वे त्रलघ्नकायक बद्रा मा बद्रा मोग भं ळुब कामा कयना लस्जात शं ।
दै सनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका लाय
गुसरक कार (ळुब)
मभ कार (अळुब)
वभम अलसध
वभम अलसध
याशु कार (अळुब) वभम अलसध
यत्रललाय
03:00 वे 04:30
12:00 वे 01:30
04:30 वे 06:00
भॊगरलाय
12:00 वे 01:30
09:00 वे 10:30
03:00 वे 04:30
06:00 वे 07:30
01:30 वे 03:00
01:30 वे 03:00
09:00 वे 10:30
वोभलाय फुधलाय गुरुलाय
ळुक्रलाय
ळसनलाय
01:30 वे 03:00 10:30 वे 12:00 09:00 वे 10:30 07:30 वे 09:00
06:00 वे 07:30
10:30 वे 12:00 07:30 वे 09:00 03:00 वे 04:30
07:30 वे 09:00 12:00 वे 01:30
10:30 वे 12:00
अप्रेर 2013
77
फदन के िौघफडमे वभम
यत्रललाय
वोभलाय
भॊगरलाय फुधलाय गुरुलाय
ळुक्रलाय
ळसनलाय
06:00 वे 07:30
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
कार
07:30 वे 09:00
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
09:00 वे 10:30
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
10:30 वे 12:00
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
12:00 वे 01:30
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
01:30 वे 03:00
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
03:00 वे 04:30
योग
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
04:30 वे 06:00
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
कार
यात के िौघफडमे वभम
यत्रललाय
वोभलाय
भॊगरलाय
फुधलाय गुरुलाय
ळुक्रलाय
ळसनलाय
06:00 वे 07:30
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
09:00 वे 10:30
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
10:30 वे 12:00
योग
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
12:00 वे 01:30
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
01:30 वे 03:00
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
03:00 वे 04:30
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
कार
04:30 वे 06:00
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
अभृत
योग
राब
07:30 वे 09:00
अभृत
योग
राब
ळुब
िर
कार
उद्रे ग
ळास्त्रोोि भत के अनुळाय मफद फकवी बी कामा का प्रायॊ ब ळुब भुशूता मा ळुब वभम ऩय फकमा जामे तो कामा भं वपरता
प्राद्ऱ शोने फक वॊबालना ज्मादा प्रफर शो जाती शं । इव सरमे दै सनक ळुब वभम िौघफिमा दे खकय प्राद्ऱ फकमा जा वकता शं ।
नोट: प्राम् फदन औय यात्रि के िौघफिमे फक सगनती क्रभळ् वूमोदम औय वूमाास्त वे फक जाती शं । प्रत्मेक िौघफिमे फक अलसध 1
घॊटा 30 सभसनट अथाात डे ढ़ घॊटा शोती शं । वभम के अनुवाय िौघफिमे को ळुबाळुब तीन बागं भं फाॊटा जाता शं , जो क्रभळ् ळुब, भध्मभ औय अळुब शं ।
* शय कामा के सरमे ळुब/अभृत/राब का
िौघफडमे के स्लाभी ग्रश
ळुब िौघफडमा
भध्मभ िौघफडमा
अळुब िौघफिमा
िौघफडमा स्लाभी ग्रश
िौघफडमा स्लाभी ग्रश
िौघफडमा
स्लाभी ग्रश
ळुब
गुरु
िय
उद्बे ग
वूमा
अभृत
िॊद्रभा
कार
ळसन
राब
फुध
योग
भॊगर
ळुक्र
िौघफिमा उत्तभ भाना जाता शं ।
* शय कामा के सरमे िर/कार/योग/उद्रे ग का िौघफिमा उसित नशीॊ भाना जाता।
अप्रेर 2013
78
फदन फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक लाय
1.घॊ
2.घॊ
3.घॊ
4.घॊ
5.घॊ
6.घॊ
7.घॊ
8.घॊ
9.घॊ
यत्रललाय
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
वोभलाय
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
भॊगरलाय
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
फुधलाय
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु भॊगर वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
गुरुलाय
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
ळुक्रलाय
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
ळसनलाय
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
िॊद्र
िॊद्र फुध
10.घॊ 11.घॊ 12.घॊ
यात फक शोया – वूमाास्त वे वूमोदम तक यत्रललाय
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
वोभलाय
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
भॊगरलाय
ळसन
गुरु
भॊगर
फुधलाय
वूमा
ळुक्र
फुध
गुरुलाय
िॊद्र
ळसन
गुरु
ळुक्रलाय
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
गुरु भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
भॊगर वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळसन
गुरु
भॊगर
वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसनलाय
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु भॊगर वूमा
ळुक्र
फुध
िॊद्र
ळसन
गुरु
भॊगर
िॊद्र
िॊद्र
शोया भुशूता को कामा सवत्रद्ध के सरए ऩूणा परदामक एलॊ अिूक भाना जाता शं , फदन-यात के २४ घॊटं भं ळुब-अळुब वभम को वभम वे ऩूला सात कय अऩने कामा सवत्रद्ध के सरए प्रमोग कयना िाफशमे।
त्रलद्रानो के भत वे इस्च्छत कामा सवत्रद्ध के सरए ग्रश वे वॊफॊसधत शोया का िुनाल कयने वे त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ शोता शं ।
वूमा फक शोया वयकायी कामो के सरमे उत्तभ शोती शं । िॊद्रभा फक शोया वबी कामं के सरमे उत्तभ शोती शं । भॊगर फक शोया कोटा -किेयी के कामं के सरमे उत्तभ शोती शं । फुध फक शोया त्रलद्या-फुत्रद्ध अथाात ऩढाई के सरमे उत्तभ शोती शं । गुरु फक शोया धासभाक कामा एलॊ त्रललाश के सरमे उत्तभ शोती शं । ळुक्र फक शोया मािा के सरमे उत्तभ शोती शं । ळसन फक शोया धन-द्रव्म वॊफॊसधत कामा के सरमे उत्तभ शोती शं ।
अप्रेर 2013
79
ग्रश िरन अप्रेर -2013 Day 1
Sun
Mon
Ma
Me
Jup
Ven
Sat
Rah
Ket
Ua
Nep
Plu
11:17:22
07:18:21
11:21:10
10:19:35
01:17:48
11:18:12
06:16:06
06:23:15
00:23:15
11:14:36
10:10:10
08:17:30
2
11:18:21
08:02:38
11:21:56
10:20:36
01:17:58
11:19:27
06:16:02
06:23:16
00:23:16
11:14:40
10:10:12
08:17:30
3
11:19:21
08:16:49
11:22:42
10:21:40
01:18:08
11:20:41
06:15:59
06:23:17
00:23:17
11:14:43
10:10:13
08:17:30
4
11:20:20
09:00:53
11:23:28
10:22:47
01:18:18
11:21:56
06:15:55
06:23:16
00:23:16
11:14:46
10:10:15
08:17:31
5
11:21:19
09:14:49
11:24:14
10:23:55
01:18:28
11:23:10
06:15:51
06:23:14
00:23:14
11:14:50
10:10:17
08:17:31
6
11:22:18
09:28:34
11:24:59
10:25:06
01:18:39
11:24:25
06:15:47
06:23:11
00:23:11
11:14:53
10:10:19
08:17:31
7
11:23:17
10:12:08
11:25:45
10:26:19
01:18:49
11:25:39
06:15:43
06:23:07
00:23:07
11:14:57
10:10:21
08:17:31
8
11:24:16
10:25:30
11:26:31
10:27:35
01:19:00
11:26:54
06:15:39
06:23:02
00:23:02
11:15:00
10:10:23
08:17:32
9
11:25:15
11:08:39
11:27:16
10:28:52
01:19:10
11:28:08
06:15:35
06:22:58
00:22:58
11:15:03
10:10:24
08:17:32
10
11:26:14
11:21:32
11:28:02
11:00:11
01:19:21
11:29:22
06:15:31
06:22:54
00:22:54
11:15:07
10:10:26
08:17:32
11
11:27:13
00:04:12
11:28:47
11:01:33
01:19:32
00:00:37
06:15:27
06:22:51
00:22:51
11:15:10
10:10:28
08:17:32
12
11:28:12
00:16:36
11:29:33
11:02:56
01:19:43
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वला योगनाळक मॊि/कलि भनुष्म अऩने जीलन के त्रलसबन्न वभम ऩय फकवी ना फकवी वाध्म मा अवाध्म योग वे ग्रस्त शोता शं । उसित उऩिाय वे ज्मादातय वाध्म योगो वे तो भुत्रि सभर जाती शं , रेफकन कबी-कबी वाध्म योग शोकय बी अवाध्म शोजाते शं , मा कोइ अवाध्म योग वे ग्रसवत शोजाते शं । शजायो राखो रुऩमे खिा कयने ऩय बी असधक राब प्राद्ऱ नशीॊ शो ऩाता। डॉक्टय द्राया फदजाने लारी दलाईमा अल्ऩ वभम के सरमे कायगय वात्रफत शोती शं , एवी स्स्थती भं राब प्रासद्ऱ के सरमे व्मत्रि एक डॉक्टय वे दव ू ये डॉक्टय के िक्कय रगाने को फाध्म शो जाता शं । बायतीम ऋऴीमोने अऩने मोग वाधना के प्रताऩ वे योग ळाॊसत शे तु त्रलसबन्न आमुलये औऴधो के असतरयि मॊि, भॊि एलॊ तॊि का उल्रेख अऩने ग्रॊथो भं कय भानल जीलन को राब प्रदान कयने का वाथाक प्रमाव शजायो लऴा ऩूला फकमा था। फुत्रद्धजीलो के भत वे जो व्मत्रि जीलनबय अऩनी फदनिमाा ऩय सनमभ, वॊमभ यख कय आशाय ग्रशण कयता शं , एवे व्मत्रि को त्रलसबन्न योग वे ग्रसवत शोने क वॊबालना कभ शोती शं । रेफकन आज के फदरते मुग भं एवे व्मत्रि बी बमॊकय योग वे ग्रस्त शोते फदख जाते शं । क्मोफक वभग्र वॊवाय कार के अधीन शं । एलॊ भृत्मु सनस्श्चत शं स्जवे त्रलधाता के अराला औय कोई टार नशीॊ वकता, रेफकन योग शोने फक स्स्थती भं व्मत्रि योग दयू कयने का प्रमाव तो अलश्म कय वकता शं । इव सरमे मॊि भॊि एलॊ तॊि के कुळर जानकाय वे मोग्म भागादळान रेकय व्मत्रि योगो वे भुत्रि ऩाने का मा उवके प्रबालो को कभ कयने का प्रमाव बी अलश्म कय वकता शं । ज्मोसतऴ त्रलद्या के कुळर जानकय बी कार ऩुरुऴक गणना कय अनेक योगो के अनेको यशस्म को उजागय कय वकते शं । ज्मोसतऴ ळास्त्रो के भाध्मभ वे योग के भूरको ऩकडने भे वशमोग सभरता शं , जशा आधुसनक सिफकत्वा ळास्त्रो अषभ शोजाता शं लशा ज्मोसतऴ ळास्त्रो द्राया योग के भूर(जि) को ऩकड कय उवका सनदान कयना राबदामक एलॊ उऩामोगी सवद्ध शोता शं । शय व्मत्रि भं रार यॊ गक कोसळकाए ऩाइ जाती शं , स्जवका सनमभीत त्रलकाव क्रभ फद्ध तयीके वे शोता यशता शं । जफ इन कोसळकाओ के क्रभ भं ऩरयलतान शोता शै मा त्रलखॊफडन शोता शं तफ व्मत्रि के ळयीय भं स्लास््म वॊफॊधी त्रलकायो उत्ऩन्न शोते शं । एलॊ इन कोसळकाओ का वॊफॊध नल ग्रशो के वाथ शोता शं । स्जस्वे योगो के शोने के कायण व्मत्रि के जन्भाॊग वे दळा-भशादळा एलॊ ग्रशो फक गोिय स्स्थती वे प्राद्ऱ शोता शं । वला योग सनलायण कलि एलॊ भशाभृत्मुॊजम मॊि के भाध्मभ वे व्मत्रि के जन्भाॊग भं स्स्थत कभजोय एलॊ ऩीफडत ग्रशो के अळुब प्रबाल को कभ कयने का कामा वयरता ऩूलक ा फकमा जावकता शं । जेवे शय व्मत्रि को ब्रह्माॊड फक उजाा एलॊ ऩृ्ली का गुरुत्लाकऴाण फर प्रबालीत कताा शं फठक उवी प्रकाय कलि एलॊ मॊि के भाध्मभ वे ब्रह्माॊड फक उजाा के वकायात्भक प्रबाल वे व्मत्रि को वकायात्भक उजाा प्राद्ऱ शोती शं स्जस्वे योग के प्रबाल को कभ कय योग भुि कयने शे तु वशामता सभरती शं । योग सनलायण शे तु भशाभृत्मुॊजम भॊि एलॊ मॊि का फडा भशत्ल शं । स्जस्वे फशन्द ू वॊस्कृ सत का प्राम् शय व्मत्रि भशाभृत्मुॊजम भॊि वे ऩरयसित शं ।
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कलि के राब : एवा ळास्त्रोोि लिन शं स्जव घय भं भशाभृत्मुॊजम मॊि स्थात्रऩत शोता शं लशा सनलाव कताा शो नाना प्रकाय फक आसध-व्मासध-उऩासध वे यषा शोती शं । ऩूणा प्राण प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि वला योग सनलायण कलि फकवी बी उम्र एलॊ जासत धभा के रोग िाशे स्त्रोी शो मा ऩुरुऴ धायण कय वकते शं । जन्भाॊगभं अनेक प्रकायके खयाफ मोगो औय खयाफ ग्रशो फक प्रसतकूरता वे योग उतऩन्न शोते शं । कुछ योग वॊक्रभण वे शोते शं एलॊ कुछ योग खान-ऩान फक असनमसभतता औय अळुद्धतावे उत्ऩन्न शोते शं । कलि एलॊ मॊि द्राया एवे अनेक प्रकाय के खयाफ मोगो को नष्ट कय, स्लास््म राब औय ळायीरयक यषण प्राद्ऱ कयने शे तु वला योगनाळक कलि एलॊ मॊि वला उऩमोगी शोता शं ।
आज के बौसतकता लादी आधुसनक मुगभे अनेक एवे योग शोते शं , स्जवका उऩिाय ओऩये ळन औय दलावे बी कफठन शो जाता शं । कुछ योग एवे शोते शं स्जवे फताने भं रोग फशिफकिाते शं ळयभ अनुबल कयते शं एवे योगो को योकने शे तु एलॊ उवके उऩिाय शे तु वला योगनाळक कलि एलॊ मॊि राबादासम सवद्ध शोता शं । प्रत्मेक व्मत्रि फक जेवे-जेवे आमु फढती शं लैवे-लवै उवके ळयीय फक ऊजाा कभ शोती जाती शं । स्जवके वाथ अनेक प्रकाय के त्रलकाय ऩैदा शोने रगते शं एवी स्स्थती भं उऩिाय शे तु वलायोगनाळक कलि एलॊ मॊि परप्रद शोता शं । स्जव घय भं त्रऩता-ऩुि, भाता-ऩुि, भाता-ऩुिी, मा दो बाई एक फश नषिभे जन्भ रेते शं , तफ उवक भाता के सरमे असधक कष्टदामक स्स्थती शोती शं । उऩिाय शे तु भशाभृत्मुॊजम मॊि परप्रद शोता शं । स्जव व्मत्रि का जन्भ ऩरयसध मोगभे शोता शं उन्शे शोने लारे भृत्मु तुल्म कष्ट एलॊ शोने लारे योग, सिॊता भं उऩिाय शे तु वला योगनाळक कलि एलॊ मॊि ळुब परप्रद शोता शं । नोट:- ऩूणा प्राण प्रसतत्रष्ठत एलॊ ऩूणा िैतन्म मुि वला योग सनलायण कलि एलॊ मॊि के फाये भं असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं । >> Order Now
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Our Goal Here Our goal has The classical Method-Legislation with Proved by specific with fiery chants prestigious full consciousness (Puarn Praan Pratisthit) Give miraculous powers & Good effect All types of Yantra, Kavach, Rudraksh, preciouse and semi preciouse Gems stone deliver on your door step.
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भॊि सवद्ध कलि
भॊि सवद्ध कलि को त्रलळेऴ प्रमोजन भं उऩमोग के सरए औय ळीघ्र प्रबाल ळारी फनाने के सरए तेजस्ली भॊिो द्राया ळुब भशूता भं ळुब फदन को तैमाय फकमे जाते शै । अरग-अरग कलि तैमाय कयने केसरए अरग-अरग तयश के भॊिो का प्रमोग फकमा जाता शै ।
क्मं िुने भॊि सवद्ध कलि? उऩमोग भं आवान कोई प्रसतफन्ध नशीॊ कोई त्रलळेऴ सनसत-सनमभ नशीॊ कोई फुया प्रबाल नशीॊ
भॊि सवद्ध कलि वूसि अभोघ भशाभृत्मुॊजम कलि
10900
श्रात्रऩत मोग सनलायण कलि
1900
तॊि यषा
730
याज याजेश्वयी कलि
11000
* वला जन लळीकयण
1450
ळिु त्रलजम
730
वला कामा सवत्रद्ध कलि
4600
सवत्रद्ध त्रलनामक कलि
1450
त्रललाश फाधा सनलायण
730
श्री घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रद्धप्रद कलि
6400
वकर वम्भान प्रासद्ऱ कलि
1450
व्माऩय लृत्रद्ध
730
वकर सवत्रद्ध प्रद गामिी कलि
6400
आकऴाण लृत्रद्ध कलि
1450
वला योग सनलायण
730
दव भशा त्रलद्या कलि
6400
लळीकयण नाळक कलि
1450
योजगाय लृत्रद्ध
730
नलदग ु ाा ळत्रि कलि
6400
प्रीसत नाळक कलि
1450
भस्स्तष्क ऩृत्रष्ट लधाक
640
यवामन सवत्रद्ध कलि
6400
िॊडार मोग सनलायण कलि
1450
काभना ऩूसता
640
ऩॊिदे ल ळत्रि कलि
6400
ग्रशण मोग सनलायण कलि
1450
त्रलयोध नाळक
640
वुलणा रक्ष्भी कलि
4600
अष्ट रक्ष्भी
1250
त्रलघ्न फाधा सनलायण
550
स्लणााकऴाण बैयल कलि
4600
भाॊगसरक मोग सनलायण कलि
1250
नज़य यषा
550
3250
वॊतान प्रासद्ऱ
1250
योजगाय प्रासद्ऱ
550
कारवऩा ळाॊसत कलि
2800
स्ऩे- व्माऩय लृत्रद्ध
1050
460
इष्ट सवत्रद्ध कलि
2800
कामा सवत्रद्ध
दब ु ााग्म नाळक
1050
* लळीकयण (2-3 व्मत्रिके सरए)
ऩयदे ळ गभन औय राब प्रासद्ऱ कलि
2350
आकस्स्भक धन प्रासद्ऱ
1050
* ऩत्नी लळीकयण
640
श्रीदग ु ाा फीवा कलि
1900
स्लस्स्तक फीवा कलि
1050
* ऩसत लळीकयण
640
अष्ट त्रलनामक कलि
1900
शॊ व फीवा कलि
1050
वयस्लती (कषा +10 के सरए)
550
त्रलष्णु फीवा कलि
1900
स्लप्न बम सनलायण कलि
1050
वयस्लती (कषा 10 तकके सरए)
460
याभबद्र फीवा कलि
1900
नलग्रश ळाॊसत
910
* लळीकयण ( 1 व्मत्रि के सरए)
640
कुफेय फीवा कलि
1900
बूसभ राब
910
सवद्ध वूमा कलि
550
गरुड फीवा कलि
1900
काभ दे ल
910
सवद्ध िॊद्र कलि
550
सवॊश फीवा कलि
1900
ऩदं उन्नसत
910
सवद्ध भॊगर कलि
550
नलााण फीवा कलि
1900
ऋण भुत्रि
910
सवद्ध फुध कलि
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वॊकट भोसिनी कासरका सवत्रद्ध कलि
1900
वुदळान फीवा कलि
910
सवद्ध गुरु कलि
550
याभ यषा कलि
1900
भशा वुदळान कलि
910
सवद्ध ळुक्र कलि
550
शनुभान कलि
1900
त्रिळूर फीवा कलि
910
सवद्ध ळसन कलि
550
बैयल यषा कलि
1900
धन प्रासद्ऱ
820
सवद्ध याशु कलि
550
*त्रलरषण वकर याज लळीकयण कलि
ळसन वािे वाती औय ढ़ै मा कष्ट सनलायण कलि
1900
1050
सवद्ध केतु कलि
550
उऩयोि कलि के अराला अन्म वभस्मा त्रलळेऴ के वभाधान शे तु एलॊ उद्दे श्म ऩूसता शे तु कलि का सनभााण फकमा जाता शं । कलि के त्रलऴम भं असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयं । *कलि भाि ळुब कामा मा उद्दे श्म के सरमे
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GURUTVA KARYALAY Call Us - 9338213418, 9238328785, Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and www.gurutvajyotish.com Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com (ALL DISPUTES SUBJECT TO BHUBANESWAR JURISDICTION)
अप्रेर 2013
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GURUTVA KARYALAY YANTRA LIST
EFFECTS
Our Splecial Yantra 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
12 – YANTRA SET VYAPAR VRUDDHI YANTRA BHOOMI LABHA YANTRA TANTRA RAKSHA YANTRA AAKASMIK DHAN PRAPTI YANTRA PADOUNNATI YANTRA RATNE SHWARI YANTRA BHUMI PRAPTI YANTRA GRUH PRAPTI YANTRA KAILASH DHAN RAKSHA YANTRA
For all Family Troubles For Business Development For Farming Benefits For Protection Evil Sprite For Unexpected Wealth Benefits For Getting Promotion For Benefits of Gems & Jewellery For Land Obtained For Ready Made House -
Shastrokt Yantra 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42
AADHYA SHAKTI AMBAJEE(DURGA) YANTRA BAGALA MUKHI YANTRA (PITTAL) BAGALA MUKHI POOJAN YANTRA (PITTAL) BHAGYA VARDHAK YANTRA BHAY NASHAK YANTRA CHAMUNDA BISHA YANTRA (Navgraha Yukta) CHHINNAMASTA POOJAN YANTRA DARIDRA VINASHAK YANTRA DHANDA POOJAN YANTRA DHANDA YAKSHANI YANTRA GANESH YANTRA (Sampurna Beej Mantra) GARBHA STAMBHAN YANTRA GAYATRI BISHA YANTRA HANUMAN YANTRA JWAR NIVARAN YANTRA JYOTISH TANTRA GYAN VIGYAN PRAD SHIDDHA BISHA YANTRA KALI YANTRA KALPVRUKSHA YANTRA KALSARP YANTRA (NAGPASH YANTRA) KANAK DHARA YANTRA KARTVIRYAJUN POOJAN YANTRA KARYA SHIDDHI YANTRA SARVA KARYA SHIDDHI YANTRA KRISHNA BISHA YANTRA KUBER YANTRA LAGNA BADHA NIVARAN YANTRA LAKSHAMI GANESH YANTRA MAHA MRUTYUNJAY YANTRA MAHA MRUTYUNJAY POOJAN YANTRA MANGAL YANTRA ( TRIKON 21 BEEJ MANTRA) MANO VANCHHIT KANYA PRAPTI YANTRA NAVDURGA YANTRA
Blessing of Durga Win over Enemies Blessing of Bagala Mukhi For Good Luck For Fear Ending Blessing of Chamunda & Navgraha Blessing of Chhinnamasta For Poverty Ending For Good Wealth For Good Wealth Blessing of Lord Ganesh For Pregnancy Protection Blessing of Gayatri Blessing of Lord Hanuman For Fewer Ending For Astrology & Spritual Knowlage Blessing of Kali For Fullfill your all Ambition Destroyed negative effect of Kalsarp Yoga Blessing of Maha Lakshami For Successes in work For Successes in all work Blessing of Lord Krishna Blessing of Kuber (Good wealth) For Obstaele Of marriage Blessing of Lakshami & Ganesh For Good Health Blessing of Shiva For Fullfill your all Ambition For Marriage with choice able Girl Blessing of Durga
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YANTRA LIST
43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64
अप्रेर 2013
EFFECTS
NAVGRAHA SHANTI YANTRA NAVGRAHA YUKTA BISHA YANTRA SURYA YANTRA CHANDRA YANTRA MANGAL YANTRA BUDHA YANTRA GURU YANTRA (BRUHASPATI YANTRA) SUKRA YANTRA SHANI YANTRA (COPER & STEEL) RAHU YANTRA KETU YANTRA PITRU DOSH NIVARAN YANTRA PRASAW KASHT NIVARAN YANTRA RAJ RAJESHWARI VANCHA KALPLATA YANTRA RAM YANTRA RIDDHI SHIDDHI DATA YANTRA ROG-KASHT DARIDRATA NASHAK YANTRA SANKAT MOCHAN YANTRA SANTAN GOPAL YANTRA SANTAN PRAPTI YANTRA SARASWATI YANTRA SHIV YANTRA
For good effect of 9 Planets For good effect of 9 Planets Good effect of Sun Good effect of Moon Good effect of Mars Good effect of Mercury Good effect of Jyupiter Good effect of Venus Good effect of Saturn Good effect of Rahu Good effect of Ketu For Ancestor Fault Ending For Pregnancy Pain Ending For Benefits of State & Central Gov Blessing of Ram Blessing of Riddhi-Siddhi For Disease- Pain- Poverty Ending For Trouble Ending Blessing Lorg Krishana For child acquisition For child acquisition Blessing of Sawaswati (For Study & Education) Blessing of Shiv Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth & 65 SHREE YANTRA (SAMPURNA BEEJ MANTRA) Peace Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth 66 SHREE YANTRA SHREE SUKTA YANTRA For Bad Dreams Ending 67 SWAPNA BHAY NIVARAN YANTRA For Vehicle Accident Ending 68 VAHAN DURGHATNA NASHAK YANTRA VAIBHAV LAKSHMI YANTRA (MAHA SHIDDHI DAYAK SHREE Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth & All 69 MAHALAKSHAMI YANTRA) Successes VASTU YANTRA For Bulding Defect Ending 70 For Education- Fame- state Award Winning 71 VIDHYA YASH VIBHUTI RAJ SAMMAN PRAD BISHA YANTRA Blessing of Lord Vishnu (Narayan) 72 VISHNU BISHA YANTRA Attraction For office Purpose 73 VASI KARAN YANTRA Attraction For Female MOHINI VASI KARAN YANTRA 74 Attraction For Husband PATI VASI KARAN YANTRA 75 Attraction For Wife PATNI VASI KARAN YANTRA 76 Attraction For Marriage Purpose VIVAH VASHI KARAN YANTRA 77 Yantra Available @:- Rs- 255, 370, 460, 550, 640, 730, 820, 910, 1250, 1850, 2300, 2800 and Above…..
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GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ORISSA) Call Us - 09338213418, 09238328785 Our Website:- www.gurutvakaryalay.com and http://gurutvakaryalay.blogspot.com/ Email Us:- chintan_n_joshi@yahoo.co.in, gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com (ALL DISPUTES SUBJECT TO BHUBANESWAR JURISDICTION)
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GURUTVA KARYALAY NAME OF GEM STONE
GENERAL
Emerald (ऩन्ना) Yellow Sapphire (ऩुखयाज) Blue Sapphire (नीरभ) White Sapphire (वफ़ेद ऩुखयाज) Bangkok Black Blue(फंकोक नीरभ) Ruby (भास्णक) Ruby Berma (फभाा भास्णक) Speenal (नयभ भास्णक/रारडी) Pearl (भोसत) Red Coral (4 यसत तक) (रार भूॊगा) Red Coral (4 यसत वे उऩय)( रार भूॊगा) White Coral (वफ़ेद भूॊगा) Cat’s Eye (रशवुसनमा) Cat’s Eye Orissa (उफडवा रशवुसनमा) Gomed (गोभेद) Gomed CLN (सवरोनी गोभेद) Zarakan (जयकन) Aquamarine (फेरुज) Lolite (नीरी) Turquoise (फफ़योजा) Golden Topaz (वुनशरा) Real Topaz (उफडवा ऩुखयाज/टोऩज) Blue Topaz (नीरा टोऩज) White Topaz (वफ़ेद टोऩज) Amethyst (कटे रा) Opal (उऩर) Garnet (गायनेट) Tourmaline (तुभर ा ीन) Star Ruby (वुमक ा ान्त भस्ण) Black Star (कारा स्टाय) Green Onyx (ओनेक्व) Real Onyx (ओनेक्व) Lapis (राजलात) Moon Stone (िन्द्रकान्त भस्ण) Rock Crystal (स्फ़फटक) Kidney Stone (दाना फफ़यॊ गी) Tiger Eye (टाइगय स्टोन) Jade (भयगि) Sun Stone (वन सवताया) Diamond (.05 to .20 Cent )
(शीया)
MEDIUM FINE
200.00 550.00 550.00 550.00 100.00 100.00 5500.00 300.00 30.00 75.00 120.00 20.00 25.00 460.00 15.00 300.00 350.00 210.00 50.00 15.00 15.00 60.00 60.00 60.00 20.00 30.00 30.00 120.00 45.00 15.00 09.00 60.00 15.00 12.00 09.00 09.00 03.00 12.00 12.00 50.00
500.00 1200.00 1200.00 1200.00 150.00 190.00 6400.00 600.00 60.00 90.00 150.00 28.00 45.00 640.00 27.00 410.00 450.00 320.00 120.00 30.00 30.00 120.00 90.00 90.00 30.00 45.00 45.00 140.00 75.00 30.00 12.00 90.00 25.00 21.00 12.00 11.00 05.00 19.00 19.00 100.00
(Per Cent )
(Per Cent )
FINE
SUPER FINE
1200.00 1900.00 1900.00 2800.00 1900.00 2800.00 1900.00 2800.00 200.00 500.00 370.00 730.00 8200.00 10000.00 1200.00 2100.00 90.00 120.00 12.00 180.00 190.00 280.00 42.00 51.00 90.00 120.00 1050.00 2800.00 60.00 90.00 640.00 1800.00 550.00 640.00 410.00 550.00 230.00 390.00 45.00 60.00 45.00 60.00 280.00 460.00 120.00 280.00 120.00 240.00 45.00 60.00 90.00 120.00 90.00 120.00 190.00 300.00 90.00 120.00 45.00 60.00 15.00 19.00 120.00 190.00 30.00 45.00 30.00 45.00 15.00 30.00 15.00 19.00 10.00 15.00 23.00 27.00 23.00 27.00 200.00 370.00 (PerCent )
(Per Cent)
SPECIAL
2800.00 & above 4600.00 & above 4600.00 & above 4600.00 & above 1000.00 & above 1900.00 & above 21000.00 & above 3200.00 & above 280.00 & above 280.00 & above 550.00 & above 90.00 & above 190.00 & above 5500.00 & above 120.00 & above 2800.00 & above 910.00 & above 730.00 & above 500.00 & above 90.00 & above 90.00 & above 640.00 & above 460.00 & above 410.00& above 120.00 & above 190.00 & above 190.00 & above 730.00 & above 190.00 & above 100.00 & above 25.00 & above 280.00 & above 55.00 & above 100.00 & above 45.00 & above 21.00 & above 21.00 & above 45.00 & above 45.00 & above 460.00 & above (Per Cent )
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Note : Bangkok (Black) Blue for Shani, not good in looking but mor effective, Blue Topaz not Sapphire This Color of Sky Blue, For Venus
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BOOK PHONE/ CHAT CONSULTATION We are mostly engaged in spreading the ancient knowledge of Astrology, Numerology, Vastu and Spiritual Science in the modern context, across the world. Our research and experiments on the basic principals of various ancient sciences for the use of common man. exhaustive guide lines exhibited in the original Sanskrit texts
BOOK APPOINTMENT PHONE/ CHAT CONSULTATION Please book an appointment with Our expert Astrologers for an internet chart . We would require your birth details and basic area of questions so that our expert can be ready and give you rapid replied. You can indicate the area of question in the special comments box. In case you want more than one person reading, then please mention in the special comment box . We shall confirm before we set the appointment. Please choose from :
PHONE/ CHAT CONSULTATION Consultation 30 Min.: Consultation 45 Min.: Consultation 60 Min.:
RS. 1250/-* RS. 1900/-* RS. 2500/-*
*While booking the appointment in Addvance
How Does it work Phone/Chat Consultation This is a unique service of GURUATVA KARYALAY where we offer you the option of having a personalized discussion with our expert astrologers. There is no limit on the number of question although time is of consideration. Once you request for the consultation, with a suggestion as to your convenient time we get back with a confirmation whether the time is available for consultation or not. We send you a Phone Number at the designated time of the appointment We send you a Chat URL / ID to visit at the designated time of the appointment You would need to refer your Booking number before the chat is initiated Please remember it takes about 1-2 minutes before the chat process is initiated. Once the chat is initiated you can commence asking your questions and clarifications We recommend 25 minutes when you need to consult for one persona Only and usually the time is sufficient for 3-5 questions depending on the timing questions that are put. For more than these questions or one birth charts we would recommend 60/45 minutes Phone/chat is recommended Our expert is assisted by our technician and so chatting & typing is not a bottle neck In special cases we don't have the time available about your Specific Questions We will taken some time for properly Analysis your birth chart and we get back with an alternate or ask you for an alternate. All the time mentioned is Indian Standard Time which is + 5.30 hr ahead of G.M.T. Many clients prefer the chat so that many questions that come up during a personal discussion can be answered right away. BOOKING FOR PHONE/ CHAT CONSULTATION PLEASE CONTECT
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वूिना ऩत्रिका भं प्रकासळत वबी रेख ऩत्रिका के असधकायं के वाथ शी आयस्षत शं । रेख प्रकासळत शोना का भतरफ मश कतई नशीॊ फक कामाारम मा वॊऩादक बी इन त्रलिायो वे वशभत शं। नास्स्तक/ अत्रलश्वावु व्मत्रि भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शं । ऩत्रिका भं प्रकासळत फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का उल्रेख मशाॊ फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ मा फकवी बी स्थान मा घटना वे कोई वॊफॊध नशीॊ शं । प्रकासळत रेख ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मास्त्भक सान ऩय आधारयत शोने के कायण मफद फकवी के रेख, फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का फकवी के लास्तत्रलक जीलन वे भेर शोता शं तो मश भाि एक वॊमोग शं । प्रकासळत वबी रेख बायसतम आध्मास्त्भक ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय सरमे जाते शं । इव कायण इन त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभास्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय फक स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शं । अन्म रेखको द्राया प्रदान फकमे गमे रेख/प्रमोग फक प्राभास्णकता एलॊ प्रबाल फक स्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शं । औय नाशीॊ रेखक के ऩते फठकाने के फाये भं जानकायी दे ने शे तु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शं । ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मास्त्भक सान ऩय आधारयत रेखो भं ऩाठक का अऩना त्रलश्वाव शोना आलश्मक शं । फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भं त्रलश्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा। ऩाठक द्राया फकवी बी प्रकाय फक आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी। शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय सरखे शोते शं । शभ फकवी बी व्मत्रि त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोक स्जन्भेदायी नफशॊ रेते शं । मश स्जन्भेदायी भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रि फक स्लमॊ फक शोगी। क्मोफक इन त्रलऴमो भं नैसतक भानदॊ डं, वाभास्जक, कानूनी सनमभं के स्खराप कोई व्मत्रि मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शे तु प्रमोग कताा शं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ वॊबल शं । शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधग ु ण ऩय प्रमोग फकमे शं स्जस्वे शभे शय प्रमोग मा भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनस्श्चत वपरता प्राद्ऱ शुई शं । ऩाठकं फक भाॊग ऩय एक फश रेखका ऩून् प्रकाळन कयने का असधकाय यखता शं । ऩाठकं को एक रेख के ऩून् प्रकाळन वे राब प्राद्ऱ शो वकता शं । असधक जानकायी शे तु आऩ कामाारम भं वॊऩका कय वकते शं । (वबी त्रललादो केसरमे केलर बुलनेश्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
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FREE E CIRCULAR
गुरुत्ल ज्मोसतऴ ऩत्रिका अप्रेर -2013 वॊऩादक
सिॊतन जोळी वॊऩका गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग
गुरुत्ल कामाारम
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लेफ
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शभाया उद्दे श्म त्रप्रम आस्त्भम फॊध/ु फफशन जम गुरुदे ल जशाॉ आधुसनक त्रलसान वभाद्ऱ शो जाता शं । लशाॊ आध्मास्त्भक सान प्रायॊ ब शो जाता शं , बौसतकता का आलयण ओढे व्मत्रि जीलन भं शताळा औय सनयाळा भं फॊध जाता शं , औय उवे अऩने जीलन भं गसतळीर शोने के सरए भागा प्राद्ऱ नशीॊ शो ऩाता क्मोफक बालनाए फश बलवागय शं , स्जवभे भनुष्म क वपरता औय अवपरता सनफशत शं । उवे ऩाने औय वभजने का वाथाक प्रमाव शी श्रेष्ठकय वपरता शं । वपरता को प्राद्ऱ कयना आऩ का बाग्म शी नशीॊ असधकाय शं । ईवी सरमे शभायी ळुब काभना वदै ल आऩ के वाथ शं । आऩ अऩने कामा-उद्दे श्म एलॊ अनुकूरता शे तु मॊि, ग्रश यत्न एलॊ उऩयत्न औय दर ा भॊि ळत्रि वे ऩूणा प्राण-प्रसतत्रष्ठत सिज लस्तु का शभंळा ु ब प्रमोग कये जो १००% परदामक शो। ईवी सरमे शभाया उद्दे श्म मशीॊ शे क ळास्त्रोोि त्रलसध-त्रलधान वे त्रलसळष्ट तेजस्ली भॊिो द्राया सवद्ध प्राण-प्रसतत्रष्ठत ऩूणा िैतन्म मुि वबी प्रकाय के मन्ि- कलि एलॊ ळुब परदामी ग्रश यत्न एलॊ उऩयत्न आऩके घय तक ऩशोिाने का शं ।
वूमा क फकयणे उव घय भं प्रलेळ कयाऩाती शं । जीव घय के स्खिक दयलाजे खुरे शं।
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