अध्याय 1
ने उन िोगोों के पास भेिा था तिन्हें बेबीिोन के
में बोंदी बनाकर िे िाया िाना था, िातक उन्हें प्रमातिि तकया िा सके , िैसा तक उसे परमेश्वर की ओर से आदेश तदया गया था। 2 उन पापोोंके कारि िो िुम ने परमेश्वर के साम्हने तकए हैं, िुम बेबीिोतनयोोंके रािा नबूकदनेस्सर द्वारा बोंधुआ होकर बेबीिोनमें पहोंचाएिाओगे। 3 इसतिथे िब िुम बेबीिोन में पहोंचो, िो कई वर्ष वरन बहि समय िक, अयाषि् साि पीढी िक वहीों रहोगे; और उसके बादमैं िुमकोवहाों से कुशिक्षेम से तनकािदूोंगा। 4 अब िुम बाबुि में चान्दी, सोने और काठ के देविाओों को कोंधोों पर उठाए हए देखोगे, िो िाति िाति के िोगोों को डरािे हैं। 5 इसतिये सावधान रहो, तक िब िुम भीड़ को उनके आगे और पीछे उन्हें दण्डवि् करिे देखो, िो तकसी रीति से परदेतशयोोंके समाननबनो, औरनउनके समानबनो। 6 परन्तु िुम अपके मन में कहो, हे यहोवा, हमें िेरी आराधनाकरनीचातहए। 7 क्ोोंतक मेरा दूि िुम्हारे सोंग है, और मैं िुम्हारे प्रािोोंकी तचन्ताकरिाहों। 8 और उनकी िीभ कारीगरके द्वारा चमकाई गई है, औरवे सोने से मढे हए, और चान्दी से मढे हए हैं; िौभी वे झूठे हैं, औरबोि नहीोंसकिे।
हो, अपने देविाओों के तसर के तिये मुकुट बनाए। 10 कभी-कभी यािक अपके देविाओों के पास से सोना चान्दीिे आकरअपके हीकोदे देिे हैं। 11 और वे उसका धन साधारि वेश्याओों को दे देंगे, और उन्हें चान्दी, सोने और काठ के देविाओों के समान वस्त्राभूर्िोोंसे अिोंकृिकरेंगे। 12 िौभी ये देविा बैंिनी वस्त्र से ढके होने पर भी अपने आपकोिोंगऔरकीड़ोोंसे नहीोंबचासकिे। 13 िब उन पर बहि बोझ पड़िा है, िब वे मन्दन्दर की धूि से अपनामुोंहपोोंछिे हैं। 14 और िो अपने अपराधी को घाि नहीों कर सकिा, वह मानोदेशकान्यायीहो, रािदण्डरखिाहै। 15 उसके दातहने हाथ में खोंिर और कुल्हाड़ी है, परन्तु वह युद्धऔरडाकुओोंसे अपने आपकोबचानहीोंपािा। 16 इस से यह मािूम होिा है, तक वे ईश्वर नहीों; इसतिये उन से मिडरो। 17 क्ोोंतक िो बिषन मनुष्य काम में िेिा है वह टूट िाने पर तकसी काम का नहीोंरहिा; उनके देविाओों के साथ भी ऐसा ही है: िब वे मन्दन्दर में स्थातपि तकए िािे हैं, िो भीिर आनेवािोोंके पाोंवोोंकीधूतिउनकीआोंखोोंमें भरिािीहै। 18 और िैसे रािा का अपमान करनेवािे के तिथे चारोोंओर तकवाडें पक्की की िािी हैं, मानो वह मृत्यु का भागी हो; वैसे ही यािक भी अपके मन्दन्दरोोंमें तकवाड़, िािे और बेंड़े िगवािे हैं, ऐसा न हो तक डाकुओोंके हाथ से उनके देविा िूटे िाएों। 19 वे अपने तिये मोमबतियाों ििािे हैं, हाों, अपने तिये नहीों, परन्तु उन्हें एकभीतदखाईनहीोंदेिा। 20 वे मन्दन्दर की कतड़योों में से एक हैं, िौभी वे कहिे हैं तक उनके हृदयोों को पृय्वी से रेंगनेवािी वस्तुएों चबा िािी हैं; और िब वे उन्हें और उनके कपड़ोों को खािे हैं, िो उन्हें इसकाएहसासनहीोंहोिा। 21 मन्दन्दर से तनकिने वािे धुएुँ से उनके चेहरे कािे हो गए हैं। 22 उनके शरीरोों और तसरोों पर चमगादड़, और अबाबीि, औरपक्षी, औरतबन्दियाुँ भीबैठिीहैं। 23 इसी से िुमिान िोतकवे ईश्वर नहीों, इसतिये उन से मि डरो। 24 और उनको सुन्दर बनाने के तिथे तििना सोना उनके पासहै, िबिकवे िोंगनपोोंछें, िबिकवे चमकनसकेंगे; 25 तिन वस्तुओों में दम नहीों, वे बड़े दाम पर मोि िी िािी हैं। 26 वे कोंधोों पर उठाए गए हैं, और उनके पाोंव नहीोंहैं, तिस के द्वारावे मनुष्योोंकोबिािे हैं, तकवे तकसीयोग्यनहीोंहैं। 27 और िो उनकी सेवा करिे हैं, वे िन्दिि होिे हैं; क्ोोंतक यतद वे भूतम पर तगरें, िो तिर उठ नहीों सकिे; और यतद कोई उन्हें खड़ा भी करे, िोवे अपने आप से नहीोंउठ सकिे; क्ा वे अपने आप को सीधा कर सकिे हैं: परन्तु वे मरे हओों के समानअपने आगे भेंटरखिे हैं। 28 और िो वस्तुएों उनके तिये चढाई िािी हैं, उनको यािकबेचकरअन्धेरकरिे हैं; इसीप्रकारउनकीन्दस्त्रयाुँ भी अपना कुछ भाग नमक में डाि देिी हैं; परन्तु वे कोंगािोों औरनपुोंसकोोंकोउसमें से कुछभीनहीोंदेिे। 29 रिस्विा न्दस्त्रयाों और गभषविी न्दस्त्रयाों उनका बतिदान खािी हैं; इस से िुम िान िो तक वे देविा नहीों; उन से मि डरो। 30 क्ोोंतक वे देविा कैसे कहिाए? क्ोोंतक न्दस्त्रयाुँ चाुँदी, सोने औरिकड़ीके देविाओोंके आगे माोंसचढािीहैं। 31 और यािक अपके मन्दन्दरोोंमें वस्त्र िाड़े, तसर और दातढयाों मुण्डाए हए, और तसर पर कुछ भी न पतहने हए बैठे रहिे हैं। 32 वे अपने देविाओों के साम्हने दहाड़िे और तचिािे हैं, िैसामनुष्यतकसीके मरने परिेवनारमें करिे हैं। 33 यािकोों ने भी अपने वस्त्र उिारकर अपनी पतियोों और बच्ोोंकोपतहनाया। 34 चाहे कोई उन से बुराई करे, चाहे भिाई, वे उसका बदिा नहीोंदे सकिे; वे न िो रािा को खड़ा कर सकिे हैं औरनरािाकोतगरासकिे हैं। 35 इसी रीति से वे न िो धन दे सकिे हैं और न रूपया; चाहे कोई उन से मन्नि माने, और न पूरी करे, िौभी वे उसकी माोंगनकरेंगे। 36 वे तकसी को मृत्यु से नहीोंबचा सकिे, और न तनबषिोोंको वीरोोंसे बचासकिे हैं।
1 एक पत्र की प्रतितितप, तिसे िेरेमी
रािा द्वारा बेबीिोन
9 और उन्होोंने कुुँवाररयोों के समान सोना िेकर, िो समिैंतगक होना चाहिी
37 वे तकसी अन्धे की आोंखें तिर नहीोंिौटा सकिे, और न तकसीकोसोंकटमें सहाथिादे सकिे हैं।
38 वे तवधवा परदयानहीोंकर सकिे, औरअनायपरभिाई
नहीोंकरसकिे।
39 उनके िकड़ी के देविा, और सोने और चान्दी से मढे हए, पहाड़ पर से खोदे गए पत्थरोों के समान हैं; िो उनको दण्डवि् करिे हैं, वे िन्दििहोिाएोंगे।
40 िो
मनुष्योोंके हाथके बनाएहएकामहैं, औरउनमें परमेश्वरकाकोईकामनहीों।
52 िोतिरकौननहीोंिानिा, तकवे देविा नहीोंहैं?
53 क्ोोंतक न िो वे देश में रािा खड़ा कर सकिे, और
कोई मनुष्य क्ोोंकर सोच कर कहे, तक वे देविा हैं, औरकसदीभीउनकाअनादरकरिे हैं? 41 और यतद वे तकसी गूोंगे को देखें िो बोि न सके , िो उसे िाकर बेि से तबनिी करिे हैं, तक वह मानो समझ सकिा है। 42 िौभी वे आप ही इस बाि को समझ नहीोंपािे, और उन्हें छोड़देिे हैं, क्ोोंतकउन्हें ज्ञाननहीों। 43 और न्दस्त्रयाों भी रन्दस्सयाों बान्धे हए मागों पर बैठ कर सुगन्ध के तिथे भूसी ििािी हैं; परन्तु यतद उन में से कोई तकसी राहगीर के द्वारा खीोंचकर उसके पास सोिी है, िो वह अपके पुरूर् की तनन्दा करिी है, तक मैं अपके िुल्य नहीों समझी। , नहीउसकीडोरटूटी। 44 िो कुछ उन में होिा है वह झूठ है; तिर यह कैसे सोचा याकहािाए, तकवे देविाहैं? 45 वे बढइयोों और सुनारोों के बनाए हए हैं; वे कारीगरोों के तसवाऔरकुछनहीोंहोसकिे। 46 और उनके रचतयिा आप ही बहि तदन िक तटके न रह सकेंगे; िो तिर िो चीजें उनसे बनी हैं वे देविा कैसे होनी चातहए? 47 क्ोोंतक उन्होोंने अपने बाद आनेवािोोंके तिये झूठ और तनन्दाछोड़ी। 48 क्ोोंतक िब उन पर युद्ध या तवपति आिी है, िब यािक आपसमें सम्मतिकरिे हैं, तकवे उनके पासकहाों तछपे रहें। 49 िो तिर मनुष्य क्ोोंकर नहीोंिान सकिे, तक वे ईश्वर नहीों हैं, िो न िो युद्ध से और न महामारी से अपने आप को बचा सकिे हैं? 50 क्ोोंतक िब वे िकड़ी के बने, और सोने चान्दी से मढे हएहैं, िोयहिानतियािाएगातकवे झूठे हैं। 51 और सब िातियोों और रािाओों को यह प्रगट हो िाएगा, तक वे ईश्वर नहीों, परन्तु
न मनुष्योोंके तिये वर्ाष करसकिे। 54 वे न िो अपना मुकद्दमा िड़ सकिे हैं, और न दोर् का तनवारि कर सकिे हैं; क्ोोंतक वे कौवोों के समान आकाश औरपृय्वीके बीचमें हैं। 55 और िब िकड़ी के वा सोने वा चान्दी के देविाओों के भवन पर आग तगरेगी, िब उनके यािक भागकर बच तनकिेंगे; परन्तु वे आप ही कतड़योोंकी नाई ििकर भस्महो िाएोंगे। 56 तिर वे तकसी रािा वा शत्रु का साम्हना नहीोंकर सकिे; तिरयहकैसे सोचायाकहािासकिाहै, तकवे देविाहैं? 57 और िो काठ के बने वा सोने चान्दी से बने हए देविा हैं, वे चोरोोंवाडाकुओोंसे बचनहीोंसकिे। 58 िो सोना, चान्दी, और वस्त्र पतहनािे हैं, उनको बिवन्त िोग छीन िेिे हैं, और िूटकर चिे िािे हैं, और अपनी सहाथिानहीोंकरसकिे। 59 इसतिये ऐसे झूठे देविाओों की अपेक्षा रािा होना, िो अपना पराक्रम तदखािा हो, वा घर में िाभ का पात्र ठहरना उिम है, तिसका स्वामी उपयोग करे; वा तकसी घर का द्वार हो, और उस में ऐसी वस्तुएों रखें, िो ऐसे झूठे देविाओों से बढकर हैं। या महि में िकड़ी का खम्भा, ऐसे झूठे देविाओों से भीअच्छाहै। 60 क्ोोंतक सूयष, चान्द, और िारागि उतियािे होकर, और अपना अपना कामकरने के तिये भेिे गएहोकरआज्ञाकारी हैं। 61 इसी रीति से तबििी िबचमकिीहै, िबतदखाई देिीहै; औरप्रत्येकदेशमें इसीरीतिसे वायु चििीहै। 62 और िब परमेश्वर बादिोोंको सारे िगि पर छा िाने की आज्ञादेिाहै, िोवे िैसाकहािािाहै वैसाहीकरिे हैं। 63 और िो आग ऊपर से पहाड़ोोंऔर िकतड़योोंको भस्म करने को भेिी गई, वह िो िैसी आज्ञा दी गई है वैसा ही करिी है; परन्तु वे न तदखाने में, और न शन्दि में उन के समानहैं। 64 इसतिए न िो यह माना िा सकिा है और न ही कहा िा सकिाहै तकवे देविाहैं, क्ोोंतकवे निोन्यायकरसकिे हैं, नहीमनुष्योोंकाभिाकरसकिे हैं । 65 इसतिये यहिानकरतकवे ईश्वरनहीों, उनसे मिडरो। 66 क्ोोंतक वे रािाओों को न िो शाप दे सकिे हैं और न आशीवाषद। 67 न िो वे अन्यिातियोों के बीच आकाश में तचन्ह तदखा सकिे, और न सूयष के समान चमक सकिे, और न चन्द्रमा के समानप्रकाशदे सकिे। 68 पशु उन से अच्छे हैं, क्ोोंतक वे आड़ में घुसकर अपना बचावकरसकिे हैं। 69 सो हम पर कभी प्रगट न हआ, तक वे देविा हैं; इसतिये उनसे मिडरो। 70 क्ोोंतकिैसे ककड़ी कीबारी में तबिूकाकुछ नहीोंरखिा, वैसे ही उनके देविा िकड़ी के बने और सोने चान्दी से मढे हएहैं।
और इसी प्रकार उनके िकड़ी के और सोने चान्दी से िड़े हए देविा बातटका के श्वेि काुँटे के समान हैं, तिस पर सबपक्षीबैठिे हैं; िैसातकएकमृिशरीरके तिएभीहै, िो अोंधेरे में पूवष कीओरहै। 72 और िो चमकीिा बैंिनी रोंग उन पर सड़िा है, उस से िुम िान िोगे तक वे कोई देविा नहीों; और इसके बाद वे आप ही खा तिए िाएोंगे, और देश भर में उनकी नामधराई होगी। 73 इसतिये वह धमी मनुष्य ही उिम है, तिसके पास मूरिें नहोों; क्ोोंतकवहतनन्दासे दूररहेगा।
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