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आर्ष विद्या गरु िं ी मासिक ई-ऩत्रिका ु कुऱम की ह द िम्ऩादक - स्िामी अभयानिंद िरस्िती
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आशीर् ऩञ् ु ज
: ऩ0 ऩ0 ू ग0 ु स्िामी अभयानिंद िरस्िती जी िे.....
िेदािंत बोध
: प्रकरण ग्रिंथ
शािंडडल्य भक्तत िूि
:
प्रथम अध्याय (प्रथम आहिक)
मिंकक गीता
:
ऩष्ृ ठ भूसम
श्रीराम चररत मानि
: उत्तर काण्ड (रुद्राष्टकिं)
कसऱिन्तरणोऩननर्द्
: "नाम जाऩ की मह मा" िाधकों के कल्याण े तु
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----- स्िामी अभयानिंद िरस्िती -3-
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मिंकक गीता
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