6 ये दूदाफिसुगन्धितसेबथे, जदिारानदेश
नीचे उपजे थे।
7 और रािेि ने किा, मैं उन्हें तुझे न दूंगी, परन्तु वे मेरे लिये सन्तानठिरें। 8 क्दंलकयिदवानेमुझेतुच्छजानािै
अध्याय 1 इस्साकार , याकूबऔरलिआकापााँचवााँपुत्र। दूदाफिके भाडेकीपापरलितसंतान।वि सादगीकीअपीिकरतेिैं . 1 इस्साकारके शब्दंकीप्रलत। 2 और उस ने अपके पुत्रदंकद बुिाकर उन से किा, िे मेरे बािकद, अपने लपता इस्साकार कीसुनद; जदप्रभुकालप्रयिै, उसके वचनदंपर कानिगाओ। 3 मैंयाकूबके पांचवेपुत्रके रूपमेंदूदाफिदं कीमजदूरीसे उत्पन्न हुआ। 4 क्दंलक मेरा भाई रूबेन मैदान से दूदाफि िेआया,औररािेिनेउससेभेंटकरके उन्हें िे लिया। 5 औररूबेनरदनेिगा, औरमेरीमातालिआ उसके
शब्से लनकिी।
में जिकीघाटीके
, औरमैं ने याकूबसे सन्तानउत्पन्ननिींलकया। 9 अबददसेबथे; औरलिआनेरािेिसेकिा, तेरे लिये यिी काफी िै लक तू ने मेरे पलत कद िे लिया; क्ातू इन्हें भीिे िेगी? 10 तब रािेि ने उस से किा, अपके पुत्र के दूदाफिदंके बदिे तू आज िी रात कद याकूब कदपािेगी; 11 औरलिआने उस से किा, याकूबमेरािै, क्दंलकमैं उसके बचपनकीपत्नीहं। 12 रािेिने किा, घमण्डनकरद, औरअपने ऊपर बडाई न करद; क्दंलक उस ने तुझ से पलििे मेरी प्रीलत की, और मेरे लिये उस ने चौदिवर्ष तकिमारे लपताकीसेवाकी। 13 और यलद पृय्वी पर लशल्प न बढ़ता, और मनुष्दंकी दुष्टता न बढ़ती, तद तू अब याकूब कामुखनदेखपाता। 14 क्दंलकतूउसकीपत्नीनिीं, परन्तु चािसे मेरे बदिे उसके पासिे िी गईिै। 15 और मेरे लपता ने मुझे धदखा देकर उसी रातकदलनकािलदया, औरयाकूबकदमुझे न देखने लदया; क्दंलक यलद मैं विां िदता, तद उसके साथऐसानिदता। 16 तौभीमैंदूदाफिदंके बदिेयाकूबकदएक रातके लिथे तेरे लिथे लनयुक्तकरताहं। 17 और याकूब लिआ कद जानने िगा, और वि गभषवती िदकर मेरे लिये उत्पन्न हुई, और मजदूरी के कारण मेरा नाम इस्साकार रखा गया। 18 तब यिदवा के दूत ने याकूब कद दशषन देकरकिा, रािेिददपुत्रजनेगी, क्दंलकउस ने अपने पलत का साथ त्याग लदया िै, और संयमकदचुनािै। 19 और यलद मेरी माता लिआ ने उसके मण्डिीके लिथेददसेबनलदएिदते,तदउसके आठ बेटे उत्पन्न िदते; इस कारण उसके छ: उत्पन्न हुए, और रािेि के दद उत्पन्न हुए; क्दंलक दूदाफिदंके कारण यिदवा ने उस पर दृलष्टकी। 20 क्दंलक वि जानता था, लक वि सुख की अलभिार्ाके लियेनिीं,परन्तुबािकदंके लिये याकूबके साथरिनाचाितीिै। 21 क्दंलक दूसरे लदन उस ने लफर याकूब कद छदडलदया। 22 इसलिथे दूदाफिदंके कारण यिदवा ने रािेिकीसुनिी। 23 क्दंलक उस ने उन्हें चािने पर भी उन्हें न पाया, परन्तु उन्हें यिदवा के भवन में चढ़ाया, औरउससमयपरमप्रधानके याजकके पास पहुंचालदया।
, और लनष्कपटता से चिद, और अपने पडदसी के कामदं में िाथ न डािना, परन्तु प्रभु और अपने पडदसी से प्रेम रखना, और दीनदं और लनबषिदंपरदयाकरना। 39खेतीके काममेंअपनीपीठझकाओ
24 इसलिथे जबमैं बडाहुआ, िे मेरे बच्दं, मैं मन की सीधाई से चिने िगा, और अपके लपता और भाइयदंके लिथे लकसान िद गया, और उनकी ऋतु के अनुसार खेतदंमें से फि िायाकरताया। 25औरमेरे लपतानेयिदेखकर,लकमैंउसके सम्मुख सीधाई से चिता रिा, मुझे आशीर् दी। 26 औरमैंअपनेकामदंमेंव्यस्तनथा, औरन अपने पडदसी से डाि करता था, और न उस से द्वेर् रखताथा। 27 मैं ने कभी लकसी की लनन्दा निींकी, और न लकसी मनुष् के प्राण की लनन्दा की, और अपनीनाईसीधाईकीसीचािचितारिा। 28 इसकारणजबमैंपैंतीसवर्षकाहुआ, तब मैं ने एक स्त्री ब्याि िी, क्दंलक पररश्रम के कारणमेरीशन्धक्तनष्टिदगई, औरमैंनेकभी स्त्रीसे सुखभदगने के लवर्यमेंसदचाभीनिीं; परन्तु मेरे पररश्रम के कारण नींद मुझ पर िावीिदगई। 29 और मेरा लपता सदा मेरी सच्ाई से आनन्धन्दतिदताथा, क्दंलकमैं याजकके द्वारा सब पलििी उपज यिदवा कद चढ़ाया करता था; लफरमेरे लपताकदभी. 30 और यिदवा ने मेरे िाथ में अपनी भिाई दसिजारगुणाबढ़ादी; औरमेरे लपताजैकब भी जानते थे लक ईश्वर ने मेरे अकेिेपन में सिायताकीिै। 31 क्दंलक मैं ने अपने मन की सीधाई से सब कंगािदंऔर सताए हुओंकद पृय्वी की अच्छी वस्तुएं दीिैं। 32 और अब, िे मेरे बच्दं, मेरी सुनद, और अपने मन की सीधाई से चिद, क्दंलक मैं ने उस में वि सब देखा िै जद यिदवा कद भाता िै। ' 33 एकमनवािासदने कािािचनिींकरता, वि अपने पडदसी के पास निीं जाता, वि नाना प्रकार के सुख-सुलवधाओं की िािसा निींकरता, विभांलत-भांलतके वस्त्रदंसेप्रसन्न निींिदता। 34 वि िम्बी आयु तक जीलवत रिना निीं चािता, परन्तु केवि परमेश्वर की इच्छा की बाटजदितािै। 35 और छि की आत्माओं का उस पर कुछ वश निीं, क्दंलक वि न्धस्त्रयदंकी सुन्दरता पर दृलष्टनिींकरता,किींऐसानिदलकविअपने मनकदलबगाडकर अशुद्धकरिे। 36 उसके लवचारदं में डाि निीं, कदई दुष्ट उसके मन कद उदास निीं करता, और न उसके मन में अतृप्त िािसा से लचन्ता िदती िै। 37 क्दंलक वि मन की सीधाई से चिता िै, और मन की सीधाई से सब कुछ देखता िै, औरसंसारकीबुराईसेबनीबुरीआंखदंसेदूर रितािै, ऐसानिदलकविप्रभु कीलकसी भी आज्ञाकदउिटफेर कालशकारदेखिे। 38 इसलिये िे मेरे बािकद, परमेश्वर की व्यवस्थाकापािनकरद, औरअलववालितरिद
,और खेती के सब कामदं में पररश्रम करद, और धन्यवादके साथयिदवाकदभेंटचढ़ाओ। 40 क्दंलक यिदवा पृय्वी की पलििी उपज से तुझे आशीर् देगा, जैसा उस ने िालबि से िे कर अब तक सब पलवत्र िदगदंकद आशीर् लदयािै। 41 क्दंलक पृय्वी की उपजाऊ उपज के फि कद, जद पररश्रम से उपजाया जाता िै, छदड औरकदई भागतुम्हें निींलदयाजाता। 42क्दंलकिमारे लपतायाकूबनेमुझेपृय्वीकी आशीर्ें, औरपलििीउपजकीआशीर्ें दीं।
पर चढ़ाई करनेवािी सेना कद
काअलधकारलदयागयािै।
इसलिये िे
43 औरयिदवाने िेवीऔरयहदाकदयाकूब के वंश के बीच में भी मलिमा दी; क्दंलक यिदवा ने उन्हें लनज भाग लदया, और िेवी कद याजकपद, औरयहदाकदराज्यलदया। 44 इसलिये तुम उनकी मानद, और अपने लपता के समान सीधा चाि चिद; क्दंलक गाद कद इस्राएि
अध्यायदो
मेरे बच्दं, यि जान िद, लक अन्धन्तम समय में तुम्हारे पुत्र कुंवारेपन कद त्यागदेंगे, औरअतृप्तिािसा में िगे रिेंगे। 2 और भदिापन छदडकर बैर के लनकट आऊंगा; और यिदवा की आज्ञाओं कद त्यागकरवे बेलियार में िगे रिेंगे। 3 और वे खेती-बाडी छदडकर अपनी बुरी युन्धक्तयदं के पीछे चिेंगे, और अन्यजालतयदंमें लततर-लबतरिदजाएंगे, औरअपने शत्रुओंकी सेवाकरेंगे। 4 इसलिये क्ा तू अपके िडकेबािदंकद ये आज्ञा देता िै, लक यलद वे पाप करें, तद तुरन्त प्रभु के पास िौट आएं; क्दंलक वि दयािु िै, और उन्हें छुडाएगा, वरन उन्हें उनके देश में िौटािाएगा। 5 इसलिये देखद, जैसा तुम देखते िद, मैं एक सौ छब्बीस वर्ष का हं, और मुझे कदई पाप करने काभाननिींिै। 6 अपनी पत्नी कद छदड मैं ने लकसी स्त्री कद निीं जाना। मैंने कभी आाँखें उठाकर व्यलभचार निींलकया। 7 मैं ने दाखमधु निीं लपया, लक उसके द्वारा भटकूं ; 8 मैं ने अपने पडदसीकीलकसीभीमनभावनी वस्तु कािािचनिींलकया। 9 मेरे मनमें कपटउत्पन्ननहुआ; 10 झूठमेरे मुंिसे निींलनकिा। 11 यलद कदई मनुष् संकट में िदता, तद मैं उसकीआिके साथअपनीआिभीलमिाता, 12 औरमैंनेअपनीरदटीकंगािदंकदबांटदी। 13 मैं भन्धक्तकरतारिा, औरजीवनभरसत्य परचितारिा। 14 मैं ने यिदवा से प्रेम रखा; वैसे िी िर एक मनुष् भीअपने सम्पूणष मनसे। 15 िे मेरे बच्दं, तुम भी ऐसा िी करद, और बेलियार की सब आत्मा तुम्हारे पास से भाग जाएगी, और दुष्टदं का कदई काम तुम पर प्रभुतानकरेगा; 16 औरतुम सब बनैिे पशुओंकद अपने वश में करदगे, क्दंलक आकाश और पृय्वी का परमेश्वर तुम्हारे साय िै, और तुम मन की सीधाईसे मनुष्दंके सायचिते िद। 17 औरयेबातेंकिकरउसनेअपके पुत्रदंकद आज्ञा दी, लक उसे िेब्रदन कद िे जाओ, और विां उसके पुरखाओंके साय गुफा में लमट्टी दद। 18 औरविपांवफैिाकरबहुतबुढ़ापे में मर गया; िर अंग कद स्वस्थ रखते हुए, और लनरंतर ताकत के साथ, वि शाश्वत नींद सद गया।
नाशकरने
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