Gau hatya

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рдЧреМ-рд╣ рдпрд╛ рд╣рдВрдж рдХрд╣рд╛рдиреА

рдк рдЯрдВрдЧ : рдХреЗ рд░рд╡реАрдВ

рдЕрдирд╡рд░ рд╕рд╣ реБ реИрд▓


गौ-ह या हंद कहानी

गौ-ह या | [Pick the date]

अनवर सह ु ैल

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рдЧреМ-рд╣ рдпрд╛ | [Pick the date]

рдРрд╕реА рд╕рд╛F6рджрд╛7рдпрдХ рддрдирд╛рддрдиреА рдХ

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बंटा हुआ है . जब कारNगल यB ु हो, संसद पर हमला हो या मF ु बई का सीTरयल UलाDट...ऐसे समय ये सारे त व एकजुट होकर दो खेमH म बंट जाते ह9....एक खुलेआम उVघोष करने लगता है और दस ु ी ू रा &सफL भ सLना के ज़Tरये अपनी नाखश दजL कराता है . इधर-उधर के हं गामH से परे शान होकर ये भी दे खा गया है 4क खुद मुिDलम वगL भी अपने को अलग-थलग होने से बचाने के &लए मुYयधारा म आने वाले बयान ज़ार करता है . जब4क उसक मज़Fमत को, उसक शहादतH को उस समय कोई याद नह ं करता और एक ह बात जनसामा:य म आम रहती है ---“दे खो लोगH घ[डयाल आंस,ू ,,!” बेनी रपटा वाल घटना का जब पूरे तौर पर खुलासा हुआ और &सफL मस ु लमान ह 7नशाने पर नह ं रहे तब इस बात पर सभी एकमत हुए थे 4क हाँ, बाज़ार का लालच इंसान को अपराध के &लए 6ेTरत करता है . तो +या बाज़ार का बहाना लेकर हम अमानवीयता, `ूरता, अनै7तकता जैसी बुराइयH का म हमामंडन कर ? गौ-ह या | [Pick the date]

जो गलत है सो गलत होगा ह , 4कसी भी तकL से उसे सह

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नह ं कहा जा सकता....ले4कन aयि+त गलत या सह इसी समाज से ह सीखता है . समाज ह उसक 6योगशाला है . ऐसे म अपराधी बनने क

64`या म सं&लbत लोग इस

&सBांत को सवcपTर मानने लगते ह9 4क जो पकड़ा जाए वह


चोर और जो पकड़े जाने से हमेशा बचता रहे या जो पकड़ने वालH को लहा-प ु टया कर रखे वह साहूकार... तो पकड़े जाने से बचने के तमाम जग ु ाड़ जानने वालH को समाज म मान-आदर भी &मलता है ... ऐसा उन तीनH ने दे खा...समझा..सीखा...और एक चौथे को भी अपने साथ शा&मल 4कया 4क काम इस तरह हो 4क सांप भी मरे और लाठd भी न टूटे ... ले4कन हर गन ु ाह ऐसे गन ु ाहH पर भार पड़ता है जो उनने 4कया था.. आतंकवाद और गौह या ऐसे दो अपराध ह9 जो अ5Fय ह9 और साPबत होने पर म ृ यदं ड से कम पर बात नह ं बननी चा हए.... इस बात पर सभी एकमत ह9...+यं4ू क &सफL बहुसंYयकH ने ह नह ं बिeक अeपसंYयकH ने भी उस माचL, धरना 6दशLन म हDसा &लया, fापन सgपे थे 4क अपराNधयH को पकड़ा जाए और अमन-चैन के ह यारH को सल ू पर लटकाया जाए.

7नयंhण करने वाल चौक अचानक हरकत म आई... एसडीएम, कले+टर, एसपी ने मोचाL संभाला. Dथानीय और 6ादे &शक अखबारH के Uयरू ो-चीफ, ट वी :यज़ ू के संवाददाता हरकत म आये.

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अमम ू न आदतन अपराNधयH से साठ-गाँठ करके अपराध

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मामला संगीन है ...मY ु यमंhी तक इस मामले क अVयतन जानकार चाह रहे ह9. अeपसंYयक घबराए ह9 4क इस बार तो ज़Eर बवाल होके रहे गा....ये काम ज़Eर टुiचे कुरै &शयH-NचकवH का है जो धंधेपानी के &लए कुछ भी कर सकते ह9. अरे , बादशाहH ने भी अपने जमाने म गौकशी को मा:यता नह ं द थी...4फर थोड़े से धन के लालच म ये टुiचे Nचकवेकसाई काहे अमन-चैन म खलल डालने क को&शश करते ह9. हाजी अशरफ साहब ने गांधी चौक पर भार भीड़ को संबोNधत करते हुए कहा---“अब घटना क हक कत चाहे जो हो ले4कन 4कतनी शमLनाक बात है 4क एक मछल सारे तालाब को अगर गंदा करना चाहे गी तो हम उस मछल को ह मार दे ने के प5 म ह9...हम साफ़ सथ ु रा तालाब चा हए...हमार नगर क अंजम ु न कमेट क तरफ से 6शासन से अपील है 4क इस गौकशी क त परता से जांच कर और दो<षयH को तीन दन के अ:दर पकड़ ..वनाL हम अ7निkचत काल तक के &लए नगर

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बंद रख गे...!”

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अब चलते ह9 उन तीनH या कह चार यारH के बारे म जान ल िजनके एडव चर ने नगर क तथाकNथत शाि:त को भंग कर दया था.


तीन लंगो टया यार.. गाहे -बगाहे एक चौथा भी उनसे आ &मलता... वे अ+सर बेनी नाले के रपटे पर आ &मलते. नगर जहां ख म होता वहां पहाड़ी के दामन पर एक छोट सी बरसाती नाला है , बेनी नाला…. बाTरश के समय नाला खूब जोर मारता है , िजससे वन-<वभाग के लोगH को जंगल क तरफ जाने म परे शानी होती है सो जाने 4कतने पlच-वषmय योजनाओं को ठ गा दखाकर बाTरश म नाला पार करने के &लए एक रपटा बन ह गया. इतनी मान-मनौaवल के बाद बना रपटा साल भर ह म जजLर हो चुका है . वैसे भी <वकास क 4कसी भी बयार से अछूता रहता है ये नगर. कोई सध ु लेने वाला नह और कोई सख ु दे ने वाला नह . जब सब जगह Pबजल आ चुक तो इस नगर म भी आ गई. जब सब जगह सड़क बनीं तो इस नगर म भी बन गई. टे ल फोन, रे लवे जैसी जEरत भी आगे-पीछे यहाँ तक आ ह गo. आसपास कोयला

कोयला ढोने से बचे समय म उस लाइन पर एक याhी रे ल भी चल जो पचास 4कलोमीटर दरू एक जं+शन Dटे शन तक अप-डाउन करती है .

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खदाने खुल ं तो झक मार के रे लवे लाइन Pबछानी पड़ी..और

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जहां याhी आगे क याhा के &लए &लंक पाते और 4फर वह रे ल दरू -दराज से लौटने वालH को लेकर वापस आ जाती. यह इस qे न का टाइम-टे Pबल है ...ये जब आती है तभी कह ं जाती है ...नह ं आती तो 4फर कह ं जा भी नह ं पाती. पहा[ड़यH के दग L ु म

राDतH

बाTरश

के

मौके

पर

लोग

qे न

अ7नय&मतता से परे शां रहते ह9 और Dटे शन के 4कसी कमLचार से पूछो 4क भैया qे न कब आयेगे...तो वे यह जवाब दे ते ह9—“जब आह तब जा ह..” याने qे न जब आ जाए तो मान लो आ गई और जब चल जाए तो समझो चल गई... इसी नगर म <वकास क सुDत रsतार अचानक तेज़ ग7त म आ गई...हुआ ये 4क अचानक नगर के कई कोनH म बड़े-बड़े टावर उग आये. एक साथ कई मोबाइल नेटवकL कंप7नयH ने अपना जाल सा Pबछा दया. मह नH पोDटकाडL या अंतदt शीय पhH के माuयम से स:दे श पाने और भेजने के आद नगरवासी जैसे पगला से गए...एक दम गंवार टाइप के लोग भी कान म यंh लगाये ये बोलते पाए गये—“तोर नFबर ला

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सेव कर लेहे हH गा...त9 Nचंता मत कर, तोर चाचा ला क हहH

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और तोसे बात करवैबे कTरहH...” 4फर कुछ दनH बाद +या बiचे +या बड़े सभी ऐसे मोबाइल सेट खर द कर उपयोग करने लगे िजसमे तमाम स<ु वधाएँ होती ह9.


हर उv के लोग और कोई fान बढाय या न बढाय , दे शद7ु नया म उपलUध यौन-fान ज़Eर 6ाbत करने लगे. और वे तीनH दोDत भी मोबाइल के इस जाद ू के Nगरwत म आ गये. एक के पास एक ऐसा मोबाइल सेट था िजससे &सफL बात होती थी, एसएमएस आ-जा सकता था. 4कतना अनाकषLक और घ टया द खता था वो सेट...ले4कन उसमे गाने सुनने क सु<वधा भी थी. शाम को जब तीनH रपटा पर &मलते तो मोबाइल से गाना सन ु ते... “हमका पीनी है पीनी है हमका पीनी है ...” इसका एक अथL ये भी लगाया जा सकता है 4क यदा-कदा ख़श ु ी 6कट करने के &लए या गम गलत करने के &लए वे तीनो पीते भी थे. गोया 4क मौजूदा दौर म पीना कोई बुर बात नह ं है बिeक न पीने वालH क संYया लगातार घटती जा रह है .

अ7नयोिजत पीने वालH को बड़ी सहूलत &मल है . बस एक छोट सी बोटल जेब म ठूंसी, दो-चार [डDपोजेबल Nगलास दस ू र जेब म डाले, एक पोल Nथन म पानी क बोतल और

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जब से [डDपोजेबल Nगलास बाज़ार म Pबकने लगे ह9 तो उससे

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चखना के Eप म नमक न, चना आ द रखकर कह ं भी बैठकर या चलते-4फरते दाE पी जा सकती है . बेनी नाले के रपटे पर बैठ कर बीडी-&सगरे ट पी लेते और कभी-कभार गांजे के कश भी मार &लया करते थे. इस तरह से दे खा जाए तो नशा के 4कसी भी साधन को वे ठुकराते नह ं थे. दोDती इतनी गहर ले4कन वे समल9Nगक नह ं थे और अ+सर माल लड4कयH और चालू औरतH के बारे म बात भी 4कया करते. तीनH म से एक शाद -शद ु ा था ले4कन आवारागदy के कारण िजसक बीवी उसे छोड़कर दस ु रे युवक के साथ भाग गई थी. बाक के दो कंु वारे थे और ये भी दावा करते 4क शाद

नह ं

हुई

तो

+या

हुआ

बारात

बहुत

दे खी

ह9

उनने....अथाLत वे जीवन के गोपन रहDयH से अनजान न थे. सूचना `ाि:त के महा-<वDफोट के बाद अब कुछ भी 7छपा नह ं है ...और जो दखता है सो Pबकता है . बेच रह ह9 द7ु नया भर क ताकत अkल लता, असामािजकता गौ-ह या | [Pick the date]

और अपसंDकार..

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और इस अपसंDकार को सहज-DवीकायL बना दया गया है . पहले जो चीज़ ‘समरथ को नह ं दोष गुसाo’ तक सी&मत थीं, अब हर aयि+त समथL है और 4कतने कम पैसे म आठ जीबी, सोलह

जीबी

Nचbस

उपलUध

हो

जाती

ह9

िजनम


अपसंDकार से संDकाTरत करने के असी&मत डाटा घस ु ाए जाते ह9 और एक ि+लक पर या D` न पर हeके से DपशL पर उनका आDवाद &लया जाता है .

उन तीनH म जो शाद -शुदा था उसका नाम था सeलू यानी सलमान कुरै शी...यानी बड़े Nचकवा का पांचव नFबर का बेटा...नगर म तीन कसाई ह9...बड़े Nचकवा, मंझले Nचकवा और छोटे Nचकवा. इन तीनH का नगर के मांस aयापार म नUबे 67तशत हDसा है ...इनके कFपट शन म रह स भाई आये ले4कन पनप न सके, गुलज़ार कसाई का धंधा ज़Eर कुछ जमने लगा है . वो भी इस&लए 4क वो उधार का aयापार करता है . जब4क खाने-पीने वाले कहाँ याद रखते ह9 उधार वध ु ार ...खाए <पए |खसके, पठान भाई 4कसके... सeलू बचपन से ह सुबह-सवेरे अपने अUबू बड़े Nचकवा क गा&लयाँ सन ु कर उठता और आँख मलते हुए रे लवे लाइन दक ू ान पर आ जाता. उसक

}यूट थी

दक ु ान क सफाई करना और 4फर सरकार नल से बािeटयाँ भर-भरके पानी लाना और दक ु ान के बाजू म रखे आधे ~म को पानी से फुल कर दे ना. इसी बीच रे ल लाईन 4कनारे वह मैदान आ द से भी 7नपट लेता है .

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4कनारे मटन क

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4फर जब उसका छटे नFबर का भाई दक ु ान आने लगा तब उसक िज़Fमेदार बदल गई. अब वह दक ू ान क साफ-सफाई होने के बाद घर से माल लाकर दक ू ान म बांधता और 4फर जब बड़े Nचकवा माल िजबह करते तो माल क खालपोशी करता. खालपोशी के बाद अंत[ड़यH क सफाई करके नाले म बहाना और अंत[ड़यH को सहे ज कर दक ू ान म Pब` के &लए रखना. कोई गाहक सर या पैर खर दने आये तो उसे टे कल करना. खालपोशी करना कोई अiछा काम नह ं है ..साधारण शUदH म कहा जाए तो खालपोशी करना माने बकरे क चमड़ी Pबना कट -फटे

उतारना...मवेशी का चमड़ा Pबकता है ...इसी&लए

उसमे खरHच नह ं लगनी चा हए. खरHच लगी खाल के दाम नह ं &मल पाते. धीरे -धीरे सeलू इस हुनर म भी उDताद हो गया. उसके बाद उसने बाकायदा दक ु ान म बैठ कर चापड़ से बो टयाँ काटकर गोkत बेचने क कला भी सीख ल . बड़ा ह

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चतुर सयाना था सeलू जो पलक झपकते ह गाहक क नजर

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के सामने ह इधर का माल उधर कर दे ता और अiछा-बुरा &मलाकर गोkत बेचना भी एक कला है ...इस हुनर के कारण उसके अUबू बड़े Nचकवा उसे अब दक ू ान म बैठाने लगे थे. अपनी 4कशोरवय के कारण वह एक कुशल सेeसमैन बन


गया था और यदा-कदा अपनी सझ से सौ-पचास क ू -बझ ू हे राफेर भी कर लेता था. आ|खर रोज़-रोज़ के 7नत नए खचt के &लए दक ू ान म 7न"ठा दखाने का ईनाम भी तो चा हए ह था, वनाL अUबू के हाथ से फूट कौड़ी भी न &मले...आठ-दस जनH का संय+ ु त पTरवार इसी गोkत क दक ू ान से ह तो आजी<वका पाता था.

स लू इस 7तकड़ी का म|ु खया है . सeलू के दोनH दोDत अ+सर सeलू के कहे अनुसार काम करते. सeलू उनका बॉस है . bयार से उसे वे बॉस और कभी भाईजान कहते. उनमे

से

एक

<वkवकमाL

था...अशोक

<वkवकमाL

उफ़L

पbप.ू ..पbपू के <पता पहले <6ं टंग 6ेस म कFपोजीटर का काम करते थे. बड़ा ह आँख फोडू काम था वो. बीडी पीते और पेज कFपोज़ करते. Nचमट के सहायता से एक-एक शUद

लौटने से पहले ठे के पर जाकर दे सी मार &लया करते. पैPhक संपि त के बंटवारे से कुछ रा&श &मल तो उ:हHने जोड़-तोड़ कर एक सेक ड है ड qे [डल मशीन लगा ल . शE ु म अiछा काम &मलता था ले4कन जब से D` न और 4फर

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चन ु कर ेम म 4फर करना. काम अNधक होता तो रात घर

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आफसेट <6ं टंग 6ेस नगर म

खल ु े, तब qे [डल के &लए काम

&मलना कम हो गया. उनके पास इतने पैसे तो थे नह ं 4क अपना ऑफसेट 6ेस डाल ल सो पbपू के <पता ने qे [डल मशीन औने-पौने बेचकर साइ4कल Tरपेयर क

दक ू ान लगा

ल . साइ4कल 4कराए पर भी लगाते और मह ने म चार-पांच नई साई4कल बेच भी लेत.े बगल के कसबे के &स:धी सेठ से वे नई साइ4कल ले आते और कमीशन पर उ:ह बेचते. ये अलग बात है 4क उनका हाथ हमेशा तंग रहता है . पढने&लखने म 4फस}डी रहने वाला उनका खरु ाफाती पूत पbपू साइ4कल क दक ु ान म बैठने लगा तो उ:ह दप ु हर म आराम &मलने लगा. पbपू शाम होते ह <पता को दक ू ान और गeला सgप सीधे बेनी नाले क रपटे क तरफ इस तरह भागता जैसे कोई नमाज़ी अज़ान क

आवाज़ सन ु मिDजद क

तरफ भागता

है .....इस रपटे म ह उसे द7ु नया-जहान का fान क 6ाbत होता है .

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उनका तीसरा साथी है अंसार जो जग ु नू टे लर माDटर का बेटा

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है ..एक जमाने म जग ु नू टे लर माDटर बड़े फेमस थे...4फर जब से Dटाइल टे लर क शॉप खुल और लgडे-लफाड़ी Dटाइल म कपड़े &सलवाने लगे तब जग ु नू टे लर माDटर को मंद छाई...अंसार के अUबू अपने जमाने के बेDट टे लर थे...कोट-


प ट <वशेषf ले4कन अब कोट-प ट भी रे डीमेड &मलने लगे ह9..बस Nगने-चन ु े परु ाने गाहक ह9 िजनके आडLर &मलते रहने से जग ु नू टे लर क दक ू ान म धूल नह ं जमने पाती है . शाम के व+त उस रपटे पर इ+का-द+ ु का लोग ह आते... एकदम एकांत वासा..झगडा न झांसा..यह तो नारा था उनका. दन भर इधर-उधर और शाम बेनी नाले पर बने रपटे पर बीतती उनक . उनका सबसे बड़ा दःु ख ये था 4क उन 4कDमत के मारH के पास मोबाइल सेट के नाम पर फ़ोन करने, एसएमएस भेजने और गाना सन ु ने क सु<वधा वाला छोटा सा मोबाइल सेट हुआ करता. तीनH के पास ऐसे ह मोबाइल थे. दे खने म अनाकषLक और पथर ले से. सeलू कहता—“साला इस मोबाइल को 4कसी के सामने 7नकालने पर बेइ जती खराब हो जाती है ..” पbपू

कभी

Pबगड़ता

तो

बोलता

मोबाइल

फ क

के

माEंगा...मोबाइल न हुआ जैसे कोई प थर... जब4क नगर म चार इंच से लेकर साढ़े पांच इंच D` न वाले इतने सु:दर मोबाइल सेट आ गए थे 4क बस एक बार हाथ लगे तो छोड़ने का मन न करे . चाहे तो गानH क <व[डयो दे ख लो, फेसबुक, aहा सअप चला लो, यू यूब म गाने सन ु ो

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अंसार भी अपने बेढंगे मोबाइल से दख ु ी रहता.

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या 4फर उन विजLत वेबसाइट म घूमो-भटको जहां से लौटने को मन न करे . पbपू बोला—“िजसे दे खो मोबाइल क

D` न पर ऊँगल से

Nच[ड़या उड़ाता रहता है फुरL..फुरL ...” अंसार कहाँ चप ु रहता---“अबे वे गेम खेलते ह9...जानता है म9ने भी अपने एक कDटमर का मोबाइल चलाया है उसमे ऐसा गेम था 4क उसे खेलते हुए सांस रोकनी पडती है ....चुके नह ं 4क धडाम से ग}ढे म Nगरे और गेम-ओवर...” सeलू अपने लiछे बालH को संवारते हुए नाक सड़ ु कते हुए बोला—“अबे, जानते हो मेरे Pबलासपुर वाले जीजा के पास +या मDत टे ब है ...जानता है जैसे &सनेमा हाल म <प+चर दे ख रहे हH...म9ने उनका टे ब झटक &लया और दो घंटे कैसे बीते पता भी नह ं चला...उसमे नेट-पेक भी था...खब ू मजा आया...म9ने उसमे जानते हो दो <व[डयो दे खे...वोई वाले...+या <प+चर +वा&लट है उसक ...दे ख तो रहा था और मेर “----“ भी फट जा रह थी 4क कह ं कोई आ न जाए...4फर जब उनक एक

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काल आई तो म9ने हDq [डल ट करके उनका सेट उ:ह

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वापस कर दया...पiचीस हजार का टे ब है उनका...!” सeलू के अनभ ु व सन ु के पbपू और अंसार अवाक रह गये... अब उनके पास एक ह वाब था...कैसे एक मोबाइल सेट या टे ब उनके हाथ लगे...


कम से कम आठ-दस हज़ार Oपये तो लग गे ह कायदे का मोबाइल लेने म . ले4कन इतना पैसा कहाँ से आयेगा? और पैसे का जग ु ाड़ उ:ह अपराध के राDते ले गया. ब ु ढ़या बकर का माँस ‘अeला-कसम एकदम खDसी का गोkत है ...सॉ&लड..!’ कहके नए लजीले गाहकH को लपेट दया करता. लजीले गाहक माने ऐसे ाहक जो डरते-सहमते गोkत खर दने पहुँचते ह9 4क यादा समय न लगे िजससे लोग न जान जाएँ 4क वे भी मांसाहार ह9. ऐसे भी ाहक होते ह9 िज:ह गोkत से मतलब होता है ...जो एकदम नह ं जानते 4क अगले पैरH को दDत और <पछल टांगH को रान कहा जाता है . 4क मोटा सीना +या होता या चांप का गोkत 4कसे कहते ह9. सeलू ऐसे गाहकH को बखब ू ी पहचानता है और उ:ह 7छछड़ा वगैरा भी तौल कर दे दे ता है . इस मए ु मोबाइल ने उनके रात क नींद और दन का चैन छdन &लया था.

उनक च5ुओं के &लए भी मनोरं जन का साधन &मल जाता. वे औरH क तरह अपने DमाटL फोन के सपने दे खा करते. एक शाम जब सरू ज डूब चक ू ा था और धंध ु लका फ़ैल रहा था...अचानक सeलू को एक बकरा चरता दखा.

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एक अदद DमाटL फोन उनके हाथ आ जाता तो कान के साथ

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शायद झ ु ड से Pबछुड़ा बकरा था. सeलू के दमाग म एक <वचार आया. उसने पbपू और अंसार क तरफ दे खा. सeलू भाईजान गुO ठहरे ....युि+त उसे सूझ चुक थी.... सeलू का यिु +त सुनकर पbपू और अंसार के होश उड़ गये. ---“अगर भेद खुला या पकडे गये तो...?” ---“कुछ नह ं होगा बे...कालूराम है न उसको भी साथ रख ल गे...उनके Pबरादर म मरे जानवर का मांस खाया जाता है ...वो एकदम ए+सपटL है इस काम म ...!” तो ये था उनके ग9ग का चौथा सदDय कालूराम. कालूराम, िजसके बारे म &सफL सeलू ह जानता था 4क वो वाDतव म करता +या है ? चँ 4ू क नगर के आ|खर &सरे म उन लोगH क बDती है जहां कई घरH म सअ ू र के बाड़े ह9. ग:दगी, गर बी, उपे5ा क &शकार बDती. उस बDती म सं ांत दन म जाने से कतराते ह9. जब4क रात म सड़क के आस-पास क वे झोप[ड़यां रगड़े-झगड़े, दे सी दाO, िज:दा और मद ु ाL मांस के गौ-ह या | [Pick the date]

&लए मशहूर ह9. कहते ह9 4क बDती क औरत रात म खुले

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आम िजDमफरोशी करती ह9. बDती क बदबू से परे शान लोगH को रात-Pबरात उस बDती क औरतH म जाने कहाँ से सौदयL और मादकता नज़र आ जाती है .

अमम ू न प&ु लस वालH क

रे ड वहां पड़ती ह रहती है . कह ं चोर 7छनैती हो तो पु&लस


का पहला छापा इनक बिDतयH म पड़ता है . जाने 4कतने हDq -शीटर इस बDती के प&ु लस के खाते म दजL ह9. इस बDती के लोगH से चार पैसे छdंट कर कोई भी काम करवाया जा सकता है . इसी&लए Dथानीय दाO के ठे के वाले हH या 4फर &सनेमा हाल वाले...इस बDती के लgडH को भरती करके रखती ह9...ता4क उनके 67त"ठानH म शां7त-aयवDथा कायम रह सके. नगर म कह ं भी कोई जानवर मरा हो और बदबू फ़ैल रह हो तो इस बDती म भागे-भागे आओ और समDया का समाधान पाओ. अरे , अब न इतने न&स ग होम बन गये ह9 वरना एक जमाने म तो यहाँ क चमाईन-दाईयाँ सेठ-महाजनH तक के घर 6सव कराती और नेग पाती थीं. कालरू ाम का नाम सन ु कर पbपू और अंसार आkवDत हुए 4क उसके रहने से काम आसान हो जाएगा. सeलू के आ म<वkवास भरे चेहरे को 4कसी &सB-पुOष क तरह दोनH ताक रहे थे. इस&लए उ:ह सeलू भाईजान पर

सeलू ने आँख मार कर कहा--“मोबाइल चा हए 4क नह ं बेटा...कुछ पाने के &लए कुछ खोना भी पड़ सकता है जानेमन...ऐसे आँख फाड़-फाड़ कर मझ ु े न दे खो, और मौके

गौ-ह या | [Pick the date]

भरोसा है ...

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तलाश म रहो...लोहा गरम हो तभी हथोड़ा मारना

चा हए...!”

वे चारH आ|खर पकड़े गये. जनता के जोरदार संघषL और धरना-6दशLन का पTरणाम था 4क सालH से ठं डाई पु&लस-6शासन ने ज़बरदDत गमLजोशी दखलाई और ह यारH को Nगरwतार कर ह &लया. और इस Nगरwतार ने जैसे तमाम जुझाE 6दशLनकाTरयH को ठं डा कर दया. एक अजीब स:नाटा सा छा गया नगर म . गन ु ाहगारH के पकडे जाने के बाद अचानक बहुसंYयक शांत हो गये और नगर म फैला तनाव समाbत हो गया. कहाँ तो अeपसंYयकH को टागtट बनाकर ज़बरदDत भड़काऊ नारे लगाये जा रहे थे और प&ु लस ने िजन लोगH को पकड़ कर जनता के सम5 6Dतुत 4कया उससे तो जैसे उन लोगH को सांप सूंघ गया. सeलू उफ़L सलमान, अशोक <वkवकमाL उफ़L पbप,ू अंसार और गौ-ह या | [Pick the date]

कालूराम.

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इन चारH ने जो बयान पु&लस को दया वह बयान पhकारH को भी दया. पhकार-वाताL म पhकारH के अलावा नगर के ऐसे यव ु ा भी शा&मल थे िज:होन DवDथ और Dवiछ समाज 7नमाLण का


संकeप &लया था. इससे पहले ये यव ु ा नगर क

धा&मLक,

सांDकृ7तक ग7त<वNधयH म बढ़-चढ़ के हDसा लेते थे. इधर उनके मन ये <वkवास गहराता जा रहा है 4क दे श के &लए इससे सु:दर अवसर 4फर आये न आये इस&लए बरसH से मन म दबी इiछाओं को, अधरू े DवbनH को परू ा 4कया जाए. गवL से जाने कब से कहते तो आ रहे थे 4क वे इस दे श क बहुसंYयक आबाद को अपने गौरवशाल अतीत क अनभ ु ू7त करा द गे. तब उनके नारे म बहुसंYयक-वाद क इस&लए

जब

उ:ह

"टाचार-म+ ु त

भारत

और

बू थी. सवा गीण

<वकास का नारा &मला तो जैसे उनके दन 4फर गए... अपराNधयH के पकड़े जाने से अeपसंYयक समाज ने भी चैन क सांस ल . ऐसी ह चैन क सांस ल थी मिु Dलम समाज ने इं दरा गांधी क ह या के बाद...बड़े दहशत म थे लोग 4क कह ं ह यारा कोई &मयां न हो... जब ि+लयर हुआ 4क इं दरा गांधी के से+यTु रट &सपा हयH ने ह उनक ह या क है जो 4क &सख ह9

वैसे भी द7ु नया भर म ये बात कायम हो चुक है 4क मिु Dलम समाज एक बंद समाज है , द4कयानूस है , 6ग7त और <वकास <वरोधी है , अतीत-जीवी, 67त4`यावाद और मूढ़ समाज है . इसके पास सार द7ु नया म कोई माकूल ल डर&शप नह ं है . ये

गौ-ह या | [Pick the date]

और आपरे शन Uलू Dटार का बदला ले रहे ह9.

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आम तौर पर अस य, लडाकू, बेवफा, बद&मजाज होते ह9. 4फर इस मुeक म एक कबीर आये और उ:हHने कहा—“ दन म रोज़ा रखत ह9, रात हनत ह9 गाय...” तो ये बात जगजा हर हो गई 4क मुसलमान गौ-मांस का सेवन करते ह9 और गौह या करने वालH के साथ कैसा भाईचारा, इन लोगH पर कैसा <वkवास. अरे ऎसी कौम है ये िजसम स ता पाने के &लए भाई क या कर द जाती है , बादशाह बाप को कैद म डाल दया जाता है . जब4क सामािजक अuययन बताता है 4क बीफ से &सफL दे श का मुिDलम वगL ह नह ं जड़ ु ा है . ईसाई, द&लत भी इससे जड़ ु े हुए ह9. 6ोट न का सबसे ोत है मुeक म बीफ ले4कन राज7न7तक व ु ीकरण ने इस बीफ क

आड़ म मिु Dलम

समाज को 7नशाना बनाने का काम सोची-समझी Dक म के साथ 4कया. वैसे भी ये सवL-<व दत है 4क द7ु नया म पहले-पहल मुसलमान कह ं भी नह ं थे...

गौ-ह या | [Pick the date]

यहूद थे, सनातनी ह:द ू थे, ईसाई थे, आ दवासी थे ले4कन

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मुसलमान एक भी नह ं थे द7ु नया म . ये मुसलमान चौदह सौ साल पूवL अरब क ज़मीन से सार द7ु नया म एकेkवर-वाद का नया नारा लेकर फैलते चले गये. ईसाई और मुसलामानH के बीच धमLयुB लड़े गये. ईसाई


इलाकH म तेजी से धमाL:तरण हुआ. इ&स&लये इDलाम के इस बढ़ते 6भाव को यB ु और तलवार से जोड़ा गया. `ुसेड का <वलोम शUद

िजहाद द7ु नया म आया और अब तक इसक

aयाYयाएं होती रहती ह9. इDलाम के इस बढ़ते 6भाव ने इस समाज के 67त कई पूवाL ह भी फैलाए. अ+सर उBृत 4कया जाता है 4क लव-िजहाद, बलात धमLपTरवतLन, चार शा दयाँ और बेशम ु ार बiचH के कारण ये मस ु मान पहले तो 4कसी मe ु क म अeपसंYयक के तौर पर रहते ह9 4फर आबाद <वDफोट करके वहां के बहुसंYयकH का जीना मह ु ाल कर दे ते ह9. इसी&लए हमेशा शक क 7नगाह से दे खे जाते ह9.

उन चारH के पकड़े जाने से पहले तक जो <वDफोटक माहौल बना हुआ था अचानक शांत हो गया +यH4क इस 6करण म दो &मयाँ और दो ह:द ू यव ु क पकड़े गये थे और उन लोगH ने

गौ-ह या के इस जघ:य अपराध को मुसलामानH ने 4कया उस धारणा को <वराम &मला. अब आ:दोलनकार लोग ये कहते पाए गए के भईया, घोर कलजग ु है ...घोर कलजग ु ...

गौ-ह या | [Pick the date]

इकबाले-जम ु L भी कर &लया था. जो शक 4कया जा रहा था 4क

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рд╕eрд▓реВ рдиреЗ рдореА[рдбрдпрд╛ рдХреЛ рдЬреЛ рдмрддрд╛рдпрд╛ рдЙрд╕рдХрд╛ рд▓UрдмреЛ-рд▓рдЖ реБ рдм рдпреЗ рдерд╛ 4рдХ Dрдорд╛рдЯL рдлреЛрди рдХреЗ &рд▓рдП рдЙ:рд╣ рдкреИрд╕реЗ рдЪрд╛ рд╣рдП рдереЗ. рдПрдХ рдмреЬреА рд░рдХрдо. Pрдмрдирд╛ рдЧрд▓рдд рдХрд╛рдо 4рдХрдпреЗ рдПрдХ рд╕рд╛рде рдЗрддрдиреА рдмреЬреА рд░рдХрдо рдХреИрд╕реЗ рдЖрдпреЗ рд╕реЛ рдмреЗрдиреА рдирд╛рд▓рд╛ рдкрд░ рдмрдиреЗ рд░рдкрдЯрд╛ рдо рдЬреЛ рдпреЛрдЬрдирд╛ рдмрдиреА 4рдХ рдореМрдХреЗ рдХ рддрд╛рдХ рдо рд░рд╣рд╛ рдЬрд╛рдП рдФрд░ рддрдорд╛рдо рдкTрд░рд┐Dрде7рддрдпрд╛рдБ рдЕрдирдХ реБ реВ рд▓ рд╣H рд┐рдЬрд╕ рджрдо рдпреЗ рдХрд╛рдо рдЕрдВрдЬрд╛рдо рджрдпрд╛ рдЬрд╛рдП. рд╕eрд▓реВ рдиреЗ рдХрдИ рджрдиH рдПрдХ рдмрд╛рдд рдЧреМрд░ рд╕реЗ рджреЗ рдЦреА рдереА 4рдХ рдЖ|рдЦрд░ рдкреЗqреЛрд▓ рдкFрдк рдХреЗ рдмрдЧрд▓ рдо рдмрд╕реЗ рдкрдВ[рдбрдд рдЬреА рдХ рдЧреИрдпрд╛ рдЕ+рд╕рд░ рджреЗ рд░ рддрдХ рдЪрд░рддреА рд░рд╣рддреА рд╣реИ . рдЙрд╕рдиреЗ рдХрд╛рд▓рд░реВ рд╛рдо рдХреЛ рддреИрдпрд╛рд░ рд░рд╣рдиреЗ рдХреЛ рдХрд╣рд╛ рдерд╛ 4рдХ рд┐рдЬрд╕ рджрди рдореМрдХрд╛ рд▓рдЧрд╛ рд╡рд╣ рдлреЛрди рдХрд░рдХреЗ рдЙрд╕реЗ рдмреБрд▓рд╛рдПрдЧрд╛. рдХрд╛рд▓реВрд░рд╛рдо рдФрдЬрд╛рд░ рд▓реЗрдХрд░ рдкрдВ рд╣ &рдордирдЯ рдХреЗ рдЕ:рджрд░ рдЖ рдЬрд╛рдпреЗрдЧрд╛. рд╣реБрдЖ рд╡рд╣ ...рдПрдХ рд╢рд╛рдо рдЬрдм рд╕рдм рддрд░рдл рд╕:рдирд╛рдЯрд╛ рдкрд╕рд░ рдЪрдХ реБ рд╛ рдерд╛. NрдЪ[реЬрдпрд╛ рдЕрдкрдиреЗ рдмрд╕реЗрд░H рдо рдЖ &рд╕рдордЯ рдВ рдФрд░ рд╕рд╡Lh рд╢рд╛рд┐:рдд рдЫрд╛ рдЧрдИ рдереА рддрдм рд╕eрд▓реВ рдиреЗ рдкbрдкреВ рдФрд░ рдЕрдВрд╕рд╛рд░ рдХреЛ рдХрд╣рд╛ 4рдХ рддрдо реБ рджреЛрдиH рдЧреИрдпрд╛ рдХреЛ рд╡рд╛рдкрд╕ рд▓реМрдЯрдиреЗ рди рджреЛ. рдЙрд╕реЗ 4рдХрд╕реА рди 4рдХрд╕реА рдмрд╣рд╛рдиреЗ рдирд╛рд▓реЗ рдХреЗ рдЙeрдЯ рддрд░рдл рд╣рдВ рдХрд╛рд▓рддреЗ рд░рд╣реЛ.

рдЧреМ-рд╣ рдпрд╛ | [Pick the date]

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рдкрдВ рд╣ &рдордирдЯ рдо рдХрд╛рд▓реВрд░рд╛рдо рдЕрдкрдиреА рд╕рд╛рдЗ4рдХрд▓ рдкрд░ рдФреЫрд╛рд░ &рд▓рдП рд╣рд╛рд┐реЫрд░ рд╣реЛ рдЧрдпрд╛.


4फर उन लोगH ने वो घ|ृ णत काम अंजाम दया िजसके कारण नगर अशांत हुआ और दो समद ु ायH के बीच खाई और गहरा गई. बड़े शा7तर थे वे ले4कन पु&लस क त परता से वे धरा गये. पांच हज़ार Oपये और पांच 4कलो गौ-मांस भी उनके पास से बरामद हुआ था, िजसे वे ठकाने नह ं लगा पाए थे...

संपकL : अनवर सह ु ै ल, टाईप IV-3 आ4फसर कालोनी पो Pबजरु िजला अनप ु परु म6 ४८४४४० ९९०७९७८१०८,

sanketpatrika@gmail.com

गौ-ह या | [Pick the date]

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