बाल का&य सम ु न
बाल पु तक
ले$खका (ीमती ल,ला -तवानी
बाल का1य सम ु न 5वषय सच ू ी
1. शारदे मां
22.चौराहे कQ ब5^यां
2. =ाथ?ना
23.दो बंद ू _ कQ दवा
3. धAयवाद
24.सा`रता
4. कृCण बना दे
25.जनसंaया-5वIतार कQ समIया
5.Eान के द,प जला पाऊं
26.कbNयट ू र
6. Iवर-सरगम
27.टे ल,फोन
7. Lगनती-गीत
28.लटू
8. भारत Nयारा दे श हमारा
29. मछल,
9.इसकQ शान बढ़ाएंगे
30.समय
10.बापू
31.वषा? रानी
11.नेहT चाचा
32.काले बादल
12.होल,
33.सावन आया
13.तभी दशहरा होता है
34.व` ृ
14.WXसमस
35.मेला
15.द,पक
36.सीख
16.नानी आई
37.उपकार
17.मेर, Nयार, मां
38.आई gदवाल,
18.-ततल,
39.सबसे Nयार, मां
19.मोर
40.चौराहे कQ तीन ब5^य_ से hश`ा
20.तोता
41.1यंजन-गीत
21.Lच[ड़या
1. शारदे मां शारदे मां, शारदे मां, हमको अपना Nयार दे मां, बल-बj ु Lध-5वjया-Eान-दान दे , भव से हमको तार दे मां. lवेतवसन हm मत तb ु हारे ,
lवेतकमल तेरा आसन है , मधरु कंठ-वर दे ने वाल,, हं स तb ु हारा वाहन है .
2. =ाथ?ना सव?शिpतमान दाता, =ेममय संसार दो, वाणी मq हो मधरु ता, मन मq मद ु ता-सार हो. ृ ल आयु कQ र`ा करो =भ,ु =ाण कQ र`ा करो,
rयान कQ र`ा करो =भ,ु Eान कQ र`ा करो. आsमा आलोकमय, आनंद कQ झंकार हो, साधना हो पण ू ? दाता, Iनेह-hसpत बयार हो. तन मq शिpत दो =भ,ु मन मq सह ु ानी भिpत दो, साथ जग के चल सकq, ऐसी हमq =भु यिु pत दो
3. धAयवाद धAयवाद हे आनंददाता, शिpतदाता, दया-नधान, हे सख ु दायक धAयवाद है ,
सिृ Cट के माhलक भगवान.
तम ु ह, सबका gहत करते हो, रखते हो हम सबका rयान,
सjबj ु Lध दे , सsपथ पर =भ,ु चलवाना दे सjगुण-दान.
4. कृCण बना दे मां मझ ु को तू कृCण बना दे , दे श =ेम कQ लगन लगा दे , छोटा-सा पीताbबर पहना, छोट,-सी वंशी gदलवादे . मोरपंख का मक ु ु ट सजीला, मेरे शीश पे आज सजा दे ,
माखन-hम(ी खब ू $खलाकर, मझ ु को शिpतवान बना दे
5.Eान के द,प जला पाऊं सjबj ु Lध दो मझ ु को राम,
कTं मm अvछे -अvछे काम, धनष ु धTं मm Aयाय के हे त,ु जग मq हो मेरा भी नाम. आEाकार, मm बन पाऊं, wात= ृ ेम मq मm रं ग जाऊं,
मानव बन मानवता के gहत, Eान के द,प जला पाऊं.
6. Iवर-सरगम ‘अ’ अनार से ताकत पाओ, ‘आ’ आम मज़े से खाओ. ‘इ’ इमल, खzट, होती है , ‘ई’ से ईख मधरु होती है .
‘उ’ उ{लू है रात को जगता, ‘ऊ’ ऊन से जाड़ा भगता.
‘ऋ’ ऋ5ष हm Eान-=दाता, वेद-परु ाण_ के हm Eाता.
‘ए’ एकतारा तन ु -तन ु बोले,
‘ऐ’ ऐनक से }िCट न डोले. ‘ओ’ से ओखल, कूटे धान,
‘औ’ औरत का करना मान. ‘अं’ अंगूर बेल पर होते,
‘अः’ से Iवर खsम हm होते
7. Lगनती-गीत एक बल ु बल ु आई है ,
दो -तनके ले आई है , तीन बvच_ ने खश ु ी जताई, चार दाने भी लाई है .
पांच घर_ से घम ू -घम ू कर, छह धागे ले आई है ,
सात सलोने Lच‚ बनाने, आठ रं ग ले आई है . नौ रस कQ नौटं कQ करने, दस Lच[ड़याएं आई है , सौ बvच_ ने ताल, बजाई, Lगनती मन को भाई है .
8. भारत Nयारा दे श हमारा भारत Nयारा दे श हमारा, है सारे दे श_ से Aयारा, 5वंrय-gहमाचल र`ा करते, सींचे गंगा-यमन ु ा धारा.
इसकQ हर बेट, Nयार, है , हर बेटा है इसका दल ु ारा,
एक ह, माला के हम मोती, यह है अपना भाƒय-hसतारा
9.इसकQ शान बढ़ाएंगे नAहे -नAहे बालक हm हम, काम हमारे बड़े-बड़े, छोटे -छोटे कदम हमारे , वार करq हम बड़े-बड़े. हम भारत मां के सपत ू हm, इसकQ शान बढ़ाएंगे,
अपना तन-मन-धन-जीवन तक, इस पर हं सकर वारq गे.
10.बापू Iवतं‚ता के अथक पज ु ार,, 5वlववंjय हे Nयारे बाप,ू
सsय-अgहंसा-=ेम-सरलता, जग को hसखाने आए बाप.ू
सा`रता कQ जगमग „यो-त, जग मq जलाने आए बाप,ू
मानवता कQ rवजा-पताका, फहराने आए थे बाप.ू
11.नेहT चाचा नेहT चाचा, नेहT चाचा, हम सबके तम ु Nयारे चाचा. बvच_ के सम चहके चाचा,
लाल गल ु ाब से महके चाचा. Iवतं‚ता के सै-नक बनकर,
सjगुण-चमक से चमके चाचा. पंचशील कQ Wकरणq लेकर,
सरू ज के सम दमके चाचा.
12.होल, लाल-गुलाबी-नीले-पीले, रं ग ले होल, आई है .
केसर-अबीर-गल ु ाल सजीले, लेकर होल, आई है .
तन को रं ग लो, मन को रं ग लो, जीवन रं गने आई है . टे स-ू गq दा और गुलाब ले, जग महकाने आई है .
13.तभी दशहरा होता है अंधकार से जीते उजाला, तभी दशहरा होता है . शां-त कQ हो 5वजय नाद पर, तभी दशहरा होता है . =ेम 5विजत हो जब ईCया? पर, तभी दशहरा होता है . Aयायी जीते अAयायी पर, तभी दशहरा होता है . बj ु Lध सफलता =ाNत करे जब, तभी दशहरा होता है .
पाप-मp ु त हो धरा सह ु ानी, तभी दशहरा होता है .
14.WXसमस सांताpलॉज़ जी आए हm, WXसमस-तोहफे लाए हm, Wकसी को गु[ड़या, Wकसी को गु†डा, टॉफQ दे ने आए हm.
चन ु लो अपना एक hसतारा, चम-चम-चम जो चमकेगा,
है Nपी WXसमस, मैर, WXसमस, कहकर दम-दम दमकेगा
15.द,पक =ेम-Nयार का द,पक Nयारा, जग-अंLधयारा हरता है . आंधी और तफ ू ान_ से भी, त-नक नह,ं यह डरता है .
खद ु जलकर और_ को दे ता, सख ु दाई-तमहार, उजास.
इससे सीखq हरदम दे ना, सबको सख ु मय Iनेह-=काश.
16.नानी आई नानी आई, नानी आई टॉफQ-चॉकलेट-‡बIकुट लाई. बेसन के ल†डू और बफˆ, मpखन-पेड़े और मलाई. संद ु र-संद ु र खेल-$खलौने,
नAहा-सा कbNयट ू र लाई. झूमं-ू गाऊं-नाच gदखाऊं, नानी आई, नानी आई.
17.मेर, Nयार, मां माता मेर, सबसे Nयार,, सारे जग से है वह Aयार,, द-ु नया मq Nयार, मां जैसा, कोई नह,ं होता उपकार,.
खद ु खाए या नह,ं, कभी भी, मझ ु े न भख ू ा रखती है ,
मेरे मन कQ हर इvछा को, भरसक परू ा करती है .
18.-ततल, -ततल, रानी आई है , खhु शयां साथ मq लाई है , पंख हm इसके रं गरं गीले, लाल-गुलाबी-नीले-पीले. फूल-फूल पर जाती है ,
खश ु बू ले उड़ जाती है ,
बvच_ के मन को बहलाती, -ततल, रानी है कहलाती.
19.मोर रं ग-‡बरं गा प`ी मोर, hसर पर धारे संद ु र ताज, पंख_ पर Nयारे चंदोवे,
भारत को है इस पर नाज़. खाता है यह कQड़े-मकोड़े, कq-कq-कq-कq करता है , जब छाएं अbबर पर बादल, नाच-नाच मन हरता है .
20.तोता प`ी Nयारा तोता
है ,
हरे रं ग का होता है , तीखी च_च लाल है इसकQ, कभी न धीरज खोता है . नील गगन मq उड़ता है यह, पेड़-शाख पर रहता है , चरू ,-hमच‰ =ेम से खाता, राम-राम यह रटता है .
21.Lच[ड़या Lच[ड़या उड़ती फुर? -फुर? -फुर? -फुर? , नील गगन तक जाती है , चीं-चीं च-ंू चंू गीत सह ु ाना, बड़े Nयार से गाती है .
अपने छोटे बvच_ को वह, खद ु उड़ना hसखलाती है ,
बड़े Nयार से चƒु गा-दाना, लाकर उAहq $खलाती है .
22.चौराहे कQ ब5^यां ‘ठहरो’ कहती ब^ी लाल, कर लो थोड़ा-सा आराम, पील, कहती ‘हो तैयार’ कर लो अपने को होhशयार. हर, घास-सी ब^ी कहती, ‘अब चल दो और पहुंचो पार,
चलना Nयारो संभल-संभलकर, टकरq न वाहन दो-चार.
23.दो बंद ू _ कQ दवा हम सब भारतवासी hमलकर, जागq गे और जगाएंगे, दो बंद ू _ कQ दवा 5पलाकर, दे श को IवIथ बनाएंगे.
पांच साल तक के बvच_ को, -नयम से दवा 5पलानी है , पोhलयो से उAहq बचाकर, ढे र_ खhु शयां gदलानी हm.
24.सा`रता ‘क ख ग घ’ ‘अ आ इ ई’, सा`रता hसखलाती है , अ`र hलखना-पढ़ना-Lगनना, hसखा राह gदखलाती है . (म कQ मgहमा, काय?कुशलता, जाग‹कता और Eान hमले, सा`रता से जीवन महके, =ेम-Nयार के सम ु न $खलq.
25.जनसंaया-5वIतार कQ समIया छोट,-सी धरती पर दे खो, भीड़ लगी है लोग_ कQ, खाना-कपड़ा-पानी-‡बजल,, घर को तरसते लोग_ कQ. अEानी-अनपढ़ लोग_ कQ, संaया बढ़ती जाती है , बीमार_ और बेकार_ कQ, संaया चैन गंवाती है .
26.कbNयट ू र कbNयट ू र मेरा कbNयट ू र,
करता टक-टक gटक-gटक टर, सबसे =मख ु भाग जो इसका, कहलाता है मॉनीटर.
कQ बोड? और माउस से ह,, खोलq-ढूंढq फाइल हम,
अ{प समय मq काम बहुत-से, इससे कर gदखलाएं हम.
27.टे ल,फोन ”है लो-है लो, आप हm कौन? ज{द, बोलq, रहq न मौन, कैसे पता मझ ु े लग पाए,
Wकसने Wकया है टे ल,फोन.” ”मm हूं तेरा नAहा साथी, आओ खेलq hमल के खेल, मेरे पास है पील, िजNसी, तम ु ले आओ अपनी रे ल.”
28.लटू फर-फर-फर-फर लटू घम ू े, बvच_ को दे हष? अपार,
इससे सीखq काम -नरं तर, करके, दे ना हष? अपार. हरा-सन ु हर,-नीला-पीला,
लाल-गल ु ाबी रं ग-रं गीला,
डोर, इसको नाच नचाए, तो भी लगता है सपनीला.
29. मछल, ‘म’ मछल,, जल मq रहती है , जल मq ह, ले सकती सांस, लेWकन कभी न पानी पीती, बझ ु ा न पाए अपनी Nयास. हाथ लगाओ तो डर जाती,
बाŒ -नकालो तो मर जाती, पानी मq पैदा होती है , पानी से ह, =ेम -नभाती.
30.समय समय बहुत ह, है अनमोल दे ता अनLगन रIते खोल समय कQ सीमा को पहचानो कभी न गव? से बोलो बोल Nयार करोगे अगर समय से समय करे गा तम ु से Nयार
समय बनाता भाƒय हमारा समय ह, है जीवन का सार.
31.वषा? रानी Nयास बढ़े जब धरती मां कQ, आती वषा? रानी, धरती पर खश ु हाल, लाती, धरती बने सह ु ानी.
दादरु -मोर-पपीहा बोले, कूके कोयल काल,,
अAन-फल-फूल झूमq-नाचq , मन हरती ह•रयाल,.
32.काले बादल काले बादल, काले बादल, घम ु ड़-घम ु ड़कर आए बादल, छाया करते Nयारे बादल,
बादल हm धरती का आंचल. lयाम रं ग मोहन से पाया, राम से संद ु र मन है पाया, बरसाकर नभ से रसधार,
करते -नम?ल जग कQ काया.
33.सावन आया सावन आया, सावन आया, ह•रयाल, है सावन लाया, खhु शय_ से मन हषा?ने को झल ू े लेकर सावन आया.
सख ू ी-Nयासी धरती कQ है ,
सावन Nयास बझ ु ाने आया,
खश ु हाल, का वाहक बनकर, झूम-झूमकर सावन आया.
34.व` ृ व` ृ हमq फल-फूल हm दे त,े अAन-दालq-मेवे और धान,
साज-स„जा, खेल_ कQ चीज़q, फन‰चर दे ते ये महान. hमzट, का कटाव रोकते, मौसम के हm ये सरताज, पsथर खाकर भी फल दे ते, =दष ू ण हटा बनाते काज.
35.मेला मझ ु को बड़ा सह ु ाना लगता, कोई भी हो मेला,
मेले मq हो सजे-सजाए, लोग_ का बस रे ला. कु{चे-छोले-रबड़ी-कु{फQ, खेल-$खलौने Aयारे ,
झूले-हाथी-ऊंट सवार,, मेले के खेल -नराले.
36.सीख फूल हमq हं सना hसखलाते, भŽरे हमको गाना,
-ततल, जग रं गना hसखलाती, पानी Nयास बझ ु ाना.
चींट, मेहनत hसखलाती है , द,पक राह gदखाना, पव?त }ढ़ रहना hसखलाते, मधम ु pखी मधु पाना.
37.उपकार व` ृ फूल-फल-अAन हm दे त,े नgदयां दे तीं पानी,
सरू ज धप ू -रोशनी दे ता, चंदा अमत ृ -दानी.
धरती धीरज का धन दे ती, अbबर Nयार लट ु ाए,
जो करता उपकार जगत मq , ईlवर-सम यश पाए.
38.आई gदवाल, जगमग-जगमग आई gदवाल,, =ेम के द,पक लाई gदवाल,, जीवन मq खhु शयां भरने को, भq ट खश ु ी कQ लाई gदवाल,. खेल-$खलौने, खील-पटाखे, मेले-hमठाई लाई gदवाल,, पज ू ा-अचा?, मेल-hमलाप ले,
आई gदवाल,, आई gदवाल,.
39.सबसे Nयार, मां माता मेर, सबसे Nयार,, सारे जग से है वह Aयार,, द-ु नया मq Nयार, मां जैसा, कोई नह,ं होता उपकार,.
कई दे वता मना-मनाकर, मां बालक को पाती है , आंख कQ पत ु ल, से भी •यादा, उस पर Nयार लट ु ाती है .
खद ु खाए या नह,ं, कभी भी, उसे न भख ू ा रखती है ,
उसको अमत ृ दे पाने कQ, हरदम इvछा रखती है .
बvचे कQ छोट,-सी इvछा, बड़ा समझ परू ा करती,
अपनी पव?त-सी इvछा को, उस पर Aयोछावर करती. मां कQ सेवा से हम अपने, मन को तNृ त बनाएंगे,
माता कQ पावन धhू ल से, भू पर Iवग? सजाएंगे.
यह, संदेश है ‘मात-ृ gदवस’ का, मां को भल ू नह,ं जाना,
मां कQ आशीष कQ छाया मq , पल-पल -नभ?य बढ़ते जाना.
40.चौराहे कQ तीन ब5^य_ से hश`ा चौराहे कQ ब5^यां तीन, गुण भी इनके Lगन लो तीन, अलग-अलग रं ग_ वाल, ये, दे ती हm संदेश भी तीन. ‘ठहरो’ कहती ब^ी लाल, कर लो थोड़ा-सा आराम, माना चलते रहना जीवन, Wफर भी ज़Tर, है आराम. पील, ब^ी कहती है अब, चलने को रहना होhशयार, अvछा मानव हरदम रहता, चलते रहने को तैयार. हर, घास-सी ब^ी कहती, ‘अब चल दो और पहुंचो पार, लेWकन चलना संभल-संभलकर, टकरq ना वाहन दो-चार. अvछ• hश`ा hमले जहां से, उसको लेना बढ़के, छोटे -बड़े या चर-अचर से, hश`ा ले लो जी भर के.
41.1यंजन-गीत ‘क’ कबत ू र प`ी Nयारा,
‘ड’ डमT डम-डमकर बजता,
‘म’ मछल, है जल कQ रानी,
गुट‹-गंू से लगता Aयारा.
शंकर जी के हाथ मq सजता.
लेWकन पी नह,ं पाती वह
‘ख’ खरगोश सफेद ‹ई-सा,
‘ढ’ ढकना चीज़_ को ढकता,
पानी.
छूने से भागे छुईमई ु -सा.
कQट-धल ू से र`ा करता.
संद ु र गमले मन को हरते.
है ,
‘ण’ से कुछ न बने तो pया
‘य’ से यE प5व‚ बनाए,
‘घ’ घड़ी है समय बताती,
कण-कण मq यह ह, रहता
gदखाती,
ठ•क समय सब काम
है .
खद ु बंधकर और_ को
त’ तरबज़ ू ा फल है रसाल,
‘ल’ से लटू घम ू े फर-फर,
‘थ’ थन से हमq दध ू है
‘व’ वन दे लकड़ी-फल-मेवा,
‘ग’ गमले मq पौधे उगते,
कराती. ‘ङ’ तो बेचारा ह, रहता, अ’गारे कQ आग को सहता.
बाहर हरा, भीतर से लाल.
‘च’ चरखा चलता ह, रहता,
hमलता,
‘र’ से रIसी है कमाल
बंधाती.
बvच_ को दे हष? -नरं तर. अAन-फूल दे , ले थोड़ी सेवा.
कपड़ा बन ु ता, कभी न
दह,-hमठाई-मावा बनता.
थकता.
‘द’ दवात मq Iयाह, रखते,
‘छ’ छतर, वषा? से बचाए,
इसमq कलम डुबोकर hलखते
ताकत से भरपरू है रहती.
काम करे न जताए शान.
लगता है यह सबसे -नराला.
धप ू मq हमको छांव gदलाए.
‘ज’ जग है आ-त“य कराती, लIसी-पानी-जस ू 5पलाती. ‘झ’ झंडा ऊंचा लहराता,
अपने दे श का मान बढ़ाता. ‘ञ’ से अ`र कोई न बनता,
‘श’ शलगम से स–ज़ी बनती,
‘ध’ धनष ु हLथयार महान,
‘ष’ षzकोण छ कोन_ वाला
‘न’ नल से पानी hमलता है ,
‘स’ सेब को जो भी खाता,
पानी से जीवन चलता है .
आनंद और शिpत है पाता.
‘प’ पतंग फ़र-फ़र उड़ती है ,
जंगल का है पशु सजीला.
‘ह’ से ह•रण संद ु र-फुत‰ला,
म•जन बन दांत_ मq लगता.
डोर िजधर चाहे , मड़ ु ती है .
‘ट’ से टमाटर सप ू बनाए,
कई तरह के ये होते हm.
स–ज़ी-सलाद कQ रं गत
‘ब’ से बकर, भोल,भाल,,
बढ़ाए.
दध ू है ह{का, दो थन वाल,.
संत कQ र`ा, दCु ट-संहार.
खेल gदखाता खाकर सोटा.
खद ु सीखq, और_ को hसखाएं.
‘ठ’ से ठठे रा ठक-ठक करता, बत?न बना 1यापार है करता.
‘फ’ से फल ताकत दे ते हm,
‘भ’ भालू है काला-मोटा,
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‘`’ से `‡‚य होता वीर, हाथ मq भाला, मन से धीर. ‘‚’ ‡‚शल ू से करो hशकार, ‘E’ से Eानी Eान बढ़ाए,