सदाबहार शिशु गीत

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सदाबहार (शशु गीत सं/ह

ले2खका - ल6ला 7तवानी


सदाबहार (शशु गीत 1.हाथी ...................................................... 8

17.पानी................................................... 13

2.टाईगर .................................................... 8

18.शरबत ................................................ 13

3.शेर ........................................................ 8

19.छोले ................................................... 14

4.भालू ....................................................... 9

20.नमकEन .............................................. 14

5..हरन...................................................... 9

21.मोर .................................................... 14

6.गधा ....................................................... 9

22.तोता .................................................. 15

7.घोड़ा..................................................... 10

23.कौआ.................................................. 15

8.गाय ..................................................... 10

24.NचPड़या ............................................... 15

9.5ब7ल8 .................................................. 10

25.टे ल8Qवजन (ट8.Tह8.) .............................. 16

10.कु;ा ................................................... 11

26.टे ल8फोन.............................................. 16

11.बंदर ................................................... 11

27.टे प-Xरकॉड[र .......................................... 16

12.खरगोश .............................................. 11

28.रे Pडयो ................................................. 17

13.मोटर कार ........................................... 12

29.कबत ू र ................................................ 17

14.आवाजD कE दFु नया ............................... 12

30.Fततल8 ................................................ 17

15.पापा का Hकूटर .................................... 12

31.पापड़ .................................................. 18

16.IJकेट ................................................ 13

32.बआ ु ................................................... 18


:ा;कथन

\शशु गीतD कE यह पुHतक हमने लगभग चाल8स साल पहले अपने भतीजे उमेश जेठानी के

\लए \लखी थी. यह पुHतक 4-5 साल के बdचD के \लए Qवशेष उपयोगी \सfध हुई है. इसके सरल \शशु गीत बdचD-छाiD को तुरंत याद हो सकने वाले हj. \शशु गीतD कE चार-चार गीतD कE 8 कPड़यां आl, यह अnयंत हष[ कE बात है, Iक हर कड़ी को बहुत Hनेह-oयार \मला और इसे \शशु गीतD का खजाना कहा गया. \शशु गीतD के इस खजाने के \लए Fन\म; बनने वाले इस सदाबहार \शशु गीत-संqह कE

कहानी बड़ी रोचक है. हम भाई-ब.हनD के बाद उमेश हमारे मायके मr सबसे पहला बdचा था. सब उमंग मr थे. इसी उमंग मr उसके sथम जtम.दवस पर उपहार-Hवuप यह \शशु गीत

संqह सिृ जत हो गया. हमारे हाथ कE \लखी हुई ऐसी ह8 पH ु तक हमारे दोहते के पास भी है और पोतD के पास भी. इस संqह के \लए उस समय इकtनी (अथा[त 6 पैसे) वाले चाट[ बहुत काम आए. खब ंु रता के साथ {ान का खजाना भी थे. ू सरू त NचiD से सस ु िzजत ये चाट[ सद

जहां-जहां मjने पढ़ाया, उन सभी HकूलD मr यह \शशु गीत-संqह बहुत लोकQsय और चNच[त रहा. नस[र8-अ}याQपका sाथ[ना-सभा मr छोटे -छोटे बdचD fवारा इन गीतD कE मनमोहक sHतुFत करवाती थी. Iफर भी यह संqह बरसD हमार8 टे बल पर पड़ा रहा, कभी नेट पर

sका\शत करने का Qवचार ह8 नह8ं आया. अब जब इसके sकाशन का समय आया, तो बाना ऐसा बनता गया, Iक उमेश के 42वr जtम.दवस 1 जुलाई, 2020 पर इसका समापन हुआ. इससे भी अNधक खुशी हमr इस बात कE है, Iक इसी Fन\म; से आपके और हमारे अनेक

\शशु गीत तैयार हो गए. आप लोगD का बहुत Hनेह-oयार \मला, हमारा लेखन साथ[क \सfध हुआ. (शशु गीत-सज ृ न के बारे म@ हमारे Aवचार-

\शशु गीत .दखने मr भले ह8 सरल हD, पर \लखने मr बहुत मुि•कल होते हj. आठ पंि‚तयD मrIकसी चीज कE लगभग सभी मुƒय Qवशेषताओं को सुर-लय-ताल मr व…ण[त कर दे ना अपने आप मr एक बहुत मुि•कल और चुनौतीपूण[ काय[ भी है और कला भी. लेखन मr शी‡ता मुंशीकE योˆयता है, लेखक

कE नह8ं, इस\लए \शशु गीत को \लखकर दस बार बो\लए. आपकोसुर-लय-ताल का पता चल जाएगा.

को\शश यह होनी चा.हए Iक छोटे -से \शशुगीत मr सभीमƒ ु य बातD का समावेश हो जाए और रोचकता भी बनी रहे .


इस सदाबहार \शशु गीत-संqह पर हमारे स‰माननीय पाठकD कE sFतIJयाएंल8ला बहन, सभी \शशु गीत बेहद रोचक, अdछे , {ानsद और बdचD को पसंद आने वाले हj. Nचi भी बहुत सुंदर लगे. -गुरमेल भमरा

आदरणीय द8द8, सादर नमन. सुtदर बाल-कQवता. बjगन मोटा काला काला (हाथी मोटा कालाकाला), घर मr खेत मr रहने वाला, (जंगल मr है रहने वाला), \सर पर इसके ताज है, (खंभे

जैसे चार पैर हj), अपनी सूरत पर इसे नाज है. (पंखे जैसे कानD वाला). पकने पर सुगंध जो आती, (लंबी नाक सूंड कहलाती,) सबको वह बहुत है भाती. (भार8 बोझा खूब उठाती,) बाहर8 चमड़ी पर ना जाना (सुनकर इसकE Nचंघाड़ भार8,) पहले खाना Iफर Hवाद बताना. (बड़े-बड़D कE टj हो जाती). -रQवंदर सूदन Qsय सखी ल8ला जी! चाल8स साल पहले \लखी आपकE \शशु गीतD कE यह Iकताब आपके

भतीजे के \लए ह8 नह8ं सभी बdचD के \लए और उनके अ\भभावकD के \लए उपयोगी है! एक मंझी हुई अ}याQपका का अनुभव उसमr बोलता है, वो अ}याQपका िजसे बdचD कE नŒज़ का पता है! जो बेहतर तर8के से जानती है बdचD को कैसे \सखाना है, समझाना है! बdचD कE कोमल भावनाओं को अ\भTय‚त करते, उtह8ं कE भाषा मr \लखे ये गीत \सफ[ बdचD को ह8 नह8ं बड़D को भी आकQष[त करते है ‚यDIक उनमr बdचD कE संवेदनशीलता, मासू\मयत,

कोमलता लबालब भर8 हुई है! सरलता, सहजता उसके अनमोल अलंकार हj! बdचD के Qवकास मr आपका यह योगदान कल भी महŽवपण ू [ था, आज भी है और कल भी रहे गा! आपके इस {ानयोग के \लए Qsय सखी! आप अ\भनंदन कE हकदार हj!आ…खर आपके अंदाज मr कौन

पढ़ायेगा? बdचD को शरबत, छोले जैसे शŒद, कौन बताएगा बdचD को पानी का मोल और कौन महसस ू कराएगा बdचD को नमकEन का चटपटा Hवाद? -कुसम ु सरु ाणा

आदरणीय ल8ला बहन, बचपन मr मानव एक गील8 \म•ट8 के समान होता है. उसे उस व‚त िजस sकार से चाहो ढाल सकते हो. अगर बdचे बचपन मr ह8 पशु-प’“यD व sकृFत से

संबंNधत गीत पढ़r गे, तो भQव”य मr वह पया[वरण के र“क बनrगे, इस\लये इस sकार के \शशु गीतD का वैि•वक महnव है. सभी \शशु गीत तब भी sासंNगक थे और आज भी हj और आगे भी रहr गे. ये सव[काल8न-सदाबहार \शशु गीत हj. सादर sणाम स.हत. -इं•ेश उFनयाल


आदरणीय ल8ला द8द8, सादर sणाम. \शशु गीत संqह के सभी गीत बहुत संद ु र लगे. ऐसा लगा जैसे आपने \शशु गीतD कE संद ु र माला Qपरोई हो. रं ग5बरं गे महकते फूलD से सजा हो जैसे मनोहर गुलदHता!

सहज-सरल-{ानsद-सुंदर गीत.

चहकते-चुलबुले-मासूम-मुHकुराते गीत.

बहुत खूबसूरत-सुंदर NचiD से सजे, oयारे ,oयारे गीत. बdचे oयार से गुनगुनाते, ता\लयां बजा-बजाकर गीतD संग धूम मचाते. मनभावन सदाबहार oयारे -oयारे \शशु गीतD के \लए बहुत-बहुत धtयवाद ल8ला द8द8. -चंचल जैन

माँ के गभ[ मr \शशु नौ माह तक Qवक\सत होने कE sIJया से गुजरता है. इस दौरान वह

sाकृFतक uप से अनेक sIJयाओं को सीखता रहता है. माँ के गभ[ मr \शशु कE कोई भाषा नह8ं होती. समय होने पर \शशु जtम लेकर बाहर8 दFु नया मr आता है और माता Qपता के

मुख पर मुHकराहट लाता है. \शशु का …खल…खलाना और —दन दोनD संवाद कE भाषा बनते हj. धीरे धीरे बड़ा होता \शशु िज{ासापूण[ नज़रD से हर वHतु को दे खकर उ7ला\सत होता है,

चहकता है और उसके उ7लास मr सभी सि‰म\लत होते हj. sती“ा रहती है Iक \शशु कब

बोलना शुu करे गा. माँ-माँ या पा-पा से होती शु—आत पXरवार मr खुशनुमा माहौल बना दे ती है. बड़ा होता \शशु अनेक चलायमान या चमकती वHतुओं कE ओर आकQष[त होता है और

उtहr पकड़ने कE को\शश करता है . इसी Jम मr जब माता Qपता के साथ सैर पर जाता है तो पंFछयD को उड़ते दे खता है, गाय जैसे पशु को दे खता है तो है रान होता है, आजकल का \शशु

तो मोबाइल कE ओर बहुत ज7द8 आकQष[त होता है . माँ-माँ पा-पा बोलने वाला \शशु बहुत कुछ बोलने लगता है. घट ु नD के बल चलता \शशु पैरD पर जब खड़ा होता है तो उसके हष[ का

पारावार नह8ं होता और वह दौड़ पड़ता है , Nगरता भी है, स‰भलता भी है. समय आता है जब उसे पढ़ाने के \लए TयवHथा कE जाने लगती है. Iफर वह आयु के उस दौर मr पहुँचता है जहाँ उसे sकृFतजtय और दFु नयावी वHतओ ु ं के बारे मr बोध कराने कE sIJया शu ु होती है. ज़ा.हर है यह sIJया अnयंत सरल होनी चा.हए. इसी सरलता को }यान मr रखते हुए \शशु के \लए सरल रचनाओं का Fनमा[ण Iकया जाता है. पशु प’“यD और अनेक वHतओ ु ं के बारे मr {ान

दे ने के \लए \शशु गीतD का सहारा \लया जाता है. गीत छोटे ,सरल शŒदD मr लयबfध, सुर8ले हD तथा ख़ुशी से भरपूर हD यह }यान रखा जाता है. sHतुत ई-बुक मr 40 वष[ पूव[ \लखी

संगह ु ी ृ 8त रचनाएं इन मापद™डD पर खर8 उतरती हj. इसका šेय जाता है sबुfध और Qवदष

\श’“का आदरणीय ल8ला Fतवानी जी को िजtहDने उस समय अपने भतीजे उमेश जेठानी के \लए इन \शशु गीतD का सज ृ न Iकया. पढ़ने मr ये \शशु गीत िजतने सरल हj उनकE रचना

करना उतना ह8 क.ठन है. जब आप इन \शशु गीतD का Qव•लेषण करr गे तो यह बात Hवयं

\सfध हो जाएगी. मj आदरणीय द8द8 को इन \शशु गीतD को रचने के \लए हा.द[क बधाई दे ता


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Xरतु माथरु सुंदर !! बहुत ह8 oयारे \शशु गीत. -खुशबू पांडेय आपके \शशु गीत बड़े मनमोहक हj, आदरणीया. सादर sणाम. -राधे •याम

सभी \शशु गीत बड़े oयारे हj. सुंदर रचना. -अंIकत शु‚ला

हमेशा कE तरह इस ई. बुक के Fनमा[ता-sभार8 हमारे सुपुi राजr• कुमार Fतवानी हj.

एक बार Iफर आप लोगD के सराहनीय व sोnसाहक सहयोग के \लए शुIJया और धtयवाद. -

ल8ला Fतवानी


1.हाथी

हाथी मोटा काला-काला, जंगल मr है रहने वाला, खंभे जैसे चार पैर हj, पंखे जैसे कानD वाला. लंबी नाक संड ू कहलाती, भार8 बोझा खूब उठाती,

सुनकर इसकE Nचंघाड़ भार8, बड़े-बड़D कE टj हो जाती.

2.टाईगर

टाई नह8ं लगाता Iफर भी, टाईगर है मेरा नाम, शेर है भाई, वन मr रहता, बस \शकार का करता काम. मेर8 oयार8-oयार8 धाXरयां, बन जाती हj मेर8 द•ु मन,

इसी\लए Fछपता-Iफरता हूं, वरना रहता मj Hवतंi मन.

3.शेर

शेर हूं मj जंगल का राजा, कहना सब मेरा मानो, अपना-अपना काम करो सब, Iकसे न द•ु मन तुम जानो.

.हल\मल कर रहने से होते, पूरे काम सभी के भाई,

आपस मr हो वैरभाव तो, समझो आफत है आई. 8


4.भालू

काला भालू, मोटा भालू,

जंगल मr रहता है भालू,

कभी-कभी बHती मr आकर, संद ु र नाच .दखाता भाल.ू

सक[स मr भी खेल .दखाता, शहद को खाता sेम से भालू, दरू -दरू रह नाच दे खना,

कभी डराता भी है भालू.

5.Gहरन

मj जंगल का रहने वाला, खब ू सजीला मेरा uप,

सोने जैसा रं ग \मला है , zयD बादल मr …खलती धूप. खूब तेज है मेर8 चाल,

शाकाहार8 पंPडत हूं, शेर दे खकर भuं चौकड़ी, मानो कोई दं Pडत हूं.

6.गधा

कोई गलत काम जब करता, कहते ”तू तो गधाराम है ”,

पर बेचारा गधा न Nचड़ता, वह तो ऐसे ह8 बदनाम है . बोझा ढोता है कु‰हार का, धोबी का भी काम संवारे ,

uखी-सूखी घास का खाना, खाकर ‘ढr च-ू ढr च’ू पुकारे .

9


7.घोड़ा

घोड़ा एक पालतू जानवर, मदद हमार8 खूब करे ,

तांगे मr जुतकर यह घोड़ा, एक बार भी उफ़ न करे . काम सवार8 के आता है , रे स लगाए, जंग लड़े, सक[स मr भी खेल .दखाए. Hवा\मभ‚त,जब व‚त पड़े.

8.गाय

मां सबकE कहलाने वाल8, गाय बड़ी है भोल8-भाल8, चाहे जो भी घास-फूस दो, चुपके-से है खाने वाल8.

बछड़ा दे ख खुशी के मारे ,

दध ू बहुत-सा दे ती है , दध ू Qपलाकर रोग \मटाती, बल और बुfNध दे ती है .

9.MबNल6

Iकतनी oयार8 मेर8 5ब7ल8, ‘‰याऊं-‰याऊं’ करती है , चूहे खाती खूब शौक से, पर कु;े से डरती है .

दध ू -मलाई \मल जाएं तो, खाकर खूब उछलती है ,

oयार से पालो oयार बांटती, डांटो खब ू मचलती है .

10


10.कुOा

कु;ा ‘भ£-भ£’ करता है ,

नह8ं Iकसी से डरता है , करता है घर कE रखवाल8, खाता रोट8 जो भी पा ल8. बdचD के संग खब ू खेलता, गr द उठाता और फrकता,

Qप7ले इसके oयारे -oयारे , ‘कंू -कंू ’ शोर मचाने दे ता.

11.बंदर

जब मj उछल-कूद करता हूं, म‰मी कहती ”तू है बंदर”, पर मेरे तो पंछ ू नह8ं है ,

मj कैसे हो सकता बंदर! मुहं भी मेरा लाल नह8ं है ,

और न ह8 5बलकुल काला, ना लंगूर मj ना ह8 बंदर,

मुझको तो होना है लाला.

12.खरगोश

मj सफेद हूं जैसे दध ू , नरम-गुदगुदा जैसे दब ू , हर8 घास मj खाता हूं, दाना भी चुग जाता हूं.

आंखr लाल हj मेर8 दे खो, खूब तेज मj भगता हूं, ज7द8 मेरा नाम बताओ, मj तम ु को ‚या लगताहूं? (खरगोश) 11


13.मोटर कार

पापा ने ल8 मोटर कार, मोटर मr हj प.हए चार, मोटर कE प£-प£ को सुनकर, सैर को मj होता तैयार.

सड़कD पर चलती है मोटर, Nगयर से करती है काम, करके शान से इसमr सवार8, \मलता है मुझको आराम.

14.आवाजQ कR द7ु नया

झरना झरता कल-कल-कल-कल, तोपr करतीं गड़-गड़-गड़-गड़, फोन फुदकता टन-टन-टन-टन, जंजीरD कE होती खन-खन. सांय-सांय है वायु करती,

धम-धम कर बंदक ू धमकती,

.टक-.टक करती घड़ी हमार8, प£-प£-प£-प£ मोटर करती.

15.पापा का Tकूटर

पीं-पीं-पीं-पीं शोर मचाता, पापा का Hकूटर आया,

अब तो खूब मजा आएगा, सोनू सैर करने जाएगा.

”अभी नह8ं उतuंगा पापा, च‚कर एक और …खलवा दो, अdछे -अdछे काम कuंगा, एक बार बस और घुमा दो.”

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16.UVकेट

पापा मुझको ला दो ब7ला, मुझे नह8ं लेना है छ7ला,

अdछ¤-सी एक गr द मंगा दो, IJकेट कE कुछ बात \सखा दो. ममी जब फj केगी गr द, ब7ले से मj माuंगा, आप पकड़ लेना ज7द8 से, वरना छ‚का कर डालूंगा.

17.पानी

पानी जीवनदाता है , खेती खब ू कराता है ,

पानी पी हम oयास बुझाते, पानी से बत[न मंजवाते. कपड़े धोते पानी से, खूब नहाते पानी से,

पानी से घर को धुलवाते, आग बुझाते पानी से.

18.शरबत

मझ ु को शरबत अdछा लगता, गम¥ मr मj पीता हूं, पीला, लाल, हरा हो चाहे ,

बड़े मजे से पीता हूं. नाम सुनाई दे शरबत का, कान खड़े हो जाते हj,

झटपट अपनी ढूंढ Nगल\सया, सोनू जी आ जाते हj.

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19.छोले

ममी कहतीं, ‘खा लो सŒजी’, मj कहता हूं, ‘दे दो छोले’, छोले-पूर8, कु7चे-छोले, छोले-भटूरे , चावल-छोले. सख ू े छोले, ख•टे छोले,

या रसदार बने हD छोले, चाहे सŒजी लाख बनी हD, छोले तो रहते हj छोले.

20.नमकRन

एक चीज है मुझको भाती, वह कहलाती है नमकEन,

फEकE चीजr ढूंढ के खाता,

Iफर भी खाता मj नमकEन. खाकर पीता पानी खूब,

लेIकन \मटती जरा न भूख, सी-सी करता जाता हूं, लेIकन छोड़ न पाता हूं.

21.मोर

रा”¦8य प“ी हूं मj मोर, कr-कr बोल मचाता शोर, बादल दे खूं छम-छम नाच,ूं बdचD का मj oयारा मोर. पंख हj मेरे वड़े सजीले, \सर पर मेरे ताज है , नील8-oयार8-ल‰बी गद[ न, भारत को मझ ु पर नाज है .

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22.तोता

तोता है इक oयारा पंछ¤, हरे रं ग का होता है , लाल चDच है इसकE oयार8, जो भी रटाओ रटता है . \मच¥ खाता खब ू मजे से, टj-टj-टj-टj करता है ,

बdचD का है oयारा साथी, पर 5ब7ल8 से डरता है .

23.कौआ

कौआ काला होता है , कांव-कांव कर रोता है , चोर8 करना इसे सह ु ाता, एक आंख का होता है .

एक .दवस मेरे घर आया, मेर8 रोट8 ले भागा, मjने भी तब खूब Nचढ़ाया,

”जा, जा, तू है काला कागा.

24.YचZड़या

NचPड़या मुझको अdछ¤ लगती, दे ता मj उसको दाना,

फुदक-फुदककर आती है वह, खाती है अपना खाना.

खाना खाकर उड़ जाती है , कभी नह8ं करती टाटा, याद बड़ी उसकE आती है , लगता जब मझ ु को चाटा.

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25.टे ल6Aवजन (ट6.]ह6.)

ट8.Tह8 एक अनोखी वHत,ु नाटक-गाना-डांस .दखाए, दरू -दरू बैठे लोगD को,

अपने ह8 घर मr .दखलाए, अब तो Iफ7म दे खने को मj, कभी न Nथयेटर जाता हूं, न ह8 .टकट कE ‚यू मr लगता, केवल बटन दबाता हूं.

26.टे ल6फोन

‘है लो दादू सोनू HपीIकं ग,

ज7द8 आना आज ईवFनंग, लेIकन खाल8 हाथ न आना, कोई Hवीट Pडश लेते आना. अdछा अब रखता हूं फोन, दे खूं दरवाजे पर कौन, शायद दाद8 जी आई हD,

कोई •वॉय खर8द लाई हD!’

27.टे प-`रकॉडcर

मjने दे खा सपना ऐसा, रोता बालक सोनू जैसा,

झटपट जागा, आंखr दे खीं, एक न आंसू 5बलकुल सूखी. दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे,

रोने वाला नजर न आया, तभी .दखाई पड़ा मेज पर, टे प-Xरकॉड[र ऑन पड़ा था.

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28.रे Zडयो छोटा-सा है PडŒबा बdचो, गाने खूब सुनाता है ,

दे श-दे श के समाचार भी, घर बैठे सुनवाता है .

नाटक-भजन सुनाकर रे Pडयो, मनोरं जन करवाता है ,

नई-नई खोजr बतलाकर, {ान हमारा बढ़ाता है .

29.कबत ू र

मेर8 ममी मुझे पढ़ातीं,

‘क’ कबत ू र कहना \सखातीं,

मj कहता तब ”कहां कबूतर?”, ”वह तो है घDसले के अंदर. गुटuं-ग-ूं गूं करता है ,

oयारा-oयारा होता है , खूब काम का प“ी है यह, कुशल डाIकया होता है .”

30.7ततल6

Fततल8 रानी, Fततल8 रानी, लगती हो तुम बड़ी सयानी, रं ग-रं गील8, oयार8-oयार8,

लगती हो तुम जग से tयार8.

मुझको तुम अdछ¤ लगती हो, पर तुम दरू -दरू भगती हो,

मझ ु को भी उड़ना \सखला दो, फूलD-सा हं सना \सखला दो. 17


31.पापड़

पापड़वाला जब कहता है , ‘पापड़ ले लो’, ‘पापड़ ले लो’, मj ममी से तब कहता हूं, ‘पैसे दे दो’, ‘पैसे दे दो’. खHता-खHता पापड़ लेकर, खूब मजे से खाता हूं, पर Iफर जब \मच¥ लगती है , ‘पानी-पानी’ Nच7लाता हूं.

32.बआ ु

बुआ जब भी आती हj, खेल-…खलौने लाती हj,

टॉफE-5बHकुट-कपड़े-\मठाई, चीजr ढे र-सी लाती हj.

ममी कहतीं, ”रोज बुआ से, चीजr लेना ठ¤क नह8ं”,

”मj मजबूर हूं पस[ बुआ का, चेक Iकए 5बन चैन नह8ं.”

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