मोक्ष और मुक्ति meditationwithlife.blogspot.com/2022/07/mokshandmukti.html
Meditationwithlife.blogspot.com
मोक्ष और मुक्ति में क्या फ़र्क है |
हर व्यक्ति अपने परिवार के मृतकों की मुक्ति या मोक्ष की कामना करता है कई बार व्यक्ति मुक्ति और मोक्ष को एक ही मान लेता है | सामान्यतः यह अर्थ निकलता है | कि जन्म मरण से छुटकारा मिलना ही मुक्ति या मोक्ष है | आइये समझते है | दोनों के बीच में क्या फर्क है
मुक्ति :- मुक्ति किसे कहते है |
जब कोई सम्मान्य व्यक्ति मरता है | तो उसकी सदगति के लिए श्राद या तर्पण करते है | कहा जाता है | कि कर्मो के अनुसार व्यक्ति यदि पशु पक्षी या प्रेत आदि बन गया है तो उससे वह मुक्त होकर वह पुनः मनुष्य योनि में आ जाये या देवलोक चला जाये | इसके लिए गया जी में जाकर श्राद कर्म किया जाता है | अंतिम क् रम ब्रह्मकपाली में होता है | जैसे कोई रोग से मुक्ति हो जाये | कोई बुरी योनि से मुक्ति हो जाये या कोई नरक से मुक्त हो जाये यही मुक्ति का अर्थ है | परन्तु मोक्ष इससे बढ़कर है |
1/2
मोक्ष :- मोक्ष किसे कहते है | मोक्ष की धारणा वैदिक ऋषि संत महापुरषो से आई है | भगवान बुद्ध को निर्वाण प्राप्त करने के लिए अपना पूरा जीवन साधना में बिताना पड़ा ऐसे ही महावीर को मोक्ष प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करनी पड़ी और संत महापुरुषों को समाधि प्राप्त करने के लिए योग और ध्यान की कठिन साधनाओ को पार करना पड़ता है | वेदो और ग्रंथो में खा गया है | मोक्ष को प्राप्त करना अत्यंत कठिन है | मोक्ष प्राप्त करने से व्यक्ति को जन्म मरण से छु टकारा मिल जाता है | और वह भगवान के सामान ही हो जाता है | इसीलिए मोक्ष मिलना इतना आसान नहीं दुनिया में सब कु छ आसानी से मिल सकता है | लेकिन खुद को पाना आसान नहीं खुद को पाने का मतलब है | की सभी तरह के बंधनो से मुक्ति |
If you want to read this blog in English then please click here
👆
2/2