Hindi - Prayer of Azariah

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अध्य 1 1 और वे आग के बीच मे परमेशर की स्तु करुे, और यहोवा को धनवाव वे ुे हु चले। 2 ुब अजयाय ह खडा हआ, और इस रीतु से पारयरा की; और आग के बीच मे अपरा म्ंह खोलकर कहा, 3 हे हमारे तपुरोंके परमेशर यहोवा, ुू धन है ; ुेरा राम सवयवा स्तु और मतहमा के योग है ; 4 कोंतक जो क्छ ुू रे हम से तकया उर सब मे ुू धम् है ; ुेरे सब काम सचे है , ुेरी चाल सीधी है , और ुेरे सब तररयय सचे है । 5 जो क्छ ुू रे हम पर और हमारे प्रखाओंके पतवत रगर यरूलेम पर तकया है उर सब मे ुू रे सचा नाय तकया है ; कोंतक हमारे पापोंके कारर ुू रे ये सब तवपत्यां हम पर सत और नाय के अर्सार डाली है । 6 कोंतक हम रे ुेरे पास से हटकर पाप और अधमय तकया है । 7 हम रे सब बाुोंमे तवशासा​ाु तकया है , और ुेरी आजाुं रहीं मारी, और र उरका पालर तकया, और जैसा ुू रे हम को आजा वी है वैसा रहीं तकया, तजस से हमारा भला हो। 8 इसतलये जो क्छ ुू रे हम पर डाला है , और जो क्छ ुू रे हम से तकया है , वह सब सचे मर से तकया है । 9 और ुू रे हम को अधम् ूत्ओ,ं और परमेशर के अत् ाृतरु तागरेवालों, और अनायी राजा, और सारे जगु के सबसे व् ष राजा के हार मे कर तवया। 10 और अब हम अपरा म्ंह रहीं खोल सकुे, हम ुेरे वासोंके सामरे लज्ु और तरना के कारर ठहरे है ; और उरके तलये जो ुेरी आराधरा करुे है । 11 ुौभी अपके राम के तरतम् हम को पूरी रीतु से पकड र ले , और र अपकी वाचा को ुोड; 12 और अपरे तपय इबाहीम के कारर, अपरे वास इसहाक के कारर, और अपरे पतवत इसाुल के कारर अपरी कररा हम पर से र हटा; 13 ुू रे उर से बाुे करके यह पतुजा की है , तक ु्म उरके वंू को आकाू के ुारागर, और सम्द के ुीर के बालू के तकरकोंके ु्ल बहु बढाओगे। 14 कोंतक हे यहोवा, हम सब जातु से छोटे हो गु है , और अपरे पापों के कारर आज ुक सारे जगु मे वास बरे हु है । 15 इस समय ु्मारे सामरे कोई हातकम, वा भतवष्या, वा पधार, वा होमबतल, वा मेलबतल, वा लोबार, वा यज कररे का सरार, और वया कररेवाला रहीं है ।

16 ुौभी हम खेतवु मर और रम आता से गहर तकु जाुं । 17 जैसा मेढों और बैलों के होमबतल, वा लाखों मोटे भेड के बचों के होमबतल के समार होुा है , वैसे ही आज हमारा बतलवार ुेरे सामरे रहे , और यह वे तक हम ुेरे पीछे हो ले ; कोंतक उस से वे ु्च र ठहरे गे। उरका भरोसा ु्म पर रखो. 18 और अब हम समूरय मर से ुेरे पीछे हो लेुे है , और ुेरा भय मारुे है , और ुेरे वूयर के खोजी है । 19 हमे लज्ु र करो, पर्​् अपरी कररा और बडी कररा के अर्सार हम से ववहार करो। 20 हे यहोवा, अपके आशययकमयके अर्सार हमारा भी उदार कर, और अपके राम की मतहमा कर; और जो ुेरे वासोंको हातर पहं चाुे है वे सब लज्ु हों; 21 और वे अपरी सारी ूजय और पराकम मे तरराू हो जाुं , और उरका बल टू ट जाु; 22 और वे जार ले , तक ुू ही परमेशर है , और ुकमात परमेशर है , और सारे जगु के ऊपर मतहमामय है । 23 और राजा के जो कमयचारी उरको भीुर रखुे रे , उनोंरे ुनवू र को रतसर, राल, रसा और लकडी से गरम कररा र छोडा; 24 यहां ुक तक आग भटी से उरुालीस हार ऊपर ुक भडक उठी। 25 और वह पार हो गई, और जो कसवी उसे भटी के आस पास तमले उरको जला डाला। 26 पर्​् यहोवा का वू ु अजयाय ह और उसके सातरयों समेु भटी मे उुर आया, और आग की लौ को जलाकर भटी से बाहर तरकाला; 27 और भटी के बीच मे ऐसा बराया, मारो रम सीटी बजाुी हो, तक आग उर को क्छ भी र छूु, और र उने क्छ हातर पहं चे, और र उने कष तमले। 28 ुब उर ुीरों रे भटे मे से ुक म्ंह से परमेशर की स्तु, मतहमा और धनवाव करके कहा, 29 हे हमारे तपुरोंके परमेशर यहोवा, ुू धन है , और सवयवा सब से अतधक स्तु और मतहमा योग है । 30 और ुेरा मतहमामय और पतवत राम धन है , और सवयवा सब से अतधक स्तु और मतहमा के योग है । 31 ुू अपरे पतवत ुेज के मजनर मे धन है , और सवयवा सब से अतधक स्तु और मतहमा पाुा रहे गा। 32 ुू धन है , जो गतहरे सरारों को वे खुा है , और करबों पर बैठा है ; और सवयवा सब से अतधक स्तु और मतहमा पाुा रहे गा। 33 ुू अपरे राज के मतहमामय तसंहासर पर धन है , और सवयवा सब से अतधक स्तु और मतहमा पाुा रहे गा।


34 ुू सगय के अ्र मे धन है , और सवयवा सवयवा स्तु और मतहमा के योग है । 35 हे पभ् के सब कामों, ु्म पभ् को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो, 36 हे सगव, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 37 हे पभ् के वू ुों, पभ् को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 38 हे आकाू के ऊपर के सब जल, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 39 हे पभ् की सब ूजययों, पभ् को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से ऊपर बढाओ। 40 हे सूयय और चनमा, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक महार करो। 41 हे आकाू के ुारों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 42 हे सब वराय और ओस, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 43 हे सब पवरों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो, 44 हे आग और ुपर, यहोवा को धन कहो, उसकी स्तु करो, और उसकी बडाई करो हम सब हमेूा के तलु है । 45 हे ूीु ऋु् और गीर ऋु्, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक महार करो। 46 हे ओस और तहम के ुूफारों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 47 हे राुो और तवरो, यहोवा को धन कहो; उसे सवा आूीर वो, और सब से अतधक महार करो। 48 हे उतजयाले और अनकार, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 49 हे बरय और ठणे लोगों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 50 हे पाले और तहम, ु्म यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 51 हे तबजतलयोंऔर बावलों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 52 हे पृयवी यहोवा का धनवाव करे ; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक महार करो।

53 हे पहाडोंऔर छोटी पहातिडयों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 54 हे पृयवी पर उगरेवाले सब पातरयों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक बडा करो। 55 हे पवयुो, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 56 हे सम्दोंऔर रतवयों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 57 हे वे लो, हे जल मे रे गरेवालो, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 58 हे आकाू के सब पत्यों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक बडा करो। 59 हे सब पू्ओ, और गाय-बैल, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 60 हे मर्ष के स्ार, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 61 हे इसाुल, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक महार करो। 62 हे यहोवा के याजकों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 63 हे यहोवा के वासों, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 64 हे धतमययों, हे आताओं, ु्म यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 65 हे पतवत और वीर मरवालों, यहोवा का धनवाव करो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो। 66 हे हरनाह, अजयाय ह, और मीसाुल, यहोवा को धन कहो; उसकी स्तु करो, और उसे सवयवा सब से अतधक ऊंचा करो; कोंतक उस रे हम को अधोलोक से बचाया, और मृत् के हार से बचाया, और भटी के बीच से छ् डाया। और जलुी हई जाला से उस रे हम को आग के बीच से भी तरकाला। 67 यहोवा का धनवाव करो, कोंतक वह वयाल् है , उसकी कररा सवा की है । 68 हे यहोवा के भजर कररेवालो, वे वुाओं के परमेशर को धन कहो, उसकी स्तु करो, और उसका धनवाव करो; कोंतक उसकी कररा सवा की है ।


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