Unseen Poem Class 9 in Hindi

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Unseen Poem for Class 9 in Hindi Unseen poem class 9 covers a significant bit of the Hindi paper. It contains around 24% imprints weightage in the test. Along these lines, students who need to score good grades in Class 9 Hindi should rehearse the understanding entry preceding the test. To help them in their planning, we have given the CBSE Unseen poems to Class 9 Hindi.Students should go through them and tackle the inquiries dependent on these appreciation sections.

Read the Unseen Poem Class 9 in Hindi 01 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें : है जन्म लेते जगह में एक ही| एक ही पौधा उन्हें है पालता|| रात में उन पर चमकता चांद भी| एक ही-सी चांदनी है डालता|| मेह उन पर है बरसता एक-सा| एक-सी उन पर हवाएं है बही|| पर सदा ही यह दिखाता है हमें |


ढं ग उनके एक-से होते नहीं|| छे दकर कांटा किसी की उं गलियां फाड़ दे ता है किसी का वर वासन|| प्यार-डूबी तितलियों का पर कतर| भौर का है बोध दे ता श्याम तन|| फूल लेकर तितलियों को गोद में | भौर को अपना अनठ ू ा रस पिला|| ‘निज सग ं ो औ’ निराले रं ग से| ु ध है सदा दे ता कली जी की खिला||

है खटकता एक सब की आंख में | दस ू रा है सोहता सरु -शीश पर|| किस तरह कुल की बढ़ई काम दे | जो किसी में हो बड़प्पन की कसर|| उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पछ ू े गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए | (क) ‘हे जन्म लेते जगह..... ढं ग उनके एक से होते नहीं’ पंक्तियों में कवि ने फूल और कांटे के विषय में क्या कहा है ? उत्तर- कवी कहता है कि फूल और कांटा एक साथ एक ही डाली पर जन्म लेते हैं तथा एक ही पौधा उनका लालन-पालन करता है | इसके अलावा चंद्रमा भी उन दोनों पर समान रूप से अपनी चांदनी डालता है | दोनों पर समान वर्षा होती है और दोनों एक जैसी वायु की गोद में झल ू ते हैं इसके बावजद ू दोनों के ढं ग एक जैसे नहीं होते| (ख) एक ही वातावरण में पले-बढ़े फूल और कांटे का जीवन किस प्रकार भिन्न होता है पद्यांश के अंतिम पद के आधार पर स्पष्ट कीजिये| उत्तर- भले ही फूल और कांटे समान वातावरण में बड़े होते हैं फिर भी उनकी प्रकृति भिन्न होती है | कांटा यदि किसी की उं गली में लग जाता है तो उं गली फाड़ दे ता है और कपड़ों में लग जाए तो कपड़ा फाड़ दे ता है | इसके अलावा प्यारी-प्यारी तितलियों के पर काट दे ता है तथा भौरो के शरीर को बेध दे ता है | दस ू री और फूल उन्हीं तितलियों को अपने अंक में स्थान दे ता है और भंवरो को अपने रस का पान कराता है | (ग) इस कविता में फूल और कांटे किसका प्रतीक है | उत्तर- भले और बरु े लोगों के प्रतीक हैं| (घ) ‘आंख में खटकना’ मह ु ावरे का अर्थ स्पष्ट कीजिए|


उत्तर- मह ु ावरे का अर्थ है - बरु ा लगना| (ड) कौन व्यक्ति अपने कुल का नाम रोशन नहीं कर पाता ? उत्तर- जिसमें बड़प्पन नहीं होता वह अपने कुल का नाम रोशन नहीं कर पाता|

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02 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें : मन मेरा यह चाहे छू लंू बढ़कर मैं आकाश| राह में लंबी जीवन छोटा समय न मेरे पास| फिर भी मझ ु को इच्छा बल से बढ़ना है -चढ़ना है | रास्ता चाहे कैसा भी हो मझ ु को तय करना है | दृढ़ विश्वास जो मेरा साथी क्यों न करूं प्रयास| मन मेरा यह चाहे छू लंू बढ़कर मैं आकाश| राह है लंबी जीवन छोटा समय ना मेरे पास| जीवन के इस इक-इक पल को मझ ु को यहाँ भन ु ाना| सख ु चंदा-सा, दख ु सरू ज सा सबको गले लगाना| दिल में आशा किरण जगी फिर


तम की क्या औकात| मन मेरा यह चाहे छू लंू बढ़कर मैं आकाश| राह है लंबी जीवन छोटा समय ना मेरे पास| उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पछ ू े गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए | (क) कवि का मन क्या चाहता है ? पहले पद के आधार पर उत्तर दीजिए| उत्तर- कवि का मन चाहता है कि वह उड़कर आकाश को छू ले| अर्थात वह असंभव से संभव कार्य कर ले, क्योंकि व्यक्ति का जीवन छोटा होता है , समय कम है , और राह लंबी है अर्थात कार्य बहुत करने को है | कभी कहता है कि यह सब होते हुए भी वह हर तरह की स्थिति में अपनी इच्छाशक्ति एवं दृढ़ विश्वास के बल पर आगे बढ़ सकता है | (ख) अंतिम पद में कवि ने क्या कहा है , स्पष्ट कीजिए| उत्तर- अंतिम पद में कभी कहता है उसे समय नष्ट नहीं करना है पल पल कार्य करते जाना है जीवन में सख ु और दख दोनों आएं ग े पर मन ष् य को चाहिए कि वह दोनों को मन से स्वीकार करें | यदि व्यक्ति आशावादी है तो ु ु निराशा रूपी अंधकार उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता| (ग) ‘राह है लंबी, जीवन छोटा, समय ना मेरे पास’ पंक्ति का क्या आशय है ? उत्तर- जीवन में करने के लिए बहुत कुछ है और समय बहुत कम है | (घ) जीवन के इक-इक पल को भन ु ाने से कवि क्या तात्पर्य है ? उत्तर- व्यक्ति को हर पल की कीमत पहचान भी चाहिए और बिना समय गंवाए अपना कर्तव्य परू ा करना चाहिए| (ड) ‘सख ु चंदा सा’ पंक्ति में कौनसा अलंकार है ? उत्तर- उपमा अलंकार

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03 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें : सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भक ृ ु टी तानी थी| बढ़ ू े भारत में आई फिर से नई जवानी थी|| गम ु ी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी|


दरू फिरं गी को करने की सबने मन में ठानी थी|| चमक उठी सन सत्तावन में , वह तलवार परु ानी थी| बद ंु े ले हरबोलों को मह ंु हमने सन ु ी कहानी थी, खब ू लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी|| कानपरु के नाना की, मह ंु बोली बहन छबीली थी| लक्ष्मीबाई नाम, पिता की यह संतान अकेली थी|| नाना के संग पढ़ती थी वह, नाना के संग खेली थी| बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहे ली थी|| वीर शिवाजी की गाथाएं उसको याद जवानी थी| बद ंु े ले हरबोलों के मह ंु हमने सन ु ी कहानी थी, खब ू लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी|| लक्ष्मी थी या दर्गा ु थी, वह स्वयं वीरता की अवतार| दे ख मराठे पल ु कित होते उसकी तलवारो के वार|| नकली यद् ु ध, व्यह ू की रचना और खेलना खब ू शिकार| सैन्य घेरना, दर्ग ु तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवाड़|| महाराष्ट्र कुल दे वी उसकी भी आराध्य भवानी थी| बद ंु े ले हरबोलों के मह ंु हमने सन ु ी कहानी थी, खब ू लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी|| उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पछ ू े गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए | (क) भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध किस तरह की चेतना जागत ृ हुई? पहले पद के आधार पर उत्तर दीजिए| उत्तर- अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीय रजवाड़े खड़े हो गए और सबने अंग्रेजो को भारत से बाहर निकालने की मन में ठान ली थी| इस तरह से ऐसा लगता था मानो बढ़ ू े भारत में फिर से जवानी आ गई हो| सन 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध तलवारें चमक उठीं| (ख) रानी लक्ष्मी बाई के बचपन का चित्रण किस रूप में किया गया है ? उत्तर- लक्ष्मीबाई अपने पिता की अकेली संतान थी तथा कानपरु के नाना साहब की वह मह ंु बोली बहन थी| बचपन में वह नाना के साथ ही पढ़ती थी और उन्हीं के साथ खेलती थी| उसी समय उसने सभी अस्त्र शस्त्र चलाना भी सीख लिया था| (ग) ‘चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार परु ानी थी’ पंक्ति का क्या आशय है ?


उत्तर- सन 1857 में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध संग्राम छे ड़ दिया था| (घ) ‘महाराष्ट्र कुल दे वी’ कौन थी? उत्तर- मां भवानी महाराष्ट्र कुल दे वी थी| (ड) मराठे क्या दे खकर पल ु कित होते थे? उत्तर- रानी लक्ष्मीबाई के तलवारों के वार दे खकर मराठे पल ु कित होते थे|

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04 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें : रण-बीच चौकड़ी भर-भर कर, चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप के घोड़े का, (पड़ गया हवा से पाला था) गिरता न कभी चेतक तन पर, राणा प्रताप का घोड़ा था। (वह दौड़ रहा अरि मस्तक पर) या आसमान पर घोड़ा था। उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पछ ू े गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए | (क) पद्यांश का उपयक् ु त शीर्षक लिखिए। उत्तर- शीर्षक-‘चेतक’ (ख) इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए। उत्तर- महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था जो बड़ा ही अनोखा था। वह हल्दीघाटी के मैदान में तीव्र गति से दौड़ रहा था। उसे दौड़ाने के लिए कोड़ा न मारना पड़ता था। वह इतना समझदार था कि राणा का संकेत पाते ही मड़ ु जाता था और शत्रओ ु ं के मस्तक पर पैर रखता हुआ दौड़ पड़ता था। (ग) कोष्ठांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए। उत्तर- पड़ गया हवा से पाला था-राणा प्रताप के घोड़े की तीव्र गति को दे खकर ऐसा प्रतीत होता था मानो वायु भी उसकी गति से हार मान गई है ।


वह दौड़ रहा अरि मस्कक पर-राणा प्रताप का घोड़ा निर्भय होकर शत्रओ ु ं के मस्तकों को कुचलता हुआ दौड़ जाता था।

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05 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यान से पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें : सावधान मनष्ु य ! यदि विज्ञान है तलवार, तो इसे दो फेंक तजकर मोह, स्मति ृ के सार। हो चक ु ा है सिद्ध ! है तू शिशु अभी अज्ञान; फूल काँटों की तझ ु े कुछ भी नहीं पहचान। खेल सकता तू नहीं ले हाथ में तलवार, काट लेगा अंग, तीखी है , बड़ी ये धार। उपरोक्त काव्यांश के आधार पर पछ ू े गए प्रश्नो के उत्तर लिखिए | (क) उपर्युक्त पद्यांश का उपयक् ु त (सटीक) शीर्षक लिखिए। उत्तर- उपयक् ु त शीर्षक ‘विज्ञान से सचेत’। (ख) उपर्युक्त पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर- कवि का आशय यह है कि मनष्ु य को विज्ञान से सावधान रहना चाहिए। इसका प्रयोग अज्ञानता से नहीं कीजिए। मनष्ु य ने अभी विज्ञान से होने वाली हानि और लाभ की भी जानकारी नहीं ली है । अतः कहीं ऐसा न हो कि अज्ञानता के कारण यह विज्ञान मनष्ु य को ही हानि न पहुँचा दे । (ग) ‘फूल और काँटों’ से कवि का क्या तात्पर्य है ? उत्तर- ‘फूल और काँटों’ से कवि का तात्पर्य है -लाभ और हानि। (घ) विलोम शब्द बताइए-स्मति ृ , अज्ञान। उत्तर- विस्मति ृ , ज्ञान। (ड) ‘धार’ शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए। उत्तर- तलवार की धार तेज होती है ।

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