अंतरात्मा की आवाज (Inner Sound)

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अंतरात्मा की आवाज (Inner Sound) meditationwithlife.blogspot.com/2022/08/InnerSound.html meditationwithlife

हर मनुष्य के अन्दर एक शांत मनुष्य रहता है | जिसे हम अंतरात्मा (conscience) कहते है | हमारी अंतरात्मा (conscience) हमेशा सही होती है | और इसीलिए शायद यह कहा जाता है | कि हम ईश्वर का अंश है | प्राचीन काल से हमारे ऋषिमुनियों ने यह स्वीकार किया है | कि अंतरात्मा (conscience) की आवाज ईश्वर की आवाज होती है और यह बात किसी धर्म पर लागू नहीं होती यह सभी धर्मो के लिए है | खुश रहने का सीधा सा तरीका है | की हम अपनी अंतरात्मा (conscience) की आवाज सुने क्यों कि हमारी Meditationwithlife.blogspot.com अंतरात्मा (conscience) हमेशा हर परिस्थिति में सही होती है | हम जब कभी भी बुरा कर रहे होते है | तो हमें कु छ अजीब सा लगने लगता है | मानो कोई हमसे यह कह रहा हो कि वह बुरा काम मत करो यह हमारी अंतरात्मा (conscience) होती है | जो हमें बुरा करने या किसी को दुःख पहुंचाने से रोकती है | और जब हम अपनी अंतरात्मा (conscience) की आवाज को अनसुना कर देते है | तो हमारा अपनी अंतरात्मा (conscience) से सम्पर्क कमजोर हो जाता है | जब हम दूसरी बार कु छ बुरा करने जा रहे होते है | तो हमें अपनी अंतरात्मा (conscience) की आवाज फिर महसूस होती है | लेकिन इस बार वह आवाज इतनी मजबूत नहीं होती क्यों कि हमारा अपनी अंतरात्मा से (conscience) सम्पर्क कमजोर हो चुका होता है | जैसे जैसे हम अपनी अंतरात्मा (conscience) की आवाज को अनसुना करते जाते है | वैसे वैसे हमारा अपनी अंतरात्मा (conscience) के साथ सम्पर्क कमजोर होता जाता है | और एक दिन ऐसा आता है | कि हमें वो आवाज बिल्कु ल सुनाई नहीं देती जैसे जैसे हमारा अपनी अंतरात्मा (conscience) के साथ सम्पर्क कमजोर होता जाता है | वैसे वैसे हम उदास होने लगते है | और खुशियाँ भौतिक वस्तुओ में ढूंढने लगते है | हम अपनी समस्याओ को हल करने में असमर्थ हो जाते है | जिससे तनाव हमें चारो और से घेर लेता है | और ऐसी परिस्तिथि में हमें स्वयं को वापस अपनी अंतरात्मा (conscience) के साथ जोड़ना होता है | इसका सबसे अच्छा तरीका ध्यान या मैडिशन (Meditation) है | जैसे जैसे हमें अपनी अंतरात्मा (conscience) की आवाज सुनाई देना बंद होती है | वैसे वैसे हमारा स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता और हम सही गलत की पहचान नहीं कर पाते ऐसी स्थिति में हम खुद को नियंत्रित नहीं करते बल्कि परिस्थितिया हमें नियंत्रित करती है | इसलिए हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के लिए नियमित रूप से ध्यान एवं मैडिटेशन (Meditation) करना चाहिए |

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