Imapct of water problems on health and education_PUKAR study 2010-11

Page 1

1


2

गोवंडी के शांति नगर में पानी की कमी की वजह से बच्चों की पढाई और सेहि पर होनेवाले असर

ग्रप ु का नाम आशाएं ग्रुप मेम्बर के नाम: आममर खान अदनान खान सलीम खान ईनाम अन्सारी शेख शाककर हुसन ै फैसिसिटे टर: सन ु ील गंगावणे, नागेश कांबळे और सव ु णा​ा दे वकुळे २०१६- २०१७

पक ु ार

एडेिगिव


3

इंडक् े ि Sr.no 1 2 3 4 5

‫انڈیکس‬ पेज

टॉपपक शक्रु िया अदा

‫شکریہ ادا‬

तारुफ्फ़

सिटरे चर ररव्यु

‫تارپھف‬

‫لٹریچر روي‬

ररिचच मेथड (‫)ریسرچ کا طریکا‬

डेटा अनासिसि​ि

‫ڈیٹا انالسس‬

4 6 9 14 17

6

नतीजा

‫نتیجہ‬

52

7

सशफाररश

‫سفارش‬

56

8

रे फरें ि

9 10

‫ریفرنس‬

ग्रुप जनी और हमारी सिख ‫گروپ سفر اور ہماری سکھ‬

जोड़े

‫شامل‬

58 60 66


4

शक्रु िया अदा

‫شکریہ ادا‬

हम अपनी ज़बान में ये अल्फ़ाज़ दोहरािे है जो मसर्ा एक अल्फ़ाज़ ही नही बल्की अपने आप मे बहुि बड़ा वाक्या है | जजस के कहने से अपने में आप एक खश ू ी पैदा हो। हम ये अल्फ़ाज़ से अपना प्यार और इज़्ज़ि का इज़हार करिे है और हम आप सभी के बबना ये ररसचा पूरा नही कर पािे इसमलए हम आप का इन अल्र्ाज़ो से शुकिया अदा करिे है । हम सब से पहले बस्िी के लोगों, डॉक्टसा, टीचसा, NGO और नगर सेववका के पति का भी शुकिया अदा करिे है | हम पुकार के पूरी टीम का शुि गुज़ार है क्योंकक इन्हों ने हमे रीसचा करने का मौका ददया और फ़ेलोमशप का दहस्सा बनाया। हमे अलग अलग ववषय पर मसखने का मौका भी ददया। हमारे र्ैमसमलटे टर सुनील, रोहन, अतनिा, िन्वी, पायल, सुवणा​ा, शहज़ादे , िहममना और नागेश और सभीका शकु िया अदा करिे है । वकाशॉप लेने वाले ररसौसास पसान का शुकिया अदा करिे हैं जो हमे पूरे साल समझािे रहे । हमारे ववषय को लेकर और इससे ममलिी जुलिी चीज़ों के बारे मे बिा िे रहे , कभी वकाशॉप के ज़ररए, या कोई

ममसाल दे कर, या कर्र अपनी जज़ंदगी के िौर िररके बिा कर

और ककसी एक्सपटा के ज़ररए जो हमारे ववष्य के बारे मे कार्ी जानकारी रखिे है । इस िरह हमारे ररसचा के काम में मदद की। हम EdelGive र्ाउं डेशन के आभारी

है इन्हों ने मसर्ा र्ण्ड दे कर ही नही बल्की हमे

अपने आप को बनाने के मलए हमारी मदद की। हम अपनालय के एक्सपटा रमा, सारा, द्यानेश्वर और उनकी टीम के आभारी है के उन्होंने हम को पुकार के बारे मे बिाया ही नहीं बल्की उन से जुड़ने का मौका भी ददया िाके हमारी बस्िी में बदलाव ला सके जजसकी वजह से हमारे कॅररअर बनाने में सफ़लिा हामसल होसके।


5

हम पुकार के सभी र्ेलो ग्रुप के आभारी हैं जो पुरे साल ममलकर हमे अपने सुझाओ और अपनी ज्ञान, अपनी सलादहयिों से हमारी मदद करिे रहे और हमको साथ लेकर भी चलिे रहे । आखखर में हमारी पररवार के सभी मेम्बर और सबसे ज़्यादा मािा वपिा का शुि-गुज़ार है जो हमे पक ु ार से जड़ ु ने और परू े साल बस्िी में ररसचा करने की इजाज़ि दी। कर्र छुट्दटयों में भी हमे वकाशॉप के मलए भेजा िाके हम अपने मकसद को पासके। एक बार कर्र से हम सभी का शकु िया अदा करिे हैं।

हमें अपने आप से ममलाया है िुमने, ये ज़माने का दस्िूर नहीं है ये बिाया है िुमने, सूना है आज अलववदा कहना है हमें ‘शुकिया’ मलखिे है कैसे यह मसखाया है िुमने|


6

तारुफ्फ़

‫تارپھف‬

दतु नया के बड़े शहरों में मुंबई भी एक बड़ा शहर है , जो भारि दे श में एक बड़ा शहर है । मुंबई एक सपनो की नगरी है , जो कई नामो से जानी जािी है जैसे बॉम्बे, बम्बई और अभी इसे मुंबई कहिे है । मुंबई के बारे में ऐसे कहा जािा है की यहा​ाँ पे रहने वाले कभी भूके नहीं सोिे। यहा​ाँ पे लोगों को दो हाथ के मलए छोटा-मोटा काम और दो वक़्ि की रोटी नसीब हो ही जािी है । यही कारन है की लोग अपने गा​ाँव, घर छोड़ कर रोज़ी रोटी की िलाश में मुंबई की िरर् माइग्रेट होकर आिे है । यहा​ाँ आने के बाद लोगों को रहने का दिकाना नहीं ममलिा जजसकी वजह से वे मंब ु ई की छोटी छोटी बजस्ियों में रहने लगिे है । लोगों की नज़र में मुंबई एक ववकमसि शहर है लेककन यह हकीकि नहीं है । मुंबई की HDI ररपोटा के दहसाब से यह एक अववकमसि शहर है | HDI का मिलब आगे के मलटरे चर ररव्यु में ददया हुआ हैं| मुंबई का HDI आंकड़ा 0.846 है (DNA news, 2013) जो बहुि ही कम है भारि के दस ु रे बड़े शहरों के मुकाबले। मुंबई के अववकमसि होने का कारन यह हो सकिा है की यहा​ाँ पे सरकार बजस्ियों को कम ध्यान दे िी है जजसकी वजह से हमारा शहर भी वपछड़ा हुआ है । इसी छोटी छोटी बजस्ियों से जुड़ा हुआ हमारा M East वाडा है । M East वाडा मब ंु ई की north-east इलाके में आिा है । इस वाडा में छोटी छोटी बजस्ियां है , जैसे मशवाजी नगर, बैगनवाड़ी, शांति नगर, चीिा कैंप और कुछ चेम्बूर का भी इलाका आिा है । M East वाडा परु े मंब ु ई में सबसे वपछड़ा हुआ वाडा माना जािा है । मंब ु ई में कुल 24 वाडा है , उन 24 वाडास में M East वाडा ववकास के मामले में सबसे आखखर में आिा है । इसका HDI 0.05 है जोके दस ु रे वाडास के मुकाबले सबसे कम है । यहा​ाँ िाइम भी सबसे ज्यादा होिे है और यह वाडा साक्षरिा, बेरोज़गारी, पढाई, और हे ल्थ के मामले में भी सब वाडास से पीछे है । यहा​ाँ पे सबसे बड़ी समस्या पानी की हैं।


7

M East वाडा के कुछ इलाको में पानी आिा है और कुछ इलाको में पानी बहुि ही कम या आिा ही नहीं हैं। सरकार इस समस्या पर ध्यान नहीं दे िी शायद सरकार ही स्लम्स और नॉन-स्लम्स में भेद-भाव करिी है । पानी लोगों की बुनयादी ज़रुरि है और लोगों का हक़ भी हैं। article 21 इंडडयन constitution के िहि लोगों को बेमसक चीजें ममलना चादहयें| बेमसक चीजें जैसे पानी, कपड़ा, मकान| इसमलए लोगों को पानी ममलना चादहयें चाहे वोह illegal हो या legal हो। लेककन सरकार का कहना है की जो illegal बजस्ियां है उन्हें कोई भी सवु वधाएाँ नहीं दी जाएगी। पानी ना आने की वजह से M East वाडा के शांति नगर इलाके में लोगों को कार्ी परे शातनया​ाँ झेलनी पड़िी है । पानी की वजह से लोगों के सहि पर और बच्चों की पढाई पर कार्ी असर पढ़ रहा है । पानी कम आने की वजह से लोग दस ू री बस्िी में जाकर पानी भरिे है लेककन यह सब से भी उनकी ज़रूरि पूरी नही हो पािी है । पानी की कमी की वजह से जजस के घरों में पानी आिा है वे पानी को बेचना शुरू कर दे िे है , इसी िरह शांति नगर बस्िी में पानी का धंदा शुरू होगया हैं| इन लोगों को पानी माकर्या भी कहा जािा हैं। लोग अपने हक़ को भी खरीद रहे है । पानी खरीदने पर उनके घर का खचा बड़ जािा है । पानी में ज्यादा खचा होने की वजह से लोग पीला पानी खरीदिे है जो साफ़ पानी से सस्िा होिा है । पीला पानी जो थोडा गन्दा होिा है , यह पानी घर में खड्डा करके तनकलिे हैं | पीला पानी का इस्िेमाल करने की वजह से लोगों की सेहि पर असर पड़िा है और कर्र उन्हें िरह िरह की बीमाररया​ाँ होिी है । बीमारी का इलाज करने में भी उनका कार्ी खचा​ा हो जािा है जजससे उनका घरखचा बड़ जािा है । खचा​ा ज्यादा होने की वजह से और आमदनी कम होने की वजह से वे घर की दीगर ज़रुरिो पर खचा​ा नहीं कर पािे है । शांति नगर बस्िी में लोग पानी भरने के मलए बच्चों से भी मदद लेिे है , जजसकी वजह से वे स्कूल लेट होजािे है या कर्र नहीं जा पािे जजसकी वजह से बच्चों की पढाई


8

अधरू ी रह जािी है । पढाई अधरू ी होने की वजह से उन्हें काम भी कम पैसे वाले ममलिे है और वे िरक्की नही कर पािे हैं|। सरकार को बच्चों की पढाई पर ध्यान दे ना चादहयें और साथ में शांति नगर बस्िी में पानी की समस्याओं पर ध्यान दे ना चादहयें। सरकार को स्लम्स और नॉन-स्लम्स पर भेदभाव नहीं करना चादहयें। अगर सरकार पानी की समस्या को ध्यान दे गी िो शायद आने वाले सालों मे M East वाडा ववकमसि हो जायेगा। इसी िरह बस्िी में सालों से inter generation poverty (सालो से चली आरही गरीबी) चलिी आरही है। अगर सरकार पानी की समस्या पर ध्यान नही दे गी िो यह inter generation poverty आगे भी चलिी रहे गी और गरीब और गरीब होिा जायेगा|


9

सिटरे चर ररव्यु

‫لٹریچر روي‬

मुंबई (बॉम्बे) शहर महाराष्र राज्य की राजधानी है । यह दे श में सबसे ज्यादा आबादी वाला इलाका है और पुरे दतु नया में आबादी में चौथे नम्बर में आिा है। मुंबई की कुल आबादी लगभग २ करोड़ है जो दे श की पहली सब से ज्यादा आबादी वाली नगरी है (Government of India, 2011)| मुंबई की कुल आबादी में से 41.85% लोग स्लम्स जजनको झोपड़पट्टी कहा​ाँ जािा हैं वहा रहिे हैं| शहर को अच्छी िरह से संभालने के मलए और उसकी दे खभाल अच्छी िरीके से करने के मलए मंब ु ई को 24 प्रशासतनक ववभागों (वाडा) में बांटा गया हैं। इन वाडास के नाम A, B, C, D, E, F north, F south, G north, G south, H east, H west, K east, K west, P north, P south, R central, R north, R south, L, M east, M west, N, S, और T है (Wikipedia,2017)।

Fig. 2.1 मंब ु ई के ववभाग Source: memumabi.com


10

यह ररसचा M East वाडा के शांति नगर इलाके में हैं| M East में स्लम की आबादी मुंबई की स्लम आबादी 41.85% में से 34 % है । यानी के M East में लगभग 78% स्लम्स की आबादी बसी है (DNA News, 2015)|

Fig. 2.2 M East वाडा का नक्शा Source: scroll.in, 2017 M- East वाडा मुंबई की north-east इलाके में आिा है । M East वाडा के अन्दर मशवाजी नगर, बैगनवाड़ी, शांति नगर, चीिा कैंप और कुछ चेम्बरू का भी इलाका आिा है। हमारा ररसचा का इलाका M- East वाडा में आिा है | TISS ररपोटा (2011) aur HDI, मंब ु ई (2009) ररपोटा के मि ु ाबबक M East वाडा एक बहुि ही वपछड़ा हुआ इलाका है | िाइम में भी सबसे ऊपर है और पढाई में भी सब से पीछे है ।


11

शांति नगर के पास का नाला Source: DNA news

MCGM यानी की मंब ु ई मतु नमसपामलटी के दहसाब से M East वाडा का इलाका 35.5 sq. km में र्ैला हुआ है (MCGM, 2017) जबकी TISS की ररपोटा के दहसाब से यही इलाका 32.5 sq.km िक र्ैला हुवा है (TISS report, 2016)| हमें यह अलग-अलग नम्बर िाजब्ु ब वाले लगे| इस वाडा में लोगों की कुल संख्या 8,07,720 है (MCGM, 2017)। इस वाडा में स्लम की संख्या 77.5% है जो के दस ु रे वाडास के मुकाबले सब से ज्यादा है । मुंबई की कुल स्लम संख्या 41.85% में से 34% स्लम संख्या इस वाडा में है । इस वाडा की घनिा की संख्या 22,716 प्रति sq. km है । मुंबई शहर

M-east वाडा

साक्षरिा का प्रमाण

89.21%

66%

बेरोज़गारी का प्रमाण

17.8%

51.87%

Rs 20,000

Rs 8,000

औसि आमदनी

Source: DNA, 2015


12

इस वाडा में तनरक्षरिा की संख्या सबसे ज्यादा है और मुंबई की मुकाबले में M East वाडा का तनरक्षरिा प्रमाण िकरीबन दग ु ना है । जहा​ाँ मुंबई शहर में मदहलाओ की तनरक्षरिा का प्रमाण 15% हैं वहा​ाँ इस इलाके में दग ु ना याने की 30% है (DNA, 2015)| इस वाडा में हर एक साल में 600 िाइम ररपोटा दजा होिी है । इस वाडा में िकरीबन 50% लोग बेरोज़गार है । जहा​ाँ मंब ु ई में लोगों की सामान्य महीने की कमाई 20,000 रुपया है वहा M- East वाडा की सामान्य महीने की कमाई मसर्ा 8,000 है (TISS, 2011)| M- East वाडा में कुल 106 स्कूल है जजनमे कुल 61,632 स्टूडेंट्स है और इसमें लड़को की संख्या 30,985 है और लड़ककयों की संख्या 30,697 है । स्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों की संख्या 1376 है । इस वाडा में कुल स्कूल छोड़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 1490 है। इअ वजह से यह वाडा सबसे वपछड़ा हुआ वाडा माना जािा है (Human Development report, 2009)| वाडा में बड़े हॉजस्पटल्स की संख्या मसर्ा िीन है जजसमे एक सरकारी और दो प्राइवेट है । इस वाडा में 3 बस डडपो, 4 पुमलस चौकी, 6 vulnerable settlements और 1 अजननशमन दल है (GMDMA, 2017)|

ह्यम े ि (HDI) ू न डेविपमें ट इंडक् HDI (Human Development Index) यह एक जानकारी है जजसका इजस्िमाल इलाके के मानव ववकास के आधार पर आंकने के मलए ककया जािा है । इससे पिा चलिा है की कौनसा इलाका ववकमसि है और ककस इलाके को ववकमसि होने की ज़रुरि है । मुंबई का HDI 0.56 है जबके M-East वाडा का HDI मसर्ा 0.05 है । HDI के मि ु ाबबक मंब ु ई में 5 लोगों में से हर 3 स्लम में रहिे है । HDI के मि ु ाबबक स्लम्स में रहे ने वाले लोगों को बाकी के इलाके से कार्ी कम सुववधाए ममलिी है (Human Development Report , 2009)|


13

पानी की िमस्या यह एक बस्िी का बहुि ही बड़ा मुददा है इससे लोगों को कार्ी परे शातनया​ाँ झेलनी पड़िी है । बस्िी में पानी ना आने के बहुि से कारन हैं। सरकार के िरर् से ककया जानेवाला भेदभाव इनमे से एक खास कारन है । जैसे पुकार में वपछले युथ र्ेलोज ने ककये अपने ररसचा मे

यह बाि सार् बिाई है । उनके ररसचा के मुिाबबक इस इलाके में पानी रॉमबे ररजवा​ायर से

आिा है और बैगंनवाड़ी मसननल के पास की टं की में आकर जमा होिा| इस टांकी कक कॅपॅमसटी मसर्ा 6 MLD है | इसका मिलब एक वक्ि में यहा​ाँ पे 6MLD पानी ही आ सकिा है जो के बहुि ही कम है | पानी ना ममलने का एक कारन यह भी हो सकिा है , की बहुि लोगों के पास पानी का कनेक्शन नहीं है क्यूंकक पानी के कनेक्शन के मलए बहुि लोगों से परममशन लेना पड़िा है और कनेक्शन लगाने का खचा​ा भी बहुि होिा है इसमलए लोग कनेक्शन नहीं लगािे जजस की वजह से उन्हें पानी नहीं ममलिा है | कही ना कही सरकार भी इसमें भेदभाव करिी है । इस बारे में बार-बार मशकायि करने पर भी कुछ नही होिा। इस वाडा में रहने वाले लोगों बहुि से लोगों ने इस समस्या पे online मशकायि दजा करवाई है जैसे की।

"पानी कम आने की वजह से हम लोगों को कार्ी परे शातनया झेलनी पड़ रही है , यहा​ाँ पे कुछ इलाके में पानी आिा है और कुछ इलाको में पानी नहीं आिा जबके उसकी सप्लाई लाइन एक ही है , इलाके के कई लोगों ने मशकायि दजा पहले ही कर चकी है मगर सरकार इस का जवाब नही दे िी है , हम लोगों ने दे खा है की यहा​ाँ पे

bmc ऑकर्सर, पुमलस ऑकर्सर और लोकल plumbers में बहुि करप्शन है । यहा​ाँ पे लोकल plumber पानी का illegal कनेक्शन लगाने के मलए 50,000 से 80,000 रुपया िक लेिे है , मेरे ख्याल से पानी न आने की वजह पानी का illegal कनेक्शन, bmc का कोई ध्यान नहीं है , लोकल plumbers का दखल दे ना है " - मशकायिकिा​ा (consumercomplaint.com, 2011)|


14

पानी के कमी के वजह िे अिर पानी का कम आने की वजह से लोगों को हर ददन कोई न कोई िकलीर् से गुज़ारना पड़िा है । दन ु या में आधे से ज्यादा बीमार लोगों की बीमरी की वजह पानी से जड़ ु ी है । पानी कम आने की वजह से लोग कम पानी वपिे ही जजसकी वजह से उनके जजस्म में पानी की कमी है और वे बीमार हो जािे है । पानी से सम्भंददि कुछ बीमाररया​ाँ जैसे मलेररया, टाइर्ाइड, डेंगू, पेट में वोमा और बहुि सारी आम बीमाररया​ाँ होिी हैं (effects of water shortages, 2012)|

पानी कम और ना आने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में कार्ी परे शातनया होिी है । बहुि सारे बच्चों को स्कूल जाने का मोका नहीं ममलिा है क्यूंकक वोह घरों में पानी भरिे है या बड़ो को पानी भरने में मदद करिे है । बच्चें बीमार होने की वजह से भी बच्चें स्कूल नहीं जापािे(the impact of the water crisis on education, studentsrebuild.com, 2014)|


15

ररिचच मेथड (‫)ریسرچ کا طریکا‬ टॉपपक का नाम: गोवंडी के शांति नगर में पानी की कमी की वजह से बच्चों की पढाई और सेहि पर होने वाले असर|

ररिचच के मक़िद: इस ररसचा में हमारे २ मकसद थे १. शांति नगर में पानी की कमी के वजह से बच्चों की पढाई पर क्या असर हो रहा है ? २. शांति नगर में पानी की कमी के वजह से लोगों के सेहि पर क्या असर हो रहा है ?

हमने ये टॉपपक क्यों चन ु ा? हमारे ग्रुप के सभी में बर गोवंडी के इलाके में बचपन से रे हिे है , हम बचपन से बहुि सारी समस्या दे ख रहे है , और इससे जूझ रहे है | इसमें पानी का मु कार्ी बड़ा मुददा है क्यों की पानी हमारी बतु नयादी ज़रुरि है , और लोग का हक़ भी है | हमारा संववधान हमें पजब्लक सववास में समानिा का अधधकार दे िा है (आदटा कल 21)| पानी एक बतु नयादी जरुरि िो है और सरकारी सववास भी है लेककन शांति नगर की बस्िी में आज भी पानी नहीं आिा है या कर्र बहुि कम आिा है जजससे लोगों की पढ़ाई और सेहि पर कार्ी असर पड़िा है , इस मलए हमने पानी का मुददा चन ु ा।

िरीका हमने ४ मेथड चन ु ी है - सवे, इंटरव्य,ू मवपंग और फ़ोटोग्रार्ी| 1) सवे:- सवे एक ऐसा िरीका है जजसमें सहभाधगयों की नजररयों के बारे में जानकारी ममलिी है , ये जानकारी quantitative हो सकिी है | हमने शांति नगर की बस्िी मैं


16

100 घरो सवे मलया था जजस मैं पानी के प्रॉब्लम की वजह से होने वाली एजुकेशन और हे ल्थ मैं क्या असर पड़िा है , इस के बारे में जानकारी हामसल की है ।

2) इंटरव्यू- इंटरव्यू एक ऐसा िरीका है जजसमें सहभागी से ककसी मुददे पर बाि चीि की जािी है ये भी कई िरह के होिे है जैसे के "टे लीर्ोन ,इन्टरनेट और र्ेस टु र्ेस" हमने र्ेस टू र्ेस इंटरव्यू का िरीका अपनाया है । हमने 5 डॉक्टर ,3 NGO , 2 टीचर और 1 नगरसेववका के पिी का इंटरव्यू मलया है | बस्िी में लोगों की सेहि का क्या हालि है ये जानने के मलए हमने डॉक्टर का इंटरव्यू मलया है और एजुकेशन मैं बच्चों को क्या और ककस वजह से िकलीर् आिी है इस के बारे मैं टीचर से जानकारी ली है । बस्िी में पानी, सेहि और पढाई का ररलेशन और क्या हालि है उस के बारे में NGO और नगर सेवक से जानकारी ली है ।

3) र्ोटोग्रार्ी - र्ोटोग्रार्ी ये एक ऐसी कला और टे क्नीक है जजस में इनर्ामेशन दृश्य के ज़ररये पाई जािी है जजस मैं हमने घरों के स्कूल की और पानी भरिे हुए लोगों की जजस मैं बच्चों औरिे सभी आ जािे है ।

4) मैवपंग- ये एक ऐसा िरीका है जजस के अंदर इलाके की आनेवाली (लैंडमाका) की जानकारी दे खख जाति है | हमने मेवपंग मैं हॉजस्पटल, NGO, बस डडपो, स्कूल, पमु लस स्टे शन, नाला, वाटर लॉधगंग स्पॉट एंड कनेक्शन ये सब हम 2 मैप के जररये समझायेंगे।

प्रोिेि: हमने सवे में पेन ब्लें क पेपर एंड पैड वगैरा इस्िेमाल ककया है | और इंटरव्यू मैं मोबाईल र्ोन (रे कॉडार) का इस्िेमाल ककया है | र्ोटोग्रार्ी मैं कैमरा और मैवपंग में चाट्ास का


17

इस्िेमाल ककया है । हमने सबसे पहले अपना एक ररसचा टॉवपक चन ु ा उस के बाद हमने सवे मलया और कर्र इंटरव्यू और र्ोटोग्रार्ी की और मैवपंग को सब से आखखर मैं ककया।

एगथक्ि: हमारे ररसचा के दौरान हमने तनयम के दहसाब से काम ककया है , और लोगों से बािधचि करने से पहले कॉन्सटा र्ॉमा पे मंजूरी ली है इंटरव्यू सहभागी से पहले अपॉइंमेन्ट मलया था और कर्र ऑडडयो ररकॉडडिंग की इजाज़ि भी ली है | हमने उनको यकीन ददलाया है कक आपकी जानकारी गुप्ि राखी जायगी और जो सहभाधगयों ने कहा है उसमें ककसी िरह की ममलावट नहीं की है |

खासमयां: हमको ऐसा लगिा है कक हमको 100 सवे की जगह 200 सवे लेना चादहए था जजससे और ज्यादा जानकारी ममल सकिी थी| सवे लेिे वक्ि एक दस ू रा लाइट का मुद्दा भी सामने आया था जजस वजह से यहा​ाँ पर लोगों को कार्ी ददक्कि हो रही है | हमने अपने सवे मैं ररमलजन के सवाल नहीं पछ ू े है इसी वजह से एक बड़ा मलममटे शन था क्यों की ररमलजन के दहसाब से डाटा मैं कार्ी असर पड़िा है | इंटरव्यू में मलममटे शन ये था कक हमको एक और नगरसेवक का इंटरव्यू लेना चादहए था और कुछ एक्सपटा का भी इंटरव्यू लेना चादहए था।


18

डेटा अनासिसि​ि

‫ڈیٹا انالسس‬

हमारे ग्रुप का नाम आशाएाँ है | हम पुकार NGO से जुड़े है पुकार NGO युथ को उन की समस्या पर रीसचा करने का मौका दे िी है | हम गोवंडी के शांति नगर में पानी की कमी की वजह से पढाई और सेहि पर क्या असर हो रहा है इस मुददे पर रीसचा कर रहे है , क्योकक जबसे हम पैदा हुए है हमे इस समस्या का सामना कर रहे है और यह समस्या कार्ी गंभीर है क्योकक सुबह उिने से लेकर शाम के सोने िक पानी इस्िेमाल होिा है और ‘जल है , िो कल

है ’। हमारे रीसचा मेथोडोलोजी मे सवे भी एक मेथड है इस मलए हम ने शांति नगर मे 100 घरों का सवे ककया है जजस के डेटा अनामलमसस आगे है । हमारा सवे 4 पाटा

बाटा गया है जजस मे लोगों बस्िी की जानकारी है

१. डेमोग्राकर्क इनर्ामेशन- इस भाग में हमने लोगों को पसानल इनर्ामेशन का अनामलमसस ककया

है |

२. पानी की समस्या – इस भाग में हमने पानी की समस्या को गहराई से जाना है | ३. पढाई और ४. सेहि

१. डेमोग्राक्रफक इनफामेशन डेमोग्राकर्क एक ऐसी जानकारी है की जजस मैं हम सहभागी की पसानल जानकारी कक बाि करिे है | हमने यह जानकारी इस मलए ली है क्यूंकक हमें यह जानना था की शांति नगर बस्िी में ककस िरह के लोग रहिे है और यह जानकारी हमारे डाटा को कार्ी बेहिर करिी है |


19

बस्ती की जानकारी: 1980 से पहले मुंबई के south इलाके में बहुि सी बस्िीया थी और मुंबई के इलाके जंगलाि और दलदल से भरे थे| धीरे -धीरे

ये इलाका डेवलप हुवा, कर्र सरकार ने

beautification drive ककया। जीस में लोगों को मुंबई के कोने-कोने में भेज ददया, जहा​ाँ सभी सहूलिें नही थी और लोग वही बस्िी बसाना शुरू हो गए जजस में एक ‘शांति नगर’ गोवंडी का एक दहस्सा है । बस्िी के सभी लोग गा​ाँव से माइग्रेट होके आये है , जजस का सबसे बड़ा कारन रोजगार है | गा​ाँव में कुछ लोगों के पास जमीन-जायदाि और नोकरी नही होने की वजह से उनकी जीने की ज़रुरि पूरी नही हो रही थी। इस वजह से ज्यादा लोग माइग्रेट होकर शहर में आ रहे है | शहर में आने के बाद उन को राजगार ममल जािा है जजस से उनकी कुछ ज़रुरि परू ी होने लगी और ज़रुरि पूरी करने के मलए उन लोगों ने और दस ु रे लोग (भाई-बंधु या ररस्िेदार) को भी शहर में लाना शुरू ककया और कुछ समय बाद अपनी घर वालो को भी यही ले आए और यही रहने लगे। यहा​ाँ की आबादी बढ़ने लगी जजस की वजह से लोगों की ज़रुरि बढ़ने लगी। जो ज़रुरि लोगों को पहले ममलिी थी उसमे कमी आने लगी जैसे की पानी, एजक ु े शन और हे ल्थ वगैरह। शांति-नगर इलाका M-east वाडा में आिा है , यह पूरा वाडा सारे बाकी के वाडा के दहसाब से वपछडा है | यहा​ाँ पर पढाई, सेहि और रोजगार का प्रमाण कार्ी कम है | इस वाडा का HDI इंडक् े स सबसे कम है और वपछले कई सालों से यह िस्वीर बदली नहीं हैं|


20

शांति नगर मैं ओपन इलाका

शांति नगर बस्िी


21

उम्र 11%

18 से कम

5% 6%

19 to 29 30 to 39 29%

14%

40 to 49 50 to 59

35%

60 से ज्यादा

जो 100 सवे हमने ककया है उस मे 35% लोग 30 से 39 की उम्र के है और 29% लोग 19 से 29 की उम्र के है | मसर्ा 5% लोग 60 साल की उम्र के है और मसर्ा 6% 18 से कम उम्र वाले है । अगर हम 19 से लेकर 39 िक दे खिे हौ िो यह पिा चलिा है कुल ममला के 64% लोग नवजवान है । इससे यह पिा चलिा है की हमने सवे में जजन घरों में जाकर बाि धचि करी वहांपर नवजवान की संख्या बच्चों और बूढों से अधधक ज्यादा है | हमने डोक्टोरो से इंटरव्यू मलया था जजसमे हमको पिा चला की ज्यादा िर बच्चें बीमार होिे है जबकक उनकी संख्या कम है | दो डॉक्टर का कहना है की बच्चों में कुपोषण और प्रतिरक्षा(immunity) कम होने की वजह से वे ज्यादा बीमार होिे है | NGO इंटरव्यू से भी पिा चला है की शांति नगर इलाके में कुपोषण ज्यादा होिे है | अपनालय NGO कुपोषण को लेकर इलाके में सुववधाएाँ दे िी हैं|


22

सिंि 0% स्री

31%

पुरुष 69%

हमने यह सवे दोपहर में 1 से 6 के बीच मे ककया था जजस वक़्ि ज्यादािर मदहलाये घर पर होिी है | पुरुष सब ु ह काम पर चले जािे है | यहा मदहलाए घर पर ही काम करिी है , कभी घर के काम िो कभी छोटा-मोटा काम जैसे मशलाई मशीन, दटकली का या जरी का काम| लेककन बहुि सारी मदहलाये बेरोजगार है | TISS के ररसचा (2011) के दहसाब से 90% मुजस्लम धमा की मदहलाएं इस वाडा में बेरोज़गार है इस वजह से घरों में मदहलाओं की संख्या ज्यादा है और शायद इसीमलए हमारे ररसचा में मदहलाओं की भी संख्या ज्यादा ददखाई दे रही है |


23

घर पर मदहला की र्ोटो


24

आपने कहा​ाँ तक पढाई की है ? 2% 1% 4% तनरक्षर दसवी बारहवी

29%

अंडरग्रेजए ु ट 64%

ग्रेजुएट के ऊपर

हमारे 100 घरों के सवे के दहसाब से 64% सहभागी पढ़ना मलखना नही जानिे, जजसमे ज्यादािर औरिे है | 29% लोग दसवीं पास है और 4% लोग बारहवी पास है , मसर्ा 3% ही लोग बारहवी के आगे की पढ़ाई कर रहे है । इस सवे से यह पिा चलिा है सहभाधगयों में से ज्यादा िर लोग पढे -मलखे नही है और वपछले चाटा (जेंडर चाटा ) के दहसाब से इनमे मदहलाओं का संख्या ज्यादा है | इन दोनों चाट्ास को एनामलमसस करने के बाद यह पिा चला है की बस्िी में मदहलाएं ज्यादा तनरक्षर है और TISS (2011) के ररपोटा से भी यही सामने आिा है की M-East वाडा में तनरक्षरिा का प्रमाण मदहलाओं का 30% है और मरदों का 20% है | NGO के इंटरव्यज ू के दहसाब से बस्िी में लड़ककयों की तनरक्षरिा संख्या इसमलए ज्यादा है क्यूंकक शांति नगर बस्िी में लड़ककयों को दसवी िक ही पढ़ाया जािा है । उनके मा​ाँ-बाप लड़ककयों को ज्यादा पढ़ािे नहीं है |

“मा​ाँ-बाप के मुिाबबक अगर लड़ककयां ज्यादा पढ्लेगी िो उसकी शादी के मलए पढ़ा-मलखा लड़का ढूाँढना मुजश्कल होगा और अगर लड़ककयां ज्यादा पढलेगी िो उसकी उम्र भी ज्यादा हो जाएगी कर्र उसके मलए बड़ी उम्र का लड़का ढूाँढना पड़ेगा। मा​ाँ बाप का मानना है की लड़की अगर ज्यादा पढलेगी िो वोह भुशाल (चालाख) हो जाएगी” –ददयानेश्वर, अपनालय

NGO


25

बस्िी में मसर्ा मदहलाओं की ही नहीं मदों की भी तनरक्षरिा की संख्या ज्यादा है | NGO’s के इंटरव्यू के दहसाब से बस्िी में पढाई इसमलए कम है क्यूंकक लोग अपनी बुतनयादी ज़रुरिे (खाना,पानी और छि) पूरी नही कर पािे है , उन्हें कम पढाई के दहसाब से काम भी अच्छे नहीं ममलिे, उनकी आमदनी कम होिी है | वे अपने बच्चों के पढाई पर भी ध्यान नहीं दे पािे| महं गी पढाई पर ज्यादा खचा​ा करके वे समझिे है शायद अच्छी पढाई ममलेगी| पररवार के मेम्बेिच 3% 1 से 5

28%

6 से 10 69%

11 से ज्यादा

लगभग 70% घरों मे 1 से 5 मेम्बर का पररवार है और लगभग 30% घरों मे 6 से 10 मेम्बर का पररवार है | 3% एसे भी घर जजन के मेम्बर 11 से ज्यादा लोग है । लोगों की सोच है की स्लम इलाके के लोग ज्यादा बच्चें पैदा करिे है जब की हमारे एनालेमसस पाई चाटा से यह पिा चलिा है की यहा​ाँ के ज्यादा िर घरों मे कम मेम्बर है ।

व्यविाय

1% 1% 2% 3%

6%

3% 1%

1%

6%

कॉन्रै क्टर ड्राईवर स्कुल डॉपआउट गदृ हणी

14%

1%

हाउसकीवपंग लेबर (मजदरू ी) 61%

भंगार दक ू ानदार स्टूडेंट


26

61% हाउस वाइर् है 13% लोग मज़दरू है और 6% ड्राइवर वगैरह। इससे यह पिा चलिा है कक यहा पर मदहलाये काम (नोकरी) नही करिी वो घर मे रहिी है और यहा​ाँ के पुरुष भी कोई खास नोकरी नहीं करिे जैसे ज्यादािर लोग मजदरू ी करिे है , या कर्र छोटीमोटी दक ु ान चलािे हैं, कुछ टे लर भी हैं|

घर का स्वरुप 0% 6% 19%

कच्चा सेमी पक्का

75%

75% यहा​ाँ के घर पक्के (मसर्ा इट और सीमें ट का बना हुआ) है | मसर्ा 6% घर कच्चे (मसर्ा पिरे का बना हुआ) है और 19% घर सेमम-पक्के (इट और पिरे का बना हुआ) है | इससे यह पिा चलिा है

की यहा​ाँ के घर ज्यादा िर पक्के है ।


27

पक्के घर का र्ोटो


28

सेमी पक्का घर का र्ोटो

कच्चे घर का र्ोटो


29

िा​ाँव

बबहार

1% 0%

है दरबाद

1% 8% 5%

1%

केरला 16%

68%

कना​ाटक

महाराष्ट उत्तर प्रदे श ओडड़सा

इस बस्िी मे 68% लोग उत्तर पदे श (U.P) के रहने वाले है और महाराष्र के मसर्ा 16% लोग यहा​ाँ पर रहिे है | इस डाटा से ये पिा चलिा है की यहा​ाँ रहने वेले ज्यादािर लोग दस ू री जगह से यहा​ाँ रोजगार और पढाई कक िलाश मे माइग्रें ट होकर आए है । यह जानकारी मसंह, ऑसरीन और अन्य लोगों ने ममलकर की गयी हुयी ररसचा से कार्ी ममलिी है | उन्होंने M-East वाडा के माइग्रें ट लोगों के अनुभवों पर अभ्यास ककया, जजसमे उन्हें साफ़ ददखाई ददया के सबसे ज्यादा लोग उत्तर प्रदे श, महाराष्र और बबहार इत्यादद जगहो से आये है | इनमें से ज्यादािर लोगों को अपनी जरूरिे पूरी करने के मलए आना पड़ा हैं िो कुछ अपनी मजी से भी आये है | मदहलाये ज्यादािर शादी या पिी की जॉब के कारन यहा​ाँ पर आए है (2016 )|


30

2%

महीने की आमदनी

1% 0% 19%

19%

1000-5000 6000-10000 11000-15000 16000 से ज्यादा NA

59%

इस बस्िी में 59% लोगों की एक मदहने की कमाई 6000 से 10000 है और 19% लोगों की 1000 से 5000 कमाई हैं| मसर्ा 2% लोगों की कमाई 16000 से ज्यादा है । इस सवे से यह पिा चलिा है कक यहा​ाँ पर ज्यादा िर लोगों की कमाई below poverty line में आिी है | यहा पर ज्यादा िर लोग माइग्रेट होकर आए है वो ज्यादा पढे मलखे नही है जजस की वजह से कोई अच्छी नोकरी नही है िो उनकी की कमाई भी below poverty line है | RBI गवनार के साथ ममलकर एक्सपटा पैनल ने भारि की पावटी लाइन के बारे में जानकारी बिायी, जजसके दहसाब से अगर एक शहर में रहनेवाले इंसान की एक ददन की कमाई 47 रूपया होगी िो वोह BPL ग्रुप में नहीं आएगा| लेककन इस बस्िी में 47 रुपया में एक वक़्ि का गज ु ारा करना भी मश ु कील है , जहा​ाँ पानी िक खरीदना पड़िा हैं वहा​ाँ सेहि और पढाई का खचा​ा सोचा भी नहीं जा सकिा|


31

पढाई क्रकतने घरों में स्कुि जाने वािे बच्चे है

29% हा​ाँ नहीं 71%

सहभाधगओं के घरों मे लगभग 70% स्कूल जाने वाले बच्चें है और 30% जजनके घर मे बच्चें स्कूल नहीं जािे| इससे यह साबबि होिा है की ज्यादा लोग अपने बच्चों को पढ़ा रहे है िाके वोह अच्छी नोकरी पर हो और कामयाब जज़न्दगी गुज़ारे | अपने बच्चों को अच्छी पढाई दे ने के मलए मा​ाँ-बाप उन्हें प्राइवेट स्कुल में दाखखल करिे है | सहभागी के घरों में 64% घरों के बच्चें प्राइवेट स्कूल मे जािे है और मसर्ा घरों 33% घरो के बच्चें सरकारी स्कूल मे जािे है , 3% घरो में एक बच्चें को सरकारी स्कुल में िो दस ु रे बच्चें को प्राईवेट में डाला जािा हैं|


32

बच्चे िरकारी या प्राइवेट स्कुि में जाते है ? 3% 0%

33%

सरकारी प्रायवेट दोनों

64%

बस्िी में कार्ी सारी प्राइवेट स्कुल है , इनकी फ़ीस कार्ी ज्यादा होने के बावजद ू पेरेंट्स अपने बच्चों को यहा​ाँ भेजिे है क्योंकी उनकी सोच शायद ऐसी हैं की प्राइवेट स्कूलों में बच्चों पे ज्यादा ध्यान ददया जािा है |

“इस बस्िी में बच्चों के मलए सेकंडरी स्कूल नहीं है और वो खुद यहा​ाँ बढ़ी लागि से सेकंडरी स्कूल बनानेवाले है ” - र्ाहद आज़मी,नगरसेववका के शोहर (वाडा no. 134)

इस बस्िी के करीब बहुि सारे स्कूल है | 33% बच्चें BMC स्कूल में जािे है और यहा​ाँ के बच्चें पढने के मलए गोवंडी के बाहे र भी जािे हैं| कुछ बच्चें करीब के स्कूल मे जािे है | बाकी के 64% प्राइवेट स्कूल में जािे है | 3% घरों में बच्चें

सरकारी के साथ साथ प्राइवेट

स्कूल में भी जािे है | यहा​ाँ बहुि सारे नयी प्राइवेट स्कुल खल ु िी रहिी है , यह स्कुल छोटी-मोटी गली में होिी है जहा​ाँ ना खेलने की और ना ही शौच की सही सुववधा होिी है |


33

बस्िी की स्कुल की र्ोटो

हमने पानी और पढाई को लेकर सहभागीयों के घरों में बच्चों को पानी के काम में जोड़ा जािा है क्या ये हमने जाना|


34

स्कुल के यूतनर्ामा में पानी भरिे हुए लड़का


35

बच्चा उसके वजन से ज्यादा पानी का गैलन उिा रहा है |


36

पानी िाने में बच्चो की मदद

8% 34%

हा​ाँ नहीं घर में बच्चे नहीं है

58%

लगभग 34% लोग जो पानी भरने मे बच्चों की मदद लेिे है बजल्क 58% सहभागी पानी भरने मे बच्चों की मदद नही लेिे| घर में बच्चों की मदद लेने के वजह से बच्चों के पढाई पे कार्ी असर हो रहा है , उन्हें ददक्किे आ रही है ...

पानी िे जड ु ी हुयी सशक्षा में आनेवािी रुकावट 0% 0% 7%

14%

16%

2%

नहाने नहीं ममलिा नींद खराब होिी है स्कुल में लेट िबबयि ख़राब

61%

पढाई नहीं होिी

लगभग 61% बच्चों को पानी भरने की वजह से स्कूल जाने मे लेट होिा है | 16% सह्भाधगयो को पानी भरने से िबबयि ख़राब होिी है , 2% लोग है जजन को सुबह जल्दी


37

उिना पढिा है जजससे उनकी नींद ख़राब होिी है | इसमें सबसे ज्यादा बच्चों को स्कूल जाने में दे री होिी है ...

पानी की वजह िे स्कूि में दे री ?

1 से 5 6 से 10 11 से 20

सवे के मुिाबबक जो बच्चें सुबह उि कर पानी भरिे हैं उनमे से 82% बच्चों को वपछले 1 महीने मे 1 से 5 ददन स्कूल जाने मे लेट होिा है | 11% बच्चों को 6 से 10 ददन एक महीने में स्कूल जाने में दे री हुई है | 7% एसे भी लोग है जजन को महीने मे 11 से 20 ददन स्कूल जाने मे लेट होिा है |

“बच्चें लेट और एब्सेंट होने के अलग अलग कारन बिािे है जैसे की पानी लेट और नही आया ,पानी के मलए लंबी लाइन लगानी पड़िी है , कुछ बच्चें ऐसा कहिे है कक वे अपने भाई-बहन को संभालिे है , अम्मी की िबबयि खराब थी, अब्बू काम पर गए थे, कभी कभी बच्चों के लेट आने पर गेट बंद हो जािा हैं जजस की वजह से बच्चें एब्सेंट भी हो जािे है ” -अर्रीन (name changed), टीचर (BMC)


38

पानी शांति नगर बस्िी में पानी का बहुि प्रॉब्लम है जजस की वजह से लोगों को बहुि परे शातनया झेलनी पड़िी है |

ज़रुरत के हहिाब िे पानी समिता है क्या?

33% हां नहीं 67%

शांति नगर बस्िी मे लगभग 70% रहने वाले लोगों को ज़रुरि के दहसाब से पानी नहीं ममलिा है और मसर्ा लगभग 30% लोगों को ज़रुरि के दहसाब से पानी ममल जािा है । इस एनामलमसस से यह पिा चलिा है की शांति नगर की बस्िी मे ज्यादािर लोगों को पानी ज़रुरि के दहसाब से नही ममलिा है और उन्हें इसकी वजह से बहुि सी परे शातनयों का सामना करना पड़िा है ।


39

पपछिे एक महीने में क्रकतने हदन ज़रुरत के हहिाब िे पानी नहीं समिा

3%

2% 4% 1 से 5 ददन

6 से 10 ददन

13% 49%

11 से 15 ददन 16 से 20 ददन

29%

21 से 25 ददन 26 से 30 ददन

वपछले एक महीने मे िक़रीबन 50% लोगों के घरों मे 1 से 5 ददन पानी ज़रुरि के दहसाब से नही ममला। 29% घरों मे भी 6 से 10 ददन ज़रुरि के दहसाब से पानी नही ममला और 4% एसे भी घर है जजन को पुरे महीने ज़रुरि के दहसाब से पानी नही ममला| इससे साबबि होिा है की यहा​ाँ के लोगों को ज़रुरि के दहसाब से पानी नहीं ममलिा जजसकी वजह से लोगों को कार्ी परे शातनया​ाँ होिी है । सबसे ज्यादा सेहि पे इसका साफ़ असर ददखाई दे िा है | जरुरि का पानी नहीं ममलने पर लोग पीले पानी का इस्िमाल करिे हैं , जो की गन्दा होिा हैं और इस पानी से बदबू भी आिी है | कुछ लोग घर की साफ़-सर्ाई भी नहीं रख सकिे और बाकी लोगों को पानी भरने के मलए दस ु रे इलाके में जाना पड़िा है |


40

पानी क्रकतनी दरु ी िे िाना पड़ता हैं? 1% 2% 4% 4%

10 से 300 मीटर

301 - 600 मीटर 601-900 मीटर

18%

901-1200 मीटर 71%

1201-1500 मीटर अन्य

हमारे सवे के मुिाबबक लगभग 70% लोगों को पानी लाने के मलए 10 से 300 मीटर की दरू ी पर जाना पड़िा है और 4 % ऐसे भी लोग है जजन को 900 से 1200 मीटर की दरु ी से पानी लेने के मलए जाना पड़िा है | इससे यह साबबि होिा है की ज्यादा िर लोगों को पानी दरू से लाना पड़िा है | इिनी दरू से पानी लाने की वजह से उनकी सेहि और समय पर भी असर पड़िा है

जैसे की कमर ददा , मोच, चक्कर आिी है , वक्ि की बबा​ादी होिी है , काम

पर और स्कूल को दे री वगैरा|


41

पानी दरू से लाना पड़िा है इसीमलए बहुि घरों में सायकल का इस्िेमाल करना पड़िा है , कुछ सायकल पानी के बोझ से ख़राब भी हो जािी है |


42

पानी िाने में क्रकतना िमय ि​िता है ? 3% 2%

12%

आधा घंटा या उससे कम

21%

आधे से एक घंटा एक से दे ड घंटा

11%

दे ड से दो घंटा

दो से ढाई घंटा ढाई से चार घंटा

51%

लोगों को पानी भरने और उसके मलए लाइन लगाने में भी समय जािा है । लगभग 50 % लोगों को लाइन लगा कर पानी भरने में 1/2 से 1 घंटे लगिे है । 2% एसे भी है जजनको 3 से 4 घंटा भी लगिा है । इससे यह साबबि होिा है की लोगों को पानी भरने और उसके मलए लाइन मे खड़े रहने के मलए कार्ी वक़्ि बबा​ाद हो रहा है । क्या आप पानी खरीदते है ? 2%

हा​ाँ नही

98%

पानी लोगों की बुनयादी ज़रुरि है ओर लोगों का हक़ है जब की इस बस्िी के 98% घरों के लोगों को पानी खरीदना पड़िा है । इससे यह पिा चलिा है की यहा​ाँ पे लगभग सभी लोग पानी खरीदिे है इसका कारन यह हो सकिा है की इस बस्िी के घरों मे पानी के कनेक्शन बहुि ही कम है या कर्र कनेक्शन होने के बावजद ू नल में पानी नहीं आिा|


43

इस वजह से यहा​ाँ पानी का कारोबार आसानी से शुरू हुवा है | पानी माकर्या यहा​ाँ का आम नाम है और पानी को बेचना-खरीदना एक सामान्य दक ु ान! जजस बस्िी में पहले से ही लोगों की आमदनी कम हो वहां पानी पर पैसा दे ने पड़े िोह सोचों लोगों की क्या हालि होिी होगी|

1% 1%

पानी का खचाच

2% 2% 15%

21%

100-500 501-1000 1001-1500 1501-2000 2001-3000 3001-4500

58%

NA

लगभग 60 % लोगों को महीने मे 500 से 1000 रूपया िक खचा​ा होिा है और 3 % लोगों को 2000 से 5000 रूपया िक भी खचा​ा होिा है । जहा​ाँ लोगों की आमदनी 5 से 10,000 हैं वहा उनको पानी में ही कम से कम 1000 रुपया खचा​ा होिा है | पहले ही प्रोब्लम में र्से लोगों पर यह एक और प्रोब्लम आ जािी है | पानी लोगों की बन ु यादी ज़रुरि मे से एक है और सरकार का काम है की वोह हर लोगों के घर मे पानी मुह्या करे | ऐसा न होने की वजह से बस्िी के लोगों का कार्ी खचा​ा होिा है | खचे के वजह से लोग मज़बूरी में घर के काम के इस्िेमाल के मलए पीले पानी की भी इस्िेमाल करिे हैं, यह पानी कम दाम बेचा जािा है | पीला पानी वह होिा हैं जो ज़मीन पर खड्डा करके पानी तनकालिे है , यह पानी गन्दा होिा है | जजस का इस्िेमाल इस बस्िी के लोग कपडे, बिान, नहाने, शौच और सर्ाई के मलए करिे है और यह पानी सस्िा और हर समय पर ममलिा है |


44

पीिे पानी का इस्तेमाि

33%

हा​ाँ नहीं 67%

सवे से यह सामने आया की बस्िी मे 33% लोग पीले पानी का इजस्िमाल करिे है और 67% लोग पीला पानी का इजस्िमाल नहीं करिे, हाला की यह नम्बर ज्यादा होने की िादाद ज्यादा है क्योंकक बहुि से लोग शायद पीले पानी का इस्िेमाल करना छुपािे है | कर्र भी 33% कार्ी ज्यादा हैं जजस वजह से उनकी सेहि पर कार्ी असर पड़िा है | पानी भरने में क्रकि तरह की परे शानी होती है 3% 10%

खचा​ा होिा है 11%

सहि पर असर पड़िा है बहुि समय लगिा है

21%

कुछ िकलीर् नहीं होिी 55%

घर के दस ु रे काम में परे शानी होिी है


45

खाड़ी पर शौच करने जाते वक़्त १ रूपये का पानी पाउच िेकर जाते है |


46

िेहत: हर रोज पानी िाफ़ करते है ?

हा​ाँ

34%

नहीं 66%

66% सहभागी घरों मे पानी सार् कर के रखिे है । जैसे के पानी गरम करके, छान के और कफ़ल्टर मशीन का इस्िेमाल करिे है | 34% लोग नल का पानी बबना सार् ककये ही इस्िेमाल करिे हैं जजस वजह से उनके सेहि पर कार्ी असर पड़िा होगा| क्रकि तरह िे पानी िाफ़ करते है 3% 0% 0% 3%

8% 27%

बिान साफ़ गरम करके चान के

22%

धाक के

37%

डायरे क्ट यज़ ू कर्ल्टर

बस्िी मे 37% लोग पानी गरम कर के इस्िेमाल करिे है | 25% लोग पानी को छान के, ढक के इस्िेमाल करिे है और 27% बिान साफ़ कर के इस्िेमाल करिे है | 3% ऐसे भी है जो कफ़ल्टर का इस्िेमाल करिे है | 8% ऐसे भी है जो डायरे क्ट नल का पानी इस्िेमाल करिे है |


47

३ महीने में क्रकतने िोि बीमार हुए

20%

1 से 5 लोग 6 से 10 लोग

5%

कोई नहीं

75%

सवे एनामलमसस के दहसाब से हर 3 महीने मे 1 से 5 लोग 75% घरों मे बीमार हुए है और 5% एसे भी घर है जजन के घर मे 6 से 10 लोग 3 महीने मे बीमार हुए है । बस 20% घर ऐसे जजसमे 3 महीनों मे कोई बीमार नही हुआ| वपछले 3 महीनो में बस्िी के ज्यादािर लोग बीमार पड़े हैं बीमारी

बख ु ार, सदी और

खांसी बदन ददा -सर ददा 1% 1%

डेंगू

13%

3%

उलटी-जल ु ाब

1% 1%

मलेररया

1% 1% 2%

जस्कन प्रॉब्लम

3% 3%

57%

5%

सांस र्ूलना डायबटीज

4% 4%

माहवारी के प्रॉब्लम खज ु ली

हमारे सवे में यह ददखायी ददया है की, 57% जो सबसे ज्यादा है उन्हें आम बीमाररया जैसे सदी, खांसी और बुखार होिा है | और कुछ लोगों को जस्कन प्रोब्लेम्स जैसे खज ु ली और


48

जस्कन इन्र्ेक्शन भी होिे हैं| उलटी-जुलाब और टॉयर्ोइड जैसी बीमाररया​ाँ भी यहा​ाँ पर आम है | डेंगू और मलेररया साफ़-सर्ाई ना रखने पर र्ैलिा है िभी TB जैसे बीमारी घनी बजस्ियों में िेजी से र्ैलिी जािी है |

अिर हा तो कैिे 2% 3% 0% 0% गन्दा पानी की वजह

10%

वज़न चीज़

8%

44%

इन्र्ेक्शन पीले पानी सुबह उिने

33%

िं डी लगिी है

44% को लगिा है की गंदे पानी की वजह से उनकी सेहि पर असर होिा है | 33% लोग को लगिा है की पानी का वजन उिाने से उन की सेहि पर असर होिा है और 10% लोग को लगिा है की पीले पानी से उन की सेहि पर असर होिा है |

बीमारी का इिाज करते हैं?

5% 16%

हा​ाँ नहीं अन्य 79%


49

जब हमने उन्हें पुछा अगर वो बीमारी का इलाज करिे हैं िो लगभग 80% लोगों ने हा​ाँ कहा​ाँ मसर्ा 16% सहभागी ने इलाज नही कराया है , इस सवे से पिा चलिा है की लोग बीमारी पर इलाज करिे है और बहुि कम लोग इलाज नही करवािे है । लेककन यहा​ाँ पर हमें इलाज का मिलब भी समझना होगा बहुि से लोग एक-दो ददन मेडडकल से या छोटे -मोटे जगह से दवाई खािे है क्योंकी सही इलाज करने में पैसा और वक़्ि दोनों करना उनके मलए मुनामसब नहीं होिा| इिाज कहा​ाँ िे करते हैं?

8%

19% सरकारी दवाखाना प्रायवेट दवाखाना

73%

दोनों राय करिे हैं

73% सहभागी बीमारी का इलाज प्राइवेट हॉजस्पटल में कराया है और 19% लोग मुजन्सपल हॉजस्पटल में कराया है इससे सहभाधगयों को ऐसा लागि है कक प्राइवेट हॉजस्पटल मे ज्यादा धधयान दे िे है इस मलए सहभागी लोग ज्यादा िर प्राइवेट हॉजस्पटल मे इलाज करवािे हैं|


50

बीमारी पे खचाच 1% 100-500

9%

501-1000 16%

39%

1001-1500 1501-2000 2001-4000

8% 11% 16%

4000 से ज्यादा NA

लोगों को बीमारी का इलाज करने मे बहुि खचा​ा होिा है लगभग 40% लोगों को 100 से 500 रुपया िक खचा​ा हुआ है | 1% एसे भी लोग है जो बीमारी के इलाज पर खचा​ा नही करिे और लगभग 10% सहभागी घरों मे लोगों का बीमारी पर 4000 या उस से ज्यादा भी खचा हुआ है । (घर खचा प्रति मदहना) जब लोग बीमार होिे है िो उनकी सेहि पे िो असर पड़िा ही है लेककन उनके घर ख़चा पर भी असर होिा है इसमलए हमने डॉक्टरों से बीमारी पे खचे के भी सवाल पूछे। ज्यादा िर डॉक्टरों का कहना है कक आम बीमारी पर 1 ददन का 40 से 50 रुप खचा होिे है जजस म मसमलनीक से एंटीबायोदटक टे बलेट्स और जस्कन के मलए साबुन वगैरा दे िे है , और बड़ी बीमारी वाले मरीज को शिाब्दी, राजावाड़ी और सायन से

2000 या कर्र उससे भी ज्यादा खचा​ा होिा है

भेजिे है जजस पर उन का 500


51

क्या आपको ि​िता हैं के पानी की वजह िे आपके िेहत पर अिर पड़ता हैं? 6% हा​ाँ नहीं

35%

NA 59%

सहभागी लोगों को ऐसा लगिा है की पानी की वजह से 59% लोगों की सेहि पर असर पड़ रहा है और 35% लोगों के सेहि पर असर नही पड़ रहा है | लोगों ने बिाया की गन्दा पानी जब वोह पीने के मलए इस्िेमाल करिे है िो उसका असर उनकी सेहि पर पड़िा हैं| पानी लाना भी बहूि मुजश्कल का काम हैं, पानी का गैलन उिाने से बदनददा -सरददा होने लगिा हैं| पानी दरू ी से लाने के मलए लोगों को सुबह जल्दी उिाना पडिा हैं, जजससे नींद भी परू ी नहीं होिी और िण्ड भी लगिी हैं| उसी के साथ-साथ गली के नाले साफ़ ना होने की वजह से सेहि पर असर पढ़िा है | र्ाहद आज़मी का

केहना था कक,

“bmc पानी सार् छोडिी है , मगर पानी की पाईप लाईन गटर के अंदर से आिी है इसमलए लोगों को पानी गन्दा ममलिा है जजस की वजह से सेहि ख़राब होिी है ”| पानी की पाईपलाईन गटर नाले से गुज़रिी है जोके कही कही पाईपलाईन टूटी या leak होिी है जजसकी वजह से पानी गन्दा हो जािा है और लोगों की सहि ख़राब होिी है ।


52

डॉक्टर का कहना है की बाररश के ददन मैं खड्डों में पानी जमा हो जािा है जजस पर मछर बढ़िे है जजस वजह से मलेररया होिा है और इलाज न करवाने पर डेंगू भी हो सकिा है ।और पीले पानी की वजह जस्कन इन्र्ेक्शन होिा है और पीले पानी से बिान धोने से पेटददा जैसी बीमारी होिी है ।


53

नतीजा

‫نتیجہ‬

हम शांति नगर की बस्िी में पानी कम आने की वजह से एजुकेशन और हे ल्थ पर क्या असर हो रहा है इस मद ु दे पर काम काम क्या है | इस ररसचा से कुछ जरुरी मद् ु दे सामने आये हैं जजससे हम यहा​ाँ की प्रोब्लेम्स को समझ सकिे है |

1980 से पहले मुंबई के south इलाके में बहुि सी बजस्ियां थी और मुंबई के दस ु रे इलाके जंगलाि और दलदल से भरे थे| धीरे -धीरे ये इलाका डेवलप हुवा, कर्र सरकार ने beautification drive ककया जजस में लोगों को मुंबई के कोने-कोने में भेज ददया गया, जहा​ाँ सभी सहूलिें नही थी और लोग वही बस्िी बसाना शुरू हो गए| जजस में एक ‘शांति नगर’ हमारी बस्िी भी है । बस्िी के सभी लोग गा​ाँव से माइग्रेट होके आये है , जजस का सबसे बड़ा कारन रोजगार है | गा​ाँव में कुछ लोगों के पास जमीन-जायदाि और नोकरी नही होने की वजह से उनकी जीने की ज़रुरि पूरी नही हो रही थी। इस वजह से ज्यादा लोग माइग्रेट होकर शहर में आ रहे है | शहर में आने के बाद उन को रोजगार ममल जािा है जजससे उनकी कुछ ज़रुरि पूरी होने लगी| और दीगर ज़रुरि पूरी करने के मलए उन लोगों ने दस ु रे लोग (भाई-बंधु या ररस्िेदार) को भी शहर में लाना शुरू ककया और कुछ समय बाद अपनी घर वालो को भी येहीं ले आए और येहीं रहने लगे। यहा​ाँ की आबादी बढ़ने लगी जजस की वजह से लोगों की ज़रुरि बढ़ने लगी। जो ज़रुरि लोगों को पहले ममलिी थी उसमे कमी आने लगी जैसे की पानी, एजक ु े शन और हे ल्थ वगैरह। शांति-नगर इलाका M East वाडा में आिा है , यह पूरा वाडा बाकी के वाडा के दहसाब से वपछड़ा है | यहा​ाँ पर पढाई, सेहि और रोज़गार का प्रमाण कार्ी कम है | इस वाडा का HDI सबसे कम है और वपछले कई सालों से यह िस्वीर बदली नहीं हैं|


54

कही ना कही मसस्टम (सरकार) की भी गलिी है वे नॉन-स्लमस इलाके पर ज्यादा ध्यान और सुववधा दे िे है | स्लम इलाके में बहुि ही कम ध्यान और सुववधा दे िे है जबकी सब से ज्यादा वोदटिं ग की संख्या स्लम इलाके में ही होिा है | सरकार को शायद ऐसा लगिा है की यह माइग्रेट और गरीब लोग है इन्हें अगर कम सुववधाएाँ दी जाए िो वे कर्र भी एडजस्ट कर लेंगे। बस्िी के लोगों को यह सभी एडजस्ट करने में , सुबह से लेकर शाम िक उन्हें कई मजु श्कलों का सामना करना पड़िा है | जजसमें पानी एक बड़ी समस्या है , पानी की कमी और ज़रुरि के दहसाब से कम पानी ममलने पर एजुकेशन और हे ल्थ पर भी असर पड़िा है । पानी लोगों की बुनयादी जरूरिों में से एक ज़रुरि है | हमारे इलाके में पानी पूरे ददन में से मसर्ा सुबह में 1 ही घंटा आिा है जजस में ज्यादािर लोगों को ज़रुरि के दहसाब से पानी नही ममलिा है | हमारे सवे एनालाइमसस के दहसाब से 100 घरों में मसर्ा 4 घर में ही नल लगा है और बाकी लोग दस ु रे इलाके से पानी भरिे है | उन को उस पानी के पैसे भी दे ने पड़िे है जजसकी वजह से उनके घर खचा पर भी असर पड़िा है | कुछ लोग पानी भरने में बच्चों की मदद लेिे हैं जजसकी वजह से बच्चों की स्कूल लेट या छुट्टी भी हो जािी है और उनकी हे ल्थ पर भी असर पड़िा है | ज़रुरि के दहसाब से पानी ना ममलने की वजह से कुछ लोग पीले पानी का इस्िेमाल करिे है क्यूंकक पीला पानी सस्िा और हमेशा ममलिा है । पीले पानी का इस्िेमाल कुछ लोग कपड़े, बिान और घर की सर्ाई के मलए इस्िेमाल करिे है | कुछ लोग टॉयलेट ओर नहाने के मलए भी इस्िेमाल करिे है जजसकी वजह से उनको खज ु ली, स्कीन इंर्ेक्शन, खासी, सदी, पेट-ददा , जुलाब और बुखार ऐसी बीमारी होिी है | जजसका इलाज आस-पास के अस्पिाल में करवािे है जजसपर महीने का उनको 1000 से 2000 खचा हो जािा है | जजसकी वजह से उनको घर खचा में कार्ी कदिनाई आिी है ।


55

हमारे ररसचा के दहसाब से इस बस्िी में ज्यादा िर लोग पढे मलखे नही है | जजसकी वजह से इस बस्िी के लोगों की आमदनी 6000 से 10000 िक ही होिी है । उस में उनको पानी पर और पानी की वजह से बीमारी पर 200 से 2000 िक खचा होिा है । इसके इलावा और भी खचे होिे है | इस वजह से गरीब और गरीब हो रहे है। अगर इसी िरह से शहर की कुछ बजस्ियों को अनदे खा कर दे और वहा​ाँ पर रहनेवाले लोगों की जजंदगी का कोई मोल-भाव नहीं हो, िो सवाल ये आिा है - क्या यहा​ाँ पर रहने वाले लोग इस शहर के नागररक नहीं हैं? क्या ऐसी बजस्िया​ाँ शहर ववकास का दहस्सा नहीं हैं? पानी को हक़ माना जािा है पर यहा​ाँ इसी हक़ को हर ददन खरीदना पड़िा है | हम सोचिे है अगर आये ददन युही चलिा रहा िो इस बस्िी और लोगों की मुस्िकबबल का क्या होगा| इस परे शानी को बदलने के मलए हम बस्िी के लोगों को भी आगे आना होगा, हमारे छोटे बच्चों को पढाई दे ना होगा| अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई के मलए जोर दे और टीचर को भी चादहए कक बच्चों को अपने हक़ के मलए RTI का िरीका मसखाए िाकक बच्चें अपने हक़ के मलए सरकार से बोले ओर ज़रुरि पड़ने पर अपना हक़ लड़कर मांगे। हमें यकींन है अगर हम साथ आये िो ये सरू िेहाल जरुर बदलेगा|

कानन ू का है खेल परु ाना, मगर बाटा है दो दहस्सों में यह कहिे हैं के हक़ हैं सबको, मगर हैं दो दहस्सों में पहला दहस्सा है अजीज इनको, दस ू रा इनके नजर में ही नहीं क्यों कहिे हैं इंसार् इसको, जबकी ककसीको बहुि ज्यादा और ककमसको कुछ भी नहीं...


56

सशफाररश

‫سفارش‬

 पानी यह एक बहुि ही बडी समस्या है । पानी कम और ना आने की वजह से लोगों को कार्ी परे शातनया​ाँ झेलनी पड़ रही है । शांति नगर बस्िी के नगर सेवक और आमदार को इस पानी की समस्या पर ध्यान दे ना चादहए। अगर सरकार इसपर ध्यान दे गी िो शायद आने वालो सालों में शांति नगर बस्िी में पानी की समस्या कम हो जाएगी।

 इस इलाके में सरकार ही भेदभाव करिी है । सरकार स्ल्म्स और नॉन-स्लम्स में कार्ी भेदभाव करिी है । जहा शांति नगर में पानी ही नहीं आिा है और जहा M East वाडा में मसर्ा एक घंटा ही पानी आिा है वहा मंब ु ई र्ोटा और नॉन-स्ल्म्स इलाके में 24 घंटे पनी आिा है । अगर सरकार खद ु भेदभाव करना छोड़ दे िो पानी की समस्या दरू हो सकिी है ।

 शांति नगर बस्िी में पानी कम आने की वजह से लोग यहा​ाँ पे पानी का धंदा करने लगे है , यह लोगों को पानी माकर्या कहिे है । पानी माकर्या, पुमलस अर्सर और यहा​ाँ की सरकार सब की ममली भगि है । अगर पुमलस अर्सर इस समस्या पर इमानदारी से ध्यान दे गी िो लोगों को पानी मुफ़्ि में ममलेगा जजनसे उनका खचा​ा कम होगा। खचा​ा कम होने पर वे अपनी दस ू री ज़रूरिों पर ध्यान दे सकेंगे।

 शांति नगर बस्िी में पानी की कमी की वजह से लोग कार्ी बीमार पड़ रहे है और उनका बीमारी के इलाज पर भी बहुि खचा​ा हो रहा है । अगर सरकार उनके मलए सवु वधाए जैसे हे ल्थ पोस्ट, फ्री हे ल्थ कैंप वगैरह दे गी िो उनका खचा बच जायेगा।


57

 बस्िी के लोगों का बीमार होने का कारन पीला पानी भी हो सकिा है। पीला पानी लोगों की सेहि के मलए हातनकारक है। लोग खचा​ा बचाने के मलए पीला पानी खरीदिे है और बाद में बीमार हो जािे है और कर्र बीमारी के इलाज में खचा​ा बढ़ जािा है । अगर लोग पीला पानी का इजस्िमाल ना करिे हुए उन्हें पहले ही साफ़ पानी ममल जाए िो उनकी सहि भी अच्छी रहे गी।  शांति नगर बस्िी के आस पास जो BMC स्कूल है , उनमे मसर्ा आिवी कक्षा िक ही पढाई है । जजसकी वजह से लोग बच्चों को प्राइवेट स्कूलो में ही दाखला करवािे है । अगर सरकार इस इलाके में BMC स्कूलो को दसवी कक्षा िक करे गी िो लोग बच्चों को दाखला BMC स्कूलो में करवाएंगे जजनसे उनका खचा बच जायेगा और बच्चें अच्छे से पढ भी सकेंगे।

 बस्िी में लोगों को अपना वोट दे िे हुए और भी जागरूक होना पड़ेगा और एक साथ आकर हक़ पाने के मलए मांग करनी होगी|


58

रे फरें ि

‫ریفرنس‬

 Administrative division of Mumbai, Wikipedia, 2017 available at https://googleweblight.com/i?u=https://en.m.wikipedia.org/wiki/ Administrative_divisions_of_Mumbai&grqid=uv-Mb7EN&hl=en-IN , seen on 8/may2017  Koppikar smruti; 'shah rukh won't shake my hands, see how they smell': the stench of despair from mumbai's underbelly, scroll.in, 2017 available at https://www.google.co.in/amp/s/amp.scroll.in/article/828965/sh ah-rukh-wont-shake-my-hands-see-how-they-smell-the-stench-ofdespair-from-mumbais-underbelly, seen on 8/may/2017  M/east ward, gmdma, 2017 available at http://googleweblight.com/i?u=http://dm.mcgm.gov.in:9080/gm dma/?page_id%3D85&grqid=oM9vW_g2&hl=en-IN, seen on 8/may/2017  George anesha; report on M/east ward reveals the poor picture of Mumbai's unequal development, DNA news, 2015 available at http://www.dnaindia.com/locality/mumbai-north-east/reportmeast-ward-reveals-poor-picture-mumbai%E2%80%99s-unequaldevelopment-58740, seen on 8/may/2017  Human Development Report 2009, the open data, 2012 available at http://theopendata.com/site/2012/01/mumbai-humandevelopment-report-2009/, seen on 8/may/2017  Khan kashif; BMC (mward) water supply department chembur (mumbai)-less water supply in the area, consumercomplaints.in, 2011 available at https://www.consumercomplaints.in/complaints/bmc-m-wardwater-supply-department-chemburmumbai-shivaji-nagar-


59

govandi-mumbai-city-maharashtra-c382622.html, seen on 8/may/2017

 McKenzie Ryan; effects of water shortages, ENVIRONMENT911, 2012 available at http://www.environment911.org/Effects_of_Water_Shortages, seen on 8/may/2017  West Susan; the impact of the water crisis on education, students rebuild, 2014 , available at http://studentsrebuild.org/blog/2014-02-07/impact-of-watercrisis-education, seen on 8/may/2017  Tata Institute of Social Sciences, M ward Report, 2011 , available at http://urk.tiss.edu/images/pdf/M-Ward-Report.pdf, Seen on

10/may/2017  Basu mihika; 'education system fails children, 30% drop out in MEast ward', ie cities, 2014 available at http://indianexpress.com/article/cities/mumbai/educationsystem-fails-children-30-drop-out-in-m-east-ward/, seen on 10/may/2017

 Singh shivaji, Dr osrin David et.al.; the migrant experiences of Mumbai's M East slum communities, MGDNF, 2013 available at https://cream.conferenceservices.net/resources/952/3365/pdf/MGDNF2013_0524.pdf, seen on 10/may/2017  MEastWardTISS; M ward Mumbai: Prof parsuraman, Director TISS Talks about M Ward.avi, YOUTUBE, 2011 available at https://m.youtube.com/watch?v=G2bfGP3zutU, seen on 10/may/2017


60

ग्रप ु जनी और हमारी सिख

‫گروپ سفر اور ہماری سکھ‬

हम वपछले कई सालों से अपनालय NGO से जड़ ु े है | अपनालय

से पिा चला है की

पक ु ार NGO यथ ू को उनकी समस्या पर ररसचा करने का मोका दे िी है | हम पक ु ार से जड़ ु के हमारे बस्िी शांति नगर में पानी कम आने की वजह से एजुकेशन और हे ल्थ पर क्या असर हो रहा है एस मुददे पर ररसचा कर रहे है | वकचशॉप मैं हमने क्या सिखा? हमने एक साथ ममल कर काम करना मसखा, एक दस ू री की बाि सुनना और सुनकर समझने की कोमशश करना सीखे| ममलकर काम करने का मजा िो पाया, ममलकर काम करने का िरीका भी मसखा| सुचना का अधधकार का फ़ायदा जाना और हमारे ररसचा मैं इसका इस्िेमाल करना मसखा| मैवपंग करना मसखा, हम हर चीज के िरर् ररसचा की नजर से दे खने लगे, वक्ि पे काम करने की कोमशश अभी भी कर रहे है | हमारा भाईचारा भी बढ़ा| हर बाि पे गौर करना मसखा| ममल-जल ु कर काम करना मसखा| सरकारी कामकाज कैसे चलिा है यह बाि नजदीक से दे खा| खचा करने के िरीके सीखे और उसको मैनेज करने के भी िरीके सीखे|

हमारा समिना – समहटंि हम हर हफ्िे अपनालय NGO मैं ममलिे थे| कभी-कभी हर ददन ममलिे थे| इस मीदटंग में हम सब ममलकर आगे का काम िैय करिे थे| घरों का सवे कैसे करना है , सवाल क्या रहें गे इस बारे मैं बाि-चीि करिे थे| मीदटंग वक्ि पे शुरू करने की कोमशश जरुर करिे थे पर कभी कभी नही हो पािी थी| हमारे र्ेमसमलटे टर सतु नल इस मीदटंग में अक्सर आिे थे| रोहन, नागेश और सुवणा​ा की मीदटंग मैं कार्ी मदि ममली| मीदटंनस कार्ी दे र िक चलिी थी| हर सदस्य अपनी राय रखिे थे, हमने एक दस ू रे की इज्जि करना मसखा|


61

हमने यह पवषय चन ु ने की वजह हमारे ग्रुप के सभी लोग गोवंडी के इलाके में बचपन से रह रहे हैं| इस इलाके मैं कई सारी समस्या है जजन मैं से पानी की समस्या कार्ी बढ़ी समस्या हैं | आज भी बस्िी मैं पानी बहुि कम आिा हैं| हम सब परे शान हैं| सभी लोंगो को पानी ममलना चादहए मगर शांति नगर बस्िी मैं ह्मेशा से ही पानी बहुि कम आिा हैं| लोगों को इस वजह से बहुि परे शानी उिानी पड़िी हैं बच्चों को सुबह पानी भरना पड़िा हैं िो बच्चें स्कूल वक्ि पे नहीं जा पािे, लोगों को रोजगारी मैं परे शानी पैदा होिी है , लोगों के काम छुट जािे हैं, दरू से पानी लाना पढिा हैं, हर रोज़ पानी का बोझा उिाने से शरीर पर असर पड़िा हैं जैसक े ी थकान, बदन-ददा और कई सारे हादसे भी हो जािे हैं| इस सभी परे शानी की वजह से हमने यह मुद्दा मलया हैं| डाटा किेक्शन मीदटंग में िय ककया था की शांति नगर के 100 घरों का सवे करना, 5 डॉक्टर का इंटरव्य,ू 3 NGO का इंटरव्यू, 1 नगरसेववका के पिी का इंटरव्य,ू 2 स्कूल टीचर का इंटरव्यू मलया हैं| साथ-साथ हम र्ोटोग्रार्ी, मेवपंग का भी इस्िेमाल ककया हैं|

डाटा अनासिसि​ि और रायहटंि रायदटंग का काम बहुि ही अच्छा और मजु श्कल भी था| हमारा एक वकाशॉप राइदटंग जस्कल पर भी हुवा है इस वकाशॉप में हम ने डाटा को ककस िरह अनामलमसस कर के मलखना यह मसखा है और यह भी मसखा के इंरोडक्शन को ककस िरीके से मलखना है , कंटें ट मैं क्या मलखना है और निीजे को ककस िरह मलखना है यह सब मसखा| पुरे राइदटंग वकाशॉप से हमें यह पिा चला की इंरोडक्शन मैं क्या बिाने वाले है , निीजे में क्या बिा चक ु े है यह मलखना रहिा है मलखिे हुए शब्दों की बहुि ददक्कि होिी थी| पर अब हम कुछ हद िक मसख चक ु े है |


62

हमारी हदक्कते और िीख हम सब गोवंडी में रहिे हैं | वहा​ाँ से हर सन्डे रे तनंग के मलए आना मुजश्कल होिा था, हमे कार्ी वकाशॉप में लेट पहुचिे थे| ग्रुप में काम करना भी आसान नहीं था, हर जन कोई ना कोई वजह बिाकर मीदटंग में नहीं आिा था| पुकार के शुरुआि में ही आधे से ज्यादा लोग ग्रप ु छोड़कर चले गए| इन सब िकलीर्ों से हम मायस ू हो गए थे लेककन कर्र भी हमने दहम्मि और जजद्दो-जहि से काम करिे रहे | अभी हमें परू ा काम खिम करिे वक़्ि बेहद ख़श ु ी हो रही है , इस र्ेलोमशप में हमने बहुि कुछ मसखा जैसे, हमने पानी की समस्या पे बहुि काम ककया| इसमें हमने यह पिा चला की सरकार को आम लोंगों को हक़ का पानी ज़रुरि के दहसाब से नहीं ममलिा इसमलए उन्हें कुछ भी एहसास नहीं हैं| यह चीज बदले, हमारा जीवन बदले इसमलए सरकार कुछ करना नहीं चाहिी| हम कुछ मुद्दे उिा रहे हैं| हमे समझ नहीं आिा हम करे िो क्यां करे | हर समस्यां की जड़ गन्दा पीला पानी हैं| यह भी हमने मसखा के ग्रुप मैं साथ रहना, अपनी बाि रखना, दस ु रे की बाि को एहममयि दे ना मसख,| कौम्पुटर दहंदी टायवपंग मसखा, जेंडर के बारे मैं, लड़का-लड़की में भेद-भाव नहीं करना चादहए यह सीखा, सच ु ना का अधधकार का कबकब इस्िेमाल करना हैं वो भी मसखा, हर चीज का तनररक्षण ध्यान से करना मसखा| तनररक्षण का इस्िेमाल हमने अपने ररसचा में ककया| हमने अनजान व्यजक्ि से बबना डरे बाि करना मसखा|


63

मेम्बर की सिखमेरा नाम सलीम है । मेरा नाम का मिलब कभी ना ख़त्म होने वाला है । मे

kalsekar polytechnic में diploma

in Mechanical Engineering की पढाई कर चक ू ा हु। मैने अभी final year का exam ददया है । में पक ु ार के यथ ू फ़ेलोमशप के प्रोग्राम में अपने दोस्ि शाककर की वजह से जुड़ा हु। मझ ु े इस प्रोग्राम में पहले ददन से ही मज़ा आरहा था क्यूंकक मुझे इस िरह के कामों में पहले से ही बहुि इंटरे स्ट था। पुकार से जुड़ने के बाद मेने यहा​ाँ पे कार्ी कुछ मसखा है और बहुि सी सोच भी बदली है । मुझे यहा​ाँ gender equality, caste disparities वगेरा जैसी चीजों के बारे में पिा चला। यह सब मसखने के बाद मेने इसे अपनी जज़न्दगी में भी अपनाया। मुझे यहा​ाँ technical चीज़े भी मसखने को ममली जैसे ms-excel, ms-word और दहंदी टाइवपंग में भी महारि ममली। यहा​ाँ पे सभी ग्रुप के साथ काम करने में मज़ा आया।

मेरा नाम खान अदनान है । मेरा नाम का मिलब रहम ददल है । मैं वेसोवा के तिजब्बया कॉलेज में B.U.M.S 2nd year की पढाई कर रहा हु| मैंअपने दोस्ि आममर और शाककर की मदद से पुकार से जुड़ा| मुझे पुकार में बहि सी चीजों के बारे में जानने और सीखने को ममला| जैसे के अनजान लोगों से बाि-चीि करना और ग्रप ु में अपनी राय रखना| समय की कीमि पिा चली| ककसी को बाि को अच्छे से सन ु ना और उसपे अमल करना भी सीखा| मैंने टे जक्नकल चीजें भी सीखी जैसे कंप्यूटर में excel और


64

word र्ाइल बनाना सीखा| मुझे LGBT के बारे में भी पिा चला| मैंने RTI र्ाइल करनाभी सीखा| मेरा नाम अमीर है । मेरे नाम का मिलब

हुक्म दे ने वाला होिा है । में अब्दल ु

रज्ज़ाक कलसेकर कॉलेज में कंप्यूटर इंजजतनयररंग 2nd year की पढाई

कर रहा हूाँ। उसके साथ मैंने पक ु ार के साथ

ममलकर हमारी बस्िी जजसका नाम शांति नगर है , उस बस्िी में हमने ररसचा ककया ओर इस ररसचा के दौरान मैंने बहुि कुछ जानकारी हामसल की जैसे LGBT, survey, Interview, Ethics ओर भी बहुि कुछ सीखा| यह भी मालूम पड़ा के RTI कैसे डालिे है और भी बहुि कुछ। मुझे पुकार की जानकारी अपनालय से ममली ये अपनालय एक संस्था है । पुकार से जुड़ने के बाद से मुझ में बहुि बदलाव आया और कभी कभी कुछ कदिनाई भी आयी ग्रुप के सदस्यों के बबच मैं िनाव के कारन। जैसे कक ककसी भी अनजान व्यजक्ि से बाि-चीि करने मैं दहचककचाहट नही होिी। स्टे ज पर बबंदास परर्ॉमें स कर सकिा हूाँ । मझ ु े इस ररसचा में सन ु ील भाई और रोहन भाई ओर पुकार के सभी स्टार् ने कार्ी मदि की है में इन का शुकर गुज़ार हूाँ के इन्होंने मुझे मौका ददया। मेरा नाम शाककर है | शाककर का मिलब शुकिया अदा करने वाला है | मैं Ty B.sc IT में oriental sanpada college में पढाई कर रहा हूाँ| मुझे अपनालय से पुकार के बारे में पिा चला और पुकार के 1 साल के यूथ र्ेल्लोमशप प्रोग्राम म हूाँ िब से कुछ न कुछ नया मसखने लगा जैसे की


65

सब से पहले खद ु को जाना| मेरे खयाल से अगर हम पहले अपने आप को बदले िो ही हमारा समाज बदलेगा। पुकार में हुए वकाशॉप में मैंने LGBT, Gender, समिा और समानिा में र्का, जाि-पाि में भेद-भाव वगैरह चीजों के बारे में पिा चला जो शायद मुझे कही और से नहीं ममलिी। ररसचा के दौरान अनजान लोगों से बाि करना, सवे, इंटरव्यू लेने का िरीका, और भी बहुि सी जानकारी मालम ू हुई जजस का इस्िेमाल में अपनी रोज मरा​ाह की जजंदगी में कर रहा हु जो शायद मुझे कही और से नही ममलिी। मैं हमेशा से ऐसी ही चीज़े सीखने की उम्मीद कर िा हूाँ। यह सर्र मेरा उस वक़्ि शुरू हुवा था जब में अपने घर से पुकार आकर्स इंटरव्यू के मलए आया िब मुझे पिा चला के मेरे मलए एक ऐसा दरवाज़ा खल ु चक ु ा है जहा​ाँ से में अपने आप को नही बलके एक ऐसी दतु नया को दे ख सकिा हु जहा​ाँ के लोग अलग जहा​ाँ केदस्िोर अलग है जहा​ाँ पर इंसानो को एकदह नज़र से दो िरर् दे खा जािा है ।पुकार के पूरे प्रॉसेस से यह भी सीखा के ककस िरह वक़्ि को कीमिी बनाया जा सकिा है ।अगर हम आपने काम को वक़्िपे परू ा करे िो वक़्ि कीमिी हो सकिा है अगर हमकुछ बोलना चाहिे है िो बोलसकिे है िाके आप के कहने से कुछ बदलाओ आसके।में पक ु ार को नही भल ू सकिा हुं क्यों कक इसने मझ ु े मसखा या है कक सीखिे कैसे है के अपने आप को समझ ने का मोक्का ममला यह मेरे मलए सबसे बड़ी बाि है। मेरा नाम इनाम अब्दल ु रहीम अंसारी है मेरे घर मे मेरी मा​ाँ और पांच सदस्य राहTके है ।सभी को शेर और शायरी पसन्द हैं।मेने इस साल राजीव ग़ांधी कॉलेज से sy bcom की िालीम हामसल की है I पुकार से में अपनलया के बािा नेसे जुड़ा हु ।में हमेशा उन दोस्िो से और एसे लोगो से और ऐसी चीज़ों से दरू रहिा हूं जो बबला वजह वक़्ि ज़ाया करिे है ।और मझ ू े अपने अल्र्ाज़ो में शाइरी मलखना और सन् ु ना मेरी खामसयि है ।इस के साथ साथ कोई भी मुझे समझाए या मसखाए मुझे बेहद पसंद है ।


66

जोड़े

‫شامل‬

1. कंसेंट र्ॉमा आशाएँ नाम :स्कूल का नाम:दिनाक:-

विषय :-

l

हम पुकार संस्था की तरफ से पानी पर सर्वे कर रहे है l हम आपसे पानी के बारे मै कुछ सर्वाल करना चाहते है l आपकी िी हु ई जानकारी गोपदनयता ररखी जायेगी l ये सर्वे आपकी होने र्वाली पानी की समस्या की समस्या समझने के दलए है l हम आपसे दलए ह्ई जानकारी पूरी तरह से गुप्त राखी जायेगी l अगर आप को सर्वे के िोरान कोई भी तकलीफ हो तो आप इस सर्वे को बंि कर सकते है l

पुकार संस्था की जानकारी 272,munciple,teraments,shivaji,nagar,bmc colony kherwadi road, bandra (w) ,Mumbai - 400051

सहभागी का नाम :हस्ताक्षर :-

सर्वे करने र्वाले का नाम दिनांक:-


67

2. िवे फॉमच जानकारी 1) आप का नाम 2) आप की उम्र 3) आप दफल हाल क्या कर रहे है

4) आप के घर में दकतने लोग हैं नाम

नं

M/F

उम्र

1 2 3 4 5

5) घर की गुणर्वत्ता १) कच्चा (दसफफ लकड़ी,दमट्टी या टेडपत्री । २) सेदम-पक्का (लकड़ी और पत्री, या थोड़ी ईंटो से या सीमें ट ३) पक्का (दसफफ सीमें ट, ईट और अन्य दटकाऊ सामान से 6) दलंग १) पुरुष

२) स्त्री

३) अन्य

7) आप का गांर्व कौनसा हैं ?

8) आप के घर के कुल महीना की आमिनी दकतनी है ? १) 5000 से कम ३) 10000 से 15000 तक

२) 5000 से 10000 तक ४) 15000 से अदिक

पानी के सिाल 1) क्या आपको आपके जरूरत के दहसाब से पकङी दमलता हैं

कक्षा

कम


68 हाँ / नहीं

2) दपछले 1 महीने मैं दकतने दिन आप को आपके जरूरत के दहसाब पानी नहीं दमला ।

3) आप के यहाँ पानी कहा से आता है। १) नल।

२) टेंकर

३) अन्य

4) आप को पानी लेने के दलए दकतनी िूर जाना पड़ता है

5) आप को पानी भरने मै रोज़ दकतना समय लगता है।

6) क्या आप पानी खरीिते है । हाँ / नहीं

7) आप का पानी में महीने का दकतना खचफ होता है।

8) क्या आप दपले पानी का इस्तेमाल करते है । हाँ / नहीं 9) अगर हाँ तो दकस दकसी दचज़ के दलए करते है।

10) पानी भरने मैं आप को क्या क्या कडीनाया आती है।

11) पानी की र्वजह से आपको अन्य कोई परे सानी


69

Education िाले सािल 1) क्या आप के घर में स्कूल जाने र्वाले बच्चे है? नं

नाम

M/F

उम्र

कक्षा

स्कूल/कॉलेज का नम्म

Private/munciple

1 2 3 4 5

2) घर में पानी भरने के दलए आप बच्चों से मित लेते है क्या? १) हाँ / नहीं नं

नाम

M/F

उम्र

केइतने दिन स्कूल/कॉलेज नहीं जापाए

केइतने दिन ट् यूशन नहीं जा पाए

1 2 3 4 5

3) पानी की समस्या की र्वजह से बच्चों की पढ़ाई मैं कोन कोन से परे सानी आती है।

Health के िवाि

स्कूल/कॉलेज का नम्म

स्कूल /कॉलेज न जाने कक वजह


70 1) क्या आप हर रोज़ दपने का पानी साफ करते है। हाँ / नहीं 2) दकस तरह से दपने का पानी साफ रखते है।

3) आप के घर में दपछले 3 महीने में दकतने लोग बीमार हु ए है ?

4) बीमारी का नाम ?

5) इस बीमारी मैं दकतना खचाफ हु र्वा ?

6) क्या आप को लगता है,आपके घर में पानी की र्वजह से दकसी की सहैत पर कुछ असर पड़ा है क्या? हाँ / नहीं

अगर हाँ तो कैसे ? नं 1 2 3 4 5

नाम

M/F

उम्र

बीमारी

कब तक

Private/munciple


71

3. डॉक्टर का इंटरव्यू 1)आप ये जक्लतनक कब से चलारहे है ।

2)आप का यहा​ाँ ज्यादािर ककस बीमारी के मरीज आिे है ।

3)ज्यादा िर जो मरीज आिे है उनकी उम्र क्या होिी है ।

(पुरूष/स्री)।

4)आप के मुिाबबक ये बीमारी इस बस्िी में बबछले 2 सालो से बड़ी है या कम होइ है ।

5)क्या आप को लगिा है कक बीमारी वपले पानी या गंदे पानी की वजह से है ।

6)बस्िी में होने वाले जस्कन डडसीज़ की बीमारी के बारे में आप अपनी राय और एक्सपीररएंस बिाएं।


72

4. निरे िेपवका का इंटरव्यू 1)आप ने ककस ववषय पर ज्यादा काम ककया है ।

2)अगर आप ने ज्यादा काम पानी पर ककया है िो ककस प्रकार का काम ककया है ।

3)पानी के मलए लोगो की ककस िरह से मदद की है ।

4)पानी से जो बीमाररया होिी है उस के मलए आप ने कभी कम ककया है ।

5)आप ने बच्चो के पढ़ाई को लेकर कुछ कम ककया है ।

6)उन को ककस िरह की मदद की है आप ने।

7)इस पर काम करने का आप का एक्सवपरे णस।


73

NGO का इंटरव्यू 1) आप इस NGO मैं ककिने साल से काम कररहे हो? 2) आप का NGO ककस मुद्दे पर काम करिा है ? 3) क्या आप के NGO ने हेल्थ और एजुकेशन पैर काम ककया है ? 4) आप के दहसाब से ककसिरह की हे ल्थ और एजक ु े शन पैर परे शातनया होिी है ? 5) िो कुछ ऐसे केसेस आये िो आप कहा​ाँ पे भेजिे हो?


74

teacher का इंटरव्यू 1) आप का अनुभव? 2) स्कूल में बच्चें की क्या हालि होिी है ? 3) बच्चे अगर स्कूल लेट

या एब्सेंट होिे है िो ककस िरह का रीज़न दे िे हैं?

4) क्या उनके रीज़न में पानी का कोई समभंद है , आप को क्या लगिा है? 5) आपके नज़र में इसका क्या सुझाव हो सकिा हैं? 6) कोई जानकारी जो हमारे ररसचा में काम आ सकिी है |


75


Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.