कृष्ण बिहारी जी और उनकी कहनियों के बारे में आपने सुना होगा, बेमिसाल कथाकार हैं कृष्ण जी ... उन्होंने अपनी कहानी "करगिल के साथ-साथ", मुझे पढने के लिए, स्कैन कॉपी भेजी थी, कहानी पढ़ना शुरू किया ही था कि लगा आप सब को भी पढ़नी चाहिए, अब क्योंकि शब्दांकन पर अब तक सिर्फ text form में ही प्रकाशन होता रहा है, इसलिए समस्या यह थी कि.... स्कैन को आप तक कैसे पहुँचाया जाये.... एक कोशिश की फिर .... स्कैन का आड़ा-तिरछा-पन कुछ हद तक ठीक किया और अब उसे वैसे ही यहाँ प्रकाशित कर रहा हूँ ...
ये तरीका कितना कारगर रहा .... और आगे इसे प्रयोग करना ठीक रहेगा या नहीं ये आपकी टिप्पणियों से ही पता चलेगा...
आपका
भरत तिवारी