शादी के गीत

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v.mashankar@gmail.com


निमंत्रण इस घर की जन्ित इससे तो है इस घर की िजाकत पल भर के ललए िा दिखे तो घर भर बेचैिी ये िरवाजे ये खखड़ककयां ये िीवारें ये छत उसका िीवािा उसका बोलिा उसका रोिा गस् ु से से नतललमला उठिा उसका गािा उसका हँ सिा जी लगाकर सबका प्यार ओढ़ लेिा एक वही तो है ..... जजससे हमारे घर की मैफील सजती है घर - आँगि में खुलियाँ िौड़ती है िे खते िे खते हमारे घर की कली खखल गई.... लहरिे का मौसम आया बहरिे का मौसम आया हमारी बबदिया का ससरु ाल जािे का समय आया हमारे परी की िािी सपिों के रािी की िािी.... चलो, इस पल को महकाये आपके आिीवा​ािों से... सपिों की सौगात आपके उपजस्िनत में....



आज गाऊँ रे गाऊँ गीत पीया के संग ढोलक ना पखवाज इक रे मन की ही आवाज ओठों पर उसका है साज ऐसे गाऊँ रे गाऊँ गीत पपया के मन पंछी बन पवहराय मन भंवरा बन उड़ जाय मन साँसों को भूल जाय ऐसे गाऊँ रे गाऊँ गीत पपया के होले से गंजन अब होये मन तो काबू में ना आये धड़कन को कै से समझाये कै से गाऊँ रे गाऊँ गीत पपया के मन तो समंदरों के पार माने ना कोई ये बात उनसे होगा हर पसगं ार ऐसे गाऊँ रे गाऊँ गीत पपया के कै से भूलूँ पीहर प्यार मैया बापू का दलार इक इक पल का हो गवाह ऐसे गाऊँ रे गाऊँ गीत पपयाके



गाते हुए आलम को फनकार देने पनकली है नपदयाँ की धारा बन के मेहंदी प्यार है उतरा इन हथेपलयों पर सस ं ार है उतरा ये जो रस्मे ररवाज मेहंदी तान पकड़े गाते है पंछी मेहंदी हाथ की जो रंग लाएगी खशब आलम की यहॉ पसमटेगी ये जो मेहंदी रची है पपया मेहंदी नहीं बाबल का है प्यार इन हाँथो की मेहंदी से सैया प्यार की महक का शगन है लाया पल पल यह मेहंदी गवाह होगी मेरे बाबल की बाग़ याद होगी इस जजबात को तम भी सँजोगे मेहंदीभरे हाथ तमरे अपपण होंगे.....



ना बैठो रानी गमसम ऐसे बाबल तो है तेरे अपने पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ भैया राजा प्यारी सी बहना कै से बता संभालेगा बात बात पर तेरा ठहकना कै से बता वह भूलेगा पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ इस घर का कोना - कोना तेरी उदासी जानेना वो तो जाने एक पह बात हँसना तेरा और हँसाना पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ

देख तेरी ये बेस्ट सहेली "माँ " भी ना करवट बदले जब से हुई है तेरी सगाई दामन में है मँह छपाएँ पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ चाचा चाची और बआ दादी सबकी तू है लाड़ली रानी पफर कयूँ सख ू ती जाएँ चमेली राजकमारी तू घरकी कहानी पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ मंपिल तम्हारी कही अलग है पर ये जहान है तम्हारा आवाज दे के देखो जरा तम बनेंगे हम सहारा तम्हारा पीहर ररश्ते सारे तम्हारे देती है दहलीज दवाएँ ना बैठो रानी गमसम ऐसे बाबल तो है तेरे अपने....



बैठ के घोड़ी आये जमाई बाँध के सेहरा सर पर पगड़ी ले के बहार हम आज खड़े है स्वागत करने द्वार.... करो स्वागत माला स्वीकार स्वागतम् सस्वागतम् हर कागि क़ी कपवता होगी और बूँद की सररता होगी जीवनमीत गीत रचाओ पधारों म्हारो आँगन में स्वागतम् सस्वागतम् डाल डाल पर ररश्ते बनेंगे हर कूक पर कोयल होंगे रंग रंगीली होंगी बातें शब्द पष्प तम सजाओ पधारो म्हारो आँगन में..... स्वागतम् सस्वागतम्

कछ पल मीठे कछ पल खट्टे हर पल से नई मलाकातें पल पल तम भी पनहारो पधारो म्हारो आँगन में..... स्वागतम् सस्वागतम् मेरी रानी तम्हरी दल्हपनयाँ हर मंपजल पर तम्हरी सापथयाँ पलकों पर तम, आँख में सपना नयी कहानी नया कारवाँ याद करे तम्हें सारी रस्मे आकर रस्में पनभाओ पधारों म्हारो आँगन में..... स्वागतम् सस्वागतम्


बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है...... ठहक रही है खपशयाँ बदल रही पजंदपगयाँ करके सोलह पसंगार बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है...... मेरे आँगन की रानी रंगोली की पदवानी उसके रंगमे रंगने बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है...... उससे ही था रोशन पल पल मेरा ये जीवन अब सना कर ये आँगन बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है...... हाथी घोडा पालखी साँस ससरू बाराती लेके ख़पशयों की थाली बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है...... हे मेरे प्रभ सरकार इक अजी करो स्वीकार बनो पबपटयाँ के रखवाल बनी है दल्हपनया, छोटीसी मेरी गपड़या बारात आज आयी है......


चंचल ये हवा धीरे से बता, कया बारात उनकी आयी है ?? खशब ये तम्हारी कहती है, बारात उनकी आयी है... शहनाई सनाई देती है, लो चाँद पसतारे लायी हं पदल दौड़ गया और उनसे पमला, आहट में अजब सी जादू है कै से मं सँभाल धड़कन को बारात उनकी आयी है.... मदमस्त पवन िरा धीरे महक ये खशब उन्हीकी चाहत है मौसम भी जरा मध्यम मध्यम पदल नाच रहा है ठमक ठमक कै से मं सँभाल धड़कन को बारात उनकी आयी है....

हर शौख और उनकी हर अदा, भँवरे को पलक में जला पदया हे क़ातील !! अब तो बस ही करो मीलन का समय अब आ ही गया कै से मं सँभाल धड़कन को ये रात का मौसम बदल रहा..... पल में है खफा पल में है पददा पल में ये रात दल्हपनया है मेरे साजन कै से बताए तम्हे इस पदल की खमारी कै सी है कै से मं सँभाल धड़कन को बारात उनकी आयी है....



हे परमात्मा !! हे प्ररमेश्वर !! आपशवपच दो हे आपदश्वर !! सात पदों की सप्तपदी है जीवन इतना सरल मधर है पहला कदम है श्री गणेश का स्मरु तमापम - पनपवपघ्नं कमपहे

दजा कदम है कलदेवी का स्मरु तमापम - देवी माता अन्नपूणाप की अपशवपच से स्वस्थ संपन्न तीसरे कदमसे चौथा कदम है दो परखों का आपद अनापद सद्न्याओक ं ा ना कछ तेरा ना कछ मेरा एक जान हम कदम पाँचवा

छटे कदम पसदं ू र पवराजे सौभाग्य पदलोंपर राज कराये सातवाँ कदम जनम जनम का पशव पावपतीसम साSSथ का सात कदम है सात है कसमे वादे अपने ररश्ते अपने ना त्यौहार ना बाजार है शादी एक सस्ं कार है.....



चारों पदशाओ ं के स्वामी पधारो अचपन पूजन मान तम्हारो तमरी दवाएँ भाग्य हमारा कन्यादान सौभाग्य हमारा... पवष्ण आप हो दामाद हमरे लक्ष्मी अपपण है तम्हें करते पदल का तकडा अब है तम्हारा अष्टपदशाओ ं में है उपजयारा कन्यादान सौभाग्य हमारा ....

हर एक मंपजल कँ वरजी तमरी साथ तम्हारे पबपटयाँ हमरी पल पल का ये अतूट नाता हर डगरपर साथ तम्हारा कन्यादान सौभाग्य हमारा ..... यह सस ं ार की रीत है बेटा जीवनगीत तमरी नैया पबपटयाँ हमरी सगं ीत तम्हारा इस नैया को पार है करना कन्यादान सौभाग्य हमारा... इस आँख से ना हो ओझल पबपटयाँ हमरी पनमपल कोमल कभी आँच ना आने देना सब सख तमरा सब दख़ मेरा कन्यादान सौभाग्य हमारा.....



पबपटयाँ पनकली है ससराल.... प्रभजी सवारों म्हारो हाल... सप्त सूरों का साज पहनकर सप्त पदशा को देखा हँसकर हलदी के रंग सनहरा जीवन आज सजधज सोलह पसगं ार पबपटयाँ पनकली है ससराल.... ये पदल कै सा पागल प्रभजी ईस पदन की थी आस लगाई ं पर तो आज ना सह सकता हँ कै से बताऊँ पबपटयाँ रानी पल पल रोता अब जाता हँ पागल बाप की ये है कहानी पभजाऊँ कै से पराये द्वार हँसना तझसे जीना तझसे पबपटयाँ पनकली है ससराल.... जीवन मेरा पल पल तझसे बाँध के दे दूँ प्यार दलार पबपटयाँ से ही मेरी धड़कन पबपटयाँ पनकली है ससराल.... मेरा प्रवचन मेरा गायन जन्नत मेरी मन्नत मेरी शभाशीषों से झोली भर दूँ सपदयों से है चाहत मेरी खपशयों के दामन में पलपट कै से करू दपनया से सवाल तेरा जीवन है एक सपना पबपटयाँ पनकली है ससराल.... नये दौर का नया कारवाँ सारा आलम पबछाएँ गलाल पबपटयाँ पनकली है ससराल....



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